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chaitanyabharatnews · 3 years
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भक्तों के लिए खुशखबरी: अब एक साल पहले ही बनकर तैयार हो जाएगा राम मंदिर, बैठक में लिए गए ये निर्णय
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चैतन्य भारत न्यूज राममंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में रामभक्तों के लिए खुशखबरी है। जानकारी मुताबिक, अब राम मंदिर एक साल पहले यानी साल 2023 में ही बनकर तैयार हो जाएगा और भक्त दर्शन कर सकेंगे। इसी के साथ तय हुआ है कि राममंदिर का परिसर इको फ्रेंडली होगा। यहां त्रेतायुग के मनमोहक दृश्यों के साथ भक्तों के लिए आधुनिक सुख-सुविधाओं पर पूरा फोकस रहेगा। संपूर्ण परिसर 2025 खत्म होने से पहले विकसित हो जाएगा। बैठक में हुई ये चर्चा गुरुवार को राममंदिर निर्माण समिति की बैठक संपन्न हुई। यह दो दिवसीय बैठक नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में संपूर्ण हुई जिसमें श्रीराम जन्मभूमि परिसर का मास्टर प्लान तैयार करने के साथ-साथ मंदिर की भव्यता व सुरक्षा पर गहन मंथन किया गया। पहले राममंदिर 2024 तक बनाने का लक्ष्य था लेकिन इसे अब घटाकर 2023 कर दिया गया है। 2023 के बाद भक्त मंदिर के गर्भगृह में दर्शन-पूजन कर सकेंगे। 2025 तक संपूर्ण परिसर सभी सुविधाओं से लैस हो जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि, राममंदिर की भव्यता व उसकी सुरक्षा को लेकर मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने तकनीकी विशेषज्ञों से गहन मंथन किया है। सुरक्षा के लिए बनेगी 12 मीटर गहरी रिटेनिंग वॉल राममंदिर प्राकृतिक दृष्टि से सुरक्षित रहे इसको लेकर तकनीकी विशेषज्ञों के साथ गहन मंथन किया है। चंपत राय ने बताया कि, पानी का प्रवाह, पानी से रक्षा, बालू के रिसाव को रोकने के लिए तीन दिशा में रिटेनिंग वॉल बनेगी। जिसे जमीन के अंदर 12 मीटर गहराई तक ले जाएंगे। मंदिर में जितनी चौखट लगेंगी वो मकराना के उच्च कवालिटी के सफेद संगमरमर से बनेगी। खिड़कियों में वंशी पहाड़पुर का सैंडस्टोन का इस्तेमाल होगा। वाटर प्रूफ होगी 16 फीट ऊंची प्लिंथ राममंदिर न सिर्फ भव्यता की मिसाल होगा बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी देश-दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में शामिल होगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए हुए उत्खन्न क्षेत्र को 44 परतों में इंजीनियरिंग फिल से भरा जाना है। जब 44 परत की नींव बन जाएगी तब उसके ऊपर सात फीट मोटा राफ्ट बनाया जाएगा। 16 फीट ऊंची रामंमदिर की प्लिंथ को वाटर प्रूफ बनाने के लिए ग्रेनाइट के पत्थरों की तीन लेयर डाली जाएगी। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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अयोध्या: भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए तांबे की पत्तियों की जरूरत, ट्रस्ट ने की भक्तों से दान करने की अपील
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भक्तों से मंदिर निर्माण में अपना योगदान करने की अपील की है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने ट्वीट कर बताया कि, हमने 10 हजार ताबें की पत्तियां दान करने की लोगों से अपील की है। For Mandir construction, copper plates will be used to fuse stone blocks with each other. The plates should be 18 inches long, 30 mm wide & 3 mm in depth.10,000 such plates may be required in total structure. We call upon Shri Rambhakts to donate such copper plates to the trust. — Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 20, 2020 2023 तक पूरा हो सकता है निर्माण कार्य श्री राम जन्मभूमि भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। CBRI रुड़की और IIT मद्रास के साथ मिलकर निर्माणकर्ता कंपनी L&T के अभियंता भूमि की मृदा के परीक्षण के कार्य में लगे हुए है। मंदिर निर्माण के कार्य में लगभग 36-40 महीने का समय लगने का अनुमान है। यानी 2023 तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो सकता है। मंदिर निर्माण में लगेगी 10 हजार तांबे की पत्तियां और रॉड श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ट्वीट करके बताया कि, 'मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। निर्माण कार्य हेतु 18 इंच लम्बी, 3 mm गहरी और 30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता पड़ेगी। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र श्रीरामभक्तों का आह्वान करता है कि तांबे की पत्तियां दान करें।' मन्दिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। निर्माण कार्य हेतु 18 इंच लम्बी, 3 mm गहरी और 30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता पड़ेगी। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र श्रीरामभक्तों का आह्वान करता है कि तांबे की पत्तियां दान करें। — Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 20, 2020 तांबे की पत्तियों में लिखा सकते हैं दानकर्ता अपना नाम ट्रस्ट ने यह भी बताया कि, भक्त चाहे तो इन तांबे की पत्तियों पर अपने परिवार, क्षेत्र अथवा मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं। इस प्रकार से ये तांबे की पत्तियां न केवल देश की एकात्मता का अभूतपूर्व उदाहरण बनेंगी, अपितु मंदिर निर्माण में सम्पूर्ण राष्ट्र के योगदान का प्रमाण भी देंगी। प्राचीन पद्धति के तौर पर किया जाएगा मंदिर का निर्माण श्री रामजन्मभूमि मन्दिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे, अपितु भूकंप, झंझावात अथवा अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो। मन्दिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नही किया जाएगा। इस कारण किया जा रहा है तांबे का इस्तेमाल जानकारी के मुताबिक, पुराने समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल तांबे और कांसे का किया जाता था। क्योंकि निर्माण के दौरान यह पानी से बिल्कुल भी प्रतिक्रिया नहीं करता है। इसके साथ ही यह धीरे-धीरे ऑक्साइड बनाता है। वहीं दूसरे और अगर लोहे की बात करें तो पानी के संपर्क में आते ही जंग लग जाती है। वहीं तांबा लोहा के उलट ऑक्साइड धातु के ऊपर बनाता है जिसके कारण ऑक्सीकरण भी रूक जाता है। जिससे इससे बनाई गई इमारत हजारों साल ऐसे ही खड़ी रहती हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बैंक खातों की जानकारी तथा दान करने की प्रक्रिया का विवरण निम्नानुसार है। Details of the bank accounts of Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra and various ways of donation are mentioned below. जय श्री राम! Jai Shri Ram! pic.twitter.com/6MrVfKMft4 — Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 12, 2020 मंदिर निर्माण में ऐसे करें आर्थिक योगादान जो भी भक्त मंदिर निर्माण के लिए दान देना चाहता है वह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम से एक बैंक अकाउंट पर ट्रांसफर कर सकते हैं। यह अकाउंट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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राम मंदिर निर्माण के लिए ये भक्त दान करेगा 51 हजार ईंटें, इस खास मिट्टी से हो रही हैं तैयार
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. अयोध्या के राम मंदि��� निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भूमि पूजन समारोह तीन दिवसीय है। 5 अगस्त 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान होगा। राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले पर ऐतिहासिक फैसले के आने के बाद अब राम भक्त मंदिर निर्माण के लिए काफी उत्सुक हैं। ऐसा ही एक भक्त अयोध्या में भी मिला जिसने राम मंदिर के फैसले के साथ ही 51 हजार भगवान राम नाम की ईंट बनवाना शुरू कर दिया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर निर्माण की तारीख घोषित होते ही वह 51 हजार अवल दर्जे की ईंटें भगवान राम लला के गर्भ ग्रह की नींव भरने के लिए राम जन्म भूमि में दान करेंगे। भट्टे के मालिक संदीप वर्मा के मुताबिक, उनके मन में इच्छा शक्ति आई कि वह भगवान राम के मंदिर के गर्भ गृह की नींव भरने के लिए 51 हजार ईंटें रामलला को दान करेंगे। राम मंदिर के लिए मटियारी मिट्टी का प्रयोग संदीप वर्मा ने बताया कि, जिस स्थान पर राम नाम की ईंटें बन रही हैं उस जगह पर जूते-चप्पल पहनकर जाना वर्जित है। भक्त और भगवान का ताल्लुक सदियों से चला आ रहा है। यह विशेष तरह की मटियारी मिट्टी से बनी ईंटें होंगी। ईंट में शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखा गया है। ईंटें पाथने के लिए 16 मजदूर लगे हैं जो रात दिन मेहनत करके 51 हजार ईंटों को तैयार करेंगे। 9 नवंबर को आया था फैसला गौरतलब है कि, 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है। जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया है। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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161 फीट ऊंचा होगा तीन मंजिला राम मंदिर, 2023 तक होगा तैयार, श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित पार्क बनेगा
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भूमि पूजन समारोह तीन दिवसीय है। 5 अगस्त 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान होगा। 15 फीट गहरी होगी नींव जानकारी के मुताबिक, मंदिर को पिछली डिज़ाइन में तय ऊंचाई से ज्यादा ऊंचा बनाया जा रहा है। अब राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। पहले इसकी ऊंचाई 141 फीट तय की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर की नींव 15 फीट गहरी होगी। राम मंदिर की नींव में 8 लेयर होंगे। 2-2 फीट की एक लेयर होगी। नींव का प्लेटफॉर्म तैयार करने में कंक्रीट, मोरंग का इस्तेमाल होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। राम मंदिर तीन मंजिल का होगा- भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल। तीन मंजिला मंदिर में होंगे 318 खंभे नए मॉडल के मुताबिक राम मंदिर 10 एकड़ में बनेगा। शेष 57 एकड़ को राम मंदिर परिसर के तौर पर विकसित किया जाएगा। तीन मंजिला मंदिर में 318 खंभे होंगे और हल तल पर 106 खंभे बनाए जाएंगे। राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी, 27 नक्षत्र के वृक्ष लगाए जाएंगे। नक्षत्र वाटिका का बनाने का मकसद है कि अपने अपने जन्मदिन पर लोग अपने नक्षत्र के हिसाब से पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा सकें और राम मंदिर परिसर में पूजा अर्चना कर सकें। राम मंदिर परिसर में वाल्मीकि रामायण में वर्णित वृक्षों को भी लगाया जाएगा और इनका नाम भी वाल्मीकि रामायण के आधार पर ही रखा जाएगा। भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित पार्क बनेगा राम मंदिर में परिसर में रामकथा कुंज पार्क भी बनेगा जो भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित होगा। राम मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मिले अवशेषों का संग्रहालय भी बनाया जाएगा। गोशाला, धर्मशाला, अन्य मंदिर बनाए जाएंगे। राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए ताम्रपत्र तैयार कराया जा रहा है। ताम्रपत्र पर संस्कृत भाषा में राम मंदिर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी लिखी होगी। ताम्रपत्र पर मंदिर का नाम, स्थान, नक्षत्र, समय लिखा होगा, जिसे नींव में रखा जाएगा। सभी प्रमुख ती���्थ स्थलों की मिट्टी और नदियों के जल से भूमि पूजन किया जाएगा। राम मंदिर में परिसर में 2 परिक्रमा केन्द्र भी बनाए जाएंगे। पहली परिक्रमा गर्भगृह की होगी और दूसरी परिक्रमा राम मंदिर की होगी। मंदिर का निर्माण कार्य साल 2023 तक पूरा हो सकता है। ये भी पढ़े... राम मंदिर के भूमि पूजन मुहूर्त को लेकर विवाद, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने शिलान्यास के वक्त को बताया अशुभ 3 दिन तक चलेगा राम मंदिर का भूमि पूजन, ये है पूरा कार्यक्रम 5 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी कर सकते हैं राम मंदिर का भूमि पूजन, जानिए इस मुहूर्त का प्रभु श्रीराम से क्या है संबंध अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन पांच अगस्त को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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राम मंदिर निर्माण के लिए ये भक्त दान करेगा 51 हजार ईंटें, इस खास मिट्टी से हो रही हैं तैयार
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भूमि पूजन समारोह तीन दिवसीय है। 5 अगस्त 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान होगा। राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले पर ऐतिहासिक फैसले के आने के बाद अब राम भक्त मंदिर निर्माण के लिए काफी उत्सुक हैं। ऐसा ही एक भक्त अयोध्या में भी मिला जिसने राम मंदिर के फैसले के साथ ही 51 हजार भगवान राम नाम की ईंट बनवाना शुरू कर दिया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर निर्माण की तारीख घोषित होते ही वह 51 हजार अवल दर्जे की ईंटें भगवान राम लला के गर्भ ग्रह की नींव भरने के लिए राम जन्म भूमि में दान करेंगे। भट्टे के मालिक संदीप वर्मा के मुताबिक, उनके मन में इच्छा शक्ति आई कि वह भगवान राम के मंदिर के गर्भ गृह की नींव भरने के लिए 51 हजार ईंटें रामलला को दान करेंगे। राम मंदिर के लिए मटियारी मिट्टी का प्रयोग संदीप वर्मा ने बताया कि, जिस स्थान पर राम नाम की ईंटें बन रही हैं उस जगह पर जूते-चप्पल पहनकर जाना वर्जित है। भक्त और भगवान का ताल्लुक सदियों से चला आ रहा है। यह विशेष तरह की मटियारी मिट्टी से बनी ईंटें होंगी। ईंट में शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखा गया है। ईंटें पाथने के लिए 16 मजदूर लगे हैं जो रात दिन मेहनत करके 51 हजार ईंटों को तैयार करेंगे। 9 नवंबर को आया था फैसला गौरतलब है कि, 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है। जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया है। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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161 फीट ऊंचा होगा तीन मंजिला राम मंदिर, 2023 तक होगा तैयार, श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित पार्क बनेगा
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भूमि पूजन समारोह तीन दिवसीय है। 5 अगस्त 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान होगा। 15 फीट गहरी होगी नींव जानकारी के मुताबिक, मंदिर को पिछली डिज़ाइन में तय ऊंचाई से ज्यादा ऊंचा बनाया जा रहा है। अब राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। पहले इसकी ऊंचाई 141 फीट तय की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर की नींव 15 फीट गहरी होगी। राम मंदिर की नींव में 8 लेयर होंगे। 2-2 फीट की एक लेयर होगी। नींव का प्लेटफॉर्म तैयार करने में कंक्रीट, मोरंग का इस्तेमाल होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। राम मंदिर तीन मंजिल का होगा- भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल। तीन मंजिला मंदिर में होंगे 318 खंभे नए मॉडल के मुताबिक राम मंदिर 10 एकड़ में बनेगा। शेष 57 एकड़ को राम मंदिर परिसर के तौर पर विकसित किया जाएगा। तीन मंजिला मंदिर में 318 खंभे होंगे और हल तल पर 106 खंभे बनाए जाएंगे। राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी, 27 नक्षत्र के वृक्ष लगाए जाएंगे। नक्षत्र वाटिका का बनाने का मकसद है कि अपने अपने जन्मदिन पर लोग अपने नक्षत्र के हिसाब से पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा सकें और राम मंदिर परिसर में पूजा अर्चना कर सकें। राम मंदिर परिसर में वाल्मीकि रामायण में वर्णित वृक्षों को भी लगाया जाएगा और इनका नाम भी वाल्मीकि रामायण के आधार पर ही रखा जाएगा। भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित पार्क बनेगा राम मंदिर में परिसर में रामकथा कुंज पार्क भी बनेगा जो भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित होगा। राम मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मिले अवशेषों का संग्रहालय भी बनाया जाएगा। गोशाला, धर्मशाला, अन्य मंदिर बनाए जाएंगे। राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए ताम्रपत्र तैयार कराया जा रहा है। ताम्रपत्र पर संस्कृत भाषा में राम मंदिर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी लिखी होगी। ताम्रपत्र पर मंदिर का नाम, स्थान, नक्षत्र, समय लिखा होगा, जिसे नींव में रखा जाएगा। सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी और नदियों के जल से भूमि पूजन किया जाएगा। राम मंदिर में परिसर में 2 परिक्रमा केन्द्र भी बनाए जाएंगे। पहली परिक्रमा गर्भगृह की होगी और दूसरी परिक्रमा राम मंदिर की होगी। मंदिर का निर्माण कार्य साल 2023 तक पूरा हो सकता है। ये भी पढ़े... राम मंदिर के भूमि पूजन मुहूर्त को लेकर विवाद, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने शिलान्यास के वक्त को बताया अशुभ 3 दिन तक चलेगा राम मंदिर का भूमि पूजन, ये है पूरा कार्यक्रम 5 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी कर सकते हैं राम मंदिर का भूमि पूजन, जानिए इस मुहूर्त का प्रभु श्रीराम से क्या है संबंध अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन पांच अगस्त को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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161 फीट ऊंचा होगा तीन मंजिला राम मंदिर, 2023 तक होगा तैयार, भव्य मंदिर के डिजाइन में किए गए ये खास बदलाव
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भूमि पूजन समारोह तीन दिवसीय होगा। राम मंदिर के गर्भगृह का भूमि पूजन कार्यक्रम 3 अगस्त से शुरू हो जाएगा। इस तिथि को गणेश पूजन होगा। 4 अगस्त को रामर्चन होगा और 5 अगस्त 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान होगा। 15 फीट गहरी होगी नींव 1988 में बने मंदिर के डिजाइन में कुछ अहम बदलाव किए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, मंदिर को पिछली डिज़ाइन में तय ऊंचाई से ज्यादा ऊंचा बनाया जा रहा है। अब राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। पहले इसकी ऊंचाई 141 फीट तय की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर की नींव 15 फीट गहरी होगी। राम मंदिर की नींव में 8 लेयर होंगे। 2-2 फीट की एक लेयर होगी। नींव का प्लेटफॉर्म तैयार करने में कंक्रीट, मोरंग का इस्तेमाल होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। राम मंदिर तीन मंजिल का होगा- भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल। तीन मंजिला मंदिर में होंगे 318 खंभे नए मॉडल के मुताबिक राम मंदिर 10 एकड़ में बनेगा। शेष 57 एकड़ को राम मंदिर परिसर के तौर पर विकसित किया जाएगा। तीन मंजिला मंदिर में 318 खंभे होंगे और हल तल पर 106 खंभे बनाए जाएंगे। राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी, 27 नक्षत्र के वृक्ष लगाए जाएंगे। नक्षत्र वाटिका का बनाने का मकसद है कि अपने अपने जन्मदिन पर लोग अपने नक्षत्र के हिसाब से पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा सकें और राम मंदिर परिसर में पूजा अर्चना कर सकें। राम मंदिर परिसर में वाल्मीकि रामायण में वर्णित वृक्षों को भी लगाया जाएगा और इनका नाम भी वाल्मीकि रामायण के आधार पर ही रखा जाएगा। भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित पार्क बनेगा राम मंदिर में परिसर में रामकथा कुंज पार्क भी बनेगा जो भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित होगा। राम मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मिले अवशेषों का संग्रहालय भी बनाया जाएगा। गोशाला, धर्मशाला, अन्य मंदिर बनाए जाएंगे। राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए ताम्रपत्र तैयार कराया जा रहा है। ताम्रपत्र पर संस्कृत भाषा में राम मंदिर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी लिखी होगी। ताम्रपत्र पर मंदिर का नाम, स्थान, नक्षत्र, समय लिखा होगा, जिसे नींव में रखा जाएगा। सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी और नदियों के जल से भूमि पूजन किया जाएगा। राम मंदिर में परिसर में 2 परिक्रमा केन्द्र भी बनाए जाएंगे। पहली परिक्रमा गर्भगृह की होगी और दूसरी परिक्रमा राम मंदिर की होगी। मंदिर का निर्माण कार्य साल 2023 तक पूरा हो सकता है। ये भी पढ़े...   राम मंदिर के भूमि पूजन मुहूर्त को लेकर विवाद, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने शिलान्यास के वक्त को बताया अशुभ 3 दिन तक चलेगा राम मंदिर का भूमि पूजन, ये है पूरा कार्यक्रम 5 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी कर सकते हैं राम मंदिर का भूमि पूजन, जानिए इस मुहूर्त का प्रभु श्रीराम से क्या है संबंध अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन पांच अगस्त को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे Read the full article
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