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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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सोनू सूद को रोजाना मदद के लिए आते हैं हजारों मैसेज, पहली बार एक्टर ने शेयर किए आंकड़े
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चैतन्य भारत न्यूज कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में गरीबों के मसीहा बने एक्टर सोनू सूद के पास अब भी मदद के लिए लोगों के संदेश आ रहे हैं। शुरुआत में सोनी ने अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने में मदद की थी। अब सोनू देश ही नहीं बसोनू सूद को रोजाना मदद के लिए आते हैं हजारों मैसेज, पहली बार एक्टर ने शेयर किए आंकड़ेल्कि विदेशों तक में फंसे हुए या मजबूर लोगों के लिए मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। 1137. mails. 19000. fb messages 4812. Insta messages 6741. twitter messages. Today’s HELP messages. On an average these are the number of requests I get for HELP. It is humanly impossible to reach out to everyone. I still try my best. Apologies if I missed your message🙏 — sonu sood (@SonuSood) August 20, 2020 सोनू से रोजाना कितने लोग मदद मांग रहे हैं इसका ब्यौरा एक्टर ने गुरुवार को अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए शेयर किया। सोनू ने जो आंकड़े शेयर किए वह हैरान करने वाले हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि- '1137 मेल, 19000 फेसबुक मैसेज, 4812 इंस्टा मैसेज और 6741 ट्विटर मैसेज। ये आज के हेल्प मैसेज हैं। एवरेज आंकडे़ देखे तो करीब इतनी रिक्वेस्ट मुझे रोज मदद के लिए मिलती हैं। एक इंसान होने के तौर पर ये असंभव है कि आप इनमें हर किसी तक पहुंच पाएं। लेकिन फिर भी मैं अपनी पूरी कोशिश करता हूं।' जल्द आएगी सोनू सूद की किताब सोनू ने अपने मैसेज के आखिरी में लिखा है कि मैं माफी चाहता हूं अगर मैंने आपका मैसेज मिस कर दिया तो। बता दें कि सोनू सूद ने लॉकडाउन के दौरान बेहिसाब प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम किया था। इस पर वह एक किताब भी लिख रहे हैं जो कि जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी। ये भी पढ़े... जन्मदिन विशेष: गरीबों के मसीहा सोनू सूद ने इस वजह से 10 साल से नहीं मनाया अपना जन्मदिन रियल हीरो सोनू सूद ने अब तक 12 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया घर, किसी ने की मुख्यमंत्री बनाने की तो किसी ने पद्मभूषण देने की मांग   Read the full article
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travelsuncorked · 3 years ago
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Harvest Time at Burnsini Vineyards! 🍇 Our first time harvesting wine grapes for production into delicious wines. Glad to help out a friend who has patience for showing up the ropes of how to harvest. . . . . #travelsuncorked #harvest #wine #winery #winetime #cottonwoodca #harvesting #Zinfandel #redwine #redredwine #harvesthelp #migrantlabor #winegrapes #wineproduction #tehamacounty #teamwork #burnsinivineyards #vineyards #manuallabor #teamtwoheyapproved (at Burnsini Vineyards) https://www.instagram.com/p/CTczNgFJ6dF/?utm_medium=tumblr
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keepthecupclean · 3 years ago
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virtualciti · 4 years ago
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It gave me goosebumps even while writing it. Was written on 12 May 2020 when I saw 1000s of laborers on streets walking 1000s of miles to get home. You know you have failed, when people get up and walk, even when they are not going to get anywhere. They are not going anywhere, they are just going away Thanks to Pallab Bhowmick for ao wonderfully depicting the migrant mother's resolve as Durga. The shakti to walk miles and miles for her children without looking weak. https://www.instagram.com/p/CGUyQ2WDCBc/?igshid=y2hdmev5qy7 आप विफ़ल हो गए हैं अग़र लोग उठकर चले जाएं, जानते हुए की वो कहीं नहीं पहुंच पाएंगे। #durgapuja2020 #durgapuja #pallabbhowmick #durgaidol #migrantmother #migrants #migrantlabor #mother #durgama #durgamata #failure #fail #failed #lockdownlife #hindiquotes #hindiquotes❤️ #lockdownmemes #meme #memes😂 #officememes #motivationalquotes #inspirationalquotes #bestquotes (at Kolkata - The City of Love) https://www.instagram.com/p/CGjQR4SjznC/?igshid=1w515u5tno23t
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sanjeevnitodaydotcom · 4 years ago
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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��नरेगा में मई में 4.8 करोड़ ज्यादा कार्यदिवस, कुल 2.8 करोड़ परिवारों को मिला फायदा, 15 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा रोजगार देने का यह नया रिकॉर्ड
मनरेगा में मई में 4.8 करोड़ ज्यादा कार्यदिवस, कुल 2.8 करोड़ परिवारों को मिला फायदा, 15 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा रोजगार देने का यह नया रिकॉर्ड
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उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कार्यदिवस पैदा हुए
लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा प्रवासी कामगार इन्हीं राज्यों में लौटे हैं
ज्यादा रोजगार के लिए मनरेगा को 40 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त मिले हैं
दैनिक भास्कर
Jun 08, 2020, 03:32 PM IST
नई दिल्ली. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-1 सरकार में लॉन्च की गई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)…
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teluguidol · 5 years ago
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Chemical Spray on Migrant Laborers at Delhi .. వలస కూలీలపై దుర్మార్గాలు .. కెమికల్ స్ప్రే .. ఢిల్లీలో దారుణం.
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Chemical Spray on Migrant Laborers at Delhi .. వలస కూలీలపై దుర్మార్గాలు .. కెమికల్ స్ప్రే .. ఢిల్లీలో దారుణం. వలస కూలీలపై దుర్మార్గాలు .. కెమిలక్ స్ప్రే .. ఢిల్లీలో దారుణం. తాజగాగా దేశరాజధాని ఢిల్లీలోనే ఈసారి దారుణం జరిగింది. పొట్టచేతబట్టుకుని నగారాలకు వెళ్లి, లాక్ డౌన్‌లో బతుకు భారమై ఇళ్లకు చేరుతున్న వలస కూలీలపై దుర్మార్గాలకు తెరపడ్డం లేదు. కోర్టులు తీవ్ర ఆగ్రహం వ్యక్తం చేస్తున్నా దేశంలో ఎక్కడో ఒక చోట వారిపై ప్రమాదకర మందులను స్ప్రే చేస్తూనే ఉన్నారు. శ్రామిక్‌ రైలులో వచ్చిన వలస కూలీలు కరోనా పరీక్షల కోసం లజ్‌పత్‌ నగర్‌ స్కూలు వద్దకు చేరుకున్నారు. వారిని చూడగానే మునిసిపల్ సిబ్బంది, నేరస్తున్నట్లు కెమికల్ స్ప్రే చేశారు. పోలీసులు కూడా ఆ చోద్యాన్ని చూస్తుండిపోయారు. ఈ వీడియో బయటికి రావ��ంతో తీవ్ర విమర్శలు వస్తున్నాయి. రసాయన పిచికారీ వల్ల శ్వాసకోశాలు దెబ్బతిని, చర్మవ్యాధులు వస్తాయని వైద్యులు కూడా హెచ్చరిస్తున్నారు. దీంతో ఢిల్లీ అధికారులు వెర్రి వివరణలు ఇస్తున్నారు. పైపులు లోపాల వల్ల కూలీలపైకి తిరిగాయని చెబుతున్నారు. మునిసిపల్ సిబ్బంది ఉద్దేశపూర్వకంగానే కూలీలపై స్ర్ర్పే చేస్తున్నట్టు స్పష్టంగా కనిపించడంతో మాట మార్చి తమ వాళ్లు పొరపాటు చేశారని అంటున్నారు. Chemical Spray on Migrant Laborers at Delhi .. వలస కూలీలపై దుర్మార్గాలు .. కెమికల్ స్ప్రే .. ఢిల్లీలో దారుణం. Read the full article
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newswave-kota · 5 years ago
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संकट में हजारों प्रवासी श्रमिकों का सहारा बनी राज्य सरकार
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आ अब लौट चलें.. मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को हल करने में जुटा जिला प्रशासन हरिओमसिंह गुर्जर न्यूजवेव @ कोटा  कोटा शहर के विकास में नींव की ईंट बनकर कई सालों से पसीना बहाने वाले हजारों श्रमिक परिवारों के घर-आंगन में कोरोना के लॉकडाउन से सन्नाटा छा गया है। हजारों प्रवासी मजदूर थक हार कर अपने घरों को लौटने की बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ऐसे हालात में कोटा जिला प्रशासन ने संवेदनशीलता के साथ कोरोना वाररूम बनाया, जहां तैनात अफसर लगातार तीन पारियों में घरों के लिये पंजीयन कराने वाले प्रवासी श्रमिकों से फोन पर जानकारी लेने में जुटे हैं।
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इन दिनों कई श्रमिक पैदल चलकर अपने गांव लौट चुके हैं तो कोई जतन करते हुए जैसे-तैसे गंतव्य के रास्ते नाप रहे हैं। किसी की आंखों में सरकार के इंतजामों की आस है तो कोई दर-दर ठोकरें खाने के बाद कोटा में ही रूकना चाहते है। अधिकारियों को मिल रहे फीडबेक में श्रमिको के संघर्ष की दास्तां उजागर हो रही है।
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में जयपुर सहित सभी जिलों में बैठे आला अधिकार�� श्रमिकों के सकुशल घरों तक वापसी करने अथवा स्थानीय स्तर पर फिर से उनका रोजगार शुरू कर जीवन को पटरी पर लाने के प्रयास में जुटे हैं। प्रवासी श्रमिकों के लिए जिला मुख्यालय व ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी स्कूलों या राजकीय भवनों में कोरेंटाइन सेन्टर बनाये गये है। जहां श्रमिकों को भोजन, पानी व मूलभूत सुविधायें दी जा रही हैं। संकट की इस घडी में राज्य सरकार सहारा बनकर उनके साथ खड़ी है। सब कुछ उजड़ गया, अब घर जाकर खेती करेंगे 10 सालों से विज्ञान नगर के एक होटल में खाना बनाने वाले 28 वर्षीय शिवा रोजगार छिन जाने से कोटा को अलविदा कहना चाहता है। पत्नी राधा के साथ 5 वर्षीय बेटी वैष्णवी को स्कूल भेजते समय उसने सपने देखे थे। हर माह 10-12 हजार रू की आमदनी से बेटे वंश की परवरिश अच्छी हो रही थी। लेकिन अचानक लॉकडाउन से रोजगार बंद हो गया, जमा पंूजी परिवार को पालने में खर्च हो गई। शिवा ने कहा, ’जीवन में बहुत उतार-चढाव देखे लेकिन कोटा में रोजी-रोटी की समस्या नहीं रही। पहली बार वह दुखी मन से कोटा को छोडकर जा रहा है। मध्यप्रदेश के दतिया जिले में सोढाचूंबी गांव में माता पिता के साथ रहकर खेती करेगा।’ .... अब खेतों में मजदूरी करेंगे मप्र के दतिया जिले के सेंगूआ गांव निवासी विमलेश गुर्जर सब्जीमंडी क्षेत्र में 12 साल से खोमचे व गोलगप्पे बेचकर परिवार पाल रहा था। पत्नी नीलू व ढाई वर्षीय बेटे सागर के साथ वह चौथमाता मन्दिर के पास किराये के मकान में रहता था। लॉकडाउन से उसका काम बंद हुआ तो जमा पैसे भी खत्म हो गये। मकान किराया तथा भोजन सामग्री की परेशानी देख उसने कोटा छोड़ने का मन बना लिया है। उसने बताया कि 12 साल से तीन बडे भाइयों के साथ खोमचे व गोल गप्पे के ठेले लगा रहे थे लेकिन लॉकडाउन से सब कुछ उजड़ गया है। सरकार ने घर भेजने की व्यवस्था करके सहारा दिया है। अब गांव में खेतों पर मजदूरी करके परिवार को संभालेंगे। कोटा में  उम्मीदें अभी बाकी हैं गुना जिले के मुकेश लोधा 10 साल से हॉस्टल में कोचिंग विद्यार्थियों के लिए भोजन बनाता है। पिछले दो माह से लॉकडाउन के कारण उसकी आमदनी बंद हो गयी। लेेकिन उसने हार नहीं मानी है। वह कोटा में रहकर फिर से पुराने दिन वापस लौटने का इंतजार करेगा। तब तक कोई द���सरा काम करके परिवार का पेट भर लेगा। Read the full article
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rnewsworld · 5 years ago
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पैदल लौट रहे प्रवासी मजदूरों को टेंपों में लिफ्ट लेना महंगा पड़ा,टेंपो टैंकर से टकराया,15 प्रवासी मजदूर जख्मी, दो गंभीर जी��मसीएच-32 रेफर
पैदल लौट रहे प्रवासी मजदूरों को टेंपों में लिफ्ट लेना महंगा पड़ा,टेंपो टैंकर से टकराया,15 प्रवासी मजदूर जख्मी, दो गंभीर जीएमसीएच-32 रेफर
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कंगाली में आटा गीला की कहावत प्रवासी मजदूरों के साथ हुई सच, जाना था यूपी,चोटिल होकर वापिस लौटे मजदूर
मोहाली जिले के सोहाना क्षेत्र और चंडीगढ़ के नजदीक से कुछ मजदूर समान उठाए हुए पैदल ही उत्तर प्रदेश में घरों को लौट रहे थे
दैनिक भास्कर
May 12, 2020, 06:53 PM IST
डेराबस्सी.
(मनोज राजपूत).कंगाली में आटा गीला होने की कहावत प्रवासी मजदूरों के साथ सच हुई है।भूख प्यास से बेहाल ये मजदूर पैदल…
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the24times · 4 years ago
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बिहार में पहले चरण के लिए आज वोटिंग हो रही है। वोटिंग के बीच बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने बिहार की जनता के लिए खास ट्वीट किया है। सोनू सूद ने बिहार के लोगों को सोच समझकर मतदान करने की अपील की है। एक्टर ने अपनी ट्वीट में बिहार से पलायन का मुद्दा भी उठाया। सोनू ने ट्वीट किया कि जिस दिन हमारे बिहारी भाइयों को घर छोड़ कर दूसरे राज्य नहीं जाना पड़ेगा। जिस दिन दूसरे राज्य के लोग बिहार में काम ढूंढने आएंगे। उस दिन देश की जीत होगी। वोट के लिए बटन उंगली से नहीं, दिमाग से लगाना। #Biharassemblyelection #voting #actorSonuSood #tweet #coronavirus #lockdown #migrantlaborers #The24Times — view on Instagram https://ift.tt/2TxQfeQ
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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सोनू सूद को रोजाना मदद के लिए आते हैं हजारों मैसेज, पहली बार एक्टर ने शेयर किए आंकड़े
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चैतन्य भारत न्यूज कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में गरीबों के मसीहा बने एक्टर सोनू सूद के पास अब भी मदद के लिए लोगों के संदेश आ रहे हैं। शुरुआत में सोनी ने अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने में मदद की थी। अब सोनू देश ही नहीं बसोनू सूद को रोजाना मदद के लिए आते हैं हजारों मैसेज, पहली बार एक्टर ने शेयर किए आंकड़ेल्कि विदेशों तक में फंसे हुए या मजबूर लोगों के लिए मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। 1137. mails. 19000. fb messages 4812. Insta messages 6741. twitter messages. Today’s HELP messages. On an average these are the number of requests I get for HELP. It is humanly impossible to reach out to everyone. I still try my best. Apologies if I missed your message🙏 — sonu sood (@SonuSood) August 20, 2020 सोनू से रोजाना कितने लोग मदद मांग रहे हैं इसका ब्यौरा एक्टर ने गुरुवार को अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए शेयर किया। सोनू ने जो आंकड़े शेयर किए वह हैरान करने वाले हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि- '1137 मेल, 19000 फेसबुक मैसेज, 4812 इंस्टा मैसेज और 6741 ट्विटर मैसेज। ये आज के हेल्प मैसेज हैं। एवरेज आंकडे़ देखे तो करीब इतनी रिक्वेस्ट मुझे रोज मदद के लिए मिलती हैं। एक इंसान होने के तौर पर ये असंभव है कि आप इनमें हर किसी तक पहुंच पाएं। लेकिन फिर भी मैं अपनी पूरी कोशिश करता हूं।' जल्द आएगी सोनू सूद की किताब सोनू ने अपने मैसेज के आखिरी में लिखा है कि मैं माफी चाहता हूं अगर मैंने आपका मैसेज मिस कर दिया तो। बता दें कि सोनू सूद ने लॉकडाउन के दौरान बेहिसाब प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम किया था। इस पर वह एक किताब भी लिख रहे हैं जो कि जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी। ये भी पढ़े... जन्मदिन विशेष: गरीबों के मसीहा सोनू सूद ने इस वजह से 10 साल से नहीं मनाया अपना जन्मदिन रियल हीरो सोनू सूद ने अब तक 12 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया घर, किसी ने की मुख्यमंत्री बनाने की तो किसी ने पद्मभूषण देने की मांग   Read the full article
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headlinehindi · 4 years ago
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श्रमिक बंधू ऐप हुआ लॉन्च, दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार के लिए मिलेगी मदद कोरोनावायरस महामारी की वजह से करोड़ों लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है| #covid19 #lockdown #shramikbandhu #migrantlaborers http://www.headlinehindi.com/national-hindi-news/shramik-bandhu-app-launched-migrants-to-get-help-for-employment/?feed_id=9401&_unique_id=5f61a0b054d6d
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keepthecupclean · 3 years ago
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headlinemarathi · 4 years ago
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पावसाळी अधिवेशन: लॉकडाउनदरम्यान किती मजुरांचा झाला मृत्यू?; सरकार म्हणालं…माहिती नाही! लोकसभेत विरोधी पक्षाने केंद्र सरकारकडे विचारणा केली | #loksabha #MigrantLaborers #Lockdown http://www.headlinemarathi.com/national-marathi-news/how-many-migrant-laborers-lost-their-lives-in-lockdown/?feed_id=10247&_unique_id=5f5f54ef2ccaa
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sanjeevnitodaydotcom · 4 years ago
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newsmetertelugu-blog · 5 years ago
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ఘోర రోడ్డు ప్రమాదం.. 12 మంది వలస కూలీలు మృతి.. 22 మంది తీవ్ర గాయాలు #napalroadaccident #polcecase #migrantlaborers #napal #migrantworkers #dailywageworkers #indian #accident #roadaccident #up #uttarpradesh https://telugu.newsmeter.in/napal-road-accident/?feed_id=35271&_unique_id=5ed4f933391df
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