Tumgik
#ippatel
mensrightsff · 3 years
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गुजरात के अखबारों में भी विज्ञापन देकर लोगों से तरल ऑक्सिजन केंटेनर मांग रहा है अल-केजरी! pic.twitter.com/cwpiHLOFIz
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) April 26, 2021
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sachanamandeep · 2 years
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प्रशांत भैया की सुरक्षा बड़ी !! धन्यवाद @Uppolice Take care 💞 😘 @ippatel BHAIYA https://www.instagram.com/p/CeUEuLmgLib/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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ishwar4444-blog · 5 years
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आजाद देश की सबसे #गुलाम_मीडिया हैं। बिकाऊ मीडिया हटाओ, देश बचाओ। जिस देश में न्यायालय तथा मीडिया बिकाऊ और भ्रष्ट हो उस देश के लोकतंत्र को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता। @aajtak @ippatel @cmohry https://www.instagram.com/p/Bxq8uV9FaGn/?igshid=y822rnf8w60k
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girishmashah-blog · 6 years
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5 Crore Bangladeshi And Rohingya Inflitrators Living Illegally In India?
In a tweet that has gone viral, a Delhi based lawyer claims 5 crore Bangladeshi and Rohingya immigrants are living in the country.
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BoomLive News: Prashant Patel Umrao, a Delhi based lawyer, recently made some bold claims over Twitter that has gathered a lot of attention. In his tweet, Umrao, who goes by his Twitter name @ippatel, stated that there are 5 crore Bangladeshi and Rohingya infiltrators living in India illegally.
In less than 2 days, it was retweeted more than 1,600 times and liked more than 3,000 times. This is not the first time Patel has made claims that have been later found to be blatantly false or misleading.
Lack of accurate government data
For over a decade, there seems to be a clear issue with both past and present governments regarding their data on illegal immigrants in India. Union Home ministers have been known to quote figures based on hearsay rather than actual studies or surveys.
On July 15, 2004, under the Congress led UPA government, Sriprakash Jaiswal, the then Minister of State for Home Affairs , reportedly stated in response to a question at the Rajya Sabha that 1.2 crore illegal Bangladeshi immigrants were living in India.
Following an uproar over his statement, he later retracted it, stating that, “the reported figures were not based on any comprehensive or sample study but were based on hearsay and that too from interested parties. Therefore, no realistic figures can be given for illegal Bangladeshi migrants in Assam.”
Read the full News here → Rohingya living illegally in India
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tojluc · 4 years
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outsidetheknow · 5 years
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@saikrishnaklu : @nevillejude @VinNair99 @so_radhikal @ippatel @smittal_ips @rishibagree Stop intruding on my personal with your bigotry - Irony is that i cud say the same same to u; twitter is no one's personal space boss; either reply or ignore 😊
@saikrishnaklu : @nevillejude @VinNair99 @so_radhikal @ippatel @smittal_ips @rishibagree Stop intruding on my personal with your bigotry – Irony is that i cud say the same same to u; twitter is no one’s personal space boss; either reply or ignore 😊
Stop intruding on my personal with your bigotry – Irony is that i cud say the same same to u; twitter is no one's personal space boss; either reply or ignore 😊
— 彡Sαι彡 (@saikrishnaklu) December 19, 2019
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December 19, 2019 at 07:11PM via Twitter https://twitter.com/saikrishnaklu
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vishalgoyalhyd · 5 years
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RT @ippatel: .@Twitter is continuously tragetting handles of Nationalists by reducing their followers & doing shadow ban. We need to raise voice against this attitude & biased nature of #CheaterTwitter. @TwitterIndia
.@Twitter is continuously tragetting handles of Nationalists by reducing their followers & doing shadow ban. We need to raise voice against this attitude & biased nature of #CheaterTwitter.@TwitterIndia
— प्रशान्त पटेल उमराव (@ippatel) November 13, 2019
from Twitter https://twitter.com/Vishalgoyalhyd November 13, 2019 at 10:20PM via IFTTT
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24x7politics · 5 years
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RT ippatel: Chhattishgarh Bunkar Sahkari Sangh, Amapara Raipur, established by Thakur Pyarelal in 1965, still weaving traditionally on Handloom, pure cotton bedsheets, towels & dhotis. You don't buy a cloth- you buy heritage & living tradition, luxury fo… https://t.co/P27DvZMsrd
— 24x7politics (@24x7Politics) August 19, 2019
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sandeepdass508 · 5 years
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RT @NaveenG9358: #AntiHinduAgendaOfBollywood इंसान बदलते हैं यह जहान बदलता है पर वह भगवान कभी नहीं बदलता जो कुल का मालिक है। @RahulGandhi @AmitShah @ippatel @Rocking_Naina @ippatel
#AntiHinduAgendaOfBollywood इंसान बदलते हैं यह जहान बदलता है पर वह भगवान कभी नहीं बदलता जो कुल का मालिक है।@RahulGandhi@AmitShah @ippatel @Rocking_Naina @ippatel
— Naveen Gautam 🇮🇳 (@NaveenG9358) August 16, 2019
from Twitter https://twitter.com/sandeepdass508
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ishwar4444-blog · 5 years
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आजाद देश की सबसे #गुलाम_मीडिया हैं। बिकाऊ मीडिया हटाओ, देश बचाओ। जिस देश में न्यायालय तथा मीडिया बिकाऊ और भ्रष्ट हो उस देश के लोकतंत्र को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता। @aajtak @ippatel @cmohry https://www.instagram.com/p/Bxl6JsQFG2h/?igshid=1g8to59ga9hle
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thenewsguru · 6 years
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@srikanthbjp_ @rishibagree @ippatel @ShefVaidya @AskAnshul @vivekagnihotri They shadowbanned me and when I was restored, I was missing over 1000 followers. Wow Twitter!
Tweet by James
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tojluc · 4 years
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via Twitter https://twitter.com/tojluc
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mensrightsff · 4 years
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Ancient are Rising! While construction digging this brqhut murthy of Sri Vishnu was found in sakleshpur halebelur,Karnataka.🙏 Imagine the devotional pain they have gone through while moving this heavy Murti & searching for a safe place so that their Gods are not Mutilated. pic.twitter.com/thhQf7eeqx
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) March 26, 2021
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jodhpurnews24 · 6 years
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अंकित गर्ग हत्याकांड: मीडिया द्वारा की गई सांप्रदायिक और भड़काऊ रिपोर्टिंग
31 वर्षीय शिक्षक अंकित कुमार गर्ग को 1 अक्टूबर को दिल्ली में गोली मार दी गई। घटना के तुरंत बाद, कई समाचार संगठनों ने बताया कि यह ऑनर किलिंग का मामला था। इन ख़बरों का आधार पीड़ित के परिवार द्वारा लगाया गया आरोप था कि जिस मुस्लिम लड़की के साथ उसके संबंध थे, उसी के परिवार द्वारा अंकित की हत्या हुई थी।
मीडिया ने इस घटना को कैसे रिपोर्ट किया
2 अक्टूबर को, ज़ी न्यूज ने इस घटना की रिपोर्ट “अंकित को प्यार की सजा या हिंदू होने की सजा?” शीर्षक के साथ की थी। रिपोर्ट में पूछा गया कि क्या अंकित गर्ग और अंकित सक्सेना की मौत का कारण धर्म था। यहां यह याद दिलाने की जरूरत है कि फरवरी 2018 में, 23 वर्षीय अंकित सक्सेना को उस लड़की के परिवार ने मार डाला था जिससे वह प्यार करता था।
दरअसल ज़ी न्यूज ने तो #मर्डर पर सेकुलर सन्नाटा (#MurderParSecularSannata) हैशटैग के साथ एक प्राइम टाइम शो भी प्रसारित किया था और पूछा था कि मज़हब के नाम पर कितने अंकित का मर्डर ? नाम अंकित इसलिए हत्या पर सन्नाटा ? मोहब्बत से बड़ा मज़हब है ?
दिल्ली में फिर मारा गया अंकित
मज़हब के नाम पर कितने अंकित का मर्डर ?
नाम अंकित, इसलिए हत्या पर सन्नाटा ?
मोहब्बत से बड़ा मज़हब है ?#MurderParSecularSannata
11 AM @ZeeNews pic.twitter.com/KhraNTxfzg
— Zee News Hindi (@ZeeNewsHindi) October 2, 2018
न्यूज़ 18 में इस घटना की रिपोर्ट का शीर्षक था “मुस्लिम छात्रा के साथ ‘रिश्ते’ के कारण दिल्ली के शिक्षक की गोली मारकर हत्या”। रिपोर्ट ‘सूत्रों’ के आधार पर थी, जिसमें बताया गया था कि मुस्लिम महिला और पीड़ित शादी करना चाहते थे, लेकिन लड़की के भाई ने इस संबंध का विरोध किया क्योंकि वे दोनों अलग-अलग धर्मों के थे। घटना की रिपोर्ट करने के लिए चैनल द्वारा उपयोग किया गया हैशटैग था #बुलेट फ़ॉर लव (#BulletForLove)
आज तक ने भी बताया कि मुस्लिम लड़की के साथ रिश्ते के कारण अंकित की हत्या हुई थी। एक और लोकप्रिय हिंदी प्रकाशन, दैनिक भास्कर ने भी बताया कि किसी अन्य समुदाय से संबंधित लड़की, जिसके साथ अंकित ‘रिश्ते’ में था, के भाई के द्वारा अंकित की हत्या हुई थी। टाइम्स नाउ हिंदी ने भी 2 अक्टूबर को बताया कि अंकित को इसलिए मार डाला गया क्योंकि वह एक मुस्लिम लड़की से प्यार करता था। रिपोर्ट का शीर्षक था, ““दिल्ली: एक और ‘अंकित’ को उतारा मौत के घाट, मुस्लिम लड़की से करता था प्यार” “। द प्रिंट (The Print) ने बताया कि “दिल्ली के ट्यूशन शिक्षक को मुस्लिम छात्रा के साथ ‘संबंध’ के कारण गोली मार दी गई।” हालांकि इन समाचार संस्थानों की रिपोर्ट में पीड़ित के परिवार द्वारा आरोप लगाने का उल्लेख किया गया था, फिर भी, इस घटना की प्रस्तुति भ्रामक और भड़काऊ थी।
दैनिक भारत जो एक नकली समाचार वेबसाइट है, ने इस घटना की रिपोर्ट का संभवतः अपना सबसे भड़काऊ शीर्षक दिया था – “ये है हिन्दू लड़का अंकित – मुस्लिम लड़की से दोस्ती पर उतार दिया मौत के घाट , न मीडिया न केजरीवाल”
बीबीसी और एनडीटीवी की रिपोर्ट
दूसरी तरफ, एनडीटीवी इंडिया की रिपोर्ट का शीर्षक था – “दिल्ली में एक और ‘अंकित’ की हत्या, बहन ने कहा- दूसरे समुदाय की लड़की से था प्रेम-संबंध”। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि पीड़ित के परिवार को शक था कि उसका रिश्ता ही उसकी मौत का कारण था। बीबीसी समाचार हिंदी की रिपोर्ट का शीर्षक था “प्रेस रिव्यू: फिर एक अंकित की हत्या, दूसरे धर्म में प्यार की सज़ा?”। इस रिपोर्ट के शीर्षक में ऑनर किलिंग के थ्योरी को प्रश्न चिह्न के साथ पेश किया गया। दिलचस्प बात यह है कि टाइम्स नाउ ने बताया कि पीड़ित की बहन ने लड़की के परिवार को हत्या के लिए दोषी ठहराया है, जबकि हमने ऊपर देखा है कि टाइम्स नाउ के ही हिंदी संस्करण ने घटना को सांप्रदायिक रंग देकर पेश किया गया था।
चैनल न्यूज़ 24 (News24) के वरिष्ठ एंकर माणक गुप्ता ने 2 अक्टूबर को ट्वीट किया कि अंकित की हत्या हुई थी क्योंकि वह एक मुस्लिम लड़की से प्यार करता था।
दिल्ली में एक और अंकित की हत्या…!!! वजह वही – मुस्लिम लड़की से प्रेम कर बैठा https://t.co/eqLyhfOayE
— Manak Gupta (@manakgupta) October 2, 2018
पत्रकार रिचा अनिरुद्ध ने अपने ट्वीट में यही दोहराया; ऐसा ही स्वराज में काम करने वाले विकास सारस्वत और पत्रकार जागृति शुक्ला ने किया।
यह ध्यान देने योग्य है कि हत्या के बाद, पीड़ित की बहन ने आरोप लगाया था कि वह ऑनर किलिंग के मामले में मारा गया था।
सोशल मीडिया पर ज़हर
दिल्ली के भाजपा सांसद परवेश साहिब सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस मामले पर निशाना बनाया कि विवेक तिवारी की हत्या का राजनीतिकरण उन्होंने किया लेकिन अंकित गर्ग के बारे उन्होंने कुछ नहीं कहा जबकी यह दिल्ली का मामला था।
दिल्ली के मालिक @ArvindKejriwal को विवेक तिवारी का धर्म पता चल गया क्योंकि वो यूपी के थे। अब जबकि अंकित की हत्या दिल्ली में उनके नाक के नीचे हुई है उनको न तो अंकित के धर्म का पता चल पा रहा है न ही समुदाय विशेष से ताल्लुक रखने वाले हत्यारे का !#AnkitSaxenhttps://t.co/NZTkIJV6UP
— Parvesh Sahib Singh (@p_sahibsingh) October 2, 2018
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने भी इस मुद्दे पर केजरीवाल को निशाना बनाया। दिल्ली भाजपा के महासचिव रविंदर गुप्ता ने भी वही दोहराया।
सोशल मीडिया पर जाने-माने संदिग्धों ने इस मुद्दे को सांप्रदायिक बनाने के लिए इस ‘समाचार’ का भरपूर इस्तेमाल किया। इन सबमें प्रशांत पटेल उमराव जो निरंतर भ्रामक जानकारी फैलाते हैं, उन्होंने भी ट्वीट किया। 1 अक्टूबर के उनके ट्वीट को 4300 बार से अधिक रीट्वीट किया गया था।
Hindu Teacher Ankit Garg is killed brutally in Mahendra Park, Delhi by Peaceful because he had affair with a Muslim girl & they wanted to get married. Inter faith love is one way traffic only & this is Truth of Fake Secularism!
— प्रशान्त पटेल उमराव (@ippatel) October 1, 2018
दक्षिणपंथी सोशल मीडिया उपयोगकर्ता सोनम महाजन ने भी इसके बारे में ट्वीट किया, जिसे 3700 बार से अधिक रीट्वीट किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्विटर पर फ़ॉलो किए जाने वाले एक अन्य सोशल मीडिया यूजर शेखर चहल ने भी यह पूछते हुए ट्वीट किया कि मीडिया और अरविंद केजरीवाल चुप क्यों थे।
Two Ankits killed in broad-day light in the streets of Delhi for falling in love with Muslim women and all that Kejriwal has to offer is communalisation of a crime, committed by a UP cop who’s already behind the bars. Not a word on the communal killings in his own Delhi. Vulture.
— Sonam Mahajan (@AsYouNotWish) October 2, 2018
उपरोक्त सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं में से किसी ने पुलिस द्वारा स्पष्टीकरण के बावजूद अपने ट्वीट को नहीं हटाया है।
ऑनर किलिंग का मामला नहीं
अंकित कुमार गर्ग की हत्या ऑनर किलिंग का मामला नहीं है। 5 अक्टूबर, 2018 को एक प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा दिल्ली पुलिस ने इसकी पुष्टि की थी। प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 21 वर्षीय आकाश को गर्ग की हत्या के लिए गिरफ्तार किया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के दिल्ली स्थित पत्रकार राजशेखर झा ने अपराध के सीसीटीवी वीडियो को ट्वीट किया है, जिसमें आरोपी को अपराध के स्थान से बचते हुए देखा जा सकता है।
The CCTV footage which nailed Akash Kashyap, the man who shot dead a teacher, Ankit Garg, in northwest Delhi, a few days ago. The cops have ruled out the honour killing angle. @TOIDelhi pic.twitter.com/kZp4MePLSH
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) October 5, 2018
मीडिया संगठनों द्वारा बाद की रिपोर्टिंग
यह पुष्टि होने के बाद कि 21 वर्षीय आकाश को मामले के आरोपी के रूप में गिरफ्तार कर लिया गया है, 6 अक्टूबर को ज़ी न्यूज़ उनमें से था, जिन्होंने इस नए विवरण की सूचना दी थी। हालांकि हत्या के तत्काल बाद, घटना की इसकी रिपोर्ट भड़काऊ थी। टाइम्स नाउ ने नए विवरण की सूचना नहीं दी। इसके सहयोगी संस्थान टाइम्स ऑफ इंडिया ने उसी दिन एक लेख प्रकाशित किया कि एक बीटेक छात्र गर्ग की हत्या के लिए पकड़ा गया है। आज तक ने भी बाद में बताया कि हत्या के चार दिन बाद, इस मामले में गिरफ्तार आरोपी पीड़ित का छात्र है। न्यूज़ 18 ने भी नवीनतम विवरण की सूचना दी और इसी तरह दैनिक भास्कर ने भी। हालांकि, द प्रिंट ने बाद के विवरण की सूचना नहीं दी।
जिन मीडिया संगठनों ने शुरू में बताया था कि हत्या अलग समुदायों के बीच प्रेम संबंध की परिणाम थी, उन्होंने पीड़ित की बहन के दावे के आधार पर रिपोर्ट की थी। फिर भी, इन समाचार संगठनों द्वारा दिए गए शीर्षक भ्रामक थे। हालांकि बाद में उन्होंने बताया कि आरोपी पीड़ित व्यक्ति का छात्र था जिसे गिरफ्तार किया गया था; फिर भी इस घटना की शुरुआती रिपोर्टों ने सांप्रदायिकता रंग देने में मदद की, और जिसे सोशल मीडिया में नफरत बांटने वालों ने और बढ़ा दिया। ऐसे समय में, जब निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा सांप्रदायिक विभाजन को बढाने के प्रयास हो रहे हैं, तो पूर्वाग्रहों से लैस मीडिया रिपोर्ट इसे बढ़ाने का कार्य करती है। जिन समाचार संस्थानों ने पीड़ित के रिश्तेदारों के आरोप के आधार पर घटना को सांप्रदायिक रूप दिया, उन्होंने अपनी गलत रिपोर्टिंग पर अभी तक खेद व्यक्त नहीं किया है।
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Hindi News Latest Hindi News
Hindi News अंकित गर्ग हत्याकांड: मीडिया द्वारा की गई सांप्रदायिक और भड़काऊ रिपोर्टिंग Read Latest Hindi News on Kranti Bhaskar.
source http://hindi-news.krantibhaskar.com/latest-news/hindi-news/ajab-gajab-news/31902/
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फेसबुक पेज इंडिया 272+ ने पत्रकार रवीश कुमार को निशाना बनाने के लिए साल भर पुराना झूठा दावा प्रसारित किया
“सुना है कि ब्रह्मांड के इकलौते ईमानदार पत्रकार रविश कुमार की बहन भ्रष्टाचार मामले में नौकरी से सस्पेंड हो गई है। बेचारे का भाई पहले ही सेक्स रैकेट में आरोपी है।”
यह वह संदेश है जिसे फेसबुक पेज इंडिया 272+ जो बीजेपी के 2014 के चुनाव अभियान का हिस्सा था, द्वारा पोस्ट किया गया है। 20 सितंबर को इसे पोस्ट किए जाने के बाद 14,000 से अधिक बार शेयर और 8,400 से अधिक बार ‘लाइक’ किया गया है।
ब्रह्मांड के इकलौते ईमानदार पत्रकार
Posted by India272+ on Thursday, 20 September 2018
कई फेसबुक यूजर्स ने भी वही दावा शेयर किया है।
vimeo
2017 में ही खारिज
ऑल्ट न्यूज ने पिछले साल अप्रैल में ही रवीश कुमार की बहन के भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित होने के बारे में किए गए दावे को खारिज कर दिया था। तब न्यूजलूज (Newsloose), ट्रोलइंडियनपॉलिटिक्स (TrollIindianpolitics) और दैनिक भारत जैसे नकली समाचार वेबसाइटों ने यह झूठी खबर प्रसारित किए थे।
नीता पांडे, जिसके रवीश कुमार की बहन होने और भ्रष्टाचार के लिए निलंबित किए जाने का दावा किया गया था, उनके भाई मधुकर पांडे ने ऑल्ट न्यूज़ के साथ बातचीत में कहा कि इस तस्वीर में दिखलाई गई महिला उनकी बड़ी बहन हैं और किसी भी तर��� से रवीश कुमार से संबंधित नहीं हैं। मधुकर पांडे ने इसे अपने फेसबुक अकाउंट पर भी स्पष्ट किया था।
सोशल मीडिया पर अक्सर गलत जानकारी फ़ैलाने वाले प्रशांत पटेल उमराव ने भी उसी दावे को ट्वीट किया था, जिसे उन्होंने अभी तक नहीं हटाया है।
Nita Kumari Pandey, Sister of Ravish Kumar who was working as District Program Officer in Muzaffarpur, is suspended on Corruption charges.
— प्रशान्त पटेल उमराव (@ippatel) April 1, 2017
रवीश कुमार के भाई को अंतरिम जमानत
रवीश कुमार के भाई के सेक्स रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाते हुए यह पेज संभवतः ब्रजेश कुमार के खिलाफ पंजीकृत यौन अपराध का जिक्र कर रहा है। बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा 30 अक्टूबर, 2017 को प्रकाशित एक लेख में बताया गया था, “दिसंबर 2016 को कथित पीड़िता ने उत्पीड़न, आपराधिक धमकी और आईपीसी, एससी/एसटी अधिनियम और यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में जांच के दौरान ब्रजेश कुमार का नाम शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए बयान से आया।” सुप्रीम कोर्ट ने रवीश कुमार के भाई ब्रजेश कुमार को इस आधार पर अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी कि एफआईआर में उनके नाम का उल्लेख नहीं किया गया था। इसके अलावा, जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ ने कहा था कि अभियुक्त के खिलाफ अग्रिम जमानत की राहत देने से उसे अयोग्य घोषित करने के लिए सबूत की कमी थी। फ़िलहाल मामला कोर्ट के विचाराधीन है।
रवीश कुमार को नियमित रूप से निशाना बनाया जाता रहा है, जो सोशल मीडिया में उनके विरुद्ध झूठे बयान फैलाते रहते हैं। सोशल मीडिया के दक्षिणपंथी यूजर्स रवीश कुमार को बदनाम करने के लिए ओवरटाइम काम करते है। अक्सर एक ही झूठे दावे को थोड़े-थोड़े समय पर पोस्ट करते रहते है, जिसे बाद में हजारों सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा शेयर किया जाता है। इन सबके विरुद्ध स्पष्टीकरण के बावजूद, यह गतिविधि बिना रुके जारी है।
The post फेसबुक पेज इंडिया 272+ ने पत्रकार रवीश कुमार को निशाना बनाने के लिए साल भर पुराना झूठा दावा प्रसारित किया appeared first on Alt News.
Hindi News Latest Hindi News
Hindi News फेसबुक पेज इंडिया 272+ ने पत्रकार रवीश कुमार को निशाना बनाने के लिए साल भर पुराना झूठा दावा प्रसारित किया appeared first on Kranti Bhaskar.
source http://hindi-news.krantibhaskar.com/latest-news/hindi-news/ajab-gajab-news/26367/
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vishalgoyalhyd · 5 years
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RT @gopugoswami: An Air Force veteran explaining blatant lies of @RahulGandhi He’s misleading nation & must be pushed behind bars. राहुल गांधी के राफेल झूठ का पर्दाफाश करते पूर्व वायुसेना अधिकारी,देश को गुमराह करने के जुर्म में इन्हें जेल भेजना चाहिए @narendramodi @ippatel #RahulFakeFacts http://bit.ly/2GCSDem
An Air Force veteran explaining blatant lies of @RahulGandhi He’s misleading nation & must be pushed behind bars. राहुल गांधी के राफेल झूठ का पर्दाफाश करते पूर्व वायुसेना अधिकारी,देश को गुमराह करने के जुर्म में इन्हें जेल भेजना चाहिए@narendramodi @ippatel #RahulFakeFacts pic.twitter.com/JO01z0hpfz
— Gopal Goswami (@gopugoswami) April 24, 2019
from Twitter https://twitter.com/Vishalgoyalhyd April 24, 2019 at 05:43PM via IFTTT
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