#दुआए
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rajnipoetryvision · 2 years ago
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नारी का नारी से सवाल है
बेटे की पत्नी बहू है अभी.. दामाद की पत्नी ही बेटी है बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ… जाने क्यों दुनिया कहती है 😕 जब बेटी समझना है नहीं तो बेटी बेटी क्यों करें ? सब हक बेटी के लिए है बहू के लिए बस कर्तव्य है कहत�� हैं हम शिक्षित हैं.. आजाद सोच के मालिक हैं कथनी कुछ और है करनी है कुछ और अपनी बेटी लगे पाकीज बड़ी लगे बहू बेहया बदतमीज बड़ी ऐसे नीच जज्बात …बड़ी शर्मनाक बात ढोल शूद्र और नारी ..आज भी ताड़न…
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zoseme · 17 days ago
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A Complete Guide To Perform Istikhara Ki Namaz
आज यहां पर आप एक बहुत ही खैर व बरकत भरी नमाज यानी इस्तिखारा की नमाज का सही तरीका जानेंगे हमने यहां पर इस्तिखारा की नमाज अदा करने का सही तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में लिखा है।
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जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ जाएंगे और आसानी से खैर व बरकत भरी इस्तिखारा की नमाज अदा कर लेंगे यकिनन इस पैग़ाम को पढ़ने के बाद आप को कहीं पर भी जानकारी ढूंढने की ज़रूरत नहीं होगी।
Istikhara Ki Namaz Ka Tarika
सबसे पहले आपको इस बात का इल्म से रूबरु कराता चलूं कि इस्तिखारा की नमाज एक बार में 2 दो रकात की नियत से अदा की जाती है।
हमने नीचे की जानिब इस्तिखारा की नमाज अदा करने का सही और सुन्नत तरीका पेश किया है आप पुरा पैग़ाम ध्यान से पढ़ कर अमल में लाएं।
Istikhara Ki Namaz Ka Tarika - पहली रकात
सबसे पहले इस्तिखारा की नमाज की नियत करें।
इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर हांथ बांध लें।
अब सना यानी सु��्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
इसके बाद तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
अब आप अल्हम्दु शरीफ़ यानी सूरह फातिहा पुरा पढ़ें।
सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
अब यहां आप सूरह काफिरून यानी कुल या अय्युहल काफिरून पुरा पढ़ें।
अगर सूरह काफिरून न याद हो तो कोई भी सूरह पढ़ सकते हैं।
अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकुअ में जाएं।
रूकुअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकुअ से उठें।
अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएं।
यहां सज्दे में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए सिधे खड़े हो जाएं।
Istikhara Ki Namaz Ka Tarika - दूसरी रकात
सबसे पहले यहां आप तअव्वुज और तस्मियह पढ़ें।
यानी कि अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।
इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें और आहिस्ते से आमिन कहें।
अब यहां पर आप सूरह इख्लास यानी कुल हू वल्लाहू शरीफ पढ़ें।
यहां भी वही बात यानी नहीं याद होने पर कोई सूरह पढ़ सकते हैं।
अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकुअ में जाएं।
यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकुअ से सर उठाएं।
इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएं।
अब यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
फिर तुरंत ही अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
इसमें भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठें और बैठे रहें।
इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहियात पढ़ें।
अत्तहियात पढ़ते हुए कलिमें ला पर शहादत उंगली खड़ा करें।
फिर तुरंत इल्ला पर गिरा कर सब उंगली सिधा कर लें।
इसके बाद दुरूदे इब्राहिम और फिर दुआए मासूरह पढ़ें।
अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कह कर सलाम फेर लें।
सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
इसके बाद दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएं।
यहां पर आपकी 2 रकात नमाज ए इस्तिखारा मुकम्मल हो गई।
अब इसके बाद ध्यान दें कि कम से कम तीन बार दरूद शरीफ पढ़ें और कम से कम एक बार सूरह फातिहा पढ़ें इसके बाद इस्तिखारा की दुआ पढ़ें इस्तिखारा की दुआ पढ़ने के बाद फिर सूरह फातिहा और दरूद शरीफ फिर तीन बार पढ़ें।
Istikhara Ki Namaz Ki Niyat
नीयत की मैंने दो रकात नमाज इस्तिखारा की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
Istikhara Ki Namaz Ka Waqt
इस्तिखारा की नमाज के लिए कहीं पर भी खास वक्त मुकर्रर नहीं है, आपको जब भी अपने रब अल्लाह तबारक व तआला से खैर तलब करना हो नमाज उसी वक्त पढ़ें सिर्फ इतना ध्यान रखें कि जिस वक्त आप इस्तिखारा की नमाज अदा कर रहे हैं वो वक्त मकरूह न हो।
अगर इस्तिखारा के लिए सबसे दुरूस्त और बेह��रीन वक्त के बारे में बात की जाए तो ईशा की नमाज के बाद इस्तिखारा का वक्त शुरू होता है आप नमाजे ईशा बाद अपने दिल में सही नियत से नियत करके दुरुस्त तरीके से इस्तिखारा की नमाज अदा करें।
आख़िरी बात
आप ने इस सुन्नत भरा पैग़ाम में रहमत व अजमत वाली नमाजे इस्तिखारा के बारे में मुकम्मल जानकारी लिया हमने यहां पर सभी बातों को बेहद ही आसान लफ्ज़ों में आसान तरीके से बताया जिसे आप समझ कर अमल में लाएं और अपनी ज़िंदगी में खूब खैर व बरकत हासिल कर तरक्की करें।
इसके बाद भी अगर आप के जहन का किसी सवाल का जवाब मुकम्मल ना हुई या कोई डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके बराए मेहरबानी जरूर पूछें हम आपके लिए ही ये सब इल्म पेश करते हैं अगर आप नहीं जानते हैं तो बताना ही मेरा काम है मुझे भी किसीने बताया तब ही तो आपको बता रहा हूं।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से कुछ भी आपके नजरिए से अच्छा इल्म सीखने को मिला हो तो आप
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rasxkolnikov · 4 months ago
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हो कहानी मेरी, तर्जुबान हो तेरा हो दुआए तेरी, सर झुका हो मेरा. मैं कमाई जोडू, क़र्ज़ अदा हो तेरा
ho kahāni meri, tarjubān ho tera ho duā’en teri, ser jhukā ho merā main kamāi jodu’n, karz adā ho terā
‎ہو کہانی میری، ترجمان ہو تیرا. ‎ہو دعائیں تیری، سر جھکا ہو میرا. میں کمائی جوڑوں، قرض ادا ہو تیرا
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namazein · 11 months ago
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mahalasunil · 2 years ago
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मुझे लम्बी उम्र की दुआए मत दो जीतनी भी गुजरी है नागवार गुजरी है।
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beardedbluebirdcheesecake · 2 years ago
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सब्र (जालिमों के नाम पैगाम)
सब्र बिलाल को न समझ कमजोर ईमानी शहादत सुफैया तो है इस्लाम ए जिंदगानी पनाह गुजिनी में भी सपुर्द अल्लाह हैं हम वादी ए कुफ्र से निकलता है तलवार रब्बानी हर जुल्मत कदे के सामने सीना सपर हैं जनशीन सब्र अयूब दुआए इब्राहिम की निशानी ताकत ए सब्र से तातार को देखा हमने हिजराते हब्शा हिज्रते मदीना की निशानी सब्र को कमजोरी ए ईमान न समझना बद्र में जब चली तलवार हुक्मे रब्बानी तुझ को याद तो होगा जिल्लत…
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aijaz3130 · 2 years ago
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बंदों का हक़ और उनकी अदायगी का तरीका
अल्लामा कुतुबुद्दीन हन्फ़ी
24 अगस्त, 2012
(उर्दू से अनुवाद- समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम)
आदमी की तौबा पूरी उस वक्त होती है जब बन्दों के हक़ को भी पूरा अदा करे, ये बात याद रखें कि बन्दों के अधिकार सिर्फ तौबा से माफ नहीं होते बल्कि उनको अदा करना चाहिए, जैसे किसी का माल अवैध रूप से ले लिया या किसी से कर्ज़ लिया था उसका कर्ज़ अदा करे (कर्ज़ देने वाले को याद हो या न हो) या किसी के माल में अपनी तरफ से खयानत हो चुकी हो या उसकी कोई चीज़ मज़ाक में ले कर रख ली हो (जबकि वो उसे देने पर दिल से राज़ी न हो) या किसी से ब्याज लिया हो या गलत बयान करके धोखा देकर माल कमाया हो तो इस तरह के सभी माल को वापस कर दे। जो माल किसी को बताए बिना छिप कर लिया तो उसकी वापसी के वक्त ये बताना जरूरी नहीं कि मैंने आपके माल में खयानत की थी, हदिया के नाम से देने में भी अदायगी हो जाएगी।
छोटे भाइयों बहनों का अधिकार मारना:-
कई जगह यूँ होता है कि पिता के निधन के बाद बड़े भाई मिलकर पिता की सारी मिल्कियत और धन पर कब्जा कर लेते हैं और बहनों को उनका शरई अधिकार नहीं देते हैं, ये सरासर अन्याय है और जो हक़ अल्लाह ने लड़कियों का तय कर दिया है उसको खुद खा जाना हराम है और अवैध है, इन लड़कियों का खुद हक़ न मांगना, दलील इस बात की नहीं कि उन्होंने अपना हक़ छोड़ दिया है और धन से जुड़े मामलों में तो विशेषकर परम्परागत खामोशी मोतबर नहीं और यहाँ तक कि झूठी माफी का कोई भरोसा नहीं विशेषरूप से जब नाबालिग बहन, भाई भी वारिसों में हों तो उनकी तो ��ाफी या माल छोड़ने पर सहमती शरई तौर पर बिल्कुल भी भरोसेमंद नहीं, या इसी प्रकार भाई की मृत्यु पर उसकी पत्नी (यानी भाभी) और उसकी औलाद को हक़ न देना और खुद हड़प करना सरासर अन्याय है, और हराम से अपने पेट को भरना, ऐसे लोग उसी तरह हैं जैसे अपने पेट में जहन्नम की जलती हुई आग के अंगारे भर रहे हैं, इसलिए बहनों का, भाइयों का, यतीमों का जो माल खाया हो अब जब अल्लाह ने तौबा की तौफीक़ दी तो तुरंत अदा करना शुरू कर दें और तुरंत सारा न अदा कर सकें तो धीरे धीरे करते रहें और अपने वसीयतनामें में लिख जाएं कि मैं अदा ना कर सका तो मेरे बाकी माल में या मेरे रिश्तेदार मुझ पर एहसान कर इतना माल फलां फलां को लौटा दें जो मैंने अवैध रूप से गलती से खा लिया था।
खूब समझ लीजिए नफली हज और उमरा करने से, मस्जिद और मदरसा में लगाने से, यतीमखाना (अनाथालयों) में देने से, इन सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि जिनका माल लिया है उनको पहले अदा करें। और व्यापार की लाइन में अक्सर ऐसा होता है कि लोग माल ले लेते हैं और नुक्सान हो गया तो समझते हैं कि उन्हें वापस लौटाना जरूरी नहीं, हालांकि वो भी लौटाना ज़रूरी है, अब जब हालात अच्छे हो जायें तो फौरन लौटाएं या वो लोग अपने हिस्से का माल दिल की खुशी से माफ करें। आपकी ओर से किसी डर या ज़बरदस्ती के बिना हो तो और बात है।
किसी को गलत सौदा बेचा है, झूठ बोल कर पैसे अधिक लिए हैं या रिश्वत ली है तो अगर वो लोग ज़िंदा हों, उनका पता मालूम हो और अदा करने की ताकत है तो उनको अदा करें और अगर अब खुद बिल्कुल ही अदा नहीं कर सकते तो उनके पास जाकर माफी मांगें और उन्हें बिल्कुल खुश कर दें कि जिससे अंदाज़ा हो जाये कि उन्होंने अपने हक़ को बिल्कुल माफ कर दिया, लेकिन नाबालिग के माफ़ करने से भी माफ़ नहीं होगा, उसका हक़ लौटाना ही फर्ज़ होगा। अब चाहे आप पर एहसान करते हुए कोई इसका ज़िम्मा ले और नाबालिग को उसके माल की अदायगी करे। और बालिगों में भी अगर कोई माफ न करे तो इससे समय ले लें और थोड़ा थोड़ा कमा कर और आमदनी में से बचाकर अदा कर लें और अगर अदायगी से पहले इनमें से किसी का इंतेकाल हो जाए तो उसकी संतान या अन्य शरई वारिस को बाकी का माल पहुँचा दें।
अगर मुसलमान असहाब हुक़ूक के पते और ठिकाने मालूम न हो तो उनकी तरफ से उनके हक़ के बराबर ज़कात के पात्र शरई मिस्कीनों को दान दे दें। जब तक पूरी अदायगी न हो सदक़ा (दान) करते रहें और और मुसलमानों में से अहले हुक़ूक़ के ��िए चाहे वित्तीय अधिकार हों, चाहे आबरू के अधिकार हों बहरहाल दुआए खैर और अस्तग़फ़ार हमेशा पाबंदी से करें और अगर किसी गैर मुस्लिम का नाहक जबानी दिल दुखाया है तो जहाँ तक हो सके उससे भी माफी मांगें और अगर गैर मुस्लिम का वित्तीय अधिकार हम पर है तो उपरोक्त विवरण के आधार पर उसको भी उसका हक़ लौटाएं या उसके वरिसों को दें और अब अगर उसका कुछ पता नहीं कि कहाँ है? या मर चुका है तो उसके अधिकार के बराबर जो माल है वो किसी वैध कल्याणकारी काम में लगा देने की गुंजाइश है, यानी इतनी रकम शरई गरीबों पर सदका करना वाजिब नहीं है (बहवाला इस्लामी मईशत के बुनियादी उसूल, स 344)।
इसी तरह पति की तरफ से पत्नी का महेर अदा नहीं किया जाना, महेर मिलता भी है तो लड़की के पिता वसूल कर खुद कब्जा कर लेते हैं और बचपन से उसको पाला पढ़ाया आदि या इसी तरह उसकी शादी में जमकर खर्च किया इसके बदले यह महेर की रकम है जो मुझे मिल गयी है। खूब समझ लें कि महेर की ये रकम अब भी उस लड़की की ही मिल्कियत है, उसके पिता की उपरोक्त सब तावीलें बिल्कुल गलत और बेवज़न हैं, इसलिए अगर कोई पिता अपनी बेटी के महेर की रकम पर इस तरह की तावीलात से कब्जा कर चुका हो तो वाप��� लौटाए और इस्तेमाल में ला चुका हो तो भी वापस लौटाए, ये सब उस पर फर्ज़ है, और कुछ पति जो इस बात पर संतुष्ट हो जाते हैं कि पत्नी ने मुझे महेर माफ कर दिया, इस धोखे से निकलना भी जरूरी क्योंकि रस्मी तौर से पत्नी के माफ़ करने से महेर माफ न होगा, क्योंकि अक्सर महिलाएं ये समझ कर कि माफ करूँ या न करूँ महेर की रकम मिलनी तो है नहीं, कह देती हैं कि जाओ माफ किया, सो खूब समझ लें इस तरह से दी गयी माफी का कोई ऐतबार नहीं क्योंकि वह न चाहते हुए माफ करना है और धन के मामले में तो विशेषकर परम्परागत खामोशी कभी शरई ऐतबार से मोतबर नहीं मानी जाती है, इसलिए पति लोगों को चाहिए कि महेर की अदायगी तुरंत करें।
और कुछ जगह आमतौर से रिवाज है जिसका इंतेकाल हुआ उसी के माल से गरीबों और ज़रूरतमंदों को खिलाते और उसके कपड़े खैरात की नीयत से दे देते है हालांकि वो माल अब वारिसों का होगा, मरने वाले का नहीं रहा, अब अगर वारिस बालिग़ हों और मौजूद हों तो उनकी खुशी से शरई मसाएल के पालन के साथ बिदअत और रस्मों से बचते हुए बाँटा जा सकता है और नाबालिग़ को हर हाल में उसका हिस्सा देना फर्ज़ है, उसकी खुशी से भी कहीं खैरात में देना जाइज़ नहीं है। वारिसों के लिए मरने वाले का कर्ज़ अदा करना सबसे अहम फर्ज़ है चाहे उसने वसीयत न की हो तब भी, इसलिए इसमें देरी करना ये मरने वाले पर भी ज़ुल्म है और अपने ऊपर भी।
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un-heard-words · 2 years ago
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आखिर कैसे मिल जाती वो मुझे,
मैंने भी तो रब से उसकी दुआए मुकम्मल मांगी थी...!
unheard words
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profoundtragedynut · 3 years ago
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आज हज में अराफ़ात का दिन है। अल्लाह हम सब की दुआए पूरी करे। #Allah #arafat #allah #allahﷻ #hajj #hajj2022 https://www.instagram.com/p/CfviV0nvefP/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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cinnewsnetwork · 3 years ago
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छत्तीसगढ़ में सफल हुआ द���श का सबसे बड़ा ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ में सफल हुआ देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ के लाल को घंटो की मशक्कत के बाद आखिर सफलता पूर्वक मलिया गया जहा प्रशासन की कड़ी मेहनत और लोगो की दुआए रंग लाई जी हाँ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे हुए राहुल को करीब पांच दिन याने पूरे 100 घंटे से ज़यादा के वक़्त के बाद बोरवेल के गड्ढे से बाहर निकाल लिया गया। पांच दिन तक जिला प्रशासन, पुलिस से लेकर NDRF, सेना, SDRF सहित कई सुरक्षा संस्थानों के सैकड़ों लोग…
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rajnipoetryvision · 5 years ago
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Happy Mothers Day Maa Happy Happy Mother Day … Maa….Meri Maa ka Aansh -Vansh barkrar rahe..Tere dua -dular hum pe beshumar rahe..Tera diye Hum me sda hi Sanskar rahe..Happy Mother Day you hi bar bar kahe
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zoseme · 3 months ago
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Salatul Tauba Ki Namaz Ka Tarika
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इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी सलातुल तौबा की नमाज अदा कर पाएंगे इसके बाद फिर आपको कहीं पर भी सलातुल तौबा की नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।
Salatul Tauba Ki Namaz Ka Tarika
सलातुल तौबा की नमाज एक बार में दो रकात की नियत करके अदा की जाती है हमने यहां पर दोनों रकातों को एक एक करके स्टेप बा�� स्टेप बताया है।
जिसे आप आसानी से समझ जाएं और अमल में लाएं साथ ही नीचे की जानिब हमने सलातुल तौबा की नमाज की नियत भी बताई है आप उसे भी ज़रूर पढ़ें।
एक बात का ज़रूर ख्याल रखें कि आप यह गुनाह की माफी के लिए नमाज अदा कर रहे हैं इसीलिए मन में दिल में यह नियत होना चाहिए की आइंदा यह गलती नहीं होगी।
Salatul Tauba Ki Namaz Ka Tarika — पहली रकात
पहले यहां सलातुल तौबा की नियत करके हांथ बांध लेंगे।
फिर सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ेंगे।
फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
इसके बाद अल्हम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पढ़ें।
सूरह फातिहा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
इसके बाद सूरह इखलास या फिर कोई सूरह पढ़ें।
अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से उठें।
अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
फिर अल्लाहु अकबर कह कर सर उठाएं फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला ज़रूर पढ़ें।
अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सीधे खड़े होकर दुसरी रकात के लिए हांथ बांध लें।
Salatul Tauba Ki Namaz Ka Tarika — दुसरी रकात
यहां पहले अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ेंगे।
इसके बाद के सूरह फातिहा अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे।
यहां भी सूरह फातिहा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
इसके बाद सूरह नास पढ़ें या फिर कोई भी सूरह पढ़ सकते हैं।
फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
फिर यहां भी उठने पर‌ रब्बना लकल हम्द‌ ज़रूर कहें।
इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएं।
सज्दे में भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठेंगे।
फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
दुसरी सज्दा में भी ज़रूर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाता है।
अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली खड़ा करें।
फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें फिर दुआ ए मसुरा पढ़ें।
अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कह‌ कर सलाम फेर लें।
पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएंगे।
फिर दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएंगे।
अब आप की 2 रकात सलातुल तौबा की नमाज मुकम्मल हो गई इसके बाद आप सलातुल तौबा की दुआ पढ़ें या फिर अपने मन मुताबिक दुआए अजकार से माफी की तलब करें, बेशक अल्लाह बहुत मेहरबान है वह आपके गुनाहों को जरूर ब��्श देगा।
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divyabhashkar · 3 years ago
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Architect who built the Satanic church cut off his hands after construction was completed shitri
Architect who built the Satanic church cut off his hands after construction was completed shitri
चर्च को ईश्वर की इबादत का स्थान माना गया है. यहां लोग अपनी खुशियां पाकर शुक्रिया अदा करते हैं तो दुख में ईश्वर से मिन्नतें करते हैं. अपनों के लिए दुआए मांगते. अपने दिल का बोझ हल्का कर लेते हैं जब ईश्वर की शरण में आ जाते हैं. मगर सोचिए क्या हो जब ईश्वर को मानने वालों के सामने एक ऐसा चर्च हो जो लाशों से भरा हो. क्या वहां भगवान को याद किया जा सकेगा? वहां एक सेकेंड भी ठह��ने की हिम्मत होगी? नहीं. UK…
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namazquran · 3 years ago
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Dua E Qunoot in Hindi
अब जान लेते है दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) याद होना क्यों जरुरी है ? असल में दुआए क़ुनूत बहुत ही अफजल दुआ है ! और इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते है की दुआ ए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) को वित्र की नमाज़ में वाज़िब करार दे दिया
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axomlyrics · 3 years ago
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Awara Lyrics - Dabangg 3 | Salman Khan
Awara Lyrics – Dabangg 3 | Salman Khan
Awara Lyrics In Hindi from “Dabangg 3��, Sung by Salman Ali, Muskaan. Music is given by Sajid- Wajid. The Bollywood Blockbuster song lyrics were written by Sameer Anjaan, Sajid. Featuring Salman Khan, Sonakshi Sinha, Arbaaz Khan, Mahie Gill. Awara Lyrics In Hindi पहला पहला, इश्क़ हुआ हैपहला तजुर्बा, पहली दफा है हो तू जो नहीं तो, कुछ भी नहीं हैसांसों के चलने की, तू ही वजह है.. मांगे फ़कीर..दुआए…
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bollywoodpapa · 3 years ago
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इन 10 सितारों के साथ फिल्म के सेट पर हो चूका है जान लेवा हादसा, बिग बी की सलामती के लिए लोगो के मांगी थी दुआए!
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इन 10 सितारों के साथ फिल्म के सेट पर हो चूका है जान लेवा हादसा, बिग बी की सलामती के लिए लोगो के मांगी थी दुआए!
दोस्तों कन्‍नड़ फिल्‍म ‘लव यू राचू’  के सेट पर सोमवार को एक दर्दनाक हादसे में स्‍टंटमैन विवेक की मौके पर ही मौत हो गई।बता दे की ये पहली बार नहीं है जब ऐसा कुछ हुआ हो। इससे पहले भी कई बार बॉलिवुड फिल्‍मों के सेट पर भी ऐसे हादसे हुए हैं, जहां अमिताभ बच्‍चन से लेकर शाहरुख खान और ऐश्‍वर्या राय तक इन सितारों की जान पढ़ चुकी है खतरे में। ऐक्‍शन सीन्‍स के दौरान कई बार ऐसी दुर्घटनाएं भी हुई हैं, जिनमें ऐक्‍टर्स की जान भी बाल बाल बची है। ऐसे आज आपको बता उन सितारों के बारे में बता रहे है जिन्होंने शूटिंग के दौरान किया है मौत का सामना, आईये जानते है इन सितारों के बारे में!
कूली’ की शूटिंग में अमिताभ बच्‍चन के साथ हादसा
बॉलिवुड के सबसे डरावने अनुभवों में अमिताभ बच्‍चन के साथ ‘कूली’ फिल्‍म के सेट पर हुआ हादसा है। पुनीत इस्‍सर को इस सीन में अमिताभ बच्‍चन के ऊपर टेबल से कूदना था। पुनीत इस्‍सर कूदे और अमिताभ को स्‍क्र‍िप्‍ट के हिसाब से घूसा मारा। यह चोट इतनी गहरी थी कि अमिताभ बच्‍चन को अस्‍पताल में भर्ती होना पड़ा। उनकी जान जाने वाली थी। उन्‍हें वेटिंलेटर पर रखा गया। अमिताभ महीनों बाद इस चोट से उबरे थे।
काजोल ने बचाई शाहरुख की जान
फिल्‍म ‘दिलवाले’ की शूटिंग के दौरान आईसलैंड में एक झरने के पास ‘गेरूआ’ गाना फिल्‍माया ��ा रहा था। तभी अचानक शाहरुख खान का पैर फिसल गया ��र वह नीचे गिरने लगे। मौका देखते ही काजोल ने उनका हाथ पकड़ लिया, वरना शाहरुख झरने के साथ नीचे बह जाते।
‘डर’ की शूटिंग के दौरान टूटी शाहरुख की पसलियां
फिल्‍म ‘डर’ के एक सीन में सोफे पर बैठे अनुपम खेर के पास शाहरुख खान को उछलकर बैठना था। स्‍क्र‍िप्‍ट के मुताबिक, शाहरुख कूदकर बैठे भी। लेकिन वह दर्द से चीख पड़े। दरअसल, अनुपम खेर ने इस दौरान अपना पैर उठा दि‍या। नतीजा यह हुआ कि शाहरुख की तीन पसलियां टूट गईं।
सुनील दत्त ने बचाई थी नरगिस की जान
फिल्‍म ‘मदर इंडिया’ के सेट का वह हादसा शायद ही बॉलिवुड कभी भूल पाएगा। सेट पर अनाज के ढेर के बीच आग लगने का सीन शूट होना था। बीच में नरगिस दत्त थीं। आग की लपटें इतनी तेज हो गईं कि नरगिस उससे बाहर नहीं निकल पाईं। सुनील दत्त ने बीच आग में कूदकर नरगिस की जान बचाई। हालांकि, वह खुद बुरी तरह झुलस गए। यहीं से दोनों के बीच प्‍यार हुआ और इसके बाद दोनों ने शादी कर ली।
रितिक, फरहान अख्‍तर और अभय तीनों ऐक्‍टर्स की जान पढ़ गई थी खतरे में
बीते दिनों ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ के रीयूनियन पर यह किस्‍सा सामने आया। एक सीन के दौरान पहाड़ी रास्‍ते पर सड़क के किनारे रितिक को कार रोकनी थी। कार में फरहान अख्‍तर और अभय देओल भी थे। लेकिन रितिक कार का हैंडब्रेक लगाना भूल गया। सामने खाई थी और कार सरकती हुई खाई की ओर बढ़ने लगी। आनन-फानन में सभी ऐक्‍टर्स कार से कूदे थे। हालांकि, अच्‍छी बात रही कि किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
‘खाकी’ की शूटिंग और ऐश्‍वर्या का फ्रैक्‍चर
‘खाकी’ फिल्‍म की शूटिंग के दौरान एक सीन में जीप को ऐश्‍वर्या राय के सामने आकर रुकना था। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ड्राइवर ने अपना कंट्रोल खो दिया। इस दुर्घटना में ऐश्‍वर्या का बायां पैर फ्रैक्‍चर हो गया। वह महीने तक बेड रेस्‍ट पर थीं।
‘सिंह इज ब्‍ल‍िंग’ के सेट पर अक्षय के पैरों में लगी आग
बॉलिवुड के ‘ख‍िलाड़ी’ अक्षय कुमार अपने अध‍िकतर स्‍टंट सीन खुद करते हैं। फिल्‍म ‘सिंह इज ब्‍ल‍िंग’ के सीन में अक्षय को एक आग लगे छल्‍ले के बीच में से कूदना था। लेकिन अक्षय का संतुलन बिगड़ गया। उनके पैरों में आग लग गई। आनन-फानन में आग को बुझाया गया। हालांकि, उनके पैर इस हादसे में जरूर जल गए।
‘गुंडे’ और ‘बाजीराव मस्‍तानी’ के सेट पर रणवीर संग हादसा
फिल्‍म ‘गुंडे’ की शूटिंग के दौरान रणवीर सिंह एक ऊ���चाई वाली जगह पर खड़े थे। लेकिन तभी अचानक वह प्‍लेटफॉर्म ख‍िसक गया। रणवीर मुंह के बल नीचे गिरे। उन्‍हें इस चोट के कारण कई टांके लगाने पड़े। जबकि ‘बाजीराव मस्‍तानी’ की शूटिंग के दौरान भी वह घोड़े से गिर गए थे। इस कारण उन्‍हें सर्जरी भी करवानी पड़ी थी।
‘एमएस धोनी’ के दौरान सुशांत की टूटी थी पसलियां
फिल्‍म ‘एमएस धोनी: द अनटोल्‍ड स्‍टोरी’ की शूटिंग के दौरान सुशांत सिंह राजपूत की पसलियां टूट गई थीं। वह सिग्‍नेचर हेलीकॉप्‍टर शॉट लगा रहे थे। दर्द और परेशानी इतनी ज्‍यादा थी कि सुशांत की सर्जरी करनी पड़ी थी। वह तीन हफ्तों बाद अस्‍पताल से लौटे थे।
अनिल कपूर ने गलती से जॉन अब्राहम पर चला दी गोली
यह घटना फिल्‍म ‘शूटआउट एट वडाला’ की है। बताया जाता है कि स्‍क्र‍िप्‍ट के मुताबिक, अनिल कपूर को एक खाली गोली जॉन अब्राहम पर चलानी थी। इसके लिए 15 फीट की दूरी से चलानी थी। निशाना जॉन के बगल में रखना था। लेकिन शूट के वक्‍त गलती से 4.9 फीट की दूरी से ही गोली चल गई। गोली जॉन अब्राहम के गले को छूते हुए निकल गई। यह सब इतना खतरनाक था कि जॉन की जान भी जा सकती थी।
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