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सरकार ने कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित किया, WHO ने बताया है सबसे घातक
चैतन्य भारत न्यूज भारत में जहां कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ्तार अब कम होती दिखाई दे रही है तो वहीं इस वायरस के डेल्टा वैरिएंट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कोरोना वायरस के नए 'डेल्टा प्लस वैरिएंट' को केंद्र सरकार ने 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' यानी चिंताजनक घोषित कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट देश में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक 22 मरीज मिल चुके हैं। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश के लिए एडवाइजरी जारी की है। इन राज्यों को तत्काल रोकथाम के उपाय करने, उन्नत परीक्षण, ट्रैकिंग और टीकाकरण उन जिलों और समूहों में करने को कहा गया है। बेहद संक्रामक हैडेल्टा प्लस वैरिएंट एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बातचीत में डेल्टा प्लस को वैरिएंट 'बेहद संक्रामक' बताया है। उनका कहना है कि, 'ये इतना संक्रामक है कि अगर आप इस वैरिएंट से संक्रमित किसी कोरोना मरीज के बगल से बगैर मास्क के गुजरते हैं तो आप भी संक्रमित हो सकते हैं।' उनका कहना है कि, 'कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। अब इस बारे में पता लगाया जा रहा है कि वैक्सीन इस वैरिएंट के खिलाफ असरदार है या नहीं।' देश में अब तक 22 मरीज मिल चुके स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक 22 मरीज मिल चुके हैं। मंत्रालय ने इसे लेकर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को पत्र भी लिखा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट 80 देशों में और डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत के अलावा 9 देशों में है। अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, चीन, नेपाल, रूस और जापान में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट मिले हैं। क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट? अब बात करते हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट की। यह डेल्टा वैरिएंट के रूप में हुए बदलावों की वजह से बना है। डेल्टा वैरिएंट यानी B.1.617.2 जो कि पहले भारत में मिला था। फिर बाद के महीनों में यह दूसरे कई देशों में भी पाया गया। कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट में इसके स्पाइक प्रोटीन में K417N बदलाव हुआ है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को पहले B.1.617.2.1 कहा जाता था। यह सबसे पहली बार यूरोप में मिला था। स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस का जरूरी हिस्सा है। इसकी वजह से ही वायरस मानव शरीर में घुसकर इंफेक्शन करता है। Read the full article
#coronathirdwave#deltaplusvariant#healthministry#healthministryadvisory#who#केंद्रसरकारएडवाइजरी#केरल#कोरोनाकीतीसरीलहर#डेल्टाप्लसव��रिएंट#मध्यप्रदेश#महाराष्ट्र#वैरिएंटऑफकंसर्न#स्वास्थ्यमंत्रालय
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Covid-19 Cases In India Last 24 Hours : कोरोना से मौतों का आंकड़ा अभी भी हर रोज 4 हजार के पार, बीते 24 घंटे में 4106 लोगों ने तोड़ा दम, अब तक इतने लोगों का ही हुआ है वैक्सीनेशन ? Divya Sandesh
#Divyasandesh
Covid-19 Cases In India Last 24 Hours : कोरोना से मौतों का आंकड़ा अभी भी हर रोज 4 हजार के पार, बीते 24 घंटे में 4106 लोगों ने तोड़ा दम, अब तक इतने लोगों का ही हुआ है वैक्सीनेशन ?
इंटरनेट डेस्क।कोरोना की दूसरी लहर का असर अब देशभर में कुछ हद तक कम होता दिखाई दे रहा है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2,81,386 नए मामले आए हैं वहीं4106 मरीजों ने इस दौरान जान गंवाई है। कोरोना के नए मामलों के बाद देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या अब बढ़कर 2 करोड़ 49 लाख 65 हजार 463 हो गई है। वहीं अब तक देशभर में कुल 2,74,390 लोगों की मौत हो चुकी है।
India reports 2,81,386 new #COVID19 cases, 3,78,741 discharges and 4,106 deaths in the last 24 hours, as per Union Health Ministry
Total cases: 2,49,65,463 Total discharges: 2,11,74,076 Death toll: 2,74,390 Active cases: 35,16,997
Total vaccination: 18,29,26,460 pic.twitter.com/RJCDwbzyha — ANI (@ANI) May 17, 2021
एएनआई न्यूज एजेंसी द्वारा जारी स्वास्थ्यमंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक कोरोना से 35 लाख 16 हजार 997 एक्टिव केस हैं। देश में अब तक18,29,26,460 लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है।
कोरोना से सर्वाधिक संक्रमित राज्यमहाराष्ट्र में भी संक्रमण घटने लगा है।पिछले 24 घंटे में यहां 34 हजार 389 मामले सामने आए हैं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते 24 घंटे में साढ़े छह हजार से ज्यादा केस मिले हैं।
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ब्राजील में कोविड-19 से 1328 की मौत, 23430 लोग संक्रमित
ब्राजिलिया (शिन्हुआ) ब्राजील में कोविड-19 से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 23430 हो गई है तथा 1328 लोगों ने इसके कारण जान गंवाई है। ब्राजील के स्वास्थ्यमंत्रालय के अनुसार देश में इस संक्रमण से होने वाली मौत का प्रतिशत 5.7 प्रतिशत है।
Source: Univarta.
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सरकार ने कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित किया, WHO ने बताया है सबसे घातक
चैतन्य भारत न्यूज भारत में जहां कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ्तार अब कम होती दिखाई दे रही है तो वहीं इस वायरस के डेल्टा वैरिएंट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कोरोना वायरस के नए 'डेल्टा प्लस वैरिएंट' को केंद्र सरकार ने 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' यानी चिंताजनक घोषित कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट देश में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक 22 मरीज मिल चुके हैं। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश के लिए एडवाइजरी जारी की है। इन राज्यों को तत्काल रोकथाम के उपाय करने, उन्नत परीक्षण, ट्रैकिंग और टीकाकरण उन जिलों और समूहों में करने को कहा गया है। बेहद संक्रामक हैडेल्टा प्लस वैरिएंट एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बातचीत में डेल्टा प्लस को वैरिएंट 'बेहद संक्रामक' बताया है। उनका कहना है कि, 'ये इतना संक्रामक है कि अगर आप इस वैरिएंट से संक्रमित किसी कोरोना मरीज के बगल से बगैर मास्क के गुजरते हैं तो आप भी संक्रमित हो सकते हैं।' उनका कहना है कि, 'कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। अब इस बारे में पता लगाया जा रहा है कि वैक्सीन इस वैरिएंट के खिलाफ असरदार है या नहीं।' देश में अब तक 22 मरीज मिल चुके स्वास्थ्�� मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक 22 मरीज मिल चुके हैं। मंत्रालय ने इसे लेकर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को पत्र भी लिखा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट 80 देशों में और डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत के अलावा 9 देशों में है। अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, चीन, नेपाल, रूस और जापान में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट मिले हैं। क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट? अब बात करते हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट की। यह डेल्टा वैरिएंट के रूप में हुए बदलावों की वजह से बना है। डेल्टा वैरिएंट यानी B.1.617.2 जो कि पहले भारत में मिला था। फिर बाद के महीनों में यह दूसरे कई देशों में भी पाया गया। कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट में इसके स्पाइक प्रोटीन में K417N बदलाव हुआ है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को पहले B.1.617.2.1 कहा जाता था। यह सबसे पहली बार यूरोप में मिला था। स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस का जरूरी हिस्सा है। इसकी वजह से ही वायरस मानव शरीर में घुसकर इंफेक्शन करता है। Read the full article
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यदि दूसरा डोज अलग वैक्सीन का लग जाए तो भी कोई दिक्कत नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय
चैतन्य भारत न्यूज देश में कोरोना संकट के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को देश में कोरोना की स्थिति को लेकर अहम जानकारी दी है। मंत्रालय ने प्रेस वार्ता में कहा कि 24 राज्यों ने पिछले सप्ताह से सक्रिय मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना से ठीक होने की दर बढ़ी है और रिकवरी रेट बढ़कर 90 फीसदी हो गया है। 24 राज्यों में क��स घट रहे हैं। इस बीच डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि दूसरी डोज़ में अगर अलग वैक्सीन लग जाए तो चिंता की बात नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि, पिछले 24 घंटों में देश में 2,11,000 मामले दर्ज किए गए हैं। सक्रिय मामले 8।84 फीसदी हैं। 10 मई को देश में 37,45,000 सक्रिय मामले थे जो अब 24,19,000 रह गए हैं। उन्होंने कहा कि 3 हफ्ते पहले 531 जिलों में रोज 100 नए मामले प्रतिदिन दर्ज किए जाते थे, अब ऐसे जिले 359 रह गए हैं। देश में आज 2,83,000 रिकवरी दर्ज की गई हैं। 23 राज्य देश में ऐसे हैं, जहां प्रतिदिन रिकवर मामलों की संख्या नए मामलों से ज्यादा है। रिकवरी रेट अब 90 फीसदी हो गई है। अलग वैक्सीन का दूसरा डोज ले सकते हैं उत्तर प्रदेश में गलती से एक शख्स को दो अलग-अलग वैक्सीन लग जाने को लेकर वीके पॉल ने कहा कि, हमारा प्रोटोकॉल स्पष्ट है कि दिए गए दोनों डोज एक ही वैक्सीन की होनी चाहिए। इस मामले की जांच होनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ भी है तो यह चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। दूसरी वैक्सीन लग भी जाए तो कोई दिक्कत नहीं है। Read the full article
#coronavaccineseconddosedifferent#coronavirus#covid-19#covid19situation#differentcoronavaccine#healthministry#healthministrypressbriefing#कोरोनावैक्सीनकादूसराडोज#वैक्सीनकाअलगडोज#स्वास्थ्यमंत्रालय
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यदि दूसरा डोज अलग वैक्सीन का लग जाए तो भी कोई दिक्कत नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय
चैतन्य भारत न्यूज देश में कोरोना संकट के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को देश में कोरोना की स्थिति को लेकर अहम जानकारी दी है। मंत्रालय ने प्रेस वार्ता में कहा कि 24 राज्यों ने पिछले सप्ताह से सक्रिय मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना से ठीक होने की दर बढ़ी है और रिकवरी रेट बढ़कर 90 फीसदी हो गया है। 24 राज्यों में केस घट रहे हैं। इस बीच डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि दूसरी डोज़ में अगर अलग वैक्सीन लग जाए तो चिंता की बात नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि, पिछले 24 घंटों में देश में 2,11,000 मामले दर्ज किए गए हैं। सक्रिय मामले 8।84 फीसदी हैं। 10 मई को देश में 37,45,000 सक्रिय मामले थे जो अब 24,19,000 रह गए हैं। उन्होंने कहा कि 3 हफ्ते पहले 531 जिलों में रोज 100 नए मामले प्रतिदिन दर्ज किए जाते थे, अब ऐसे जिले 359 रह गए हैं। देश में आज 2,83,000 रिकवरी दर्ज की गई हैं। 23 राज्य देश में ऐसे हैं, जहां प्रतिदिन रिकवर मामलों की संख्या नए मामलों से ज्यादा है। रिकवरी रेट अब 90 फीसदी हो गई है। अलग वैक्सीन का दूसरा डोज ले सकते हैं उत्तर प्रदेश में गलती से एक शख्स को दो अलग-अलग वैक्सीन लग जाने को लेकर वीके पॉल ने कहा कि, हमारा प्रोटोकॉल स्पष्ट है कि दिए गए दोनों डोज एक ही वैक्सीन की होनी चाहिए। इस मामले की जांच होनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ भी है तो यह चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। दूसरी वैक्सीन लग भी जाए तो कोई दिक्कत नहीं है। Read the full article
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18-44 साल के लोग अब बिना स्लॉट बुक किए ही लगवा सकेंगे वैक्सीन, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बदला नियम
चैतन्य भारत न्यूज सरकार ने वैक्सिनेशन के नियमों में बदलाव किया है। इससे 18-44 एज ग्रुप के लोगों को काफी राहत मिलेगी। वैक्सीनेशन ड्राइव में सोमवार को एक नई सुविधा दी गई है। 18 से 44 साल की आयु के लोगों को अब पहले से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं होगी। इसकी शुरुआत आज यानी 24 मई से हो गई है। On-site registration & appointment is now being enabled for the 18-44 years age group on CoWIN. However, this feature is being enabled only for Government #COVID Vaccination Centers (CVCs), at the present moment in time: Union Ministry of Health and Family Welfare — ANI (@ANI) May 24, 2021 सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आदेश दिया है कि इस आयु वर्ग के लोग सीधे वैक्सीनेशन केंद्रों पर पहुंचकर टीका लगवा सकेंगे। यानी कि इस वर्ग के लोगों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा तो रहेगी ही, अब लोग ऑफलाइन भी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। वेस्टेज रोकने के लिए किया फैसला दरअसल, जब से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ है तब से हर दिन हजारों ��ोग Cowin पोर्टल पर वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करने के लिए जाते हैं और खाली हाथ लौट आते हैं। कई राज्यों से वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक किए जाने के बाद भी लोग वैक्सीनेशन सेंटर नहीं पहुंच रहे थे। ऐसे में वैक्सीन वेस्टेज के मामले बढ़ रहे थे। इन रिपोर्ट्स के आधार पर ही केंद्र ने यह फैसला लिया है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। यह सुविधा इसलिए शुरू की जा रही है, जिससे कि टीके की बरबादी रोकी जा सके। यानी कि अगर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए उतने लाभार्थी नहीं पहुंच रहे और वैक्सीन की डोज़ उपलब्ध हैं, तो सेंटर पर भी रजिस्टर्ड लोगों को वैक्सीन लगाई जाएंगी। मंत्रालय की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि यह सुविधा फिलहाल केवल सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र पर ही उपलब्ध है। Read the full article
#18-44सालकेलोग#CoronaVaccine#cowinregistration#onlineslotbookingforvaccination#कोरोनावैक्सीन#वैक्सिनेशन#वैक्सीन#वैक्सीनेशनकेलिएऑनलाइनबूकिं#स्लॉटबुकिंग#स्वास्थ्यमंत्रालय
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18-44 साल के लोग अब बिना स्लॉट बुक किए ही लगवा सकेंगे वैक्सीन, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बदला नियम
चैतन्य भारत न्यूज सरकार ने वैक्सिनेशन के नियमों में बदलाव किया है। इससे 18-44 एज ग्रुप के लोगों को काफी राहत मिलेगी। वैक्सीनेशन ड्राइव में सोमवार को एक नई सुविधा दी गई है। 18 से 44 साल की आयु के लोगों को अब पहले से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं होगी। इसकी शुरुआत आज यानी 24 मई से हो गई है। On-site registration & appointment is now being enabled for the 18-44 years age group on CoWIN. However, this feature is being enabled only for Government #COVID Vaccination Centers (CVCs), at the present moment in time: Union Ministry of Health and Family Welfare — ANI (@ANI) May 24, 2021 सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आदेश दिया है कि इस आयु वर्ग के लोग सीधे वैक्सीनेशन केंद्रों पर पहुंचकर टीका लगवा सकेंगे। यानी कि इस वर्ग के लोगों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा तो रहेगी ही, अब लोग ऑफलाइन भी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। वेस्टेज रोकने के लिए किया फैसला दरअसल, जब से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ है तब से हर दिन हजारों लोग Cowin पोर्टल पर वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करने के लिए जाते हैं और खाली हाथ लौट आते हैं। कई राज्यों से वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक किए जाने के बाद भी लोग वैक्सीनेशन सेंटर नहीं पहुंच रहे थे। ऐसे में वैक्सीन वेस्टेज के मामले बढ़ रहे थे। इन रिपोर्ट्स के आधार पर ही केंद्र ने यह फैसला लिया है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। यह सुविधा इसलिए शुरू की जा रही है, जिससे कि टीके की बरबादी रोकी जा सके। यानी कि अगर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए उतने लाभार्थी नहीं पहुंच रहे और वैक्सीन की डोज़ उपलब्ध हैं, तो सेंटर पर भी रजिस्टर्ड लोगों को वैक्सीन लगाई जाएंगी। मंत्रालय की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि यह सुविधा फिलहाल केवल सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र पर ही उपलब्ध है। Read the full article
#18-44सालकेलोग#CoronaVaccine#cowinregistration#onlineslotbookingforvaccination#कोरोनावैक्सीन#वैक्सिनेशन#वैक्सीन#वैक्सीनेशनकेलिएऑनलाइनबूकिं#स्लॉटबुकिंग#स्वास्थ्यमंत्रालय
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अब कोरोना से रिकवरी के तीन महीने बाद लगेगी वैक्सीन, स्तनपान कराने वाली मां भी लगवा सकती है वैक्सीन
चैतन्य भारत न्यूज NEGVAC की तरफ से कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर दिए गए सुझाव को स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इसे लेकर अब एक नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। अब बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली माताएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं। नई गाइडलाइन की खास बातें- अगर वैक्सीन की पहली डोज लेेने के बाद कोई संक्रमित होता है तो दूसरी डोज रिकवरी के तीन महीने बाद दी जाएगी। स्तनपान करा रही सभी महिलाओं को कोरोना वैक्सीन की डोज देने के लिए कहा गया है। कोरोना वैक्सीन की डोज लेने गए लोगों का एंटीजन टेस्ट करने से भी मना किया गया है। अगर कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीड़ित है, उसे हॉस्पिटलाइजेशन या ICU की जरूरत है तो उसे भी वैक्सीनेशन के लिए 4-8 हफ्ते इंतजार करना होगा, उसके बाद उसे वैक्सीन लगाई जा सकती है। कोई भी व्यक्ति वैक्सीन लगवाने के 14 दिन बाद ब्लड डोनेट कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति कोविड पीड़ित है और 14 दिन बाद उसकी RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव आई है तो वह भी ब्लड डोनेट कर सकता है। गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन देने को लेकर विचार किया जा रहा है। NTAGI की तरफ से इस मामले पर आगे की जानकारी दी जाएगी। देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए: 2.67 लाख बीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए: 3.89 लाख बीते 24 घंटे में कुल मौतें: 4,525 अब तक कुल संक्रमित हो चुके: 2.54 करोड़ अब तक ठीक हुए: 2.19 करोड़ अब तक कुल मौतें: 2.83 लाख अभी इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या: 32.21 लाख Read the full article
#breatfeeding#coronavirus#coronavirusnewcases#guidelinesforcovid19vaccination#healthministry#healthministrynewguidelinesforcovid19vaccination#कोरोनावैक्सीन#कोरोनावैक्सीननईगाइडलाइन#स्तनपान#स्वास्थ्यमंत्रालय
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'झूठी बहादुरी' के खिलाफ लोगों को चेताया, कहा- 'हम थके हुए हो सकते हैं लेकिन वायरस नहीं'
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस ने विकराल रूप ले लिया है। पिछले 24 घंटे में 4 लाख से ज्यादा मामले सामने आए। देश में बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को झूठी बहादुरी नहीं दिखाने को लेकर चेतावनी दी है और कोविड उपयुक्त व्यवहार एवं उपचार दिशा-निर्देशों का पालन करने पर जोर दिया। मंत्रालय ने कहा, 'हम थके हुए हो सकते हैं लेकिन वायरस नहीं।' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने हालात से निपटने के लिए सभी के सहयोग का आह्वान करते हुए लोगों से अपने घरों में ऑक्सीजन सिलेंडर का भंडार नहीं करने की अपील की। संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, 'हम इस झूठी बहादुरी को भी महसूस कर रहे हैं कि कोरोना कुछ नहीं है, यह एक घोटाला है। मुझे मास्क पहनने की जरूरत नहीं है, आओ पार्टी करते हैं, कोरोना वायरस को लेकर परेशान होने से आगे भी एक दुनिया है। हालांकि, ऐसा नहीं है, हमारे आसपास व्यापक कोरोना वायरस संक्रमण है। किसी भी स्तर पर जरा सी लापरवाही समाज में सभी को प्रभावित करेगी।' अग्रवाल ने आगे कहा, 'हम लोगों में ऐसे गलत डर को भी देख रहे हैं कि 'मैं एक संक्रमित के संपर्क में आया, अब मैं भी संक्रमित हूं और मैं निश्चित तौर पर मर जाउंगा।' 'अगर मैं संक्रमित होता हूं तो मुझे रेमडेसिविर की जरूरत पड़ेगी। और घर पर एक ऑक्सीजन सिलेंडर पहले ही ले आते हैं।' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि, 'डर एवं घबराहट से परिस्थितियां और बिगड़ सकती हैं, जिससे संकट और बढ़ेगा। अग्रवाल ने लोगों से कोविड से बचाव संबंधी सावधानियों का अनुपालन करने का आग्रह करते हुए कहा, ''वायरस को थकावट नहीं हुई है, हम थके हुए हो सकते हैं। किसी भी स्तर पर लापरवाही का प्रभाव पूरे समाज पर होगा। इस परिस्थिति से निपटने के लिए हमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है।'' Read the full article
#Coronavirus#healthministry#कोरोनावायरस#कोरोनावायरसभारत#झूठीबहादुरी#भारतमेंकोरोनावायरस#स्वास्थ्यमंत्रालय
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यदि समय पर लागू नहीं होता लॉकडाउन तो 29 लाख से ज्यादा लोग होते कोरोना का शिकार, 78 हजार के पार जाता मौत का आंकड़ा
चैतन्य भारत न्यूज देशभर में पिछले दो महीने से जारी संपूर्ण लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने कहा कि यदि समय पर देशभर में लॉकडाउन लागू नहीं होता तो स्थिति भयानक हो जाती। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य व सशक्त समूह-1 के चेयरमैन वीके पॉल ने यह जानकारी दी। लॉकडाउन नहीं होता तो 29 लाख तक पहुंच जाती संक्रमितों की संख्या वीके पॉल ने कहा कि, विभिन्न अध्ययनों में यह कहा गया है कि यदि देश में लॉकडाउन नहीं होता तो संक्रमितों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती। लॉकडाउन के कारण ही केंद्र सरकार बहुत सारी जाने बचाने में कामयाब हो सकी है। वीके पॉल ने बताया कि, यदि लॉकडाउन लागू नहीं होता तो देश में संक्रमित लोगों की संख्या 29 लाख तक पहुंच सकती थी। जबकि 37 से 78 हजार लोगों की मौत हो जाती। वीके पॉल के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से 3 अप्रैल के बाद से कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से कमी आई है। इससे कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। रोजाना हो रहे 27 लाख से ज्यादा टेस्ट आईसीएमआर के डॉक्टर रमन आर गंगाखेड़कर ने प्रतिदिन हो रही टेस्टिंग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देशभर में रोजाना 27 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को लगातार चौथे दिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए। दोपहर 1 बजे तक देश में 27,55,714 टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें से 18,287 टेस्ट निजी लैब में किए गए। मृत्यु दर घटकर पहुंची 3.02 प्रतिशत तक स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना महामारी का प्रकोप सीमित स्थानों तक ही सीमित रह गया है। इसके 70 फीसदी मामले शहरों तक सीमित हैं। देशभर में कोरोना के 80 फीसदी मामले 5 राज्यों में हैं और 5 शहरों में 60 प्रतिशत मामले हैं। देश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर 3.13 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत तक पहुंची है। देश में ही बन रही जांच किट अब भारत में ही जांच किट बनना भी शुरू हो गई है। अगले 6 से 8 हफ्तों के भीतर अपने देश में ही 5 लाख तक किट बनाने की क्षमता हासिल कर लेंगे। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने देश के नागरिकों से कहा है कि, 'इस समय हम सभी को काफी सर्तक रहना होगा। हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा। हमें मास्क लगाना है और दो गज की दूरी रखनी है।' Read the full article
#coronavirusbulletin#coronavirusindia#healthministry#lavagarwal#lockdown#कोरोनावायरस#कोरोनावायरसभारत#कोविड-19#लॉकडाउन#स्वास्थ्यमंत्रालय
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यदि समय पर लागू नहीं होता लॉकडाउन तो 29 लाख से ज्यादा लोग होते कोरोना का शिकार, 78 हजार के पार जाता मौत का आंकड़ा
चैतन्य भारत न्यूज देशभर में पिछले दो महीने से जारी संपूर्ण लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि यदि समय पर देशभर में लॉकडाउन लागू नहीं होता तो स्थिति भयानक हो जाती। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को नीति आयोग के सदस्य व सशक्त समूह-1 के चेयरमैन वीके पॉल ने यह जानकारी दी। लॉकडाउन नहीं होता तो 29 लाख तक पहुंच जाती संक्रमितों की संख्या वीके पॉल ने कहा कि, विभिन्न अध्ययनों में यह कहा गया है कि यदि देश में लॉकडाउन नहीं होता तो संक्रमितों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती। लॉकडाउन के कारण ही केंद्र सरकार बहुत सारी जाने बचाने में कामयाब हो सकी है। वीके पॉल ने बताया कि, यदि लॉकडाउन लागू नहीं होता तो देश में संक्रमित लोगों की संख्या 29 लाख तक पहुंच सकती थी। जबकि 37 से 78 हजार लोगों की मौत हो जाती। वीके पॉल के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से 3 अप्रैल के बाद से कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से कमी आई है। इससे कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। रोजाना हो रहे 27 लाख से ज्यादा टेस्ट आईसीएमआर के डॉक्टर रमन आर गंगाखेड़कर ने प्रतिदिन हो रही टेस्टिंग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देशभर में रोजाना 27 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को लगातार चौथे दिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए। दोपहर 1 बजे तक देश में 27,55,714 टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें से 18,287 टेस्ट निजी लैब में किए गए। मृत्यु दर घटकर पहुंची 3.02 प्रतिशत तक स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना महामारी का प्रकोप सीमित स्थानों तक ही सीमित रह गया है। इसके 70 फीसदी मामले शहरों तक सीमित हैं। देशभर में कोरोना के 80 फीसदी मामले 5 राज्यों में हैं और 5 शहरों में 60 प्रतिशत मामले हैं। देश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर 3.13 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत तक पहुंची है। देश में ही बन रही जांच किट अब भारत में ही जांच किट बनना भी शुरू हो गई है। अगले 6 से 8 हफ्तों के भीतर अपने देश में ही 5 लाख तक किट बनाने की क्षमता हासिल कर लेंगे। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने देश के नागरिकों से कहा है कि, 'इस समय हम सभी को काफी सर्तक रहना होगा। हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा। हमें मास्क लगाना है और दो गज की दूरी रखनी है।' Read the full article
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के इलाज के नियमों में किए कई बदलाव, अब 14 नहीं बल्कि 10 दिन में डिस्चार्ज होंगे मरीज
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल से मरीजों की छुट्टी मिलने की नीति में बदलाव किया है। शनिवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसके लिए नई गाइड लाइन जारी की है। अब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का अस्पताल में रखने का समय 14 दिन से घटाकर 10 दिन कर दिया है। साथ ही अब अब हल्के मामलों में डिस्चार्ज से पहले परीक्षण की जरूरत को खत्म कर दिया गया है। Ministry of Health & Family Welfare (MoHFW) issues revised discharge policy for #COVID19 patients. pic.twitter.com/6GpWbnAFFB — ANI (@ANI) May 9, 2020 नई गाइड लाइन के मुताबिक कोरोना के लक्षण दिखने के 10 दिन बाद अगर 3 दिनों तक मरीज को बुखार नहीं आया है तो उसे बिना किसी RT/PCR टेस्ट किए ही छुट्टी दे दी जाएगी। अब से सिर्फ गंभीर मामलों में ही कोरोना संक्रमित मरीजों को डिस्चार्ज से पहले RT/PCR से गुजरना होगा, बाकी मरीजों को 10 दिनों में ही छुट्टी दी जा सकती है। छुट्टी मिलने के बाद अब उसे 14 दिन की बजाए सात दिन होम आइसोलेशन में रहना होगा। टेली-कॉन्फ्रेंस के जरिए 14वें दिन मरीज का फॉलो-अप लिया जाएगा। यदि कोरोना के हलके लक्षण हैं तो उसे दो श्रेणी में बांटा गया है- अगर बुखार शुरू के 3 दिनों में ठीक हो जाए और अगले 4 दिनों तक अगर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत न पड़े तो ऐसी स्थिति में लक्षण आने के 10 दिन बाद बिना किसी RT/PCR टेस्ट किए मरीज को डिस्चार्ज किया जा सकता है। बशर्ते बुखार न हो, सांस लेने में तकलीफ न हो और ऑक्सीजन की जरूरत न हो। अगर बुखार तीन दिनों में न जाए और ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत हो तो ऐसे मरीज को लक्षण खत्म होने पर और 3 दिनों तक लगातार ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत न पड़े तभी उसे डिस्चार्ज किया जा सकता है। ऐसे केस में भी डिस्चार्ज से पहले RT/PCR टेस्ट की जरूरत नहीं होती है। Read the full article
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कोरोना बुलेटिन: देश में हर 3 में से 1 कोरोना मरीज हो रहा है ठीक, 29.36 फीसदी तक पहुंची रिकवरी रेट
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) का प्रसार पिछले कुछ दिनों में बढ़ गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय व गृह मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में आज कोरोना वायरस से जुड़ी नई जानकारियां और तथ्य सामने रखे। देश में अब तक 56342 कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। साथ ही देश में 1886 लोगों की मौत भी हुई है। राहतभरी खबर यह है कि देश में अब हर 3 में से 1 मरीज ठीक हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, देश में अब तक 16540 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इसी के साथ ठीक होने की दर बढ़कर 29.36 फीसदी हो गई है। 24 घंटे में 3390 नए मामले आए सामने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 3390 नए मामले सामने आए हैं और 103 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 56,342 हो गई है, जिनमें 37,916 सक्रिय हैं, 16,540 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 1,886 लोगों की मौत हो चुकी है। 216 जिलों में कोई केस नहीं आया अच्छी खबर यह है कि देश में 216 जिलों में एक भी केस नहीं आया है। 42 जिलों में 28 दिन से कोरोना संक्रमण का कोई नया केस नहीं आया है। 29 जिले ऐसे हैं जहां 21 दिन से कोविड 19 का कोई नया केस दर्ज नहीं किया गया है। वहीं 46 जिलों में 7 दिन से कोई नया केस नहीं आया। Read the full article
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कोरोना बुलेटिन: देश में हर 3 में से 1 कोरोना मरीज हो रहा है ठीक, 29.36 फीसदी तक पहुंची रिकवरी रेट
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) का प्रसार पिछले कुछ दिनों में बढ़ गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय व गृह मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में आज कोरोना वायरस से जुड़ी नई जानकारियां और तथ्य सामने रखे। देश में अब तक 56342 कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। साथ ही देश में 1886 लोगों की मौत भी हुई है। राहतभरी खबर यह है कि देश में अब हर 3 मे�� से 1 मरीज ठीक हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, देश में अब तक 16540 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इसी के साथ ठीक होने की दर बढ़कर 29.36 फीसदी हो गई है। 24 घंटे में 3390 नए मामले आए सामने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 3390 नए मामले सामने आए हैं और 103 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 56,342 हो गई है, जिनमें 37,916 सक्रिय हैं, 16,540 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 1,886 लोगों की मौत हो चुकी है। 216 जिलों में कोई केस नहीं आया अच्छी खबर यह है कि देश में 216 जिलों में एक भी केस नहीं आया है। 42 जिलों में 28 दिन से कोरोना संक्रमण का कोई नया केस नहीं आया है। 29 जिले ऐसे हैं जहां 21 दिन से कोविड 19 का कोई नया केस दर्ज नहीं किया गया है। वहीं 46 जिलों में 7 दिन से कोई नया केस नहीं आया। Read the full article
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31 मार्च तक देश में कोरोना वायरस के थे 1397 मामले, 30 अप्रैल तक बढ़कर हुए 35 हजार के पार : स्वास्थ्य मंत्रालय
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 35 हजार से ज्यादा हो गया है, जबकि इससे मरने वालों का आंकड़ा 1147 तक पहुंच गया है। बता दें 31 मार्च तक देश में 1,397 मामले थे। हालांकि, 8,888 लोग इस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना के 25,007 एक्टिव केस हैं। उन्होंने बताया कि, पिछले 24 घंटे में 553 लोग ठीक हुए हैं, रिकवरी रेट 25.37 पहुंच गया है। वहीं, गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों में फंसे लोगों को लेकर अहम जानकारी दी। In the last 24 hours, 1993 positive cases reported; the total number of positive cases is now 35,043: Lav Agrawal, Joint Secy, Health Ministry pic.twitter.com/F2oP1zpTEM — ANI (@ANI) May 1, 2020 गृह मंत्रालय ने क्या कहा गृह मंत्रालय ने गुरुवार को दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों को रेलगाड़ियों से जाने की इजाजत दी है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि, ट्रकों, सामान ले जाने वाले वाहनों, खाली ट्रकों आदि के लिए किसी अलग पास की जरूरत नहीं होगी। गृह मंत्रालय के मुताबिक, हमारे सुरक्षाबल भी कोरोना वायरस से निपटने में मदद दे रहे हैं। पाकिस्तान सीमा पर जो किसान फसल काटने जा रहे हैं, उनके सैनिटाइजेशन में बीएसएफ ने मदद की है। गृह मंत्रालय ने बताया कि आईटीबीपी ने देश का पहला क्वारंटीन सेंटर स्थापित किया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में 553 लोग ठीक हुए हैं, रिकवरी रेट 25.37 हुआ। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1993 नए केस सामने आए हैं। कुल संक्रमितों की संख्या 35,043 पहुंची। जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा गया है। जितने भी केस आए हैं उनके और कांटेक्ट को मैप किया जाए। Read the full article
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