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संघीय विधायिका: संसद( लोकसभा एवं राज्यसभा)[Full Detail] by EXAM TAK
नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है एक बार फिर से आज हम आप लोगों को राजनीति विज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण अध्याय बताने वाले हैं | यह एक सामान्य अध्ययन जो हर एक परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है | यह टॉपिक हैं संघीय विधायिका: संसद( लोकसभा एवं राज्यसभा) इनके बारे में हम लोग पूरी चर्चा करने वाले हैं | आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़िए तथा अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर कीजिए |
संघीय विधायिका: संसद( लोकसभा एवं राज्यसभा)
संसद भारत की संघीय विधायिका है, जिसमें राष्ट्रपति तथा दो सदन लोकसभा व राज्यसभा सम्मिलित हैं |
राज्यसभा
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 80 सं��द के उच्च सदन के रूप में राज्यसभा का उल्लेख करता है |
राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 हो सकती हैं, परंतु वर्तमान में यह संख्या 245 है |
राज्यसभा में 233 सदस्यों का चुनाव 29 राज्य तथा 2 केंद्रशासित प्रदेशों( दिल्ली एवं पुडुचेरी) के विधान मंडल द्वारा किया जाता है |
इसमें 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं | ऐसे व्यक्ति होते हैं जिन्हें कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा तथा सहकारिता क्षेत्र में विशेष ज्ञान और अनुभव प्राप्त हो |
राज्यसभा का गठन 6 वर्ष के लिए होता है | राज्यसभा एक स्थाई सदन हैं, जो कभी भंग नहीं किया जा सकता है |
प्रत्येक 2 वर्ष पश्चात इसके एक तिहाई सदस्य अवकाश ग्रहण करते हैं और उनके स्थान पर नए सदस्य चुने जाते हैं |
योग्यताएं
राज्य सभा के सदस्यों की निम्नलिखित योग्यताएं हैं-
वह भारत का नागरिक हो |
उसकी आयु 30 वर्ष से कम ना हो |
वह किसी लाभ के पद पर ना हो, विकृत मस्तिष्क का या दिवालिया ना हो |
राज्यसभा का उम्मीदवार होने के लिए उस राज्य में संसदीय क्षेत्र में मतदाता होना आवश्यक है, जिस राज्य से वह चुनाव लड़ रहा हो |
सभापति
भारत का उप-राष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है तथा राज्यसभा अपने में से किसी एक सदस्य को उपसभापति निर्वाचित करता है | सभापति की अनुपस्थिति में उपसभापति सभापति के कर्तव्यों का पालन करता है | उपसभापति को राज्यसभा के सदस्यों द्वारा अपने कुल बहुमत से प्रस्ताव पारित कर हटाया जा सकता है |
राज्य सभा के कार्य तथा शक्तियां
राज्यसभा लोकसभा के साथ मिलकर कानून बनाती हैं तथा संविधान में संशोधन करते हैं |
राज्य सभा के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं |
राज्यसभा के सदस्य लोकसभा के सदस्यों के साथ मिलकर उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं |
राज्यसभा लोकसभा के साथ मिलकर राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों तथा अन्य कुछ पदाधिकारियों पर महाभियोग लगा सकते हैं |
राज्यसभा लोकसभा के साथ मिलकर बहुमत से प्रस्ताव पास कर उपराष्ट्रपति को उसके पद से हटा सकती हैं |
एक माह से अधिक अवधि तक यदि आपातकाल लागू रखना हो, तो उस प्रस्ताव का अनुमोदन लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों से पारित होना आवश्यक है |
राज्यसभा अनुच्छेद 312 के अंतर्गत अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन कर सकती हैं और अनुच्छेद 249 के अंतर्गत राज्य सूची के किसी विषय को राष्ट्रीय महत्व घोषित कर सकती हैं |
लोकसभा
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 81 के अंतर्गत लोक सभा का गठन 5 वर्ष के लिए किया जाता है |
संघीय संसद का निम्न अथवा लोकप्रिय सदन, लोकसभा हैं |
लोकसभा में अधिकतम सदस्य संख्या 530 राज्यों से, 20 केंद्रशासित प्रदेशों से तथा दो आंग्ल भारतीय समुदाय से मिलकर 552 हो सकती हैं, परंतु वर्तमान में 530 राज्यों से, 13 केंद्र शासित प्रदेशों से और दो आंग्ल भारतीय समुदाय से मिलकर 545 ही हैं |
लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या[530+20+2=552] हो सकती हैं | वर्तमान में इसकी व्यवहारिक सदस्य संख्या[530+13+2=545] है | 2 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं; जो आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं |
84 वें संविधान संशोधन अधिनियम 2001 के अनुसार,तथा एवं विधानसभा की सीटों की संख्या में वर्ष 2026 तक कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा |
योग्यताएं
भारतीय संविधान के अनुसार, लोकसभा के सदस्यों की योग्यताएं निम्नलिखित होनी चाहिए-
भारत का नागरिक हो |
उसकी आयु कम से कम 25 वर्ष या उससे अधिक हो |
भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अंतर्गत वह कोई लाभ का पद धारण नहीं किए हुए हो |
वह किसी न्यायालय द्वारा दिवालिया ना ठहराया गया हो तथा पागल ना हो | वह संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून द्वारा अयोग्य नहीं ठहराया गया हो |
कोई भी सदस्य संसद की सदस्यता से वंचित किया जा सकता है, यदि-
वह स्वेच्छा से उस दल की सदस्यता त्याग देता है, जिसके टिकट से वह सदन का सदस्य निर्वाचित हुआ था |
वह पार्टी के निर्देशन के विरुद्ध वोट देता है अथवा वोट देने नहीं जाता |
वह बिना बताए 60 दिन तक सदन में अनुपस्थित रहता है |
कार्यकाल
लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष है, प्रधानमंत्री के परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा को समय के पूर्व भी भंग किया जा सकता है |
आपातकाल की घोषणा लागू करने पर संसद विधि द्वारा लोकसभा के कार्यकाल में वृद्धि कर सकती हैं, जो एक बार में 1 वर्ष से अधिक नहीं होगी |
अधिवेशन
लोकसभा और राज्यसभा के अधिवेशन राष्ट्रपति द्वारा ही बुलाए और स्थगित किए जाते हैं | इस संबंध में नियम केवल यह हैं कि लोकसभा की दो बैठकों में छह माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए |
लोकसभा की शक्तियां व कार्य
राज्य सभा तथा राष्ट्रपति के साथ मिलकर लोकसभा कानून का निर्माण करती हैं |
लोकसभा तथा राज्यसभा मिलकर राष्ट्रपति तथा सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के विरुद्ध महाभियोग का प्रस्ताव पास कर सकती हैं |
राज्य सभा द्वारा पारित उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के प्रस्ताव पर लोकसभा का अनुमोदन आवश्यक हैं |
राष्ट्रपति द्वारा की गई संकट काल की घोषणा को एक माह के अंदर संसद से स्वीकृत होना आवश्यक है |
लोकसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष
लोकसभा स्वयं ही अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन करती हैं |
उनका कार्यकाल लोकसभा के कार्यकाल तक अर्थात समय से पूर्व भंग ना होने की स्थिति में 5 वर्ष तक होता है |
परंतु इस अवधि के अंदर अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष विचार से अपने पदों से त्यागपत्र दे सकते हैं तथा उन्हें उनके पद से लोकसभा द्वारा तिहाई मत से पारित प्रस्ताव द्वारा हटाया भी जा सकता है |
लोकसभा एवं राज्यसभा में प्रतिनिधित्व( विभिन्न राज्यों का)
राज्य
लोकसभा के स��स्यों की संख्या
राज्य सभा के सदस्यों की संख्या
आंध्र प्रदेश
25
11
असम
14
7
बिहार
40
16
गुजरात
26
11
जम्मू कश्मीर
6
4
केरल
20
9
मध्य प्रदेश
29
11
महाराष्ट्र
48
19
कर्नाटक
28
12
ओडिशा
21
10
पंजाब
13
7
राजस्थान
25
10
तमिलनाडु
39
18
उत्तर प्रदेश
80
31
हिमाचल प्रदेश
4
3
पश्चिम बंगाल
42
16
हरियाणा
10
5
नागालैंड
1
1
मेघालय
2
1
मणिपुर
2
1
त्रिपुरा
2
1
सिक्किम
1
1
अरुणाचल प्रदेश
2
1
तेलंगाना
17
7
गोवा
2
1
मिजोरम
1
1
छत्तीसगढ़
11
5
उत्तराखंड
5
3
झारखंड
14
6
केंद्र शासित प्रदेश
दिल्ली
7
3
पुडुचेरी
1
1
अंडमान निकोबार
1
-
चंडीगढ़
1
-
दादरा और नगर हवेली
1
-
दमन और दीव
1
-
लक्षद्वीप
1
-
नामित सदस्य
2
12
कुल
543
245
तो दोस्तों हमें उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट बहुत ही अच्छी लगी होगी, अगर अच्छी लगी हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं तथा अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर कीजिए |
अगले भाग में हम लोग संसद के और अधिक अधिकारों के बारे में चर्चा करेंगे |
धन्यवाद !
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