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curious-sight · 1 year ago
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What is the story of Anant Chaturdashi
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As we bid Bhagwan Ganesh today goodbye, this story about Sage Kaundinya and his wife Sushila is heard of as a part of the auspicious day of Anant Chaturdashi. This legend tells us the importance of worshipping Bhagwan Anant. It also teaches us to be humble and grateful for all our achievements.
With this learning, we wish you a very happy Anant Chaturdashi.
To read more about our festivals, don’t forget to follow us @imavatarofficial and download the #IMAVATAR App now! Any queries? Write to [email protected]
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prahimofficial · 1 year ago
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If you want to gain big, then you need to take risks. Lord Ganesha is fondly called "Lambodara", which means a large belly. This represents endurance and risk-taking capability. Happy Ganesh chaturthi.
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yog-guru-ratan · 1 year ago
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jaishrirambhakti · 4 years ago
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बुधवार के दिन प्रातःकाल गणेशजी की इस आरती को सुनने से घर परिवार में सुख ...
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cfor36garh · 3 years ago
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SHIV MANDIR GHATIYARI- .. 🚩. The temple is dedicated to 'Lord Shiva' and other Gods like GANESHA. .. 🚩. The temple were built around 9th to 14th century and it was a also significant center of BHUDDHISM. .. 🚩. The temple is located in GANDAI town of RAJNANDGAON District in the state of CHHATTISGARH. Exploring with: @save_ancient_temples .. .. #bhagwanshiv #shivalingam #shivbhakt #lordganesha #bhagwanganesh #ganesha #bhuddhism #bhuddha #gandai #rajnandgaon #rajnandgaoncity #chhattisgarh #chhattisgarhtourism #chhattisgarhi #travelchhattisgarh #travel #travelling #indianphotography #indiantravelblogger #indianarchitecture #ancientindia #ancientarchitecture #bharat #hindu #sanatandharma #cfor36garh #chhattisgarhtourism #chhattisgarhdaires https://www.instagram.com/p/CWqQ1zsKAzJ/?utm_medium=tumblr
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chaitanyabharatnews · 3 years ago
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 12 अगस्त को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त ह���ती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भ��जन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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jaishrirambhakti · 4 years ago
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बुधवार भक्ति - प्रातःकाल गणेशजी की इस वंदना को सुनने से आपके सारे बिगड़े ...
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jaishrirambhakti · 4 years ago
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बुधवार भक्ति - श्री गणेश चालीसा I Shree Ganesh Chalisa I New Ganesh Bhaj...
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chaitanyabharatnews · 3 years ago
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 13 जुलाई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years ago
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 13 जुलाई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 15 मई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 15 मई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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संतान के खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है सकट चतुर्थी व्रत, जानें इसका महत्व और पूजन-विधि
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म के मुताबिक, सकट चतुर्थी का काफी महत्व होता है। सकट चतुर्थी का व्रत विशेष तौर पर संतान की दीर्घायु और सुखद भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है। सकट चतुर्थी माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाई जाती है। मान्यता है कि, सकट चतुर्थी के व्रत से संतान की सारी बाधाएं दूर होती है��। इस बार सकट चतुर्थी 31 जनवरी को पड़ रही है। इसे संकटाचौथ, तिलकुट चतुर्थी आदि नामों से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं सकट चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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सकट चतुर्थी का महत्व चतुर्थी का व्रत वैसे तो हर महीने में होता है लेकिन माघ महीने में पड़ने वाली सकट चतुर्थी की महिमा सबसे ज्यादा है। मान्यता है कि, इस दिन भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दिन व्रत रख संतान की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि, सकट चौथ के दिन ही भगवान गणेश को 33 करोड़ देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। तभी से यह तिथि गणपति पूजन की तिथि बन गई। कहा जाता है कि इस दिन गणपति किसी को खाली हाथ नहीं जाने देते हैं।
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सकट चतुर्थी पूजन-विधि व्रत रखने वाले इस दिन सुबह स्नान कर निर्जला व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद घर के मंदिर को साफ कर पूजा की तैयारी करें। पूजा के लिए एक साफ चौकी लें जिस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करें। इसके बाद पूरे विधि-विधान से बप्पा की पूजा करें। फिर व्रत रखने वाली महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर गणेश जी की कथा सुने। बप्पा की पूजा में जल, अक्षत, दूर्वा, लड्डू, पान, सुपारी का जरूर उपयोग करें। रात में चंद्र दर्शन के बाद इस व्रत को खोला जाता है��� Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 16 जनवरी को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 18 नवंबर को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 18 नवंबर को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि  का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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