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#कोरोना संक्रमित व्यक्ति नोएडा से वापस आया
hindinewshub · 4 years
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खगड़िया में एक पुलिस जवान समेत दो नये कोरोना संक्रमित मिले, आंकड़ा पहुंचा 119 पर, अब तक दो की मौत खगड़िया में कोरोना संक्रमण की चपेट मे अब कोरोना मठ भी शामिल होने लगे हैं। वास्तव में स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले के दो लोग कोरोनात्मक हुए। एक पुलिस बल के साथ ...। Image Source link
#16 पुलिस जवानों का कराय गया सैम्पलिंग#16 पुलिस जवानों का सैंपल लिया#18 कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वस्थ हैं#18 कोरोना पॉजिटिव रोगी स्वस्थ#अब तक खगड़िया में दो लोगों की मौत#कोरोना परिस्थिति#कोरोना मार्ट भी कोरोनावायरस से#कोरोना योद्धा भी कोरोना वायरस से संक्रमित होता है#कोरोना संकट#कोरोना संक्रमण#कोरोना संक्रमित व्यक्ति नोएडा से वापस आया#कोरोनायोग्य व्यक्ति नोएडा से वापस आया था#क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती#खगड़िया#खगड़िया के दो पुलिस जवान अब तक कोरोना पॉजिटिव#खगड़िया के दो पुलिसकर्मी अब तक पॉजिटिव हैं#खगड़िया न्यूज़#खगड़िया में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है#खगड़िया में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या 119 से ऊपर है#खगड़िया में कोरोना सकारात्मक की संख्या 119#खगरिया#दुनिया भर में महामारी कोरोना#दूसरा व्यक्ति मानसी प्रखंड का निवासी#बाजार समिति में स्थित वाहन कोषांग में कार्यरत जवान#बाजार समिति स्थित वाहन कोषांग में कार्यरत जवान#बिहार के समाचार#बिहार न्यूज़#बिहार में कोरोना#बिहार में कोरोना अपडेट#बिहार में कोरोना लॉकडाउन 4
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abhay121996-blog · 3 years
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ना दवा, ना ठीक से इलाज और दम तोड़ते अपने... UP के गांवों के आंकड़े क्यों डरा रहे हैं? Divya Sandesh
#Divyasandesh
ना दवा, ना ठीक से इलाज और दम तोड़ते अपने... UP के गांवों के आंकड़े क्यों डरा रहे हैं?
यूपी के गांवों में कोरोना संक्रमण की हकीकत भले ही कागज पर उतनी नहीं दिख रही है, लेकिन जमीन पर स्थिति भयावह है। यहां कोविड जैसे लक्षणों के साथ लोगों की मौत हो रही है। लेकिन सरकारी इंतजाम इतने नाकाफी हैं कि न ठीक से जांच हो रही है और न ही अस्पताल में इलाज मिल पा रहा है। सीएचसी-पीएचसी केवल रेफरल सेंटर रह गए हैं। हल्की सी स्थिति असमान्य होने के बाद यहां इलाज के लिए हाथ खड़े कर लिए जा रहे हैं और जिला अस्पतालों में रेफर कर दिया जा रहा। गांव में मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। (रिपोर्ट: रोहित मिश्रा, निखिल साहू)यूपी के गांवों में कोरोना संक्रमण से हालत खराब है। यहां अधिकतर कोविड जैसे लक्षण वाले लोग बिना जांच और इलाज के दम तोड़ रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ खानापूर्ति के लिए दो-दो घंटे जांच चल रही है। इसके बाद गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रिफर कर दिया जा रहा है। बीते एक महीने में गांवों में मौतों का आंकड़ा बढ़ा है लेकिन सरकारी तंत्र अभी भी नहीं जागा है।यूपी के गांवों में कोरोना संक्रमण की हकीकत भले ही कागज पर उतनी नहीं दिख रही है, लेकिन जमीन पर स्थिति भयावह है। यहां कोविड जैसे लक्षणों के साथ लोगों की मौत हो रही है। लेकिन सरकारी इंतजाम इतने नाकाफी हैं कि न ठीक से जांच हो रही है और न ही अस्पताल में इलाज मिल पा रहा है। सीएचसी-पीएचसी केवल रेफरल सेंटर रह गए हैं। हल्की सी स्थिति असमान्य होने के बाद यहां इलाज के लिए हाथ खड़े कर लिए जा रहे हैं और जिला अस्पतालों में रेफर कर दिया जा रहा। गांव में मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। (रिपोर्ट: रोहित मिश्रा, निखिल साहू)​गोसाईंगंज के रहमतनगर का हाल, लगातार मौतों से दहशत में ग्रामीणलखनऊ के आस-पास के गांवों में स्थिति विकराल है। गोसाईंगंज के रहमतनगर गांव के हालात यह हकीकत साफ बयां कर रहे हैं। यहां पिछले महीने 14 दिनों के भीतर सात लोगों की मौत हुई। इनमें सिर्फ दो में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो सकी थी। ग्रामीणों के मुताबिक, बाकी को भी कोरोना जैसे लक्षण थे। इसके अलावा गांव के कई घरों में बुखार, जुकाम और सांस की समस्या के मरीज हैं, लेकिन कोई भी टीम यहां एक बार भी जांच करने नहीं आई और न ही सैनिटाइजेशन करवाया गया है।सिर्फ दो को हुई थी कोरोना की पुष्टिरहमतनगर के पूर्व ग्राम प्रधान उमेश वर्मा ने बताया कि पिछले दिनों रामू गुप्ता, मंशाराम वर्मा, अरविंद कुमार वर्मा, परमहंस वर्मा, दयाराम गुप्ता, प्रदीप और सिराज अहमद की मौत हो गई। इनमें रामू और मंशाराम को ही कोरोना की पुष्टि हुई थी। वहीं, गांव में लगातार हो रहीं मौतों से लोग दहशत में हैं। ब्लॉक अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई तो जिम्मेदारों ने सैनिटाइजर थमाकर पल्ला झाड़ लिया। आखिर में ग्रामीणों ने अपने खर्च पर छिड़काव करवाया।​गोसाईंगंज सीएचसी पर सिर्फ एक घंटे जांचगांवों में संक्रमण बढ़ने की आशंका के बावजूद स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं बढ़ाई जा रहीं। गोसाईगंज सीएचसी पर दिन में सिर्फ दोपहर 12 से एक 1 बजे तक ही कोरोना जांच होती है। इस सीएचसी पर रहमतनगर, गोसाईंगंज कस्बा, गंगागंज, खुर्दही, सलेमपुर, मीसा, चुरहिया, कबीरपुर, मोअज्जम नगर, अमेठी समेत कई गांवों में हजारों लोग आते हैं। इसके बावजूद सिर्फ एक घंटे जांच हो रही है। गोसाईगंज सीएचली पर एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड भी मुमकिन नहीं है। यहां लंबे समय से रेडियोलॉजिस्ट तैनाती नहीं है। ऐसे में लोगों को इन जांचों के लिए निजी केंद्रों पर जाना पड़ता है।​नहीं खुलती सरसवां पीएचसीलखनऊ के सरोजनीनगर स्थित सरसवां को हाल ही नगर निगम सीमा में शामिल किया गया है। इसके बावजूद यहां की पीएचसी महीने में एक या दो दिन ही खुलती है। ऐसे में यहां आने वाली गर्भवतियों को या तो निजी अस्पताल जाना पड़ता है, या 10 किी दूर गोसाईंगंज सीएचसी आना पड़ता है। लखनऊ के सीएमओ डॉ. संजय भटनागर कहते हैं, ‘सभी सीएचसी प्रभारियों को अपने-अपने इलाकों में जांच करवाने के आदेश दिए गए हैं। टेस्टिंग नहीं हो रही तो जांच करवाई जाएगी। सीएचसी पर टेस्टिंग का भी बढ़ाया जाएगा।’रायबरेली के गांव में एक महीने में 17 मौतेंरायबरेली के सुल्तानपुर खेड़ा गांव बीते एक महीने में 17 लोगों की मौत हो गई तब प्रशासनिक अमला जागा और डोर टु डोर टेस्टिंग करने पहुंचा। गांव में आना-जाना बंद कर दिया गया है। जिन लोगों की मौत हुई, सभी में कोरोना जैसे लक्षण थे लेकिन बुखार, खांसी, सर्दी, सिरदर्द और सांस फूलना। 17 में से 15 का न तो कोविड टेस्ट हुआ था और न ही उन्हें अस्पताल लेकर जाया गया। इस वजह से सरकारी आंकड़ों में इस गांव में सिर्फ 2 मौतें दिखा रहा है। हरदोई जिले की संडीला तहसील के गोड़वा गांव में पांच दिन में 11 लोगों की मौत हो चुकी है।​रिपोर्ट बिना इलाज नहींगांवों में बिना रिपोर्ट के लक्षण वाले मरीजों को कोई देखने तक को तैयार नहीं है। जबतक जांच की रिपोर्ट आ रही है, तबतक व्यक्ति या तो ठीक हो जा रहा, या बच ही नहीं रहा। गांवों में रिपोर्ट औसतन 8 से 13 दिन के भीतर आ रही है। सुलतानपुर जिले के रूहट्टा गली निवासी शिवाजी सलूखे को बुखार और खांसी की शिकायत हुई तो उन्होंने 1 मई को आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया और मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उनकी तबियत बिगड़ने लगी। कोरोना रिपोर्ट के अभाव में ज्यादातर डॉक्टर उनसे दूरी ही बनाए रखे। उधर संक्रमण से उनकी एक सप्ताह में मौत हो गई। अंतिम संस्कार भी हो गया उनका, उसके बाद 9 मई को शिवाजी की कोरोना रिपोर्ट आई, जिसमें वह पॉजिटिव थे।​सीएचसी-पीएचसी पर सिर्फ दो घंटे जांचगांव में इलाज के लिए सीएचसी और पीएचसी हैं। हालत यह है कि यहां डॉक्टरों की मर्जी पर एक-दो घंटे ही कोरोना के टेस्ट हो रहे हैं। वह भी इसलिए कि कागज का पेट भर सकें कि कितने सैंपल लिए। बाराबंकी की बनी कोडर सीएचसी पर केवल दो घंटे के लिए जांच होती है। रायबरेली की सभी पीएचसी पर केवल दोपहर दो बजे तक जांच होती हैं। अयोध्या की खंडासा पीएचसी केवल एक घंटे के लिए खुलती है। सीतापुर की लहरपुर पीएचसी केवल एक घंटे के लिए सैंपल लेती है। जांच का यह हाल है, इलाज की भी स्थिति कोई अच्छी नहीं। सामान्य सर्दी-खांसी-बुखार है तब तो दवा मिल जाएगी। स्थिति असमान्य है तो यहां दवाई नहीं केवल कागज मिलता है कि जिला अस्पताल जाओ।ग्रेटर नोएडा के गांव में दो सगे भाई समेत 20 की मौतग्रेटर नोएडा वेस्ट एरिया के खैरपुर गुर्जर गांव के बाद रोजा जलालपुर पिछले 11 दिनों में दो सगे भाई समेत 20 लोगों की मौत हो गई है। जलपुरा गांव के रविंद्र भाटी ने बताया कि गांव में रहने वाले अतर सिंह का तो परिवार कोरोना ने उजाड़ दिया। शनिवार को दो बेटों को बुखार आया। बड़े बेटे दीपक (25) की रविवार सुबह मौत हो गई। गांव व परिवार के लोग बेटे का अंतिम संस्कार कर घर वापस लौटे थे। घर पर बीमार छोटे बेटे पंकज (23) भी मौत हो गई। हालांकि अभी तक पता नहीं चल सका है कि गांव में लोगों की मौत कोरोना से हो रही है या और किसी बीमारी है।सरकार का आदेश है कि अगर कहीं पर ज्यादा संक्रमित लोग हों तो वहां जाकर टेस्ट किया जाए। लेकिन गांवों में इस आदेश का पालन होता नहीं दिख रहा। संक्रमितों को भी सीएचसी तक पहुंचकर जांच करवानी पड़ रही है, भले ही उन्हें किसी गैर संक्रमित के साथ जाना पड़े, जिससे उसके भी संक्रमित होने का खतरा बना रहे। अगर सीएचसी पर सैंपल नहीं लिया गया तो उसके पास कई किलोमीटर की दूरी तय करके जिला अस्पताल पहुंचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। (सभी तस्वीरें साभार: रॉयटर्स)
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vsplusonline · 4 years
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Coronavirus: भारत में संक्रमण के मामले 62,000 के पार, मृतकों की संख्या भी दो हजार से ज्यादा हुई
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Coronavirus: भारत में संक्रमण के मामले 62,000 के पार, मृतकों की संख्या भी दो हजार से ज्यादा हुई
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Image Source : AP COVID-19 cases in India cross 62,000-mark, death toll mounts to 2,093. Check state-wise list
नयी दिल्ली: देश में कोविड-19 के संक्रमण के मामलों की संख्या शनिवार को 62,000 के आंकड़े को पार कर गई जबकि महामारी के कारण मरने वालों की संख्या भी 2,000 से ज्यादा हो गई है। राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के सामने आ रहे सैकड़ों मामलों और वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन में ढील देने वाली अर्थव्यवस्थाओं में संक्रमण के बढ़ते मामलों ने सरकारों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। भारत सरकार द्वारा विदेशों में फंसे भारतीयों की वापसी के लिये चलाए गए व्यापक अभियान के बीच विदेश से सात मई को केरल लौटे दो लोगों के संक्रमित मिलने से चिंता बढ़ रही हैं। ये दोनों लोग दुबई और अबुधाबी से अलग-अलग उड़ानों से भारत आए थे। 
महाराष्ट्र, गुजरात,तमिलनाडु और दिल्ली समेत कई अन्य स्थानों पर बड़ी संख्या में बढ़ते मामलों के बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बड़ी संख्या में ट्रेनों और बसों से पैतृक स्थानों के लिये भेजे जा रहे प्रवासियों के आवागमन तथा विशेष उड़ानों से विदेशों से लाए जा रहे भारतीयों की वजह से आने वाले दिनों में संक्रमण के मामलों में और बढ़ोतरी होगी। देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर शनिवार को 1,981 हो गई और संक्रमितों की संख्या 59,662 पर पहुंच गई। शनिवार की सुबह पिछले 24 घंटों में इस वायरस के कारण 95 लोगों की मौत हुई है और 3,320 नए मामले सामने आए है। 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 39,834 लोगों का उपचार चल रहा है जबकि 17,846 लोग स्वस्थ हो गए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। हालांकि पीटीआई-भाषा की तालिका के मुताबिक रात नौ बजे तक विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से देश भर में संक्रमण के 62,613 मामले सामने आ चुके है, 18,715 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 2016 लोगों की इस बीमारी से जान जा चुकी है। यह शुक्रवार सुबह से संक्रमण के मामलों में छह हजार की बढ़ोतरी दर्शाता है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, बिहार और असम समेत कई अन्य जगहों से शनिवार को संक्रमण के नए मामले सामने आए। 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 की जांच बढ़कर प्रतिदिन लगभग 95,000 हो गई है, जबकि 332 सरकारी और 121 निजी प्रयोगशालाओं में अब तक कुल 15 लाख 25 हजार 631 जांच की जा चुकी हैं। कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगातार बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। केरल और पूर्वोत्तर समेत कुछ छोटे राज्यों में संक्रमण के मामले या तो नहीं हैं या इनकी संख्या इकाई में है। दिसंबर में चीन में मामले सामने आने के बाद से वैश्विक स्तर पर दुनिया में करीब 40 लाख लोग अबतक इस महामारी से संक्रमित हो चुके हैं जबकि करीब 2.75 लाख लोगों की जान जा चुकी है। 
थोड़ी राहत की बात यह है कि इस बीमारी से दुनिया भर में करीब 13 लाख लोग ठीक भी हो चुके हैं। इनमें से दो लाख अमेरिका में और 1.4 लाख जर्मनी के हैं। जर्मनी और दक्षिण कोरिया उन देशों में शामिल हैं जिन्होंने अपनी व्यापक जांच और संपर्कों की पहचान के जरिये बड़ी संख्या में संभावित मौतों को टाला है। लेकिन शनिवार को चिंता के बादल दोनों देशों में तब फिर मंडराने लगे जब बंद में कई छूट दिये जाने के बाद वहां संक्रमण के फिर से पांव पसारने का जोखिम बढ़ गया। 
भारत में भी 25 मार्च से लागू राष्ट्रव्यापी बंद के तीसरे चरण में कुछ ढील दी गई है। बंद के फिलहाल 17 मई को खत्म होने की उम्मीद है। गोवा के कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गावड़े ने शनिवार को कहा कि प्रदेश सरकार संगीत कक्षाओं के आयोजन और सरकारी पुस्तकालयों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने की इजाजत दे सकती है और यह अनुमति सख्त सामाजिक दूरी के नियमों के पालन की शर्त पर दी जाएगी। गोवा को फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमण का कोई मामला नहीं मिलने के बाद ग्रीन जोन में रखा गया है। फंसे हुए लाखों प्रवासी कामगारों को उनके पैतृक स्थान तक पहुंचाने के लिये विशेष ट्रेनों और बसों का संचालन किया जा रहा है ���हीं विदेशों में फंसे भारतीयों को भी विशेष उड़ानों से वापस लाया जा रहा है। 
मौजूदा बंद का अर्थव्यवस्था पर भी भारी असर पड़ता दिख रहा है और कई विशेषज्ञों ने मौजूदा वित्तवर्ष के लिये शून्य से बेहद कम जीडीपी का अनुमान व्यक्त किया है। कुछ ने यह पूर्वानुमान भी व्यक्त किया है कि बंद की पाबंदियां जारी रहीं तो जीडीपी और गिरेगी। ईंधन की कीमतें पहले ही बढ़ चुकी हैं और रियल एस्टेट डेवलेपर्स के एक औद्योगिक निकाय ने कहा कि बीते कुछ हफ्तों में सीमेंट और स्टील के दाम 40-50 प्रतिशत बढ़ चुके हैं और उनके उत्पादकों द्वारों अनुचित व्यापार व्यवहार किया जा रहा है। कुछ औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने मौजूदा राहतों के मुताबिक अपने प्रतिष्ठान खोलने शुरू कर दिये हैं। हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड ने कहा कि उसकी चेन्नई स्थित निर्माण इकाई में शुक्रवार को काम शुरू होने के बाद पहले दिन 200 कारों का उत्पादन हुआ। 
तमिलनाडु में शनिवार को कोरोना वायरस से चार और लोगों की मौत हो गई तथा इसके 526 और मामले सामने आने के बाद राज्य में मामलों की कुल संख्या बढ़कर 6,535 हो गई है। महाराष्ट्र में कोविड-19 संक्रमण के 1,165 नए मामले सामने आए जिसके बाद राज्य में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 20,228 पहुंच गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में संक्रमण के कारण 48 लोगों की जान चली गई जिसके बाद राज्य में इससे हुई मौतों की संख्या 779 हो गई। अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में संक्रमण के कारण मरे 48 लोगों में से 27 मुंबई शहर से थे। मुंबई शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 12,864 हो गए। जबकि संक्रमण से हुई मौतों का आंकड़ा 489 पहुंच गया है। 
गुजरात में 394 और व्यक्तियों के कोरोना वायरस संक्रमित पाये जाने के बाद राज्य में इस महामारी के मामले 7,797 हो गये तथा इस संक्रमण के 23 और मरीजों की मौत के साथ ही उसके चलते मरने वालों की संख्या 472 हो गयी। अहमदाबाद में कोविड-19 संक्रमण के 280 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5,540 हो गई है। साथ ही 20 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 363 तक पहुंच गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 224 और मामले सामने आए जिससे राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 6,542 हो गयी है। दिल्ली सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। 
दिल्ली में मृतकों की संख्या को लेकर थोड़ी भ्रम की स्थिति दिखी क्योंकि दिल्ली सरकार के चार अस्पतालों के मृतकों की संख्या और दिल्ली सरकार द्वारा दिये गए मृतकों के आंकड़ों में अंतर था। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि मामला छिपाने का कोई कारण नहीं है और किसी भी मामले की गिनती छोड़ी नहीं जाएगी। जैन ने कहा कि अस्पतालों ने रोगियों के मरने की विस्तृत रिपोर्ट नहीं भेजी हैं जिनमें मौत के कारण, नाम, आयु और अन्य जानकारी होती है और जिनके आधार पर कोविड-19 के स्वास्थ्य बुलेटिन को अपडेट किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों से मृत्यु रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजने को कहा है ताकि आंकड़ों को जल्द ही बुलेटिन में शामिल किया जा सके। 
पश्चिम बंगाल के आंकड़ों में भी अंतर नजर आया। कुछ दिनों से राज्य सरकार के आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से कम रहे हैं। देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ में भी कोरोना वायरस संक्रमण के 62 नए मामले सामने आए। अधिकारियों ने कहा कि यह मामले दिल्ली स्थित उसकी एक इकाई में मिले हैं। बल में अब संक्रमण के कुल 231 मामले हैं जिनमें से दो लोग उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं दिल्ली से सटे नोएडा में कोविड-19 के कारण दूसरी मौत हुई है जबकि वहां संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 216 हो गई है। उत्तर प्रदेश में संक्रमण के मामलों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। 
राजस्थान में 76 नए मामले सामने आए तो कर्नाटक में भी संक्रमण के 36 नए मामले मिले हैं। बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) के पांच कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जिसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 579 हो गई है। असम में डेंटल कॉलेज की एक छात्रा संक्रमित मिली है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 मामलों के लिए अस्पताल से छुट्टी दिये जाने की नीति में बदलाव किया है। अब कोरोना वायरस संक्रमण के केवल गंभीर मरीजों की ही अस्पताल से छुट्टी दिये जाने से पहले जांच की जायेगी। 
नये बदलावों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों में गंभीर बीमारी विकसित होती है या रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है तो ऐसे मरीजों को अस्पताल द्वारा छुट्टी देने से पहले आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। कोविड-19 के हल्के और बहुत हल्के मामलों में लक्षणों के समाप्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दिये जाने से पहले जांच कराये जाने की जरूरत नहीं होगी। अब तक के नियमों के अनुसार, किसी मरीज को तब छुट्टी दी जाती थी जब 14 दिन पर उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आती थी और इसके बाद फिर 24 घंटे के अंतराल में रिपोर्ट निगेटिव आती थी।
कोरोना से जंग : Full Coverage
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imsaki07 · 4 years
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हमीरपुर में दो, बंगाणा व स्वारघाट में एक-एक पॉजिटिव ..
हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर में रविवार को कोरोना के चार केस पॉजिटिव आए। हमीरपुर में एक युवती व एक व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए। बड़सर क्षेत्र के बड़ाग्राम की 20 वर्षीय युवती दिल्ली से 18 मई को संबंधियों के साथ लौटी थी, जो बड़ाग्राम स्कूल में क्वारंटाइन थी। वह��ं सुजानपुर क्षेत्र के बगेहड़ा बुहला गाव के 56 वर्षीय व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित पाया गया। यह 20 मई को नोएडा से टैक्सी में आया था। टैक्सी उसे छोड़कर वापस…
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manishajain001 · 4 years
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उत्तर प्रदेशः सांस न फूले, तो लौटा दे रहे अस्पताल
लॉकडाउन में अमीर भले ही कसरत कर, चेस खेलकर या कोई डिश बनाकर उनकी क्लिप्स सोशल मीडिया पर नुमाइश कर रहे हों, लेकिन सोशल मीडिया से दूर तमाम लोग ऐसे हैं जिन्हें बहुत जरूरी होने पर भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। सबसे ज्यादा मुश्किल गर्भवती महिलाओं के साथ है। कई अस्पताल और नर्सिंग होम संचालकों ने तो गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में डिलिवरी कराने का फरमान सुना दिया है।
बस्ती जिले की सविता शहर के नामी नर्सिंग होम में इलाज करा रही थी। अप्रैल के दूसरे हफ्ते में डिलिवरी होना है। डॉक्टर ने कह दिया, अब जिला अस्पताल में डिलिवरी करा लें। ऐसे मामले कमोबेश सभी जिलों में आ रहे हैं। हरियाणा में काम करने वाले नितिन कुमार को अपने घर आगरा लौटना था। पैदल ही 177 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद घर सिर्फ 39 किलोमीटर ही बचा था कि तभी एक तेज रफ्तार बस ने जिंदगी की रफ्तार को हमेशा के लिए रोक दिया।
वहीं, बल्लभगढ़ से अपने घर आंबेडकर नगर को निकला मोहित ट्रक पर चढ़ने के प्रयास में गिर गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। सिद्धार्थनगर के विनोद तिवारी नोएडा में काम करते थे। लॉकडाउन के बाद बस और ट्रेन की आवाजाही पर ब्रेक लगी तो मोटरसाइकिल से ही घर को निकल पड़े। हाथरस जिले में राहत कैंप में रुके थे, तभी अचानक बेहोश हो गए। मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
इसी तरह अलीगढ़ में चाय बेचने वाले संजय नाम के व्यक्ति की मौत के बाद परिवार वालों ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन के चलते उन्हें उचित इलाज नहीं मिल सका। संजय की पांच लड़कियों ने ही पिता को कंधा दिया। गोरखपुर के रामगढ़ ताल इलाके की पुलिस पर पिछले दिनों हनुमान मंदिर के पुजारी कोईल दास उर्फ टिकोरी दास (75) की निर्मम पिटाई का आरोप लगा। मंदिर में पूजा करने आए पुजारी की पुलिस से बहस हो गई थी।
पुजारी की पत्नी सुखदेई का आरोप है कि पुलिस ने वीडियो बना रहे एक युवक को पकड़ा था। पुजारी ने जैसे ही कुछ पूछना चाहा, पुलिस वालों ने पिटाई शुरू कर दी जिससे तबीयत बिगड़ गई और बाद में उनकी मौत हो गई। बीजेपी विधायक डॉ. राधामोहनदास अग्रवाल से लेकर एसपी जिलाध्यक्ष राम नगीना साहनी ने मामले की जांच की बात कही लेकिन लॉकडाउन में जांच की मांग फाइलों में दफन हो गई।
लॉकडाउन में तमाम ऐसे लोग भी हैं जिन्हें मौत के बाद भी परिवार का साथ नहीं मिल पाया। संतकबीर नगर के आलोक सूरत में नौकरी करते हैं। पिछले दिनों पिता की मृत्यु हो गई। सूचना के बाद भी मुखाग्नि देने भी नहीं आ सके। पट्टीदारों ने अंतिम संस्कार किया। पिछले दिनों गोरखपुर के बासुदेव सिन्हा (92) की मौत के चंद मिनट बाद ही दिल की मरीज पत्नी शांति की भी मौत हो गई। कोई बताने वाला भी नहीं है, लॉक डाउन में उन्हें इलाज मिला या नहीं।
इसी तरह वाराणसी में मजदूर संतोष जायसवाल की जिला अस्पताल में मौत के बाद कोई कंधा देने वाला नहीं मिला। कुछ स्थानीय जागरूक लोगों की मदद से शव घाट पर पहुंचा, जहां पत्नी गुड़िया ने पति को मुखाग्नि दी।
बिहार सरकार तो लॉकडाउन के नाम पर पूरा मेडिकल सिस्टम ठप कराए बैठी है
“इस स्थिति में कोई बेटा शायद ही बात करे, लेकिन मैं करूंगा। मैं भी लॉकडाउन के पक्ष में हूं लेकिन मेरे पिता की जान सिस्टम के शटडाउन ने ले ली।”
5 अप्रैल को देश के ज्यादातर लोग जब प्रधानमंत्री के आह्वान पर अपने घरों के बाहर दीये जलाने की तैयारी में थे, मेरी जिंदगी अंधेरे में चली गई। मेरे पूरे परिवार की जिंदगी का दीया बुझ गया। मेरे पापा अब स्वर्गीय नवल किशोर प्रसाद हो गए तो यह लॉकडाउन के कारण ठप पड़े मेडिकल सिस्टम का इकलौता दोष है। मैं पटना में था। घर में मां थीं। दिव्यांग बड़ा भाई था। पांच साल से ज्यादा हो गए, जब पापा बुरी तरह बीमार थे। एक प्रतिशत भी उम्मीद नहीं बताते थे डॉक्टर उनके बचने की, मगर बच गए क्योंकि प्राइवेट अस्पताल ने पैसे लेकर ही सही, अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। यह भी कह सकते हैं कि तब हमारी किस्मत थी और आज बदकिस्मती।
5 अप्रैल की सुबह पापा ने गैस की परेशानी बताई। चिकित्सकों का जो नंबर सार्वजनिक तौर पर प्रचारित था, उनमें से एक पर कॉल किया। डॉक्टर ने कहीं दिखाने जाने की स्थिति नहीं बताई। गैस की दवा बताई। खाकर थोड़ा आराम हुआ। सोए तो फिर जागे ही नहीं। शाम में नहीं सोते थे, लेकिन जब शाम तक नहीं जागे तो हिलाया गया, मगर कुछ पता नहीं चल रहा था। मेरा भाई बोल नहीं सकता, मगर किसी तरह आसपास के लोगों को इशारा किया।
सारे जानते हैं कि हमारे घर से कोई निकला नहीं और न कोई कहीं से आया, इसलिए कोरोना के हल्ले के बावजूद कुछ पड़ोसी आए। डॉक्टर के पास ले जाने की चर्चा चलती रही, कॉल किया जाता रहा, लेकिन किसी अस्पताल, किसी डॉक्टर ने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। जाने का साधन भी खोजा गया, लेकिन नहीं मिला। कुछ देर बाद ही पापा का शरीर ठंडा पड़ने लगा, तब सभी ने खुद ही यह मान लिया कि वह नहीं रहे।
पापा का नहीं रहना क्या होता है, यह सभी नहीं समझ सकते। मैं किसी गांव में नहीं, राजधानी पटना में था। मेरे पापा भी किसी गांव में नहीं, बल्कि जमुई शहर में थे। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के दफ्तर से कुछ ही दूरी पर। मगर, इतनी व्यवस्था नहीं हो सकी कि उन्हें कोई डॉक्टर देखे। मैं पटना में छटपटाकर रह गया। जितने भी संपर्क थे, हर किसी को कॉल किया, लेकिन किसी ने यह भरोसा नहीं दिलाया कि कोई डॉक्टर को ला सकता है या किसी अस्पताल में पहुंचा सकता है।
वैसे, पटना के पीएमसीएच ���ी खबर भी ऐसी ही पढ़ी तो भरोसा नहीं था। भरोसा नहीं हो रहा था कि गर्भ में बच्चा उलटा होने की अल्ट्रासाउंड के लिए किसी गर्भवती को पीएमसीएच तीन दिन से दौड़ा रहा है। हार्ट अटैक के दिन ही इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचे बुजुर्ग का ऑपरेशन डॉक्टर के नहीं आने के कारण पांच दिन टल गया। थैलीसीमिया पीड़ित बच्चे को इस लॉकडाउन में पूर्णिया से खून चढ़ाने के लिए तीसरी बार बुलाया गया। या, टीबी के मरीज को पैसा नहीं होने के कारण दवा ब्रेक करनी पड़ी और पीएमसीएच में वह दवा ही नहीं थी।
किस्मत ने इन खबरों पर कुछ ही मिनट में ऐसा भरोसा दिलाया कि जिंदगी भर याद रहेगा। किसी तरह रात में ही प्राइवेट कार लेकर चला तो सुबह जमुई पहुंचा। यहां से शव को मुंगेर के गंगाघाट पर ले जाने के लिए भी दिन भर मशक्कत करनी पड़ी। पिता की अंतिम यात्रा में शामिल होने वक्त भी यह बात आपके सामने इसलिए रख रहा हूं, क्योंकि लॉकडाउन के नाम पर पूरा मेडिकल सिस्टम ठप करने वाली व्यवस्था का प्रतिकार भी जरूरी है।
केजरीवाल ने कोरोना से लड़ रही नर्सों को भाग्य-भरोसे छोड़ा
दिल्ली में लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल को कोविड-19 के रोगियों के लिए ही पूरी तरह समर्पित कर दिया गया है। लेकिन यहां की नर्सों को क्वारंटाइन की वे सुविधाएं अप्रैल में पहले हफ्ते तक नहीं दी गई हैं जो किसी भी हेल्थवर्कर के लिए इन हालात में जरूरी है। हां, यहां के डाॅक्टरों को क्वारंटाइन अवधि के लिए जरूर ही ललित होटल में जाकर रहने को कहा गया है।
इस अस्पताल में 1,300 नर्सिंग ऑफिसर हैं। इस समय जो व्यवस्था बनाई गई है, उसके मुताबिक, अस्पताल की नर्सों को14 दिनों की शिफ्ट की ड्यूटी पर तैनात किया गया है। इसके बाद इन नर्सों को 14 दिनों की क्वारंटाइन अवधि में रहना होगा। अभी अस्पताल में ड्यूटी कर रही नर्सें इसी परिसर में दंत अस्पताल के हाॅल में रह रही हैं। यहां एक सेक्शन में एक साथ 30 बेड लगा दिए गए हैं। यहां सिर्फ दो बाथरूम हैं और अलग से कोई चेन्जिंग रूम नहीं है। यह भवन अभी बनकर तैयार ही हुआ है और इसका एक फ्लोर खुला हुआ है। इसमें शिफ्ट वाली नर्सें किसी तरह रहती हैं।
नर्सें इस वक्त अपना नाम नहीं बताना चाहतीं लेकिन उनकी व्यथा-कथा जानने लायक तो है ही कि वे किन स्थितियों में काम कर रही हैंः कई दफा नौ-नौ लोग एक कमरे में रहती हैं और हमें एक ही बाथरूम शेयर करना होता है। यह किस तरह की क्वारंटाइन सुविधा है? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि कोविड-19 के खिलाफ डाॅक्टर्स सामने से लड़ रहे हैं। तो, हमारे बारे में क्या? क्या हम सामने से नहीं लड़ रहे हैं? अगर लड़ रहे हैं, तो हमारे साथ भेदभाव क्यों? दिल्ली सरकार ने डाॅक्टरों को रहने के लिए ललित होटल उपलब्ध कराया है, लेकिन उसने नर्सों की अनदेखी कर दी है, जबकि नर्सें 24-24 घंटे की ड्यूटी कर रही हैं और उन्हें उचित ढंग के सुरक्षा कपड़े या अन्य सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई गई हैं।
दिल्ली राज्य अस्पताल नर्स यूनियन की महासचिव जीमाॅल शाजी के अनुसार, अभी ड्यूटी कर रहीं 120 नर्सों की 14 दिनों की शिफ्ट 10 अप्रैल को पूरी हो जाएगी। नर्सें जानना चाह रही हैं कि तब, वे किस तरह अपने आपको क्वारंटाइन करेंगी। आखिरकार, उन्हें अपने घर ही लौटना होगा और वैसे में, उनके घर वालों को भी इस बीमारी से संक्रमण का खतरा रहेगा। इस तरह की आशंका की वजह भी है। नर्सों के पहले बैच की शिफ्ट 1 अप्रैल को समाप्त हुई और उनमें से कई को अपने घर जाना ही पड़ा। उनमें से 10 ही अस्पताल परिसर में रह रही हैं।
यूनियन सदस्यों ने इस बारे में चिकित्सा निदेशक जेसी पासे को भी लिखा है, लेकिन अभी तक तो कोई कदम उठाया नहीं गया है। इस संवदादाता ने निदेशक से बात करनी चाही, पर उन्होंने कहा कि वह मीडिया से अलग से कोई बात नहीं करेंगे; जो भी बात कहनी है, वह मेडिकल बुलेटिन में बता दी जाएगी।
मध्य प्रदेश में दूसरे गंभीर मरीजों पर ध्यान देने वाला कोई नहीं
“मेरे पिता कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं थे, फिर भी उनकी जान चली गई। मैं बचाने के लिए यहां से वहां परेशान होता रहा, पर सबकुछ होने के बावजूद नहीं बचा सका।”
यह कहानी है भोपाल पुलिस के एक जवान की। इस जवान के पिता राजभवन से सेवानिवृत्ति कर्मचारी थे जो गैस प्रभावितों के लिए बनाए भोपाल मेमोरियल अस्पताल में भर्ती थे। सरकार ने इस अस्पताल में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाने का निर्णय लिया था। इसके कारण यहां भर्ती करीब 80 मरीजों को जबरन दूसरे अस्पतालों में भेज दिया, तो कुछ को छुट्टी दे दी गई। इन्हीं में इस जवान के पिता भी थे। उन्हें हमीदिया अस्पताल भेजा गया। यह राज्य के प्रमुख अस्पतालों में से एक है।
दरअसल, 80 साल के कालूराम घुंघराले गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। वह 27 फरवरी, 2020 को भोपाल के गैस पीड़ित मेमोरियल अस्पताल में भर्ती हुए थे। 24 मार्च को यह कहकर उन्हें वहां से हमीदिया अस्पताल भेज दिया गया कि कोरोना वायरस का खतरा बढ़ रहा है, इसलिए इस अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश हैं। आनन-फानन में कालूराम को परिजनों ने हमीदिया में भर्तीकराया, डाॅक्टरों ने ठीक से इलाज नहीं किया और 28 मार्च को उन्होंने दम तोड़ दिया। इसी तरह, गैस पीड़ित अस्पताल से हमीदिया अस्पताल भेजी गई एक अन्य महिला के साथ भी ऐसा ही हुआ।
कोरोना की वजह से गैस पीड़ित अस्पताल से 80 मरीजों को शिफ्ट किया गया। ये सभी दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं। तीन मरीज- तुलसी बाई, मुन्नी बी और रामश्री बाई भर्ती हैं। तीनों वेंटिलेटर पर हैं। इनके परिजनों का कहना है कि हालत गंभीर है, पर डाॅक्टर इन्हें ठीक से नहीं देख रहे हैं। डाॅक्टरों का कहना है कि वे कोरोना संक्रमित मरीजों को पहले देखेंगे।
गांवों की हालत तो और खराब है। मध्य प्रदेश में बड़वानी जिले की सेमलेट पंचायत के भादल गांव के पवन सोलंकी बताते हैं कि उनके गांव से 60 किलोमीटर दूर पाटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। वहां जाने के लिए नर्मदा नदी को नाव से पार करना पड़ता है। कई मरीज वहां से बिना इलाज कराए वापस आ गए हैं। अस्पताल में कोरोना संक्रमित एक भी मरीज नहीं है। फिर भी ��हा जाता है कि तुम क्यों आ गए, तुम्हें पता नहीं, अभी कोरोना के मरीजों को पहले देखना है। तुम साधारण मरीज हो।
पवन सोलंकी बताता है कि सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान हैं। वे लोग क्षेत्रके एक बंगाली डाॅक्टर के पास इलाज करवा रहे हैं। वह झोलाछाप है। वह मनमानी फीस वसूलता है। यही हाल बैतूल जिला मुख्यालय पर मौजूद जिला अस्पताल का है। यहां तो नाकेबंदी कर दी गई है। ग्रामीणों को अस्पताल तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है। रास्ते में पुलिस रोककर खुद ही चेक करने लगती है कि बुखार है या नहीं।
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vsplusonline · 5 years
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अब तक 180 केस: भोपाल में सभी शॉपिंग मॉल्स बंद; पंजाब में बसों पर रोक, 20 से ज्यादा लोग एक जगह जमा नहीं हो सकेंगे
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अब तक 180 केस: भोपाल में सभी शॉपिंग मॉल्स बंद; पंजाब में बसों पर रोक, 20 से ज्यादा लोग एक जगह जमा नहीं हो सकेंगे
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पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर रोक के बाद जालंधर में अफरा-तफरी, मंडियों में लोगों की भीड़ बढ़ी
मध्यप्रदेश में 8वीं तक के छात्र-छात्राएं तीन और छह माह में होने वाली परीक्षाओं के आधार पर प्रमोट होंगे
पंजाब में 70 साल के बुजुर्ग की मौत, देश में इस संक्रमण से मौत का यह चौथा मामला
दैनिक भास्कर
Mar 20, 2020, 01:31 AM IST
नई दिल्ली. देश में कोरोनावायरस के संक्रमण का मामला 180 हो गया है और चार लोगों की मौत हो चुकी है। जयपुर में एक दंपती में कोरोना का सैंपल पॉजिटिव मिला है। दोनों को आईसोलेशन में रखा गया है। ये 17 मार्च को स्पेन से दुबई होते हुए दिल्ली पहुंचे थे। इसके बाद दोनों 18 मार्च को टैक्सी से जयपुर पहुंचे। इनके साथ ही दो ड्राइवरों और होटल स्टाफ के 4 लोगों को भी होम आइसोलेशन में रखा गया है। पंजाब सरकार ने प्रदेश में अन्य राज्यों से बसों की आवाजाही बंद करने का आदेश जारी किया है। किसी भी एक जगह पर 20 से ज्यादा लोग इकट्‌ठा नहीं हो सकते। बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं। वहीं, ट्रांसपोर्ट बंद होने की सूचना के बाद जालंधर में मंडियों में एकाएक भीड़ बढ़ गई। लोगों में अफरा-तफरी का माहौल है। उधर, भोपाल प्रशासन ने सभी शॉपिंग मॉल्स बंद करने के आदेश जारी किए हैं।
केरल के कासरगोड जिले में दुबई से आया एक युवक संक्रमित मिला है। यहां अब तक 28 केस सामने आ चुके हैं। पंजाब में 70 साल के एक व्यक्ति की गुरुवार को मौत हो गई। इससे पहले तीन मौतें दिल्ली, कर्नाटक और मुंबई में हुई हैं। उधर, कोरोनावायरस की वजह से राजस्थान सरकार ने 50% सरकारी कर्मचारियों को 31 मार्च तक घर से काम करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, मध्यप्रदेश में आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को तीन और छाह माह में होने वाली परीक्षाओं के आधार पर प्रमोट किया जाएगा। कोरोनावायरस की वजह से परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। इससे पहले 1984 में भोपाल गैस त्रासदी के समय भी छात्रों को सामान्य प्रमोशन दे दिया गया था।
हवाई यात्राओं पर बंदिशें
कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण हवाई यात्राओं पर बंदिशें लगती जा रही हैं। इससे एयरलाइंस को घाटा हो रहा है। इंडिगो एयरलाइन ने अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की घोषणा कर दी है। कंपनी के सीईओ रोनोजॉय दत्ता भी 25% कम वेतन लेंगे। कोरोनावायरस से संक्रमण के गुरुवार को छह नए मामले सामने आए। तीन उत्तर प्रदेश में, जबकि चंडीगढ़, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में 1-1 संक्रमित मिला है। चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़ में यह पहला मामला है। देश में कुल संक्रमित 177 हो गए हैं।
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सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि देश में यात्रा प्रतिबंधों के कारण सिंगापुर में फंसे 90 से ज्यादा भारतीय यात्री अपने घर जा रहे हैं। तत्काल कार्रवाई करते हुए सरकार ने उन्हें वापस लौटने की अनुमति दे दी है।
एयरलाइन कंपनियां संकट में 
विस्तारा ने 31 मार्च तक सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। आने वाले समय में भारतीय एयरलाइंस को 40 से 50% नुकसान उठाना पड़ सकता है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा था कि वैश्विक एयरलाइन इंडस्ट्री को संकट से बचने के लिए करीब 15 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की जरूरत है। 
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एशिया की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो का 30% ट्रैफिक कम हो गया है।
168 ट्रेनें कल से 31 मार्च तक रद्द रहेंगी
रेलवे ने यात्रियों की कमी को देखते हुए 20 मार्च से 31 मार्च तक 168 ट्रेनें बंद करने का फैसला किया है। साथ ही कहा है कि टिकट कैंसिल कराने पर 100% किराया वापस किया जाएगा।
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दिल्ली में यार्ड में पार्क की गईं रद्द ट्रेनें। रेलवे ने 100 ट्रेनें बुधवार को रद्द की थीं, 168 गुरुवार से रद्द की जाएंगी।
परीक्षाएं टाली गईं
आईसीएसई और मध्यप्रदेश बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 31 मार्च तक टाल दी हैं। केंद्र ने सीबीएससी से भी उसके द्वारा कराई जाने वाली परीक्षाएं टालने को कहा है। JEE मुख्य परीक्षा की नई तारीख भी 31 मार्च को स्थिति की समीक्षा करने के बाद घोषित की जाएगी।
मुंबई में डब्बावालों ने सेवाएं रोकीं
मुंबई में डब्बावालों ने भी फिलहाल अपनी सेवाएं रोक दी हैं। यहां हर दिन 5000 से ज्यादा डब्बावाले 60 किलोमीटर के दायरे में दो लाख लोगों तक घर का खाना पहुंचाते हैं। डब्बावाला एसोसिएशन ने बताया कि अगर स्थिति ठीक रही तो एक अप्रैल से सेवा शुरू कर दी जाएगी।
अपडेट्स…
हरियाणा: राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है। सरकार ने पहले 31 मार्च तक स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया है।
उत्तराखंड: संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव ने कहा- राज्यपाल सचिवालय में कार्यरत सभी सरकारी अधिकारी कोरोनावायरस के कारण 20 से 25 मार्च तक घर से काम करेंगे।
रायपुर के 3 इलाकों में लॉकडाउन: छत्तीसगढ़ के रायपुर में कोरोनावायरस की पहली मरीज मिलने के बाद शहर में धारा 144 लगा दी गई है। युवती से संबंधित तीन इलाकों को लॉक डाउन कर दिया गया है। दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ आने वाली बसों को रोक दिया गया है। पूरे प्रदेश में मॉल, बाजार, फूड स्टॉल, चाट के ठेले बंद करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही, शहरी क्षेत्रों में स्थित हॉस्टल और पीजी खाली कराए जा रहे हैं।
जुमे की नमाज के लिए गुजारिश: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन राशिद फिरंगी महली ने जुमे की नमाज के दौरान खास एहतियात बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि लोग घरों से हाथ और मुंह धोकर आएं। बीमार और बुजुर्ग घर पर ही नमाज पढ़ें।
कानून तोड़ने पर केस: तमिलनाडु पुलिस ने तौहीद जमात के चार पदाधिकारियों और 2500 अनजान लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। इन्होंने प्रतिबंध के बावजूद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन किया था। पुणे में बंद के बावजूद दुकानें खोलने पर चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। वहीं राजस्थान के अलवर में डॉक्टर दंपति को बिना इजाजत विदेश यात्रा करने पर नोटिस जारी किया गया है। दोनों के संक्रमित होने का शक।
अस्थायी लॉकडाउन की सलाह: कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट किया कि आईसीएमआर के मुताबिक, देश में संक्रमण दूसरे चरण में है। अभी तक कॉम्युनिटी आउटब्रेक (सामुदायिक संक्रमण) नहीं हुआ है। इसे तीसरे चरण में जाने से रोकने के लिए देश में अस्थायी लॉकडाउन का ऐलान किया जाए।
भीड़ खत्म करने की कोशिश: केंद्र सरकार ने गुरुवार को अपने 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की छूट देने का फैसला किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जिला अदालतें कोशिश करें कि विचाराधीन कैदियों को पेशी पर न बुलाएं। अदालत में पेशी समेत अन्य जरूरी काम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही हों।
उत्तर प्रदेश:  राज्य में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के एक से लेकर आठवीं तक के सभी छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा पास किए प्रमोट किया जाएगा। सभी स्कूल 2 अप्रैल तक बंद रहेंगे।
राजस्थान: राज्य सरकार ने बोर्ड और सीबीएसई की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
जम्मू-कश्मीर में 4 संक्रमित मिलने के बाद अलर्ट
श्रीनगर के खानयार इलाके में बुधवार को 67 साल की महिला कोरोना पॉजिटिव मिली। राज्य में अब कोरोना संक्रमित चार मरीज हैं। श्रीनगर के महापौर जुनैद अजीम मट्टू ने लोगों से गुरुवार को घरों में ही रहने की अपील की। किश्तवाड़ में अफवाह फैलाने के मामले में कासिफ नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कुछ और आरोपियों की तलाश की जा रही है। जम्मू में सार्वजनिक वाहनों पर 31 मार्च तक रोक लगा दी गई है। जम्मू के कनाल रोड, ज्यूल चौक, डोगरा चौक, विक्रम चौक पर सन्नाटा पसरा है।
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श्रीनगर में सड़कों पर कंटीले तार बिछाए गए हैं, ताकि एक जगह पर भीड़ न हो।
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श्रीनगर के लाल चौक पर दिन के समय अक्सर भीड़ होती है, लेकिन कल से यहां सन्नाटा है।
जर्मनी से लौटे बुजुर्ग ने पंजाब में दम तोड़ा, अधिकारियों की निगरानी में अंतिम संस्कार कराया गया
राज्यों के हाल
महाराष्ट्र: यवतमाल के हॉस्पिटल में कोरोनावायरस के तीन मरीज भर्ती हैं, ऐसे में यहां के लॉन्ड्री स्टाफ ने आइसोलेशन वार्ड के कपड़े धोने से मना कर दिया। उधर, कोल्हापुर की कलंबा जेल के कैदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। मुंबई के बोरीवली में गुरुवार को छह यात्री सौराष्ट्र एक्सप्रेस से उतारे गए। होम क्वारैंटाइन मुहर लगाए जाने के बावजूद ये लोग सफर कर रहे थे। बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों से जुर्माने के तौर पर 1 लाख 7 हजार रुपए वसूले हैं। यह कार्रवाई 100 से अधिक लोगों पर की गई है। बीएमसी ने इस संकट के समय लोगों से सहयोग की अपील की है। 
पंजाब: दूसरे राज्यों से बसों की आवाजाही बंद कर दी गई है। एक जगह 20 से ज्यादा लोग इकट्‌ठा नहीं हो सकते। बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। सरकार ने बड़े धार्मिक स्थानों और मॉल्स को बंद करने का आदेश दिया है, इसके बाद भी अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है। जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा है कि राज्य सरकार 5800 कैदियों की रिहाई पर भी विचार कर रही है।  दिल्ली: दिल्ली में सभी रेस्टोरेंट 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं। टेक-अवे और होम डिलीवरी होती रहेगी। 31 मार्च तक एजुकेशन इंस्टीट्यूट भी बंद रहेंगे। अब एक जगह 20 से ज्यादा लोग नहीं जुट सकेंगे। पहले यह संख्या 50 तय की गई थी। 
उत्तर प्रदेश: लखीमपुर खीरी में संक्रमण के दो मामले सामने आए। वहीं, नोएडा में एचसीएल टेक्नोलॉजी के एक कर्मचारी को पॉजिटिव पाया गया। हालांकि, उसने विदेश यात्रा से लौटने के बाद खुद को आइसोलेट कर लिया था। 
कर्नाटक: गुरुवार को एक और रिपोर्ट पॉजिटिव आई। राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है।
पश्चिम बंगाल: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि विदेश से आने वाले हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा, भले ही वह वीवीआईपी हो। राज्य में बुधवार को पहला मामला सामने आया था।
तेलंगाना: मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर ने कोरोनावायरस से बचाव के लिए गुरुवार को उच्चस्तरीय आपात बैठक बुलाई। उन्होंने लोगों से उत्सवों और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाने का अनुरोध किया है।
असम: राज्य सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए शराब की दुकानें, नाइट क्लब, ब्यूटी पार्लर और सलून बंद करने की एडवायजरी जारी की है। 
मध्यप्रदेश: बाजार में मास्क की कमी दूर करने के लिए जबलपुर सेंट्रल जेल में 100 कैदी मास्क बनाने में लगे हैं। जेल सुप्रीटेंडेंट गोपाल ताम्रकार ने बताया कि मुंबई से 50 हजार मास्क बनाने का ऑर्डर मिला है। 
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जबलपुर की केंद्रीय जेल में 100 कैदियों को मास्क बनाने में लगाया गया है।
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173 देशों में 8,952 मौतें: वॉशिंगटन का फुटबॉल मैदान हॉस्पिटल में तब्दील; पाकिस्तान में दूसरी मौत के बाद स्थिति भयावह
केरल के गांव में दुकान का नाम ‘कोरोना टेक्सटाइल’, दूर से सेल्फी ले रहे लोग
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