#jagannathrathyatra2019
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vedicvaani · 5 years ago
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The Rath yatra festival has been traditionally celebrated annually in Jagannath Puri, Orrisa, where Lord Jagannath along with His sister Subhadra and elder brother Baladeva paraded through the streets of the city. This practice and festival still takes place in Puri and since the late sixties all over the world.
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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आज से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू, सुबह 4 बजे अमित शाह ने पत्नी संग की मंगला आरती
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चैतन्य भारत न्यूज ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज से शुरू हो गई है। रथ यात्रा से जुड़ी सारी तैयारियां समय पर पूरी हो चुकी हैं। गुजरात के अहमदाबाद में आज परंपरागत हर्षोल्लास के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली है। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने जगन्नाथ मंदिर में अपनी पत्नी सोनल शाह के साथ सुबह चार बजे मंगला आरती की। #WATCH: Home Minister Amit Shah and his wife Sonal Shah offer prayers at Lord Jagannath Temple in Ahmedabad, Gujarat. pic.twitter.com/QnowQcdqG5 — ANI (@ANI) July 3, 2019 Gujarat CM Vijay Rupani and Deputy CM Nitinbhai Patel offered prayers at the Jagannath Temple in Ahmedabad on the occasion of Jagannath Rath Yatra. #RathYatra2019 pic.twitter.com/y2ZduCHhuK — ANI (@ANI) July 4, 2019 इसके बाद मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने परंपरागत रूप से रथ के आगे झाड़ू लगाकर रथ यात्रा को रवाना किया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू होने से पहले लोगों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि, 'रथ यात्रा के विशेष अवसर पर सभी को शुभकामनाएं। हम भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करते हैं और सभी के अच्छे स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद चाहते हैं। जय जगन्नाथ।' Best wishes to everyone on the special occasion of the Rath Yatra. We pray to Lord Jagannath and seek his blessings for the good health, happiness and prosperity of everyone. Jai Jagannath. pic.twitter.com/l9v36YlUQ5 — Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2019 बता दें कि, भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर कई तरह की मान्यताएं और इतिहास का वर्णन किया जाता है। मान्यता है कि, जो भी व्यक्ति इस रथयात्रा में शामिल होकर इस रथ को खींचते हैं उन्हें सौ यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ को उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ में बैठाकर पूरे नगर में भ्रमण कराया जाता है। इसके बाद जगन्नाथ को गुंडिचा मंदिर यानी उनकी मौसी के घर लेकर जाते हैं। यहां भगवान जगन्नाथ करीब 7 दिन आराम करते हैं। इस दौरान उनका खास ख्याल रखा जाता है। ये भी पढ़े... भारत ही नहीं विदेशों में भी बड़े ही धूमधाम से निकाली जाती है जगन्नाथ रथयात्रा जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान सोने की झाड़ू से की जाती है रास्ते की सफाई मुस्लिम समुदाय ने पेश की अनोखी मिसाल, जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए भेंट किया चांदी का रथ आखिर क्यों हर साल बीमार हो जाते हैं भगवान जगन्नाथ, यह चमत्कारी काढ़ा कर देता है उन्हें स्वस्थ Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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आखिर क्यों हर साल बीमार हो जाते हैं भगवान जगन्नाथ, यह चमत्कारी काढ़ा कर देता है उन्हें स्वस्थ
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चैतन्य भारत न्यूज करीब 15 दिन की अस्वस्थता के बाद भगवान जगन्नाथ मंगलवार को पूरी तरह से स्वस्थ हो गए। उनके स्वस्थ होते ही दर्शन करने के लिए भक्तों का रेला जमा हो गया। बुधवार सुबह से ही जगन्नाथ पुरी मंदिर में श्रद्धालु दर्शन-पूजन कर रहे हैं। बता दें कि भगवान जगन्नाथ ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को अधिक स्नान करने से बीमार हो गए थे। दरअसल, इस पूर्णिमा पर देव स्नान कराने के दौरान भगवान जगन्नाथ को लू लगने की परंपरा है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए पूरा ध्यान रखा जाता है।  इसलिए मंदिर को 15 दिन के लिए बंद कर दिया गया था। इस दौरान दर्शन-पूजन भी बंद हो गया था। मंदिर में न तो पूजा हुई और न ही आरती। रोजाना पुजारी कमरे के किनारे पर दीपक और अगरबत्ती जलाकर रख देते थे। बीमार होने पर भगवान जगन्नाथ को 15 दिन तक काढ़ा पिलाया जाता है। जानकारी के मुताबिक, यह काढ़ा इलायची, लौंग, चंदन, काली मिर्च, जायफल और तुलसी को पीसकर बनाया जाता है। इसके अलावा भगवान को इस मौसम में आ रहे सभी फलों का भोग भी लगाते हैं। बीमार होने के कारण भगवान सिंहासन पर भी नहीं विराजते हैं। इस दौरान वह खाट पर ही विश्राम करते हैं। किसी तरह की परेशानी न हो, इसलिए उन्हें हल्के वस्त्र ही पहनाए जाते हैं। उपचार पूरा होने के बाद यानी 15वें दिन अमावस्या को भगवान को परवल का जूस पिलाया जाता है और फिर वे स्वस्थ हो जाते हैं। फिर भगवान जगन्नाथ को चढ़ा हुआ काढ़ा और परवल के जूस को श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। कहा जाता है कि, इसके सेवन से सभी प्रकार की शारीरिक और मानसिक बीमारियां खत्म हो जाती हैं। सेहत ठीक होने ही भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है। इस दौरान उन्हें राजसी वेशभूषा पहनकर उनका भव्य शृंगार किया जाता है। फिर उनकी आरती कर सिंहासन पर विराजमान किया जाता है। रथयात्रा में बड़ी तादाद में श्रद्धालु शामिल होते हैं। बता दें इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा 4 जुलाई से शुरू हो रही है। ये भी पढ़े...  जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान सोने की झाड़ू से की जाती है रास्ते की सफाई मुस्लिम समुदाय ने पेश की अनोखी मिसाल, जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए भेंट किया चांदी का रथ विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा 4 जुलाई से होगी शुरू, छुट्टियां मनाने मौसी के घर जाएंगे भगवान Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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जगन्नाथ रथयात्रा में मुख्य अतिथि होंगी नुसरत जहां, स‍िंदूर लगाने और चूड़ी पहनने पर हुआ था विवाद
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चैतन्य भारत न्यूज तृणमूल कांग्रेस की सांसद और मशहूर बंगाली एक्ट्रेस नुसरत जहां अपनी शादी के बाद से ही चर्चाओं में हैं। उनके चर्चा में रहने का कारण है नुसरत का पारंपरिक तरीके से रहना। दरअसल, जब वह संसद में शपथ लेने पहुंचीं थीं, तब नुसरत सिंदूर और हा��ों में चूड़ा पहने हुए थीं। ��ुसरत के इस पहनावे पर खूब विवाद हुआ था। मुस्लिम धर्मगुरुओं के एक समूह ने तो नुसरत के पहनावे को 'गैर इस्लामी' करार देते हुए फतवा भी जारी कर दिया था। यह विवाद अभी थमा भी नहीं था कि इसी बीच अंतरराष्ट्रीय संस्था इस्कॉन ने नुसरत को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है।
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बता दें 4 जुलाई से जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो रही है। इस दौरान देशभर के प्रमुख जगन्नाथ मंदिरों से रथ यात्रा निकाली जाएगी। कोलकाता में भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा इसी दिन से शुरू होगी। इस रथ यात्रा की शुरुआत बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करेंगी। नुसरत को भी रथ यात्रा में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है। इस्कॉन के प्रवक्ता ने कहा कि, "हम सभी धर्मों को मानने वाले लोग हैं। नुसरत के विचार हमारे विचारों से बहुत मिलते हैं। नुसरत भी सभी धर्मों का आदर करती हैं। इसलिए वह एक नए और युवा राजनेता के रूप में निश्चिततौर पर आज के युवाओं को अपने विचारों से प्रभावित करेंगी। यही सोचकर हमने उन्हें यह निमंत्रण दिया है।"
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बता दें लोकसभा चुनाव 2019 में नुसरत टीएमसी के टिकट पर बशीरघाट सीट से मैदान में उतरीं थीं और जीत हासिल की। इसके बाद नुसरत ने 19 जून को कोलकाता के बिजनेसमैन निखिल जैन से हिन्दू रीति-रिवाज से शादी की थी। वहीं उनके फिल्मी करियर की बात करें तो नुसरत ने फिल्म 'शोतरू' से बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। इसके बाद वह ‘खोखा 420’, ‘खिलाड़ी’ और ‘सोंधे नमार आगेय’ जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं। ये भी पढ़े...  नुसरत जहां के सिंदूर-मंगलसूत्र पहनने पर फतवा जारी हुआ तो भड़की साध्वी प्राची, मौलवी ने कहा- बेलगाम औरत मांग में सिंदूर, हाथों में लाल चूड़ा पहनें संसद पहुंचीं नुसरत जहां, शपथ लेने के बाद स्पीकर के छुए पैर सांसद नुसरत जहां को शादी करना पड़ा भारी, लोगों ने सांसद बनने पर उठाए सवाल और सुनाई खरीखोटी Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा 4 जुलाई से होगी शुरू, छुट्टियां मनाने मौसी के घर जाएंगे भगवान
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चैतन्य भारत न्यूज उड़ीसा स्थित जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ की निकलने वाली भव्य रथ यात्रा ��ी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। आषाढ़ मास की द्वितीया को निकाली जाने वाली रथ यात्रा इस साल 04 जुलाई 2019 को शुरू होने वाली है। कहा जाता है कि, इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर रहने जाते हैं। ओडिशा राज्य की धार्मिक नगरी पुरी की यह यात्रा दुनियाभर में प्रसिद्द है।
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इस यात्रा को बहुत भव्य रूप में आयोजित किया जाता है जिसमें लाखों की संख्या में भक्त मौजूद रहते हैं। 4 जुलाई से शुरू होने वाली यह यात्रा पूरे 9 दिनों तक चलेगी। रथयात्रा उत्सव के दौरान भगवान जगन्नाथ को रथ पर बैठाकर पूरे नगर में भ्रमण कराया जाता है। इस रथ यात्रा का आरंभ सबसे पहले बड़े भाई बलराम के रथ से होता है। इसके बाद बहन सुभद्रा और फिर अंत में भगवान जगन्नाथ के रथ को चलाया जाता है।
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मान्यता है कि, जो लोग इस रथ को खींचने में सहयोग देते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। जगन्नाथ के इस भव्य रथ को सैकड़ों लोगों के द्वारा बड़े-बड़े और मोटे रस्सों से खींचा जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि जगन्नाथ यात्रा के दिन बारिश जरूर होती है। इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ को 45 फीट ऊंचे रथ में बैठाकर यात्रा करवाई जाती है जिसमें भाग लेने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु आते हैं। ये भी पढ़े... भीषण गर्मी में आम रस पीने से बीमार हुए भगवान, वैद्य ने दी 15 दिन बेड रेस्ट की सलाह बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले, कभी ये हुआ करता था भगवान शिव का निवास स्थल लेकिन विष्णु ने धोखे से कर लिया था कब्जा Read the full article
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