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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पहले क्वार्टर में दर्ज की उम्मीद से अधिक राजस्व वृद्धि
भारत की अग्रणी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने अपने पहले क्वार्टर में उम्मीद से अधिक राजस्व दर्ज किया है, जिसका श्रेय पिछली तिमाहियों में किए गए बड़े सौदों के निष्पादन को जाता है।
उच्च राजस्व वृद्धि
जून क्वार्टर में टीसीएस का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 5.4% बढ़कर 626.13 अरब रुपये (7.50 अरब डॉलर) हो गया। यह आंकड़ा विश्लेषकों की औसतन 622.07 अरब रुपये की उम्मीद से अधिक है।
सौदों का प्रभाव
पिछले क्वार्टरों में किए गए बड़े सौदों के सफल निष्पादन ने टीसीएस के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन सौदों के माध्यम से टीसीएस ने अपनी सेवाओं का विस्तार किया है और अपने ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान की हैं।
बाजार में बढ़ती हिस्सेदारी
टीसीएस की इस क्वार्टर की सफलता से यह स्पष्ट हो गया है कि कंपनी भारतीय आईटी सेवा बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है और वैश्विक स्तर पर भी अपनी स्थिति को सुदृढ़ कर रही है।
भविष्य की दिशा
टीसीएस के अध्यक्ष और सीईओ ने इस सफलता पर खुशी व्यक्त की और बताया कि कंपनी भविष्य में और भी बड़े सौदे करने की यो��ना बना रही है। यह सफलता टीसीएस की रणनीति और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं का प्रमाण है।
निष्कर्ष
टीसीएस के पहले क्वार्टर की सफलता ने कंपनी के भविष्य की दिशा को सकारात्मक संकेत दिए हैं। बड़े सौदों का सफल निष्पादन और उच्च राजस्व वृद्धि ने टीसीएस को भारतीय आईटी सेवा उद्योग में एक प्रमुख स्थान पर बनाए रखा है।
($1 = 83.5320 भारतीय रुपये)
#टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज#TCS#आईटी सेवा कंपनी#राजस्व वृद्धि#पहले क्वार्टर#टाटा#वित्तीय रिपोर्ट#जून क्वार्टर#भारतीय आईटी उद्योग#व्यापार सौदे#कंसोलिडेटेड रेवेन्यू#वित्तीय प्रदर्शन#टीसीएस सफलता#आईटी सेवाएं#टाटा का विस्तार#TCS राजस्व#भारतीय बाजार#व्यवसायिक र��नीति#टीसीएस अध्यक्ष#वित्तीय विश्लेषण
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पुस्तक विश्लेषण: इतिहास, परंपरा, दर्शन, राष्ट्रीयता, गौरव और ग्लानि का वस्तुनिष्ठ अवलोकन है रामधारी सिंह 'दिनकर' जी की 'संस्कृति के चार अध्याय'
अतीत में झांकने की प्रवृत्ति मानव सभ्यता में बहुत ही सहज व स्ववभाविक है। किंतु प्रश्न ये है की अपने प्राचीन संस्कारों में झाँकने का ये मोह हमें है ही क्यों? अगर तो उद्देश्य है की वहाँ से हमें कुछ गौरवशाली पल या प्रेरणा मिले तो सोचने की बात है कि इतिहास का समस्ता ताना बाना (विशेषतः भारत जैसे प्राचीन इतिहास का) सुनहली किरणों से तो बुना नहीं गया है। शताब्दियों शताब्दियों लंबी घोर अंधकार की चादर भी…
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#इतिहास#उपनिषद#दर्शन#पुस्तक विश्लेषण#रामधारी सिंह &039;दिनकर&039;#राष्ट्रीयता#वेद#संस्कृति के चार अध्याय#Book#Dayananda Saraswati#Gandhi#Hindi#Hindu#History#Islam#Literature#Paramhans#Radhakrishnan#Tilak#Upanishad#Urdu#Ved#Vivekananda
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2023मिशन रानीगंज: अक्षय कुमार की नई फिल्म की समीक्षा"
कहानी: 1989 के वास्तविक जीवन के बचाव मिशन पर आधारित, यह फिल्म दिवंगत जसवंत सिंह गिल को श्रद्धांजलि देती है, जिन्होंने पश्चिम बंगाल के रानीगंज में बाढ़ वाली कोयला खदान में फंसे 65 खनिकों की जान बचाई थी।
#फिल्म#मिशन रानीगंज#अक्षय कुमार#परिणीति चोपड़ा#देशभक्ति#खदान दुर्घटना#बचाव अभियान#समीक्षा#विश्लेषण#चर्चा
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ओपन एक्सेस जर्नल्स का एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण अवश्य पढ़ें जिसे टेक्नोलॉजी वॉच विशेषज्ञों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
परिचय ओपन एक्सेस जर्नल पारंपरिक प्रकाशन विधियों के विकल्प के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। लेकिन, नई तकनीकों के साथ नए जोखिम और संभावित खतरे आते हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए। इस लेख में, हम ओपन एक्सेस जर्नल्स के लिए पांच उभरते हुए खतरों और उनसे बचाव के लिए उनके द्वारा [...] https://is.gd/F5fIye
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राहुल गांधी ने संसद में सरकार को घेरा जानिए उनके मुख्य तर्क
भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक, राहुल गांधी, ने हाल ही में संसद में सरकार को कई मुद्दों पर घेरा। उनके तर्क और विचार न केवल विपक्षी दलों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी चर्चा का विषय बन गए हैं। इस लेख में हम राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दों और उनके तर्कों का विश्लेषण करेंगे।
राहुल गांधी के मुख्य तर्क
आर्थिक नीतियों पर सवाल राहुल गांधी ने सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है, लेकिन सरकार इन मुद्दों को नज़रअंदाज कर रही है। उन्होंने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और उनके प्रभाव पर भी सवाल उठाए।
लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा राहुल गांधी का कहना है कि वर्तमान सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। उन्होंने मीडिया की स्वतंत्रता, न्यायपालिका और चुनावी प्रक्रिया पर भी चिंता व्यक्त की।
कृषि और ग्रामीण विकास राहुल गांधी ने किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के कारण किसान संकट में हैं, और सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।
विदेश नीति पर आलोचना राहुल गांधी ने भारत की विदेश नीति पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध कमजोर हो रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
द ऑब्जर्वर पोस्ट का दृष्टिकोण
द ऑब्जर्वर पोस्ट ने इस पूरे मामले को विस्तार से कवर किया है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी के तर्क जनता के विचारों को दर्शाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संसद में उनकी बातें सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं।
सारांश
राहुल गांधी ने संसद में सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कई गंभीर मुद्दों को उठाया। उनकी बातें न केवल विपक्ष के लिए बल्कि हर नागरिक के लिए सोचने का विषय हैं। द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इन तर्कों का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।
राहुल गांधी और उनके विचारों पर जनता की राय क्या है? हमें कमेंट में बताएं।
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शनि की साढ़े साती के क्या प्रभाव हैं?
यहां शनि की साढ़े साती के 5 प्रमुख प्रभाव हैं:
संघर्ष और मेहनत: साढ़े साती के दौरान व्यक्ति को जीवन में कड़ी मेहनत और संघर्ष का सामना करना पड़ता है। यह समय धैर्य और सहनशीलता का परीक्षण करता है।
आत्म-अवलोकन और आत्म-सुधार: यह चरण आत्म-विश्लेषण का होता है, जिसमें व्यक्ति अपने जीवन के कमज़ोर पहलुओं को समझता है और उन्हें सुधारने का प्रयास करता है।
व्यवस्थित जीवन: शनि जीवन में अनुशासन और जिम्मेदारियों का बोध कराता है। साढ़े साती के समय लोग अपने काम और जीवन में अधिक व्यवस्थित हो जाते हैं।
संबंधों में ��ुनौती: इस दौरान रिश्तों में टकराव या दूरियाँ आ सकती हैं, लेकिन यह भावनात्मक रूप से मजबूत बनने का मौका भी देता है।
आर्थिक दबाव: साढ़े साती में आर्थिक दबाव महसूस हो सकता है, लेकिन यह समय धन के प्रति सावधान और प्रबंधन सीखने का भी है, जो भविष्य में लाभकारी होता है।
और अगर आप अपनी कुंडली के अनुसार जानना चाहते हैं तो आप कुंडली चक्र प्रोफेशनल 2022 सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं। जो आपको आपकी कुंडली के अनुसार बेहतर जानकारी दे सकता है।
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लोग शेयर मार्केट में करियर बनाने से निम्नलिखित कारणों की वजह से डरते हैं:

जोखिम का डर: शेयर मार्केट में निवेश जोखिम भरा हो सकता है। कीमतें ऊपर-नीचे होती रहती हैं, जिससे लोग अपना पैसा खोने का डर महसूस करते हैं। अस्थिरता और अनिश्चितता निवेशकों को चिंता में डाल सकती है।
समझ की कमी: शेयर मार्केट के कामकाज और ट्रेडिंग की बारीकियों को समझना आसान नहीं होता। लोग अगर सही तरीके से जानकारी नहीं रखते या गलत फैसले लेते हैं, तो उन्हें नुकसान हो सकता है।
नियंत्रण का अभाव: शेयर मार्केट बाहरी कारकों, जैसे वैश्विक घटनाओं, राजनीति, या आर्थिक संकटों से प्रभावित होता है। इन पर व्यक्ति का कोई नियंत्रण नहीं होता, जो अनिश्चितता को बढ़ाता है।
शुरुआती असफलता: शेयर मार्केट में शुरुआती असफलताओं का डर लोगों को हतोत्साहित कर सकता है। अगर किसी ने पहले निवेश किया और नुकसान उठाया, तो वे भविष्य में फिर से निवेश करने से डर सकते हैं।
लंबी अवधि का निवेश: कई लोग त्वरित लाभ की उम्मीद करते हैं, लेकिन शेयर मार्केट में सफल निवेश करने के लिए अक्सर धैर्य और लंबी अवधि का दृष्टिकोण आवश्यक होता है। त्वरित लाभ न मिलने से भी लोग हतोत्साहित हो सकते हैं।

विशेषज्ञता की आवश्यकता: शेयर मार्केट में सफल होने के लिए अध्ययन, विश्लेषण और समय की जरूरत होती है। कुछ लोग इसे जटिल मानते हैं और इसे समझने में असमर्थ महसूस करते हैं।
ये सभी कारण शेयर मार्केट में करियर बनाने से लोगों को डराते हैं। हालांकि, सही शिक्षा, ज्ञान और धैर्य से इसमें सफलता पाई जा सकती है.
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कुंडली के सप्तम घर में कोई ग्रह न हो तो जीवनसाथी कैसा होगा ?
कुंडली के सप्तम घर में ग्रह न होने पर जीवनसाथी के बारे में 5 महत्वपूर्ण बिंदु:
ग्रह दृष्टि का प्रभाव: सप्तम भाव में ग्रह न होने पर भी, उस पर अन्य ग्रहों की दृष्टि होती है। जिन ग्रहों की दृष्टि होगी, उनके अनुसार जीवनसाथी का स्वभाव और गुण प्रभावित होंगे।
सप्तम भाव का स्वामी: सप्तम भाव का स्वामी जिस भाव में स्थित होगा और उसकी स्थिति कैसी है, उससे जीवनसाथी के स्वभाव, स्वास्थ्य और रिश्ते की गुणवत्ता का पता चलता है।
सकारात्मक और सामंजस्यपूर्ण संबंध: सप्तम भाव में ग्रह न होने पर भी, यह संकेत नहीं देता कि वैवाहिक जीवन खराब होगा। यदि सप्तम भाव का स्वामी मजबूत और शुभ स्थिति में है, तो जीवनसाथी संगति वाला और सहयोगी हो सकता है।
जीवनसाथी की सामान्य स्थिति: सप्तम भाव में ग्रह न होने से जीवनसाथी का स्वभाव सामान्य, संतुलित और बिना विशेष उतार-चढ़ाव वाला हो सकता है। विशेष रूप से कोई ग्रह न होने से जीवनसाथी पर अत्यधिक प्रभावी या नकारात्मक गुण कम हो सकते हैं।
विवाह का समय और गुण: विवाह के समय और जीवनसाथी के गुणों का निर्धारण अन्य ग्रहों की स्थिति और दशा-अंतर्दशा के आधार पर होता है, इसलिए अन्य भावों और दशाओं का भी विश्लेषण क��ना महत्वपूर्ण है।
कुंडली के सप्तम घर में कोई ग्रह न हो तो जीवनसाथी या अपनी पढ़ाई या अपने जीवन के बारे में जानकारी जनि है तो। आप Kundli for Android - Astrology का प्रयोग कर सकते है। जो आपको फ्री में एक अच्छी जानकारी दे सकता है.
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Introduction of Libreoffice cale Spreadsheet लिब्रे ऑफिस कैल्क स्प्रेड शीट का परिचय
दोस्तों,आज आपको मैं लिब्रेऑफिस कैल्क स्प्रेडशीट का परिचय बताउंगी और इसका इस���तेमाल कैसे करना है ये भी समझाऊंगी मैं आप स्प्रेडशीट की पूरी जानकारी प्राप्त करें मैं आपको सारी आसान भाषा में बताउंगी ताकि आप सभी को स्प्रेड शीट पर अपना प्रोग्राम बनाने या प्रजेंटेशन बनने में कोई दिक्कत नहीं होगी। कैल्क लिब्रेऑफिस का स्प्रेड शीट प्रोग्राम है यह Microsoft Excel के समान है जो Microsoft Excel का एक आदर्श ओपशन है यह आपको प्रभावी ढंग से अपने डेटा का विश्लेषण और प्रबंधन करने की अनुमति देता है कैल्क इंवेंटरीज, टाइम शीट्स, ग्रेड बुक आदि बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है Excel की तरह कैल्क, स्प्रेड शीट पर आप डाटा को एंटर एवं एक निश्चित परिणाम पाने के लिए उसे मैनिपुलेट भी कर सकते हैं.
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#Introduction of Libreoffice cale Spreadsheet#Insert and draw table#Difine border for object#Difine border for tables and table cells#Difine border for page#Border and shading#Row#column and cell Splitting#Merging of Row#Column and Cell
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ज्योतिष और सरकारी नौकरी: ग्रहों की चाल और आपकी करियर योजना
अपने करियर को लेकर कई तरह के प्रश्न मन में उठ सकते हैं, जिसमें बहुत से लोगों के मन में सरकारी नौकरी की इच्छा बहुत अधिक मायने रखती है. एक अच्छी सरकारी नौकरी को पाने के लिए भी युवाओं में होड़ मची हुई देखी जा सकती है. ऐसे में वो कौन से योग होते हैं जो सरकारी नौकरी दिलाने में मदद करते हैं, तो इस बारे में ज्योतिष अनुसार कुछ विशेष ग्रह योगों की स्थिति विशेष भूमिका निभाने वाली होती है. तो चलिए जान लेते हैं की सरकारी नौकरी दिलाने में ज्योतिष कैसे मदद करता है और ग्रहों की चाल कैसे आपकी करियर योजना बनाने में मदद कर सकती है बल्कि आपको उस योजनाओं में सफलता भी दिला सकती है.
ज्योतिष और सरकारी नौकरी
ज्योतिष शास्त्र करियर के चयन करने और साथ ही एक बेहतर करियर निर्माण करने में मदद करता है. ज्योतिष अनुसार कुछ विशेष ग्रह और जन्म कुंडली के कुछ विशेष भाव एवं नक्षत्र योग इत्यादि का अगर किसी जातक की कुंडली में अच्छा प्रभाव हो तो इसका परिणाम एक बेहतरीन करियर बनाने के रूप में मिलता है.
ज्योतिष अनुसार सूर्य और गुरु जैसे ग्रह सरकारी पक्ष को दर्शाते हैं. सूर्य को राजा एवं सरकार के रूप में देखा जाता है. कुंडली में मौजूद प्रबल सूर्य व्यक्ति को सरकार से मिलने वाले लाभ दिलाने में काफी सहायक होता है. इसी के साथ चंद्रमा, गुरु जैसे ग्रह भी सरकार पक्ष की ओर से आपको बेहतर परिणाम दिलाने में सहायक बनते हैं.
ग्रहों की चाल और आपकी करियर योजना
ग्रहों की चाल का असर सभी पर पड़ता है. कुंडली एवं गोचर की स्थिति ही ग्रहों की चाल को समझने में मदद करती है. जब कुंडली में ग्रह अपनी वक्रता, पाप प्रभाव से मुक्त होते हुए शुभ स्थिति में रहते हैं अथवा दशा करियर भाव से संबंध बना रही हो और साथ में गोचर का शुभ असर भी करियर पर हो तब उस स्थिति में करियर की योजना सफलता की ओर अग्रसर होती है.
कुंडली में दशम भाव आपके करियर के लिए विशेष होता है, इसी के साथ छठा भाव आपके जीवन में प्रतिस्पर्धा एवं प्रतियोगिताओं में सफलता की भूमिका को दिखाता है. आप कौन सा करियर चयन करेंगे यह दशम भाव दिखाता है और आप अपने जीवन में कैसे प्रतिस्पर्धा को जीतेंगे यह छठे भाव के प्रभाव से दिखाई देता है. इन भावों की स्थिति अगर कमजोर है तब उस स्थिति में व्यक्ति के लिए बेहतर करियर योजना का निर्माण भी कुछ कमजोर होता चला जाता है.
कुंडली में सरकारी नौकरी के योग
कुंडली में सरकारी नौकरी के योग का निर्माण कुछ शुभ योगों के प्रभाव से, कुंडली के नौकरी भाव के ग्रह एवं भाव स्वामियों की स्थिति, दशा और गोचर के प्रभाव से फलित होता है. सरकारी नौकरी के योग में आपकी कुंडली में सूर्य, गुरु जैसे ग्रहों की अनुकूल स्थिति काम करती है. इसी के साथ करियर भाव का मजबूत होना आपको सरकारी पक्ष से काम दिलाने में मदद करता है. कुंडली में लग्न भाव की स्थिति मजबूत है, बृहस्पति और सूर्य जैसे ग्रहों का लग्न पर असर है मंगल दशम भाव को प्रभावित करता है शनि छठे भाव को प्रभाव देता है तो इस स्थिति में यह सरकारी नौकरी को दिलाने में अच्छे योग की स्थिति दिखाता है।
बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में सरकारी नौकरी पाने के लिए गुरु एवं बुध की स्थिति अगर प्रबल है तो परिणाम अनुकूल देने वाली होती है. वहीं सेना पुलिस इत्यादि जैसे स्थानों में सरकारी नौकरी पाने के लिए मंगल का प्रबल होना उच्च सरकारी पद दिलाने वाला होता है और जब इन ग्रहों का संबंध दशम भाव से बनता है तो सरकारी नौकरी का योग अधिक मजबूत बन जाता है.
जन्म कुंडली में सरकारी नौकरी के संकेत
जन्म कुंडली में सरकारी नौकरी के संकेत कई तरह से दिखाई देते हैं इनमें सभी का अपना अपना असर होता है. कुंडली में बन रहे शुभ योग और शुभ ग्रहों का प्रभाव आपको सरकारी क्षेत्र में अच्छे काम दिलाने वाला होगा. वहीं सरकारी नौकरी के संकेत हमें वर्ग चार्ट से भी मिलते हैं. सरकारी नौकरी हेतु लग्न कुंडली के साथ साथ वर्ग कुंडली को जांच लेना भी जरूरी होता है. इसमें नवमांश कुंडली और दशमांश कुंडली का सूक्ष्म विश्लेषण बताता है की सरकारी क्षेत्र में आप कितने सफल रहेंगे और आप के लिए सरकारी नौकरी का योग किस प्रकार के प्रभाव देगा.
सरकारी नौकरी के लिए ज्योतिष परामर्श
कुंडली के उचित अध्ययन से हम जान सकते हैं कि सरकारी नौकरी कब मिल सकती है या अगर सरकारी नौकरी के योग कुछ कमजोर बन रहे हैं तो उन्हें कैसे मजबूत किया जाए जिससे हम सरकारी नौकरी को पाने में सफल रह सकते हैं. इन सभी बातों के लिए सरकारी नौकरी के लिए ज्योतिष परामर्श लेना एक उचित और बेहतर विकल्प होता है.
एक कुशल ज्योतिषी ही आपको सटीक रूप में बता सकता है कि आप कब अपने लिए सरकारी नौकरी पाने में सक्षम होंगे. ज्योतिषी परामर्श द्वारा न केवल आप अवसर को पाने का उचित ��मय पाते हैं बल्कि आप अपने अवसरों को बेहतर ज्योतिषी उपायों से मजबूत कर सकते हैं जिससे आप सरकारी नौकरी पाने में सफल रहें.
अधिक जानकारी के लिए अवश्य जाएँ -
कोर्ट केस | मेरी शादी कब होगी ? | आज का राशिफल
Source URL - https://karmaastro.medium.com/jyotish-mai-sarkari-naukri-ki-bhavishyavani-1287199e41ee
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एआई आधारित छवि पहचान प्रणाली
परिचय: आधुनिक तकनीकी विकास के साथ, कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) क्षेत्र में एक नया अध्याय खुल रहा है। एक ऐसी तकनीक जो विशेष रूप से अंधाकार में समय बिताती है और उज्ज्वलता लाती है, छवि पहचान प्रणाली है। यह तकनीक छवियों को विशेषता और आदर्शता के आधार पर पहचानने में मदद करती है, जो अनेक क्षेत्रों में उपयोगी है। इस लेख में, हम एआई आधारित छवि पहचान प्रणाली के बारे में बात करेंगे।
एआई आधारित छवि पहचान प्रणाली: एआई आधारित छवि पहचान प्रणाली कंप्यूटर विज्ञान में एक उत्कृष्ट उपलब्धि है। इस प्रणाली में, कंप्यूटर सिस्टम को प्रशिक्षित किया जाता है कि वह छवियों में विशेष विशेषताओं और पैटर्न को कैसे पहचाने। यह सिस्टम बड़ी संख्या में छवियों को एक-से-एक अनुमानित कर सकता है, जो इंसानी नजर से संभव नहीं है।
कैसे काम करता है: छवि पहचान प्रणाली आमतौर पर दो प्रमुख चरणों में काम करती है - प्रशिक्षण और परीक्षण। प्रशिक्षण के दौरान, सिस्टम को लाखों छवियों का डेटासेट प्रदान किया जाता है, जिसमें उनके साथ संबंधित टैग और विशेषताएं होती हैं। सिस्टम फिर से और फिर से इस डेटा को प्रोसेस करता है और अपनी प्रतिक्रिया को संशोधित करता है ताकि यह सही परिणाम प्राप्त कर सके।
एक बार प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, सिस्टम परीक्षण में जाता है, जिसमें नए और अज्ञात छवियों का परीक्षण किया जाता है। सिस्टम को दिए गए प्रशिक्षण के आधार पर, यह छवियों को पहचानने का प्रयास करता है और अपने प्रशिक्षित डेटासेट के अनुसार परिणाम उत्पन्न करता है।
उपयोग क्षेत्र: छवि पहचान प्रणाली के कई कामकाजी उपयोग हैं। यह बड़ी मात्रा में डेटा को विश्लेषित करने, व्यापार विश्लेषण करने, यातायात निगरानी करने, चिकित्सा डायग्नोसिस में सहायक होने, और बहुत कुछ में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, यह सिस्टम सुरक्षा में भी मदद कर सकता है, जैसे कि चेहरों की पहचान और आईआरसीटीवी कैमरों का उपयोग।
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राहु केतु के वर्गोतम् होने पर क्या प्रभाव होता है ?
राहु और केतु के वर्गोत्तम होने पर व्यक्ति को कुछ विशेष प्रभाव महसूस हो सकते हैं। यह विभिन्न ज्योतिषीय परिणामों के साथ आता है, जो निम्नलिखित हो सकते हैं:
उत्कृष्ट बुद्धि और शक्ति: राहु और केतु के वर्गोत्तम होने पर व्यक्ति की बुद्धि और विचारशक्ति में वृद्धि हो सकती है। यह उन्हें विशेष अवसरों को समझने और सृजनात्मकता में विशेषता प्राप्त कर सकता है।
उत्कृष्ट साधना और आत्म-प्रज्ञा: राहु और केतु के वर्गोत्तम होने पर व्यक्ति का आध्यात्मिक अभिवृद्धि का अनुभव हो सकता है। वे अपने आत्मा को अधिक जानने की दिशा में सजग होते हैं और उनकी आत्म-प्रज्ञा में वृद्धि होती है।
उत्कृष्ट योग्यता और क्षमता: ये ग्रह व्यक्ति को उत्कृष्ट क्षमताओं और योग्यताओं के साथ आदिकाल से संतान कर सकते हैं। इसका परिणाम हो सकता है कि व्यक्ति अपनी क्षमताओं का समय-समय पर उपयोग कर सकता है और सफलता के मार्ग में आगे बढ़ सकता है।
आकर्षक और प्रेरणादायक व्यक्तित्व: राहु और केतु के वर्गोत्तम होने पर व्यक्ति की व्यक्तित्व में चमक और प्रेरणादायकता हो सकती है। वे अन्य लोगों को आकर्षित कर सकते हैं और अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से प्रेरित कर सकते हैं।
विपरीत परिणामों का उपयोग: राहु और केतु के वर्गोत्तम होने पर, व्यक्ति को अपनी जीवन की अविश्वसनीयताओं और उत्तेजक परिस्थितियों को अभिव्यक्त करने की क्षमता होती है। वे अचल स्थितियों में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
कर्म और भविष्यवाणी: राहु और केतु के वर्गोत्तम होने पर, व्यक्ति को अपने कर्मों की समझ और उनके परिणामों को समझने की क्षमता होती है। वे अपने भविष्यवाणियों को अधिक समझ सकते हैं और अपने लक्ष्यों की दिशा में अधिक सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।
राहु और केतु के वर्गोत्तम होने पर व्यक्ति को उपरोक्त प्रभाव महसूस हो सकते हैं, लेकिन यह अन्य ग्रहों की स्थिति, दशाओं और अन्य ज्योतिषीय अंशों के साथ भी आता है। जन्म कुंडली के सम्पूर्ण विश्लेषण के बाद ही व्यक्ति के जीवन के प्रभावों का समूह स्पष्ट होता है।
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संख्या सिद्धांत व विश्लेषण के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देकर भारत को विश्व में अतुलनीय गौरव प्रदान कराने वाले महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन।
समस्त देश व प्रदेश वासियों को राष्ट्रीय गणित दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
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