महाशिवरात्रि का प्रमुख पर्व भारत सहित विश्व भर में बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है! माघ फागुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारम्भ इसी दिन से हुआ!
हर किसी में अपना एक नया संस्करण बनाने की इच्छा होनी चाहिए! इस तरह से हम नए साल का स्वागत कर सकते हैं-खुद को नया बनाकर!हमेशा ताज़ा और आकर्षक बने रहना जरूरी है! जो नवीनता और ताजगी से भरा है वह सबका प्यारा होता है।3
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण! अपने दोनों हाथों को अपने दिल पर रखें और अपने आप से कहें- मैं उससे कहीं ज्यादा हूं जो आंखों को दीखता हूँ! इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं और भी बहुत कुछ बन सकता हूं। बार-बार खुद से इसकी पुष्टि करते रहें।
हमारे देश ( हिन्दू धर्म ) मे पूरे वर्ष विभिन्न अवसरों पर त्योहार मनाए जाते हैं, हर त्योहार अपने मे महत्वपूर्ण है! जाने इसकी महत्ता और लाभ !दीपावली का त्योहार सबसे प्रमुख त्योहारों में एक है! पर यह श्रृंखला करीब दो महीने पहले से ही प्रारंभ हो जाती है!
कहते हैं कि जो परमात्मा से जुड़ गया वो सांसारिक तत्त्वों से मुक्त हो जाता है और एक शांत, सुखी जीवन व्यतीत करता है। गुरु को परमात्मा तक पहुँचने का सेतु कहा जाता है। ऐसा क्यों कहा जाता है और ऐसा करने के लिए किन गुणों से युक्त होना पड़ता है।
अगर आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं, तो प्रकृति के बीच अवश्य जाइए! आपकी सारी निराशा , चिंता, स्वतः दूर होने लगेंगी और आप सकारात्मकता से भर उठेंगे क्योंकि दवा के माध्यम से आपको जो लाभ मिलता है वह स्थायी नहीं होता! #आत्मचिंतन #प्रकृति
जब कोई व्यक्ति साधना के क्षेत्र में उतरता है! तो उसे कुछ विशेष बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए! जिससे वह उस ऊँचाई को प्राप्त कर सके जिसके लिये उसने यह कदम बढ़ाया है! क्योकि बहुत चुने हुए व्यक्ति ही इस ओर आते हैं! , उनकी रुचि जागती है जिन पर प्रभु कृपा होती है!
भक्ति का अर्थ है! प्रभु से निकटता बनाना। यदि हम बाहरी कर्मकांड में ही उलझे रह गये तो भक्ति सफल नहीं हो पाएगी। इसलिए जितनी देर भी भक्ति में बैठो, अपना आपा भुला देना और प्रभु की गोद में बैठा हुआ स्वयं को महसूस करना! आप दो कदम प्रभु की और बढ़ायेंगे, वह चार कदम आगे बढ़कर आपको सँभाल लेंगे!
पूर्वजों के श्राद्ध से अधिक महत्व है अपने जीवित बड़ों के प्रति श्रद्धा!
श्रद्धा पर्व का प्रारंभ सदगुरूदेव ने समाज में सम्मानीय वृद्ध नागरिकों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए किया था जो आज विश्व जागृति मिशन के हर शाखा में अति उत्साह के साथ मनाया जाता है !
ह्रदय से निकले हुए भाव जब प्रभु तक पहुंचते हैं, वही प्रार्थना है । जब भक्त व्याकुल होकर या गदगद भाव से अपने भगवान तक अपनी संवेदनाएं पहुंचाता है : वही प्रार्थना है ! प्रार्थना कोई रटे रटाये शब्द नहीं होते, वह तो ह्रदय के उदगार हैं जो भक्त विह्वल होकर अपने भगवान तक पहुंचाता है ।
हम अपने जीवन को आनंद से भरकर प्रत्येक क्षण उसका भरपूर उपयोग करें ! वसंत ऋतु का आगमन होता है तो जैसे फूलों से डालियां लद जाती हैं ! मधुर वातावरण से प्रकृति का कण कण जैसे आनन्दित हो रहा हो: पूरे पर्यावरण में अलग ही सौंदर्य दृष्टिगत होता है !
सदगुरु परमात्मा के प्रतिनिधि रूप में धरती धाम पर अवतरित हुए हैं! ब्रह्मा, विष्णु, महेश सभी की शक्तियां गुरु के अंदर विद्यमान होती हैं इसलिए गुरु का सानिध्य परम की अनुभूति कराता है! #AtmaChintan #आत्मचिंतन #SudhanshujiMaharaj #Guru #devotion #spiritual #thursdayvibes #God
जब कोई दवा काम न आये तो उस परम शक्तिवान परमात्मा, कृपालुदेव के नाम का ध्यान करना चाहिए! मैडिटेशन (Meditation) कोई क्रिया नही है यह वह रामबाण हैं! जो आपको कितना लाभ पहुंचाता है इसकी आप कल्पना नही कर सकते!