#संक्रमित लोगों की संख्या
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मौसम में बदलाव मतलब कई बिमारियों का आना ,जो कभी भी किसी को भी चपेट में ले सकती है। मौसम का बदलाव विशेष रूप से मानसून की वापसी या सर्दी से गर्मी का संक्रमण ,वायरल बुखार का न्यौता देता है जब एक संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है ,तो वायरस वाली बूंदों के साथ हवा में फैल जाता है और यह एक मीटर तक फैल सकता है। और इन बूंदों को सांस लेने वाले लोगों को पास में ही संक्रमित कर सकता है। वायरस दूषित हाथों से भी फैल सकता है।
क्या आप जानते हैं मौसमी बुखार क्यों होता है ? बदलते मौसम के साथ बीमारियों और संक्रमण का बढ़ना कोई बड़ी बात नहीं है। खासकर मानसून के समय देश भर में मौसमी फ्लू के मामले लगातार बढ़ने शुरू हो जाते हैं और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। मानसून के समय में जगह -जगह पानी जमने से बैक्टीरिया और वायरस पनपने लगते हैं और वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
इन्फ्लुएंजा को मौसमी बुखार के रूप में भी जाना जाता है। इन्फ्लुएंजा को मौसमी बुखार के रूप में भी जाना जाता है। यह इस मौसम में लगभग हर साल प्रकट हो जाता है। इन्फ्लुएंजा श्वसन प्रणाली का एक संचारी विषाणुजनित रोग है। इससे संक्रमित व्यक्ति जब बात करते ,खांसते या छींकते हैं तो यह विषाणु संक्रमित व्यक्ति की सांस से फैलता है। इस समय इस विषाणु का प्रकोप कुछ अधिक देखा जा रहा है। आमतौर पर इस बुखार का मौसम अप्रैल से सितंबर तक रहता है। और इसका प्रभाव गंभीरता और अवधि में भिन्न होता है। इसे भी पढ़े :
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छत्तीसगढ़ में बढ़ा स्वाइन फ्लू का प्रकोप, अब तक 17 की मौत
रायपुर, 6 सितंबर 2024: छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू का प्रकोप तेजी से फैलता जा रहा है। हाल ही में प्रदेश में 14 नए स्वाइन फ्लू के मामलों की पुष्टि हुई है, जिससे अब तक संक्रमित लोगों की संख्या 316 हो गई है। राज्य में अब तक इस बीमारी से 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें सबसे ज्यादा 7 मौतें बिलासपुर जिले में हुई हैं। अगर जल्द ही प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो H1N1 वायरस बेकाबू हो सकता है। स्वास्थ्य…
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Polio Cases in India; भारत के इस राज्य में 13 साल बाद सामने आया पोलियो का केस, दो साल के बच्चे में दिखे पोलियो के लक्षण
Polio Cases in India: दुनियाभर में एमपॉक्स और दूसरी ओर कोविड के नए वेरिएंट ने तबाही मचा रखी हैं। एमपॉक्स से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते अबतक कई लोगों की जान तक जा चुकी है। इसी बीच अब मेघालय में एक 2 साल के बच्चे में पोलियो के लक्षण (Meghalaya Polio Symptoms) दिखाई देने की पुष्टि हुई है। यह मामला मेघालय के गारो हिल्स से सामने आया है। ��ह मामला देख (Polio Case…
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आईफ्लू पीड़ितों को मिला निःशुल्क जांच-उपचार का फायदा पार्षद वैभव अग्रवाल के आग्रह पर वृंदावन पहुंचे के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सक
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आईफ्लू पीड़ितों को मिला निःशुल्क जांच-उपचार का फायदा पार्षद वैभव अग्रवाल के आग्रह पर वृंदावन पहुंचे के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सक
बारिश और बाढ़ से वृन्दावन को बेशक निजात मिल गई हो लेकिन यहां के लोग फिलहाल आईफ्लू और अन्य संक्रामक बीमारियों से परेशान हैं। रविवार को वृन्दावन परिक्रमा मार्ग क्षेत्र में के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के नेत्र चिकित्सकों द्वारा जांच एवं उपचार अभियान चलाकर आईफ्लू पीड़ितों का मुफ्त इलाज किया गया। बारिश के चलते इस समय हर क्षेत्र संक्रामक बीमारियों की गिरफ्त में है। यमुना में आई बाढ़ कम होने के बाद वृन्दावन परिक्रमा मार्ग क्षेत्र फिलहाल आईफ्लू की चपेट में आ गया है। मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए पार्षद वैभव अग्रवाल ने के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन को पत्र लिखकर आईफ्लू पीड़ितों के उपचार का आग्रह किया। पार्षद अग्रवाल के जनहितैषी प्रयासों को देखते हुए समाजसेवी और आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने तत्काल नेत्र चिकित्सकों और दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल की पहल और निर्देश पर रविवार को नेत्र चिकित्सक डॉ. अनुराग प्रकाश तथा डॉ. आकाश ने परिक्रमा मार्ग क्षेत्र सहित वृन्दावन के अन्य क्षेत्रों में जा-जाकर आईफ्लू पीड़ितों की जांच और उपचार किया। चिकित्सकों ने आईफ्लू पीड़ितों को आईड्रॉप्स और दवाएं भी वितरित कीं। नेत्र चिकित्सकों ने लोगों को आईफ्लू से बचने के लिए आंखों को गुनगुने पानी से धोने, आंखों और चेहरे को साफ सूती कपड़े से पोछने, मोबाइल फोन और टीवी का कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी। डॉ. अनुराग प्रकाश ने कहा कि यदि किसी को भी आंखों में जलन या फिर कोई और दिक्कत हो तो वह सबसे पहले डॉक्टरों से सम्पर्क करे क्योंकि संक्रमण फैलने पर उपचार कराना आवश्यक है। यदि हम इसमें लापरवाही बरतेंगे तो दूसरे लोग भी संक्रमित होंगे।
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छत्तीसगढ़ में फूटा कोरोना बम: 1200 से ज्यादा एक्टिव मरीजों की संख्या, बीते 24 घंटो में सामने आए आंकड़ों ने उड़ाई स्वास्थ्य विभाग की नींद
रायपुर : Cg Corona Update : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है। बीते कल जहां 326 नए मरीज मिले थे तो वहीं आज पूरे प्रदेश में 370 नए संक्रमित मिले हैं। मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने के कारण स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील भी कर रहा है। 370 नए कोरोना मरीज मिलने से प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या अब 1260 पहुंच गई है। वहीं कोरोना से…
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सावधान हो जाएं दिल्लीवाले, 7 महीने बाद रेकॉर्ड केस, 24 घंटे में 400 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। दिल्ली में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 416 नए मामले सामने आए जबकि संक्रमण दर बढ़कर 14.37 प्रतिशत रही। यह पिछले सात महीनों में एक दिन में सबसे अधिक मामले हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण से मौत का एक मामला सामने आया और मरने वालों की संख्या बढ़कर 26,529 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में गुरुवार को 12.48 प्रतिशत की संक्रमण दर के साथ 295 मामले सामने आए थे। पिछले साल 31 अगस्त के बाद पहली बार बुधवार को, राष्ट्रीय राजधानी में 300 मामले दर्ज किए गए थे और दो मरीजों की मौत हुई। राष्ट्रीय राजधानी में 31 अगस्त को 377 मामले दर्ज किए गए थे। देश में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के मामलों में तेज वृद्धि के बीच दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में नए कोविड मामलों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी गई। नए मामले सामने आने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 20,10,312 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को 2,895 नमूनों की जांच की गई। http://dlvr.it/SlrJdH
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देश में पिछले दो दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के 3 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 1 सप्ताह में सक्रिय मामलों की संख्या दोगुनी होकर 15 हजार से अधिक हो गई है। देश में शुक्रवार तक कोरोना वायरस के 7,927 एक्टिव केस थे, जो 31 मार्च को बढ़कर 15,208 हो गए है । एक सप्ताह में दैनिक कोविड संक्रमण दर भी बढ़कर 2.61 प्रतिशत हो गई है। हालांकि ठीक होने वाले मरीजों के प्रतिशत में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जो अब भी हल्का है और ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं। एक दिन पहले कोरोना वायरस के 3,016 नए मामले सामने आए थे और शुक्रवार को 3,095 नए मामले सामने आए हैं।
जीनोम परीक्षण में ओमिक्रॉन उप-प्रकार की भिन्नता की पुष्टि
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अभी जो जीनोम टेस्ट के नतीजे सामने आ रहे हैं, उनमें से ज्यादातर इस बात की पुष्टि करते हैं कि एक्स-लिंक्ड बी-सेल लिंफोमा जीन का एक ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट है। इस सब-वैरिएंट के 600 से अधिक मामलों की पुष्टि की जा चुकी है, और उनमें से अधिकांश इस प्रकार के हैं। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. अरुण गुप्ता का कहना है कि कोविड के मामलों की संख्या जरूर तेजी से बढ़ रही है लेकिन अब घबराने की जरूरत नहीं है।
अधिकांश रोगी घर पर हो रहे ठीक
स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि वायरस के ज्यादातर मामले हल्के होते हैं और इन्हें घर पर ही ठीक किया जा सकता है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों का प्रतिशत बहुत कम है, और स्थिति की लगातार निगरानी करना महत्वपूर्ण है। अगर अस्पताल में भर्ती बढ़े तो यह चिंताजनक संकेत है। हालांकि, अभी भी लोगों के लिए जरूरी है कि वे घर से बाहर जाने पर सावधानी बरतें और मास्क का इस्तेमाल करें, खासकर बुजुर्ग और अन्य बीमारियों वाले लोग।
XBB 1.16 के कुछ पचास प्रतिशत मामले दर्ज
इस बीच शहर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि दिल्ली सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। XBB 1.16 वैरिएंट के 48% मामले दिल्ली में आ रहे हैं, लेकिन यह गंभीर नहीं है। हालांकि, यह टीकाकरण के बाद भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है, और इसलिए इन्फ्लुएंजा और सांस की बीमारियों से पीड़ित रोगियों को मास्क पहनना चाहिए। देश में पिछले दो दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन हजार से अधिक मामले सामने आए हैं और एक सप्ताह में सक्रिय मामलों की संख्या दोगुनी होकर 15 हजार से अधिक हो गई है।
��रविंद केजरीवाल - आइसोलेशन वार्ड तैयार रखने के आदेश
सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक निर्देश जारी कर कहा कि बीमारी के इलाज के दौरान अगर कोई मरीज कोरोना पॉजिटिव होता है तो उसे उसी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखकर इलाज दिया जाएगा। इससे मरीज को कोरोना और संबंधित बीमारी का इलाज हो सकेगा। सीएम ने इसके लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। अभी तक इलाज के दौरान अगर मरीज को कोरोना होने के बाद तुरंत कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता था, जिससे उनकी अपनी बीमारी का इलाज प्रभावित होता था।
एयरपोर्ट पर चल रही है रैंडम स्क्रीनिंग
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 2 फीसदी यात्रियों की रैंडम स्क्रीनिंग की जा रही है. उनका कहना है कि सरकार की अपनी सुविधाओं पर प्रति दिन 4,000 परीक्षण करने की क्षमता है, जबकि निजी प्रयोगशालाएँ प्रतिदिन एक लाख से अधिक परीक्षण कर सकती हैं। उनका कहना है, 'अस्पताल में आने वाले सभी मरीज जो किसी भी समस्या या सांस की बीमारी के साथ आ रहे हैं, उन्हें मास्क मुहैया कराया जाएगा और उनकी कोविड जांच की जाएगी. साथ ही, अस्पताल में आने वाले इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले सभी रोगियों में से 5% का परीक्षण किया जाएगा।
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H3N2 वायरस और उसके आयुर्वेदिक उपाय
H3N2 वायरस और उसके आयुर्वेदिक उपाय
H3N2 वायरस क्या है ?
H3N2 वायरस एक प्रकार का वायरस है जो इंफ्लूएंजा वायरस के परिवार में आता है। यह वायरस इंसानों के श्वसन तंत्र और ऊतकों को हमला करता है जो फ्लू के लक्षणों का कारण बनता है।
H3N2 वायरस विश्व में फैला हुआ है और इससे लगभग सभी उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं। इस वायरस के लक्षणों में बुखार, सूखी खांसी, थकान और शरीर में दर्द शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों के साथ आपको नाक से पानी या बहुत ज्यादा साइनस की समस्या भी हो सकती है।
H3N2 वायरस बहुत आसानी से फैलता है और आप अन्य लोगों से संक्रमित हो सकते हैं। आप इस संक्रमण से बचने के लिए वायरस से बचाव उपायों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि व्यंजन को अच्छी तरह से पकाना, हाथ धोना, अपने सामान और सामग्री को आपस में ना बाँटना |
H3N2 के लक्षण :
H3N2 वायरस के संक्रमण के लक्षण निम्नलिखित होते हैं:
बुखार: यह एक सामान्य लक्षण है जो हर संक्रमण में होता है। इसमें शरीर का तापमान ऊँचा हो जाता है जो अक्सर 100 डिग्री फारेनहाइट से अधिक होता है।
ठंड लगना: यह भी एक आम संक्रमण लक्षण है। इसमें व्यक्ति को ठंड लगती है और उसे गर्म कपड़ों में लपेटना पड़ता है।
सूखी खांसी: यह भी एक आम संक्रमण लक्षण है। इसमें व्यक्ति को सूखी खांसी होती है जो दिन भर में कई बार होती है।
गले में खराश: इस लक्षण में व्यक्ति को गले में दर्द होता है और उसकी आवाज बैठ जाती है।
थकान और कमजोरी: ये लक्षण अधिकतर संक्रमणों में होते हैं। इसमें व्यक्ति को थकान और कमजोरी का अनुभव होता है।
यदि आपके पास ये संकेत हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर के दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए।
H3N2 वायरस संक्रमण से व्यक्ति कैसे संक्रमित होता है, इसके निम्नलिखित तरीके हैं:
संक्रमित व्यक्ति से संपर्क: H3N2 वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति से दूरी रखना जरूरी होता है।
संक्रमित सतह से संपर्क: अगर कोई संक्रमित व्यक्ति अपने संक्रमित हुए हाथों से किसी वस्तु या सतह को छू लेता है, तो वह सतह भी संक्रमित हो जाती है। यदि आप इस सतह को छूते हैं और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूते हैं, तो आपको संक्रमित होने का खतरा होता है।
अधिक संख्या में लोगों के बीच: H3N2 वायरस के संक्रमित होने की संभावना अधिक संख्या में लोगों के बीच जैसे बस, ट्रेन, विमान, कार्यालय आदि में बैठने से भी बढ़ जाती है।
नियमित हाथ धोना: अगर आप संक्रमित सतहों से संपर्क में आते हैं, तो आपको हमेशा नियमित रूप से हाथ धोते रहना चाहिए।
H3N2 वायरस से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपचारों में से पाँच सबसे अधिक प्रभावी उपाय हैं:
गिलोय :
गिलोय हमें H3N2 वायरस से बचने में कैसे मदद करता है। निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से इसकी विस्तृत जानकारी दी जाएगी:
गिलोय में विशिष्ट गुण होते हैं जो वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं।
गिलोय शरीर के रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
गिलोय में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं।
गिलोय में विशेष प्रकार के केमिकल होते हैं जो संक्रमण के कारण होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
गिलोय में अन्य औषधीय गुण होते हैं जो शरीर को मजबूत बनाते हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इसलिए, गिलोय को वायरस से लड़ने में मदद करने वाला एक शक्तिशाली औषधि माना जाता है।
तुलसी :
तुलसी एक प्राकृतिक उपचार है जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। निम्नलिखित तरीकों से तुलसी संक्रमण से लड़ने में मदद करता है:
तुलसी एंटीवायरल गुणों से ��रपूर होता है जो संक्रमण के वायरस को नष्ट कर सकते हैं।
तुलसी एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है जो संक्रमण के बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं।
तुलसी में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
तुलसी के इम्यूनोमोडुलेटर गुण संक्रमण के विरुद्ध रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसलिए, तुलसी को लगातार उपयोग करने से आप अपने शरीर को संक्रमण से लड़ने की क्षमता प्रदान कर सकते हैं।
तुलसी की चाय, काढ़ा या तुलसी के पत्तों को नियमित रूप से उपयोग करने से संक्रमण से बचाव में मदद मिलती है|
शंखपुष्पी :
शंखपुष्पी एक जड़ी बूटी है जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती है। निम्नलिखित तरीकों से शंखपुष्पी संक्रमण से लड़ने में मदद करता है:
शंखपुष्पी एंटीवायरल गुणों से भरपूर होता है जो संक्रमण के वायरस को नष्ट कर सकते हैं।
शंखपुष्पी एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है जो संक्रमण के बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं।
शंखपुष्पी में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
शंखपुष्पी के इम्यूनोमोडुलेटर गुण संक्रमण के विरुद्ध रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
शंखपुष्पी का नियमित उपयोग संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। इसे सेवन करने के लिए आप शंखपुष्पी के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खा सकते हैं या फिर इसकी चाय बनाकर पी सकते हैं।
आँवला :
आँवला में विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्व होते हैं। इसलिए अमला संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है।
आँवला में विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है, जो संक्रमण के वायरस से लड़ने में मदद करता है।
आँवला एंटीऑक्सिडेंट होता है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
आँवला एंटीवायरल गुणों से भरपूर होता है जो संक्रमण के वायरस को नष्ट कर सकते हैं।
आँवला इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है, जो संक्रमण से लड़ने में महत्वपूर्ण होता है।
आँवला को आप रस, मुरब्बा या आँवले के चूर्ण के रूप में ले सकते हैं और अपने आहार मे�� इसका नियमित सेवन कर सकते हैं। आँवले को सबसे अच्छी तरीके से लेने के लिए, आप इसे खाने से पहले या भोजन के बाद दूध के साथ ले सकते हैं।
गंधक :
गंधक : गंधक एक धातु होती है जो कि एक प्राकृतिक तत्व है और आयुर्वेद में संक्रमण से लड़ने के लिए उपयोग किया जाता है:
गंधक में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो कि बैक्टीरिया और वायरस से होने वाली संक्रमणों को लड़ने में मदद करते हैं।
इसका उपयोग सामान्यतः त्वचा संक्रमण और अन्य बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है।
गंधक शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है जिसमें H3N2 वायरस भी शामिल है।
नियमित रूप से गंधक का सेवन करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
हालांकि, इसका उपयोग सीमित और नियंत्रित होना चाहिए और किसी भी स्वास्थ्य स्थिति के लिए इसका उपयोग करने से पहले एक आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित होगा।
निष्कर्ष :
H3N2 वायरस के बारे में निष्कर्ष निकालने के लिए, यह कहा जा सकता है कि यह फ्लू वायरस है जो आमतौर पर मौसम के बदलाव के समय संक्रमण का खतरा बढ़ाता है। इससे बचने के लिए, हमें संक्रमित व्यक्ति से दूरी रखनी चाहिए, हमेशा हाथ धोते रहना चाहिए और हमेशा अपनी आहार और व्यायाम के साथ अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखना चाहिए।
आयुर्वेद में, इस संक्रमण से बचाव के लिए कुछ उपाय हैं जैसे कि काढ़े, जैविक चाय, हल्दी वाला दूध, आंवला, गिलोय, आदि। इन उपायों को अपनाकर आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं और संक्रमण से बच सकते हैं।
Source:
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हरियाणा में कोरोना संक्रमितों की संख्या 190 तक पहुंची, नूंह बना सबसे ज्यादा प्रभावित जिला
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Coronavirus Cases in Haryana
चंडीगढ़: हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरससंक्रमण के छह नए मामले सामने आने के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 190 तक पहुंच गई है। सबसे अधिक प्रभावित नूंह जिले में तीन नए मामले सामने आए हैं। वहीं पानीपत, पंचकूला और सोनीपत में एक-एक नया मामला सामने आया है। हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से…
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खगड़िया में एक पुलिस जवान समेत दो नये कोरोना संक्रमित मिले, आंकड़ा पहुंचा 119 पर, अब तक दो की मौत खगड़िया में कोरोना संक्रमण की चपेट मे अब कोरोना मठ भी शामिल होने लगे हैं। वास्तव में स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले के दो लोग कोरोनात्मक हुए। एक पुलिस बल के साथ ...। Image Source link
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जालंधर में आज बुधवार को फिर दो कोरोना मरीजों की मौत, इतने आए आज कोरोना पॉजीटिव मरीज..
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जालंधर- जालंधर में आज बुधवार को भी कोरोना का कहर लगातार जारी रहा। आज जालंधर में कोरोना पॉजीटिव पाए गए 2 मरीजों की मौत हो गई। वहीं आज 29 और नए कोरोना पॉजीटिव मरीज मिलें है। जिसके बाद अब कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 20,068 हो गई है। अब तक कोरोना से 649 लोगों की जान जा चुकी है। Read the full article
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पैदा हुए बच्चे की जरूरते और स्वास्थ-
बच्चे की जरुरत और बदलता परिवार -
जब भी किसी के घर में पहला बच्चा पैदा होता है तो प्रायः लोगों को पता नहीं होता है की बच्चों के पालन -पोषण में क्या -क्या जरूरते होंगी | नया दौर है और एकाकी परिवार का प्रचलन बढ़ा है जिससे कई विसंगतियां व्याप्त है क्योकि पहले बडा परिवार होने की वजह से घरों महिलाओं की संख्या भी ज्यादा होती थी जिससे बच्चों के पालन -पोषण में लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता था |क्योकि महिलाओं पहले से ही अनुभवी रहा करती थी | महिलाओं की संख्या ज्यादा होने से कामों का बटवारा भी सरल हो जाया करता था | और किसी पे भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ता था |बच्चों का विकास भी अच्छे से हो जाया करता था |लेकिन अब एकाकी परिवार का प्रचलन होने से माता -पिता को ही बच्चे का पूरा भरण -पोषण करना है |जिससे तकनिकी और बाजार में भी इस तरह के आइटम मौजूद है जिससे एकाकी परिवार में बच्चों के पालन -पोषण आसानी से हो सके | शिशु के लिए सा�� -सफाई और माँ का दूध -
शिशु के जन्म के बच्चे का माँ के साथ स्किन तो स्किन कांटेक्ट होना जरुरी है |आप अपने डॉक्टर से कहे की शिशु को आपके पास रखे | और शिशु के अकेली की जिम्मेदारी केवल माँ की ही नहीं है इसमें पिता की सहभागिता भी उतनी ही जरुरी है | क्योकि पहले बच्चे के समय आपको माता -पिता के आलावा दादा -दादी या नाना -नानी की भी सहायता ले सकते है | अगर आपके पास पैसे है तो पेड नर्स की सेवा भी अस्पताल से ले सकते है |शिशु को कैसे गोद में उठाना और कैसे उसे माँ का दूध पिलाना है शिशु की साफ़ -सफाई कैसे करनी है | शिशु में कोई गंभीर बीमारी का लक्षण तो नहीं दिख रहा है इसका पूरा ध्यान देना है |आपको ये भी पता होना चाहिए की शिशु के शरीर का तापमान कैसे नापना है शिशु बहुत ज्यादा रो रहा है तो उसे कैसे चुप कराना है | ये सब जानकारिया आप के पास होनी चाहिए | इन चीजें में डॉक्टर और नर्स आपकी मदद कर सकते है |
वो जरुरत की चीजें जो शिशु के लिए उपयोगी है -
जब आप अस्पताल से निकलेंगे तो शिशु की जरुरत की चीजें आपको चाहिए होंगी क्योकि अस्पताल में कई तरह की सुविधा होती है लेकिन घर आने पे आपको शिशु का ख्याल रखना है |कौन -कौन सी चीजें जो शिशु के लिए बहुत आवश्यक है एक पूरी श्रेणी दी जा रही है |
1 - शिशु की सबसे पहले दो चीजें की चिंता करने की जरुरत है पहला शिशु के खाने का ख्याल और दूसरा जो बहुत ही जरुरी है उसके मल त्यागना | आजकल बाजार में कई ऐसे उत्पाद आ गये है जिससे ये चीजें आसान हो गयी है इधर डाइपर का चलन बढ़ा है तो आप भी बाजार से अधिक का धिक् डाइपर का वंदोबस्त कर लीजिये | लेकिन इस चीज में एक चीज का ख्याल रखियेगा |ज्यादा समय तक डाइपर पहनने से बच्चों को रैशेस पड़ जाते है |क्योकि बच्चों के स्किन बहुत ही सॉफ्ट होती है इसलिए जरुरत पड़े तभी ज्यादा समय तक के लिए बच्चों को डाइपर पहना के रखियेगा | 2 - शिशु के लिए कपडे के 5 सेट और साथ में आरामदायक टोपी भी जरुरी है |शिशु को लपटने के लिए सॉफ्ट कपडा या कम्बल भी जरुरी है | 3 - ब्रेस्ट पंप - ये एक तरह का पंप होता है जिससे माँ का दूध निकल कर फिर बच्चे को बॉटल या स्पून से देते है | क्योकि शुरवात में बच्चे ब्रेस्ट से दूध नहीं पीना जानते है या उन्हें इससे जोड़ने में दिक्कत होती है | 4 -बेबी के लिए बॉटल की भी आवश्यकता है जिसमे निप्पल बहुत ही मुलायम हो और उस बॉटल को साफ़ करने वाले औजार नहीं रखना आवश्यक है | 5 -शिशु के मल को साफ़ करने के लिए आजकल बाजार में कई तरह के बेबी वाइप्स आ रहे है जिससे बच्चों की सफाई बहुत आसान हो जाती है और आप भी ज्यादा गंदे नहीं होता | वाइप्स भी एक जरुरी चीज है जिसे आपको लेकर रखना है | 6 - डॉक्टर की सलाह पर डाइपर से पड़े रैशेस के लिए कोई क्रीम भी ��खना चाहिए | 7 -शिशु के लिए पालना और शिशु को नहलाने के लिए बेबी टैब भी जरुरी है |
बच्चों को दूध कैसे पिलाये -
विश्व स्वास्थ संघठन की माने तो बच्चों को कम से कम 6 महीने तक माँ का ही दूध ही पिलाना चाहिए |इससे माँ और बच्चा दोनों ही स्वस्थ रहते है |इसलिए बहुत जरुरी है की नयी माँ बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराए |लेकिन कोई माँ अगर hiv से संक्रमित है तो वो बच्चे को दूध न पिलाये |कभी कभी माता को उतना दूध नहीं होता तब भी लोग बच्चों को बोतल से दूध पिलाते है ये गाय क दूध होता है |इसे फार्मूला मिल्क भी कहा जाता है | लेकिन माँ का दूध जितना गुणकारी होता है बच्चों के लिए उतना ये दूध फायदेमंद नहीं होता है |
बच्चों के संकेत जब उन्हें भूख लगी है पहचाने -
बच्चों को जब भूख लगती है तो वो कई तरह के संकेत देते है जिसे आपको अच्छे से देखना होगा |जिससे आप उनकी आवश्यकता को समय से पूरी कर सकेंगी |चाहे आप अपना दूध पिलाये या बॉटल से गाय का ये संकेत आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जैसे -जब भी बच्चे को भूख लगेगी तो -रोयेगा या कई तरह की आवाजे निकलेगा या फिर अपना अंगूठा चूसेगा ये कुछ संकेत हैजो बच्चा देगा | आप उस हिसाब से उसकी आवश्यकता का ख्याल रख सकती है | वैसे भी शिशु को हर तीन घंटे पर दूध पिलाना पड़ता है और जैसे -जैसे बच्चे बड़े होते है दूध पिने का टाइम और मात्रा बढ़ जाती है |
बच्चों और उनकी डकार का महत्व -
होता क्या है शिशु जो है दूध पीते वक़्त हवा भी अंदर ले लेते है और इसलिए जरुरी है की शिशु को डकार आये जिससे आपको पता चलेगा की उसका पेट भरा है की नहीं |क्योकि शिशु का पेट भी भरना बहुत जरुरी है |इसलिए कई मताये शिशु को दूध पिलाने के बाद कई टिप्स अपनाती है जिससे शिशु को डकार आ जाये | 1 - बच्चे को सर और गर्दन सीधा रखते हुए सीधा खड़ा रखे |जिससे डकार आ जाती है | 2 -बच्चे के पीठ पर थपकी देने से भी डकार आती है | 3 -शिशु डकार नहीं ले रहा है तो उसकी स्थति को बदले | 4 -बच्चे को हिलने वाली चेयर पर बैठने से भी डकार आती है |
पूरा जानने के लिए-https://bit.ly/33AO8fN
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कोरोना महामारी: इस देश ने लिया करीब 93 हजार जानवरों को मारने का फैसला, जानिए क्यों
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चैतन्य भारत न्यूज दुनियाभर में कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है। इससे बचने के लिए सभी देश अलग-अलग प्रयास कर रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से एक ओर जहां हर रोज इंसान���ं की मौत हो रही हैं, वहीं इसके असर से जानवर भी अछूते नहीं हैं। यूरोपीय देश स्पेन में लगभग 93,000 ऊदबिलावों (Mink) को मारने का आदेश जारी किया गया है। उनसे इंसानों में संक्रमण फैलने के खतरे से बचाव के लिए ये फैसला लिया गया है। बता दें स्पेन ने एक फार्म में करीब 90 जानवरों के कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद ये फैसला किया है। स्थानीय प्रशासन ने शुरुआत में इन जानवरों को अलग रखने के आदेश दिए थे। हालांकि, कई दौर की टेस्टिंग में करीब 80 फीसदी जानवरों के सैंपल कोरोना पॉजिटिव आए। इसके बाद, प्रशासन ने फार्म के जानवरों को मारने का फैसला ले लिया। जानकारी के मुताबिक, 22 मई से ही एरागॉन इलाके के ला पुएबला डे वालवार्दे गांव की फार्म को आइसोलेशन में रखा गया था। यहां के सात कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। लेकिन 13 जुलाई को एक बार फिर इन ऊदबिलावों का कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें फार्म के करीब 87 फीसदी ऊदबिलावों कोरोना पॉजिटिव पाए गए। एरागॉन प्रशासन ने कहा है कि राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य कानून के तहत उसे 92,700 ऊदबिलावों को मारने जैसा कड़ा कदम उठाना पड़ रहा है। एरागॉन के कृषि एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख जैक्विन ओलोना ने कहा, इस बात के कोई सबूत नहीं है कि ये वायरस कर्मचारियों से जानवरों में फैला या फिर जानवरों से कर्मचारियों में। स्पेन की न्यूज एजेंसी यूरोपा प्रेस से ओलोना ने कहा, हमें इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि इन जानवरों में वायरस मौजूद है और जानवरों के बीच कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है। उन्होंने कहा कि 90,000 से ज्यादा जानवरों को मारने का मकसद यही है कि लोगों की सेहत को कोई खतरा पैदा ना हो। बता दें ऊदबिलावों के फरों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। नीदरलैंड्स दुनिया में ऊदबिलावों के फरों का सबसे बड़ा निर्यातक है, उसने 6 जून से लेकर अब तक हजारों की संख्या में इस जानवर को मारा है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, नीदरलैंड्स के 24 ऊदबिलाव फार्म में कोरोना संक्रमण का पता चला है। इनमें काम करने वाले कई कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अभी तक 23 फार्म के सभी जानवरों को मार दिया गया है। ये भी पढ़े... इस देश ने दिया 60 हाथियों को मारने का आदेश, सरकार को होगी करीब 18 करोड़ की कमाई ऑस्ट्रेलिया सरकार इस खतरनाक तरीके से मारने वाली है करीब 20 लाख बिल्लियां Read the full article
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सावधान कोविड-19 कोरोनावायरस किसी ज्योग्राफिकल बाउंड्री को नहीं जानता, वह किसी पॉलिटिकल सिस्टम को भी नहीं मानता, कि.._Best Covid-19 Motivation_Ajmer News Videos_Ajmer News in Hindi Videos
सावधान कोविड-19 कोरोनावायरस किसी ज्योग्राफिकल बाउंड्री को नहीं जानता, वह किसी पॉलिटिकल सिस्टम को भी नहीं मानता, किसी धर्म संप्रदाय में कोई भेद नहीं करता, वह सभी को एक ही तरह से जोरो का झटका देता है | इसलिए कुछ ही हफ्तों में, उसने पूरे विश्व को लगभग एक ही पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है| चाइना के “वुहान” शहर ने जिस बहादुरी से इस वायरस का सामना किया इस बहादुरी को सलाम करता हूं, वहां के हेल्थ वर्कर्स ने कितनी मुश्किलों से इस चीज से निपटने में सफलता प्राप्त की है|चाहे उसकी कीमत सैकड़ों जाने ही क्यों नहीं थी, परंतु यह कैसे हुआ यह जानना, हालांकि सब कुछ सबको मालूम है, लेकिन फिर भी खासतौर पर भारत वासियों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है, क्योंकि कोरोना वायरस अपना काम करके चीन से निकल चुका है, अब उसके कदम हमारे देश की तरफ हे | चीन के लोगों ने इस चीज को कैसे फेस किया यह जानने योग्य बात है| डब्ल्यूएचओ (W H O) की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस का कोई भी एक संक्रमित व्यक्ति 2.6 व्यक्तियों को कुछ ही दिनों में संक्रमित कर देता है, फिर वही 2.6 व्यक्ति कुछ दिनों में आगे 2.6 और व्यक्तियों को संक्रमित कर देते हैं, और यह संख्या कुछ दिनों में केवल एक व्यक्ति से 3500 लोगों को संक्रमित करने तक पहुंच जाती है| इसलिए आप बेफिक्र होकर ना सोए यदि आपको लग रहा है कि आपके शहर में चार पांच या छे संक्रमित लोग हैं, तो कोई चिंता की बात नहीं है, तो आप जितने भी संक्रमित लोग अपने आसपास देख सुन पा रहे हो इनको 3500 लोगों से गुणा कर लीजिए, तो आपको कुछ ही दिनों में, मैं तो कहूंगा 24 घंटों में वे संख्या * 4 नहीं * 5 नहीं 3500 होकर हिट करेगी आइए आपको बताते हे चीन ने इस पर किस तरह विजय प्राप्त की….. View More in video
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पतंजलि ने किया कोरोना की दवाई “कोरोनिल” बनाने का दावा । स्वामी रामदेव स्वयं को कोरोना से संक्रमित कर करेंगे ठीक ।
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जहां एक ओर कोरोना वायरस या कोविड 19 या इसे चाईनीस वायरस कहना ठीक होगा, ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है, वहीं दूसरी ओर इसके इलाज की भी कोशिशें तेजी से जारी हैं । इसी बीच पूरी दुनिया को चौंकाते हुए भारत की एक ��ड़ी आयुर्वेदिक दवाईयों की कंपनी पतंजलि ने यह दावा करके सबको हैरान कर दिया है कि उन्होंने इस महामारी के विरुद्ध शत प्रतिशत बिमारी का इलाज खोज निकाला है । स्वामी रामदेव ने तो यहाँ तक दावा किया है कि वे स्वयं को कोरोना से संक्रमति करने के पश्चात इस दवाई के सेवन से 3 से 7 दिनों में ही ठीक भी होकर दिखाएंगे । उनका कहना है कि योग के जरिये भी इस बिमारी को ठीक किया जा सकता है । और आयुर्वेदिक रसायनों के नियमित सेवन जैसे कि तुलसी, गिलोय तथा अश्वगंधा के द्वारा इसे पूर्णत: ठीक कर आदमी स्वस्थ हो सकता है ।
जिस दवाई की वे बात कर रहे हैं, उन्होंने उसका नाम “कोरोनिल” रखा है । इंडिया टीवी को दिए एक इंटरवियू में स्वामी रामदेव ने बताया कि उनकी दवाई ने क्लीनिकल ट्रायल का पहला चरण पूरा कर लिया है और इससे उन्होंने सैंकड़ों लोगों को ठीक करके दिखाया है । उन्होंने कहा कि इसे बनाने की विधि बहुत ही आसान है । इसमें मुलेठी, अश्वगंधा, दालचीनी, नीम, काली मिर्च, आंवला, शतावर, अदरक, गिलोय, कच्ची हल्दी इस सभी को एक साथ मिला कर व कूट कर इनका मसाला बनाना है, और इसे एक काढ़े या चाय की तरह नियमित तौर पिया जाना है ।
उन्होंने बताया कि उन्होंने इस बिमारी के इलाज के लिए रिसर्च अक्तूबर, 2019 से पहले ही शुरू कर दी थी और यही कारण है कि अब जाकर इसका इलाज बनकर तैयार हो पाया है । हालांकि उन्होंने कोरोनिल के साथ – साथ श्वासारि वटी को भी सुबह शाम एक – एक गोली लेने को कहा है, जिससे इस बिमारी को ठीक करने में जल्दी सहायता मिलेगी । साथ ही उन्होंने सभी को भस्त्रिका प्राणायाम, कपालभाति एवं अनुलोम विलोम करने का भी नियमित रूप से करने का आग्रह किया है, ताकि इससे सभी के फेफड़े मजबूत हो सकें एवं कोरोना जैसी किसी भी बिमारी से लड़ने में सहायता मिल सके ।
इससे एक दिन पहले पतंजलि आयुर्वेद के सी.ई.ओ. आचार्य बालकृष्ण ने भी बताया था कि उन्होंने दवाई का क्लीनिकल कंट्रोल के परिणाम भी आने वाले हैं । उन्होंने अपने वैज्ञानिकों की पूरी टीम इस काम पर लगा रखी है और अब परिणाम भी बेहद सुख की सांस देने वाले हैं । उन्होंने रोज के हिसाब से रोगियों का डाटा रखा, उनके सुधार की दर जाँची । उन्होंने सैंकड़ों कोरोना वायरस से ग्रसित रोगियों को पंतजलि आयुर्वेद की दवाई दी और शत प्रतिशत रोगी ठीक भी हुए हैं । 80% रोगी तो 5 – 6 दिनों में ही पूर्णत: स्वस्थ हो गए थे । बाकि गंभीर रोगियों को अधिक से अधिक 14 दिनों में ठीक करने का उन्होंने दावा किया है ।
सबसे बड़ी बात उन्होंने कही है कि उन्हें पता है कि दुनिया को इस दवाई का सबूत भी देन�� होगा और इसीलिए वे क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल ही कर रहे हैं और आने वाले 4 से 5 दिनों के भीतर ही वे इसे पूरा कर लेंगे । और इसी के बाद वे पूरी दुनिया को प्रमाणों सहित ही कोरोना का दवा देंगे और भारत व आयुर्वेद का डंका पूरा दुनिया में बजेगा, जिसे सभी को मानना होगा ।
यदि ऐसा होता है तो यह खबर भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए उत्साहवर्धक होने वाली है क्योंकि अब तक इस बिमारी से पूरी दुनिया में 80 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और साढ़े चार लाख से अधिक लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है । अकेले भारत में संक्रमित लोगों को संख्या 3 लाख को पार करने वाली है और कई राज्यों में तो हालात बेकाबू हैं । इससे लोगों की जान के साथ – साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान पहुँचा है । लोगों की नौकरियां चली गई हैं और व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ा है । ऐसे में आशा यही है कि जब तक इस महामारी के रोकथाम की कोई वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक पतंजलि का कोरोनिल दवा रामबाण बनकर भारत देश के मरीजों का ही नहीं, अपितु पूरे विश्व के मरीजों की ईलाज कर सके और लाखों जाने व अर्थव्यवस्थाएं बचा सकें ।
अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं – https://rawpolitics.in/
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