#कोविड-19 महामारी
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Under the able leadership of Prime Minister Narendra Modi, India is emerging as a ray of hope amidst global uncertainty: Colonel Rajyavardhan Rathore
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को डोमिनिका का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान दिए जाने की घोषणा पर कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने दी शुभकामनाएं
डोमिनिका का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान मिलना प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रेरणादायी दूरदर्शी नेतृत्व का प्रतीक : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत आशा की किरण बनकर उभर रहा है : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने गुरुवार को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को कैरेबियाई द्वीप देश डोमिनिका द्वारा अपने देश का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान दिए जाने की घोषणा करने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को एक और अद्वितीय सम्मान। यह भारत क�� लिए गर्व का क्षण है कि Dominica ने अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान The Dominica Award of Honour से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। यह प्रधानमंत्री मोदी जी के लिए 16वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान है, जो उनके प्रेरणादायी दूरदर्शी नेतृत्व का प्रतीक है। हार्दिक शुभकामनाएं मोदी जी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की काफी मदद की थी। मोदी जी के इस योगदान से डोमिनिका और भारत की साझेदारी और मजबूत हुई है। यह पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में स्वास्थ्य, सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन को भी मान्यता देता है। मोदी जी डोमिनिका के सच्चे साथी रहे हैं। माननीय मोदी जी के कुशल नेतृत्व में वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत आशा की किरण बनकर उभर रहा है
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29.01.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्धारा संचालित ‘वस्त्र वितरण अभियान’ के अंतर्गत जनहित में इंदिरा नगर के विभिन्न क्षेत्रों में ट्रस्ट के सूचना, शिक्षा एवं जागरूकता अभियान वाहन के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को उपयोगी वस्त्रों का वितरण किया गया l साथ ही आमजन को कोरोना महामारी की गंभीरता तथा लक्षणों के बारे में जागरूक किया, मास्क जरूर लगाने व सोशल डिस्टेन्सिंग नियमावली का पालन करने तथा कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया गया l
जनहित में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्धारा "वस्त्र वितरण अभियान" विगत दिनांक 31.10.2012 से संचालित किया जा रहा है l इस अभियान के तहत सक्षम एवं संपन्न महानुभाव उपयोगी वस्त्र ट्रस्ट को दान करते हैं l दान किये गए वस्त्रों का परीक्षण करके, उन्हें व्यवस्थित करने के उपरान्त जरूरतमंद लोगों विशेषकर गरीबों में वितरित किया जाता है l
#ClothDistribution
#OldClothDistribution
#Charity
#Help
#clothes
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
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Census 2025: भारत में 2025 में सभी राज्यों में होगा जनगणना, जाने कब और कैसे होगा जनगणना
Census 2025: देश के सभी नागरिकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण सूचना है कि जल्द ही भारत में जनगणना 2025 का कार्य शुरू होने वाला है। कोविड-19 महामारी के कारण देश में जनगणना प्रक्रिया लंबे समय तक टाल दी गई थी, लेकिन अब इसे फिर से शुरू करने की खबर सामने आई है। भारत में पिछली बार जनगणना वर्ष 2011 में करवाई गई थी, और तब से अब तक काफी समय बीत चुका है। जनगणना न केवल देश की जनसंख्या का सटीक आंकड़ा प्रदान करती…
#Census 2024#Census 2025#Census 2025: भारत में 2025 में सभी राज्यों में होगा जनगणना#जाने कब और कैसे होगा जनगणना#भारत में 2025 में सभी राज्यों में होगा जनगणना
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संत रामपाल के बेटे ने बदली दान की परंपरा, जाट महासभा को दिया ऐतिहासिक यो...
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*संत रामपाल जी महाराज जी का समाज सुधार में योगदान* (इसके संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु नीचे दिए गए हैं, कृपया इन बिंदुओं के अनुसार टिप्पणियां अवश्य करें।)
• नशा मुक्त भारत बनाना :- संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनने मात्र से ही आत्मा निर्मल हो जाती है और उनसे नामदिक्षा लेने से मन के सभी विकार दूर हो जाते हैं। इसीलिए उनसे जुड़ने के उपरांत आज लाखों लोगों ने नशा छोड़ा है और सुखमय जीवन व्यतीत कर रहें हैं।
• समाज से दहेज जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म करना:- संत रामपाल जी के अनुयाई मात्र 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) करते हैं जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से किसी भी ��ीज का लेन देन नहीं किया जाता । इसी मुहिम के तहत आज हजारों शादियां हो चुकी हैं जिससे लड़कियों को न तो समाज में बोझ समझा जाता है और कन्या भ्रूण हत्या भी खत्म होती जा रही है।
• युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना :- युवा पीढ़ी जो आज गलत दिशा में जाती जा रही है और अपने मूल उद्देश्य से वंचित रह जाती हैं तो वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी से जुड़े युवा अध्यात्म से जुड़कर सभी विकारों से दूर अपने उद्देश्य को सफल बना रहें हैं।
• भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना :- संत रामपाल जी महाराज का कोई भी शिष्य रिश्वतखोरी और चोरी नहीं करते जिससे कि समाज में भ्रष्टाचार खत्म हो रहा है।
• समय समय पर रक्तदान और देहदान जैसे कार्यक्रम आयोजित करना :- संत रामपाल जी के अनुयाई रक्तदान और देहदान कर मानव समाज की मदद कर रहे हैं।
• सतभक्ति प्रदान करके विश्व को मोक्ष प्रदान करना: ऐसे समाज सुधार के कार्य करने वाले महान तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में लगभग 11 सतलोक आश्रमों में 3 दिवसीय विशाल भंडारा साल में 6 बार करवाते है।
• भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान: भ्रूण हत्या, विशेषकर कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम चलाना।
• अंतरधार्मिक सद्भावना: विभिन्न धर्मों के बीच सद्भावना और एकता को बढ़ावा देना। संत जी ने सभी धर्मग्रंथों के आधार पर एक परमात्मा की ओर ध्यान केंद्रित कर धार्मिक एकता का संदेश दिया।
• प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य
COVID-19 महामारी के दौरान सहायता: कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के चलते हरियाणा राज्य के कई शहरों में मजदूर फंस गए थे। स्थानीय प्रशासन स्थिति को संभालने में असमर्थ हो गया था। तब संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने उन मजदूरों के रहने, भोजन, पानी और अन्य ज़रूरतों का इंतज़ाम संत जी के आश्रम में ही किया। प्रशासन को भी राहत मिली और मजदूरों को उनके घरों तक पहुँचाया गया। रास्ते के लिए भोजन और पानी की बोतलें भी संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने निःशुल्क उपलब्ध करवाईं।
• बाढ़ पीड़ितों को सहायता: 2023 में हरियाणा के 12 जिलों में भयंकर बाढ़ आई थी, जहाँ संत रामपाल जी के शिष्यों ने बाढ़ पीड़ितों को भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री ट्रैक्टरों में ले जाकर प्रदान की। संत जी के शिष्य जहां कहीं भी समाज सेवा का मौका देखते हैं, तुरंत आगे आकर सेवा कार्य में लग जाते हैं।
• रेल हादसे में सहायता: 2 जून 2023 को ओडिशा में भीषण रेल हादसा हुआ, जिसमें करीब 300 लोगों की मौत हो गई और करीब 1000 लोग घायल हो गए। इस दुख की घड़ी में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी मसीहा बनकर आगे आए। 16 जून को ओडिशा के संबलपुर में संत रामपाल जी के अनुयायियों ने 278 यूनिट रक्तदान किया और घायलों की मदद की।
• पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाना जैसे कि पंजाब और मध्यप्रदेश में लाखों पौधे रोपना। इन अभियानों का उद्देश्य पर्यावरण को हरा-भरा रखना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है।
• स्वच्छता अभियान: संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा नियमित रूप से स्वच्छता अभियानों का आयोजन किया जाता है। इन अभियानों का उद्देश्य समाज को स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद वातावरण प्रदान करना है।
• सामाजिक समानता और न्याय
– सामाजिक न्याय का प्रसार: संत रामपाल जी ने समाज में व्याप्त असमानताओं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों को अपने अनुयायियों के बीच फैलाया।
• गरीबों और बेसहारा लोगों की सहायता:
संत रामपाल जी के अनुयायी नियमित रूप से गरीबों और बेसहारा लोगों की सहायता करते हैं। वे भोजन, वस्त्र, और शिक्षा जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काम करते हैं।
• वृद्धों और अनाथों की देखभाल: संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा वृद्धों और अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं, जिससे वे भी समाज में सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन व्यतीत कर सकें।
• आध्यात्मिकता के प्रति जागरूक करना: संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों में शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान और पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की वाणियों से शिक्षा देते हैं, जो व्यक्ति के भीतर बदलाव ला देती है और बुराइयों के प्रति घृणा उत्पन्न करती है।
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मुख्यमंत्री निवास का 16 को, 17 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे कोरोना योद्धा
भोपाल। कोविड 19 आयुष चिकित्सक संघ मध्यप्रदेश द्वारा 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास एवं 17 दिसंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा भोपाल का घेराव किया जाएगा। संघ के प्रदेश संयोजक डॉ.अंकित असाटी ने बताया कि कोविड 19 महामारी के दौरान मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं थी, प्रदेश में चिकित्सकीय मानव संसाधन की कमी थी और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था क ठीक करने एवं मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए…
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जूनियर हॉकी एशिया कप: फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराया, खिताब की हैट्रिक पूरी की
अरिजीत सिंह हुंदल के चार गोल की मदद से गत चैंपियन भारत ने बुधवार को पुरुष जूनियर हॉकी एशिया कप फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 5-3 से हराकर खिताब की हैट्रिक पूरी की। यह भारत का पांचवां खिताब था. इससे पहले उन्होंने 2004, 2008, 2015 और 2023 में भी खिताब पर कब्जा किया था. यह टूर्नामेंट 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण आयोजित नहीं किया गया था। अरिजीत ने चौथे, 18वें और 54वें मिनट में तीन…
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https://www.mangaloremirror.com/%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%85%e0%a4%a1%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%a7-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0/
2020 में, कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य था कि भारत अपनी उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाकर आत्मनिर्भर बने और विदेशी आयात पर अपनी निर्भरता कम करे। मोदी अडानी संबंध इस अभियान के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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Kheti se Kaise Badha Sakate Hain Rojagaar ke Avasar?
खेती भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। देश की अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जहाँ कृषि ही मुख्य आजीविका का साधन है। पिछले कुछ दशकों में खेती और इससे जुड़े क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उभरकर सामने आए हैं। खासकर कोविड-19 महामारी के बाद, कई लोग अपने गांव लौटे और खेती में रोजगार के विकल्प तलाशने लगे। इस लेख में, हम खेती में रोजगार के विभिन्न अवसरों पर विचार करेंगे और समझेंगे कि कैसे ये अवसर न केवल ग्रामीण विकास में योगदान दे सकते हैं, बल्कि युवाओं को भी आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
1. खेती से जुड़ी विविधता और रोजगार के अवसर
खेती का दायरा केवल फसल उगाने तक सीमित नहीं है। आज खेती में विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं, जो किसानों और युवाओं को एक स्थिर आय के साथ नए कौशल भी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती, फूलों की खेती, मत्स्य पालन, और बागवानी जैसे क्षेत्रों में रोजगार के कई विकल्प उभर रहे हैं। इन क्षेत्रों में शुरुआत करने के लिए तकनीकी जानकारी के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का भी सहयोग मिलता है, जो शुरुआती लागत को कम करने में मदद करते हैं।
2. कृषि प्रसंस्करण और खाद्य प्रसंस्करण
कृषि प्रसंस्करण और खाद्य प्रसंस्करण से रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। फसल के बाद की प्रक्रियाएं जैसे धान को चावल में बदलना, गेहूं से आटा बनाना, फल और सब्जियों का संरक्षण, और दूध से दुग्ध उत्पाद बनाना आदि कार्यों के लिए कारखानों की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही है। यह स्थानीय स्तर पर ही रोजगार सृजित करता है। किसान अब अपनी फसल बेचने की बजाय, प्रसंस्करण कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं और साथ ही क्षेत्र में रोजगार भी पैदा कर सकते हैं।
3. एग्रो-टेक्नोलॉजी और डिजिटल खेती
एग्रो-टेक्नोलॉजी का उभरना खेती में एक बड़ी क्रांति ला रहा है। स्मार्टफोन, ड्रोन्स, सैटेलाइट मैपिंग, और सेंसर जैसे उपकरणों का उपयोग करके अब खेती को अधिक सटीक और लाभकारी बनाया जा सकता है। इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें इस तकनीक में दक्षता दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। डिजिटल खेती में जैसे ही लोग शामिल होते हैं, कई रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
4. सरकार की योजनाएँ और रोजगार सृजन
भारत सरकार ने कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं, जैसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को नई तकनीकों से जोड़ना और उनके उत्पादन में वृद्धि करना है। साथ ही, इन योजनाओं के माध्यम से युवाओं को कृषि में रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। विशेष रूप से महिला किसान और छोटे किसानों को वित्तीय सहायता और अनुदान दिया जा रहा है, जिससे वे अपनी कृषि को नए स्तर पर ले जा सकते हैं और स्थायी रोजगार के अवसर बना सकते हैं।
5. डेयरी उद्योग और पशुपालन में रोजगार के अवसर
खेती के साथ-साथ डेयरी और पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की अच्छी संभावनाएँ हैं। गाय, भैंस, बकरी, और मुर्गीपालन जैसे पशुपालन के व्यवसायों में निवेश कर, लोग एक स्थिर और अच्छा आय स्रोत बना सकते हैं। इसके अलावा, दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण, जैसे मक्खन, घी, पनीर आदि बनाने के कारखानों में भी रोजगार के अवसर मौजूद हैं। डेयरी उद्योग में रोजगार के साथ-साथ पोषण और आर्थिक सुरक्षा भी प्राप्त की जा सकती है।
6. कृषि-पर्यटन: एक नया पहलू
कृषि-पर्यटन, जिसे एग्रो-टूरिज्म भी कहा जाता है, खेती में रोजगार का एक अनूठा तरीका है। इसके तहत शहरी क्षेत्रों के लोग गांवों में आकर खेती के अनुभव का आनंद लेते हैं और ग्रामीण जीवनशैली को नज़दीक से देखते हैं। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होती है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होते हैं। स्थानीय हस्तशिल्प, भोजन, और खेती के उत्पादों की बिक्री से किसानों की आय में इजाफा होता है और रोजगार के नये अवसर भी उत्पन्न होते हैं।
7. मशरूम उत्पादन और बागवानी में अवसर
मशरूम उत्पादन एक तेजी से बढ़ता हुआ व्यवसाय है, जिसमें ज्यादा पूंजी की आवश्यकता नहीं होती और यह एक अच्छा रोजगार विकल्प भी है। इसके अलावा, बागवानी, जिसमें फल, सब्जियों और फूलों की खेती शामिल है, रोजगार के नए रास्ते खोल रही है। यह क्षेत्र उन लोगों के लिए अधिक उपयुक्त है, जो छोटी जगह में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं। सरकार भी मशरूम उत्पादन और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण और सब्सिडी उपलब्ध कराती है।
8. खेती में उद्यमिता का उदय
खेती में उद्यमिता का बढ़ता चलन आज के युवाओं के लिए एक आकर्षक अवसर बनता जा रहा है। वे खेती के पारंपरिक तरीकों से हटकर नई तकनीकों और व्यापार मॉडल का प्रयोग कर रहे हैं। कृषि उद्यमिता में युवाओं को अपने कृषि उत्पादों को बेचने के लिए नए रास्ते खोजने होते हैं। इसमें ऑनलाइन मार्केटिंग, वितरण चैनल, और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग कर मुनाफा कमाना भी शामिल है।
9. खेती में कौशल विकास और प्रशिक्षण
खेती में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। सरकार और गैर-सरकारी संगठन युवाओं को खेती से जुड़े विभिन्न कौशल जैसे जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, और बागवानी आदि में प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रम चला रहे हैं। इससे युवाओं में आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ती है और वे कृषि क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं।
10. रोजगार सृजन के लिए कृषि से संबद्ध क्षेत्रों का विकास
कृषि से जुड़े विभिन्न क्षेत्र जैसे कृषि यंत्र, उर्वरक उत्पादन, बीज उत्पादन और वितरण, कृषि परामर्श, और कृषि शिक्षण भी रोजगार के बड़े स्रोत हैं। इन क्षेत्रों में युवा इंजीनियर, वैज्ञानिक, और शिक्षाविद् एक नया करियर बना सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि तकनीकी और परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे किसानों को नए तरीकों के बारे में जानकारी मिलती है और युवा इन सेवाओं के माध्यम से रोजगार पा सकते हैं।
निष्कर्ष
खेती में रोजगार के अवसर एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत देत�� हैं। जहां एक ओर, यह क्षेत्र किसानों को नए तरीके अपनाने का मौका देता है, वहीं दूसरी ओर, युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करता है। खेती में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देकर न केवल ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो सकता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी एक मजबूत आधार मिल सकता है।
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कोविड-19 के बाद तीन साल तक बढ़ा हार्ट अटैक, स्ट्रोक और मौत का खतरा, जानें ब्लड ग्रुप से क्या है कनेक्शन
कोविड-19 के बाद तीन साल तक बढ़ा हार्ट अटैक, स्ट्रोक और मौत का खतरा, जानें ब्लड ग्रुप से क्या है कनेक्शन #Covid #heartattack #stroke #death
COVID-19 Heart Attack: अमेरिका में एक नई रिसर्च में पता चला है कि कोविड-19 संक्रमण से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और मौत का खतरा तीन साल तक बढ़ सकता है। यह खतरा उन लोगों में ज्यादा है जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है। स्टडी में यह भी पाया गया कि महामारी की शुरुआत में जब मूल SARS-CoV-2 स्ट्रेन फैला था, तब यह खतरा और भी ज्यादा था। यह रिसर्च अमेरिका की सबसे बड़ी मेडिकल रिसर्च एजेंसी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ…
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भारतीय शटलर सुहास यथिराज ने रचा इतिहास, हमवतन को हराकर फाइनल में पहुंचे
पेरिस: तोक्यो चरण के रजत पदक विजेता रविवार को हमवतन सुकांत कदम को सीधे गेम में हराकर पुरुष एकल बैडमिंटन एसएल4 फाइनल में पहुंचे और वह पैरालंपिक में लगातार दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बनने के लिए तैयार हैं। 2007 बैच के आईएएस अधिकारी 41 वर्षीय सुहास ने सुकांत को 21-17, 21-12 से हराकर एक बार फिर पैरालंपिक के फाइनल में जगह बनाई। कोविड-19 महामारी के दौरान गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में काम करने वाले सुहास प्रयागराज के डीएम भी थे। फाइनल में अब उनका सामना फ्रांस के लुकास माजुर से होगा जो तीन साल पहले तोक्यो पैरालंपिक के फाइनल में उनसे हारने के बाद बदला चुकता करना चाहेंगे। सुकांत अब कांस्य पदक के लिए खेलेंगे। कंप्यूटर इंजीनियर से आईएएस अधिकारी बने सुहास ने अपने टखने की कमजोरी को बैडमिंटन के प्रति अपने जुनून में कभी बाधा नहीं बनने दिया। वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार के तहत युवा कल्याण और प्रांतीय रक्षक दल के सचिव और महानिदेशक के रूप में तैनात सुहास का प्रशासन से बैडमिंटन कोर्ट तक का सफर उनकी उल्लेखनीय दृढ़ता के बारे में है। अपनी जीत के साथ सुहास पेरिस पैरालंपिक में भारत की स्वर्ण पदक की उम्मीदों को जीवंत रखने वाले नितेश कुमार (एसएल 3) के साथ शामिल हो गए हैं।नितेश कुमार भी फाइनल मेंशीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय पैरा बैडमिंटन नितेश कुमार ने रविवार को पेरिस पैरालंपिक के सेमीफाइनल में जापान के डाइसुके फुजिहारा पर सीधे गेम में शानदार जीत से पुरुष एकल एसएल3 वर्ग के फाइनल में प्रवेश कर पदक सुनिश्चित कर दिया। नितेश (29 वर्ष) ने 48 मिनट तक चले सेमीफाइनल में फुजिहारा पर 21-16 21-12 से जीत के साथ अपना दबदबा दिखाया। 2009 में हुई एक दुर्घटना में उनका पैर स्थायी रूप से विकलांग हो गया था। सेमीफाइनल में अपनी हमवतन से भिड़ेंगी मनीषा रामदासमनीषा रामदास ने एसयू5 वर्ग में महिलाओं के एकल सेमीफाइनल में जगह बनाई जहां उनका सामना हमवतन तुलसीमति मुरुगेसन से होगा जिससे भारत का इस स्पर्धा में पदक पक्का हो गया। मनीषा के दाहिने हाथ में जन्म से ही विकार था। इस 19 वर्षीय खिलाड़ी को क्वार्टर फाइनल में जापान की मामिको टोयोडा को 21- 13 21-16 से हराने में कोई परेशानी नहीं हुई। दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी ने अपनी गैरवरीय प्रतिद्वंद्वी को केवल 30 मिनट में बाहर का रास्ता दिखाया। अंतिम चार में मनीषा का मुकाबला शीर्ष वरीयता प्राप्त तुलसीमति से होगा, जिन्होंने शनिवार को ग्रुप ए में पुर्तगाल की बीट्रिज मोंटेइरो को हराया था। http://dlvr.it/TCgN4R
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कोविड के अल्पकालिक कर्मियों के समायोजन हेतु प्रमुख सचिव चिकित्सा ने दिया आदेश
रिपोर्ट,दिलीप कुमार बस्ती संवाददाता – कोविड 19 (Covid-19) महामारी का नाम सुनते लोगो के जहन में वह मंजर घूमने लगता है जिससे दुनिया में चारो तरफ हाहाकार मच गया था , ऐसे समय में इन्हीं अल्पकालिक कर्मियों ने स्वास्थ्य विभाग का दामन थामकर कोविड जैसी भयानक महामारी समाप्त होने तक अपने जान की परवाह किए बगैर रोगियों की सेवा किया था । मिली जानकारी के अनुसार कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग में तैनात अल्पकालीन…
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डोमिनिका का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान मिलना प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रेरणादायी दूरदर्शी नेतृत्व का प्रतीक : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को डोमिनिका का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान दिए जाने की घोषणा पर कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने दी शुभकामनाएं
डोमिनिका का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान मिलना प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रेरणादायी दूरदर्शी नेतृत्व का प्रतीक : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
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राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने गुरुवार को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को कैरेबियाई द्वीप देश डोमिनिका द्वारा अपने देश का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान दिए जाने की घोषणा करने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को एक और अद्वितीय सम्मान। यह भारत के लिए गर्व का क्षण है कि Dominica ने अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान The Dominica Award of Honour से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। यह प्रधानमंत्री मोदी जी के लिए 16वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान है, जो उनके प्रेरणादायी दूरदर्शी नेतृत्व का प्रतीक है। हार्दिक शुभकामनाएं मोदी जी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की काफी मदद की थी। मोदी जी के इस योगदान से डोमिनिका और भारत की साझेदारी और मजबूत हुई है। यह पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में स्वास्थ्य, सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन को भी मान्यता देता है। मोदी जी डोमिनिका के सच्चे साथी रहे हैं। माननीय मोदी जी के कुशल नेतृत्व में वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत आशा की किरण बनकर उभर रहा है
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महायुति या महा विकास अघाड़ी - महाराष्ट्र में महिला सुरक्षा की तस्वीर अपरिवर्तित
कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में कमी नहीं आई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान, महाराष्ट्र में हर दिन औसतन 109 महिलाएं अत्याचार का शिकार हुईं। दुर्भाग्य से, स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। बदलापुर के एक स्कूल…
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अडानी गोड्डा परियोजना की सफलता का एक प्रमुख पहलू इसका समय पर पूरा होना है। परियोजना को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया गया, जिसमें तीन चरणों में फैली कोविड-19 महामारी की चुनौतियों का सामना करना भी शामिल था। यह समय पर पूरा होना न केवल परियोजना प्रबंधन कौशल का एक वसीयतनामा है, बल्कि यह भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत सहयोग का भी प्रतीक है।
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काशी विश्वनाथ मंदिर में टूटा रिकॉर्ड, 7 साल में चार गुना बढ़ी आय, दान और दर्शनार्थियों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि
2021-22 में केडी धाम के रूप में विकसित काशी विश्वनाथ मंदिर और मंदिर क्षेत्र में दुनिया भर के तीर्थयात्रियों सहित दान में रिकॉर्ड चार गुना वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक केवी धाम की आय चार गुना बढ़ गई है। 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान भक्तों की संख्या में गिरावट आई, लेकिन बाद के वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई। मंदिर की वार्षिक आय पहले 20.14 करोड़ रुपये…
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