#शेर शाही
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*यह राजा और उसका परिवार एक बार फिर से जंगल पर राज करेगा!*
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*शाहरुख़ खान, आर्यन खान और अबराम खान पहली बार एक साथ आए हैं डिज्नी की बहुप्रतीक्षित पारिवारिक मनोरंजन फिल्म "मुफ़ासा: द लायन किंग" के हिंदी संस्करण में अपनी आवाज देने के लिए!*
*निर्देशक बैरी जेनकिंस की "मुफ़ासा: द लायन किंग" भारत में 20 दिसंबर 2024 को अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज की जाएगी*
अब समय आ गया है जंगल के असली राजा मुफ़ासा: द लायन किंग की विरासत को जानने का, जिसे अब तक की सबसे बड़ी कास्टिंग के साथ हिंदी में पेश किया गया है, जिसमें *कोई और नहीं बल्कि दिग्गज शाहरुख खान और उनके बेटे आर्यन खान और अबराम हैं।* 2019 की ब्लॉकबस्टर लाइव-एक्शन द लॉयन किंग की सफलता के बाद, शाहरुख़ खान मुफ़ासा के रूप में वापस आ रहे हैं, दर्शकों को जंगल के असली राजा की उत्पत्ति में ले जाने के लिए। उनके साथ हैं उनके बच्चे, आर्यन के रूप में सिम्बा और अबराम के रूप में छोटे मुफ़ासा। इस साल की सबसे प्रतीक्षित रिलीज़, भव्य लाइव-एक्शन मुफ़ासा: द लायन किंग का हिंदी ट्रेलर जारी कर दिया गया है, जिसे भारतीय सिनेमा के बादशाह और उनके परिवार की गम्भीरता से समृद्ध किया गया है।
सवाना के दिल में इस अद्भुत यात्रा के लिए तैयार हो जाइए! इस साल की सबसे प्रत्याशित रिलीज़, दृश्यात्मक रूप से शानदार लाइव-एक्शन मुफ़ासा: द लायन किंग, का हिंदी ट्रेलर जारी हो गया है, जिसे भारतीय सिनेमा के किंग खान और उनके बच्चों की प्रभावशाली उपस्थिति से समृद्ध किया गया है।
इस सहयोग के बारे में बात करते हुए, *शाहरुख़ खान* कहते हैं, “मुफ़ासा की अद्वितीय विरासत है और वह जंगल के असली राजा के रूप में स्थापित हैं, जो अपने बेटे सिम्बा को अपनी समझ प्रदान करता है। एक पिता के रूप में उनसे गहराई से जुड़ता हूँ और फिल्म में मुफ़ासा की यात्रा से भी मेरा गहरा संबंध है। *‘मुफ़ासा: द लायन किंग’*, मुफ़ासा के बचपन से लेकर एक अद्भुत राजा बनने तक के जीवन को चित्रित करता है, और इस किरदार को फिर से निभाना असाधारण रहा है। यह मेरे लिए डिज्नी के साथ एक विशेष सहयोग है, खासकर इसलिए कि मेरे बेटे आर्यन और अबराम इस यात्रा का हिस्सा हैं और उनके साथ यह अनुभव साझा करना वास्तव में बहु�� मायने रखता है।”
“उग्र मुफ़ासा सिर्फ एक काल्पनिक चरित्र नहीं है, वह एक ऐसी भावना का प्रतीक है जो पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है, और यही गुण हर कहानी में डिज़्नी लाने की कोशिश करता है। जब मुफ़ासा: द लायन किंग की घोषणा की गई थी, तो हम शाहरुख़ खान और आर्यन खान के अलावा किसी और को मुफ़ासा और सिम्बा के रूप में हमारी पारिवारिक मनोरंजन फिल्म में वापस नहीं देख सकते थे। अब, अबराम के कास्ट में शामिल होने के साथ, यह फिल्म हमारे लिए और भी खास बन गई है। हमारा प्रयास है कि लाखों भारतीय दर्शक इस अद्भुत कहानी को अपने परिवारों के साथ आनंद लें!” *डिज्नी स्टार के स्टूडियो हेड बिक्रम दुग्गल ने कहा।*
नए और प्रशंसकों के पसंदीदा पात्रों को जीवंत करते हुए और लाइव-एक्शन फिल्म निर्माण तकनीकों को फोटोरियल कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी के साथ मिलाते हुए, "मुफ़ासा: द लायन किंग" का निर्देशन बैरी जेनकिंस द्वारा किया गया है।
फिल्म के बारे में: "मुफासा: द लायन किंग" में राफ़िकी को प्राइड लैंड्स के प्रिय राजा के अप्रत्याशित उदय की कहानी सुनाने के लिए शामिल किया गया है। यह फिल्म एक अनाथ शावक मुफ़ासा को प्रस्तुत करती है, ताका नामक एक सहानुभूतिपूर्ण शेर—जो एक शाही वंश का उत्तराधिकारी है—और उनके साथ एक असाधारण समूह उनकी विस्तृत यात्रा का परिचय कराती है।
निर्देशक - बैरी जेनकिंस; मूल गीत: लिन-मैनुअल मिरांडा
अंग्रेजी आवाज़ें:
आरोन पियरे मुफासा हैं, डोनाल्ड ग्लोवर सिम्बा हैं और ब्रेलिन रैंकिन्स यंग मुफासा हैं।
*मुफासा: द लायन किंग 20 दिसंबर, 2024 को अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में भारतीय सिनेमाघरों में आएगी।*
फिल्म के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया फॉलो करें:
Insta - @disneyfilmsindia
X- @DisneyStudiosIN
YT - @WaltDisneyStudiosIndia
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रॉ मैंगो: थ्री एस में बात कर रहे हैं
रॉ मैंगो: थ्री एस में बात कर रहे हैं
संजय गर्ग की ��ई फेस्���िव लाइन, रोमैंटिक्स, 18वीं सदी के रोकोको सौंदर्य से प्रेरणा लेती है और एक तरल प्रेम की खोज करती है “यदि आपको प्रेम औषधि बनानी हो, तो उसकी गंध कैसी होगी?” गर्ग ने हंसते हुए मुझ पर अपनी सारी बातचीत में अपने सवालों से उसे धक्का देने का आरोप लगाया है, इसलिए मैं अपनी किस्मत को थोड़ा और आगे बढ़ाता हूं। सुगंध किसी व्यक्ति के सबसे बड़े कथनों में से एक है। जैसा कि दार्शनिक अक्सर कहते…
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समय बहुत बलबान है
समय बहुत बलबान है
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ये कहानी एक गरीब आदमी की है जो एक बार घूमता हुआ एक राज्य की राजधानी में पहुंच गया. जगह से बिलकुल अनजान था , वहां के लोगों से अनजान था। जिस दिन वह वहां पहुंचा उस दिन वहां एक समारोह हो रहा था , उत्सव चल रहा था. उस भीड़ में वो भी शामिल हो गया। लोगों से पूछने लगा की ये सब क्या चल रहा है। तो भीड़ में से एक ने बताया कि यहां पर समारोह चल रहा है उसने पुछा भाई क्या होता है इसमें? तो लोगों ने उसे बताया की अभी थोड़ी देर में शाही हाथी आएगा और इस रास्ते से गुजरेगा उसकी में सूंड में एक माला होगी और वह माला जिस व्यक्ति को पहना दी उसे इस राज्य का राजा अगले पांच साल के लिए बना दिया जाएगा. व
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ईद मिलादुन्नबी पर्व अदब, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। ईद मिलादुन्नबी पर्व अदब, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा। मुस्लिम समाज की तैयारियां जारी है। मस्जिद, मदरसा व ��रों पर इस्लामी झंडे लग गए हैं। इस्लामी माह रबीउल अव्वल शरीफ पर मस्जिदों में ईद मिलादुन्नबी पर तकरीर हुई। पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान व फज़ीलत में क़सीदा पढ़ा गया। मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ़्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिए आइडियल हैं। सारी मखलूक़ अल्लाह की रज़ा चाहती है और अल्लाह पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की रज़ा चाहता है और आप पर दरूदो-सलाम भेजता है। अल्लाह ने अपने नाम के साथ ���पका नाम रखा, कलमा, अज़ान, नमाज़, क़ुरआन में, बल्कि हर जगह अल्लाह के नाम के साथ पैग़ंबर-ए-आज़म का नाम है। आपकी मोहब्बत के बग़ैर कोई मुसलमान नहीं हो सकता, क्योंकि आपकी मोहब्बत ईमान की शर्त है। अक्सा मस्जिद शाहिदाबाद में मौलाना तफज़्ज़ुल हुसैन रज़वी ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म दुनिया के लिए रहमत, नूर आला नूर हैं। कयामत के दिन आप ही सबसे पहले उम्मत की शफ़ाअत फरमायेंगे, बंदों के गुनाह माफ करायेंगे, दर्जे बुलंद कराएंगे, इसके अलावा पैग़ंबर-ए-आज़म की और बहुत सी खुसूसियत है जिनकी तफ़सील क़ुरआन, हदीस व उलमा-ए-अहले सुन्नत की किताबों में मौजूद है। बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म की तालीमात पर अमल करके हम दीन व दुनिया की कामयाबी हासिल कर सकते हैं। क़ुरआन व शरीअत के बताये रास्ते पर चलें। हर बुराई से दूर रहने के लिए नमाज़ की पाबंदी करें। मदरसे इल्म का मरकज़ है। तालीम खुद भी हासिल करें और बच्चों को भी तालीम दिलाएं। गुलरिया जामा मस्जिद में मौलाना शेर मोहम्मद ने कहा कि क़ुरआन फरमा रहा है कि अगर कामयाबी चाहिए तो पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का कल्चर अपनाओ, पैग़ंबर-ए-आज़म का बताया हुआ रास्ता अपनाओ। पैगंबर-ए-आज़म ने फरमाया कि ऐ लोगों! याद रखो, मेरे बाद कोई पैग़ंबर नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत नहीं। अत: अपने रब की इबादत करना। प्रतिदिन पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना। हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञा पालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म की फरमाबरदारी और पैरवी करो। जो अल्लाह और उसके पैग़ंबर की फरमाबरदारी करेगा उसे सिर्�� कामयाबी ही नहीं ब्लकि अज़ीम कामयाबी मिलेगी। सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि अल्लाह ने पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को तमाम कायनात से पहले अपने नूर की तजल्ली (प्रकाश) से पैदा फ़रमाया। अल्लाह ने तमाम पैग़ंबर, फरिश्ते, जमीन व आसमान, अर्श व कुर्सी तमाम जहान को पैग़ंबर-ए-आज़म अलैहिस्सलाम के नूर की झलक से पैदा फ़रमाया। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार में हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने कहा कि जब अरब जगत में आडंबर, सामाजिक बुराइयों, औरतों के खिलाफ हिंसा और नवजात बच्चियों की हत्या का दौर था। अरब की सरजमीं पर मौजूद इन बुराइयों के खिलाफ पैग़ंबर-ए-आज़म ने आवाज़ उठाई तो उनकी राह में तरह-तरह की मुश्किलें पैदा की गईं, लेकिन अल्लाह के पैग़ंबर आगे बढ़ते चले गए। तमाम बुराईयों को खत्म कर दिया, इसीलिए आज पूरी दुनिया मोहसिन-ए-इंसानियत पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को सलाम करती नज़र आ रही है। ग़ौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा कि इंसानियत और एक अल्लाह की इबादत का संदेश देने वाले पैगंबर-ए-आज़म समाज में औरतों को सम्मान एवं अधिकार दिए जाने की हमेशा पैरोकार रहे। शाही जामा मस्जिद तकिया कवलदह में हाफ़िज़ आफताब ने कहा कि अल्लाह ने अपनी जात के बाद हर खूबी और कमाल का जामे पैग़ंबर-ए-आज़म को बनाया। अल्लाह ने अपने तमाम खजानों की कुंजियां पैग़ंबर-ए-आज़म को अता फरमा दीं। दीन व दुनिया की तमाम नेमतों का देने वाला अल्लाह है और बांटने वाले पैग़ंबर-ए-आज़म हैं। नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना मो. असलम रज़वी ने कहा क़ुरआन-ए-पाक अल्लाह का कलाम है। यह एक मात्र किताब है जो सारी किताबों की सरताज है। यहां तक कि कयामत तक पैदा होने सारे सवालों का जवाब क़ुरआन-ए-पाक में है। दीन-ए-इस्लाम ने इस किताब के जरिए जो कानून अता किए हैं उनसे इंसानियत की हिफ़ाजत होती है और आदमियत का वकार बढ़ता है। बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन क़ादरी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम पूरी इंसानी बिरादरी की हिफ़ाजत की बात करता है। पैग़ंबर-ए-आज़म की रहमत महज इंसानों के लिए ही नहीं है बल्कि बेजुबान जानवरों, परिंदों के हक में भी सरापा रहमत है। Read the full article
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10+ TOP LANDON BEST TOURIST PLACE
लंदन को शायद दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित शहर कहा जा सकता है यह कि आज से भरपूर है और लंबे समय से शाही परिवार का कर रहा है यहां आने वाले पर्यटक इस की आधुनिक माहौल को पसंद करते हैं लेकिन इससे भी अधिक वे पुराने विश्व आकर्षक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं जिसे केवल तभी महसूस किया जा सकता है जो आप हंसते में शहर का दौरा करते हैं कहने की जरूरत नहीं यदि आप इस आकर्षक शेर की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो आपको लंदन में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह को देखने से नहीं झुकना चाहिए आप निश्चित रूप से एक अच्छे टूर के साथ घर वापस जाएंगे ।
https://tourhindiguide.blogspot.com/2022/07/blog-post_95.html
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जी टी रोड या उत्तर पथ
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देश की सबसे पुरानी सड़क जी.टी. रोड यानि कि ग्रांड ट्रंक रोड के नाम से जानी जाती है। इसे यह नाम अँग्रेजों ने दिया था।
हमें इतिहास की किताबों में पढ़ाया गया कि 'कलकत्ता से पेशावर' तक बनी इस सड़क को शेरशाह सूरी ने बनवाया था। जिसकी लम्बाई लगभग 2400 किलोमीटर की है। हैरत की बात यह है कि 1540 से 1545 तक मात्र पाँच वर्ष शासन करने वाले शेरशाह ने भला देश के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक इतनी लम्बी सड़क कैसे बनवा दी जबकि तब इतनी तकनीक और इतने संसाधन भी उपलब्ध न थे।
दरअसल सच्चाई यह है कि गुलाम कौम का कोई इतिहास नहीं होता है। वरना इतने मोटे मोटे तथ्य आँखों के सामने रहकर ओझल न होते।
उत्तरपथ और दक्षिणापथ का उल्लेख प्राचीन संस्कृत और प्राकृत ग्रंथों में किया गया था क्योंकि इस मार्ग का धार्मिक महत्व भी था। ईसा के जन्म से सात सौ साल पहले और शेरशाह के शासनकाल से बाइस सौ साल पहले महर्षि पाणिनी ने अष्टाध्यायी नामक ग्रंथ की रचना की थी जिसमें इस सड़क का जिक्र उत्तर पथ के नाम से है। यही नहीं चाणक्य ने भी अपनी पुस्तक में इस मार्ग का उल्लेख किया है। ये मार्ग दक्षिण एशिया के सबसे पुराने और लंबे मार्गों में से एक है, जो हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांग्लादेश के चटगांव से शुरू होकर लाहौर में से गुजरता हुआ अफगानिस्तान के काबुल तक जाता है।
इसे प्राचीन काल में उत्तरपथ कहा जाता था। यह मार्ग गंगा नदी के किनारे की बगल से होते हुए, गंगा के मैदान के पार, पंजाब के रास्ते से तक्षशिला को जाता था। ये प्राचीन भारत के दो प्रमुख मार्गों में से एक हुआ करता था। दूसरा मार्ग दक्षिणापथ था जो तमिलनाडु तक जाता था। दोनों मार्गों का उपयोग व्यापार, धर्म और लोगों के लिए किया जाता था। ये दोनों ही मार्ग का केंद्र इलाहाबाद और वाराणसी के बीच था जहाँ ये दोनों मार्ग जुड़ते थे।
उत्तरापथ सिर्फ एक भूमि मार्ग नहीं था क्योंकि इस मार्ग का जुड़ाव नदियों से जुड़े क्षेत्रों से था। ये मार्ग गंगा नदी के किनारे की बगल से होते हुए, गंगा के मैदान के पार, पंजाब के रास्ते से तक्षशिला को जाता था। इस रास्ते का पूर्वी छोर तमलुक में था जो गंगा नदी के मुहाने पर स्थित एक शहर है। भारत के पूर्वी तट पर समुद्री बंदरगाहों के साथ समुद्री संपर्कों में वृद्धि की वजह से मौर्य साम्राज्य के काल में इस मार्ग का महत्व बढा और इसका व्यापार के लिए उपयोग होने लगा। बाद में, उत्तरापथ शब्द का प्रयोग पूरे उत्तर मार्ग के प्रदेश को दर्शाने के लिए किया जाने लगा।
गौतम बुद्ध ने अपने पहले उपदेश के लिए सारनाथ स्थान को चुना था क्योंकि ये दोनों ही मार्गों का केंद्र बिंदु था। समृद्ध व्यापारियों, नौकरशाहों ��र शाही सदस्य अक्सर इस जगह पर जाते थे, इसलिए समाज के प्रभावशाली सदस्यों के बीच नए विचारों को लोकप्रिय बनाने के लिए ये सबसे अच्छी जगह थी। उत्तरापथ उत्तर-पश्चिम भारत में चला गया, भारत-गंगा मैदानों को पार कर बंगाल की खाड़ी में ताम्रलिप्ति बंदरगाह से जुड़ गया।
सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने यूनानी राजनयिक मेगस्थनीज की सलाह से इस राजमार्ग के रखरखाव के लिए अपने सैनिकों को विविध जगहों पर तैनात किया था। आठ चरणों में निर्मित यह राजमार्ग, पेशावर, तक्षशिला, हस्तिनापुर,कन्नौज, प्रयाग, पाटलिपुत्र और ताम्रलिप्त के शहरों को जोडने का काम करता था।
१६ वीं सदी में, इस मार्ग का ज्यादातर भाग शेर शाह सूरी द्वारा नए सिरे से पुनर्निर्मित किया गया था। तब इसे सड़क-ए-आजम नाम दिया गया। इसका अर्थ है- 'प्रधान सड़क'। अफगान सम्राट, शेर शाह सूरी ने संक्षिप्त अवधि के लिए ज्यादातर उत्तरी भारत पर शासन किया था। उसके मुख्य दो उद्देश्य थे-
प्रशासनिक और सैन्य कारणों के लिए अपने विशाल साम्राज्य के सुदूर प्रांतों को एक साथ जोड़ना
सासाराम, अपने गृहनगर के साथ, आगरा, अपनी राजधानी को जोड़ना परन्तु कम समय में ही शेर शाह सूरी का देहांत हो गया और सड़क-ए-आजम उनके नाम पर समर्पित कर दी गई।
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव वर्ष में हमें इन तथ्यों पर भी गौर करना पड़ेगा कि गुलाम मानसिकता से आजाद होकर तथ्यों के प्रकाश में अपने गौरवपूर्ण अतीत को अपनी नज़रों से देखें।
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🚩 ज्ञानवापी मंदिर की तरह ही भारत के और भी कई हिन्दू मंदिरों पर खड़ी है मस्जिदें 21 मई 2022
🚩भारत के 1800 से भी अधिक हिन्दू मंदिरों को तोड़कर बनाई गई हैं मस्जिदें-मजारे
🚩हम लेकर आए हैं देशभर की सूची…..जहाँ मन्दिरों को तोड़कर मस्जिदों को बनाया गया।
🚩आज के इस मैसेज को सभी भाई-बहन अधिक से अधिक शेयर करें।
🚩5 फरवरी, 1989 को अरुण शौरी (Arun Shourie) का एक लेख प्रकाशित हुआ था। उसमें उन्होंने एक प्रसिद्ध और प्रभावशाली व्यक्ति मौलाना हकीम सैयद अब्दुल हाई (Maulana Hakim Sayid Abdul Hai) का जिक्र किया था।
🚩 शौरी ने बताया था कि उन्होंने कई किताब��ं लिखी हैं, जिनमें से एक किताब ‘हिंदुस्तान की मस्जिदें’ है, जिसमें 17 पन्नों का अध्याय था।
🚩उस अध्याय के बारे में बात करते हुए शौरी ने कहा था, उसमें मस्जिदों का संक्षिप्त विवरण लिखा गया था, जिसमें हकीम सैयद अब्दुल हाई ने बताया था कि कैसे मस्जिदों के निर्माण के लिए हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया गया था।
🚩हर विवादित मस्जिद के नीचे मंदिर… वो 1800 से अधिक मस्जिदें है , जहाँ हिन्दू मंदिरों को तोड़कर कर बनाई गई है:मस्जिदें-मजार।
🚩हम लेकर आए हैं भारत के हर राज्य की सूची।
🚩हिंदुस्तान की मस्जिदें किताब में मध्य प्रदेश के 151 मंदिरों का उल्लेख किया गया है,जिसे तोड़कर मस्जिदें बनाई गयी , तमिलनाडु के 175 मंदिरों का उल्लेख है जिसे तोड़कर मस्जिदें बनाई गई, महाराष्ट्र के 143 मंदिरों का उल्लेख है,जिसे तोड़कर मस्जिदें बनाई गई और कर्नाटक के 192 मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई ।
🚩आंध्र प्रदेश को लेकर सीता राम गोयल और अन्य लेखकों ने इस हिंदुस्तान की मस्जिदें किताब में उल्लेख किया है कि मंदिरों को तोड़ने के बाद वहां मस्जिदों, दरगाहों और मजारों को बनाया गया।
🚩आंध्र प्रदेश में 142 मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गयी ।
🚩जिनमें कदिरी में जामी मस्जिद, पेनुकोंडा में अनंतपुर शेर खान मस्जिद, बाबया दरगाह पेनुकोंडा, जो इवारा मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। तदपत्री में ईदगाह, गुंडलाकुंटा में दतगिरी दरगाह, दतगिरी दरगाह को जनलापल्ले में जंगम मंदिर के ऊपर बनाया गया है।
🚩वहीं, हैदराबाद के अलियाबाद में मुमिन चुप की दरगाह है, जिसे 1322 में एक मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
🚩 इसी तरह, राजामुंदरी में जामी मस्जिद का निर्माण 1324 में वेणुगोपालस्वामी मंदिर को नष्ट करके किया गया था। आंध्र प्रदेश में मंदिरों का विनाश सदियों से जारी है। 1729 में बनाई गई गचिनाला मस्जिद (Gachinala Masjid,) को राज्य की सबसे नई मस्जिद के रूप में जाना जाता था जो कि एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाई गई है।
🚩हिंदुस्तान की मस्जिदें किताब में असम के दो मंदिरों का उल्लेख भी किया गया है, जिन्हें तोड़कर मस्जिद और मजार में परिवर्तित कर दिया गया था। इनके नाम हैं, पोआ मस्जिद (Poa Mosque) और सुल्तान गयासुद्दीन बलबन (Ghiyasuddin Balban) की मजार, ये दोनों कामरूप जिले के हाजो के मंदिरों को तोड़कर बनाये गए हैं।
🚩पश्चिम बंगाल में 102 जगहों पर मस्जिदें, किले और दरगाह हैं, जिन्हें मुस्लिम शासकों ने मंदिर को नष्ट करके बनाया था। उन्होंने मंदिरों को नष्ट करने के बाद इकट्ठा हुए मलबे का इस्तेमाल करके इसे बनाया था। इन संरचनाओं में लोकपुरा की गाजी इस्माइल मजार भी शामिल है, जो वेणुगोपाल मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी।
🚩 बीरभूम सियान (1221) Birbhum Siyan (1221) में मखदूम शाह दरगाह को बनाने के लिए भी हिन्दू मंदिर को तोड़कर किया गया था। सुता में सैय्यद शाह शाहिद महमूद बहमनी दरगाह को भी बौद्ध मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। बनिया पुकुर में 1342 में बनाई गई अलाउद-दीन अलौल हक़ मस्जिद (Alaud-Din Alaul Haqq Masjid) को भी मंदिर को तोड़कर बनाया गया था ।
🚩बारहवीं शताब्दी ईस्वी के अंत में मुस्लिमों ने एक हिंदू राजधानी लक्ष्मण नवती को नष्ट करके गौर में एक मुस्लिम शहर बनाया था। छोटी सोना मस्जिद, तांतीपारा मस्जिद, लटन मस्जिद, मखदुम अखी सिराज चिश्ती दरगाह, चमकट्टी मस्जिद, चाँदीपुर दरवाजा और अन्य संरचनाओं सहित कई मुस्लिम संरचनाएँ शहर में हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाई गई थीं।
🚩बिहार में कुल 77 मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गयी। भागलपुर में, हजरत शाहबाज की दरगाह 1502 में एक मंदिर को तोड़कर बना�� गई थी। इसी तरह चंपानगर में जैन मंदिरों को नष्ट कर कई मजारों का निर्माण कराया गया था। मुंगेर जिले के अमोलझोरी में मुस्लिम कब्रिस्तान एक विष्णु मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। गया के नादरगंज में शाही मस्जिद को 1617 में एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी।
🚩बिहार के नालंदा जिले में भी मंदिरों को नष्ट किया गया था। 1380 में मखदुमुल मुल्क शरीफुद्दीन की दरगाह, बड़ा दरगाह, छोटा दरगाह और अन्य शामिल हैं। पटना में शाह जुम्मन मदारिया की दरगाह एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। शाह मुर मंसूर की दरगाह, शाह अरज़ानी की दरगाह, पीर दमरिया की दरगाह भी बौद्ध स्थलों को तोड़कर गई था।
🚩 हिंदुस्तान की मस्जिदें किताब में दिल्ली का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि यहाँ कुल 72 जगहों की पहचान की गई है, जहाँ पर मुस्लिम आक्रमणकारियों ने सात शहरों का निर्माण करने के लिए इंद्रप्रस्थ और ढिलिका को नष्ट कर दिया था। कई हिन्दू मंदिरो को तोड़कर मस्जिदों, मजारों ,स्मारकों को बनाया गया था, जिनमें कुतुब मीनार, कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद (1198), शम्सूद-दीन इल्तुतमिश का मकबरा, जहाज़ महल, अलल दरवाजा, अलल मीनार, मदरसा और अलाउद-दीन खिलजी का मकबरा और माधी मस्जिद शामिल हैं।
🚩हिंदुस्तान की मस्जिदें किताब में गुजरात की 170 ऐसी जगहों के बारे में बताया गया है, जहाँ मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई हैं। असवल, पाटन और चंद्रावती के मंदिरों को तोड़कर अहमद शाह की जामी मस्जिद, हैबिट खान की मस्जिद बनाई गई।
🚩ढोलका जिले में बहलोल खान की मस्जिद और बरकत शहीद की मजार भी हिन्दू मंदिरों को तोड़कर बनाई गई थी।
🚩 इसी तरह, सरखेज में, Shaikh Ahmad Khattu Ganj Baksh की दरगाह को 1445 में मंदिरो को तोड़कर बनाया गया था । 1321 में, भरूच में हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ने के बाद जामी मस्जिद का निर्माण किया गया था।
🚩भावनगर में बोटाद में पीर हमीर खान की मजार को भी एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाया गया था । 1473 में द्वारका में एक मंदिर के स्थल पर मस्जिद का निर्माण किया गया था। भुज में, जामी मस्जिद और बाबा गुरु के गुंबद मंदिर के स्थान पर बनाए गए थे। जैन समुदाय के लोगों को रांदेर से निकाल दिया गया और मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बना दी गई थीं। जैसे जामी मस्जिद, नित नौरी मस्जिद, मियां की मस्जिद, खारवा मस्जिद को भी मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। इसके अलावा सोमनाथ पाटन में बाजार मस्जिद, चाँदनी मस्जिद और काजी की मस्जिद भी मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी।
🚩दीव में जो जामी मस्जिद है, उसका निर्माण 1404 में किया गया था। पुस्तक में इसका भी ��ल्लेख किया गया है। इसे भी एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
🚩इतिहासकारों द्वारा हरियाणा में कुल 77 मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई है। पिंजौर, अंबाला में मंदिर की सामग्री का उपयोग फिदई खान के बगीचे के निर्माण में किया गया था। फ़िदाई खान गार्डन, जिसे बाद में एक सिख सम्राट ने बदलकर यादवेंद्र गार्डन कर दिया था। इसे पिंजौर गार्डन के नाम से भी जाना जाता है,ये भी मंदिर को तोड़कर करके बनाया गया था। फरीदाबाद में, जामी मस्जिद 1605 में एक मंदिर के स्थान पर बनाई गई है। नूंह में भी मंदिर को तोड़कर करके 1392 में एक मस्जिद का निर्माण किया गया था।
🚩बावल की मस्जिदें और गुरुग्राम जिले के फर्रुखनगर में जामी मस्जिद भी मंदिर को तोड़कर बनाई गई हैं। कैथल में बल्ख के शेख सलाह-दीन अबुल मुहम्मद (Salahud-Din Abul Muhammad) की दरगाह 1246 में मंदिर को तोड़कर करके बनाई गई थी। कुरुक्षेत्र में टीले पर मदरसा और झज्जर में काली मस्जिद भी मंदिरो को तोड़कर बनाई गई थी।
🚩 हिसार की मस्जिदों को फिरोज शाह तुगलक ने मंदिरो को तोड़कर बनाई, अग्रोहा में मंदिरो को तोड़कर मस्जिद बनाई गई।
🚩 अग्रोहा शहर का निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश के वंशज महाराजा अग्रसेन ने करवाया था। महाराजा अग्रसेन का जन्म भगवान राम के बाद 35वीं पीढ़ी में हुआ था। 1192 में मुहम्मद गौरी ने इस शहर के मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई थी।
🚩हिंदुस्तान की मस्जिदें किताब में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में एक जगह के बारे में बताया गया है, यहाँ मंदिर को तोड़कर जहाँगीरी गेट बनाया गया था।
🚩कर्नाटक में कुल 192 हिन्दू मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई हैं। बेंगलुरु के डोड्डा बल्लापुर में अजोधन की मुहिउद-दीन चिश्ती की दरगाह को मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। कुदाची में मखदूम शाह की दरगाह और शेख मुहम्मद सिराजुद-दीन पिरदादी की मजार भी हिन्दू मंदिर तोड़कर बनाई गई थी।
🚩हम्पी के विजयनगर में मस्जिद और ईदगाह भी हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाए गए थे। काफी पुराने हिंदू शहर बीदर में भी मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई ।
🚩 बीदर में सोला खंबा मस्जिद, जामी मस्जिद, मुख्तार खान की मस्जिद भी मंदिर को तोड़कर बनाई गई थीं ।
🚩भारत मे कई शहरो के कई मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई है ।
🚩 जामी मस्जिद, महला शाहपुर में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई हैं। बीजापुर एक प्राचीन हिंदू शहर हुआ करता था, लेकिन इसे भी मुसलमानों ने हिन्दुओ को मारकर कई मस्जिदें बनाई, जामी मस्जिद, करीमुद-दीन की मस्जिद, छोटा मस्जिद, आदि मंदिर को तोड़कर मस्जिदें बनाई थी। मैसूर में सैय्यद सालार मसूद की मजार भी मंदिर को तोड़कर बनाई है।
🚩केरल की दो जगहों का उल्लेख किया गया है। पहला कोल्लम में जामी मस्जिद और दूसरा पालघाट में टीपू सुल्तान द्वारा बनाए गए किले को जिसे हिन्दू मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था।
🚩लक्षद्वीप में दो जगहों के बारे में बताया गया है। कल्पेनी में मुहिउद-दीन-पल्ली मस्जिद (Muhiud-Din-Palli Masjid) और कवरती में प्रोट-पल्ली मस्जिद भी मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। यह सर्वविदित है कि लक्षद्वीप में अब 90% के आसपास मुस्लिम हैं।
🚩हिंदुस्तान की मस्जिदें किताब में मध्य प्रदेश के 151 मंदिरों का उल्लेख है,जहाँ मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई । भोपाल में कुदसिया बेगम (Qudsia Begum) द्वारा जामी मस्जिद का निर्माण किया गया था,जो हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाया था। दमोह में गाजी म��यां की दरगाह को भी मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
🚩 धार राजा भोज परमार की राजधानी हुआ करती थी। यहाँ भी मुस्लिम लोगों ने कई मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई थी। कमल मौला मस्जिद, लाट की मस्जिद, अदबुल्लाह शाह चंगल की मजार आदि का निर्माण मंदिर को तोड़कर किया गया।
🚩मांडू एक प्राचीन हिंदू शहर था,यहाँ भी जामी मस्जिद, दिलावर खान की मस्जिद, छोटी जामी मस्जिद आदि का निर्माण मंदिर को तोड़कर किया गया है। चंदेरी को भी मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
🚩मोती मस्जिद, जामी मस्जिद और अन्य संरचनाओं में भी मंदिर की सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। ग्वालियर में, मुहम्मद गौस की दरगाह, जामी मस्जिद और गणेश द्वार के पास वाली मस्जिद को मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी।
🚩किताब में उल्लेख है कि महाराष्ट्र के 143 मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों को बनाया गया था। अहमदनगर में अम्बा जोगी किले में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गयी थी। गॉग (Gogh) में ईदगाह, जिसे 1395 में बनाया गया था, यह भी एक मंदिर को तोड़कर बनाया गया है। अकोट (Akot) की जामी मस्जिद 1667 में एक मंदिर के स्थल पर बनाई गई थी। करंज में अस्तान मस्जिद 1659 में एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाई थी। रीतपुर में औरंगजेब की जामी मस्जिद भी मंदिर को तोड़कर बनाई थी। हजरत बुरहानुद्दीन-दीन गरीब चिश्ती की दरगाह खुल्दाबाद को भी एक मंदिर को तोड़कर 1339 में बनाई गई थी।
🚩मैना हज्जम की मजार मुंबई में महालक्ष्मी मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। मुंबई में जामी मस्जिद भी एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। परंदा में तलाब के पास नमाजगाह का निर्माण मनकेवरा मंदिर को ध्वस्त करके किया गया था।
🚩 लातूर में, मीनापुरी माता मंदिर को तोड़कर मबसू साहिब की दरगाह बना दी गई। सोमवारा मंदिर को तोड़कर सैय्यद कादिरी की दरगाह बनाई गई। वहीं, रामचंद्र मंदिर को तोड़कर पौनार की कादिमी मस्जिद (Qadimi Masjid) बना दी गई।
🚩ओडिशा में 12 ऐसी जगह हैं, जहाँ मंदिरों को तोड़कर उसके स्थान पर मस्जिद, दरगाह और मजार बनाई गई है।
🚩बालेश्वर में महल्ला सुन्नत में जामी मस्जिद श्री चंडी मंदिर को तोड़कर बनाया गया। शाही मस्जिद और कटक में उड़िया बाजार की मस्जिदों के साथ-साथ केंद्रपाड़ा में एक मस्जिद को मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
🚩किताब में उल्लेख है कि पंजाब के 14 मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों को बनाया गया। इसमें बाबा हाजी रतन की मजार बठिंडा में एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। जालंधर के सुल्तानपुर की बादशाही सराय बौद्ध विहार को तोड़कर बनाया।
🚩लुधियाना में अली सरमस्त की मस्जिद भी एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई। बहादुरगढ़ में किले अंदर एक मस्जिद बनाई गई है। उसका निर्माण भी मंदिर को तोड़कर किया गया है।
🚩हिंदुस्तान की मस्जिदें पुस्तक में लिखा कि राजस्थान के 170 मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों को बनाया गया।
🚩 अजमेर में कई हिंदू मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई। अढ़ाई-दिन-का-झोंपरा 1199 में बनाया गया था, मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह 1236 में बनाई गई थी, और अन्य मस्जिदों का निर्माण भी हिन्दू मंदिरों को तोड़कर किया गया। तिजारा में भरतारी मजार (Bhartari mazar) एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। बयाना में नोहारा मस्जिद का निर्माण उषा मंदिर को तोड़कर किया गया था।
🚩 भितरी-बहारी (Bhitari-Bahari Mahalla) की मस्जिद को भी विष्णु भगवान के मंदिर को तोड़कर किया गया था।
🚩काम्यकेश्वर मंदिर को कामां में चौरासी खंबा को तोड़कर मस्जिद बना दी गई थी। पार्वंथा मंदिर (Parvantha) को तोड़कर जालोर में तोपखाना मस्जिद बनाई गई,जिसे 1323 में बनाया गया था। शेर शाह सूरी के किले शेरगढ़ को हिंदू, बौद्ध और जैन मंदिरों को तोड़कर किया गया था।
🚩 लोहारपुरा में पीर जहीरुद्दीन की दरगाह मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। 1625 में, सलावतन में मस्जिद भी एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। पीर जहीरुद्दीन की मजार और नागौर में बाबा बद्र की दरगाह को भी हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
🚩किताब में तमिलनाडु के 175 मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों को बनाया गया ऐसा उल्लेख आया। Chingleput के आचरवा में शाह अहमद की मजार भी एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। कोवलम में मलिक बिन दिनार की दरगाह भी एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी।
🚩पंचा पद्यमलाई की पहाड़ी का नाम बदलकर मौला पहाड़ कर दिया गया था। एक प्राचीन गुफा, मंदिर के सेट्रल हॉल को तोड़कर मस्जिद बना दिया गया था।
🚩 कोयंबटूर में, टीपू सुल्तान ने ���न्नामलाई किले को हिन्दू मंदिरों तोड़कर बनाया था।
🚩 टीपू सुल्तान की मस्जिद भी एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी।
🚩तिरुचिरापल्ली (Tiruchirapalli) में नाथर शाह वाली की दरगाह एक शिव मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। मंदिर के लिंगम का उपयोग लैंप के रूप में किया गया था।
🚩किताब में उल्लेख आया कि उत्तर प्रदेश के 299 मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों को बनाया गया था। जो मंदिर सामग्री और मंदिर के स्थानों पर बनाए गए थे।
🚩 आगरा की कलां मस्जिद का निर्माण हिन्दू मंदिर को तोड़कर किया गया था। अकबर के किले में नदी के किनारे का हिस्सा जैन मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
🚩अकबर का मकबरा भी एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाया गया। प्रयागराज (इलाहाबाद) में अकबर का किला भी एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
🚩मियां मकबुल और हुसैन खान शाहिद की मजार भी मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। पत्थर महल में मस्जिद का निर्माण लक्ष्मी नारायण मंदिर को तोड़कर करके किया गया था।
🚩अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थल पर भी बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया था। हालाँकि उस विवादित ढाँचे को ध्वस्त कर दिया गया है और उस स्थान अब भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
🚩 इसके अलावा स्वर्गद्वार मंदिर और त्रेता का ठाकुर मंदिर को तोड़ दिया गया था और उन जगहों पर औरंगजेब द्वारा मस्जिदों का निर्माण किया गया था।
🚩शाह जुरान गौरी (Shah Juran Ghuri) की मजार भी एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी।
🚩सर पैगंबर और अयूब पैगंबर की मजार एक बौद्ध मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी, जहाँ बुद्ध के पदचिन्ह थे।
🚩 गोरखपुर में इमामबाड़ा एक मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। इसी तरह, पावा में कर्बला को एक बौद्ध स्तूप को तोड़कर बनाया गया था।
🚩टिलेवाली मस्जिद को लखनऊ के एक हिन्दू मंदिर को तोड़कर बनाया गया है। मेरठ में जामा मस्जिद एक बौद्ध विहार को तोड़कर बनाई गई।
🚩 मेरठ की एक दरगाह को नौचंड़ी देवी के मंदिर को तोड़कर बनाई गई है।
🚩काशी( वाराणसी ) में औरंगजेब ने ज्ञानवापी विवादित ढाँचे को विश्वेश्वर मंदिर को तोड़कर बनाया था ।
🚩 हाल ही में अदालत ने विवादित ढाँचे के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। सर्वेक्षण करने वाली टीम को वहां एक विशाल शिवलिंग भी मिला है। इसके बाद अदालत ने उस जगह को सील कर दिया है।
यह केवल एक संक्षिप्त सारांश है’
🚩गोयल ने अपनी किताब में लिखा है कि उनके द्वारा बताई गई सूची अभी अधूरी है, यह सिर्फ एक संक्षिप्त विवरण था। अभी सूची में और कई मस्जिदें व दरगाह हैं,जिनको हिन्दू मंदिरों को तोड़कर बनाया गया हैं।
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शाही स्कूल और आम बच्चे
हुआ यूँ कि जंगल के राजा शेर ने ऐलान कर दिया कि अब आज के बाद कोई अनपढ़ न रहेगा। हर पशु को अपना बच्चा स्कूल भेजना होगा। राजा साहब का स्कूल पढ़ा-लिखाकर सबको Certificate बँटेगा।
सब बच्चे चले स्कूल। हाथी का बच्चा भी आया, शेर का भी, बंदर भी आया और मछली भी, खरगोश भी आया तो कछुआ भी, ऊँट भी और जिराफ भी।
FIRST UNIT TEST/EXAM हुआ तो हाथी का बच्चा फेल।
"किस Subject में फेल हो गया जी?"
"पेड़ पर चढ़ने में फेल हो गया, हाथी का बच्चा।"
"अब का करें?"
"ट्यूशन दिलवाओ, कोचिंग में भेजो।"
अब हाथी की जिन्दगी का एक ही मक़सद था कि हमारे बच्चे को पेड़ पर चढ़ने में Top कराना है।
किसी तरह साल बीता। Final Result आया तो हाथी, ऊँट, जिराफ सब फेल हो गए। बंदर की औलाद first आयी। Principal ने Stage पर बुलाकर मैडल दिया। बंदर ने उछल-उछल के कलाबाजियाँ दिखाकरगुलाटियाँ मार कर खुशी का इजहार किया।
उधर अपमानित महसूस कर रहे हाथी, ऊँट और जिराफ ने अपने-अपने बच्चे कूट दिये
नालायकों, इतने महँगे स्कूल में पढ़ाते हैं तुमको | ट्यूशन-कोचिंग सब लगवाए हैं। फिर भी आज तक तुम पेड़ पर चढ़ना नहीं सीखे।
सीखो, बंदर के बच्चे से सीखो कुछ, पढ़ाई पर ध्यान दो।
फेल हालांकि मछली भी हुई थी। बेशक़ Swimming में First आयी थी पर बाकी subject में तो फेल ही थी।
मास्टरनी बोली, “आपकी बेटी के साथ attendance की problem है।"
मछली ने बेटी को आँखें दिखाई।
बेटी ने समझाने की कोशिश की कि, *"माँ, मेरा दम घुटता है इस स्कूल में। मुझे साँस ही नहीं आती। मुझे नहीं पढ़ना इस स्कूल में। हमारा स्कूल तो तालाब में होना चाहिये न?
नहीं, ये राजा का स्कूल है। तालाब वाले स्कूल में भेजकर मुझे अपनी बेइज्जती नहीं करानी। समाज में कुछ इज्जत Reputation है मेरी। तुमको इसी स्कूल में पढ़ना है। पढ़ाई पर ध्यान दो।
हाथी, ऊँट और जिराफ अपने-अपने Failure बच्चों को पीटते हुए ले जा रहे थे।
रास्ते में बूढ़े बरगद ने पूछा, *"क्यों पीट रहे हो, बच्चों को?
जिराफ बोला, “पेड़ पर चढ़ने में फेल हो गए?"
बूढ़ा बरगद सबसे फ़ते की बात बोला, “पर इन्हें पेड़ पर चढ़ाना ही क्यों है ?"
���सने हाथी से कहा,”अपनी सूंड उठाओ और सबसे ऊँचा फल तोड़ लो।
जिराफ तुम अपनी लंबी गर्दन ��ठाओ और सबसे ऊँचे पत्ते तोड़-तोड़ कर खाओ।
ऊँट भी गर्दन लंबी करके फल पत्ते खाने लगा।
हाथी के बच्चे को क्यों चढ़ाना चाहते हो पेड़ पर?
मछली को तालाब में ही सीखने दो न?
दुर्भाग्य से आज स्कूली शिक्षा का पूरा Curriculum और Syllabus सिर्फ बंदर के बच्चे के लिये ही Designed है। इस स्कूल में 35 बच्चों की क��लास में सिर्फ बंदर ही First आएगा। बाकी सबको फेल होना ही है। हर बच्चे के लिए अलग Syllabus, अलग subject और अलग स्कूल चाहिये।
हाथी के बच्चे को पेड़ पर चढ़ाकर अपमानित मत करो। जबर्दस्ती उसके ऊपर फेलियर का ठप्पा मत लगाओ। ठीक है, बंदर का उत्साहवर्धन करो पर शेष 34 बच्चों को नालायक, कामचोर, लापरवाह, Duffer, Failure घोषित मत करो।
मछली बेशक़ पेड़ पर न चढ़ पाये पर एक दिन वो पूरा समंदर नाप देगी।
शिक्षा - अपने बच्चों की क्षमताओं व प्रतिभा की कद्र करें चाहे वह पढ़ाई, खेल, नाच, गाने, कला, अभिनय, BUSINESS, खेती, बागवानी, मकेनिकल, किसी भी क्षेत्र में हो और उन्हें उसी दिशा में अच्छा करने दें | जरूरी नहीं कि सभी बच्चे पढ़ने में ही अव्वल हो बस जरूरत हैं उनमें अच्छे संस्कार व नैतिक मूल्यों की जिससे बच्चे गलत रास्ते नहीं चुने ।
हमारी तथाकथित सभ्य समाज के अपनी संतान के प्रति शिक्षा को लेकर जो सोच है उसका सही उधारण सोच रही थी आज मिला। सोचा आपको भी बता दूं।
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366 सदर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत #बॉम्बे_पिज़्ज़ा_कॉर्नर बलुआघाट निकट शाही किला का संयुक्त उद्घाटन मैने और सपा अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश सचिव साजिद अलीम सभासद ने किया। इस अवसर पर सदफ हैदर सभासद, समाजसेवी शेर अफगन खान साहब,इमरान एराकी, राहिल और दानिश इकबाल सहित अन्य गण्यमान लोग मौजूद रहे। फर्म के मालिक मुन्ने राजा भाई को दिली मुबारकबाद अल्लाह करीम कारोबार में बरकत अता फरमाए। आरिफ हबीब सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी यूथ ब्रिगेड 🚲🇧🇾🇧🇾 #366सदर_विधानसभा_जौनपुर (at 366 सदर विधानसभा जौनपुर) https://www.instagram.com/p/CX6K3ERvuel/?utm_medium=tumblr
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लगभग 3 महीने हो चुके है, नरसिंहपुर में रहते हुए और अभी तक इतना सीखा! नरसिंहपुर की याद अधूरे इश्क की तरह है! चाहे फिर वो इतबारा बाजार की सकरी गलियां, जो तरह तरह की खुश्बू बिखेरे हुए, या फिर Hyderabadi के कबाब,तंदूरी या फिर बिरयानी की खुश्बू आपकी नाक में अभी तक घर किए हुए! खाने के बाद शाही टुकड़ा का लुफ्त उठाने कब मिलेगा फिर! कब मिलेगा पुराने बस stand की चटपटी गलियां, सदर की तड़कती भड़कती शामें दादा महाराज की हसीन राते। Tamasha से social, राजनीति से पक्की दोस्ती, अहाता बार से road side की चुस्कियां, जनपद की मस्ती,सराफा मार्केट की बस्ती Select area की walk, सिगरी नदी की ख़ाक वो सब पुरानी इमारतें,उनमें पनपता इश्क! Chandralok के पराठे,राजभोग के डोसे A 3 की भीनी खुशबू,कुल्हड़ चाय की दोस्ती यारी लाइब्रेरी के कच्चे इश्क,रंग बिरंगे सपने Shopping की भीड़ भाड़, इसके आगे भी है नरसिंहपुर यार... Mimt की बातें, pg में बीती रातें, Entry की लंबी लाइन,खाली ऑटो की फरमाइसे English मीडियम के munde, girls हॉस्टल की कुड़िया झिरना से लेके station की traffic वाली गलियां.. Narsinghpur dadamaharaj हाईवे की drives या फिर नरसिंहपुर सरकार कहे जाने ��ाले नरसिंह मंदिर की बातें. क्या क्या बयां करे,क्या क्या लिखे... Hariom hari के समोसे,या चौपाटी के chat मसाले ये नरसिंहपुर है –दिल से नरसिंहपुरिया लिखे, अधूरा इश्क लिखे, या अधूरी नज़्म लिखे। 'आखिर में एक शेर याद आ रहा' [[कौन जाए "boss" , नरसिंहपुर की गलियां छोड़कर]] ये नरसिंहपुर है, जनाब यहां सब कांड दवे में होते है।। . . . . . #narsinghpuriya #narsinghpuriya_____swag😉✌ #narsinghpur_wale_mp49 #apnansp #narsinghpur #instagram #poet #instagramquotes #storytelling #writer #writings #instagramwriters #hindipoetry #hindiwriter #shayri #follow #like (at Apna Narshingpur) https://www.instagram.com/p/CVxYmpCp6qU/?utm_medium=tumblr
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bangalore palace Amazing History And Architecture in hindi [2021]
bangalore palace
अदभुत वास्तुकला और सुंदरता का एक प्रतीक bangalore का शाही पैलेस अपने पुराने शाही वैभव के लिए जाना जाता हे । वर्तमान में यह bangalore palace बैंगलोर का प्रमुख आकर्षण हे। bangalore के इस शाही महल को वर्ष 1878 में बनाया गया था। चामराजेंद्र वाडियार के ब्रिटिश माता-पिता ने 1873 में बैंगलोर सेंट्रल हाई स्कूल रेव जे गैरेट के प्रिंसिपल से अपने स्वयं के धन से इस शाही महल को ख़रीदा था । महल असाधारण रूप से विशाल है और 45,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है। आज हम जो आलिशान महल को देखते हे वो ट्यूडर और स्कॉटिश गॉथिक वास्तुकला के मिश्रण से बनाया गया हे। महल की लकड़ी की संरचना के साथ-साथ अंदर और बाहर सुंदर नक्काशी शाही संस्कृति को अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शित करती है। जैसलमेर किले के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लीक करे। bangalore के एक प्रमुख पर्यटन स्थल होने के साथ साथ यह महल विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, रॉक शो और विवाहों की मेजबानी भी करता है। लोक मान्यताओं के अनुसार राजा चामराजेंद्र वाडियार ने लंदन के विंडसर कैसल से महल के निर्माण की प्रेरणा ली थी। पैलेस के भूतल पर फ्लोरोसेंट नीली सिरेमिक टाइलों के साथ ग्रेनाइट की सीटें, एक परी कथा बॉलरूम, प्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा की पेंटिंग, बेल से ढकी दीवारें और पहली मंजिल पर दरबार हॉल ये सब मिलाकर बैंगलोर पैलेस बनता हैं। महल की यात्रा आपको दक्षिण भारत के सबसे शक्ति��ाली राजवंशों में से एक के भव्य और भव्य वैभव को देखने का मौका देती है। भाषा के मुद्दों वाले लोगों की मदद करने के लिए इसके इतिहास को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए पैलेस के अंदर हिंदी और अंग्रेजी दोनों में एक ऑडियो टेप उपलब्ध है।
bangalore palace History
अभी जहा यह पैलेस खड़ा है वह भूमि मूल रूप से शहर के एक स्कूल प्रिंसिपल रेवरेंड जे गैरेट का था। चामराजेंद्र वाडियार के ब्रिटिश माता-पिता जोकि उन्हें पाल रहे थे इन्होने नाबालिग महाराज के पैसो से इस भूमि को ख़रीदा था ताकि उनकी शिक्षा और प्रसासनीय प्रशिक्षण आसानी से हो सके। गोलकोंडा किले के बारे में जाने। अप्रैल 1874 में इस महल के निर्माण की शुरुआत की गई थी। लालबाग बनाने वाले जॉन कैमरन ने इस महल के भूनिर्माण की जिम्मेदारी ली थी । 1878 ई. के दौरान इस महल का प्रारंभिक निर्माण पूरा हो गया था । प्रारंभिक पूर्णता के बाद के वर्षों में कई परिवर्धन और सुधार किए गए। महाराजा जयचामराज ने अपने शासनकाल के दौरान दरबार हॉल के बाहर के हिस्से जोड़े। नवीनीकरण इसलिए हुआ ताकि महल में लंदन के विंडसर कैसल का सार हो सके जिसने राजा को दिया था। bangalore palace का स्वामित्व कई कानूनी गतिविधियों से गुजरा है। वर्तमान में, यह मैसूर शाही परिवार के वंशज श्रीकांत दत्त नरसिम्हाराजा वाडियार के स्वामित्व में है। महल ने 2005 में जनता के लिए अपने दरवाजे खोल���।
bangalore palace Architech
महल वास्तुकला की ट्यूडर शैली को दर्शाता है। बगीचे के साथ इसका परिसर 454 एकड़ में फैला हुआ है। महल के अंदरूनी हिस्से पर प्रोफाइल, कंगनी और लकड़ी की नक्काशी है। अंदर के कई भौतिक तत्व ब्रिटेन से आयात किए जाते हैं। अंग्रेजों द्वारा वाडियारों को उपहार, दीवारों पर लाल और सफेद रंग में चित्रित हथियारों का एक कोट। इसमें पौराणिक छाप और जटिल पुष्प डिजाइन शामिल हैं। बीच में पागल भेरुंडा, एक पौराणिक दो सिर वाला पक्षी है, जबकि दूसरी तरफ एक पौराणिक जानवर है, जिसमें हाथी और शेर दोनों के सिर हैं, जो राजत्व और शक्ति का प्रतीक है। सोनगढ़ किले के बारे में पूरी माहिती। दो-स्तरीय ग्रेनाइट महल की आंखों में देखी जाने वाली कुछ विशेषताओं में ��ढ़वाले टॉवर, ढहती दीवारें, महल के मैदान, बॉलरूम और ट्यूडर और स्कॉटिश इमारतों के अन्य वास्तुशिल्प तत्व शामिल हैं। प्रवेश द्वार पर रोमन मेहराब अपने आगंतुकों का स्वागत करते हैं। छत को राहत चित्रों से सजाया गया है और महल के अंदर के फर्नीचर में विक्टोरियन, नव-शास्त्रीय और एडवर्डियन शैलियों का स्पर्श है। महल में 35 कमरे हैं और भूतल पर एक खुला आं��न है जिसमें फ्लोरोसेंट नीली सिरेमिक टाइलों से सजाए गए ग्रेनाइट सीटें हैं। बैंगलोर पैलेस का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा दरबार हॉल है जो पहली मंजिल पर है। हॉल में एक विशाल हाथी का सिर है। इसके अलावा, गोथिक शैली से लिया गया, इसमें एक तरफ कांच की खिड़कियां हैं। दीवारों पर पीला रंग काफी प्रमुख है। हॉल में लगा सोफा भी उसी रंग का है। दूसरे छोर पर स्क्रीन उस क्षेत्र को अलग करती है जहां महिलाएं विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए बैठी थीं। bangalore palace में 19वीं और 20वीं सदी की कई प्रसिद्ध पेंटिंग हैं। इसमें प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार राजा रवि वर्मा का काम शामिल है। महल की एक और आकर्षक विशेषता शक्तिशाली वाडियार राजवंश की विभिन्न पीढ़ियों को चित्रित करने वाले चित्रों का व्यापक संग्रह है। यह सदियों से बैंगलोर के विकास की एक झलक भी देता है। यहाँ सब कुछ सहज आर्क-डेको डिज़ाइन का दावा करता है। महल के चारों ओर फैले मैदान कभी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मेजबान हुआ करते थे। बैकस्ट्रीट बॉयज़, डॉन मोएन, डेविड गेटा, एल्टन जॉन, लैम्ब ऑफ़ गॉड, एकॉन, द ब्लैक आइड पीज़, डीप पर्पल, द रोलिंग स्टोन्स, मेटालिका, रोजर वाटर्स, एनरिक इग्लेसियस जैसी कई अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों की अपनी सीमाएँ हैं। लेकिन, सरकार और मैसूर शाही परिवार के बीच कानूनी विवाद के बाद, ये आधार अब व्यावसायिक उपयोग में नहीं हैं। शाही परिवार के करीबी दोस्त या उनसे जुड़ी कंपनियां ही यहां किसी भी तरह के आयोजन का आयोजन करती हैं। इसके बाद, द फन वर्ल्ड खुद को मनोरंजन पार्क पैलेस ग्राउंड परिसर में पाता है। बच्चों के पसंदीदा इस पार्क में रोजाना अच्छी संख्या में लोग आते हैं। Read the full article
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सऊदी शाही परिवार ने डोनाल्ड ट्रम्प को उपहार के रूप में नकली विदेशी जानवरों की खाल दी: रिपोर्ट | विश्व समाचार
सऊदी शाही परिवार ने डोनाल्ड ट्रम्प को उपहार के रूप में नकली विदेशी जानवरों की खाल दी: रिपोर्ट | विश्व समाचार
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम को बेहद अमीर सऊदी शाही परिवार द्वारा दिया गया तोहफा नकली निकला है. ट्रंप और उनकी टीम कथित तौर पर शानदार तेंदुए और शेर की खाल पहने हुए थे। खाल के अलावा, सउदी ने तीन तलवार और तीन खंजर सहित अन्य महंगे उपहार दिए, और एक खंजर के पास हाथी दांत जैसा दिखने वाला एक हैंडल था। लेकिन, वे सभी नकली हैं, न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में कहा। 2017…
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कांग्रेस को मजबूत करने के लिए बूथों को मजबूत करना बेहद जरूरी - रमोला
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कांग्रेस को मजबूत करने के लिए बूथों को मजबूत करना बेहद जरूरी - रमोला
बुधवार को ऋषिकेश विधानसभा की गौहरी माफ़ी ग्रामसभा में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर बूथ कमेटी के गठन की प���रकिया को लेकर कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित कर संगठन की मज़बूती को लेकर बैठक की । जिसके तहत आज वरिष्ठ जनों के साथ साथ युवाओं के साथ भी संवाद किया गया और उनसे ��ई महत्वपूर्ण सुझाव भी लिये गये व मेरा बूथ सबसे मज़बूत नारे के साथ बूथ के हर कार्यकर्ता को बूथ स्तर पर कांग्रेस की मज़बूती को लेकर टास्क दिये गये हैं साथ ही संगठन की ओर से ये भी कहा गया कि जिस भी बूथ में चुनाव के दौरान व पोलिंग में सबसे अच्छी पोलिंग होगी में उनको पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से सम्मानित करने का कार्य किया जायेगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्ण रूप से तैयार है बूथ से लेकर अपने जमीनी कार्यकर्ताओं तक हम हर मोर्चे पर चुनावी तैयारियों में जुटे हैं और आने वालों चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिये कांग्रेस के नये कार्यकर्ताओं को बूथों की जानकारी व उन्हें उनके बूथों पर उनकी कार्यशैली को देखते हुए जिम्मेदारी देने तैयार किया जा रहा है कांग्रेस को मजबूत करने के लिए बूथों को मजबूत करना बेहद जरूरी हैं इसी लिए हमारा संकल्प है कि युवाओं और महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस से जोड़कर उन्हें आने वाले चुनाव में अपने विपक्षी दलों से कैसे लड़ना है उसके बारे मे पूर्ण रूप से बताया व सुझाव लिए जा रहे है ।
ज़िला बूथ प्रभारी गजेन्द्र विक्रम शाही ने कहा कि आज वरिष्ठ जनों के साथ युवाओं को राजनीति में आगे आकर कार्य करने की आवश्यकता है और चुनाव के समय हर बूथ पर सबसे अधिक संख्या में युवाओं की भागीदारी रहनी चाहिये व बूथों पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हुजूम होना चाहिये ताकि सभी बूथों पर कांग्रेस चुनाव जीत कर आगे बढ़े ।
बैठक में राजाराम कोठियाल, शेर सिंह रांगढ, जगवीर नेगी, मनदीप बगियाल, देव सेमवाल, त्रिलोक सिंह नेगी, धर्म सिंह नेगी, दिलराम नौटियाल, दिनेश सिंह नेगी, शिव सिंह नेगी, जितेन्द्र सिंह, हिमांशु , आदित्य आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे ।
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चमकीले चूज़े Chamkeele Chuze Lyrics – Dino James, Girish Nakod
Chamkeele Chuze Lyrics in Hindi, English by Dino James. The song features Girish Nakod. The lyrics for the song are written by Dino James. The music is given by Nilesh Patel.
Song Details
Composed, Written & Performed: Dino James
Featuring: Girish Nakod
Music: Nilesh Patel
Chamkeele Chuze Lyrics -- Dino James
Sab khade ho jaao aa rahe hain shaahi log Zaahilon tum talent ko to thoda side do Chanda mama se bhi dikhte famous bhai log By god hai desh ko kaafi inse high hopes
Tum dheeme seedi chadho aur ye seedha by road Why bro hunar pe itni mehnat kaahe ko 250 ka tripod aur nalla iPhone Leke psychopanthi karo aur ban jaao icon
Yahaan khoob namune beta bhare pade zoo mein Sabi dhoom macha rahe yahaan pe hare bhare chuze Jaise vroom bhaga rahe ye to aadi tedi bullet Inke jhund ko dekhko chhote bani meri dhunn hai Socho umar se badi badi batein kahein munh se Cartoon ke jaise funny saare ye namune Monsoon mein jaise mushroom yahaan Bas ghoom rahe hain jo jungli paudhe ugge
Kisi ko bhi padhna nahi hai Bachchon ko janta chahiye Mom bole dhanda sahi hai Bachpan jaye waanda nai hai Hai 14 saal aur 9 din Umar khaane ki poppins Par chhoti kar rahi twerking Maze udaa rahi audience
Thoda side ho jaao saare celeb hain ye sir Bhaiya chup to sahi hai munh khola to gatar Par karte kya hain sab kar rahe search Tough hai kehna ye naari hain ya nar Sher bane ghoome chal bhaag be gidad Dher hain gharo mein mere lakht-e-jijar Din din syringe se bharte cringe Star hai khudi mein par hain saste Bieber
Upar se chamke kala se hain ye door Karte kuch nai bas phokat mein mashoor Bacche saare hain ye kaafi jaldi mein Bade pyare hain ye chuze chamkeele
Chuze chamkeele, chooje chamkeele Chuze chamkeele, chooje chamkeele Chuze chamkeele, chooje chamkeele Chuze chamkeele, chooje chamkeele
Youtubers ke videos mast hain sir Tabhi khoob badhe hain dekho subscriber Par stage pe aate hi pakta hai sir Tabhi sab rapper tabhi sab hyper
Tabhi review wale rappers hain Vloger bhi rapper hain Sab sab sab sab rapper hain Main kuch aur kar loon behtar hai
Saare kids of today tiktok chuze Shit bahut tube pe beech chowk moote Peacock ghoome big talk munh se Sick of stupids switched off loose heads Hip hop okay mittron notice Vishwas karo please theek thaak jyotish Cute bohat chhokre kyun fast no pace Too smart oh please munh hath dho le
Too hard kosish hoon baap ghoshit You are so cheap doon short notice Jhootha so deep chooha so sweet Tu ja roadies doon kya coaching Chu*iye chuze two faced too fake New day new craze Uff yeh fukre udte jhoote Chutde sooje utre bhoot pret Sudhre roop dekh
Aaj milna chahta hoon kyun ki kal tu chhoo Gale miloonga par lagoonga nai munh Hai ye rude thoda qasam se par hai true Bura lagega but there is nothing you can do
Upar se chamke kala se hain ye door Karte kuch nai bas phokat mein mashoor Bacche saare hain ye kaafi jaldi mein Bade pyare hain ye chuze chamkeele
Chuze chamkeele, chooje chamkeele Chuze chamkeele, chooje chamkeele Chuze chamkeele, chooje chamkeele Chuze chamkeele, chooje chamkeele
Tik-toker mujhe pyaar to kar Ae tik-toker mujhe pyaar to kar Ae tik-toker Haha chu*iye
Music Video of the Song Chamkeele Chuze by Dino James
चमकीले चूज़े Chamkeele Chuze Lyrics in Hindi -- Dino James
सब खड़े हो जाओ आ रहे हैं शाही लोग जाहिलों तुम टैलेंट को तो थोड़ा साइड दो चंदा मामा से भी दिखते फ़ेमस भाई लोग बाई गॉड हैं देश को काफ़ी इनसे हाई होप्स तुम धी��े सीधी चढ़ो और ये सीधा बाई रोड़ वाई ब्रो हुनर पे इतनी मेहनत काइको
ढाई सौ का ट्राइपॉड और नल्ला आइफ़ोन लेके साईकोपंती करो और बन जाओ आइकॉन
यहाँ ख़ूब नमूने बेटे बारे पड़े ज़ू में सभी धूम मचा रहें यहाँ हरे-भरे चूज़े जैसे ��्रूम भाग रहे ये तो आदि टेडी बुलेट इनकी सोचो उम्र से बड़ी बड़ी बातें कहे मुँह से कार्टून के जैसे फ़नी ये नमूने मानसून में जैसे मशरूम यहाँ बस घूम रहे हैं जो जंगली पोधे उगे
किसी को भी पढ़ना नहीं है बच्चों को जनता चाहिये मोम बोले धँदा सही है बचपन जाए वंदा नहीं है है चौदह साल और नौ दिन उम्र खाने की पोप्पिंस पर छोटी कर रही टवेर्किंग मज़े उड़ा रही ऑडीयन्स
थोड़ा साइड हो जाओ सारे सेलिब हैं ये सर भैया चुप तो सही हैं मुँह खोला तो गुटर पर करते हैं क्या सब कर रहे हैं सर्च टफ़ है कहना ये नारी है या नर शेर बने घूमें चल भाग बे गीदड़ ढेर है घरों पे मेरे लख़त-ए-ज़िगर दिन दिन सीरिज़ से भरते क्रिंज स्टार्ट है खुदी में पर हैं सस्ते बीबर
ऊपर से चमके कला से हैं ये दूर करते कुछ नहीं बस फोकट में मशहुर बच्चे सारे हैं ये काफ़ी जल्दी में बड़े प्यारे हैं ये ���ूज़े चमकीले चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले
यूटूबर्स के विडीओ मस्त है सर तभी ख़ूब बड़े हैं देखो सब्स्क्राइबर पर स्टेज पर आते ही पकता है सर तभी सब रैपर तभी सब हाइपर तभी रिव्यू वाले रैपर हैं व्लोगर भी रैपर है सब सब सब सब रैपर हैं मैं कुछ और कर लूँ बेहतर है
सारे किड्स अव टुडे टिकटोक चूज़े शिट बहुत टीऊब पे बीच चौक मूते पीकॉक घूमें बिग टॉक मुँह से सिक अव स्टूपिड़स स्विच्ड़ ऑफ़ लूस हेड्ज़
हिप हॉप ओके मित्रों नोटिस विश्वसस करो प्लीज़ ठीक-ठाक ज्योतिष क्यूट भूत छोकरे क्यूँ फ़ास्ट नो पेस टू स्मार्ट ओह प्लीज़ मुँह हात धोले
टू हार्ड कोसिश हूँ बाप घोषित यू आर सो चीप दूँ शॉर्ट नोटिस झूटा सो ड़ीप चूहा सो स्वीट तू जा रोडीज़ दूँ क्या कोचिंग चुतिये चूज़े टू फ़ेस्ट टू फ़ेक न्यू डे न्यू क्र���ज़ उफ़्फ़ ये फ़ूकरे उड़ते झूते चूतड़े सूजे उरते भूत प्रेत सुधरे रूप देख
आज मिलना चाहता हूँ क्यूँकि कल तू छू गले मिलूँगा पर लगाउँगा नी मुँह है ये रुड़ थोड़ा क़सम से पर है ट्रू बुरा लगेगा बट देयर’ज़ नथिंग यू केन डू
ऊपर से चमके कला से हैं ये दूर करते कुछ नहीं बस फोकट में मशहुर बच्चे सारे हैं ये काफ़ी जल्दी में बड़े प्यारे हैं ये चूज़े चमकीले चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले
ऐ टिकटोकर मुझे प्यार तो कर ऐ टिकटोकर मुझे प्यार तो कर ऐ टिकटोकर हाँ हाँ चू..
The Full Lyrics for the song Chamkeele Chuze by Dino James. If you have any suggestions or want to suggest any change to the lyrics, please contact us.
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source https://chai-pe-charcha.com/chamkeele-chuze-lyrics-dino-james/
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राजपूत के लिए शायरी 2020 - Rajputana Status in Hindi
राजपूत स्टेटस - (Rajputana Status in Hindi) आज के इस लेख में हम आपके लिए Best Collection Of Rajput Status लेकर आएं है जिसमे राजपूतों के लिए राजपूत स्टेटस और शायरी व कोट्स का एक बेहतरीन संग्रह यहाँ से पढ़ सकते है, New Rajput Attitude Status के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े जहाँ आपको नए नए राजपूतो पर आधारित स्टेटस और शायरी मिलती रहेगी।
Best Rajputana Attitude Status or Shayari in Hindi अगर आपने राजपूत स्टेटस Rajput Status और Rajputana Shayari के लिए गूगल में सर्च किया है तो यकीन मानिये आप बिलकुल सही पोस्ट को पढ़ रहें है, यहाँ आपको राजपूताना स्टेटस, ठाकुर साहब स्टेटस, रॉयल बन्ना और बाइसा के लिए बहुत अच्छे-अच्छे स्टेटस और शायरी पढ़ने को मिलेगी, जिससे आप Whatsapp, Facebook और Instagram पर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है।
Best Rajputana Status in Hindi (Rajput Status 2019)
शाही राजपूताना अंदाज में जीवन यापन करने वाले राजपूतो के लिए रॉयल राजपूताना स्टेटस और राजपुताना शायरी का सबसे अच्छा संग्रह लेकर आये है, राजपूतों की आन-बान-शान, टशन भरी जिन्दगी को लेकर यह स्टेटस बनाये है तो अगर आप सच्चे राजपूत है तो इससे अपने दोस्तों के साथ जरूर फेसबुक पर व्हाट्सप्प पर शेयर करें। धोखेबाज दोस्त पर शायरी - Dhokebaaz Dost Shayari in Hindi एटीट्यूड स्टेटस हिंदी में - Attitude Status in Hindi भगत सिंह निबंध - शहीद दिवस पर भाषण Rajput Whatsapp Status in Hindi ठण्ड उनको लगती है जिनके कर्मो में दाग है, हम तो राजपूत हैं, हमारे खून में भी आग है पुत्र मैं माँ भवानी का मुझ पर किसका जोर, काट दूंगा हर वो सर को जो उठा राजपूताना की ओर हकूमत दूसरों के दम पर तो कोई भी कर ले, जो अपने दम पर छा जाए वो हम हैं Royal Hindi Rajput Status पंगा लेना गोली की रफ़्तार से, पर कभी मत टकराना राजपूत की तलवार से जिनके चर्चे दूर तलक दिखते हैं, हम वही राजपूत हैं जिनके अंदाज अलग दिखते हैं आँखे न दिखा हमको, हम वो राजपूत हैं जो आँखे निकाल लिया करते हैं Rajput Ke Whatsapp Status हम मचलते हैं तो तूफ़ान मचल जाते हैं, हम बदलते हैं तो इतिहास बदल जाते हैं माशूका नहीं हूँ जो बेवफाई करूँगा, तेज तलवार हूँ सि���्फ तबाही करूँगा हमारी रगों में वो खून दौड़ता है, जिसकी एक बूंद अगर तेजाब पर गिर जाए तो तेजाब जल जाये Rajput Best Status in Hindi हम तो राजपूत शेर हैं, हमें नजदीक से देखने की इज़ाज़त, तो सरकार भी नहीं देती जिस शहर में तुम्हें मकान कम और शमशान ज्यादा मिलें, समझ लेना वहां किसी ने राजपूत से आँख मिलाने की जुर्रत की है तमंचा तो सिर्फ शौक के लिए है, खौफ के लिए तो नाम ही काफी है Attitude Rajput Status in Hindi राजपूत से दोस्ती कर लो तो जन्नत मिल जाएगी, मगर दुश्मनी की तो छिपने के लिए पूरी दुनिया कम पड जाएगी जब तक हमारे सर पर ऊपर वाले की रहमत रहेगी, भगवान कसम हर बन्दे में राजपूत नाम की दहशत रहेगी हमारी गिनती शरीफों में की जाती है, अगर कोई पहले ऊँगली न करे तो… जय राजपूताना Best Rajputana Attitude Status or Shayari in Hindi Rajputana Whatsapp Status कागजो पर तो अदालते चलती है, हम तो रॉयल Rajput छोरे है, फैसला on the spot करते है !! पुत्र मैं माँ भवानी का मुझ पर किसका जोर, काट दूंगा हर वो सर को जो उठा राजपूताना की ओर !! राजपूत के जीने का तरीका थोड़ा अलग है, हम उमीद पर नहीं अपनी जिद पर जीते है !! Rajputana Royal Hindi Status राजपूत की जूती और राजपूत के दुश्मनो में कुछ भी फर्क नहीं है, क्योंकि जूती और दुश्मन दोनों राजपूत के पैरों नीचे ही रखते हैं !! राजपूत की जिन्दगी जीने के लिए नसीब लगता है, वर्ना हीरो की जिन्दगी तो कोई भी जीता है !! हकूमत दूसरों के दम पर तो कोई भी कर ले, जो अपने दम पर छा जाए वो राजपूत हैं हम !! Rajput Rajputana Status Shayari पंगा लेना गोली की रफ़्तार से पर कभी मत टकराना राजपूत की तलवार से !! औकात की बात मत कर पगली, राजपूत है हम तो इंटरनेट भी मेन बेलेंस पर चलाते है !! जिनके चर्चे दूर तलक दिखते हैं, हम वही राजपूत हैं जिनके अंदाज अलग दिखते हैं !! High Attitude Rajput Status Shayari राजपूत है हम बंदूक और गिटार दोनों चलाना जानते है, तय तुम्हे करना हे की तुम कौन सी धुन पर नाचोगी !! आँखे न दिखा हमको, हम वो राजपूत हैं जो आँखे निकाल लिया करते है !! दशहत बनाओ तो राजपूत जैसी वरना, खाली डराना तो कुत्ते भी जानते है !! Proud To Be Rajput Status Shayari माशूका नहीं हूँ जो बेवफाई करूँगा, तेज तलवार राजपूत हूँ सिर्फ तबाही करूँगा !! जिस दिन राजपूतों की सरकार बन गई ना तो अयोध्या में राम मन्दिर क्या पाकिस्तान में भी माँ भवानी का थान बना देगें !! हमारी रगों में वो खून दौड़ता है, जिसकी एक बूंद अगर तेजाब पर गिर जाए तो तेजाब जल जाये !! Rajputana Attitude Status in Hindi: Royal Rajput Status Thakur Status in Hindi देख पगली Iphone का Cover और हमारा तेवर झेलने की तेरी औकात नहीं !! हर किसी को ख़ुश रख सके वो सलीका हमें नहीं आता, जो हम नहीं है, वो दिखने का तरीका हमें नहीं आता !! अपना Attitude उस Revolver की तरह है, जिसे देखते ही लोगों की फट जाती है !! Rajput Baisa Status in Hindi हम सल्तनत देख कर दोस्ती नहीं करते और परिणाम सोचकर दुश्मनी नहीं करते !! जंगल में शेर की दहाड़ ही काफी है और शहर में हमारा नाम ही काफी है। #Rajput याद रखना जितनी गहरी #राजपूत की मोहब्बत होती है, उतनी गहरी दुश्मनी भी होती है। Rajput Love Status in Hindi रावले के दरबार कभी झुकते नहीं, और राजपूती शान के चर्चे कभी रखते नहीं !! दुश्मनों को उजारने के लिए बन्ना को तूफान की जरुरत नहीं, बन्ना अपने आप में एक बवंडर है !! ठण्ड उनको लगती है जिनके कर्मो में दाग है, हम तो राजपूत हैं, हमारे खून में भी आग है !! Rajputana Attitude Shayari Status हमारे संस्कार हमें झुकना जरूर सिखाते है, पर किसी की अकड़ के आगे नहीं _जय राजपूत_एकता !! बड़े-बड़े धमाके करने वाला फौलाद हूँ, सोच समझ कर बोलना बेटे.. राजपूत की औलाद हूँ !! राजपूत है हमें मौत भी पीछे से धोखा देकर आती है, दुश्मनों की क्या औकात जो सामने से वार करे !! Whatsapp Rajput Status in Hindi माचिस तो यूं ही बदनाम है, राजपूतों के तेवर तो आज भी आग लगाते है. हमारी गुस्ताखी की हद मत पूछ, हम #राजपूत है, जमीं पर पैर रखकर आसमान #कुचल देते है. राजपूत के तेवर का पैमाना नाप सके, तेरी औकात के थर्मामीटर में इतनी #Degree ही कहा. Royal Rajputana Status in Hindi हीरे की चमक और राजपूत का #Attitude कभी कम नहीं होता। ज्यादा गर्म मत हो मैं राजपूत हूं लोहे को भी पिघला देता हूं। जमाना बदल गया, इतिहास बदल गया लेकिन राजपूत का #Attitude ना कभी बदला है, ना कभी बदलेगा। लोग Style में रहने के लिए क्या पता क्या-क्या करते है, मैं राजपूत हूं मेरे तो तेवर ही काफी है। इस तरह ना देख पगली आंखों में बस जाऊंगा, राजपूत हूं रगों में उतर जाऊंगा। Thakur Attitude Status in Hindi जितनी पीने के बाद तुम्हारा नशा नहीं उतरता, उतने में तो हमारी मूंछ के भी नशा नहीं चढ़ता। #Rajput तेवर से हमारे आज भी अंगारे बरसते है क्योंकि खून आज भी खानदानी है। तू इश्क है मेरा इसलिए दूर है वरना ज़िद होती तो शाम तक बाहों में होती। ललकार मत, #राजपूत हूं मुड़ के देख लिया तो लाल-पीला सब एक साथ हो जाएगा। मुबारक हो तुम्हें तुम्हारा हुस्न, हमारे तो तेवर ही हमारी शान है। #Rajput भाई पर बेहतरीन हिंदी स्टेटस - Brother Status in Hindi होली त्यौहार पर शायरी - Happy Holi Shayari in Hindi 2019 सैमसंग सीक्रेट कोड की सूची - 100+ गुप्त कोड निष्कर्ष: जी हाँ दोस्तों, आपको आज की पोस्ट कैसी लगी, आज हमने आपको बताया बिंदास राजपूत स्टेटस और राजपूत/ राजपुताना स्टेटस बहुत आसान शब्दों में, हमने आज की पोस्ट में भी सीखा। आज मैंने इस पोस्ट में Latest Rajputana Status in Hindi सीखा। आपको इस पोस्ट की जानकारी अपने दोस्तों को भी देनी चाहिए। वे और सोशल मीडिया पर भी यह पोस्ट ज़रूर साझा करें। इसके अलावा, कई लोग इस जानकारी तक पहुंच सकते हैं। यदि आप हमारी वेबसाइट के नवीनतम अपडेट प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको हमारी Sahu4You वेबसाइट सब्सक्राइब करना होगा। नई तकनीक के बारे में जानकारी के लिए हमारे दोस्तों, फिर मिलेंगे ऐसे ही नई प्रौद्योगिकी की जानकारी के बारे में, हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद, और अलविदा दोस्तों आपका दिन शुभ हो। Read the full article
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🚩 प्राण दे दिए धर्म के लिए पर धर्म परिवर्तन नही किया, आइए जानते हैं बलिदान कि इस महान गाथा को.... 18 मई 2022
🚩मुगल काल में बलिदान के कई ऐसे किस्से हैं जिन्हें उंगलियों पर गिनाया जा सकता है औरंगजेब के समय में हिंदु���ं पर ऐसा कहर ढाया गया कि धरती कांप उठी और आसमान थराने लगा था जिहाद के नाम पर हिंदुओं को बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया जा रहा था औरंगजेब कि सेना को सरे राह जो भी हिंदु या सिक्ख मिलता उसे हिंदुत्व छोडऩे के लिए बाध्य किया जाता, इनकार करने पर उसे यातनाएं दी जाती और फिर उसका सिर कलम कर दिया जाता धर्म परिवर्तन के लिए हिंदुओं को बकरों की तरह काटा जाता था।
🚩औरंगजेब ने इस उद्देश्य के लिए कश्मीर को चुना क्योंकि उन दिनों कश्मीर हिन्दू सभ्यता एवं संस्कृति का गढ़ था वहाँ के पण्डित हिन्दू धर्म के विद्धानों के रूप में विख्यात थे औरंगजेब ने सोचा कि यदि वे लोग इस्लाम में आ जाएंगे तो बाकी अनपढ़ व मूढ़, सीधे सरल जनता को इस्लाम में लाना सहज हो जायेगा और ऐसे विद्वान समय आने पर इस्लाम के प्रचार में सहायक बनेंगे और जनसाधारण को दीन के दायरे में लाने का प्रयत्न करेंगे अतः उसने इफ़तखार ख़ान को शेर अफगान का खिताब देकर कश्मीर भेज दिया और उसके स्थान पर लाहौर का राज्यपाल, गवर्नर फिदायर खान को नियुक्त किया। लेकिन गुरु तेगबहादुर के पास जब कश्मीर से हिन्दू औरंगजेब के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने कि प्रार्थना करने आये तो वे उससे मिलने दिल्ली चल दिये।
🚩दिल्ली जाते समय मार्ग में आगरा में ही उनके साथ भाई मतिदास, भाई सतिदास तथा भाई दयाला को बन्दी बना लिया गया। इनमें से पहले दो सगे भाई थे। हिन्दू का स्वाभिमान नष्ट होता जा रहा था। उनकी अन्याय एवं अत्याचार के विरुद्ध प्रतिकार करने कि शक्ति लुप्त होती जा रही थी आगरे से हिन्दुओं पर अत्याचार कि खबर फैलते फैलते लाहौर तक पहुंच गयी हिन्दू स्वाभिमान के प्रतीक भाई मतिराम कि आत्मा यह अत्याचार सुन कर तड़प उठी उन्हें विश्वास था कि उनके प्रतिकार करने से उनके बलिदान देने से निर्बल और असंगठित हिन्दू जाति में नवचेतना का संचार होगा।
🚩भाई मतिराम तत्काल लाहौर से दिल्ली के लिए निकले लेकिन आगरे में इस्लामी मतांध तलवार के सामने सर झुकाए हुए मृत्यु के भय से अपने पूर्वजों के धर्म को छोडऩे को तैयार हिंदुओं को देखा और उन्होंने कायर हिन्दुओ को ललकार कर कहा- कायर कहीं के मौत के डर से अपने प्यारे धर्म को छोडऩे में क्या तुमको लज्जा नहीं आती ! भाई मतिराम कि बात सुनकर मतांध मुसलमान हंस पड़े और उससे कहाँ कि कौन है तू, जो मौत से नहीं डरता? भाई मतिराम ने कहाँ कि अगर तुझमें वाकई दम है तो मुझे मुसलमान बना कर दिखाओ।
🚩भाई मतिराम जी को बंदी बना लिया गया उन्हें अभियोग के लिए आगरे से दिल्ली भेज दिया गया।
🚩तब हाकिम ने बोला तो तुम्हे अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा तब मतिराम ने कहा कि मुझे धर्म छोडऩे कि अपेक्षा अपना शरीर छोडऩा स्वीकार है। हाकिम ने फिर कहा कि मतिराम फिर से सोच लो। मतिराम ने फिर कहा कि मेरे पास सोचने का वक्त नहीं हैं हाकिम, तुम केवल और केवल मेरे शरीर को मार सकते हो मेरी आत्मा को नहीं क्योंकि आत्मा अजर, अमर है। न उसे कोई जला सकता हैं न कोई मार सकता है मतिराम को इस्लाम कि अवमानना के आरोप में आरे से चीर कर मार डालने का हाकिम ने दंड दे दिया। चांदनी चौक के समीप खुले मैदान में लोहे के सीखचों के घेरे में मतिराम को लाया गया।
🚩भाई मतिराम को दो जल्लाद उनके दोनों हाथों में रस्से बांधकर उन्हें दोनों ओर से खींचकर खड़े हो गए, दोनों ने उनकी ठोड़ी और पीठ थामी और उनके सर पर आरा रखा। लकड़ी के दो बड़े तख्तों में जकड़कर उनके सिर पर आरा चलाया जाने लगा। जब आरा दो तीन इंच तक सिर में धंस गया तो काजी ने उनसे कहा – मतिदास, अब भी इस्लाम स्वीकार कर ले। शाही जर्राह तेरे घाव ठीक कर देगा। तुझे दरबार में ऊँचा पद दिया जाएगा और तेरी पाँच शादियाँ कर दी जायेंगी।
🚩भाई मतिदास ने व्यंग्यपूर्वक पूछा – काजी, यदि मैं इस्लाम मान लूँ तो क्या मेरी कभी मृत्यु नहीं होगी ? काजी ने कहा कि यह कैसे सम्भव है। जो धरती पर आया है उसे मरना तो है ही। भाई जी ने हँसकर कहा – यदि तुम्हारा इस्लाम मजहब मुझे मौत से नहीं बचा सकता तो फिर मैं अपने पवित्र हिन्दू धर्म में रहकर ही मृत्यु का वरण क्यों न करूँ ?
उन्होंने जल्लाद से कहा कि अपना आरा तेज चलाओ जिससे मैं शीघ्र अपने प्रभु के धाम पहुँच सकूँ। यह कहकर वे ठहाका मार कर हँसने लगे।
🚩काजी ने कहा कि वह मृत्यु के भय से पागल हो गया है। भाई जी ने कहा – मैं डरा नहीं हूँ। मुझे प्रसन्नता है कि मैं धर्म पर स्थिर हूँ। जो धर्म पर अडिग रहता है उसके मुख पर लाली रहती है; पर जो धर्म से विमुख हो जाता है, उसका मुँह काला हो जाता है। कुछ ही देर में उनके शरीर के दो टुकड़े हो गये। भाई मतिदास गुरू हर गोबिंद सिंह के शिष्य थे उनका जन्म पंजाब के जिला झेलम में ब्राह्मण परिवार में हुआ था अन्याय के खिलाफ उन्होंने गुरू हरगोविंद के साथ मिलकर कई लड़ाइयां लड़ी थीं उन्होंने निर्भीक होकर अपने प्राण दे दिए थे लेकिन इस्लाम को कबूल नहीं किया था
🚩औरंगजेब चाहता था कि गुरुजी भी मुसलमान बन जायें। उन्हें डराने के लिए इन तीनों को तड़पा-तड़पा कर मारा गया पर गुरुजी विचलित नहीं हुए।
🚩औरंगजेब ने सबसे पहले 9 नवम्बर, 1675 को भाई मतिदास को आरे से दो भागों में चीरने को कहा।
🚩अगले दिन 10 नवम्बर को उनके छोटे भाई सतिदास को रुई में लपेटकर जला दिया गया। भाई दयाला को पानी में उबालकर मारा गया। 11 नवम्बर को चाँदनी चौक में गुरु तेगबहादुर का भी शीश काट दिया गया।
🚩ग्राम करयाला, जिला झेलम (वर्तमान पाकिस्तान) निवासी भाई मतिदास एवं सतिदास के पूर्वजों का सिख इतिहास में विशेष स्थान है। उनके परदादा भाई परागा जी छठे गुरु हरगोविन्द के सेनापति थे। उन्होंने मुगलों के विरुद्ध युद्ध में ही अपने प्राण त्यागे थे। उनके समर्पण को देखकर गुरुओं ने उनके परिवार को ‘भाई’ की उपाधि दी थी। भाई मतिदास के एकमात्र पुत्र मुकुन्द राय का भी चमकौर के युद्ध में बलिदान हुआ था।
🚩भाई मतिदास के भतीजे साहबचन्द और धर्मचन्द गुरु गोविन्दसिंह के दीवान थे। साहबचन्द ने व्यास नदी पर हुए युद्ध में तथा उनके पुत्र गुरुबख्श सिंह ने अहमदशाह अब्दाली के अमृतसर में हरिमन्दिर पर हुए हमले के समय उसकी रक्षार्थ प्राण दिये थे। इसी वंश के क्रान्तिकारी भाई बालमुकुन्द ने 8 मई, 1915 को केवल 26 वर्ष की आयु में फाँसी पायी थी। उनकी साध्वी पत्नी रामरखी ने पति की फाँसी के समय घर पर ही देह त्याग दी।
🚩लाहौर में भगतसिंह आदि सैकड़ों क्रान्तिकारियों को प्रेरणा देने वाले भाई परमानन्द भी इसी वंश के तेजस्वी नक्षत्र थे।
🚩हिन्दू धर्म छोडऩे के लिए जब बकरों कि तरह काट दिए जाते थे इन्सान।
आखिर वामपंथी इतिहासकारो कि क्या मज़बूरी थी कि उन्होंने इन बातो का जिक्र इतिहास कि किताबो में नही किया ?
और ऐसे नीच मुगलों को महान बताया।
🚩किसी ने ठीक ही कहा है –
सूरा सो पहचानिये, जो लड़े दीन के हेत
पुरजा-पुरजा कट मरे, तऊँ न छाड़त खेत ।।
कहते हैं की प्रतिदिन सवा मन हिंदुओं के जनेऊ कि होली फूंक कर ही औरंगजेब भोजन करता था….!!
🚩आज हिंदुस्तान में मुगल काल के गुणगान हो रहे हैं इनके नाम कि सङके व इमारते हैं धिक्कार है उनको जो ऐसे क्रुर, हत्यारे म��गलों का गुणगान करते है।
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