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chaitanyabharatnews · 4 years
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अयोध्या: भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए तांबे की पत्तियों की जरूरत, ट्रस्ट ने की भक्तों से दान करने की अपील
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भक्तों से मंदिर निर्माण में अपना योगदान करने की अपील की है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने ट्वीट कर बताया कि, हमने 10 हजार ताबें की पत्तियां दान करने की लोगों से अपील की है। For Mandir construction, copper plates will be used to fuse stone blocks with each other. The plates should be 18 inches long, 30 mm wide & 3 mm in depth.10,000 such plates may be required in total structure. We call upon Shri Rambhakts to donate such copper plates to the trust. — Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 20, 2020 2023 तक पूरा हो सकता है निर्माण कार्य श्री राम जन्मभूमि भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। CBRI रुड़की और IIT मद्रास के साथ मिलकर निर्माणकर्ता कंपनी L&T के अभियंता भूमि की मृदा के परीक्षण के कार्य में लगे हुए है। मंदिर निर्माण के कार्य में लगभग 36-40 महीने का समय लगने का अनुमान है। यानी 2023 तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो सकता है। मंदिर निर्माण में लगेगी 10 हजार तांबे की पत्तियां और रॉड श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ट्वीट करके बताया कि, 'मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। निर्माण कार्य हेतु 18 इंच लम्बी, 3 mm गहरी और 30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता पड़ेगी। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र श्रीरामभक्तों का आह्वान करता है कि तांबे की पत्तियां दान करें।' मन्दिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। निर्माण कार्य हेतु 18 इंच लम्बी, 3 mm गहरी और 30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता पड़ेगी। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र श्रीरामभक्तों का आह्वान करता है कि तांबे की पत्तियां दान करें। — Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 20, 2020 तांबे की पत्तियों में लिखा सकते हैं दानकर्ता अपना नाम ट्रस्ट ने यह भी बताया कि, भक्त चाहे तो इन तांबे की पत्तियों पर अपने परिवार, क्षेत्र अथवा मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं। इस प्रकार से ये तांबे की पत्तियां न केवल देश की एकात्मता का अभूतपूर्व उदाहरण बनेंगी, अपितु मंदिर निर्माण में सम्पूर्ण राष्ट्र के योगदान का प्रमाण भी देंगी। प्राचीन पद्धति के तौर पर किया जाएगा मंदिर का निर्माण श्री रामजन्मभूमि मन्दिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे, अपितु भूकंप, झंझावात अथवा अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो। मन्दिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नही किया जाएगा। इस कारण किया जा रहा है तांबे का इस्तेमाल जानकारी के मुताबिक, पुराने समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल तांबे और कांसे का किया जाता था। क्योंकि निर्माण के दौरान यह पानी से बिल्कुल भी प्रतिक्रिया नहीं करता है। इसके साथ ही यह धीरे-धीरे ऑक्साइड बनाता है। वहीं दूसरे और अगर लोहे की बात करें तो पानी के संपर्क में आते ही जंग लग जाती है। वहीं तांबा लोहा के उलट ऑक्साइड धातु के ऊपर बनाता है जिसके कारण ऑक्सीकरण भी रूक जाता है। जिससे इससे बनाई गई इमारत हजारों साल ऐसे ही खड़ी रहती हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बैंक खातों की जानकारी तथा दान करने की प्रक्रिया का विवरण निम्नानुसार है। Details of the bank accounts of Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra and various ways of donation are mentioned below. जय श्री राम! Jai Shri Ram! pic.twitter.com/6MrVfKMft4 — Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 12, 2020 मंदिर निर्माण में ऐसे करें आर्थिक योगादान जो भी भक्त मंदिर निर्माण के लिए दान देना चाहता है वह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम से एक बैंक अकाउंट पर ट्रांसफर कर सकते हैं। यह अकाउंट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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अयोध्या: राम मंदिर का निर्माण कार्य हुआ शुरू, ट्रस्ट ने जारी किया अकाउंट नंबर, की दान देने की अपील
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चैतन्य भारत न्यूज भगवान राम की नगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। इसकी जानकारी खुद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दी है। साथ ही ट्रस्ट की ओर से बुधवार को अकाउंट नंबर और अन्य जानकारी भी साझा की गई है, जिससे लोग दान कर सकेंगे। जय श्री राम! प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि पर उनके भव्य और दिव्य मन्दिर के निर्माण का कार्य माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा भूमिपूजन पश्चात प्रारम्भ हो गया है। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सभी श्रीराम भक्तों का आह्वान करता है कि मन्दिर निर्माण हेतु यथाशक्ति व यथासंभव दान करें। pic.twitter.com/Y7oTmuPOiL — Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 12, 2020 बता दें 5 अगस्त को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए थे और राम मंदिर का भूमि पूजन करते ही नींव रखी थी। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि, 'जय श्री राम! प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि पर उनके भव्य और दिव्य मन्दिर के निर्माण का कार्य माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा भूमिपूजन पश्चात प्रारम्भ हो गया है। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सभी श्रीराम भक्तों का आह्वान करता है कि मंदिर निर्माण हेतु यथाशक्ति व यथासंभव दान करें।' श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बैंक खातों की जानकारी तथा दान करने की प्रक्रिया का विवरण निम्नानुसार है। Details of the bank accounts of Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra and various ways of donation are mentioned below. जय श्री राम! Jai Shri Ram! pic.twitter.com/6MrVfKMft4 — Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 12, 2020 वीडियो में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि, पांच अगस्त को प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था, अब मंदिर निर्माण शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि करोड़ों राम भक्त मंदिर निर्माण में योगदान देना चाहते हैं जिसके लिए ट्रस्ट की ओर से सभी जानकारी दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने रखी थी नींव, नए मॉडल के साथ बनेगा मंदिर गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार की ओर से ट्रस्ट का निर्माण किया गया था, जिसके पास राम मंदिर के संचालन से जुड़े अधिकार रहेंगे। भूमि पूजन के कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा RSS प्रमुख मोहन भागवत, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य संत-महात्मा उपस्थित रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, राम मंदिर देश में एकता का नया सूत्र बनेगा और इतिहास रचेगा। ये भी पढ़े... श्रीराम का जन्मस्थान नेपाल होने के बाद अब पीएम ओली ने दिया अपने देश में राम मंदिर बनाने का निर्देश भूमिपूजन के बाद बोले पीएम मोदी- आज भारत राममय है, मंदिर से निकलेगा भाईचारे का संदेश, राम सबके हैं पीएम मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर में लगाया पारिजात का पौधा, जानिए इसका धार्मिक महत्व Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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भूमिपूजन के बाद बोले पीएम मोदी- आज भारत राममय है, मंदिर से निकलेगा भाईचारे का संदेश, राम सबके हैं
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या में आज इतिहास रचा गया है। कई सालों तक कोर्ट में मामला चलने के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ गई है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया है। उन्होंने सबसे पहले अयोध्या पहुंचकर हनुमानगढ़ी में पूजा की, जिसके बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए। भूमि पूजन के दौरान मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ समेत अन्य कुछ मेहमान शामिल रहे। इसके बाद पीएम मोदी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, 'देश आज स्वर्णिम इतिहास रच रहा है। आज पूरा भारत राममय है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। आज पूरा भारत भावुक है। सदियों को इंतजार आज समाप्त हो रहा है।' पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, 'हमें आपसी प्रेम-भाईचारे के संदेश से राम मंदिर की शिलाओं को जोड़ना है, जब-जब राम को माना है विकास हुआ है जब भी हम भटके हैं विनाश हुआ है। सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है, सबके साथ से और विश्वास से ही सबका विकास करना है। कोरोना के कारण जैसे हालात हैं, राम के द्वारा दिया गया मर्यादा का रास्ता जरूरी है।' पीएम मोदी बोले कि, 'अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर भारतीय संस्कृति का दर्शन देगा, अनंतकाल तक मानवता को प्रेरणा देगा। पीएम मोदी ने यहां कहा कि सबके राम, सबमें राम और जय सिया राम। देश में जहां भी प्रभु राम के चरण पड़े हैं, वहां पर राम सर्किट का निर्माण किया जा रहा है। शास्त्रों में कहा गया है कि पूरी पृथ्वी पर श्रीराम जैसा कोई शासक हुआ ही नहीं है, कोई भी दुखी ना हो कोई भी गरीब ना हो। नर और नारी समान रुप से सुखी हों। पीएम मोदी ने कहा कि राम का आदेश है कि बच्चों, बुजुर्ग और वैद्यों की रक्षा करनी चाहिए, जो हमें कोरोना ने भी सिखा दिया है। साथ ही अपनी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है।हमारा देश जितना ताकतवर होगा, उतनी ही शांति भी बनी रहेगी। राम की यही नीति और रीति सदियों से भारत का मार्ग दर्शन करती रही है, महात्मा गांधी ने रामराज्य का सपना देखा था। राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते और सोचते हैं। राम परिवर्तन-आधुनिकता के पक्षधर हैं।' पीएम मोदी ने कहा कि, 'राम हर जगह हैं, भारत के दर्शन-आस्था-आदर्श-दिव्यता में राम ही हैं। तुलसी के राम सगुण राम हैं, नानक-तुलसी के राम निगुण राम हैं। भगवान बुद्ध-जैन धर्म भी राम से जुड़े हैं। तमिल में कंभ रामायण है, तेलुगु, कन्नड़, कश्मीर समेत हर अलग-अलग हिस्से में राम को समझने के अलग-अलग रुप हैं। पीएम मोदी ने कहा कि राम सब जगह हैं, राम सभी में हैं। विश्व की सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या इंडोनेशिया में है, वहां पर भी रामायण का पाठ होता है। पीएम ने बताया कि कंबोडिया, श्रीलंका, चीन, ईरान, नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में राम का नाम लिया जाता है।' 'आज देश के लोगों के सहयोग से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, जैसे पत्थर पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बना, वैसे ही घर-घर से आई शिलाएं श्रद्धा का स्त्रोत बन गई हैं। ये न भूतो-न भविष्यति है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की ये शक्ति पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'आज का ये दिन करोड़ों राम भक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है, ये दिन सत्य-अहिंसा-आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। कोरोना वायरस से बनी स्थितियों के कारण भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है। इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था जब सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था और हर किसी की भावना का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था। पीएम ने कहा कि इस मंदिर के साथ इतिहास खुद को दोहरा रहा है, जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर, केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को राम की सेवा करने का सौभाग्य मिला।' पीएम मोदी ने कहा कि राम हम सभी के भीतर हैं, घुलमिल गए हैं। पीएम ने कहा कि भगवान राम की शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट हो गईं और क्या कुछ नहीं हुआ। अस्तित्व मिटाने का प्रयास हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं। हनुमान जी के आशीर्वाद से राम मंदिर बनने का काम शुरू हुआ है, ये मंदिर आधुनिकता का प्रतीक बनेगा। ये मंदिर हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा, करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि, 'आने वाली पीढ़ियों को ये मंदिर संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे, यहां के लोगों के लिए अवसर बनेगा। मेरा सौभाग्य है मुझे ट्रस्ट ने ऐतिहासिक पल के लिए आमंत्रित किया। मेरा आना स्वभाविक था, आज इतिहास रचा जा रहा है। आज पूरा भारत राममय है, हर मन दीपमय है। पीएम ने कहा कि राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम।।।सदियों का इंतजार समाप्त हो रहा है। बरसों तक रामलला टेंट में रहे थे, लेकिन अब भव्य मंदिर बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी के कालखंड में आजादी के लिए आंदोलन चला है, 15 अगस्त का दिन उस आंदोलन का और शहीदों की भावनाओं का प्रतीक है। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक पीढ़ियों ने प्रयास किया है, आज का ये दिन उसी तप-संकल्प का प्रतीक है। राम मंदिर के चले आंदोलन में अर्पण-तर्पण-संघर्ष-संकल्प था।' ये भी पढ़े... अयोध्या में रचा गया इतिहास, प्रधानमंत्री मोदी ने पूजा के बाद रखी राम मंदिर की आधारशिला, नींव में रखी 40 किलो चांदी की ईंट  पीएम मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर में लगाया पारिजात का पौधा, जानिए इसका धार्मिक महत्व राम मंदिर भूमि पूजन: PMO ने साझा की प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें, अयोध्या में मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू       Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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भूमिपूजन के बाद बोले पीएम मोदी- आज भारत राममय है, मंदिर से निकलेगा भाईचारे का संदेश, राम सबके हैं
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या में आज इतिहास रचा गया है। कई सालों तक कोर्ट में मामला चलने के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ गई है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया है। उन्होंने सबसे पहले अयोध्या पहुंचकर हनुमानगढ़ी में पूजा की, जिसके बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए। भूमि पूजन के दौरान मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ समेत अन्य कुछ मेहमान शामिल रहे। इसके बाद पीएम मोदी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, 'देश आज स्वर्णिम इतिहास रच रहा है। आज पूरा भारत राममय है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। आज पूरा भारत भावुक है। सदियों को इंतजार आज समाप्त हो रहा है।' पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, 'हमें आपसी प्रेम-भाईचारे के संदेश से राम मंदिर की शिलाओं को जोड़ना है, जब-जब राम को माना है विकास हुआ है जब भी हम भटके हैं विनाश हुआ है। सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है, सबके साथ से और विश्वास से ही सबका विकास करना है। कोरोना के कारण जैसे हालात हैं, राम के द्वारा दिया गया मर्यादा का रास्ता जरूरी है।' पीएम मोदी बोले कि, 'अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर भारतीय संस्कृति का दर्शन देगा, अनंतकाल तक मानवता को प्रेरणा देगा। पीएम मोदी ने यहां कहा कि सबके राम, सबमें राम और जय सिया राम। देश में जहां भी प्रभु राम के चरण पड़े हैं, वहां पर राम सर्किट का निर्माण किया जा रहा है। शास्त्रों में कहा गया है कि पूरी पृथ्वी पर श्रीराम जैसा कोई शासक हुआ ही नहीं है, कोई भी दुखी ना हो कोई भी गरीब ना हो। नर और नारी समान रुप से सुखी हों। पीएम मोदी ने कहा कि राम का आदेश है कि बच्चों, बुजुर्ग और वैद्यों की रक्षा करनी चाहिए, जो हमें कोरोना ने भी सिखा दिया है। साथ ही अपनी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है।हमारा देश जितना ताकतवर होगा, उतनी ही शांति भी बनी रहेगी। राम की यही नीति और रीति सदियों से भारत का मार्ग दर्शन करती रही है, महात्मा गांधी ने रामराज्य का सपना देखा था। राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते और सोचते हैं। राम परिवर्तन-आधुनिकता के पक्षधर हैं।' पीएम मोदी ने कहा कि, 'राम हर जगह हैं, भारत के दर्शन-आस्था-आदर्श-दिव्यता में राम ही हैं। तुलसी के राम सगुण राम हैं, नानक-तुलसी के राम निगुण राम हैं। भगवान बुद्ध-जैन धर्म भी राम से जुड़े हैं। तमिल में कंभ रामायण है, तेलुगु, कन्नड़, कश्मीर समेत हर अलग-अलग हिस्से में राम को समझने के अलग-अलग रुप हैं। पीएम मोदी ने कहा कि राम सब जगह हैं, राम सभी में हैं। विश्व की सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या इंडोनेशिया में है, वहां पर भी रामायण का पाठ होता है। पीएम ने बताया कि कंबोडिया, श्रीलंका, चीन, ईरान, नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में राम का नाम लिया जाता है।' 'आज देश के लोगों के सहयोग से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, जैसे पत्थर पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बना, वैसे ही घर-घर से आई शिलाएं श्रद्धा का स्त्रोत बन गई हैं। ये न भूतो-न भविष्यति है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की ये शक्ति पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'आज का ये दिन करोड़ों राम भक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है, ये दिन सत्य-अहिंसा-आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। कोरोना वायरस से बनी स्थितियों के कारण भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है। इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था जब सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था और हर किसी की भावना का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था। पीएम ने कहा कि इस मंदिर के साथ इतिहास खुद को दोहरा रहा है, जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर, केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को राम की सेवा करने का सौभाग्य मिला।' पीएम मोदी ने कहा कि राम हम सभी के भीतर हैं, घुलमिल गए हैं। पीएम ने कहा कि भगवान राम की शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट हो गईं और क्या कुछ नहीं हुआ। अस्तित्व मिटाने का प्रयास हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं। हनुमान जी के आशीर्वाद से राम मंदिर बनने का काम शुरू हुआ है, ये मंदिर आधुनिकता का प्रतीक बनेगा। ये मंदिर हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा, करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि, 'आने वाली पीढ़ियों को ये मंदिर संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे, यहां के लोगों के लिए अवसर बनेगा। मेरा सौभाग्य है मुझे ट्रस्ट ने ऐतिहासिक पल के लिए आमंत्रित किया। मेरा आना स्वभाविक था, आज इतिहास रचा जा रहा है। आज पूरा भारत राममय है, हर मन दीपमय है। पीएम ने कहा कि राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम।।।सदियों का इंतजार समाप्त हो रहा है। बरसों तक रामलला टेंट में रहे थे, लेकिन अब भव्य मंदिर बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी के कालखंड में आजादी के लिए आंदोलन चला है, 15 अगस्त का दिन उस आंदोलन का और शहीदों की भावनाओं का प्रतीक है। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक पीढ़ियों ने प्रयास किया है, आज का ये दिन उसी तप-संकल्प का प्रतीक है। राम मंदिर के चले आंदोलन में अर्पण-तर्पण-संघर्ष-संकल्प था।' ये भी पढ़े... अयोध्या में रचा गया इतिहास, प्रधानमंत्री मोदी ने पूजा के बाद रखी राम मंदिर की आधारशिला, नींव में रखी 40 किलो चांदी की ईंट  पीएम मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर में लगाया पारिजात का पौधा, जानिए इसका धार्मिक महत्व राम मंदिर भूमि पूजन: PMO ने साझा की प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें, अयोध्या में मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू       Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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भूमिपूजन के बाद बोले पीएम मोदी- आज भारत राममय है, मंदिर से निकलेगा भाईचारे का संदेश, राम सबके हैं
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या में आज इतिहास रचा गया है। कई सालों तक कोर्ट में मामला चलने के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ गई है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया है। उन्होंने सबसे पहले अयोध्या पहुंचकर हनुमानगढ़ी में पूजा की, जिसके बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए। भूमि पूजन के दौरान मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ समेत अन्य कुछ मेहमान शामिल रहे। इसके बाद पीएम मोदी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, 'देश आज स्वर्णिम इतिहास रच रहा है। आज पूरा भारत राममय है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। आज पूरा भारत भावुक है। सदियों को इंतजार आज समाप्त हो रहा है।' पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, 'हमें आपसी प्रेम-भाईचारे के संदेश से राम मंदिर की शिलाओं को जोड़ना है, जब-जब राम को माना है विकास हुआ है जब भी हम भटके हैं विनाश हुआ है। सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है, सबके साथ से और विश्वास से ही सबका विकास करना है। कोरोना के कारण जैसे हालात हैं, राम के द्वारा दिया गया मर्यादा का रास्ता जरूरी है।' पीएम मोदी बोले कि, 'अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर भारतीय संस्कृति का दर्शन देगा, अनंतकाल तक मानवता को प्रेरणा देगा। पीएम मोदी ने यहां कहा कि सबके राम, सबमें राम और जय सिया राम। देश में जहां भी प्रभु राम के चरण पड़े हैं, वहां पर राम सर्किट का निर्माण किया जा रहा है। शास्त्रों में कहा गया है कि पूरी पृथ्वी पर श्रीराम जैसा कोई शासक हुआ ही नहीं है, कोई भी दुखी ना हो कोई भी गरीब ना हो। नर और नारी समान रुप से सुखी हों। पीएम मोदी ने कहा कि राम का आदेश है कि बच्चों, बुजुर्ग और वैद्यों की रक्षा करनी चाहिए, जो हमें कोरोना ने भी सिखा दिया है। साथ ही अपनी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है।हमारा देश जितना ताकतवर होगा, उतनी ही शांति भी बनी रहेगी। राम की यही नीति और रीति सदियों से भारत का मार्ग दर्शन करती रही है, महात्मा गांधी ने रामराज्य का सपना देखा था। राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते और सोचते हैं। राम परिवर्तन-आधुनिकता के पक्षधर हैं।' पीएम मोदी ने कहा कि, 'राम हर जगह हैं, भारत के दर्शन-आस्था-आदर्श-दिव्यता में राम ही हैं। तुलसी के राम सगुण राम हैं, नानक-तुलसी के राम निगुण राम हैं। भगवान बुद्ध-जैन धर्म भी राम से जुड़े हैं। तमिल में कंभ रामायण है, तेलुगु, कन्नड़, कश्मीर समेत हर अलग-अलग हिस्से में राम को समझने के अलग-अलग रुप हैं। पीएम मोदी ने कहा कि राम सब जगह हैं, राम सभी में हैं। विश्व की सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या इंडोनेशिया में है, वहां पर भी रामायण का पाठ होता है। पीएम ने बताया कि कंबोडिया, श्रीलंका, चीन, ईरान, नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में राम का नाम लिया जाता है।' 'आज देश के लोगों के सहयोग से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, जैसे पत्थर पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बना, वैसे ही घर-घर से आई शिलाएं श्रद्धा का स्त्रोत बन गई हैं। ये न भूतो-न भविष्यति है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की ये शक्ति पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'आज का ये दिन करोड़ों राम भक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है, ये दिन सत्य-अहिंसा-आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। कोरोना वायरस से बनी स्थितियों के कारण भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है। इसी मर्यादा ��ा अनुभव हमने तब भी किया था जब सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था और हर किसी की भावना का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था। पीएम ने कहा कि इस मंदिर के साथ इतिहास खुद को दोहरा रहा है, जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर, केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को राम की सेवा करने का सौभाग्य मिला।' पीएम मोदी ने कहा कि राम हम सभी के भीतर हैं, घुलमिल गए हैं। पीएम ने कहा कि भगवान राम की शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट हो गईं और क्या कुछ नहीं हुआ। अस्तित्व मिटाने का प्रयास हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं। हनुमान जी के आशीर्वाद से राम मंदिर बनने का काम शुरू हुआ है, ये मंदिर आधुनिकता का प्रतीक बनेगा। ये मंदिर हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा, करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि, 'आने वाली पीढ़ियों को ये मंदिर संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे, यहां के लोगों के लिए अवसर बनेगा। मेरा सौभाग्य है मुझे ट्रस्ट ने ऐतिहासिक पल के लिए आमंत्रित किया। मेरा आना स्वभाविक था, आज इतिहास रचा जा रहा है। आज पूरा भारत राममय है, हर मन दीपमय है। पीएम ने कहा कि राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम।।।सदियों का इंतजार समाप्त हो रहा है। बरसों तक रामलला टेंट में रहे थे, लेकिन अब भव्य मंदिर बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी के कालखंड में आजादी के लिए आंदोलन चला है, 15 अगस्त का दिन उस आंदोलन का और शहीदों की भावनाओं का प्रतीक है। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक पीढ़ियों ने प्रयास किया है, आज का ये दिन उसी तप-संकल्प का प्रतीक है। राम मंदिर के चले आंदोलन में अर्पण-तर्पण-संघर्ष-संकल्प था।' ये भी पढ़े... अयोध्या में रचा गया इतिहास, प्रधानमंत्री मोदी ने पूजा के बाद रखी राम मंदिर की आधारशिला, नींव में रखी 40 किलो चांदी की ईंट  पीएम मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर में लगाया पारिजात का पौधा, जानिए इसका धार्मिक महत्व राम मंदिर भूमि पूजन: PMO ने साझा की प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें, अयोध्या में मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू       Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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अयोध्या में रचा गया इतिहास, प्रधानमंत्री मोदी ने पूजा के बाद रखी राम मंदिर की आधारशिला, नींव में रखी 40 किलो चांदी की ईंट
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या में आज इतिहास रचा गया है। कई सालों तक कोर्ट में मामला चलने के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ गई है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया है। उन्होंने सबसे पहले अयोध्या पहुंचकर हनुमानगढ़ी में पूजा की, जिसके बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए। भूमि पूजन के दौरान मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ समेत अन्य कुछ मेहमान शामिल रहे। Ayodhya: #RamTemple 'Bhoomi Pujan' concludes. Stage event to follow shortly. PM Modi, RSS chief Mohan Bhagwat, UP CM Yogi Adityanath, Governor Anandiben Patel & President of Ram Mandir Trust Nitya Gopal Das will be on stage for the event. #Ayodhya pic.twitter.com/cFCUHkN637 — ANI (@ANI) August 5, 2020 प्रधानमंत्री ने राम मंदिर की आधारशिला रख दी है। भूमि पूजन की सभी प्र��्रिया करने के बाद प्रधानमंत्री ने शुभ मुहूर्त के वक्त शिला रखी। प्रधानमंत्री ने शिला रखकर वहां भूमि पर प्रणाम किया। अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के लिए भूमि पूजन दोपहर 12:30 बजे शुरू हुआ। कार्यक्रम प्रधानमंत्री द्वारा शिला पूजन, भूमि पूजन और कर्म शिला पूजन के साथ शुरू हुआ। प्रमुख पूजा दोपहर 12:44 बजे और 12:45 बजे के बीच 32-सेकंड के अभिजीत मुहूर्त के दौरान आयोजित किया गया। यह वही मुहूर्त या शुभ मुहूर्त है जब भगवान राम का जन्म हुआ था। मंदिर निर्माण की शुरुआत के प्रतीक के तौर पर प्रधानमंत्री ने मंदिर की नींव में 40 किलो चांदी की ईंट रखी। अयोध्या इस ऐतिहासिक घटना की साक्षी बन रही है और वहां मौजूद लोग जय श्रीराम का उद्घोष कर रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब से कुछ देर में यहां पर संबोधन देंगे। राममंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट ने भूमि पूजन के बाद साढ़े तीन साल का लक्ष्य रखा है। शुरुआती ढेड़ साल में मंदिर का भूमि तल पर निर्माण कार्य को पूरा करने का वक्त तय किया है। इसके बाद अगले दो सालों में ऊपरी दोनों तलों पर निर्माण कार्य को पूरा करने का टा��गेट रखा है। इस तरह से साढ़े तीन साल में मंदिर के शिखर तक के काम को पूरा कर लेना है। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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मोदी कर रहे हैं रामलला की पूजा, कुछ ही देर में होगा भूमि पूजा, भागवत-योगी मौजूद
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. आखिरकार आज वह दिन आ ही गया जिसका सभी राम भक्तों को बरसों से इंतजार था। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आज भूमि पूजन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन के बाद मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखेंगे। इस कार्यक्रम के लिए 175 प्रतिष्ठित अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। PM Narendra Modi, Uttar Pradesh Governor Anandiben Patel and RSS Chief Mohan Bhagwat take part in 'Bhoomi Pujan' at Ram Janambhoomi site in #Ayodhya. 175 guests are present for the ‘Bhoomi Pujan’ #RamTemple. pic.twitter.com/dWI3Jb9vOr — ANI (@ANI) August 5, 2020 अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पीएम मोदी ने अयोध्या पहुंच सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा की, इसके बाद रामलला के दर्शन कर भूमि पूजन के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई मेहमान भूमि पूजन में मौजूद रहे। अयोध्या को आज फिर से सजाया गया है, दीवाली जैसा माहौल है और सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम हैं। #WATCH live: PM Narendra Modi in Ayodhya for #RamTemple foundation stone laying ceremony. https://t.co/yo5LpodbSz — ANI (@ANI) August 5, 2020 पूजा करने वाले संत ने बताया कि देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से शिलाएं लाई गई हैं, जिनपर श्रीराम का नाम लिखा है। इसी के साथ ही अब भूमि पूजन का काम शुरू हो गया है, पीएम मोदी के नाम पर शिलाएं रखी जा रही हैं। खास बात यह है कि भगवान श्रीराम ने अभिजीत मुहूर्त में जन्म लिया था और उसी मुहूर्त में आज मंदिर के लिए भूमिपूजन होने जा रहा है।     Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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राम मंदिर निर्माण के लिए ये भक्त दान करेगा 51 हजार ईंटें, इस खास मिट्टी से हो रही हैं तैयार
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भूमि पूजन समारोह तीन दिवसीय है। 5 अगस्त 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान होगा। राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले पर ऐतिहासिक फैसले के आने के बाद अब राम भक्त मंदिर निर्माण के लिए काफी उत्सुक हैं। ऐसा ही एक भक्त अयोध्या में भी मिला जिसने राम मंदिर के फैसले के साथ ही 51 हजार भगवान राम नाम की ईंट बनवाना शुरू कर दिया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर निर्माण की तारीख घोषित होते ही वह 51 हजार अवल दर्जे की ईंटें भगवान राम लला के गर्भ ग्रह की नींव भरने के लिए राम जन्म भूमि में दान करेंगे। भट्टे के मालिक संदीप वर्मा के मुताबिक, उनके मन में इच्छा शक्ति आई कि वह भगवान राम के मंदिर के गर्भ गृह की नींव भरने के लिए 51 हजार ईंटें रामलला को दान करेंगे। राम मंदिर के लिए मटियारी मिट्टी का प्रयोग संदीप वर्मा ने बताया कि, जिस स्थान पर राम नाम की ईंटें बन रही हैं उस जगह पर जूते-चप्पल पहनकर जाना वर्जित है। भक्त और भगवान का ताल्लुक सदियों से चला आ रहा है। यह विशेष तरह की मटियारी मिट्टी से बनी ईंटें होंगी। ईंट में शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखा गया है। ईंटें पाथने के लिए 16 मजदूर लगे हैं जो रात दिन मेहनत करके 51 हजार ईंटों को तैयार करेंगे। 9 नवंबर को आया था फैसला गौरतलब है कि, 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है। जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया है। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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161 फीट ऊंचा होगा तीन मंजिला राम मंदिर, 2023 तक होगा तैयार, श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित पार्क बनेगा
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भूमि पूजन समारोह तीन दिवसीय है। 5 अगस्त 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान होगा। 15 फीट गहरी होगी नींव जानकारी के मुताबिक, मंदिर को पिछली डिज़ाइन में तय ऊंचाई से ज्यादा ऊंचा बनाया जा रहा है। अब राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। पहले इसकी ऊंचाई 141 फीट तय की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर की नींव 15 फीट गहरी होगी। राम मंदिर की नींव में 8 लेयर होंगे। 2-2 फीट की एक लेयर होगी। नींव का प्लेटफॉर्म तैयार करने में कंक्रीट, मोरंग का इस्तेमाल होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। राम मंदिर तीन मंजिल का होगा- भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल। तीन मंजिला मंदिर में होंगे 318 खंभे नए मॉडल के मुताबिक राम मंदिर 10 एकड़ में बनेगा। शेष 57 एकड़ को राम मंदिर परिसर के तौर पर विकसित किया जाएगा। तीन मंजिला मंदिर में 318 खंभे होंगे और हल तल पर 106 खंभे बनाए जाएंगे। राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी, 27 नक्षत्र के वृक्ष लगाए जाएंगे। नक्षत्र वाटिका का बनाने का मकसद है कि अपने अपने जन्मदिन पर लोग अपने नक्षत्र के हिसाब से पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा सकें और राम मंदिर परिसर में पूजा अर्चना कर सकें। राम मंदिर परिसर में वाल्मीकि रामायण में वर्णित वृक्षों को भी लगाया जाएगा और इनका नाम भी वाल्मीकि रामायण के आधार पर ही रखा जाएगा। भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित पार्क बनेगा राम मंदिर में परिसर में रामकथा कुंज पार्क भी बनेगा जो भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित होगा। राम मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मिले अवशेषों का संग्रहालय भी बनाया जाएगा। गोशाला, धर्मशाला, अन्य मंदिर बनाए जाएंगे। राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए ताम्रपत्र तैयार कराया जा रहा है। ताम्रपत्र पर संस्कृत भाषा में राम मंदिर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी लिखी होगी। ताम्रपत्र पर मंदिर का नाम, स्थान, नक्षत्र, समय लिखा होगा, जिसे नींव में रखा जाएगा। सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी और नदियों के जल से भूमि पूजन किया जाएगा। राम मंदिर में परिसर में 2 परिक्रमा केन्द्र भी बनाए जाएंगे। पहली परिक्रमा गर्भगृह की होगी और दूसरी परिक्रमा राम मंदिर की होगी। मंदिर का निर्माण कार्य साल 2023 तक पूरा हो सकता है। ये भी पढ़े... राम मंदिर के भूमि पूजन मुहूर्त को लेकर विवाद, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने शिलान्यास के वक्त को बताया अशुभ 3 दिन तक चलेगा राम मंदिर का भूमि पूजन, ये है पूरा कार्यक्रम 5 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी कर सकते हैं राम मंदिर का भूमि पूजन, जानिए इस मुहूर्त का प्रभु श्रीराम से क्या है संबंध अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन पांच अगस्त को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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अयोध्या में 5 सदी बाद बनेगा भव्य राम मंदिर, जानिए शुरू से लेकर अब तक की कहानी
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. 05 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन होगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। 5 अगस्त सुबह 8 बजे से अंतिम अनुष्ठान होगा। अयोध्या में पांच सदी के बाद अब राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। पिछले सप्ताह ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अयोध्या जाकर तैयारियों का जायजा लिया था। माना जाता है कि बाबर के दौर में अयोध्या में राम मंदिर को तुड़वाकर मस्जिद का निर्माण कराया गया था। पिछले पांच सदी से यह विवाद था, जिसने देश की राजनीतिक दशा और दिशा को बदल दिया है। आजादी के बाद से अबतक इस विवाद ने देश की राजनीति को प्रभावित किया है। अयोध्या को लेकर देश भर में आंदोलन किए गए, कानूनी लड़ाई भी लड़ी गई और सुप्रीम कोर्ट के जरिए राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। माना जाता है कि मुगल राजा बाबर 1526 में भारत आया था और उसके सेनापति मीर बाकी ने करीब 500 साल पहले 1528 में राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी, जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था। साल 1528 तक उसका साम्राज्य अवध (वर्तमान अयोध्या) तक पहुंच गया। दिसंबर 1949 में इस 'जन्मस्थान' पर भगवान राम और सीता माता की मूर्ति पाई गई। कहा जाता है कि मस्जिद में भगवान राम की मूर्ति हिंदुओं ने रखवाई। वहीं हिंदुओं का दावा है कि यह एक चमत्कार था और इसे सबूत के तौर पर पेश करते हैं कि यह सचमुच श्री राम का जन्मस्थान था। मुस्लिमों ने इस पर विरोध व्यक्त किया और मस्जिद में नमाज पढ़ना बंद कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया। फिर सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर यहां ताला लगवा दिया। जनवरी 1950 में हिंदू महासभा के गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद कोर्ट में अपील दायर कर भगवान राम की पूजा की इजाजत मांगी। महंत रामचंद्र दास ने मस्जिद में हिंदुओं द्वारा पूजा जारी रखने के लिए याचिका लगाई। इसी दौरान मस्जिद को 'ढांचा' के रूप में संबोधित किया गया। फिर 1959 में निर्मोही अखाड़ा ने विवादित स्थल के हस्तांतरण के लिए केस दर्ज किया। वहीं, मुस्लिमों की तरफ से साल 1961 में उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने केस दर्ज कर मस्जिद पर अपने मालिकाना हक का दावा किया। यह केस 50 साल से अदालतों में चक्कर लगाता रहा। फरवरी 1984 में विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में हिंदुओं ने भगवान राम के जन्मस्थल को मुक्त करने और वहां राम मंदिर बनाने के लिए एक समिति का गठन किया। जिला मजिस्ट्रेट ने हिंदुओं को प्रार्थना करने के लिए विवादित स्थल के दरवाजे से ताला खोलने का आदेश दिया। मुसलमानों ने इसके विरोध में बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति/बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनाई। साल 1989 जून में बीजेपी ने इस मामले में विश्व हिंदू परिषद को औपचारिक समर्थन दिया। रामलला की तरफ से वीएचपी नेता देवकीनंदन अग्रवाल ने मंदिर के दावे का मुकदमा किया। नवंबर में मस्जिद से थोड़ी दूर पर राम मंदिर का शिलान्यास किया गया। 25 सितंबर 1990 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली, जिससे कि हिंदुओं को इस महत्वपूर्ण मु्द्दे से अवगत कराया जा सके। इसके नतीजे में गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में दंगे भड़क गए और ढेरों इलाके कर्फ्यू की चपेट में आ गए। फिर 23 अक्टूबर को बिहार में लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी की रथ यात्रा को रुकवा कर उन्हें गिरफ्तार करवा लिया। लेकिन मंदिर निर्माण के लिए देशभर से लाखों ईंटे अयोध्या भेजी गईं। इसके बाद भाजपा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के लिए पहली बार कारसेवा हुई थी। उन्होंने मस्जिद पर चढ़कर झंडा फहराया, जिसके बाद पुलिस की गोलीबारी में पांच कारसेवकों की मौत हो गई थी। मुलायम सिंह यादव की सरकार ने पुलिस को गोली चलाने का आदेश दिया था। साल 1991 जून में उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए जिसमें मुलायम सिंह यादव की सरकार हार गई। फिर उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गई। 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद ढहा दिया गया और इसी के साथ देश में दंगे शुरू हो गए। 30-31 अक्टूबर 1992 को धर्मसंसद में कारसेवा की घोषणा की गई। नवंबर में यूपी के सीएम कल्याण सिंह ने अदालत में मस्जिद की हिफाजत करने का हलफनामा दिया। ये विवाद में ऐतिहासिक दिन के तौर पर याद रखा जाता है, इस रोज हजारों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद ढहा दिया। अस्थाई राम मंदिर बना दिया गया। इसके बाद ही पूरे देश में चारों ओर सांप्रदायिक दंगे होने लगे। इसमें करीब 2000 लोगों के मारे गए। 16 दिसंबर 1992: मस्जिद ढहाने की जांच के लिए लिब्रहान आयोग बना जिसके जज एमएस लिब्रहान के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। 1994: इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस शुरू हुआ। सितंबर 1997: मस्जिद ढहाने को लेकर 49 लोग दोषी करार दिए गए। इसमें भारतीय जनता पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं के नाम भी थे। बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर तनाव बढ़ गया। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि मार्च 2002 को अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। जनवरी-फरवरी 2002: प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने मामला सुलझाने के लिए अयोध्या समिति का गठन किया। भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को शामिल करने से इनकार कर दिया। फिर विश्व हिंदू परिषद ने 15 मार्च से राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने की घोषणा कर दी। सैकड़ों हिंदू कार्यकर्ता अयोध्या में इकठ्ठा हुए। फरवरी अयोध्या से लौट रहे हिंदू कार्यकर्ता जिस रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे थे उस पर गोधरा में हुए हमले में 58 कार्यकर्ता मारे गए। 13 मार्च 2002: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, अयोध्या में यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी। किसी को भी सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन पर शिलापूजन की अनुमति नहीं होगी। अप्रैल 2002 में हाईकोर्ट के तीन जजों की पीठ ने विवादित स्थल के मालिकाना हक को लेकर सुनवाई शुरू की। मार्च-अगस्त 2003: हाई कोर्ट के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व विभाग ने विवादित स्थल के नीचे खुदाई की। इसके बाद पुरातत्वविदों ने कहा कि, मस्जिद के नीचे मंदिर से मिलते-जुलते अवशेष के प्रमाण मिले हैं। मई 2003: सीबीआई ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लाल कृष्णा आडवाणी समेत 8 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। अगस्त 2003: लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए विशेष विधेयक लाने का प्रस्ताव को ठुकराया। अप्रैल-जुलाई 2004: लालकृष्ण आडवाणी ने अस्थाई मंदिर में पूजा की और कहा, मंदिर का निर्माण तो जरूर होगा। 4 अगस्त 2005: फैजाबाद की कोर्ट ने विवादित स्थल के पास हुए हमले के आरोप में चार लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा। जुलाई 2006: सरकार ने अयोध्या में विवादित स्थल पर बने अस्थाई राम मंदिर की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ कांच का घेरा बनाए जाने का प्रस्ताव किया। लेकिन मुस्लिम समुदाय ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। 19 मार्च 2007: राहुल गांधी ने कहा था कि, अगर नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य प्रधानमंत्री होता तो बाबरी मस्जिद न गिरी होती। 30 जून-नवंबर 2009: बाबरी मस्जिद ढहाने के मामले में जांच के लिए गठित गठित लिब्रहान आयोग ने 17 साल बाद अपनी रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी। 26 जुलाई 2010: अयोध्या विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। सितंबर 2010: हाईकोर्ट ने अयोध्या विवाद पर 24 सितंबर को फैसला सुनाने की घोषणा की। लेकिन 28 सितंबर को हाईकोर्ट ने फैसला टालने की अर्जी खारिज की। 30 सितंबर 2010: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित स्थल को तीन हिस्सों में बांट दिया। इसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े को मिला। 9 मई 2011: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। इसके खिलाफ 14 अपील दाखिल हुई। मार्च-अप्रैल 2017: 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से इस विवाद को सुलझाने की बात कही। साथ ही कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित बीजेपी और आरएसएस के और कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया। नवंबर-दिसंबर 2017: 8 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा था कि, अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर ही बनना चाहिए और वहां से थोड़ा दूर हटके मस्जिद बनना चाहिए। 16 नवंबर को आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने भी इस मामले को सुलझाने के लिए कोशिश की। इस मामले में उन्होंने कई पक्षों से मुलाकात की। 8 फरवरी 2018 को सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर नियमित सुनवाई करने की अपील की। लेकिन उनकी यह अपील खारिज हो गई। 27 सितंबर 2018: कोर्ट ने 1994 के फैसले जिसमें यह कहा गया था कि 'मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं' को बड़ी बेंच को भेजने से इंकार कर दिया और कहा कि, अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में दीवानी वाद का निर्णय साक्ष्यों के आधार पर होगा और पूर्व का फैसला सिर्फ भूमि आधिग्रहण के केस में ही लागू होगा। 29 अक्टूबर 2018: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी। 1 जनवरी 2019: पीएम मोदी ने कहा था कि, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश पर फैसला कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जा सकता है। 8 मार्च 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा। साथ ही पैनल को 8 हफ्ते के अंदर इस मामले की कार्यवाही खत्म करने का आदेश दिया। अगस्त 2019: 1 अगस्त को मध्यस्थता पैनल ने रिपोर्ट पेश की। फिर सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त को कहा कि, मध्यस्थता पैनल मामले का समाधान निकालने में विफल रहा। 6 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई होना शुरू हो गई। 16 अक्टूबर : अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा। 09 नवंबर 2019 को सुप्रीम ��ोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर अपना फैसला सुनाया। इसके तहत कोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित जमीन को राम लला विराजमान को देने का आदेश दिया। साथ ही मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तीन माह के भीतर एक ट्रस्ट बनाने का आदेश भी दिया था।  05 फरवरी 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम मोदी ने संसद में 15 सदस्यीय श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था और तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने की मियाद तय की थी। मोदी सरकार ने ट्रस्ट को कैबिनेट की मंजूरी दिलाने के बाद बिल संसद में पेश किया। 19 फरवरी 2020 को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक हुई। महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया, जबकि VHP नेता चंपत राय को महामंत्री बनाया गया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नियुक्त किए गए। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरी बने। 19 जुलाई 2020 को राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक हुई, जिसमें पीएमओ को मंदिर के भूमि पूजन के लिए दो तारीखें भेजी गईं। पीएमओ के भेजे प्रस्ताव में 3 और 5 अगस्त में से किसी एक दिन पीएम मोदी को अयोध्या में भूमि पूजन के लिए आने का न्योता दिया गया। साथ ही मंदिर के डिजाइन को लेकर भी इस बैठक में अहम फैसले लिए गए। 25 जुलाई 2020 को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का दौरा कर भूमि पूजन की तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि 5 अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीमित संख्या में ही लोग इस भव्य आयोजन में शामिल हो सकेंगे।   Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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राम मंदिर निर्माण के लिए ये भक्त दान करेगा 51 हजार ईंटें, इस खास मिट्टी से हो रही हैं तैयार
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भूमि पूजन समारोह तीन दिवसीय है। 5 अगस्त 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान होगा। राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले पर ऐतिहासिक फैसले के आने के बाद अब राम भक्त मंदिर निर्माण के लिए काफी उत्सुक हैं। ऐसा ही एक भक्त अयोध्या में भी मिला जिसने राम मंदिर के फैसले के साथ ही 51 हजार भगवान राम नाम की ईंट बनवाना शुरू कर दिया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर निर्माण की तारीख घोषित होते ही वह 51 हजार अवल दर्जे की ईंटें भगवान राम लला के गर्भ ग्रह की नींव भरने के लिए राम जन्म भूमि में दान करेंगे। भट्टे के मालिक संदीप वर्मा के मुताबिक, उनके मन में इच्छा शक्ति आई कि वह भगवान राम के मंदिर के गर्भ गृह की नींव भरने के लिए 51 हजार ईंटें रामलला को दान करेंगे। राम मंदिर के लिए मटियारी मिट्टी का प्रयोग संदीप वर्मा ने बताया कि, जिस स्थान पर राम नाम की ईंटें बन रही हैं उस जगह पर जूते-चप्पल पहनकर जाना वर्जित है। भक्त और भगवान का ताल्लुक सदियों से चला आ रहा है। यह विशेष तरह की मटियारी मिट्टी से बनी ईंटें होंगी। ईंट में शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखा गया है। ईंटें पाथने के लिए 16 मजदूर लगे हैं जो रात दिन मेहनत करके 51 हजार ईंटों को तैयार करेंगे। 9 नवंबर को आया था फैसला गौरतलब है कि, 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है। जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया है। Read the full article
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161 फीट ऊंचा होगा तीन मंजिला राम मंदिर, 2023 तक होगा तैयार, श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित पार्क बनेगा
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भूमि पूजन समारोह तीन दिवसीय है। 5 अगस्त 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान होगा। 15 फीट गहरी होगी नींव जानकारी के मुताबिक, मंदिर को पिछली डिज़ाइन में तय ऊंचाई से ज्यादा ऊंचा बनाया जा रहा है। अब राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। पहले इसकी ऊंचाई 141 फीट तय की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर की नींव 15 फीट गहरी होगी। राम मंदिर की नींव में 8 लेयर होंगे। 2-2 फीट की एक लेयर होगी। नींव का प्लेटफॉर्म तैयार करने में कंक्रीट, मोरंग का इस्तेमाल होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। राम मंदिर तीन मंजिल का होगा- भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल। तीन मंजिला मंदिर में होंगे 318 खंभे नए मॉडल के मुताबिक राम मंदिर 10 एकड़ में बनेगा। शेष 57 एकड़ को राम मंदिर परिसर के तौर पर विकसित किया जाएगा। तीन मंजिला मंदिर में 318 खंभे होंगे और हल तल पर 106 खंभे बनाए जाएंगे। राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी, 27 नक्षत्र के वृक्ष लगाए जाएंगे। नक्षत्र वाटिका का बनाने का मकसद है कि अपने अपने जन्मदिन पर लोग अपने नक्षत्र के हिसाब से पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा सकें और राम मंदिर परिसर में पूजा अर्चना कर सकें। राम मंदिर परिसर में वाल्मीकि रामायण में वर्णित वृक्षों को भी लगाया जाएगा और इनका नाम भी वाल्मीकि रामायण के आधार पर ही रखा जाएगा। भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित पार्क बनेगा राम मंदिर में परिसर में रामकथा कुंज पार्क भी बनेगा जो भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित होगा। राम मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मिले अवशेषों का संग्रहालय भी बनाया जाएगा। गोशाला, धर्मशाला, अन्य मंदिर बनाए जाएंगे। राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए ताम्रपत्र तैयार कराया जा रहा है। ताम्रपत्र पर संस्कृत भाषा में राम मंदिर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी लिखी होगी। ताम्रपत्र पर मंदिर का नाम, स्थान, नक्षत्र, समय लिखा होगा, जिसे नींव में रखा जाएगा। सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी और नदियों के जल से भूमि पूजन किया जाएगा। राम मंदिर में परिसर में 2 परिक्रमा केन्द्र भी बनाए जाएंगे। पहली परिक्रमा गर्भगृह की होगी और दूसरी परिक्रमा राम मंदिर की होगी। मंदिर का निर्माण कार्य साल 2023 तक पूरा हो सकता है। ये भी पढ़े... राम मंदिर के भूमि पूजन मुहूर्त को लेकर विवाद, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने शिलान्यास के वक्त को बताया अशुभ 3 दिन तक चलेगा राम मंदिर का भूमि पूजन, ये है पूरा कार्यक्रम 5 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी कर सकते हैं राम मंदिर का भूमि पूजन, जानिए इस मुहूर्त का प्रभु श्रीराम से क्या है संबंध अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन पांच अगस्त को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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राम मंदिर भूमि पूजन: PMO ने साझा की प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें, अयोध्या में मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को यानी कल भूमि पूजन होना है। इसके लिए जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। सोमवार को सुबह 9 बजे 21 वैदिक आचार्यों ने यजमान महेश भरतचक्रा को संकल्प दिलाते हुए पूजन शुरू किया। भूमि पूजन के लिए मेहमानों का भी आने का सिलसिला शुरू हो गया है। राम जन्मभूमि परिसर में रामाचा पूजन का भी शुभारंभ हनुमानगढ़ी के निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचिव गौरी शंकर दास ने बताया कि, 'सुबह 9 बजे हनुमान जी के निशान को निकालकर गद्दी दलान में लाया गया। जहां विधि विधान पूर्वक निशान का पूजन अर्चन किया गया। इसके बाद हनुमान जी की आरती उतारी गई और भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। निशान पूजन के अवसर पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र, अशोक तिवारी सहित अन्य मौजूद रहे।' राम मंदिर में शुरू हुए तीन दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन राम जन्मभूमि परिसर में रामाचा पूजन का भी शुभारंभ मंगलवार को हो गया है। अयोध्या में मेहमानों का आना शुरू बाबा रामदेव, स्वामी अवधेशानंद, चिदानंद मुनि, सुधीर दहिया, राजू स्वामी एक हेलीकॉप्टर से अयोध्या एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं। ब्रह्मानंद स्वामी, सुरेश पटेल व रितेश डांडिया दूसरे हेलीकॉप्टर से अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचे। श्री राम जन्मभूमि मन्दिर विश्व में भारतीय स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण होगा। जन्मभूमि मन्दिर के प्रस्तावित मॉडल के कुछ चित्र। Shri Ram Janmbhoomi Mandir will be a unique example of Indian architecture. Here are some photos of the proposed model. जय श्री राम! Jai Shri Ram! pic.twitter.com/8kJ4qEYah2 — Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 4, 2020 पीएमओ ने जारी कीं प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें प्रधानमंत्री ऑफिस द्वारा प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें जारी की गई हैं। इन तस्वीरों के माध्यम से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि राम मंदिर कितना भव्य और सुंदर प्रतीत होगा। ये भी पढ़े... राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर जश्न में डूबी अयोध्या नगरी, 1 लाख 11 हजार लड्डुओं से लगेगा भोग अयोध्या : राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले ��ोरोना संकट, राम लला के पुजारी और 16 पुलिसकर्मी निकले कोरोना पॉजिटिव महज 32 सेकंड के शुभ मुहूर्त में पीएम मोदी करेंगे राम मंदिर की नींव पूजा, अभिजीत मुहूर्त में होगा पूजन Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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राम मंदिर भूमि पूजन: PMO ने साझा की प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें, अयोध्या में मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को यानी कल भूमि पूजन होना है। इसके लिए जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। सोमवार को सुबह 9 बजे 21 वैदिक आचार्यों ने यजमान महेश भरतचक्रा को संकल्प दिलाते हुए पूजन शुरू किया। भूमि पूजन के लिए मेहमानों का भी आने का सिलसिला शुरू हो गया है। राम जन्मभूमि परिसर में रामाचा पूजन का भी शुभारंभ हनुमानगढ़ी के निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचिव गौरी शंकर दास ने बताया कि, 'सुबह 9 बजे हनुमान जी के निशान को निकालकर गद्दी दलान में लाया गया। जहां विधि विधान पूर्वक निशान का पूजन अर्चन किया गया। इसके बाद हनुमान जी की आरती उतारी गई और भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। निशान पूजन के अवसर पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र, अशोक तिवारी सहित अन्य मौजूद रहे।' राम मंदिर में शुरू हुए तीन दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन राम जन्मभूमि परिसर में रामाचा पूजन का भी शुभारंभ मंगलवार को हो गया है। अयोध्या में मेहमानों का आना शुरू बाबा रामदेव, स्वामी अवधेशानंद, चिदानंद मुनि, सुधीर दहिया, राजू स्वामी एक हेलीकॉप्टर से अयोध्या एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं। ब्रह्मानंद स्वामी, सुरेश पटेल व रितेश डांडिया दूसरे हेलीकॉप्टर से अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचे। श्री राम जन्मभूमि मन्दिर विश्व में भारतीय स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण होगा। जन्मभूमि मन्दिर के प्रस्तावित मॉडल के कुछ चित्र। Shri Ram Janmbhoomi Mandir will be a unique example of Indian architecture. Here are some photos of the proposed model. जय श्री राम! Jai Shri Ram! pic.twitter.com/8kJ4qEYah2 — Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 4, 2020 पीएमओ ने जारी कीं प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें प्रधानमंत्री ऑफिस द्वारा प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें जारी की गई हैं। इन तस्वीरों के माध्यम से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि राम मंदिर कितना भव्य और सुंदर प्रतीत होगा। ये भी पढ़े... राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर जश्न में डूबी अयोध्या नगरी, 1 लाख 11 हजार लड्डुओं से लगेगा भोग अयोध्या : राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले कोरोना संकट, राम लला के पुजारी और 16 पुलिसकर्मी निकले कोरोना पॉजिटिव महज 32 सेकंड के शुभ मुहूर्त में पीएम मोदी करेंगे राम मंदिर की नींव पूजा, अभिजीत मुहूर्त में होगा पूजन Read the full article
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राम मंदिर भूमि पूजन: PMO ने साझा की प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें, अयोध्या में मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को यानी कल भूमि पूजन होना है। इसके लिए जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। सोमवार को सुबह 9 बजे 21 वैदिक आचार्यों ने यजमान महेश भरतचक्रा को संकल्प दिलाते हुए पूजन शुरू किया। भूमि पूजन के लिए मेहमानों का भी आने का सिलसिला शुरू हो गया है। राम जन्मभूमि परिसर में रामाचा पूजन का भी शुभारंभ हनुमानगढ़ी के निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचिव गौरी शंकर दास ने बताया कि, 'सुबह 9 बजे हनुमान जी के निशान को निकालकर गद्दी दलान में लाया गया। जहां विधि विधान पूर्वक निशान का पूजन अर्चन किया गया। इसके ब���द हनुमान जी की आरती उतारी गई और भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। निशान पूजन के अवसर पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र, अशोक तिवारी सहित अन्य मौजूद रहे।' राम मंदिर में शुरू हुए तीन दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन राम जन्मभूमि परिसर में रामाचा पूजन का भी शुभारंभ मंगलवार को हो गया है। अयोध्या में मेहमानों का आना शुरू बाबा रामदेव, स्वामी अवधेशानंद, चिदानंद मुनि, सुधीर दहिया, राजू स्वामी एक हेलीकॉप्टर से अयोध्या एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं। ब्रह्मानंद स्वामी, सुरेश पटेल व रितेश डांडिया दूसरे हेलीकॉप्टर से अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचे। पीएमओ ने जारी कीं प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें प्रधानमंत्री ऑफिस द्वारा प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें जारी की गई हैं। इन तस्वीरों के माध्यम से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि राम मंदिर कितना भव्य और सुंदर प्रतीत होगा। ये भी पढ़े... राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर जश्न में डूबी अयोध्या नगरी, 1 लाख 11 हजार लड्डुओं से लगेगा भोग अयोध्या : राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले कोरोना संकट, राम लला के पुजारी और 16 पुलिसकर्मी निकले कोरोना पॉजिटिव महज 32 सेकंड के शुभ मुहूर्त में पीएम मोदी करेंगे राम मंदिर की नींव पूजा, अभिजीत मुहूर्त में होगा पूजन Read the full article
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राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर जश्न में डूबी अयोध्या नगरी, 1 लाख 11 हजार लड्डुओं से लगेगा भोग
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या में 5 अगस्त को रामजन्म स्थल का भूमि पूजन है। इसे लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। पूरी अयोध्या नगरी को रंगरोगन किया जा रहा है। साथ ही रामलला के कपड़े भी तैयार कर लिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, रामलला को भोग लगाने के लिए अयोध्या की मणिरामदास छावनी में करीब एक लाख 11 हजार लड्डुओं को तैयार किया जा रहा है। इन लड्डुओं को स्टील के डिब्बों में पैक किया जाएगा और फिर इन्हें अन्य तीर्थ क्षेत्रों में वितरण किया जाएगा।
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जानकारी के मुताबिक, रामलला के लिए लड्डू बनाने का कार्य देवराहा बाबा स्थल से जुड़े अनुयायी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे नगर को त्रेतायुग की तरह सजाने को कहा है। उन्होंने पांच अगस्त को देशभर के लोगों से दीवाली मनाने की भी अपील की है। अयोध्या नगरी के हर कोने के लोगों में राममंदिर निर्माण शुरू होने की खुशी साफ देखने को मिल रही है। हालांकि, कोरोना के चलते लाखों रामभक्त अयोध्या जाकर भूमि पूजन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे। अयोध्या वासी लाइव भूमि पूजन देखने की तैयारी में पूरे उत्साह से जुटे हुए हैं।
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नयाघाट स्थित वशिष्ठ पीठ तिवारी मंदिर के महंत गिरीशपति त्रिपाठी का कहना है कि, राममंदिर का जो भूमि पूजन होने जा रहा है, इसको लेकर इस प्रकार की खुशी का अहसास हो रहा है जैसे रामजन्म की बेला में होता है। एक तरह से भगवान का अयोध्या में फिर से प्राकट्य ही हो रहा है। सदियों के संघर्ष के बाद रामलला टेंट से आजाद होकर दिव्य-भव्य मंदिर में विराजने जा रहे हैं। इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है। Read the full article
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