#स्कूल फीस 2020
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हाई कोर्ट ने कोरोना काल में जमा स्कूल फीस को 15 फीसदी माफ करने का आदेश दिया
हाई कोर्ट ने कोरोना काल में जमा स्कूल फीस को 15 फीसदी माफ करने का आदेश दिया
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य के स्कूलों से 2020-21 के लिए बच्चों की 15 प्रतिशत फीस वापस करने को कहा, जब महामारी के कारण ऑफलाइन कक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकीं मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर की पीठ ने कहा कि सत्र 2020-21 में ली जाने वाली कुल फीस का 15 प्रतिशत अगले सत्र में समायोजित करना होगा। कोरोना काल में ली जा रही स्कूल फीस के नियमन को लेकर कई अभिभावकों की ओर से याचिका दायर की गई थी कोर्ट में याचिकाकर्ता अभिभावकों की ओर से इस बात पर जोर दिया गया कि वर्ष 2020-21 में निजी स्कूलों में ऑनलाइन ट्यूशन के अलावा कोई सेवा नहीं दी गई। इस प्रकार, निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस से एक रुपया भी अधिक वसूलना और कुछ नहीं बल्कि शिक्षा का मुनाफाखोरी और व्यावसायीकरण है याचिकाकर्ताओं ने अपने समर्थन में भारतीय स्कूल, जोधपुर बनाम राजस्थान राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फ��सले का भी हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूल बिना कोई सेवा प्रदान किए फीस की मांग करना शिक्षा में मुनाफाखोरी के बराबर है हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक स्कूल छोड़ चुके बच्चों को साल 2020-21 में ली गई फीस का 15 फीसदी स्कूलों को वापस करना होगा इस पूरी प्रक्रिया को करने के लिए हाईकोर्ट ने सभी स्कूलों को 2 महीने का समय दिया है। सभी याचिकाओं पर छह जनवरी को सुनवाई हुई थी और फैसला सोमवार को आया है।
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High Court:हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कोरोना काल में बच्चों की 15 प्रतिशत फीस होगी माफ - Allahabad High Court Decision, 15 Percent Fees Of Children Will Be Waived During The Corona Period
Prayagraj – फोटो : अमर उजाला विस्तार कोरोना काल में स्कूल फीस मामला मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। इलाहबाद हाईकोर्ट का अभिभवकों के पक्ष में बड़ा फैसला दिया है। बच्चों की 15 प्रतिशत फीस माफहोगी। कोरोना काल में ली जा रही स्कूल फीस को विनियामन को लेकर कई अभिभावकों की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। साल 2020-21 में राज्य के सभी स्कूलों में ली गई कुल फीस पर 15 प्रतिशत माफ़ किया…
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महाराष्ट्र सरकार गैरकानूनी सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों की फीस नियंत्रित नहीं कर सकती: हाईकोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस साल स्कूलों में फीस वृद्धि को रोकने वाले सरकारी प्रस्ताव पर अंतरिम रोक लगाते हुए कहा है कि महाराष्ट्र सरकार को निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों या अन्य सरकारी स्कूलों की ...। Source link
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School Fees : कोरोना काल में फीस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार, बोर्डों व स्कूलों से मांगा जवाब
School Fees : कोरोना काल में फीस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार, बोर्डों व स्कूलों से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश भर में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के खिलाफ दाखिल अभिभावकों की जनहित याचिका पर राज्य सरकार, यूपी बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड व विभिन्न निजी स्कूलों से जवाब मांगा… Source link
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परेशानी : 10 जुलाई तक फीस न देने पर नाम काटने की चेतावनी हरियाणा के दादरी स्थित निजी स्कूलों ने चेतावनी दी है कि 10 जुलाई तक मासिक शुल्क नहीं जमा करने वाले बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं बंद कर दी जाएंगी और उनके नाम स्कूल से काट दिए जाएंगे एवं कोई अन्य दूसरा... Source link
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‘तारक मेहता’ के नट्टू काका का कैंसर से हालत ऐसी, झड़ गए बाल, फीका पड़ा चेहरे का रंग!
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‘तारक मेहता’ के नट्टू काका का कैंसर से हालत ऐसी, झड़ गए बाल, फीका पड़ा चेहरे का रंग!
दोस्तों टीवी के सबसे पॉपुलर शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में नट्टू काका का किरदार निभाकर दर्शकों की होठों पर हँसी लाने वाले घनश्याम नायक इन दिनों कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं। वे एक फाइटर की तरह कैंसर से मुकबला कर रहे हैं। उन्हें अपनी बीमारी का इसी साल अप्रैल मे पता चला। जून महीने मे यह खबर वायरल हुई थी। अब उनकी कुछ लेटेस्ट फोटोज सामने आई है, जिसमें हमेशा हसने मुस्कुराने वाले नट्टू काका के चेहरे पर उदासी की झलक साफ देखी जा सकती है। बीमारी का उन पर क्या असर हुआ है यह फोटो मे साफ दिख रहा है, उनके बाल झड़ गए है और चेहरे की रंगत की फीकी पड़ गई है।
जब से फैन्स को नट्टू काका के कैंसर से पीड़ित होने की बात पता चली है, वे नट्टू काका के जल्द ठीक होने की दुआएं कर रहे हैं। एक बार नट्टू काका ने एक इंटव्यू में बताया था कि वे आखिरी सांस तक सिर्फ एक्टिंग ही करना चाहते हैं। घनश्याम नायक के पुत्र विकास ने एक इंटरव्यू में बताया था उनके पिता के गले में कुछ स्पॉट्स पाए गए थे, जिसकी बाद डॉक्टरों ने उनका ट्रीटमेंट एक बार फिर ���ुरू करने का फैसला किया। सितंबर, 2020 में भी डॉक्टरों ने खुलासा किया था कि घनश्याम नायक के गले में 8 गांठें है, जिसके बाद उनके गले की ��र्जरी करके गांठें निकाल दी गई थी।
नट्टू काका ने कई बॉलीवुड फिल्मो मे भी काम किया है। 7 साल की उम्र से वे एक्टिंग की दुनिया मे आ गए। आज उन्हें हर कोई जानता है, लेकिन अपनी जिंदगी में उन्होंने ऐसा वक्त भी देखा है जब उनके पास खाने और अपने बच्चों की स्कूल फीस तक देने के लिए पैसे नहीं थे। उन्होने गरीबी और अभावो से जुझते हुए अपनी जिंदगी के कई पलों को गुजारा है।अपने संघर्ष के दिनों के बारे मे बात करते हुए एक बार एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था- ‘मुझे हमेशा से एक्टर ही बनना था। लेकिन उस इंडस्ट्री में ज्यादा पैसा नहीं मिलते थे। कई बार तो ऐसा हुआ, जब मैंने पड़ोसियों और दोस्तों से पैसे उधार लेकर किराया और बच्चों के स्कूल की फीस भरी। मैंने वह दौर भी देखा है जब 3 रुपए के लिए मुझे 24 घंटे काम करना पड़ता था।’
‘तारक मेहता’ के बारे मे बताते हुए उन्होने कहा था कि इस सीरियल से ना सिर्फ उन्हें फेम मिला बल्कि समृद्धि भी मिली। अब वे मुंबई में दो फ्लैट्स के मालिक हैं। उनके तीन बच्चे है – दो बेटी और एक बेटा। बता दे कि घनश्याम नायक मूल रूप से गुजरात के हैं और उन्होंने तकरीबन 31 गुजराती फिल्मों में काम किया है। घनश्याम नायक 2008 में तारक मेहता.. शो से जुड़े थे। उन्होंने 7 साल की उम्र से एक्टिंग शुरू कर दी थी। 1960 में आई सत्येन बोस की फिल्म मासूम में उन्होने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम किया था। वे पिछले 55 साल से इंडस्ट्री से जुड़े हैं और उन्होंने अब तक 300 से ज्यादा फिल्मो मे काम किया है और 250 थिएटर शोज तथा 100 से ज्यादा टीवी सीरियल मे काम कर चुके हैं।
उन्होंने हम दिल दे चुके सनम, तेरे नाम, चोरी चोरी, खाकी, बेटा, आंखें, तिरंगा, लाडला, क्रांतिवीर, आंदोलन, चाहत, घातक, इश्क, चाइना गेट, बारूद, शिकारी, खाकी, लज्जा, माफिया जैसी फिल्मों में छोटे छोटे रोल किए हैं। उन्होंने टीवी शो खिचड़ी, एक महल हो सपनों का, दिल मिल गए, सारथी, साराभाई वर्सेस साराभाई सहित कई अन्य सीरियल मे भी अभिनय किया है। फिलहाल, उनका इलाज किया जा रहा है और डॉक्टर उन्हें कीमोथैरिपी दे रहे हैं।
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बिना नंबर प्रमोट, अब ना दाखिला मिल रहा, ना मनसपंद स्ट्रीम... 4600 स्टूडेंट्स की मार्कशीट से नंबर गायब Divya Sandesh
#Divyasandesh
बिना नंबर प्रमोट, अब ना दाखिला मिल रहा, ना मनसपंद स्ट्रीम... 4600 स्टूडेंट्स की मार्कशीट से नंबर गायब
सैयद सना, लखनऊ लखनऊ शहर में यूपी बोर्ड के 60 स्कूलों में करीब 4600 स्टूडेंट ऐसे हैं, जिन्हें हाईस्कूल में बिना नंबर के प्रमोट कर दिया गया है। इनकी हाई स्कूल की मार्कशीट में अंकों की जगह क्रॉस लगाकर प्रमाटेड लिख दिया गया है। ऐसे स्टूडेंट्स को ज्यादातर स्कूल दाखिला देने में आनाकानी कर रहे हैं। यही नहीं, मनपसंद स्ट्रीम में पढ़ना भी इनके लिए मुश्किल होता जा रहा है।
टिकैतराय तालाब निवासी विजय कुमार श्रीवास्तव की बेटी एसवीपी गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्रा है। हाईस्कूल के रिजल्ट में उसकी मार्कशीट में अंकों की जगह क्रॉस लगाकर प्रमोटेड लिख दिया गया है। विजय का कहना है कि मेरी बेटी परीक्षा देकर 85 से 90 फीसदी के बीच अंक ला सकती थी, लेकिन इस रिजल्ट की वजह से उसे इंटरमीडिएट में मैथ्स स्ट्रीम नहीं मिल पा रही।
टीडी गर्ल्स इंटर कॉलेज में हाई स्कूल की 150 ऐसी छात्राएं हैं, जिन्हें बिना नंबरों के प्रमोट कर दिया गया है। कॉलेज के प्रबंधक महादेव प्रसाद यादव ने बताया कि बोर्ड ने इस साल फॉर्म्युले में 9वीं के फाइनल एग्जाम और दसवीं के प्री-बोर्ड के अंक मांगे थे। शैक्षिक सत्र 2019-20 में मार्च में लॉकडाउन से पहले स्कूल में फाइनल परीक्षाओं के सिर्फ दो पेपर हो पाए थे। सरकार ने ऐसे बच्चों को प्रमोट करने का आदेश जारी कर दिया।
ऐसे में इस साल नंबर मांगे गए तो हमने बोर्ड और विभाग में दो ही परीक्षा होने की बात कही। इसके साथ दो परीक्षाओं के अंक भी अपलोड करवा दिए। रिजल्ट में इन बच्चों के विषयों के आगे भी अंक के बजाय क्रॉस कर नीचे प्रमोटेड लिख दिया गया है। रिजल्ट आने के बाद से ऐसे बच्चों के अभिभावक रोजाना आकर नाराजगी जता रहे हैं।
स्टूडेंट्स के साथ नाइंसाफी शिशु विद्यापीठ इंटर कॉलेज में भी हाईस्कूल के 58 स्टूडेंट्स को बिना नंबर प्रमोट किया गया है। कॉलेज के प्रबंधक राहुल सेन सक्सेना ने बताया कि इनमें ऐसे स्टूडेंट भी हैं, जो पढ़ने में काफी अच्छे हैं। उनके साथ तो नाइंसाफी हो गई। बोर्ड को ऐसे स्कूलों के लिए भी कोई न कोई फॉर्म्युला जारी करना चाहिए था, जो मार्च-2020 में लॉकडाउन से पहले वार्षिक परीक्षाएं नहीं करवा पाए थे।
11वीं की छमाही के अंक जोड़े तो 9वीं के क्यों नहीं बोर्ड से दसवीं के लिए जारी मार्किंग फॉर्म्युले में 9वीं के वार्षिक अंक और दसवीं प्री-बोर्ड के अंकों को आधार बनाया गया। वहीं, 12वीं के रिजल्ट के लिए दसवीं की बोर्ड परीक्षा, 12वीं की प्री-बोर्ड के अंकों के साथ 11वीं की वार्षिक परीक्षा के अंक मांगे गए थे। 11वीं की वार्षिक परीक्षा ने होने पर छमाही के अंक अपलोड करने की छूट दी गई थी। ऐसे में कई स्कूल संचालकों का सवाल है कि यह व्यवस्था 9वीं के लिए क्यों नहीं की गई।
पल्ला झाड़ रहे जिम्मेदार स्ववित्तपोषित विद्यालय प्रबंधक असोसिएशन यूपी के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कुमार द्विवेदी का कहना है कि प्रदेश के 200 स्कूलों के 1 लाख 44 हजार से अधिक बच्चों के साथ नाइंसाफी हुई है। इस बारे में विभाग के आला अधिकारियों से लेकर बोर्ड के सचिव तक से संपर्क किया गया, लेकिन इस पर कोई कुछ भी करने को तैयार नहीं है।
चाहें तो हर विषय की दे सकेंगे ��रीक्षा यूपी बोर्ड ने छात्रों के लिए इंप्रूवमेंट का विकल्प खुला रखा है। यह विद्यार्थियों पर निर्भर करेगा कि वे एक विषय की परीक्षा देना चाहेंगे या सभी विषयों में अंक सुधार के लिए आवेदन करेंगी। इस परीक्षा के बाद जारी परिणाम को वर्ष 2021 का ही परीक्षाफल माना जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों को कोई परीक्षा फीस भी नहीं देनी होगी।
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सरकार ने निजी स्कूलों पर फीस वसूलने पर लगाई रोक... कोर्ट ने आज दिया आदेश...!
सरकार ने निजी स्कूलों पर फीस वसूलने पर लगाई रोक… कोर्ट ने आज दिया आदेश…!
सरकार ने 2020 में निजी स्कूलों को छात्रों से शुल्क लेने पर प्रतिबंध लगा दिया ��्योंकि कोरोना कर्फ्यू के कारण स्कूल बंद थे। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। शीर्ष अदालत ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए निजी स्कूलों को दो किस्तों में 75 प्रतिशत फीस जमा करने की अनुमति दी।याचिकाएं सुनवाई के लिए न्यायाधीश डी. कृष्णकुमार के सामने आईं। स्कूलों की ओर से, ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश के…
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कोरोना महामारी खत्म होने तक निजी स्कूल नहीं बढ़ा सकेंगे फीस… #बेकारसेपत्रकार
कोरोना महामारी खत्म होने तक निजी स्कूल नहीं बढ़ा सकेंगे फीस… #बेकारसेपत्रकार
कोरोना महामारी को देखते हुए निजी स्कूल वर्ष 2020-21 की तुलना में नए शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए बच्चों की ट्यूशन फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। साथ ही सत्र 2021-22 में केवल ट्यूशन शुल्क ही ले सकेंगे। इसके अलावा पुस्तकालय, रीडिंग, गेम्स, लेबोरेटरी, कम्प्यूटर, प्रायोगिक, परीक्षा शुल्क व विभिन्न तरह के कार्यक्रम शुल्क अलग से नहीं लेंगे। न ही इस प्रकार के शुल्क ट्यूशन फीस के साथ जोड़कर ट्यूशन फीस ली…
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यूपी बोर्ड परीक्षा २०२१: १६ अगस्त तक भरे जाने से १० वीं -१२ वीं की परीक्षा होगी यूपी बोर्ड की 2021 परीक्षा के लिए हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षा फॉर्म 16 अगस्त तक और विलंब शुल्क के साथ 20 अगस्त तक परीक्षा होगी। सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने मंगलवार को विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया ।... Source link
#2021 बोर्ड परीक्षा यू.पी.#2021 बोर्ड परीक्षा यूपी#500 उच्च विद्यालय परीक्षा शुल्क#500 रुपए हाईस्कूल की परीक्षा फीस#600 इंटर परीक्षा शुल्क#600 रुपये इंटर परीक्षा शुल्क#upmsp#उत्तर प्रदेश माध्यमिक परिषद#जहाज पर चढना#परीक्षा फॉर्म#परीक्षा शुल्क यूपी बोर्ड#परीक्षा शुल्क यूपीआई बोर्ड#प्रयागराज#यूपी बोर्ड#यूपी बोर्ड 2020-21#यूपी बोर्ड परीक्षा 2021#यूपी बोर्ड परीक्षा फॉर्म#यूपी हाई स्कूल#यूपी हाईस्कूल#यूपीएमएसपी#हिंदी समाचार#हिंदुस्तान#हिन्दी में समाचार#हिन्दुस्तान
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BSEB D.El.Ed Registration 2020-2022: डी एल एड में 22 जून से शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया, ऐसे करें अप्लाई
BSEB D.El.Ed Registration 2020-2022: बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ( BSEB ) ने D.El.Ed शैक्षणिक सत्र 2020-22 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के तिथियों की घोषणा कर दी है। बीएसईबी ने राज्य प्रशिक्षण केंद्रों को 22 जून से पंजीकरण फॉर्म स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं। पंजीकरण फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 5 जुलाई 2021 है। डी एल एड प्रशिक्षण संस्थानों के प्रिंसिपल 21 जून से बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.com से प्री-रजिस्ट्रेशन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं।
पंजीकरण शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 7 जुलाई
?बिहार के डी एल एड संस्थानों द्वारा 2020-22 सेशन (Bihar Board BSEB D.El.Ed 2020-22 Registration) के लिए छात्रों को 22 जून से फॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे। संस्थान के अभिलेखों के साथ प्रपत्र में उल्लिखित विवरण के सत्यापन के बाद प्रशिक्षण केंद्र पंजीकरण फॉर्म स्वीकार करेगा और छात्रों की फीस स्वीकार करेगा। पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने की अंतिम तिथि 7 जुलाई है। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर BSEB 7 जुलाई को डमी पंजीकरण कार्ड जारी करेगा। इन कार्डों को वेबसाइट से 7 जुलाई से 9 जुलाई के बीच डाउनलोड किया जा सकेगा। आवेदक पंजीकरण प्रक्रिया या शुल्क जमा करने में कठिनाइयों से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए 0612—2232074, 2232257 और 2232239 पर संपर्क कर सकते हैं।
एक दिन पहले जा���ी हुआ था कंपार्टमेंट का रिजल्ट
BSEB ने एक दिन पहले कक्षा 10वीं और 12वीं कंपार्टमेंट परीक्षा के उम्मीदवारों को प्रमोट करने के साथ रिजल्ट भी जारी कर दी है। साल 2021 में एक या दो विषयों में असफल रहे छात्रों को पास घोषित किया गया है। सरकार के इस फैसले का 2.18 लाख छात्रों को राहत मिली है।
Web Title: BSEB D.El.Ed Registration 2020-2022 will Start From Monday
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/bseb-d-el-ed-registration-2020-2022-will-start-from-monday-6905752/
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वार्षिक शुल्क में 15% की कटौती करें, भुगतान न करने पर बहस न करें: राजस्थान के निजी स्कूलों को एस.सी.
वार्षिक शुल्क में 15% की कटौती करें, भुगतान न करने पर बहस न करें: राजस्थान के निजी स्कूलों को एस.सी.
सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को राजस्थान में निजी वित्तविहीन स्कूलों को 2020-21 के शैक्षणिक वर्ष के लिए छात्रों द्वारा अनुपयोगी सुविधाओं के एवज में वार्षिक स्कूल शुल्क 15 प्रतिशत कम करने का निर्देश दिया। कोविड -19 सर्वव्यापी महामारी। जस्टिस एएम खानविल्कर और दिनेश माहेश्वरी क�� पीठ ने कहा कि स्कूल पूर्व वार्षिक शुल्क (फीस का विनियमन) अधिनियम, 2016 के तहत तय शैक्षणिक वर्ष (2019-20) के लिए निर्धारित…
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#कोरोनावायरस दूसरी लहर#भारतीय एक्सप्रेस#राजस्थान निजी स्कूल शुल्क#राजस्थान विद्यालय शुल्क#राजस्थानी स्कूलों कोरोनवायरस फीस#स्कूल की फीस पर सर्वोच्च न्यायालय
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मणिपुर सरकार ने स्कूलों में प्रवेश शुल्क की अनुमति दी, मासिक शुल्क पर पाबंदी मणिपुर सरकार ने एक आदेश में कहा है कि सभी निजी स्कूल और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल (सरकारी स्कूलों और केंद्र सरकार के तहत आने वाले स्कूलों के अलावा) इस सत्र में बिना किसी वृद्धि के के ...। Source link
#जुलाई तक की फीस#निजी स्कूल और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल#मणिपुर की सरकार#मणिपुर सरकार#मार्च 2020 तक स्कूलों की फीस#लॉकडाउन#स्कूलों में मार्च 2020 तक की फीस#हिंदी समाचार#हिंदुस्तान#हिन्दी में समाचार#हिन्दुस्तान
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महाराष्ट्र स्कूल फीस समाचार: फीस वृद्धि पर सरकार का संकल्प प्राइवेट स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों पर लागू नहीं होगा: बॉम्बे एच.सी. – Job-Govt.Com
महाराष्ट्र स्कूल फीस समाचार: फीस वृद्धि पर सरकार का संकल्प प्राइवेट स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों पर लागू नहीं होगा: बॉम्बे एच.सी. – Job-Govt.Com
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने उल्लेख किया है कि महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए फीस में वृद्धि नहीं करने के लिए कहा है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने सोमवार को कहा कि 8 मई, 2020 का सरकार का प्रस्ताव 2020-21 के लिए पहले से एकत्र किसी भी शुल्क की वापसी के लिए एक दिशा निर्देश के रूप में नहीं लिया जा सकता है और न ही लागू किया जा सकता…
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डीपीएस ने बच्चों को फीस न देने के लिए ऑनलाइन परीक्षा देने से रोका, माता-पिता ने स्कूल के बाहर विरोध किया
डीपीएस ने बच्चों को फीस न देने के लिए ऑनलाइन परीक्षा देने से रोका, माता-पिता ने स्कूल के बाहर विरोध किया
नई दिल्ली: डीपीएस मथुरा रोड के छात्रों के अभिभावकों ने शुक्रवार को स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया (पेरेंट्स प्रोटेस्ट)। स्कूल में छात्रों की वार्षिक परीक्षा शुरू हो गई है और स्कूल की मांग के अनुसार फीस का भुगतान नहीं करने के कारण छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा से रोक दिया गया है। यह भी पढ़ें जबकि दिल्ली सरकार ने 18 अप्रैल 2020 को माता-पिता की वित्तीय परेशानियों को देखते हुए, लॉकडाउन के दौरान…
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