#स्वास्थ्य पर प्रभाव
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बच्चों के मोबाइल देखने पर AIIMS का बड़ा बयान - क्या कहा?
मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस आज के समय की जरूरत बन गए हैं। लेकिन अगर इनका अधिक इस्तेमाल किया जाए तो ये बच्चों की सेहत और विकास के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत के प्रतिष्ठित अखिल भारत��य आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने हाल ही में बच्चों के मोबाइल इस्तेमाल पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। AIIMS के एक्सपर्ट्स ने कहा कि बच्चों को मोबाइल फोन और डिजिटल गेम्स का बहुत…
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वेलबिंग इन स्कूल्स स्पॉटलाइट 2024 के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर हंड्रेड द्वारा सम्मानित हुए बागपत के अमन
बागपत के युवा अमन कुमार को फिनलैंड के हंड्रेड संस्थान द्वारा “वेलबिंग इन स्कूल्स स्पॉटलाइट 2024” में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। इसका उद्देश्य स्कूलों में विद्यार्थियों की भलाई को बढ़ावा देने वाले प्रभावी और स्केलेबल नवाचारों की पहचान करना है, जिसमें अमन ने हंड्रेड के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य के रूप में नवाचारों की समीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए…
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विज्ञान ने भी माने Agnihotra Yagya के फायदे; तनाव कम करने से लेकर स्ट्रेंथ बढ़ाने में मददगार
Agnihotra Yagya: पृथ्वी की प्राकृतिक विद्युत चुम्बकीय आवृत्ति, जो अक्सर हमारी इंद्रियों द्वारा ध्यान नहीं दी जाती है, हमारे शारीरिक और मानसिक कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आवृत्ति, जिसे शुमान अनुनाद के रूप में जाना जाता है, पृथ्वी की उपचार नाड़ी के रूप में कार्य करती है। एक ज्ञानवर्धक सेमिनार के लिए सक्सेस लाइफ क्रिएशन के साथ जुड़ें, जो न केवल इस घटना की व्याख्या करेगा, बल्कि…
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लखनऊ, 13 दिसंबर 2024 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के वित्तीय सहयोग से राजकीय हाई स्कूल, धनुवासांड, मोहनलालगंज में निर्मित शौचालय का लोकार्पण मुख्य अतिथि आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा हुआ | कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, सुश्री चांदनी, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला, प्रधानाचार्या, राजकीय हाई स्कूल, धनुवासांड, मोहनलालगंज, लखनऊ द्वारा राष्ट्रगान, दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण से हुआ | मुख्य अतिथि का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया गया | स्कूल के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत, स्वच्छता पर आधारित नाट्य प्रस्तुति की |
मुख्य अतिथि श्री अशोक कुमार ने अपने आशीर्वचन मे कहा कि, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट और एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सहयोग से निर्मित यह शौचालय विद्यालय और समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम है । यह शौचालय न केवल स्वच्छता और स्वास्थ्य का प्रतीक है, बल्कि बच्चों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण का भी आधार है । मैं हेल्प यू ट्रस्ट और एल्डिको हाउसिंग के प्रयासों की सराहना करता हूं, जिन्होंने इसे संभव बनाया । यह केवल एक संरचना नहीं, बल्कि स्वच्छता, स्वास्थ्य और सम्मान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है । शौचालय का उपयोग करना और उसे स्वच्छ रखना हम सभी का कर्तव्य है । स्वच्छता केवल एक आदत नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है । सीमित संसाधनों के बावजूद इस विद्यालय में अनुशासन और स्वच्छता पर जो ध्यान दिया जा रहा है, वह प्रेरणादायक है । एक कविता के माध्यम से मैं कहना चाहूंगा:
पगडंडियां छूट गईं, सड़कों पर जाम बहुत है,
फुर्सत कम और काम बहुत है ।
सुख-सुविधाओं का अंबार है,
लेकिन इंसान परेशान बहुत है ।
हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए उपलब्ध संसाधनों का सही उपयोग करना चाहिए । आइए, मिलकर स्वच्छता को अपनी आदत और संस्कृति का हिस्सा बनाएं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “इस शौचालय के निर्माण का उद्देश्य विद्यालय में स्वच्छता की स्थिति को बेहतर बनाना और विद्यार्थियों मे स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है । यह परियोजना छात्रों और समुदाय के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती है । इस पहल से न केवल विद्यालय के विद्यार्थियों को लाभ होगा, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट और एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सामूहिक रूप से इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया, जो समाज को स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति एक नई दिशा प्रदान करता है ।
बता दे कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना 2012 में लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जनहित और जनकल्याण के उद्देश्य से की गई थी । पिछले 12 वर्षों में, इस ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश में एक सम्मानित जनकल्याणकारी संस्था के रूप में अपनी पहचान बनाई है । ट्रस्ट, आदरणीय संरक्षक पद्मभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्मश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी, और पद्मश्री अनूप जलोटा के मार्गदर्शन में, राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक उन्नति के लिए सक्रिय है । ट्रस्ट “सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास, सबका प्रयास” को अपना आदर्श मानते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है, जैसे सिया राम की रसोई, वस्त्र वितरण, रक्तदान, बाल गोपाल शिक्षा योजना और जनहित जागरूकता अभियान । कोरोना महामारी के दौरान, ट्रस्ट ने जरूरतमंदों को भोजन, मास्क, सैनिटाइजर, और अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान करके अपनी जनसेवा की प्रतिबद्धता को सिद्ध किया । ट्रस्ट ने लखनऊ में वृद्धा आश्रम, अनाथालय, भगवत गीता सेंटर, और हेल्प यू एकेडमी ऑफ स्पिरिचुअल म्यूजिक जैसी परियोजनाओं को प्रारंभ किया है और देशभर की राजधा��ियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कार्यालय स्थापित कर रहा है । ट्रस्ट की प्रबंध समिति में श्रीमती किरन अग्रवाल, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल और डॉ. रूपल अग्रवाल की सक्रिय भूमिका, साथ ही पद्मश्री अनूप जलोटा का मार्गदर्शन, इसे निरंतर नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है ।“
कार्यक्रम में सुश्री चांदनी, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, ने कहा कि, “स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता समाज को एक बेहतर दिशा में प्रेरित करती है । एल्डिको ने हमेशा समाज की भलाई को प्राथमिकता दी है, और यह शौचालय उसी भावना का प्रतीक है । हेल्प यू ट्रस्ट के प्रति मैं आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने इस परियोजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया । मेरा सभी से अनुरोध है कि इस शौचालय को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाए रखें । स्वच्छता केवल हमारी आदत नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है और इसे बनाए रखना हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए अत्यंत आवश्यक है ।"
स्कूल की प्रधानाचार्या, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने मुख्य अतिथि, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद किया । उन्होंने कहा कि, “शौचालय के निर्माण से विद्यालय में स्वच्छता के प्रति जागरूकता निश्चित रूप से बढ़ेगी और बच्चे अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रतिबद्ध होंगे ।“
कार्यक्रम में श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, सुश्री चांदनी, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला, प्रधानाचार्या, राजकीय हाई स्कूल, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
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कामिनी विद्रावण रस टैबलेट
कामिनी विद्रावण रस टैबलेट: एक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य रत्न
आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए कई तरह के औषधीय उत्पादों का उपयोग किया जाता है। उनमें से एक प्रसिद्ध औषधि है कामिनी विद्रावण रस। यह आयुर्वेदिक औषधि विशेष रूप से पाचन तंत्र को सुदृढ़ करने, शरीर में जमा दोषों को बाहर निकालने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। इस लेख में हम कामिनी विद्रावण रस टैबलेट के लाभ, उपयोग और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
कामिनी विद्रावण रस क्या है?
कामिनी विद्रावण रस एक आयुर्वेदिक योग है जो विशेष रूप से शरीर में विषाक्त पदार्थों को समाप्त करने (विसर्पण) के लिए तैयार किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर के अंदर जमा कफ और वात दोषों को शांति प्रदान करना और पाचन क्रिया को सुधारना है। यह औषधि विभिन्न जड़ी-बूटियों और खनिजों के मिश्रण से तैयार होती है, जो शरीर के अंदर संचित अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
कामिनी विद्रावण रस के लाभ
पाचन तंत्र को सुधारता है कामिनी विद्रावण रस पेट की समस्याओं जैसे अपच, गैस, कब्ज, और अन्नास रोग को दूर करने में सहायक होता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और भोजन के पोषक तत्वों को शरीर द्वारा बेहतर अवशोषित करने में मदद करता है।
विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है यह औषधि शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों और खतरनाक तत्वों को बाहर निकालने के लिए एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग एजेंट के रूप में काम करती है। यह रक्त को शुद्ध करने और शरीर से अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है कामिनी विद्रावण रस शरीर की सामान्य कार्यक्षमता को बढ़ाता है, जिससे थकान और कमजोरी दूर होती है। यह शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखता है और शरीर को सक्रिय रखता है।
प्राकृतिक उपचार कामिनी विद्रावण रस का उपयोग प्राकृतिक तरीके से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के। यह प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और खनिजों से बना होने के कारण शरीर के लिए सुरक्षित है।
कामिनी विद्रावण रस का उपयोग कैसे करें?
कामिनी विद्रावण रस टैबलेट का सेवन सामान्यतः एक निर्धारित मात्रा में किया जाता है, जो आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर के निर्देशानुसार होता है। आमतौर पर इसे दिन में दो बार, खाने से पहले या बाद में पानी के साथ लिया जाता है। हालांकि, इसे लेने से पहले एक आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लेना हमेशा बेहतर होता है, ताकि आपके शरीर की विशेष जरूरतों के अनुसार सही खुराक निर्धारित की जा सके।
निष्कर्ष
कामिनी विद्रावण रस एक बहुपरकारी आयुर्वेदिक औषधि है, जो न केवल पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, ��ल्कि शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, ऊर्जा बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से शरीर के विभिन्न दोषों को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति का जीवन अधिक स्वस्थ और ऊर्जा से भरा रहता है।
अगर आप भी अपने स्वास्थ्य को प्राकृतिक तरीके से सुधारना चाहते हैं, तो कामिनी विद्रावण रस को एक बार अपनी दिनचर्या में शामिल करके देख सकते हैं।
सुझाव: इस औषधि का सेवन शुरू करने से पहले एक अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
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कुंडली के सप्तम घर में कोई ग्रह न हो तो जीवनसाथी कैसा होगा ?
कुंडली के सप्तम घर में ग्रह न होने पर जीवनसाथी के बारे में 5 महत्वपूर्ण बिंदु:
ग्रह दृष्टि का प्रभाव: सप्तम भाव में ग्रह न होने पर भी, उस पर अन्य ग्रहों की दृष्टि होती है। जिन ग्रहों की दृष्टि होगी, उनके अनुसार जीवनसाथी का स्वभाव और गुण प्रभावित होंगे।
सप्तम भाव का स्वामी: सप्तम भाव का स्वामी जिस भाव में स्थित होगा और उसकी स्थिति कैसी है, उससे जीवनसाथी के स्वभाव, स्वास्थ्य और रिश्ते की गुणवत्ता का पता चलता है।
सकारात्मक और सामंजस्यपूर्ण संबंध: सप्तम भाव में ग्रह न होने पर भी, यह संकेत नहीं देता कि वैवाहिक जीवन खराब होगा। यदि सप्तम भाव का स्वामी मजबूत और शुभ स्थिति में है, तो जीवनसाथी संगति वाला और सहयोगी हो सकता है।
जीवनसाथी की सामान्य स्थिति: सप्तम भाव में ग्रह न होने से जीवनसाथी का स्वभाव सामान्य, संतुलित और बिना विशेष उतार-चढ़ाव वाला हो सकता है। विशेष रूप से कोई ग्रह न होने से जीवनसाथी पर अत्यधिक प्रभावी या नकारात्मक गुण कम हो सकते हैं।
विवाह का समय और गुण: विवाह के समय और जीवनसाथी के गुणों का निर्धारण अन्य ग्रहों की स्थिति और दशा-अंतर्दशा के आधार पर होता है, इसलिए अन्य भावों और दशाओं का भी विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है।
कुंडली के सप्तम घर में कोई ग्रह न हो तो जीवनसाथी या अपनी पढ़ाई या अपने जीवन के बारे में जानकारी जनि है तो। आप Kundli for Android - Astrology का प्रयोग कर सकते है। जो आपको फ्री में एक अच्छी जानकारी दे सकता है.
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सूचना: जोधवाड़ा में राजवर्धन सिंह द्वारा सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन की घोषणा
परिचय
हम सभी जानते हैं कि जोधवाड़ा नगर राजस्थान के महत्वपूर्ण नगरों में से एक है। इस नगर में जनसंख्या तेजी से ��ढ़ रही है और इसके साथ ही नगर की आधुनिकीकरण की मांग ��ी बढ़ रही है। इस आधुनिकीकरण के प्रयासों का हिस्सा बनते हुए, राजवर्धन सिंह ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन की घोषणा की है। इस घोषणा के माध्यम से, जोधवाड़ा की आधुनिक और स्वच्छ जल संरचना को मजबूती दी जाएगी।
योजना का उद्देश्य
राजवर्धन सिंह द्वारा की गई इस घोषणा का मुख्य उद्देश्य जोधवाड़ा नगर के विकास को सुदृढ़ करना है। सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन की यह योजना नगर को स्वच्छता और सुरक्षित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए है। इससे न केवल जनसंख्या को स्वच्छ पानी की उपलब्धता मिलेगी, बल्कि साथ ही नगर की हाइजीन और स्वास्थ्य मानकों को भी बढ़ावा मिलेगा।
योजना की विशेषताएँ
सीवरेज लाइन्स
जोधवाड़ा में नए सीवरेज लाइन्स का निर्माण किया जाएगा। ये लाइन्स मौजूदा अवस्था से कई गुना ताकतवर और संवेदनशील होंगे, जिससे कि शहर में स्वच्छता का स्तर ऊंचा होगा। सीवरेज सिस्टम को मॉडर्न तकनीकी परिप्रेक्ष्य में डिजाइन किया गया है ताकि इसकी देखरेख और रख-रखाव आसानी से किया जा सके।
वॉटर पाइपलाइन्स
वॉटर पाइपलाइन्स की योजना द्वारा जोधवाड़ा में जल संयंत्रों से लेकर नगर के विभिन्न इलाकों तक पानी का प्रदान सुनिश्चित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि नगर की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके, राजवर्धन सिंह ने प्रौद्योगिकी और स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखा है।
सामाजिक प्रभाव
इस यो���ना के माध्यम से, जोधवाड़ा के नागरिकों को सामूहिक रूप से लाभ होगा। सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन्स के संचालन से न केवल पर्यावरण को हानि कम होगी, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी बड़े पैमाने पर समृद्धि मिलेगी। यह योजना नगर के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और नगर के लोगों को एक बेहतर जीवन गुणवत्ता प्रदान करेगी।
समाप्ति
राजवर्धन सिंह द्वारा इस स्वच्छता और जल संरचना के प्रोजेक्ट की घोषणा नगर के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकल्प से जोधवाड़ा नगर को विशेष रूप से लाभ होगा और यह उसके समृद्धिकरण के प्रति एक प्रेरणास्पद संकेत है।
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यदि सूर्य बुध और मंगल की युति कन्या राशि छटट घर में कुंडली में हो?
सूर्य, बुध, और मंगल की युति यदि कुंडली के छठे घर में कन्या राशि में हो, तो इसके पाँच महत्वपूर्ण प्रभाव इस प्रकार हो सकते हैं:
धार्मिक स्वास्थ्य: यह संयोजन स्वास्थ्य में ध्यान रखने की आवश्यकता दर्शाता है। आपको पेट और नर्वस सिस्टम से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं, लेकिन इनका समाधान भी आसानी से संभव हो सकता है।
बुद्धिमत्ता और तर्कशक्ति: बुध के प्रभाव से आपकी तर्कशक्ति और बुद्धिमत्ता बढ़ेगी। समस्याओं को सुलझाने में आप कुशल होंगे और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाएँगे।
विवाद और शत्��ु: मंगल और छठे घर का संयोजन शत्रुओं और विवादों में वृद्धि कर सकता है। आपको विरोधियों से सावधान रहना होगा और संघर्षों को सुलझाने की कला में पारंगत होना पड़ेगा।
कर्मठता और परिश्रम: सूर्य और मंगल की ऊर्जा से आप कर्मठ और मेहनती बनेंगे। काम में लगन और मेहनत से सफलता प्राप्त करेंगे।
प्रतिस्पर्धात्मकता: यह संयोजन आपको प्रतिस्पर्धात्मक बनाएगा। आप किसी भी क्षेत्र में अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे और अक्सर सफल भी होंगे।
दोष के प्रभाव और उपाय की सही जानकारी के लिए आप थे कुंडली की वेबसाइट का भी प्रयोग कर सकते है। जो आपको आपकी जन्म कुंडली के आधार पर आपको एक विशेष जानकारी दे सकता है.
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*Dr. Smita Goel Homeopathy Clinic*
www.thehomeopathyclinic.co.in
एसिडिटी या अम्लता एक चिकित्सा स्थिति है जो एसिड के अतिरिक्त उत्पादन के कारण होती है। यह एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा उत्पादित होता है। अम्लता पेट, गैस्ट्रिक सूजन, दिल की धड़कन और डिस्प्सीसिया में अल्सर जैसे लक्षण पैदा करती है। यह आमतौर पर अनियमित खाने के पैटर्न, शारीरिक खेल या गतिविधियों की कमी, शराब की खपत, धूम्रपान, तनाव, फड आहार और खराब खाने की आदतों जैसे कई कारकों के कारण होता है। लोग उन जगहों पर अम्लता विकसित करने में अधिक प्रवण होते हैं। जहां लोग अधिक शाकाहारी, मसालेदार और तेल के भोजन का उपभोग करते हैं। एनएसएआईडी (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी कई दवाएं गैस्ट्रिक अम्लता विकसित करने में एक व्यक्ति को अधिक संवेदनशील बना सकती हैं। एक भारी भोजन लेने के बाद अम्लता को गहरी जलती हुई सनसनी की विशेषता है। अम्लता वाले लोगों में अपचन और कब्ज भी आम है। यह घरेलू उपचार या एंटासिड का उपभोग करके और स्वस्थ कार्यान्वयन से ठीक हो सकता है। एंडोस्टिज्म के रूप में जाना जाने वाला एक तकनीक एसिड भाटा से भी बहुत राहत प्रदान करता है। अम्लता के सामान्य लक्षणों में पेट और गले में मुंह, कब्ज, बेचैनी और जलने की उत्तेजना में अपचन, मतली, खट्टा स्वाद शामिल है।
# अम्लता का कारण क्या होता है?
हमारा पेट आमतौर पर गैस्ट्रिक एसिड पैदा करता है जो पाचन में मदद करता है। इन एसिड के संक्षारक प्रभाव प्रोस्टाग्लैंडिन और प्राकृतिक बाइकार्बोनेट के उत्पादन से संतुलित होते हैं जो श्लेष्म अस्तर में गुप्त होते हैं। यह पेट की अस्तर को नुकसान पहुंचाता है और अम्लता का कारण बनता है। अन्य कारक जो अम्लता का कारण बनते हैं उनमें शामिल हैं:
मांसाहारी और मसालेदार खाद्य पदार्थों का उपभोग करना।
अत्यधिक तनाव
बहुत अधिक शराब का उपभोग।
अक्सर धूम्रपान
पेट के ट्यूमर, गैस्ट्रोसोफेजियल रीफ्लक्स रोग और पेप्टिक अल्सर जैसे पेट विकार।
एनएसएआईडीएस (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी दवाएं।
√ अम्लता के लिए उपचार:
एल्यूमीनियम, कैल्शियम या मैग्नीशियम युक्त एंटीसिड का उपभोग करके अम्लता ठीक हो सकती है। कई बार, एच 2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (हिस्टामाइन अवरुद्ध एजेंट) जैसे निजाटिडाइन, फ़ोटोटिडाइन, रैनिटिडाइन और सिमेटिडाइन का उपयोग किया जाता है। यदि आपके पास गंभीर अम्लता है तो प्रोटॉन पंप इनहिबिटर डॉक्टर द्वारा भी निर्धारित किए जाते हैं। अम्लता का इलाज घरेलू उपचारों जैसे कि केले, ठंडे दूध, एनीज, जीरा, कार्डोमन, लौंग, टकसाल के पत्तों और अदरक का उपभोग भी किया जा सकता है। आप भोजन के दौरान मसालेदार भोजन या अचार से बचने, अधिक सब्जियों और फलों को खाने, गैर शाकाहारी भोजन का उपभोग न करने, एनएसएड्स (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) और स्टेरॉयड जैसी दवाओं से बचने और तनाव को कम करने से अम्लता को रोक सकते हैं।
कभी-कभी नींद से पहले भोजन लेने से अम्लता भी हो सकती है। यह पेट के एंजाइमों को आपके एसोफैगस पर वापस जाने और एसिड भाटा का कारण बनने के लिए उत्तेजित करता है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
√ लक्षण:
पेट में जलन जलन
गले में जलन जलन।
डकार।
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कालसर्प दोष: ज्योतिषीय परिस्थिति और निवारण
ज्योतिष विज्ञान एक ऐसी विद्या है जो व्यक्ति के जीवन को ग्रहों के चलने के साथ जोड़ती है। यहां हम एक ऐसे विशेष योग के बारे में चर्चा करेंगे जिसे "कालसर्प दोष" कहा जाता है और जिसका निवारण ज्योतिषीय उपायों के माध्यम से किया जा सकता है।
कालसर्प दोष क्या है?
कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय प्रवृत्ति है जो किसी कुंडली में राहु और केतु ग्रहों के बीच में बनने वाले योगों को संकेत करती है। इसे कालसर्प योग भी कहा जाता है, और इसके कारण जातक को विभिन्न जीवन क्षेत्रों में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।
कालसर्प दोष क प्रकार:
कालसर्प दोष के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि अनंत, कुलिक, वासुकि, शंखपाल, पद्म, महापद्म, तक्षक, और कैलास। इन प्रकारों के आधार पर व्यक्ति की कुंडली में किस प्रकार का कालसर्प दोष है, इसे निर्धारित किया जाता है।
कालसर्प दोष के प्रभाव:
परिवारिक समस्याएं: कालसर्प दोष के कारण परिवारिक संबंधों में कठिनाईयाँ उत्पन्न हो सकती हैं। विशेषज्ञता और समझदारी से इसका सामना करना आवश्यक होता है
आर्थिक समस्याएं: कालसर्प दोष के चलते व्यक्ति को आर्थिक समस्याएं भी आ सकती हैं। नियमित रूप से धन संबंधित परिस्थितियों का विचार ��रना महत्वपूर्ण है।
स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ व्यक्तियों को कालसर्प दोष के कारण स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। नियमित चेकअप और स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखना आवश्यक है।
कालसर्प दोष का निवारण:
पूजा और हवन: कालसर्प दोष के उपाय में पूजा और हवन का महत्वपूर्ण स्थान है। निर्धारित रूप से मंगलवार को कालसर्प पूजा करना और हवन आयोजित करना चाहिए।
मंत्र जाप: कालसर्प दोष के उपाय के रूप में कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना भी फलकारी हो सकता है। गुरु मंत्र और केतु मंत्र का नियमित रूप से जाप करना लाभकारी हो सकता है।
रत्न धारण: कुछ ज्योतिषी रत्नों के धारण को भी कालसर्प दोष से मुक्ति प्रदान करने का सुझाव देते हैं। नीलम या मूंगा रत्न का धारण करना इसमें शामिल है।
दान और तप: कुछ लोग दान और तप के माध्यम से भी कालसर्प दोष का निवारण करते हैं। गौ-दान, तिल-दान, और वस्त्र-दान इसमें शामिल हैं।
कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय परिस्थिति है जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती है, लेकिन समझदारी से और उचित उपायों के माध्यम से इसका सामना किया जा सकता है। धार्मिकता, सच्चाई, और आत्म-समर्पण के साथ, व्यक्ति इस प्रकार के ज्योतिषीय परिस्थितियों को पार कर सकता है काल सर्प दोष के निवारण के लिए आप किसी पंडित से सलाह ले सकते है और अगर आप खुद से कालसर्प दोष का निवारण करना चाहते है तो होराइजन आर्क के कुंडली चक्र से कर सकते है ये काफी अच्छा सॉफ्टवेयर है और आप अपने जीवन को संतुलित और समृद्धि भरा बना सकता है।
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सर सादुल सिंह जी, जिन्हें महाराजा सर सादुल सिंह बहादुर के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास में एक प्रमुख व्यक्ति थे। वह एक सम्मानित शासक और एक प्रमुख नेता थे। उनके जन्मदिन के बारे में लिखने के लिए, हमें विशिष्ट तिथि जानने की आवश्यकता है, क्योंकि ऐतिहासिक हस्तियों के जन्मदिन हमेशा व्यापक रूप से नहीं मनाए जाते हैं। हालाँकि, मैं आपको उनके जीवन और योगदान के बारे में कुछ जानकारी प्रदान कर सकता हूँ।
सर सादुल सिंह जी का जन्म 1882 में बीकानेर रि��ासत में हुआ था, जो अब भारत के राजस्थान का हिस्सा है। वह बीकानेर शाही परिवार से थे और 1902 में बीकानेर के महाराजा के रूप में सिंहासन पर बैठे।
यहां उनके जीवन और शासनकाल के कुछ उल्लेखनीय पहलू हैं:
आधुनिकीकरण और विकास: महाराजा सर सादुल सिंह जी शासन के प्रति अपने प्रगतिशील और दूरदर्शी दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। अपने शासन के दौरान, उन्होंने कई आधुनिकीकरण पहलों को लागू किया और अपने राज्य के विकास की दिशा में काम किया।
शिक्षा: शिक्षा के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता थी और उन्होंने बीकानेर में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से उनके राज्य के लोगों के लिए शिक्षा तक पहुंच में सुधार हुआ।
लोक कल्याण: महाराजा सर सादुल सिंह जी अपनी प्रजा के कल्याण के लिए समर्पित थे। उन्होंने बीकानेर में स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के लिए विभिन्न पहल कीं।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान योगदान: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश युद्ध प्रयासों में सैन्य और वित्तीय सहायता देकर महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके प्रयासों को मान्यता दी गई और ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें कई सम्मान और उपाधियाँ प्रदान की गईं।
विरासत: महाराजा सर सादुल सिंह जी को एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने अपने लोगों की प्रगति और कल्याण के लिए अथक प्रयास किया। शिक्षा और जन कल्याण में उनके योगदान ने क्षेत्र पर स्थायी प्रभाव छोड़ा।
उनके जन्मदिन के बारे में अधिक विशिष्ट जानकारी प्रदान करने या उनके जीवन के बारे में अधिक विस्तृत लेख लिखने के लिए, उनके जन्म की सही तारीख जानना उपयोगी होगा। यदि आपके पास वह जानकारी है, तो कृपया इसे प्रदान करें, और मैं सर सादुल सिंह जी के जन्मदिन और विरासत के बारे में एक समर्पित लेख लिखने में आपकी सहायता कर सकता हूं।
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बच्चों के मोबाइल देखने पर AIIMS का बड़ा बयान - क्या कहा?
मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस आज के समय की जरूरत बन गए हैं। लेकिन अगर इनका अधिक इस्तेमाल किया जाए तो ये बच्चों की सेहत और विकास के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत के प्रतिष्ठित अखिल ���ारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने हाल ही में बच्चों के मोबाइल इस्तेमाल पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। AIIMS के एक्सपर्ट्स ने कहा कि बच्चों को मोबाइल फोन और डिजिटल गेम्स का बहुत…
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Cycle ka Avishkar Kisne Kiya | साइकिल का आविष्कार किसने किया
इस पोस्ट में आप जानेंगे कि Cycle ka Avishkar Kisne Kiya। पहले के जमाने में दुनिया की सारी आबादी साइकिल का इस्तेमाल करती थी। एक साइकिल परिवहन का एक किफायती, स्वच्छ रूप है। साइकिल का उपयोग करने के लिए किसी पेट्रोल की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, आधुनिक युग में बहुत कम लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। बाइक, कार और अन्य वाहनों के नए मॉडल हाल ही में बाजार में आए हैं, लेकिन पहला आधुनिक वाहन साइकिल था। क्योंकि आधुनिक ऑटोमोबाइल ईंधन और डीजल पर चलते हैं, जो हवा को प्रदूषित करते हैं, पूरी दुनिया अब वायु प्रदूषण से जूझ रही है। हालाँकि, साइकिल परिवहन का एक रूप है जो पर्यावरण को नष्ट नहीं करता है और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। दूसरी ओर, इलेक्ट्रॉनिक वाहन, हाल ही में विकसित किए गए हैं और किसी भी वायु प्रदूषण में योगदान नहीं करते हैं। आपने कभी न कभी बाइक के पैडल जरूर मारे होंगे। आप सोच रहे होंगे कि इस समय साइकिल का आविष्कार किसने किया था। हमारे लिए साइकिल का आविष्कार किसने किया का वर्णन करें।
साइकिल का आविष्कार किसने किया था
साइकिल बनाने का श्रेय जर्मन वन अधिकारी कार्ल वॉन ड्रैस को जाता है। करीब 200 साल पहले 1817 में इतिहास की पहली साइकिल बनाई गई थी। साइकिल के अलावा, कार्ल वॉन ड्रैस यूरोप के बिडेर्मियर युग के एक प्रसिद्ध आविष्कारक थे जिन्होंने कई अन्य वस्तुओं का भी निर्माण किया। कीबोर्ड के साथ पहला टाइपराइटर, सामान ले जाने के लिए साइकिल, 16-कैरेक्टर स्टेनोग्राफ मशीन, दुनिया की पहली मांस की चक्की, और 1812 में कागज पर पियानो संगीत लिखने के लिए एक उपकरण। कार्ल वॉन ड्रेस भी मान्यता के पात्र हैं।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मैनहेम और रेनौ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किमी का सफर तय कर सकती है।
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साइकिल का आविष्कार कैसे और कब हुआ
इंडोनेशिया में माउंट टैम्बोरा ज्वालामुखी ने वर्ष 1815 में एक विशाल विस्फोट देखा, जिसका उत्तरी गोलार्ध के राष्ट्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। नतीजतन, दुनिया भर के तापमान में महत्वपूर्ण गिरावट आई, उत्तरी गोलार्ध में फसलों पर सबसे खराब प्रभाव पड़ा। अकाल जैसी स्थितियों के उद्भव के परिणामस्वरूप कई पालतू जानवरों की मृत्यु हो गई, क्योंकि उस समय उनका उपयोग लोगों और वस्तुओं के परिवहन के लिए किया जाता था। उनके आसन्न निधन के कारण, साइकिल को पालतू जानवरों का सामान ले जाने के विकल्प के रूप में बनाया गया था।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मैनहेम और राइनाउ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किलोमीटर का सफर तय कर सकती थी।
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धीमी गति से चलना आपकी सेहत को फायदे की जगह पहुंचा सकता है नुकसान, जानें तेज चलने के फायदे- इंडिया टीवी
छवि स्रोत: FREEPIK धीमी गति से चलना आपके स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। फिटनेस के लिए पैदल चलना जरूरी है। रोजाना चलने के फायदे तो हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि चलने के दौरान आपकी गति का आपके स्वास्थ्य पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। आपके चलने की गति से पता चलता है कि आपका स्वास्थ्य कैसा है। अगर आप रोजाना बहुत धीरे-धीरे चलते हैं तो इससे आपको फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। जी हां,…
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लखनऊ, 31.08.2024 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा "Building A Safer Community by Teaching School Aged Children” अभियान के अंतर्गत मां विंध्यवासिनी इंटर कॉलेज, नीलमथा, लखनऊ में जागरूकता कार्यक्रम "सुरक्षित बच्चा : सुरक्षित समाज" का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को यह बताना था कि विषम परिस्थितियों में अपनी सुरक्षा कैसे की जाए |
कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने विद्यालय के लगभग 80 छात्र-छात्राओं बुलीइंग (Bulling) के बारे में बताते हुए कहा कि, “बुलीइंग न केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं, बल्कि यह एक गंभीर सामाजिक समस्या भी हैं । उन्होंने छात्रों को बताया कि यदि कोई उन्हें परेशान करता है या तंग करता हैं, तो उन्हें डरने या चुप रहने की आवश्यकता नहीं हैं । इसके बजाय, उन्हें इसकी सूचना अपने शिक्षक, माता-पिता या किसी जिम्मेदार व्यक्ति को देनी चाहिए ।“
स्वयंसेवकों ने छात्राओं को यह समझाया कि “एक सुरक्षित और सशक्त समुदाय का निर्माण तभी संभव हैं, जब सभी बच्चे एक-दूसरे का सम्मान करें और एक-दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखें । इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे वे जैसी घटनाओं से निपटने में सक्षम हो सके । इस जागरूकता कार्यक्रम ने छात्रों को बुलीइंग (Bulling) के खिलाफ जागरूक होने और अपनी सुरक्षा के लिए खड़े होने का सशक्त संदेश दिया ।“
जागरूकता कार्यक्रम “Building A Safer Community by Teaching School Aged Children” में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों सुश्री शिखा यादव, नमीरा सिद्दीकी, सुश्री मांडवी त्रिपाठी, श्री अजय कुमार पांडे, सुश्री स्नेहा (एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी) ने सहभागिता की तथा जागरूकता अभियान को सफल बनाया |
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वैरिकोसेले को समझना: उपलब्ध उपचार
वैरिकोसेले पुरुषों में एक आम स्थिति है, जिसमें अंडकोष (testicles) में रक्त वाहिकाएँ फैल जाती हैं। यह स्थिति प्रजनन क्षमता पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है, लेकिन सही समय पर निदान और उपचार से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं वैरिकोसेले के बारे में अधिक विस्तार से।
पुरुष प्रजनन क्षमता पर प्रभाव
वैरिकोसेले का सबसे बड़ा प्रभाव ��ुरुषों की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव डालता है। जब अंडकोष में रक्त वाहिकाएँ फैल जाती हैं, तो इससे रक्त का संचार प्रभावित होता है। इससे अंडकोष का तापमान बढ़ जाता है, जो शुक्राणु उत्पादन में रुकावट डाल सकता है। यह स्थिति शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या को कम कर सकती है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है। कई मामलों में, वैरिकोसेले को ठीक करने से पुरुष प्रजनन क्षमता पर प्रभाव में सुधार देखा गया है, और पुरुषों को संतान सुख का अनुभव हो सकता है।
वैरिकोसेले का निदान
वैरिकोसेले का निदान एक चिकित्सक द्वारा किया जाता है। प्रारंभ में, डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों का जायजा लेते हैं। फिर शारीरिक जांच के दौरान, वे अंडकोष में फैलाव और असामान्य रक्त वाहिकाओं का पता लगाने की कोशिश करते हैं। कभी-कभी, अल्ट्रासाउंड या अन्य इमेजिंग परीक्षणों की आवश्यकता होती है, ताकि स्थिति की गंभीरता का मूल्यांकन किया जा सके। इस प्रक्रिया से वैरिकोसेले की पहचान करना आसान हो जाता है और उपयुक्त उपचार योजना बनाई जा सकती है।
उपचार के विकल्प
वैरिकोसेले के उपचार के कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनका चयन स्थिति की गंभीरता और अन्य स्वास्थ्य कारकों के आधार पर किया जाता है:
सर्जिकल उपचार (सर्जरी): सबसे प्रभावी उपचार में से एक सर्जरी है, जिसमें फैल चुकी रक्त वाहिकाओं को काट दिया जाता है या उनका मार्ग बदल दिया जाता है। इस सर्जरी को माइक्रोस्कोपिक सर्जरी (माइक्रोवेसिकलर सर्जरी) कहा जाता है, और इसमें रिकवरी समय कम होता है और सफलता दर अधिक होती है।
एंजियोप्लास्टी: इसमें रक्त वाहिकाओं को खोलने के लिए एक पतली ट्यूब (कैथेटर) डाली जाती है। यह प्रक्रिया कम आक्रामक होती है और इसमें रिकवरी की प्रक्रिया जल्दी होती है।
मेडिकल उपचार: कुछ मामलों में, चिकित्सक वैरिकोसेले के लक्षणों को कम करने के लिए दवाइयाँ भी सुझा सकते हैं। हालांकि, यह उपचार समस्या को पूरी तरह से समाप्त नहीं करता, लेकिन असुविधा को कम कर सकता है।
निष्कर्ष
वैरिकोसेले पुरुषों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, खासकर यदि यह प्रजनन क्षमता पर प्रभाव डालता है। हालांकि, उपचार के सही विकल्प के साथ इस समस्या को आसानी से ठीक किया जा सकता है। यदि आपको वैरिकोसेले के लक्षण महसूस होते हैं या आपको गर्भधारण में समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर उपचार लेने से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है, और आप भविष्य में संतान सुख का अनुभव कर सकते हैं।समाधान: अपने स्वास्थ्य को गंभीरता से लें, और यदि आपको वैरिकोसेले के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। समय पर निदान और उपचार आपके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं।
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