सरुवा कार्यान्वयन गर्न अटेरी गर्ने विद्यालयसँग तारकेश्वर गाउँपालिकाले माग्यो स्पष्टीकरण
तारकेश्वर गाउँपालिकाले काज सरुवा भएका शिक्षकहरूलाई रमाना दिन र हाजिरी गराउन अटेरी गर्ने विद्यालयका प्रधानाध्यापकहरूसँग स्पष्टीकरण मागेको छ ।
नुवाकोट – तारकेश्वर गाउँपालिकाले काज सरुवा भएका शिक्षकहरूलाई रमाना दिन र हाजिरी गराउन अटेरी गर्ने विद्यालयका प्रधानाध्यापकहरूसँग स्पष्टीकरण मागेको छ । गत साता गाउँपालिकाले ८६ जना शिक्षकको काज सरुवा गरेकोमा केही विद्यालयले सरुवा कार्यान्वयन गर्न अटेरी गरेकाले सात दिनभित्र चित्त बुझ्दो कारण सहित स्वयं उपस्थित भई स्पष्टीकरण पेस गर्न प्रधानाध्यापकहरूलाई पत्र काटिएको गाउँपालिका अध्यक्ष शिव अधिकारीले…
कबीर साहेब द्वापरयुग में करुणामय रूप में आये, सुपच सुदर्शन को शिष्य बनाया उन्हें मोक्ष का अधिकारी बनाया और जब पांडवों ने यज्ञ की तो उनके यज्ञ में सुपच रूप में पहुंचकर कबीर साहेब ने उनकी यज्ञ सफल की जोकि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, श्रीकृष्ण, 88 हजार ऋषि, 9 योगेश्वर, 33 करोड़ देवताओं से सफल नहीं हो सकी थी।
कबीर साहेब द्वापरयुग में करुणामय रूप में आये, सुपच सुदर्शन को शिष्य बनाया उन्हें मोक्ष का अधिकारी बनाया और जब पांडवों ने यज्ञ की तो उनके यज्ञ में सुपच रूप में पहुंचकर कबीर साहेब ने उनकी यज्ञ सफल की जोकि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, श्रीकृष्ण, 88 हजार ऋषि, 9 योगेश्वर, 33 करोड़ देवताओं से सफल नहीं हो सकी थी।
कबीर साहेब द्वापरयुग में करुणामय रूप में आये, सुपच सुदर्शन को शिष्य बनाया उन्हें मोक्ष का अधिकारी बनाया और जब पांडवों ने यज्ञ की तो उनके यज्ञ में सुपच रूप में पहुंचकर कबीर साहेब ने उनकी यज्ञ सफल की जोकि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, श्रीकृष्ण, 88 हजार ऋषि, 9 योगेश्वर, 33 करोड़ देवताओं से सफल नहीं हो सकी थी।
🎈कबीर साहेब द्वापरयुग में करुणामय रूप में आये, सुपच सुदर्शन को शिष्य बनाया उन्हें मोक्ष का अधिकारी बनाया और जब पांडवों ने यज्ञ की तो उनके यज्ञ में सुपच रूप में पहुंचकर कबीर साहेब ने उनकी यज्ञ सफल की जोकि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, श्रीकृष्ण, 88 हजार ऋषि, 9 योगेश्वर, 33 करोड़ देवताओं से सफल नहीं हो सकी थी।
#GodKabir_Comes_In_All_4Yugas कबीर साहेब द्वापरयुग में करुणामय रूप में आये, सुपच सुदर्शन को शिष्य बनाया उन्हें मोक्ष का अधिकारी बनाया और जब पांडवों ने यज्ञ की तो उनके यज्ञ में सुपच रूप में पहुंचकर कबीर साहेब ने उनकी यज्ञ सफल की जोकि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, श्रीकृष्ण, 88 हजार ऋषि, 9 योगेश्वर, 33 करोड़ देवताओं से सफल नहीं हो सकी थी।
कबीर साहेब द्वापरयुग में करुणामय रूप में आये, सुपच सुदर्शन को शिष्य बनाया उन्हें मोक्ष का अधिकारी बनाया और जब पांडवों ने यज्ञ की तो उनके यज्ञ में सुपच रूप में पहुंचकर कबीर साहेब ने उनकी यज्ञ सफल की जोकि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, श्रीकृष्ण, 88 हजार ऋषि, 9 योगेश्वर, 33 करोड़ देवताओं से सफल नहीं हो सकी थी।
👍🏻👍🏻आध्यात्मिक गुरु 👍🏻राधे राधे 8764415587, 9610752236
जन्म दिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है #वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 16 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी : दिनांक 16 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 7 होगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अपने आप में कई विशेषता लिए होते हैं। यह अंक वरूण ग्रह से संचालित होता है। आप खुले दिल के व्यक्ति हैं। आपकी प्रवृत्ति जल की तरह होती है। जिस तरह जल अपनी राह स्वयं बना लेता है वैसे ही आप भी तमाम बाधाओं को पार कर अपनी मंजिल पाने में कामयाब होते हैं। आप पैनी नजर के होते हैं। किसी के मन की बात तुरंत समझने की आपमें दक्षता होती है।
शुभ दिनांक : 7, 16, 25, 27, 29
शुभ अंक : 7, 16, 25, 34, 37, 39
शुभ वर्ष : 2025, 2027, 2029, 2030
ईष्टदेव : मंगल देव, भगवान शिव तथा विष्णु
शुभ रंग : लाल, सफेद, पिंक, जामुनी, मेहरून
कैसा रहेगा यह वर्ष
आपके कार्य में तेजी का वातावरण रहेगा। आपको प्रत्येक कार्य में जुटकर ही सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। अधिकारी वर्ग का सहयोग मिलेगा। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए समय सुखकर रहेगा। नवीन कार्य-योजना शुरू करने से पहले केसर का लंबा तिलक लगाएं व मंदिर में पताका चढ़ाएं।*
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart82 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart83
"पवित्र कबीर सागर में प्रमाण"
* विशेष विचार :- पूरे गुरु ग्रन्थ साहेब में कहीं प्रमाण नहीं है कि श्री नानक जी, परमेश्वर कबीर जी के गुरु जी थे। जैसे गुरु ग्रन्थ साहेब आदरणीय तथा प्रमाणित है, ऐसे ही पवित्र कबीर सागर भी आदरणीय तथा प्रमाणित सद्ग्रन्थ है तथा श्री गुरुग्रन्थ साहेब से पहले का है। इसीलिए तो सैंकड़ों वाणी 'कबीर सागर' सद्ग्रन्थ से गुरु ग्रन्थ साहिब में ली गई हैं।
पवित्र कबीर सागर में विस्तृत विवरण है नानक जी तथा परमेश्वर कबीर साहेब जी की वार्ता का तथा श्री नानक जी के पूज्य गुरुदेव कबीर परमेश्वर जी
थे। कृपया निम्न पढ़ें। विशेष प्रमाण के लिए कबीर सागर (स्वसमबेदबोध) पृष्ठ न. 158 से 159
से सहाभार :-
नानकशाह कीन्हा तप भारी। सब विधि भये ज्ञान अधिकारी ।। भक्ति भाव ताको समिझाया। ता पर सतगुरु कीनो दाया।। जिंदा रूप धरयो तब भाई। हम पंजाब देश चलि आई ।। अनहद बानी कियौ पुकारा। सुनि कै नानक दरश निहारा।। सुनि के अमर लोक की बानी। जानि परा निज समरथ ज्ञानी ।।
नानक वचन आवा पुरूष महागुरु ज्ञानी। अमरलोकी सुनी न बानी।। अर्ज सुनो प्रभु जिंदा स्वामी। कहँ अमरलोक रहा निजधामी ।। काहु न कही अमर निजबानी। धन्य कबीर परमगुरु ज्ञानी ।। कोई न पावै तुमरो भेदा। खोज थके ब्रह्मा चहुँ वेदा ।।
जिन्दा वचन
नानक तुम बहुतै तप कीना। निरंकार बहुते दिन चीन्हा ।। निरंकारते पुरूष निनारा। अजर द्वीप ताकी टकसारा ।। पुरूष बिछोह भयौ तव (त्व) जबते। काल कठिन मग रोंक्यौ तबते ।।
इत तव (त्व) सरिस भक्त नहिं होई। क्यों कि परमपुरूष न भेटेंउ कोई ।। जबते हमते बिछुरे भाई। साठि हजार जन्म भक्त तुम पाई ।। धरि धरि जन्म भक्ति भलकीना। फिर काल चक्र निरंजन दीना ।। गहु मम शब्द तो उतरो पारा। बिन सत शब्द लहै यम द्वारा ।। तुम बड़ भक्त भवसागर आवा। और जीवकी कौन चलावा ।। निरंकार सब सृष्टि भुलावा। तुम करि भक्तिलौटि क्यों आवा ।।
नानक वचन
धन्य पुरूष तुम यह पद भाखी। यह पद हमसे गुप्त कह राखी ।। जबलों हम तुमको नहिं पावा। अगम अपार भर्म फैलावा ।। कहो गोसाँई हमते ज्ञाना। परमपुरूष हम तुमको जाना ।। धनि जिंदा प्रभु पुरूष पुराना। बिरले जन तुमको पहिचाना ।।
जिन्दा वचन
भये दयाल पुरूष गुरु ज्ञानी। दियो पान परवाना बानी ।। भली भई तुम हमको पावा। सकलो पंथ काल को ध्यावा ।। तुम इतने अब भये निनारा। फेरि जन्म ना होय तुम्हारा।। भली सुरति तुम हमको चीन्हा। अमर मंत्र हम तुमको दीन्हा ।। स्वसमवेद हम कहि निज बानी। परमपुरूष गति तुम्हें बखानी ।।
नानक वचन
धन्य पुरूष ज्ञानी करतारा। जीवकाज प्रकटे संसारा ।। धनि (धन्य) करता तुम बंदी छोरा। ज्ञान तुम्हार महाबल जोरा ।।
दिया नाम दान किया उबारा। नानक अमरलोक पग धारा ।। भावार्थ :- परम पूज्य कबीर प्रभु एक जिन्दा महात्मा का रूप बना कर
श्री नानक जी से मिलने पंजाब में गए तब श्री नानक साहेब जी से वार्ता हुई। तब परमेश्वर कबीर जी ने कहा कि आप जैसी पुण्यात्मा जन्म-मृत्यु का कष्ट भोग रहे हो फिर आम जीव का कहाँ ठिकाना है?
जिस निरंकार को आप प्रभु मान कर पूज रहे हो पूर्ण परमात्मा तो इससे भी भिन्न है। वह मैं ही हूँ। जब से आप मेरे से बिछुड़े हो साठ हजार जन्म तो अच्छे-2 उच्च पद भी प्राप्त कर चुके हो (जैसे सतयुग में यही पवित्र आत्मा राजा अम्ब्रीष तथा त्रेतायुग में राजा जनक (जो सीता जी के पिता जी थे) हुए तथा कलियुग में श्री नानक साहेब जी हुए।) फिर भी जन्म मृत्यु के चक्र में ही हो।
मैं आपको सतशब्द अर्थात् सच्चा नाम जाप मन्त्र बताऊँगा उससे आप अमर हो जाओगे। श्री नानक साहेब जी ने प्रभु कबीर से कहा कि आप बन्दी छोड भगवान हो, आपको कोई बिरला सौभाग्यशाली व्यक्ति ही पहचान सकता है।
कबीर सागर के अध्याय "अगम निगम बोध" में पृष्ठ नं. 44 पर शब्द है :-
।। नानक वचन ।।
।। शब्द ।।
वाह वाह कबीर गुरु पूरा है।
पूरे गुरु की मैं बलि जावाँ जाका सकल जहूरा है।।
अधर दुलिच परे है गुरुनके शिव ब्रह्मा जह शूरा है।।
श्वेत ध्वजा फहरात गुरुनकी बाजत अनहद तूरा है।।
पूर्ण कबीर सकल घट दरशै हरदम हाल हजूरा है।। नाम कबीर जपै बड़भागी नानक चरण को धूरा है।।
* विशेष विवेचन : बाबा नानक जी ने उस कबीर जुलाहे (धाणक) काशी वाले को सत्यलोक (सच्चखण्ड) में आँखों देखा तथा फिर काशी में धाणक (जुलाहे) का कार्य करते हुए देखा तथा बताया कि वही धाणक रूप (जुलाहा) सत्यलोक में सत्यपुरुष रूप में भी रहता है तथा यहाँ भी वही है।
आदरणीय श्री नानक साहेब जी का आविर्भाव (जन्म) सन् 1469 तथा सतलोक वास सन् 1539 "पवित्र पुस्तक जीवनी दस गुरु साहिबान"। आदरणीय कबीर साहेब जी धाणक रूप में मृतमण्डल में सन् 1398 में सशरीर प्रकट हुए तथा सशरीर सतलोक गमन सन् 1518 में "पवित्र कबीर सागर"। दोनों महापुरुष 49 वर्ष तक समकालीन रहे।
श्री गुरु नानक साहेब जी का जन्म पवित्र हिन्दू धर्म में हुआ। प्रभु प्राप्ति के बाद कहा कि "न कोई हिन्दू न मुसलमाना" अर्थात् अज्ञानतावश दो धर्म बना बैठे। सर्व एक परमात्मा सतपुरुष के बच्चे हैं। श्री नानक देव जी ने कोई धर्म नहीं बनाया, बल्कि धर्म की बनावटी जंजीरों से मानव को मुक्त किया तथा शिष्य परम्परा चलाई। जैसे गुरुदेव से नाम दीक्षा लेने वाले भक्तों को शिष्य बोला जाता है, उन्हें पंजाबी भाषा में सिक्ख कहने लगे। जैसे आज इस दास के लाखों शिष्य हैं, परन्तु यह धर्म नहीं है। सर्व पवित्र धर्मों की पुण्यात्माएँ आत्म कल्याण करवा रही हैं। यदि आने वाले समय में कोई धर्म बना बैठे तो वह दुर्भाग्य ही होगा। भेदभाव तथा संघर्ष की नई दीवार ही बनेगी, परन्तु लाभ कुछ नहीं होगा।
गवाह नं 6 संत घीसा दास जी गाँव-खेखड़ा जिला-बागपत, उत्तर प्रदेश (भारत) : इनको छः वर्ष की आयु में कबीर परमेश्वर जी मिले थे। पूरा गाँव खेखड़ा गवाह है। संत घीसा जी ने बताया कि मैंने परमेश्वर कबीर जी के साथ ऊपर सतलोक में जाकर देखा था। जो काशी में जुलाहे का कार्य करता था, वह पूर्ण परमात्मा है। सारी सृष्टि का सृजनकर्ता है। असंख्य ब्रह्मण्डों का मालिक है।
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर, दिनांक: 31.08.2024 रोजीचे सकाळी: 11.00 वाजताचे मराठी बातमीपत्र
Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date: 31 August 2024
Time: 11.00 to 11.05 AM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक: ३१ ऑगस्ट २०२४ सकाळी ११.०० वा.
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नवी दिल्ली इथं जिल्हास्तरीय न्यायिक अधिकाऱ्यांच्या दोन दिवसीय राष्ट्रीय परिषदेचं आयोजन करण्यात आलं असून पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या उपस्थितीत आज या संमेलनाना सुरुवात झाली आहे. सर्वोच्च न्यायालयाच्या स्थापनेला ७५ वर्ष पूर्ण झाल्याचं औचित्य साधत पंतप्रधानांच्या हस्ते या परिषदेत एका नाण्याचं तसंच टपाल तिकीटाचं अनावरण करण्यात येणार आहे. सर्वोच्च न्यायालयाच्या वतीनं नवी दिल्लीतल्या भारत मंडपम् इथं आयोजित या दोन दिवसीय संमेलनात प्रारुप आराखडा, समाविष्ट न्यायालयीन कक्ष, न्यायिक सुरक्षा, खटल्यांचं व्यवस्थापन आणि प्रशिक्षणासह जिल्हा न्यायपालिकेच्या मुद्द्यांवर पाच सत्र होणार आहेत. उद्घघाटन कार्यक्रमात सर्वोच्च न्यायालयाचे सरन्यायाधीश न्यायमूर्ती डी. वाय. चंद्रचूड, केंद्रीय कायदा आणि न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तसंच अटॉर्नी जनरल आर. व्यंकटरमणी उपस्थित आहेत.
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राज्यातील आगामी सार्वत्रिक विधानसभा निवडणुकांच्या पार्श्वभूमीवर, भारत निवडणूक आयोगाकडून राज्यांमधल्या मतदार याद्या अद्ययावत करण्याच्या दुसऱ्या टप्प्याचा “विशेष संक्षिप्त पुनरिक्षण कार्यक्रम ’२५ जून ते ३० ऑगस्ट या कालावधीत राबवण्यात आला. या कार्यक्रमानुसार, राज्यातील सर्व मतदार नोंदणी अधिकारी यांच्या कार्यालयांमध्ये, तसंच मुख्य निवडणूक अधिकारी कार्यालयाच्या तसंच जिल्हाधिकारी कार्यालयांच्या संकेतस्थळावर अंतिम मतदार याद्या प्रसिद्ध करण्यात आल्या आहेत. प्रारुप मतदार यादीपेक्षा अंतिम मतदार यादीमध्ये राज्यात १६ लाख ९८ हजार ३६८ मतदारांची संख्या वाढली आहे.
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राज्यभरातल्या शेतकऱ्यांच्या बँक खात्यावर आठवडाभरात दुध अनुदान जमा होईल, अशी माहिती पुणे दुग्धविकास आयुक्त प्रशांत मोहोड यांनी दिली आहे. राज्यातल्या सर्व दूध संघांनी शेतकऱ्यांची माहिती संकेतस्थळावर तत्काळ भरावी. राज्य सरकारकडून २५६ कोटी रुपये दुग्धविकास विभागाकडे वर्ग झाले आहेत. कागदोपत्री तयारी पूर्ण होताच दुध अनुदान थेट शेतकऱ्यांच्या खात्यात जमा होईल असं मोहोड यांनी सांगितलं.
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राष्ट्रवादी काँग्रेसचे सदस्य आणि पदाधिकाऱ्यांनी आगामी निवडणूक अतिशय गांभीर्यानं घ्यावी, असं पक्षाचे राष्ट्रीय अध्यक्ष आणि उपमुख्यमंत्री अजित पवार यांनी म्हटलं आहे. मुंबईत आयोजित पक्षाच्या राज्यस्तरीय महिला आणि युवा पदाधिकारी अधिवेशनात काल ते बोलत होते.
आपण धर्मनिरपेक्ष विचार सोडलेला नाही. राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्ष शिव - शाहू - फुले - आंबेडकरांच्या विचारधारेनं पुढं चालला आहे, हेही पवार यांनी स्पष्ट केलं.
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लातूर शहर महानगरपालिकेमार्फत वर्षाच्या सुरुवातीला नियमितपणे कर भरणाऱ्या मालमत्ता धारकांसाठी देण्यात आलेल्या विविध सवलतींची आज ३१ ऑगस्ट ही शेवटची तारीख आहे . चालू वर्षात जवळपास २१ हजारांहून अधिक मालमत्ता धारकांनी कर सवलतींच्या लाभ घेतला असून या माध्यमातून लातूर महापालिकेनं २५ कोटी रुपयांची विक्रमी वसुली केली आहे. नागरिकांच्या सोयीसाठी आजही सर्व क्षेत्रीय कार्यालयं सुरू ठेवण्याचा निर्णय प्रशासनानं घेतला आहे
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१९६५ आणि १९७१ च्या युध्दात सहभागी झालेले आणि समर सेवा स्टार मेडल तसंच पूर्वी स्टार किंवा पश्चिमी स्टार मेडल मिळालं आहे, अशा माजी सैनिकांसाठी युद्ध सन्मान योजना सुरु करण्याचं प्रस्तावित आहे. या युद्धात भाग घेतलेल्या आणि मेडल मिळालेल्या सैनिक, शहीदांच्या पत्नींना केंद्रिय सैनिक बोर्डाकडून एकरकमी १५ लाख रुपये देण्यासंदर्भात युद्ध सन्मान योजना तयार करण्याचा प्रस्ताव विचाराधीन आहे. या युद्धांमध्ये सहभागी परभणी जिल्ह्यातल्या माजी सैनिकांनी आवश्यक कागदपत्रांसह आपले अर्ज येत्या ५ सप्टेंबरपर्यंत जिल्हा सैनिक कल्याण कार्यालयात सादर करण्याचं आवाहन करण्यात आलं आहे.
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नाशिक जिल्ह्यातल्या सिन्नर तालुक्यासाठी वरदान ठरणाऱ्या दमणगंगा-अप्पर वैतरणा-कडवा-देवलिंग या नदीजोड प्रकल्पाला जलसंपदा विभागाच्या तांत्रिक सल्लागार समितीनं नुकतीच मान्यता दिली. पुढच्या कार्यवाहीसाठी हा प्रस्ताव गोदावरी मराठवाडा पाटबंधारे विकास महामंडळाकडं पाठवला असून त्यानंतर अंतिम मान्यतेसाठी हा प्रस्ताव लवकरच शासनाकडं पाठवला जाईल, अशी माहिती नाशिकचे माजी खासदार हेमंत गोडसे यांनी काल दिली.
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येत्या चोवीस तासात कोकण आणि विदर्भात बहुतांश ठिकाणी, तर मध्य महाराष्ट्र आणि मराठवाड्यात काही ठिकाणी पाऊस पडण्याची शक्यता हवामान विभागानं व्यक्त केली आहे.
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart83
"पवित्र कबीर सागर में प्रमाण"
* विशेष विचार :- पूरे गुरु ग्रन्थ साहेब में कहीं प्रमाण नहीं है कि श्री नानक जी, परमेश्वर कबीर जी के गुरु जी थे। जैसे गुरु ग्रन्थ साहेब आदरणीय तथा प्रमाणित है, ऐसे ही पवित्र कबीर सागर भी आदरणीय तथा प्रमाणित सद्ग्रन्थ है तथा श्री गुरुग्रन्थ साहेब से पहले का है। इसीलिए तो सैंकड़ों वाणी 'कबीर सागर' सद्ग्रन्थ से गुरु ग्रन्थ साहिब में ली गई हैं।
पवित्र कबीर सागर में विस्तृत विवरण है नानक जी तथा परमेश्वर कबीर साहेब जी की वार्ता का तथा श्री नानक जी के पूज्य गुरुदेव कबीर परमेश्वर जी
थे। कृपया निम्न पढ़ें। विशेष प्रमाण के लिए कबीर सागर (स्वसमबेदबोध) पृष्ठ न. 158 से 159
से सहाभार :-
नानकशाह कीन्हा तप भारी। सब विधि भये ज्ञान अधिकारी ।। भक्ति भाव ताको समिझाया। ता पर सतगुरु कीनो दाया।। जिंदा रूप धरयो तब भाई। हम पंजाब देश चलि आई ।। अनहद बानी कियौ पुकारा। सुनि कै नानक दरश निहारा।। सुनि के अमर लोक की बानी। जानि परा निज समरथ ज्ञानी ।।
नानक वचन आवा पुरूष महागुरु ज्ञानी। अमरलोकी सुनी न बानी।। अर्ज सुनो प्रभु जिंदा स्वामी। कहँ अमरलोक रहा निजधामी ।। काहु न कही अमर निजबानी। धन्य कबीर परमगुरु ज्ञानी ।। कोई न पावै तुमरो भेदा। खोज थके ब्रह्मा चहुँ वेदा ।।
जिन्दा वचन
नानक तुम बहुतै तप कीना। निरंकार बहुते दिन चीन्हा ।। निरंकारते पुरूष निनारा। अजर द्वीप ताकी टकसारा ।। पुरूष बिछोह भयौ तव (त्व) जबते। काल कठिन मग रोंक्यौ तबते ।।
इत तव (त्व) सरिस भक्त नहिं होई। क्यों कि परमपुरूष न भेटेंउ कोई ।। जबते हमते बिछुरे भाई। साठि हजार जन्म भक्त तुम पाई ।। धरि धरि जन्म भक्ति भलकीना। फिर काल चक्र निरंजन दीना ।। गहु मम शब्द तो उतरो पारा। बिन सत शब्द लहै यम द्वारा ।। तुम बड़ भक्त भवसागर आवा। और जीवकी कौन चलावा ।। निरंकार सब सृष्टि भुलावा। तुम करि भक्तिलौटि क्यों आवा ।।
नानक वचन
धन्य पुरूष तुम यह पद भाखी। यह पद हमसे गुप्त कह राखी ।। जबलों हम तुमको नहिं पावा। अगम अपार भर्म फैलावा ।। कहो गोसाँई हमते ज्ञाना। परमपुरूष हम तुमको जाना ।। धनि जिंदा प्रभु पुरूष पुराना। बिरले जन तुमको पहिचाना ।।
जिन्दा वचन
भये दयाल पुरूष गुरु ज्ञानी। दियो पान परवाना बानी ।। भली भई तुम हमको पावा। सकलो पंथ काल को ध्यावा ।। तुम इतने अब भये निनारा। फेरि जन्म ना होय तुम्हारा।। भली सुरति तुम हमको चीन्हा। अमर मंत्र हम तुमको दीन्हा ।। स्वसमवेद हम कहि निज बानी। परमपुरूष गति तुम्हें बखानी ।।
नानक वचन
धन्य पुरूष ज्ञानी करतारा। जीवकाज प्रकटे संसारा ।। धनि (धन्य) करता तुम बंदी छोरा। ज्ञान तुम्हार महाबल जोरा ।।
दिया नाम दान किया उबारा। नानक अमरलोक पग धारा ।। भावार्थ :- परम पूज्य कबीर प्रभु एक जिन्दा महात्मा का रूप बना कर
श्री नानक जी से मिलने पंजाब में गए तब श्री नानक साहेब जी से वार्ता हुई। तब परमेश्वर कबीर जी ने कहा कि आप जैसी पुण्यात्मा जन्म-मृत्यु का कष्ट भोग रहे हो फिर आम जीव का कहाँ ठिकाना है?
जिस निरंकार को आप प्रभु मान कर पूज रहे हो पूर्ण परमात्मा तो इससे भी भिन्न है। वह मैं ही हूँ। जब से आप मेरे से बिछुड़े हो साठ हजार जन्म तो अच्छे-2 उच्च पद भी प्राप्त कर चुके हो (जैसे सतयुग में यही पवित्र आत्मा राजा अम्ब्रीष तथा त्रेतायुग में राजा जनक (जो सीता जी के पिता जी थे) हुए तथा कलियुग में श्री नानक साहेब जी हुए।) फिर भी जन्म मृत्यु के चक्र में ही हो।
मैं आपको सतशब्द अर्थात् सच्चा नाम जाप मन्त्र बताऊँगा उससे आप अमर हो जाओगे। श्री नानक साहेब जी ने प्रभु कबीर से कहा कि आप बन्दी छोड भगवान हो, आपको कोई बिरला सौभाग्यशाली व्यक्ति ही पहचान सकता है।
कबीर सागर के अध्याय "अगम निगम बोध" में पृष्ठ नं. 44 पर शब्द है :-
।। नानक वचन ।।
।। शब्द ।।
वाह वाह कबीर गुरु पूरा है।
पूरे गुरु की मैं बलि जावाँ जाका सकल जहूरा है।।
अधर दुलिच परे है गुरुनके शिव ब्रह्मा जह शूरा है।।
श्वेत ध्वजा फहरात गुरुनकी बाजत अनहद तूरा है।।
पूर्ण कबीर सकल घट दरशै हरदम हाल हजूरा है।। नाम कबीर जपै बड़भागी नानक चरण को धूरा है।।
* विशेष विवेचन : बाबा नानक जी ने उस कबीर जुलाहे (धाणक) काशी वाले को सत्यलोक (सच्चखण्ड) में आँखों देखा तथा फिर काशी में धाणक (जुलाहे) का कार्य करते हुए देखा तथा बताया कि वही धाणक रूप (जुलाहा) सत्यलोक में सत्यपुरुष रूप में भी रहता है तथा यहाँ भी वही है।
आदरणीय श्री नानक साहेब जी का आविर्भाव (जन्म) सन् 1469 तथा सतलोक वास सन् 1539 "पवित्र पुस्तक जीवनी दस गुरु साहिबान"। आदरणीय कबीर साहेब जी धाणक रूप में मृतमण्डल में सन् 1398 में सशरीर प्रकट हुए तथा सशरीर सतलोक गमन सन् 1518 में "पवित्र कबीर सागर"। दोनों महापुरुष 49 वर्ष तक समकालीन रहे।
श्री गुरु नानक साहेब जी ���ा जन्म पवित्र हिन्दू धर्म में हुआ। प्रभु प्राप्ति के बाद कहा कि "न कोई हिन्दू न मुसलमाना" अर्थात् अज्ञानतावश दो धर्म बना बैठे। सर्व एक परमात्मा सतपुरुष के बच्चे हैं। श्री नानक देव जी ने कोई धर्म नहीं बनाया, बल्कि धर्म की बनावटी जंजीरों से मानव को मुक्त किया तथा शिष्य परम्परा चलाई। जैसे गुरुदेव से नाम दीक्षा लेने वाले भक्तों को शिष्य बोला जाता है, उन्हें पंजाबी भाषा में सिक्ख कहने लगे। जैसे आज इस दास के लाखों शिष्य हैं, परन्तु यह धर्म नहीं है। सर्व पवित्र धर्मों की पुण्यात्माएँ आत्म कल्याण करवा रही हैं। यदि आने वाले समय में कोई धर्म बना बैठे तो वह दुर्भाग्य ही होगा। भेदभाव तथा संघर्ष की नई दीवार ही बनेगी, परन्तु लाभ कुछ नहीं होगा।
गवाह नं 6 संत घीसा दास जी गाँव-खेखड़ा जिला-बागपत, उत्तर प्रदेश (भारत) : इनको छः वर्ष की आयु में कबीर परमेश्वर जी मिले थे। पूरा गाँव खेखड़ा गवाह है। संत घीसा जी ने बताया कि मैंने परमेश्वर कबीर जी के साथ ऊपर सतलोक में जाकर देखा था। जो काशी में जुलाहे का कार्य करता था, वह पूर्ण परमात्मा है। सारी सृष्टि का सृजनकर्ता है। असंख्य ब्रह्मण्डों का मालिक है।
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
शिव ब्रह्मा का राज, इन्द्र गिनती कहां। चार मुक्ति वैकुंण्ठ समझ, येता लह्या ।। संख जुगन की जुनी, उम्र बड़ धारिया । जा जननी कुर्बान, सु कागज पारिया ।।
येती उम्र बुलंद मरैगा अंत रे। सतगुरु लगे न कान, न भैटे संत रे।।
चाहे संख युग की लम्बी उम्र भी क्यों न हो वह एक दिन समाप्त जरूर होगी। यदि सतपुरुष परमात्मा (कविर्देव) कबीर साहेब के नुमाँयदे पूर्ण संत (गुरु) जो तीन नाम का मंत्र (जिसमें एक ओम् तत् सत् सांकेतिक है) देता है तथा उसे पूर्ण संत द्वारा नाम दान करने का आदेश है, उससे उपदेश लेकर नाम की कमाई करेंगे तो हम सतलोक के अधिकारी हंस हो सकते है। सत्य साधना बिना बहुत लम्बी उम्र कोई काम नहीं आएगी क्योंकि निरंजन का लोक दुःखालय है यानि यहाँ पर दुःख ही दुःख है।
शिव ब्रह्मा का राज, इन्द्र गिनती कहां। चार मुक्ति वैकुंण्ठ समझ, येता लह्या ।। संख जुगन की जुनी, उम्र बड़ धारिया । जा जननी कुर्बान, सु कागज पारिया ।।
येती उम्र बुलंद मरैगा अंत रे। सतगुरु लगे न कान, न भैटे संत रे।।
चाहे संख युग की लम्बी उम्र भी क्यों न हो वह एक दिन समाप्त जरुर होगी। यदि सतपुरुष परमात्मा (कविर्देव) कबीर साहेब के नुमाँयदे पूर्ण संत (गुरु) जो तीन नाम का मंत्र (जिसमें एक ओम् तत् सत् सांकेतिक है) देता है तथा उसे पूर्ण संत द्वारा नाम दान करने का आदेश है, उससे उपदेश लेकर नाम की कमाई करेंगे तो हम सतलोक के अधिकारी हंस हो सकते है। सत्य साधना बिना बहुत लम्बी उम्र कोई काम नहीं आएगी क्योंकि निरंजन का लोक दुःखालय है यानि यहाँ पर दुःख ही दुःख है।
ताजमहल के मुख्य गुम्बद पर पानी की बोतल ले जाने पर लगा प्रतिबंध, जानें क्यों लिया गया यह फैसला
Tajmahal News: यूपी के आगरा में स्थित ताजमहल के मुख्य गुंबद पर पानी की बोतल ले जाने पर रोक लगा दी गयी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने मंगलवार को कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते यह कदम उठाया गया है।
क्या है पूरा मामला?
पिछले सोमवार को ताजमहल को तेजोमहालय शिव मंदिर होने का दावा करते हुए अखिल भारत हिन्दू महासभा की महिला शाखा की…
ऑल इंडिया रिटायर्ड बैंक एम्पलाइज एसोसियशन की राजस्थान प्रदेश यूनिट का प्रांतीय सम्मेलन शिव मंदिर, जयनारायण व्यास कॉलोनी में प्रांतीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय महासचिव आर के धूत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ । संगठन के आर के शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बैंक अधिकारी एसोसियेशन के पूर्व चेयरमेन व रोटरी क्लब क पूर्व प्रांतपाल अरूण प्रकाश गुप्ता थे व विशिष्ट अतिथि के रूप में संगठन के एम एम…
स्वामी रामानन्द जी अपने समय के सुप्रसिद्ध विद्वान कहे जाते थे। स्वामी रामानंद जी को पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी मिले तथा उन्हें अपनी शरण में लिया सतलोक दिखाया! तब रामानन्द जी ने जो कहा उसका वर्णन आदरणीय संत गरीबदास जी ने अपनी वाणी में इस प्रकार किया है :-
*तहां वहां चित चक्रित भया, देखि फजल दरबार!
गरीबदास सिजदा किया, हम पाये दीदार!!*
*बोलत रामानन्द जी सुन, कबीर करतार!
गरीब दास सब रूप में, तुम हीं बोलन हार!!*
2🌀परमात्मा प्राप्त संतों से रूबरू
संत गरीबदास जी को परमात्मा कबीर साहेब जी जिंदा महात्मा रूप में मिले और अपना सतलोक लोक दिखाया व वापिस पृथ्वी पर छोड़ा! तब संत गरीबदास जी ने बताया :-
*अनन्त कोटि ब्रह्मण्ड का, एक रति नहीं भार!
सतगुरु पुरुष कबीर हैं, कुल के सृजनहार!!*
*गरीब, हम सुल्तानी नानक तारे, दादू कूं उपदेश दिया!
जाति जुलाहा भेद न पाया, काशी माहें कबीर हुआ!!*
3🌀परमात्मा प्राप्त संतों से रूबरू
आदरणीय गरीबदास साहेब जी को पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी 10 वर्ष की आयु में सशरीर जिंदा बाबा रूप में मिले!उनको ब्रह्मा, विष्णु, शिव आदि के लोक तथा सतलोक दिखाया! तत्पश्चात् संत गरीबदास जी ने आंखों देखा हाल वर्णन किया :-
*गरीब, सब पदवी के मूल हैं, सकल सिद्धि हैं तीर!
दास गरीब सतपुरुष भजो, अविगत कला कबीर!!*
4🌀परमात्मा प्राप्त संतों से रूबरू
श्री नानक जी प्रतिदिन बेई नदी पर स्नान करने जाते थे। वहाँ उन्हें पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी के दर्शन जिंदा महात्मा के रूप में हुए, उन्हें परमात्मा सच्चखंड (सतलोक) लेकर गए और अपनी वास्तविक स्थिति से परिचित करवाकर वापिस छोड़ा!
गुरु ग्रन्थ साहिब के राग "सिरी" महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29 पर श्री नानक जी ने कहा है :-
*एक सुआन दुई सुआनी नाल,भलके भौंकही सदा बिआल!
कुड़ छुरा मुठा मुरदार, धाणक रूप रहा करतार!!*
5🌀परमात्मा प्राप्त संतों से रूबरू
धनी धर्मदास जी को कबीर परमेश्वर जिंदा महात्मा के रूप में मिले, उनको सतलोक दिखाया और अपना गवाह बनाया! तब धर्मदास जी ने परमेश्वर कबीर जी के विषय में कहा था:
*सत्यलोक से चल कर आए, काटन जम की जंजीर!
आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर!!*
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*आत्म कल्याण का सरल और सहज उपाय है सत्संग!*
*सत्संग पूर्ण परमात्मा ही करते हैं!* चारों युग में सतगुरु रूप में आते हैं!वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के रूप में भारत भूमि पर अवतरित हुए हैं!*
एक महान कल्याणकारी सच्चे समाज सुधारक + भक्ति मुक्ति के दाता + नाम दीक्षा देने के अधिकारी पुरुष + पूर्ण सत्य तत्व भेद ज्ञान दाता तत्वदर्शी संत हैं!_ #SpiritualLeaderSaintRampalJi