कोविड -19 के दौरान सामान्य से अधिक उम्र के अमेरिकी किशोरों का दिमाग: अध्ययन
कोविड -19 के दौरान सामान्य से अधिक उम्र के अमेरिकी किशोरों का दिमाग: अध्ययन
अध्ययन से पता चला है कि उस दौरान किशोरों के दिमाग की उम्र कम से कम तीन साल थी।
विनाशकारी कोविड-19 महामारी का लोगों के जीवन के हर पहलू पर प्रभाव पड़ा है, जिसमें उनके स्वास्थ्य, नौकरी और जीवन के तरीके शामिल हैं। घातक कोरोनावायरस के कारण होने वाले नकारात्मक प्रभावों की सूची को हाल के एक अध्ययन से एक और खतरनाक खोज द्वारा विस्तारित किया गया है।
अध्ययन, गुरुवार को प्रकाशित हुआ जैविक मनोरोग: ग्लोबल ओपन…
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कोविड वायरस 'अधिक संभावना नहीं है, एक शोध से संबंधित घटना का परिणाम': अमेरिकी रिपोर्ट
कोविड वायरस ‘अधिक संभावना नहीं है, एक शोध से संबंधित घटना का परिणाम’: अमेरिकी रिपोर्ट
द्वारा आईएएनएस
वॉशिंगटन: विश्व स्तर पर 65 लाख मौतों और 63 करोड़ मामलों के बाद, स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम और पेंशन (सहायता) पर अमेरिकी सीनेट समिति के अल्पसंख्यक निरीक्षण कर्मचारियों की एक अंतरिम रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि कोविड -19 महामारी “अधिक संभावना थी” नहीं, एक शोध-संबंधी घटना का परिणाम”।
विशेषकर बड़े शहरों में में दिखावटी एवं झूठी जीवन शैलीउसके साथ साझेदारी में प्रोपब्लिकासीनेट…
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कोविड-19 के उछाल के बीच चीन की सीमा को फिर से खोलने पर एयरलाइनों ने गुनगुनी प्रतिक्रिया दी
कोविड-19 के उछाल के बीच चीन की सीमा को फिर से खोलने पर एयरलाइनों ने गुनगुनी प्रतिक्रिया दी
दुनिया की विमान सेवाओं लिए सतर्क रुख अपना रहे हैं चीनफिर से शुरू हो रहा है, अंतरराष्ट्रीय के लिए आंतरिक मन में उठी मांग के बावजूद शेड्यूल को तुरंत बदलने और अन्य मार्गों से विमानों को डायवर्ट करने के लिए अनिच्छुक है यात्रा.
विमानन डेटा प्रदाता सिरियम के अनुसार, जनवरी, फरवरी और मार्च के दौरान चीन में अनुसूचित उड़ानें पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह 2.9% से अधिक नहीं हैं। यह हर महीने 100 से कम…
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बार-बार होने वाले COVID-19 संक्रमण से अंगों के खराब होने, मौत का खतरा बढ़ जाता है: अध्ययन
बार-बार होने वाले COVID-19 संक्रमण से अंगों के खराब होने, मौत का खतरा बढ़ जाता है: अध्ययन
SARS-CoV-2 वायरस से बार-बार संक्रमण से अंग खराब होने और मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है। पुन: संक्रमण की संभावना.
नेचर मेडिसिन जर्नल में गुरुवार को प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, बार-बार होने वाले सीओवीआईडी -19 संक्रमण से कई अंग प्रणालियों में स्वास्थ्य बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
इन परिणामों में अस्पताल में भर्ती होना शामिल है। फेफड़े, हृदय, मस्तिष्क और रक्त, मस्कुलोस्केलेटल और शरीर के जठरांत्र…
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29.01.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्धारा संचालित ‘वस्त्र वितरण अभियान’ के अंतर्गत जनहित में इंदिरा नगर के विभिन्न क्षेत्रों में ट्रस्ट के सूचना, शिक्षा एवं जागरूकता अभियान वाहन के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को उपयोगी वस्त्रों का वितरण किया गया l साथ ही आमजन को कोरोना महामारी की गंभीरता तथा लक्षणों के बारे में जागरूक किया, मास्क जरूर लगाने व सोशल डिस्टेन्सिंग नियमावली का पालन करने तथा कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया गया l
जनहित में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्धारा "वस्त्र वितरण अभियान" विगत दिनांक 31.10.2012 से संचालित किया जा रहा है l इस अभियान के तहत सक्षम एवं संपन्न महानुभाव उपयोगी वस्त्र ट्रस्ट को दान करते हैं l दान किये गए वस्त्रों का परीक्षण करके, उन्हें व्यवस्थित करने के उपरान्त जरूरतमंद लोगों विशेषकर गरीबों में वितरित किया जाता है l
#ClothDistribution
#OldClothDistribution
#Charity
#Help
#clothes
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा दावा, कहा, कोरोना महामारी के दौरान लगाई खराब वैक्सीन के कारण मर रहे लोग
Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान लगाई गई खराब कोविड-19 वैक्सीन के कारण लोग अब भी मर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि वैसे तो एक विशेष वैक्सीन को दुनियाभर में प्रतिबंधित कर दिया गया था, फिर भी भारत में उसकी आपूर्ति की जा रही थी और वह जनता को लगाई जा रही थी।
सोरेन की यह टिप्पणी हाल ही में राज्य में आबकारी कांस्टेबल भर्ती के लिए…
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भारतीय शटलर सुहास यथिराज ने रचा इतिहास, हमवतन को हराकर फाइनल में पहुंचे
पेरिस: तोक्यो चरण के रजत पदक विजेता रविवार को हमवतन सुकांत कदम को सीधे गेम में हराकर पुरुष एकल बैडमिंटन एसएल4 फाइनल में पहुंचे और वह पैरालंपिक में लगातार दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बनने के लिए तैयार हैं। 2007 बैच के आईएएस अधिकारी 41 वर्षीय सुहास ने सुकांत को 21-17, 21-12 से हराकर एक बार फिर पैरालंपिक के फाइनल में जगह बनाई। कोविड-19 महामारी के दौरान गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में काम करने वाले सुहास प्रयागराज के डीएम भी थे। फाइनल में अब उनका सामना फ्रांस के लुकास माजुर से होगा जो तीन साल पहले तोक्यो पैरालंपिक के फाइनल में उनसे हारने के बाद बदला चुकता करना चाहेंगे। सुकांत अब कांस्य पदक के लिए खेलेंगे। कंप्यूटर इंजीनियर से आईएएस अधिकारी बने सुहास ने अपने टखने की कमजोरी को बैडमिंटन के प्रति अपने जुनून में कभी बाधा नहीं बनने दिया। वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार के तहत युवा कल्याण और प्रांतीय रक्षक दल के सचिव और महानिदेशक के रूप में तैनात सुहास का प्रशासन से बैडमिंटन कोर्ट तक का सफर उनकी उल्लेखनीय दृढ़ता के बारे में है। अपनी जीत के साथ सुहास पेरिस पैरालंपिक में भारत की स्वर्ण पदक की उम्मीदों को जीवंत रखने वाले नितेश कुमार (एसएल 3) के साथ शामिल हो गए हैं।नितेश कुमार भी फाइनल मेंशीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय पैरा बैडमिंटन नितेश कुमार ने रविवार को पेरिस पैरालंपिक के सेमीफाइनल में जापान के डाइसुके फुजिहारा पर सीधे गेम में शानदार जीत से पुरुष एकल एसएल3 वर्ग के फाइनल में प्रवेश कर पदक सुनिश्चित कर दिया। नितेश (29 वर्ष) ने 48 मिनट तक चले सेमीफाइनल में फुजिहारा पर 21-16 21-12 से जीत के साथ अपना दबदबा दिखाया। 2009 में हुई एक दुर्घटना में उनका पैर स्थायी रूप से विकलांग हो गया था। सेमीफाइनल में अपनी हमवतन से भिड़ेंगी मनीषा रामदासमनीषा रामदास ने एसयू5 वर्ग में महिलाओं के एकल सेमीफाइनल में जगह बनाई जहां उनका सामना हमवतन तुलसीमति मुरुगेसन से होगा जिससे भारत का इस स्पर्धा में पदक पक्का हो गया। मनीषा के दाहिने हाथ में जन्म से ही विकार था। इस 19 वर्षीय खिलाड़ी को क्वार्टर फाइनल में जापान की मामिको टोयोडा को 21- 13 21-16 से हराने में कोई परेशानी नहीं हुई। दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी ने अपनी गैरवरीय प्रतिद्वंद्वी को केवल 30 मिनट में बाहर का रास्ता दिखाया। अंतिम चार में मनीषा का मुकाबला शीर्ष वरीयता प्राप्त तुलसीमति से होगा, जिन्होंने शनिवार को ग्रुप ए में पुर्तगाल की बीट्रिज मोंटेइरो को हराया था। http://dlvr.it/TCgN4R
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कोविड के अल्पकालिक कर्मियों के समायोजन हेतु प्रमुख सचिव चिकित्सा ने दिया आदेश
रिपोर्ट,दिलीप कुमार
बस्ती संवाददाता – कोविड 19 (Covid-19) महामारी का नाम सुनते लोगो के जहन में वह मंजर घूमने लगता है जिससे दुनिया में चारो तरफ हाहाकार मच गया था , ऐसे समय में इन्हीं अल्पकालिक कर्मियों ने स्वास्थ्य विभाग का दामन थामकर कोविड जैसी भयानक महामारी समाप्त होने तक अपने जान की परवाह किए बगैर रोगियों की सेवा किया था ।
मिली जानकारी के अनुसार कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग में तैनात अल्पकालीन…
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महायुति या महा विकास अघाड़ी - महाराष्ट्र में महिला सुरक्षा की तस्वीर अपरिवर्तित
कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में कमी नहीं आई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान, महाराष्ट्र में हर दिन औसतन 109 महिलाएं अत्याचार का शिकार हुईं। दुर्भाग्य से, स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।
बदलापुर के एक स्कूल…
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अडानी गोड्डा परियोजना की सफलता का एक प्रमुख पहलू इसका समय पर पूरा होना है। परियोजना को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया गया, जिसमें तीन चरणों में फैली कोविड-19 महामारी की चुनौतियों का सामना करना भी शामिल था। यह समय पर पूरा होना न केवल परियोजना प्रबंधन कौशल का एक वसीयतनामा है, बल्कि यह भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत सहयोग का भी प्रतीक है।
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काशी विश्वनाथ मंदिर में टूटा रिकॉर्ड, 7 साल में चार गुना बढ़ी आय, दान और दर्शनार्थियों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि
2021-22 में केडी धाम के रूप में विकसित काशी विश्वनाथ मंदिर और मंदिर क्षेत्र में दुनिया भर के तीर्थयात्रियों सहित दान में रिकॉर्ड चार गुना वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक केवी धाम की आय चार गुना बढ़ गई है। 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान भक्तों की संख्या में गिरावट आई, लेकिन बाद के वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई। मंदिर की वार्षिक आय पहले 20.14 करोड़ रुपये…
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शहर के रूप में बीजिंग में पैनिक-खरीदारी नए संगरोध केंद्र जोड़ती है
शहर के रूप में बीजिंग में पैनिक-खरीदारी नए संगरोध केंद्र जोड़ती है
द्वारा पीटीआई
बीजिंग: चीन की राजधानी के निवासी शुक्रवार को सुपरमार्केट अलमारियों और भारी डिलीवरी ऐप्स को खाली कर रहे थे क्योंकि शहर की सरकार ने COVID-19 संगरोध केंद्रों और फील्ड अस्पतालों के निर्माण में तेजी लाने का आदेश दिया था।
बीजिंग के कम से कम कुछ जिलों में लॉकडाउन की अनिश्चितता और बिखरी, अपुष्ट खबरों ने भोजन और अन्य आपूर्ति की मांग को बढ़ा दिया है, जो शहर में महीनों से नहीं देखा गया…
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2022 के अंत तक तुर्की के अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या पूर्व-महामारी स्तर तक पहुंच सकती है
2022 के अंत तक तुर्की के अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या पूर्व-महामारी स्तर तक पहुंच सकती है
पीटीआई | | ज़राफ़शान शिराज़ो द्वारा पोस्ट किया गयामुंबई
टर्कीजिसने इस साल जनवरी से सितंबर तक 1,55,000 भारतीय आगंतुकों की मेजबानी की, समग्र अंतरराष्ट्रीय की अपेक्षा करता है पर्यटक इस साल के अंत तक 2019 के स्तर तक पहुंचने के लिए फुटफॉल, तुर्की पर्यटन ने सोमवार को कहा।
तुर्की पर्यटन ने एक ब��ान में कहा, कोविड -19 महामारी से पहले 2019 में 2,30,000 से अधिक भारतीय पर्यटकों ने तुर्की का दौरा किया, जिसके…
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PMGKAY | PMGKAY Extension 2023 | पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना सम्पूर्ण जानकारी
PMGKAY क्या है पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, जो 1 जनवरी से 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देगी?
Introduction of PMKGAY क्या है PMGKAY योजना?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई एक विशेष योजना है, जिसे COVID-19 महामारी के दौरान देश के गरीब और वंचित वर्ग के लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना के तहत, सरकार ने 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराया, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज (गेहूं या चावल) मुफ्त में दिया जाता है। इस योजना का उद्देश्य गरीब लोगों को कोरोना संकट के समय में खाद्य सहायता प्रदान करना है।
1 जनवरी से इस योजना को और आगे बढ़ाया गया है, जिससे 81 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत पहले से उपलब्ध अनाज के अतिरिक्त है। PMGKAY के तहत मुफ्त अनाज वितरण का उद्देश्य विशेष रूप से इस महामारी के दौरान आर्थिक रूप से प्रभावित लोगों की मदद करना है। इस योजना को लागू करने के लिए, सरकार ने विशेष बजट आवंटित किया है और खाद्य वितरण सिस्टम को मजबूत किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर लाभार्थियों तक अनाज पहुँचाया जा सके।
शुरुआत और इतिहास
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत मार्च 2020 में हुई थी, जब COVID-19 महामारी ने विश्वव्यापी रूप से प्रसार पाना शुरू किया। इस महामारी ने भारत में विशेष रूप से आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया, जिससे गरीब और वंचित वर्ग के लोगों पर खाद्य सुरक्षा का संकट गहरा गया। इस योजना के तहत, सरकार ने इन लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया।
PMGKAY योजना मे 2024 मे किए गए बदलाव
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों (अर्थात अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवार और प्राथमिकता वाले परिवार (पी. एच. एच.) लाभार्थियों) को उनकी पात्रता के अनुसार (अर्थात् प्रति माह प्रति एएवाई परिवार 35 किलोग्राम खाद्यान्न और प्राथमिकता वाले परिवार के मामले में प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न) दिनांक 1 जनवरी, 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराना जारी रखने का निर्णय लिया है।
यह निर्णय लाभार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, साथ ही NFSA 2013 के प्रावधानों को मजबूत करते हुए गरीबों की खाद्यान्न तक पहुंच, वहनीयता और उपलब्धता के संदर्भ में सभी राज्यों में एकरूपता बनाए रखने के लिए। भारत सरकार द्वारा वयस्क परिवारों, पीएचएच लाभार्थियों, अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों और टाइड ओवर को खाद्यान्न वितरण के लिए वार्षिक 2.13 लाख करोड़ रुपए की खाद्य सब्सिडी दी जाती है। आर्थिक लागत में वृद्धि को देखते हुए, अगले पांच वर्षों में केंद्र सरकार PMGKAY के तहत खाद्य सब्सिडी के रूप में लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए PMGKAY के तहत निःशुल्क खाद्यान्न का प्रावधान राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के समाधान के लिए सरकार की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और दृष्टिकोण को दर्शाता है।
निःशुल्क खाद्यान्न के प्रावधान, लाभार्थियों के लिए शून्य लागत के साथ दीर्घकालिक मूल्य निर्धारण कार्यनीति सुनिश्चित करेंगे, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी पहुंच के लिए महत्वपूर्ण हैं, साथ ही समाज के प्रभावित वर्ग के लिए आर्थिक चुनौती को कम करेंगे।
केंद्र सरकार ने पहले ही पीएमजीकेएवाई के तहत लाभार्थियों (एएवाई परिवारों और पीएचएच लाभार्थियों) को एक वर्ष के लिए खाद्यान्न मुफ्त देने का फैसला किया था. 1 जनवरी 2023 से।
PMGKAY योजना का उद्देश्य:
PMGKAY एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य देश के गरीब वर्ग को मुफ्त राशन उपलब्ध कराना है। इस योजना की शुरुआत मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान की गई थी। PMGKAY का मतलब है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना. यह भारत सरकार की एक योजना है जो गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराती ह���।
योजना के मुख्य उद्देश्य:
मुफ्त खाद्यान्न: योजना के तहत, लाभार्थियों को प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न (चावल, गेहूं और दाल) दिया जाता है। यह उन्हें भोजन की कमी से बचाने और अपनी बुनियादी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है।
वित्तीय बोझ कम करना: मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करके, योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों के वित्तीय बोझ को कम करती है। वे भोजन पर कम पैसे खर्च कर सकते हैं और अपनी आय का उपयोग अन्य आवश्यकताओं जैसे कि शिक्��ा, स्वास्थ्य और आवास के लिए कर सकते हैं।
पोषण में सुधार: योजना पौष्टिक भोजन प्रदान करके लोगों के पोषण में सुधार करने में भी मदद करती है। यह कुपोषण को कम करने और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना: योजना किसानों से खाद्यान्न खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है। यह किसानों की आय में वृद्धि करता है और उन्हें अपनी आजीविका को बेहतर बनाने में मदद करता है।
योजना के तहत लाभ:
प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न: योजना के तहत, प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न मिलता है। यह राशन कार्ड धारकों को उनकी पात्रता के अनुसार दिया जाता है।
खाद्यान्न में चावल, गेहूं और दाल शामिल हैं: योजना के तहत दिए जाने वाले खाद्यान्न में चावल, गेहूं और दाल शामिल हैं। यह सुनिश्चित करता है कि लाभार्थियों को पौष्टिक भोजन मिले।
लाभार्थी राशन कार्ड दिखाकर राशन दुकानों से मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं: लाभार्थी अपने राशन कार्ड दिखाकर राशन दुकानों से मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं।
उदाहरण:
राम एक गरीब किसान है। उसके पास दो बच्चे हैं। कोविड-19 महामारी के कारण, राम की आय कम हो गई और उसके लिए अपने परिवार का भरणपोषण करना मुश्किल हो गया। PMGKAY योजना के तहत, राम को प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न मिलता है। इससे राम को अपने परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था करने में मदद मिलती है।
यह भी ध्यान रखें:
योजना के तहत लाभार्थियों को मिलने वाला खाद्यान्न मुफ्त है
योजना के तहत कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है
यदि कोई भी लाभार्थी से योजना के तहत शुल्क मांगता है, तो लाभार्थी इसकी शिकायत कर सकते हैं।
PMGKAY योजना की विशेषताएं:
व्यापक कवरेज: बड़ी संख्या में गरीब और जरूरतमंद लोगों को कवर करती है।
मुफ्त और लक्षित: लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जाता है और योजना लक्षित तरीके से लागू होती है।
पोषण में सुधार: पौष्टिक भोजन प्रदान करके लोगों के पोषण को बेहतर बनाती है।
स्थिरता: खाद्यान्न का निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करती है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: किसानों से खाद्यान्न खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है।
पारदर्शिता: योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं, जैसे लाभार्थियों की सूची का सार्वजनिक करना और निगरानी तंत्र स्थापित करना।
कुछ अतिरिक्त विशेषताएं:
योजना की शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौरान हुई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया और अब इसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक स्थायी उपाय के रूप में माना जा रहा है।
योजना का लाभ उठाने के लिए कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है। केवल राशन कार्ड दिखाकर लाभार्थी मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं।
योजना ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार किया है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ आलोचनाएं भी हैं, जैसे योजना में भ्रष्टाचार की संभावना और केवल राशन कार्ड धारकों तक पहुंच। हालांकि, सरकार योजना में सुधार करने और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रयास कर रही है।
लाभ:
81 करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त राशन मिलता है
भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित होती है
महामारी से प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता मिलती है
कुपोषण जैसी समस्याओं पर अंकुश लगता है
विशेषताएं:
5 किलो अनाज और 1 किलो दाल प्रति माह का लाभ
राशन कार्ड धारक ही लाभान्वित
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से लाभ उठा सकते हैं
पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित
2026 तक के लिए बढ़ाई गई
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