#ममता का मतलब कुर्बानी
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माँ बिन
माँ बिन
क्या करनी दौलत जो तुझे खोकर मिले माँतेरे बिन बहुत ही गरीब हो जाऊंगा # प्यारी माँ
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#नमस्ते bharat#सत्यमेव jayate#त्याग भगवान kaushlya jijabai झांसी की रानी प्यारी दुलारी हमारी#ममता का मतलब कुर्बानी#DAUGHTER day
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मतदान की तैयारियां हुई पूर्ण, निष्पक्ष चुनाव कराने के लिये प्रशासन व पुलिस तथा चौकस, आओ मिलकर करे मतदान!
यूपी में हो रहे नगर निगम चुनाव के पहले चरण में
एतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जनपद मेरठ की 16 निकायों के लिये प्राप्त जानकारी अुनसार 14.31 लाख वोटर 1371 मतदान केंद्रों पर वोट डालेंगे। वोट डलनवाने का कार्य पूर्ण कराने हेतु आज मतदानकर्मी जहां जहां उनकी ड्यूटी लगी वहां के लिये भामाशाह पार्क से मतदान संबंधित सामानों के साथ अपने अपने गतव्य के लिये रवाना हुए। प्रशासनिक स्तर पर मतगणना का कार्य पारदर्शी वातावरण में शांति से संपन्न कराने हेतु 6 सुपर जोन 31 जोनल 145 सेक्टर मजिस्टेªट की नियुक्ति की गई है। संवेदन व अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की फोटोग्राफी कराने का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। 71 बूथों पर वेबकास्टिंग, 8 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाने के साथ ही 28 चेक पोस्ट बैरियर बाहरी लोागों पर नजर रखने हेतु बनाए गए बताए गए हैं। कुल मिलाकर प्रशासन पुलिस और चुनाव लउ़ रहे उम्मीदवारों के लिये आज की रात कयामत की होगी। क्योंकि कल सुबह साढ़े सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान का कार्य शुरू होगा। इस कार्य के दौरान कहीं भी गड़बड़ कराए जाने की मंशा रखने वालों को चेतावनी देने हेतु शहर में कई जगह पैदल मार्च कराए गए तो बैठक करके जागरूक नागरिकों से सहयोग मांगा गया है। बताते चले कि 11 लाख 22 हजार वोटर नगर निगम में 811 प्रत्याशियों के भाग्यका फैसला करेंगे और कांता कर्दम, मीना सिंह, सुनीता वर्मा, दीपू मनोठिया, ममता सूद, रेखा रानी, राजकुमारी व संगीता सहित 8 मेयर पद के उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भी करेंगे। इनमे से दीपू मनोठिया, रेखा रानी, स्नातक राजकुमारी, परास्नातक, भाजपा की कांता कर्दम इंटर, कांग्रेस की ममता सूद इंटर, सुनीता वर्मा बसपा से इंटर तक शिक्षा प्राप्त हैं तो लोकदल की संगीता प्राईमरी और निर्दलीय मीना सिंह निरक्षर बताई जा रही है। जिससे पता चलता है कि 11 लाख 22 हजार मतदाताआंे को अगले पांच साल तक मेयर के रूप में सुविधाएं उपलबध कराने और जनहित के काम करने की जिम्मेदा��ी उठाने के लिये हमारी महिलाए नेता में कुछ के शिक्षा शायद कोई महत्व नहंी रखती हैं उन्हे अपनी कार्यप्रणाली पर पूर्ण विश्वास है कि अगर वो जीती तो जनप्रतिनिधि सफल रहेगी। दूसरी ओर मतदान के दौरान चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु डाक्टर और दवा की व्यवस्था भी की गई। विक्टोरिया पार्क में सुबह सात बजे से दो एंबुलेंस एक मोबाइल वैन 24 घंटे मौजूद रहेगी। इस दौरान अगर किसी की तबियत खराब होती ह ैउसे चिकित्सा सुविधा देने के दृष्टिकोण से यह व्यवस्था की गई है। इस संदर्भ में सीएमओ डा राज कुमार का कहना है कि सभी पोलिंग पार्टियों को दवा की किट दी गई है। जिसमें मच्छर मार, दो मैट भी है। तथा किट में मौजूद कौन सी दवाई किस काम आएगी इसकी चिट भी लगाई गई है। ऐसा इसलिये किया गया कि पिछली बार मतदान के दौरान इस काम में लगे कई अधिकारी व कर्मचारी बीमार हुए थे। बीजेपी सहित तमाम दलों के बागी प्रत्याशि��ों द्वारा अधिकृत उम्मीदवारों गणित बिगाड़ा जा रहा है यह नहीं कहा जा सकता कि सब दलों में विद्रोह है मगर वो अपने किसी दल को लाभ दिला सकता है। हां मगर वो अपने मकसद में सफल रहेंगे तब। चुनाव पूरा अभी तक जाम, गंदगी, सिवर और स्मार्ट सिटी आदि के नाम पर लड़ा जा रहा है। कई कमजोर प्रत्याशी भी अपने आप को जीत की स्थिति में दर्शाने हेतु प्रमुख उम्मीदवारों से अपना मुकाबला बता रहे है। तो उम्मीदवार नाले, नालियों जैसी समस्याओं के समाधान, अतिक्रमण हटवाने, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने सड़कों पर जाम की स्थिति समाप्त कराने, गरीब बस्तियों में स्वास्थ सुविधाएं, पढने लिखने के लिये उचित व्यवस्था आदि दावे किये जा रहे हैं। जबकि सब जानते हैं कि इनमे से कुछ कार्य तो इनके कार्य क्षेत्र में नहीं आतें। मगर वादे तो वादे हैं। चुनाव बाद उनमे क्या रखा है कि भावना के चलते हर कोई नेता व उम्मीदवार बड़ी बडी बातें कर रहे है। मजे की बात तो यह है कि पूर्व मेयर हरिकांत अहलुवालिया जो पूरी तोर पर जनता की निगाह में असफल रहे वो भी बड़े बड़े ख्वाब जनता को दिखाने में पीछे नहीं हैं। हां एक बात इन चुनाव में जो विशेष तौर पर देखने को मिल रही है वो यह कहीं जा सकती है कि राजनीतिक दलों के टिकट न मिलने से बागी हुए उम्मीदवारों को छोड़ दिया जाए तो हर दल के अन्य छोटे बड़े सभी नेता सांसद और विधायक पार्टी के मेयर और पार्षद पद के उम्मीदवारों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल ��ुई एमएलसी पद की कुर्बानी देने वाली पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष डा. सरोजनी अग्रवाल व कैंट बोर्ड की पूर्व उपाध्यक्ष शिप्रा रस्तोगी, डा राजेश आदि सहित सांसद राजेंद्र अग्रवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई, दक्षिण क्षेत्र से बीजेपी विधायक डा. सोमेंद्र तोमर, किठौर विधायक सत्यवीर त्यागी, सिवाल खास विधायक जितेंद्र सतवाई, सरधना से विधायक संगीत सोम, शहर से सपा विधायक रफीक अंसारी अपने अपने समर्थकों के साथ पार्टी उम्मीदवार को जिताने के लिये पूरजोर लगा रहे हैं। मेयर पार्षद उम्मीदवार अपनी जीत के लिये पूजा पाठ, तंत्रमंत्र टोने टोटकों का सहारा भी लेने में पीछे नहीं है। कुल मिलाकर कहने का मतलब है कि सिर्फ हर प्रत्याशी अपनी जीत के लिये कोई मोैका नहीं चूक रहा है। मजे की बात तो यह है कि मन में अपने जीत के प्रति असवस्थ न होने वाले तथा जीत की उम्मीद वाले प्रत्याशी भी उच्च स्तर के नेताओं तक यह बात पहुंचाकर की उन्हे सहयोग नहीं मिल रहा है तथा प्रवेक्षक से मिलकर शिकायत करके यह पेशबंदी करते नजर आ रहे हैं कि अगर किसी वजह से जीत नहीं मिलती तो अपनी छवी और स्थिति केा पार्टी नेताओं के सामने मजबूत बनाने के लिये यह कह सकें की हम तो पहले ही बता चूके कि हमें सहयोग नहीं मिल रहा है। खैर जो भी भैया यह तो चुनाव है। यह कहा जाता है कि इश्क और राजनीति में सबकुछ जायज है इसलिये यह बुरा मानने की बात नहीं है। लेकिन मतदाता भाईयों चाहे आप कहीं भी रहते हों। आपके क्षेत्र से कोई भी खड़ा हो। आपके यहां चुनाव पहले चरण में हो या दूसरे चरण मे। आप अपनी मर्जी की सरकार नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगमों में बनाने के लिये मतदान जरूर करें। मैं तो कहता हूं कि चाय नाश्ता बाद में पहले मत का प्रयोग करना चाहिये। आपका उम्मीदवार हारे या जीते मगर यह तो तसल्ली रहेगी की कम से कम अपने मन की सरकार बनाने की कोशिश तो हमने की। इसलिये आओ हम सब मिलकर यह संकल्प लें की सुबह उठकर सबसे पहले वोट डालकर आएंगे। बाकी काम बाद में। मेरा बच्चों से भी आग्रह है कि वो अपने अभिभावकों का वोट खराब न होने की बात को ध्यान में रखते हुए पहले सुबह उठकर अपने परिजनों और वोट डालने में सक्षम हर उस व्यक्ति को मतदान केंद्र तक पहुंचाए जिससे वो अपने मत का प्रयोग कर सकें और समाज के विकास और उन्नति तथा क्षेत्रों की गंदगी और अन्य समस्या दूर करने के लिये अपना योगदान दें सकें।
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मां जैसा कोई नहीं
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