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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 12 अगस्त को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क��यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 13 जुलाई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 13 जुलाई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 15 मई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 15 मई को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 16 जनवरी को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 18 नवंबर को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 18 नवंबर को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 20 सितंबर को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना, टल जाएंगे विघ्न
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 24 जून को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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आज है विनायक चतुर्थी, इस पूजन विधि से करेंगे गणेश की आराधना तो आसानी से टल जाएंगे विघ्न
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। साथ ही भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 27 फरवरी को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। पूजा के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। ये भी पढ़े... घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा ये हैं भगवान गणेश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार भगवान गणेश क्यों कहलाएं लंबोदर, जानिए इस अवतार की महिमा Read the full article
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साल की आखिरी विनायक गणेश चतुर्थी आज, इस विधि से करेंगे पूजा तो जरुर पूरी होगी हर मनोकामना
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म के मुताबिक, अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। भगवान गणेश की पूजा का महत्व विनायक चतुर्थी के दिन और भी बढ़ जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 30 दिसंबर को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि-विधान से पूजन और व्रत करने से जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजा-विधि सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। व्रत संकल्प मंत्र के बाद श्रीगणेश की षोड़शोपचार पूजन-आरती करें और मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें। ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। पूजा के दौरान भगवान श्री गणेश के बीज मंत्रों का जप भी करना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश के आगे दीप जला कर फूलों की माला अर्पित करें। विनायक चतुर्थी का उपवास तिल के लड्डू या तिल खाकर खोलना चाहिए। ये भी पढ़े... गणेश की इस पूजन विधि से करेंगे आराधना तो पूरी हो जाएगी हर मनोकामना ये है भगवान गणेश का अनोखा मंदिर, जहां चोर करते थे चोरी के माल का बंटवारा, बप्पा को भी देते थे हिस्सा इस देश में भभकते ज्वालामुखी पर पिछले 700 साल से विराजमान हैं भगवान गणेश Read the full article
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आज है विनायक चतुर्थी, जानिए इसका महत्व और पूजन-विधि
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म के मुताबिक, अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्न को भी आसानी से टाला जा सकता है। इस बार विनायक चतुर्थी 30 नवंबर को है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व और पूजन-विधि।
विनायक चतुर्थी का महत्व भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का विधि -विधान से पूजन और इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं। जीवन में निरंतर सफलता भी प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजन-विधि सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। व्रत संकल्प मंत्र के बाद श्रीगणेश की षोड़शोपचार पूजन-आरती करें और मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें। ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। श्री गणेश को बूंदी से बने हुए 21 मोदकों का भोग लगाएं। इनमें से 5 मोदक गणेश भगवान को अर्पित कर दें और 5 किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को दे दें। बचे हुए मोदकों को प्रसाद के रूप में बांट दें। ये भी पढ़े... गणेश की इस पूजन विधि से करेंगे आराधना तो पूरी हो जाएगी हर मनोकामना घर में सुख-समृद्धि पाने के लिए बुधवार को भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा आखिर क्यों पानी में ही किया जाता है गणेश जी का विसर्जन? जानिए वजह Read the full article
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