#वक्फ बोर्ड बिल
Explore tagged Tumblr posts
tnnews24 · 2 months ago
Text
⭕पितृ पक्ष पर क्या करें और क्या ना करें....⭕
**पितृ पक्ष: एक धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण** पितृ पक्ष, भारतीय संस्कृति में एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक 16 दिनों तक चलता है। इसे ‘श्राद्ध’ या ‘महालय’ के नाम से भी जाना जाता है। इन दिनों में हिन्दू धर्मावलंबी अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना करते हुए विशेष पूजा-अर्चना करते…
3 notes · View notes
indlivebulletin · 14 days ago
Text
इमाम-मौलाना को 15000, नौकरी में 10% मुस्लिम आरक्षण, RSS पर बैन… उलेमा बोर्ड ने रखी 17 शर्तें
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड महाराष्ट्र ने महाविकास अघाडी को समर्थन देने के लिए 17 सूत्री शर्त रखी है, जिनमें वक्फ बिल का विरोध, नौकरी और शिक्षा में 10% मुस्लिम आरक्षण, इमाम और मौलाना का मासिक 15000 रुपए भत्ता, सरकार बनने पर आरएसएस पर ��्रतिबंध जैसी शर्तें हैं. इस बाबत ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड, महाराष्ट्र के चेयरमैन नायाब अंसारी ने महाविकास अघाड़ी को पत्र दिया गया है. कांग्रेस…
0 notes
rightnewshindi · 21 days ago
Text
असदुद्दीन ओवैसी ने तिरुमाला बोर्ड को लेकर बड़ी की टिप्पणी, कहा, वक्फ बोर्ड में नॉन मुस्लिमों को क्यों रखा जा रहा है
Delhi News: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड और तिरुमाला बोर्ड को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहाकि एक तरफ तो टीटीडी बोर्ड में एक भी गैर हिंदू नहीं रखने की बात चल रही है। दूसरी तरफ मोदी सरकार बिल में वक्फ बोर्ड परिषद में दो गैर हिंदुओं को रखने का प्रावधान ला रही है। ओवैसी ने आगे कहाकि टीटीडी हिंदू धर्म का बोर्ड है और वक्फ मुसलमान धर्म का बोर्ड है। दोनों के नियमों में समानता क्यों…
0 notes
abtnews24 · 2 months ago
Text
वक्फ़ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024: एक संवैधानिक संकट या भ्रष्टाचार पर लगाम? क्या है विवाद और क्यों मचा है बवाल? जेपीसी को मिले लाखों सुझाव, अगली बैठक 19-20 सितंबर को
वक्फ संशोधन बिल को लेकर देशभर में चर्चा जारी है, और इसे संसद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है। जेपीसी की इस बिल पर अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं, और जनता से सुझाव भी मांगे गए थे। जनता के सुझाव जेपीसी को वक्फ संशोधन बिल पर आम जनता से लगभग 84 लाख सुझाव ईमेल के माध्यम से मिले हैं। इसके अलावा, करीब 70 बॉक्स लिखित सुझावों से भी भरे हुए समिति के पास पहुंच चुके हैं। यह संख्या बताती है…
0 notes
nationalistbharat · 2 months ago
Text
फतुहा के गोविंदपुर गाँव की जमीन पर वक्फ बोर्ड के नाम पर गड़बड़ी : डॉ. संजय जायसवाल
पटना: लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य सचेतक और वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के लिए बनी संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के सदस्य डॉ. संजय जायसवाल ने फतुहा के गोविंदपुर गाँव में वक्फ बोर्ड के नाम पर हो रही जमीन की गड़बड़ी पर चिंता व्यक्त की है।   डॉ. जायसवाल ने आज फतुहा के गोविंदपुर गाँव का दौरा किया और वहाँ की स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि गाँव के लोगों को आदेश दिया गया है कि…
0 notes
dainiksamachar · 3 months ago
Text
वक्फ संशोधन बिल पर मुसलमानों से राय मांगेगी बीजेपी, अल्पसंख्यक मोर्चा को दी जिम्मेदारी
नई दिल्ली: कुछ प्रमुख संगठनों द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक की तीखी आलोचना के बीच अल्पसंख्यक मोर्चा वक्फ बोर्ड में सुधार के लिये मुसलमानों से सुझाव मांगेगा और विधेयक की पड़ताल कर रही संसदीय समिति के सामने पेश करेगा। सूत्रों ने बताया कि राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्षों सहित सात बीजेपी सदस्यों की एक टीम देश भर के अल्पसंख्यक समुदाय के विचार जानेगी और कई मुद्दों पर उनकी चिंताओं को दूर करेगी। संसदीय टीम को रिपोर्ट सौंपेगा बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा बीजेपी के एक नेता ने दावा किया कि हम समिति को हर सुझाव से अवगत कराएंगे। अगर विधेयक के किसी पहलू पर कोई चिंता है, तो हम उसे भी व्यक्त करेंगे। लेकिन, हर जगह समुदाय द्वारा वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत महसूस की जाती है। अल्पसंख्यक मोर्चा अपनी रिपोर्ट को बीजेपी नेतृत्व और सीनियर पार्टी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के साथ साझा करेगा। अल्पसंख्यक मोर्चा की टीम में कौन-कौन? अल्पसंख्यक मोर्चा की टीम के सदस्यों में उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में वक्फ बोर्ड के प्रमुख शादाब शम्स, सनवर पटेल और मोहसिन लोखंडवाला और हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक जाकिर हुसैन शामिल हैं। पिछले सप्ताह बीजेपी मुख्यालय में ��ल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक में भी यह मुद्दा उठा���ा गया था। वक्फ एक्ट के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व ने मोर्चा प्रमुख जमाल सिद्दीकी से कहा है कि वह देशभर के मुसलमानों से संपर्क कर वक्फ अधिनियम में सुधार के पक्ष में माहौल बनाएं, ताकि विभिन्न वक्फ बोर्ड के कामकाज को और अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाया जा सके। जमीयत उलेमा-ए-हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे प्रमुख मुस्लिम संगठन प्रस्तावित विधेयक का विरोध कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि यह उनकी धार्मिक प्रथाओं के खिलाफ तथा संविधान का उल्लंघन है।(एजेंसी के इनपुट के साथ) http://dlvr.it/TCg1Kc
0 notes
deshbandhu · 3 months ago
Text
Waqf Sanshodhan Vidheyak Par Aaj JPC ki Doosari Baithak Mein Muslim Sangathan Rakhenge Apana Paksh
नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की दूसरी बैठक शुक्रवार को संसद भवन एनेक्सी में होगी। जेपीसी ने बिल पर अपना-अपना पक्ष रखने के लिए शुक्रवार को कई मुस्लिम संगठनों को आमंत्रित किया है। ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत-ए-उलेमा, मुंबई; इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स, नई दिल्ली; उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड; और राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि शुक्रवार को जेपीसी की बैठक में बिल को लेकर अपना-अपना पक्ष रखेंगे।
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/states/muslim-organizations-will-present-their-views-in-the-second-meeting-of-jpc-on-the-wakf-amendment-bill-today-489212-1
0 notes
unknown-2-known · 4 months ago
Text
0 notes
specialcoveragenews · 4 months ago
Text
Waqf Board Amendment Bill 2024: भारी हंगामे के बीच वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लोकसभा में किया गया पेश, विपक्ष ने जमकर काटा बवाल
http://dlvr.it/TBfxGC
0 notes
akash756837 · 4 months ago
Text
1 note · View note
indlivebulletin · 2 months ago
Text
दिल्ली: शीतकालीन सत्र में पारित होगा वक्फ बिल, प्रदर्शनकारियों पर होगी लगाम
हरियाणा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ संशोधन विधेयक को इस साल के अंत में शीतकालीन सत्र के दौरान पारित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इस बिल का विरोध करने वाले लोग सीधे हो जायेंगे. उन्होंने साफ कहा कि आपको मौजूदा वक्फ बोर्ड एक्ट से दिक्कत है. हम संसद के शीतकालीन सत्र में इसमें संशोधन करेंगे. पिछले महीने, कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया था कि केंद्र के वक्फ…
0 notes
rightnewshindi · 1 month ago
Text
RSS के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने वक्फ बोर्ड की बताया भ्रष्टाचार का अड्डा, कहा, माफिया की तरह करता है काम
RSS News: RSS यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार वक्फ बोर्ड्स को भ्रष्टाचार का गढ़ बताया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय भी इन बोर्ड्स को माफिया के तौर पर देखते हैं। बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने बिल सदन में पेश किया था। इस बिल पर कई मुस्लिम संगठनों और विपक्ष के बड़े दलों ने आपत्ति भी जाहिर की थी। इंद्रेश कुमार ने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है।…
0 notes
mahatvapoorna · 4 months ago
Text
वक्फ बोर्ड पर मोदी सरकार की कैंची, अब नहीं हड़प पाएगा दूसरों की संपत्ति
नई दिल्ली: केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के अधिकारों में कटौती के लिए संशोधन बिल पेश करने की तैयारी में है। मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है। शुक्रवार शाम (2अगस्त) कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है। इनमें वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र की जांच करने के लिए संशोधन शामिल है, जिन्हें कई तरह से…
0 notes
nationalistbharat · 2 years ago
Text
समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाकर अल्पसंख्यकों को भयभीत करना चाहती है भाजपा: इरशाद अली आजाद
समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाकर अल्पसंख्यकों को भयभीत करना चाहती है भाजपा: इरशाद अली आजाद
पटना: बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और जदयू के वरिष्ठ नेता इरशाद अली आजाद ने बयान जारी कर कहा कि पिछले दिनों संसद में समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाते हुए भाजपा के एक सदस्य ने एक निजी बिल पेश किया जिसका मतलब है कि देश में एक समान कानून होना चाहिए। दरअसल, इस तरह के मुद्दे उछाल कर भाजपा और आरएसएस अपने वोट बैंक को खुश रखना और अल्पसंख्यक समुदाय को भयभीत करना चाहती है।जदयू नेता इरशाद…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
chaitanyabharatnews · 4 years ago
Text
अयोध्या में 5 सदी बाद बनेगा भव्य राम मंदिर, जानिए शुरू से लेकर अब तक की कहानी
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. 05 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन होगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। 5 अगस्त सुबह 8 बजे से अंतिम अनुष्ठान होगा। अयोध्या में पांच सदी के बाद अब राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। पिछले सप्ताह ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अयोध्या जाकर तैयारियों का जायजा लिया था। माना जाता है कि बाबर के दौर में अयोध्या में राम मंदिर को तुड़वाकर मस्जिद का निर्माण कराया गया था। पिछले पांच सदी से यह विवाद था, जिसने देश की राजनीतिक दशा और दिशा को बदल दिया है। आजादी के बाद से अबतक इस विवाद ने देश की राजनीति को प्रभावित किया है। अयोध्या को लेकर देश भर में आंदोलन किए गए, कानूनी लड़ाई भी लड़ी गई और सुप्रीम कोर्ट के जरिए राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। माना जाता है कि मुगल राजा बाबर 1526 में भारत आया था और उसके सेनापति मीर बाकी ने करीब 500 साल पहले 1528 में राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी, जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था। साल 1528 तक उसका साम्राज्य अवध (वर्तमान अयोध्या) तक पहुंच गया। दिसंबर 1949 में इस 'जन्मस्थान' पर भगवान राम और सीता माता की मूर्ति पाई गई। कहा जाता है कि मस्जिद में भगवान राम की मूर्ति हिंदुओं ने रखवाई। वहीं हिंदुओं का दावा है कि यह एक चमत्कार था और इसे सबूत के तौर पर पेश करते हैं कि यह सचमुच श्री राम का ज��्मस्थान था। मुस्लिमों ने इस पर विरोध व्यक्त किया और मस्जिद में नमाज पढ़ना बंद कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया। फिर सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर यहां ताला लगवा दिया। जनवरी 1950 में हिंदू महासभा के गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद कोर्ट में अपील दायर कर भगवान राम की पूजा की इजाजत मांगी। महंत रामचंद्र दास ने मस्जिद में हिंदुओं द्वारा पूजा जारी रखने के लिए याचिका लगाई। इसी दौरान मस्जिद को 'ढांचा' के रूप में संबोधित किया गया। फिर 1959 में निर्मोही अखाड़ा ने विवादित स्थल के हस्तांतरण के लिए केस दर्ज किया। वहीं, मुस्लिमों की तरफ से साल 1961 में उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने केस दर्ज कर मस्जिद पर अपने मालिकाना हक का दावा किया। यह केस 50 साल से अदालतों में चक्कर लगाता रहा। फरवरी 1984 में विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में हिंदुओं ने भगवान राम के जन्मस्थल को मुक्त करने और वहां राम मंदिर बनाने के लिए एक समिति का गठन किया। जिला मजिस्ट्रेट ने हिंदुओं को प्रार्थना करने के लिए विवादित स्थल के दरवाजे से ताला खोलने का आदेश दिया। मुसलमानों ने इसके विरोध में बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति/बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनाई। साल 1989 जून में बीजेपी ने इस मामले में विश्व हिंदू परिषद को औपचारिक समर्थन दिया। रामलला की तरफ से वीएचपी नेता देवकीनंदन अग्रवाल ने मंदिर के दावे का मुकदमा किया। नवंबर में मस्जिद से थोड़ी दूर पर राम मंदिर का शिलान्यास किया गया। 25 सितंबर 1990 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली, जिससे कि हिंदुओं को इस महत्वपूर्ण मु्द्दे से अवगत कराया जा सके। इसके नतीजे में गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में दंगे भड़क गए और ढेरों इलाके कर्फ्यू की चपेट में आ गए। फिर 23 अक्टूबर को बिहार में लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी की रथ यात्रा को रुकवा कर उन्हें गिरफ्तार करवा लिया। लेकिन मंदिर निर्माण के लिए देशभर से लाखों ईंटे अयोध्या भेजी गईं। इसके बाद भाजपा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के लिए पहली बार कारसेवा हुई थी। उन्होंने मस्जिद पर चढ़कर झंडा फहराया, जिसके बाद पुलिस की गोलीबारी में पांच कारसेवकों की मौत हो गई थी। मुलायम सिंह यादव की सरकार ने पुलिस को गोली चलाने का आदेश दिया था। साल 1991 जून में उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए जिसमें मुलायम सिंह यादव की सरकार हार गई। फिर उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गई। 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद ढहा दिया गया और इसी के साथ देश में दंगे शुरू हो गए। 30-31 अक्टूबर 1992 को धर्मसंसद में कारसेवा की घोषणा की गई। नवंबर में यूपी के सीएम कल्याण सिंह ने अदालत में मस्जिद की हिफाजत करने का हलफनामा दिया। ये विवाद में ऐतिहासिक दिन के तौर पर याद रखा जाता है, इस रोज हजारों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद ढहा दिया। अस्थाई राम मंदिर बना दिया गया। इसके बाद ही पूरे देश में चारों ओर सांप्रदायिक दंगे होने लगे। इसमें करीब 2000 लोगों के मारे गए। 16 दिसंबर 1992: मस्जिद ढहाने की जांच के लिए लिब्रहान आयोग बना जिसके जज एमएस लिब्रहान के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। 1994: इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस शुरू हुआ। सितंबर 1997: मस्जिद ढहाने को लेकर 49 लोग दोषी करार दिए गए। इसमें भारतीय जनता पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं के नाम भी थे। बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर तनाव बढ़ गया। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि मार्च 2002 को अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। जनवरी-फरवरी 2002: प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने मामला सुलझाने के लिए अयोध्या समिति का गठन किया। भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को शामिल करने से इनकार कर दिया। फिर विश्व हिंदू परिषद ने 15 मार्च से राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने की घोषणा कर दी। सैकड़ों हिंदू कार्यकर्ता अयोध्या में इकठ्ठा हुए। फरवरी अयोध्या से लौट रहे हिंदू कार्यकर्ता जिस रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे थे उस पर गोधरा में हुए हमले में 58 कार्यकर्ता मारे गए। 13 मार्च 2002: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, अयोध्या में यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी। किसी को भी सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन पर शिलापूजन की अनुमति नहीं होगी। अप्रैल 2002 में हाईकोर्ट के तीन जजों की पीठ ने विवादित स्थल के मालिकाना हक को लेकर सुनवाई शुरू की। मार्च-अगस्त 2003: हाई कोर्ट के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व विभाग ने विवादित स्थल के नीचे खुदाई की। इसके बाद पुरातत्वविदों ने कहा कि, मस्जिद के नीचे मंदिर से मिलते-जुलते अवशेष के प्रमाण मिले हैं। मई 2003: सीबीआई ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लाल कृष्णा आडवाणी समेत 8 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। अगस्त 2003: लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए विशेष विधेयक लाने का प्रस्ताव को ठुकराया। अप्रैल-जुलाई 2004: लालकृष्ण आडवाणी ने अस्थाई मंदिर में पूजा की और कहा, मंदिर का निर्माण तो जरूर होगा। 4 अगस्त 2005: फैजाबाद की कोर्ट ने विवादित स्थल के पास हुए हमले के आरोप में चार लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा। जुलाई 2006: सरकार ने अयोध्या में विवादित स्थल पर बने अस्थाई राम मंदिर की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ कांच का घेरा बनाए जाने का प्रस्ताव किया। लेकिन मुस्लिम समुदाय ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। 19 मार्च 2007: राहुल गांधी ने कहा था कि, अगर नेहरू-गांधी पर��वार का कोई सदस्य प्रधानमंत्री होता तो बाबरी मस्जिद न गिरी होती। 30 जून-नवंबर 2009: बाबरी मस्जिद ढहाने के मामले में जांच के लिए गठित गठित लिब्रहान आयोग ने 17 साल बाद अपनी रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी। 26 जुलाई 2010: अयोध्या विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। सितंबर 2010: हाईकोर्ट ने अयोध्या विवाद पर 24 सितंबर को फैसला सुनाने की घोषणा की। लेकिन 28 सितंबर को हाईकोर्ट ने फैसला टालने की अर्जी खारिज की। 30 सितंबर 2010: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित स्थल को तीन हिस्सों में बांट दिया। इसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े को मिला। 9 मई 2011: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। इसके खिलाफ 14 अपील दाखिल हुई। मार्च-अप्रैल 2017: 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से इस विवाद को सुलझाने की बात कही। साथ ही कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित बीजेपी और आरएसएस के और कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया। नवंबर-दिसंबर 2017: 8 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा था कि, अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर ही बनना चाहिए और वहां से थोड़ा दूर हटके मस्जिद बनना चाहिए। 16 नवंबर को आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने भी इस मामले को सुलझाने के लिए कोशिश की। इस मामले में उन्होंने कई पक्षों से मुलाकात की। 8 फरवरी 2018 को सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर नियमित सुनवाई करने की अपील की। लेकिन उनकी यह अपील खारिज हो गई। 27 सितंबर 2018: कोर्ट ने 1994 के फैसले जिसमें यह कहा गया था कि 'मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं' को बड़ी बेंच को भेजने से इंकार कर दिया और कहा कि, अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में दीवानी वाद का निर्णय साक्ष्यों के आधार पर होगा और पूर्व का फैसला सिर्फ भूमि आधिग्रहण के केस में ही लागू होगा। 29 अक्टूबर 2018: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी। 1 जनवरी 2019: पीएम मोदी ने कहा था कि, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश पर फैसला कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जा सकता है। 8 मार्च 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा। साथ ही पैनल को 8 हफ्ते के अंदर इस मामले की कार्यवाही खत्म करने का आदेश दिया। अगस्त 2019: 1 अगस्त को मध्यस्थता पैनल ने रिपोर्ट पेश की। फिर सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त को कहा कि, मध्यस्थता पैनल मामले का समाधान निकालने में विफल रहा। 6 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई होना शुरू हो ग��। 16 अक्टूबर : अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा। 09 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर अपना फैसला सुनाया। इसके तहत कोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित जमीन को राम लला विराजमान को देने का आदेश दिया। साथ ही मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तीन माह के भीतर एक ट्रस्ट बनाने का आदेश भी दिया था।  05 फरवरी 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम मोदी ने संसद में 15 सदस्यीय श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था और तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने की मियाद तय की थी। मोदी सरकार ने ट्रस्ट को कैबिनेट की मंजूरी दिलाने के बाद बिल संसद में पेश किया। 19 फरवरी 2020 को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक हुई। महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया, जबकि VHP नेता चंपत राय को महामंत्री बनाया गया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नियुक्त किए गए। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरी बने। 19 जुलाई 2020 को राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक हुई, जिसमें पीएमओ को मंदिर के भूमि पूजन के लिए दो तारीखें भेजी गईं। पीएमओ के भेजे प्रस्ताव में 3 और 5 अगस्त में से किसी एक दिन पीएम मोदी को अयोध्या में भूमि पूजन के लिए आने का न्योता दिया गया। साथ ही मंदिर के डिजाइन को लेकर भी इस बैठक में अहम फैसले लिए गए। 25 जुलाई 2020 को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का दौरा कर भूमि पूजन की तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि 5 अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीमित संख्या में ही लोग इस भव्य आयोजन में शामिल हो सकेंगे।   Read the full article
0 notes
indlivebulletin · 2 months ago
Text
Waqf Bill के चलते हिंसा का अंदेशा! दिल्ली में कई जगहों BNS की धारा 163 लागू
वक्फ बोर्ड और वक्फ बिल को लेकर अमित शाह के बयान पर घमासान छिड़ चुका है। मुस्लिमों ने अमित शाह के वक्फ बिल का विरोध करने वाले बयान पर ऐतराज जताया है। उनके बयान को लेकर कहा गया कि ये डराने वाला है। वहीं  दिल्ली में कई जगहों  पर भारतीय न्याय संहित की धारा 163 लागू कर दी गई है। यह नई दिल्ली, मध्य दिल्ली, उत्तरी दिल्ली और सभी दिल्ली सीमाओं जैसे क्षेत्रों में 30 सितंबर से 5 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा।…
0 notes