#श्रद्धा
Explore tagged Tumblr posts
Text
⭕पितृ पक्ष पर क्या करें और क्या ना करें....⭕
**पितृ पक्ष: एक धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण** पितृ पक्ष, भारतीय संस्कृति में एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक 16 दिनों तक चलता है। इसे ‘श्राद्ध’ या ‘महालय’ के नाम से भी जाना जाता है। इन दिनों में हिन्दू धर्मावलंबी अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना करते हुए विशेष पूजा-अर्चना करते…
3 notes
·
View notes
Text
गीता भी हमें श्राद्ध के विषय में निर्णायक ज्ञान देती है। गीता के अध्याय 9 के श्लोक 25 में कहा है कि देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हैं, पितरों को पूजने वाले पितरों को प्राप्त होते हैं, भूतों को पूजने (पिण्ड दान करने) वाले भूतों को प्राप्त होते हैं अर्थात भूत बन जाते हैं, शास्त्रानुकूल (पवित्र वेदों व गीता अनुसार) पूजा करने वाले मुझको ही प्राप्त होते हैं अर्थात ब्रह्मलोक के स्वर्ग व महास्वर्ग आदि में कुछ ज्यादा समय मौज कर लेते हैं और पुण्यरूपी कमाई खत्म होने पर फिर से 84 लाख योनियों में प्रवेश कर जाते हैं।
0 notes
Text
instagram
ईश्वर सब देखता है
ईश्वर सब को देखता है और समय-समय पर हमारे कर्मों का निरिक्षण करता है। वह हमारे मन के भावों और चाल-धाल को समझता है, और हमारे प्रत्येक कदम को देखता है। ईश्वर हमें हमेशा सत्य का मार्ग दिखाते हैं और हमें अपने कर्मों के लिए जिम्मेदार बनाते हैं। उनकी उपस्थिति और उनका ध्यान हमें भयभीत करता है,
For more details visit - गीता के श्लोकों को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करते हैं। Geeta gyan - Geeta param rahasyam ये श्लोक गीता के महत्वपूर्ण भाग हैं जो मार्गदर्शन के रूप में सेवन किए जा सकते हैं।
लेकिन यह भी हमें उनकी शरण में आने के लिए प्रेरित करता है। हमें ईश्वर के सामने ईमानदार और निष्कपट रहना चाहिए, क्योंकि वह हमारे हर कार्य का निरीक्षण करते हैं और हमें उसी के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
0 notes
Text
सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
0 notes
Text
Is performing Shradh (rituals for ancestors) against the scriptures?
Ruchi Rishi said, "In the Vedas, the path of Karm-Kand (Shradh, to offer Pind etc) is said to be sadhna of the fools.
Markandeya Purana Published by Gita Press Gorakhpur, page 242
Jagat Guru Tattvadarshi Sant Rampal Ji Maharaj
📣 Visit our YouTube channel Sant Rampal ji Maharaj
📌For more information download "Sant Rampal Ji Maharaj" App from PlayStore.
#अंध श्रद्धा#श्राद्ध की शास्त्र अनुकूल विधि#sant rampal ji maharaj#saintrampalji#youtube#kabir is god#godkabir#chennai#delhi#bengaluru#my post
57 notes
·
View notes
Text
2 notes
·
View notes
Text
#जो भक्त जैसी श्रद्धा से तथा अधिकता तथा न्यूनता से भक्ति करता है#उसको उतना ही साधना का लाभ होता है।GodMorningWednesdayखुल_गया_राज_गीता_क
0 notes
Text
#श्राद्ध_की_श्रेष्ठ_विधि_जोदेतीहै_हजारगुनालाभFactfulDebatesYouTubeChannel#श्रद्धा की बजाय अपने माता-पिता को और गुरु को सम्मान करना ही सच्चा धर्म है। विशेष जानकारी के लिए
1 note
·
View note
Text
गरीब, दोऊ दीन मधि एक है,
अलह अलेख पिछान।
नाम निरंतर लीजिये,
भगति हेत उर आन।।
#GodMorningTuesday
#सूक्ष्मवेद_का_रहस्य
Must Watch श्रद्धा MH - ONE CHANNEL 02:00 pm (IST)
#गरीब#दोऊ दीन मधि एक है#अलह अलेख पिछान।नाम निरंतर लीजिये#भगति हेत उर आन।।GodMorningTuesdayसूक्ष्मवेद_का_रहस्यMust Watch श्रद्धा MH -
0 notes
Text
0 notes
Text
0 notes
Text
Shraddha TV Satsang 16-07-2024 || Episode: 2624 || Sant Rampal Ji Mahara...#MustListen_Satsang
बंदी छोड़ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का अनमोल सत्संग अवश्य देखे श्रद्धा टीवी दोपहर 2:00 बजे
0 notes
Text
#kabirisgod#india#➡️ सुनिए जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन :- 🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:0
0 notes
Text
आन उपासना
अग्नि लगा दिया जब लम्बा, फूंक दिया उस ठांही। पुराण उठा फिर पंडित आए, पीछे गरुड़ पढ़ाई। प्रेत शिला पर जा विराजे, पितरों पिण्ड भराई। बहुर श्राद्ध खाने कूं आए, काग भए कलि माहीं। जै सतगुरु की संगति करते, सकल कर्म कटि जाई। अमरपुरी पर आसन होता, जहाँ धूप न छांई।
सूक्ष्मवेद (तत्वज्ञान) में तथा चारों वेदों तथा इन चारों वेदों के सारांश गीता जी में स्पष्ट किया है कि आन-उपासना (जैसे श्राद्ध कर्म) नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये शास्त्रों में वर्णित न होने से मनमाना आचरण है जो गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 में व्यर्थ बताया है। सर्व हिन्दू समाज यह आन-उपासना (श्राद्ध, पितर पूजा) करते हैं जिससे भक्ति की सफलता नहीं होती। जिस कारण से नरकगामी होते हैं तथा प्रेत-पितर, पशु-पक्षी आदि के शरीरों में महाकष्ट उठाते हैं।
📣 Visit our YouTube channel Sant Rampal ji Maharaj
📌अधिक जानकारी के लिए PlayStore से "Sant Rampal Ji Maharaj" App Download करें ।
#अंध श्रद्धा#श्राद्ध की शास्त्र अनुकूल विधि#sant rampal ji maharaj#youtube#saintrampalji#kabir is god#godkabir#chennai#delhi#bengaluru#my post
28 notes
·
View notes