*यह राजा और उसका परिवार एक बार फिर से जंगल पर राज करेगा!*
*शाहरुख़ खान, आर्यन खान और अबराम खान पहली बार एक साथ आए हैं डिज्नी की बहुप्रतीक्षित पारिवारिक मनोरंजन फिल्म "मुफ़ासा: द लायन किंग" के हिंदी संस्करण में अपनी आवाज देने के लिए!*
*निर्देशक बैरी जेनकिंस की "मुफ़ासा: द लायन किंग" भारत में 20 दिसंबर 2024 को अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज की जाएगी*
अब समय आ गया है जंगल के असली राजा मुफ़ासा: द लायन किंग की विरासत को जानने का, जिसे अब तक की सबसे बड़ी कास्टिंग के साथ हिंदी में पेश किया गया है, जिसमें *कोई और नहीं बल्कि दिग्गज शाहरुख खान और उनके बेटे आर्यन खान और अबराम हैं।* 2019 की ब्लॉकबस्टर लाइव-एक्शन द लॉयन किंग की सफलता के बाद, शाहरुख़ खान मुफ़ासा के रूप में वापस आ रहे हैं, दर्शकों को जंगल के असली राजा की उत्पत्ति में ले जाने के लिए। उनके साथ हैं उनके बच्चे, आर्यन के रूप में सिम्बा और अबराम के रूप में छोटे मुफ़ासा। इस साल की सबसे प्रतीक्षित रिलीज़, भव्य लाइव-एक्शन मुफ़ासा: द लायन किंग का हिंदी ट्रेलर जारी कर दिया गया है, जिसे भारतीय सिनेमा के बादशाह और उनके परिवार की गम्भीरता से समृद्ध किया गया है।
सवाना के दिल में इस अद्भुत यात्रा के लिए तैयार हो जाइए! इस साल की सबसे प्रत्याशित रिलीज़, दृश्यात्मक रूप से शानदार लाइव-एक्शन मुफ़ासा: द लायन किंग, का हिंदी ट्रेलर जारी हो गया है, जिसे भारतीय सिनेमा के किंग खान और उनके बच्चों की प्रभावशाली उपस्थिति से समृद्ध किया गया है।
इस सहयोग के बारे में बात करते हुए, *शाहरुख़ खान* कहते हैं, “मुफ़ासा की अद्वितीय विरासत है और वह जंगल के असली राजा के रूप में स्थापित हैं, जो अपने बेटे सिम्बा को अपनी समझ प्रदान करता है। एक पिता के रूप में उनसे गहराई से जुड़ता हूँ और फिल्म में मुफ़ासा की यात्रा से भी मेरा गहरा संबंध है। *‘मुफ़ासा: द लायन किंग’*, मुफ़ासा के बचपन से लेकर एक अद्भुत राजा बनने तक के जीवन को चित्रित करता है, और इस किरदार को फिर से निभाना असाधारण रहा है। यह मेरे लिए डिज्नी के साथ एक विशेष सहयोग है, खासकर इसलिए कि मेरे बेटे आर्यन और अबराम इस यात्रा का हिस्सा हैं और उनके साथ यह अनुभव साझा करना वास्तव में बहुत मायने रखता है।”
“उग्र मुफ़ासा सिर्फ एक काल्पनिक चरित्र नहीं है, वह एक ऐसी भावना का प्रतीक है जो पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है, और यही गुण हर कहानी में डिज़्नी लाने की कोशिश करता है। जब मुफ़ासा: द लायन किंग की घोषणा की गई थी, तो हम शाहरुख़ खान और आर्यन खान के अलावा किसी और को मुफ़ासा और सिम्बा के रूप में हमारी पारिवारिक मनोरंजन फिल्म में वापस नहीं देख सकते थे। अब, अबराम के कास्ट में शामिल होने के साथ, यह फिल्म हमारे लिए और भी खास बन गई है। हमारा प्रयास है कि लाखों भारतीय दर्शक इस अद्भुत कहानी को अपने परिवारों के साथ आनंद लें!” *डिज्नी स्टार के स्टूडियो हेड बिक्रम दुग्गल ने कहा।*
नए और प्रशंसकों के पसंदीदा पात्रों को जीवंत करते हुए और लाइव-एक्शन फिल्म निर्माण तकनीकों को फोटोरियल कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी के साथ मिलाते हुए, "मुफ़ासा: द लायन किंग" का निर्देशन बैरी जेनकिंस द्वारा किया गया है।
फिल्म के बारे में: "मुफासा: द लायन किंग" में राफ़िकी को प्राइड लैंड्स के प्रिय राजा के अप्रत्याशित उदय की कहानी सुनाने के लिए शामिल किया गया है। यह फिल्म एक अनाथ शावक मुफ़ासा को प्रस्तुत करती है, ताका नामक एक सहानुभूतिपूर्ण शेर—जो एक शाही वंश का उत्तराधिकारी है—और उनके साथ एक असाधारण समूह उनकी विस्तृत यात्रा का परिचय कराती है।
निर्देशक - बैरी जेनकिंस; मूल गीत: लिन-मैनुअल मिरांडा
अंग्रेजी आवाज़ें:
आरोन पियरे मुफासा हैं, डोनाल्ड ग्लोवर सिम्बा हैं और ब्रेलिन रैंकिन्स यंग मुफासा हैं।
*मुफासा: द लायन किंग 20 दिसंबर, 2024 को अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में भारतीय सिनेमाघरों में आएगी।*
फिल्म के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया फॉलो करें:
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समय बहुत बलबान है
समय बहुत बलबान है
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ये कहानी एक गरीब आदमी की है जो एक बार घूमता हुआ एक राज्य की राजधानी में पहुंच गया. जगह से बिलकुल अनजान था , वहां के लोगों से अनजान था। जिस दिन वह वहां पहुंचा उस दिन वहां एक समारोह हो रहा था , उत्सव चल रहा था. उस भीड़ में वो भी शामिल हो गया। लोगों से पूछने लगा की ये सब क्या चल रहा है। तो भीड़ में से एक ने बताया कि यहां पर समारोह चल रहा है उसने पुछा भाई क्या होता है इसमें? तो लोगों ने उसे बताया की अभी थोड़ी देर में शाही हाथी आएगा और इस रास्ते से गुजरेगा उसकी में सूंड में एक माला होगी और वह माला जिस व्यक्ति को पहना दी उसे इस राज्य का राजा अगले पांच साल के लिए बना दिया जाएगा. व
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ईद मिलादुन्नबी पर्व अदब, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। ईद मिलादुन्नबी पर्व अदब, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा। मुस्लिम समाज की तैयारियां जारी है। मस्जिद, मदरसा व घरों पर इस्लामी झंडे लग गए हैं। इस्लामी माह रबीउल अव्वल शरीफ पर मस्जिदों में ईद मिलादुन्नबी पर तकरीर हुई। पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान व फज़ीलत में क़सीदा पढ़ा गया। मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई।
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ़्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिए आइडियल हैं। सारी मखलूक़ अल्लाह की रज़ा चाहती है और अल्लाह पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की रज़ा चाहता है और आप पर दरूदो-सलाम भेजता है।
अल्लाह ने अपने नाम के साथ आपका नाम रखा, कलमा, अज़ान, नमाज़, क़ुरआन में, बल्कि हर जगह अल्लाह के नाम के साथ पैग़ंबर-ए-आज़म का नाम है। आपकी मोहब्बत के बग़ैर कोई मुसलमान नहीं हो सकता, क्योंकि आपकी मोहब्बत ईमान की शर्त है।
अक्सा मस्जिद शाहिदाबाद में मौलाना तफज़्ज़ुल हुसैन रज़वी ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म दुनिया के लिए रहमत, नूर आला नूर हैं। कयामत के दिन आप ही सबसे पहले उम्मत की शफ़ाअत फरमायेंगे, बंदों के गुनाह माफ करायेंगे, दर्जे बुलंद कराएंगे, इसके अलावा पैग़ंबर-ए-आज़म की और बहुत सी खुसूसियत है जिनकी तफ़सील क़ुरआन, हदीस व उलमा-ए-अहले सुन्नत की किताबों में मौजूद है।
बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म की तालीमात पर अमल करके हम दीन व दुनिया की कामयाबी हासिल कर सकते हैं। क़ुरआन व शरीअत के बताये रास्ते पर चलें। हर बुराई से दूर रहने के लिए नमाज़ की पाबंदी करें। मदरसे इल्म का मरकज़ है। तालीम खुद भी हासिल करें और बच्चों को भी तालीम दिलाएं।
गुलरिया जामा मस्जिद में मौलाना शेर मोहम्मद ने कहा कि क़ुरआन फरमा रहा है कि अगर कामयाबी चाहिए तो पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का कल्चर अपनाओ, पैग़ंबर-ए-आज़म का बताया हुआ रास्ता अपनाओ।
पैगंबर-ए-आज़म ने फरमाया कि ऐ लोगों! याद रखो, मेरे बाद कोई पैग़ंबर नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत नहीं। अत: अपने रब की इबादत करना। प्रतिदिन पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना।
रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना। हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञा पालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म की फरमाबरदारी और पैरवी करो। जो अल्लाह और उसके पैग़ंबर की फरमाबरदारी करेगा उसे सिर्फ कामयाबी ही नहीं ब्लकि अज़ीम कामयाबी मिलेगी।
सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि अल्लाह ने पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को तमाम कायनात से पहले अपने नूर की तजल्ली (प्रकाश) से पैदा फ़रमाया। अल्लाह ने तमाम पैग़ंबर, फरिश्ते, जमीन व आसमान, अर्श व कुर्सी तमाम जहान को पैग़ंबर-ए-आज़म अलैहिस्सलाम के नूर की झलक से पैदा फ़रमाया।
सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार में हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने कहा कि जब अरब जगत में आडंबर, सामाजिक बुराइयों, औरतों के खिलाफ हिंसा और नवजात बच्चियों की हत्या का दौर था।
अरब की सरजमीं पर मौजूद इन बुराइयों के खिलाफ पैग़ंबर-ए-आज़म ने आवाज़ उठ���ई तो उनकी राह में तरह-तरह की मुश्किलें पैदा की गईं, लेकिन अल्लाह के पैग़ंबर आगे बढ़ते चले गए। तमाम बुराईयों को खत्म कर दिया, इसीलिए आज पूरी दुनिया मोहसिन-ए-इंसानियत पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को सलाम करती नज़र आ रही है।
ग़ौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा कि इंसानियत और एक अल्लाह की इबादत का संदेश देने वाले पैगंबर-ए-आज़म समाज में औरतों को सम्मान एवं अधिकार दिए जाने की हमेशा पैरोकार रहे।
शाही जामा मस्जिद तकिया कवलदह में हाफ़िज़ आफताब ने कहा कि अल्लाह ने अपनी जात के बाद हर खूबी और कमाल का जामे पैग़ंबर-ए-आज़म को बनाया। अल्लाह ने अपने तमाम खजानों की कुंजियां पैग़ंबर-ए-आज़म को अता फरमा दीं। दीन व दुनिया की तमाम नेमतों का देने वाला अल्लाह है और बांटने वाले पैग़ंबर-ए-आज़म हैं।
नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना मो. असलम रज़वी ने कहा क़ुरआन-ए-पाक अल्लाह का कलाम है। यह एक मात्र किताब है जो सारी किताबों की सरताज है। यहां तक कि कयामत तक पैदा होने सारे सवालों का जवाब क़ुरआन-ए-पाक में है। दीन-ए-इस्लाम ने इस किताब के जरिए जो कानून अता किए हैं उनसे इंसानियत की हिफ़ाजत होती है और आदमियत का वकार बढ़ता है।
बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन क़ादरी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम पूरी इंसानी बिरादरी की हिफ़ाजत की बात करता है। पैग़ंबर-ए-आज़म की रहमत महज इंसानों के लिए ही नहीं है बल्कि बेजुबान जानवरों, परिंदों के हक में भी सरापा रहमत है।
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10+ TOP LANDON BEST TOURIST PLACE
लंदन को शायद दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित शहर कहा जा सकता है यह कि आज से भरपूर है और लंबे समय से शाही परिवार का कर रहा है यहां आने वाले पर्यटक इस की आधुनिक माहौल को पसंद करते हैं लेकिन इससे भी अधिक वे पुराने विश्व आकर्षक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं जिसे केवल तभी महसूस किया जा सकता है जो आप हंसते में शहर का दौरा करते हैं कहने की जरूरत नहीं यदि आप इस आकर्षक शेर की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो आपको लंदन में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह को देखने से नहीं झुकना चाहिए आप निश्चित रूप से एक अच्छे टूर के साथ घर वापस जाएंगे ।
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रॉ मैंगो: थ्री एस में बात कर रहे हैं
रॉ मैंगो: थ्री एस में बात कर रहे हैं
संजय गर्ग की नई फेस्टिव लाइन, रोमैंटिक्स, 18वीं सदी के रोकोको सौंदर्य से प्रेरणा लेती है और एक तरल प्रेम की खोज करती है
“यदि आपको प्रेम औषधि बनानी हो, तो उसकी गंध कैसी होगी?” गर्ग ने हंसते हुए मुझ पर अपनी सारी बातचीत में अपने सवालों से उसे धक्का देने का आरोप लगाया है, इसलिए मैं अपनी किस्मत को थोड़ा और आगे बढ़ाता हूं। सुगंध किसी व्यक्ति के सबसे बड़े कथनों में से एक है। जैसा कि दार्शनिक अक्सर कहते…
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जी टी रोड या उत्तर पथ
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देश की सबसे पुरानी सड़क जी.टी. रोड यानि कि ग्रांड ट्रंक रोड के नाम से जानी जाती है। इसे यह नाम अँग्रेजों ने दिया था।
हमें इतिहास की किताबों में पढ़ाया गया कि 'कलकत्ता से पेशावर' तक बनी इस सड़क को शेरशाह सूरी ने बनवाया था। जिसकी लम्बाई लगभग 2400 किलोमीटर की है। हैरत की बात यह है कि 1540 से 1545 तक मात्र पाँच वर्ष शासन करने वाले शेरशाह ने भला देश के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक इतनी लम्बी सड़क कैसे बनवा दी जबकि तब इतनी तकनीक और इतने संसाधन भी उपलब्ध न थे।
दरअसल सच्चाई यह है कि गुलाम कौम का कोई इतिहास नहीं होता है। वरना इतने मोटे मोटे तथ्य आँखों के सामने रहकर ओझल न होते।
उत्तरपथ और दक्षिणापथ का उल्लेख प्राचीन संस्कृत और प्राकृत ग्रंथों में किया गया था क्योंकि इस मार्ग का धार्मिक महत्व भी था। ईसा के जन्म से सात सौ साल पहले और शेरशाह के शासनकाल से बाइस सौ साल पहले महर्षि पाणिनी ने अष्टाध्यायी नामक ग्रंथ की रचना की थी जिसमें इस सड़क का जिक्र उत्तर पथ के नाम से है। यही नहीं चाणक्य ने भी अपनी पुस्तक में इस मार्ग का उल्लेख किया है। ये मार्ग दक्षिण एशिया के सबसे पुराने और लंबे मार्गों में से एक है, जो हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांग्लादेश के चटगांव से शुरू होकर लाहौर में से गुजरता हुआ अफगानिस्तान के काबुल तक जाता है।
इसे प्राचीन काल में उत्तरपथ कहा जाता था। यह मार्ग गंगा नदी के किनारे की बगल से होते हुए, गंगा के मैदान के पार, पंजाब के रास्ते से तक्षशिला को जाता था। ये प्राचीन भारत के दो प्रमुख मार्गों में से एक हुआ करता था। दूसरा मार्ग दक्षिणापथ था जो तमिलनाडु तक जाता था। दोनों मार्गों का उपयोग व्यापार, धर्म और लोगों के लिए किया जाता था। ये दोनों ही मार्ग का केंद्र इलाहाबाद और वाराणसी के बीच था जहाँ ये दोनों मार्ग जुड़ते थे।
उत्तरापथ सिर्फ एक भूमि मार्ग नहीं था क्योंकि इस मार्ग का जुड़ाव नदियों से जुड़े क्षेत्रों से था। ये मार्ग गंगा नदी के किनारे की बगल से होते हुए, गंगा के मैदान के पार, पंजाब के रास्ते से तक्षशिला को जाता था। इस रास्ते का पूर्वी छोर तमलुक में था जो गंगा नदी के मुहाने पर स्थित एक शहर है। भारत के पूर्वी तट पर समुद्री बंदरगाहों के साथ समुद्री संपर्कों में वृद्धि की वजह से मौर्य साम्राज्य के काल में इस मार्ग का महत्व बढा और इसका व्यापार के लिए उपयोग होने लगा। बाद में, उत्तरापथ शब्द का प्रयोग पूरे उत्तर मार्ग के प्रदेश को दर्शाने के लिए किया जाने लगा।
गौतम बुद्ध ने अपने पहले उपदेश के लिए सारनाथ स्थान को चुना था क्योंकि ये दोनों ही मार्गों का केंद्र बिंदु था। समृद्ध व्यापारियों, नौकरशाहों और शाही सदस्य अक्सर इस जगह पर जाते थे, इसलिए समाज के प्रभावशाली सदस्यों के बीच नए विचारों को लोकप्रिय बनाने के लिए ये सबसे अच्छी जगह थी। उत्तरापथ उत्तर-पश्चिम भारत में चला गया, भारत-गंगा मैदानों को पार कर बंगाल की खाड़ी में ताम्रलिप्ति बंदरगाह से जुड़ गया।
सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने यूनानी राजनयिक मेगस्थनीज की सलाह से इस राजमार्ग के रखरखाव के लिए अपने सैनिकों को विविध जगहों पर तैनात किया था। आठ चरणों में निर्मित यह राजमार्ग, पेशावर, तक्षशिला, हस्तिनापुर,कन्नौज, प्रयाग, पाटलिपुत्र और ताम्रलिप्त के शहरों को जोडने का काम करता था।
१६ वीं सदी में, इस मार्ग का ज्यादातर भाग शेर शाह सूरी द्वारा नए सिरे से पुनर्निर्मित किया गया था। तब इसे सड़क-ए-आजम नाम दिया गया। इसका अर्थ है- 'प्रधान सड़क'। अफगान सम्राट, शेर शाह सूरी ने संक्षिप्त अवधि के लिए ज्यादातर उत्तरी भारत पर शासन किया था। उसके मुख्य दो उद्देश्य थे-
प्रशासनिक और सैन्य कारणों के लिए अपने विशाल साम्राज्य के सुदूर प्रांतों को एक साथ जोड़ना
सासाराम, अपने गृहनगर के साथ, आगरा, अपनी राजधानी को जोड़ना परन्तु कम समय में ही शेर शाह सूरी का देहांत हो गया और सड़क-ए-आजम उनके नाम पर समर्पित कर दी गई।
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव वर्ष में हमें इन तथ्यों पर भी गौर करना पड़ेगा कि गुलाम मानसिकता से आजाद होकर तथ्यों के प्रकाश में अपने गौरवपूर्ण अतीत को अपनी नज़रों से देखें।
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शाही स्कूल और आम बच्चे
हुआ यूँ कि जंगल के राजा शेर ने ऐलान कर दिया कि अब आज के बाद कोई अनपढ़ न रहेगा। हर पशु को अपना बच्चा स्कूल भेजना होगा। राजा साहब का स्कूल पढ़ा-लिखाकर सबको Certificate बँटेगा।
सब बच्चे चले स्कूल। हाथी का बच्चा भी आया, शेर का भी, बंदर भी आया और मछली भी, खरगोश भी आया तो कछुआ भी, ऊँट भी और जिराफ भी।
FIRST UNIT TEST/EXAM हुआ तो हाथी का बच्चा फेल।
"किस Subject में फेल हो गया जी?"
"पेड़ पर चढ़ने में फेल हो गया, हाथी का बच्चा।"
"अब का करें?"
"ट्यूशन दिलवाओ, कोचिंग में भेजो।"
अब हाथी की जिन्दगी का एक ही मक़सद था कि हमारे बच्चे को पेड़ पर चढ़ने में Top कराना है।
किसी तरह साल बीता। Final Result आया तो हाथी, ऊँट, जिराफ सब फेल हो गए। बंदर की औलाद first आयी। Principal ने Stage पर बुलाकर मैडल दिया। बंदर ने उछल-उछल के कलाबाजियाँ दिखाकरगुलाटियाँ मार कर खुशी का इजहार किया।
उधर अपमानित महसूस कर रहे हाथी, ऊँट और जिराफ ने अपने-अपने बच्चे कूट दिये
नालायकों, इतने महँगे स्कूल में पढ़ाते हैं तुमको | ट्यूशन-कोचिंग सब लगवाए हैं। फिर भी आज तक तुम पेड़ पर चढ़ना नहीं सीखे।
सीखो, बंदर के बच्चे से सीखो कुछ, पढ़ाई पर ध्यान दो।
फेल हालांकि मछली भी हुई थी। बेशक़ Swimming में First आयी थी पर बाकी subject में तो फेल ही थी।
मास्टरनी बोली, “आपकी बेटी के साथ attendance की problem है।"
मछली ने बेटी को आँखें दिखाई।
बेटी ने समझाने की कोशिश की कि, *"माँ, मेरा दम घुटता है इस स्कूल में। मुझे साँस ही नहीं आती। मुझे नहीं पढ़ना इस स्कूल में। हमारा स्कूल तो तालाब में होना चाहिये न?
नहीं, ये राजा का स्कूल है। तालाब वाले स्कूल में भेजकर मुझे अपनी बेइज्जती नहीं करानी। समाज में कुछ इज्जत Reputation है मेरी। तुमको इसी स्कूल में पढ़ना है। पढ़ाई पर ध्यान दो।
हाथी, ऊँट और जिराफ अपने-अपने Failure बच्चों को पीटते हुए ले जा रहे थे।
रास्ते में बूढ़े बरगद ने पूछा, *"क्यों पीट रहे हो, बच्चों को?
जिराफ बोला, “पेड़ पर चढ़ने में फेल हो गए?"
बूढ़ा बरगद सबसे फ़ते की बात बोला, “पर इन्हें पेड़ पर चढ़ाना ही क्यों है ?"
उसने हाथी से कहा,”अपनी सूंड उठाओ और सबसे ऊँचा फल तोड़ लो।
जिराफ तुम अपनी लंबी गर्दन उठाओ और सबसे ऊँचे पत्ते तोड़-तोड़ कर खाओ।
ऊँट भी गर्दन लंबी करके फल पत्ते खाने लगा।
हाथी के बच्चे को क्यों चढ़ाना चाहते हो पेड़ पर?
मछली को तालाब में ही सीखने दो न?
दुर्भाग्य से आज स्कूली शिक्षा का पूरा Curriculum और Syllabus सिर्फ बंदर के बच्चे के लिये ही Designed है। इस स्कूल में 35 बच्चों की क्लास में सिर्फ बंदर ही First आएगा। बाकी सबको फेल होना ही है। हर बच्चे के लिए अलग Syllabus, अलग subject और अलग स्कूल चाहिये।
हाथी के बच्चे को पेड़ पर चढ़ाकर अपमानित मत करो। जबर्दस्ती उसके ऊपर फेलियर का ठप्पा मत लगाओ। ठीक है, बंदर का उत्साहवर्धन करो पर शेष 34 बच्चों को नालायक, कामचोर, लापरवाह, Duffer, Failure घोषित मत करो।
मछली बेशक़ पेड़ पर न चढ़ पाये पर एक दिन वो पूरा समंदर नाप देगी।
शिक्षा - अपने बच्चों की क्षमताओं व प्रतिभा की कद्र करें चाहे वह पढ़ाई, खेल, नाच, गाने, कला, अभिनय, BUSINESS, खेती, बागवानी, मकेनिकल, किसी भी क्षेत्र में हो और उन्हें उसी दिशा में अच्छा करने दें | जरूरी नहीं कि सभी बच्चे पढ़ने में ही अव्वल हो बस जरूरत हैं उनमें अच्छे संस्कार व नैतिक मूल्यों की जिससे बच्चे गलत रास्ते नहीं चुने ।
हमारी तथाकथित सभ्य समाज के अपनी संतान के प्रति शिक्षा को लेकर जो सोच है उसका सही उधारण सोच रही थी आज मिला। सोचा आपको भी बता दूं।
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366 सदर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत #बॉम्बे_पिज़्ज़ा_कॉर्नर बलुआघाट निकट शाही किला का संयुक्त उद्घाटन मैने और सपा अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश सचिव साजिद अलीम सभासद ने किया। इस अवसर पर सदफ हैदर सभासद, समाजसेवी शेर अफगन खान साहब,इमरान एराकी, राहिल और दानिश इकबाल सहित अन्य गण्यमान लोग मौजूद रहे। फर्म के मालिक मुन्ने राजा भाई को दिली मुबारकबाद अल्लाह करीम कारोबार में बरकत अता फरमाए। आरिफ हबीब सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी यूथ ब्रिगेड 🚲🇧🇾🇧🇾 #366सदर_विधानसभा_जौनपुर (at 366 सदर विधानसभा जौनपुर) https://www.instagram.com/p/CX6K3ERvuel/?utm_medium=tumblr
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लगभग 3 महीने हो चुके है, नरसिंहपुर में रहते हुए और अभी तक इतना सीखा! नरसिंहपुर की याद अधूरे इश्क की तरह है! चाहे फिर वो इतबारा बाजार की सकरी गलियां, जो तरह तरह की खुश्बू बिखेरे हुए, या फिर Hyderabadi के कबाब,तंदूरी या फिर बिरयानी की खुश्बू आपकी नाक में अभी तक घर किए हुए! खाने के बाद शाही टुकड़ा का लुफ्त उठाने कब मिलेगा फिर! कब मिलेगा पुराने बस stand की चटपटी गलियां, सदर की तड़कती भड़कती शामें दादा महाराज की हसीन राते। Tamasha से social, राजनीति से पक्की दोस्ती, अहाता बार से road side की चुस्कियां, जनपद की मस्ती,सराफा मार्केट की बस्ती Select area की walk, सिगरी नदी की ख़ाक वो सब पुरानी इमारतें,उनमें पनपता इश्क! Chandralok के पराठे,राजभोग के डोसे A 3 की भीनी खुशबू,कुल्हड़ चाय की दोस्ती यारी लाइब्रेरी के कच्चे इश्क,रंग बिरंगे सपने Shopping की भीड़ भाड़, इसके आगे भी है नरसिंहपुर यार... Mimt की बातें, pg में बीती रातें, Entry की लंबी लाइन,खाली ऑटो की फरमाइसे English मीडियम के munde, girls हॉस्टल की कुड़िया झिरना से लेके station की traffic वाली गलियां.. Narsinghpur dadamaharaj हाईवे की drives या फिर नरसिंहपुर सरकार कहे जाने वाले नरसिंह मंदिर की बातें. क्या क्या बयां करे,क्या क्या लिखे... Hariom hari के समोसे,या चौपाटी के chat मसाले ये नरसिंहपुर है –दिल से नरसिंहपुरिया लिखे, अधूरा इश्क लिखे, या अधूरी नज़्म लिखे। 'आखिर में एक शेर याद आ रहा' [[कौन जाए "boss" , नरसिंहपुर की गलियां छोड़कर]] ये नरसिंहपुर है, जनाब यहां सब कांड दवे में होते है।। . . . . . #narsinghpuriya #narsinghpuriya_____swag😉✌ #narsinghpur_wale_mp49 #apnansp #narsinghpur #instagram #poet #instagramquotes #storytelling #writer #writings #instagramwriters #hindipoetry #hindiwriter #shayri #follow #like (at Apna Narshingpur) https://www.instagram.com/p/CVxYmpCp6qU/?utm_medium=tumblr
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bangalore palace Amazing History And Architecture in hindi [2021]
bangalore palace
अदभुत वास्तुकला और सुंदरता का एक प्रतीक bangalore का शाही पैलेस अपने पुराने शाही वैभव के लिए जाना जाता हे । वर्तमान में यह bangalore palace बैंगलोर का प्रमुख आकर्षण हे।
bangalore के इस शाही महल को वर्ष 1878 में बनाया गया था। चामराजेंद्र वाडियार के ब्रिटिश माता-पिता ने 1873 में बैंगलोर सेंट्रल हाई स्कूल रेव जे गैरेट के प्रिंसिपल से अपने स्वयं के धन से इस शाही महल को ख़रीदा था । महल असाधारण रूप से विशाल है और 45,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है। आज हम जो आलिशान महल को देखते हे वो ट्यूडर और स्कॉटिश गॉथिक वास्तुकला के मिश्रण से बनाया गया हे। महल की लकड़ी की संरचना के साथ-साथ अंदर और बाहर सुंदर नक्काशी शाही संस्कृति को अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शित करती है।
जैसलमेर किले के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लीक करे।
bangalore के एक प्रमुख पर्यटन स्थल होने के साथ साथ यह महल विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, रॉक शो और विवाहों की मेजबानी भी करता है। लोक मान्यताओं के अनुसार राजा चामराजेंद्र वाडियार ने लंदन के विंडसर कैसल से महल के निर्माण की प्रेरणा ली थी। पैलेस के भूतल पर फ्लोरोसेंट नीली सिरेमिक टाइलों के साथ ग्रेनाइट की सीटें, एक परी कथा बॉलरूम, प्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा की पेंटिंग, बेल से ढकी दीवारें और पहली मंजिल पर दरबार हॉल ये सब मिलाकर बैंगलोर पैलेस बनता हैं।
महल की यात्रा आपको दक्षिण भारत के सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक के भव्य और भव्य वैभव को देखने का मौका देती है। भाषा के मुद्दों वाले लोगों की मदद करने के लिए इसके इतिहास को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए पैलेस के अंदर हिंदी और अंग्रेजी दोनों में एक ऑडियो टेप उपलब्ध है।
bangalore palace History
अभी जहा यह पैलेस खड़ा है वह भूमि मूल रूप से शहर के एक स्कूल प्रिंसिपल रेवरेंड जे गैरेट का था। चामराजेंद्र वाडियार के ब्रिटिश माता-पिता जोकि उन्हें पाल रहे थे इन्होने नाबालिग महाराज के पैसो से इस भूमि को ख़रीदा था ताकि उनकी शिक्षा और प्रसासनीय प्रशिक्षण आसानी से हो सके।
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अप्रैल 1874 में इस महल के निर्माण की शुरुआत की गई थी। लालबाग बनाने वाले जॉन कैमरन ने इस महल के भूनिर्माण की जिम्मेदारी ली थी । 1878 ई. के दौरान इस महल का प्रारंभिक निर्माण पूरा हो गया था । प्रारंभिक पूर्णता के बाद के वर्षों में कई परिवर्धन और सुधार किए गए। महाराजा जयचामराज ने अपने शासनकाल के दौरान दरबार हॉल के बाहर के हिस्से जोड़े। नवीनीकरण इसलिए हुआ ताकि महल में लंदन के विंडसर कैसल का सार हो सके जिसने राजा को दिया था।
bangalore palace का स्वामित्व कई कानूनी गतिविधियों से गुजरा है। वर्तमान में, यह मैसूर शाही परिवार के वंशज श्रीकांत दत्त नरसिम्हाराजा वाडियार के स्वामित्व में है। महल ने 2005 में जनता के लिए अपने दरवाजे खोले।
bangalore palace Architech
महल वास्तुकला की ट्यूडर शैली को दर्शाता है। बगीचे के साथ इसका परिसर 454 एकड़ में फैला हुआ है। महल के अंदरूनी हिस्से पर प्रोफाइल, कंगनी और लकड़ी की नक्काशी है। अंदर के कई भौतिक तत्व ब्रिटेन से आयात किए जाते हैं। अंग्रेजों द्वारा वाडियारों को उपहार, दीवारों पर लाल और सफेद रंग में चित्रित हथियारों का एक कोट। इसमें पौराणिक छाप और जटिल पुष्प डिजाइन शामिल हैं। बीच में पागल भेरुंडा, एक पौराणिक दो सिर वाला पक्षी है, जबकि दूसरी तरफ एक पौराणिक जानवर है, जिसमें हाथी और शेर दोनों के सिर हैं, जो राजत्व और शक्ति का प्रतीक है।
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दो-स्तरीय ग्रेनाइट महल की आंखों में देखी जाने वाली कुछ विशेषताओं में गढ़वाले टॉवर, ढहती दीवारें, महल के मैदान, बॉलरूम और ट्यूडर और स्कॉटिश इमारतों के अन्य वास्तुशिल्प तत्व शामिल हैं। प्रवेश द्वार पर रोमन मेहराब अपने आगंतुकों का स्वागत करते हैं। छत को राहत चित्रों से सजाया गया है और महल के अंदर के फर्नीचर में विक्टोरियन, नव-शास्त्रीय और एडवर्डियन शैलियों का स्पर्श है। महल में 35 कमरे हैं और भूतल पर एक खुला आंगन है जिसमें फ्लोरोसेंट नीली सिरेमिक टाइलों से सजाए गए ग्रेनाइट सीटें हैं।
बैंगलोर पैलेस का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा दरबार हॉल है जो पहली मंजिल पर है। हॉल में एक विशाल हाथी का सिर है। इसके अलावा, गोथिक शैली से लिया गया, इसमें एक तरफ कांच की खिड़कियां हैं। दीवारों पर पीला रंग काफी प्रमुख है। हॉल में लगा सोफा भी उसी रंग का है। दूसरे छोर पर स्क्रीन उस क्षेत्र को अलग करती है जहां महिलाएं विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए बैठी थीं।
bangalore palace में 19वीं और 20वीं सदी की कई प्रसिद्ध पेंटिंग हैं। इसमें प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार राजा रवि वर्मा का काम शामिल है। महल की एक और आकर्षक विशेषता शक्तिशाली वाडियार राजवंश की विभिन्न पीढ़ियों को चित्रित करने वाले चित्रों का व्यापक संग्रह है। यह सदियों से बैंगलोर के विकास की एक झलक भी देता है।
यहाँ सब कुछ सहज आर्क-डेको डिज़ाइन का दावा करता है।
महल के चारों ओर फैले मैदान कभी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मेजबान हुआ करते थे। बैकस्ट्रीट बॉयज़, डॉन मोएन, डेविड गेटा, एल्टन जॉन, लैम्ब ऑफ़ गॉड, एकॉन, द ब्लैक आइड पीज़, डीप पर्पल, द रोलिंग स्टोन्स, मेटालिका, रोजर वाटर्स, एनरिक इग्लेसियस जैसी कई अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों की अपनी सीमाएँ हैं। लेकिन, सरकार और मैसूर शाही परिवार के बीच कानूनी विवाद के बाद, ये आधार अब व्यावसायिक उपयोग में नहीं हैं। शाही परिवार के करीबी दोस्त या उनसे जुड़ी कंपनियां ही यहां किसी भी तरह के आयोजन का आयोजन करती हैं। इसके बाद, द फन वर्ल्ड खुद को मनोरंजन पार्क पैलेस ग्राउंड परिसर में पाता है। बच्चों के पसंदीदा इस पार्क में रोजाना अच्छी संख्या में लोग आते हैं।
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सऊदी शाही परिवार ने डोनाल्ड ट्रम्प को उपहार के रूप में नकली विदेशी जानवरों की खाल दी: रिपोर्ट | विश्व समाचार
सऊदी शाही परिवार ने डोनाल्ड ट्रम्प को उपहार के रूप में नकली विदेशी जानवरों की खाल दी: रिपोर्�� | विश्व समाचार
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम को बेहद अमीर सऊदी शाही परिवार द्वारा दिया गया तोहफा नकली निकला है. ट्रंप और उनकी टीम कथित तौर पर शानदार तेंदुए और शेर की खाल पहने हुए थे।
खाल के अलावा, सउदी ने तीन तलवार और तीन खंजर सहित अन्य महंगे उपहार दिए, और एक खंजर के पास हाथी दांत जैसा दिखने वाला एक हैंडल था। लेकिन, वे सभी नकली हैं, न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में कहा।
2017…
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कांग्रेस को मजबूत करने के लिए बूथों को मजबूत करना बेहद जरूरी - रमोला
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कांग्रेस को मजबूत करने के लिए बूथों को मजबूत करना बेहद जरूरी - रमोला
बुधवार को ऋषिकेश विधानसभा की गौहरी माफ़ी ग्रामसभा में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर बूथ कमेटी के गठन की प्रकिया को लेकर कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित कर संगठन की मज़बूती को लेकर बैठक की । जिसके तहत आज वरिष्ठ जनों के साथ साथ युवाओं के साथ भी संवाद किया गया और उनसे कई महत्वपूर्ण सुझाव भी लिये गये व मेरा बूथ सबसे मज़बूत नारे के साथ बूथ के हर कार्यकर्ता को बूथ स्तर पर कांग्रेस की मज़बूती को लेकर टास्क दिये गये हैं साथ ही संगठन की ओर से ये भी कहा गया कि जिस भी बूथ में चुनाव के दौरान व पोलिंग में सबसे अच्छी पोलिंग होगी में उनको पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से सम्मानित करने का कार्य किया जायेगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्ण रूप से तैयार है बूथ से लेकर अपने जमीनी कार्यकर्ताओं तक हम हर मोर्चे पर चुनावी तैयारियों में जुटे हैं और आने वालों चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिये कांग्रेस के नये कार्यकर्ताओं को बूथों की जानकारी व उन्हें उनके बूथों पर उनकी कार्यशैली को देखते हुए जिम्मेदारी देने तैयार किया जा रहा है कांग्रेस को मजबूत करने के लिए बूथों को मजबूत करना बेहद जरूरी हैं इसी लिए हमारा संकल्प है कि युवाओं और महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस से जोड़कर उन्हें आने वाले चुनाव में अपने विपक्षी दलों से कैसे लड़ना है उसके बारे मे पूर्ण रूप से बताया व सुझाव लिए जा रहे है ।
ज़िला बूथ प्रभारी गजेन्द्र विक्रम शाही ने कहा कि आज वरिष्ठ जनों के साथ युवाओं को राजनीति में आगे आकर कार्य करने की आवश्यकता है और चुनाव के समय हर बूथ पर सबसे अधिक संख्या में युवाओं की भागीदारी रहनी चाहिये व बूथों पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हुजूम होना चाहिये ताकि सभी बूथों पर कांग्रेस चुनाव जीत कर आगे बढ़े ।
बैठक में राजाराम कोठियाल, शेर सिंह रांगढ, जगवीर नेगी, मनदीप बगियाल, देव सेमवाल, त्रिलोक सिंह नेगी, धर्म सिंह नेगी, दिलराम नौटियाल, दिनेश सिंह नेगी, शिव सिंह नेगी, जितेन्द्र सिंह, हिमांशु , आदित्य आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे ।
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चमकीले चूज़े Chamkeele Chuze Lyrics – Dino James, Girish Nakod
Chamkeele Chuze Lyrics in Hindi, English by Dino James. The song features Girish Nakod. The lyrics for the song are written by Dino James. The music is given by Nilesh Patel.
Song Details
Composed, Written & Performed: Dino James
Featuring: Girish Nakod
Music: Nilesh Patel
Chamkeele Chuze Lyrics -- Dino James
Sab khade ho jaao aa rahe hain shaahi log
Zaahilon tum talent ko to thoda side do
Chanda mama se bhi dikhte famous bhai log
By god hai desh ko kaafi inse high hopes
Tum dheeme seedi chadho aur ye seedha by road
Why bro hunar pe itni mehnat kaahe ko
250 ka tripod aur nalla iPhone
Leke psychopanthi karo aur ban jaao icon
Yahaan khoob namune beta bhare pade zoo mein
Sabi dhoom macha rahe yahaan pe hare bhare chuze
Jaise vroom bhaga rahe ye to aadi tedi bullet
Inke jhund ko dekhko chhote bani meri dhunn hai
Socho umar se badi badi batein kahein munh se
Cartoon ke jaise funny saare ye namune
Monsoon mein jaise mushroom yahaan
Bas ghoom rahe hain jo jungli paudhe ugge
Kisi ko bhi padhna nahi hai
Bachchon ko janta chahiye
Mom bole dhanda sahi hai
Bachpan jaye waanda nai hai
Hai 14 saal aur 9 din
Umar khaane ki poppins
Par chhoti kar rahi twerking
Maze udaa rahi audience
Thoda side ho jaao saare celeb hain ye sir
Bhaiya chup to sahi hai munh khola to gatar
Par karte kya hain sab kar rahe search
Tough hai kehna ye naari hain ya nar
Sher bane ghoome chal bhaag be gidad
Dher hain gharo mein mere lakht-e-jijar
Din din syringe se bharte cringe
Star hai khudi mein par hain saste Bieber
Upar se chamke kala se hain ye door
Karte kuch nai bas phokat mein mashoor
Bacche saare hain ye kaafi jaldi mein
Bade pyare hain ye chuze chamkeele
Chuze chamkeele, chooje chamkeele
Chuze chamkeele, chooje chamkeele
Chuze chamkeele, chooje chamkeele
Chuze chamkeele, chooje chamkeele
Youtubers ke videos mast hain sir
Tabhi khoob badhe hain dekho subscriber
Par stage pe aate hi pakta hai sir
Tabhi sab rapper tabhi sab hyper
Tabhi review wale rappers hain
Vloger bhi rapper hain
Sab sab sab sab rapper hain
Main kuch aur kar loon behtar hai
Saare kids of today tiktok chuze
Shit bahut tube pe beech chowk moote
Peacock ghoome big talk munh se
Sick of stupids switched off loose heads
Hip hop okay mittron notice
Vishwas karo please theek thaak jyotish
Cute bohat chhokre kyun fast no pace
Too smart oh please munh hath dho le
Too hard kosish hoon baap ghoshit
You are so cheap doon short notice
Jhootha so deep chooha so sweet
Tu ja roadies doon kya coaching
Chu*iye chuze two faced too fake
New day new craze
Uff yeh fukre udte jhoote
Chutde sooje utre bhoot pret
Sudhre roop dekh
Aaj milna chahta hoon kyun ki kal tu chhoo
Gale miloonga par lagoonga nai munh
Hai ye rude thoda qasam se par hai true
Bura lagega but there is nothing you can do
Upar se chamke kala se hain ye door
Karte kuch nai bas phokat mein mashoor
Bacche saare hain ye kaafi jaldi mein
Bade pyare hain ye chuze chamkeele
Chuze chamkeele, chooje chamkeele
Chuze chamkeele, chooje chamkeele
Chuze chamkeele, chooje chamkeele
Chuze chamkeele, chooje chamkeele
Tik-toker mujhe pyaar to kar
Ae tik-toker mujhe pyaar to kar
Ae tik-toker
Haha chu*iye
Music Video of the Song Chamkeele Chuze by Dino James
चमकीले चूज़े Chamkeele Chuze Lyrics in Hindi -- Dino James
सब खड़े हो जाओ आ रहे हैं शाही लोग
जाहिलों तुम टैलेंट को तो थोड़ा साइड दो
चंदा मामा से भी दिखते फ़ेमस भाई लोग
बाई गॉड हैं देश को काफ़ी इनसे हाई होप्स
तुम धीमे सीधी चढ़ो
और ये सीधा बाई रोड़
वाई ब्रो हुनर पे इतनी मेहनत काइको
ढाई सौ का ट्राइपॉड
और नल्ला आइफ़ोन
लेके साईकोपंती करो
और बन जाओ आइकॉन
यहाँ ख़ूब नमूने बेटे बारे पड़े ज़ू में
सभी धूम मचा रहें यहाँ हरे-भरे चूज़े
जैसे व्रूम भाग रहे ये तो आदि टेडी बुलेट इनकी
सोचो उम्र से बड़ी बड़ी बातें कहे मुँह से
कार्टून के जैसे फ़नी ये नमूने
मानसून में जैसे मशरूम
यहाँ बस घूम रहे हैं जो जंगली पोधे उगे
किसी को भी पढ़ना नहीं है
बच्चों को जनता चाहिये
मोम बोले धँदा सही है
बचपन जाए वंदा नहीं है
है चौदह साल और नौ दिन
उम्र खाने की पोप्पिंस
पर छोटी कर रही टवेर्किंग
मज़े उड़ा रही ऑडीयन्स
थोड़ा साइड हो जाओ
सारे सेलिब हैं ये सर
भैया चुप तो सही हैं
मुँह खोला तो गुटर
पर करते हैं क्या
सब कर रहे हैं सर्च
टफ़ है कहना
ये नारी है या नर
शेर बने घूमें चल भाग बे गीदड़
ढेर है घरों पे मेरे लख़त-ए-ज़िगर
दिन दिन सीरिज़ से भरते क्रिंज
स्टार्ट है खुदी में
पर हैं सस्ते बीबर
ऊपर से चमके कला से हैं ये दूर
करते कुछ नहीं बस फोकट में मशहुर
बच्चे सारे हैं ये काफ़ी जल्दी में
बड़े प्यारे हैं ये चूज़े चमकीले
चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले
चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले
चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले
चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले
यूटूबर्स के विडीओ मस्त है सर
तभी ख़ूब बड़े हैं देखो सब्स्क्राइबर
पर स्टेज पर आते ही पकता है सर
तभी सब रैपर तभी सब हाइपर
तभी रिव्यू वाले रैपर हैं
व्लोगर भी रैपर है
सब सब सब सब रैपर हैं
मैं कुछ और कर लूँ बेहतर है
सारे किड्स अव टुडे
टिकटोक चूज़े
शिट बहुत टीऊब पे
बीच चौक मूते
पीकॉक घूमें
बिग टॉक मुँह से
सिक अव स्टूपिड़स
स्विच्ड़ ऑफ़ लूस हेड्ज़
हिप हॉप ओके
मित्रों नोटिस
विश्वसस करो प्लीज़
ठीक-ठाक ज्योतिष
क्यूट भूत छोकरे
क्यूँ फ़ास्ट नो पेस
टू स्मार्ट ओह प्लीज़
मुँह हात धोले
टू हार्ड कोसिश
हूँ बाप घोषित
यू आर सो चीप
दूँ शॉर्ट नोटिस
झूटा सो ड़ीप
चूहा सो ��्वीट
तू जा रोडीज़
दूँ क्या कोचिंग
चुतिये चूज़े
टू फ़ेस्ट टू फ़ेक
न्यू डे न्यू क्रेज़
उफ़्फ़ ये फ़ूकरे
उड़ते झूते
चूतड़े सूजे
उरते भूत प्रेत
सुधरे रूप देख
आज मिलना चाहता हूँ क्यूँकि कल तू छू
गले मिलूँगा पर लगाउँगा नी मुँह
है ये रुड़ थोड़ा क़सम से पर है ट्रू
बुरा लगेगा बट देयर’ज़ नथिंग यू केन डू
ऊपर से चमके कला से हैं ये दूर
करते कुछ नहीं बस फोकट में मशहुर
बच्चे सारे हैं ये काफ़ी जल्दी में
बड़े प्यारे हैं ये चूज़े चमकीले
चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले
चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले
चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले
चूज़े चमकीले, चूज़े चमकीले
ऐ टिकटोकर
मुझे प्यार तो कर
ऐ टिकटोकर
मुझे प्यार तो कर
ऐ टिकटोकर
हाँ हाँ चू..
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source https://chai-pe-charcha.com/chamkeele-chuze-lyrics-dino-james/
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राजपूत के लिए शायरी 2020 - Rajputana Status in Hindi
राजपूत स्टेटस - (Rajputana Status in Hindi) आज के इस लेख में हम आपके लिए Best Collection Of Rajput Status लेकर आएं है जिसमे राजपूतों के लिए राजपूत स्टेटस और शायरी व कोट्स का एक बेहतरीन संग्रह यहाँ से पढ़ सकते है, New Rajput Attitude Status के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े जहाँ आपको नए नए राजपूतो पर आधारित स्टेटस और शायरी मिलती रहेगी।
Best Rajputana Attitude Status or Shayari in Hindi
अगर आपने राजपूत स्टेटस Rajput Status और Rajputana Shayari के लिए गूगल में सर्च किया है तो यकीन मानिये आप बिलकुल सही पोस्ट को पढ़ रहें है, यहाँ आपको राजपूताना स्टेटस, ठाकुर साहब स्टेटस, रॉयल बन्ना और बाइसा के लिए बहुत अच्छे-अच्छे स्टेटस और शायरी पढ़ने को मिलेगी, जिससे आप Whatsapp, Facebook और Instagram पर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है।
Best Rajputana Status in Hindi (Rajput Status 2019)
शाही राजपूताना अंदाज में जीवन यापन करने वाले राजपूतो के लिए रॉयल राजपूताना स्टेटस और राजपुताना शायरी का सबसे अच्छा संग्रह लेकर आये है, राजपूतों की आन-बान-शान, टशन भरी जिन्दगी को लेकर यह स्टेटस बनाये है तो अगर आप सच्चे राजपूत है तो इससे अपने दोस्तों के साथ जरूर फेसबुक पर व्हाट्सप्प पर शेयर करें।
धोखेबाज दोस्त पर शायरी - Dhokebaaz Dost Shayari in Hindi
एटीट्यूड स्टेटस हिंदी में - Attitude Status in Hindi
भगत सिंह निबंध - शहीद दिवस पर भाषण
Rajput Whatsapp Status in Hindi
ठण्ड उनको लगती है जिनके कर्मो में दाग है, हम तो राजपूत हैं, हमारे खून में भी आग है
पुत्र मैं माँ भवानी का मुझ पर किसका जोर, काट दूंगा हर वो सर को जो उठा राजपूताना की ओर
हकूमत दूसरों के दम पर तो कोई भी कर ले, जो अपने दम पर छा जाए वो हम हैं
Royal Hindi Rajput Status
पंगा लेना गोली की रफ़्तार से, पर कभी मत टकराना राजपूत की तलवार से
जिनके चर्चे दूर तलक दिखते हैं, हम वही राजपूत हैं जिनके अंदाज अलग दिखते हैं
आँखे न दिखा हमको, हम वो राजपूत हैं जो आँखे निकाल लिया करते हैं
Rajput Ke Whatsapp Status
हम मचलते हैं तो तूफ़ान मचल जाते हैं, हम बदलते हैं तो इतिहास बदल जाते हैं
माशूका नहीं हूँ जो बेवफाई करूँगा, तेज तलवार हूँ सिर्फ तबाही करूँगा
हमारी रगों में वो खून दौड़ता है, जिसकी एक बूंद अगर तेजाब पर गिर जाए तो तेजाब जल जाये
Rajput Best Status in Hindi
हम तो राजपूत शेर हैं, हमें नजदीक से देखने की इज़ाज़त, तो सरकार भी नहीं देती
जिस शहर में तुम्हें मकान कम और शमशान ज्यादा मिलें, समझ लेना वहां किसी ने राजपूत से आँख मिलाने की जुर्रत की है
तमंचा तो सिर्फ शौक के लिए है, खौफ के लिए तो नाम ही काफी है
Attitude Rajput Status in Hindi
राजपूत से दोस्ती कर लो तो जन्नत मिल जाएगी, मगर दुश्मनी की तो छिपने के लिए पूरी दुनिया कम पड जाएगी
जब तक हमारे सर पर ऊपर वाले की रहमत रहेगी, भगवान कसम हर बन्दे में राजपूत नाम की दहशत रहेगी
हमारी गिनती शरीफों में की जाती है, अगर कोई पहले ऊँगली न करे तो… जय राजपूताना
Best Rajputana Attitude Status or Shayari in Hindi
Rajputana Whatsapp Status
कागजो पर तो अदालते चलती है, हम तो रॉयल Rajput छोरे है, फैसला on the spot करते है !!
पुत्र मैं माँ भवानी का मुझ पर किसका जोर, काट दूंगा हर वो सर को जो उठा राजपूताना की ओर !!
राजपूत के जीने का तरीका थोड़ा अलग है, हम उमीद पर नहीं अपनी जिद पर जीते है !!
Rajputana Royal Hindi Status
राजपूत की जूती और राजपूत के दुश्मनो में कुछ भी फर्क नहीं है, क्योंकि जूती और दुश्मन दोनों राजपूत के पैरों नीचे ही रखते हैं !!
राजपूत की जिन्दगी जीने के लिए नसीब लगता है, वर्ना हीरो की जिन्दगी तो कोई भी जीता है !!
हकूमत दूसरों के दम पर तो कोई भी कर ले, जो अपने दम पर छा जाए वो राजपूत हैं हम !!
Rajput Rajputana Status Shayari
पंगा लेना गोली की रफ़्तार से पर कभी मत टकराना राजपूत की तलवार से !!
औकात की बात मत कर पगली, राजपूत है हम तो इंटरनेट भी मेन बेलेंस पर चलाते है !!
जिनके चर्चे दूर तलक दिखते हैं, हम वही राजपूत हैं जिनके अंदाज अलग दिखते हैं !!
High Attitude Rajput Status Shayari
राजपूत है हम बंदूक और गिटार दोनों चलाना जानते है, तय तुम्हे करना हे की तुम कौन सी धुन पर नाचोगी !!
आँखे न दिखा हमको, हम वो राजपूत हैं जो आँखे निकाल लिया करते है !!
दशहत बनाओ तो राजपूत जैसी वरना, खाली डराना तो कुत्ते भी जानते है !!
Proud To Be Rajput Status Shayari
माशूका नहीं हूँ जो बेवफाई करूँगा, तेज तलवार राजपूत हूँ सिर्फ तबाही करूँगा !!
जिस दिन राजपूतों की सरकार बन गई ना तो अयोध्या में राम मन्दिर क्या पाकिस्तान में भी माँ भवानी का थान बना देगें !!
हमारी रगों में वो खून दौड़ता है, जिसकी एक बूंद अगर तेजाब पर गिर जाए तो तेजाब जल जाये !!
Rajputana Attitude Status in Hindi: Royal Rajput Status
Thakur Status in Hindi
देख पगली Iphone का Cover और हमारा तेवर झेलने की तेरी औकात नहीं !!
हर किसी को ख़ुश रख सके वो सलीका हमें नहीं आता, जो हम नहीं है, वो दिखने का तरीका हमें नहीं आता !!
अपना Attitude उस Revolver की तरह है, जिसे देखते ही लोगों की फट जाती है !!
Rajput Baisa Status in Hindi
हम सल्तनत देख कर दोस्ती नहीं करते और परिणाम सोचकर दुश्मनी नहीं करते !!
जंगल में शेर की दहाड़ ही काफी है और शहर में हमारा नाम ही काफी है। #Rajput
याद रखना जितनी गहरी #राजपूत की मोहब्बत होती है, उतनी गहरी दुश्मनी भी होती है।
Rajput Love Status in Hindi
रावले के दरबार कभी झुकते नहीं, और राजपूती शान के चर्चे कभी रखते नहीं !!
दुश्मनों को उजारने के लिए बन्ना को तूफान की जरुरत नहीं, बन्ना अपने आप में एक बवंडर है !!
ठण्ड उनको लगती है जिनके कर्मो में दाग है, हम तो राजपूत हैं, हमारे खून में भी आग है !!
Rajputana Attitude Shayari Status
हमारे संस्कार हमें झुकना जरूर सिखाते है, पर किसी की अकड़ के आगे नहीं _जय राजपूत_एकता !!
बड़े-बड़े धमाके करने वाला फौलाद हूँ, सोच समझ कर बोलना बेटे.. राजपूत की औलाद हूँ !!
राजपूत है हमें मौत भी पीछे से धोखा देकर आती है, दुश्मनों की क्या औकात जो सामने से वार करे !!
Whatsapp Rajput Status in Hindi
माचिस तो यूं ही बदनाम है, राजपूतों के तेवर तो आज भी आग लगाते है.
हमारी गुस्ताखी की हद मत पूछ, हम #राजपूत है, जमीं पर पैर रखकर आसमान #कुचल देते है.
राजपूत के तेवर का पैमाना नाप सके, तेरी औकात के थर्मामीटर में इतनी #Degree ही कहा.
Royal Rajputana Status in Hindi
हीरे की चमक और राजपूत का #Attitude कभी कम नहीं होता।
ज्यादा गर्म मत हो मैं राजपूत हूं लोहे को भी पिघला देता हूं।
जमाना बदल गया, इतिहास बदल गया लेकिन राजपूत का #Attitude ना कभी बदला है, ना कभी बदलेगा।
लोग Style में रहने के लिए क्या पता क्या-क्या करते है, मैं राजपूत हूं मेरे तो तेवर ही काफी है।
इस तरह ना देख पगली आंखों में बस जाऊंगा, राजपूत हूं रगों में उतर जाऊंगा।
Thakur Attitude Status in Hindi
जितनी पीने के बाद तुम्हारा नशा नहीं उतरता, उतने में तो हमारी मूंछ के भी नशा नहीं चढ़ता। #Rajput
तेवर से हमारे आज भी अंगारे बरसते है क्योंकि खून आज भी खानदानी है।
तू इश्क है मेरा इसलिए दूर है वरना ज़िद होती तो शाम तक बाहों में होती।
ललकार मत, #राजपूत हूं मुड़ के देख लिया तो लाल-पीला सब एक साथ हो जाएगा।
मुबारक हो तुम्हें तुम्हारा हुस्न, हमारे तो तेवर ही हमारी शान है। #Rajput
भाई पर बेहतरीन हिंदी स्टेटस - Brother Status in Hindi
होली त्यौहार पर शायरी - Happy Holi Shayari in Hindi 2019
सैमसंग सीक्रेट कोड की सूची - 100+ गुप्त कोड
निष्कर्ष:
जी हाँ दोस्तों, आपको आज की पोस्ट कैसी लगी, आज हमने आपको बताया बिंदास राजपूत स्टेटस और राजपूत/ राजपुताना स्टेटस बहुत आसान शब्दों में, हमने आज की पोस्ट में भी सीखा।
आज मैंने इस पोस्ट में Latest Rajputana Status in Hindi स��खा। आपको इस पोस्ट की जानकारी अपने दोस्तों को भी देनी चाहिए। वे और सोशल मीडिया पर भी यह पोस्ट ज़रूर साझा करें। इसके अलावा, कई लोग इस जानकारी तक पहुंच सकते हैं।
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नई तकनीक के बारे में जानकारी के लिए हमारे दोस्तों, फिर मिलेंगे ऐसे ही नई प्रौद्योगिकी की जानकारी के बारे में, हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद, और अलविदा दोस्तों आपका दिन शुभ हो।
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शाही स्कूल और आम बच्चे
हुआ यूँ कि जंगल के राजा शेर ने ऐलान कर दिया कि अब आज के बाद कोई अनपढ़ न रहेगा। हर पशु को अपना बच्चा स्कूल भेजना होगा। राजा साहब का स्कूल पढ़ा-लिखाकर सबको Certificate बँटेगा।
सब बच्चे चले स्कूल। हाथी का बच्चा भी आया, शेर का भी, बंदर भी आया और मछली भी, खरगोश भी आया तो कछुआ भी, ऊँट भी और जिराफ भी।
FIRST UNIT TEST/EXAM हुआ तो हाथी का बच्चा फेल।
"किस Subject में फेल हो गया जी?"
"पेड़ पर चढ़ने में फेल हो गया, हाथी का बच्चा।"
"अब का करें?"
"ट्यूशन दिलवाओ, कोचिंग में भेजो।"
अब हाथी की जिन्दगी का एक ही मक़सद था कि हमारे बच्चे को पेड़ पर चढ़ने में Top कराना है।
किसी तरह साल बीता। Final Result आया तो हाथी, ऊँट, जिराफ सब फेल हो गए। बंदर की औलाद first आयी। Principal ने Stage पर बुलाकर मैडल दिया। बंदर ने उछल-उछल के कलाबाजियाँ दिखाकरगुलाटियाँ मार कर खुशी का इजहार किया।
उधर अपमानित महसूस कर रहे हाथी, ऊँट और जिराफ ने अपने-अपने बच्चे कूट दिये
नालायकों, इतने महँगे स्कूल में पढ़ाते हैं तुमको | ट्यूशन-कोचिंग सब लगवाए हैं। फिर भी आज तक तुम पेड़ पर चढ़ना नहीं सीखे।
सीखो, बंदर के बच्चे से सीखो कुछ, पढ़ाई पर ध्यान दो।
फेल हालांकि मछली भी हुई थी। बेशक़ Swimming में First आयी थी पर बाकी subject में तो फेल ही थी।
मास्टरनी बोली, “आपकी बेटी के साथ attendance की problem है।"
मछली ने बेटी को आँखें दिखाई।
बेटी ने समझाने की कोशिश की कि, *"माँ, मेरा दम घुटता है इस स्कूल में। मुझे साँस ही नहीं आती। मुझे नहीं पढ़ना इस स्कूल में। हमारा स्कूल तो तालाब में होना चाहिये न?
नहीं, ये राजा का स्कूल है। तालाब वाले स्कूल में भेजकर मुझे अपनी बेइज्जती नहीं करानी। समाज में कुछ इज्जत Reputation है मेरी। तुमको इसी स्कूल में पढ़ना है। पढ़ाई पर ध्यान दो।
हाथी, ऊँट और जिराफ अपने-अपने Failure बच्चों को पीटते हुए ले जा रहे थे।
रास्ते में बूढ़े बरगद ने पूछा, *"क्यों पीट रहे हो, बच्चों को?
जिराफ बोला, “पेड़ पर चढ़ने में फेल हो गए?"
बूढ़ा बरगद सबसे फ़ते की बात बोला, “पर इन्हें पेड़ पर चढ़ाना ही क्यों है ?"
उसने हाथी से कहा,”अपनी सूंड उठाओ और सबसे ऊँचा फल तोड़ लो।
जिराफ तुम अपनी लंबी गर्दन उठाओ और सबसे ऊँचे पत्ते तोड़-तोड़ कर खाओ।
ऊँट भी गर्दन लंबी करके फल पत्ते खाने लगा।
हाथी के बच्चे को क्यों चढ़ाना चाहते हो पेड़ पर?
मछली को तालाब में ही सीखने दो न?
दुर्भाग्य से आज स्कूली शिक्षा का पूरा Curriculum और Syllabus सिर्फ बंदर के बच्चे के लिये ही Designed है। इस स्कूल में 35 बच्चों की क्लास में सिर्फ बंदर ही First आएगा। बाकी सबको फेल होना ही है। हर बच्चे के लिए अलग Syllabus, अलग subject और अलग स्कूल चाहिये।
हाथी के बच्चे को पेड़ पर चढ़ाकर अपमानित मत करो। जबर्दस्ती उसके ऊपर फेलियर का ठप्पा मत लगाओ। ठीक है, बंदर का उत्साहवर्धन करो पर शेष 34 बच्चों को नालायक, कामचोर, लापरवाह, Duffer, Failure घोषित मत करो।
मछली बेशक़ पेड़ पर न चढ़ पाये पर एक दिन वो पूरा समंदर नाप देगी।
शिक्षा - अपने बच्चों की क्षमताओं व प्रतिभा की कद्र करें चाहे वह पढ़ाई, खेल, नाच, गाने, कला, अभिनय, BUSINESS, खेती, बागवानी, मकेनिकल, किसी भी क्षेत्र में हो और उन्हें उसी दिशा में अच्छा करने दें | जरूरी नहीं कि सभी बच्चे पढ़ने में ही अव्वल हो बस जरूरत हैं उनमें अच्छे संस्कार व नैतिक मूल्यों की जिससे बच्चे गलत रास्ते नहीं चुने ।
हमारी तथाकथित सभ्य समाज के अपनी संतान के प्रति शिक्षा को लेकर जो सोच है उसका सही उधारण सोच रही थी आज मिला। सोचा आपको भी बता दूं।
प्रभा पारीक भरूच
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अध्याय 5
जब परमेश्वर मानवजाति से उन माँगों को करता है जिन्हें उनके लिए समझाना कठिन है, और जब उसके वचन सीधे मानव हृदय में चोट करते हैं और लोग अपने ईमानदार हृदयों क�� उसके आऩंद के लिए अर्पित करते हैं, तो परमेश्वर लोगों को विचार करने, संकल्प करने, और अभ्यास काएक मार्ग को खोजने का अवसर देता है। इस तरह, वे सभी जो उसके लोग हैं, एक बार फिर से, दृढ़ संकल्प में मुट्ठियाँ भींच कर, अपना पूरा अस्तित्व परमेश्वर को अर्पित कर देंगे। कुछ, संभवतः, कोई योजना तैयार कर सकते हैं और एक दैनिक कार्यक्रम बना सकते हैं, जब इस योजना को महिमान्वित करने और इसके निष्कर्ष में तेजी लाने के लिए, अपने हिस्से की ऊर्जा को परमेश्वर की प्रबंधन योजना के लिए समर्पित करते हुए, वे स्वयं को उत्तेजित करने और काम पर लगने के लिए तैयार करते हैं। और, जैसे ही लोग इस मनोवैज्ञानिक अवस्था में लिप्त हो जाते हैं, इन बातों को अपने मन में करीब रखते हुए जब वे दैनिक कामों को करते हैं, जब वे बात करते हैं, और जब वे कार्य करते हैं, तो परमेश्वर,तुरंत इसमें सहायता करते हुए, पुनः बोलना शुरू करता है: "जब मेरा आत्मा आवाज देता है, तो यह मेरे सम्पूर्ण स्वभाव को व्यक्त करता है।क्या तुम लोग इस बारे में स्पष्ट हो?" मनुष्य जितना अधिक दृढ़ संकल्पी होगा, उतना ही दुस्साहसपूर्ण ढंग से वह परमेश्वर की इच्छा को समझने की लालसा करेगा और उतना ही अधिक आग्रहपूर्वक लालसा करेगा कि परमेश्वर उससे माँग करे; और इसलिए, लंबे समय से तैयारी में रखे अपने वचनों को, उनके अस्तित्व की अंतरतम कोटरिकाओं को देने के लिए इस अवसर का लाभ उठाते हुए परमेश्वर लोगों को वह देगा जो वे चाहते हैं। यद्यपि ये वचन थोड़ा कठोर या अशिष्ट प्रतीत हो सकते हैं, किन्तु मानवजाति के लिए वे तुलना से परे मीठे हैं। तत्काल, हृदय आनन्द से खिल उठता है, मानो कि मानवजाति स्वर्ग में हो, या किसी अन्य जगत में, कल्पना के किसी वास्तविक स्वर्ग में पहुँचा दी गई हो, जहाँ बाहरी दुनिया के मामले मानवजाति से अब और नहीं टकराएँगे। ताकि लोग बाहर से बात नहीं करें और बाहर से कार्य नहीं करें, जैसी कि अतीत में उनकी करने की आदत थी, और इस कारण उचित जड़ों को बिछाने में विफल हो जाएँ: इस संभाव्यता को नाकाम बनाने के लिए, जब वह प्राप्त हो जाता हैजो लोग अपने हृदय इच्छा करते हैं, और इसके अतिरिक्त जब वे भावुक उत्साह के साथ कार्य करने के लिए तैयारी करते हैं, तो परमेश्वर तब भी उनकी मनोवैज्ञानिक अवस्था से बोलने के अपने तरीके को अपनाता है, और, फौरन बिना हिचकिचाए, उनके हृदय की समस्त उत्कण्ठा और धार्मिक रस्मों का खण्डन करता है। जैसा कि परमेश्वर ने कहा है: "क्या तुम लोगों ने इसमें निहित महत्व को वास्तव में देखा है?" चाहे किसी व्यक्ति के अपने संकल्प को नियत करने से पहले हो या बाद में, वह परमेश्वर को उसके क्रिया-कलापों में या उसके वचनों को जानने को अधिक महत्व नहीं देता है, बल्कि इस प्रश्न पर विचारमग्न रहता है: "मैं परमेश्वर के लिए क्या कर सकता हूँ? यह मुख्य मुद्दा है!" यही कारण है कि परमेश्वर कहता है: "और तुम लोगों में मेरे सामने अपने आप को मेरे लोग कहने की धृष्टता है—तुम लोगों में जरा सा भी शर्म का बोध नहीं है, कोई समझ तो और भी कम है!" जैसे ही परमेश्वर ये वचन बोल लेता है, तो परमेश्वर के क्रोध को दूसरी बार भड़काने से डरे हुएलोग तुरंत अपने बोध में आ जाते हैं, और मानो कि बिजली का झटका झेल रहे हों, वे शीघ्रता से अपने हाथों को खींच कर अपने वक्षस्थल की सुरक्षा में रख लेते हैं। इसके अलावा, परमेश्वर ने यह भी कहा है: "कभी न कभी, इस तरह के लोग मेरे घर से निर्वासित कर दिए जाएँगे। मेरे साथ तुम पुराने सिपाही के जैसे मत आओ, यह सोचते हुए कि तुम ने मेरी गवाही दी थी!" इस तरह के वचनों को सुनकर, लोग और भी अधिक डर जाते हैं, जैसे कि वे किसी शेर को देखे डरेंगे। वे अपने हृदय में पूरी तरह से जानते हैं। एक तरफ, वे चिंतित होते हैं कि शेर द्वारा नहीं खाए जाएँ जबकि दूसरी तरफ यह सोच नहीं पाते हैं कि बच कर कहाँ निकलें। इस क्षण में, मानव हृदय के अंदर की योजना बिना कोई निशान छोड़े, सर्वथा और पूरी तरह से गायब हो जाती है। परमेश्वर के वचनों के माध्यम से, मुझे महसूस होता है मानो कि मैं मानवजाति की लज्जाजनकता के हर एक पहलू को देख सकता हूँ: लटका हुआ सिर और लज्जित आचरण, ऐसे अभ्यर्थी की तरह जो महाविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में असफल हो गया हो, उसके शानदार आदर्श, सुखी परिवार, उज्ज्वल भविष्य, आदि इसी तरह की अन्य बातें, सभी—वर्ष 2000 तक चार आधुनिकीकरणों के साथ—विज्ञान की काल्पनिक फिल्म का एक काल्पनिक परिदृश्य बनाते हुए, खोखली बात में बदल गए हों। यह सक्रिय तत्वों के लिए निष्क्रिय तत्वों का विनिमय करना है, लोगों कोउनकी निष्क्रियता के बीच, उस स्थान में खड़ा करवाना है जो परमेश्वरने उनके लिए निर्दिष्ट किया है। असाधारण रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि मनुष्य इस पदवी को खोने से गहराई से भयभीत है, और इसलिए वे प्यारे जीवन के लिए कार्यालय के अपने बिल्लों से चिपके रहते, इस बात से भयभीत कि कोई उन्हें छीन सकता है। जब मानवजाति इस मनोदशा में होती है, तो परमेश्वर चिंता नहीं करता कि वे निष्क्रिय हो जाएँगे, और इसलिए वह तदनुसार अपने न्याय के वचनों को पूछताछ के वचनों में बदल देता है। न केवल वह लोगों को उनकी साँस को बहाल करने का अवसर देता है, बल्कि वह उन्हें वैसी ही अभिलाषा रखने का अवसर देता है जैसी वे अबसे पहले रखते थे और उन्हें भविष्य में काम आने के लिए सुलझाने का अवसर देता है: जो अनुपयुक्त है वह संशोधित किया जा सकता है। इसका कारण यह है कि परमेश्वर ने अभी तक अपना कार्य शुरू नहीं किया है—यह महान दुर्भाग्य के बीच में अच्छे भाग्य का एक अंश है—और इसके अतिरिक्त, उनकी निंदा नहीं करता है। तो मुझे अपनी सारी भक्ति उसे देते रहनेदो!
इसके बाद, अपने डर के कारण, तुम्हें परमेश्वर के वचनों को एक ओर अवश्य नहीं करना चाहिए। यह देखने के लिए एक नज़र डालो कि क्या परमेश्वर की कोई नई माँगें हैं। निश्चित रूप से, तुम इस प्रकार की माँग को पाओगे: "अब से आगे, तुम्हें सभी बातों में अभ्यास की वास्तविकता में प्रवेश करना चाहिए; मात्र अपनी बकवास करने से, जैसे कि तुम किया करते थे, अब और कार्य नहीं चलेगा।" इसमें भी परमेश्वर की बुद्धि अभिव्यक्त होती है। परमेश्वर ने हमेशा अपनी स्वयं की गवाही को सुरक्षित रखा है, और जब अतीत के वचनों की वास्तविकता अपने निष्कर्ष पर पहुँच गई है, तो कोई भी ज़रा भी "अभ्यास की वास्तविकता" के ज्ञान की थाह पाने में समर्थ नहीं है। यह उस सच को साबित करने के लिए पर्याप्त है जो परमेश्वर ने कहा है "मैं कार्य करने का बीड़ा अपने आप उठाता हूँ।" इसका दिव्यता में कार्य के सच्चे अर्थ से संबंध है, और इसका इस कारण से भी संबंध है कि क्यों मानवजाति, शुरुआत की एक नई स्थिति तक पहुँचने के बाद भी अभी भी परमेश्वर के वचनोंके सही अर्थ की थाह लेने में असमर्थ है। इसका कारण यह है कि, अतीत में, बहुसंख्य लोग परमेश्वर के वचनों में सच्चाई से चिपके रहा करते थे, जबकि आज उन्हें अभ्यास की सच्चाई के बारे में कोई भनक नहीं है, लेकिन इन वचनों के सार को समझे बिना इन वचनों के केवल सतही पहलुओं को समझते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण रूप से, ऐसा इसलिए है क्योंकि आज, राज्य के निर्माण में, किसी को भी हस्तक्षेप नहीं करने, बल्कि केवल मशीनी-मानव की तरह परमेश्वरका आज्ञापालन करने की अनुमति है। इसे अच्छी तरह से याद रखो! हर बार जब परमेश्वर अतीत की बात उठाता है, तो वह आज की वास्तविक स्थिति के बारे में बात करना शुरू करता है; यह बोलने का एक प्रकार है जो पहले क्या आता है और बाद में क्या आता है उसके बीच असाधारण भेद उत्पन्न करता है, और इस कारण से, लोगों को अतीत के साथ-साथ वर्तमान को रखनेमें सक्षम बनाते हुए, और भी अधिक बेहतर परिणामों को प्राप्त करने में समर्थ है, और इस तरह से दोनों के बीच भेद को अस्तव्यस्त होने से बचाता है। यह परमेश्वर की बुद्धि का एक पहलू है, और इसका उद्देश्य कार्य के परिणामों को प्राप्त करना है। इसके बाद, परमेश्वर एक बार पुनः मानवजाति की कुरूपता को प्रकट करता है, ताकि मानवजाति हर दिन परमेश्वर के वचनों को खाना और पीना कभी भी नहीं भूलेगी, और इससे भी महत्वपूर्ण ताकि वे रोज़ाना स्वयं को जानेंगे और इसे एक सबक के रूप में लेंगे जिसे उन्हें हर दिन सीखना चाहिए।
जब वह इन वचनों को बोलना समाप्त करता है, तो परमेश्वर ने उस प्रभाव को हासिल कर लिया है जो उसका मूल उद्देश्य था। और इसलिए, इस बात पर और ध्यान नहीं दिए बिना कि मानवजाति ने उसे समझ लिया है या नहीं, वहइसे कुछ वाक्यों में स्पर्श करते हुए तेजी से निकल जाता है, क्योंकि शैतान के कार्य का मनवजाति के साथ कोई संबंध नहीं है—इसकी मानवजाति को कोई भनक नहीं है। अब, आत्मा की दुनिया को पीछे छोड़ते हुए, आगे देखो कि कैसे परमेश्वर मानवजाति से अपनी माँगें करता है: "अपने निवास में विश्राम करते हुए, मैं ध्यानपूर्वक देखता हूँ: पृथ्वी पर सभी लोग "दुनियाभर की यात्रा करते हुए" और इधर-उधर भागते हुए, अपनी नियति, अपने भविष्य के वास्ते, दौड़-धूप करते हैं। परन्तु किसी एक के पास भी मेरे राज्य का निर्माण करने के लिए ��र्जा नहीं है, यहाँ तक कि उतनी ताकत भी नहीं है जितनी कोई व्यक्ति साँस लेने के लिए उपयोग कर सकता है।" मानवजाति के साथ इन प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के बाद, परमेश्वर अभी भी उन पर ध्यान नहीं देता है, बल्कि आत्मा के परिप्रेक्ष्य से बोलना जारी रखता है, और, इन वचनों के माध्यम से, मानवजाति के जीवन की सामान्य परिस्थितियों को उनकी समग्रता में प्रकट करता है। "दुनियाभर की यात्रा करते हुए" और "इधर-उधर भागते हुए", से यह देखना स्पष्ट है कि मानव जीवन संतुष्टि से विहीन है। यदि परमेश्वर द्वारा सर्वसामर्थ्य उद्धार नहीं होता, तो चीन के शाही घराने के दीन-हीन विस्तारित परिवार में जन्मे लोगों ने भी और भी अधिक संपूर्ण जीवनकाल व्यर्थ में जीया होता और वे भी संसार में आते ही अधोलोक और नरक में गिर सकते थे। बड़े लाल अजगर के अधिकार क्षेत्र के अधीन, उन्होंने खुद की जानकारी के बिना, परमेश्वर के विरुद्ध अपमान किया और इसलिए, स्वाभाविक रूप से और पुनः अनजाने में वे, परमेश्वर की ताड़ना के अधीन पड़ गए। इस कारण से, परमेश्वर ने "क्लेश से बचाए गए" और "कृतघ्नों" को लिया और उन्हें भेद निरूपण करते हुए एक साथ रख दिया, ताकि परमेश्वर के बचाने के अनुग्रह के लिए एक विषमता उत्पन्न करते हुए, मनुष्य स्वयं को और भी अधिक स्पष्टता से जान सकें। क्या यह एक और भी अधिक प्रभावोत्पादक परिणाम नहीं देता है? निस्संदेह, यह मेरे इतना स्पष्ट कहे बिना है कि, लोग परमेश्वर के बोलने की सामग्री से, भर्त्सना के एक तत्व का, और फिर, उद्धार और फरियाद के एक तत्व का, और फिर से, उदासी की थोड़ी सूचना का अनुमान लगा सकते हैं। इन वचनों को पढ़ कर, लोग अनजाने में अपने हृदयों में एक संकोची प्रकार केमलाल कोमहसूस करने लगते हैं, और आँसू बहने से नहीं रोक सकते हैं ... लेकिन परमेश्वर थोड़ी सी दुःख की भावनाओं के कारण नहीं रुकेगा, न ही वह, पूरी मानवजाति की भ्रष्टता के कारण, अपने लोगों को अनुशासित करने और उनसे माँग करने के अपने कार्य को छोड़ेगा। इस वजह से, उसके विषय सीधे आजकल के जैसी परिस्थितियों पर चर्चा करते हैं, और इसके अतिरिक्त वह मानवजाति के लिए अपनी प्रशासनिक आज्ञाओं की महिमा की घोषणा करताहै, ताकि उसकी योजना आगे बढ़ती रहे। यही कारण है कि उचित गति से इसका अनुसरण करके और अवसर का तुरंत उपयोग करके, परमेश्वर इस महत्वपूर्ण समय पर अभी की परिस्थिति के लिए एक संविधान, ऐसे संविधान की घोषणा करता है जिसके हर अनुच्छेद को सावधानीपूर्वक ध्यान से अवश्य पढ़ा जाना चाहिए इससे पहले कि मानवजाति परमेश्वर की इच्छा को समझ सके। अब इसमें और अधिक कहने की कोई आवश्यकता नहीं है—उन्हें केवल अधिक ध्यान से अवश्य पढ़ना चाहिए।
आज, तुम लोग—यहाँ लोगों का यह समूह—ही एकमात्र हो जो वास्तव में परमेश्वर के वचनों को देख सकते हो। फिर भी, परमेश्वर को जानने में, आज के लोग अतीत के युग के किसी भी अकेले व्यक्ति से बहुत पीछे रह गए हैं। इससे यह पर्याप्त रूप से स्पष्ट है कि शैतान ने लोगों पर कई हज़ार वर्षों तक जिस हद तक प्रयास किया है, और जिस हद तक इसने मानवजाति को भ्रष्ट कर दिया है, वह इतनी अधिक है कि, यद्यपि परमेश्वर ने इतने सारे वचनों को बोला है, फिर भी मानवजाति परमेश्वर को न तो समझती है और न ही जानती है, बल्कि इसके बजाय उठने और उसका सार्वजनिक रूप से विरोध करने का साहस करती है। और इसलिए परमेश्वर प्रायः अतीत के युगों के मनुष्यों को आज के लोगों के लिए तुलना के रूप में प्रदर्शित करता है, ताकि बाद के मनुष्य को, जो स्वभाव से इतने बेसुध और उन्मत्त हैं, संदर्भ का एक यथार्थवादी बिंदु दे। क्योंकि मनुष्य को परमेश्वर का कोई ज्ञान नहीं है, और क्योंकि उनमें वास्तविक विश्वास का अभाव है, इसलिए परमेश्वर ने मानवजाति में योग्यता और समझ के अभाव होना घषित किया है, और इसलिए, उसने बार-बार, लोगों को सहिष्णुता दिखायी है और उन्हें उद्धार दिया है। आत्मा के जगत में इन्हीं के अनुसार लड़ाई लड़ी जाती है: मानवजाति को एक निश्चित अंश तक भ्रष्ट करना, दुनिया को कलुषित और दुष्ट बनाना, और इस तरह मनुष्य को दलदल में खींच कर परमेश्वर की योजना को नष्ट करना, शैतान की निरर्थक आशा है। किन्तु परमेश्वर की योजना समस्त मानवजाति को ऐसे लोग बनाना नहीं है जो उसे जानते हों, बल्कि पूरे का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक हिस्से को चुनना है, शेष को अपशिष्ट उत्पादों, दोषपूर्ण वस्तुओं के रूप में, कचरे के ढेर पर फेंके जाने के लिए छोड़ देना है। और इसलिए, यद्यपि, शैतान के दृष्टिकोण से कुछ व्यक्तियों पर अधिकार करना परमेश्वर की योजना को नष्ट करने का एक शानदार अवसर प्रतीत होता है, लेकिन इसके जैसा कोई मूढ़मति परमेश्वर की मंशा के बारे में क्या जान सकता है? यही कारण है कि परमेश्वर ने बहुत पहले कहा था, "मैंने इस दुनिया को देखने से बचने के लिए अपना चेहरा ढक लिया है।" हम इस बारे में थोड़ा सा तो जानते हैं, और परमेश्वर यह नहीं माँगता है कि मनुष्य कुछ भी करने में सक्षम हो, बल्कि कहता है कि वह जो करता है उसे वे चमत्कारी और अथाह के रूप में पहचानें और परमेश्वर को अपने हृदय में श्रद्धा से धारण करें। यदि, जैसा मनुष्य कल्पना करता है, परमेश्वर उसे परिस्थितियों की परवाह किए बिना ताड़ना देता, तो पूरा विश्व बहुत पहले ही नष्ट हो गया होता। क्या इसका अर्थ सीधे शैतान के फंदे में गिरना नहीं होता? और इसलिए परमेश्वर उन परिणामों को प्राप्त करने के लिए जो उसके मन में हैं केवल अपने वचनों का उपयोग करता है; शायद ही कभी तथ्यों का आगमन होता है। क्या यह उस बात का एक उदाहरण नहीं है जो उसने कहा था:"यदि मैंने तुम लोगों की योग्यता, तर्क-शक्ति और अंतर्दृष्टि के अभाव पर दया नहीं की, तो तुम सभी मेरी ताड़ना के बीच ही नष्ट हो जाओगे, अस्तित्व से ही मिट जाओगे। परन्तु जब तक पृथ्वी पर मेरा कार्य पूरा नहीं होता है, मैं मानवजाति के प्रति सौम्य ��ना रहूँगा।"?
स्रोत: सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया
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