#सावन सोमवार
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evergreenbharat1 · 1 year ago
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हिंदू मान्यता के अनुसार, सावन महीने का हिंदुओं के लिए अद्वितीय महत्व है।
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हिंदू मान्यता के अनुसार, सावन महीने का हिंदुओं के लिए अद्वितीय महत्व है। इस पवित्र मास में हर सोमवार, जिसे सावन सोमवार के नाम से जाना जाता है, का बहुत अधिक महत्व होता है। सावन महीना व्रत और धार्मिक अनुस्थानो का समय होता है, जब चारो और भक्ति रूपी माहौल रहता है और कई भक्त कावड़ यात्रा पर निकलते हैं और भगवान शिव की कृपा और आध्यात्मिक उन्नति की कामना करते हैं। आइए, हम इस पवित्र महीने की गहराई में जाकर सावन सोमवार के साथ जुड़ी परंपराओं और प्रथाओं को जानें। For More Information-https://www.evergreenbharat.com/%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%82-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%a8%e0%a5%81%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%b8/
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singhtradermau · 1 year ago
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shayriara · 1 year ago
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#Somwaar
आठ सोमवार है इस बार सावन के
तू दिल पर पहरे लगाए रखना
तुझे ले जायेंगे इस बार भोले को मना के
तू इंतज़ार में ��लके बिछाए रखना....
8 somwaar hai is baar saawan ke
Tu dil pr pahre lgaye rakhna
Tujhe le jayenge is baar bhole ko mna ke
Tu intzaar me palke bichhaye rakhna...
- Krishna sharma (कृष्णा शर्मा )
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bhaktibharat · 4 months ago
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सावन के सोमवार - Sawan Ke Somwar 📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/sawan-somwar
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शिव चालीसा - Shiv Chalisa 📲 https://www.bhaktibharat.com/chalisa/shiv-shiv-chalisa
शिव भजन - Shiv Bhajan 📲 https://www.bhaktibharat.com/bhajan/shiv-shankar-bholenath-ke-bhajan
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jeevanjali · 4 months ago
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Shiv Bhajan Lyrics:- एक दिन वो भोला भण्डारी बन करके बृज नारीShiv Bhajan Lyrics: कि सावन में जो भी सच्चे मन से शिव का नाम जपता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. हम आपके लिए कुछ चुनिंदा और नए शिव भजन लेकर आए हैं, आप सावन सोमवार को इन भजनों से भोलेनाथ की आराधना कर सकते हैं।
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bikanerlive · 3 months ago
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*बाबा रामदेव मंदिर में सजाई बाबा बर्फानी की झांकी*
सावन मास के अंतिम दिन सोमवार को पुरानी गिनानी धावड़िया मोहल्ला स्थित बाबा रामदेव जी के मंदिर में महादेव का बाबा बर्फानी स्वरूप श्रृंगार किया गया। हेमंत तंवर के नेतृत्व में भगवान शिव का अभिषेक और पूजा अर्चना की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में महिला पुरुष व बच्चों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए मित्र मंडल गौ सेवा भक्तों ने बताया कि गत पांच वर्षों से यह विशेष श्रृंगार किया जा रहा है। इस दौरान बड़ी…
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patientcareservicescentre · 3 months ago
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चंदन का तिलक, रेशमी धागा, सावन की खुशबू, बारिश की फुहार, भाई की उम्मीद, बहन का प्यार, आपको रक्षाबंधन 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं। सावन पूर्णिमा और 5वें सोमवार के अवसर पर राखी का त्यौहार । हमारी कंपनी पेशेंट केयर सर्विसेज सेंटर की ओर से आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं
#rakhi2024
#HappyRakshaBandhan
#happyrakshabandhan2024
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astrogurujimayanksblog · 3 months ago
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राखी बांधने की प्रथा की सर्वप्रथम शुरूआत किसने की
राखी बांधने की प्रथा की सर्वप्रथम शुरूआत किसने की, कब और कैसे शुरू हुई यह परंपरा
सावन के महीने के अंतिम दिन यानी सावन माह की पूर्णिमा तिथि रक्षाबंधन का त्योंहार मनाया जाता है. रक्षाबंधन का त्योंहार भाई-बहनों के बीच अटूट प्यार को दर्शाता है. रक्षाबंधन यानी रक्षा का बंधन. राखी के दिन बहनें पूजा करके भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधकर उनके लिए मंगल कामना करती हैं. वहीं भाई अपनी बहनों को रक्षां करने का वादा करते हैं।
इस साल रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त 2024, सोमवार के दिन मनाया जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रक्षाबंधन मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई. साथ ही सबसे पहले किसने किसे राखी बांधी थी?
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का उत्सव है. यह पर्व अपने भाई की कलाई पर धागा बांधने और उपहार देने से कहीं अधिक है. यह आपकी गहरी भावनाओं को व्यक्त करने और कभी ना टूटने वाले बंधन का उत्सव मनाने का प्रतीक है. भारत में एक पारंपरिक हिंदू त्योहार, रक्षाबंधन, भाई-बहनों के रिश्ते को याद करता है. ये उत्सव, जैविक संबंधों से बाहर, वैश्विक एकता के भारतीय मूल्य (वसुधैव कुटुंबकम) का प्रतीक है, जिसका मतलब है कि पूरी दुनिया एक परिवार है।
क्या आप जानते हैं कि रक्षाबंधन पौराणिक काल से पहले ही मनाया जाता था? ऐसा माना जाता है कि इस उत्सव की शुरुआत सतयुग में हुई थी और मां लक्ष्मी ने राजा बलि को रक्षासूत्र बांधकर इस परंपरा का शुभारंभ किया। रक्षाबंधन की शुरुआत को लेकर बहुत सी कहानियां और पौराणिक मान्यताएं भी प्रचलित हैं.
रक्षाबंधन का इतिहास
रक्षा बंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्यार और भाइयों द्वारा बहनों की रक्षा का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं. इस दिन भाई बहनों की रक्षा करने का वचन लेते हैं।
1. इंद्र और इंद्राणि की कथा
भविष्य पुराण में इंद्र देवता की पत्नी शुचि ने उन्हें राखी बांधी थी. एक बार देवराज इंद्र और दानवों के बीच एक भयानक युद्ध हुआ था. दानव जीतने लगे तो देवराज इंद्र की पत्नी शुचि ने गुरु बृहस्पति से कहा कि वे देवराज इंद्र की कलाई पर एक रक्षासूत्र बांध दें. तब इंद्र ने इस रक्षासूत्र से अपने और अपनी सेना को बचाया. वहीं, एक और कहा��ी के अनुसार, राजा इंद्र और राक्षसों के बीच एक क्रूर युद्ध हुआ, जिसमें इंद्र पराजित हो गए. इंद्र की पत्नी ने गुरु बृहस्पति से कहा कि शुचि इंद्र की कलाई पर एक रक्षा सूत्र बांध दे. राजा इंद्र ने इस रक्षा सूत्र से ही राक्षसों को हराया था. रक्षाबंधन का त्यौहार तब से मनाया जाता था।
2. राजा बलि को मां लक्ष्मी ने बांधी थी राखी
राजा बली का दानधर्म इतिहास में सबसे महान है. एक बार मां लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर भगवान विष्णु से बदला मांगा. कहा जाता है कि राजा बलि ने एक बार एक यज्ञ किया. तब भगवान विष्णु ने वामनावतार लेकर दानवीर राजा बलि से तीन पग जमीन मांगी. श्रीहरि ने वामनावतार ने दो पग में पूरी धरती और आकाश को नाप लिया. राजा बलि ने समझा कि भगवान विष्णु स्वयं उनकी जांच कर रहे हैं. उन्होंने तीसरा पग रखने के लिए भगवान के सामने अपना सिर आगे कर दिया।
फिर उन्होंने प्रभु से कहा कि अब मेरा सब कुछ चला गया है, कृपया मेरी विनती सुनें और मेरे साथ पाताल में रहो. भक्त भी भगवान को बैकुंठ छोड़कर पाताल चले गए. यह जानकर देवी लक्ष्मी ने गरीब महिला के रूप में राजा बलि के पास गई और उन्हें राखी बांधी. फिर राजा बलि ने कहा- मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ भी नहीं है. इसके बाद देवी लक्ष्मी अपने असली स्वरूप में आ गई. देवी ने राजा से कहा- आपके पास भगवान विष्णु है और मुझे वहीं चाहिए. राजा बलि ने भगवान विष्णु को हर साल चार माह पाताल लोक में रहने के लिए कहा. इसलिए चार महीने चतुर्मास का समय होता है जब विष्णु जी चार माह के लिए विश्राम पर होते है. यही चार महीने का समय चातुर��मास कहे जाते हैं।
महाभारत में द्रौपदी ने कृष्ण को बांधी राखी
शिशुपाल भी इंद्रप्रस्थ में राजसूय यज्ञ में उपस्थित था. जब शिशुपाल ने श्रीकृष्ण का अपमान किया, तो श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल को मार डाला. लौटते समय कृष्णजी की छोटी उंगली सुदर्शन चक्र से घायल हो गई और रक्त बहने लगा. तब द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की उंगली पर अपनी साड़ी का पल्लू बांधा. तब श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि वह इस रक्षा सूत्र को पूरा करेंगे. जब द्रौपदी को कौरवों ने चीरहरण किया, तो श्रीकृष्ण ने चीर बढ़ाकर द्रौपदी की रक्षा की. मान्यता है कि श्रावण पूर्णिमा का दिन था जब द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की उंगली पर साड़ी का पल्लू बांधा था।
यमराज और यमुना की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमुना मृत्यु के देवता यमराज को अपना भाई मानती थी. एक बार यमुना ने अपने छोटे भाई यमराज को लंबी उम्र देने के लिए रक्षासूत्र बांधा था. इसके बदले में यमराज ने यमुना को अमर होने का वरदान दे दिया. प्राण हरने वाले देवता ने अपनी बहन को कभी न मरने का वरदान दिया. तभी से यह परंपरा हर श्रावण पूर्णिमा को निभाई जाती है. मान्यता है कि जो भाई रक्षा बंधन के दि�� अपनी बहन से राखी बंधवाते हैं, यमराज उनकी रक्षा करते हैं।
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sharpbharat · 3 months ago
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Jamshedpur harhar mahadev seva sangh : हर हर महादेव सेवा संघ भजन संध्या सोमवार को, प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल करेंगे भोले बाबा की स्तुति
जम��ेदपुर : हर हर महादेव संघ द्वारा आयोजित बहुप्रतीक्षित भजन संध्या का पावन अवसर फिर आ गया है. यह कार्यक्रम सावन महीने के अंतिम सोमवार, 19 अगस्त को साकची गुरुद्वारा मैदान में शाम 6:30 बजे से आयोजित किया जाएगा. इस बारy भजन संध्या में प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल की प्रस्तुति होगी जो पहली बार हर हर महादेव सेवा संघ के मंच पर अपनी गायन और वाद्य मंडली के साथ उपस्थित रहेंगे. कार्यक्रम का आयोजन पूर्व…
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narmadanchal · 3 months ago
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श्मशान की ताजी चिता की राख से की गई भगवान महाकाल की भस्म आरती
इटारसी। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर (Shri Durga Navgraha Temple) लक्कडग़ंज इटारसी (Itarsi) में चौथे सोमवार को श्री महाकाल पार्थिव ज्योर्तिलिंग पूजन एवं रूद्राभिषेक हुआ। भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए सावन मास के अवसर पर द्वादश ज्योर्तिलिंग पूजन एवं अभिषेक मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे (Pt. Vinod Dubey) एवं मंदिर के पूजारी पं. सत्येन्द्र पांडेय (Pt. Satyendra Pandey) एवं पीयूष पांडेय…
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asr24news · 3 months ago
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सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में भगदड़ से सात कांवरियों की मौत, 25 घायल
जहानाबाद, 12 अगस्त 2024 । बिहार के जहानाबाद जिले के मखदुमपुर थाना क्षेत्र में सावन के चौथे सोमवार को श्रावणी मेले के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया। बाबा सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए उमड़ी भारी भीड़ के बीच भगदड़ मचने से सात कांवरियों की मौत हो गई, जिनमें छह महिलाएं शामिल हैं। इस हादसे में 25 अन्य लोग घायल हो गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, रविवार देर रात से ही चौथी सोमवारी के अवसर पर…
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bhaktibharat · 1 year ago
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🔱 सावन के सोमवार - Sawan Ke Somwar
📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/sawan-somwar
🔱 शिव चालीसा - Shiv Chalisa
📲 https://www.bhaktibharat.com/chalisa/shiv-chalisa
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🔱 शिव भजन - Shiv Bhajan
📲 https://www.bhaktibharat.com/bhajan/shiv-shankar-bholenath-ke-bhajan
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nationalistbharat · 3 months ago
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बिहार के मंदिर में भगदड़, 7 की मौत
बड़ी खबर बिहार के जहानाबाद से आ रही है।सावन के चौथे सोमवार को बिहार के जहानाबाद में भगवान शिव के जलाभिषेक के वक्त भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में सात श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई. मृतकों में पांच महिलाएं हैं. इस हादसे में 12 से अधिक श्रद्धालु घायल भी हो गए हैं. इनमें से कई श्रद्धालुओं की हालत नाजुक है. यह घटना जहानाबाद के मखदुमपुर स्थित वाणावर बाबा सिद्धेश्वरनाथ के मंदिर का…
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kanpursamachar · 3 months ago
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सावन के चौथे सोमवार आज रात से डायवर्जन
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bikanerlive · 3 months ago
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कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन का त्योहार -
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त –हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त दिन सोमवार को 3 बजकर 4 मिनट से आरंभ हो रही है और इस तिथि का समापन 19 अगस्त को ही रात 11 बजकर 55 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा।रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त –आपको बता दें कि 19 अगस्त को रक्षाबंधन का मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से…
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rightnewshindi · 3 months ago
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Aaj Ka Panchang, 12 August; जानिए सोमवार 8 अगस्त का पंचांग, राहुकाल और शुभ मुहूर्त
12 August 2024 Ka Panchang: 12 अगस्त को श्रावण शुक्ल पक्ष की उद्या तिथि सप्तमी और सोमवार का दिन है। सोमवार को सप्तमी तिथि सुबह 7 बजकर 56 मिनट तक रहेगी, उसके बाद अष्टमी तिथि लग जाएगी। 12 अगस्त को सावन महीने का चौथा सोमवार व्रत है। सोमवार शाम 4 बजकर 26 मिनट तक शुक्ल योग रहेगा। साथ ही 12 अगस्त को सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक स्वाती नक्षत्र रहेगा, उसके बाद विशाखा नक्षत्र लग जाएगा। इसके अलावा 12 अगस्त को…
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