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IND vs AUS ODI Head to Head: जानिए पूरी कहानी, आंकड़ों की जुबानी | Crick...
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मतलबी दुनिया- नारी विशेष Ramesh Babu
किताब के बारे में... इस कहानी और पात्र में किसी नारी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। अपितु उनके ऊपर हो रहे। अमानवीय व्यवहार (बाल विवाह ,दहेज प्रथा, लड़का- लड़की में अंतर आदि) का विरोध बे स्वयं नारी को सही निर्णय लेने का अधिकार इसके लिए स्वयं को आगे आना होगा। " कामयाबी की बुलंदियों पर हम यूं ही बढ़ते जायेगे। " कभी मदर टरेसा तो कभी झांसी का रूप दिखायेगे। साथ ही पुरुषों की सोच बदलना जरूरी है। क्योंकि सोच कर सोचो वहीं नारी मां 'बहन, बेटी के रूप में समाज परिवार मैं पुरुषों के बराबर भागीदारी निभा रही है। अगर नारी नहीं रहेगी तो पुरुषों का अस्तित्व ही गायब हो जाएगा। पाठ विशेष- भारत में आंकड़ों (W.H.O) के आधार पर हर 5 मिनट में से एक मां की मृत्यु हो जाती है। सोच बदली, दुनिया बदली, हालात सुधरे, नहीं सुधरी तो केवल एक गांव की स्थिति- आइऐ ? कहानी के आधार पर पड़ते हैं।
यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ!
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Karela movie
The Kerala Story BO Collection: ‘द केरला स्टोरी’ का बॉक्स ऑफिस पर बजा डंका, तीसरे दिन की कमाई रही सबसे ज्यादा
The Kerala Story: विवादों से घिरी ‘द केरला स्टोरी’ को वीकेंड पर जमकर सिनेमाघरों में ऑडियंस मिली है. फिल्म ने शनिवार के बाद रविवार को भी बॉक्स ऑफिस पर जमकर कमाई की है.
The Kerala Story Box Office Collection Day 3: तमाम विवादों के बीच ‘द केरला स्टोरी’ ने 5 मई को सिनेमाघरों में दस्तक दी थी. फिल्म को पहले दिन से ही ऑडियंस का भरपूर प्यार मिल रहा है. ओपनिंग डे पर अच्छा क्लेक्शन करने के बाद फिल्म की कमाई में वीकेंड पर जबरदस्त उछाल आया. इसी के साथ शनिवार के बाद रविवार को भी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की और अपने खाते में कई करोड़ रुपये जमा कर लिए. चलिए यहां जानते हैं ‘द केरला स्टोरी’ ने अपनी रिलीज के तीसरे दिन यानी संडे को कितने करोड़ का कलेक्शन किया है.
‘द केरला स्टोरी’ ने तीसरे दिन कितनी कमाई की? सुदीप्तो सेन के डायरेक्शन में बनी ‘द केरला स्टोरी’ को रिलीज के दिन से ही मिक्सड रिव्यू मिल रहे हैं. हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर रही है और खूब कमाई कर रही है. फिल्म को रिलीज हुए तीन दिन हो चुके हैं और ‘द केरला स्टोरी’ के कलेक्शन में हर दिन इजाफा दर्ज किया गया है. आंकड़ों की बात करें तो ‘द केरला स्टोरी’ ने पहले दिन 8.3 करोड़ का बिजनेस किया था. इसके बाद शनिवार को फिल्म की कमाई में उछाल आया और इसने 11.22 करोड़ रुपयों का कारोबार किया.
वहीं अब फिल्म के रविवार की कमाई के आंकड़े भी आ गए हैं जिसके मुताबिक ‘द केरला स्टोरी’ की कमाई में काफी इजाफा हुआ है. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने इंस्टा पर पोस्ट शेयर कर फिल्म की कमाई के तीसरे दिन के आकंड़े बताए हैं. पोस्ट के मुताबिक ‘द केरला स्टोरी’ ने अपनी रिलीज के तीसरे दिन यानी रविवार को 16 करोड़ का शानदार बिजनेस किया है. इसी के साथ फिल्म की कुल कमाई अब 35. 25 करोड़ रुपये हो गई है.
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महाराष्ट्र में शरद पवार पावर सेंटर कैसे हुआ शक्तिहीन? इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन
महाराष्ट्र रिजल्ट 2024: इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। जहां एनडीए पिछले चुनावों की तुलना में अधिक आक्रामक और मजबूत नजर आया, वहीं कई दिग्गज धराशायी हो गए। आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल 288 विधानसभा सीटों में से इस बार एनडीए को 230 सीटें, इंडिया गठबंधन को 51 सीटें और अन्य को सिर्फ 7 सीटें मिली हैं. इस बार सबसे बड़ा नुकसान इंडिया अलायंस और एनसीपी शरद पवार को हुआ…
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Maharashtra vidhan sabha Result 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के रुझान अब सामने आ चुके हैं। चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 288 सीटों पर मतगणना जारी है, और महायुति (भा.ज.पा. नेतृत्व वाले गठबंधन) बहुमत की ओर बढ़ती नजर आ रही है। इस बीच, महाविकास अघाड़ी गठबंधन, जिसमें शिवसेना (उद्धव गुट), कांग्रेस और एनसीपी शामिल हैं, पीछे पड़ता दिख रहा है। चुनाव के शुरुआती रुझानों के अनुसार, भाजपा 111 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस केवल 19 सीटों पर बढ़त बना पाई है। शिवसेना शिंदे गुट 58 सीटों पर आगे है, जबकि शिवसेना (उद्धव गुट) 18 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
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Maharashtra Election Result 2024- महाराष्ट्र में भाजपा नीत गठबंधन महायुति की आंधी,288 सीटों में 218 पर आगे
मुंबई: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत गठबंधन महायुति सत्ता बरकरार रखने में कामयाब होती प्रतीत हो रही है और निर्वाचन आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वह 288 विधानसभा सीट में से 204 पर आगे है. कहने का मतलब है कि महाराष्ट्र में भाजपा नीत गठबंधन महायुति की आंधी चल रही है. जहां पर भाजपा नीत गठबंधन काफी सफलता मिलती दिख रही है.शुरुआती रुझानों के अनुसार, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के…
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‘Bahut Kharab’ Shrenii Mein Delhi Kii Vayu Gunavattaa, 371 Raha osat Aqi
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार सुबह हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रही और कई इलाकों में हल्की धुंध भी देखने को मिली।
दिल्ली में धुंध की परत बनी रही और सुबह 7:15 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 371 था, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है।
200 से 300 तक का एक्यूआई "खराब", 301 से 400 तक "बहुत खराब", 401 से 450 तक "गंभीर" और 450 से ज्यादा "गंभीर प्लस" माना जाता है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कई दिनों तक 'गंभीर' और 'गंभीर प्लस' श्रेणी में रहने के बाद गुरुवार को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता थोड़ा बेहतर होकर 'बहुत खराब' हो गई। हालांकि कुछ इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर अभी भी गंभीर बना हुआ है।
Click to read more: https://www.deshbandhu.co.in/vichar/delhis-air-quality-in-very-poor-category-average-aqi-was-371-515025-2
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अल्पज्ञात मिनीरत्न पीएसयू एसईसीआई का उदय
भारतीय सौर ऊर्जा निगम नई दिल्ली: तेरह वर्षीय भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई), अल्पज्ञात मिनीरत्न पीएसयू, ने पिछले 10 वर्षों में भारी वृद्धि देखी है।इसकी वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 में 0.75 गीगावाट (750MW) की सम्मानित उत्पादन क्षमता से, इसकी संयुक्त क्षमता 65.3GW तक बढ़ गई है। 60% से अधिक या 40GW से अधिक सौर ऊर्जा थी, जहां भारत ने तेजी से विकास देखा है, इसके बाद 16.3GW पवन और शेष…
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गूगल, अमेजन, इंफोसिस और आईबीएम ने 2024 में कम स्पॉन्सर किए एच-1बी वीजा, जानें क्या बताई वजह
US H1B Visa: अमेरिका में इमिग्रेशन को मैनेज करने वाली एजेंसी यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) के आंकड़े बताते हैं कि गूगल, अमेजन, इंफोसिस और आईबीएम सहित अग्रणी अमेरिकी कंपनियों ने 2024 में कम एच-1बी वीजा स्पॉन्सर किए। आंकड़ों का कई एंगल से विश्लेषण हो रहा है। इसे अमेरिका में नौकरियों में गिरावट से जोड़कर भी देखा जा रहा है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कुशल विदेशी…
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प्रदूषण सिर्फ आंकड़ों का मामला नहीं है
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर रूप से बढ़ चुका है, जिससे लोगों की सेहत पर गहरा असर पड़ रहा है। एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) की अधिकतम सीमा भारत में 500 है, लेकिन पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे खतरनाक कणों की सघनता इससे कई गुना अधिक पाई गई है। पीएम 2.5 की सघनता विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से 74 गुना ज्यादा है, जिससे सांस लेने का मतलब रोजाना 38 सिगरेट पीने के बराबर हो गया है।
प्रदूषण के कारण बच्चों के फेफड़ों की क्षमता घट रही है और हृदय रोग व कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। दिल्ली की गंदी हवा और राजनीति ने लोगों का जीवन प्रभावित कर दिया है, जहां औसतन हर व्यक्ति की आयु तीन से चार साल घट रही है।
Visit here to read more of this news: https://www.nayaindia.com/opinion/ajeet-dwivedi/current-affairs/pollution-is-not-just-a-matter-of-numbers-479591.html
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भूलख उत्तराखंड
भूलख उत्तराखंड ऐप: एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
परिचय:
उत्तराखंड राज्य में भूमि और संपत्ति से संबंधित मामलों की पारदर्शिता और सुविधा को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने "भूलख उत्तराखंड" ऐप को लॉन्च किया है। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपनी भूमि की स्थिति, रिकॉर्ड और अन्य संबंधित जानकारी तक आसान पहुंच प्रदान करना है। विशेष रूप से, यह ऐप भूमि मालिकों, खरीदारों, और सरकारी अधिकारियों को भूमि रिकार्ड्स से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए एक सशक्त माध्यम प्रदान करता है।
भूलख उत्तराखंड ऐप का उद्देश्य:
समान्य नागरिकों के लिए सुविधा: इस ऐप के माध्यम से नागरिक अब अपने भूमि रिकार्ड्स को ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे समय की बचत होती है और उन्हें भिन्न-भिन्न सरकारी दफ्तरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
भूमि रिकार्ड्स का डिजिटलकरण: ऐप के जरिए सरकार भूमि रिकार्ड्स को डिजिटल रूप में प्रस्तुत कर रही है, जिससे दस्तावेजों की क��गजी प्रक्रिया को कम किया जा सके और सभी रिकॉर्ड्स सुरक्षित तरीके से संचित किए जा सकें।
सार्वजनिक सूचना की सुलभता: यह ऐप भूमि से संबंधित सरकारी आंकड़ों और सूचनाओं को पारदर्शी तरीके से लोगों तक पहुंचाता है। इससे विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जनता को जानकारी मिलती है और उन योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होती है।
भूलख उत्तराखंड ऐप की मुख्य विशेषताएँ:
ऑनलाइन भू-लेख देखना: इस ऐप के माध्यम से लोग अपनी भूमि के खसरा नंबर, खाता नंबर, और अन्य भू-लेख विवरण देख सकते हैं। पहले यह जानकारी कागजी रूप में होती थी, लेकिन अब इसे डिजिटल रूप में देखा जा सकता है।
भू-लेख प्रमाण पत्र (Land Record Certificate): भूमि का मालिकाना हक प्रमाणित करने के लिए लोग इस ऐप के जरिए ऑनलाइन भू-लेख प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं, जो कई सरकारी और निजी कार्यों में काम आता है।
पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को रोकना: ऐप के माध्यम से भूमि रिकार्ड्स तक सरल पहुंच से सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को कम करने में मदद मिलती है।
भूमि विवादों की निवारण में मदद: इस ऐप के माध्यम से भूमि से संबंधित विवादों की स्थिति का पता लगाया जा सकता है, जैसे कि भूमिकला विवाद, मालिकाना हक विवाद आदि। इससे विवादों को हल करने में सरलता आती है।
मालिकाना हक की स्पष्टता: लोग अपनी भूमि के मालिकाना हक को ऑनलाइन देख सकते हैं, जो भूमि से संबंधित विवादों के निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लैंड रिकॉर्ड्स का ट्रैकिंग:इस ऐप के माध्यम से जमीन के रिकॉर्ड को ट्रैक किया जा सकता है, जैसे कि भूमि की खरीद-बिक्री, हस्तांतरण और अन्य घटनाओं का विवरण।
नक्शे और योजनाओं का अवलोकन:ऐप में नक्शों और भूमि योजनाओं का भी समावेश किया गया है, जिससे लोग अपनी भूमि के सीमा-रेखा और उसके आस-पास की भूमि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भूलख उत्तराखंड ऐप का उपयोग कैसे करें?
ऐप डाउनलोड करना:भूलख उत्तराखंड ऐप को स्मार्टफोन के Google Play Store (Android) या Apple App Store (iOS) से डाउनलोड किया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन और लॉगिन:ऐप को डाउनलोड करने के बाद, उपयोगकर्ता को अपने खाता नंबर और खसरा नंबर जैसे विवरणों के साथ लॉगिन करना होगा। एक बार लॉगिन करने के बाद, उपयोगकर्ता अपनी भूमि से जुड़ी सारी जानकारी देख सकता है।
भू-लेख विवरण की खोज:उपयोगकर्ता भूमि के खसरा नंबर, खाता नंबर या अन्य मान्यताओं के आधार पर अपने भूमि विवरण की खोज कर सकते हैं।
भू-लेख प्रमाण पत्र का डाउनलोड:ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता अपनी भूमि का प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं, जिसे किसी भी सरकारी या निजी प्रक्रिया में प्रस्तुत किया जा सकता है।
सरकारी योजनाओं की जानकारी:ऐप पर सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध है, जिससे लोग राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
भूलख उत्तराखंड ऐप के लाभ:
सुविधाजनक:यह ऐप नागरिकों को जमीन के रिकॉर्ड्स तक आसान पहुंच प्रदान करता है। पहले भूमि के रिकार्ड्स के लिए तहसील या पटवारी कार्यालय जाना पड़ता था, लेकिन अब इसे घर बैठे देखा जा सकता है।
समय और पैसे की बचत:भूमि रिकार्ड्स की जानकारी प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों में जाने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है।
पारदर्शिता:भूमि रिकार्ड्स की डिजिटल उपलब्धता से सरकारी कामकाजी में पारदर्शिता आती है और जनता को अधिक जानकारी मिलती है।
भ्रष्टाचार में कमी:कागजी कार्यवाही की बजाय डिजिटल रिकॉर्ड्स के कारण सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से रिकार्ड्स में बदलाव करने का अवसर कम होता है।
बेहतर प्रशासनिक कार्यक्षमता:सरकार और प्रशासन के लिए भी यह ऐप एक प्रभावी उपकरण है, जिससे भूमि से संबंधित मामलों का निपटारा जल्दी और बिना किसी कठिनाई के किया जा सकता है।
भूलख उत्तराखंड ऐप के चुनौतियाँ:
इंटरनेट कनेक्टिविटी:पहाड़ी इलाकों में इंटरनेट की कमजोर कनेक्टिविटी एक बड़ी चुनौती हो सकती है। यदि नेटवर्क नहीं होगा, तो नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।
तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता:कुछ लोग तकनीकी रूप से अनुभवहीन हो सकते हैं, जिनके लिए इस ऐप का उपयोग कठिन हो सकता है। ऐसे लोगों को ऐप का उपयोग समझाने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है।
डिजिटल साक्षरता की कमी:कुछ लोग विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण इस ऐप का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
निष्कर्ष:
भूलख उत्तराखंड ऐप राज्य में भूमि रिकॉर्ड्स के डिजिटलकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नागरिकों को भूमि से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी सुलभ, पारदर्शी, और तेज़ तरीके से प्रदान करता है। इसके माध्यम से सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ी है, जिससे भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है। हालांकि, कुछ चुनौतियाँ जैसे इंटरनेट की उपलब्धता और डिजिटल साक्षरता की कमी भी हैं, लेकिन इनका समाधान भी समय के साथ किया जा सकता है। कुल मिलाकर, भूलख उत्तराखंड ऐप राज्य के नागरिकों के लिए एक बेहद उपयोगी और आवश्यक सेवा बन गया है।
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25 लाख से अधिक इंडियन कार-बाइक्स की विदेशों में धमाकेदार एंट्री, जानें कौन सा ब्रांड है सबसे आगे
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में विदेशी बाजारों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 25 लाख से अधिक भारतीय कार और बाइक्स को विदेशों में एक्सपोर्ट किया गया है। यह संख्या भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता और गुणवत्ता को दर्शाती है। भारतीय निर्माताओं ने अपनी तकनीकी दक्षता, विश्वसनीयता और किफायती कीमतों के बल पर विदेशी…
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Bihar Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब से अब तक 37 की मौत, हर दिन बढ़ रहे आंकड़े
Poisonous Liquor : बिहार (Bihar Hooch Tragedy) में हर दिन जिस तरह से जहरीली शराब से मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं, उसी के साथ पता चल रहा है कि अभी भी बिहार (Bihar Hooch Tragedy) में शराबबंदी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है. इस वक्त देखा जाए तो मृतकों का आंकड़ा 37 तक पहुंच गया है और माना जा रहा है कि यह आंकड़े और भी ज्यादा बढ़ने वाले हैं. शनिवार को दो लोगों की मौत की पुष्टि होने के बाद आंकड़ों में…
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Gold Silver Price : सोने में तूफानी तेजी, इस हफ्ते सोना 1,787 रुपए व चांदी 2,320 रुपए हुई महंगी, जाने ताजा रेट
Gold Silver Price: सोने-चांदी की कीमतों में बड़ा बदलाव आया है। करवा चौथ से पहले सोने के दाम अपने नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए है। भारतीय सर्राफा बाजार में इस हफ्ते सोने और चांदी के दामों में भारी उछाल देखा गया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक, 12 अक्टूबर को सोने की कीमत 75,623 रुपए प्रति 10 ग्राम थी, जो 19 अक्टूबर को बढ़कर 77,410 रुपए पर पहुंच गई। यानी एक हफ्ते…
#22 carat ka sone ka bhav#Aaj Ka Sona Bhav#Gold Silver Price#Gold Silver Price Today#Sona Chandi Bhav#Sone Ka Bhav
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महाराष्ट्र में शरद पवार पावर सेंटर कैसे हुआ शक्तिहीन? इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन
महाराष्ट्र रिजल्ट 2024: इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। जहां एनडीए पिछले चुनावों की तुलना में अधिक आक्रामक और मजबूत नजर आया, वहीं कई दिग्गज धराशायी हो गए। आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल 288 विधानसभा सीटों में से इस बार एनडीए को 230 सीटें, इंडिया गठबंधन को 51 सीटें और अन्य को सिर्फ 7 सीटें मिली हैं. इस बार सबसे बड़ा नुकसान इंडिया अलायंस और एनसीपी शरद पवार को हुआ…
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बीते चार साल में अनुसूचित जाति आयोग में दर्ज हुईं 47 हजार शिकायतें, जातीय शोषण, जमीन विवाद मुख्य मुद्दे
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बीते चार साल में उन्हें 47 हजार से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। इनमें जातीय अत्याचार, भूमि विवाद और सरकारी नौकरी से संबंधित विवाद ही मुख्य मुद्दे हैं। आरटीआई के जवाब में यह जानकारी मिली है। एनसीएससी के आंकड़ों के अनुसार, साल 2020-21 में उन्हें 11,917 शिकायतें मिलीं। वहीं 2021-22 में 13,964, और 2022-23 में 12,402 और इस साल यानी 2024 में 9,550…
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