Post Office GDS Recruitment: पोस्ट ऑफिस में 44 हजार ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती के लिए ये रहा आवेदन लिंक
भारतीय डाक विभाग ने देश भर के अपने विभिन्न सर्किल में स्थित डाक घरों में ग्रामीण डाक सेवक के कुल 44 हजार के अधिक पदों पर भर्ती (India Post Office GDS Recruitment 2024) के लिए आवेदन प्रक्रिया सोमवार 15 जुलाई से शुरू की है। इस भर्ती के आधिकारिक पोर्टल indiapostgdsonline.cept.gov.in पर पहले दिन हुई तकनीकी समस्याओं के बाद अब आवेदन प्रक्रिया चल रही है।
जॉब डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग ने 44 हजार से अधिक ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) की भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया सोमवार, 15 जुलाई से शुरू कर दी है। इस भर्ती के लिए आवेदन ऑनलाइन मोड में आधिकारिक वेबसाइट, indiapostgdsonline.cept.gov.in पर स्वीकार किए जा रहे हैं। पहले दिन इस वेबसाइट पर आवेदन में तकनीकी कारणों से यूजर्स को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि अब इन्हें दूर करते हुए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इच्छुक उम्मीदवार निर्धारित अंतिम तिथि 5 अगस्त तक अप्लाई कर सकते हैं।
India Post Office GDS Recruitment 2024: तीन चरणों में करें आवेदन
उम्मीदवारों को ध्यान देना चाहिए कि भारतीय डाक विभाग ने ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया के 3 चरण बनाए हैं - पंजीकरण, आवेदन और भर्ती शुल्क का भुगतान। इन तीनों ही चरणों के लिए लिंक को पोर्टल पर एक्टिव कर दिया गया है। आवेदन शुल्क 100 रुपये निर्धारित है, जिसका भुगतान ऑनलाइन माध्यमों से करना होगा। हालांकि, सभी वर्गों की महिला उम्मीदवारों के साथ-साथ SC/ST, दिव्यांगों और ट्रांसवूमेन कटेगरी के आवेदकों को शुल्क नहीं भरना है।
पुस्तकालय - library (masculine), also लाइब्रेरी (feminine)
सार्वजनिक पुस्तकालय - public Library (masculine)
राष्ट्रीय पुस्तकालय - national library (masculine)
बालपुस्तकालय - children's library (masculine)
चिकित्सा पुस्तकालय - medical library (masculine)
विश्वविद्यालय का पुस्तकालय - university library (masculine)
अनुसंधान पुस्तकालय - research library (masculine)
Role of Libraries
संकलन, संग्रह - collecting, gathering (masculine)
संकलन, संग्रह करना - to compile, gather (transitive)
संगृहीत, संकलित - archived, collected (adjective)
संगृहीत, संकलित करना - to store, archive (transitive)
संरक्षित रखना - to preserve (transitive)
सुलभ करना - to make accessible (transitive)
शिक्षित करना - to educate (transitive)
साक्षरता - literacy (feminine)
साक्षरता बढ़ावा देना - to promote literacy (transitive)
समान सुविधा प्रदान करना - to provide equal facilities (transitive)
Library Collection
ज्ञान - knowledge (masculine), also जानकारी (feminine)
सूचना, जानकारी - information (feminine)
शिक्षाप्रद - educational, instructive (adjective)
पाठ्य - educational, related to learning (adjective)
स्रोत इबारत, संदर्भ - source text, reference (masculine)
संदर्भ सेवा - reference service (feminine)
ग्रंथसूची - bibliography, references (feminine)
ग्रंथ - written work, text (masculine)
हस्तलिखित ग्रंथ - handwritten text (masculine)
दस्तावेज़, पत्र - document (masculine)
सामग्री - material (feminine)
* पठनीयसामग्री, पठनसामग्री reading material (feminine)
* अध्ययन सामग्री study material (feminine)
पुस्तक, किताब - book (feminine)
विश्वकोश - encyclopedia (masculine)
शब्दकोश - dictionary (masculine)
कोश - thesaurus (masculine)
अखबार, समाचारपत्र - newspaper (masculine)
पत्रिका - magazine, journal (feminine)
* newspapers and magazines can be दैनिक (daily), साप्ताहिक (weekly), or मासिक (monthly).
मानचित्र, नक़्शा - map, chart, blueprint (masculine)
सरकारी प्रकाशन - government publication (masculine)
Literature
साहित्य - literature (masculine)
लेखक - author, writer (masculine)
कवि - poet (masculine)
महाकाव्य - epic (masculine)
नाटक - play, drama (masculine)
कविता, शायरी - poetry, poem (feminine)
कथा, कहानी, दास्तान, गाथा - story, tale (feminine), also अफ़साना, क़िस्सा (masculine)
उपन्यास - novel (masculine)
लघुकथा - short story (feminine)
शैली - genre of literature (feminine)
गैर काल्पनिक - non-fiction (adjective)
कपोलकल्पना, काल्पनिक साहित्य - fiction (adjective)
प्रेम की कहानी, प्रेमाख्यान, प्रेमगाथा - love story (feminine), also रोमांस
भूत की कहानी - ghost story (feminine)
आत्मकथा - autobiography (feminine)
जीवनी - biography (feminine)
सत्य कथा - true story (feminine)
पाठ्यपुस्तक - textbook (feminine)
चित्रकथा - comics (feminine), also कॉमिक्स (masculine)
अध्ययन मार्गदर्शिका - study guide (feminine)
युवा वयस्क - young adult (adjective)
भाषाविज्ञान - linguistics (masculine)
In a Library
पढ़ने की अभिलाषा - desire to read (feminine)
अपनी रुचि का साहित्य - literature of one's interest (masculine)
पढ़ना - to read (transitive)
पाठक - reader (masculine)
अनुसंधान - research (masculine)
अनुसंधानकर्ता - researcher (masculine)
अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान - international exchange (masculine)
बालविभाग - children's department (masculine)
भाग - section (masculine)
विभाग - department (masculine)
किताब उधार लेना - to borrow a book (transitive)
किताब लौटाना, वापस करना - to return a book (transitive)
पुस्तकालय जुरमाना, विलंब शुल्क - library fee, late fee (masculine)
जुर्माना वसूलना - to collect a fine (transitive)
जुर्माना भरना - to pay a fine (transitive)
पुस्तकालय कार्ड - library card (masculine)
कार्ड के लिए आवेदन करना - to apply for a card (masculine)
पढ़ने का क्षेत्र - reading area, room (masculine), also कक्ष (feminine)
संचलन डेस्क - service desk, circulation desk (masculine)
देय तिथि - due date, return date (feminine)
चुप रहना - to keep quiet (intransitive)
पुस्तकालय अध्यक्ष - librarian (masculine), also लाइब्रेरियन
शोर न करें - please don't make noise
शांति बनाए रखें - please stay calm
🔮 संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव- धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के परिवार में हुआ। अपनी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा राज्य में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की सरकारी पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे।
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संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव- धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के परिवार में हुआ। अपनी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा राज्य में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की सरकारी पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे।
संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव- धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के परिवार में हुआ। अपनी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा राज्य में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की सरकारी पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे।
सीएम सुक्खू के नादौन में प्रिंसिपल की लापरवाही, दो छात्राओं को नहीं मिली छात्रवृति; जानें शिक्षा विभाग ने क्या दिए आदेश
सीएम सुक्खू के नादौन में प्रिंसिपल की लापरवाही, दो छात्राओं को नहीं मिली छात्रवृति; जानें शिक्षा विभाग ने क्या दिए आदेश
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Negligence of School Principal: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu)के विधानसभा क्षेत्र नादौन के एक सरकारी स्कूल प्रधानाचार्य व नोडल ऑफिसर की लापरवाही दो छात्राओं ( 2 Girl student)पर भारी पड़ी है। जिला की दो छात्राएं स्कॉलरशिप(scholarship) से महरूम रह गई हैं।
इन छात्राओं को स्कॉलरशिप के रूप में 18-18 हजार रुपए की वार्षिक राशि मिलनी थी है। स्कूल प्रबंधन ने संबंधित छात्राओं के…
समाजवादी पार्टी के मुखिया ने क्या बोला श्री अखिलेश यादव। ‘Work-life balance’ का संतुलित अनुपात किसी भी देश के विकास का एक मानक होता है। पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में काम करनेवाली एक युवती की काम के तनाव से हुई मृत्यु और उस संदर्भ में उसकी माँ का लिखा हुआ भावुक पत्र देश भर के युवक-युवतियों को झकझोर गया है। ये किसी एक कंपनी या सरकार के किसी एक विभाग की बात नहीं बल्कि कहीं थोड़े ज़्यादा, कहीं थोड़े कम, हर जगह लगभग एक-से ही प्रतिकूल हालात हैं।
देश की सरकार से लेकर कॉरपोरेट जगत तक को इस पत्र को एक चेतावनी और सलाह के रूप में लेना चाहिए। यदि काम की दशाएँ और परिस्थितियाँ ही अनुकूल नहीं होंगी तो परफॉरमेंस और रिज़ल्ट्स कैसे अनुकूल होंगे। इस संदर्भ में नियम-क़ानून से अधिक आर्थिक हालातों को सुधारने की ज़रूरत है। सच तो ये है कि जिस प्रकार बेरोज़गारी है और काम व कारोबार सरकार की ग़लत नीतियों और बेतहाशा टैक्स की वजह से मंदी और घटती माँग का शिकार हुआ है, उससे व्यापारिक घाटे की ओर बढ़ते कारोबार पर कम-से-कम इम्प्लॉयिज़ से अधिक-से-अधिक काम करवाये जाने का ज़बरदस्त दबाव है। ऊपर-से-लेकर नीचे तक हर इम्प्लायी एक-दूसरे के दबाव में है। बड़े संदर्भों में देखा जाए तो दरअसल इस दबाव-तनाव का मूल कारण आर्थिक नीतियों की नाकामी है।
सरकार जिस दिन अपने को दोषी मानकर बदलाव लाएगी, सकारात्मक आर्थिक नीतियाँ बनाएगी, टैक्स सिस्टम और रेट को शोषणकारी न बनाकर लॉजिकल बनाएगी, वर्किंग कंडीशन्स को टेंशन फ़्री बनाएगी, उस दिन से सरकारी कर्मचारियों से लेकर काम-कारोबार-कॉरपोरेट जगत के इम्प्लॉयिज़ तक के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देने लगेंगे।
जब देश की मेंटल हेल्थ अच्छी होगी तभी तरक़्क़ी होगी। सरकार को इस संदर्भ में सबसे पहले अपनी सोच बदलनी होगी और काम करने के तरीक़ों को भी, जहाँ ज़्यादा-से-ज़्यादा घंटे काम करने का दिखावटी पैमाना नहीं बल्कि अंत में परिणाम क्या निकला, ये आधार होना चाहिए।
वे युक्तियाँ जिनके माध्यम से प्राथमिकी दर्ज कराया जाना सुलभ है।
अन्य सरकारी सेवाप्रदायी संस्थानों जैसे अस्पताल, पोस्टऑफिस, बिजली ऑफिस की तरह ही थाना भी एक सेवा प्रदायी संस्था है। यह संस्था भी लोगों की सेवा एवं सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा बनाई गई है। जिस प्रकार कोई व्यक्ति पोस्ट ऑफिस जाकर कोई पत्र रजिस्ट्री कराना चाहे और पोस्ट मास्टर रजिस्ट्री के लिए इनकार नहीं कर सकता, उसी तरह थाना भी है, जहां कोई पीड़ित/सूचक अपनी व्यथा/शिकायत लेकर जाता है तो थानाध्यक्ष उसे सुनने एवं आवश्यक कारवाई करने से इंकार नहीं कर सकता है।
आज पुलिस विभाग में वरीय स्तर से इसे लागू करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन आज भी कुछ थानाध्यक्ष इसे शतप्रतिशत लागू करने में आनाकानी कर रहे है। हालांकि नए कानून आने के बाद कोई थानांध्यक्ष इस प्रकार का रवैया अपनाता है तो उसको विभागीय दंड का भागी भी होना पड़ेगा। फिर भी कुछ थानेदार अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे है। आज इस आलेख के माध्यम से यही समझने का प्रयास करेंगे कि कोई थानेदार अपनी मनमानी रवैया अपनाता है, और एफआईआर लिखने/दर्ज करने से मना करता है, या टालमटोल करता है, तो उस स्थिति में एफआईआर लिखने/दर्ज कराने का कौन सा युक्ति सुलभ होगा उसकी बिन्दुवार चर्चा की जा रही है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173(1) में एफआइआर दर्ज कराने की प्रक्रिया का प्रावधान दिया गया है, जहां एफआइआर दो तरीकों से दर्ज कराया जा सकता है। पहला लिखित या मौखिक रूप से थाना पर उपस्थित होकर दूसरा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम जैसे ई मेल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से।
अक्सर यह देखने को मिलता है कि जो भी शिकायते पीड़ित द्वारा थाना पर उपस्थित होकर लिखित या मौखिक रूप से दी जाती है, थाना द्वारा उसकी प्राप्ति प्रति नहीं दी जाती है या कारवाई नहीं की जाती हैं। उस स्थिति में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में प्रावधानित इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्राथमिकी दर्ज कराने का वैकल्पिक सुलभ तरीका उपलब्ध हो गया है।
वैसे थानेदार जो शिकायत की प्राप्ति नहीं देते, या करवाई करना नहीं चाहते, उनके लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में प्रावधानित इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शिकायत करने का तरीक़ा बढ़िया उपाय है। आपको ऐसे किसी थाने में शिकायत करनी हो तो सबसे पहले आप अपनी शिकायत संबंधित थाने के व्हाट्स नंबर पर अग्रिम भेज दे। नए प्रावधान के अनुसार आपको तीन दिनों के अंदर उस आवेदन पर हस्ताक्षर बनाना है, आप दो घंटे बाद ही थाना जाकर अपना हस्ताक्षर बना दे। चुकी आपने इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अपना आवेदन भेजा है, यहां आपको प्राप्ति की पहले जैसी आवश्यकता नहीं होगी। आपका मेसेज ही अपने आप में एक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के रूप में एक रिकॉर्ड है। आपकी शिकायत को विधिक एफ आई आर का स्वरूप देने में थाना द्वारा जांच के नाम पर ज़्यादा से ज़्यादा 14 दिनों तक लंबित रखा जा सकता है अगर शिकायत पत्र में वर्णित घटना किसी भी दृष्टिकोण से संदिग्ध प्रतीत होता है तो। परंतु यहाँ भी जाँच के लिए सर्वप्रथम थानाध्यक्ष को कम से कम पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
14 दिनों के बाद भी आपका एफ आई आर दर्ज नही किया जाता तो थानेदार को कारण बताना होगा किन परिस्थितियों में आपका एफ आई आर दर्ज नहीं किया गया। 14 दिनों के बाद आपको कारण भी नहीं बताया जा रहा है, और एफ आई आर की कॉपी भी नही दी जा रही है तब आप संबंधित थाने की शिकायत संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक से कर सकते है। पुलिस अधीक्षक को थाना में प्राप्ति साक्ष्य के रूप में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड व्हाट्सएप मैसेज दिखा सकते है। पुलिस अधीक्षक इसकी जांच कराकर आवश्यक कारवाई का निर्देश देंगे।
पुलिस अधीक्षक के स्तर से भी समाधान नहीं हुआ या आप पुलिस अधीक्षक के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं तब आप न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 175 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत आवेदन कर सकते हैं। न्यायायिक दंडाधिकारी संबंधित थाना को मामले की जांच करने और एफआईआर दर्ज करने का निर्देश जारी कर सकता हैं।
इसके अतिरिक्त आप अपने अधिकारों की रक्षा के लिए माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर कर सकते हैं।
लोकायुक्त या मानवाधिकार आयोग में शिकायत - आप लोकायुक्त या राज्य मानवाधिकार आयोग में भी थानेदार के विरुद्ध शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
इसे उदाहरण के माध्यम से ऐसे समझते है-
यदि A नाम के व्यक्ति के साथ कोई अपराध घटित होता है और पुलिस उसकी शिकायत दर्ज नहीं कर रही है, तो A निम्नलिखित कदम उठा सकता हैं:
1. पहले, वह पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत करेगा और उनसे एफआईआर दर्ज कराने का अनुरोध करेगा।
2. अगर पुलिस अधीक्षक भी कोई कार्रवाई नहीं करते, तो A न्यायायिक दंडाधिकारी के पास अपनी शिकायत उपस्थापित करेगा तदनुसार न्यायायिक दंडाधिकारी धारा 175 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहित के तहत उक्त शिकायत पत्र को संबंधित थाना को जांच/प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आदेशित करेंगे।
3. इसके अलावा, A माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर कर सकता है, जिसमें वह पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने का अनुरोध करेगा।
4. A अपनी शिकायत लेकर लोकायुक्त / राज्य मानवाधिकार आयोग के पास भी जा सकता है।
इन प्रक्रियाओं के माध्यम से, कोई व्यक्ति थाना को प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने के लिए बाध्य कर सकता हैं और न्याय प्राप्त कर सकता हैं। लोक कल्याणकारी राज्य में जनता की हितों एवं सुरक्षा को सर्वोपरि माना गया है। सिर्फ जागरूक होने या जागरूकता की उत्प्रेरणा समाज को देने की आवश्यकता है।
Jamshedpur mgm black out : शुक्रवार शाम बि��ली गुल होने से घुप्प अंधेरे में डूबा एमजीएम अस्पताल, गर्मी से परेशान रहे मरीज, मोबाइल की फ्लैश लाइट में चला मरीजों का उपचार, आधा घंटे बाद जेनरेटर चालू होने पर कुछ विभागों में आई बिजली
जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में शुक्रवार शाम 7 बजे के करीब अचानक बिजली गुल हो गई. अचानक अंधेरा छाने से पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. आइसीयू से लेकर इमरजेंसी, बर्न यूनिट, शिशु रोग विभाग, मेडिसिन विभाग, सर्जरी सहित सभी विभागों में अंधेरा छा गया. इस दौरान लोग एक दूसरे से बिजली गुल होने का कारण पूछते रहे. वहीं, बिजली गुल होने के कारण चिकित्सक भी कुछ देर के लिए बाहर निकल…
Income tax dept. ने canteen attendant के पद पर वैकेंसी निकाली है। योग्य उम्मीदवार 10वीं पास आवेदन कर सकते हैं। it dept recruitment l govt jobs l apply online
**भामाशाह के सहयोग से डाक विभाग की सुकन्या समृद्धि योजना का अनूठा कैंप - श्री कोलायत जी**
कोलायत में आगामी 19 और 20 सितंबर 2024 को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत **सुकन्या समृद्धि योजना** का विशेष कैंप **सरकारी अस्पताल के पास, झज्जू फांटे के निकट, कोलायत** में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर 10 वर्ष तक की बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते खोले जाएंगे। इस अभियान के मुख्य संरक्षक **क्षेत्रीय महासभा कोलायत के अध्यक्ष युद्धवीर सिंह भाटी** हैं, जिन्होंने कोलायत कस्बे की सभी बेटियों के…
💼 Bihar Health Vibhag Vacancy 2024: नर्स, ANM, GNM सहित 46000 पदों पर भर्ती का शानदार मौका | Apply Now 📢
🚨 Bihar Health Vibhag Vacancy 2024: क्या आप बिहार में सरकारी स्वास्थ्य विभाग में नौकरी की तलाश में हैं? तो आपके लिए ये बेहतरीन मौका है! 📢 बिहार स्वास्थ्य विभाग ने नर्स, ANM, GNM समेत 46,000+ पदों पर बंपर भर्ती का ऐलान किया है। जल्द ही आधिकारिक अधिसूचना जारी होने वाली है, जिससे आप 30 सितम्बर 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। स्टेट हेल्थ सोसाइटी द्वारा इस भर्ती में 18-40 वर्ष की आयु सीमा के साथ आवेदन करने…
रेलवे अंडरब्रिज के नीचे गिरकर नपा का कर्मचारी गंभीर घायल
इटारसी। नई गरीबी लाइन के रेलवे अंडरब्रिज के नीचे नगर पालिका का एक कर्मचारी गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। सडक़ पर गिरने से उसके सिर में पीछे की तरफ गंभीर चोट आयी है। सिर फटने पर उसे सरकारी अस्पताल में चार टांके लगे हैं, उसे सर्जिकल वार्ड में भर्ती किया है।
नगर पालिका के गैराज में कार्यरत कर्मचारी दिनेश ठाकुर वन विभाग के आफिस के सामने एक झुग्गी बनाकर रहता है, पहले वह नगर पालिका के स्वच्छता विभाग…
उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश को फिर खुला समर्थ पोर्टल, उच्च शिक्षा में 72 असिस्टेंट प्रोफेसरों की तैनाती
उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश को फिर खुला समर्थ पोर्टल, उच्च शिक्षा में 72 असिस्टेंट प्रोफेसरों की तैनाती
विभागीय मंत्री डॉ. रावत के निर्देश पर हुई कार्रवाई
13 सितम्बर तक होंगे ऑनलाइन एडमिशन, 14 को शुल्क जमा
देहरादून, 10 सितम्बर 2024: प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय विश्वविद्यालय परिसरों एवं सम्बद्ध निजी व सरकारी महाविद्यालयों में प्रवेश से वंचित रह गये छात्र-छात्राओं को एडमिशन…
पुराने जालना में फ्लाईओवर की हालत जर्जर, बड़े-बड़े गड्ढे
जालना: पुराने जालना इलाके में फ्लाईओवर पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और पुल की हालत जर्जर हो गई है. इस पर ध्यान देने के लिए न तो महानगरपालिका के पास समय है और न ही निर्माण विभाग के पास. अब यदि यहां पर कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकारी महकमे पर होगी। बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है जिससे अब यह सवाल खड़ा हो चुका है कि, शिकायत करें तो भी कहां.
जालना शहर में करीब…