#मोबाइल रेडिएशन
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मोबाइल की लत के हानिकारक प्रभाव क्या हैं?
आज की दुनिया में, लगभग 95% लोग मोबाइल फोन की लत से पीड़ित हैं। इस लत का सकारात्मक प्रभाव से अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह लत स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी दोनों के लिए खतरनाक है। यह अनपेक्षित मनोवैज्ञानिक प्रभावों की संख्या को भी दर्शाता है, जैसे: -
1. नींद की कमी: कार्यस्थलों, मित्रों, रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों आदि के लगातार संदेशों और कॉल के कारण, हम हमेशा सोचते हैं कि कोई व्यक्ति हमें संदेश या कॉल करने जा रहा है, इसलिए मुझे उसके संदेश या कॉल का जवाब देना चाहिए और इसकी वजह से इस लत को हम अपना अधिकांश समय चिट-चैटिंग में बिताते हैं।
2. एकाग्रता शक्ति का नुकसान: हम अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं और अक्सर गलती करते हैं और दिए गए समय में अपना काम पूरा नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा, जब हम कुछ काम करना शुरू करते हैं, तो हम हमेशा इसे जल्द से जल्द खत्म करने की कोशिश करते हैं लेकिन इससे अक्सर कुछ गलतियाँ और कुछ समस्याएं हो जाती हैं।
3. फैंटम पॉकेट वाइब्रेशन लक्षण: इस सिंड्रोम में किसी को लगता है कि फोन वाइब्रेट कर रहा है लेकिन फोन बिल्कुल भी वाइब्रेट नहीं कर रहा है। फोन की रिंगिंग के दौरान भी यही बात होती है, कोई सोचता है कि फोन बज रहा है लेकिन फोन बिल्कुल नहीं बज रहा है। मोबाइल रेडिएशन के नुकसान
4. चिंता विकार: अनुसंधान ने साबित किया है कि कॉलेज जाने वाले छात्र जो सेल फोन का उपयोग कर रहे हैं, उनके खाली समय के दौरान उत्सुकता से भरने की अधिक संभावना है।
5. अवसाद: फोन का अधिक उपयोग करने के कारण जब हमारा फोन हमारे पास नहीं होता है तो हम अस्थिर और उदास महसूस करते हैं।
6. रिश्तों में गड़बड़ी: जब हम अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों या किसी समूह के साथ होते हैं तो अपने मोबाइल फोन में लगातार सिर रखते हैं और उनसे संवाद नहीं करने से गलतफहमी पैदा होती है। और रिश्तों का बंधन शिथिल हो जाता है।
कुछ खतरनाक शारीरिक प्रभाव इस प्रकार हैं: -
1. डिजिटल आई स्ट्रेन: इस आई स्ट्रेन में कोई व्यक्ति 2-3 घंटे से ज्यादा स्क्रीन पर अपनी दृष्टि नहीं रख पाता है। आँखें खुजलाने लगीं। आंख की लाली भी हो सकती है। यह अधिकांश समय धुंधली दृष्टि की ओर जाता है जो चीजों को ठीक से देखने में असमर्थ बनाता है। फोन के अधिक उपयोग के कारण यह सिरदर्द की ओर भी ले जाता है।
2. गर्दन की समस्या: यह एक ऐसी समस्या है जिसमें से एक गर्दन की बीमारी और गर्दन में दर्द से पीड़ित है। यह समस्या गलत स्थिति में बैठने और टेक्सटिंग संदेशों के लिए गर्दन को लंबे समय तक झुक��ने के कारण होती है।
3. पीठ की समस्याएं: गेम खेलने के लिए या काम के उद्देश्य के लिए लगातार कंप्यूटर के सामने बैठे रहने से पीठ की जबरदस्त समस्याएं हो सकती हैं जो आजीवन भी हो सकती हैं।
4. कार दुर्घटनाएं: आजकल लोग ऑडियो सुनने या कार चलाने के दौरान आईपीएल मैच देखने के लिए कार चलाने के दौरान भी मल्टी टास्किंग करने में विश्वास करते हैं, जिसके कारण कार दुर्घटनाएं काफी बढ़ गई हैं।
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गाय के गोबर का एक छोटा सा टुकड़ा अपनी जेब में रखने से आप खराब मोबाइल रेडिएशन से बच सकते हैं। सबूत देखें.. वीडियो देखना न भूलें। बहुत अच्छी जानकारी.. !! 👌🙏
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Tarang Sanchar Portal: किसी भी Mobile Tower Location और रेडिएशन की जानकारी लें
आप घर बैठे किसी भी किसी भी Mobile Tower Location और EMF Radiation की जानकारी निकाल सकते हैं। ये संभव है सरकारी Tarang Sanchar Portal के माध्यम से। मोबाइल फ़ोन आज के जीवन की लाइफ लाइन है। आपके स्मार्टफोन को सिग्नल मिलता है मोबाइल टावर से। इस पोस्ट में आप जानेंगे भारत में Mobile Tower Location की जानकारी कैसे प्राप्त करें? साथ ही आपको Tarang Sanchar Portal के प्रयोग की जानकारी इस पोस्ट में…
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Mobile Radiation जो कि दिखाई नहीं देता क्यों होता इतना खतरनाक है😱, आखिर क्या है मोबाइल रेडिएशन?
दोस्तों मोबाइल रेडिएशन जो की दिखाई नहीं देता लेकिन इतना ज्यादा खतरनाक हो सकता है की हमारे दिमाग में कैंसर जैसी बीमारी बड़ी आसानी से हो सकती है | आखिर क्या है मोबाइल रेडिएशन, क्यों होता है, इसके क्या लक्षण है, इससे से कैसे बचे | जाने इस विडियो में| आपको सारे जवाब इस वीडियो में मिले गए वीडियो अंत तक जरूर देखे Friends, mobile radiation is not visible but can be so dangerous that a disease like cancer can easily occur in our brains. After all, what is mobile radiation, why Mobile radiation happens, what are the symptoms of Mobile Radiation, and how to avoid Mobile radiation? You will get all the answers in this video, must watch the video till the end.
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Mobile टावरों से निकलने वाले रेडिएशन का हमारे स्वास्थ्य पर नहीं पड़ता बुरा प्रभाव, जानिए अधिकारियों ने क्यों कही ये बात?
Mobile टावरों से निकलने वाले रेडिएशन का हमारे स्वास्थ्य पर नहीं पड़ता बुरा प्रभाव, जानिए अधिकारियों ने क्यों कही ये बात?
मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन का हमारे स्वास्थ्य पर कितना असर पड़ता है? इसको लेकर अलग-अलग राय है। कुछ एक्सपर्ट इसे हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताते हैं तो कुछ इस बात से इनकार करते हैं कि इससे मानव जीवन पर कोई असर पड़ता है। एक रिपोर्ट में नई जानकारी सामने आई है। from India TV Hindi: paisa Feed https://ift.tt/8Jo7r04 via IFTTT from Blogger https://ift.tt/OsyxYGB via IFTTT
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मोबाइल रेडिएशन से और भी हैं खतरे स्टडी कहती है कि मोबाइल रेडिएशन से लंबे समय के बाद प्रजनन क्षमता में कमी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और मिस-कैरेज की आशंका भी हो सकती है। दरअसल, हमारे शरीर में 7० फीसदी ��ानी है। दिमाग में भी 9० फीसदी तक पानी होता है। यह पानी धीरे-धीरे बॉडी रेडिएशन को अब्जॉर्ब करता है और आगे जाकर सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होता है। यहां तक कि बीते साल आई डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल से कैंसर तक होने की आशंका हो सकती है। इंटरफोन स्टडी में कहा गया है कि हर दिन आधे घंटे या उससे ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करने पर 8 से 1० साल में ब्रेन ट्यूमर की आशंका 2००-4०० फीसदी बढ़ जाती है। रेडिएशन के सबसे ज्यादा नुकसान हेल्थकेयर में कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. आरके गर्ग के मुताबिक मोबाइल रेडिएशन सभी के लिए नुकसानदेह है, लेकिन बच्चे, महिलाएं, बुजुर्गों और मरीजों को इससे ज्यादा नुकसान हो सकता है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स ऐडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि बच्चों और किशोरों को मोबाइल पर ज्यादा वक्त नहीं बिताना चाहिए और स्पीकर फोन या हैंडसेट का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि सिर और मोबाइल के बीच दूरी बनी रहे। बच्चों और प्रेगनेंट महिलाओं को भी मोबाइल फोन के ज्यादा यूज से बचना चाहिए। कितनी देर तक मोबाइल का इस्तेमाल है ठीक दिन भर में 24 मिनट तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल सेहत के लिहाज से मुफीद है। यहां यह भी अहम है कि आपके मोबाइल की एसएआर विशिष्ट अवशोषण रेट वैल्यू क्या है? ज्यादा एसएआर वैल्यू के फोन पर कम देर बात करना कम एसएआर वैल्यू वाले फोन पर ज्यादा बात करने से ज्यादा नुकसानदेह है। लंबे वक्त तक बातचीत के लिए लैंड लाइन फोन का इस्तेमाल रेडिएशन से बचने का आसान तरीका है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि ऑफिस या घर में लैंड लाइन फोन का इस्तेमाल करें।
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कंप्यूटर, मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन से हो रहा है चेहरे पर असर, आजमाएं ये उपाय
कंप्यूटर, मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन से हो रहा है चेहरे पर असर, आजमाएं ये उपाय
आजकल खराब लाइफस्टाइल के कारण त्वचा ये उपाय संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। स्क्रीन टाइम का मतलब कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल पर घंटों बिताना है। जो आंखों के साथ-साथ चेहरे की त्वचा के लिए भी हानिकारक साबित हो रहा है। चेहरे पर झुर्रियां, त्वचा में जलन जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीजों के लिए स्क्रीन टाइम भी एक बड़ी वजह के रूप में सामने आ रहा है। लंबे समय तक कंप्यूटर, मोबाइल आदि के इस्तेमाल से इनसे…
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फोन और लैपटॉप के रेडिएशन से स्किन को हो सकता है नुकसान, जानें इससे बचाव का तरीका
फोन और लैपटॉप के रेडिएशन से स्किन को हो सकता है नुकसान, जानें इससे बचाव का तरीका
Simple ways to protect skin from mobile radiations: मौजूदा समय में हर इंसान मोबाइल फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहा है. फोन और लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से आंखों के अलावा कई तरह से सेहत को नुकसान हो रहा है. इससे निकलने वाले रेडिएशन आपकी आपकी स्किन के लिए भी खतरनाक साबित हो रहे हैं. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन के मुताबिक, शोधों में पाया गया है कि लैपटॉप और मोबाइल फोन से निकलने वाला रेडिएशन…
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5G Network Khatarnak He
5G Network Khatarnak Heइस आर्टिकल को मुझे इसलिय लिखना पढ़ा की बोहोत से ग्रुप्स और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म से ऐसे मेसेज शेयर हो रहे है की जो 5G Network
लोंच होने वाला हे उसके ज़रिये Rediationकी काफी हदतक बढ़ोतरी हो जाएगी जिससे हम इंसानों को खतरा है लिहाज़ा में आपका ये भरम इस आर्टिकल 5G Network Khatarnak Heके ज़रिये दूर कर दूंगा
में जानता हूँ के दोबारा से ये चर्चे शुरू हो गए है की 5G क्या हम इंसानों के लिए हानिकारक है आपको भी आपके व्हाट्सप्प पे आपके चाचा मांमाँ या बुवा ताया की तरफसे ऐसे मेसेजेस ज़रूर आये होंगे की भैया ये 5G जब आएगा न तो rediation बहोत तेज़ी से बढ़ेगा और ये 5G Network ज़रूर हमें नुकसान पोंहचा सकता है
क्योँकि ऐसा देखा गया है की कितने परिंदे और पशु पक्षी मर रहे है इन 5G टावर के करीब आने पर ,और इस किसम की तस्वीरें भी आपने सोश्यल मीडिया पर ज़रूर देखीं होंगी बल्कि एक फेमस एक्ट्रेस ने तो इस 5G नेटवर्क को लेकर कोर्ट में केस भी दाखिल कर दिया था और आखिर वो केस हार गए जो भी हो 5G को लेकर लोगों में बोहोत रायता फैला हुवा है तो चलिए आगे बढ़ते है
और जानते है इस आर्टिकल 5G Network Khatarnak He में की क्या वाकई ये सबकुछ सच हे जो हम तक पोहोंच रहा है या बात कुछ और है ,,यकीन कीजिये आप हेरान हो जाओगे जब आप 5G Network की इस सच्चाई को जान जाओगे
Kya 5G Network Safe He
फ्रेंडमैंने इससे पहले मेने एक आर्टिक्ल बनाया था और उसमें में ने बात की थी मोबाइल नेटवर्क की और उसके रेडिएशन के बारे में और कुल मिलाके दोस्तों जो रिजल्ट सामने निकल कर आया थो वो यही था की घबराने की कोई बात नहीं है आप काम में ले रहे हो 4G को और 3G को या ब्लूटूथ या WIFI को तो दोस्तों आप 5G को भी आराम से इस्तिमाल कीजिये कोई भी प्रॉब्लम आपतक नहीं पोंहचेगी
यकीनन 5G अपने आपमें बिलकुल इन TECHNOLOGYS(2G,3G,Volteऔर ,4G) से अलग हैअगर आप कंपेर करते है 4G या WIFI से तो,मिसाल के तोर पर ज��� WIFI होता है वो हम काम में लेते है 2.4 या 5.0 GH (गीगा हर्ट्ज़ )पर और नार्मल 2G ,3G ,या 4G की जो फ्रेक्वीन्सीस होती है वो होती है 700 MH (मेगा हर्ट्ज़ )800 MH ,या फिर 2 GH (गीगा हर्ट्ज़ )या 2.5 GH(गीगा हर्ट्ज़ )तक होती है लेकिन
5G Network Rediation
दोस्तों ये सवाल इस आर्टिकल 5G Network Khatarnak He का सबसे महत्व पूर्ण सवाल है अगर में आपसे बात करूं5G को लेकर तो यहाँ पे हम काम में लेते है MM (मिली मीटर)WAVES को जिसकी वजह से जो एनर्जी CUNSUME होगी इन WAVES की तो वो डेफिनेटली ज़्यादा होनेवाली है और जो फ्रीक्वैंसी होगी वो भी जा सकती है UPTO300 GH (गीगा हर्ट्ज़ ) तक
आप चाहे तो इसे भी ज़रूर पढ़ें जो लिंक नीचे दिए जा रहे है मेरा दावा हे आपको ज़रूर पसंद आयेंगे
5G Network Lonch In India
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Computer Kya Hai In Hindi
Cloud computing Kya Hai
अब ऐसे में कहाँ हमारा बेचारा WIFI का 5GH (गीगा हर्ट्ज़ )का बैंड्स और कहाँ 300 GH (गीगा हर्ट्ज़ ) तो ऐसे में cycologicali हम ये सोचते है की हा भैया इससे तो हमको पक्का नुक्सान होगा ही होगा क्योँकि यहाँ पे जो रेडिएशन बहार निकलने वाली है वो बोहोत ज़्यादा होगी ऐसा हम मानने लग जाते है और जो लोग है
वो ये बोलते है की MOBILE नेटवर्क में जो 5G है वो लोगों के लिए नुकसान दायक होगा और ज़्यादातर लोग IARC की रिपोर्ट की तरफ इशारा करते है,फ्रेंड्स इस आर्टिकल 5G Network Khatarnak He को लिखने का मकसद यही था की 5G Network बिलकुल भी खतरनाक नही हे रहा सवाल IARC Ki Report Ka तो चलिए उसपर भी बहस कर लेते हे
IARC Ki Report Ka Sach:
IARC(INTERNATIONL AGENSI OF REPORT OF CANSER ) की तरफ से एक रिपोर्ट निकलकर आया था और उन्होंने 2011 में CLASSIFY किया था की REDIO FREQUINSI BASED ELECTRO MAGNATICALI WAVES जो है ये POSSIBLY CARCINOGENIC (हानिकारक )है अब ऐसे में दोस्तों जो POSSIBLY CARCINOGENIC वर्ड है अगर में आपको बताऊँ उसकी डेफिनेशन तो IARC खुद ही यह कहता है की इसको लेकर हमारे पास लिमिटेड एविडेन्स(सबूत) हैं
जिसकी वजह से हम यानि IARC POSSIBLY शब्द का USE कर रहे है
ऐसेमें अगर हम इस रिसर्च और रिपोर्ट की माने तो जो हम COFEE पीते है रोज़ाना उसक�� भी इसी रिसर्च सेंटर यानि IARC (INTERNATIONL AGENSI OF REPORT OF CANSER) ने ही SAME रिपोर्ट निकाल कर हमें दिया था जिसमें बताया गया था की रोज़ाना कॉफी का सेवन करने से या ज़्यादा कॉफ़ी पीने से आपको कैंसर हो सकता है
मुझे नहीं लगता की लोग उस्वक़्त इतने डरे हुवे थे जितना इसवक्त 5G Network Rediation को लेकर डरे जा रहे है
जहाँ तक बात है आपके इलेक्ट्रो मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम की तो अगर हम इसे दो भाग मैं पार्ट में DEVID करें और एक पार्ट को बोले की NONE IONIZING REDIATION और उसके आगे हो IONIZING REDIATION तो अल्ट्रा वॉइलेट रेज़ तक किसी भी किस्म का टेंशन लेने की कोई ज़रूरत नहीं है
5G Network Se Koi Nuksan Nahi He:
दोस्तों ये आर्टिकल 5G Network Khatarnak He का आखरी हिस्सा हे इसमें में समझाता हूँ उपर हम बात कर रहे थे 300 GH (गीगा हर्ट्ज़ )के हमारे 5G नेटवर्क्स की तो उसके ऊपर VISIBLE LIGHT(सूरज की किरने )आती है ,मतलब के 5G Network Se जो rediation बहार निकलेगी वो इतनी कम है की जो सूरज की रौशनी हम पर पड़ती है वो एनर्जी उससे ज्यादा हे अब जब सूरज की रौशनी से हमे नुक्सान नही हे तो भला 5G नेटवर्क्स से निकलने वाली एनर्जी से हमे कैसे नुक्सान हो सकता हे
Rediation Kya Hai:
फ्रेंड्स ये हिस्सा 5G 5G Network Khatarnak He articl का सबसे रोचक हिस्सा हे ऐसा इसलिए की इस हिस्से में मेने मोटे मोटे शब्दों में Rediation Kya Hai को समझाने की कोशिश की ha जो आपको भी बड़ा FUNNY लगेगा
फ्रेंड्स जब हम किसी चीज़ को काम में लेते है जैसे कोई मशीन हो या कोई सर्किट हो या कोई लगातार चलने वाली चीज़ हो अगर वो मशीन ,सर्किट ,लगातार चलती जाती है चलती जाती है तो उसमे से कुछ एनर्जी बहार निकलती है ठीक इस तरह समझे की अगर हम लगातार दोढेंगे तो हमारे शारीर से पसीना बहार आएगा
और जब हमे पसीना आता है तो हम क्या करते है ?हम उस पसीने को रुमाल से पूछ लेते है इसलिए के वो पसीना हमे दिखाई दे रहा है ,लेकिन जब मशीनों से या सर्किट और चिप के लगातार चलने से जो एनर्जी बहार आती है वो हमे दिखाई नही देती है लिहाज़ा वो बहार निकल कर खुद बी खुद हमारे वातावरण में फ़ैल जाती है और हम कुछ नही कर पाते है
और करेंगे भी कैसे वो हमे दिखाई दे तो ना… तो इससे बचने के लिए हम उन्हें अलग अलग केटेगरी में रख कर चेक करते है की कोंसी एनर्जी हमे नुक्सान पोंहचा सकती है और कोंसी नही ,तो हम इंसानों ने जब रिसर्च की तो ये पाया की जो सबसे खतरनाक एनर्जी है वो ULTRA VIOLETकिरणों में पाई जाती है
तबसे हम इंसानों ने ये माप दण्ड तय कियाकी जिस भी मशीन को या सर्किट को या किसी भी device को जब हम काम में लेंगे तो सबसे पहले हम उस चीज़ में से निकलने वाली एनर्जी को काउंट करेंगे उसकी रिसर्च करेंगे और उसको टेस्ट करेंगे उसके बाद ही उस चीज़ को काम में लेंगे और जो माप-दण्ड हमारे ��्य्ग्यानिकों ने तय किये है उसे फॉलो करेंगे लिहाज़ा इसी के चलते ये बहस 5Gनेटवर्क्स को लेकर भी छिड गयी जिसकी वजह से आप ये आर्टिकल 5G Network Kya He को पढ़ रहे हो
Konsi Waves(किरण)Khatarnak He:
अब जहाँ तक बात है ULTRA VIOLET किरणों की तो जो सूरज से निकलने वाली किरने है अगर उन किरणों से उपर हम Frequincy को ले जाते है तो हमे मिलती है ULTRA VIOLET Waves,और अगर उसके और उपर हम Frequincy को ले जाते है तो हमें मिलेगी GAMA RAYS WAVES,और यही GAMA RAYS WAVES हैं के जिसे X-RAY RAYS WAVES भी कहा जाता है और दोस्तों ये सारी किरने यकीनन हम इंसानों के लिए बोहोत ही खतरनाक हे
ये किरने इतनी खतरनाक है की अगर हम इन किरणों के सम्पर्क में आ जाए तो ये हमारे DNA स्ट्रक्चर तक को भी चेंज कर सकती है ,और इतना ही नही ये हमतक कैंसर जैसी जान लेवा बीमारी को भी पोंहचा सकती है लेकिन,,,
दोस्तोंआर्टिकल अभी बाकी हे अगर आपको पसंदआया हो औरआगे का हिससा आप पढना चाहते होतो निचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें,आपके कीमती समय के लिए धन्यवाद
https://articlemaza.com/5g-network-khatarnak-he/
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बिहार सरकार को मिले मोबाइल टावर के 3900 आवेदन, पढ़ें टावर से फैल रहे रेडिएशन का संपूर्ण जानकारी #RadiationNews #TowerNews #ForwardBulletin https://www.forwardbulletin.com/technology/bihar-government-got-3900-applications-for-mobile-tower-read-complete-information-about-radiation-spreading-from-the-tower-1716.html https://www.instagram.com/p/CTcFc0hpPeh/?utm_medium=tumblr
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मोबाइल रेडिएशन कैसे चैक करें और इससे कैसे बचे-How to check mobile radiation
मोबाइल रेडिएशन कैसे चैक करें और इससे कैसे बचे-How to check mobile radiation
Hello दोस्तों आपका स्वागत है आज के हमारे इस blog में जैसा की आप सभी जानते हैं की हम आपके लिय कुछ न कुछ new knowledge से भरपूर लाते रहते हैं तो आज का हमारा ब्लॉग है मोबाइल रेडिएशन कैसे चैक करें और इससे कैसे बचे-How to check mobile Radiation in Hindi. इसके बारे में जितनी भी जानकारी है वो आज हम इस ब्लॉग में cover करेंगे। आप radiation के बारे में सुनते ही बहुत कुछ सोच लेते होंगे, की यह वो radiation…
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#How to check mobile radiation#How to check mobile radiation in Hindi#what is mobile radiation#मोबाइल रेडिएसन#मोबाइल रेडिएसन कैसे चैक करें#मोबाइल रेडिएसन क्या है#मोबाइल रेडिएसन से कैसे बचे
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बाबा रामदेव का नया वीडियो वायरल, बता रहे तुलसी से खत्म होगा रेडिएशन - नई दिल्ली. बाबा रामदेव बार बार चर्चा में आ रहे हैं. इस बार उनका एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वो दावा करते दिख रहे हैं कि तुलती के पत्ते से मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की रेडिएशन को खत्म किया जा सकता है. रामदेव की माफी https://thedepth.in/baba-ramdev-claims-that-tulsi-leaves-can-make-mobile-radiation-free/
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लखनऊ हाईकोर्ट ने खारिज की शहर में मोबाइल टावर हटाने की याचिका [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
लखनऊ हाईकोर्ट ने खारिज की शहर में मोबाइल टावर हटाने की याचिका [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
पत्रिका न्यूज नेटवर्कलखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ ख्ंडपीठ ने रिहायशी इलाके में मोबाइल टावर लगाए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने पूर्व में पारित एक आदेश के आधार पर मोबाइल टॉवर के रेडिएशन से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर की दलील को स्वीकार नहीं किया। यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी व जस्टिस मनीष माथुर की पीठ ने एएम दत्त की याचिका पर पारित किया। याची का कहना था कि उसके…
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अगर आप अंधेरे में इस्तेमाल करते हैं मोबाइल फोन, तो ये जरूर पढ़ लें
अगर आप अंधेरे में इस्तेमाल करते हैं मोबाइल फोन, तो ये जरूर पढ़ लें
आजकल सभी लोग मोबाइल फोन पर निर्भर होते जा रहे हैं और इसका क्रेज मानो जैसे युवा और बुजुर्ग सभी में देखने को मिल रहा है। लेकिन, बता दें कि इसके ज्यादा इस्तेमाल से आपको कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है, खासतौर से अगर आप अंधेरे में फोन को इस्तेमाल करते हैं तो, आईए जानते हैं इसके बारे में। रेडिएशन है खतरनाक मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन किरणें आपके चारों तरफ मोजूद हैं और जहां ये मोजूद नहीं…
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विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष Divya Sandesh
#Divyasandesh
विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष
जरूरी है कैंसर से बचाव कैंसर ��क बहुत ही गंभीर बीमारी है इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि दुनियाभर में साल इस बीमारी से करोड़ो लोग ग्रसित होते हैं और लगभग एक करोड़ लोगों की असमय मौत हो जाती है। भारत मे इसकी गंभीरता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि प्रतिवर्ष लगभग 8 लाख महिलाएँ और 7 लाख पुरुष इससे ग्रसित हो जाते हैं जिसमे से लगभग आधे मौत का शिकार हो जाते हैं । वास्तव में कैंसर में शरीर की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और वो ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। इसकी विशेषता यह है कि यह शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। कैंसर की गंभीरता को देखते हुए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को विश्व कैन्सर दिवस का आयोजन किया जाता है । विश्व कैंसर दिवस के आयोजन का उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता और कैंसर शिक्षा को बढ़ावा देना तथा सरकारों एवँ व्यक्तियों पर कैंसर के खिलाफ करने के लिए प्रेरित करना है जिससे रोकथाम योग्य मौतों को रोका जा सके।
कैंसर के प्रकार :
एक अनुमान के अनुसार दुनिया में लगभग100 प्रकार के कैंसर पाये जाते हैं। इनमें ब्लड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, अंडाशय कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) कैंसर, मूत्राशय का कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर, लिवर (यकृत) कैंसर, बोन कैंसर, पेट का कैंसर, आदि प्रमुख हैं। दुनिया में सबसे अधिक लोगइन्हीं प्रकार के कैंसर से ग्रसित होते हैं।
कैंसर के कारणों का अभी निश्चित रूप से पता नहीं लगाया जा पाया है परंतु यह माना जाता है कि कैंसर के लिये कुछ चीजें जिम्मेदार हैं जैसे:
तंबाकू या उससे बने उत्पाद, जैसे- सिगरेट आदि का लंबे समय तक सेवन मुंह और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है।
लंबे समय तक अल्कोहल का सेवन लिवर (यकृत) कैंसर समेत शरीर के कई अंगों में कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।
आनुवंशिक दोष या उत्परिवर्तन भी कैंसर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकता है। इसमें स्तन कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
लंबे समय तक पराबैंगनी किरणों के संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कभी-कभी मोटापा भी कैंसर ���े खतरे को बढ़ा देता है।
(विश्व कैंसर दिवस) कैंसर के लक्षण :
कैंसर के लक्षण देर से प्रकट होते हैं इसलिए शरीर की नियमित जांच करते रहना चाहिए तथा नीचे दिये हुये लक्षणों में से क��ई दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
त्वचा के नीचे गांठ महसूस होना
शरीर का वजन अचानक से कम या ज्यादा होना
त्वचा पर जल्दी निशान पड़ जाना
निगलने में कठिनाई होना
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
घाव का जल्दी ठीक न होना
थकान और कमजोरी महसूस होना
पेट में लगातार दर्द होना
कैंसर से बचाव के उपाय :
कैंसर का उपचार कठिन है परंतु बचाव आसान है इसलिए कुछ सावधनियाँ अपना कर इससे बचा जा सकता है। * शरीर को नियमित जांच करते रहें।
धूम्रपान,तम्बाकू, गुटका,शराब, पान, मसाला का सेवन न करें।
हरी सब्जियां, फाइबर युक्त आहार, मौसमी फल, आदि का प्रयोग करें।
आहार में अधिक वसा न लें
रेडिएशन के संपर्क में आने से बचें
नियमित रूप से व्यायाम करें
शरीर का सामान्य वजन बनाए रखें।
कोई परेशानी होने परतुरंत चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। कैंसर का उपचार : अभी तक कैंसर का कोई निश्चित उपचार नहीं खोजा जा सका है परंतु सर्जरी , रेडियोथेरेपी द्वारा इसके उपचार का प्रयास किया जा रहा है। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति द्वारा कैंसर के रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है तथा शरीर की तकलीफों को कम किया जा सकता है कैंसर के उपचार में होम्योपैथी की भूमिका पूरक के रूप में हो सकती है। चूंकि कैंसर का कोई निश्चित उपचार नहीं है इसलिए बचाव पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।
लेखक डॉ अनुरूद्ध वर्मा ,वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक हैं।
मोबाइल नंबर 9415975558
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मोबाइल रेडिएशन डालता है आपके दिमाग पर बुरा असर, जानें कैसे स्मार्ट तरीके से करें इस्तेमाल
मोबाइल रेडिएशन डालता है आपके दिमाग पर बुरा असर, जानें कैसे स्मार्ट तरीके से करें इस्तेमाल
आपने ये कई बार सुना होगा कि मोबाइल के रेडिएशन आपके शरीर के लिये बेहद हानिकारक है इसके बावजूद हम अपना ज्यादातर वक्त मोबाइल पर ही रहते हैं. कोरोना दौर और लॉकडाउन में मोबाइल का इस्तेमाल और बढ़ गया है. मोबाइल रेडिएशन दिमाग पर डालती है असर एम्स के एक डॉक्टर की मानें तो मोबाइल के अधिक इस्तेमाल के चलते लोगों को सर दर्द, चिड़चिड़ापन, गर्दन में दर्द, आंखों की रोशनी का घटना, याददाश्त घटने जैसी परेशानियां…
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