#कोई 18 साल पहले 27 दिसंबर
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#जो देश सीमा पार आतंकवाद को आधिकारिक रूप से प्रश्रय देता है#जो ओसामा बिन लादेन को पनाह देता है#जिस देश की भूमिका भारतीय संसद पर हमले में थी#वह आंतकवाद पर उपदेश नहीं दे सकता है.#94#2022-12-18T11:58#भारत में एक कहावत है कि बांस के पौधे में गांठ पड़ती है। ये एक बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिला#भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी अपने देश में भले ही रोजाना विरोधियों की किलो#दो किलो गालियां खाते हों लेकिन भारत के बाहर किसी को ये हक नहीं क कोई उनके बारे में एक भी अपशब्द क#बिलावल भुट्टो ने पिछले दिनों अमेरिका में एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर#कि“ओसामा बिन-लादेन की तो मौत हो चुकी है लेकिन 'गुजरात का कसाई' अब भी ज़िंदा है और वह भारत के प्रधा#बिलावल भुट्टो ज़रदारी की उम्र महज़ 34 साल है. वो इसी साल अप्रैल महीने में पाकिस्तान के विदेश मंत्#कोई 18 साल पहले 27 दिसंबर#2007 को माँ बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद बिलावल भुट्टो को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी का उत्तराधिक#बिलावल भुट्टो भारत के राहुल गांधी तो नहीं है लेकिन उनकी विरासत एक सी है।विरासत और तरबियत में फर#मुझे याद है कि बिलावल भुट्टो नाम के इस बच्चे को 2009 में अमेरिका-पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान के एक सम#शहबाज़ शरीफ़ की सरकार में बिलावल को विदेश मंत्रालय दिया गया तब कहा जा रहा था कि पाकिस्तान अंतरर#विदेश मंत्रालय की बागडोर ऐसे व्यक्ति के हाथ में सौंप दी गई है जिनके पास कोई अनुभव नहीं है.#भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 दिसंबर को न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के तमाम आरोपों का जवाब दे#कि#बिलावल भुट्टो की बचकानी#बेवकूफी ��री इस टिप्पणी को असभ्य बताते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दे दिया.जबकि इसकी जरू#पडौसी और दोस्त बनने की काबिलियत हासिल कर ही नहीं सका। ऐसे में बिलावल भुट्टो की बदजुबानी का क्या#जिसे लेकर बिलावल बिलबिला रहे हैं। वे होतीं तो शायद बिलावल का कान पकड़कर उससे माफी मांगने को कहत#मेरा मानना है कि बिलावल भुट्टो ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने और पाकिस्तानी अवाम को खुश करने क#ये सच है. आकाश नीला है#ये सच है#नई बात यह है कि बिलावल ने अपनी हैसियत भूलकर गलत समय#गलत मंच से गलत तरीके से अपनी बात कही।#हम उस पीढी के लोग हैं जिन्होंने जुल्फिकार अली भुट्टो से लेकर इमरान खान तक का बनाया पाकिस्तान दे
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तीसरा टेस्ट: पहले दिन छाए रहे अंग्रेज, बोलिंग के बाद बैटिंग से किया पस्त, ली 42 रनों की बढ़त Divya Sandesh
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तीसरा टेस्ट: पहले दिन छाए रहे अंग्रेज, बोलिंग के बाद बैटिंग से किया पस्त, ली 42 रनों की बढ़त
लीड्सजेम्स एंडरसन की अगुआई में तेज गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन से इंग्लैंड ने तीसरे क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन बुधवार को भारत को पहली पारी में सिर्फ 78 रन पर समेट दिया। इंग्लैंड ने इसके जवाब में दिन का खेल खत्म होने तक बिना कोई विकेट गंवाए 120 रन बनाते हुए 42 रनों की लीड ले ली है। हसीब हमीद 130 गेंदों में 11 चौके की मदद से 60 जबकि रोरी बर्न्स 125 गेंदों में 5 चौके और एक छक्का की मदद से नाबाद 52 रन बनकर खेल रहे थे।
जिस पिच पर भारतीय बल्लेबाज 40.4 ओवरों में ऑलआउट हो गए उसी पर रोरी बर्न्स और हमीद ने मिलकर गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई है। इन दोनों ने 42 ओवरों की बैटिंग में भारतीय गेंदबाजों को अधिक मौके नहीं दिए हैं। दूसरे दिन जब भारतीय टीम उतरेगी तो उसकी कोशिश जल्द से जल्द इंग्लिश टीम की पहली पारी समेटकर बड़ी बढ़त से रोकने की। हालांकि, मेजबान के सभी विकेट बचे हुए हैं तो टीम इंडिया को पूरे दमखम से मोर्चा संभालना होगा।
9 महीने में दूसरी बार अंडर-100 आउटपिछले नौ महीने में यह दूसरा मौका है जब भारतीय टीम पारी में 100 रन भी बनाने में नाकाम रही है। पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में टीम दूसरी पारी में सिर्फ 36 रन पर सिमट गई थी जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में उसका न्यूनतम स्कोर था। लार्ड्स में शानदार जीत के बाद भारत का पिछले 34 साल में पहले दिन की पिच पर यह न्यूनतम स्कोर है। भारतीय टीम पिछली बार पहले दिन की पिच पर 100 रन से कम के स्कोर पर 1987 में आउट हुई थी जब नयी दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर वेस्टइंडीज ने दिलीप वेंगसरकर की अगुआई वाली भारतीय टीम को सिर्फ 75 रन पर ढेर कर दिया था।
रोहित-रहाणे रहाणे ही पहुंच सके दहाई पारहेडिंग्ले पर भारत की ओर से सिर्फ सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (105 गेंद में 19 रन) और अजिंक्य रहाणे (54 गेंद में 18 रन) की दोहरे अंक में पहुंचने में सफल रहे। टीम की ओर से इसके बाद सबसे बड़ा योगदान 16 रन के साथ अतिरिक्त रनों का रहा। शानदार स्विंग का नजारा पेश करते हुए एंडरसन (छह रन पर तीन विकेट) ने मैच के पहले घंटे में ही सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल (0), चेतेश्वर पुजारा (01) और कप्तान विराट कोहली (7) को पवेलियन भेज दिया।
आखिरी 6 विकेट 22 रन पर लौटेभारतीय बल्लेबाजों को ऑफ साइड से बाहर की गेंद से छेड़छाड़ का खामियाजा भुगतना पड़ा और पहले पांच बल्लेबाज विकेटकीपर जोस बटलर को कैच देकर आउट हुए। भारत ने अपने अंतिम छह विकेट सिर्फ 22 रन जोड़कर गंवाए जिससे लंच के बाद टीम 40.4 ओवर में ही सिमट गई। क्रेग ओवरटन (14 रन पर तीन विकेट), ओली र��बिनसन (16 रन पर दो विकेट) और सैम कुरेन (27 रन पर दो विकेट) ने एंडरसन के बनाए दबाव का फायदा उठाकर भारतीय पारी को समेटा।
विराट का फैसला पड़ा उल्टाइंग्लैंड के गेंदबाजों के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय पारी में सिर्फ छह चौके लगे। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने आसमान में बादल छाए होने के बावजूद टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया जो उलटा पड़ गया। एंडरसन ने उनके इस फैसले को गलत साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने लॉर्ड्स में पिछले मैच में शतक जड़ने वाले राहुल (0) को पहले ओवर में ही पवेलियन भेज दिया। राहुल ने ऑफ साइड से बाहर की गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में बटलर को कैच थमाया। पुजारा (01) भी पांचवें ओवर में एंडरसन की गेंद पर विकेटकीपर को कैच दे बैठे।
कोहली का फ्लॉप शो रहा जारीकप्तान कोहली ने आठवें ओवर में रोबिनसन पर पारी का पहला चौका जड़ा लेकिन एंडरसन ने उन्हें भी बटलर के हाथों कैच कराके भारत का स्कोर 11वें ओवर में तीन विकेट पर 20 रन कर दिया। रोहित और रहाणे ने इसके बाद पारी को संभाला। दोनों ने बेहद सतर्कता के साथ बल्लेबाजी की और इस बीच इंग्लैंड के गेंदबाजी आक्रमण की कमजोर कड़ी सैम कुरेन के खिलाफ कुछ अच्छे शॉट लगाए। रहाणे ने इस तेज गेंदबाज पर दो जबकि रोहित ने सुबह के सत्र का एकमात्र चौका जड़ा।
रहाणे लंच से ठीक पहले हुए आउटरहाणे ने क्रेग ओवरटन पर चौके के साथ 25वें ओवर में टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया लेकिन अगले ओवर में रोबिनसन की गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे बैठे। भारत ने लंच तक चार विकेट पर 56 रन बनाए। भारत ने लंच के बाद चौथे ओवर में ही ऋषभ पंत (02) का विकेट गंवा दिया जिन्होंने रोबिनसन की गेंद पर विकेटकीपर को कैच दिया।
फिर यूं लगी लाइन भारत ने 67 रन के स्कोर पर रोहित, मोहम्मद शमी (0), रविंद्र जडेजा (04) और जसप्रीत बुमराह के विकेट गंवाए जिससे टीम का स्कोर 67 रन पर पांच विकेट से 67 रन पर नौ विकेट हो गया। ओवरटन ने मोहम्मद सिराज (03) को कप्तान जो रूट के हाथों कैच कराके भारतीय पारी का अंत किया। भारत ने लॉर्ड्स में दूसरा टेस्ट 151 रन से जीतने वाली टीम में कोई बदलाव नहीं किया है। इंग्लैंड ने दो बदलाव करते हुए सलामी बल्लेबाज डोम सिबले की जगह डेविड मलान जबकि चोटिल तेज गेंदबाज मार्क वुड की जगह ओवरटन को अंतिम एकादश में जगह दी है।
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अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराए करीब 28 साल पूरे हो गए हैं। ढांचे को गिराने के क्रिमिनल केस की सुनवाई लखनऊ में सीबीआई स्पेशल कोर्ट कर रहा था। इस मामले में 32 आरोपी हैं। इनमें पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साक्षी महाराज के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद के कई नेता भी आरोपी हैं।
मामले की सुनवाई लखनऊ की पुरानी हाईकोर्ट बिल्डिंग में अयोध्या प्रकरण कोर्टरूम नंबर 18 में पिछले 28 साल से कछुए की चाल चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को आदेश दिया कि इस मामले में डे-टू-डे बेसिस पर सुनवाई की जाए और मामले की सुनवाई कर रहे जज का ट्रांसफर नहीं होगा। तब जाकर अब फैसले की घड़ी आई है।
सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला सुना तो दिया, अब यह मामला क्या है? 6 दिसंबर 1992 को राम मंदिर आंदोलन के लिए जुटी भीड़ ने बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिरा दिया था। यह माना जाता है कि विवादित ढांचा भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर बनाया गया था। ढांचा गिरने के बाद पूरे देश में दंगे भड़के थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इन दंगों में 1,800 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में जो फैसला सुनाया था, वह जमीन के मालिकाना हक को लेकर था। उसमें कोर्ट ने राम जन्मभूमि मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन किया। यह क्र���मिनल केस उससे पूरी तरह अलग है।
क्या है यह मामला और दर्ज एफआईआर क्या है?
6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा टूटने के बाद पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थीं। पहली एफआईआर-नंबर 197/92, जो लाखों अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ थी। इन कारसेवकों ने कथित तौर पर हथौड़ों और कुदाल से विवादित ढांचा गिराया था।
दूसरी एफआईआर- नंबर 198/92 आठ लोगों के खिलाफ थी। इनमें आडवाणी, जोशी, उमा भारती और विनय कटियार भाजपा से थे। वहीं, विहिप के अशोक सिंहल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया और साध्वी ऋतंभरा थे। इनमें डालमिया, किशोर और सिंहल की मौत हो चुकी है। 47 और एफआईआर दर्ज हुई थी, जो बाबरी ढांचा गिराए जाने के बाद पत्रकारों पर हमलों से जुड़ी थीं। मामले में कुल 32 लोग आरोपी हैं।
इन केसों के बंटवारे पर विवाद था। कारसेवकों के खिलाफ दर्ज एफआईआर 197/92 जांच के लिए सीबीआई के पास गई थी, जबकि एफआईआर 198/92 जांच के लिए सीआईडी को सौंपी गई थी। 27 अगस्त 1993 को यूपी सरकार ने इस मामले से जुड़े सभी केस सीबीआई को दे दिए गए थे।
आपराधिक साजिश का आरोप कब जुड़ा? सीबीआई ने 5 अक्टूबर 1993 को पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें 40 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें भाजपा-विहिप के 8 नेता भी शामिल थे। दो साल चली जांच के बाद 10 जनवरी 1996 को सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद गिराने की एक सुनियोजित साजिश थी।
सीबीआई ने एफआईआर में 9 और लोगों को जोड़ा। उनके खिलाफ आपराधिक साजिश यानी आईपीसी की धारा 120(बी) के आरोप लगाए। इनमें शिवसेना के नेता बाल ठाकरे और मोरेश्वर सावे शामिल थे। 1997 में लखनऊ मजिस्ट्रेट ने सभी 48 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए। लेकिन, 34 आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आरोप तय करने के खिलाफ याचिका लगाई और प्रक्रिया पर रोक लग गई।
इस मामले में सुनवाई में देर कहां हुई? इस मामले में चार साल तक कुछ नहीं हुआ। हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर की वजह से कागज तक नहीं हिला। 12 फरवरी 2001 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आडवाणी, जोशी, उमा, कल्याण सिंह और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा हटाने का आदेश दिया। इससे केस कमजोर हो गया।
तीन महीने के भीतर 4 मई 2001 को लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने एफआईआर 197/92 और 198/92 को अलग-अलग सुनवाई के लिए लिया। यह भी कहा कि 21 आरोपियों के खिलाफ रायबरेली की कोर्ट में सुनवाई होगी। वहीं, 27 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई लखनऊ में होगी।
सीबीआई ने तब इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक साजिश का आरोप हटाने के आदेश का रिव्यू करने के लिए याचिका लगाई। लेकिन, यह याचिका खारिज हो गई। 16 जून को सीबीआई ने यूपी सरकार को पत्र लिखकर कहा कि ट्रायल दोबारा शुरू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करें।
जुलाई 2003 में सीबीआई ने आडवाणी के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप वापस ले लिया और रायबरेली कोर्ट में ��ए सिरे से चार्जशीट दाखिल की। लेकिन, जुलाई 2005 में हाईकोर्ट ने आडवाणी के खिलाफ 'नफरत फैलाने' का आरोप तय किया। 2010 तक दोनों केस अलग-अलग अदालतों में चलते रहे।
2011 में सीबीआई आखिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची और वहां यह तय हुआ कि रायबरेली की सुनवाई भी लखनऊ ट्रांसफर की जाए। अगले सात साल तक अदालतों में आरोप तय होने को लेकर रिव्यू याचिकाएं दाखिल होती रहीं। 19 अप्रैल 2017 को आडवाणी और अन्य आरोपियों पर फिर से आपराधिक साजिश का आरोप तय हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को त्रुटिपूर्ण करार देते हुए सीबीआई की भी इस बात को लेकर खिंचाई की कि उस आदेश को पहले चुनौती क्यों नहीं दी गई? तकनीकी तौर पर 2010 में ही ट्रायल शुरू हो सका। आरोप तय होने के स्टेज पर सुनवाई अटकी रही क्योंकि अधिकांश आरोपी हाईकोर्ट में थे।
इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सबूत क्या हैं? बाबरी ढांचे के विध्वंस से जुड़े मामले में 30-40 हजार गवाह थे। ट्रायल में मौखिक गवाही महत्वपूर्ण रही। मौखिक सबूतों में गवाहों के पुलिस को दिए बयानों को लिया गया। सीबीआई ने जांच के दौरान 1,026 गवाहों की सूची बनाई। इसमें ज्यादातर पुलिसकर्मी और पत्रकार थे।
आठ भाजपा और विहिप नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप साबित करने के लिए मौखिक आरोप ही हैं। इस वजह से सीबीआई ने अतिरिक्त प्रयास किए ताकि ज्यादा से ज्यादा गवाहों को जुटाया जा सके। 2010 से सीबीआई की कई टीमों ने देशभर का दौरा किया और लोगों को कोर्ट में पेश होने के लिए समन दिए। कुछ को तो इंग्लैंड और म्यांमार में भी ट्रेस किया है। हजारों में से सिर्फ 351 गवाह ही कोर्ट में बयान देने पहुंच सके।
मौखिक सबूतों में इन नेताओं की ओर से दिए गए भाषण शामिल हैं। खासकर 1990 में अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के लिए जब लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा शुरू की, उस दौरान दिए गए बयानों को सबूत माना गया। यह बताता है कि ढांचे को गिराने का विचार 1990 में ही आया, जो बताता है कि यह साजिश थी।
दस्तावेजी सबूत भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसमें घटना की न्यूज रिपोर्ट्स शामिल हैं। साथ ही 6 दिसंबर 1992 को खींचे गए फोटोग्राफ्स और बनाए गए वीडियो। विभिन्न चैनलों ने 100 यू-मेटिक वीडियो कैसेट्स सौंपे हैं, जिन्हें 27-इंच के सोनी टीवी और दो वीसीआर पर चलाया गया।
इस मामले में क्या उम्मीद कर सकते हैं? 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं के दावे को स्वीकार करते हुए कहा कि बाबरी ढांचे को गिराना कानून के शासन का उल्लंघन था। जो भी गलत हुआ है, उसे ठीक किया जाना आवश्यक है। संविधान के आर्टिकल 142 के तहत कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार या उत्तरप्रदेश सरकार को अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देनी चाहिए।
यह देखा जाना चाहिए कि क्या सुप्रीम कोर्ट के बयान का इस फैसले पर कोई असर होता है। सरकारी पक्ष ने ��पनी अंतिम दलीलों में कहा है कि जिन भी लोगों ने साजिश रची, उन्हें सजा दी जानी चाहिए। डिफेंस का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले ने हिंदुओं के दावे को सही साबित किया है।
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Everything you need to know about the Criminal Case a day before the result
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भारत के त्यौहारों त्यौहार और पर्व की सूची
यह हिंदी और अंग्रेजी भाषा में दिए गए सभी भारतीय त्योहारों की संपूर्ण सूची है। ये सभी के लिए केवल प्रमुख और महत्वपूर्ण हैं। जानिए ऐसे कौन कौन से त्यौहार है जिन्हें हमारे देश और पुरे दुनिया में धूम धाम से मनाया जाता है। यह पोस्ट ��िंदी में "Indian Festival Names In Hindi" और उनकी सामान्य जानकारी है। भारत त्यौहारों का देश है।
Hindu Festivals List in Hindi भारत में कई त्योहार और त्यौहार बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। हिंदू धर्म, इस्लाम, धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म, पारसी धर्म के कई त्योहार हर साल आते हैं।
Indian Festival Names In Hindi (प्रमुख त्योहार के नाम)
भारत त्योहारों का देश है, जहाँ सभी धर्म के लोग इसे मनाते हैं। जनवरी और दिसंबर माह से शुरू होने वाले हिंदी और अंग्रेजी में सभी महत्वपूर्ण त्योहारों की सूची का पता लगाएं। धार्मिक त्योहार के नाम हिंदी में (Indian Festival Names In Hindi) 1. मकर संक्रांति (Makarsankranti) मकर संक्रांति, या माघी, हिंदू कैलेंडर में एक त्योहार का दिन है, जो देवता सूर्य को समर्पित है। यह प्रत्येक वर्ष जनवरी में मनाया जाता है। यह सूर्य के मकर राशि में पारगमन के पहले दिन, सर्दियों के संक्रांति के साथ महीने के अंत और अधिक दिनों की शुरुआत का प्रतीक है। 2. पोंगल (Pongal) थाई पोंगल सूर्य देव को समर्पित एक फसल उत्सव है। यह चार दिवसीय त्योहार है जो आम तौर पर तमिल कैलेंडर के अनुसार 14 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जाता है। थाई पोंगल मकर संक्रांति से मेल खाता है, जिसे पूरे भारत में मनाया जाता है। 3. वसंत पंचमी (Vasant Panchami) वसंत पंचमी को बसंत पंचमी भी कहा जाता है, यह एक ऐसा त्योहार है जो भारतीय उपमहाद्वीप में इस क्षेत्र के आधार पर विभिन्न तरीकों से लोगों द्वारा मनाए जाने वाले वसंत के आगमन की प्रारंभिक तैयारियों का प्रतीक है। 4. महा शिवरात्रि (Maha Shivaratri) महा शिवरात्रि भगवान शिव के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक हिंदू त्यौहार है, और विशेष रूप से, शिव के विवाह के समापन का दिन है। 5. पुथंडू (Puthandu) तमिल पुथंडु, जिसे तमिल नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है, तमिल कैलेंडर पर वर्ष का पहला दिन है। त्योहार की तारीख हिंदू कैलेंडर के सौर चक्र के साथ निर्धारित की जाती है, तमिल महीने के पहले दिन के रूप में चिथिरई। इसलिए यह ग्रेगोरियन कैलेंडर पर हर साल 14 अप्रैल को पड़ता है। 6. गुडी पड़वा (Gudi Padwa) गुड़ी पड़वा और कोंकणी: संवत्सर पाडवो, संवर पाडवो एक वसंत-समय त्योहार है जो मराठी और कोंकणी हिंदुओं के लिए पारंपरिक नए साल को चिह्नित करता है। यह चैत्र महीने के पहले दिन महाराष्ट्र और गोवा में मनाया जाता है और हिंदू हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए किया जाता है। 7. होली (Holi) होली; एक लोकप्रिय प्राचीन हिंदू त्योहार है, जो भारतीय उपमहाद्वीप से आता है। यह मुख्य रूप से भारत और नेपाल में मनाया जाता है, लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप से प्रवा��ी भारतीयों के माध्यम से एशिया और पश्चिमी दुनिया के अन्य क्षेत्रों में भी फैल गया है। 8. रामनवमी (Ramanavami) राम नवमी एक वसंत हिंदू त्योहार है कि भगवान राम का जन्मदिन मनाता है। वह हिंदू धर्म की वैष्णववाद परंपरा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, विष्णु के सातवें अवतार के रूप में। यह त्योहार अयोध्या में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के जन्म के माध्यम से, भगवान विष्णु के वंश को राम अवतार के रूप में मनाता है। 9. वैसाखी (Vaisakhi) वैसाखी, जिसे बैसाखी, वैशाखी या वैसाखी के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म और सिख धर्म में एक ऐतिहासिक और धार्मिक त्योहार है। यह आमतौर पर हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है, जो 1699 में गुरु गोविंद सिंह के अधीन योद्धाओं के खालसा पंथ के गठन की याद दिलाता है। 10. हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) हनुमान जयंती एक हिंदू धार्मिक त्यौहार है जो भगवान श्री हनुमान के जन्म का जश्न मनाता है, जो पूरे भारत और नेपाल में बहुत मन्नत करता है। यह त्यौहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है। सभी भारतीय त्योहारों की सूची List of all Indian Festivals in Hindi 11. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) अक्षय तृतीया, जिसे अक्ती या अखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, जैन और हिंदुओं का एक वार्षिक वसंत त्योहार है। यह वैशाख महीने के ब्राइट हाफ की तीसरी तीथी पर पड़ता है। यह भारत और नेपाल में हिंदुओं और जैनों द्वारा क्षेत्रीय रूप से एक शुभ समय के रूप में मनाया जाता है, जो "संयुक्त समृद्धि के तीसरे दिन" को दर्शाता है। 12. सावित्री पूजा (Savitri Pooja) वट सावित्री पूजा भारत में व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह पूजा सावित्री के दृढ़ संकल्प और अपने पति को वापस लाने के लिए भक्ति के सम्मान के लिए की जाती है। पूरे भारत में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करने के लिए इस पूजा में भाग लेती हैं। 13. रथ यात्रा (Rath Yatra) पुरी में रथयात्रा महोत्सव के दौरान, एक जुलूस में जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों को मंदिर से बाहर ले जाया जाता है। यहां आपको जानना आवश्यक है। 14. गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) गुरु पूर्णिमा हिंदू संस्कृति में आध्यात्मिक और अकादमिक शिक्षकों को समर्पित एक आध्यात्मिक परंपरा है, जो कर्म योग पर आधारित बहुत कम या कोई मौद्रिक अपेक्षा के साथ, अपनी बुद्धि साझा करने के लिए तैयार, विकसित या प्रबुद्ध मनुष्य हैं। 15. नाग-पंचमी (Nag Panchami) नागा पंचमी पूरे भारत, नेपाल और अन्य देशों में जहां हिंदू अनुयायी रहते हैं, हिंदुओं द्वारा नाग या नागों की पारंपरिक पूजा का दिन है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास के चमकदार आधे महीने के पांचवें दिन पूजा की जाती है। 16. रक्षा-बंधन (Raksha-Bandhan) रक्षाबंधन, भी रक्षाबंधन, एक लोकप्रिय, पारंपरिक रूप से हिंदू, वार्षिक संस्कार, या समारोह है, जो उसी नाम के एक त्योहार का केंद्र है, जिसे भारत में, दक्षिण एशिया के कुछ अन्य हिस्सों में और दुनिया भर के लोगों द्वारा हिंदू के रूप में मनाया जाता है। 17. कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे बस जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण का जन्मदिन मनाता है। 18. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी या विनायक चविथी के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो गणेश के जन्म का उत्सव है। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त या सितंबर के महीनों में पड़ता है। यह त्यौहार निजी तौर पर घरों में, या सार्वजनिक रूप से विस्तृत पंडालों में गणेश मिट्टी की मूर्तियों की स्थापना के साथ चिह्नित किया जाता है। 19. अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) अनंत चतुर्दशी जैन और हिंदुओं द्वारा मनाया और मनाया जाने वाला त्योहार है। चतुर्दशी चंद्र पखवाड़े का 14 वां दिन है। सामान्य रूप से, अनंत चतुर्दशी गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद आती है। 20. तीज (Teej) तीज कई हिंदू त्योहारों का एक सामान्य नाम है जो मुख्य रूप से नेपाल और उत्तर भारत में महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। हरियाली तीज और हरतालिका तीज मानसून के मौसम का स्वागत करते हैं और मुख्य रूप से लड़कियों और महिलाओं द्वारा गीत, नृत्य और प्रार्थना अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहार के नाम (Hindu Festivals Name) 21. विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) विश्वकर्मा जयंती, एक हिंदू देवता, दिव्य वास्तुकार, विश्वकर्मा के लिए उत्सव का दिन है। उन्हें स्वायंभु और दुनिया का निर्माता माना जाता है। उन्होंने द्वारका के पवित्र शहर का निर्माण किया जहां कृष्ण ने शासन किया, पांडवों की माया सभा, और देवताओं के लिए कई शानदार हथियारों के निर्माता थे। 22. ओणम (Onam) ओणम भारत के केरल राज्य में एक वार्षिक हार्वेस्ट त्योहार है। यह चिंगम के मलयालम कैलेंडर माह में 22 वें नक्षत्र थिरुवोनम पर पड़ता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में अगस्त-सितंबर के साथ ओवरलैप होता है। 23. नवरात्रि (Navaratri) नवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो नौ रातों तक फैलता है और हर साल शरद ऋतु में मनाया जाता है। यह विभिन्न कारणों से मनाया जाता है और भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। सैद्धांतिक रूप से, चार मौसमी नवरात्रि हैं। 24. दशहरा (Dusshera) विजयदशमी को दशहरा, Dasahara, Dusshera, Dasara, Dussehra or या दशैन के नाम से भी जाना जाता है, जो हर साल नवरात्रि के अंत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। 25. लक्ष्मी पूजा (Lakshmi Puja) लक्ष्मी पूजा उत्सव, विवरणलक्ष्मी पूजा, एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जो तिहाड़ के तीसरे दिन आश्विन के विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्य�� को मनाया जाता है और इसे दीपावली के मुख्य त्योहार के रूप में माना जाता है। 26. धनतेरस (Dhanteras) धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी या धन्वंतरी त्रयोदशी के रूप में भी जाना जाता है, पहला दिन है जो भारत में दिवाली का त्योहार और नेपाल में तिहार का त्योहार है। कार्तिक के विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर माह में कृष्ण पक्ष के तेरहवें चंद्र दिवस पर धनतेरस मनाया जाता है। 27. दीवाली (Diwali) दिवाली, दीपावली या दीपवली रोशनी का त्योहार है, जिसे उत्तरी गोलार्ध में हर शरद ऋतु में हिंदू, जैन, सिख और कुछ बौद्ध लोग मनाते हैं। 28. कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Poornima) कृतिका पूर्णिमा एक हिंदू, सिख और जैन सांस्कृतिक त्योहार है, जो कार्तिक के पूर्णिमा के दिन या पंद्रहवें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है। इसे त्रिपुरी पूर्णिमा और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसे कभी-कभी देव-दीपावली या देव-दीपावली कहा जाता है, जो देवताओं की रोशनी का त्योहार है। 29. कार्व चौथ (Karva Chauth) करवा चौथ, कार्तिक माह में पूर्णिमा के चार दिन बाद हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक दिन का त्योहार है। तिथियां ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार भिन्न होती हैं जो सारणीबद्ध होती हैं और नक्षत्रों पर आधारित नहीं होती हैं। 30. छठ (Chhath) छठ एक प्राचीन हिंदू वैदिक त्योहार है जो ऐतिहासिक रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के मूल निवासी है, विशेष रूप से, भारतीय राज्यों बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ नेपाल के मधेश क्षेत्र में भी है। प्रमुख त्योहार के नाम (Festival Name In Hindi) 31. भाई दूज (Bhai Dooj) भाई-दूज / भाऊ-बीज / भाई टीका / भाई फोंटा भारतीय उपमहाद्वीप के हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है, विशेषकर भारत और नेपाल, विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर या कार्तिकेय शाका कैलेंडर महीने के कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के दूसरे चंद्र दिवस पर। । 32. महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) महावीर जन्म कल्याणक, जैनियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। यह वर्तमान अवसारपीरी के चौबीसवें और अंतिम तीर्थंकर महावीर के जन्म का जश्न मनाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, छुट्टी मार्च या अप्रैल में होती है। 33. पर्युषण (Paryushana) जैनियों के लिए पीरुशाना सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक पवित्र कार्यक्रम है और आमतौर पर हिंदी कैलेंडर भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में अगस्त या सितंबर में मनाया जाता है। जैन उपवास और प्रार्थना / ध्यान में मदद करने के लिए अक्सर आध्यात्मिक तीव्रता के अपने स्तर को बढ़ाते हैं। इस दौरान पांच मुख्य व्रतों पर जोर दिया जाता है। 34. ईद मिलादुन्नबी (Prophet's Birthday) मावलिद या मावलिद अल-नबी अल-शरीफ इस्लामी पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन का पालन है जो कि इस्लामिक कैलेंडर में तीसरे महीने रबी अल-अव्वल में मनाया जाता है। 35. हजरत अली का जन्मदिन (Hazarat Ali’s Birthday) अली इब्न अबी तालिब इस्लाम के अंतिम पैगंबर मुहम्मद के चचेरे भाई और दामाद थे। उन्होंने 656 से 661 तक चौथे खलीफा के रूप में शासन किया, लेकिन शिया मुसलमा��ो�� द्वारा इमाम के रूप में मुहम्मद के लिए तत्काल तत्काल उत्तराधिकारी माना जाता है। 36. शबे बरात (Mid-Sha'ban) बारा रात या मध्य-शाबान 14 और 15 शाबान के बीच मुस्लिम समुदायों द्वारा मनाई जाने वाली छुट्टी है। यह एक रात के रूप में माना जाता है जब आने वाले वर्ष के लिए व्यक्तियों की किस्मत का फैसला किया जाता है और जब अल्लाह पापियों को माफ कर सकता है। 37. जमात उल विदा (Jamat-ul-vida) "जुमू 'अतुल विदा का अंग्रेजी में" शुक्रवार का दिन "होता है। जमात-उल-विदा को जुम्मे-अल-विदा के रूप में भी जाना जाता है जो पवित्र कुरान की शुभकामनाओं को इंगित करता है। 38. ईद-उल-फित्र (Eid-ul-fitr) ईद अल-फ़ित्र को "फेस्टिवल ऑफ़ ब्रेकिंग द फास्ट" भी कहा जाता है, दुनिया भर में मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला एक धार्मिक अवकाश है जो उपवास के इस्लामी पवित्र महीने रमजान के अंत का प्रतीक है। यह धार्मिक ईद शव्वाल के महीने में पहला और एकमात्र दिन है जिसके दौरान मुसलमानों को उपवास करने की अनुमति नहीं है। 39. ईद-उल-ज़ुहा (Id-ul-zuha0) ईद अल-अधा या ईद क़ुर्बान भी कहा जाता है "त्याग का उत्सव", दो इस्लामी हर साल दुनिया भर में मनाया छुट्टियों के पीछे नहीं है, और दो की पवित्र माना जाता है। यह इब्राहिम की इच्छा का सम्मान करता है कि वह अपने बेटे को परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने के लिए बलिदान करे। 40. मुहर्रम (Muharram) मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है। विशेषण मुहर्रम का सामान्य अर्थ है "प्रतिबंधित, वर्जित, निषिद्ध, अवैध, अवैध, अभेद्य, निषिद्ध, गैरकानूनी, अनुचित, अनधिकृत या वर्जित"। यह वर्ष के चार पवित्र महीनों में से एक है, जिसके दौरान युद्ध करना मना है। धार्मिक त्योहारों के नाम (Indian Festival Names In Hindi) 41. गुरु गोविंद सिंह जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) गुरु गोविंद सिंह जयंती (गोविंद सिंह भी कहलाता है) एक सिख त्योहार है जो सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 42. लोहड़ी (Lohri) लोहड़ी एक पंजाबी लोक त्योहार है, जिसे भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पंजाब क्षेत्र के सिखों और हिंदुओं द्वारा मुख्य रूप से मनाया जाता है, जिसे हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है। लोहड़ी त्योहार के बारे में महत्व और किंवदंतियां कई हैं और ये त्योहार पंजाब क्षेत्र से जुड़ते हैं। 43. होला मोहल्ला (Hola Mohalla) होला मोहल्ला, जिसे होला भी कहा जाता है, एक दिन का सिख त्योहार है जो अक्सर मार्च में पड़ता है और चंद्र महीने के दूसरे दिन, हिंदू वसंत त्योहार होली के एक दिन बाद होता है, लेकिन कभी-कभी होली के साथ मेल खाता है। होला मोहल्ला दुनिया भर के सिखों के लिए एक बड़ा उत्सव है। 44. गुरू रामदास जन्मदिन (Guru Ramdas) गुरु राम दास सिख धर्म के दस गुरुओं में से चौथे थे। उनका जन्म 24 सितंबर 1534 को लाहौर स्��ित एक गरीब हिंदू परिवार में हुआ था, जो अब पाकिस्तान है। उनका जन्म का नाम जेठा था, वह 7 साल की उम्र में अनाथ हो गए थे और उसके बाद एक गाँव में अपनी नानी के साथ बड़े हुए। 45. गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) गुरु नानक जयंती को विशेष रूप से भारत में सिख धर्म और लोकप्रिय त्योहारों द्वारा मनाया जाता है। यह गुरु नानक साहिब के जन्म को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। 46. गुरपूरब (Guru Purab) गुरु नानक गुरुपुरब, जिसे गुरु नानक के प्रकाश उत्सव और गुरु नानक जयंती के रूप में भी जाना जाता है, गुरु गुरु नानक में पहले सिख गुरु और सिंधी समुदाय के जन्म का जश्न मनाता है। यह सिख धर्म या सिख और सिंधियों में सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। 47. महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) जैनियों के लिए महावीर जन्म कल्याणक सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। यह वर्तमान अवसारपीरी के चौबीसवें और अंतिम तीर्थंकर महावीर के जन्म का जश्न मनाता है। प्रति ग्रेगोरियन कैलेंडर के रूप में, छुट्टी या तो मार्च या अप्रैल में होता है। 48. गुड फ़्राइडे (Good Friday) गुड फ्राइडे एक ईसाई छुट्टी है जो यीशु के क्रूस पर चढ़ने और कलवारी में उनकी मृत्यु की याद में मनाया जाता है। यह ईस्टर रविवार से पहले शुक्रवार को पसचल ट्रिडुम के हिस्से के रूप में पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है और फसह के यहूदी पालन के साथ मेल खा सकता है। 49. ईस्टर (Easter) ईस्टर, जिसे पास्का या पुनरुत्थान रविवार भी कहा जाता है, एक त्योहार और छुट्टी है जो मृतकों में से जीसस के पुनरुत्थान की याद दिलाता है, न्यू टेस्टामेंट में वर्णित है, जो कल्वरी सी 30 ईस्वी में रोमनों द्वारा उनके क्रूस पर चढ़ने के बाद तीसरे दिन हुआ था। 50. क्रिसमस (Christmas) क्रिसमस एक वार्षिक त्यौहार है जो यीशु मसीह के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है, मुख्य रूप से 25 दिसंबर को दुनिया भर के लाखों लोगों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। निष्कर्ष: जी हाँ दोस्तों आपको आज की पोस्ट कैसी लगी, आज हमने आपको बताया कि सभी भारतीय त्योहारों की सूची और त्यौहारों के नाम बहुत ही आसान शब्दों में हमने भी आज की पोस्ट में सीखा। Avocado Meaning in Hindi - ऐवकॉडो का हिंदी में मतलब Lettuce Meaning in Hindi (लेटइस का मतलब और फायदे) नीलगिरी तेल का उपयोग और फायदे - Benefits of Eucalyptus Oil List of all Indian Festivals in Hindi आज मैंने इस पोस्ट में सीखा। आपको इस पोस्ट की जानकारी अपने दोस्तों को भी देनी चाहिए। तथा Social Media पर भी यह पोस्ट ज़रुर Share करे। इसके अलावा, कई लोग इस जानकारी तक पहुंच सकते हैं। हमारी पोस्ट All Festival Names in Hindi, आपको कोई समस्या है या आपका कोई सवाल है, तो हमें Comment Box में Comment करके इस पोस्ट के बारे में बताएं। हमारी टीम आपकी मदद जरूर करेगी। यदि आप हमारी वेबसाइट के नवीनतम अपडेट प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको हमारी Sahu4You की Website को Subscribe करना होगा। ��ई तकनीक के बारे में जानकारी के लिए हमारे दोस्तों, फिर मिलेंगे आपसे ऐसे ही New Technology की जानकारी लेकर, हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद, और अलविदा दोस्तों आपका दिन शुभ हो। Read the full article
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SSC में 8000 पदों पर निकली भर्ती, 12वीं पास करें आवेदन, 81000 से ज्यादा मिलेगी सैलरी
चैतन्य भारत न्यूज कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त हायर सेकेंडरी लेवल प्रतियोगी परीक्षा 2019 के लिए नोटिफिकेशन जारी किए हैं। इसके अनुसार, आवेदन प्रक्रिया 3 दिसंबर से 10 जनवरी 2020 तक चलेगी। इस नौकरी से संबंधित अधिक जानकारी नीचे देखें। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); पद का नाम लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) / जूनियर सचिवालय असिस्टेंट (JSA) डाक सहायक (PA) / सॉर्टिंग असिस्टेंट (SA) डा��ा एंट्री ऑपरेटर (DEO) महत्वएपूर्ण तारीख आवेदन कब से शुरू: 3 दिसंबर 2019 आवेदन की आखिरी तारीख: 10 जनवरी 2020 ऑनलाइन फीस जमा करने की आखिरी तारीख: 12 जनवरी 2020 ऑफलाइन चालान जनरेट करने की आखिरी तारीख: 12 जनवरी 2020 चालान के जरिये फीस जमा करने की आखिरी तारीख: 14 जनवरी 2020 SSC CHSL 2019 फेज-1 परीक्षा की तारीख: 16 से 27 मार्च 2020 SSC CHSL 2019 फेज- 2 परीक्षा की तारीख: 28 जून 2020 वेतन लोवर डिवीजन क्लर्क (LDC) / जूनियर सचिवालय असिस्टेंट (JSA): 19,900-63,200 डाक सहायक (PA) / सॉटिंग असिस्टेंट (SA): 25,500-81,100 डाटा एंट्री ऑपरेटर (DEO): 25,500-81,100 उम्र सीमा इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम उम्र 18 और अधिकतम उम्र 27 साल तक तय की गई है। नौकरी का स्थान नियुक्ति पूरे भारत में की जाएगी। आवेदन फीस इस भर्ती में आवेदन करने के लिए जनरल, ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों को 100 रुपए फीस है। एसटी/एससी/महिलाओं और एक्स सर्विसमैन के लिए कोई फीस नहीं है। चयन प्रक्रिया उम्मीदवारों का चयन कंप्यूटर आधारित पेपर (सीबीटी 1 और 2) के जरिए होगा। आवेदन प्रक्रिया इस भर्ती के लिए इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट: ssc.nic.in पर ऑनलाइन एप्लाय कर सकते हैं। ये भी पढ़े... 12वीं पास के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, यहां 300 पदों पर हो रही हैं भर्तियां ग्रेजुएट्स के लिए नौकरी पाने का शानदार मौका, अंतिम तारीख से पहले करें आवेदन IDBI बैंक में सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, ऐसे होगा चयन Read the full article
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Royal Enfield Bullet 500 ABS भारत में लॉन्च, जानें कीमत - Royal enfield bullet 500 abs launched in india ttec
Royal Enfield Bullet 500 का नाम उन रॉयल एनफील्ड बाइक्स में शामिल हो गया है, जिन्हें ABS (एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम) के साथ पेश किया गया है. इसकी कीमत 1.86 लाख रुपये (एक्स-शोरूम, दिल्ली) रखी गई है. Bullet 500 नए साल में रॉयल एनफील्ड की पहली बाइक है जिसमें ABS दिया गया है. कुछ डीलर्स के मुताबिक इसके बाद Bullet 350 का नंबर है.
गौर करने वाली बात ये है कि पिछले महीने ही कंपनी ने दोनों 350 cc और 500 cc मॉडल में रियर डिस्क ब्रेक्स को पेश किया था. 350 cc मॉडल में ABS मार्च 2019 तक दिया जा सकता है. पिछले साल दिसंबर के अंत में रॉयल एनफील्ड ने Classic 350 Redditch एडिशन का ABS वर्जन पेश किया था. यानी अब Bullet 350 को छोड़कर कंपनी की सारी गाड़ियां स्टैंडर्ड तौर पर डुअल-चैनल ABS के साथ आती हैं.
सरकारी नियम के मुताबिक 1 अप्रैल 2019 से पहले 125 cc से ज्यादा पावर वाली गाड़ियों में ABS होना अनिवार्य है. ABS को दिए जाने के अलावा नई बाइक में और कोई बदलाव नहीं किया गया है. ये बाइक स्टैंडर्ड फीचर्स जैसे टाइगर-आई लैम्प्स, क्लासिक राउंड हेडलैम्प्स और सिंगल-पीस सीट के साथ ही आएगी.
ये बाइक अपने क्लासिक फैशन के तौर पर स्पोक्ड व्हील्स, फ्रंट में एक 19-इंच व्हील और बैक में 18-इंच व्हील के साथ आएगी. साथ ही अब दोनों व्हील्स डिस्क ब्रेक्स और डुअल चैनल ABS के साथ आएगी. ये बाइक के फ्रंट टेलीस्कोपिक फोर्क्स और रियर में ट्विन शॉक एब्जॉर्बर के साथ ही आएगी.
मैकेनिकल तौर पर बात करें तो Royal Enfield Bullet 500 ABS में फ्यूल-इंजेक्शन के साथ पुराना 499 cc सिंगल-सिलिंडर, एयर-कूल्ड इंजन मिलेगा. ये इंजन 27 bhp का पावर और 41 Nm का पिक टॉर्क जेनरेट करता है. ट्रांसमिशन के लिए यहां 5-स्पीड गियरबॉक्स मिलेगा.
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16 दिसंबर साल 2012 की रात दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है। सभी दरिंदों को तिहाड़ जेल में सुबह 5:30 बजे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। हालांकि निर्भया को इंसाफ दिलाने में 7 साल से ज्यादा का वक्त लग गया। इस लंबी कानूनी लड़ाई में जीत मिलने के बाद निर्भया की मां को भी आखिरकार सुकून मिला।
उधर, दोषियों के वकील एपी सिंह की ओर से फांसी से 2 घंटे पहले तक भी फांसी टालने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन अफसोस वो नहीं हो पाया जैसा वो चाह रहे थे, गुरुवार देर रात और शुक्रवार तड़के खूब ड्रामा हुआ। दिल्ली हाईकोर्ट से रा��त ना मिलने के बाद एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और फांसी टालने की पुरजोर कोशिश की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद दोषियों को फांसी का रास्ता साफ हो गया था। दूसरी तरफ निर्भया के परिवार को इस घड़ी के लिए 7 साल का इंतजार करना पड़ा, 7 साल 3 महीने बाद उनकी बेटी के साथ हुई बर्बरता का इंसाफ हुआ। जरा एक नजर 2012 से अबतक क्या हुआ उस पर भी डालिए
फोटोः सोशल मीडिया
उस भयावह रात से फांसी के फंदे तक की कहानी
16 दिसंबर, 2012
दिल्ली के मुनीरका में 6 लोगों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा से गैंगरेप किया। इस मामले में दरिंदगी की वो सारी हदें पार की गईं, जिसे देखकर-सुनकर कोई दरिंदा भी दहशत में आ जाए। वारदात के वक्त पीड़िता का दोस्त भी बस में था। दोषियों ने उसके साथ भी मारपीट की थी। इसके बाद युवती और दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया था।
18 दिसंबर, 2012
दिल्ली पुलिस ने 4 दोषियों (उस वक्त आरोपी) राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
21 दिसंबर, 2012
पुलिस ने एक नाबालिग को दिल्ली से और छठे दोषी अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ्तार किया।
29 दिसंबर, 2012
पीड़िता का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर उसे सिंगापुर भेजा गया। वहां अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता जिंदगी की जंग हार गई। पीड़िता की मां ने बताया था कि वह आखिरी दम तक जीना चाहती थी।
3 जनवरी, 2013
पुलिस ने पांच वयस्क दोषियों (उस वक्त आरोपी) के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, डकैती का केस दर्ज करने के बाद चार्जशीट दाख़िल की।
17 जनवरी, 2013
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांचों दोषियों पर आरोप तय क���ए।
11 मार्च 2013
इसी बीच तिहाड़ जेल में राम सिंह ने खुदकुशी कर ली।
31 अक्टूबर, 2013
जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग दोषी को गैंगरेप और हत्या का दोषी करार दिया। उसको तीन साल के लिए सुधार गृह में भेज दिया गया।
10 सितंबर, 2013
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को दोषी ठहराया।
13 सितंबर, 2013
कोर्ट ने चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को मौत की सजा सुनाई।
13 मार्च, 2014
दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सज़ा को बरक़रार रखा।
15 मार्च, 2014
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर लगाई रोक।
20 दिसंबर, 2015
नाबालिग अपराधी को बाल सुधार गृह से रिहा कर दिया गया, जिसे लेकर देशभर में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए।
27 मार्च, 2016
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
5 मई, 2017
सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया कांड को सदमे की सुनामी करार दिया।
9 नवंबर, 2017
एक दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा बरकरार रखने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया।
दिसंबर, 2019
करीब ढाई साल के बाद दोषी अक्षय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की गई।
दिसंबर, 2019
निर्भया की मां की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका के खिलाफ याचिका दायर की गई।
7 जनवरी, 2020
दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी, सुबह 7 बजे फांसी देने का वक्त मुकर्रर किया।
8 जनवरी, 2020
पवन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की। इसके बाद मुकेश की तरफ से भी ऐसा ही किया गया।
14 जनवरी, 2020
मुकेश की ओर से राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई गई, जो खारिज हो गई। लेकिन दया याचिका की प्रक्रिया की वजह से फांसी को टाल दिया गया और 1 फरवरी, सुबह 6 बजे का नया वक्त तय हुआ।
30 जनवरी, 2020
एक-एक करके पवन, अक्षय और विनय की ओर से कानूनी दांव खेले गए। जिसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट को रद्द किया और 3 मार्च की तारीख तय की गई।
2 मार्च, 2020
पवन गुप्ता की तरफ से राष्ट्रपति के पास याचिका दी गई, जिसके बाद 3 मार्च की तारीख भी रद्द हो गई। फांसी की नई तारीख 20 मार्च तय हुई।
19 मार्च, 2020
निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। वकील की तमाम कोशिशों के बाद रात 12 बजे हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
20 मार्च 2020
वकील एपी सिंह देर रात सुप्रीम कोर्ट गए। रात ढाई बजे से स्पेशल बेंच ने सुनवाई शुरू की। करीब एक घंटा सुनवाई चली और कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। जिसके बाद सुबह 5: 30 बजे सभी दोषियों को फांसी पर लटकाया गया।
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निर्भया गैंगरेप केस: 7 साल..3 महीने और 3 दिन! उस भयावह रात से फांसी के फंदे तक की कहानी
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निर्भया गैंगरेप केस: 7 साल..3 महीने और 3 दिन! उस भयावह रात से फांसी के फंदे तक की कहानी
निर्भया के दोषियों को 5.30 बजे फांसी
7 साल 3 महीने और 3 दिन बाद फांसी
एक दोषी ने जेल में की थी आत्महत्या
राजधानी दिल्ली में 7 साल पहले हुए निर्भया रेप केस में अब आखिरी इंसाफ की घड़ी आ गई है. निर्भया के चारों दोषियों को सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है. गुरुवार देर रात तक दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक दोषियों के वकील ने फांसी को टालने की पुरजोर कोशिश की. दिल्ली हाई कोर्ट से दोषियों को राहत नहीं मिली है. जिसके बाद उनके वकील सुप्रीम कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रहे हैं.
दूसरी तरफ निर्भया का परिवार उस घड़ी का इंतजार कर रहा है, जब उनकी बेटी के साथ हुई बर्बरता का इंसाफ होने वाला है. हालांकि, ये घड़ी आने में लंबा वक्त लगा है. 7 साल, 3 महीने और 3 दिन बाद निर्भया के दोषियों को इंसाफ मिल रहा है. आइए नजर डालते हैं कि ये चारों दोषी फांसी के फंदे तक कैसे पहुंचे…
उस दर्दनाक हादसे से फांसी के फंदे तक
6 दिसंबर, 2012: दिल्ली के मुनीरका में 6 लोगों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा से गैंगरेप किया. इस मामले में दरिंदगी की वो सारी हदें पार की गईं, जिसे देखकर-सुनकर कोई दरिंदा भी दहशत में आ जाए. वारदात के वक्त पीड़िता का दोस्त भी बस में था. दोषियों ने उसके साथ भी मारपीट की थी. इसके बाद युवती और दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया था.
18 दिसंबर, 2012: दिल्ली पुलिस ने 4 दोषियों (उस वक्त आरोपी) राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया.
21 दिसंबर, 2012: पुलिस ने एक नाबालिग को दिल्ली से और छठे दोषी अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ्तार किया.
29 दिसंबर, 2012: पीड़िता का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर उसे सिंगापुर भेजा गया. वहां अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता जिंदगी की जंग हार गई. पीड़िता की मां ने बताया था कि वह आखिरी दम तक जीना चाहती थी.
3 जनवरी, 2013: पुलिस ने पांच वयस्क दोषियों (उस वक्त आरोपी) के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, डकैती का केस दर्ज करने के बाद चार्जशीट दाख़िल की.
17 जनवरी, 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांचों दोषियों पर आरोप तय किए.
11 मार्च 2013: इसी बीच तिहाड़ जेल में राम सिंह ने खुदकुशी कर ली.
31 अक्टूबर, 2013: जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग दोषी को गैंगरेप और हत्या का दोषी करार दिया. उसको तीन साल के लिए सुधार गृह में भेज दिया गया.
10 सितंबर, 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को दोषी ठहराया.
13 सितंबर, 2013: कोर्ट ने चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को मौत की सजा सुनाई.
13 मार्च, 2014: दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सज़ा को बरक़रार रखा.
15 मार्च, 2014: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर लगाई रोक.
20 दिसंबर, 2015: नाबालिग अपराधी को बाल सुधार गृह से रिहा कर दिया गया, जिसे लेकर देशभर में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए.
27 मार्च, 2016: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा.
5 मई, 2017: सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया कांड को सदमे की सुनामी करार दिया.
9 नवंबर, 2017: एक दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा बरकरार रखने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया.
दिसंबर, 2019: करीब ढाई साल के बाद दोषी अक्षय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की गई.
दिसंबर, 2019: निर्भया की मां की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका के खिलाफ याचिका दायर की गई.
7 जनवरी, 2020: दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी, सुबह 7 बजे फांसी देने का वक्त मुकर्रर किया.
8 जनवरी, 2020: पवन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की. इसके बाद मुकेश की तरफ से भी ऐसा ही किया गया.
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14 जनवरी, 2020: मुकेश की ओर से राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई गई, जो खारिज हो गई. लेकिन दया याचिका की प्रक्रिया की वजह से फांसी को टाल दिया गया और 1 फरवरी, सुबह 6 बजे का नया वक्त तय हुआ.
30 जनवरी, 2020: एक-एक करके पवन, अक्षय और विनय की ओर से कानूनी दांव खेले गए. जिसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट को रद्द किया और 3 मार्च की तारीख तय की गई.
2 मार्च, 2020: पवन गुप्ता की तरफ से राष्ट्रपति के पास याचिका दी गई, जिसके बाद 3 मार्च की तारीख भी रद्द हो गई. फांसी की नई तारीख 20 मार्च तय हुई.
19 मार्च, 2020: निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. वकील की तमाम कोशिशों के बाद रात 12 बजे हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया.
20 मार्च 2020: वकील एपी सिंह देर रात सुप्रीम कोर्ट गए. रात ढाई बजे से स्पेशल बेंच ने सुनवाई शुरू की. करीब एक घंटा सुनवाई चली और कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. जिससे सुबह 5.30 बजे फांसी का फाइनल डिसीजन हो गया.
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जीवन मंत्र डेस्क. इस महीने 15 जनवरी को सूर्य के राशि परिवर्तन होते ही खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही विवाह और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। पं प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार साल 2020 में मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त कम ही रहेंगे। क्योंकि इस साल पुरुषोत्तम मास के कारण 2 अश्विन मास रहेंगे। इस वजह से इस साल देवशयन 4 नहीं करीब 5 महीनों तक होगा। वहींखरमास, मीनमास, होलाष्टक और शुक्र तारा अस्त होने के कारण शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त कम ही रहेंगे। इस तरह साल के 224 दिनों तक शुभ काम नहीं हो पाएंगे। साल के 224 दिन जब कोई शुभ काम नहीं होगा पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार अभी 15 जनवरी तक खरमास रहेगा। मकर संक्रांति के दूसरे दिन 16 जनवरी से विवाह मुहूर्त प्रारंभ होंगे, जो 1 मार्च तक रहेंगे। इसके अगले दिन से होलाष्टक शुरू हो जाएगा। वहीं 13 मार्च से खरमास प्रारंभ होगा, जो 13 अप्रैल तक रहेगा। इस एक माह की ��वधि में विवाह नहीं होंगे। इसके बाद 14 अप्रैल से शुरू होकर विवाह मुहूर्त विभिन्न तिथियों में 26 जून तक रहेंगे। इस बीच मई के आखिरी दिनों में 8 दिन के लिए शुक्र तारा अस्त रहेगा। वहीं देव उठनी एकादशी पर 25 नवंबर से प्रारंभ होंगे, जो 11 दिसंबर तक होंगे। इसके बाद पुन: एक माह के लिए खरमास प्रारंभ हो जाएगा। जनवरी से दिसंबर तक विवाह मुहूर्त जनवरी 16 से 22 फरवरी 3 से 5, 9 से 18, 20, 25 से 27 मार्च 1 से 3, 7 से 13 अप्रैल 14, 15, 20, 25 से 27 मई 1 से 8, 10, 12, 17, 18 जून 13 से 15, 25, 26 नवंबर 26, 30 दिसंबर 1, 2, 6 से 9, 11 15 जनवरी को खरमास समाप्त ज्योतिषाचार्य पं प्रवीण द्विवेदी के अनुसार 14 या 15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है। जिससे मलमास या खरमास शुरू हो जाता है। सूर्य लगभग 1 महीना इस राशि में रहता है और मकर संक्रांति पर यानी 14 या15 जनवरी को मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही मलमास खत्म हो जाता है। बृहस्पति की राशि धनु में सूर्य के आ जाने से शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इसलिए जब सूर्य धनु राशि में रहता है तो इस 1 महीने के समय को खरमास कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार मलमास की अवधि के दौरान विवाह, यज्ञोपवीत संस्कार, वास्तु पूजन, नींव पूजा, नए व्यापारिक के मुहूर्त, नामकरण आदि कई तरह के शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। दो साल पहले ज्येष्ठ में अधिमास पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार वर्ष 2020 में अधिकमास (पुरुषोत्तम माह) होने से विवाह मुहूर्त के दिन घट गए हैं। दो साल पहले ज्येष्ठ में अधिमास पड़ने के बाद भी ऐसी स्थिति नहीं बनी थी। इसी तरह 2019 में 1 से 11 जुलाई तक विवाह मुहूर्त थे और देवशयनी एकादशी 12 जुलाई को थी। इस बार 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी से विवाह बंद हो जाएंगे, जो 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी से ही प्रारंभ होंगे। गत वर्ष देवशयनी एकादशी 12 जुलाई व देवउठनी एकादशी 8 नवंबर को थी। इस 118 दिन की अवधि में विवाह बंद थे, लेकिन इस बार देवों के विश्राम व चातुर्मास की अवधि 147 दिन की रहेगी। इस अवधि में विवाह नहीं होंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Mangalik work will start from January 16 as soon as Kharmas ends, this year Devshayan will be around 5 months
http://poojakamahatva.blogspot.com/2020/01/16-5.html
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Memory Recall (22 मई 2004)...
Memory_Recall 22 मई 2004 को अटल जी की सरकार औपचारिक रूप से विदा हुई और गांधी परिवार ने श्री मनोहन सिंह को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया। 2014 तक कांग्रेस की सरकार केंद्र में रही। तस्वीरों में दिख रहे चिथड़े हुए लोग याद हैं न?? भूल गया होगा क्योंकि हमारी स्मृति बहुत कमजोर होती है याद दिला देता हूँ। ● 15 अगस्त , 2004- असम के धिमजी स्कूल में बम ब्लास्ट- (18 मरे, 40 घायल) ●5 जुलाई 2005-अयोध्या में रामजन्मभूमि पर आतंकवादी हमला (6 मरे,दर्जनों घायल) ●28 जुलाई 2005-जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में RDX द्वारा बम विस्फोट-(13 मरे,50 घायल) ●29 अक्टूबर 2005- दीपावली के त्योहार के दो दिन पहले दिल्ली के गोविंदपुरी की बस,पहाड़गंज और सरोजनी नगर के भीड़भाड़ वाले इलाके में सीरियल ब्लास्ट करके 70 लोगो के चिथड़े उड़ा दिए गए और 250 से ज्यादा घायल हुए। तारिक अहमद डार और रफीक मास्टरमाइंड। ● 28 दिसम्बर 2005 को ब��ंगलोर के इंस्टीट्यूट आफ साइंस पर आतंकवादी हमला 1 मरे 4 घायल ● 7 मार्च 2006 - हिंदुओं की श्रद्धा के केंद्र वाराणसी के प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर और भीडभाड वाले कैंट रेलवे स्टेशन पर 3 बम ब्लास्ट करके 28 श्रद्धालुओं ,नागरिको को बम से उड़ा दिया,101 लोग घायल हुए। लश्करे कुहाब और सिमी का हाथ। ● 11 जुलाई 2006- मुम्बई में एक साथ माटुंगा रोड,माहिम,बांद्रा,खार रॉड,जोगेश्वरी, भाइंदर, बोरिवली स्टेशनों के लोकल ट्रेन में सीरियल ब्लास्ट करके 209 लोगो को बम से उड़ाया गया 700 से ज्यादा लोग घायल हुए।। फैसल शेख, आसिफ अंसारी, आसिफ खान, कमल अंसारी, एहतसाम सिद्दकी और नावेद खान घटना के प्रमुख सूत्रधार। ● 8 सितंबर 2006, मालेगांव की मस्जिद में सीरियल ब्लास्ट 37 मरे 125 घायल। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया का हाथ। बाद में चार्जशीट बदलकर हिन्दू आतंकवाद की ऐतिहासिक असफल थियरी बनाने की कोशिश हुई। ●18 फरवरी 2007, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट,68 मरे 50 घायल..सेना की इंटेलीजेंस ने इस्लामिक आतंकवादी संगठन लश्करे तैय्यबा का हाथ बताया। कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद बनाने के चक्कर में भारतीय सेना के कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जेल में 7 साल भयानक यातनाएं दी गई। 9 साल बाद पुरोहित जेल से बाहर आये.. ● हैदराबाद की मक्का मस्जिद में ब्लास्ट 16 मरे 100 घायल। हरक़त उल जिहाद अल इस्लामी का हाथ। कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद की असफल थियरी साबित करने की कोशिश। ● 14 अक्टूबर 2007, लुधियाना के थियेटर में ब्लास्ट 6 लोग मरे। ● 24 नवम्बर 2007, उत्तर प्रदेश में लखनऊ,अयोध्या और बनारस के न्यायालयों में सीरियल बम बलास्ट 16 मरे 79 घायल। ● 1 जनवरी 2008 रामपुर उत्तर प्रदेश में CRPF कैम्प पर हमला 8 मरे 7 घायल। लश्करे तय्यबा का हाथ। ● 13 मई 2008, जयपुर के छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़,मानकपुर पुलिस स्टेशन एरिया,जौहरी बाजार,त्रिपोलिया बाजार,कोतवाली क्षेत्र में RDX द्वारा 9 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट 63 मरे 200 घायल..हरकत उल जिहाद उल इस्लामी ने ली जिम्मेदारी। ● 25 जुलाई 2008, बैंगलुरु में में 8 सीरियल ब्लास्ट 2 मरे 20 घायल ● 26 जुलाई 2008, गुजरात के अहमदाबाद में 17 जगहों पर सीरियल बम ब्लास्ट 35 मरे 110 घायल। मुफ़्ती अबू बशीर मास्टरमाइंड.. अब्दुल कादिर,हासिल मोहम्मद,हुसैन इम्ब्राहीम ने मिलकर कराची(पाकिस्तान) में बैठे नेटवर्क की सहायता से बम विस्फोट किये। ● 13 सितंबर 2008, दिल्ली के गफ्फार मार्केट, बारहखम्भा रोड,GK1, सेंट्रल प��र्क में 31 मिनट के अंदर 5 बम ब्लास्ट हुए, 4 अन्य बम निष्क्रिय किये गए। 33 लोगो कि बम विस्फोट में मृत्यु और 150 से ज्यादा घायल। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आठ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट। ● 27 सितंबर 2008,दिल्ली महरौली के इलेक्ट्रानिक मार्केट में 2 बम ब्लास्ट 3 लोग मरे और 33 घायल। ● 1 अक्टूबर 2008,अगरतल्ला में बम विस्फोट- 4 मरे 100 घायल ● 21 अक्टूबर 2008 इम्फाल में बम विस्फोट- 17 मरे 50 घायल ● 30 अक्टूबर 2008, असम में बम विस्फोट- 81 मरे और 500 से ज्यादा घायल ● 28 नवम्बर 2008 का मुम्बई हमला ताज होटल,ओबेराय होटल,कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे,छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर आतंकवादी हमला 166 लोग मारे गए 600 से ज्यादा घायल। ● 1 जनवरी 2009, गुवाहाटी में बम ब्लास्ट 6 मरे 67 घायल ● 6 अप्रैल 2009, गुवाहाटी में बम ब्लास्ट 7 मरे 62 घायल ● 13 फरवरी 2010,पुणे की जर्मन बेकरी में बम ब्लास्ट,17 मरे 70 घायल सिमी इंटरनेशनल मुजाहिद्दीन इस्लामिक मुस्लिम फ्रंट के भारतीय शाखा द्वारा किया गया बम ब्लास्ट ● 7 दिसम्बर 2010, दशास्वमेध घाट पर गंगा आरती के समय बम ब्लास्ट। 3 मरे 36 घायल स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट। ● 13 जुलाई 2011- मुबई के ओपेरा हाउस,जावेरी बाज़ार और दादर एरिया में भीषण बेम ब्लास्ट 26 मरे 130 लोग घायल। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट। ● 7 सितंबर 2011, दिल्ली हाईकोर्ट में बम ब्लास्ट, 17 मरे और 180 लोग घायल। हरकत उल जिहाद अल इस्लामी के आउटफिट का भारतीय मेडिकल छात्र वसीम अकरम मालिक बम बलास्ट का मास्टरमाइंड। ● 13 फरवरी 2011 इजराइली डिप्लोमेट की कार को बम से उड़ाने का प्रयास, बम सही से फटा नही। 4 घायल। भारतीय पत्रकार मुहम्मद अहमद काज़मी की संलिप्तता। ● 1 अगस्त 2012 पु���े ब्लास्ट। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट। ● 21 फरवरी 2013 हैदराबाद की हैदाराबाद में 2 बम ब्लास्ट। 18 लोग मारे गए और 131 घायल। इंडियन मुजाहिद्दीन का फाउंडर यासीन भटकल,असदुल्लाह अख्तर,तहसीन अख्तर,एजाज शेख बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड। ● 17 अप्रैल 2013 बैंगलोर में बम ब्लास्ट,14 लोग गंभीर रुप से घायल ● 7 जुलाई 2013 ,बोधगया मे ब्लास्ट 5 लोग गंभीर रूप से घायल। म्यांमार में रोहंगिया आतंकवादियों के खिलाफ हुई कार्यवाही के विरोध में भारत के बिहार के बोध गया में उमर सिद्दीकी,अजहरुद्दीन कुरैशी,मुजीबुल्लाह अंसार,हैदर अली,इम्तियाज अंसारी ने बिहार को दहलाने की रची थी साजिश ● 27 अक्टूबर 2013 को पटना में,नरेंद्र मोदी की रैली में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा 8 बम ब्लास्ट,6 मरे 85 घायल।लाखो की भीड़ में भगदड़ मचा कर हजारो को मारने की साजिश। मोदी और मैनेजरों की समझदारी से भगदड़ नही मची। मोहम्मद तहसीन अख्तर मास्टरमाइंड। चिकमंगलूर मदरसे से प्रेरित होकर किया ब्लास्ट। मुज़्बुल्ला, हैदर अली,नुम��न,तारिक अंसारी ब्लास्ट के बाद फरार ● 1 मई 2014, चेन्नई में गुवाहाटी बैंगलोर एक्सप्रेस में बम बलास्ट 2 मरे 14 गंभीर रूप से घायल। इन आंकड़ों में 10 साल में हुए वामपंथी माओवादियो द्वारा किये गए हमले और जम्मू कश्मीर में किये गए हमले शामिल नही है,क्योंकि वो अलग विषय है। यहां एक बात और याद दिलाना जरूरी है कि जब बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी उस में मारे गए तो तत्कालीन कांग्रेस की मुखिया श्रीमती सोनिया गांधी उन आतंकवादियों की लाशों को देखकर फूट फूट कर रोई थी. जैसे कि कोई अपने घर का चला गया हो... अब आते हैं असली मुद्दे पर 2014 में मोदी के आने के बाद से दिसंबर 2018 में इस लेख के लिखे जाने तक मुझे याद नहीं कि दिल्ली की सड़कों, हैदराबाद,अहमदाबाद और अयोध्या के चौराहों पर, जयपुर और बनारस की गलियों में कोई ऐसा बम ब्लास्ट हुआ हो जहां कोई मंदिर या मस्जिद जाने वाला, कोई दिवाली के लिए खरीदारी करने वाला ,कोई रेस्टोरेंट में अपने परिवार के साथ बैठा व्यक्ति या मुम्बई की लोकल ट्रेन में यात्रा करता एक नागरिक बम ब्लास्ट में चीथड़े ही जाए और अगले दिन वह नहीं बल्कि उसकी लाश उसके घर पहुंचे। जानते हैं क्यों?? क्योंकि इस देश में इलेक्टेड प्रधानमन्त्री Narendra Modi का राज है जबकि आज से पहले आतंकवादियों के लाश पर आँसू बहाने वालों द्वारा सेलेक्टेड प्रधानमंत्री का राज था। Rajnath Singh को निन्दनाथ हमने बहुत बार कहा मगर गृहमंत्री के रूप में सफल कार्यकाल रहा कि देश के अंदर वो रक्तपात नही हुआ जिसका गवाह ये देश 2004 से 2014 तक बना...मेरे लिए तो यही एक वजह काफी है कि तमाम असहमतियों के बाद भाजपा को वोट दिया जाए। किसी भी मंदिर मस्जिद या विकास को देखने के लिए आपके और आपके परिवार का जीवित रहना बेहद जरूरी है। बाकि आप वोट जरूर करें। सोच समझकर करें। अपना निर्णय स्वयं लें।
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MP, राजस्थान समेत 5 राज्यों में एक साथ चुनाव की घोषणा नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों का आज ऐलान कर दिया। आयोग ने छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव कराने की घोषणा की है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में एक चरण में ही चुनाव कराए जाएंगे। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 18 सीटों पर 12 नवंबर को वोटिंग होगी। इसके बाद दूसरे चरण में 72 विधानसभा क्षेत्रों में 20 नवंबर को चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश और मिजोरम में एक ही चरण में 28 नवंबर को वोटिंग कराने का ऐलान किया है। राजस्थाना और तेलंगाना में सात दिसंबर को वोटिंग होगी। मतगणना 11 दिसंबर को होगी और उसी दिन परिणाम आ जाएंगे। चुनावों की घोषणा के साथ ही सभी 5 राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। राजस्थान में क्या हैं सियासी हालात? राजस्थान में पिछले चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर है। पीएम मोदी ने राजस्थान में आज से चुनावी बिगुल भी फूंक दिया है। राज्य में विधानसभा की कुल 200 सीटें हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी ने 160 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को 25 और अन्य को 15 सीटें मिली थीं। राजस्थान में एक चरण में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी और 11 दिसंबर को मतगणना होगी। मध्य प्रदेश में किसकी बनेगी सरकार? मध्य प्रदेश में पिछले 15 बरसों से बीजेपी का लगातार शासन है। नवंबर 2005 में मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान का यह तीसरा कार्यकाल है। एमपी में इसबार बीजेपी को चुनौती मिलती दिख रही है। राज्य में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। यहां भी एक ही चरण में 28 नवंबर को वोटिंग होगी और 11 दिसंबर को नतीजे आएंगे। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव नवंबर 2013 में छत्तीसगढ़ में पिछला चुनाव हुआ था। इस बार दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 12 नवंबर को जबकि दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। 11 दिसंबर को दूसरे राज्यों के साथ ही यहां के भी नतीजे घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि यहां 27 जिलों में विधानसभा की कुल सीटें 90+1 सीटें हैं, जिसमें से 90 पर चुनाव होता है, वहीं एक एंग्लो-इंडियन मनोनीत होता है। इस समय राज्य में बीजेपी सत्ता में है और डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में है। इस समय बीजेपी के पास 49 सीटें, कांग्रेस के पास 39 सीटें और अन्य के पास 3 सीटें हैं। यहां कौन बिगाड़ेगा बड़ी पार्टियों का खेल? साल 2000 में अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ में शुरुआती तीन साल कांग्रेस की सरकार रही, जिसके मुख्यमंत्री अजीत जोगी थे। दिसंबर 2003 से यहां बीजेपी सत्ता में है और डॉ. रमन सिंह हर बार मुख्यमंत्री बने। शिवराज की तरह रमन भी तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं, लेकिन टाइमिंग के मामले में वह सीनियर हैं। शिवराज जहां करीब 13 साल से सीएम हैं, वहीं रमन करीब 15 साल से। छत्तीसगढ़ के ��ियासी हालात भी कमोबेश राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे दिखाई दे रहे हैं। यहां बीजेपी के खिलाफ एंटी-इन्कम्बेंसी का अच्छा इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस के पास कोई समाधान नहीं दिख रहा। सूबे में पार्टी के सबसे बड़े नेता रहे अजीत जोगी अब अपनी नई पार्टी 'छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस' बना चुके हैं और मायावती ने कांग्रेस के बजाय जोगी के साथ गठबंधन किया है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी उलटफेर करा सकती है। तेलंगाना में 7 दिसंबर को चुनाव तेलंगाना में अप्रैल-मई 2014 में पिछला चुनाव हुआ था। इस बार राज्य में एक ही चरण में मतदान होगा। मतदान की तारीख 7 दिसंबर है। 11 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि राज्य के 31 जिलों में विधानसभा की कुल सीटें 119+1 सीटें हैं, जिसमें से 119 पर चुनाव होता है, वहीं 1 एंग्लो-इंडियन मनोनीत होता है। इस समय तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) सत्ता में है और के. चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री हैं। राज्य में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है। अभी TRS के पास 90 सीटें, कांग्रेस के पास 13 और अन्य के पास 16 सीटें हैं। नया राज्य, नई सियासत तेलंगाना का पिछला विधानसभा चुनाव आंध्र प्रदेश के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव के साथ हुआ था। इससे कुछ महीने पहले ही आंध्र और तेलंगाना को अलग किया गया था और हैदराबाद इनकी संयुक्त राजधानी बनाई गई थी। यहां TRS ने एकतरफा जीत दर्ज की थी और कांग्रेस बड़े अंतर से दूसरे नंबर पर रही। इस बार के चुनाव में इन दोनों पार्टियों के अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और आंध्र की सत्ताधारी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) को देखना दिलचस्प होगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सितंबर 2018 में विधानसभा भंग कर दी, जिससे यहां समय से 9 महीने पहले चुनाव होंगे। यहां TRS के खिलाफ कांग्रेस-TDP के गठबंधन की सुगबुगाहट है। मिजोरम का चुनावी समीकरण मिजोरम में पिछला चुनाव नवंबर 2013 में हुआ था। इस बार एक ही चरण में मतदान होगा और इसकी तारीख 28 नवंबर है। 11 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। राज्य के 8 जिलों में विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं। इस समय राज्य में कांग्रेस पार्टी सत्ता में है और मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में है। लाल थनहवला मिजोरम के मुख्यमंत्री हैं। अभी कांग्रेस के पास 34 सीटें, MNF की 5 सीटें और अन्य के पास 1 सीट है। क्या बीजेपी कुछ हासिल कर पाएगी? नॉर्थ-ईस्ट का राज्य मिजोरम 1987 में अस्तित्व में आया था। यहां पहली बार 1989 में कांग्रेस की सरकार बनी थी, जो लगातार दो बार सत्ता में रही। फिर दो बार मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) की सरकार रही। 2008 से कांग्रेस फिर यहां सत्ता में है। कांग्रेस के चार कार्यकाल में मुख्यमंत्री हर बार लाल थनहवला रहे हैं, जबकि MNF की दो सरकारों में मुख्यमंत्री ज़ोरामथंगा रहे। इन दोनों के अलावा मिजोरम में बीजेपी के प्रदर्शन पर भी निगाह रहेगी।
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जागरूकता: निजी अस्पतालों में 10 फीसदी आरक्षित है गरीबों के लिए बिस्तर, अपने अधिकारों का लाभ लें
बिहार की राजधानी पटना में राशन की दुकान में काम करने वाले रामबाबू (27) को जब बताया गया कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर है, तो उनको लगा जैसे उनके ऊपर विपत्ति का आसमान टूट पड़ा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज करवाने के लिए वह घर से एक हजार किलोमीटर दूर दिल्ली आए। लेकिन यहां आकर उनकी तकलीफ और बढ़ गई, क्योंकि एम्स में इलाज के लिए उनका नंबर छह महीने बाद ही आने वाला था।
निजी अस्पताल में इलाज करवाना उनके बस की बात नहीं थी और एम्स में इलाज के लिए छह महीने का इंतजार, मगर मर्ज ऐसा कि इंतजार करने वाला नहीं था। निराशा की इस घड़ी में उम्मीद की किरण बनकर उनकी जिंदगी बचाने आया एक वकील।
वकील अशोक अग्रवाल ने रामबाबू को बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों का निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज हो सकता है। सरकारी जमीन पर बने निजी अस्पतालों में गरीबों का मुफ्त इलाज करने की नीति बनाई गई है। अग्रवाल रामबाबू को लकर दिल्ली के पटपडग़ंज स्थित मैक्स हॉस्पिटल गए और उन्होंने वहां उनको भर्ती करवाया। रामबाबू का मैक्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
रामबाबू के भाई श्यामबाबू (35) ने बताया, “उनको चौबीस घंटे सिर में असहनीय पीड़ा रहती थी। पटना में डॉक्टर ने दिल्ली ले जाने की सलाह दी। हम उनको लेकर 18 जुलाई को एम्स पहुंचे।” उन्होंने बताया, “एम्स में ऑपरेशन के लिए दिसंबर की तारीख मिली, लेकिन उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी। उनको जो कुछ भी खाने को दिया जाता था, उसे वह फेंक देते थे। उनको तत्काल इलाज की जरूरत थी।”
जान-पहचान के एक व्यक्ति ने अशोक अग्रवाल से बात करने की सलाह दी, जिन्होंने मैक्स हॉस्पिटल में हमारे मरीज के लिए कैंसर विभाग में एक बिस्तर की व्यवस्था करवाई। अग्रवाल ने बताया कि रामबाबू जैसे हजारों मरीजों को ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए निजी अस्पतालों में आरक्षित 10 फीसदी बिस्तर के प्रावधान का लाभ मिला है।
चार साल पहले अग्रवाल को पता चला कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में एक घर में सिलेंडर फटने से लगी आग में पूरा परिवार प्रभावित हुआ। छोटी-छोटी तीन बच्चियां बुरी तरह झुलस गई थीं और उनके पिता की टांगों में पट्टियां बंधी थीं। अग्रवाल ने उनको गंगाराम अस्पताल भेजा, जहां उनकी प्लास्टिक सर्जरी हुई। उनके पिता की टांग इस कदर प्रभावित हो गई थी कि उसे काटने के सिवा कोई दूसरा उपाय नहीं था।
अग्रवाल ने बताया, “कोई दर्जन भर ऐसे मामले मुझे देखने क�� मिले, जिनमें पीडि़त व्यक्ति इलाज का खर्च वहन करने से असमर्थ थे। उनको ऐसे निजी अस्पतालों में भेजा गया, जहां सरकार की नीति के अनुसार चैरिटी बेड (खराती विस्तर) की व्यवस्था की गई है।”
अग्रवाल अपने तीस हजारी अदालत परिसर स्थित चैंबर में हर शनिवार इलाज के लिए मदद चाहने वाले गरीबों से मिलते हैं। वह उनसे एक इकरारनामा करवाते हैं कि मरीज ईडब्ल्यूएस श्रेणी से आते हैं और महंगा इलाज का खर्च वहन करने से लाचार हैं।
केंद्र सरकार ने लोगों को कम खर्च पर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने के मकसद से 1949 में ही निजी अस्पताल और स्कूल खोलने के लिए काफी रियायती दरों पर जमीन का आवंटन करने का फैसला किया। लेकिन निजी अस्पतालों में अत्यंत निर्धन वर्ग के लोगों का इलाज नहीं हो रहा था, इसलिए अग्रवाल ने 2002 में अदालत में एक याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों को जमीन आवंटन के पत्र में 70 फीसदी तक बिस्तर आरक्षित करने को कहा गया है, उन अस्पतालों में भी इसका अनुपालन नहीं हो रहा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2007 में अपने एक आदेश में कहा कि गरीबों के लिए आरक्षित बिस्तरों से लाभ अर्जित करने पर अस्पतालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। दिल्ली सरकार ने 2012 में अस्पतालों को दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का अनुपालन करने का आदेश दिया, जिसके तहत अस्पतालों को गरीबों के लिए 10 फीसदी बिस्तर आरक्षित रखने और उन बिस्तरों पर भर्ती मरीजों के लिए मुफ्त दवाई व जांच की सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ ओपीडी (बहिरंग) मरीजों में से 25 फीसदी गरीब वर्ग मरीजों को मुफ्त सलाह की सुविधा देने का प्रावधान किया गया है। लेकिन जागरूकता के अभाव में गरीब वर्ग के मरीज अपने अधिकार के बारे में नहीं जानते हैं और वे निजी अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं। कई अस्पतालों में उनके लिए आरक्षित बिस्तर खाली पड़े रहते हैं।
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संसद में प्रदूषण पर हुई बहस, बीजेपी सांसद ने कहा- पहले केवल दिल्ली का मुख्यमंत्री खांसता था, अब सब खांसते हैं
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र की सोमवार यानी 18 नवंबर से शुरुआत हो चुकी है। यह सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान संसद में कुल 27 अहम बिल पेश होंगे। जानकारी के मुताबिक, संसद के पहले दिन की शुरुआत तो हंगामेदार रही ही थी और दूसरे दिन भी हंगामे का दौर जारी है। कांग्रेस समेत विपक्ष की कई पार्टियों ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के मसले पर हंगामा किया। साथ ही सदन में दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण के मामले पर भी चर्चा हुई। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दिल्ली पश्चिमी से बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने प्रदूषण पर हो रही चर्चा में अपनी बात रखते हुए कहा कि, वायु प्रदूषण आज एक बीमारी बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि, '5 साल पहले केवल दिल्ली का मुख्यमंत्री खांसता था और आज सब खांसते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि, 'दिल्ली में कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी बहुत हो रही है। कांग्रेस सरकार में बनी योजना पर अब काम हो रहा है, फ्लाई ओवर बन रहा है, वहां किसी नॉर्म्स को फॉलो नहीं किया जा रहा है। दिल्ली में एयर प्योरीफॉयर की सेल बढ़ गई। लोग दिल्ली छोड़कर जाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री मास्क बांट रहे हैं जो मास्क प्रदूषण से लड़ने में कोई मदद नहीं करता।' उन्होंने सीएम केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बिना टेंडर के 50 लाख मास्क बांटे इसमें सबसे बड़ा घोटाला हुआ।' वहीं ओडिशा के पुरी से बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि, 'सिर्फ किसान ही प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं ऐसा नहीं है। पराली जलाने की घटना दिवाली से दो हफ्ते पहले की है और हवा दिवाली के अगले दिन जानलेवा हुई। पराली के लिए केन्द्र को किसानों को सब्सिडी देनी चाहिए। उसे थोड़ा सपोर्ट करेंगे वह शिफ्ट हो जाएगा। उसे तो दो टाइम की रोटी चाहिए। इसके लिए केन्द्र को आगे आना होगा क्योंकि राज्यों के पास पैसा नहीं है।' वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने प्रदूषण को लेकर कहा कि, 'दिल्ली में प्रदूषण गाड़ियों से होता है, इंडस्ट्री से होता है, ईंट भट्टों से होता है। छोटा किसान जिसकी आवाज कहीं सुनाई नहीं देती है उसे अगर गुनाहगार बनाते हैं तो यह सही नहीं होगा।' उन्होंने आगे कहा कि, 'दिल्ली के प्रदूषण पर एक बात हमेशा कही जाती है कि जो आसपास के सूबे हैं वहां पराली जाई जाती है जिस वजह से दिल्ली में प्रदूषण फैलता है। पराली जलाना मैं सही नहीं मानता। लेकिन ��से रोकने के लिए उसे आर्थिक रूप से मजबूत करना जरूरी है।' ये भी पढ़े... संसद शीतकालीन सत्र : अर्थव्यवस्था से जुड़े ये महत्वपूर्ण बिल सदन में होंगे पेश JNU विवाद : हजारों छात्रों का संसद तक पैदल मार्च शुरू, तोड़ी पुलिस बैरिकेडिंग, संसद के आसपास धारा-144 लागू संसद का शीतकालीन सत्र हुआ शुरू, कई अहम बिलों को पास कराने की कोशिश में सरकार Read the full article
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*आज का प्रसंग* *केरल: हिंदुत्व के हत्यारे* *केरल कम्युनिस्ट विचारधारा के 'प्रैक्टिकल' की प्रयोगशाला बन गया है। केरल में जिस तरह से वैचारिक असहमतियों को खत्म किया जा रहा है, वह एक तरह से कम्युनिस्ट विचार के असल व्यवहार का प्रदर्शन है।* केरल में जब से कम्युनिस्ट सत्ता में आए हैं, तब से कानून का राज अनुपस्थिति दिखाई दे रहा है। जिस तरह चिह्नित करके राष्ट्रीय विचार के साथ जुड़े लोगों की हत्याएं की जा रही हैं, उसे देख कर यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि केरल में जंगलराज आ गया है। *लाल आतंक अपने चरम की ओर बढ़ रहा है। 'ईश्वर का घर' किसी बूचडख़ाने में तब्दील होता जा रहा है।* हमारे देश के राष्ट्रीय मीडिया और 'अवार्ड वापसी गैंग' को यह हिंसा दिखाई नहीं देती है। *सुजीत* : 19 फरवरी, 2016 को आरएसएस कार्यकर्ता 27 वर्षीय युवक सुजीत की उनके परिवार के सामने ही माकपा कार्यकर्ताओं ने गला काटकर हत्या कर दी। *प्रमोद* : 19 मई, 2016 को थ्रिसूर जिले में भाजपा कार्यकर्ता 33 वर्षीय प्रमोद की माकपा के लोगों ने हत्या कर दी। प्रमोद के सिर पर ईंट से वार किया गया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। *रामचंद्रन* : 11 जुलाई 2016 को भारतीय मजदूर संघ के सीके रामचंद्रन की, उनके घर में, उनकी पत्नी के सामने ही कू्ररतापूर्वक हत्या कर दी गई। *बिनेश* : 4 सितंबर, 2016 को कन्नूर में संघ के कार्यकर्ता बिनेश की हत्या की गई। आनंदम *रेमिथ* : अक्टूबर, 2016 में 26 साल के रेमिथ की हत्या कर दी गई। चौदह साल पहले उसके पिता को भी मार दिया गया था। यह हत्याएं केरल के मुख्यमंत्री विजयन के गाँव पिनाराई गांव में हुईं। *राधाकृष्णनन की परिवार सहित हत्या* : 28 दिसंबर, 2016 की रात कोझीकोड के पलक्कड़ में माकपा गुंडों ने भाजपा नेता चादयांकलायिल राधाकृष्णन के घर पर पेट्रोल बम से उस वक्त हमला किया, जब उनका समूचा परिवार गहरी नींद में था। सोते हुए लोगों को आग के हवाले करके बदमाश भाग गए। . इस हमले में भाजपा की मंडल कार्यकारिणी के सदस्य 44 वर्षीय चादयांकलायिल राधाकृष्णन, उनके भाई कन्नन और भाभी विमला की मौत हो गई। राधाकृष्णनन ने उसी दिन दम तोड़ दिया था। जबकि आग से बुरी तरह झुलसे कन्नन और उनकी पत्नी विमला की इलाज के दौरान मौत हो गई। यह क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री अच्युतानंदन का चुनाव क्षेत्र है। *संतोष* : 18 ���नवरी, 2017 को कन्नूर में भाजपा के कार्यकर्ता मुल्लाप्रम एजुथान संतोष की हत्या की गई। संतोष की हत्या माकपा के गुंडों ने उस वक्त कर दी, जब वह रात में अपने घर में अकेले थे। *बीजू* : 12 मई, 2017 को बाइक (at Ajmer)
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हार्ट अटैक के कारण ये दस बॉलीवुड सितरे दुनिया को कह गए अलविदा
वो कहते हैं ना जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है। एक पल आपके सामने किसी का होना और कुछ पल बाद उसका दुनिया ने रुखसत हो जाए। आज हम आपको बॉलीवुड़ के कुछ ऐसै कलाकरों के बारे में जो अब दुनिया में नहीं है। लेकिन मौंत से एक दिन पहले वह खुशहाल जिंदगी जी रहे थे। लेकिन अगले दिन हार्ट अटैक से वे काल के गाल में चले गए।
आरती अग्रवाल
लंबे समय से मोटापे और फेफड़ो की बीमारी से झूज रही आरती अग्रवाल 6 जून 2015 को इस दुनिया को अलविदा कह गई। आरती ने 2000 में डायरेक्टर जॉय ऑगस्टीन की फिल्म 'पागलपन' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। रज्जाक खान
बॉलिवुड में अपने नेगेटिव और कॉमेडियन के रोल को लेकर फेमस रज्जाक खान जिन्होने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया है। 65 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से 1 जून 2016 को उनका निधन हो गया था।
विवेक शौक
साफ़ सुथरी कॉमेडी के लिए मशहूर कॉमेडियन, एक्टर, सिंगर और राइटर विवेक शौक का 47 साल की उम्र में 10 जनवरी, 2011 को निधन हो गया था। उन्होंने 'ग़दर' और 'हमको दीवाना कर गए' जैसी कई फिल्मों में यादगार भूमिकाएं अदा की हैं।
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फारुख शेख
अपने मैच्योर लुक और अदाकारी के लिए जाने वाले फारुख शेख ने नूरी', 'चश्मे बद्दूर' और 'किसी से न कहना' जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय किया। 65 साल की उम्र में 27 दिसंबर, 2013 को उनका निधन हो गया था।
एम.एफ. हुसैन
कॉन्ट्रोवर्सी में रहने वाले पेंटर के रूप में प्रसिद्ध मकबूल फ़िदा हुसैन ने 9 जून 2011 में आखरी सांस ली थी। वो अपनी मृत्यु से पहले काफी समय से बीमार चल रहे थे और अंत में लंदन में हार्ट अटैक के कारण उनकी मौत हो गई।
देवआनंद
बॉलीवुड के सदाबहार हीरो कहे जाने वाले देव आनंद ने 3 दिसंबर 2011 को इस दुनिया से अलविदा कह दिया था। उस वक़्त उनकी उम्र 88 साल थी। डॉक्टरों के अनुसार, देवआनंद की मौत की वजह हार्ट अटैक थी।
विनोद मेहरा
80 के दशक के मशहूर अभिनेता विनोद मेहरा ने कई फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाई हैं। महज 45 साल की उम्र में ही 30 अक्टूबर 1990 में दिल का दौरा पड़ने से विनोद मेहरा इस दुनिया से रुखसत हो गए।
राजेश विवेक
लगान जैसी फिल्म में शानदार अभिनय करने वाले राजेश विवेक 66 साल की उम्र में 14 जनवरी 2016 को इस दुनिया से चल बसे।
रीमा लागू
अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मों के साख 95 से ज्यादा फिल्में और 'तू तू मैं मैं' जैसे मशहूर धारवाहिकों में काम करने वाली रीमा लागू ने 58 साल की उम्र में 18 मई 2017 को इस दुनिया से अलविदा कह दिया।
ओमपुरीअपने अभिनय से बॉलीवुड में लोहा मनवाने वाले और 300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके दिग्गज अभिनेता ओम पुरी का 66 साल की उम्र में 06 जनवरी 2017 को निधन हो गया था। उनकी आखरी रिलीज फिल्म 'ट्यूबलाइट' थी। ओमपुरी का शव उन्ही के आवास पर मिला।
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