#JashneEidMiladunnabi
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शहर में गूंजा या नबी सलाम अलैका का तराना

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के यौमे विलादत (जन्मदिवस) की खुशी ईद मिलादुन्नबी त्योहार के रूप में रविवार को मोहब्बत, अकीदत व एहतराम के साथ मनाई गई। ईद मिलादुन्नबी के पुरकैफ माहौल में घर, मस्जिद, मदरसा व दरगाहों में ‘जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी’ की महफिल सजी। क़ुरआन शरीफ की तिलावत हुई। दरूदो-सलाम का नज़राना पेश किया गया। फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी हुई। सुबह मस्जिदों पर परचम कुशाई की रस्म परंपरा के मुताबिक अदा की गई। घरों में लज़ीज़ व्यंजन बनें। मिठाईयां बांटी गईं। छोटे काजीपुर में मूए मुबारक की जियारत करवाई गई। विभिन्न मोहल्लों से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। हर जुबां व सोशल मीडिया पर जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद थी। इस हसीन मौके पर मुल्क में अमनो शांति व कौम की तरक्की के लिए खास दुआ की गई। जुलूस निकलने का सिलसिला सुबह जो शुरू हुआ तो देर रात तक चलता रहा। सभी ने हुजूर की आमद मरहबा, या नबी सलाम अलैका, या रसूल सलाम अलैका, या हबीब सलाम अलैका, मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम, आदि तराना पढ़ा। नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर, नारा-ए-रिसालत या रसूलल्लाह, हिन्दुस्तान ज़िंदाबाद के नारे खूब लगे। खूब दरूदो सलाम का नज़राना पैग़ंबरे इस्लाम की बारगाह में पेश किया गया। कई जगह जुलूसों का स्वागत भी किया गया। इस्लामी पैग़ामात से सजे झंडे, बोर्ड, पोस्टर व बैनर पैग़ंबरे इस्लाम की तालीमात पर रोशनी डाल रहे थे। जुलूसों में तिरंगा झंडा भी शान से लहरा रहा था। Read the full article
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Lahore Main 12 Rabi Ul Awal Ki Tyari Shoru|| Meethe Main Mutanjan Sweet ...
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Mehfil Milad-e-Mustafa (S.A.W) 2021 | Sultan ul Faqr TV
Mehfil Milad-e-Mustafa (S.A.W) 2021 was organized by Tehreek Dawat-e-Faqr (regd.) Pakistan. Jashn-e-Eid Milad Al Nabi was celebrated with great zeal under the Divine presidentship of present perfect spiritual guide of Sarwari Qadri Order, Sultan-ul-Ashiqeen Sultan Mohammad Najib-ur-Rehman.
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शान से निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। मोहल्ला मियां बाजार रेती रोड से वारिस कमेटी की ओर से जुलूस निकाला गया। जिसका नेतृत्व नूर मोहम्मद दानिश ने किया। जुलूस में नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी, कारी मोहम्मद अनस रज़वी, अफरोज क़ादरी, शहाबुद्दीन, हाफिज मोहम्मद शमीम, हाफिज रहमत अली, अली हसन, अब्दुल कादिर, सफीक अहमद उर्फ सलमान, सैयद शहाबुद्दीन, मो. नाज़िम, अब्दुल अहमद, मो. नावेद, वसीम अहमद, मो. मारूफ, मो. मोअज्जम, शहाबुद्दीन आदि लोग मौजूद रहे। कमेटी ने उलमा किराम में किताब बांटी। नौज़वान कमेटी जाफ़रा बाजार के जुलूस में हाफ़िज़ रहमत अली, एहतेशाम हुसैन, हाफिज आमिर हुसैन निज़ामी, आरिफ समानी, तनवीर आलम, साहिल, युसूफ, मो. सलीम, इसहाक, परवेज, इमरान, तारिक समानी आदि शामिल रहे। तकिया कवलदह के जुलूस में मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी, सैयद नदीम अहमद, सैयद हुसैन अहमद, अफ़ज़ल खान, खुर्शीद अहमद खान, शमसुद्दुहा, जाने आलम, सद्दाम हुसैन, अमीरुद्दीन अंसारी, यासीन खान, महताब आलम, मो. वसीम आदि शामिल रहे। तुर्कमानपुर के जुलूस में मनोव्वर अहमद, शाबान अहमद, अलाउद्दीन निज़ामी शामिल रहे। रहमतनगर के जुलूस में गज़नफर अली शाह, फैज, जैद, अमान, मुजफ्फर शाह, तौसीफ अहमद, चिंटू, आसिफ, अशहर, मुबारक, कासिम, शहजादे, सैफी, नाज़िम, चंदू, आरिफ, अराफात, अनस, काशिफ कुरैशी, रेहान आदि शामिल रहे। जमुनहिया बाग चक्शा हुसैन गोरखनाथ के जुलूस शमीमुल, इरशाद, मुनाजिर हसन, अकील, शहनवाज, अनीस, फरजाम, मो. अयान, निज़ामुद्दीन कादरी आदि मौजूद रहे। गाजी रौजा, अहमदनगर चक्शा हुसैन, खरादी टोला, मियां बाजार, पांडे हाता, बड़गो, घासीकटरा, धम्माल, तिवारीपुर, रसूलपुर, गोरखनाथ, खूनीपुर, घोसीपुरवा सहित सभी मोहल्लों से जुलूस निकला। जगह-जगह जुलूस का स्वागत हुआ। जुलूस का मुख्य केंद्र नखास च���राहा रहा। जुलूस के मार्गों पर कई जगह स्वागत द्वारा बने थे। जिसे गुब्बारों व झालरों से सजाया गया था। जगह-जगह जुलूसों का स्वागत कर शाही टुकड़ा, जर्दा, बिस्किट, केक, इमरती आदि बांटी गई। कई जगह लंगर भी बांटा गया। जुलूस में लोग लोग सेल्फी लेते भी दिखे। कई जुलूसों में मस्जिद व दरगाहों के मॉडल आकर्षण का केंद्र रहे। Read the full article
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शिया फेडरेशन ने किया जश्न ए ईदमिलादुन्नबी का आयोजन

सेराज अहमद कुरैशी। गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। पैगम्बर मुहम्मद साहब का जन्मदिन रविवार को जश्न ए ईदमिलादुन्नबी के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर शिया समुदाय द्वारा नबी का जन्मदिन वक़्फ़ इमामबाड़ा रानी अशरफुननिशा खानम में मनाया गया। बताते चलें कि पैगम्बर मोहम्मद सहाब का जन्म दिन हफ्ता ए वहदत के रूप में 12 से 17 रबिलव्वल तक मानया जाता है। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम का संचलन करते हुए मौलाना शबीहुल हसन आज़मी ने सबसे पहले सरकार ए दो आलम, सरवर ए कायनात हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स0अ0) की यौमे विलादत की आप सबको पुरखुलूस मुबारकबाद दिया। इसके बाद हाफिज अब्दुल्लाह "जामी" ने तिलावत ए कलाम ए पाक से महफ़िल का आगाज़ किया। इस मौके पर आयोजित तक़रीर के कार्यक्रम में लखनऊ से आये मौलाना फ़ैज़ अब्बास मशहदी ने नबी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए रास्ते पर चलते हुए अल्लाह की रज़ा हासिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पैगम्बर मुहम्मद साहब को रहमतुल लिल आलमीन कहा जाता है यानी उनकी रहमत किसी एक धर्म या जाति के लिए नही बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। इससे पहले दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद (रह0) के अध्यक्ष इक़रार अहमद ने इमामबाड़ा परिसर में पौधारोपण किया। कार्यक्रम के दौरान एजाज़ गोरखपुरी ने नात ए पाक से सबका दिल जीत लिया । इस दौरान मौलाना ज़फर ने भी नबी की शान में अपना कलाम पेश किया। कार्यक्रम के अंत में आयोजन समिति के अध्यक्ष एजाज रिज़वी ने कहा कि सरदार ए अम्बिया की विलादत के इस जश्न पूरे एक सप्ताह तक मनाया जाएगा । इस सिलसिले में 15 अक्टूबर यानी 18 रबिलव्वल को एक महफ़िल ए मिलाद का आयोजन किया जा रहा है जिसमें स्थानीय शायरों के अलावा बाहर से आये शायर नबी की शान में अपना कलाम पेश करेंगे । उन्होंने सभी धर्मों और समुदाय के लोगों से शिरकत की गुज़ारिश की है। Read the full article
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मदरसा हुसैनिया से निकाला जुलूस-ए-मोहम्मदी

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। जुलूस अपने निर्धारित मार्ग पर होता हुआ मदरसे पर समाप्त हुआ। जुलूस में लोग इस्लामिक परचम लेकर चल रहे थे। नात-ए-पाक व इस्लामी नारों की सदा बुलंद की जा रही थी। जुलूस समाप्ति के बाद ईद-ए-मिलादुन्नबी की महफिल हुई। जिसमें उलमा-ए-किराम ने पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ज़िदंगी पर प्रकाश डाल��। कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम ने पूरी दुनिया को तौहीद, मानवता, एकता, भाईचारा, अमन का पैग़ाम दिया। पैग़ंबरे इस्लाम की तालीमात व किरदार की ही देन है कि इस्लाम धर्म सिर्फ 23 साल की तब्लीग (प्रचार प्रसार) से पूरी दुनिया में फैल गया और उनके इंसाफ की वजह से अपने और पराये सब कद्र करने पर मजबूर है और ताकयामत तक करते रहेंगे। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इंसानों को जीने का सलीका बताया। लोगों को सही रास्ते पर चलने की तालीम दी। सारी दुनिया पैग़ंबरे इस्लाम के तुफैल बनायी गई। जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं जिसे बेहतर बनाने, अच्छाई को स्वीकार करने के लिए पैग़ंबरे इस्लाम ने कोई संदेश न दिया हो। कायनात का जर्रा-जर्रा पैगंबरे इस्लाम को आखिरी नबी व रसूल मानता है। पैगंबरे इस्लाम की बातें इंसानों को सच की राह दिखाती हैं। पैगंबरे इस्लाम तमाम पैगंबरों से अफ़ज़ल व आला हैं, बल्कि अल्लाह के बाद आपका ही मर्तबा है। इसके बाद मुल्क में अमनों अमान की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। Read the full article
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परंपरा के अनुसार हुई मस्जिदों में परचम कुशाई

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार में बाद नमाज़ फज्र परचम कुशाई हाफिज रहमत अली निजामी ने की। इसके बाद मिलाद शरीफ का प्रोग्राम हुआ। जिसमें हाफिज रहमत अली निजामी ने पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के फजाइल बयान किए। बोले कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के विलादत (जन्मदिवस) की ख़ुशी मनाना यह सिर्फ इंसानों की ही खासियत नहीं है बल्कि तमाम कायनात उनकी विलादत की खुशी मनाती है बल्कि खुद अल्लाह पैग़ंबरे इस्लाम का मिलाद बयान फरमाता है। पूरा क़ुरआन ही मेरे आका की शान से भरा हुआ है।अल्लाह ने पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बैअत को अपनी बैअत, आपकी इज्जत को अपनी इज्जत, पैग़ंबरे इस्लाम की ख़ुशी को अपनी ख़ुशी, आपकी मोहब्बत को अपनी मोहब्बत, आपकी नाराज़गी को अपनी नाराज़गी क़रार दिया है। घोसीपुर में सुबह परचम कुशाई के बाद मिलाद की महफिल हुई। जिसमें मुफ़्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम की तालीम से ही दुनिया में शांति संभव है। सारा जहां पैग़ंबरे इस्लाम के विलादत की खुशियां मना रहा है। पैग़ंबरे इस्लाम केवल मुसलमानों में ही नहीं बल्कि हर धर्म में कद्र की ऊंची मंजिल पर विराजमान हैं। इसके बाद सलातो-सलाम पढ़ा गया। मिलाद में सैयद मो. काशिफ, सैयद मो. ओसामा, सैयद शारिक, सैयद अलतमश, मो. याकूब, मो. अमन, चंदू आदि मौजूद रहे। मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी व हाफिज मोहम्मद जुनैद आलम, छोटे काजीपुर स्थित गौसिया जामा मस्जिद में परचम कुशाई की रस्म मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी व कारी शमसुद्दीन ने अदा की। नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना मो. असलम रज़वी, मस्जिद जामे नूर बहादुर शाह जफ़र कालोनी बहरामपुर में हाफ़िज़ सद्दाम हुसैन, मास्टर मुख्तार अहमद, कारी जमील मिस्बाही, मोहल्ला सौदागार सुन्नी जामा मस्जिद ��ें कारी मो. मोहसिन रज़ा, मियां बाजार में वारिस कमेटी के अब्दुल कादिर, नूर मोहम्मद दानिश, अली हसन, बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद, मस्जिद सुब्हानिया तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी, अक्सा मस्जिद शाहिदाबाद में मौलाना तफज़्ज़ुल हुसैन, बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन क़ादरी, शाही जामा मस्जिद तकिया कवलदह में हाफ़िज़ मो. आफताब, मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में नायब काजी मुफ़्ती मो. अज़हर शम्सी, जामा मस्जिद रसूलपुर में मौलाना मो. शादाब बरकाती, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफ़िज़ महमूद रज़ा कादरी, आदि ने परचम कुशाई की रस्म अदा की। इसके अलावा शहर की ज्यादातर मस्जिदों में परचम कुशाई की रस्म अदा की गई Read the full article
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लाल मस्जिद गोलघर में ईद मिलादुन्नबी जलसा

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। आशिकाने रसूल नौज़वान कमेटी की ओर से लाल मस्जिद गोलघर में ईद मिलादुन्नबी जलसा हुआ। अध्यक्षता कारी जाकिर हुसैन क़ादरी ने किया। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफ़िज़ मो. शम्स ने की। नात-ए-पाक बदरुल हसन, बाबू भाई व कारी आबिद अली ने पेश की। - पैगंबरे इस्लाम का बताया हुआ रास्ता अपनाओ- नायब काजी - गोलघर में हुआ जलसा मुख्य अतिथि नायब काजी मुफ़्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी नायब काजी) ने कहा कि क़ुरआन फरमा रहा है कि अगर कामयाबी चाहिए तो पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का कल्चर अपनाओ, पैगंबरे इस्लाम का बताया हुआ रास्ता अपनाओ, पैग़ंबरे इस्लाम की फरमाबरदारी और पैरवी करो। जो अल्लाह और उसके पैग़ंबर की फरमाबरदारी करेगा उसे अज़ीम कामयाबी मिलेगी। विशिष्ट अतिथि मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा कि कमजोरों पर जुल्म न करो। औरतों की इज्जत करो। उनको सताओ नहीं। मजदूरों पर उनके ताकत से ज्यादा बोझ न लादो और न ही ताकत से ज्यादा काम लो। उनकी मजदूरी बिना परेशान किए हुए पसीना सूखने से पहले अदा करो। हर बड़े का अदब करो। यही पैग़ाम है हमारे पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का। इसे आम करें। दीन-ए-इस्लाम के फर्जों की अदायगी वक्त पर करें। इंसानियत और एक अल्लाह की इबादत का संदेश देने वाले पैग़ंबरे इस्लाम समाज में औरतों को सम्मान एवं अधिकार दिए जाने के हमेशा पैरोकार रहे। अंत में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। Read the full article
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पैग़ंबरे इस्लाम ने दिया सामाजिक समानता का संदेश- सबा खातून

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। बड़े काजीपुर स्थित फैजाने बरकात पब्लिक स्कूल में पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिवस पर महिलाओं का जलसा हुआ। मुख्य वक्ता आलिमा सबा खातून ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने आख़िरी हज के खुतबे में फ़रमाया है कि तुम्हारा अल्लाह एक है। अल्लाह की किताब क़ुरआन और उसके पैग़ंबर की सुन्नत को मज़बूती से पकड़े रहना। लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़्याल रखना। न तुम लोगों पर ज़ुल्म करो, न क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायेगा। कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब भी न फटकना। किसी अरबी को किसी अज़मी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अज़मी को किसी अरबी पर। न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर। प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ ईमान, तक़��ा व परहेज़गारी से है यानी रंग, जाति, नस्ल आदि किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र। औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है। औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूं कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ। अंत में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। पैग़ंबरे इस्लाम की सीरत पर आधारित किताब व शीरीनी बांटी गई। जलसे में तबस्सुम बानो, सूफिया खातून, सालेहा खातून, रुबीना अंजुम, इरम जहां, सिब्तैन, अशरफ़ी, अलीमा, आयत, उमरा सहित तमाम छात्राएं व महिलाओं ने शिरकत की। Read the full article
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ईद मिलादुन्नबी पर जलसा जुलूस से आम होगी पैग़ंबरे इस्लाम की तालीमात

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। इस्लामी माह रबीउल अव्वल शरीफ की 12 तारीख़ पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की यौमे पैदाइश का दिन है। जिसे पूरी दुनिया ईद मिलादुन्नबी पर्व के रूप में मनाती है। यह पर्व अकीदत, एहतराम व सादगी के साथ मनाया जाता है । ईद मिलादुन्नबी व जुलूस-ए-मोहम्मदी की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जुलूस में इस्लामी परचम (झंडा) व बैनर के जरिए दीन-ए-इस्लाम का पैग़ाम आम किया जाएगा। जुलूस में पैग़ंबरे इस्लाम के जीवन, क़ुरआन और हदीस से जुड़ी तख्तियां, बैनर व मस्जिदों के मॉडल आकर्षण का केंद्र रहेंगे। दरूदो-सलाम और नारा-ए-तक़बीर व नारा-ए-रिसालत की सदाएं बुलंद की जाएंगी। वहीं जलसा व मिलाद की महफिलों में उलमा-ए-किराम पैग़ंबरे इस्लाम की रिसालत, अज़मत, बड़ाई व फज़ीलत बयान कर लोगों से सच्चाई, ईमानदारी तथा शरीअत के मुताबिक ज़िन्दगी गुजारने की अपील करेंगे। कई मोहल्लों में लंगर भी बांटा जाएगा। अलसुबह शहर की तमाम मस्जिदों पर परचम कुशाई की पारंपरिक रस्म अदा होगी। या नबी सलाम अलैका, या रसूल सलाम अलैका, मुस्तफा जाने रहमत पर लाखों सलाम, हुजूर की आमद मरहबा जैसी प्यारी सदाओं से फिजा गूंज उठेगी। परचम कुशाई के बाद रहमतनगर, वारिस कमेटी मियां बाजार, अहमदनगर चक्शा हुसैन, जाफ़रा बाज़ार, मिर्जापुर चाफा, गाजी रौजा, रसूलपुर, बड़गो, तुर्कमानपुर, खूनीपुर, गोरखनाथ, दीवान बाजार, इलाहीबाग, निज़ामपुर, जाहिदाबाद, चिलमापुर, तकिया कवलदह, नखास, घासीकटरा, खूनीपुर सहित तमाम क्षेत्रों से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला जाएगा। जिसका सिलसिला सुबह से शुरु होकर देर रात तक जारी रहेगा। नखास जुलूसों का केंद्र रहेगा। हर मुस्लिम बाहुल्य मोहल्ले में मिलादुन्नबी की महफिलें व जलसे होंगे। ईद मिलादुन्नबी के मौके पर बच्चों से लेकर बड़ों में खासा उत्साह दिख रहा है। नख़ास पर झंडा बैनर की दुकानें गुलजार हैं। मस्जिद, दरगाह, घर व मोहल्लों को फूलों, लाइटों, इस्लामी झण्डों, गुब्बारों, झंडियों से सजाया गया है। घर, मस्जिद व दरगाहों पर इस्लामी झंडे शान से लहरा रहे हैं। कई जगहों पर जुलूस के इस्तकबाल के लिए गेट भी तैयार किए गए हैं। गोलघर, अहमदनगर चक्शा हुसैन, गाजी रौजा, शाहिदाबाद, खूनीपुर, ��हमतनगर, सूर्य विहार तकिया कवलदह सहित तमाम मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के घरों, मस्जिदों में मिलादुन्नबी की महफिल, जलसा, क़ुरआन ख़्वानी, फातिहा ख़्वानी, दुआ ख़्वानी व नात ख़्वानी का दौर शुरू हो गया। तंजीम कारवाने अहले सुन्नत के कारी मोहम्मद अनस रज़वी, हाफिज रहमत अली निजामी, हाफिज आमिर हुसैन निज़ामी व सैयद नदीम अहमद, नूर मोहम्मद दानिश ने जिला व पुलिस प्रशासन के बीच 'सीरते मुस्तफा' किताब बांट कर मोहब्बत का पैग़ाम बांटा। Read the full article
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जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर्व बड़े ही सादगी और सौहार्द पूर्ण ढंग से मनाया गया

सिद्धार्थनगर। इटवा तहसील क्षेत्र में जश्ने ईद मिलादुन्नबी स. का पर्व बडे ही सादगी, सौहार्द और शान्तिपूर्ण ढ़ंग से मनाया। रविवार को जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मुबारक मौके पर जुलूस की शुरुआत जामिया अहले सुन्नत फैजाने रजा इटवा से हजरत मौलाना आसिफ बाबू अल्वी बराव शरीफ के अगुवाई में कस्बे के चारों मार्गां पर घूम कर बिस्कोहर रोड पर जा कर पैगम्बरे इस्लाम स. के जीवनी पर रोशनी डाला गया।

पैगम्बरे इस्लाम स. के जीवनी पर डाला गया रोशनी- बताया गया कि पैगम्बरे इस्लाम हजरत मो. स. पूरी दुनियां के लिए रहमत बनकर इस संसार में तशरीफ लाएं हैं। वो सिर्फ मुस्लिमों के ही लिए नहीं बल्कि समूचे मानवजाति के पैगंबर हैं। उनकी आमद दुनियां में होने पर समाज में तमाम तरह की फैली बुराईयों, अंध विश्वासों, कुरीतियों का अन्त हो गया। लोगों को तालीम हासिल करने पर जोर दिया गया। जिससे लोग अंधकार छोड़कर उजाले के तरफ लौटकर एक बेहतर इंसान बनें और दुनियां, आखिरत में अच्छा मुकाम हासिल करें। इस्लाम अमन चैन कायम करने का संदेश देता है। इस्लाम एक पाक साफ मजहब है। इसमें जाति-पाति ऊंच नीच का कोई भेदभाव नहीं है। आखिर में देश के अमन चैन और और खुशहाली की दुआएं मांग कर जुलूस का समापन किया गया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व वर्तमान सपा विधायक माता प्रसाद पाण्डेय ने दिया मुबारकबाद- जलूस की अगुवाई कर रहे धर्मगुरूओं को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व वर्तमान सपा विधायक माता प्रसाद पाण्डेय ने मुबारकबाद पेश किया। भावी नगर पंचायत प्रत्याशी रज्जन पाण्डेय ने कराया जलपान- डु��रियागंज मार्ग पर ब्लाक के सामने समाजवादी पार्टी के भावी नगर पंचायत प्रत्याशी इन्द्रजीत पाण्डेय उर्फ रज्जन पाण्डेय के द्वारा जलूस में आए लोगों के लिए जलपान की व्यवस्था कराया गया था।

उ.प्र. अपराध निरोधक समिति ने किया शासन प्रशासन का सहयोग- ईद मिलादुन्नबी के मौक़े पर उ.प्र. अपराध निरोधक समिति लखनऊ के सिद्धार्थनगर जिला उप सचिव रिज़वान अहमद सिद्दीकी के दिशा निर्देशन में इटवा नगर पंचायत के मेन चौराहे पर शासन प्रशासन के सहयोग के लिए कैंप लगाया गया।

जिस में मुख्य रूप से मो. क़मर, इमरान अहमद, अब्दुल रजकाक, अर्जुन प्रसाद मिश्रा, ज्ञानबदास, सीता राम, अल्ताफ रज़ा, रेहान सिद्दीकी, प्रदीप कुमार, गुड्डू, अरशद बाबू आदि ने पूर्ण सहयोग किया। जलूस में मो. उस्मान अलीमी, मौलाना रईस अहमद, मौलाना शरीफ, मौलाना शमीमुल कादरी, कारी खरकुल्लाह, हजरत नूरानी साहब, बबलू खान, मो0 अनीश, फारूक हसन, कमरुज्जमा खां, वजहुल कमर, वसीउल्लाह, खान रजा, फिरोज मनिहार, गुल मो., गुड्डू सर्राफ, मेहताब रजा, गुलाम मो., अब्दुल लतीफ, मो. अनीस अंसारी, अरबी हसन, मो. सलीम, सफातुल्लाह, मो. आरिफ, अख्तर हुसैन, मो. इलियास, इब्ने हसन सहित क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग म��जूद रहे। शासन प्रशासन रहा मुस्तैद-

जलूस की सुरक्षा और शान्ति तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन काफी मुस्तैद रहा। पुलिस बल के जवान पुलिस क्षेत्राधिकारी इटवा हरिशचन्द्र व प्रभारी निरीक्षक इटवा बिन्देश्वरीमणि त्रिपाठी के निर्देशन में अपनी ड्यूटी पर मुस्तैदी से तैनात रहे। Read the full article
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ईद मिलादुन्नबी पर्व अदब, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। ईद मिलादुन्नबी पर्व अदब, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा। मुस्लिम समाज की तैयारियां जारी है। मस्जिद, मदरसा व घरों पर इस्लामी झंडे लग गए हैं। इस्लामी माह रबीउल अव्वल शरीफ पर मस्जिदों में ईद मिलादुन्नबी पर तकरीर हुई। पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान व फज़ीलत में क़सीदा पढ़ा गया। मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ़्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिए आइडियल हैं। सारी मखलूक़ अल्लाह की रज़ा चाहती है और अल्लाह पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की रज़ा चाहता है और आप पर दरूदो-सलाम भेजता है। अल्लाह ने अपने नाम के साथ आपका नाम रखा, कलमा, अज़ान, नमाज़, क़ुरआन में, बल्कि हर जगह अल्लाह के नाम के साथ पैग़ंबर-ए-आज़म का नाम है। आपकी मोहब्बत के बग़ैर कोई मुसलमान नहीं हो सकता, क्योंकि आपकी मोहब्बत ईमान की शर्त है। अक्सा मस्जिद शाहिदाबाद में मौलाना तफज़्ज़ुल हुसैन रज़वी ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म दुनिया के लिए रहमत, नूर आला नूर हैं। कयामत के दिन आप ही सबसे पहले उम्मत की शफ़ाअत फरमायेंगे, बंदों के गुनाह माफ करायेंगे, दर्जे बुलंद कराएंगे, इसके अलावा पैग़ंबर-ए-आज़म की और बहुत सी खुसूसियत है जिनकी तफ़सील क़ुरआन, हदीस व उलमा-ए-अहले सुन्नत की किताबों में मौजूद है। बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म की तालीमात पर अमल करके हम दीन व दुनिया की कामयाबी हासिल कर सकते हैं। क़ुरआन व शरीअत के बताये रास्ते पर चलें। हर बुराई से दूर रहने के लिए नमाज़ की पाबंदी करें। मदरसे इल्म का मरकज़ है। तालीम खुद भी हासिल करें और बच्चों को भी तालीम दिलाएं। गुलरिया जामा मस्जिद में मौलाना शेर मोहम्मद ने कहा कि क़ुरआन फरमा रहा है कि अगर कामयाबी चाहिए तो पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का कल्चर अपनाओ, पैग़ंबर-ए-आज़म का बताया हुआ रास्ता अपनाओ। पैगंबर-ए-आज़म ने फरमाया कि ऐ लोगों! याद रखो, मेरे बाद कोई पैग़ंबर नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत नहीं। अत: अपन��� रब की इबादत करना। प्रतिदिन पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना। हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञा पालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म की फरमाबरदारी और पैरवी करो। जो अल्लाह और उसके पैग़ंबर की फरमाबरदारी करेगा उसे सिर्फ कामयाबी ही नहीं ब्लकि अज़ीम कामयाबी मिलेगी। सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि अल्लाह ने पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को तमाम कायनात से पहले अपने नूर की तजल्ली (प्रकाश) से पैदा फ़रमाया। अल्लाह ने तमाम पैग़ंबर, फरिश्ते, जमीन व आसमान, अर्श व कुर्सी तमाम जहान को पैग़ंबर-ए-आज़म अलैहिस्सलाम के नूर की झलक से पैदा फ़रमाया। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार में हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने कहा कि जब अरब जगत में आडंबर, सामाजिक बुराइयों, औरतों के खिलाफ हिंसा और नवजात बच्चियों की हत्या का दौर था। अरब की सरजमीं पर मौजूद इन बुराइयों के खिलाफ पैग़ंबर-ए-आज़म ने आवाज़ उठाई तो उनकी राह में तरह-तरह की मुश्किलें पैदा की गईं, लेकिन अल्लाह के पैग़ंबर आगे बढ़ते चले गए। तमाम बुराईयों को खत्म कर दिया, इसीलिए आज पूरी दुनिया मोहसिन-ए-इंसानियत पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को सलाम करती नज़र आ रही है। ग़ौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा कि इंसानियत और एक अल्लाह की इबादत का संदेश देने वाले पैगंबर-ए-आज़म समाज में औरतों को सम्मान एवं अधिकार दिए जाने की हमेशा पैरोकार रहे। शाही जामा मस्जिद तकिया कवलदह में हाफ़िज़ आफताब ने कहा कि अल्लाह ने अपनी जात के बाद हर खूबी और कमाल का जामे पैग़ंबर-ए-आज़म को बनाया। अल्लाह ने अपने तमाम खजानों की कुंजियां पैग़ंबर-ए-आज़म को अता फरमा दीं। दीन व दुनिया की तमाम नेमतों का देने वाला अल्लाह है और बांटने वाले पैग़ंबर-ए-आज़म हैं। नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना मो. असलम रज़वी ने कहा क़ुरआन-ए-पाक अल्लाह का कलाम है। यह एक मात्र किताब है जो सारी किताबों की सरताज है। यहां तक कि कयामत तक पैदा होने सारे सवालों का जवाब क़ुरआन-ए-पाक में है। दीन-ए-इस्लाम ने इस किताब के जरिए जो कानून अता किए हैं उनसे इंसानियत की हिफ़ाजत होती है और आदमियत का वकार बढ़ता है। बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन क़ादरी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम पूरी इंसानी बिरादरी की हिफ़ाजत की बात करता है। पैग़ंबर-ए-आज़म की रहमत महज इंसानों के लिए ही नहीं है बल्कि बेजुबान जानवरों, परिंदों के हक में भी सरापा रहमत है। Read the full article
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