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#कच्चा आम
iskconchd · 8 months
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आम कितना अच्छा फल है। चाहे वह पका हो या कच्चा, वह हर समय अच्छा लगता है। और अलग-अलग व्यक्ति विभिन्न प्रकार से उसका आस्वादन करते हैं। किन्तु आम सदैव अच्छा है। आम को 'फलों का राजा' कहा जाता है। इसी प्रकार भगवान् को समझने के लिए भक्ति सभी विधियों में सर्वश्रेष्ठ है। यह भक्ति की स्थिति है, चाहे वह कच्ची हो या पकी हुई। गोरखपुर, 10 फरवरी 1971
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astrovastukosh · 3 days
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*🌞~ आज दिनांक - 19 सितम्बर 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग और पितृ-पक्ष कैलेंडर 2024 (तिथि अनुसार श्राद्ध) ~🌞*
*⛅दिनांक - 19 सितम्बर 2024*
*⛅दिन - गुरूवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वितीया रात्रि 12:39 सितम्बर 20 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद प्रातः 08:04 तक तत्पश्चात रेवती प्रातः 05:15 सितम्बर 20 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*⛅योग - वृद्धि शाम 07:19 तक तत्पश्चात ध्रुव*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:05 से दोपहर 03:36 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:31*
*⛅सूर्यास्त - 06:36*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:40 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:09 से दोपहर 12:57 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:10 सितम्बर 20 से रात्रि 12:57 सितम्बर 20 तक*
*व्रत पर्व विवरण - द्वितीया श्राद्ध, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 08:04 से प्रातः 06:28 सितम्बर 20 तक)*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹स्नान कैसे करना चाहिये ??🔹*
*🔸जहाँ से प्रवाह आता हो वहाँ पहले सिर की डुबकी मारें । घर में भी स्नान करे तो पहले जल सिर पर डालें.... पैरों पर पहले नहीं डालना चाहिए । शीतल जल सिर को लगने से सिर की गर्मी पैरों के तरफ जाती है ।*
*🔸और जहाँ जलाशय है, स्थिर जल है वहाँ सूर्य पूर्वमुखी होकर स्नान करें ।*
*🔸घर में स्नान करें तो उस बाल्टी के पानी में जौ और तिल अथवा थोड़ा गोमूत्र अथवा तिर्थोद्क पहले (गंगाजल आदि) डाल कर फिर बाल्टी भरें तो घर में भी तीर्थ स्नान माना जायेगा ।*
*🔹 गुरुवार विशेष 🔹*
*🔸 हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*
*🔸 गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*
*🔸 एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*
*फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*
*🌹पितृ-पक्ष कैलेंडर 2024 (तिथि अनुसार श्राद्ध)*
*(श्राद्ध पक्ष - 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2024)*
🔸 *17 सितम्बर* 2024, मंगलवार- *पूर्णिमा* का श्राद्ध *महालय श्राद्धारम्भ*
🔸 *18 सितम्बर* 2024, बुधवार - *प्रतिपदा* का श्राद्ध
🔸 *19 सितम्बर* 2024, गुरुवार - *द्वितीया* का श्राद्ध
🔸 *20 सितम्बर* 2024, शुक्रवार - *तृतीया* का श्राद्ध
🔸 *21 सितम्बर* 2024, शनिवार - *चतुर्थी* का श्राद्ध
🔸 *22 सितम्बर* 2024, रविवार - *पंचमी* का श्राद्ध
🔸 *23 सितम्बर* 2024, सोमवार - *षष्ठी व सप्तमी* का श्राद्ध
🔸 *24 सितम्बर* 2024, मंगलवार - *अष्टमी* का श्राद्ध
🔸 *25 सितम्बर* 2024, बुधवार - *नवमी* का श्राद्ध
🔸 *26 सितम्बर* 2024, गुरुवार - *दशमी* का श्राद्ध
🔸 *27 सितम्बर* 2024, शुक्रवार - *एकादशी* का श्राद्ध
🔸 *29 सितम्बर* 2024, रविवार - *द्वादशी* का श्राद्ध
🔸 *30 सितम्बर* 2024, सोमवार - *त्रयोदशी* का श्राध्द
🔸 *1 अक्टूबर* 2024, मंगलवार- *चतुर्दर्शी* का श्राध्द *आग-दुर्घटना-अस्त्र-शस्त्र-* अपमृत्यु से मृतक का श्राद्ध
🔸 *2 अक्टूबर* 2024, बुधवार - *अमावश्या* का श्राध्द व *सर्वपित्री अमावस्या* (अज्ञात तिथीवालों का श्राध्द)
#akshayjamdagni #astrovastukosh #astroakshay #hindu
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nationalistbharat · 19 days
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महंगाई की मार, थाली से दूर हो रही हरी सब्जी
पटना: महंगाई की मार हर तबके के लोगों को प्रभावित कर रही है। किराना सामान के साथ दाल, तेल से पहले से परेशान चल रहे लोगों को सबसे अधिक परेशानी हरी सब्जियों को लेकर है। इसके भाव आसमान छू रहे हैं। इतना ही नहीं इसके अलावा इस बार आलू प्याज और लहसून के भाव भी काफी महंगे हैं। आम लोगों के पहुंच से यह दूर हो रही है। पहले जहां लोग कच्चा प्याज भी सलाद में खा लेते थे। अब मांस में भी सोच समझकर प्याज और लहसुन…
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astroclasses · 2 months
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foodwithrecipes · 4 months
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Kachha Aam Lemonade Mix; Raw mangoes are rich in Vitamin C, which boosts immunity, aids in collagen production, and helps in iron absorption. Read full recipe
https://foodrecipesoffical.com/wp-admin/post.php?post=4309&action=edit
foodrecipesoffical.blogspot.com
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pradeepdasblog · 7 months
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( #Muktibodh_part221 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part222
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 424-425
◆◆ कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि भैंसा पंडित आप पंडितो वाले लंगर में प्रवेश करके भोजन ग्रहण करें। मैं तो शुद्र हूँ, अशिक्षित हूँ। इसलिए आम जनता के लिए लगे लंगर मैं भोजन करने जाता हूँ।
उसी समय सर्व पंडित जो भैंसे को वेदमन्त्रा बोलते देखकर एकत्रित हो गए थे। कबीर जी के चरणों में गिर गए तथा अपनी भूल की क्षमा याचना की। परमेश्वर कबीर जी ने कहाः-
करनी तज कथनी कथैं, अज्ञानी दिन रात।
कुकर ज्यों भौंकत फिरें सुनी सुनाई बात ।।
सत्संग में तो कह रहे थे कि भगवान रामचन्द्र जी ने शुद्र जाति की सबरी (भीलनी) के झूठे बेर रुचि-रुचि खाए, कोई छुआछूत नहीं की और स्वयं को तुम परमात्मा से भी उत्तम मानते हो। कहते हो, करते नहीं। एक-दूसरे से सुनी-सुनाई बात कुत्ते की तरह भौंकते रहते हो। सर्व उपस्थित पंडितों सहित हजारों की सँख्या में कबीर जुलाहे के शिष्य बने, दीक्षा ली।
शास्त्रविरुद्ध भक्ति त्यागकर, शास्त्रविधि अनुसार भक्ति शुरु की, आत्म कल्याण करवाया। हे धर्मदास! यही बात आप कह रहे हो कि हम शुद्र को पास भी नहीं बैठने देते।
धर्मदास बहुत शर्मसार हुआ। परन्तु परमात्मा की शिक्षा को अपने ऊपर व्यंग्य समझकर खिझ गया तथा कहा कि हे जिन्दा! आपकी जली-भूनी बातें अच्छी नहीं लगती। आपको बोलने की सभ्यता नहीं है। कहते हो कि कुत्ते की तरह सुनी-सुनाई बातें तुम सब भौंकते
फिरते हो। यह कहकर धर्मदास जी ने मुँह बना लिया। नाराजगी जाहिर की। परमात्मा जिन्दा रुप में अन्तर्ध्यान हो गए। चौथी बार अन्तर्ध्यान हो गए तो धर्मदास का जीना मुश्किल हो गया। पछाड़ खा-खा कर रोने लगा। उस दिन फिर वृंदावन में धर्मदास से परमात्मा की वार्ता हुई थी। (इस प्रकार परमेश्वर कबीर जी कुल मिलाकर छः बार अन्तर्ध्यान हुए, तब धर्मदास की अक्ल ठिकाने आई) वृन्दावन मथुरा से चलकर धर्मदास रोता हुआ अपने गांव
बांधवगढ़ की ओर वापिस चल पड़ा। धर्मदास जी ने छः महीनों का कार्यक्रम तीर्थों पर भ्रमण का बना रखा था। वह 15 दिन में ही वापिस घर की ओर चल पड़ा। गरीब दास जी ने अपनी अमृतवाणी में कहा है :-
तहां वहां रोवत है धर्मनी नागर, कहां गए मेरे सुख के सागर।
अति वियोग हुआ हम सेती, जैसे निर्धन की लुट जाय खेती।
हम तो जाने तुम देह स्वरुपा, हमरी बुद्धि अन्ध गहर कूपा।
कल्प करे और मन में रोवै, दशों दिशा कूं वो मघ जोहै।
बेग मिलो करहूं अपघाता, मैं ना जीवूं सुनो विधाता।
जब धर्मदास जी बाँधवगढ़ पहुँचा, उस समय बहुत रो रहा था। घर में प्रवेश करके मुँह के बल गिरकर फूट-फूटकर रोने लगा। उसकी पत्नी का नाम आमिनी देवी था। अपने पति को रोते देखकर तथा समय से पूर्व वापिस लौटा देखकर मन-मन में विचार किया कि लगता है भक्तजी को किसी ने लूट लिया है। धन न रहने के कारण वापिस लौट आया है। धर्मदास जी के पास बैठकर अपने हाथों आँसूं पौंछती हुई बोली - क्यों कच्चा मन कर रहे हो। कोई बात नहीं, किसी ने आपकी यात्रा का धन लूट लिया। आपके पास धन की कमी थोड़े है और ले जाना। अपनी तीर्थ यात्रा पूरी करके आना। मैं मना थोड़े करुँगी। कुछ देर बाद दृढ़ मन करके धर्मदास जी ने कहा कि आमिनी देवी यदि रुपये पैसे वाला धन लुट
गया होता तो मैं और ले जाता। मेरा ऐसा धन लुट गया है जो शायद अब नहीं मिलेगा।
वह मैंने अपने हाथों अपनी मूर्खता से गँवाया है। जिन्दा महात्मा से हुई सर्वज्ञान चर्चा तथा जिन्दा बाबा से सुनी सृष्टि रचना आमिनी देवी को सुनाया। सर्वज्ञान प्रमाणों सहित देखकर आमिनी ने कहा कि सेठ जी आप तो निपुण व्यापारी थे, कभी घाटे का सौदा नहीं करते थे। इतना प्रमाणित ज्ञान फिर भी आप नहीं माने, साधु को तो नाराज होना ही था। कितनी बार आपको मिले- बच्चे की तरह समझाया, आपने उस दाता को क्यों ठुकरवाया? धर्मदास ने कहा आमिनी! जीवन में पहली बार हानि का सौदा किया है। यह हानि अब पूर्ति नहीं हो पावेगी। वह धन नहीं मिला तो मैं जीवित नहीं रह पाऊँगा।
छः महीने तक परमेश्वर जिन्दा नहीं आए। धर्मदास रो-रो अकुलाए, खाना नाममात्र रह गया। दिन में कई-कई बार घण्टों रोना। शरीर सूखकर काँटा हो गया। एक दिन धर्मदास जी से आमिनी देवी ने पूछा कि हे स्वामी! आपकी यह हालत मुझ से देखी नहीं जा रही है। आप विश्वास रखो, जब छः बार आए हैं तो अबकी बार भी आएँगे। धर्मदास ने कहा कि इतना समय पहले कभी नहीं लगाया। लगता है मुझ पापी से बहुत नाराज हो गए हैं, बात भी नाराजगी की है। मैं महामूर्ख हूँ आमिनी देवी! अब मुझे उनकी कीमत का पता चला है। भोले-भाले नजर आते हैं, वे परमात्मा के विशेष कृपा पात्रा हैं। इतना ज्ञान देखा न सुना।
आमिनी ने पूछा कि उन्होंने बताया हो कि वे कैसे-कैसे मिलते हैं, कहाँ-कहाँ जाते हैं? धर्मदास जी ने कहा कि वे कह रहे थे कि मैं वहाँ अवश्य जाता हूँ जहाँ पर धर्म-भण्डारे होते हैं। वहाँ
लोगों को ज्ञान समझाता हूँ। आमिनी देवी ने कहा कि आप भण्डारा कर दो। हो सकता है कि जिन्दा बाबा आ जाए। धर्मदास जी बोले कि मैं तो तीन दिन का भण्डारा करुँगा।
आमिनी देवी पहले तो कंजूसी करती थी। धर्मदास तीन दिन का भण्डारा कहता था तो वह एक दिन पर अड़ जाती थी। परन्तु उस दिन आमिनी ने तुरन्त हाँ कर दी कि कोई बात
नहीं आप तीन दिन का भण्डारा करो। धर्मदास जी ने दूर-दूर तक तीन दिन के भण्डारे का संदेश भिजवा दिया। साधुओं का निमन्त्रण भिजवा दिया। निश्चित दिन को भण्डारा प्रारम्भ
हो गया। दो दिन बीत गए। साधु-महात्मा आए, ��्ञान चर्चा होती रही। परन्तु जो ज्ञान जिन्दा
बाबा ने बताया था। उसका उत्तर किसी के पास नहीं पाया। धर्मदास जी जान-बूझकर साधुओं से प्रश्न करते थे कि क्या ब्रह्मा, विष्णु, शिव का भी जन्म होता है। उत्तर वही घिसा-पिटा मिलता कि इनके कोई माता-पिता नहीं हैं। इससे धर्मदास को स्पष्ट हो जाता कि वह जिन्दा महात्मा नहीं आया है। वेश बदलकर आता तो भी ज्ञान तो सही बताता। तीसरे दिन भी दो पहर तक में जिन्दा बाबा नहीं आए। धर्मदास जी ने दृढ़ निश्चय करके कहा कि यदि आज जिन्दा बाबा नहीं आए तो मैं आत्महत्या करुँगा, ऐसे जीवन से मरना भला। परमात्मा तो अन्तर्यामी हैं। जान गए कि आज भक्त पक्का मरेगा। उसी समय कुछ दूरी पर
कदंब का पेड़ था। उसके नीचे उसी जिन्दा वाली वेशभूषा में बैठे धर्मदास को दिखाई दिए। धर्मदास दौड़कर गया, ध्यानपूर्वक देखा, जिन्दा महात्मा के गले से लग गया। अपनी गलती
की क्षमा माँगी। कभी ऐसी गलती न करने का बार-बार वचन किया। तब परमात्मा धर्मदास के घर में गए। आमिनी तथा धर्मदास दोनों ने बहुत सेवा की, दोनों ने दीक्षा ली। परमात्मा
ने जिन्दा रुप में उनको प्रथम मन्त्र की दीक्षा दी। कुछ दिन परमेश्वर उनके बाग में रहे। फिर एक दिन धर्मदास ने ऐसी ही गलती कर दी, परमात्मा अचानक गायब हो गए। धर्मदास
जी ने अपनी गलती को घना (बहुत) महसूस किया। खाना-पीना त्याग दिया, प्रतिज्ञा कर ली कि जब तक दर्शन नहीं दोगे, पीना-खाना बन्द। धर्मदास शरीर से बहुत दुर्बल हो गए।
उठा-बैठा भी नहीं जाता था। छठे दिन परमात्मा आए। धर्मदास को अपने हाथों उठाकर गले से लगाया। अपने हाथों खाना खिलाया। धर्मदास ने पहले चरण धोकर चरणामृत लिया।
फिर ज्ञान चर्चा शुरु हुई। धर्मदास जी ने पूछा कि आप जी को इतना ज्ञान कैसे हुआ?
क्रमशः_______________
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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pankaj1973 · 9 months
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*🌞~ आज दिनांक 11 जनवरी 2024 बृहस्पतिवार का हिन्दू पंचांग ~🌞*
https://youtube.com/shorts/NYq4Q0cHMCU?si=lpAxFR-TFLBYjPv8
*⛅द���नांक - 11 जनवरी 2024*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अमावस्या शाम 05:26 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढा शाम 05:39 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा*
*⛅योग - व्याघात शाम 05:49 तक तत्पश्चात हर्षण*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:09 से 03:30 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:23*
*⛅सूर्यास्त - 06:12*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:14 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - पौष अमावस्या*
*⛅विशेष - अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔹पौष अमावस्या - 11 जनवरी 2024🔹*
*🔸10 जनवरी रात्रि 08:10 से 11 जनवरी शाम 05:26 तक अमावस्या ।*
*🔹नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए🔹*
*🔹घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
*🌹पूज्य बापूजी - रजोकरी, ३० नवम्बर २०१०*
*🔹अमावस्या विशेष🔹*
*🌹1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।*
*(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*
*🌹2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*
*🌹4. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।*
*🌹5. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।*
*🔹गरीबी भगाने का शास्त्रीय उपाय🔹*
*🌹गरीबी है, बरकत नहीं है, बेरोजगारी ने गला घोंटा है तो फिक्र न करो । हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें ।*
*🔹सामग्री : १. काले तिल २. जौ ३. चावल ४. गाय का घी ५. चंदन पाउडर ६. गूगल ७. गुड़ ८. देशी कपूर एवं गौ चंदन या कण्डा ।*
*🌹विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवन कुण्ड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये मंत्रों से ५ आहुति दें ।*
*आहुति मंत्र*
*🌹 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*
*🌹 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*
*🌹 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*
*🌹 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*
*🌹 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*
*🌹इस प्रयोग से थोड़े ही दिनों में स्वास्थ्य, समृद्धि और मन की प्रसन्नता दिखायी देगी ।*
*🔹गुरुवार विशेष 🔹*
*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*
*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*
*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*
*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*
*( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )*
https://t.me/asharamjiashram/6490
*🌞संत श्री आशारामजी बापू आश्रम🌞*
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कच्चा आम बेचने वाली गरीब सहेली | Gareeb saheli | Hindi Kahaniya | Moral ...
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काश की हमारे लोग इसे समझ पाते....
मर्म-स्पर्शी कहानी
• विरासत •
महेश के घर आते ही बेटे ने बताया कि वर्मा अंकल आर्टिगा गाड़ी ले आये हैं। पत्नी ने चाय का कप पकड़ाया और बोली पूरे 13 लाख की गाड़ी खरीदी और वो भी कैश में। महेश हाँ हूँ करता रहा। आखिर पत्नी का धैर्य जवाब दे गया, हम लोग भी अपनी एक गाड़ी ले लेते हैं, तुम मोटर साईकल से दफ्तर जाते हो क्या अच्छा लगता है कि सभी लोग गाड़ी से आएं और तुम बाइक चलाते हुए वहाँ पहुंचो, कितना खराब लगता है। तुम्हे न लगे पर मुझे तो लगता है।
देखो घर की किश्त और बाल बच्चों के पढ़ाई लिखाई के बाद इतना नही बचता कि गाड़ी लें। फिर आगे भी बहुत खर्चे हैं। महेश धीरे से बोला।
बाकी लोग भी तो कमाते हैं, सभी अपना शौक पूरा करते हैं, तुमसे कम तनखा पाने वाले लोग भी स्कोर्पियो से चलते हैं, तुम जाने कहाँ पैसे फेंक कर आते हो। पत्नी तमतमाई।*
अरे भई सारा पैसा तो तुम्हारे हाथ मे ही दे देता हूँ, अब तुम जानो कहाँ खर्च होता है। महेश ने कहा।
मैं कुछ नही जानती, तुम गाँव की जमीन बेंच दो ,यही तो समय है जब घूम घाम लें हम भी ज़िंदगी जी लें। मरने के बाद क्या जमीन लेकर जाओगे। क्या करेंगे उसका। मैं कह रही कल गाँव जाकर सौदा तय करके आओ बस्स। पत्नी ने निर्णय सुना दिया।
अच्छा ठीक है पर तुम भी साथ चलोगी। महेश बोला । पत्नी खुशी खुशी मान गयी और शाम को सारे मुहल्ले में खबर फैल गयी कि सरला जल्द ही गाड़ी लेने वाली है।
सुबह महेश और सरला गाँव पहुँचे। गाँव में भाई का परिवार था। चाचा को आते देख बच्चे दौड़ पड़े। बच्चों ने उन्हें खेत पर ही रुकने को बोला, चाचा माँ आ रही है। तब तक महेश की भाभी लोटे में पानी लेकर वहाँ आईं और दोनों के जूड़ उतारने के बाद बोलीं लल्ला अब घर चलो।
बहुत दिन बाद वे लोग गाँव आये थे, कच्चा घर एक तरफ गिर गया था। एक छप्पर में दो गायें बंधीं थीं। बच्चों ने आस पास फुलवारी बना रखी थी, थोड़ी सब्जी भी लगा रखी थी। सरला को उस जगह की सुगंध ने मोह लिया। भाभी ने अंदर बुलाया पर वह बोली यहीं बैठेंगे। वहीं रखी खटिया पर बैठ गयी। महेश के भाई कथा कहते थे। एक बालक भाग कर उन्हें बुलाने गया। उस समय वह राम और भरत का संवाद सुना रहे थे। बालक ने कान में कुछ कहा, उनकी आंख से झर झर आँसू गिरने लगे, कण्ठ अवरुद्ध हो गया। जजमानों से क्षमा मांगते बोले, आज भरत वन से आया है राम की नगरी। श्रोता गण समझ नही सके कि महाराज आज यह उल्टी बात क्यों कह रहे। नरेश पंडित अपना झोला उठाये नारायण को विश्राम दिया और घर को चल दिये।
महेश ने जैसे ही भैया को देखा दौड़ पड़ा, पंडित जी के हाथ से झोला छूट गया, भाई को अँकवार में भर लिए। दोनो भाइयों को इस तरह लिपट कर रोते देखना सरला के लिए अनोखा था। उसकी भी आंखे नम हो गयीं। भाव के बादल किसी भी सूखी धरती को हरा भरा कर देते हैं। वह उठी और जेठ के पैर छुए, पंडित जी के मांगल्य और वात्सल्य शब्दों को सुनकर वह अन्तस तक भरती गयी।
दो पैक्ड कमरे में रहने की अभ्यस्त आंखें सामने की हरियाली और निर्दोष हवा से सिर हिलाती नीम, आम और पीपल को देखकर सम्मोहित सी हो रहीं थीं। लेकिन आर्टिगा का चित्र बार बार उस सम्मोहन को तोड़ रहा था। वह खेतों को देखती तो उसकी कीमत का अनुमान लगाने बैठ जाती।
दोपहर में खाने के बाद पण्डित जी नित्य मानस पढ़ कर बच्चों को सुनाते थे। आज घर के सदस्यों में दो सदस्य और बढ़ गए थे। अयोध्याकांड चल रहा था। मन्थरा कैकेयी को समझा रही थी, भरत को राज कैसे मिल सकता है। पाठ के दौरान सरला असहज होती जाती जैसे किसी ने उसकी चोरी पकड़ ली हो। पाठ खत्म हुआ। पोथी रख कर पण्डित जी गाँव देहात की समसामयिक बातें सुनाने लगे। सरला को इसमें बड़ा रस आता था। उसने पूछा कि क्या सभी खेतों में फसल उगाई जाती है? पण्डित जी ने सिर हिलाते हुए कहा कि एक हिस्सा परती पड़ा है। सरला को लगा बात बन गयी, उसने कहा क्यों न उसे बेंच कर हम कच्चे घर को पक्का कर लें। पण्डित जी अचकचा गए। बोले बहू, यह दूसरी गाय देख रही, दूध नही देती पर हम इसकी सेवा कर रहे हैं। इसे कसाई को नही दे सकते। तुम्हे पता है, इस परती खेत में हमारे पुरखों का जांगर लगा है। यह विरासत है, विरासत को कभी खरीदा और बेंचा थोड़े जाता है। विरासत को संभालते हुए हम लोगों की कितनी पीढ़ियाँ खप गयीं। कितने बलिदानों के बाद आज भी हमने अपनी मही माता को बचा कर रखा है। तमाम लोगों ने खेत बेंच दिए, उनकी पीढ़ियाँ अब मनरेगा में मजूरी कर रही हैं या शहर के महासमुन्दर में कहीं विलीन हो गए। तुम अपनी जमीन पर बैठी हो, इन खेतों की रानी हो। इन खेतों की सेवा ठीक से हो तो देखो कैसे माता मिट्टी से सोना देती है। शहर में जो हर लगा है बेटा वो सब कुछ हरने पर तुला है, सम्बन्ध, भाव, प्रेम, खेत, मिट्टी, पानी हवा सब कुछ। आज तुम लोग आए तो लगा मेरा गाँव शहर को पटखनी देकर आ गया। शहर को जीतने नही देना बेटा। शहर की जीत आदमी को मशीन बना देता है। हम लोग रामायण पढ़ने वाले लोग हैं जहाँ भगवान राम सोने की लंका को जीतने के बाद भी उसे तज कर वापस अजोध्या ही आते है, अपनी माटी को स्वर्ग से भी बढ़कर मानते हैं।
तब तक अंदर से भाभी आयीं और उसे अंदर ले गईं। कच्चे घर का तापमान ठंडा था। उसकी मिट्टी की दीवारों से उठती खुशबू सरला को अच्छी लग रही थी। भाभी ने एक पोटली सरला के सामने रख दी और बोलीं, मुझे लल्ला ने बता दिया था, इसे ले लो और देखो इससे कार आ जाये तो ठीक नही तो हम इनसे कहेंगे कि खेत बेंच दें।
सरला मुस्कुराई, विरासत कभी बेंचा नही जाता भाभी। मैं बड़ों की संगति से दूर रही न इसलिए मैं विरासत को कभी समझ नही पाई। अब यहीं इसी खेत से सोना उपजाएँगे और फिर गाड़ी खरीदकर आप दोनों को तीरथ पर ले जायेंगे, कहते हुए सरला रो पड़ी, क्षमा करना भाभी। दोनो बहने रोने लगीं। बरसों बरस की कालिख धुल गयी।
अगले दिन जब महेश और सरला जाने को हुए तो उसने अपने पति से कहा, सुनो मैंने कुछ पैसे गाड़ी के डाउन पेमेंट के लिए जमा किये थे उससे परती पड़े खेत पर अच्छे से खेती करवाइए। अगली बार उसी फसल से हम एक छोटी सी कार लेंगे और भैया भाभी के साथ हरिद्वार चलेंगे।
शहर हार गया, जाने कितने बरस बाद गाँव अपनी विरासत को मिले इस मान पर गर्वित हो उठा था।
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ragbuveer · 1 year
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(सप्तमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-12-मई-2023
वार:-------शक्रवार
तिथी:-----07सप्तमी:-09:07
पक्ष: ---------कृष्णपक्ष
माह:-------- ज्येष्ठ
नक्षत्र:------श्रवण:-13:03
योग :--------शुक्ल:-12:17
करण:-------बव:-09:07
चन्द्रमा:-----मकर:-24:19/कुम्भ
सुर्योदय:-------05:57
सुर्यास्त:--------19:11
दिशा शुल-------पश्चिम
निवारण उपाय:---दही का सेवन
ऋतु :--------------ग्रीष्म-ऋतु
गुलीक काल:---07:40से 09:19
राहू काल:------10:58से12:36
अभीजित-------11:56से12:50
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-05:57से07:41तक
लाभ:-07:41से09:19तक
अमृत:-09:19से10:58तक
शुभ:-12:36से14:15तक
चंचल:-17:32से19:11तक
🌓चोघङिया रात🌗
लाभ:-21:49से23:11तक
शुभ:-00:32से01:53तक
अमृत:-01:53से03:15तक
चंचल:-03:15से04:36तक
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
आज के विशेष योग
वर्ष का52वा दिन, कालाष्टमी, धनिष्ठा नवकारंभ प्रारंभ 13:03,
पंचक प्रारंभ 24:19, दग्धयोग 19:07 से29:49तक, रवियोग 13:03से, वैधृति महापात 21:30 से26:11, ग्रीष्मोत्सव प्रा.3दिन राज.,
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
👉वास्तु टिप्स 👈
घर में तुलसी को कभी अन्धेरें मे ना रखे।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*सुविचार*
चाहे कितना भी भलाई का काम कर लिजिए.. उस भलाई की उम्र सिर्फ अगली गलती होने तक ही है!!! 👍🏻राधे राधे...
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
🌷 *गर्मियों में बलप्रद व स्वास्थ्यवर्धक आम* 🌷
🍋 पका आम बहुत ही पौष्टिक होता है | इसमें प्रोटीन,विटामिन व खनिज पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट तथा शर्करा विपुल मात्रा में होते हैं |
🍋 आम मीठा, चिकना, शौच साफ़ लानेवाला, तृप्तिदायक, ह्रदय को बलप्रद, वीर्य की शुद्धि तथा वृद्धि करनेवाला है | यह वायु व पित्त नाशक परंतु कफकारक है तथा कांतिवर्धक, रक्त की शुद्धि करनेवाला एवं भूख बढ़ानेवाला है | इसके नियमित सेवन से रोगप्रतिकारक शक्ति बढती है |
🍋 शुक्रप्रमेह आदि विकारों के कारण जिनको संतानोत्पत्ति न होती हो, उनके लिए पका आम लाभकारक है| कलमी आम की अपेक्षा देशी आम जल्दी पचनेवाला, त्रिदोषशामक व विशेष गुणयुक्त है | रेशासहित, मीठा, पतली या छोटी गुठलीवाला आम उत्तम माना जाता है | यह आमाशय, यकृत, फेफड़ों के रोग तथा अल्सर, रक्ताल्पता आदि में लाभ पहुँचाता है | इसके सेवन से रक्त,मांस आदि सप्तधातुओं तथा वासा की वृद्धि और हड्डियों का पोषण होता है | यूनानी डॉक्टरों के मतानुसार पका आम आलस्य दूर करता है, मूत्र साफ़ लाता है, क्षयरोग (टी.बी.)मिटाता है तथा गुर्दें व मूत्राशय के लिए शक्तिदायक
🍋 भूखवृद्धि : आम के रस में घी और सौंठ डालकर सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होता है | वायु रोग या पाचनतंत्र की दुर्बलता : आम के रस में अदरक मिलाकर लेना हितकारी है |
🍋 शहद के साथ पके आम के सेवन से प्लीहा, वायु और कफ के दोष तथा क्षयरोग दूर होता है |
🍋 आम का पना : केरी (कच्चा आम ) को पानी में उबालें अथवा गोबर के कंडे की आग में दबा दें | भुन जाने पर छिलका उतार दें और गूदा मथकर उसमें गुड, जीरा, धनिया, काली मिर्च तथा नमक मिलाकर दोबारा मथें | आवश्यकता अनुसार पानी मिलायें और पियें |
🍋 लू लगने पर : उपरोक्त आम का पना एक-एक कप दिन में २ - ३ बार पियें |
🍋 भुने हुए कच्चे आम के गूदे को पैरों के तलवों पर लगाने से भी लू से राहत मिलती है |
🍋 वजन बढ़ाने के लिए : पके और मीठे आम नियमित रूप से खाने से दुबले - पतले व्यक्ति का वजन बढ़ सकता है |
🍋 दस्त में रक्त आने पर : छाछ में आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण मिलाकर पीने से लाभ होता है |
🍋 पेट के कीड़े : सुबह चौथाई चम्मच आम की गुठलियों का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े मर जाते है |
🍋 प्रदर रोग : आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण शहद के साथ चाटने से रक्त-प्रदर में लाभ होता है |
🍋 दाँतों के रोग : आम के पत्तों को खूब चबा-चबाकर थूकते रहने से कुछ ही दोनों में दाँतों का हिलना और मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है | आम की गुठली की गिरी के महीन चूर्ण का मंजन करने से पायरिया ठीक होता है |
🍋 घमौरियाँ : आम की गुठली के चूर्ण से स्नान करने से घमौरियाँ दूर होती है |
🍋 पुष्ट और सुडौल शरीर : यदि एक वक्त के आहार में सुबह या शाम केवल आम चूसकर जरा-सा अदरक लें तथा डेढ -दो घंटे के बाद दूध पियें तो ४० दिन में शरीर पुष्ट व सुडौल हो जाता | आम और दूध एक साथ खाना आयुर्वेद की दृष्टि से विरुद्ध आहार है | इससे आगे चलकर चमड़ी के रोग होते हैं |
🔥 सावधानी : खाने के पहले आम को पानी में रखना चाहिए | इससे उसकी गर्मी निकल जाती है | भूखे पेट आम नहीं खाना चाहिए | अधिक आम खाने से गैस बनती है और पेट के विकार पैदा होते हैं | कच्चा, खट्टा तथा अति पका हुआ आम खाने से लाभ के बजाय हानि हो सकती है | कच्चे आम के सीधे सेवन से कब्ज व मंदाग्नि हो सकती है |
💥 बाजार में बिकनेवाला डिब्बाबंद आम का रस स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं होता है | लम्बे समय तक रखा हुआ बासी रस ��ायुकारक, पचने में भारी एवं ��्रदय के लिए अहितकर है |
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज जल्दबाजी में किये फैसलों से भारी नुकसान हो सकता है। परिवार में आपकी बातों को सुना जा��ेगा। धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता होगी। जीवन-साथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। परीक्षा परिणाम अनुकूल रहेगा।
☀️ वृषभ राशि :- समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को नहीं मिलता। आज अपनी बारी का इंजतार करें। संतान के सहयोग से कार्य पूरे होंगे। नए लोगों से संपर्क बनेगा, जो भविष्य में लाभदायक रहेगा। वाहन सुख संभव है।
☀️ मिथुन राशि :- आज जो लोग दूसरे के लिए मांगते हैं, उन्हें कभी अपने लिए नहीं मांगना पड़ता है। माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। किसी के बहकाने से सपने संबंध तोड़ने से बचें। पैर में चोट लग सकती है। समाज में नाम आपका होगा।
☀️ कर्क राशि :- आज जिन लोगों का सहयोग आपने किया था, आज वे ही आपसे मुंह फेर रहे हैं। बीमारी में दवाई असर नहीं करेगी। बेहतर होगा अपना डॉक्टर बदलें या किसी योग्य व्यक्ति से सलाह लें। नए भवन में जाने के योग हैं।
☀️ सिंह राशि :- आज अपने स्वभाव में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। कार्यस्थल पर योजना लाभप्रद रहेगी। पड़ोसियों की मदद करनी पड़ सकती है। क्रोध की अधिकता से परिजन नाखुश होंगे। शेयर बाजार में निवेश से लाभ होगा।
☀️ कन्या राशि :- आज किसी के बहकावे में आप बहुत जल्द आ जाते हैं। समय रहते जरूरी कार्य पूरे करें। निजी जीवन में दूसरों को प्रवेश न दें। पिता के व्यवहार से मन मुटाव होगा। जीवनशैली में परिवर्तन के योग हैं। पुरानी दुश्मनी के चलते विवाद संभव है।
☀️ तुला राशि :- आज सोचे हुए कार्य समय पर होने से मन प्रसन्न रहेगा। अपने वाक् चातुर्य से सभी काम आसानी से करवा लेंगे। कार्यस्थल पर अपनी अलग पहचान स्थापित करेंगे। प्रेम-प्रसंग के चलते मन उदास रहेगा।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज आपकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। जीवनशैली में आये परिवर्तन से खुश होंगे। आजीविका के नए स्त्रोत स्थापित होंगे। पारिवारिक सौहार्द बना रहेगा। मांगलिक समारोह में सक्रिय भूमिका रहेगी।
☀️ धनु राशि :- आज अपने हिसाब से आपको जिन्दगी जीना पसंद है। जो लोग आपके कार्यों की सराहना करते थे, वे आपका विरोध करेंगे। भवन-भूमि के विवादों का अंत होगा। पिता के व्यवसाय में रूचि कम रहेगी।
☀️ मकर राशि :- आज समय रहते अपने कार्य पूर्ण करें। पारिवारिक लोगों का सहयोग न मिलने से कार्य प्रभावित होंगे। घर में वास्तु अनुरूप परिवर्तन करें, तो पारिवारिक तनाव ख़त्म होगा। फैक्ट्री में प्रवेश द्वार पर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगायें, चमत्कारिक लाभ होगा।
☀️ कुंभ राशि :- आज व्ययस्तता के कारण सेहत को न भूलें। अपने जीवन-साथी से नम्रता से बात करें और आप दोनों की वार्तालाप में स्नेह झलके, ना की बनावटी बातें करें। वाणी में मधुर रहें, यात्रा के योग बन रहे हैं।
☀️ मीन राशि :- आज अपने अकडू व्यवहार से सभी से दूरियाँ बढ़ा लेंगे। व्यवहार नम्र रहे और अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें। पिता के साथ तालमेल न रहने से घर का वातावरण गरमा सकता है। संपत्ति से संबंधित जरुरी अनुबंध हो सकते हैं।
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tiwariproduction · 2 years
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Holi Business Ideas : होली में शुरू करें कम लागत और ज्यादा मुनाफा वाला यह बिजनेस
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Business ideas: होली के त्यौहार पर चिप्स पापड़ बनाने का व्यवसाय अधिक लाभदायक हो सकता है क्योंकि इस समय मार्केट में इसकी भारी डिमांड होती है भारत एक समृद्ध पाक परंपरा वाला देश है, और पूरे देश में लोगों द्वारा पसंद किए जाने वाले सबसे लोकप्रिय स्नैक्स में से एक चिप्स और पापड़ है। चिप्स और पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू करना खाद्य उद्योग में प्रवेश करने के इच्छुक उद्यमियों के लिए एक अच्छा अवसर है।
चिप्स पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू करें
चरण 1: बाजार पर शोध करें किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले, बाजार की खोज करना और मांग और प्रतिस्पर्धा को समझना महत्वपूर्ण है। भारत में, चिप्स और पापड़ का सेवन सभी उम्र और संस्कृतियों के लोग करते हैं, जिससे यह बाजार में उच्च मांग के साथ एक आकर्षक व्यवसाय बन जाता है। मौजूदा चिप्स और पापड़ ब्रांडों को देखें और उनके उत्पादों, पैकेजिंग, मूल्य निर्धारण और विपणन रणनीतियों का विश्लेषण करें। बाजार में उन कमियों को पहचानें जिन्हें आप अपने अनूठे उत्पाद से भर सकते हैं। चरण 2: अपना नुस्खा विकसित करें रेसिपी आपके चिप्स और पापड़ व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। एक ऐसा उत्पाद बनाने के लिए अलग-अलग स्वादों और सामग्रियों के साथ प्रयोग करते हुए समय व्यतीत करें जो बाज़ार में सबसे अलग हो। भारत में, पापड़ को चावल, उड़द की दाल, मूंग की दाल और छोले जैसी विभिन्न सामग्रियों से बनाया जाता है। मसाला, जीरा और हिंग जैसे अनूठे स्वादों की पेशकश करने पर विचार करें। मित्रों और परिवार से प्रतिक्रिया प्राप्त करें और अपने नुस्खा को तब तक ठीक करें जब तक आप आश्वस्त न हों कि यह बाजार के लिए तैयार है। चरण 3: अपना व्यवसाय पंजीकृत करें अपने व्यवसाय को स्थानीय अधिकारियों के साथ पंजीकृत करें और खाद्य निर्माण व्यवसाय संचालित करने के लिए आवश्यक लाइसेंस और परमिट प्राप्त करें। इसमें खाद्य सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना, अपने व्यवसाय का नाम पंजीकृत करना और व्यवसाय लाइसेंस प्राप्त करना शामिल होगा। चरण 4: एक निर्माण स्थान चुनें ऐसा स्थान चुनें जो आपके चिप्स और पापड़ उत्पादों के निर्माण के लिए उपयुक्त हो। एक ऐसे स्थान की तलाश करें जो स्वच्छ, विशाल हो, और पानी और बिजली जैसी बुनियादी उपयोगिताओं तक पहुंच हो। सुनिश्चित करें कि स्थान स्थानीय स्वास्थ्य और सुरक्षा नियमों के अनुरूप है। भारत में, चिप्स और पापड़ निर्माताओं के लिए अपने घरों या छोटे पैमाने के कारखानों से काम करना आम बात है। चरण 5: उपकरण और आपूर्ति खरीदें अपने चिप्स और पापड़ उत्पादों के निर्माण के लिए आवश्यक आवश्यक उपकरण और आपूर्ति खरीदें। इसमें एक फूड प्रोसेसर, मिक्सिंग मशीन, सुखाने के रैक, पैकेजिंग सामग्री और कच्चा माल जैसे आटा, मसाले और तेल शामिल होंगे। पापड़ बनाने के लिए कच्चा माल स्थानीय बाजारों में आसानी से उपलब्ध होता है। चरण 6: एक ब्रांड पहचान बनाएं एक ब्रांड पहचान बनाएं जो आपकी कंपनी के मूल्यों को दर्शाती है और आपके लक्षित दर्शकों के साथ प्रतिध्वनित होती है। इसमें आपके उत्पादों के लिए लोगो डिजाइन करना, पैकेजिंग करना और लेबल लगाना शामिल होगा। ग्राहकों के बीच आकर्षक डिजाइन वाली रंगीन पैकेजिंग लोकप्रिय है। पेशेवर ब्रांड पहचान बनाने के लिए ग्राफिक डिजाइनर के साथ काम करने पर विचार करें। चरण 7: अपने उत्पादों का विपणन करें पारंपरिक और डिजिटल मार्केटिंग चैनलों के संयोजन का उपयोग करके अपने उत्पादों को अपने लक्षित दर्शकों तक पहुंचाएं। चिप्स और पापड़ बेचने के लिए स्थानीय बाजार एक महत्वपूर्ण माध्यम है। अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और ब्रांड जागरूकता बनाने के लिए स्थानीय खाद्य उत्सवों और किसान बाजारों में भाग लेने पर विचार करें। Amazon और Flipkart जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस का उपयोग आपके उत्पादों को व्यापक दर्शकों को बेचने के लिए भी किया जा सकता है। चरण 8: अपने व्यवसाय की निगरानी करें यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से अपने व्यवसाय की निगरानी करें कि यह सुचारू रूप से चल रहा है और लाभ कमा रहा है। अपने व्यवसाय के बारे में सूचित निर्णय लेने के लिए अपनी वस्तु-सूची, बिक्री, व्यय और ग्राहकों की प्रतिक्रिया पर नज़र रखें। बिक्री बढ़ाने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए आवश्यकतानुसार अपनी मार्केटिंग और बिक्री रणनीतियों को समायोजित करें। चिप्स और पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और भोजन के प्रति जुनून की आवश्यकता होती है। सही नुस्खा, उपकरण और मार्केटिंग रणनीतियों के साथ, आप एक सफल व्यवसाय बना सकते हैं जो आपके लक्षित दर्शकों की ज़रूरतों को पूरा करता है। इन चरणों का पालन करें और आप कुछ ही समय में एक संपन्न व्यवसाय बनाने के रास्ते पर होंगे! इसे भी पढ़ें: bread making business: कम लागत में शुरू करें ब्रेड बनाने का व्यवसाय
चिप्स पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक उपकरण
चिप्स और पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको निम्नलिखित उपकरणों की आवश्यकता होगी: - फूड प्रोसेसर - चिप्स और पापड़ बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल को पीसने के लिए फूड प्रोसेसर जरूरी है। यह मिश्रण की एक अच्छी स्थिरता प्राप्त करने में मदद करता है। - मिक्सिंग मशीन - आटा बनाने के लिए पिसे हुए आटे और अन्य सामग्री को मिलाने के लिए मिक्सिंग मशीन की आवश्यकता होती है। यह आटे की एक समान बनावट प्राप्त करने में मदद करता है। - सुखाने के रैक - सुखाने के रैक का उपयोग पापड़ को बेलने के बाद सुखाने के लिए किया जाता है। पापड़ अच्छी तरह से सूख जाए यह सुनिश्चित करने के लिए उन्हें उचित धूप के साथ एक अच्छी तरह हवादार क्षेत्र में रखा जाना चाहिए। - पैकेजिंग उपकरण - चिप्स और पापड़ को खराब होने से बचाने के लिए एयरटाइट पैकेट में पैक करने के लिए सीलिंग मशीन और पाउच फिलिंग मशीन जैसे पैकेजिंग उपकरण की आवश्यकता होती है। - खाना पकाने के उपकरण - चिप्स को तेल में तलने के लिए खाना पकाने के उपकरण जैसे फ्रायर की आवश्यकता होती है। तेल के तापमान को ठीक से बनाए रखना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि चिप्स खस्ता हैं और तैलीय नहीं हैं। - वेइंग मशीन - चिप्स और पापड़ बनाने में प्रयुक्त कच्चे माल की मात्रा को मापने के लिए एक वेइंग मशीन की आवश्यकता होती है। यह उत्पादों की गुणवत्ता में निरंतरता बनाए रखने में मदद करता है। - स्टोरेज कंटेनर - कच्चे माल और तैयार उत्पादों को स्टोर करने के लिए स्टोरेज कंटेनर की आवश्यकता होती है। उत्पादों के संदूषण और खराब होने से बचाने के लिए उन्हें साफ और वायुरोधी होना चाहिए। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि निर्माण प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले सभी उपकरण अच्छी गुणवत्ता के हों और आवश्यक सुरक्षा मानकों को पूरा करते हों। उपरोक्त उपकरणों के अलावा, आपको कच्चे माल जैसे आटा, मसाले, तेल और पैकेजिंग सामग्री जैसे प्लास्टिक पाउच और लेबल की भी आवश्यकता होगी। सही उपकरण और कच्चे माल के साथ, आप उच्च गुणवत्ता वाले चिप्स और पापड़ उत्पादों का उत्पादन कर सकते हैं जो आपके ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करते हैं।
चिप्स पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक निवेश
चिप्स और पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक निवेश कई कारकों पर निर्भर करेगा, जिसमें संचालन का पैमाना, स्थान, कच्चे माल और उपकरणों की लागत और विपणन व्यय शामिल हैं। यहाँ छोटे पैमाने पर चिप्स और पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक निवेश का एक मोटा अनुमान है: पंजीकरण और लाइसेंस - INR 5,000 - 10,000 आपको अपने व्यवसाय को पंजीकृत करने और स्थानीय अधिकारियों से आवश्यक लाइसेंस और परमिट प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। इसमें खाद्य सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना, अपने व्यवसाय का नाम पंजीकृत करना और व्यवसाय लाइसेंस प्राप्त करना शामिल होगा। उपकरण और आपूर्ति - INR 50,000 - 1,00,000 आपको अपने चिप्स और पापड़ उत्पादों के निर्माण के लिए आवश्यक आवश्यक उपकरण और आपूर्ति खरीदने की आवश्यकता होगी। इसमें एक फूड प्रोसेसर, मिक्सिंग मशीन, सुखाने के रैक, पैकेजिंग सामग्री और कच्चा माल जैसे आटा, मसाले और तेल शामिल होंगे। किराया और उपयोगिताएँ - INR 10,000 - 20,000 आपको अपने चिप्स और पापड़ उत्पादों के निर्माण के लिए एक स्थान किराए पर लेना होगा। स्थान और स्थान के आकार के आधार पर किराया अलग-अलग होगा। आपको पानी और बिजली जैसी उपयोगिताओं के लिए भी भुगतान करना होगा। विपणन व्यय - INR 10,000 - 20,000 आपको पारंपरिक और डिजिटल मार्केटिंग चैनलों के संयोजन का उपयोग करके अपने लक्षित दर्शकों के लिए अपने उत्पादों के विपणन के लिए एक बजट आवंटित करने की आवश्यकता होगी। इसमें स्थानीय खाद्य उत्सवों, किसान बाजारों और ऑनलाइन मार्केटप्लेस जैसे अमेज़न और फ्लिपकार्ट में भाग लेना शामिल होगा। विविध व्यय - INR 5,000 - 10,000 आपको परिवहन, पैकेजिंग सामग्री और श्रम लागत जैसे विविध खर्चों के लिए बजट आवंटित करने की आवश्यकता होगी।
निष्कर्ष
एक छोटे पैमाने पर चिप्स और पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक कुल निवेश INR 80,000 - 1,60,000 तक हो सकता है। हालाँकि, वास्तविक निवेश आपकी व्यावसायिक योजना और आपके व्यवसाय के स्थान के आधार पर भिन्न हो सकता है। अपना व्यवसाय शुरू करने से पहले आपको इसके बारे में अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। follow us : google news Read the full article
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iskconchd · 2 years
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आम कितना अच्छा फल है। चाहे वह पका हो या कच्चा, वह हर समय अच्छा लगता है। और अलग-अलग व्यक्ति विभिन्न प्रकार से उसका आस्वादन करते हैं। किन्तु आम सदैव अच्छा है। आम को 'फलों का राजा' कहा जाता है। इसी प्रकार भगवान् को समझने के लिए भक्ति सभी विधियों में सर्वश्रेष्ठ है। यह भक्ति की स्थिति है, चाहे वह कच्ची हो या पकी हुई। गोरखपुर, 10 फरवरी 1971
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astrovastukosh · 2 months
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*🌞~ आज दिनांक - 16 जुलाई 2024 का हिन्दू पंचांग ~🌞*
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - दशमी रात्रि 08:33 तक तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र - विशाखा रात्रि 02:14 जुलाई 17 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*⛅योग - साध्य प्रातः 07:19 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल - शाम 04:07 से शाम 05:47 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:04*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:39 से 05:21 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:13*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:25 जुलाई 17 से रात्रि 01:07 जुलाई 17 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - कर्क संक्रांति पुण्यकाल सूर्योदय से प्रातः 11:29 तक*
*⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹वर्षा ऋतु में स्वास्थ्यप्रदायक अनमोल कुंजियाँ🔹*
*🔸1. वर्षा ऋतु में मंदाग्नि, वायुप्रकोप, पित्त का संचय आदि दोषों की अधिकता होती है । इस ऋतु में भोजन आवश्यकता से थोड़ा कम करोगे तो आम (कच्चा रस) तथा वायु नहीं बनेंगे या कम बनेंगे, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । भूल से भी थोड़ा ज्यादा खाया तो ये दोष कुपित होकर बीमारी का रूप ले सकते हैं ।*
*🔸2. काजू, बादाम, मावा, मिठाइयाँ भूलकर भी न खायें, इनसे बुखार और दूसरी बीमारियाँ होती हैं ।*
*🔸3. अशुद्ध पानी पियेंगे तो पेचिश व और कई बीमारियाँ हो जाती हैं । अगर दस्त हो गये हों तो खिचड़ी में देशी गाय का घी डाल के खा लो तो दस्त बंद हो जाते हैं । पतले दस्त ज्यादा समय तक न रहें इसका ध्यान रखें ।*
*🔸4. बरसाती मौसम के उत्तरकाल में पित्त प्रकुपित होता है इसलिए खट्टी व तीखी चीजों का सेवन वर्जित है ।*
*🔸5. जिन्होंने बेपरवाही से बरसात में हवाएँ खायी हैं और शरीर भिगाया है, उनको बुढ़ापे में वायुजन्य तकलीफों के दुःखों से टकराना पड़ता है ।*
*🔸6. इस ऋतु में खुले बदन घूमना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ।*
*🔸7. बारिश के पानी में सिर भिगाने से अभी नहीं तो 20 वर्षों के बाद भी सिरदर्द की पीड़ा अथवा घुटनों का दर्द या वायु संबंधी रोग हो सकते हैं ।*
*🔸8. जो जवानी में ही धूप में सिर ढकने की सावधानी रखते हैं उनको बुढ़ापे में आँखों की तकलीफें जल्दी नहीं होतीं तथा कान, नाक आदि निरोग रहते हैं ।*
*🔸9. बदहजमी के कारण अम्लपित्त (Hyper acidity) की समस्या होती है और बदहजमी से जो वायु ऊपर चढ़ती है उससे भी छाती में पीड़ा होती है । वायु और पित्त का प्रकोप होता है तो अनजान लोग उसे हृदयाघात (Heart Attack) मान लेते हैं, डर जाते हैं । इसमें डरें नहीं, 50 ग्राम जीरा सेंक लो व 50 ग्राम सौंफ सेंक लो तथा 20-25 ग्राम काला नमक लो और तीनों को कूटकर चूर्ण बना के घर में रख दो । ऐसा कुछ हो अथवा पेट भारी हो तो गुनगुने पानी से 5-7 ग्राम फाँक लो ।*
*🔸10. अनुलोम-विलोम प्राणायाम करो – दायें नथुने से श्वास लो, बायें से छोड़ो फिर बायें से लो और दायें से छोड़ो । ऐसा 10 बार करो । दोनों नथुनों से श्वास समान रूप से चलने लगेगा । फिर दायें नथुने से श्वास लिया और 1 से सवा मिनट या सुखपूर्वक जितना रोक सकें अंदर रोका, फिर बायें से छोड़ दिया । कितना भी अजीर्ण, अम्लपित्त, मंदाग्नि, वायु हो, उनकी कमर टूट जायेगी । 5 से ज्यादा प्राणायाम नहीं करना । अगर गर्मी हो जाय तो फिर नहीं करना या कम करना ।*
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cryptoguys657 · 2 years
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Amla Ke Fayde: आँवला और आँवला जूस के फायदे | Updated 2023
भारतीय गूजबेरी या आंवला निर्विवाद रूप से पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है। आवश्यक खनिज और विटामिन हमारे शरीर के कल्याण के लिए ही नहीं हैं, बल्कि कुछ सबसे आम और व्यापक बीमारियों को रोकने और प्रबंधित करने के लिए भी अनिवार्य हैं। आंवला को चाहे कच्चा खाया जाये, जूस पिया जाये, पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाये या अचार और जैम के रूप में इस्तेमाल किया जाये यह हर तरीके से हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक…
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astroclasses · 2 months
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gamekai · 2 years
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Amla Ke Fayde: आँवला और आँà��µà¤²à¤¾ जूस के फायदे | Updated 2023
भारतीय गूजबेरी या आंवला निर्विवाद रूप से पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है। आवश्यक खनिज और विटामिन हमारे शरीर के कल्याण के लिए ही नहीं हैं, बल्कि कुछ सबसे आम और व्यापक बीमारियों को रोकने और प्रबंधित करने के लिए भी अनिवार्य हैं। आंवला को चाहे कच्चा खाया जाये, जूस पिया जाये, पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाये या अचार और जैम के रूप में इस्तेमाल किया जाये यह हर तरीके से हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक…
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