#हरिद्वार महाकुंभ मेला 2021
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की हालत खराब, अस्पताल में भर्ती - अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की हालत खराब, अस्पताल में भर्ती – अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज द्वारा प्रकाशित: विनोद सिंह Updated Sun, 11 Apr 2021 12:25 AM IST ख़बर सुनना ख़बर सुनना अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की शनिवार को तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नरेंद्र गिरि दो दिन से पेट की बीमारी से पीड़ित थे। डिहाइड्रेशन से अत्यधिक कमजोरी महसूस होने पर उन्हें आनन-फानन में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने…
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वृन्दावन कुंभ मेला 2021 : पढ़िए वृन्दावन कुंभ से जुड़ी ख़ास खबरें
वृन्दावन, 9 फरवरी; वृंदावन में होने वाले कुंभ मेला बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने की सम्भावना जताई जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि 16 फरवरी को मुख्यमंत्री द्वारा पताका फहराने के साथ इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत हो सकती है. इसे लेकर प्रशासन तैयारियों को पूरा करने में जुटा हुआ है.
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प्राचीन परंपरा के अनुसार हरिद्वार कुंभ से पहले वृंदावन में कुंभ मेला बैठक का आयोजन होता रहा है. 16 फरवरी से शुरू होने वाले इस धार्मिक आयोजन की तैयारियां चल रही हैं. देशभर से साधु-संत इस कुंभ में शिरकत करेंगे.कुंभ मेला बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन का कार्यक्रम तय मानते हुए व्यवस्थाओं को अंजाम दिया जा रहा है. इसी को दृष्टिगत यहां तैयार हो रहे ब्रह्मऋषि देवरहा बाबा घाट भी तैयार कराया जा रहा है. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे.
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हरिद्वार कुंभ 2021ः कल्पवास में मनुष्य रूप में देवता करते हैं हरि कीर्तन
हरिद्वार कुंभ 2021ः कल्पवास में मनुष्य रूप में देवता करते हैं हरि कीर्तन
पद्म पुराण में महर्षि दत्तात्रेय ने कल्पवास की पूर्ण व्यवस्था का वर्णन किया है। उनके अनुसार कल्पवासियों को इक्कीस नियमों का पालन करना होता है-सत्यवचन, अहिंसा, इन्द्रियों का शमन, सभी प्राणियों पर दया व्यवहार, ब्रह्मचर्य का पालन, व्यसनों का त्याग, सूर्योदय से पूर्व शैय्या-त्याग, नित्य तीन बार सुरसिर-स्नान, और। Source link
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हरिद्वार कुंभ मेला 2021- आखिर कुम्भ मेला क्यों लगता है जानिए इसका इतिहास
हरिद्वार कुंभ मेला 2021- आखिर कुम्भ मेला क्यों लगता है जानिए इसका इतिहास
इस बार हरिद्वार में कुंभ मेला 11 वें वर्ष में … कुंभ पर्व सनातन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुंभ पर्व स्थल प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में स्नान करते हैं। ऐसे में इस बार कुंभ मेला हरिद्वार 2021 (हरिद्वार कुंभ 2021) में लग रहा है। कुंभ / महाकुंभ मेला हर बारह वर्ष बाद लगता है जबकि अर्ध कुंभ मेला हा छह: साल बाद लगता है। पूरे भार वर्ष में कुल चार स्थानों पर कुंभ…
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कुंभ 2021 हरिद्वार टेंट सिटी में बदल गया खूबसूरत नजारा cgpg
कुंभ 2021 हरिद्वार टेंट सिटी में बदल गया खूबसूरत नजारा cgpg
ब���़ी संख्या में संत भी कुंभ शहर में प्रवास करते हैं। हरिद्वार कुंभ मेला 2021 कुंभ (महाकुंभ) के दौरान पहुंचने वाले साधु संतों, पुलिस बल, अर्धसैनिक बलों और अन्य सुरक्षा बलों के ठहरने के लिए टेंट लगाए गए हैं। तब से हरिद्वार टेंट सिटी बन गया है। हल्की हलाल हरिद्वार हरिद्वार शहर (हरिद्वार कुंभ) में इन दिनों नजारा बदल गया है। हजारों बुजुर्ग सुन्नी, पु��िस बल, अर्धसैनिक बल और अन्य सुरक्षा बल हरिद्वार…
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14 लाख थे कुंभ में आज
14 लाख थे कुंभ में आज
महाकुंभ का मुख्य शाही स्नान सफलता पूर्वक सम्पन्न – 13 लाख 50 हजार से अधिक लोगों ने गंगा में लगाई पवित्र डुबकी – पहली बार कुम्भ में एन एस जी की तैनाती – कोरोना को देखते हुए प्रशासन सतर्क, टेस्ट रिपोर्ट न लाने पर सीमा से करीब 56 हजार श्रद्धालु लौटाए गये – हर दिन करीब 50 हजार लोगों के हो रहे हैं कोरोना टेस्ट हरिद्वार 14 अप्रैल 2021 कुम्भ मेला का मुख्य शाही स्नान सकुशल और सुव्यवस्थित तरीके से…
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Mahakumbha 2021 : हरिद्वार महाकुंभ में अब बचे हैं दो और शाही स्नान, 14 अप्रैल और 27 अप्रैल को पवित्र स्नान करने जाने वाले इन बातों का रखें ध्यान, तो नहीं उठानी पड़ेगी परेशानी Divya Sandesh
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Mahakumbha 2021 : हरिद्वार महाकुंभ में अब बचे हैं दो और शाही स्नान, 14 अप्रैल और 27 अप्रैल को पवित्र स्नान करने जाने वाले इन बातों का रखें ध्यान, तो नहीं उठानी पड़ेगी परेशानी
लाइफस्टाइल डेस्क। उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ मेले में आज सोमवती अमावस्या के मौके पर दूसरा ��ाही स्नान आयोजित हुआ। इस दौरान मेला एवं पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था पहले से बेहतर कर दी है। वहीं पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने बताया कि महाकुंभ के स्नान को देखते हुए बाहरी राज्यों से हरिद्वार आने वाले वाहनों के रूट तय कर दिए गए हैं। भारी वाहनों का हरिद्वार में प्रवेश बंद कर दिया गया है तथा विभिन्न प्रांतों से आने वाले वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग एरिया बनाए गए हैं।
हरिद्वारा महाकुंभ में अभी 14 अप्रैल को मेष सक्रांति तथा 27 अप्रैल को पूर्णिमा का शाही स्नान होगा। इन दोनों ही शाही स्नानों पर भी महाकुंभ में श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ उमड़ने वाली है। ऐसे में यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा।
तो आइये जानते हैं महाकुंभ में जाने से पूर्व किन बातों का रखें ध्यान और वहां कैसे पहुंचे?
1. उत्तर प्रदेश मुजफ्फरनगर सहारनपुर से आने वाले वाहन धीरवाली पार्किंग में खड़े किए जाएंगे जबकि बिजनौर वाले इलाकों से आने वाले वाहन गौरीशंकर पार्किंग में खड़े किए जाएंगे। गढ़वाल से आने वाले वाहन उत्तरी हरिद्वार में दूधाधारी पार्किंग में खड़ी किए जाएंगे।
2. बाहर से आने वाली बसों के लिए कई अस्थाई बस स्टैंड भी बनाए गए हैं जिसमें मुख्य रुप से ऋषि कुल में अस्थाई बस स्टैंड बनाया गया है इसके अलावा शहर में आने जाने के लिए शटल सेवा भी शुरू की गई है।
3. मुख्य मार्गों पर सभी प्रकार के वाहन बंद रहेंगे। हर की पौड़ी के दो किलोमीटर के आसपास के क्षेत्र को जीरो जोन घोषित कर दिया गया है वहां केवल पैदल यात्रियों को ही जाने की अनुमति होगी।
4. रेलवे ने भी इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए विशेष ट्रेनें नहीं चलाई है केवल सामान्य ट्रेनें चलेंगी जो हरिद्वार से पहले ज्वालापुर रेलवे स्टेशन पर रुकेगी वहां से यात्रियों को टेंपो और अन्य साधनों से अपने-अपने गंतव्य की ओर जाना होगा।
5. हरिद्वार को कई जोन तथा सेक्टरों में बांटा गया है इस बार मेला प्रशासन की ओर से कई नए घाट वह पुल भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में सभी बॉर्डर पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं जगह-जगह जांच की जा रही है तथा बाहर से आने वाले लोगों की कोविड जांच रिपोर्ट ना होने पर उन्हें लौटाया जा रहा है।
6. जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है ड्रोन कैमरो के जरिए भीड़ एवं यातायात पर निगाह रखी जा रही है साथ ही मेला भवन में कंट्रोल कमा��ड सेंटर बनाया गया है इसके माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा मेले पर भीड़ एवं यातायात नियंत्रण में इसकी मदद ली जा रही है।
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कुम्भ भारत का एक महान धार्मिक स्नान मेला और तीर्थयात्रा क्षेत्र है, जिसे सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन भी कहा जाता है. इस तीर्थयात्रा का आकार, विशेष रूप से तीन मुख्य स्नान पर व्यापक पैमाने पर ध्यान केंद्रित करता है. Read more…….
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Haridwar Kumbh 2021: कुंभ को लेकर संतों की नाराजगी जारी, मेला प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
Haridwar Kumbh 2021: कुंभ को लेकर संतों की नाराजगी जारी, मेला प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
हरिद्वार: हरिद्वार में महाकुंभ को लेकर एक बार फिर संतों की नाराजगी सामने आई है। इस बार यह नाराजगी का की अवधि को लेकर नहीं है बल्कि संतो के टेंट ना लगाए जाने को लेकर है। बैरागी अणि अखाड़े पहले से ही इस बात को लेकर सरकार। Source link
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कुंभ मेला २०२१: ४ नहीं नहीं ६० दिन का विम्ब मेला, ५ दिन पहले कोरोना रिपोर्ट निगेटिव लाने पर कर स्नान
कुंभ मेला २०२१: ४ नहीं नहीं ६० दिन का विम्ब मेला, ५ दिन पहले कोरोना रिपोर्ट निगेटिव लाने पर कर स्नान
डिजिटल डेस्क, हरिद्वार। कोरोनावायरस महामारी के बीच इस साल हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शुक्रवार को मेला नियंत्रण भवन में जन संवाद कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि कुंभ मेला 48 दिन का होगा, लेकिन में बता दूं कि कुंभ 48 नहीं 60 दिन का होगा। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के लिए 28 फरवरी तक अधिसूचना जारी की जाएगी। स्नान की तिथि से 5…
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जानिए हरिद्वार कुंभ के बीच नागा साधु बनना कितना मुश्किल
जानिए हरिद्वार कुंभ के बीच नागा साधु बनना कितना मुश्किल
कुंभ मेला (कुंभ मेला 2021) में नागा साधु अपनी राख, पाइप या नग्न होने के कारण सबसे आकर्षक हैं। ताजा खबर के अनुसार हरिद्वार महाकुंभ मेले में श्री पंच दशनामा जूना अखाड़े की ओर से 500 से अधिक लोगों ने नागा साधु (नागा दीक्षित) के रूप में शुरुआत की। उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन आचार्य मोहमंद लिशोर स्वामी ओधिश्यानंद गिरि ने श्री दारखर हनुमान मंदिर में अखाड़ा धर्म ध्वज के तहत किया। क्या आप जानते हैं कि एक…
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हरिद्वार कुंभ मेला 2021: 850 साल पुराना है कुंभ मेले का इतिहास, समुद्र मंथन से जुड़ी है इसके पीछे की कहानी
चैतन्य भारत न्यूज 1 अप्रैल से हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन शुरू हो गया है। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस बार कुंभ मेले की अवधि 28 दिनों तक सीमित रखने का निर्णय लिया गया है। महाशिवरात्रि पर हरिद्वार में लग रहे कुंभ का पहला स्नान होगा। इस दिन भारी संख्या में भक्त गंगामें डुबकी लगाएंगे। हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए बचाव की सभी गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा। कुंभ मेले का इतिहास करीब 850 साल पुराना है। माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने इसकी शुरुआत की थी, लेकिन कुछ कथाओं के अनुसार कुंभ की शुरुआत समुद्र मंथन के आदिकाल से ही हो गई थी। शास्त्रों में बताया गया है कि पृथ्वी का एक वर्ष देवताओं का दिन होता है, इसलिए हर बारह वर्ष पर ��क ��्थान पर पुनः कुंभ का आयोजन होता है। देवताओं का बारह वर्ष पृथ्वी लोक के 144 वर्ष के बाद आता है। ऐसी मान्यता है कि 144 वर्ष के बाद स्वर्ग में भी कुंभ का आयोजन होता है इसलिए उस वर्ष पृथ्वी पर महाकुंभ का अयोजन होता है। महाकुंभ के लिए निर्धारित स्थान प्र��ाग को माना गया है। कुंभ मेले का इतिहास कहते हैं कुंभ मेले का कहानी समुद्र मंथन से जुड़ी है। कहते हैं कि एकबार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण जब इंद्र और देवता कमजोर पड़ गए, तब राक्षस ने देवताओं पर आक्रमण कर उन्हें परास्त कर दिया था। सब देवता मिलकर भगवान विष्णु के पास पहुंचे और उन्हें पूरी बात बताई थी। तब भगवान विष्णु ने देवताओं को दैत्यों के साथ मिलकर क्षीर सागर का मंथन करके अमृत निकालने की सलाह दी। भगवान विष्णु के ऐसा कहने पर संपूर्ण देवता राक्षसों के साथ संधि करके अमृत निकालने के प्रयास में लग गए। समुद्र मंथन से अमृत निकलते ही देवताओं के इशारे पर इंद्र पुत्र 'जयंत' अमृत कलश को लेकर आकाश में उड़ गया। राक्षसों ने अमृत लाने के लिए जयंत का पीछा किया और कठिन परिश्रम के बाद उन्होंने बीच रास्ते में ही जयंत को पकड़ा और अमृत कलश पर अधिकार जमाने के लिए देव और दानव में 12 दिन तक भयंकर युद्ध होता रहा। मंथन में निकले अमृत का कलश हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक के स्थानों पर ही गिरा था, इसलिए इन चार स्थानों पर ही कुंभ मेला हर तीन बरस बाद लगता आया है। 12 साल बाद यह मेला अपने पहले स्थान पर वापस पहुंचता है। यही कारण है कि कुंभ के मेले को इन्हीं चार स्थानों पर मनाया जाता है। कुंभ को 4 हिस्सों में बांटा गया है। जैसे अगर पहला कुंभ हरिद्वार में होता है तो ठीक उसके 3 साल बाद दूसरा कुंभ प्रयागराज में और फिर तीसरा कुंभ 3 साल बाद उज्जैन में, और फिर 3 साल बाद चौथा कुंभ नासिक में होता है। Read the full article
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Mahakumbh 2021: महंत नरेंद्र गिरि सहित कई संत Corona संक्रमित, हर की पैड़ी पर श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे स्नान
Mahakumbh 2021: महंत नरेंद्र गिरि सहित कई संत Corona संक्रमित, हर की पैड़ी पर श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे स्नान
हरिद्वार: सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2021) पर होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh) शाही स्नान में कोरोना के खलल डाल दिया है. शाही स्नान से ठीक पहले साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सहित आधा दर्जन से अधिक संतों के Covid-19 संक्रमित होने से संत समाज और मेला प्रशासन में खलबली मच गई है. महाकुंभ अधिकारियों में हड़कंप स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि…
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इस वजह से उत्तर प्रदेश के इन तीन जिलों में बनेगा उत्तराखंड पुलिस का कंट्रोल रूम
इस वजह से उत्तर प्रदेश के इन तीन जिलों में बनेगा उत्तराखंड पुलिस का कंट्रोल रूम
हरिद्वार: महाकुंभ मेला 2021 को लेकर प्रदेश के तीन जिलों में उत्तराखंड पुलिस अपना कंट्रोल रूम स्थापित करेगी। इस कंट्रोल रूम में उत्तराखंड पुलिस के संचारकर्मी निगरानी के लिए भेजे जाएंगे। जिससे वहां पर होने वाली हर गतिविधि के बारे में जानकारी मिल सके। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश को भेजी जाने वाली जानकारी भी इस कंट्रोल रूम के माध्यम से वहां से अधिकारियों को मिल सके। महाकुंभ मेले में सूचना के आदान…
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Haridwar MahaKumbh 2021: केवल 28 दिनों का होगा मेला, कोरोना महामारी के चलते लिया गया फैसला
Haridwar MahaKumbh 2021: केवल 28 दिनों का होगा मेला, कोरोना महामारी के चलते लिया गया फैसला
कोरोना महामारी की वजह से हरिद्वार में 1 अप्रैल से आयोजित होने जा रहे महाकुंभ की अवधि और घटा दी गई है. श्रद्धालुओं के लिए इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए कोरोना निगेटिव होने की रिपोर्ट को भी अनिवार्य कर दिया गया है.
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कुंभ मेला क्षेत्र में दाखिल होने के लिए नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट जरूरी
हरिद्वार। कोरोना महामारी के बीच कुंभ का आगाज हो चुका है। पहला शाही स्नान 11 मार्च को होना है उससे पहले कुंभ मेला प्रशासन ने कुछ खास ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए है। इसके लिए कुछ खास गाइडलाइन्स का भी ऐलान किया गया है।दरअसल कोरोना महामारी की वजह से मेला प्रशासन की कोशिश है कि सुरक्षा और सतर्कता के साथ सभी शाही स्नान संपन्न कराया जा सके।
नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी
हरिद्वार कुंभ प्रशासन का कहना है कि कुंभ में शामिल होने वाले शख्स की आरटीपीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव होनी चाहिए। इसका अर्थ यह है कि आप को कोरोना मुक्त बताना होगा। सभी आश्रम, धर्मशाला, होटल या अतिथि गृह मे ठहरने वाले प्रत्येक शख्स को हरिद्वार आने की तारीख से 72 घंटे पहले तक की नेगेटिव Covid RT-PCR लेकर आना होगा।
कुंभ 2021 से जुड़ी खास बातें
कुंभ मेला हरिद्वार में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति अथवा यात्री को महाकुंभ मेला, 2021 के वेब पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा, केवल पंजीकृत लोगों को ही प्रवेश मिलेगा।
आश्रम या धर्मशाला में केवल उसी व्यक्ति को प्रवेश मिलेगा जिसके पास एंट्री पास होगा और हथेली के ऊपरी भाग पर अमिट स्याही का चेक्ड मार्क होगा।
किसी भी श्रद्धालु या जत्थे को स्नान के लिए अधिकतम 20 मिनट मिलेगा। इसके बाद श्रद्धालुओं की निकासी के लिए पर्याप्त मानव संसाधन की तैनाती की जाएगी ताकि अगला जत्था पवित्र स्नान कर सके।
रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालु रेलवे टिकट के साथ कुंभ मेला का पंजीकरण पत्र और कोविड की नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट दि��ाएंगे तभी स्टेशन से निकलने की अनुमति होगी।
कुंभ मेले के दौरान पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी जगह पर संगठित रूप से भजन गायन और भंडारे के आयोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
कुंभ मेले के दौरान अनावश्यक भीड़ भाड़ से बचने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए अहम स्नान या शाही स्नान के दिन केवल आवश्यक वस्तुओं भोजन, डेयरी, दवा, पूजन सामग्री और कंबल आदि की दुकानें ही खुलेगी।
बस स्टैंड या डिपो पर कुंभ मेला प्रवेश के लिए पंजीकरण पत्र और कोविड-19 की नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट दिखाने के बाद ही यात्रियों या श्रद्धालुओं को बस में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क का हर समय अनिवार्य उपयोग, देह से दूरी के नियम का पालन करना होगा।
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