#सः
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#अध्याय 8 का श्लोक 13ओम्#इति#एकाक्षरम्#ब्रह्म#व्याहरन्#माम्#अनुस्मरन्#यः#प्रयाति#त्यजन्#देहम्#सः#याति#परमाम्#गतिम्।।13।।अनुवा
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Surya "Aditya" Talon Abraxas
The Surya Beej Mantra is:
।। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ।। Om Hraam Hreem Hraum Sah Suryay Namah
Meaning- I address the great Surya Deva for his divine grace.
Benefits of chanting the Surya Beej mantra
The Surya Beej mantra helps the native attain ultimate balance in life. If you chant it daily, you shall effortlessly find a proper way to approach the path of spirituality. Moreover, this Surya mantra in Vedic astrology also provides the native with Surya deva blessings. This mantra moreover helps them heal through life’s adversities and mental confusion. Chanting the Beej mantra of Surya Deva also blesses the people with a harmonious life full of power and confidence.
Surya Mantra:
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तथात्वेन समस्तानि भावजातानि पश्यतः । ध्वस्तशङ्कासमूहस्य यागस्तादृश एव सः ।।५।।
Seeing of every event and object in the universe as an interplay of Śiva and Sakti in the process of eventuation and objectification as an act of sacrifice is destined to bring to an end all congregations of doubts.
तादृग्रूपनिरूढ्यर्थं मनोवाक्कायवर्त्मना । यद्यत्समाचरेद्वीरः कुलयागः स स स्मृतः ।।६।।
For the sake of reaching that state of understanding whatever the vira (one who is master of his senses, a hero) performs mentally, vocally and bodily that becomes Kula- yāga, ceremonial offer to fire under this system of spiritual practice.
-Tantraloka by Abhinavagupta
Professor Satya Prakash Singh Swami Maheshvarananda, tr.
#esoteric#occult#hinduism#shiva#tantra#goddess#shakti#bhairava#sanatanadharma#spirituality#yoga#kali
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#GodMorningSaturday
Who is Saint Rampal ji Maharaj?
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है:-
ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्,
छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।
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संत रामपाल जी कौन हैं?
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संतकी पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने
ऊध्वमूलम्, अध:शाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः,अव्ययम्छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम् वेद, सः ,वेदवित्।।1।।
ऊपर को पूरर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वररूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात्रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिवरूपी शाखा वाला अविनारशी विस्तारित पीपलका वृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसेसंसार रूपी वृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटेहिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे हैं। उस संसाररूपी वृक्ष को जो विस्तार से जानता है वहपूर्ण ज्ञानी अथ्थात् तत्वदर्शी संत है।
#तारणहार_संतरामपालजी_महाराज
Watch Sant Rampal Ji YouTube
संत रामपाल जी महाराज जी ही वहतत्वदर्शी संत हैं।
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#GodMorningSaturday
🌹संत रामपाल जी कौन हैं?
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि
ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्,
छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।
👉संत रामपाल जी महाराज ऐप डाउनलोड करें।
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गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि
ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्, छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित् ।
जो संसार रूपी वृक्ष का पूर्ण विवरण बता देगा कि मूल तो पूर्ण परमात्मा है, तना अक्षर पुरुष अर्थात् परब्रह्म है, डार ब्रह्म अर्थात् क्षर पुरुष है तथा शाखा तीनों गुण (रजगुण ब्रह्मा जी, सतगुण विष्णु जी, तमगुण शिव जी) है तथा पात रूप संसार अर्थात् सर्व ब्रह्मण्ड़ों का विवरण बताएगा वह तत्वदर्शी संत है।
#पूर्णगुरु की पहचानcomplete guru sant rampalji#god kabir#kabir is god#kabirisgod#kabir#kabirgod#kabirisalmightygod#realgod is kabir#sat kabir ki daya#kabirprakatdiwas#lord kabir
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तत्वदर्शी संत की पहचान
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि
ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्,
छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।। ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे हैं। उस संसार रूप वृक्ष को जो इसे विस्तार से जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी संत है।
#santrampalji is trueguru#santrampalji incarnationdayधरती पर अवतार#santrampaljimaharaj#kabir is real god#kabir is supreme god
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तत्वदर्शी संत की पहचान
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि
ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्,
छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।1।।
अर्थात ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे हैं। उस संसार रूप वृक्ष को जो इसे विस्तार से जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी संत है।
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Brihaspati Talon Abraxas
Brihaspati Beej mantra
Jupiter or Brihaspati is the ‘spati’ of the ‘briha’ or the ‘spirit of the ‘vast’, and the name is true to his personality as he has an ever-expansive nature. Considered to be the guru of all the lords, he is responsible for all the laws, be it man-made laws or God-made laws, and all the judicial situations are brought to him when there is ever any misjudgment and dispute among the gods. Rishi Brihaspati is also known as a family person and is known to bestow very good fortune on his devotees who are seeking family happiness. One looking for blessings for the prosperity of their family can look up to guru Brihaspati, as being the most benevolent planet, he will surely bring all the happiness to the devotees and their families.
The Brihaspati Beej mantra is:
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे: नमः || ॐ ब्रं बृहस्पति नमः ||
Om Gram Grim Grom Sah Gurve Namah Om Bram Brihaspataye Namha
Meaning- Jupiter beej mantra is made of seed sounds that represent the powers of Jupiter planet. Regular chanting of these beeja sounds in the prescribed way can give all the benefits of pleasing the planet Jupiter.
Benefits of Brihaspati Beej mantra
By chanting the Beej Mantra of the planet Jupiter (Guru), one attains spiritual knowledge and the person makes a different identity in the world.
If the planet Jupiter is lying in one’s horoscope, it is believed that all of his problems are going to end very soon without causing many problems.
By chanting the mantra of Jupiter, there is happiness and peace in the house, reduction of obstacles in marriage, and success in the work field.
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#पूर्णगुरु_की_पहचान
Complete Guru Sant Rampalji
#noidagbnup16
तत्वदर्शी संत की पहचान
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि
ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्,
छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।1।।
अर्थात ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे हैं। उस संसार रूप वृक्ष को जो इसे विस्तार से जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी संत है।
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#पूर्णगुरु_की_पहचान
तत्वदर्शी संत की पहचान
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि
ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्, छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।
Complete Guru Sant Rampalji
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पवित्र वेद में प्रमाण है कि परमात्मा साकार है!
पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4, अनुवाक 1 मंत्र 1:-
ब्रह्म जज्ञानं प्रथमं पुरस्त्ताद् वि सीमतः सुरुचो वेन आवः।
सः बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च वि वः।। 1।।
पवित्र वेदों को बोलने वाला ब्रह्म कह रहा है कि सनातन परमेश्वर ने स्वयं अनामय लोक से सत्यलोक में प्रकट होकर अपनी सूझ-बूझ से कपड़े की तरह रचना करके ऊपर के सतलोक आदि को सीमा रहित स्वप्रकाशित अजर - अमर अर्थात अविनाशी ठहराए तथा नीचे के परब्रह्म के सात संख ब्रह्माण्ड तथा ब्रह्म के 21 ब्रह्माण्ड व इनमें छोटी-से छोटी रचना भी उसी परमात्मा ने अस्थाई की है।
- जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
📌अधिक जानकारी के लिए PlayStore से "Sant Rampal Ji Maharaj" App Download करें ।
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#बाइबल_के_अनुसार_कैसाहै_प्रभु
पवित्र वेद में प्रमाण है कि परमात्मा साकार है!
पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4, अनुवाक 1 मंत्र 1:-
ब्रह्म जज्ञानं प्रथमं पुरस्त्ताद् वि सीमतः सुरुचो वेन आवः।
सः बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च वि वः।। 1।।🌺🍁🌺
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#बाइबल_के_अनुसार_कैसाहै_प्रभु
पवित्र वेद में प्रमाण है कि परमात्मा साकार है!
पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4, अनुवाक 1 मंत्र 1:-
ब्रह्म जज्ञानं प्रथमं पुरस्त्ताद् वि सीमतः सुरुचो वेन आवः।
सः बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च वि वः।। 1।।
पवित्र वेदों को बोलने वाला ब्रह्म कह रहा है कि सनातन परमेश्वर ने स्वयं अनामय लोक से सत्यलोक में प्रकट होकर अपनी सूझ-बूझ से कपड़े की तरह रचना करके ऊपर के सतलोक आदि को सीमा रहित स्वप्रकाशित अजर - अमर अर्थात अविनाशी ठहराए तथा नीचे के परब्रह्म के सात संख ब्रह्माण्ड तथा ब्रह्म के 21 ब्रह्माण्ड व इनमें छोटी-से छोटी रचना भी उसी परमात्मा ने अस्थाई की है।
- जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
Kabir Is God
⤵️
https://www.jagatgururampalji.org/en/bible/
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संत रामपाल जी कौन हैं?
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि
ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्,
छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।1।।
ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे हैं। उस संसार रूपी वृक्ष को जो विस्तार से जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी संत है।
संत रामपाल जी महाराज जी ही वह तत्वदर्शी संत हैं।#तारणहार_संतरामपालजी_महाराज
#SantRampalJiMaharaj
#avatar #messiah #guru #guruji
#SantRampalJiQuotes #8September #AvataranDiwas #incarnation #SantRampalJi_AvataranDiwas
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