#हरियाणा की खेल नीति
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हरियाणा की खेल नीति में संशोधन प्रतिगामी कदम है, समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है, पैरा-एथलीटों का कहना है
हरियाणा की खेल नीति में संशोधन प्रतिगामी कदम है, समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है, पैरा-एथलीटों का कहना है
हरियाणा सरकार ने अपनी खेल नीति और हरियाणा खेल विभाग में खिलाड़ियों को नौकरी देने के नियमों में संशोधन के बाद, हरियाणा के पैरा एथलीट, रियो पैरालिम्पिक्स की रजत पदक विजेता दीपा मलिक, दो बार की विश्व पैरा ओलंपिक रजत पदक विजेता और तीन बार की एशियाई खिलाड़ी पैरा गेम्स के पदक विजेता अमित सरोहा, 2018 एशियाई पैरा गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता एकता भान और अन्य पैरा खिलाड़ियों ने कहा है कि नीति में नए संशोधन…
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Rewari: खेलो का हब बना हरियाणा: डा बनवारी लाल-Best24news
Rewari: खेलो का हब बना हरियाणा: डा बनवारी लाल-Best24news
Best24news, Haryana : सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल (Coperation Mimnister Dr banwari Lal ) ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा खेलों का हब बनकर उभरा है, जिसका श्रेय प्रदेश की खेल नीति को जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों में देश व प्रदेश का नाम रोशन करते हुए परचम फहरा रहे हैं। Rewari: अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क एवं जागरूक…
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राष्ट्रमंडल खेलों की सूची से कुश्ती, शूटिंग व तीरंदाजी को बाहर किया जाना बेहद निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है: अभय सिंह चौटाला यह पूर्ण रूप से भाजपा की केंद्र सरकार की विफलता है, जहां एक तरफ खेलों इंडिया का नारा दिया जाता है वहीं दूसरी तरफ मुख्य खेल जिसमें भारत सबसे ज्यादा मैडल जीतता है उन्हीं खेलों को कॉमनवेल्थ खेलों से हटा दिया जाता है इनेलो पार्टी राष्ट्रमंडल खेल महासंघ द्वारा तीनों खेलों को सूची से बाहर करने के इस निर्णय का कड़ा विरोध करती है चौधरी ओम प्रकाश चौटाला ने प्रदेश का मुख्यमंत्री ��हते खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए खेल नीति बनाई थी जिसके बाद कुश्ती, बॉक्सिंग और अन्य खेलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाडिय़ों ने पदकों की झड़ी लगा दी थी पूरे विश्व में हरियाणा के पहलवानों और शूटरों का ढंका बजता है, कुश्ती हरियाणा की शान है और सभी के दिलों में बसी हुई है केंद्र सरकार को भी इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और तीनों खेलों को सूची में दोबारा जोड़ने के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास करे (at Sector 12, Panchkula) https://www.instagram.com/p/CcYKf0fv0PU/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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हरियाणा : खेलों में करियर बनाने की चाहत रखने वालों की पहली पसंद बन रहा हरियाणा, वजह है बेहतरीन खेल नीति
हरियाणा : खेलों में करियर बनाने की चाहत रखने वालों की पहली पसंद बन रहा हरियाणा, वजह है बेहतरीन खेल नीति
हरियाणा उन लोगों की पहली पसंद है जो खेलो में अपना करियर बनाना चाहते हैं। इसका मुख्य कारण खिलाड़ियों को मिलने वाली पुरस्कार राशि और सुविधाएं हैं। यही वजह है कि पंजाब और चंडीगढ़ के खिलाड़ी भी हरियाणा से खेलने को तरजीह दे रहे हैं। हरियाणा उन लोगों की पहली पसंद है जो खेलो में अपना करियर बनाना चाहते हैं। इसका मुख्य कारण खिलाड़ियों को मिलने वाली पुरस्कार राशि और सुविधाएं हैं। यही वजह है कि पंजाब और…
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जांबाज योद्धाओं के संघर्ष से हमें समाज और राष्ट्र सेवा की अनुकरणीय सीख लेने की जरूरत : अनिल विज Divya Sandesh
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जांबाज योद्धाओं के संघर्ष से हमें समाज और राष्ट्र सेवा की अनुकरणीय सीख लेने की जरूरत : अनिल विज
अंबाला। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी प्राप्ति के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया। उन्हीं देशभक्तों की वजह से आज हम खुली फिजाओं में सांस ले रहे हैं। स्वाधीनता संग्राम के जांबाज योद्धाओं के संघर्ष से हमें समाज और राष्ट्र सेवा की अनुकरणीय सीख लेने की जरूरत है। यह बात रविवार को अंबाला में आजादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर उन्होंने सबको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज फहराकर मुझे बड़े गर्व और गौरव का अनुभव हो रहा है। इस अवसर पर उन्होंने परेड की सलामी ली और इससे पहले परेड का निरीक्षण भी किया।
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उन्होंने कहा कि दुनिया की इस प्राचीनतम सांस्कृतिक भूमि भारत की आजादी का आज हम अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस कालखंड में हम सबने विभिन्न प्रधानमंत्रियों की कार्यशैली को परखा होगा, परन्तु आप स्वयं अनुभव कर रहे होंगे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चमत्कारिक नेतृत्व का आज पूरा विश्व लोहा मान रहा है। उनके नेतृत्व में आज देश में क्रांतिकारी बदलाव होते दिखाई दे रहे हैं। केन्द्र सरकार के ऐसे अनेक साहसिक निर्णयों से कश्मीर से कन्याकुमारी तक ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ से नवभारत और अब ‘आत्मनिर्भर भारत‘ के निर्माण को बल मिला है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पहली बार भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करने का अवसर प्राप्त हुआ है।
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विज ने बताया कि सुशासन के लिए प्रदेश सरकार ने अनेक कारगर कदम उ��ाए हैं। इनमें सीएलयू के खेल को बंद करना, योग्यता के आधार सरकारी नौकरियां देना, कर्मचारियों का तबादला ऑनलाइन करना, गरीबों के राशन, पेंशन, वजीफों, सब्सिडी में चल रहे गोरखधंधों का आईटी का प्रयोग करके सफाया करना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश को एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में देश में प्रथम स्थान मिला है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां हेपेटाइटिस सी व बी की दवाइयां मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं। प्रदेश में 228 प्रकार के ऑपरेशन, 70 प्रकार के टेस्ट और 21 प्रकार की दंत चिकित्सा मुफ्त की जाती है। साथ ही 500 दवाइयां भी मुफ्त दी जाती हैं।
शिक्षा प्रणाली में सुधार सम्बन्धी विषय को लेकर उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्कार व रोजगार से युक्त शिक्षा देने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। इसे वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। इस दिशा में प्री नर्सरी से ही शिक्षा देने के लिए प्रदेश में 4 हजार प्ले-वे स्कूल और 500 नए मॉडल क्रेच खोले जा रहे हैं। प्रदेश में केजी, पीजी कक्षा तक की शिक्षा एक ही छत के नीचे देने के लिए शिक्षण संस्थान तैयार किए जा रहे हैं। प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए 113 नये संस्कृति मॉडल स्कूल खोले गये हैं। अब इनकी संख्या बढ़कर 136 हो गई है।
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एथलीट हिमा दास बनीं DSP, जारी रहेगा एथलेटिक्स करियर
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने अंतर्राष्ट्रीय एथलीट हिमा दास को आज औपचारिक रूप से पुलिस उपाधीक्षक पद पर नियुक्ति का पत्र दिया! दास को राज्य की ‘एकीकृत खेल नीति’ के तहत डीएसपी पद पर नियुक्त क���या गया है! आज सरुसजै खेल परिसर में उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया! असम पुलिस में नए भर्ती हुए 597 उप निरीक्षकों को भी मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र दिए!
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नव नियुक्त उप निरीक्षकों और उनके परिजनों को शुभकामनाएं दी! बता दें कि युवाओं को खेल को करियर के तौर पर अपनाने के वास्ते प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने एकीकृत खेल नीति लागू की थी!
मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा, “राज्य सरकार ने स्प्रिंटर हिमा दास को असम पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक के तौर पर इसलिए नियुक्त किया है, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी उपलब्धियों से प्रदेश को गौरवान्वित किया है!”
मैं अपना करियर जारी रखूंगी- हिमा दास
हिमा दास न��� कहा, “स्कूली दिनों से ही मैं पुलिस अधिकारी बनना चाहती थी! मेरी मां का भी यही सपना था! वह दुर्गा पूजा के दौरान खिलानौं में हमेशा मुझे बंदूक दिलाती थीं! मां चाहती थी कि मैं असम पुलिस में सेवा करूं! मुझे सबकुछ खेल की वजह से ही मिला है!”
हिमा ने आगे कहा, “मैं असम पुलिस के लिए काम करते हुए भी अपना करियर जारी रखूंगी! साथ ही मैं असम को हरियाणा की तरह खेल में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बनाने की कोशिश करूंगी!”
https://kisansatta.com/athlete-hima-das-becomes-dsp-will-continue-her-athletics-career/ #AthleteHimaDas, #National, #HindiNews #Athlete Hima Das, #national, hindi news National, State #National, #State KISAN SATTA - सच का संकल्प
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पैरा-एथलीटों ने आपत्ति के बाद हरियाणा में खेल नीति में संशोधन पर पुनर्विचार किया
पैरा-एथलीटों ने आपत्ति के बाद हरियाणा में खेल नीति में संशोधन पर पुनर्विचार किया
हरियाणा के शीर्ष पैरा-एथलीटों के बाद के दिनों में हरियाणा सरकार की खेल नीति में समानता के लिए संवैधानिक अधिकार और विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों के उल्लंघन के लिए हरियाणा के खेल और युवा मामलों के मंत्री ने गलती की संदीप सिंह ने गु राज्य ने कहा कि नीति में आवश्यक सुधार किए जाएंगे और पैरा-एथलीटों के बारे में संशोधनों को पुनर्विचार और बदलने के लिए मामला फिर से सीएम मनोहर लाल खट्टर को भेजा…
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#दुखद: #पर_सत्य #जय_राजनीति, #जय_राजनेता, #जय_अफसरशाही, #3 बार आल इंडिया, #9 नेशनल ओर #24 बार स्टेट खेलने वाली खिलाड़ी कर रही है ।। #मनरेगा_में_दिहाड़ी #रोहतक(दीपक): बेहतरीन खेल नीति का दम भरने वाली हरियाणा सरकार में राष्ट्रीय खिलाड़ियों की ऐसे अनदेखी होगी किसी ने सोचा भी नही होगा। रोहतक जिले के इंदरगढ़ गांव की रहने वाली राष्ट्रीय वुशु खिलाड़ी शिक्षा इन दिनों तंगी की हालत में मनरेगा में मजदूरी कर रहीं है। खुद की मनरेगा कॉपी न बनने के कारण शिक्षा माता-पिता की सहायता करवाती है और 2 रोटी के लिए संघर्ष कर रही है।  शिक्षा सुबह 6 बजे कंधों पर कस्सी लादकर माता-पिता के साथ मनरेगा में मजदूरी का काम करने जाती है और जी तोड़ मेहनत कर दो पैसों का इंतजाम करती है। लॉकडाउन के दौर में सब कुछ बंद है काम धंधे ठप है ऐसे में सरकार द्वारा शुरू की गई मनरेगा स्कीम के तहत मजदूरों का गुजारा हो रहा है। यही नहीं शिक्षा को जब मनरेगा में काम नही मिलता या मनरेगा का काम बंद हो जाता है तो खेत मे काम करती है। शिक्षा दूसरे मजदूरों की तरह ही खेत मे धान लगाने का काम करती है। इससे पहले भी माता-पिता ने दिहाड़ी मजदूरी कर बेटी को चैम्पियन बनाया और इस मुकाम तक पहुंचाया है। श��क्षा तीन बार ऑल इंडिया 9 बार राष्ट्रीय चौंपियन और 24 बार स्टेट में चैम्पियन रह चुकी है। शिक्षा वुशु में हरियाणा में गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुकी है ऐसे में सरकार द्वारा शिक्षा की कोई सहायता नहीं की गई है जिसके बाद लॉकडाउन में शिक्षा मनरेगा में काम करने पर मजबूर है। दूसरी ओर राष्ट्रीय चैम्पियन की हालत पर माता-पिता का कहना है कि बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाने में बड़ी मेहनत लगी। उन्होंने कहा कि बेटी को दिहाड़ी मजदूरी करके ही पढ़ाया लिखाया और खिलाड़ी बनाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पेट भरने के लिए दिहाड़ी करनी पड़ती है जिसमें बेटी हाथ बटाती है। तो वहीं दूसरी ओर वुशु खिलाड़ी शिक्षा का कहना है कि मजबूरी में मजदूरी करनी पड़ती है। https://www.instagram.com/p/CClope1p0be/?igshid=1fpf8l1tm0rk9
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हरियाणा जाट आरक्षण -गयी भैंस पानी में -जग मोहन ठाकन
हरियाणा जाट आरक्षण : गई भैंस पानी में
चंडीगढ़ से जग मोहन ठाकन
हरियाणा में जाट आरक्षण का मामला फिर खटाई में पड़ता लग रहा है . पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देशानुसार हरियाणा सरकार ने अपने कर्मचारियों का जातिगत विवरण तैयार कर राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को आंकड़े मुहैया करवा दिए हैं . अब आयोग ने आम जन से इन आंकड़ों पर आपत्तियां मांगीं हैं . सितम्बर माह में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में जाट समेत छह जातियों जट सिख , मूला जाट , रोड , बिशनोई तथा त्यागी को पिछड़े वर्ग में आरक्षण देने पर ३१ मार्च ,२०१८ तक रोक लगा दी थी . हाई कोर्ट ने मामला स्टेट बैकवर्ड क्लास को रेफ़र कर दिया था और बैकवर्ड क्लास कमीशन को कोर्ट ने निर्देश दिया था कि इन जातियों के सामाजिक आर्थिक आंकडे इक्कठे कर ३१ मार्च , २०१८ तक कमीशन अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करे . याचिकाकर्ता ने जाट आरक्षण का विरोध करते हुए मुद्दा उठाया था कि जाटों का सरकारी नौकरियों में पहले से ही ज्यादा प्रतिनिधित्व है . याचिका कर्ता ने जाट आरक्षण एक्ट की संवैधानिक वैधता पर भी सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट के सम्मुख प्रदेश के शिक्षा विभाग के आंकड़े पेश करते हुए कहा था कि विभिन्न पदों पर ३० से ५६ % जाट पहले से ही काबिज हैं , तो फिर आरक्षण कोटा क्यों दिया जाए ? अब सरकार ने जो आंकड़े कमीशन को मुहैया करवाए हैं , ��ो भी याचिका करता के ही पक्ष को मजबूत कर रहे हैं . सरकारी आंकड़ों के अनुसार कुल सरकारी अमले २.४२ लाख में जाटों का वर्तमान प्रदेश की सरकारी नौकरियों में २८.२८ % प्रतिनिधित्व पहले से ही है . प्रथम श्रेणी पद (२४.४८ %) , द्वितीय श्रेणी ( ३०.२२ % ) , तृतीय श्रेणी (३१.०८ %) तथा चतुर्थ श्रेणी ( १४.१२ %) . एक अनुमान के अनुसार हरियाणा प्रदेश में जाटों की संख्या २५ से २८ % तक बताई जाती है . परन्तु पुष्टि हेतु पिछड़ा वर्ग आयोग ने अब सरकार से प्रदेश में विभिन्न जातियों की जनसँख्या के सही आंकड़े मांगे हैं . उल्लेखनीय है कि देशभर में २०११ में जातिगत गणना करवाई गयी थी ,परन्तु उसके आंकडे अभी तक सार्वजनिक नहीं किये गए हैं . अगर जातीय गणना के आंकड़ों को आधार बनाया जाता है तो जाटों का आरक्षण खटाई में पड़ सकता है . दूसरी तरफ सरकार द्वारा आयोग को दिए आंकड़ों की वैधता पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं . एक आरोप है कि सरकार ने इस गणना में कॉन्ट्रैक्ट पर लगे कर्मचारियों को इसमे नहीं जोड़ा है , दूसरी तरफ कुछ स्थाई कर्मचारियों / अधिकारियों को भी सही ढंग से श्रेणीबद्ध नहीं किया गया है . उत्तर प्रदेश से हरियाणा की जाट आरक्षण की राजनीति करने वाले अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यश पाल मलिक ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार ने किस आधार पर ये आंकड़े पेश किये हैं इसकी स्टडी कर रहे हैं . हरियाणा से ही भाजपा के एक जाट नेता एवं केंद्र सरकार में मंत्री बिरेंदर सिंह ने अपनी ही पार्टी की हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को यह भी सोचना चाहिए कि प्रदेश में २३ प्रतिशत ऐसे जाट हैं ,जिनकी आय अनुसूचित जाति के परिवारों से भी कम है , उन्हें आरक्षण की जरुरत है .
अगर आंकड़ों के आधार पर ही जाट आरक्षण तय होना है ,तो इसकी संभावना कम ही है कि जाट आरक्षण ले पाएंगे . क्योंकि हरियाणा में जाट पहले से ही अपनी जातीय गणना के बराबर सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व ले चुके हैं . संविधान तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के मुताबिक ५० प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता , जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि अनुच्छेद १५(४) एवं १६(४) के तहत किसी समाज या वर्ग का शैक्षणिक एवं सरकारी सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है . परन्तु क्या आंकड़ों के हिसाब से हरियाणा सरकार द्वारा इकोनोमिकली बैकवर्ड पर्सन यानि इबीपी के नाम पर दस प्रतिशत का आरक्षण सही है ? हरियाणा में 23 जनवरी , 2013 को एक ही दिन हरियाणा सरकार ने दो नोटिफ़िकेशन पत्र 59 एस डब्लू (1 ) – 2013 तथा 60 एस डब्लू ( 1 ) -2013 जारी किए थे । क��रमांक 59 के तहत राज्य में पाँच जातियों जाट , बिशनोई , जट्ट सिक्ख , रोड व त्यागी को दस प्रतिशत का आरक्षण विशेष पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत दिया था तथा क्रमांक 60 के तहत अन्य सर्वोच्च अगड़ी सवर्ण जातियों यथा ब्राह्मण , बनिया व राजपूत आदि को इकोनोमिकली बैक्वार्ड पर्सन ( ई बी पी ) श्रेणी के अंतर्गत 10 % का आर्थिक आधार पर आरक्षण प्रदान किया गया था । जबकि हरियाणा सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इन अग्रणी जातियों को पहले से ही इनकी जन संख्या से कहीं अधिक प्रतिनिधित्व सरकारी नौकरियों में मिला हुआ हुआ है . उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक ब्राह्मण जाति हरियाणा में ८ प्रतिशत है ,परन्तु इसका प्रतिनिधित्व प्रथम श्रेणी सरकारी सेवाओं में १०.४७ % तथा द्वितीय श्रेणी में १३.४६% है . पंजाबी (अरोडा / खत्री ) का ११.८८% प्रथम श्रेणी पदों पर तथा १०.१६% द्वितीय श्रेणी पदों पर पहले से ही कब्ज़ा है , जबकि इनकी जन संख्या केवल ८% ही है . बनिया जाति की जन संख्या केवल ५% है परन्तु हरियाणा के प्रथम श्रेणी के १३.०१% पदों पर इनका प्रतिनिधित्व है ,जो सभी जातियों से अधिक है ,जबकि जाटों का प्रथम श्रेणी में भागीदारी २४.४८% ही है . हालाँकि जाटों का आरक्षण ��ा मामला तीस लोगों की जान जाने तथा करोड़ों की संपत्ति सवाह होने के बावजूद सरकारों की लाली पॉप वाली टरकाऊ नीति के चलते कोर्ट व कमीशन के बीच झोले ले रहा है . जबकि हरियाणा में ई बी पी आरक्षण के नाम पर सामाजिक रूप से अग्रणी जातियों के व्यक्तियों को संविधान तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को अंगूठा दिखाते हुए आज भी धड्ले से चालू है . हरियाणा में आर्थिक आधार पर आरक्षण की यह अनूठी पहल है , जहां सुप्रीम कोर्ट की 50% की सीमा रेखा का भी उल्लंघन होता है तथा इन्दिरा साहनी मामले में 1992 में सर्वोच्च न्यायालय के अगड़ी जातियों के आर्थिक रूप से गरीबों के लिए अलग से आरक्षण को अमान्य करार दिया जाने के बावजूद यह आरक्षण दिया जा रहा है । प्रश्न उठता है कि आंकड़ों के हिसाब से भी इन अगड़ी जातियों का पहले से ही हरियाणा में जन संख्या से फालतू प्रतिनिधित्व होने के बावजूद कैसे विशेष सवर्ण जातियों ब्राह्मण, बनिया ,राजपूत आदि अन्य जातियों को आर्थिक आधार पर ई पी बी (इकोनोमिकली बैक्वार्ड पर्सन) श्रेणी के तहत 10 % का विशेष आरक्षण सुप्रीम कोर्ट की दोनों आपतियों ( 50 % से अधिक आरक्षण की सीमा रेखा के बाहर तथा अगड़ी सवर्ण जातियों के आर्थिक आधार पर आरक्षण अमान्य ) को किनारा कर हरियाणा में यह आरक्षण अभी भी दिया जा रहा है ?
जाट आरक्षण का मामला सभी राजनैतिक दलों के लिए एस वाई एल की तरह वोट बटोरने का एक विकल्प बना हुआ है . भारतीय जनता पार्टी हरियाणा राज्य में जाटों के आरक्षण में ‘चित भी मेरी पट भी मेरी’ की पालिसी के तहत दोनों हाथों में लड्डू रखने की चाल चल रही है . अभी नवम्बर माह में एक ही दिन दो समानांतर रैलियों का आयोजन किया गया , एक जाट आरक्षण के पक्ष में तथा दूसरी विरोध में .परन्तु विशेष बात यह रही कि दोनों ही रैली भाजपा ��्वारा प्रायोजित एवं समर्थित थी. जहाँ रोहतक के गाँव जस्सिया में यशपाल मालिक द्वारा जाट आरक्षण के पक्ष में आयोजित रैली में अपने आप को जाट हितेषी स्तम्भ मानने वाले भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री बिरेंदर सिंह ने दहाड़ लगाईं कि हम आरक्षण लेकर रहेंगे . दूसरी तरफ उसी दिन उसी समय हरियाणा की मध्य स्थली जींद में भाजपा के सांसद राज कुमार सैनी चिल्ला रहे थे कि किसी भी कीमत पर आरक्षण नहीं लेने दिया जायेगा . इस रैली में केंद्र की भाजपा सरकार में शामिल मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंदर कुशवाहा आरक्षण विरोधी रैली में सैनी के समर्थन में भाषण दे रहे थे .
राजनैतिक विश्लेषक मानते हैं कि हरियाणा में जाट –गैर जाट का विभाजन भाजपा को खूब रास आ रहा है और भाजपा अगले २०१९ के लोकसभा चुनाव तक , जिसके साथ ही पार्टी हरियाणा विधान सभा चुनाव भी करवाने की नीति पर चल रही है , इस विभाजन को और मजबूत करना चाहती है ताकि उसे प्रदेश में गैर-जाटों की नाव के माध्यम से एक बार फिर बैतरनी पार करने का सफल अवसर मिल सके . वह अगले लोकसभा चुनाव तक अपना सांप सीढी का ऐसा खेल जारी रखना चाह रही है कि जाटों को लगे कि बस अब आरक्षण मिलेगा और गैर –जाटों को दृढ विश्वास हो जाये कि जाटों को आरक्षण बिलकुल नहीं दिया जायेगा .
हाल के गुजरात विधान सभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा पटेल आरक्षण की घोषणा पर भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा की गयी प्रतिक्रिया स्पष्ट संकेत दे रही है कि भाजपा ५०% की आरक्षण कैप का उल्लंघन करने के मूड में नहीं है .अरुण जेटली का यह कहना कि कांग्रेस द्वारा ५०% से अधिक के आरक्षण की घोषणा अपने आप को धोखे में रखने वाली है तथा संवैधानिक रूप से असंभव है एवं कभी भी कानूनी रूप से अनुमत्त नहीं है , सीधे सीधे ५०% से अधिक आरक्षण पर भाजपा का रूख बतला रही है . कांग्रेस द्वारा पटेलों को आरक्षण देने की घोषणा पर पहले से ही आरक्षण ले रहे अनुसूचित जाति , जनजाति ( आदिवासी ) एवं ओ बी सी श्रेणी के मत दाताओं को पटेलों के खिलाफ लामबद्ध कर भाजपा से जोड़ने के उद्देश्य के तहत भाजपा ने जातीय विभाजन की खूब लकीर खीची . इन जातियों को यह समझाने के पूरे प्रयास किये गए कि यदि पटेलों को आरक्षण मिलता है तो पूर्व में आरक्षण ले रही जातियों के हिस्से को काटकर ही आरक्षण दिया जायेगा . लुनावाडा डेटलाइन से इकनोमिक टाइम्स में छपी पी टी आई की एक खबर(दिसंबर ०९ ,२०१७ ) के मुताबिक प्रधान मंत्री नरेंदर मोदी ने एक जन सभा में कहा , “ मैं अपने मुस्लिम मित्रों से पूछना चाहता हूँ , क्या कांग्रेस ने उन्हें देश में कह���ं भी आरक्षण दिया है ? क्या यह उनका झूठा वायदा साबित नहीं हुआ ? अब वे गुजरात की एक अन्य कम्युनिटी को आरक्षण का वायदा कर रहे हैं . वे उन्हें कहाँ से आरक्षण देंगे ? क्या वे ओ बी सी , आदिवासी तथा अनुसूचित जाति के कोटे से इसे छिनेंगे ?” मोदी के इस तर्क ने न केवल पटेलों के बिछोह से हुए वोट नुकसान की भरपाई की ,अपितु पूर्व में आरक्षित श्रेणी के लोगों को भाजपा से जोड़ने का काम भी सफलता पूर्व किया . हरियाणा में भी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओ बी सी ) के तहत पूर्व में आरक्षण ले रही जातियों को भी जाटों के आरक्षण देने के मुद्दे पर गैर –जाट वर्ग के झंडे के नीचे भाजपा के ही एक सांसद राज कुमार सैनी द्वारा लामबद्ध किया जा रहा है और काफी हद तक सैनी को इसमें सफलता भी मिली है . क्यों भाजपा के ही सांसद द्वारा तीन साल से अधिक समय से किये जा रहे इस जातीय विभाजन पर भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व मौन साधे हुए है ? क्या यह सब उपरी निर्देश के तहत ही हो रहा है ? कहीं गुजरात नीति की तरह ही जाटों की प्रभावी राजनैतिक शक्ति के संतुलन के लिए हरियाणा में गैर-जाटों को भाजपा से जोड़ने के लिए तो भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व का कोई एजेंडा तो नहीं है ? मामला कुछ भी हो जाट आरक्षण की भैंस एक बार तो पानी में गोता लगाती प्रतीत हो ही रही है .
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पहलवान बजरंग पूनिया के निशाने पर हरियाणा सरकार, कहा- खिलाड़ियों को झूठा और लालची साबित करने पर तुली सरकार
चैतन्य भारत न्यूज विश्व के नंबर एक पहलवान बजरंग पूनिया ने हाल ही में हरियाणा सरकार को घेरा है। बजरंग ने प्रदेश की खेल नीति पर सवाल उठाते हुए हरियाणा सरकार पर खिलाड़ियों का झूठा और लालची साबित करने का आरोप लगाया। बजरंग ने बेहद ही सख्त लहजे में सरकार को नसीहत भी दी है कि, वह अपनी झूठ बोलने की आदत को बदल लें। खिलाड़ियों को झूठा और लालची साबित करने पर तुली हरियाणा सरकार से विनती है कि आप अपनी झूठ बोलने की आदत को बदल ले।जब योगेश्वर पहलवान को इनामी राशि मिली थी वह हुड्डा सरकार के खेल नीति के अनुसार दी गई थी और राशि में कटौती नहीं हुई थी@anilvijminister @DuttYogi @narendramodi @mlkhattar https://t.co/QIZQhrolQD — Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) July 4, 2019 बता दें बजरंग इन दिनों तुर्की में अभ्यास कर रहे हैं। इसी बीच उन्होंने अपनी ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट से पोस्ट किया जिसमें लिखा कि, 'खिलाड़ियों को झूठा और लालची साबित करने पर तुली हरियाणा सरकार से विनती है कि आप अपनी झूठ बोलने की आदत को बदल ले।' उन्होंने आगे हुड्डा सरकार का जिक्र करते हुए लिखा कि, 'जब योगेश्वर पहलवान को इनामी राशि मिली थी वह हुड्डा सरकार के खेल नीति के अनुसार दी गई थी और राशि में कटौती नहीं हुई।' मेरा मुद्दा सिर्फ राशि में कटौती करने का नहीं है। हरियाणा सरकार के किए गये कइ झूठे वायदे है जैसे कि कैडेट खिलाड़ियों को मिलने वाली राशि को बंद करना और नौकरी देने के झूठे दावे को स��मने लाना भी है।@anilvijminister @mlkhattar @narendramodi https://t.co/q5rNf0SiNc — Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) July 4, 2019 इसके अलावा बजरंग ने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि, 'मेरा मुद्दा सिर्फ राशि में कटौती करने का नहीं है। हरियाणा सरकार के किए गए कई झूठे वायदे हैं, जैसे कि कैडेट खिलाड़ियों को मिलने वाली राशि को बंद करना और नौकरी देने के झूठे दावे को सामने लाना भी है।' मेरा मुद्दा सिर्फ राशि में कटौती करने का नहीं है। हरियाणा सरकार के किए गये कइ झूठे वायदे है जैसे कि कैडेट खिलाड़ियों को मिलने वाली राशि को बंद करना और नौकरी देने के झूठे दावे को सामने लाना भी है।@anilvijminister @mlkhattar @narendramodi https://t.co/q5rNf0SiNc — Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) July 4, 2019 बजरंग ने तीसरे ट्वीट में लिखा कि, 'मैं हूं एक खिलाड़ी राजनीतिज्ञों के छल से परे। आज भी मिलने पर मैं अपनों से बड़ों के पैर छू के आदर करता हूं। लेकिन झूठ और छल हम बजरंग बली के भक्त आज भी बर्दाश्त नहीं करते।' Read the full article
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भारत ने अंतरिक्ष में भी सर्जिकल स्ट्राइक करने की क्षमता विकसित की: PM मोदी
देश की सबसे तेज ट्रेन वंदे भारत हो या आपके हाथ में मोबाइल फ़ोन, आज ये सब भारत में ही बन रहा है। अब भारत ने जल, थल, नभ के साथ साथ अंतरिक्ष में भी सर्जिकल स्ट्राइक करने की क्षमता प्राप्त कर ली है। बीते पांच वर्ष में भारत ने जो कुछ हासिल किया वो आपके एक वोट ने किया है। ये आपके वोट की ताकत है, ये सब कुछ हरियाणा के मजबूत इरादों ने किया है। आपने 2014 में दिल्ली में एक मजबूत और ईमानदार सरकार न बनाई होती तो ये संभव न होता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हरियाणा के रोहतक में आयोजित एक जनसभा में यह बात कही। हरियाणा की ब्रेकिंग न्यूज़ अब सबसे पहले आपके पास : डाउनलोड करें : DOWNLOAD ( 3MB ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के मुख्य अंश * राष्ट्र रक्षा के लिए हर पल तैयार रहने वाले, मिट्टी से सोना उगा कर देश का पेट भरने वाले और खेल के मैदान में भारत को गौरव दिलाने वाले हरियाणा और रोहतक के सभी लोगों को मेरा नमस्कार। आज पूरी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत है। 2014 में भारत आर्थिक ताकत के रूप में दुनिया में 11वें नंबर था, आज छठे नंबर पर है और पांचवे नंबर पर आने लिए कोशिश कर रहा है। * देश की सबसे तेज ट्रेन वंदे भारत हो या आपके हाथ में मोबाइल फ़ोन, आज ये सब भारत में ही बन रहा है। अब भारत ने जल, थल, नभ के साथ साथ अंतरिक्ष में भी सर्जिकल स्ट्राइक करने की क्षमता प्राप्त कर ली है। बीते पांच वर्ष में भारत ने जो कुछ हासिल किया वो आपके एक वोट ने किया है। ये आपके वोट की ताकत है, ये सब कुछ हरियाणा के मजबूत इरादों ने किया है। आपने 2014 में दिल्ली में एक मजबूत और ईमानदार सरकार न बनाई होती तो ये संभव न होता * आपको कांग्रेस और उसके साथियों से सावधान रहने की जरुरत है। कांग्रेस ने 70 साल तक देश कैसे चलाया है, उनका दिमाग कैसे चलता है, उनकी खोपड़ी में कैसा अहंकार भरा है ये कल केवल 3 शब्दों में उन्होंने खुद ही समेट दिया। कल कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक ने कहा कि 1984 का सिख दंगा “हुआ तो हुआ”। ये नेता गांधी परिवार के सबसे बड़े राजदार है, ये राजीव गांधी के अच्छे दोस्त और राहुल ��ांधी के गुरु हैं। इनके लिए जीवन का कोई मूल्य नहीं है। हरियाणा की ब्रेकिंग न्यूज़ अब सबसे पहले आपके पास : डाउनलोड करें : DOWNLOAD ( 3MB ) * सैकड़ों सिखों को पेट्रोल डीजल डालकर जला दिया गया। गले में टायर डालकर आग लगा दी और कांग्रेस कह रही है कि “हुआ तो हुआ”। हजारों सिखों को घरों से बाहर निकालकर मारा गया, लेकिन आज कांग्रेस कह रही है “हुआ तो हुआ”। हजारों सिखों की घर-दुकानें जला दी गई, लेकिन आज कांग्रेस कह रही है “हुआ तो हुआ”। हरियाणा, हिमाचल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों में सिखों को निशाना बनाया गया। इसका नेतृत्व कांग्रेस ने किया। ये पाप कांग्रेस के हर छोटे-बड़े नेता ने किया, लेकिन आज कांग्रेस कह रही है “हुआ तो हुआ”। * कांग्रेस में सिर्फ एक परिवार को आगे बढ़ाने के लिए समर्थ लोगों का अपमान किया जाता है, उनकी पहचान को ऊपर नहीं उठने दिया जाता है।भाखड़ा-नांगल डैम की सोच, सर छोटूराम की थी, लेकिन उनको कभी इसका क्रेडिट ही नहीं दिया गया। * दिल्ली में जो कांग्रेस के नामदार हैं, उनके जो रिश्तेदार हैं, उन्होंने यहां के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ मिलकर क्या-क्या गुल खिलाए हैं, ये भी पूरा देश जानता है। किसान की जमीन कौड़ियों के दाम पर हड़प ली और फिर उस पर भ्रष्टाचार की खेती की गई। कांग्रेस की इसी कर्मों का परिणाम है कि 2004 से लेकर 2014 तक पाकिस्तान के आतंकी भारत में हमले रहे और कांग्रेस की कमजोर सरकार रोती रही। आपके इस चौकीदार ने इस नीति को बदला है। आज हमारे सपूतों को हमने खुली छूट दी है, सीमा में बांधकर नहीं रखा है। * जब समझौता ब्लास्ट हुआ था, तो पाकिस्तान के आतंकियों को भगा दिया गया और निर्दोष लोगों को फंसा दिया। कांग्रेस के दरबारियों ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरु किया कि ये हिंदू आतंकवाद है Read the full article
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मेजर ध्यान चन्द जैसी विभूति को भारत रत्न दिया जाना चाहिए- प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री
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मेजर ध्यान चन्द जैसी विभूति को भारत रत्न दिया जाना चाहिए- प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री
मेजर ध्यान चन्द जैसी विभूति को भारत रत्न दिया जाना चाहिए- प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री
हरिद्वार, (संजय राजपूत)। गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर नेशनल आॅनलाईन वेबीनार का आयोजन किया। हाॅकी के जादूगर मेजर ध्यान चन्द ��े जन्मदिवस पर अपने श्रद्वा-सुमन अर्पित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कहाॅ कि शारीरिक शिक्षा के बिना स्वस्थ्य जीवन की कल्पना करना संभव नही है। व्यक्तिगत अनुभव मे शारीरिक श्रम की उपयोगिता बताते हुए कहाॅ कि तीन जगह से तिरछे शरीर को सीधा करने के लिए व्यक्ति को केवल जमीन पर सोने से 100 वर्ष आयु तक जिया जा सकता है। उन्होने पढ-लिखकर भी नवाब बनने के साथ खेल-कूद से भी नवाब बनने की भावना को विकसित करने पर जोर दिया। कार्यक्रम में वक्ताओं का स्वागत करते हुए योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के डीन प्रो0 आर0के0एस0 डागर ने कहाॅ कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देशन तथा केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक के प्रयासों से नई शिक्षा नीति-2020 को बदलते भारत के परिप्रेक्षय मे तैयार करके लागू किये जाने का स्वागत किया। डाॅ0 डागर ने शारीरिक शिक्षा के लिए चुनौतियाॅ तथा उनका मुकाबला करने के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने का जिम्मा वर्तमान चिन्तकों का है। आमंत्रित अतिथि एम0डी0यू0, रोहतक के प्रो0 भगत सिंह ने कहाॅ कि वर्तमान शिक्षा नीति मे भी शारीरिक शिक्षा की चुनौती कम नही, लेकिन नई शिक्षा नीति 2020 मे कई आशायें बलवती हुई है, जिसमे प्राईमरी स्तर से शारीरिक शिक्षा आरम्भ कर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढाकर इसमें परिवर्तन किया जायेगा। उन्होने जी0डी0पी0 का 6-फीसदी प्राईमरी शिक्षा पर खर्च करके स्वरूप तथा स्तर में बदलाव का स्वागत किया। शारीरिक शिक्षा के भीष्म, केरल विश्वविद्यालय के डायरेक्टर तथा साई, एलएनआईपी एवं खेल मंत्रालय की अनेक समितियों के सदस्य रहे प्रो0 एम0एल0 कमलेश ने कहाॅ कि स्कूल स्तर पर फिजिकल एजूकेशन, यूनिवर्सिटी लेवल पर स्पोटर्स विद साइंस को बढावा देने से शारीरिक शिक्षा में बदलाव लाया जा सकता है। है। बिना विज्ञान के खेल का अस्तित्व संभव नही। उन्होने कहाॅ कि स्पोटर्स को बैकअप देने वाली केवल साईंस ही है। ग्वालियर के प्रो0 जसराज सिंह ने कहाॅ कि 34 साल के बाद भी शारीरिक शिक्षा की चुनौतियाॅ आज तक भी कम नही हुई है। शारीरिक शिक्षा को पढाने के लिए भी कुशल शिक्षकों को भी तैयार करने की जरूरत है। ओ0पी0जिंदल यूनिवर्सिटी, सोनीपत के प्रो0 संजीव सहानी ने कहाॅ कि 16 फीसदी बजट काटकर उच्च शिक्षा मे केवल इसलिए खर्च किया गया ताकि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग सुधारी जा सके। उन्होने नई शिक्षा नीति मे प्राईमरी स्कूलों पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 दिनेश चन्द्र भटट ने कहाॅ कि प्राइमरी स्कूल मनुष्य निर्माण की बुनियाद तैयार करता है। इसलिए स्कूल स्तर पर शारीरिक शिक्षा को लागू करना सरकार का सराहनीय कदम है। उन्होने वर्तमान मे सरकारी स्कूलों के भवनों की दयनीय स्थिति पर चिन्ता व्यक्त की। उदघाटन सत्र का संचालन डाॅ0 अजय मलिक द्वारा किया गया। जबकि अतिथि वक्ताओं के कार्यक्रम मे मोडरेटर की भूमिका आयोजन सचिव डाॅ0 शिवकुमार चैहान ने निभाई। आॅनलाईन नेशनल वेबीनार मे हैदराबाद, लक्षद्वीप, ग्वालियर, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उ0प्र0, हिमाचल, उत्तराखंड सहित राजस्थान के शिक्षाविद्व, खेल प्रशिक्षक, जिम टेªनर, फिजियोथैरेपिस्ट, शोधार्थी, एम0पी0एड0 तथा बी0पी0एड0 छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम मे कोर्डिनेटर डाॅ0 कपिल मिश्रा, डाॅ0 अनुज कुमार, डाॅ0 प्रणवीर सिंह, सुनील कुमार, सिंकन्दर रावत सहित अश्वनी कुमार, जोगेन्द्र एवं विजयपाल आदि सम्मिलित रहे।
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अब बेटियों के लिए भी खुलेंगे सैनिक स्कूल के दरवाजे... सरकार ने क्यों लिया फैसला? Divya Sandesh
#Divyasandesh
अब बेटियों के लिए भी खुलेंगे सैनिक स्कूल के दरवाजे... सरकार ने क्यों लिया फैसला?
नई दिल्लीदेश की बेटियों के लिए अच्छी खबर है। वे किसी भी सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकेंगी। यानी देश के सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे अब उनके लिए भी खुलेंगे। ने रविवार को लाल किले की प्राचीर से इसका ऐलान किया। देश में अभी 33 सैनिक स्कूल चलाए जा रहे हैं। इनमें से कुछ में ही लड़कियों का दाखिला होता था।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में कहा कि ढाई साल पहले मिजोरम में सैनिक स्कूलों में बेटियों के दाखिले का पहला प्रयोग किया गया था। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने अब फैसला किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूल देश की बेटियों के लिए भी खोले जाएंगे।’
प्रधानमंत्री बोले, ‘यह देश के लिए गौरव की बात है कि शिक्षा हो या खेल, बोर्ड्स के नतीजे हों या ओलिंपिक का मेडल, हमारी बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिए आतुर हैं। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वे भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं।’
इस दौरान पीएम ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी जिक्र किया। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ‘गरीबी के खिलाफ लड़ाई’ का साधन बताया। पीएम बोले, ‘जब गरीब के बेटी, गरीब का बेटा मातृभाषा में पढ़कर प्रोफेशनल्स बनेंगे तो उनके सामर्थ्य के साथ न्याय होगा।’ उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने वाली है।
सैनिक स्कूलों में कैसे होता है एडमिशन? सैनिक स्कूलों का संचालन सैनिक स्कूल सोसायटी करती है। यह सोसायटी रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आती है। सैनिक स्कूलों की स्थापना का उद्देश्य छात्रों को कम उम्र से ही भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए तैयार करना था। ये स्कूल वीके कृष्ण मेनन के दिमाग की उपज हैं। मेनन अप्रैल 1957 से अक्टूबर 1962 तक के���द्रीय रक्षा मंत्री थे। उन्होंने 1961 में इस विचार की कल्पना की थी।
सैनिक स्कूलों में दाखिले के लिए ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेस एग्जाम (AISSEE) आयोजित कराया जाता है। यह एंट्रेंस एग्जाम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के पैटर्न पर होता है। कक्षा 6 और 9 के लिए छात्रों को प्रवेश परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। कक्षा 11 के लिए प्रवेश का आधार कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंक होते हैं।
रिजर्वेशन का ध्यान रखना होगा ध्यान देने वाली बात यह है कि 67 फीसदी सीटें उन छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं जो किसी सैनिक स्कूल के गृह राज्य से हैं। बाकी 33 फीसदी छात्रों को गृह राज्य के बाहर से प्रवेश दिया जाता है। अनुसूचित जाति (15%), अनुसूचित जनजाति (7.5%), अन्य पिछड़ा वर्ग (27%) और वर्तमान और पूर्व सैनिकों (25%) के बच्चों के लिए भी आरक्षण है। इस समय देश में 33 सैनिक स्कूल हैं। उत्तर प्रदेश में तीन सैनिक स्कूल हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में दो-दो ऐसे स्कूल हैं।
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1 August 2020 Daily Current Affairs & Daily GK Update in Hindi
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1 August 2020 Daily Current Affairs & Daily GK Update in Hindi
Current Affairs 1 August 2020
अनुभवी भारतीय घरेलू ऑलराउंडर का नाम बताइए, जिन्होंने हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की है।
(A) मिथुन मन्हास
(B) रजत भाटिया
(C) मनविंदर बिसला
(D) परविंदर अवाना
(E) उन्मुक्त चंद
सह-टर्मिनस आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निजी सचिव (पीएस) के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?
(A) हार्दिक सतीशचंद्र शाह
(B) आदित्य कुमार आनंद
(C) अद्वैत कुमार सिंह
(D) अजय कुमार
(E) अजीत वसंत
भारत की घरेलू रेटिंग एजेंसी, निवेश सूचना और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने किसे तीन साल के लिए अपना नया प्रबंध निदेशक और समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया है?
(A) रंजना अग्रवाल
(B) अरुण दुग्गल
(C) एन शिवरामन
(D) राधिका वी हरिभक्ति
(E) राजीव कुमार
किस डिजिटल वॉलेट कंपनी ने “mpay.me” UPI लिंक सेवा शुरू की है जो उपयोगकर्ताओं को किसी भी UPI भुगतान ऐप से पैसे भेजने और प्राप्त करने की अनुमति देती है?
(A) फ्रीचार्ज
(B) मोबीक्विक
(C) ऐमज़ान
(D) बिलडेस्क
(E) आक्सीजन
किस केंद्रीय मंत्रालय ने “डिजिटल रिपोर्ट, 2020 पर भारतीय रिपोर्ट” लॉन्च की?
(A) गृह मंत्रालय
(B) मानव संसाधन और विकास मंत्रालय
(C) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
(D) विदेश मंत्रालय
(E) नागरिक उड्डयन मंत्रालय
अनिल मुरली, जिनका हाल ही में निधन हुआ था, एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे-
(A) डान्सर
(B) अभिनेता
(C) राजनीतिज्ञ
(D) निर्देशक
(E) निर्माता
राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता _____ और कबड्डी खिलाड़ी ______ को हरियाणा के खेल और युवा मामलों के विभाग में उप निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।
(A) डकोटा काई और गीता फोगट
(B) कविता देवी और बबीता फोगट
(C) गीता फोगट और सान्या मल्होत्रा
(D) सान्या मल्होत्रा और डकोटा काई
(E) गीता फोगट और कविता देवी
नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन (AIM) ने ______ को एक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक इनक्यूबेटर क्षमताओं में वृद्धि कार्यक्रम शुरू किया है जो उच्च प्रदर्शन करने वाले स्टार्टअप बनाने पर केंद्रित होगा।
(A) AIM-iTOP
(B) AIM-iTAIL
(C) AIM-iCRISTA
(D) AIM-iCREST
(E) AIM-iCOMB
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सोनम टीशेरिंग लेप्चा, जिनका हाल ही में 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया, एक प्रसिद्ध थे-
(A) संगीतकार
(B) वादक
(C) वाद्यवृंदकार
(D) लोक संगीतकार
(E) इनमें से कोई नहीं
हालही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और किस देश के बीच पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग पर सहमति व्यक्त की?
(A) जाम्बिया
(B) बोत्सवाना
(C) जिम्बाब्वे
(D) दक्षिण अफ्रीका
(E) मोज़ाम्बिक
ANSWERS: – 1(B) 2(A) 3(C) 4(B) 5(B) 6(B) 7(B) 8(D) 9(D) 10(C)
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3 बार आल इंडिया, 9 नेशनल ओर 24 बार स्टेट खेलने वाली खिलाड़ी कर रही है मनरेगा में दिहाड़ी
रोहतक(न्यूज़ डेस्क): बेहतरीन खेल नीति का दम भरने वाली हरियाणा सरकार में राष्ट्रीय खिलाड़ियों की ऐसे अनदेखी होगी किसी ने सोचा भी नही होगा। रोहतक जिले के इंदरगढ़ गांव की रहने वाली राष्ट्रीय वुशु खिलाड़ी शिक्षा इन दिनों तंगी की हालत में मनरेगा में मजदूरी कर रहीं है। खुद की मनरेगा कॉपी न बनने के कारण शिक्षा माता-पिता की सहायता करवाती है और 2 रोटी के लिए संघर्ष कर रही है।
दूसरी ओर राष्ट्रीय…
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गोहाना. केंद्रीय खेल एवं युवा राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि भाजपा सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल नीति बनाई है। नई नीति के अंतर्गत खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। वर्ष 2020 में टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
रिजिजू ने कहा कि विदेशों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिएभारत लौटने से पहले पुरस्कार राशि का चेक तैयार कर दिया जाता है। रिजिजू ने कहा कि सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश का तेजी से विकास हुआ हुआ। प्रदेश नंबर वन बनने की तरफ अग्रसर है। भाजपा सरकार ने खिलाड़ियों को पूरा सम्मान दिया है।
बेहतर सुविधाएं के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले गए
खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले गए हैं। मैंने भी सेंटरों का दौरा करके व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को प्रत्याशी बनाया है। योगेश्वर दत्त अच्छे अंतर से जीत दर्ज करेंगे। योगेश्वर ने खेलों में देश का नाम किया। इसलिए भाजपा उसे राजनीति में लेकर आई है। अब वे जनसेवा करेंगे।
पांच साल में हमने भ्रष्टाचार खत्म किया : सीएम मनोहर
नूंह में एक नामांकन कार्यक्रम में पहुंचे सीएम मनोहर लाल ने कहा कि विधानसभा चुनावों में जीत के बाद अगले 5 सालों में राज्य के हर परिवार की रसोई तक पीने का साफ पानी पहुंचाया जाएगा। हरियाणा प्रदेश बनने के बाद 300 रजबाहों एवं विभिन्न माइनरों की टेलों तक पानी पहुंचाया गया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को ��गभग 9 लाख गैस कनेक्शन दिए गए हैं। ऑनलाइन सिस्टम से सरकार और जनता के बीच सीधा संवाद हो गया है।
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बरौदा सीट से बीजेपी उम्मीदवार योगेश्वर का नामांकन कराने पहुंचे रिजिजू।
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