#रियो गेम्स
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विनेश फोगाट ने महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग में पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा पक्का कर लिया
29 वर्षीय विनेश ने अब अपना लगातार तीसरा ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया है, इससे पहले उन्होंने रियो गेम्स (2016) और टोक्यो (2020) में भी हिस्सा लिया था। यह पेरिस खेलों के लिए भारत का दूसरा कोटा स्थान भी है क्योंकि एंटीम पंघाल ने 53 किग्रा वर्ग में कोटा अर्जित किया था। हमेशा की तरह प्रभावी दिख रही विनेश फोगाट ने शनिवार को यहां महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग में एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर में एक भी अंक गंवाए…
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रियो ओलंपिक: 'पैसे' के लिए छेड़छाड़ की गई 10 से अधिक मुक्केबाजी मुकाबलों में जांच का खुलासा, एआईबीए ने सफाई का वादा किया | बॉक्सिंग न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
रियो ओलंपिक: ‘पैसे’ के लिए छेड़छाड़ की गई 10 से अधिक मुक्केबाजी मुकाबलों में जांच का खुलासा, एआईबीए ने सफाई का वादा किया | बॉक्सिंग न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: २०१६ में १० से अधिक मुकाबले रियो ओलंपिक एक स्वतंत्र जांच से पता चला है कि “पैसे” और अन्य “कथित लाभों” के लिए मुक्केबाजी प्रतियोगिता में हेराफेरी की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (पास होना) आगामी पुरुष विश्व चैंपियनशिप में रेफरी और जजों के लिए “कठिन” चयन प्रक्रिया का वादा करना। मैकलारेन ग्लोबल स्पोर्ट सॉल्यूशंस की बॉक्सिंग में स्वतंत्र जांच की पहले चरण की रिपोर्ट, जिसे पीटीआई…
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#अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति#अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ#पास होना#मुझे आशा है कि क्रेमलेव#रिचर्ड मैकलारेन#रियो ओलंपिक#रियो गेम्स#रूसी मुक्केबाजी महासंघ
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Rio 2016 पैरालिम्पिक गेम्स में मेडल जीतने वाली Deepa Malik ने बताया Tokyo में कितने मेडल आएंगे
Rio 2016 पैरालिम्पिक गेम्स में मेडल जीतने वाली Deepa Malik ने बताया Tokyo में कितने मेडल आएंगे
रियो 2016 पैरालिम्पिक मौसम में मौसम अनुकूल दीपा मलिक ने टोक्यो में मेडिकल उड़ान . Source link
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हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर का आज सम्मान करेंगे मुख्यमंत्री शिवराज Divya Sandesh
#Divyasandesh
हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर का आज सम्मान करेंगे मुख्यमंत्री शिवराज
भोपाल। टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी विवेक सागर को आज भोपाल के मिंटो हॉल में सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज दोपहर 12:30 बजे उन्हें सम्मानित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय हॉकी टीम के सदस्य के रूप में शामिल विवेक सागर ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अर्जेंटीना के विरुद्ध गोल किया था, जिसके फलस्वरूप भारतीय टीम पहले क्वार्टर फाइनल और बाद में सेमीफाइनल में पहुंच सकी। भारत को कांस्य पदक भी प्राप्त हुआ।
विवेक सागर होशंगाबाद जिले की इटारसी तहसील के ग्राम शिवनगर चांदौन में मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे हैं। इनके पिता रोहित प्रसाद शिक्षक हैं। विवेक सागर ने वर्ष 2018 में फोर नेशंस टूर्नामेंट, कॉमनवेल्थ गेम्स, चैम्पियन ट्राफी, यूथ ओलंपिक, न्यूजीलैंड टेस्ट सीर��ज, एशियन गेम्स तथा वर्ष 2019 में अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट, आस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज और फाइनल सीरीज भुवनेश्वर जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। एशियाड 2018 में भारत को कांस्य पदक दिलाने वाली भारतीय टीम में शामिल मिडफिल्डर हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर 62 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। साथ ही सागर को वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश शासन ने एकलव्य अवार्ड से सम्मानित भी किया है।
यह खबर भी पढ़ें: डीफ विलेज के नाम से मशहूर हैं ये गांव, सिर्फ इशारों में होती है बातचीत
हर कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने की खिलाड़ियों की हौसला अफजाई मध्यप्रदेश शासन की ओर से विवेक सागर को सम्मान निधि भी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने विवेक सागर को सम्मान स्वरूप एक करोड़ रुपए की राशि देने का घोषणा की है। मध्यप्रदेश में हॉकी अकादमी के माध्यम से पुरुष और महिला हॉकी खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। पूर्व में चौहान अपने मुख्यमंत्री पद के प्रथम कार्यकाल में भारतीय महिला हॉकी टीम को अपने निवास पर भी सम्मानित कर चुके हैं। चौहान ने इसी सप्ताह टोक्यो ओलंपिक में गई भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों को मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से 31-31 लाख रूपए देने की घोषणा की है। मध्यप्रदेश महिला हॉकी अकादमी में प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलंपिक के पहले रियो ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। बीते वर्षों में खेलों और खिलाड़ियों के विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने अनेक सुविधाएँ विकसित की हैं। हाल ही में प्रदेश के अनेक स्थानों पर हॉकी मैदान में टर्फ बिछाने के कार्य की पहल भी की गई है।
कोच भी होंगे सम्मानित, अनेक खिलाड़ी रहेंगे मौजूद मुख्यमंत्री चौहान 12 अगस्त को भारतीय हॉकी टीम के प्रशिक्षक श्री अशोक कुमार, सहायक कोच शिवेन्द्र सिंह को भी सम्मानित करेंगे। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रदेश के विभिन्न खेलों के प्रतिभावान और प्रशिक्षु के साथ ही विभिन्न खेलों के अनेक पदक प्राप्त खिलाड़ी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
यह खबर भी पढ़ें: अनोखी परम्परा: यहां सिर्फ जिंदा ही नहीं बल्कि मर चुके लोगों की भी की जाती है शादी
मध्यप्रदेश में प्रत्येक खेल को प्रोत्साहन मुख्यमंत्री चौहान का मानना है कि विवेक सागर ने मध्यप्रदेश का यश बढ़ाया है। प्रदेश में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की नीति के कारण अनेक प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने खिलाड़ियों को भरपूर प्रोत्साहन दिया है। इसी क्रम में भारतीय पुरुष हॉकी टीम द्वारा टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर टीम को बधाई देते हुए टीम के श्री विवेक सागर सहित मध्यप्रदेश ��ाकी अकादमी के नीलकांता शर्मा को सम्मान निधि के रूप में एक-एक करोड़ रूपये का पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की थी। इसका त्वरित अमल भी हो रहा है।
चौहान का मानना है कि टोक्यो ओलंपिक में प्राप्त कांस्य पदक केवल पदक ही नहीं है, अपितु भारतीय हॉकी का पुनर्जागरण है। भारतीय हॉकी टीम ने दुनिया की श्रेष्ठ टीमों न्यूजीलैंड, स्पेन, अर्जेंटीना, ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, जापान को परास्त कर यह सम्मान प्राप्त किया है। मध्यप्रदेश के लिए विशेष रूप से यह गर्व की बात है। नीलकांता भी मध्यप्रदेश हॉकी अकादमी से चयनित होकर गए थे। मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य सरकार द्वारा टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता संपूर्ण हॉकी टीम का भी सम्मान और स्वागत करने की घोषणा की है। मध्यप्रदेश में 18 खेल अकादमियाँ संचालित हैं। गाँवों की खेल प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहित किया गया है।
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टोक्यो गेम्स: मीराबाई चानू की मां बेटी के रूप में आंसू बहा रही हैं "गुड लक" बालियां उन्होंने ओलंपिक सुपर शो में उपहार में दीं
टोक्यो गेम्स: मीराबाई चानू की मां बेटी के रूप में आंसू बहा रही हैं “गुड लक” बालियां उन्होंने ओलंपिक सुपर शो में उपहार में दीं
एक ऐतिहासिक रजत पदक और एक दीप्तिमान मुस्कान केवल आंख को पकड़ने वाली चीजें नहीं थीं Mirabai Chanu टोक्यो में शनिवार को, ओलंपिक के छल्ले के आकार के उसके सोने के झुमके उतने ही आकर्षक थे, जो उनकी मां ने पांच साल पहले उनके लिए अपने खुद के आभूषण बेचे थे। उम्मीद थी कि झुमके उसे “सौभाग्य” लाएंगे। रियो 2016 खेलों में ऐसा नहीं हुआ था लेकिन चानू आज सुबह टोक्यो में एक रजत पदक के साथ छोटे बलिदान की गिनती की…
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केटी लेडेकी ने टोक्यो टू-डू लिस्ट क्वालीफाइंग 800 में यूएस ट्रायल में पूरी की
केटी लेडेकी ने टोक्यो टू-डू लिस्ट क्वालीफाइंग 800 में यूएस ट्रायल में पूरी की
केटी लेडेकी उसे पूरा किया टोक्यो गेम्स शनिवार को अमेरिकी ओलंपिक तैराकी ट्रायल में 800 मीटर फ्रीस्टाइल में जीत के साथ टू-डू सूची और जापान के लिए अपने तीन रियो स्वर्ण पदक की रक्षा करने और 1,500 में इतिहास बनाने के लिए तैयार है। 800 मुक्त में एक कमांडिंग जीत ने 24 वर्षीय अमेरिकी के लिए ओमाहा पूल में एक व्यवसायिक सप्ताह को सीमित कर दिया। वह उस समय को देने में विफल रही जिसकी कुछ लोगों ने उम्मीद की थी,…
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टोक्यो खेल: कैरोलिना मारिन चोट के कारण टोक्यो खेलों के लिए संदिग्ध | बैडमिंटन समाचार
टोक्यो खेल: कैरोलिना मारिन चोट के कारण टोक्यो खेलों के लिए संदिग्ध | बैडमिंटन समाचार
टोक्यो गेम्स: कैरोलिना मारिन ओलंपिक बैडमिंटन चैंपियन हैं।© इंस्टाग्राम मौजूदा ओलंपिक चैंपियन शटलर कैरोलिना मारिन शुक्रवार को प्रशिक्षण के दौरान घुटने में चोट लग गई, जिससे वह जापान की राजधानी में 23 जुलाई से शुरू होने वाले टोक्यो खेलों के लिए संदिग्ध हो गई। स्पेनिश स्पोर्ट्स मीडिया मार्का के अनुसार, रियो 2016 खेलों की महिला एकल चैंपियन को प्रशिक्षण के दौरान घुटने में परेशानी महसूस हुई। रिपोर्ट के…
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हरियाणा की खेल नीति में संशोधन प्रतिगामी कदम है, समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है, पैरा-एथलीटों का कहना है
हरियाणा की खेल नीति में संशोधन प्रतिगामी कदम है, समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है, पैरा-एथलीटों का कहना है
हरियाणा सरकार ने अपनी खेल नीति और हरियाणा खेल विभाग में खिलाड़ियों को नौकरी देने के नियमों में संशोधन के बाद, हरियाणा के पैरा एथलीट, रियो पैरालिम्पिक्स की रजत पदक विजेता दीपा मलिक, दो बार की विश्व पैरा ओलंपिक रजत पदक विजेता और तीन बार की एशियाई खिलाड़ी पैरा गेम्स के पदक विजेता अमित सरोहा, 2018 एशियाई पैरा गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता एकता भान और अन्य पैरा खिलाड़ियों ने कहा है कि नीति में नए संशोधन…
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#अमित सरोहा खेल नीति#एकटा भाव हरण खेल नीति#दीपा मलिक हरियाणा खेल नीति#भारतीय एक्सप्रेस समाचार#हरियाणा की खेल नीति#हरियाणा की खेल नीति में पैरा एथलीटों का संशोधन#हरियाणा की खेल नीति में संशोधन#हरियाणा खेल नीति खेल विभाग की नौकरी#हरियाणा समाचार
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एसवी सुनील: भारत के पूर्व हॉकी स्ट्राइकर एसवी सुनील ने संन्यास लिया | हॉकी समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया
एसवी सुनील: भारत के पूर्व हॉकी स्ट्राइकर एसवी सुनील ने संन्यास लिया | हॉकी समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: ���नुभवी भारत पुरुष हॉकी टीम के स्ट्राइकर एसवी सुनील शुक्रवार को अपने अंतरराष्ट्रीय संन्यास की घोषणा की, जिससे 14 साल के लंबे करियर से पर्दा उठ गया, जिसके दौरान वह 2014 एशियाई खेलों की स्वर्ण विजेता टीम का हिस्सा थे। ड्रैग-फ्लिकर के एक दिन बाद सुनील का कॉल टाइम करने का फैसला रुपिंदर पाल सिंह और रक्षक Birendra Lakra, जिन्होंने भारतीय हॉकी टीम की ऐतिहासिक कांस्य पदक विजेता में प्रमुख…
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#birendra lakra#एसवी सुनील#टोक्यो ओलंपिक#टोक्यो गेम्स#रियो#रूपिंदर पाल सिंह#विश्व लीग फाइनल#हॉकी इंडिया
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Tokyo Games: Rio 2016 Experience Helped Us To Prepare Well For 2020 Olympics, Says India Women's Hockey Skipper Rani Rampal
Tokyo Games: Rio 2016 Experience Helped Us To Prepare Well For 2020 Olympics, Says India Women’s Hockey Skipper Rani Rampal
रानी रामपाल के नेतृत्व वाली भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही।© एएफपी भारतीय महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाली मंगलवार को कहा कि 2016 रियो ओलंपिक देश में महिलाओं के खेल के लिए महत्वपूर्ण मोड़ था और यह वहां प्राप्त अनुभव के कारण है कि टीम हाल ही में संपन्न हुए खेलों में चौथे स्थान पर रही। टोक्यो गेम्स. “रियो ओलंपिक हमारे लिए एक अच्छा अनुभव था, यह खेलों में हमारा पहला अनुभव…
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हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर का आज सम्मान करेंगे मुख्यमंत्री शिवराज Divya Sandesh
#Divyasandesh
हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर का आज सम्मान करेंगे मुख्यमंत्री शिवराज
भोपाल। टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी विवेक सागर को आज भोपाल के मिंटो हॉल में सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज दोपहर 12:30 बजे उन्हें सम्मानित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय हॉकी टीम के सदस्य के रूप में शामिल विवेक सागर ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अर्जेंटीना के विरुद्ध गोल किया था, जिसके फलस्वरूप भारतीय टीम पहले क्वार्टर फाइनल और बाद में सेमीफाइनल में पहुंच सकी। भारत को कांस्य पदक भी प्राप्त हुआ।
विवेक सागर होशंगाबाद जिले की इटारसी तहसील के ग्राम शिवनगर चांदौन में मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे हैं। इनके पिता रोहित प्रसाद शिक्षक हैं। विवेक सागर ने वर्ष 2018 में फोर नेशंस टूर्नामेंट, कॉमनवेल्थ गेम्स, चैम्पियन ट्राफी, यूथ ओलंपिक, न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज, एशियन गेम्स तथा वर्ष 2019 में अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट, आस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज और फाइनल सीरीज भुवनेश्वर जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। एशियाड 2018 में भारत को कांस्य पदक दिलाने वाली भारतीय टीम में शामिल मिडफिल्डर हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर 62 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। साथ ही सागर को वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश शासन ने एकलव्य अवार्ड से सम्मानित भी किया है।
यह खबर भी पढ़ें: डीफ विलेज के नाम से मशहूर हैं ये गांव, सिर्फ इशारों में होती है बातचीत
हर कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने की खिलाड़ियों की हौसला अफजाई मध्यप्रदेश शासन की ओर से विवेक सागर को सम्मान निधि भी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने विवेक सागर को सम्मान स्वरूप एक करोड़ रुपए की राशि देने का घोषणा की है। मध्यप्रदेश में हॉकी अकादमी के माध्यम से पुरुष और महिला हॉकी खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। पूर्व में चौहान ���पने मुख्यमंत्री पद के प्रथम कार्यकाल में भारतीय महिला हॉकी टीम को अपने निवास पर भी सम्मानित कर चुके हैं। चौहान ने इसी सप्ताह टोक्यो ओलंपिक में गई भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों को मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से 31-31 लाख रूपए देने की घोषणा की है। मध्यप्रदेश महिला हॉकी अकादमी में प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलंपिक के पहले रियो ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। बीते वर्षों में खेलों और खिलाड़ियों के विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने अनेक सुविधाएँ विकसित की हैं। हाल ही में प्रदेश के अनेक स्थानों पर हॉकी मैदान में टर्फ बिछाने के कार्य की पहल भी की गई है।
कोच भी होंगे सम्मानित, अनेक खिलाड़ी रहेंगे मौजूद मुख्यमंत्री चौहान 12 अगस्त को भारतीय हॉकी टीम के प्रशिक्षक श्री अशोक कुमार, सहायक कोच शिवेन्द्र सिंह को भी सम्मानित करेंगे। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रदेश के विभिन्न खेलों के प्रतिभावान और प्रशिक्षु के साथ ही विभिन्न खेलों के अनेक पदक प्राप्त खिलाड़ी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
यह खबर भी पढ़ें: अनोखी परम्परा: यहां सिर्फ जिंदा ही नहीं बल्कि मर चुके लोगों की भी की जाती है शादी
मध्यप्रदेश में प्रत्येक खेल को प्रोत्साहन मुख्यमंत्री चौहान का मानना है कि विवेक सागर ने मध्यप्रदेश का यश बढ़ाया है। प्रदेश में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की नीति के कारण अनेक प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने खिलाड़ियों को भरपूर प्रोत्साहन दिया है। इसी क्रम में भारतीय पुरुष हॉकी टीम द्वारा टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर टीम को बधाई देते हुए टीम के श्री विवेक सागर सहित मध्यप्रदेश हाकी अकादमी के नीलकांता शर्मा को सम्मान निधि के रूप में एक-एक करोड़ रूपये का पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की थी। इसका त्वरित अमल भी हो रहा है।
चौहान का मानना है कि टोक्यो ओलंपिक में प्राप्त कांस्य पदक केवल पदक ही नहीं है, अपितु भारतीय हॉकी का पुनर्जागरण है। भारतीय हॉकी टीम ने दुनिया की श्रेष्ठ टीमों न्यूजीलैंड, स्पेन, अर्जेंटीना, ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, जापान को परास्त कर यह सम्मान प्राप्त किया है। मध्यप्रदेश के लिए विशेष रूप से यह गर्व की बात है। नीलकांता भी मध्यप्रदेश हॉकी अकादमी से चयनित होकर गए थे। मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य सरकार द्वारा टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता संपूर्ण हॉकी टीम का भी सम्मान और स्वागत करने की घोषणा की है। मध्यप्रदेश में 18 खेल अकादमियाँ संचालित हैं। गाँवों की खेल प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहित किया गया है।
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आईओए के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा- अगले साल होने वाले ओलिंपिक में 125 एथलीट्स जा सकते हैं
आईओए के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा- अगले साल होने वाले ओलिंपिक में 125 एथलीट्स जा सकते हैं
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भारत ने 2016 रियो ओलिंपिक में 117 और 2012 लंदन गेम्स में 83 खिलाड़ियों का दल भेजा था
देश ने अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा 6 मेडल 2012 में जीते, इसमें 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज
दैनिक भास्कर
Jun 24, 2020, 09:11 AM IST
इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा कि टोक्यो गेम्स के लिए अब तक 78 भारतीय एथलीट क्वालिफाई कर चुके हैं। उन्हें विश्वास है कि करीब 125 खिलाड़ी कोटा…
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#IOA#NarinderBatra#Tokyo Olympic Indian Olympic Association#Tokyo Olympic Indian Olympic Association (IOA) president Narinder Batra on Indian Athletes News Updates - स्पोर्ट्स न्यूज़#स्पोर्ट्स समाचार
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बिट मार्ने तयारीमा थिएँ, सागले फर्कायो
प्रायः खेलाडीलाई अन्तर्वार्तामा सोधिने प्रश्न हुन्छ- तपाईंलाई परिवारको कत्तिको सपोर्ट छ ? यसकारण कि धेरै खेलाडीले संघर्षकालमा परिवारबाट समर्थन पाएका हुँदैनन् । एकातिर खेलकुदमा लागेर भविश्य सुरक्षित नदेख्नु र अर्कोतिर खेलकुदमा लागेर छोराछोरीले पढाइ विग��र्ने डर आमाबाबुलाई हुन्छ ।
मेरो कथाचाहिँ ठीक उल्टो छ । म आफ्नो इच्छाविपरीत परिवारको करकापमा खेलकुदमा होमिएकी हुँ । मेरो बुवाले जोड नगर्नुभएको भए म आज तेक्वान्दो खेलाडीको रुपमा सायदै चिनिने थिएँ । ओलम्पिक त सपनामा पनि नचिताएको कुरा ।
मैले न त तेक्वान्दोमा भविश्य देखेकी थिएँ, न ओलम्पिक खेल्ने सपना थियो । तर यही तेक्वान्दोले नै मलाई चिनारी दियो । अन्तिम क्षणसम्म संघर्ष गर्न सिकायो । जितमा नमात्तिन, हारमा नआत्तिन सिकायो । अनि, मेरो निरुद्देश्यीय जीवनलाई बाटो देखायो ।
म कसरी यो स्थानसम्म आएँ भन्ने त बताउने नै छु । त्योभन्दा अगाडिचाहिँ रियो ओलम्पिकको अनुभव सुनाउँछु, जुन मेरो खेल करिअरको उत्कर्ष विन्दु थियो ।
****
एक दिन अभ्यास सकेर घर फर्किदै थिएँ । मोबाइलको घण्टी बज्यो । यसो हेरेँ । हङकङबाट राजु खड्का गुरुको फोन रहेछ ।
‘��ेलो नमस्कार गुरु’ भन्न नपाउँदै उताबाट आवाज आयो, ‘लु बधाई छ है, रियो ओलम्पिक २०१६ मा वाइल्ड कार्डबाट छनोट भएकोमा ।’
म त ट्वाँ… परेँ ।
सुरुमा विश्वास नै गर्न गाह्रो भयो । सपना जस्तो पनि लाग्यो । ओलम्पिक खेल्ने कुरा मेरोलागि सपनाजस्तै थियो ।
उहाँसँग कुरा सकेर हतार-हतार ओलम्पिक कमिटीमा फोन हानेँ ।
सोधेँ, ‘रियो ओलम्पिकमा मेरो नाम छनोट भएको छ रे हो ?’
उहाँहरुलाई अत्तोपत्तो रहेनछ । एकजनाले ‘चेक गरेर भन्छु’ भन्नुभयो । केहीबेरपछि फोन आयो, सकारात्मक जवाफसहित । मेरो खुशीको सीमा रहेन । एकछिन त हावामा उडेजस्तो भएँ ।
इन्चोन एसियन गेम्स २०१४ मा गरेको प्रदर्शनका आधारमा मलाई रियो ओलम्पिकको लागि नेपाल ओलम्पिक कमिटीले छात्रावृत्ति मिलाइदिएको थियो । त्यसपछि मैले लामो समय अभ्यास गरेँ । फिलिपिन्समा २०१६ मै भएको ओलम्पिक छनोट प्रतियोगिता खेलेँ । त्यो छनोट प्रतियोगितामा नराम्रो हार व्यहोरेपछि मेरो ओलम्पिक खेल्ने सपना चकनाचुर भएको थियो । मेरोलागि ओलम्पिक खेलकुदमा भाग लिने ढोका बन्द भइसकेको ठानेकी थिएँ । मभन्दा सिनियर खेलाडीले नपाएको छात्रावृत्ति मैले पाएकी थिएँ । त्यसमा न्याय गर्न सकिनँ भनेर मनमा धेरै दिनसम्म थकथकी लागिरहेको थियो ।
****
यहाँ हौसला दिनेभन्दा पनि आरिस गर्नेको जमात ठूलो छ । मैले वाइल्ड कार्डबाट ओलम्पिक खेल्ने अवसर पाउँदा धेरैलाई पचेन । आत्मबल बढाउनेभन्दा पनि ‘डोमिनेट’ गर्ने धेरै पाएँ । भाग्यको बलमा अवसर पाएको भनेर कुरा काट्थे । मौका पाएपनि ‘गर्न सक्ने केही होइन’ भन्ने आशय व्यक्त गर्थे उनीहरु ।
यस्ता कुराले मलाई दुःखी र निराश बनाएको थियो । निकै दबाब महसुस गरेँ । म पनि छैटौं राष्ट्रिय खेलकुद प्रतियोगितादेखि निरन्तर आफ्नो तौल समूहमा स्वर्ण पदक जितेकी खेलाडी हुँ । तर अरुले होच्याउँदा मन खिन्न मात्रै हैन, दुख्दो रहेछ ।
जे भए पनि मन बलियो बनाउनुको विकल्प थिएन । कुरा काट्नेहरुको मुख थुन्छु भन्ने अठोट गरेँ । कडा अभ्यास गर्न थालेँ ।
आफूभन्दा सिनियर दाइ-दिदीहरुलाई पन्छाउँदै मैले २० वर्षको उमेरमा ओलम्पिक खेलेँ । नेपालको प्रतिनिधित्व गर्दै ब्राजिलमा भएको रियो ओलम्पिकमा भाग लिएकी थिएँ । विश्व नम्बर एक खेलाडीदेखि चर्चित हस्तीहरु थिए त्यहाँ । टाइसिट पनि आयो । म विश्व नम्बर एक खेलाडी चिनकी जिहेङ सुयिनसँग परेँ ।
तालिका आउँदा नै हार्ने निश्चित जस्तो भयो । तर, सजिलै नहार्ने र जसरी भए पनि तीन राउण्ड ��ै खेल्ने मैले उद्देश्य लिएँ । नकआउट नहुने अठोट गरेँ ।
****
शुक्रबार अगष्ट १९ तारिख २०१६ ।
यो दिन मेरोलागि यादगार छ । विश्व नम्बर १ खेलाडी सुयिनविरुद्ध म रिङमा उत्रिएकी थिएँ । खेल तीन राउण्ड नै चल्यो । म उनीसँग दुई नम्बरले हारेँ ।
यो मेरोलागि उत्कृष्ट प्रदर्शन थियो । सबैले राम्रो खेल्यौ भनेर बधाई दिनुभयो । खेल त हारेँ, तर सबैको मन जितेँ । यो नै मेरोलागि सबैभन्दा ठूलो उपलब्धि थियो ।
मलाई हराएकी सुयिन फाइनलसम्म पुगेको भए मैले अर्को खेल खेल्न पाउने थिएँ । त्यसको लागि म भगवानलाई जप्दै बसेँ । ब्राजिलमा विहानको साढे ११ बजेतिर मेरो पहिलो खेल भएको थियो । रातिको साढे सात बजेतिर सुयिन फाइनलमा पुगिन् । मैले फ्रान्सकी ग्वालिड्स इपाङउईसँग खेल्ने भएँ ।
यो मेरोलागि अर्को अवसर थियो । त्यो रिङमा मैले धेरै कुरा सिक्ने मौका पाएँ । फ्रान्सकी खेलाडीसँग पनि मेरो खेल प्रतिस्पर्धात्मक नै भएको थियो । पहिलो सेटमा उनले तीन अंक पाइन् । दोस्रो सेटमा म तीन अंक बटुल्न सफल भएँ । तेस्रो राउण्डमा एक नम्बरले चुकेँ । अझ ध्यान दिएर खेल्न सकेको भए जित्ने रहेछु जस्तो लाग्यो । तर प्राविधिक पक्षमा हामी निकै पछि रहेछौं ।
****
मैले रियो ओलम्पिकको अनुभव त सुनाएँ । तर, त्यो स्थानसम्म आफूलाई कसरी पुर्याएँ भन्ने पनि त तपाईंको मनमा जिज्ञासा होला । सन् २०१४ मा नेपालमै भएको दोस्रो माउन्ट एभरेष्ट अन्तर्राष्ट्रिय प्रतियोगिताबाट म तेक्वान्दोमा चिनिन थालेकी हुँ । यो प्रतियोगितामा स्वर्ण पदक विजेता खेलाडीले २०१४ मै कोरियामा हुने एसियन गेम्समा भाग लिन पाउने थियो । मैले आफ्नो तौल समूहमा स्वर्ण पदक जित्दै इन्चोन एसियन गेम्सको टिकट पक्का गरेकी थिएँ ।
त्यसपछि कडा परिश्रम गर्दै कोरियाको लागि तयारी थालेँ । त्यो बेला म जुनियर थिएँ । भरखरै छैटौ राष्ट्रिय खेलकुद प्रतियोगिता खेलेर क्याम्पमा परेको । अनुभवको कमी थियो । पहिलो पटक अन्तर्राष्ट्रिय भूमिमा ठूलो प्रतियोगिता खेल्दै थिएँ ।
त्यो एसियन गेम्समा मेरो पहिलो प्रतिस्पर्धा मकाउसँग थियो । जुनान वाङ भन्ने खेलाडीसँग म ११-४ को स्कोरमा हार्न पुगेँ । त्यो बेला अनुभवको कमीले होला, होश नपुर्याई बाङबुङ खेल्ने गर्थें । तर पनि म प्रतियोगितामा पाँचौं हुन सफल भएँ ।
मैले २०१८ को इन्डोनेसियामा भएको जाकार्ता एसियन गेम्स पनि खेल्ने अवसर पाएँ । सन् २०१�� मै भारतमा आयोजना भएको सागमा खेल्ने ठूलो धोको थियो । साग गेम्स भनेर अन्तिम समयसम्म क्लोज क्याम्पमा रहेर मैले कडा मेहनत गरेकी थिएँ ।
तर भारतले आफ्नो पदक आउने आशा गरेको तौल समूह मात्र समावेश गरेको हुँदा मेरो तौल समूह छुट्यो । सबै साथीहरु सलोङ जाँदा म भने घरमै ।
त्यसमाथि भारतमा नेपाली खेलाडी फाइनल पुग्दै स्वर्ण पदक जित्न चुकेको खबरले मन भतभती पोल्थ्यो । मैले आफ्नो ��मूहमा खेल्न पाएको भए… जस्तो लाग्थ्यो ।
घरेलु प्रतियोगिताको कुरा गर्दा मैले पाँचौं राष्ट्रिय खेलकुददेखि खेल्न थालेकी हुँ । पाँचौमा दोस्रो भएँ भने छैटौं र सातौंमा स्वर्ण पदक जित्न सफल भएँ । तर म अमेरिकामा भएकीले आठौं राष्ट्रिय खेलकुद प्रतियोगिता भने खेलिनँ ।
यो साग खेलकुदकै लागि भनेर मात्रै म आएकी हुँ । खेलाडी जीवनलाई विट मार्ने योजना थियो । तर तेक्वान्दोबाटै टाढिएको भने होइन । अमेरिकामा तेक्वान्दो सिकाउने काम गर्थें । खेलकै दौरानमा अमेरिका गएकी हुँ । त्यहाँ एक सम्मान कार्यक्रममा २०१६ मै गएको थिएँ । त्यसपछि फेरि एप्लाई गरेर गएँ । भिसा अझै तीन वर्षसम्म छ । म जहाँ गए पनि तेक्वान्दो छोड्दिनँ । तेक्वान्दोले नै मलाई यहाँसम्म ल्याएको छ । जे गर्छु तेक्वान्दोमै गर्छु ।
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यो त भयो विगतको कुरा ।
अहिले वर्तमानमा १३ औं दक्षिण एसियाली खे��कुद (साग)को तयारीमा जुटिरहेकी छु । ७३ केजीभन्दा माथि तौल समूहमा प्रतिस्पर्धा गर्दैछु । मेरो अबको लक्ष्य सागमा स्वर्ण जित्ने नै हो । सागभन्दा पछि खेल्छु या खेल्दिनँ एकिन छैन ।
पहिले साधारण अभ्यास हुन्थ्यो । अहिले क्लोज क्याम्पमा राखेर सबै सुविधा दिएर कडा अभ्यास भइरहेको छ । पहिले हामी आफ्नो तरिकाले अभ्यास गर्थ्यौं, अहिले गुरुहरुको नियन्त्रणामा अभ्यास गरिरहेका छौं । पहिले दीपक (विष्ट) गुरुहरुको पालामा रेकर्ड तोडिएको थियो । हाम्रो पालोमा स्वर्ण पदक जित्न सकिरहेका छैनौं ।
हामी कहाँ कमजोरी छ, त्यसलाई सुधार गर्दै राम्रो प्रदर्शन गर्ने लक्ष्यमा छौं । अब नखेल्ने भनेर छोडिसकेको म पनि सागमा स्वर्णको सपना देखेरै अभ्यासमा जुटेकी छु । किनकी मैले अहिलेसम्म साग खेलुकदमा भाग लिएकी छैन । त्यसैले पनि यो पटक उत्साहित छु । तयारीकै क्रममा दुई-चार दिनमा चीन जाँदैछौं । चीनमा हाम्रो अभ्यास करिब १५-२० दिनको हुनेछ ।
चीनको अभ्यासमा मेरो जोड टेक्निकहरुमा सुधार गर्नु हुनेछ । त्यहाँका खेलाडी कसरी खेल्छन्, कुन बेला कुन अवस्थामा कस्तो टेक्निक लगाएर खेल जित्छन्, त्यो पक्षलाई आत्मसात गर्नेछु । किनकी हामी हार्नुको मुख्य कारण पनि टेक्निकल कमजोरी नै हो । हामी प्रतियोगिता खेल्दै गर्दा निक्कै डराउँछौं पनि । अरु देशका खेलाडीहरु भने आत्मविश्वासका साथ खेलिरहेका हुन्छन् । म्याच एक्सपोजरको कमीले गर्दा पनि यस्तो भएको होला ।
यो सबका बाबजुद म स्वर्ण जित्ने लक्ष्यमा छु । मैले सागमा स्वर्ण पदक जितेँ भनेँ त्यो मेरो जिन्दगीको सबैभन्दा ठूलो उपलब्धि हुनेछ । अत्याधिक खुशीको क्षण हुनेछ । आफ्नो परिवार, आमाबाबा र गुरुहरुलाई खुशी बनाउने छु ।
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मैले सुरुमै भनेँ कि म आफ्नो इच्छाविपरीत परिवारको करकापमा खेलकुदमा होमिएकी हुँ ।
यसको कारण मेरो बुवा हुनुहुन्छ । पुर्ख्यौली घर सुदूरपश्चिम अछाम भए��नि म काठमाडौंमै जन्मिएँ, हुर्किएँ । बुवा रोहित रावल नेपाल पुलिस क्लबको पूर्व एथ्लेटिक्स खेलाडी हुनुहुन्छ । भाइ निशान अहिले पनि एपीएफ क्लबबाट फुटबल खेल्छ । ऊ एन्फा एकेडेमीको उत्पादन हो । बहिनी एलिना रावल भलिबल खेलाडी हुन् । आर्मीबाट भलिबल खेल्दाखेल्दै पढाइको सिलसिलामा जापान पुगेकी छन् ।
सानोमा बाबाले मलाई केटाजस्तो बनाउने, कपाल काटिदिने गर्नुहुन्थ्यो । पछि साँगामा रहेको पुलिस स्कुलमा भर्ना गरिदिनुभयो । त्यो बेला म चार कक्षामा पढ्थेँ । पुलिस स्कुलमा धेरै खेलहरु एकै पटक ल्याइएको थियो । बास्केटबल, भलिबल, टेबलटेनिस, कराँते, तेक्वान्दोमध्येबाट मैले पनि एउटा खेल छान्नुपर्ने भयो ।
बाबालाई सोध्दा उहाँले तेक्वान्दो छान्न सुझाव दिनुभयो । त्यो समयमा नेपालमा संगिना वैद्य, दीपक विष्ट, आयशा शाक्यलगायतको निकै चर्चा थियो । त्यही माहोल देखेर बाबाले मलाई तेक्वान्दो छान्न भन्नुभएको रहेछ ।
तर मैले यसको महत्व बुझेकी थिइनँ । पुलिस स्कुलको पढाइ सकेर घर आएपछि खेलकुद चटक्कै छोडेर पढाइमा मात्र ध्यान दिन्छु भन्ने थियो । तर सोचेजस्तो भएन । बाबाले सातदोबाटोस्थित मैत्री तेक्वान्दो डोजाङमा भर्ना गरिदिनुभयो । नखेल्ने भन्दा-भन्दा भर्ना भएँ । एक हिसाबले मेरो रुचि विपरीत करकाप नै गर्नुभएको थियो । सायद मेरो भविश्य तेक्वान्दोमै देख्नुभएको थियो ।
छैटौँ राष्ट्रिय खेलकुद प्रतियोगितामा स्वर्ण पदक जितेपछि भने मलाई पनि तेक्वान्दोमा मोह बस्यो । त्यसपछि पनि मैले ओलम्पिकसम्म पुग्छु भन्ने सोचेको होइन । बुवाले भने सधैं ओलम्पिक आउँदैछ, राम्रो गर भनिरहनु भयो । त्यसैले मैले पाएको सबै उपलब्धिको श्रेय मेरो बुवालाई नै जान्छ ।
प्रस्तुतीः सरोज तामाङ
फोटो/भिडियोः शंकर गिरी
(खेलाडीहरुको जीवन भोगाइ र खेल यात्रा समेटिने अनलाइनखबरको श्रृंखला ‘मेरो कथा’को ५९ औं अंकमा यो हप्ता तेक्वान्दो खेलाडी निशा रावलको कथा प्रस्तुत गरिएको हो ।)
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विनेश और बजरंग की निगाहें प्रो रेसलिंग लीग की नीलामी पर
विनेश और बजरंग की निगाहें प्रो रेसलिंग लीग की नीलामी पर : प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्ल्यूएल) के आगामी संस्करण के लिए शुक्रवार को होने वाले खिलाड़ियों के ड्राफ्ट में विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर सभी फ्रेंचाइजियों की नजरें होंगी. इस सीजन से एम योद्धा लीग में पदार्पण कर रही है. मध्यप्रदेश से पहली बार कोई टीम खेल की किसी लीग में हिस्सा ले रही है. एम योद्धा के अलावा इस लीग में दिल्ली सुल्तांस, यूपी दंगल, हरियाणा हैमर्स, मुंबई मराठी, और एनसीआर पंजाब रॉयल्स सहित कुछ छह टीमें हैं. इन्हे भी पढ़े :- कोई नहीं है टक्कर में, 200 करोड़ के पार जा सकती है रणवीर सिंह की सिम्बा लीग के चौथे सीजन के प्ल��यर ड्राफ्ट में शामिल विनेश और बजरंग सभी टीमों की प्राथमिकता होंगे. इन दोनों खिलाड़ियों ने इस साल कुश्ती जगत में अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को नाम रोशन किया है. विनेश ने इसी साल ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स और इंडोनेशिया के जकार्ता में खेले गए एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था. बजरंग भी पुरुषों के 65 किग्रा वर्ग में इन दोनों खेलों में स्वर्ण पदक विजेता रहे थे. इसके अलावा बजरंग ने इस साल विश्व कुश्ती महासंघ की रैंकिंग में अपने वर्ग में पहला स्थान हासिल किया था. वे यह मुकाम हासिल करने वाले पहले भारतीय थे. इन्हे भी पढ़े :- दो स्मार्टफोन में एक साथ चला सकते हैं WhatsApp, ये है तरीका इन दोनों के अलावा रियो ओलंपिक-2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और यूथ ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पूजा ढांडा ड्राफ्ट में शामिल हैं. लीग के चौथे सीजन की शुरुआत 14 जनवरी से होगी जो 31 जनवरी तक चलेगी. विजेता टीम को 1.9 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. उपविजेता को 1.1 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी. लीग के बीते तीन सीजनों में कई ओलंपिक पदक विजेता और विश्व के नामचीन पहलवानों ने शिरकत की है. ड्राफ्ट के लिए निकाले गए ड्रॉ में कुल 225 खिलाड़ियों को शामिल किया गया है. इस लीग में एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका महाद्वीप के खिलाड़ी शिरकत करेंगे. विनेश और बजरंग की निगाहें प्रो रेसलिंग लीग की नीलामी पर स्त्रोत :- zeenews छायाचित्र भिन्न हो सकता है. . . Read the full article
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कोरोना के कारण इस बार नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड वर्चुअल तरीके से दिए जाएंगे। ऐसा पहली बार होगा, जब नेशनल स्पोर्ट्स डे के मौके पर राष्ट्रपति भवन में अवॉर्ड सेरेमनी नहीं होगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस साल अलग-अलग 7 कैटेगरी में 74 खिलाड़ियों और कोच को पुरस्कार देंगे। इसमें 60 लोग ही मौजूद रहेंगे। पहली बार एक साथ पांच खिलाड़ियों को खेल रत्न मिलेगा। अब तक कुल 38 खिलाड़ियों को यह अवॉर्ड मिल चुका है।
इस बार क्रिकेटर रोहित शर्मा समेत पांच खिलाड़ियों को खेल रत्न दिया जाएगा। इसमें महिला रेसलर विनेश फोगाट, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा, महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल और 2016 के पैरालिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट मरियप्पन थांगावेलु शामिल हैं।
4 साल पहले चार खिलाड़ियों को खेल रत्न मिला था
इससे पहले, 2016 में एक साथ 4 खिलाड़ियों को यह अवॉर्ड मिला था। तब रियो ओलिंपिक में सिल्वर जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, महिला रेसलिंग में ब्रॉन्ज जीतने वाली साक्षी मलिक को यह सम्मान मिला था। इनके अलावा जिमनास्ट दीपा कर्��ाकर और शूटर जीतू को भी देश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार मिला था। 2009 में 3 खिलाड़ियों बॉक्सर एमसी मैरीकॉम, विजेंदर सिंह और सुशील कुमार को खेल रत्न दिया गया था।
पांच बार दो खिलाड़ियों को मिल चुका है खेल रत्न पांच मौकों पर दो खिलाड़ियों को खेल रत्न अवॉर्ड मिला है। सबसे पहले 1997 में वेटलिफ्टर कुंजरानी देवी और टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस को यह अवॉर्ड मिला था। 6 साल बाद 2003 में शूटर अंजली भागवत और एथलीट के. बीनामोल को देश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार मिला।
2012 में निशानेबाज विजय कुमार और योगेश्वर दत्त यह सम्मान हासिल करने वाले खिलाड़ी बने। इसके 5 साल बाद फिर से दो खिलाड़ियों देवेंद्र झाझरिया और सरदार सिंह खेल रत्न चुने गए। पिछले साल पैरा एथलीट दीपा मलिक और रेसलर बजरंग पूनिया इस अवॉर्ड से सम्मानित हुए।
रोहित खेल रत्न सम्मान पाने वाले चौथे क्रिकेटर होंगे
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत 1991 में हुई थी और सबसे पहला अवॉर्ड चेस खिलाड़ी विश्वनाथ आनंद को मिला था। तब से लेकर अब तक 38 खिलाड़ी यह सम्मान हासिल कर चुके हैं। इसमें रोहित शर्मा चौथे क्रिकेटर हैं। उनसे पहले सचिन तेंदुलकर(1998), महेंद्र सिंह धोनी (2007) और विराट कोहली(2018) में यह अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं।
विनेश खेल रत्न पाने वालीं पांचवीं रेसलर इस साल कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वालीं देश की पहली महिला रेसलर विनेश फोगाट को भी खेल रत्न मिलेगा। लेकिन कोरोना के कारण वे वर्चुअल अवॉर्ड सेरेमनी में शामिल नहीं हो पाएंगी। विनेश यह अवॉर्ड पाने वालीं पांचवीं रेसलर हैं।
उनसे पहले ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त और साक्षी मलिक को खेल रत्न मिल चुका है। इनके अलावा बजरंग पूनिया भी पिछले साल इस अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके हैं। मनिका बत्रा खेल रत्न से सम्मानित होने वालीं पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी होंगी।
2012 से 29 अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाया जा रहा
2012 में केंद्र सरकार ने 29 अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था। इस दिन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन होता है। वे 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में पैदा हुए थे।
1928 में एम्सटर्डम में हुए ओलिंपिक गेम्स में वह भारत की ओर से सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी रहे। तब ध्यानचंद ने 14 गोल किए थे। 1932 के ओलिंपिक फाइनल में भारत ने अमेरिका को 24-1 से हराया था। उस मैच में ध्यानचंद ने 8 गोल किए थे। उनके भाई रूप सिंह ने भी 10 गोल किए थे।
इस साल ��ेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड पाने वालों की लिस्ट
इन 27 खिलाड़ियों को मिलेगा अर्जुन अवॉर्ड
खिलाड़ी खेल अतनु दास आर्चरी दुती चंद एथलेटिक्स सात्विक साईराज बैडमिंटन चिराट शेट्टी बैडमिंटन विशेष बास्केटबॉल सूबेदार मानिक कौशिक बॉक्सिंग लवलीना बॉक्सिंग इशांत शर्मा क्रिकेट दीप्ति शर्मा महिला क्रिकेट सावंत अजय इक्विस्ट्रियन संदेश झिंगन फुटब���ल अदिति अशोक गोल्फ आकाशदीप सिंह हॉकी दीपिका हॉकी दीपक कबड्डी सारिका सुधाकर खो-खो दत्तू बबन रोइंग मनु भाकर शूटिंग सौरभ चौधरी शूटिंग मधुरिका सुहास टेबल टेनिस दिविज सरन टेनिस शिवा केशवन विंटर स्पोर्ट्स दिव्या काकरन रेसलिंग राहुल अवारे रेसलिंग सुयश नारायण जाधव पैरा स्वीमिंग संदीप पैरा एथलेटिक्स मनीष नरवाल पैरा शूटिंग
इनको द्रोणाचार्य अवॉर्ड (लाइफ टाइम कैटेगरी)
कोच खेल धर्मेंद्र तिवारी आर्चरी पुरुषोत्तम राय एथलेटिक्स शिव सिंह बॉक्स��ंग कृष्ण कुमार हूडा कबड्डी रमेश पठानिया हॉकी नरेश कुमार टेनिस विजय भालचंद्र मुनिश्वर पैरा पॉवर लिफ्टिंग ओम प्रकार दाहिया रेसलिंग
द्रोणाचार्य रेगुलर कैटेगरी अवॉर्ड की लिस्ट
योगेश मालवीय (मलखंब), जसपाल राणा (शूटिंग), कुलदीप कुमार हांडू (वुशू) और गौरव खन्ना (पैरा बैडमिंटन)।
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National Sports Awards 2020| Till date 38 players have won rajiv gandhi khel ratna award, first time five players will be felicitated with this award
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पिछले साल खेल रत्न पाने वाली पैरालिंपिक दीपा मलिक ने कहा- टोक्यो गेम्स में भारत डबल डिजिट में मेडल जीतेगाDainik Bhaskar
पिछले साल खेल रत्न पाने वाली पैरालिंपिक दीपा मलिक ने कहा- टोक्यो गेम्स में भारत डबल डिजिट में मेडल जीतेगाDainik Bhaskar
पिछले साल खेल रत्न सम्मान पाने वाली पूर्व एथलीट दीपा मलिक ने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक में भारत का प्रदर्शन शानदार रहेगा। देश के चैम्यियन एथलीट डबल डिजिट में मेडल जीतेंगे। कोरोना के कारण एक साल के लिए टला टोक्यो ओलिंपिक अब 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 में होगा।
दीपा ने टेबल टेनिस खिलाड़ी मुदित दानी के साथ चैट शो में यह बात कही। दीपा मलिक ने 2016 में रियो पैरालिंपिक में शॉट पुट की एफ-53 कैटेगरी में रजत…
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