#COVID-19 प्रभाव
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वेलबिंग इन स्कूल्स स्पॉटलाइट 2024 के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर हंड्रेड द्वारा सम्मानित हुए बागपत के अमन
बागपत के युवा अमन कुमार को फिनलैंड के हंड्रेड संस्थान द्वारा “वेलबिंग इन स्कूल्स स्पॉटलाइट 2024” में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। इसका उद्देश्य स्कूलों में विद्यार्थियों की भलाई को बढ़ावा देने वाले प्रभावी और स्केलेबल नवाचारों की पहचान करना है, जिसमें अमन ने हंड्रेड के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य के रूप में नवाचारों की समीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए…
#Aman Kumar from Bagpat#Effective and scalable innovations#How innovations are identified#How to bring positive change in education#Impact of COVID-19 on global health#Integration of student wellbeing in educational structures#Member of HundrED Advisory Board#Need for wellness programs#Objective of HundrED#Process of selecting innovations#Role of HundrED in student wellbeing#What is HundrED#What is Wellbeing in Schools Spotlight#Why Aman Kumar is awarded#अमन कुमार को क्यों सम्मानित किया गया#चयनित नवाचारों की प्रक्रिया#नवाचारों की पहचान कैसे की गई#प्रभावी और स्केलेबल नवाचार#बागपत के अमन कुमार#विद्यार्थियों की भलाई में हंड्रेड की भूमिका#वेलनेस कार्यक्रमों की आवश्यकता#वेलबिंग इन स्कूल्स स्पॉटलाइट क्या है#वैश्विक स्वास्थ्य पर कोविड-19 का प्रभाव#शिक्षा में सकारात्मक बदलाव कैसे लाए#शैक्षिक संरचनाओं में विद्यार्थियों की भलाई का एकीकरण#हंड्रेड का उद्देश्य#हंड्रेड के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य#हंड्रेड क्या है
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PMGKAY | PMGKAY Extension 2023 | पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना सम्पूर्ण जानकारी
PMGKAY क्या है पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, जो 1 जनवरी से 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देगी? Introduction of PMKGAY क्या है PMGKAY योजना? प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई एक विशेष योजना है, जिसे COVID-19 महामारी के दौरान देश के गरीब और वंचित वर्ग के लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना के तहत, सरकार ने 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराया, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज (गेहूं या चावल) मुफ्त में दिया जाता है। इस योजना का उद्देश्य गरीब लोगों को कोरोना संकट के समय में खाद्य सहायता प्रदान करना है। 1 जनवरी से इस योजना को और आगे बढ़ाया गया है, जिससे 81 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत पहले से उपलब्ध अनाज के अतिरिक्त है। PMGKAY के तहत मुफ्त अनाज वितरण का उद्देश्य विशेष रूप से इस महामारी के दौरान आर्थिक रूप से प्रभावित लोगों की मदद करना है। इस योजना को लागू करने के लिए, सरकार ने विशेष बजट आवंटित किया है और खाद्य वितरण सिस्टम को मजबूत किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर लाभार्थियों तक अनाज पहुँचाया जा सके। शुरुआत और इतिहास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत मार्च 2020 में हुई थी, जब COVID-19 महामारी ने विश्वव्यापी रूप से प्रसार पाना शुरू किया। इस महामारी ने भारत में विशेष रूप से आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया, जिससे गरीब और वंचित वर्ग के लोगों पर खाद्य सुरक्षा का संकट गहरा गया। इस योजना के तहत, सरकार ने इन लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। PMGKAY योजना मे 2024 मे किए गए बदलाव केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों (अर्थात अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवार और प्राथमिकता वाले परिवार (पी. एच. एच.) लाभार्थियों) को उनकी पात्रता के अनुसार (अर्थात् प्रति माह प्रति एएवाई परिवार 35 किलोग्राम खाद्यान्न और प्राथमिकता वाले परिवार के मामले में प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न) दिनांक 1 जनवरी, 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराना जारी रखने का निर्णय लिया है। यह निर्णय लाभार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, साथ ही NFSA 2013 के प्रावधानों को मजबूत करते हुए गरीबों की खाद्यान्न तक पहुंच, वहनीयता और उपलब्धता के संदर्भ में सभी राज्यों में एकरूपता बनाए रखने के लिए। भारत सरकार द्वारा वयस्क परिवारों, पीएचएच लाभार्थियों, अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों और टाइड ओवर को खाद्यान्न वितरण के लिए वार्षिक 2.13 लाख करोड़ रुपए की खाद्य सब्सिडी दी जाती है। आर्थिक लागत में वृद्धि को देखते हुए, अगले पांच वर्षों में केंद्र सरकार PMGKAY के तहत खाद्य सब्सिडी के रूप में लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। 1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए PMGKAY के तहत निःशुल्क खाद्यान्न का प्रावधान राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के समाधान के लिए सरकार की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और दृष्टिकोण को दर्शाता है। निःशुल्क खाद्यान्न के प्रावधान, लाभार्थियों के लिए शून्य लागत के साथ दीर्घकालिक मूल्य निर्धारण कार्यनीति सुनिश्चित करेंगे, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी पहुंच के लिए महत्वपूर्ण हैं, साथ ही समाज के प्रभावित वर्ग के लिए आर्थिक चुनौती को कम करेंगे। केंद्र सरकार ने पहले ही पीएमजीकेएवाई के तहत लाभार्थियों (एएवाई परिवारों और पीएचएच लाभार्थियों) को एक वर्ष के लिए खाद्यान्न मुफ्त देने का फैसला किया था. 1 जनवरी 2023 से। PMGKAY योजना का उद्देश्य Objective of PMGKAY Scheme PMGKAY योजना, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से ��ाना जाता है, का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को महत्वपूर्ण समय में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत, सरकार राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराती है, जिससे वे अपने परिवार का पेट भर सकें और भूखमरी की समस्या से निपट सकें। यह योजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही है दुनिया भर में फैले COVID-19 महामारी के दौरान, जब आर्थिक गतिविधियाँ धीमी पड़ गईं और बहुत से लोगों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। योजना के कुछ मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं: - भूखमरी और कुपोषण से लड़ना: गरीब परिवारों को मुफ्त में अनाज प्रदान करके, यह योजना भूखमरी और कुपोषण की समस्याओं को कम करने में मदद करती है। - आर्थिक सहायता प्रदान करना: यह योजना गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करती है, क्योंकि उन्हें अपनी आय का एक हिस्सा खाद्य सुरक्षा पर खर्च नहीं करना पड़ता है। - सामाजिक समरसता सुनिश्चित करना: योजना के जरिए, सरकार समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता और समानता सुनिश्चित करने का प्रयास करती है, ताकि हर किसी को बुनियादी खाद्य सुरक्षा प्राप्त हो सके। - आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करना: विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों जैसे कि महामारी या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, यह योजना जरूरतमंद लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने का एक माध्यम बन जाती है। - सामाजिक सुरक्षा नेट मजबूत करना: PMGKAY योजना सामाजिक सुरक्षा नेट को मजबूत करने में भी योगदान देती है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों को संकट के समय में सहारा मिल सके। मुफ्त खाद्यान्न: योजना के तहत, लाभार्थियों को प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न (चावल, गेहूं और दाल) दिया जाता है। यह उन्हें भोजन की कमी से बचाने और अपनी बुनियादी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है। वित्तीय बोझ कम करना: मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करके, योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों के वित्तीय बोझ को कम करती है। वे भोजन पर कम पैसे खर्च कर सकते हैं और अपनी आय का उपयोग अन्य आवश्यकताओं जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास के लिए कर सकते हैं। पोषण में सुधार: योजना पौष्टिक भोजन प्रदान करके लोगों के पोषण में सुधार करने में भी मदद करती है। यह कुपोषण को कम करने और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना: योजना किसानों से खाद्यान्न खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है। यह किसानों की आय में वृद्धि करता है और उन्हें अपनी आजीविका को बेहतर बनाने में मदद करता है। इस तरह, PMGKAY योजना न केवल भूखमरी और कुपोषण के खिलाफ एक कदम है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है, जिससे देश के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को महत्वपूर्ण सहायता मिल सके। PMGKAY योजना की विशेषताएं: PMGKAY योजना, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से जाना जाता है, ने भारत में गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए कई लाभ प्रदान किए हैं। इस योजना के माध्यम से, सरकार ने विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान और उसके बाद भी, आर्थिक तंगी और भूखमरी की स्थितियों में राहत पहुँचाने का प्रयास किया है। नीचे PMGKAY योजना के कुछ मुख्य लाभ दिए गए हैं: मुफ्त अनाज वितरण: योजना के तहत, राशन कार्ड धारकों को हर महीने निर्धारित मात्रा में गेहूं, चावल और दालें मुफ्त में प्रदान की जाती हैं, जिससे उनकी बुनियादी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। आर्थिक सहायता: इस योजना से गरीब परिवारों को अपने खर्चों में थोड़ी राहत मिलती है, क्योंकि उन्हें अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा खाद्य सामग्री पर खर्च नहीं करना पड़ता। भूखमरी और कुपोषण में कमी: गरीब और जरूरतमंद लोगों को नियमित रूप से अनाज प्रदान करके, यह योजना भूखमरी और कुपोषण की समस्या को कम करने में मदद करती है। सामाजिक समरसता: PMGKAY योजना समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता बढ़ाती है, जिससे सामाजिक सहयोग और समर्थन की भावना को बल मिलता है। आपदा प्रतिक्रिया: COVID-19 जैसी महामारी और अन्य आपदाओं के दौरान, यह योजना आपातकालीन खाद्य सहायता के रूप में कार्य करती है, जिससे प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मिलती है। खाद्य सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना: इस योजना ने भारत में खाद्य सुरक्षा की स्थिति को मजबूत किया है, जिससे लंबी अवधि में देश की खाद्य संप्रभुता सुनिश्चित होती है। सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करना: PMGKAY योजना ने भारत में सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत किया है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम किया जा सके। व्यापक कवरेज: बड़ी संख्या में गरीब और जरूरतमंद लोगों को कवर करती है। मुफ्त और लक्षित: लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जाता है और योजना लक्षित तरीके से लागू होती है। पोषण में सुधार: पौष्टिक भोजन प्रदान करके लोगों के पोषण को बेहतर बनाती है। स्थिरता: खाद्यान्न का निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: किसानों से खाद्यान्न खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है। पारदर्शिता: योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं, जैसे लाभार्थियों की सूची का सार्वजनिक करना और निगरानी तंत्र स्थापित करना। कुछ अतिरिक्त लाभ एवं विशेषताएं: योजना की शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौरान हुई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया और अब इसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक स्थायी उपाय के रूप में माना जा रहा है। योजना का लाभ उठाने के लिए कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है। केवल राशन कार्ड दिखाकर लाभार्थी मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। योजना ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार किया है। PMGKAY योजना मे लाभार्थी का चयन की प्रक्रिया Selection process of beneficiaries in the PMGKAY scheme. PMGKAY योजना के लाभार्थियों का चयन भारत सरकार द्वारा निर्धारित विशिष्ट मानदंडों के आधार पर किया जाता है। यह चयन प्रक्रिया योजना के उद्देश्य को सुनिश्चित करने और उन लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए बनाई गई है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। निम्नलिखित तरीके से लाभार्थियों का चयन होता है: - राशन कार्ड धारकों का डेटाबेस: PMGKAY योजना के अंतर्गत लाभ पाने वाले व्यक्तियों का चयन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत जारी किए गए राशन कार्ड धारकों के डेटाबेस के आधार पर किया जाता है। - आय और जीवन स्तर के मापदंड: लाभार्थियों का चयन उनकी आय और जीवन स्तर के मापदंडों के आधार पर किया जाता है, जिससे सुनिश्चित हो कि सहायता सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुँचे। - गरीबी रेखा से नीचे (BPL) और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) धारक: इस योजना के लाभार्थी मुख्य रूप से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के परिवार और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के तहत आने वाले सबसे गरीब परिवार होते हैं। - स्थानीय प्रशासन द्वारा सत्यापन: लाभार्थियों की पहचान और चयन में स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वे राशन कार्ड धारकों के डेटा की समीक्षा करते हैं और सत्यापन प्रक्रिया में मदद करते हैं। - आधार सीडिंग: कई राज्यों में, लाभार्थियों के चयन में आधार कार्ड के साथ राशन कार्ड की सीडिंग (लिंकिंग) भी एक महत्वपूर्ण मापदंड है। यह डुप्लिकेसी को रोकता है और योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। - विशेष श्रेणियों का ध्यान: विकलांगता, वृद्धावस्था, और अन्य विशेष श्रेणियों के लोगों को भी इस योजना के तहत प्राथमिकता दी जाती है, ताकि उन्हें अतिरिक्त सहायता मिल सके। - इस योजना के तहत पहले NFSA (National Food Security Act) अंतर्गत आने वाले सभी राशन कार्ड धारक शामिल किए जाते हैं। - इसके अलावा राज्य सरकारें अपने स्तर पर भी गरीब लोगों की पहचान करती हैं और उन्हें इस योजना में शामिल किया जाता है। - मजदूर, बेरोजगार लोगों और वंचित वर्ग के लोगों को भी इस योजना से जोड़ा जाता है। - सामाजिक संगठनों और SHGs की मदद से भी लाभार्थियों की पहचान की जाती है। इस प्रकार, PMGKAY योजना के लाभार्थियों का चयन एक व्यापक और समग्र प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें विभिन्न मापदंडों और सत्यापन प्रक्रियाओं को शामिल किया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि योजना का लाभ सबसे अधिक जरूरतमंद व्यक्तियों तक पहुँचे। PMGKAY योजना के लिए आवेदन कैसे करे (How to apply for the PMGKAY scheme) PMGKAY योजना, यानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया राज्य सरकारों द्वारा संचालित खाद्य और रसद विभाग के माध्यम से की जाती है। यह योजना मुख्य रूप से उन व्यक्तियों के लिए है जिनके पास पहले से ही राशन कार्ड हैं और वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पंजीकृत हैं। PMGKAY योजना में आवेदन करने के लिए दो तरीके हैं। (1.) Online (2.) Offline. यदि आप PMGKAY योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन करें: 1. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए: सबसे पहले आपको अपने राज्य की खाद्य आपूर्ति विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर आपको "PMGKAY" योजना के लिए आवेदन करने का लिंक मिलेगा। लिंक पर क्लिक करने के बाद आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र में आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी, राशन कार्ड का विवरण और परिवार के सदस्यों का विवरण देना होगा। आवेदन पत्र भरने के बाद आपको आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियां अपलोड करनी होगी। सभी जानकारी भरने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद आपको आवेदन पत्र जमा करना होगा। 2. ऑफलाइन: आप अपने नजदीकी राशन दुकान पर जाकर PMGKAY योजना के लिए आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन पत्र भरने के बाद आपको आवश्यक दस्तावेजों की मूल प्रतियां राशन दुकानदार को जमा करनी होगी। राशन दुकानदार आपके आवेदन पत्र की जांच करेगा और यदि सब कुछ सही पाया गया तो आपके आवेदन को स्वीकार कर लिया जाएगा। PMGKAY योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज: राशन कार्ड आधार कार्ड निवास प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो) PMGKAY योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: PMGKAY योजना के लिए आवेदन करने की कोई अंतिम तिथि नहीं है। आप योजना के तहत किसी भी समय आवेदन कर सकते हैं। PMGKAY योजना 31 दिसंबर 2023 तक लागू थी, लेकिन अब इसे 5 सालो के लिए बढ़ा दिया गया है। सरकार योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय ले सकती है। PMGKAY योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए: आप अपने नजदीकी राशन दुकान से संपर्क कर सकते हैं। आप खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) की वेबसाइट https://dfpd.gov.in/ पर जा सकते हैं। आप DFPD के हेल्पलाइन नंबर 1967 पर कॉल कर सकते हैं। यह भी ध्यान दें: PMGKAY योजना के तहत आवेदन करने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा। यदि आपको PMGKAY योजना के तहत आवेदन करने में कोई समस्या आ रही है तो आप DFPD के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं। ध्यान दें कि PMGKAY योजना की आवेदन प्रक्रिया राज्य के अनुसार भिन्न हो सकती है। इसलिए, अद्यतन जानकारी और विशिष्ट निर्देशों के लिए अपने राज्य के खाद्य और रसद विभाग की वेबसाइट पर जाना सबसे अच्छा है। Conclusion/निष्कर्ष:- पीएमजीकेएवाई योजना गरीबी मुक्त और समान समाज बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल गरीबों को किफायती भोजन उपलब्ध कराता है, बल्कि सामाजिक समानता को भी बढ़ावा देता है और भेदभाव को कम करता है। हालाँकि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह सभी आवश्यक परिवारों तक पहुँचे, इस योजना के कार्यान्वयन और निगरानी में सुधार की आवश्यकता है। पीएमजीकेएवाई के साथ, हम सभी के लिए एक स्वस्थ, अधिक समान और प्रगतिशील समाज की दिशा में काम कर सकते हैं। तो आइए अपने राष्ट्र की भलाई के लिए इस महत्वपूर्ण पहल का समर्थन और प्रचार करना जारी रखें। FAQs: 1. पीएमजीकेएवाई योजना क्या है? - पीएमजीकेएवाई योजना भारत सरकार द्वारा मुहिम है, जो कि सस्ते और किफायती खाद्य सुरक्षा के संकल्प के तहत २०१३ में प्रस्तुत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को सस्ते और पौष्टिक भोजन की सुविधा प्रदान करना है। 2. पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत कौन-कौन से लोग हिस्सा ले सकते हैं? - पीएमजीकेएवाई योजना के अंतर्गत, सरकार के निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाले गरीब परिवार, अल्पसंख्यक समुदायों, बिमारिहित महिलाओं, अल्पसंख्यक जनजातियों, बौद्ध मत के पहलुओं से सम्बंधित हर वर्ग की आवासीय निर्माण-सहायता प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं। 3. पीएमजीकेएवाई का सरकार को समर्थन क्यों करना चाहिए? - पीएमजीकेएवाई के माध्यम से सरकार गरीब परिवारों को सस्ते, किफायती और पौष्टिक भोजन की सुविधा प्रदान करने का महत्वपूर्ण प्रस्ताव है। इससे संपूर्ण समाज में गरीबी का स्तर कम होगा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। 4. PMGKAY full form क्या है? - PMGKAY full form-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana). The PMGKAY (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana) scheme is an initiative of the Government of India to provide affordable food to the poor and underprivileged families in India. 5. How can I apply for the PMGKAY scheme? You can apply for the PMGKAY scheme online by visiting your local Panchayat, Municipality, or District Administration office and filling out the necessary forms. You can also visit a government center to apply for the scheme in person. 6. What documents do I need to apply for the PMGKAY scheme? You will need your family's information, income certificate, Aadhar card, and a selfie for the application process. It is important to have all your documents in order before applying. 7. Who is eligible for the PMGKAY scheme? Families with annual income below Rs 1 lakh, widows, senior citizens, and disabled individuals are eligible for this scheme. 8. Can I apply for the PMGKAY scheme multiple times? No, only one member per family can avail the benefits of this scheme. Duplicate applications will be rejected. However, if there are multiple families living in the same house and they have separate ration cards, all of them can apply for PMGKAY separately. 9. How can I check my eligibility for the PMGKAY scheme? You can check your eligibility for the PMGKAY scheme by visiting the government's official website or contacting your local Panchayat, Municipality, or District Administration office. They will provide you with all the necessary information and help you with the application process. Additionally, you can also check if your name is listed under this scheme on your ration card. 10. How can I apply for the PMGKAY scheme? To apply for the PMGKAY scheme, you can visit your nearest Panchayat, Municipality, or District Administration office. They will provide you with an application form that needs to be filled out and submitted along with necessary documents such as Aadhaar card, ration card, and bank account details. 11. Can I change my registered bank account for availing benefits under the PMGKAY scheme? Yes, you can change your registered bank account by visiting the nearest Panchayat, Municipality, or District Administration office and submitting a request for changing the bank account details. However, this process may take some time to reflect in the system and until then, your old bank account will continue to receive the benefits. Read the full article
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Widening income inequality in India and its impact on the rural economy 13 Nov 2023
भारत में, सबसे धनी 1% आबादी देश की कुल आय का लगभग 22% दावा करती है, जबकि निचले 50% को केवल 13% प्राप्त होता है। इसके अलावा, ग्रामीण भारत में आर्थिक मंदी के चिंताजनक संकेत हैं, जिन्हें वित्त मंत्रालय द्वारा अक्टूबर के लिए जारी नवीनतम मासिक आर्थिक रिपोर्ट में हल्के में लिया गया है। वित्त मंत्रालय की सबसे हालिया मासिक आर्थिक रिपोर्ट, जो अक्टूबर में प्रकाशित हुई थी, ने "मजबूत निजी मांग और खपत" के कारण भारत के विकास की संभावनाओं को "मजबूत" बताया। इसने चालू वित्त वर्ष के लिए लगभग 6.5% की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया और जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) संग्रह और रिकॉर्ड-ब्रेकिंग कार बिक्री के संबंध में सकारात्मक समाचार भी बताया।
हालांकि, सतह के नीचे, रिपोर्ट चिंताजनक रुझानों को प्रकट करती है। इस स्पष्ट "विकास" कहानी का एक बड़ा हिस्सा ऊपरी-मध्यम-आय वर्ग और उससे ऊपर के वर्गों द्वारा संचालित किया जा रहा है। ग्रामीण भारत में मंदी के स्पष्ट संकेत हैं, और यहां तक कि शहरी वेतनभोगी कार्यबल के कुछ वर्ग भी आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
भारत की जीडीपी
भारत में चकाचौंधपूर्ण आय असमानता करोड़पतियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि से स्पष्ट है, जिसके 2026 तक दोगुना होने की उम्मीद है। यह ग्रामीण बाजारों में मजदूरी और खपत में ठहराव के साथ हो रहा है। भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने इस मुद्दे को हल करने की तात्कालिकता पर जोर दिया है, जिसमें कहा गया है कि "भारत की जीडीपी अच्छी तरह से बढ़ रही है, लेकिन यह सब शीर्ष पर जा रही है।" विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 दुनिया के सबसे असमान देशों में से एक के रूप में भारत की स्थिति को रेखांकित करती है। यह परेशान करने वाली असमानता धनी और गरीब के बीच आय अंतर में परिलक्षित होती है, जो COVID-19 महामारी के प्रकोप के बाद से काफी बढ़ गया है। रिपोर्ट से पता चलता है कि देश में शीर्ष 10% आय अर्जक वर्तमान में निचले 50% की तुलना में 20 गुना अधिक आय अर्जित करते हैं। इससे भी अधिक परेशान करने वाली बात है कि भारत का सबसे धनी 1% देश की कुल आय का लगभग 22% प्राप्त करता है, जिससे निचले 50% को केवल 13% ही मिल पाता है। ऑटोमोटिव और रियल एस्टेट क्षेत्र महत्वपूर्ण मांग असमानताओं को प्रदर्शित करते हैं। जबकि रिकॉर्ड कार बिक्री हुई है, एक करीबी परीक्षा से पता चलता है कि ये बिक्री मुख्य रूप से एसयूवी और लगभग 10 लाख रुपये और उससे अधिक की कीमत वाली कारों से प्रेरित है। इसके विपरीत, दोपहिया बाजार में बिक्री में समान उछाल नहीं आया है और अभी तक महामारी से पहले के स्तर पर नहीं पहुंच पाया है। दोपहिया बिक्री में ठहराव का सबसे स्पष्ट प्रभाव एंट्री-लेवल मोटरसाइकिल सेगमेंट में देखा जाता है, जो दर्शाता है कि ग्रामीण उपभोक्ता खरीद निर्णय लेने में सतर्क हैं। यही ��्रवृत्ति एंट्री-लेवल हैचबैक कार बाजार में देखी जाती है। Latest News Read Here Read the full article
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जयपुर में रियल एस्टेट मार्केट 2023
2023 में जयपुर में रियल एस्टेट बाजार में हाल के वर्षों में लगातार वृद्धि देखी गई है। शहर की तीव्र आर्थिक और जनसंख्या वृद्धि इसका प्राथमिक कारण है। जयपुर आईटी और सॉफ्टवेयर उद्योगों का केंद्र बन गया है। इसलिए इससे करियर विकल्प बढ़े हैं और तेजी से आर्थिक विकास हुआ है। इससे आवास की मांग बढ़ती है।
शहर की सामाजिक और भौतिक संरचना में महत्वपूर्ण विकास देखा गया है। इसमें मेट्रो प्रणाली और सड़क नेटवर्क शामिल हैं। यह निवासियों और निवेशकों के लिए पारगमन को आरामदायक और आसान बनाता है।
जयपुर के हाउसिंग रियल एस्टेट बाजार में 2021 की पहली छमाही में मध्यम वृद्धि हुई है। और COVID-19 महामारी के दौरान, श्रमिकों की कमी और श्रृंखला में गड़बड़ी के कारण रियल एस्टेट बाजार में कई देरी देखी गई। महामारी ने खरीदारों की इच्छा को अधिक बाहरी स्थान वाले बड़े घरों की ओर स्थानांतरित कर दिया है। इससे विला और रो हाउस की मांग बढ़ गई।
जयपुर में रियल एस्टेट बाजार मूल्य निर्धारण में कुछ बदलाव देखा गया है। 2020 में महामारी के कारण प्रॉपर्टी की कीमतों में थोड़ी कमी आई थी. लेकिन कीमतें स्थिर हो गई हैं और कुछ क्षेत्रों में बढ़ी भी हैं।
शहर के बाहरी इलाकों, जैसे सिरसी रोड, में मांग में वृद्धि देखी गई है। ऐसा उनके आईटी हब के नजदीक होने और अच्छे पारगमन नेटवर्क के कारण है। और इंदिरा नगर जैसे क्षेत्र प्रमुख आवास स्थल बन गए हैं। हाउसिंग प्रोजेक्ट की कीमतें ऊंची हो गई हैं.
जयपुर जैसे शहर में रियल एस्टेट बाजार को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं। 2023 में जयपुर में रियल एस्टेट बाजार पर प्रभाव डालने वाले इनमें से कुछ कारक शामिल हैं:
आर्थिक विकास एक अन्य महत्वपूर्ण कारक है। यह जयपुर में रियल एस्टेट रुझान को संचालित करता है। यह शहर कई सॉफ्टवेयर फर्मों और कॉर्पोरेट उद्योगों के साथ एक आईटी केंद्र है। यह कई कुशल और कामकाजी आबादी को आकर्षित करता है। और इससे आवास, खुदरा और कार्यालय स्थानों की मांग में वृद्धि हुई है।
जयपुर शहर की सामाजिक संरचना उत्कृष्ट है। यह उल्लेखनीय आवास इकाइयों की मेजबानी करता है। इसमें मेट्रो लाइनें, सड़क नेटवर्क और हवाई अड्डे का विस्तार भी शामिल है। यह प्रगति शहर की बढ़ती आबादी के लिए बेहतर रहने की जगह उपलब्ध कराती है।
ब्याज दरें भी बाजार पर प्रभाव डालती हैं, क्योंकि वे खरीदारों और डेवलपर्स के बजट को प्रभावित करती हैं। इससे क्रेडिट लेना महंगा हो जाता है.
कर प्रोत्साहन और सब्सिडी रियल एस्टेट बाजार को प्रभावित करते हैं। जीएसटी और आरईआरए अनुप्रयोग रियल एस्टेट बाजार को भरोसेमंद और अधिक स्थिर बनाते हैं।
जयपुर स्टार्ट-अप हब के लिए भारत के सबसे वांछनीय शहरों में से एक है। यह स्टार्ट-अप्स के साथ-साथ कई वैश्विक फर्मों की मेजबानी करता है, जिनके मुख्य कार्यालय हैं। यह आर्थिक विकास को बढ़ाता है और खुदरा और कार्यालय स्थान की मांग को बढ़ाता है।
हमारी सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर में विदेशी निवेश के कई नियमों में ढील दी है। यह विदेशी निवेशकों को भारतीय रियल एस्टेट में बहुत आसानी से निवेश करने में सक्षम बनाता है।
2023 में जयपुर में रियल एस्टेट बाजार में तेजी से वृद्धि होगी। बेहतर करियर विकल्प और जीवन गुणवत्ता के लिए अधिक लोग शहर की ओर जा रहे हैं।
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जापान के पीएम किशिदा आज इंडिया आएंगे | PM Kishida of Japan is currently in India;
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और जापान की इंडो-पैसिफिक रणनीति और इसकी नई रक्षा स्थिति पर
जापान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मई में हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन और सितंबर में दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए समन्वय योजना सोमवार को जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा की दिल्ली की 24 घंटे की यात्रा के एजेंडे में होगी।
श्री किशिदा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और जापान की इंडो-पैसिफिक रणनीति और इसकी नई रक्षा स्थिति पर एक प्रमुख भाषण भी देंगे, 15 साल से अधिक समय बाद दिवंगत शिंजो आबे ने पहली बार दिल्ली की यात्रा के दौरान इंडो-पैसिफिक सहयोग के बारे में बात की थी। श्री किशिदा और श्री मोदी गौतम बुद्ध के समय की गहरी जड़ों वाले एक पूजनीय वृक्ष के दर्शन करने के लिए दिल्ली के एक पार्क में साथ-साथ चलेंगे।
जी-7 और जी-20 प्रेसीडेंसी के बीच अधिक सहयोग
श्री किशिदा जनवरी से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय नेताओं क�� साथ बैठकों की एक बवंडर होड़ में रहे हैं, जब उन्होंने यू.एस., कनाडा, यू.के., फ्रांस और इटली की यात्रा की, और जी-पर चर्चा करने के लिए इस सप्ताह के अंत में टोक्यो में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ की मेजबानी भी की। सदस्य देशों के साथ 7 एजेंडा। वह जी-7 और जी-20 प्रेसीडेंसी के बीच अधिक सहयोग पर श्री मोदी के साथ काम करने के लिए दिल्ली की छोटी यात्रा करेंगे, और हिरोशिमा जी- के दौरान रूस पर अधिक कठोर भाषा के साथ भारत को बोर्ड पर लाने का एक और प्रयास करने की संभावना है। 7वीं बैठक, जर्मनी में पिछले साल जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने जिस पर हस्ताक्षर नहीं किया था।
“जैसा कि जापान और भारत इस वर्ष क्रमशः जी-7 और जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करते हैं, प्रधान मंत्री किशिदा जी-7 और जी-20 की भूमिकाओं पर श्री मोदी के साथ स्पष्ट चर्चा करने के लिए तत्पर हैं। क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, जलवायु और ऊर्जा, निष्पक्ष और पारदर्शी विकास वित्त जैसी वैश्विक चुनौतियों पर काबू पाने में खेलते हैं, “जापानी प्रधान मंत्री कार्यालय में सार्वजनिक मामलों के कैबिनेट सचिव नोरियुकी शिकाता ने यात्रा के बारे में पूछे जाने पर द हिंदू को बताया।
श्री किशिदा की यात्रा असामान्य है, क्योंकि यह 2006 से भारतीय और जापानी नेताओं द्वारा आयोजित वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन का हिस्सा नहीं है। , ऊर्जा संक्रमण और आर्थिक सुरक्षा, "यूक्रेन युद्ध और COVID-19 महामारी के प्रभाव पर चर्चा का संकेत वार्ता के एजेंडे में थे.......
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Sood Charity Foundation
Sood Charity Foundation
भारत में यहां गरीबी और असमानता समाज में फैली हुई है।कई व्यक्तियों और संगठनों ने कम भाग्यशाली लोगों को सहायता प्रदान करने का बीड़ा उठाया है।ऐसी ही एक संस्था है- 'सूद चैरिटी फाउंडेशन' जिसकी स्थापना अभिनेता सोनू सूद ने की थी। फाउंडेशन ने विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान अपने धर्मार्थ कार्यों के लिए महत्वपूर्ण ध्यान और प्रशंसा प्राप्त की है।इस लेख में हम सूद चैरिटी फाउंडेशन और उसके कार्यों पर करीब से नज़र डालेंगे।
सूद चैरिटी फाउंडेशन की स्थापना
सूद चैरिटी फाउंडेशन की स्थापना 2020 में एक लोकप्रिय भारतीय फिल्म अभिनेता सोनू सूद द्वारा की गई थी।जो कई बॉलीवुड फिल्मों में दिखाई दिए हैं। संगठन का गठन COVID-19 महामारी के जवाब में किया गया था।जिसका पूरे भारत में कई समुदायों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा था। फाउंडेशन का प्राथमिक मिशन जरूरतमंद लोगों को सहायता प्रदान करना है खासकर संकट के समय में।
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Financetime.in वैज्ञानिकों ने ऑटोप्सीज़, हेल्थ न्यूज़, ईटी हेल्थवर्ल्ड में हृदय स्वास्थ्य पर COVID के संभावित दीर्घकालिक प्रभावों का पता लगाया
सैन फ्रांसिस्को: वैज्ञानिकों के एक समूह ने पाया है कि, फेफड़े और श्वसन प्रणाली को प्रभावित करने के अलावा, COVID-19 हृदय रोग के इतिहास वाले रोगियों में भी हृदय स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है। टाइम के अनुसार, कोलंबिया विश्वविद्यालय में फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एंड्रयू मार्क्स और उनके सहयोगियों ने बीमारी से मरने वाले COVID-19 रोगियों के हृदय के ऊतकों में असामान्यताओं का…
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स्वदेश स्किल कार्ड योजना क्या है 2023
स्वदेश स्किल कार्ड योजना क्या है, स्किल कार्ड ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
स्वदेश स्किल कार्ड योजना
स्वदेश स्किल कार्ड योजना कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय,नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की संयुक्त रुप से एक पहल है। स्वदेश स्किल कार्ड को भारत सरकार के द्वारा जारी किया गया है । यह योजना उन सभी प्रवासियों श्रमिकों के लिए शुरू की गयी है। जो कि विदेशों में जॉब कर रहें थे। और जो कोरोना महामारी के कारण अपने देश वापस लौटने के कारण स्वदेश में उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके जिससे उनके लिए स्वदेश स्किल कार्ड जारी किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा स्वदेश स्किल कार्ड जो की राज्य स्तरीय न हो कर देश व्यापी योजना बनाई गयी है। इस कार्ड के अंतर्गत रोजगार प्राप्त करने के लिए आवेदकों को योजना की ऑफिसियल वेबसाइट से अपना Skill Card Application Form भरना होगा। प्रवासियों श्रमिकों को रोजगार पाने के लिए कही और जाने की जरूरत नहीं है। इस पोर्टल पर वह अपने कौशल स्किल के अनुसार रोजगार को प्राप्त कर सकते है। यदि आप इस योजना की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
स्वदेश स्किल कार्ड योजना का उद्देश्य
स्वदेश स्किल कार्ड योजना जारी करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि कोरोना महमारी के कारण सभी देशो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। जिसकी कई नागरिक बेरोजगार हो गए है क्योंकि दुनिया भर में फैले COVID-19 का गंभीर प्रभाव आर्थिक विकास पर पड़ा है। जिसके परिणामस्वरूप हजारों लोगों की नौकरियां छूट गईं थी और वैश्विक स्तर पर सैकड़ों कंपनियां बंद हो गईं थी। इस योजना के अंतर्गत प्रवासी भारतीय नागरिको को जिनके पास कोई रोजगार नहीं है। उन्हें केंद्र सरकार द्वारा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेगे। भारतीय प्रवासी भविष्य में रोजगार के अवसरों के लिए अपना ��ंजीकरण करा सकते हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें भारत और विदेशों में निजी क्षेत्र की कंपनियों से जोड़ने के लिए स्वदेश स्किल योजना के अंतर्गत एक नई पहल शुरू की है जिससे कि ये कंपनियां नौकरी देने के लिए विदेशी नागरिकों से सीधे संपर्क कर सकें। जो लाभार्थी इस योजना के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन करना चाहते है तो वह ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर अपना ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते है।
स्वदेश स्किल कार्ड योजना
स्वदेश स्किल कार्ड योजना के लाभ
- भारतीय प्रवासियों को कार्य अनुभव के आधार पर रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। - स्वदेश स्किल कार्ड आवेदक को उचित रोजगार की सुविधा की प्राप्ति होगी। - इस योजना लाभ सिर्फ भारतीय नागरिक ले सकते है। - इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको कही जाने की जरूरत नहीं है। आप ऑनलाइन अपना आवेदन कर सकते हैं। - इस स्वदेश स्किल कार्ड का लाभ उठाने के लिए प्रवासी भारतीय नागरिको को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। - इस ऑनलाइन आवेदन द्वारा एकत्रित की गई जानकारी को भारतीय और विदेशी कंपनियों के साथ साझा किया जाएगा ताकि कंपनियां नौकरी के लिए नागरिकों से सीधे संपर्क कर सकें। - इस स्वदेश स्किल कार्ड के द्वारा लाभार्थियों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जायेगे। जिनके पास कोई रोजगार नहीं है। - स्वदेश स्किल कार्ड में आवेदक का कार्यक्षेत्र,उसको कितना अनुभव है और उसकी नौकरी का पद क्या है इस प्रकार की जानकारी स्वदेश स्किल कार्ड में होगी। - अगर किसी भी आवेदक को स्वदेश स्किल कार्ड का आवेदन करते समय कोई समस्या हो तो उसके लिए सरकार ने एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है।
स्वदेश स्किल कार्ड योजना की विशेषताएं
- केंद्र सरकार द्वारा स्वदेश स्किल पोर्टल को जारी किया गया है प्रवासी भारतीय नागरिकों का पोर्टल के अंतर्गत डाटा एकत्रित करने के लिये एक ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म जारी किया है। - पोर्टल के माध्यम से नागरिकों का कार्य संबंधी विवरण को ऑनलाइन प्राप्त किया जायेगा। - इस ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म में आवेदक को रोजगार से संबंधी विवरण दर्ज करना होगा जैसे रोज़गार का पद,कार्य के अनुभव की अवधि,रोजगार के प्रकार आदि जानकारी। - स्किल कार्ड पोर्टल के अंतर्गत पंजीकृत सभी नागरिकों को एकत्रित किया जायेगा,जिसके पश्चात उन्हें उनके योग्यता के आधार पर रोजगार उपलब्ध किये जायेंगे। - अगर किसी भी आवेदक को स्वदेश स्किल कार्ड भरते समय कोई समस्या या कोई दुविधा हो तो उसके लिए सरकार ने एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। जहाँ आप इस योजना से संभंधित सभी प्रश्न पूछ सकते हैं।
स्वदेश स्किल कार्ड हेतु ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करें
- स्वदेश स्किल कार्ड एप्लीकेशन फॉर्म भरने ले लिए सबसे पहले स्वदेश स्किल कार्ड की ऑफिशियल वेबसाइट nsdcindia.org/swades पर जाना होगा। - वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज में आपको कौशल कार्ड फॉर्म दिखाई देगा। - इस फॉर्म में पूछे गए सभी जानकारी जैसे आवेदक का नाम संपर्क विवरण,राज्य का नाम,रोजगार देश का प्रवासी, रोजगार का पद,शैक्षणिक योग्यता संबंधी विवरण,पासपोर्ट नंबर,प्रवासी संख्या,जिला ईमेल आईडी,कार्य क्षेत्र,कुल कार्य का अनुभव आदि जानकारी भरनी होगी। - पूरी जानकारी भरने के बाद आपको Submit पर क्लिक करना होगा। - अब आपका स्वदेश स्किल कार्ड में ऑनलाइन पंजीकरण हो जाएगा। स्वदेश स्किल कार्ड ऑफिसियल वेबसाइट nsdcindia.org/swades स्टोल-फ्री नंबर 1800-123-9626 प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना क्या है ��नवान बनने के 10 उपाय बागेश्वर धाम | Dhanwan banne ke 10 Upaay Bageshwar Dham Read the full article
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TUESDAY'S ENERGY MARKET REPORTS WITH CRUDE OIL NEWS HEADLINES : BY STEVE COMMODITY.!!.!!
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Oil prices edged up on Tuesday, supported by a softer dollar and a U.S. plan to restock petroleum reserves, but gains were capped by uncertainty over the impact of rising COVID-19 cases in top oil importer China. नरम डॉलर और पेट्रोलियम भंडार को बहाल करने की अमेरिकी योजना के समर्थन से मंगलवार को तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई, लेकिन शीर्ष तेल आयातक चीन में बढ़ते COVID-19 मामलों के प्रभाव पर अनिश्चितता के कारण लाभ सीमित रहा।
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COVID-19 की उछाल के बीच फॉक्सकॉन iPhone इंडिया का उत्पादन 50 फीसदी घट गया
COVID-19 की उछाल के बीच फॉक्सकॉन iPhone इंडिया का उत्पादन 50 फीसदी घट गया
भारत के एक फॉक्सकॉन कारखाने में Apple iPhone 12 का उत्पादन 50% से अधिक घट गया है क्योंकि COVID -19 से संक्रमित श्रमिकों को अपने पद छोड़ने पड़े हैं, दो सूत्रों ने रायटर को बताया। दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के iPhones में फॉक्सकॉन सुविधा विशेष रूप से भारत के लिए, दुनिया का नंबर 2 स्मार्टफोन बाजार। तमिलनाडु दूसरे कोरोनवायरस वायरस की चपेट में भारत से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है। अधिकारियों…
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#Apple iPhone 12 COVID#Apple iPhone 12 का उत्पादन#COVID 19 दूसरी लहर#covid-19#COVID-19 प्रभाव#iPhone 12 भारत का कारखाना#भारत में COVID लहर#भारत में iPhone 12 का उत्पादन#सेब
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रिकवरी के लिए सहायक पर्यावरणीय निधि, संरचनात्मक रूप से बदलने के लिए स्थानीय इकाई
रिकवरी के लिए सहायक पर्यावरणीय निधि, संरचनात्मक रूप से बदलने के लिए स्थानीय इकाई
मुद्रा आने वाले महीनों में संरचनात्मक परिवर्तनों से गुजर सकती है इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडस्ट्रीज़-रा) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, क्रेडिट मार्केट में निकट अवधि की स्थिति सावधानीपूर्वक आशावादी होगी क्योंकि ब्याज दरें मौजूदा स्तर पर स्थिर रहने की संभावना है और आने वाले महीनों में मुद्रा में संरचनात्मक बदलाव हो सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अल्ट्रा-ढीली मौद्रिक नीति की शर्तों…
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PMGKAY | PMGKAY Extension 2023 | पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना सम्पूर्ण जानकारी
PMGKAY क्या है पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, जो 1 जनवरी से 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देगी? Introduction of PMKGAY क्या है PMGKAY योजना? प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई एक विशेष योजना है, जिसे COVID-19 महामारी के दौरान देश के गरीब और वंचित वर्ग के लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना के तहत, सरकार ने 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराया, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज (गेहूं या चावल) मुफ्त में दिया जाता है। इस योजना का उद्देश्य गरीब लोगों को कोरोना संकट के समय में खाद्य सहायता प्रदान करना है। 1 जनवरी से इस योजना को और आगे बढ़ाया गया है, जिससे 81 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत पहले से उपलब्ध अनाज के अतिरिक्त है। PMGKAY के तहत मुफ्त अनाज वितरण का उद्देश्य विशेष रूप से इस महामारी के दौरान आर्थिक रूप से प्रभावित लोगों की मदद करना है। इस योजना को लागू करने के लिए, सरकार ने विशेष बजट आवंटित किया है और खाद्य वितरण सिस्टम को मजबूत किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर लाभार्थियों तक अनाज पहुँचाया जा सके। शुरुआत और इतिहास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत मार्च 2020 में हुई थी, जब COVID-19 महामारी ने विश्वव्यापी रूप से प्रसार पाना शुरू किया। इस महामारी ने भारत में विशेष रूप से आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया, जिससे गरीब और वंचित वर्ग के लोगों पर खाद्य सुरक्षा का संकट गहरा गया। इस योजना के तहत, सरकार ने इन लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। PMGKAY योजना मे 2024 मे किए गए बदलाव केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों (अर्थात अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवार और प्राथमिकता वाले परिवार (पी. एच. एच.) लाभार्थियों) को उनकी पात्रता के अनुसार (अर्थात् प्रति माह प्रति एएवाई परिवार 35 किलोग्राम खाद्यान्न और प्राथमिकता वाले परिवार के मामले में प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न) दिनांक 1 जनवरी, 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराना जारी रखने का निर्णय लिया है। यह निर्णय लाभार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, साथ ही NFSA 2013 के प्रावधानों को मजबूत करते हुए गरीबों की खाद्यान्न तक पहुंच, वहनीयता और उपलब्धता के संदर्भ में सभी राज्यों में एकरूपता बनाए रखने के लिए। भारत सरकार द्वारा वयस्क परिवारों, पीएचएच लाभार्थियों, अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों और टाइड ओवर को खाद्यान्न वितरण के लिए वार्षिक 2.13 लाख करोड़ रुपए की खाद्य सब्सिडी दी जाती है। आर्थिक लागत में वृद्धि को देखते हुए, अगले पांच वर्षों में केंद्र सरकार PMGKAY के तहत खाद्य सब्सिडी के रूप में लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। 1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए PMGKAY के तहत निःशुल्क खाद्यान्न का प्रावधान राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के समाधान के लिए सरकार की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और दृष्टिकोण को दर्शाता है। निःशुल्क खाद्यान्न के प्रावधान, लाभार्थियों के लिए शून्य लागत के साथ दीर्घकालिक मूल्य निर्धारण कार्यनीति सुनिश्चित करेंगे, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी पहुंच के लिए महत्वपूर्ण हैं, साथ ही समाज के प्रभावित वर्ग के लिए आर्थिक चुनौती को कम करेंगे। केंद्र सरकार ने पहले ही पीएमजीकेएवाई के तहत लाभार्थियों (एएवाई परिवारों और पीएचएच लाभार्थियों) को एक वर्ष के लिए खाद्यान्न मुफ्त देने का फैसला किया था. 1 जनवरी 2023 से। PMGKAY योजना का उद्देश्य Objective of PMGKAY Scheme PMGKAY योजना, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से जाना जाता है, का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को महत्वपूर्ण समय में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत, सरकार राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराती है, जिससे वे अपने परिवार का पेट भर सकें और भूखमरी की समस्या से निपट सकें। यह योजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही है दुनिया भर में फैले COVID-19 महामारी के दौरान, जब आर्थिक गतिविधियाँ धीमी पड़ गईं और बहुत से लोगों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। योजना के कुछ मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं: - भूखमरी और कुपोषण से लड़ना: गरीब परिवारों को मुफ्त में अनाज प्रदान करके, यह योजना भूखमरी और कुपोषण की समस्याओं को कम करने में मदद करती है। - आर्थिक सहायता प्रदान करना: यह योजना गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करती है, क्योंकि उन्हें अपनी आय का एक हिस्सा खाद्य सुरक्षा पर खर्च नहीं करना पड़ता है। - सामाजिक समरसता सुनिश्चित करना: योजना के जरिए, सरकार समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता और समानता सुनिश्चित करने का प्रयास करती है, ताकि हर किसी को बुनियादी खाद्य सुरक्षा प्राप्त हो सके। - आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करना: विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों जैसे कि महामारी या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, यह योजना जरूरतमंद लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने का एक माध्यम बन जाती है। - सामाजिक सुरक्षा नेट मजबूत करना: PMGKAY योजना सामाजिक सुरक्षा नेट को मजबूत करने में भी योगदान देती है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों को संकट के समय में सहारा मिल सके। मुफ्त खाद्यान्न: योजना के तहत, लाभार्थियों को प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न (चावल, गेहूं और दाल) दिया जाता है। यह उन्हें भोजन की कमी से बचाने और अपनी बुनियादी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है। वित्तीय बोझ कम करना: मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करके, योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों के वित्तीय बोझ को कम करती है। वे भोजन पर कम पैसे खर्च कर सकते हैं और अपनी आय का उपयोग अन्य आवश्यकताओं जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास के लिए कर सकते हैं। पोषण में सुधार: योजना पौष्टिक भोजन प्रदान करके लोगों के पोषण में सुधार करने में भी मदद करती है। यह कुपोषण को कम करने और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना: योजना किसानों से खाद्यान्न खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है। यह किसानों की आय में वृद्धि करता है और उन्हें अपनी आजीविका को बेहतर बनाने में मदद करता है। इस तरह, PMGKAY योजना न केवल भूखमरी और कुपोषण के खिलाफ एक कदम है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है, जिससे देश के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को महत्वपूर्ण सहायता मिल सके। PMGKAY योजना की विशेषताएं: PMGKAY योजना, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से जाना जाता है, ने भारत में गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए कई लाभ प्रदान किए हैं। इस योजना के माध्यम से, सरकार ने विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान और उसके बाद भी, आर्थिक तंगी और भूखमरी की स्थितियों में राहत पहुँचाने का प्रयास किया है। नीचे PMGKAY योजना के कुछ मुख्य लाभ दिए गए हैं: मुफ्त अनाज वितरण: योजना के तहत, राशन कार्ड धारकों को हर महीने निर्धारित मात्रा में गेहूं, चावल और दालें मुफ्त में प्रदान की जाती हैं, जिससे उनकी बुनियादी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। आर्थिक सहायता: इस योजना से गरीब परिवारों को अपने खर्चों में थोड़ी राहत मिलती है, क्योंकि उन्हें अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा खाद्य सामग्री पर खर्च नहीं करना पड़ता। भूखमरी और कुपोषण में कमी: गरीब और जरूरतमंद लोगों को नियमित रूप से अनाज प्रदान करके, यह योजना भूखमरी और कुपोषण की समस्या को कम करने में मदद करती है। सामाजिक समरसता: PMGKAY योजना समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता बढ़ाती है, जिससे सामाजिक सहयोग और समर्थन की भावना को बल मिलता है। आपदा प्रतिक्रिया: COVID-19 जैसी महामारी और अन्य आपदाओं के दौरान, यह योजना आपातकालीन खाद्य सहायता के रूप में कार्य करती है, जिससे प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मिलती है। खाद्य सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना: इस योजना ने भारत में खाद्य सुरक्षा की स्थिति को मजबूत किया है, जिससे लंबी अवधि में देश की खाद्य संप्रभुता सुनिश्चित होती है। सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करना: PMGKAY योजना ने भारत में सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत किया है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम किया जा सके। व्यापक कवरेज: बड़ी संख्या में गरीब और जरूरतमंद लोगों को कवर करती है। मुफ्त और लक्षित: लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जाता है और योजना लक्षित तरीके से लागू होती है। पोषण में सुधार: पौष्टिक भोजन प्रदान करके लोगों के पोषण को बेहतर बनाती है। स्थिरता: खाद्यान्न का निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: किसानों से खाद्यान्न खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है। पारदर्शिता: योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं, जैसे लाभार्थियों की सूची का सार्वजनिक करना और निगरानी तंत्र स्थापित करना। कुछ अतिरिक्त लाभ एवं विशेषताएं: योजना की शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौरान हुई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया और अब इसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक स्थायी उपाय के रूप में माना जा रहा है। योजना का लाभ उठाने के लिए कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है। केवल राशन कार्ड दिखाकर लाभार्थी मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। योजना ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार किया है। PMGKAY योजना मे लाभार्थी का चयन की प्रक्रिया Selection process of beneficiaries in the PMGKAY scheme. PMGKAY योजना के लाभार्थियों का चयन भारत सरकार द्वारा निर्धारित विशिष्ट मानदंडों के आधार पर किया जाता है। यह चयन प्रक्रिया योजना के उद्देश्य को सुनिश्चित करने और उन लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए बनाई गई है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। निम्नलिखित तरीके से लाभार्थियों का चयन होता है: - राशन कार्ड धारकों का डेटाबेस: PMGKAY योजना के अंतर्गत लाभ पाने वाले व्यक्तियों का चयन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत जारी किए गए राशन कार्ड धारकों के डेटाबेस के आधार पर किया जाता है। - आय और जीवन स्तर के मापदंड: लाभार्थियों का चयन उनकी आय और जीवन स्तर के मापदंडों के आधार पर किया जाता है, जिससे सुनिश्चित हो कि सहायता सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुँचे। - गरीबी रेखा से नीचे (BPL) और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) धारक: इस योजना के लाभार्थी मुख्य रूप से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के परिवार और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के तहत आने वाले सबसे गरीब परिवार होते हैं। - स्थानीय प्रशासन द्वारा सत्यापन: लाभार्थियों की पहचान और चयन में स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वे राशन कार्ड धारकों के डेटा की समीक्षा करते हैं और सत्यापन प्रक्रिया में मदद करते हैं। - आधार सीडिंग: कई राज्यों में, लाभार्थियों के चयन में आधार कार्ड के साथ राशन कार्ड की सीडिंग (लिंकिंग) भी एक महत्वपूर्ण मापदंड है। यह डुप्लिकेसी को रोकता है और योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। - विशेष श्रेणियों का ध्यान: विकलांगता, वृद्धावस्था, और अन्य विशेष श्रेणियों के लोगों को भी इस योजना के तहत प्राथमिकता दी जाती है, ताकि उन्हें अतिरिक्त सहायता मिल सके। - इस योजना के तहत पहले NFSA (National Food Security Act) अंतर्गत आने वाले सभी राशन कार्ड धारक शामिल किए जाते हैं। - इसके अलावा राज्य सरकारें अपने स्तर पर भी गरीब लोगों की पहचान करती हैं और उन्हें इस योजना में शामिल किया जाता है। - मजदूर, बेरोजगार लोगों और वंचित वर्ग के लोगों को भी इस योजना से जोड़ा जाता है। - सामाजिक संगठनों और SHGs की मदद से भी लाभार्थियों की पहचान की जाती है। इस प्रकार, PMGKAY योजना के लाभार्थियों का चयन एक व्यापक और समग्र प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें विभिन्न मापदंडों और सत्यापन प्रक्रियाओं को शामिल किया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि योजना का लाभ सबसे अधिक जरूरतमंद व्यक्तियों तक पहुँचे। PMGKAY योजना के लिए आवेदन कैसे करे (How to apply for the PMGKAY scheme) PMGKAY योजना, यानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया राज्य सरकारों द्वारा संचालित खाद्य और रसद विभाग के माध्यम से की जाती है। यह योजना मुख्य रूप से उन व्यक्तियों के लिए है जिनके पास पहले से ही राशन कार्ड हैं और वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पंजीकृत हैं। PMGKAY योजना में आवेदन करने के लिए दो तरीके हैं। (1.) Online (2.) Offline. यदि आप PMGKAY योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन करें: 1. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए: सबसे पहले आपको अपने राज्य की खाद्य आपूर्ति विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर आपको "PMGKAY" योजना के लिए आवेदन करने का लिंक मिलेगा। लिंक पर क्लिक करने के बाद आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र में आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी, राशन कार्ड का विवरण और परिवार के सदस्यों का विवरण देना होगा। आवेदन पत्र भरने के बाद आपको आवश्यक दस्तावेजों की स्कै��� की गई प्रतियां अपलोड करनी होगी। सभी जानकारी भरने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद आपको आवेदन पत्र जमा करना होगा। 2. ऑफलाइन: आप अपने नजदीकी राशन दुकान पर जाकर PMGKAY योजना के लिए आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन पत्र भरने के बाद आपको आवश्यक दस्तावेजों की मूल प्रतियां राशन दुकानदार को जमा करनी होगी। राशन दुकानदार आपके आवेदन पत्र की जांच करेगा और यदि सब कुछ सही पाया गया तो आपके आवेदन को स्वीकार कर लिया जाएगा। PMGKAY योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज: राशन कार्ड आधार कार्ड निवास प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो) PMGKAY योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: PMGKAY योजना के लिए आवेदन करने की कोई अंतिम तिथि नहीं है। आप योजना के तहत कि��ी भी समय आवेदन कर सकते हैं। यह योजना 2024 तक जारी रहने वाली है। PMGKAY योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए: आप अपने नजदीकी राशन दुकान से संपर्क कर सकते हैं। आप खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) की वेबसाइट https://dfpd.gov.in/ पर जा सकते हैं। आप DFPD के हेल्पलाइन नंबर 1967 पर कॉल कर सकते हैं। यह भी ध्यान दें: PMGKAY योजना के तहत आवेदन करने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा। यदि आपको PMGKAY योजना के तहत आवेदन करने में कोई समस्या आ रही है तो आप DFPD के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं। ध्यान दें कि PMGKAY योजना की आवेदन प्रक्रिया राज्य के अनुसार भिन्न हो सकती है। इसलिए, अद्यतन जानकारी और विशिष्ट निर्देशों के लिए अपने राज्य के खाद्य और रसद विभाग की वेबसाइट पर जाना सबसे अच्छा है। Read the full article
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Widening income inequality in India and its impact on the rural economy 13 Nov 2023
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Widening income inequality in India and its impact on the rural economy 13 Nov 2023
भारत में, सबसे धनी 1% आबादी देश की कुल आय का लगभग 22% दावा करती है, जबकि निचले 50% को केवल 13% प्राप्त होता है। इसके अलावा, ग्रामीण भारत में आर्थिक मंदी के चिंताजनक संकेत हैं, जिन्हें वित्त मंत्रालय द्वारा अक्टूबर के लिए जारी नवीनतम मासिक आर्थिक रिपोर्ट में हल्के में लिया गया है।
वित्त मंत्रालय की सबसे हालिया मासिक आर्थिक रिपोर्ट, जो अक्टूबर में प्रकाशित हुई थी, ने “मजबूत निजी मांग और खपत” के कारण भारत के विकास की संभावनाओं को “मजबूत” बताया। इसने चालू वित्त वर्ष के लिए लगभग 6.5% की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया और जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) संग्रह और रिकॉर्ड-ब्रेकिंग कार बिक्री के संबंध में सकारात्मक समाचार भी बताया।
हालांकि, सतह के नीचे, रिपोर्ट चिंताजनक रुझानों को प्रकट करती है। इस स्पष्ट “विकास” कहानी का एक बड़ा हिस्सा ऊपरी-मध्यम-आय वर्ग और उससे ऊपर के वर्गों द्वारा संचालित किया जा रहा है। ग्रामीण भारत में मंदी के स्पष्ट संकेत हैं, और यहां तक कि शहरी वेतनभोगी कार्यबल के कुछ वर्ग भी आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
भारत की जीडीपी
भारत में चकाचौंधपूर्ण आय असमानता करोड़पतियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि से स्पष्ट है, जिसके 2026 तक दोगुना होने की उम्मीद है। यह ग्रामीण बाजारों में मजदूरी और खपत में ठहराव के साथ हो रहा है।
भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने इस मुद्दे को हल करने की तात्कालिकता पर जोर दिया है, जिसमें कहा गया है कि “भारत की जीडीपी अच्छी तरह से बढ़ रही है, लेकिन यह सब शीर्ष पर जा रही है।” विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 दुनिया के सबसे असमान देशों में से एक के रूप में भारत की स्थिति को रेखांकित करती है।
यह परेशान करने वाली असमानता धनी और गरीब के बीच आय अंतर में परिलक्षित होती है, जो COVID-19 महामारी के प्रकोप के बाद से काफी बढ़ गया है। रिपोर्ट से पता चलता है कि देश में शीर्ष 10% आय अर्जक वर्तमान में निचले 50% की तुलना में 20 गुना अधिक आय अर्जित करते हैं। इससे भी अधिक परेशान करने वाली बात है कि भारत का सबसे धनी 1% देश की कुल आय का लगभग 22% प्राप्त करता है, जिससे निचले 50% को केवल 13% ही मिल पाता है।
ऑटोमोटिव और रियल एस्टेट क्षेत्र महत्वपूर्ण मांग असमानताओं को प्रदर्शित करते हैं। जबकि रिकॉर्ड कार बिक्री हुई है, एक करीबी परीक्षा से पता चलता है कि ये बिक्री मुख्य रूप से एसयूवी और लगभग 10 लाख रुपये और उससे अधिक की कीमत वाली कारों से प्रेरित है। इसके विपरीत, दोपहिया बाजार में बिक्री में समान उछाल नहीं आया है और अभी तक महामारी से पहले के स्तर पर नहीं पहुंच पाया है। दोपहिया बिक्री में ठहराव का सबसे स्पष्ट प्रभाव एंट्री-लेवल मोटरसाइकिल सेगमेंट में देखा जाता है, जो दर्शाता है कि ग्रामीण उपभोक्ता खरीद निर्णय लेने में सतर्क हैं।
यही प्रवृत्ति एंट्री-लेवल हैचबैक कार बाजार में देखी जाती है।
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अमेरिकी व्यापार में कमी के कारण निर्यात में 10 साल की कमी आई
अमेरिकी व्यापार में कमी के कारण निर्यात में 10 साल की कमी आई
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यूएस ट्रेड डेफिसिट 16.7 फीसदी उछला
अप्रैल में अमेरिकी व्यापार घाटा बढ़ गया क्योंकि COVID-19 महामारी ने वस्तुओं और सेवाओं के वैश्विक प्रवाह को बढ़ा दिया, जिससे निर्यात 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। वाणिज्य विभाग ने गुरुवार को कहा कि व्यापार घाटा 16.7 प्रतिशत बढ़कर 49.4 अरब डॉलर हो गया। रायटर द्वारा प्रदत्त अर्थशास्त्रियों ने अप्रैल में व्यापार अंतर को बढ़ाकर $ 49.0 बिलियन कर दिया…
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US Trade Deficit Widens As Exports Hit 10-Year Low यूएस ट्रेड डेफिसिट 16.7 फीसदी उछला अप्रैल में अमेरिकी व्यापार घाटा बढ़ गया क्योंकि COVID-19 महामारी ने वस्तुओं और सेवाओं के वैश्विक प्रवाह को बढ़ा दिया, जिससे निर्यात 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। वाणिज्य विभाग ने गुरुवार को कहा कि व्यापार घाटा 16.7 प्रतिशत बढ़कर 49.4 अरब डॉलर हो गया। रायटर द्वारा प्रदत्त अर्थशास्त्रियों ने अप्रैल में व्यापार अंतर को बढ़ाकर $ 49.0 बिलियन कर दिया था। COVID-19 के प्रसार को धीमा करने के लिए वैश्विक लॉकडाउन ने देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही को बुरी तरह से बाधित कर दिया है, जिससे आर्थिक गतिविधि में तेज संकुचन हो रहा है। संयुक्त राज्य में सकल घरेलू उत्पाद में पहली तिमाही में 5.0 प्रतिशत वार्षिक दर से गिरावट आई, 2008 की चौथी तिमाही के बाद से उत्पादन में संकुचन की सबसे तेज गति।
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Financetime.in वैज्ञानिकों ने ऑटोप्सीज़, हेल्थ न्यूज़, ईटी हेल्थवर्ल्ड में हृदय स्वास्थ्य पर COVID के संभावित दीर्घकालिक प्रभावों का पता लगाया
सैन फ्रांसिस्को: वैज्ञानिकों के एक समूह ने पाया है कि, फेफड़े और श्वसन प्रणाली को प्रभावित करने के अलावा, COVID-19 हृदय रोग के इतिहास वाले रोगियों में भी हृदय स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है। टाइम के अनुसार, कोलंबिया विश्वविद्यालय में फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एंड्रयू मार्क्स और उनके सहयोगियों ने बीमारी से मरने वाले COVID-19 रोगियों के हृदय के ऊतकों में असामान्यताओं का…
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