मोतिहारी के सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र की कलाकृति कोणार्क फेस्टिवल में बनी आकर्षण का केंद्र
मोतिहारी के सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र की कलाकृति कोणार्क फेस्टिवल में बनी आकर्षण का केंद्र
मोतिहारी। अंतरराष्ट्रीय रेतकला उत्सव कोणार्क में मोतिहारी जिले के सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र कुमार की कलाकृति आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।मधुरेन्द्र ने बिहार की विरासत बोधगया और पटना के गोलघर को रेत पर उकेर कर बिहार के हैरिटेज को बचाने का संदेश भी दिया है।जो इस उत्सव में पहुंचे पर्यटकों का मन मोह रहा है।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय कोणार्क फेस्टिवल अंतर्गत पर्यटन विभाग ओडिशा सरकार द्वारा आयोजित…
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#विरासत से तय नहीं होते #रियासत के फेसले...ये तो #उड़ान तय करेगी...#आसमान किसका हैं...✨️🙏✨️... https://www.instagram.com/p/ClEFeeQyx0U/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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भारतीय संस्कृति की विशेषताएं: तथा संस्कृति ज्ञान के महत्व
भारत एक विविधताओं से भरा देश है और इसकी संस्कृति इसी विविधता को दर्शाती है। यहां धर्म, भाषा, परिवार, त्योहार, भोजन, कला और रहन-सहन सभी में विविधता देखी जाती है। भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता धार्मिक विविधता है, जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी धर्मों के अनुयायी एक साथ रहते हैं। देश की भाषाई विविधता भी उल्लेखनीय है, जहां हिंदी, बंगाली, तेलुगु, मराठी, तमिल, उर्दू, गुजराती…
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यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल भारतीय धरोहर की सूची
यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल भारतीय धरोहर
पूरी दुनिया में एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज स्थल है जिनमे से कुछ को यूनेस्को द्वारा अपने विश्व विरासत स्थल में शामिल किया हैं। भारत मे भी यूनेस्को ने ऐसे बहुत से जगहों को अंकित किया है। तो आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे यूनेस्को की चिन्हित उन्ही विश्व धरोहर स्थलों के बारे में। तो चलिए देखते है यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल भारतीय धरोहर की सूची और…
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आईआरसीटीसी की श्री जगन्नाथ यात्रा टूरिस्ट ट्रेन पहल 25 जनवरी से शुरू होगी
आईआरसीटीसी की श्री जगन्नाथ यात्रा टूरिस्ट ट्रेन पहल 25 जनवरी से शुरू होगी
रेलवे की महत्वाकांक्षी भारत गौरव पहल के तहत श्री जगन्नाथ यात्रा पर्यटक ट्रेन प्रमुख तीर्थयात्रा और विरासत को कवर करते हुए 25 जनवरी को अपनी पहली यात्रा शुरू करेगा गंतव्यों आईआरसीटीसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा। पुरी के जगन्नाथ मंदिर के अलावा, यात्रा में प्राचीन पवित्र शहर वाराणसी, गया और झारखंड के देवघर में बैद्यनाथ धाम मंदिर की यात्रा भी शामिल है। रेलवे यात्रा के लिए लगभग 33…
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संकट का समय: संयुक्त राष्ट्र ने बैगेट को सांस्कृतिक विरासत सूची में डाला
संकट का समय: संयुक्त राष्ट्र ने बैगेट को सांस्कृतिक विरासत सूची में डाला
द्वारा एसोसिएटेड प्रेस
पेरिस: दुनिया भर में फ्रेंच बेकिंग के कुरकुरे राजदूत, विनम्र बैगूएट को मानवता द्वारा संरक्षित की जाने वाली पोषित परंपरा के रूप में संयुक्त राष्ट्र की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में जोड़ा जा रहा है।
इस सप्ताह मोरक्को में एकत्रित हुए यूनेस्को विशेषज्ञों ने फैसला किया कि फ्रांस के संस्कृति मंत्रालय द्वारा पारंपरिक बेकरियों की संख्या में “निरंतर गिरावट” की चेतावनी के बाद,…
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भारत की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधि करता है यूपी: मुख्यमंत्री
भारत की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधि करता है यूपी: मुख्यमंत्री
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है। यह भारत की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व कर्ता है। भगवान धनवन्तरि की पावन भाव भूमि भी प्रदेश की धरती है। भारत का कोरोना प्रबंधन दुनिया ��ें सबसे अच्छा रहा। कोरोना कालखण्ड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में समय से लिए गए निर्णय और समय पर की गई व्यवस्था व पूरे देश…
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लखनऊ, 15.06.2024 | "विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2024" के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा सेक्टर 25, इंदिरा नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में परिचर्चा "Prioritize Dignity, Safety and Wellbeing Of Elders" का आयोजन स्वर्ण जयंती स्मृति विहार पार्क, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया | परिचर्चा के अंतर्गत डॉ सत्या सिंह, पूर्व पुलिस अधिकारी एवं सदस्य, आंतरिक सलाहकार समिति, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने वर्तमान परिवेश में बुजुर्गों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार एवं उसके समाधान के बारे में बताया तथा बुजुर्गों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने हेतु जागरूक किया |
परिचर्चा का शुभारंभ डॉ सत्या सिंह, पूर्व पुलिस अधिकारी एवं सदस्य, आंतरिक सलाहकार समिति, हेल���प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती सुनीता जिंदल, उपाध्यक्ष, सेक्टर 25, इंदिरा नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, श्रीमती सरिता शर्मा, उपाध्यक्ष, सेक्टर 25, इंदिरा नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने दीप प्रज्वलन कर किया |
डॉ सत्या सिंह ने वर्तमान समाज में बुजुर्गों की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, "दुनिया में खुश रहना ही सबसे बड़ी विरासत है | अगर हमारे होठों पर हंसी है और दिल में सुकून है तो फिर हमें दुनिया में किसी चीज की कमी नहीं है | जैसा कि कहा गया है "गो-धन, गज-धन, वाजि-धन और रतन-धन खान ।
जब आवत संतोष-धन, सब धन धूरि समान |"
क्योंकि हमारी सबसे बड़ी लड़ाई अपने आप से होती है और अगर हम उसमें जीत गए तो हमें कोई नहीं हरा सकता | उम्र तो केवल गिनती होती है लेकिन अगर हम हर हाल में खुश रहे तो हम ताउम्र जवान रह सकते हैं | अगर हम आजकल के समाज और परिवेश के बारे में बात करें तो यह जरूरी नहीं है कि हर चीज हमारे हिसाब से हो, हर इंसान हमारे तरीके से चले लेकिन अगर हम बातचीत करें तो हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है | जहां तक बुजुर्गों को उनके अधिकार के बारे में जागरूक करने का प्रश्न है तो उस विषय में मैं यह कहना चाहूंगी कि हर बुजुर्ग व्यक्ति को हर जगह अपना अधिकार छीनना पड़ता है | अगर हम सीनियर सिटीजन है और किसी लाइन में खड़े हैं तो हमें वहां पर बताना पड़ेगा कि हम 60+ है तभी हमें हमारे अधिकार मिलेंगे | हर बुजुर्ग को यह अधिकार है कि अगर उनके बच्चे उनके साथ कुछ गलत कर रहे हैं, उन्हें सहारा नहीं दे रहे तो वे अपने हक और जीविका के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं | हमें हर हाल में खुश रहना चाहिए क्योंकि महाकवि पद्म भूषण डॉक्टर श्री गोपाल दास नीरज कहा करते थे कि जिंदगी और मौत में सिर्फ इतना सा फर्क है :
"न जन्म कुछ, न मृत्यु कुछ, बस इतनी सिर्फ बात है |
किसी की आँख खुल गयी, किसी को नींद आ गई |"
मेरा ऐसा मानना है कि आप अपने बच्चों को जैसे संस्कार देंगे वह समाज में वैसा ही व्यवहार करेगा | इसलिए हमेशा खुश रहें और दूसरों को खुश रखने की कोशिश करें |
मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट को बहुत बधाई देती हूं ट्रस्ट समाज के हर क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है और मैं हर कदम पर ट्रस्ट के साथ हूं |"
परिचर्चा के अंत में डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि "हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | अगर आपको भविष्य में किसी भी मदद की जरूरत हो तो हम हर तरह से आपकी मदद करेंगे | यदि आप समाज के किसी भी क्षेत्र में जन सेवा करना चाहते हो तो आप हमसे जुड़ सकते हैं और समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में अपना योगदान दे सकते हैं |"
परिचर्चा में डॉ सत्या सिंह, डॉ रूपल अग्रवाल, श्रीमती सुनीता जिंदल, श्रीमती सरिता शर्मा, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों सहित 50 गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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हथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े सभी बुनकर भाई-बहनों को 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं ।
हथकरघा भारतीय संस्कृति की अनमोल विरासत है, जो हमें हमारी परंपराओं से जोड़ता है ।
आइए, इस अवसर पर हम सभी हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने व स्वदेशी अपनाने का संकल्प लें ।
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हथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े सभी बुनकर भाई-बहनों को 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं ।
हथकरघा भारतीय संस्कृति की अनमोल विरासत है, जो हमें हमारी परंपराओं से जोड़ता है ।
आइए, इस अवसर पर हम सभी हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने व स्वदेशी अपनाने का संकल्प लें ।
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हथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े सभी बुनकर भाई-बहनों को 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं ।
हथकरघा भारतीय संस्कृति की अनमोल विरासत है, जो हमें हमारी परंपराओं से जोड़ता है ।
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हथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े सभी बुनकर भाई-बहनों को 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं ।
हथकरघा भारतीय संस्कृति की अनमोल विरासत है, जो हमें हमारी परंपराओं से जोड़ता है ।
आइए, इस अवसर पर हम सभी हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने व स्वदेशी अपनाने का संकल्प लें ।
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भारतीय संस्कृति की विशेषताएं: तथा संस्कृति ज्ञान के महत्व
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कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ साहब का एक संकल्प झोटवाड़ा का हो कायाकल्प
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का संकल्प
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्पों और कर्मठता से देश की सेवा में अपना योगदान दिया है। उनकी प्रेरणा से देशवासियों को नई ऊंचाइयों की दिशा मिली है। उनके इसी संकल्प के तहत ‘झोटवाड़ा का हो कायाकल्प’ एक महत्वपूर्ण पहल है जो लोकतंत्र और समाज के विकास को समर्पित है।
झोटवाड़ा क्या है?
कायाकल्प की उपाधि
कायाकल्प का अर्थ होता है जीवन में नई दिशा देना। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ साहब ने अपने इस संकल्प में झोटवाड़ा को एक आदर्श स्थान देने का संकल्प किया है। इसके तहत, स्थानीय विकास को गति देने, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने और सामाजिक अन्यायों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का विशेष द्रष्टांत है।
झोटवाड़ा में शिक्षा और स्वास्थ्य
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ साहब का संकल्प झोटवाड़ा के विकास में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष महत्व दिया गया है। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से नई पीढ़ियों को ज्ञान और उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन किया है और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार में भी उनकी निकटता का प्रयास किया है।
नए दिशानिर्देश और उद्देश्य
कर्नल साहब अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक सुविधाजनक नेतृत्व प्रस्तुत करते हैं। उनके संकल्पों और प्रेरणाओं ने उन्हें एक प्रेरणा स्त्रोत बना दिया है जिसने न केवल उन्हें बल्कि उनके चाहने वालों को भी प्रेरित किया है। उनकी नीतियाँ और क्रियाकलाप उनके लक्ष्यों की ओर सीधे संकेत करते हैं और एक सुसंगत समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नवाचार और प्रगति
कर्नल साहब के संकल्प ने झोटवाड़ा में एक नयी सोच और नए दिशानिर्देश स्थापित किए हैं। उनके नेतृत्व में शहर ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की है और एक नई परिभाषा दी है। उनक�� कार्यकाल में नए और सर्वोत्तम तकनीकी उपायों ने विकास को गति दी है और उनकी नीतियाँ ने शहर को गौरवान्वित किया है।
झोटवाड़ा के प्रति समुदाय की जागरूकता बढ़ाना
झोटवाड़ा की समस्या को समझने के लिए हमें समुदाय को जागरूक करना होगा। इसके लिए हमें शिक्षा के माध्यम से, सोशल मीडिया के जरिए, और विभिन्न संगठनों और संस्थाओं के साथ सहयोग करके समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्य करना होगा। इस प्रक्रिया में, कर्नल साहब के संकल्प और उनके दृढ़ स्थान का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के सामाजिक कार्य
झोटवाड़ा में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ साहब के सामाजिक कार्य का विशेष उल्लेख होना चाहिए। उन्होंने समुदाय के विकास के लिए अनेक पहल की हैं, जिनमें गांवीय विकास, युवा संघटनाओं का समर्थन, और महिला सशक्तिकरण शामिल है। उनकी इसी प्रेरणा से झोटवाड़ा एक विशेष स्थान पर है जो सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से विकसित हो रहा है।
समाप्ति
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ साहब के संकल्प ‘झोटवाड़ा का हो कायाकल्प’ ने एक नयी पहचान बनाई है, जो लोकतंत्र और सामाजिक समानता के माध्यम से समृद्धि की दिशा में गति दे रहा है। इस प्रयास में उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलों से सबको नई ऊँचाइयों की दिशा में प्रेरित किया है।
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विश्व विरासत सप्ताह 2022: 19 नवंबर को ताजमहल में सभी पर्यटकों के लिए नि:शुल्क प्रवेश
विश्व विरासत सप्ताह 2022: 19 नवंबर को ताजमहल में सभी पर्यटकों के लिए नि:शुल्क प्रवेश
छवि स्रोत : पीटीआई/प्रतिनिधि (फाइल)। आगरा में ऐतिहासिक ताजमहल देखने पर्यटक।
विश्व विरासत सप्ताह: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) 19 नवंबर (शनिवार) को आगरा के ताजमहल में कोई प्रवेश शुल्क नहीं लेगा। एएसआई ने वर्ल्ड हेरिटेज वीक शुरू होने के मद्देनजर यह फैसला लिया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ट्वीट किया, “19 नवंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण स्मारकों में विश्व धरोहर सप्ताह की शुरुआत के लिए…
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