#यूपी सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
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zamanatv · 4 years ago
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सयुंक्त खबरें *दिल्ली:* आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम को राहत, यूपी सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज,
सयुंक्त खबरें *दिल्ली:* आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम को राहत, यूपी सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज,
सयुंक्त खबरें *दिल्ली:* आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम को राहत, यूपी सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, अब्दुल्ला की जमानत रद्द करने की थी याचिका,  इलाहाबाद HC ने रिहा करने का आदेश दिया था, फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में आदेश था.   *आगरा:* ESS डिग्री कॉलेज में छापेमारी से हड़कंप, कॉलेज से अवैध दवाओं का जखीरा बरामद, गर्ल्स टॉयलेट में छिपाकर रखी गई थी दवाएं, कॉलेज से हो रही थी दवाओं की…
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darkwombatnacho · 2 years ago
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यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किया दावा- अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई का दंगे से कोई संबंध नहीं, खारिज हो जमीयत उले��ा-ए-हिंद की याचिका
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किया दावा- अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई का दंगे से कोई संबंध नहीं, खारिज हो जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका
Bulldozer Action:HN/ उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया है कि राज्य में चल रही बुलडोज़र (Bulldozer) कार्रवाई का दंगों से संबंध नहीं है. राज्य सरकार ने जमीयत उलेमा ए हिंद पर मामले को गलत रंग देने का आरोप लगाया है. सरकार की तरफ से कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा गया है कि जिन संपत्तियों पर कार्रवाई हुई उन्हें तोड़ने का आदेश कई महीने पहले जारी हो चुका था. लोगों…
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news-trust-india · 3 years ago
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Lakhimpur Kheri violence case: आशीष मिश्रा की जमानत खारिज करने की मांग पर सुनवाई
Lakhimpur Kheri violence case: आशीष मिश्रा की जमानत खारिज करने की मांग पर सुनवाई
नई दिल्ली। Lakhimpur Kheri violence case: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत खारिज करने की याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट में आज गवाहों पर हमले को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। अब मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। One Rank One…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में मुनव्वर फारुकी को अंतरिम जमानत Divya Sandesh
#Divyasandesh
धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में मुनव्वर फारुकी को अंतरिम जमानत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने फारुकी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने फारुकी के खिलाफ यूपी में जारी प्रोडक्शन वारंट पर रोक लगा दी है। 
फारुकी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है जिसमें जमानत याचिका ठुकरा दी गई थी। हाईकोर्ट ने पिछले 28 जनवरी को फारुकी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। फारुकी और चार अन्य लोगों को 2 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। फारुकी पर इंदौर में 1 जनवरी को एक कार्यक्रम के दौरान हिन्दू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर टिप्पणी करने का आरोप है। 
फारुकी के खिलाफ बीजेपी विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौर के बेटे एकलव्य सिंह गौर ने शिकायत दर्ज कराई थी। फारुकी के अलावा जिन चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनमें एडविन अंथोनी, नलिन यादव, प्रखर व्यास और प्रियम व्यास शामिल हैं।
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upenews · 4 years ago
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लव जिहाद कानून: धर्मांतरण अध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को लगा झटका Anti Conversion ordinance SC refuses to entertain a petition filed by the UP Govt transfer all the petitions against the
लव जिहाद कानून: धर्मांतरण अध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को लगा झटका Anti Conversion ordinance SC refuses to entertain a petition filed by the UP Govt transfer all the petitions against the
धर्मांतरण अध्यादेश पर उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. एससी ने यूपी सरकार की ट्रांसफर याचिका को खारिज कर दिया है. बता दें कि धर्मांतरण मामले में योगी सरकार की तरफ से एससी में ट्रांसफर करने की याचिका डाली गई थी.  सुप्रीम कोर्ट (Photo Credit: सांकेतिक चित्र) नई दिल्ली: धर्मांतरण अध्यादेश पर उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. एससी ने यूपी सरकार की ट्रांसफर…
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shaileshg · 4 years ago
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अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराए करीब 28 साल पूरे हो गए हैं। ढांचे को गिराने के क्रिमिनल केस की सुनवाई लखनऊ में सीबीआई स्पेशल कोर्ट कर रहा था। इस मामले में 32 आरोपी हैं। इनमें पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साक्षी महाराज के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद के कई नेता भी आरोपी हैं।
मामले की सुनवाई लखनऊ की पुरानी हाईकोर्ट बिल्डिंग में अयोध्या प्रकरण कोर्टरूम नंबर 18 में पिछले 28 साल से कछुए की चाल चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को आदेश दिया कि इस मामले में डे-टू-डे बेसिस पर सुनवाई की जाए और मामले की सुनवाई कर रहे जज का ट्रांसफर नहीं होगा। तब जाकर अब फैसले की घड़ी आई है।
सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला सुना तो दिया, अब यह मामला क्या है? 6 दिसंबर 1992 को राम मंदिर आंदोलन के लिए जुटी भीड़ ने बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिरा दिया था। यह माना जाता है कि विवादित ढांचा भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर बनाया गया था। ढांचा गिरने के बाद पूरे देश में दंगे भड़के थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इन दंगों में 1,800 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में जो फैसला सुनाया था, वह जमीन के मालिकाना हक को लेकर था। उसमें कोर्ट ने राम जन्मभूमि मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था��� 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन किया। यह क्रिमिनल केस उससे पूरी तरह अलग है।
क्या है यह मामला और दर्ज एफआईआर क्या है?
6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा टूटने के बाद पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थीं। पहली एफआईआर-नंबर 197/92, जो लाखों अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ थी। इन कारसेवकों ने कथित तौर पर हथौड़ों और कुदाल से विवादित ढांचा गिराया था।
दूसरी एफआईआर- नंबर 198/92 आठ लोगों के खिलाफ थी। इनमें आडवाणी, जोशी, उमा भारती और विनय कटियार भाजपा से थे। वहीं, विहिप के अशोक सिंहल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया और साध्वी ऋतंभरा थे। इनमें डालमिया, किशोर और सिंहल की मौत हो चुकी है। 47 और एफआईआर दर्ज हुई थी, जो बाबरी ढांचा गिराए जाने के बाद पत्रकारों पर हमलों से जुड़ी थीं। मामले में कुल 32 लोग आरोपी हैं।
इन केसों के बंटवारे पर विवाद था। कारसेवकों के खिलाफ दर्ज एफआईआर 197/92 जांच के लिए सीबीआई के पास गई थी, जबकि एफआईआर 198/92 जांच के लिए सीआईडी को सौंपी गई थी। 27 अगस्त 1993 को यूपी सरकार ने इस मामले से जुड़े सभी केस सीबीआई को दे दिए गए थे।
आपराधिक साजिश का आरोप कब जुड़ा? सीबीआई ने 5 अक्टूबर 1993 को पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें 40 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें भाजपा-विहिप के 8 नेता भी शामिल थे। दो साल चली जांच के बाद 10 जनवरी 1996 को सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद गिराने की एक सुनियोजित साजिश थी।
सीबीआई ने एफआईआर में 9 और लोगों को जोड़ा। उनके खिलाफ आपराधिक साजिश यानी आईपीसी की धारा 120(बी) के आरोप लगाए। इनमें शिवसेना के नेता बाल ठाकरे और मोरेश्वर सावे शामिल थे। 1997 में लखनऊ मजिस्ट्रेट ने सभी 48 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए। लेकिन, 34 आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आरोप तय करने के खिलाफ याचिका लगाई और प्रक्रिया पर रोक लग गई।
इस मामले में सुनवाई में देर कहां हुई? इस मामले में चार साल तक कुछ नहीं हुआ। हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर की वजह से कागज तक नहीं हिला। 12 फरवरी 2001 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आडवाणी, जोशी, उमा, कल्याण सिंह और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा हटाने ���ा आदेश दिया। इससे केस कमजोर हो गया।
तीन महीने के भीतर 4 मई 2001 को लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने एफआईआर 197/92 और 198/92 को अलग-अलग सुनवाई के लिए लिया। यह भी कहा कि 21 आरोपियों के खिलाफ रायबरेली की कोर्ट में सुनवाई होगी। वहीं, 27 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई लखनऊ में होगी।
सीबीआई ने तब इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक साजिश का आरोप हटाने के आदेश का रिव्यू करने के लिए याचिका लगाई। लेकिन, यह याचिका खारिज हो गई। 16 जून को सीबीआई ने यूपी सरकार को पत्र लिखकर कहा कि ��्रायल दोबारा शुरू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करें।
जुलाई 2003 में सीबीआई ने आडवाणी के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप वापस ले लिया और रायबरेली कोर्ट में नए सिरे से चार्जशीट दाखिल की। लेकिन, जुलाई 2005 में हाईकोर्ट ने आडवाणी के खिलाफ 'नफरत फैलाने' का आरोप तय किया। 2010 तक दोनों केस अलग-अलग अदालतों में चलते रहे।
2011 में सीबीआई आखिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची और वहां यह तय हुआ कि रायबरेली की सुनवाई भी लखनऊ ट्रांसफर की जाए। अगले सात साल तक अदालतों में आरोप तय होने को लेकर रिव्यू याचिकाएं दाखिल होती रहीं। 19 अप्रैल 2017 को आडवाणी और अन्य आरोपियों पर फिर से आपराधिक साजिश का आरोप तय हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को त्रुटिपूर्ण करार देते हुए सीबीआई की भी इस बात को लेकर खिंचाई की कि उस आदेश को पहले चुनौती क्यों नहीं दी गई? तकनीकी तौर पर 2010 में ही ट्रायल शुरू हो सका। आरोप तय होने के स्टेज पर सुनवाई अटकी रही क्योंकि अधिकांश आरोपी हाईकोर्ट में थे।
इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सबूत क्या हैं? बाबरी ढांचे के विध्वंस से जुड़े मामले में 30-40 हजार गवाह थे। ट्रायल में मौखिक गवाही महत्वपूर्ण रही। मौखिक सबूतों में गवाहों के पुलिस को दिए बयानों को लिया गया। सीबीआई ने जांच के दौरान 1,026 गवाहों की सूची बनाई। इसमें ज्यादातर पुलिसकर्मी और पत्रकार थे।
आठ भाजपा और विहिप नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप साबित करने के लिए मौखिक आरोप ही हैं। इस वजह से सीबीआई ने अतिरिक्त प्रयास किए ताकि ज्यादा से ज्यादा गवाहों को जुटाया जा सके। 2010 से सीबीआई की कई टीमों ने देशभर का दौरा किया और लोगों को कोर्ट में पेश होने के लिए समन दिए। कुछ को तो इंग्लैंड और म्यांमार में भी ट्रेस किया है। हजारों में से सिर्फ 351 गवाह ही कोर्ट में बयान देने पहुंच सके।
मौखिक सबूतों में इन नेताओं की ओर से दिए गए भाषण शामिल हैं। खासकर 1990 में अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के लिए जब लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा शुरू की, उस दौरान दिए गए बयानों को सबूत माना गया। यह बताता है कि ढांचे को गिराने का विचार 1990 में ही आया, जो बताता है कि यह साजिश थी।
दस्तावेजी सबूत भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसमें घटना की न्यूज रिपोर्ट्स शामिल हैं। साथ ही 6 दिसंबर 1992 को खींचे गए फोटोग्राफ्स और बनाए गए वीडियो। विभिन्न चैनलों ने 100 यू-मेटिक वीडियो कैसेट्स सौंपे हैं, जिन्हें 27-इंच के सोनी टीवी और दो वीसीआर पर चलाया गया।
इस मामले में क्या उम्मीद कर सकते हैं? 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं के दावे को स्वीकार करते हुए कहा कि बाबरी ढांचे को गिराना कानून के शासन का उल्लंघन था। जो भी गलत हुआ है, उसे ठीक किया जाना आवश्यक है। संविधान के आर्टिकल 142 के तहत कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार या उ��्तरप्रदेश सरकार को अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देनी चाहिए।
यह देखा जाना चाहिए कि क्या सुप्रीम कोर्ट के बयान का इस फैसले पर कोई असर होता है। सरकारी पक्ष ने अपनी अंतिम दलीलों में कहा है कि जिन भी लोगों ने साजिश रची, उन्हें सजा दी जानी चाहिए। डिफेंस का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले ने हिंदुओं के दावे को सही साबित किया है।
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Everything you need to know about the Criminal Case a day before the result
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kisansatta · 4 years ago
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हाई कोर्ट से पूर्वमंत्री गायत्री प्रजापति को मिली 2 महीने की जमानत
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को मंजूर कर लिया है | हाईकोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को दो महीने की राहत दी गई है | रेप के मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति लखनऊ जेल में बंद है | अंतरिम जमानत के दौरान देश छोड़कर बाहर नहीं जाएंगे गायत्री, साथ ही उन्हें हमेशा अपना फोन ऑन रखना होगा | गौरतलब है कि दुष्कर्म के मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति लखनऊ जेल में बंद हैं | उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल की थी | अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति को कोर्ट ने 5 लाख रुपया के पर्सनल बांड तथा दो जमानतदारों की शर्त के साथ जमानत दी है |
मायावती-‘ब्राह्मणों और दलितों के साथ मुसलमानों पर भी अत्याचार’
पहले खारिज हो चुकी है एक जमानत अर्जी
आपको बताते चलें कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की एक जमानत अर्जी पहले ही खारिज हो चुकी है | अब उनकी ओर से कोरोना के ख़तरे को लेकर दूसरी ज़मानत अर्ज़ी दाखिल की थी | पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति मार्च 2017 से रेप के मामले में जेल में बंद हैं |
यूपी : राज्यसभा सांसद सैय्यद जफर इस्लाम निर्विरोध चयनित
क्या है मामला
बता दें चित्रकूट की एक महिला ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके साथियों के खिलाफ गैंगरेप और धमकाने की एफआईआर दर्ज कराई थी | मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद मार्च 2017 में गायत्री प्रजापति को पुलिस ने गिरफ्तार किया था | तब से आजतक इसी मामले में गायत्री प्रजापति जेल में है
https://kisansatta.com/ex-minister-gayatri-prajapati-gets-2-month-bail-from-high-court/ #ExMinisterGayatriPrajapatiGets2MonthBailFromHighCourt Ex-minister Gayatri Prajapati gets 2-month bail from High Court State, Top, Trending #State, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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अयोध्या में 5 सदी बाद बनेगा भव्य राम मंदिर, जानिए शुरू से लेकर अब तक की कहानी
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चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. 05 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन होगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। 5 अगस्त सुबह 8 बजे से अंतिम अनुष्ठान होगा। अयोध्या में पांच सदी के बाद अब राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। पिछले सप्ताह ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अयोध्या जाकर तैयारियों का जायजा लिया था। माना जाता है कि बाबर के दौर में अयोध्या में राम मंदिर को तुड़वाकर मस्जिद का निर्माण कराया गया था। पिछले पांच सदी से यह विवाद था, जिसने देश की राजनीतिक दशा और दिशा को बदल दिया है। आजादी के बाद से अबतक इस विवाद ने देश की राजनीति को प्रभावित किया है। अयोध्या को लेकर देश भर में आंदोलन किए गए, कानूनी लड़ाई भी लड़ी गई और सुप्रीम कोर्ट के जरिए राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। माना जाता है कि मुगल राजा बाबर 1526 में भारत आया था और उसके सेनापति मीर बाकी ने करीब 500 साल पहले 1528 में राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी, जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था। साल 1528 तक उसका साम्राज्य अवध (वर्तमान अयोध्या) तक पहुंच गया। दि��ंबर 1949 में इस 'जन्मस्थान' पर भगवान राम और सीता माता की मूर्ति पाई गई। कहा जाता है कि मस्जिद में भगवान राम की मूर्ति हिंदुओं ने रखवाई। वहीं हिंदुओं का दावा है कि यह एक चमत्कार था और इसे सबूत के तौर पर पेश करते हैं कि यह सचमुच श्री राम का जन्मस्थान था। मुस्लिमों ने इस पर विरोध व्यक्त किया और मस्जिद में नमाज पढ़ना बंद कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया। फिर सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर यहां ताला लगवा दिया। जनवरी 1950 में हिंदू महासभा के गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद कोर्ट में अपील दायर कर भगवान राम की पूजा की इजाजत मांगी। महंत रामचंद्र दास ने मस्जिद में हिंदुओं द्वारा पूजा जारी रखने के लिए याचिका लगाई। इसी दौरान मस्जिद को 'ढांचा' के रूप में संबोधित किया गया। फिर 1959 में निर्मोही अखाड़ा ने विवादित स्थल के हस्तांतरण के लिए केस दर्ज किया। वहीं, मुस्लिमों की तरफ से साल 1961 में उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने केस दर्ज कर मस्जिद पर अपने मालिकाना हक का दावा किया। यह केस 50 साल से अदालतों में चक्कर लगाता रहा। फरवरी 1984 में विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में हिंदुओं ने भगवान राम के जन्मस्थल को मुक्त करने और वहां राम मंदिर बनाने के लिए एक समिति का गठन किया। जिला मजिस्ट्रेट ने हिंदुओं को प्रार्थना करने के लिए विवादित स्थल के दरवाजे से ताला खोलने का आदेश दिया। मुसलमानों ने इसके विरोध में बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति/बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनाई। साल 1989 जून में बीजेपी ने इस मामले में विश्व हिंदू परिषद को औपचारिक समर्थन दिया। रामलला की तरफ से वीएचपी नेता देवकीनंदन अग्रवाल ने मंदिर के दावे का मुकदमा किया। नवंबर में मस्जिद से थोड़ी दूर पर राम मंदिर का शिलान्यास किया गया। 25 सितंबर 1990 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली, जिससे कि हिंदुओं को इस महत्वपूर्ण मु्द्दे से अवगत कराया जा सके। इसके नतीजे में गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में दंगे भड़क गए और ढेरों इलाके कर्फ्यू की चपेट में आ गए। फिर 23 अक्टूबर को बिहार में लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी की रथ यात्रा को रुकवा कर उन्हें गिरफ्तार करवा लिया। लेकिन मंदिर निर्माण के लिए देशभर से लाखों ईंटे अयोध्या भेजी गईं। इसके बाद भाजपा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के लिए पहली बार कारसेवा हुई थी। उन्होंने मस्जिद पर चढ़कर झंडा फहराया, जिस��े बाद पुलिस की गोलीबारी में पांच कारसेवकों की मौत हो गई थी। मुलायम सिंह यादव की सरकार ने पुलिस को गोली चलाने का आदेश दिया था। साल 1991 जून में उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए जिसमें मुलायम सिंह यादव की सरकार हार गई। फिर उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गई। 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद ढहा दिया गया और इसी के साथ देश में दंगे शुरू हो गए। 30-31 अक्टूबर 1992 को धर्मसंसद में कारसेवा की घोषणा की गई। नवंबर में यूपी के सीएम कल्याण सिंह ने अदालत में मस्जिद की हिफाजत करने का हलफनामा दिया। ये विवाद में ऐतिहासिक दिन के तौर पर याद रखा जाता है, इस रोज हजारों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद ढहा दिया। अस्थाई राम मंदिर बना दिया गया। इसके बाद ही पूरे देश में चारों ओर सांप्रदायिक दंगे होने लगे। इसमें करीब 2000 लोगों के मारे गए। 16 दिसंबर 1992: मस्जिद ढहाने की जांच के लिए लिब्रहान आयोग बना जिसके जज एमएस लिब्रहान के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। 1994: इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस शुरू हुआ। सितंबर 1997: मस्जिद ढहाने को लेकर 49 लोग दोषी करार दिए गए। इसमें भारतीय जनता पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं के नाम भी थे। बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर तनाव बढ़ गया। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि मार्च 2002 को अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। जनवरी-फरवरी 2002: प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने मामला सुलझाने के लिए अयोध्या समिति का गठन किया। भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को शामिल करने से इनकार कर दिया। फिर विश्व हिंदू परिषद ने 15 मार्च से राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने की घोषणा कर दी। सैकड़ों हिंदू कार्यकर्ता अयोध्या में इकठ्ठा हुए। फरवरी अयोध्या से लौट रहे हिंदू कार्यकर्ता जिस रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे थे उस पर गोधरा में हुए हमले में 58 कार्यकर्ता मारे गए। 13 मार्च 2002: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, अयोध्या में यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी। किसी को भी सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन पर शिलापूजन की अनुमति नहीं होगी। अप्रैल 2002 में हाईकोर्ट के तीन जजों की पीठ ने विवादित स्थल के मालिकाना हक को लेकर सुनवाई शुरू की। मार्च-अगस्त 2003: हाई कोर्ट के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व विभाग ने विवादित स्थल के नीचे खुदाई की। इसके बाद पुरातत्वविदों ने कहा कि, मस्जिद के नीचे मंदिर से मिलते-जुलते अवशेष के प्रमाण मिले हैं। मई 2003: सीबीआई ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लाल कृष्णा आडवाणी समेत 8 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। अगस्त 2003: लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए विशेष विधेयक लाने का प्रस्ताव को ठुकराया। अप्रैल-जुलाई 2004: लालकृष्ण आडवाणी ने अस्थाई मंदिर में पूजा की और कहा, मंदिर का निर्माण तो जरूर होगा। 4 अगस्त 2005: फैजाबाद की कोर्ट ने विवादित स्थल के पास हुए हमले के आरोप में चार लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा। जुलाई 2006: सरकार ने अयोध्या में विवादित स्थल पर बने अस्थाई राम मंदिर की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ कांच का घेरा बनाए जाने का प्रस्ताव किया। लेकिन मुस्लिम समुदाय ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। 19 मार्च 2007: राहुल गांधी ने कहा था कि, अगर नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य प्रधानमंत्री होता तो बाबरी मस्जिद न गिरी होती। 30 जून-नवंबर 2009: बाबरी मस्जिद ढहाने के मामले में जांच के लिए गठित गठित लिब्रहान आयोग ने 17 साल बाद अपनी रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी। 26 जुलाई 2010: अयोध्या विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। सितंबर 2010: हाईकोर्ट ने अयोध्या विवाद पर 24 सितंबर को फैसला सुनाने की घोषणा की। लेकिन 28 सितंबर को हाईकोर्ट ने फैसला टालने की अर्जी खारिज की। 30 सितंबर 2010: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित स्थल को तीन हिस्सों में बांट दिया। इसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े को मिला। 9 मई 2011: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। इसके खिलाफ 14 अपील दाखिल हुई। मार्च-अप्रैल 2017: 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से इस विवाद को सुलझाने की बात कही। साथ ही कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित बीजेपी और आरएसएस के और कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया। नवंबर-दिसंबर 2017: 8 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा था कि, अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर ही बनना चाहिए और वहां से थोड़ा दूर हटके मस्जिद बनना चाहिए। 16 नवंबर को आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने भी इस मामले को सुलझाने के लिए कोशिश की। इस मामले में उन्होंने कई पक्षों से मुलाकात की। 8 फरवरी 2018 को सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर नियमित सुनवाई करने की अपील की। लेकिन उनकी यह अपील खारिज हो गई। 27 सितंबर 2018: कोर्ट ने 1994 के फैसले जिसमें यह कहा गया था कि 'मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं' को बड़ी बेंच को भेजने से इंकार कर दिया और कहा कि, अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में दीवानी वाद का निर्णय साक्ष्यों के आधार पर होगा और पूर्व का फैसला सिर्फ भूमि आधिग्रहण के केस में ही लागू होगा। 29 अक्टूबर 2018: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी। 1 जनवरी 2019: पीएम मोदी ने कहा था कि, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश पर फैसला कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जा सकता है। 8 मार्च 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा। साथ ही पैनल को 8 हफ्ते के अंदर इस मामले की कार्यवाही खत्म करने का आदेश दिया। अगस्त 2019: 1 अगस्त को मध्यस्थता पैनल ने रिपोर्ट पेश की। फिर सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त को कहा कि, मध्यस्थता पैनल मामले का समाधान निकालने में विफल रहा। 6 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई होना शुरू हो गई। 16 अक्टूबर : अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा। 09 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर अपना फैसला सुनाया। इसके तहत कोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित जमीन को राम लला विराजमान को देने का आदेश दिया। साथ ही मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तीन माह के भीतर एक ट्रस्ट बनाने का आदेश भी दिया था।  05 फरवरी 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम मोदी ने संसद में 15 सदस्यीय श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था और तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने की मियाद तय की थी। मोदी सरकार ने ट्रस्ट को कैबिनेट की मंजूरी दिलाने के बाद बिल संसद में पेश किया। 19 फरवरी 2020 को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक हुई। महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया, जबकि VHP नेता चंपत राय को महामंत्री बनाया गया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नियुक्त किए गए। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरी बने। 19 जुलाई 2020 को राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक हुई, जिसमें पीएमओ को मंदिर के भूमि पूजन के लिए दो तारीखें भेजी गईं। पीएमओ के भेजे प्रस्ताव में 3 और 5 अगस्त में से किसी एक दिन पीएम मोदी को अयोध्या में भूमि पूजन के लिए आने का न्योता दिया गया। साथ ही मंदिर के डिजाइन को लेकर भी इस बैठक में अहम फैसले लिए गए। 25 जुलाई 2020 को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का दौरा कर भूमि पूजन की तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि 5 अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीमित संख्या में ही लोग इस भव्य आयोजन में शामिल हो सकेंगे।   Read the full article
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jaivendra · 4 years ago
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कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर केस की जांच के लिए गठित आयोग को भंग करने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी है। दरअसल, वकील घनश्याम उपाध्याय ने जस्टिस बीएस चौहान की भूमिका पर सवाल उठाए थे। अर्जी में कहा था कि आयोग के अध्यक्ष चौहान के भाई और समधी भाजपा नेता हैं। जबकि, पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता कानपुर के आईजी के रिश्तेदार हैं। ऐसे में आयोग निष्पक्ष जांच नहीं कर पाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में क्या कहा?
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने वकील घनश्याम से कहा कि, जस्टिस बीएस चौहान सुप्रीम कोर्ट के एक सम्मानित जज रहे हैं। वह हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। उनके रिश्तेदारों से कभी कोई समस्या नहीं थी। अब आपको कोई समस्या क्यों है? क्या कोई रिश्तेदार इस घटना ��ा जांच से जुड़ा है? वह निष्पक्ष क्यों नहीं हो सकते? ऐसे तमाम न्यायाधीश हैं, जिनके पिता या अन्य रिश्तेदार सांसद हैं। क्या आप कह रहे हैं कि वे सभी पक्षपाती हैं? क्या किसी राजनीतिक दल का संबंध कोई गैर कानूनी कार्य है? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि बीएस चौहान की नियुक्ति पर लगाए गए आरोप अपमानजनक है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बना था तीन सदस्य जांच आयोग
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच आयोग यूपी सरकार ने बताया है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बीएस चौहान अध्यक्ष हैं। जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रहे शशिकांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता सदस्य हैं। इससे पहले यूपी सरकार ने विकास दुबे के एनकाउंटर के तुरंत बाद शशिकांत अग्रवाल की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग बनाया था। लेकिन अग्रवाल की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए वकील घनश्याम उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके बाद बीएस चौहान व केएल गुप्ता को शामिल करते हुए नए सिरे से जांच आयोग का गठन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने दो माह के भीतर जांच रिपोर्ट तलब की है।
पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था विकास दुबे
बिकरु गांव में 2 जुलाई को मुठभेड़ में 8 पुलिसवाले मारे गए थे। इस हत्याकांड के बाद से विकास फरार हो गया था। बाद में वह उज्जैन में पकड़ा गया। एसटीएफ उसे कानपुर लेकर आ रही थी, तभी 17 किमी पहले भौंती गांव के पास पुलिस की गाड़ी पलट गई। इसके बाद मौके से भागने के प्रयास में विकास दुबे मारा गया था।
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गैंगस्टर विकास दुबे का 10 जुलाई को कानपुर के भौंती में यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर किया था। उसे उज्जैन से पकड़ा गया था।
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artijaihind · 4 years ago
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69000 शिक्षक भर्ती : योगी सरकार को #SupremeCourt से बड़ी राहत
69000 शिक्षक भर्ती : योगी सरकार को #SupremeCourt से बड़ी राहत
सुनवाई करने से ही इनकार कर दिया
 यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती मामले पर #SupremeCourt  ने योगी सरकार को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अब देश की हर परीक्षा में आंसर की को चैलेंज करने का एक ट्रेंड सा बन गया है जो सही नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अभ्यर्थियों को याचिका पर सुनवाई करने से ही इनकारकर दिया। हालांकि, कोर्ट ने…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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लव जिहाद कानून पर हाईकोर्ट में दायर सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की यूपी सरकार की मांग खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लव जिहाद के नाम पर हो रहे धर्मांतरण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लाये गए क़ानून को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट से सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किये जाने की यूपी सरकार की मांग को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हाईकोर्ट को फैसला करने दीजिए।
यूपी सरकार ने याचिका में कहा था कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट पहले से सुनवाई कर रहा है। याचिका में कहा गया था कि इस मामले में यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से इस मामले पर सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टालने की मांग की थी, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। उल्लेखनीय है कि 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी और उत्तराखंड राज्यों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
यह खबर भी पढ़े: यहां 30 वर्षों से रोज भगवान के साथ होती है सरदार पटेल और चंद्रशेखर आजाद की पूजा
यह खबर भी प��े: बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर, अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर रिचार्ज नहीं कराने पर देना पड़ेगा रिकनेक्शन चार्ज
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sandhyabakshi · 4 years ago
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69000 शिक्षक भर्ती: यूपी सरकार को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका खारिज
69000 शिक्षक भर्ती: यूपी सरकार को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका खारिज
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यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को परीक्षा में गलत सवालों के विवाद से जुड़ी याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट की पैडजन बेंच के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें गलत सवालों में यूजीसी पैनल के समक्ष भेजे जाने पर रोक लगा दी गई थी। शार्ष अदालत ने अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि…
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#37339 पद खाली नहीं रहेंगे#69000#69000 शिक्षक भर्ती#69000 शिक्षा भक्ति#69000 शिक्षा भारती पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला#69000 सहायक अध्यापक भर्ती#उच्चतम न्यायालय#उत्तर प्रदेश सरकार#यूपी 69000 शिक्षक भर्ती#यूपी शिक्षक भर्ती#यूपी शिक्षक भर्ती नवीनतम समाचार#यूपी शिक्षक भर्ती लेटेस्ट न्यूज#यूपी सहायक शिक्षक भर्ती#शिक्षक भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार#शिक्षक भर्ती पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार#शिक्षकों के बिना भर्ती#शिक्षा मित्र#शिक्षा मित्र के लिए भर्ती नहीं रुकेगी#शिक्षा मित्रो का समायोजन#शिक्षामित्र#शिक्षामित्रों का समायोजन#शिक्षामित्रों के बिना भर्ती हो#शिक्षामित्रों के लिए भर्ती नहीं रुकी#सर्वोच्च न्यायालय#हिंदी समाचार#हिंदुस्तान#हिन्दी में समाचार#हिन्दुस्तान
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vsplusonline · 5 years ago
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एक क्लिक में पढ़ें शुक्रवार की दिन भर की बड़ी खबरें - Corona virus mumbai delhi kanika kapoor lucknow dushyant singh ram nath kovind
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एक क्लिक में पढ़ें शुक्रवार की दिन भर की बड़ी खबरें - Corona virus mumbai delhi kanika kapoor lucknow dushyant singh ram nath kovind
11:39 PM मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर अफरा-तफरी
11:12 PM लंदन: कैफे, क्लब, पब, जिम, रेस्टोरेंट और सिनेमाघरों को आज रात से बंद करने के लिए कहा गया
10:57 PM कोरोना वायरस: इटली में एक दिन में रिकॉर्ड 627 मौतें
10:36 PM उत्तर प्रदेश: लखनऊ में कनिका कपूर के खिलाफ FIR दर्ज
10:21 PM देश में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा बढ़कर हुआ 250
10:02 PM रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह ने खुद को किया आइसोलेट
स्वास्थ्य मंत्री श्री ��य प्रताप सिंह जी की मेडिकल रिपोर्ट आने तक सावधानी के तौर पर मैं सेल्फ़-आइसोलेशन में हूँ और सभी आवश्यक निर्देशों का पालन कर रहा हूँ और करूँगा।मैं सभी से निवेदन करता हूँ कि सरकार द्वारा दी जा रही सलाहो�� का अक्षरशः पालन करें।
— Pankaj Singh (@PankajSinghBJP) March 20, 2020
09:42 PM देश में कोरोना का आंकड़ा पहुंचा 249
09:36 PM देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर हुए 248
09:15 PM मध्य प्रदेश: कोरोना वायरस के चार पॉजिटिव मामले सामने आए
08:46 PM जनता कर्फ्यू के दौरान 22 मार्च को बंद रहेगी ट्रेन सेवा
08:18 PM कोरोना पॉजिटिव कनिका कपूर पर एक्शन की तैयारी में UP सरकार, जानकारी छिपाने का आरोप
08:12 PM कोरोना वायरस: कनिका कपूर की पार्टी में गए लोगों की होगी जांच
07:49 PM हरियाणा: फरीदाबाद में कोरोना का पहला केस, एक महिला पॉजिटिव
07:42 PM उत्तर प्रदेश: लखनऊ में ताज होटल को अस्थाई रूप से बंद करने का आदेश
07:39 PM कोरोना वायरस: अरुणाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव रद्द
07:26 PM देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 242 हुई
07:21 PM उत्तर प्रदेश: लखनऊ का हजरतगंज बाजार पूरी तरह से बंद कराया गया
07:00 PM कोरोना: बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने खुद को आइसोलेट किया
06:38 PM कोरोना: अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने खुद को आइसोलेट किया
06:23 PM कोरोना वायरस: दिल्ली में सभी बाजार अगले तीन दिन के लिए बंद
06:14 PM कोरोना वायरस: उत्तर प्रदेश सरकार का राज्य में सभी मॉल बंद करने का आदेश
06:09 PM कोरोना वायरस: 22 मार्च को बैंगलुरु मेट्रो बंद रहेगी
05:29 PM भारत में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर हुए 230
05:13 PM कोरोना वायरस: केजरीवाल सरकार ने बंद किए तीनों दिल्ली हाट
We are closing all 3 Delhi Haats also which are run by Delhi government in INA, Pitam pura and Janakpuri. HoHo bus services of tourism department are also closed. https://t.co/5K4re2tCyM
— Manish Sisodia (@msisodia) March 20, 2020
04:53 PM कोरोना वायरस के चलते हरियाणा में धारा 144 लागू
04:31 PM राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सेल्फ आइसोलेशन में जाने का फैसला किया
04:23 PM कोरोना वायरस: सांसद दुष्यंत स��ंह ने खुद को आइसोलेट किया
04:07 PM उत्तराखंड में सभी घरेलू और विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर रोक
03:51 PM कोरोना वायरस: जम्मू जिले में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पूरी पाबंदी
03:26 PM कोरोना वायरस: रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ के दिन बंद रहेगी दिल्ली मेट्रो
03:20 PM कोरोना वायरस: उत्तराखंड में अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्टों पर सख्ती, नहीं हो सकेगी एंट्री
03:06 PM भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर हुई 211
02:40 PM यूपी: गाजियाबाद में कोरोना संक्रमित एक और मरीज हुआ ठीक, शख्स के पिता की भी रिकवरी
01:58 PM दिल्ली मे�� सभी मॉल होंगे बंद, दवा- राशन और सब्जी की दुकानें खुली रहेंगी: केजरीवाल
01:58 PM दिल्ली में सभी मॉल बंद होंगे- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
01:44 PM कोरोना वायरस: महाराष्ट्र के चार शहरों में लॉकडाउन, सभी सेवाएं बंद
01:13 PM बॉलीवुड सिंगर लखनऊ में पाई गई कोरोना पॉजिटिव
12:50 PM भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर हुई 210, चार की मौत
12:33 PM सीएम कमलाथ ने किया इस्तीफे का ऐलान, गवर्नर से मिलने के लिए रवाना
12:32 PM मैं नीलामी या किसी सौदे की राजनीति में नहीं पड़ा- सीएम कमलनाथ
12:31 PM आज के बाद कल और कल के बाद आता है परसों, बोले सीएम कमलनाथ
12:30 PM प्रदेश की जनता हमारे साथ, 15 महीनों में कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं- सीएम कमलनाथ
12:27 PM मध्य प्रदेश में दो लाख किसानों का कर्ज माफ किया- सीएम कमलनाथ
12:26 PM भोपाल और इंदौर में मेट्रो का कार्य शुरू किया- सीएम कमलनाथ
12:24 PM 15 महीनों में मिलावटमुक्त प्रदेश बनाने का अभियान चलाया- सीएम कमलनाथ
12:22 PM गोमाता के संरक्षण के लिए 1000 गोशाला बनाया- सीएम कमलनाथ
12:21 PM हमारे 22 विधायकों को बंधक बनाया गया- सीएम कमलनाथ
12:21 PM सरकार गठन के बाद से ही बीजेपी करती रही साजिश- सीएम कमलनाथ
12:20 PM बीजेपी को 15 साल मिले मुझे 15 दिन- सीएम कमलनाथ
12:19 PM कांग्रेस महल में नहीं महल कांग्रेस में आएं, ज्योतिरादित्य पर बोले सीएम कमलनाथ
12:17 PM बीजेपी हमेशा कहती थी कि 15 दिन की सरकार है- सीएम कमलनाथ
12:15 PM 15 महीनों के कार्यकाल में मध्य प्रदेश को नई दिशा देने की कोशिश की- कमलनाथ
12:14 PM मध्य प्रदेश के राजनीतिक हालात पर बोल रहे हैं सीएम कमलनाथ
12:12 PM ओडिशा सीएम नवीन पटनायक ने पीएम को खत लिखकर NPR सर्वे स्थगित करने की मांग की
12:10 PM मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ दोपहर एक बजे राज्यपाल से करेंगे मुलाकात
12:01 PM पंजाब में नहीं बंद की जा रही है इंटरनेट सेवा, सीएम ने झूठी खबर फैलाने वालों को चेता��ा
11:54 AM कोरोना वायरस: चैत्र नवरात्र के दौरान लोग घर से ही करें अनुष्ठान, सीएम योगी ने की अपील
11:41 AM मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी विधायक शरद कौल ने दिया इस्तीफा
11:33 AM कोरोना वायरस: महाराष्ट्र और गुजरात में तीन नए संक्रमितों की पहचान
11:31 AM निर्भया के दोषियों को फांसी दिए जाने पर बोले पीएम मोदी, इंसाफ हुआ
11:22 AM निर्भया के दोषियों को फांसी मिलने के बाद समाजसेवी अन्ना हजारे ने तोड़ा मौनव्रत
11:00 AM भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित पांचवें मरीज की मौत, मृतक इटली का नागरिक
10:41 AM लखनऊ में चार और लोग पाए गए कोरोना वायरस संक्रमित, कुल संख्या हुई 200
10:16 AM भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 195, चार की मौत
09:53 AM कोरोना: अमेरिका की अपने नागरिकों से अपील- फिलहाल अंतरराष्ट्रीय यात्रा टाल दें
09:29 AM अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक 200 लोगों की जान गई
09:18 AM शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 300 अंक मजबूत, निफ्टी में भी उछाल
09:11 AM ओडिशा में दूसरा व्यक्ति मिला कोरोना वायरस से संक्रमित
08:58 AM हमलोग लेट हो गए निर्���या, दोषियों को मिली फांसी- गौतम गंभीर
08:37 AM निर्भया के दोषियों की डेड बॉडी लाई गई DDU अस्पताल, होगा पोस्टमॉर्टम
08:30 AM MP: फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ सीएम पद से दे सकते हैं इस्तीफा
08:17 AM 2 MLAs का इस्तीफा स्वीकारने के बाद कमलनाथ सरकार के पास बहुमत नहीं- दिग्विजय सिंह
07:23 AM कोरोना वायरस: फ्रांस में पिछले 24 घंटों में 108 लोगों की मौत
06:56 AM दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में होगा निर्भया के दोषियों का पोस्टमार्टम
05:34 AM निर्भया के चारों गुनहगारों को एक साथ दी गई फांसी
05:21 AM सभी आरोपियों के मुंह पर कपड़े बांधने की तैयारी शुरू
05:18 AM निर्भया के दोषियों को फांसी घर ले जाया जा रहा है
04:50 AM तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने फांसी घर का जायजा लिया
03:41 AM निर्भया को लेकर दोषियों के वकील ने आपत्तिजनक टिप्पणी की
03:37 AM सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका खारिज की, सुबह 5.30 बजे होगी फांसी
03:32 AM निर्भया मामलाः याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में थोड़ी देर में फैसला
03:17 AM कोरोना के चलते निर्भया के माता-पिता को कोर्ट में नहीं मिली एंट्री
03:09 AM जस्टिज भूषण ने कहा कि एक ही दलील बार-बार दोहराई जा रही है
02:59 AM निर्भया मामलाः सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले कोर्ट में प्रवेश को लेकर विवाद
02:36 AM निर्भया के माता-पिता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, कहा- आज ही होगी दोषियों को फांसी
02:34 AM रात ढाई बजे ��े निर्भया के दोषियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई
02:08 AM निर्भया मामलाः रात 2.30 बजे सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच कर सकती है सुनवाई
01:33 AM निर्भया मामलाः सुप्रीम कोर्ट के मेंशनिंग रजिस्ट्रार के घर पहुंचे दोषियों के वकील
01:30 AM निर्भया मामलाः सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार से मिलने जा रहे हैं दोषियों की वकील
01:11 AM निर्भया मामलाः दोषियों के वकील सुप्रीम कोर्ट के लिए निकले
12:26 AM निर्भया की मां ने कहा- हम सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे, आज दोषियों को फांसी दिलाकर रहेंगे
12:24 AM निर्भया के वकील बोले- दोषियों की फांसी से बचने की कोशिश विफल हुई
12:24 AM निर्भया के वकील बोले- दोषियों को फांसी लगने तक कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए 24 घंटे तैयार
12:19 AM निर्भया के दोषियों के वकील ए. पी. सिंह बोले- HC का ऑर्डर मिलने पर जाऊंगा सुप्रीम कोर्ट
12:18 AM मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर बोले- न्यायालय और संविधान दोनों के निर्देशों का कर रहे हैं पालन
12:10 AM दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया के दोषियों की याचिका खारिज की, आज साढ़े पांच बजे फांसी तय
12:03 AM मध्य प्रदेश संकटः विधानसभा स्पीकर ने 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए
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kisansatta · 5 years ago
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सुप्रीम कोर्ट जाएगी योगी सरकार ,आरोपियों के पोस्टर नहीं हटेंगे
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हाईकोर्ट  के फैसले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  के निर्देश में सोमवार देर शाम लोकभावन में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया.
लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ राजधानी लखनऊ (Lucknow) में लगे आरोपियों के पोस्टर (Posters) योगी सरकार (Yogi Government) नहीं हटाएगी. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने सीएए के खिलाफ आरोपियों के लगाए गए पोस्टरों के हटाने का निर्देश दिया था. होली के बाद योगी सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high Court) के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाएगी. हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश में सोमवार देर शाम लोकभावन में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. इस बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे और जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के साथ कई बड़े अधिकारी शामिल रहे. बता दें लखनऊ जिला प्रशासन और पुलिस की तरफ से लखनऊ के 100 चौराहों पर 57 आरोपियों के पोस्टर लगाए गए हैं.
लखनऊ में उपद्रव और तोड़फोड़ करने वाले आरोपियों का पोस्टर लगाए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से योगी सरकार को तगड़ा झटका लगा. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की दलीलों को खारिज करते हुए लखनऊ के डीएम और पुलिस कमिश्नर को अविलंब पोस्टर और बैनर हटाये जाने का आदेश दिया. कोर्ट ने आरोपियों के पोस्टर लगाए जाने की कार्रवाई को अनावश्यक और निजता के अधिकार का उल्लंघन माना है.
कोर्ट ने याचिका निस्तारित की
इसके साथ ही राज्य सरकार को सख्त हिदायत दी है कि किसी भी आरोपी से सम्बन्धित कोई भी निजी जानकारी कतई सार्वजनिक न की जाये. किसी भी आरोपी के नाम, पते और फोन नम्बर जैसी जानकारी सार्वजनिक न की जाये, जिससे कि उसकी पहचान उजागर हो सके. हाईकोर्ट ने डीएम और पुलिस कमिश्नर को 16 मार्च तक अनुपालन रिपोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष दाखिल करने का भी आदेश दिया है. चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की स्पेशल बेंच ने ओपेन कोर्ट में फैसला सुनाने के बाद याचिका निस्तारित कर दी है.
विपक्ष ने कसा तंज
उधर हाईकोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लाहा कि पहले पोस्टर लगवाए थे अब उन्हें हटाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार अहंकारी फैसले लेना बंद करे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया और लिखा, ” इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आम जनता के अधिकारों का पाठ आज यूपी सरकार को सिखाया. यूपी सरकार को ये कभी नहीं सोचना चाहिए कि कानून उनके हाथ की कठपुतली है.”
https://is.gd/MgnQWm #PostersOfAccusedWillNotBeRemoved, #YogiGovernmentWillGoToSupremeCourt posters of accused will not be removed, Yogi government will go to Supreme Court State, Top #State, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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पांच सदी पुराना है अयोध्या विवाद, जानें शुरू से लेकर अब तक की कहानी
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चैतन्य भारत न्यूज राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद स्वामित्व के केस का फैसला जल्द ही आने वाला है। यह विवाद पांच सदियों से चला आ रहा है। माना जाता है कि बाबर ने अयोध्या में राम मंदिर को तुड़वाकर उस जगह मस्जिद का निर्माण कराया था। तब से लेकर अब तक इस विवाद ने राजनीति को प्रभावित किया है। इस विवाद के कारण कई बार हिंसा भी हुई जिसमें लोग मार गए। इसके लिए जांच आयोग भी बनाया गया। अब देश के सबसे बड़े कोर्ट में अयोध्या जमीन विवाद खत्म होने की कगार पर है। इस मामले पर जल्द से जल्द फैसला आने की उम्मीद है। अयोध्या में एक ऐसे स्थान पर मस्जिद बनवाई गई है जिसे हिंदू अपने आराध्य देव भगवान राम का जन्म स्थान मानते हैं। यह स्थान 0.313 एकड़ जमीन का एक टुकड़ा है जो अब विवादित बन गया है। माना जाता है कि मुगल राजा बाबर 1526 में भारत आया था और उसके सेनापति मीर बाकी ने करीब 500 साल पहले 1528 में राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी, जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था। साल 1528 तक उसका साम्राज्य अवध (वर्तमान अयोध्या) तक पहुंच गया। दिसंबर 1949 में इस 'जन्मस्थान' पर भगवान राम और सीता माता की मूर्ति पाई गई। कहा जाता है कि मस्जिद में भगवान राम की ���ूर्ति हिंदुओं ने रखवाई। वहीं हिंदुओं का दावा है कि यह एक चमत्कार था और इसे सबूत के तौर पर पेश करते हैं कि यह सचमुच श्री राम का जन्मस्थान था। मुस्लिमों ने इस पर विरोध व्यक्त किया और मस्जिद में नमाज पढ़ना बंद कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया। फिर सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर यहां ताला लगवा दिया। जनवरी 1950 में हिंदू महासभा के गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद कोर्ट में अपील दायर कर भगवान राम की पूजा की इजाजत मांगी। महंत रामचंद्र दास ने मस्जिद में हिंदुओं द्वारा पूजा जारी रखने के लिए याचिका लगाई। इसी दौरान मस्जिद को 'ढांचा' के रूप में संबोधित किया गया। फिर 1959 में निर्मोही अखाड़ा ने विवादित स्थल के हस्तांतरण के लिए केस दर्ज किया। वहीं, मुस्लिमों की तरफ से साल 1961 में उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने केस दर्ज कर मस्जिद पर अपने मालिकाना हक का दावा किया। यह केस 50 साल से अदालतों में चक्कर लगाता रहा। फरवरी 1984 में विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में हिंदुओं ने भगवान राम के जन्मस्थल को मुक्त करने और वहां राम मंदिर बनाने के लिए एक समिति का गठन किया। जिला मजिस्ट्रेट ने हिंदुओं को प्रार्थना करने के लिए विवादित स्थल के दरवाजे से ताला खोलने का आदेश दिया। मुसलमानों ने इसके विरोध में बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति/बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनाई। साल 1989 जून में बीजेपी ने इस मामले में विश्व हिंदू परिषद को औपचारिक समर्थन दिया। रामलला की तरफ से वीएचपी नेता देवकीनंदन अग्रवाल ने मंदिर के दावे का मुकदमा किया। नवंबर में मस्जिद से थोड़ी दूर पर राम मंदिर का शिलान्यास किया गया। 25 सितंबर 1990 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली, जिससे कि हिंदुओं को इस महत्वपूर्ण मु्द्दे से अवगत कराया जा सके। इसके नतीजे में गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में दंगे भड़क गए और ढेरों इलाके कर्फ्यू की चपेट में आ गए। फिर 23 अक्टूबर को बिहार में लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी की रथ यात्रा को रुकवा कर उन्हें गिरफ्तार करवा लिया। लेकिन मंदिर निर्माण के लिए देशभर से लाखों ईंटे अयोध्या भेजी गईं। इसके बाद भाजपा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के लिए पहली बार कारसेवा हुई थी। उन्होंने मस्जिद पर चढ़कर झंडा फहराया, जिसके बाद पुलिस की गोलीबारी में पांच कारसेवकों की मौत हो गई थी। मुलायम सिंह यादव की सरकार ने पुलिस को गोली चलाने का आदेश दिया था। साल 1991 जून में उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए जिसमें मुलायम सिंह यादव की सरकार हार गई। फिर उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गई। 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद ढहा दिया गया और इसी के साथ देश में दंगे शुरू हो गए। 30-31 अक्टूबर 1992 को धर्मसंसद में कारसेवा की घोषणा की गई। नवंबर में यूपी के सीएम कल्याण सिंह ने अदालत में मस्जिद की हिफाजत करने का हलफनामा दिया। ये विवाद में ऐतिहासिक दिन के तौर पर याद रखा जाता है, इस रोज हजारों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद ढहा दिया। अस्थाई राम मंदिर बना दिया गया। इसके बाद ही पूरे देश में चारों ओर सांप्रदायिक दंगे होने लगे। इसमें करीब 2000 लोगों के मारे गए। 16 दिसंबर 1992: मस्जिद ढहाने की जांच के लिए लिब्रहान आयोग बना जिसके जज एमएस लिब्रहान के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। 1994: इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस शुरू हुआ। सितंबर 1997: मस्जिद ढहाने को लेकर 49 लोग दोषी करार दिए गए। इसमें भारतीय जनता पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं के नाम भी थे। बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर तनाव बढ़ गया। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि मार्च 2002 को अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। जनवरी-फरवरी 2002: प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने मामला सुलझाने के लिए अयोध्या समिति का गठन किया। भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को शामिल करने से इनकार कर दिया। फिर विश्व हिंदू परिषद ने 15 मार्च से राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने की घोषणा कर दी। सैकड़ों हिंदू कार्यकर्ता अयोध्या में इकठ्ठा हुए। फरवरी अयोध्या से लौट रहे हिंदू कार्यकर्ता जिस रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे थे उस पर गोधरा में हुए हमले में 58 कार्यकर्ता मारे गए। 13 मार्च 2002: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, अयोध्या में यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी। किसी को भी सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन पर शिलापूजन की अनुमति नहीं होगी। अप्रैल 2002 में हाईकोर्ट के तीन जजों की पीठ ने विवादित स्थल के मालिकाना हक को लेकर सुनवाई शुरू की। मार्च-अगस्त 2003: हाई कोर्ट के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व विभाग ने विवादित स्थल के नीचे खुदाई की। इसके बाद पुरातत्वविदों ने कहा कि, मस्जिद के नीचे मंदिर से मिलते-जुलते अवशेष के प्रमाण मिले हैं। मई 2003: सीबीआई ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लाल कृष्णा आडवाणी समेत 8 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। अगस्त 2003: लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए विशेष विधेयक लाने का प्रस्ताव को ठुकराया। अप्रैल-जुलाई 2004: लालकृष्ण आडवाणी ने अस्थाई मंदिर में पूजा की और कहा, मंदिर का निर्माण तो जरूर होगा। 4 अगस्त 2005: फैजाबाद की कोर्ट ने विवादित स्थल के पास हुए हमले के आरोप में चार लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा। जुलाई 2006: सरकार ने अयोध्या में विवादित स्थल पर बने अस्थाई राम मंदिर की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ कांच का घेरा बनाए जाने का प्रस्ताव किया। लेकिन मुस्लिम समुदाय ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। 19 मार्च 2007: राहुल गांधी ने कहा था कि, अगर नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य प्रधानमंत्री होता तो बाबरी मस्जिद न गिरी होती। 30 जून-नवंबर 2009: बाबरी मस्जिद ढहाने के मामले में जांच के लिए गठित गठित लिब्रहान आयोग ने 17 साल बाद अपनी रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी। 26 जुलाई 2010: अयोध्या विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। सितंबर 2010: हाईकोर्ट ने अयोध्या विवाद पर 24 सितंबर को फैसला सुनाने की घोषणा की। लेकिन 28 सितंबर को हाईकोर्ट ने फैसला टालने की अर्जी खारिज की। 30 सितंबर 2010: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित स्थल को तीन हिस्सों में बांट दिया। इसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े को मिला। 9 मई 2011: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। इसके खिलाफ 14 अपील दाखिल हुई। मार्च-अप्रैल 2017: 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से इस विवाद को सुलझाने की बात कही। साथ ही कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित बीजेपी और आरएसएस के और कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया। नवंबर-दिसंबर 2017: 8 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा था कि, अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर ही बनना चाहिए और वहां से थोड़ा दूर हटके मस्जिद बनना चाहिए। 16 नवंबर को आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने भी इस मामले को सुलझाने के लिए कोशिश की। इस मामले में उन्होंने कई पक्षों से मुलाकात की। 8 फरवरी 2018 को सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर नियमित सुनवाई करने की अपील की। लेकिन उनकी यह अपील खारिज हो गई। 27 सित��बर 2018: कोर्ट ने 1994 के फैसले जिसमें यह कहा गया था कि 'मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं' को बड़ी बेंच को भेजने से इंकार कर दिया और कहा कि, अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में दीवानी वाद का निर्णय साक्ष्यों के आधार पर होगा और पूर्व का फैसला सिर्फ भूमि आधिग्रहण के केस में ही लागू होगा। 29 अक्टूबर 2018: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी। 1 जनवरी 2019: पीएम मोदी ने कहा था कि, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश पर फैसला कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जा सकता है। 8 मार्च 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा। साथ ही पैनल को 8 हफ्ते के अंदर इस मामले की कार्यवाही खत्म करने का आदेश दिया। अगस्त 2019: 1 अगस्त को मध्यस्थता पैनल ने रिपोर्ट पेश की। फिर सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त को कहा कि, मध्यस्थता पैनल मामले का समाधान निकालने में विफल रहा। 6 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई होना शुरू हो गई। 16 अक्टूबर : अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा। 17 नवंबर से पहले अयोध्या मामले में कभी भी फैसला आ सकता है। ये भी पढ़े... मुस्लिम पक्ष के वकील द्वारा अयोध्या का नक्शा फाड़ने पर बवाल, भड़के वेदांती ने कहा- दर्ज कराऊंगा केस 12 पक्षदार, 14 अपील यहां जानें अयोध्या विवाद से जुड़ी अहम जानकारी अयोध्या मामले में अपना केस वापस लेना चाहता है सुन्नी वक्फ बोर्ड! दाखिल किया हलफनामा   Read the full article
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ajitnehrano0haryana · 5 years ago
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या फैसले को लेकर दाखिल सभी 18 पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने 9 नवंबर को अयोध्या विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन रामलला को देने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ कई मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन डाली थी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फैसले के खिलाफ याचिका दायर की, वहीं निर्मोही अखाड़े ने भी अपनी कुछ मांगों को लेकर रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी।
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने एकमत से रिव्यू पिटिशन को खारिज कर दिया। बता दें कि अयोध्या के ऐतिहासिक फैसल��� वाली पीठ में जस्टिस बोबड़े, डी वाई चंद्रचूड़ और अब्दुल नजीर भी शामिल रहे हैं।
निर्मोही अखाड़े की मांग निर्मोही अखाड़ा ने अयोध्या फैसले के खिलाफ नहीं बल्कि शैबियत राइट्स, कब्जे और लिमिटेशन के फैसले पर याचिका दाखिल की थी। निर्मोही अखाड़े ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से राम मंदिर के ट्रस्ट में भूमिका तय करने की भी मांग की थी।
मुस्लिम पक्ष की याचिका मुस्लिम पक्ष की तरफ से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईपीएलबी) और जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी याचिका डाली थी। अदालत के इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए पहली याचिका 2 दिसंबर को मूल वादकारियों में शामिल एम सिद्दीक के वारिस और यूपी जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अशहद रशीदी ने दायर की थी। इस याचिका में 14 बिंदुओं पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया गया था। उनकी अपील थी कि बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण का निर्देश देकर ही इस प्रकरण में ‘पूरा न्याय’ हो सकता है। इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए अब मौलाना मुफ्ती हसबुल्ला, मोहम्मद उमर, मौलाना महफूजुर रहमान और मिसबाहुद्दीन ने दायर की हैं। ये सभी पहले मुकदमे में पक्षकार थे।
अयोध्या पर यह था फैसला उल्लेखनीय है कि नवंबर में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मत फैसले में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि की डिक्री ‘राम लला विराजमान’ के पक्ष में की थी। इसके साथ ही राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया। उन्होंने इसके साथ ही अयोध्या में ही मस्जिद निर्माण के लिये उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि आवंटित करने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया था।
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