#कच्चा आम
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आम कितना अच्छा फल है। चाहे वह पका हो या कच्चा, वह हर समय अच्छा लगता है। और अलग-अलग व्यक्ति विभिन्न प्रकार से उसका आस्वादन करते हैं। किन्तु आम सद��व अच्छा है। आम को 'फलों का राजा' कहा जाता है। इसी प्रकार भगवान् को समझने के लिए भक्ति सभी विधियों में सर्वश्रेष्ठ है। यह भक्ति की स्थिति है, चाहे वह कच्ची हो या पकी हुई। गोरखपुर, 10 फरवरी 1971
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AR Rahman Hospitalised: इस परेशानी की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए एआर रहमान, आम से दिखने वाले इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज Our Channel: https://www.youtube.com/@globalnewsnetworkofficial?sub_confirmation=1 AR Rahman Hospitalised: दिग्गज गायक और संगीतकार एआर रहमान (AR Rahman) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि गायक की तबीयत अचाकन बिगड़ने के चलते उन्हें चेन्नई के अस्पताल में एडमिट कराया गया है. वहीं, NDTV के सोर्स के मुताबिक, ऑस्कर विनर म्यूजिक कंपोजर को डिहाइड्रेशन (Dehydration) की शिकायत थी, जिसके चलते उनकी तबीयत अचानक अधिक बिगड़ गई और उन्हें चेन्नई के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया. फिलहाल सिंगर की स्थिति स्थिर बताई जा रही है, हालांकि उनका इलाज जारी है. सूत्रों के मुताबिक, सिंगर बीते दिन लंदन से लौटे थे और तभी से उन्हें कुछ अस्वस्थ महसूस हो रहा था. इसके चलते बीती रात वे जा��च के लिए अस्पताल पहुंचें, जहां डॉक्टर ने उन्हें डिहाइड्रेशन की समस्या बताई है. क्या चेहरे पर कच्चा दूध लगाना चाहिए? स्किन एक्सपर्ट से जानें Raw Milk लगाना अच्छा होता है या बुरा इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज बता दें कि वैसे तो डिहाइड्रेशन की समस्या किसी भी मौसम में हो सकती है. हालांकि, गर्मी के मौसम में ये परेशानी आम हो जाती है. वहीं, कई बार इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि लोग उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे में समय के साथ परेशानी गंभीर होती चली जाती है. शरीर में पानी की कमी धीरे-धीरे कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देने लगती है. ऐसे में डिहाइड्रेशन के लक्षणों को समझना और समय रहते इनके लिए उचित उपाय करना बेहद जरूरी हो जाता है. कैसे पता करें डिहाइड्रेट हो रही है आपकी बॉडी? (Symptoms Of Dehydration) लगातार थकान महसूस होना (Fatigue) अगर आपको बिना ज्यादा काम किए लगातार थकान महसूस हो रही है, कमजोरी का एहसास परेशान कर रहा है, तो ये डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है. शरीर में पानी की कमी से एनर्जी लेवल कम होने लगता है, जिससे सुस्ती और कमजोरी महसूस होती है. सिरदर्द और चक्कर आना (Headache and Dizziness) डिहाइड्रेशन होन��� पर बिना वजह तेज सिर दर्द और चक्कर आने की परेशानी बढ़ जाती है. दरअसल, बॉडी में पानी की कमी होने पर मस्तिष्क तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति उतने प्रभावी तरीके से नहीं हो पाती है, जिससे सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या बढ़ जाती है. पेशाब के रंग पर दें ध्यान (Urine Color) शरीर में पानी की कमी होने पर पेशाब के रंग में भी बदलाव होने लगता है. स्वस्थ और हाइड्रेट होने पर पेशाब हल्के पीले या पारदर्शी रंग का होता है. हालांकि, अगर पेशाब का रंग गहरा पीला या भूरा है, तो ये बॉडी में पानी की कमी के चलते हो सकता है. मुंह और त्वचा का सूखापन (Dry Mouth and Skin) बॉडी में पानी की कमी और डिहाइड्रेशन के चलते होंठ फटने, मुंह के बार-बार सूखने, मुंह में छाले पड़ने और स्किन के ड्राई पड़ने की समस्या भी बढ़ जाती है. इस तरह के संकेतों को भी नजरअंदाज न करें. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके- गर्मी में अपना ख्याल रखने और डिहाइड्रेशन की समस्या से बचे रहने के लिए रोज कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं. अगर आप सादा पानी नहीं पी पा रहे हैं, तो नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ आदि का सेवन कर सकते हैं. अधिक कैफीन और शराब के सेवन से बचें. ये बॉडी को डिहाइड्रेट कर सकते हैं. इन सब से अलग पानी से भरपूर ताजे फल और सब्जियों का सेवन ��ढ़ाएं. अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केव�� सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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*🌞~ आज दिनांक - 6 मार्च 2025 का वैदिक हिन्दू पंचांग और तीर्थ में करने योग्य १२ नियम ~🌞*
*⛅दिनांक - 6 मार्च 2025*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - बसन्त*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - सप्तमी सुबह 10:50 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*⛅नक्षत्र - रोहिणी रात्रि 12:05 मार्च 07 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*⛅योग- विष्कम्भ रात्रि 08:29 तक तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:20 से दोपहर 03:48 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:00*
*⛅सूर्यास्त - 06:41*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:19 से 06:08 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:27 से दोपहर 01:15 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:26 मार्च 07 से रात्रि 01:15 मार्च 07 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - रोहिणी व्रत*
*⛅ विशेष - सप्तमी को ताड़ फल फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है और अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹तीर्थ में करने योग्य १२ नियम🔹*
*अश्वमेधसहस्राणि वाजपेयशतानि च।*
*लक्षं प्रदक्षिणा भूमेः कुम्भस्नानेन तत्फलम् ।।*
*🔸'हजारों अश्वमेध यज्ञ, सैकड़ों वाजपेय यज्ञ और लाखों बार पृथ्वी की प्रदक्षिणा करने से जो फल होता है, वही फल एक बार कुम्भ-स्नान करने से प्राप्त हो जाता है।'*
*🔸तीर्थ में ये बारह नियम अगर कोई पालता है तो उसे तीर्थ का पूरा फायदा होता है:*
*🔸 (१) हाथों का संयम : गंगा में गोता भी मारा और अनधिकार किसीकी वस्तु ले ली या ऐसी-वैसी कोई चीज उठाकर मुँह में डाल ली तो पुण्यप्राप्ति का आनंद नहीं होगा ।*
*🔸 (२) पैरों का संयम: कहीं भी चले गये मौज-मजा ��ारने के लिए... नहीं, अनुचित जगह पर न जायें ।*
*🔸 (३) मन को दूषित विचारों व चिंतन से बचाकर भगवच्चिंतन करना ।*
*🔸 (४) सत्संग व वेदांत शास्त्र का आश्रय लेना : ऐसा नहीं कि शरीर में बुखार है और दे मारा गोता । पुण्यलाभ करें और फिर हो गया बुखार या न्यूमोनिया और आदमी मर गया, ऐसा नहीं करना चाहिए । देश,काल और शरीर की अवस्था देखनी चाहिए ।*
*🔸 (५) तपस्या।*
*🔸 (६) भगवान की कीर्ति, भगवान के गुणों का गान कुम्भ-स्थान पर करना चाहिए ।*
*🔸 (७) परिग्रह का त्याग : कोई कुछ चीज दे तो तीर्थ में दान नहीं लेना चाहिए । तीर्थ में दूसरों की सुविधाओं का उपयोग करके अपने ऊपर बोझा न चढ़ायें । दान का खाना, अशुद्ध खाना, प्रसाद में धोखेबाजी करके बार-बार लेना... अशुद्ध व्यवहार पुण्य क्षीण और हृदय को मलिन करता है । एक तरफ पुण्य कमा रहे हैं, दूसरी तरफ बोझा चढ़ा रहे हैं । यह न करें ।*
*🔸 (८) जैसी भी परिस्थिति हो, आत्मसंतोष होना चाहिए । हाय रे ! धक्का धक्की है, बस नहीं मिली... ऐसा करके चित्त नहीं बिगाड़ना । 'हरे-हरे ! वाह ! यार की मौज ! तेरी मर्जी पूरण हो !' - इस प्रकार अपने चित्त को संतुष्ट रखें ।*
*🔸 (९) किसी प्रकार के अहंकार को न पोसें: 'मैं तो तीन बजे उठा था, मैं तो इतने मील पैदल गया और मैंने तो १० डुबकियाँ लगायीं.... - ऐसा अहंकार पुण्य को क्षीण कर देता है । भगवान की कृपा है जो पुण्यकर्म हुआ, उसको छुपाकर रखो ।*
*🔸 (१०) 'यह करूँगा, यह भोगूँगा, इधर जाऊँगा, उधर जाऊँगा.... इसका चिंतन न करें । 'मैं कौन हूँ ? जन्म के पहले मैं कौन था, अभी कौन हूँ और बाद में कौन रहूँगा ? तो मैं तो वही चैतन्य आत्म��� हूँ । मैं जन्म के पहले था, अभी हूँ और बाद में भी रहूँगा ।' - इस प्रकार अपने स्वभाव में आने का प्रयत्न करें ।*
*🔸(११) दम्भ, दिखावा न करें ।*
*🔸(१२) इन्द्रिय-लोलुपता नहीं । कुछ भी खा लिया कि मजा आता है, कहीं भी चले गये... तो मौज-मजा मारने के लिए कुम्भ-स्नान नहीं है । सच्चाई, सत्कर्म और प्रभु-स्नेह से तपस्या करके अंतरात्मा का माधुर्य जगाने के लिए और हृदय को प्रसन्नता दिलाने के लिए तथा सत्संग के रहस्य का प्रसाद पाने के लिए कुम्भ-स्नान है ।"*
*🔹गुरुवार विशेष 🔹*
*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*
*🔸गुरुवार के दिन दे��गुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*
*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*
*फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*
*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*
*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*
⚜️📌✍𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 𝗨𝘀
📌𝗔𝘀𝘁𝗿𝗼𝗹𝗼𝗴𝘆, 𝗩𝗮𝘀𝘁𝘂𝗦𝗵𝗮𝘀𝘁𝗿𝗮 𝗮𝗻𝗱 𝗡𝘂𝗺𝗲𝗿𝗼𝗹𝗼𝗴𝘆 और सनातन धर्म की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी पहले पाने के लिए अभी 𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 करे "𝗔𝘀𝘁𝗿𝗼𝗩𝗮𝘀𝘁𝘂𝗞𝗼𝘀𝗵" को 📌𝗔𝗸𝘀𝗵𝗮𝘆 𝗝𝗮𝗺𝗱𝗮𝗴𝗻𝗶
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📌𝗪𝗵𝗮𝘁𝘀𝗮𝗽𝗽 https://tinyurl.com/276kwcwf
📌𝗪𝗵𝗮𝘁𝘀𝗮𝗽𝗽𝗖𝗵𝗮𝗻𝗻𝗲𝗹
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📌𝗬𝗼𝘂𝘁𝘂𝗯𝗲
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📌𝗜𝗻𝘀𝘁𝗮𝗴𝗿𝗮𝗺
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*🚩🌹जय श्री राम 🌹🚩*
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आगरा: नकली देशी घी फैक्ट्री पर छापा, करोड़ों का माल जब्त, पांच गिरफ्तार


आगरा के ताजगंज इलाके में श्याम फूड फैक्ट्री के नाम पर चल रहे नकली देशी घी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस और एसओजी सिटी टीम ने सर्विलांस की मदद से फैक्ट्री पर छापा मारा और करोड़ों रुपये का नकली घी, कच्चा माल और मशीनरी जब्त की। फैक्ट्री में अमूल, मदर डेयरी, पतंजलि जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम पर नकली घी तैयार कर इसे उत्तर भारत के बाजारों में बेचा जा रहा था। पुलिस कार्रवाई का ब्यौरा पुलिस को सूचना मिली थी कि शमशाबाद रोड पर एक फैक्ट्री में नकली देशी घी बनाया जा रहा है। जांच के बाद पुलिस और एसओजी की टीम ने फैक्ट्री पर छापा मारा। छापे के दौरान पता चला कि रिफाइंड तेल और कृत्रिम एसेंस के जरिए नकली देशी घी तैयार किया जा रहा था। इस नकली घी को बड़ी कंपनियों के नाम की पैकिंग में पैक कर बाजार में उतारा जाता था। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री के मैनेजर समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे पिछले एक साल से यह धंधा चला रहे थे और रा�� के समय नकली घी तैयार करते थे। नकली घी की सप्लाई उत्तर भारत के कई राज्यों में की जाती थी।

खाद्य विभाग की जांच छापेमारी के दौरान खाद्य विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और बरामद सामग्री के सैंपल लिए। खाद्य विभाग अब इन सैंपलों की जांच करेगा ताकि यह तय किया जा सके कि नकली घी के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव हो सकते हैं। पुलिस ने कहा है कि सप्लाई चेन से जुड़े अन्य लोगों की पहचान कर उन्हें भी कानूनी कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। जनता की प्रतिक्रिया हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा ने इस मामले पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "यह सिर्फ एक आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि यह आम जनता के स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड़ है। प्रतिष्ठित कंपनियों की साख को नुकसान पहुंचाने और उपभोक्ताओं को धोखा देने का यह कृत्य अस्वीकार्य है। प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और जनता को जागरूक करना चाहिए ताकि ऐसे उत्पादों की पहचान की जा सके।" सामाजिक कार्यकर्ताओं की टिप्पणी सामाजिक कार्यकर्ता विजय उपाध्याय ने इस घटना पर नाराजगी जताई और कहा, "नकली खाद्य उत्पादों का कारोबार सिर्फ मुनाफा कमाने की लालच में लोगों की जान को खतरे में डालता है। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सरकार को खाद्य सुरक्षा पर सख्त कदम उठाने होंगे। जागरूकता अभियान और कड़ी निगरानी समय की मांग है।" डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करते हैं, ने कहा, "ऐसे नकली उत्पाद न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं, बल्कि लंबे समय तक इनके सेवन से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की फैक्ट्रियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करे और दोषियों को कठोर सजा दी जाए। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को भी सस्ते उत्पादों के लालच से बचना चाहिए और हमेशा प्रमाणित कंपनियों के उत्पाद खरीदने चाहिए।" स्थानीय जनता में आक्रोश इस घटना के बाद आगरा में स्थानीय जनता और व्यापारिक संगठनों में रोष है। कई लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए। पुलिस और खाद्य विभाग की इस संयुक्त कार्रवाई को सराहा जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे संदिग्ध खाद्य उत्पादों की जानकारी पुलिस को दें ताकि ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जा सके। Read the full article
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महंगाई की मार, थाली से दूर हो रही हरी सब्जी
पटना: महंगाई की मार हर तबके के लोगों को प्रभावित कर रही है। किराना सामान के साथ दाल, तेल से पहले से परेशान चल रहे लोगों को सबसे अधिक परेशानी हरी सब्जियों को लेकर है। इसके भाव आसमान छू रहे हैं। इतना ही नहीं इसके अलावा इस बार आलू प्याज और लहसून के भाव भी काफी महंगे हैं। आम लोगों के पहुंच से यह दूर हो रही है। पहले जहां लोग कच्चा प्याज भी सलाद में खा लेते थे। अब मांस में भी सोच समझकर प्याज और लहसुन…
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Kachha Aam Lemonade Mix; Raw mangoes are rich in Vitamin C, which boosts immunity, aids in collagen production, and helps in iron absorption. Read full recipe
https://foodrecipesoffical.com/wp-admin/post.php?post=4309&action=edit
foodrecipesoffical.blogspot.com
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( #Muktibodh_part221 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part222
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 424-425
◆◆ कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि भैंसा पंडित आप पंडितो वाले लंगर में प्रवेश करके भोजन ग्रहण ��रें। मैं तो शुद्र हूँ, अशिक्षित हूँ। इसलिए आम जनता के लिए लगे लंगर मैं भोजन करने जाता हूँ।
उसी समय सर्व पंडित जो भैंसे को वेदमन्त्रा बोलते देखकर एकत्रित हो गए थे। कबीर जी के चरणों में गिर गए तथा अपनी भूल की क्षमा याचना की। परमेश्वर कबीर जी ने कहाः-
करनी तज कथनी कथैं, अज्ञानी दिन रात।
कुकर ज्यों भौंकत फिरें सुनी सुनाई बात ।।
सत्संग में तो कह रहे थे कि भगवान रामचन्द्र जी ने शुद्र जाति की सबरी (भीलनी) के झूठे बेर रुचि-रुचि खाए, कोई छुआछूत नहीं की और स्वयं को तुम परमात्मा से भी उत्तम मानते हो। कहते हो, करते नहीं। एक-दूसरे से सुनी-सुनाई बात कुत्ते की तरह भौंकते रहते हो। सर्व उपस्थित पंडितों सहित हजारों की सँख्या में कबीर जुलाहे के शिष्य बने, दीक्षा ली।
शास्त्रविरुद्ध भक्ति त्यागकर, शास्त्रविधि अनुसार भक्ति शुरु की, आत्म कल्याण करवाया। हे धर्मदास! यही बात आप कह रहे हो कि हम शुद्र को पास भी नहीं बैठने देते।
धर्मदास बहुत शर्मसार हुआ। परन्तु परमात्मा की शिक्षा को अपने ऊपर व्यंग्य समझकर खिझ गया तथा कहा कि हे जिन्दा! आपकी जली-भूनी बातें अच्छी नह��ं लगती। आपको बोलने की सभ्यता नहीं है। कहते हो कि कुत्ते की तरह सुनी-सुनाई बातें तुम सब भौंकते
फिरते हो। यह कहकर धर्मदास जी ने मुँह बना लिया। नाराजगी जाहिर की। परमात्मा जिन्दा रुप में अन्तर्ध्यान हो गए। चौथी बार अन्तर्ध्यान हो गए तो धर्मदास का जीना मुश्किल हो गया। पछाड़ खा-खा कर रोने लगा। उस दिन फिर वृंदावन में धर्मदास से परमात्मा की वार्ता हुई थी। (इस प्रकार परमेश्वर कबीर जी कुल मिलाकर छः बार अन्तर्ध्यान हुए, तब धर्मदास की अक्ल ठिकाने आई) वृन्दावन मथुरा से चलकर धर्मदास रोता हुआ अपने गांव
बांधवगढ़ की ओर वापिस चल पड़ा। धर्मदास जी ने छः महीनों का कार्यक्रम तीर्थों पर भ्रमण का बना रखा था। वह 15 दिन में ही वापिस घर की ओर चल पड़ा। गरीब दास जी ने अपनी अमृतवाणी में कहा है :-
तहां वहां रोवत है धर्मनी नागर, कहां गए मेरे सुख के सागर।
अति वियोग हुआ हम सेती, जैसे निर्धन की लुट जाय खेती।
हम तो जाने तुम ��ेह स्वरुपा, हमरी बुद्धि अन्ध गहर कूपा।
कल्प करे और मन में रोवै, दशों दिशा कूं वो मघ जोहै।
बेग मिलो करहूं अपघाता, मैं ना जीवूं सुनो विधाता।
जब धर्मदास जी बाँधवगढ़ पहुँचा, उस समय बहुत रो रहा था। घर में प्रवेश करके मुँह के बल गिरकर फूट-फूटकर रोने लगा। उसकी पत्नी का नाम आमिनी देवी था। अपने पति को रोते देखकर तथा समय से पूर्व वापिस लौटा देखकर मन-मन में विचार किया कि लगता है भक्तजी को किसी ने लूट लिया है। धन न रहने के कारण वापिस लौट आया है। धर्मदास जी के पास बैठकर अपने हाथों आँसूं पौंछती हुई बोली - क्यों कच्चा मन कर रहे हो। कोई बात नहीं, किसी ने आपकी यात्रा का धन लूट लिया। आपके पास धन की कमी थोड़े है और ले जाना। अपनी तीर्थ यात्रा पूरी करके आना। मैं मना थोड़े करुँगी। कुछ देर बाद दृढ़ मन करके धर्मदास जी ने कहा कि आमिनी देवी यदि रुपये पैसे वाला धन लुट
गया होता तो मैं और ले जाता। मेरा ऐसा धन लुट गया है जो शायद अब नहीं मिलेगा।
वह मैंने अपने हाथों अपनी मूर्खता से गँवाया है। जिन्दा महात्मा से हुई सर्वज्ञान चर्चा तथा जिन्दा बाबा से सुनी सृष्टि रचना आमिनी देवी को सुनाया। सर्वज्ञान प्रमाणों सहित देखकर आमिनी ने कहा कि सेठ जी आप तो निपुण व्यापारी थे, कभी घाटे का सौदा नहीं करते थे। इतना प्रमाणित ज्ञान फिर भी आप नहीं माने, साधु को तो नाराज होना ही था। कितनी बार आपको मिले- बच्चे की तरह समझाया, आपने उस दाता को क्यों ठुकरवाया? धर्मदास ने कहा आमिनी! जीवन में पहली बार हानि का सौदा किया है। यह हानि अब पूर्ति नहीं हो पावेगी। वह धन नहीं मिला तो मैं जीवित नहीं रह पाऊँगा।
छः महीने तक परमेश्वर जिन्दा नहीं आए। धर्मदास रो-रो अकुलाए, खाना नाममात्र रह गया। दिन में कई-कई बार घण्टों रोना। शरीर सूखकर काँटा हो गया। एक दिन धर्मदास जी से आमिनी देवी ने पूछा कि हे स्वामी! आपकी यह हालत मुझ से देखी नहीं जा रही है। आप विश्वास रखो, जब छः बार आए हैं तो अबकी बार भी आएँगे। धर्मदास ने कहा कि इतना समय पहले कभी नहीं लगाया। लगता है मुझ पापी से बहुत नाराज हो गए हैं, बात भी नाराजगी की है। मैं महामूर्ख हूँ आमिनी देवी! अब मुझे उनकी कीमत का पता चला है। भोले-भाले नजर आते हैं, वे परमात्मा के विशेष कृपा पात्रा हैं। इतना ज्ञान देखा न सुना।
आमिनी ने पूछा कि उन्होंने बताया हो कि वे कैसे-कैसे मिलते हैं, कहाँ-कहाँ जाते हैं? धर्मदास जी ने कहा कि वे कह रहे थे कि मैं वहाँ अवश्य जाता हूँ जहाँ पर धर्म-भण्डारे होते हैं। वहाँ
लोगों को ज्ञान समझाता हूँ। आमिनी देवी ने कहा कि आप भण्डारा कर दो। हो सकता है कि जिन्दा बाबा आ जाए। धर्मदास जी बोले कि मैं तो तीन दिन का भण्डारा करुँगा।
आमिनी देवी पहले तो कंजूसी करती थी। धर्मदास तीन दिन का भण्डारा कहता था तो वह एक दिन पर अड़ जाती थी। परन्तु उस दिन आमिनी ने तुरन्त हाँ कर दी कि कोई बात
नहीं आप तीन दिन का भण्डारा करो। धर्मदास जी ने दूर-दूर तक तीन दिन के भण्डारे का संदेश भिजवा दिया। साधुओं का निमन्त्रण भिजवा दिया। निश्चित दिन को भण्डारा प्रारम्भ
हो गया। दो दिन बीत गए। साधु-महात्मा आए, ज्ञान चर्चा होती रही। परन्तु जो ज्ञान जिन्दा
बाबा ने बताया था। उसका उत्तर किसी के पास नहीं पाया। धर्मदास जी जान-बूझकर साधुओं से प्रश्न करते थे कि क्या ब्रह्मा, विष्णु, शिव का भी जन्म होता है। उत्तर वही घिसा-पिटा मिलता कि इनके कोई माता-पिता नहीं हैं। इससे धर्मदास को स्पष्ट हो जाता कि वह जिन्दा महात्मा नहीं आया है। वेश बदलकर आता तो भी ज्ञान तो सही बताता। तीसरे दिन भी दो पहर तक में जिन्दा बाबा नहीं आए। धर्मदास जी ने दृढ़ निश्चय करके कहा कि यदि आज जिन्दा बाबा नहीं आए तो मैं आत्महत्या करुँगा, ऐसे जीवन से मरना भला। परमात्मा तो अन्तर्यामी हैं। जान गए कि आज भक्त पक्का मरेगा। उसी समय कुछ दूरी पर
कदंब का पेड़ था। उसके नीचे उसी जिन्दा वाली वेशभूषा में बैठे धर्मदास को दिखाई दिए। धर्मदास दौड़कर गया, ध्यानपूर्वक देखा, जिन्दा महात्मा के गले से लग गया। अपनी गलती
की क्षमा माँगी। कभी ऐसी गलती न करने का बार-बार वचन किया। तब परमात्मा धर्मदास के घर में गए। आमिनी तथा धर्मदास दोनों ने बहुत सेवा की, दोनों ने दीक्षा ली। परमात्मा
ने जिन्दा रुप में उनको प्रथम मन्त्र की दीक्षा दी। कुछ दिन परमेश्वर उनके बाग में रहे। फिर एक दिन धर्मदास ने ऐसी ही गलती कर दी, परमात्मा अचानक गायब हो गए। धर्मदास
जी ने अपनी गलती को घना (बहुत) महसूस किया। खाना-पीना त्याग दिया, प्रतिज्ञा कर ली कि जब तक दर्शन नहीं दोगे, पीना-खाना बन्द। धर्मदास शरीर से बहुत दुर्बल हो गए।
उठा-बैठा भी नहीं जाता था। छठे दिन परमात्मा आए। धर्मदास को अपने हाथों उठाकर गले से लगाया। अपने हाथों खाना खिलाया। धर्मदास ने पहले चरण धोकर चरणामृत लिया।
फिर ज्ञान चर्चा शुरु हुई। धर्मदास जी ने पूछा कि आप जी को इतना ज्ञान कैसे हुआ?
क्रमशः_______________
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry

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*🌞~ आज दिनांक 11 जनवरी 2024 बृहस्पतिवार का हिन्दू पंचांग ~🌞*
https://youtube.com/shorts/NYq4Q0cHMCU?si=lpAxFR-TFLBYjPv8
*⛅दिनांक - 11 जनवरी 2024*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अमावस्या शाम 05:26 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढा शाम 05:39 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा*
*⛅योग - व्याघात शाम 05:49 तक तत्पश्चात हर्षण*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:09 से 03:30 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:23*
*⛅सूर्यास्त - 06:12*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:14 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - पौष अमावस्या*
*⛅विशेष - अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔹पौष अमावस्या - 11 जनवरी 2024🔹*
*🔸10 जनवरी रात्रि 08:10 से 11 जनवरी शाम 05:26 तक अमावस्या ।*
*🔹नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए🔹*
*🔹घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
*🌹पूज्य बापूजी - रजोकरी, ३० नवम्बर २०१०*
*🔹अमावस्या विशेष🔹*
*🌹1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।*
*(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*
*🌹2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*
*🌹4. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।*
*🌹5. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।*
*🔹गरीबी भगाने का शास्त्रीय उपाय🔹*
*🌹गरीबी है, बरकत नहीं है, बेरोजगारी ने गला घोंटा है तो फिक्र न करो । हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें ।*
*🔹सामग्री : १. काले तिल २. जौ ३. चावल ४. गाय का घी ५. चंदन पाउडर ६. गूगल ७. गुड़ ८. देशी कपूर एवं गौ चंदन या कण्डा ।*
*🌹विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवन कुण्ड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये मंत्रों से ५ आहुति दें ।*
*आहुति मंत्र*
*🌹 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*
*🌹 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*
*🌹 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*
*🌹 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*
*🌹 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*
*🌹इस प्रयोग से थोड़े ही दिनों में स्वास्थ्य, समृद्धि और मन की प्रसन्नता दिखायी देगी ।*
*🔹गुरुवार विशेष 🔹*
*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*
*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*
*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*
*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*
*( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )*
https://t.me/asharamjiashram/6490
*🌞संत श्री आशारामजी बापू आश्रम🌞*

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कच्चा आम बेचने वाली गरीब सहेली | Gareeb saheli | Hindi Kahaniya | Moral ...
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काश की हमारे लोग इसे समझ पाते....
मर्म-स्पर्शी कहानी
• विरासत •
महेश के घर आते ही बेटे ने बताया कि वर्मा अंकल आर्टिगा गाड़ी ले आये हैं। पत्नी ने चाय का कप पकड़ाया और बोली पूरे 13 लाख की गाड़ी खरीदी और वो भी कैश में। महेश हाँ हूँ करता रहा। आखिर पत्नी का धैर्य जवाब दे गया, हम लोग भी अपनी एक गाड़ी ले लेते हैं, तुम मोटर साईकल से दफ्तर जाते हो क्या अच्छा लगता है कि सभी लोग गाड़ी से आएं और तुम बाइक चलाते हुए वहाँ पहुंचो, कितना खराब लगता है। तुम्हे न लगे पर मुझे तो लगता है।
देखो घर की किश्त और बाल बच्चों के पढ़ाई लिखाई के बाद इतना नही ब��ता कि गाड़ी लें। फिर आगे भी बहुत खर्चे हैं। महेश धीरे से बोला।
बाकी लोग भी तो कमाते हैं, सभी अपना शौक पूरा करते हैं, तुमसे कम तनखा पाने वाले लोग भी स्कोर्पियो से चलते हैं, तुम जाने कहाँ पैसे फेंक कर आते हो। पत्नी तमतमाई।*
अरे भई सारा पैसा तो तुम्हारे हाथ मे ही दे देता हूँ, अब तुम जानो कहाँ खर्च होता है। महेश ने कहा।
मैं कुछ नही जानती, तुम गाँव की जमीन बेंच दो ,यही तो समय है जब घूम घाम लें हम भी ज़िंदगी जी लें। मरने के बाद क्या जमीन लेकर जाओगे। क्या करेंगे उसका। मैं कह रही कल गाँव जाकर सौदा तय करके आओ बस्स। पत्नी ने निर्णय सुना दिया।
अच्छा ठीक है पर तुम भी साथ चलोगी। महेश बोला । पत्नी खुशी खुशी मान गयी और शाम को सारे मुहल्ले में खबर फैल गयी कि सरला जल्द ही गाड़ी लेने वाली है।
सुबह महेश और सरला गाँव पहुँचे। गाँव में भाई का परिवार था। चाचा को आते देख बच्चे दौड़ पड़े। बच्चों ने उन्हें खेत पर ही रुकने को बोला, चाचा माँ आ रही है। तब तक महेश की भाभी लोटे में पानी लेकर वहाँ आईं और दोनों के जूड़ उतारने के बाद बोलीं लल्ला अब घर चलो।
बहुत दिन बाद वे लोग गाँव आये थे, कच्चा घर एक तरफ गिर गया था। एक छप्पर में दो गायें बंधीं थीं। बच्चों ने आस पास फुलवारी बना रखी थी, थोड़ी सब्जी भी लगा रखी थी। सरला को उस जगह की सुगंध ने मोह लिया। भाभी ने अंदर बुलाया पर वह बोली यहीं बैठेंगे। वहीं रखी खटिया पर बैठ गयी। महेश के भाई कथा कहते थे। एक बालक भाग कर उन्हें बुलाने गया। उस समय वह राम और भरत का संवाद सुना रहे थे। बालक ने कान में कुछ कहा, उनकी आंख से झर झर आँसू गिरने लगे, कण्ठ अवरुद्ध हो गया। जजमानों से क्षमा मांगते बोले, आज भरत वन से आया है राम की नगरी। श्रोता गण समझ नही सके कि महाराज आज यह उल्टी बात क्यों कह रहे। नरेश पंडित अपना झोला उठाये नारायण को विश्राम दिया और घर को चल दिये।
महेश ने जैसे ही भैया को देखा दौड़ पड़ा, पंडित जी के हाथ से झोला छूट गया, भाई को अँकवार में भर लिए। दोनो भाइयों को इस तरह लिपट कर रोते देखना सरला के लिए अनोखा था। उसकी भी आंखे नम हो गयीं। भाव के बादल किसी भी सूखी धरती को हरा भरा कर देते हैं। वह उठी और जेठ के पैर छुए, पंडित जी के मांगल्य और वात्सल्य शब्दों को सुनकर वह अन्तस तक भरती गयी।
दो पैक्ड कमरे में रहने की अभ्यस्त आंखें सामने की हरियाली और निर्दोष हवा से सिर हिलाती नीम, आम और पीपल को देखकर सम्मोहित सी हो रहीं थीं। लेकिन आर्टिगा का चित्र बार बार उस सम्मोहन को तोड़ रहा था। वह खेतों को देखती तो उसकी कीमत का अनुमान लगाने बैठ जाती।
दोपहर में खाने के बाद पण्डित जी नित्य मानस पढ़ कर बच्चों को सुनाते थे। आज घर के सदस्यों में दो सदस्य और बढ़ गए थे। अयोध्याकांड चल रहा था। मन्थरा कैकेयी को समझा रही थी, भरत को राज कैसे मिल सकता है। पाठ के दौरान सरला असहज होती जाती जैसे किसी ने उसकी चोरी पकड़ ली हो। पाठ खत्म हुआ। पोथी रख कर पण्डित जी गाँव देहात की समसामयिक बातें सुनाने लगे। सरला को इसमें बड़ा रस आता था। उसने पूछा कि क्या सभी खेतों में फसल उगाई जाती है? पण्डित जी ने सिर हिलाते हुए कहा कि एक हिस्सा परती पड़ा है। सरला को लगा बात बन गयी, उसने कहा क्यों न उसे बेंच कर हम कच्चे घर को पक्का कर लें। पण्डित जी अचकचा गए। बोले बहू, यह दूसरी गाय देख रही, दूध नही देती पर हम इसकी सेवा कर रहे हैं। इसे कसाई को नही दे सकते। तुम्हे पता है, इस परती खेत में हमारे पुरखों का जांगर लगा है। यह विरासत है, विरासत को कभी खरीदा और बेंचा थोड़े जाता है। विरासत को संभालते हुए हम लोगों की कितनी पीढ़ियाँ खप गयीं। कितने बलिदानों के बाद आज भी हमने अपनी मही माता को बचा कर रखा है। तमाम लोगों ने खेत बेंच दिए, उनकी पीढ़ियाँ अब मनरेगा में मजूरी कर रही हैं या शहर के महासमुन्दर में कहीं विलीन हो गए। तुम अपनी जमीन पर बैठी हो, इन खेतों की रानी हो। इन खेतों की सेवा ठीक से हो तो देखो कैसे माता मिट्टी से सोना देती है। शहर में जो हर लगा है बेटा वो सब कुछ हरने पर तुला है, सम्बन्ध, भाव, प्रेम, खेत, मिट्टी, पानी हवा सब कुछ। आज तुम लोग आए तो लगा मेरा गाँव शहर को पटखनी देकर आ गया। शहर को जीतने नही देना बेटा। शहर की जीत आदमी को मशीन बना देता है। हम लोग रामायण पढ़ने वाले लोग हैं जहाँ भगवान राम सोने की लंका को जीतने के बाद भी उसे तज कर वापस अजोध्या ही आते है, अपनी माटी को स्वर्ग से भी बढ़कर मानते हैं।
तब तक अंदर से भाभी आयीं और उसे अंदर ले गईं। कच्चे घर का तापमान ठंडा था। उसकी मिट्टी की दीवारों से उठती खुशबू सरला को अच्छी लग रही थी। भाभी ने एक पोटली सरला के सामने रख दी और बोलीं, मुझे लल्ला ने बता ��िया था, इसे ले लो और देखो इससे कार आ जाये तो ठीक नही तो हम इनसे कहेंगे कि खेत बेंच दें।
सरला मुस्कुराई, विरासत कभी बेंचा नही जाता भाभी। मैं बड़ों की संगति से दूर रही न इसलिए मैं विरासत को कभी समझ नही पाई। अब यहीं इसी खेत से सोना उपजाएँगे और फिर गाड़ी खरीदकर आप दोनों को तीरथ पर ले जायेंगे, कहते हुए सरला रो पड़ी, क्षमा करना भाभी। दोनो बहने रोने लगीं। बरसों बरस की कालिख धुल गयी।
अगले दिन जब महेश और सरला जाने को हुए तो उसने अपने पति से कहा, सुनो मैंने कुछ पैसे गाड़ी के डाउन पेमेंट के लिए जमा किये थे उससे परती पड़े खेत पर अच्छे से खेती करवाइए। अगली बार उसी फसल से हम एक छोटी सी कार लेंगे और भैया भाभी के साथ हरिद्वार चलेंगे।
शहर हार गया, जाने कितने बरस बाद गाँव अपनी विरासत को मिले इस मान पर गर्वित हो उठा था।
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आम कितना अच्छा फल है। चाहे वह पका हो या कच्चा, वह हर समय अच्छा लगता है। और अलग-अलग व्यक्ति विभिन्न प्रकार से उसका आस्वादन करते हैं। किन्तु आम सदैव अच्छा है। आम को 'फलों का राजा' कहा जाता है। इसी प्रकार भगवान् को समझने के लिए भक्ति सभी विधियों में सर्वश्रेष्ठ है। यह भक्ति की स्थिति है, चाहे वह कच्ची हो या पकी हुई। गोरखपुर, 10 फरवरी 1971
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(सप्तमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-12-मई-2023
वार:-------शक्रवार
तिथी:-----07सप्तमी:-09:07
पक्ष: ---------कृष्णपक्ष
माह:-------- ज्येष्ठ
नक्षत्र:------श्रवण:-13:03
योग :--------शुक्ल:-12:17
करण:-------बव:-09:07
चन्द्रमा:-----मकर:-24:19/कुम्भ
सुर्योदय:-------05:57
सुर्यास्त:--------19:11
दिशा शुल-------पश्चिम
निवारण उपाय:---दही का सेवन
ऋतु :--------------ग्रीष्म-ऋतु
गुलीक काल:---07:40से 09:19
राहू काल:------10:58से12:36
अभीजित-------11:56से12:50
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-05:57से07:41तक
लाभ:-07:41से09:19तक
अमृत:-09:19से10:58तक
शुभ:-12:36से14:15तक
चंचल:-17:32से19:11तक
🌓चोघङिया रात🌗
लाभ:-21:49से23:11तक
शुभ:-00:32से01:53तक
अमृत:-01:53से03:15तक
चंचल:-03:15से04:36तक
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
आज के विशेष योग
वर्ष का52वा दिन, कालाष्टमी, धनिष्ठा नवकारंभ प्रारंभ 13:03,
पंचक प्रारंभ 24:19, दग्धयोग 19:07 से29:49तक, रवियोग 13:03से, वैधृति महापात 21:30 से26:11, ग्रीष्मोत्सव प्रा.3दिन राज.,
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
👉वास्तु टिप्स 👈
घर में तुलसी को कभी अन्धेरें मे ना रखे।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*सुविचार*
चाहे कितना भी भलाई का काम कर लिजिए.. उस भलाई की उम्र सिर्फ अगली गलती होने तक ही है!!! 👍🏻राधे राधे...
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
🌷 *गर्मियों में बलप्रद व स्वास्थ्यवर्धक आम* 🌷
🍋 पका आम बहुत ही पौष्टिक होता है | इसमें प्रोटीन,विटामिन व खनिज पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट तथा शर्करा विपुल मात्रा में होते हैं |
🍋 आम मीठा, चिकना, शौच साफ़ लानेवाला, तृप्तिदायक, ह्रदय को बलप्रद, वीर्य की शुद्धि तथा वृद्धि करनेवाला है | यह वायु व पित्त नाशक परंतु कफकारक है तथा कांतिवर्धक, रक्त की शुद्धि करनेवाला एवं भूख बढ़ानेवाला है | इसके नियमित सेवन से रोगप्रतिकारक शक्ति बढती है |
🍋 शुक्रप्रमेह आदि विकारों के कारण जिनको संतानोत्पत्ति न होती हो, उनके लिए पका आम लाभकारक है| कलमी आम की अपेक्षा देशी आम जल्दी पचनेवाला, त्रिदोषशामक व विशेष गुणयुक्त है | रेशासहित, मीठा, पतली या छोटी गुठलीवाला आम उत्तम माना जाता है | यह आमाशय, यकृत, फेफड़ों के रोग तथा अल्सर, रक्ताल्पता आदि में लाभ पहुँचाता है | इसके सेवन से रक्त,मांस आदि सप्तधातुओं तथा वासा की वृद्धि और हड्डियों का पोषण होता है | यूनानी डॉक्टरों के मतानुसार पका आम आलस्य दूर करता है, मूत्र साफ़ लाता है, क्षयरोग (टी.बी.)मिटाता है तथा गुर्दें व मूत्राशय के लिए शक्तिदायक
🍋 भूखवृद्धि : आम के रस में घी और सौंठ डालकर सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होता है | वायु रोग या पाचनतंत्र की दुर्बलता : आम के रस में अदरक मिलाकर लेना हितकारी है |
🍋 शहद के साथ पके आम के सेवन से प्लीहा, वायु और कफ के दोष तथा क्षयरोग दूर होता है |
🍋 आम का पना : केरी (कच्चा आम ) को पानी में उबालें अथवा गोबर के कंडे की आग में दबा दें | भुन जाने पर छिलका उतार दें और गूदा मथकर उसमें गुड, जीरा, धनिया, काली मिर्च तथा नमक मिलाकर दोबारा मथें | आवश्यकता अनुसार पानी मिलायें और पियें |
🍋 लू लगने पर : उपरोक्त आम का पना एक-एक कप दिन में २ - ३ बार पियें |
🍋 भुने हुए कच्चे आम के गूदे को पैरों के तलवों पर लगाने से भी लू से राहत मिलती है |
🍋 वजन बढ़ाने के लिए : पके और मीठे आम नियमित रूप से खाने से दुबल��� - पतले व्यक्ति का वजन बढ़ सकता है |
🍋 दस्त में रक्त आने पर : छाछ में आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण मिलाकर पीने से लाभ होता है |
🍋 पेट के कीड़े : सुबह चौथाई चम्मच आम की गुठलियों का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े मर जाते है |
🍋 प्रदर रोग : आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण शहद के साथ चाटने से रक्त-प्रदर में लाभ होता है |
🍋 दाँतों के रोग : आम के पत्तों को खूब चबा-चबाकर थूकते रहने से कुछ ही दोनों में दाँतों का हिलना और मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है | आम की गुठली की गिरी के महीन चूर्ण का मंजन करने से पायरिया ठीक होता है |
🍋 घमौरियाँ : आम की गुठली के चूर्ण से स्नान करने से घमौरियाँ दूर होती है |
🍋 पुष्ट और सुडौल शरीर : यदि एक वक्त के आहार में सुबह या शाम केवल आम चूसकर जरा-सा अदरक लें तथा डेढ -दो घंटे के बाद दूध पियें तो ४० दिन में शरीर पुष्ट व सुडौल हो जाता | आम और दूध एक साथ खाना आयुर्वेद की दृष्टि से विरुद्ध आहार है | इससे आगे चलकर चमड़ी के रोग होते हैं |
🔥 सावधानी : खाने के पहले आम को पानी में रखना चाहिए | इससे उसकी गर्मी निकल जाती है | भूखे पेट आम नहीं खाना चाहिए | अधिक आम खाने से गैस बनती है और पेट के विकार पैदा होते हैं | कच्चा, खट्टा तथा अति पका हुआ आम खाने से लाभ के बजाय हानि हो सकती है | कच्चे आम के सीधे सेवन से कब्ज व मंदाग्नि हो सकती है |
💥 बाजार में बिकनेवाला डिब्बाबंद आम का रस स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं होता है | लम्बे समय तक रखा हुआ बासी रस वायुकारक, पचने में भारी एवं ह्रदय के लिए अहितकर है |
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज जल्दबाजी में किये फैसलों से भारी नुकसान हो सकता है। परिवार में आपकी बातों को सुना जायेगा। धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता होगी। जीवन-साथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। परीक्षा परिणाम अनुकूल रहेगा।
☀️ वृषभ राशि :- समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को नहीं मिलता। आज अपनी बारी का इंजतार करें। संतान के सहयोग से कार्य पूरे होंगे। नए लोगों से संपर्क बनेगा, जो भविष्य में लाभदायक रहेगा। वाहन सुख संभव है।
☀️ मिथुन राशि :- आज जो लोग दूसरे के लिए मांगते हैं, उन्हें कभी अपने लिए नहीं मांगना पड़ता है। माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। किसी के बहकाने से सपने संबंध तोड़ने से बचें। पैर में चोट लग सकती है। समाज में नाम आपका होगा।
☀️ कर्क राशि :- आज जिन लोगों का सहयोग आपने किया था, आज वे ही आपसे मुंह फेर रहे हैं। बीमारी में दवाई असर नहीं करेगी। बेहतर होगा अपना डॉक्टर बदलें या किसी योग्य व्यक्ति से सलाह लें। नए भवन में जाने के योग हैं।
☀️ सिंह राशि :- आज अपने स्वभाव में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। कार्यस्थल पर योजना लाभप्रद रहेगी। पड़ोसियों की मदद करनी पड़ सकती है। क्रोध की अधिकता से परिजन नाखुश होंगे। शेयर बाजार में निवेश से लाभ होगा।
☀️ कन्या राशि :- आज किसी के बहकावे में आप बहुत जल्द आ जाते हैं। समय रहते जरूरी कार्य पूरे करें। निजी जीवन में दूसरों को प्रवेश न दें। पिता के व्यवहार से मन मुटाव होगा। जीवनशैली में परिवर्तन के योग हैं। पुरानी दुश्मनी के चलते विवाद संभव है।
☀️ तुला राशि :- आज सोचे हुए कार्य समय पर होने से मन प्रसन्न रहेगा। अपने वाक् चातुर्य से सभी काम आसानी से करवा लेंगे। कार्यस्थल पर अपनी अलग पहचान स्थापित करेंगे। प्रेम-प्रसंग के चलते मन उदास रहेगा।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज आपकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। जीवनशैली में आये परिवर्तन से खुश होंगे। आजीविका के नए स्त्रोत स्थापित होंगे। पारिवारिक सौहार्द बना रहेगा। मांगलिक समारोह में सक्रिय भूमिका रहेगी।
☀️ धनु राशि :- आज अपने हिसाब से आपको जिन्दगी जीना पसंद है। जो लोग आपके कार्यों की सराहना करते थे, वे आपका विरोध करेंगे। भवन-भूमि के विवादों का अंत होगा। पिता के व्यवसाय में रूचि कम रहेगी।
☀️ मकर राशि :- आज समय रहते अपने कार्य पूर्ण करें। पारिवारिक लोगों का सहयोग न मिलने से कार्य प्रभावित होंगे। घर में वास्तु अनुरूप परिवर्तन करें, तो पारिवारिक तनाव ख़त्म होगा। फैक्ट्री में प्रवेश द्वार पर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगायें, चमत्कारिक लाभ होगा।
☀️ कुंभ राशि :- आज व्ययस्तता के कारण सेहत को न भूलें। अपने जीवन-साथी से नम्रता से बात करें और आप दोनों की वार्तालाप में स्नेह झलके, ना की बनावटी बातें करें। वाणी में मधुर रहें, यात्रा के योग बन रहे हैं।
☀️ मीन राशि :- आज अपने अकडू व्यवहार से सभी से दूरियाँ बढ़ा लेंगे। व्यवहार नम्र रहे और अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें�� पिता के साथ तालमेल न रहने से घर का वातावरण गरमा सकता है। संपत्ति से संबंधित जरुरी अनुबंध हो सकते हैं।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※










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*🌞~ आज दिनांक - 28 फरवरी 2025 का वैदिक हिन्दू पंचांग अजीर्ण की निवृत्ति हेतु रखें इन बातों का ध्यान ~🌞*
*⛅दिनांक - 28 फरवरी 2025*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - बसन्त*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - अमावस्या प्रातः 06:14 तक तत्पश्चात प्रतिपदा रात्रि 03:16 मार्च 01 तक, तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा दोपहर 01:40 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग - सिद्ध रात्रि 08:08 तक, तत्पश्चात साध्य*
*⛅राहु काल - सुबह 11:25 से दोपहर 12:52 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:06*
*⛅सूर्यास्त - 06:38*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:23 से 06:13 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:29 से दोपहर 01:16 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 मार्च 01 से रात्रि 01:17 मार्च 01 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - राष्ट्रीय विज्ञान दिवस*
*⛅विशेष - प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹अजीर्ण की निवृत्ति हेतु रखें इन बातों का ध्यान🔹*
*🔸वर्तमान में अधिकांश लोग पेट के रोगों से, विशेषतः अजीर्ण से ग्रस्त देखे जाते हैं । इसका कारण है भोजन में स्वास्थ्य नहीं बल्कि स्वाद की प्रधानता, भोजन-संबंधी नियमों का अज्ञान या उन्हें शर महत्त्व न देना, भूख से ज्यादा खाना, जले हुए या भलीभाँति न पके भोजन, बासी आहार, पनीर, मावा आदि देर से पचनेवाले पदार्थों का सेवन, देर रात को या जल्दी-जल्दी भोजन करना आदि ।*
*🔸चरक संहिता के अनुसार पूर्व में सेवन किया हुआ आहार पच ��ाने पर ही भोजन करना चाहिए । अजीर्ण में भोजन करने से पहलेवाले आहार का अपचित रस बाद के आहार के रस के साथ मिश्रित होने पर सभी दोषों को शीघ्र प्रकुपित करता है । अतः पूर्व का भोजन भली प्रकार पचने पर ही भोजन करें ।*
*🔸प्रतिदिन पैदल भ्रमण, आसन, व्यायाम आदि करें । खूब चबा-चबाकर भोजन करें । जल्दी- जल्दी भोजन करने से जठराग्नि को भोजन पचाने में अधिक श्रम पड़ता है और पाचक रस भी उचित रूप में उत्पन्न नहीं हो पाता ।*
*🔸"पहले का खाया हुआ खाना पचा-न पचा और दूसरा खाया तो आम (कच्चा, अपचित रस) बनेगा । ठाँस-ठाँस के खाया फिर बोले 'एसिडिटी हो गयी, पेट की खराबियाँ हो गयीं...।' कब खाना, कैसे खाना, कितना खाना, क्या खाना, क्या न खाना - इसका बुद्धिपूर्वक विचार करें फिर खायें तो तंदुरुस्त रहेंगे ।*
⚜️📌✍𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 𝗨𝘀
📌𝗔𝘀𝘁𝗿𝗼𝗹𝗼𝗴𝘆, 𝗩𝗮𝘀𝘁𝘂𝗦𝗵𝗮𝘀𝘁𝗿𝗮 𝗮𝗻𝗱 𝗡𝘂𝗺𝗲𝗿𝗼𝗹𝗼𝗴𝘆 और सनातन धर्म की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी पहले पाने के लिए अभी 𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 करे "𝗔𝘀𝘁𝗿𝗼𝗩𝗮𝘀𝘁𝘂𝗞𝗼𝘀𝗵" को 📌𝗔𝗸𝘀𝗵𝗮𝘆 𝗝𝗮𝗺𝗱𝗮𝗴𝗻𝗶
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📌𝗬𝗼𝘂𝘁𝘂𝗯𝗲
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रॉ मैंगो: थ्री एस में बात कर रहे हैं
रॉ मैंगो: थ्री एस में बात कर रहे हैं
संजय गर्ग की नई फेस्टिव लाइन, रोमैंटिक्स, 18वीं सदी के रोकोको सौंदर्य से प्रेरणा लेती है और एक तरल प्रेम की खोज करती है “यदि आपको प्रेम औषधि बनानी हो, तो उसकी गंध कैसी होगी?” गर्ग ने हंसते हुए मुझ पर अपनी सारी बातचीत में अपने सवालों से उसे धक्का देने का आरोप लगाया है, इसलिए मैं अपनी किस्मत को थोड़ा और आगे बढ़ाता हूं। सुगंध किसी व्यक्ति के सबसे बड़े कथनों में से एक है। जैसा कि दार्शनिक अक्सर कहते…
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