#सुभाषित
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सुभाषित
सुप्रभात सुभाषित 🌞 यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः।* *चित्ते वाचि क्रियायां च साधुनामेकरूपता॥* जो चित्त (मन) में हो वही वाणी से प्रकट होना चाहिए और जो वाणी से प्रकट हो उसके अनुरूप ही कार्य करना चाहिए। जिनके चित्त, वाणी और कर्म में एकरूपता होती है वही साधुजन होते हैं। जय श्रीराम. Whatever Is In The Mind Should Be Expressed Through Speech And Whatever Is Expressed Through Speech Should Be…
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यत्र देशेऽथवा स्थाने - श्लोक का अर्थ
यत्र देशेऽथवा स्थाने – श्लोक का अर्थ
पुरुष को किस स्थान अथवा गांव में (यत्र देशेऽथवा स्थाने) रहना नहीं चाहिए इस बात को इस श्लोक में बताया गया है। साथ ही ऐसे निषिद्ध स्थान पर रहनेवाले को पुरुषाधम (पुरुषों में अधम, नीच) कहा गया है। संस्कृत श्लोक यत्र देशेऽथवा स्थाने भोगा भुक्ताः स्ववीर्यतः।तस्मिन् विभवहीनो यो वसेत् स पुरुषाधमः॥ श्लोक का रोमन (अंग्रेजी) लिप्यन्तरण yatra deshe-thavaa sthaane bhogaa bhuktaaH swaveeryataH.Tasmin…
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@infj-slytherclaw I FOUND THE ACTUAL सुभाषित!
रामाभिषेके जलमाहरन्त्याः हस्ताच्च्युतो हेमघटो युवत्याः |
सोपानमार्गेण करोति शब्दं ठठं ठठं ठं ठठठं ठठं ठ ||
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NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 6 सुधामुचः वाचः
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 6 सुधामुचः वाचः
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 6 सुधामुचः वाचः (अमृत बरसाने वाले वचन)
पाठपरिचयः सारांश: च
प्रस्तावना महाकवियों की सूक्तियाँ अथवा सुभाषित हमारे जीवन में पाथेय के समान सहायता करते हैं तथा सन्मार्ग दिखाते हैं। विपत्ति में पड़े मानव इन सुभाषितों से आश्वासन पाते हैं तथा प्रेरणा ग्रहण करते हैं। संस्कृत साहित्य हज़ारों अति मधुर वचनों से अच्छी प्रकार सुशोभित है। जीवन के हर क्षेत्र में…
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NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 6 सुधामुचः वाचः
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 6 सुधामुचः वाचः
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 6 सुधामुचः वाचः (अमृत बरसाने वाले वचन)
पाठपरिचयः सारांश: च
प्रस्तावना महाकवियों की सूक्तियाँ अथवा सुभाषित हमारे जीवन में पाथेय के समान सहायता करते हैं तथा सन्मार्ग दिखाते हैं। विपत्ति में पड़े मानव इन सुभाषितों से आश्वासन पाते हैं तथा प्रेरणा ग्रहण करते हैं। संस्कृत साहित्य हज़ारों अति मधुर वचनों से अच्छी प्रकार सुशोभित है। जीवन के हर क्षेत्र में…
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सुभाषित माला
विद्या शस्त्रस्य शास्त्रस्य द्वे विद्ये प्रतिपत्तये | आद्या हास्याय वृद्धत्वे द्वितीयाऽद्रियते सदा ||
अर्थ : शस्त्रविद्या आणि शास्त्रविद्या [ज्ञान] दोन्ही विद्या कीर्ति मिळवून देणाऱ्या आहेत [परंतु] पहिली म्हातारपणी हास्यास्पद ठरते तर दुसरीचे नेहमी कौतुक होते.
म्हणुन जो पर्यत आपल्या आचारात, विचारात, बुध्दित प्रगल्भता आहे तो पर्यत अध्यात्मिक ज्ञान संपादन करुन घेणे हितावह आहे. कारण नंतर म्हातारणी बुध्दिचा संसार सुखाच्या विषयांचे सुख घेतल्याने ह्रास होतो व ती अध्यात्मिक मार्गास वळण्यास नकार देते.
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कैसी वाणी कैसा साथ ? Kaisi vani Kaisa sath ?
कैसी वाणी कैसा साथ ? Kaisi vani Kaisa sath ?
दवे साहेब विश्वविद्यालय के विद्यार्थियो के बीच बहुत प्रसिद्द थे। उनकी वाणी , वर्तन तथा मधुर व्यवहार से कॉलेज के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियो उन्हें ‘ वेदसाहेब ’ से संबोधन करते थे। ऐसे भी वे संस्कृत के प्राध्यापक थे , और उनकी बातचीत में संस्कृत श्लोक-सुभाषित बारबार आते थे। उनकी ऐसी बात करने की शैली थी जिससे सुनने वाले मुग्ध हो जाते थे। एक दिन विज्ञान के विद्यार्थियो की कक्षा में अध्यापक नहीं थे…
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सुभाषित
सुप्रभात नास्ति विद्यासमं चक्षुः नास्ति सत्यसमं तपः। नास्ति रागसमं दुःखं नास्ति त्यागसमं सुखम्॥ विद्या के समान कोई चक्षु (आँख) नहीं है, सत्य के समान कोई तप नहीं है, राग (वासना, कामना) के समान कोई दुःख नहीं है और त्याग के समान कोई सुख नहीं है। There Is No Eye Like Knowledge, There Is No Penance Like Truth, There Is No Sorrow Like Lust & Expectations And There Is No Happiness Like…
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काकः कृष्णः पिकः कृष्णः
काकः कृष्णः पिकः कृष्णः
संस्कृत श्लोक काकः कृष्णः पिकः कृष्णः को भेदः पिककाकयोः।वसन्तसमये प्राप्ते काकः काकः पिकः पिकः॥ श्लोक का रोमन लिप्यन्तरण Roman transcription of the Shloka kākaḥ kṛṣṇaḥ pikaḥ kṛṣṇaḥ ko bhedaḥ pikakākayoḥ।vasantasamaye prāpte kākaḥ kākaḥ pikaḥ pikaḥ॥ श्लोक का शब्दार्थ काकः – कौआकृष्णः – कालापिकः – नर कोयलकृष्णः – कालाकः – कौन (सा)भेदः – अन्तर, फर्कपिककाकयोः – कोयल और कौवे मेंवन्तसमये प्राप्ते…
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"महाजनस्य संसर्गः, कस्य नोन्नतिकारकः। पद्मपत्रस्थितं तोयम्, धत्ते मुक्ताफलश्रियम्॥" अर्थात्- महापुरुषों का सामीप्य किसके लिए लाभदायक नहीं होता, कमल के पत्ते पर पड़ी हुई पानी की बूँद मोती जैसी शोभा प्राप्त कर लेती है। {संस्कृत-सुभाषित} सुप्रभातम् जी...... Read my thoughts on @YourQuoteApp #yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #inspirationalquotes #writeaway #thoughts #poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub https://www.instagram.com/p/CEGNKxuJvtQ/?igshid=crc6vou3qgu0
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संस्कृत सुभाषित – भाग २ “External appearance does not make a person great ” – F… संस्कृत सुभाषित - भाग २ "External appearance does not make a person great " - Follow…
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