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यदि समय पर लागू नहीं होता लॉकडाउन तो 29 लाख से ज्यादा लोग होते कोरोना का शिकार, 78 हजार के पार जाता मौत का आंकड़ा
चैतन्य भारत न्यूज देशभर में पिछले दो महीने से जारी संपूर्ण लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने कहा कि यदि समय पर देशभर में लॉकडाउन लागू नहीं होता तो स्थिति भयानक हो जाती। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य व सशक्त समूह-1 के चेयरमैन वीके पॉल ने यह जानकारी दी। लॉकडाउन नहीं होता तो 29 लाख तक पहुंच जाती संक्रमितों की संख्या वीके पॉल ने कहा कि, विभिन्न अध्ययनों में यह कहा गया है कि यदि देश में लॉकडाउन नहीं होता तो संक्रमितों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती। लॉकडाउन के कारण ही केंद्र सरकार बहुत सारी जाने बचाने में कामयाब हो सकी है। वीके पॉल ने बताया कि, यदि लॉकडाउन लागू नहीं होता तो देश में संक्रमित लोगों की संख्या 29 लाख तक पहुंच सकती थी। जबकि 37 से 78 हजार लोगों की मौत हो जाती। वीके पॉल के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से 3 अप्रैल के बाद से कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से कमी आई है। इससे कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। रोजाना हो रहे 27 लाख से ज्यादा टेस्ट आईसीएमआर के डॉक्टर रमन आर गंगाखेड़कर ने प्रतिदिन हो रही टेस्टिंग की जान���ारी दी। उन्होंने बताया कि देशभर में रोजाना 27 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को लगातार चौथे दिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए। दोपहर 1 बजे तक देश में 27,55,714 टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें से 18,287 टेस्ट निजी लैब में किए गए। मृत्यु दर घटकर पहुंची 3.02 प्रतिशत तक स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना महामारी का प्रकोप सीमित स्थानों तक ही सीमित रह गया है। इसके 70 फीसदी मामले शहरों तक सीमित हैं। देशभर में कोरोना के 80 फीसदी मामले 5 राज्यों में हैं और 5 शहरों में 60 प्रतिशत मामले हैं। देश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर 3.13 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत तक पहुंची है। देश में ही बन रही जांच किट अब भारत में ही जांच किट बनना भी शुरू हो गई है। अगले 6 से 8 हफ्तों के भीतर अपने देश में ही 5 लाख तक किट बनाने की क्षमता हासिल कर लेंगे। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने देश के नागरिकों से कहा है कि, 'इस समय हम सभी को काफी सर्तक रहना होगा। हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा। हमें मास्क लगाना है और दो गज की दूरी रखनी है।' Read the full article
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यदि समय पर लागू नहीं होता लॉकडाउन तो 29 लाख से ज्यादा लोग होते कोरोना का शिकार, 78 हजार के पार जाता मौत का आंकड़ा
चैतन्य भारत न्यूज देशभर में पिछले दो ���हीने से जारी संपूर्ण लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि यदि समय पर देशभर में लॉकडाउन लागू नहीं होता तो स्थिति भयानक हो जाती। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को नीति आयोग के सदस्य व सशक्त समूह-1 के चेयरमैन वीके पॉल ने यह जानकारी दी। लॉकडाउन नहीं होता तो 29 लाख तक पहुंच जाती संक्रमितों की संख्या वीके पॉल ने कहा कि, विभिन्न अध्ययनों में यह कहा गया है कि यदि देश में लॉकडाउन नहीं होता तो संक्रमितों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती। लॉकडाउन के कारण ही केंद्र सरकार बहुत सारी जाने बचाने में कामयाब हो सकी है। वीके पॉल ने बताया कि, यदि लॉकडाउन लागू नहीं होता तो देश में संक्रमित लोगों की संख्या 29 लाख तक पहुंच सकती थी। जबकि 37 से 78 हजार लोगों की मौत हो जाती। वीके पॉल के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से 3 अप्रैल के बाद से कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से कमी आई है। इससे कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। रोजाना हो रहे 27 लाख से ज्यादा टेस्ट आईसीएमआर के डॉक्टर रमन आर गंगाखेड़कर ने प्रतिदिन हो रही टेस्टिंग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देशभर में रोजाना 27 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को लगातार चौथे दिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए। दोपहर 1 बजे तक देश में 27,55,714 टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें से 18,287 टेस्ट निजी लैब में किए गए। मृत्यु दर घटकर पहुंची 3.02 प्रतिशत तक स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना महामारी का प्रकोप सीमित स्थानों तक ही सीमित रह गया है। इसके 70 फीसदी मामले शहरों तक सीमित हैं। देशभर में कोरोना के 80 फीसदी मामले 5 राज्यों में हैं और 5 शहरों में 60 प्रतिशत मामले हैं। देश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर 3.13 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत तक पहुंची है। देश में ही बन रही जांच किट अब भारत में ही जांच किट बनना भी शुरू हो गई है। अगले 6 से 8 हफ्तों के भीतर अपने देश में ही 5 लाख तक किट बनाने की क्षमता हासिल कर लेंगे। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने देश के नागरिकों से कहा है कि, 'इस समय हम सभी को काफी सर्तक रहना होगा। हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा। हमें मास्क लगाना है और दो गज की दूरी रखनी है।' Read the full article
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