#मायावती ब्राह्मणों पर
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UP Chunav : BSP ने किया रणनीति में बदलाव, किसी दल से नहीं करेगी गठबंधन
UP Chunav : BSP ने किया रणनीति में बदलाव, किसी दल से नहीं करेगी गठबंधन
बसपा ने राज्यों को जोड़ने के लिए 23 नवंबर को उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र में कृषि में सुधार किया है | बहुजन पार्टी ने अपनी नीति में परिवर्तन किया | चुनाव वाग | । Source link
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दिल्ली -लखनऊ /प्रधानमंत्री मोदी -मुख्यमंत्री योगी, अखिलेश यादव, प्रियंका गाँधी, राहुल गाँधी जी, सतीश मिश्रा जी किसानों के साथ घटी घटना निं��नीय लेकिन क्या लखीमपुर खीरी में ब्राह्मणों की हत्या पर कौन देगा जवाब
दिल्ली -लखनऊ /प्रधानमंत्री मोदी -मुख्यमंत्री योगी, अखिलेश यादव, प्रियंका गाँधी, राहुल गाँधी जी, सतीश मिश्रा जी किसानों के साथ घटी घटना निंदनीय लेकिन क्या लखीमपुर खीरी में ब्राह्मणों की हत्या पर कौन देगा जवाब
दिल्ली /कौशलेन्द्र पाण्डेय की विशेष रिपोर्ट / लखीमपुर खीरी में जो किसानों के साथ घटना घटी वह बेहद निंदनीय है, लेकिन ब्राह्मणों को लाठी से पीटकर मार दिया गया. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आप चुप क्यों, भगवान परशुराम की बात करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आखिर कहां है.ब्राह्मण महासम्मेलन करने वाले मायावती और सतीश मिश्रा आखिर कहां है इस विषय पर. सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को अगर आप…
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मायावती ने यूपी में बसपा को फिर से सत्ता में लाने के लिए दलित-ब्राह्मण एकता का आह्वान किया
मायावती ने यूपी में बसपा को फिर से सत्ता में लाने के लिए दलित-ब्राह्मण एकता का आह्वान किया
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भाजपा और समाजवादी पार्टी पर केवल बड़े-बड़े दावे करने और जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को अपनी पार्टी को सत्ता में वापस लाने के लिए ‘दलित-ब्राह्मण’ एकता का आह्वान किया। राज्य। राज्य भर में सवर्ण ब्राह्मणों तक पहुंचने के लिए पार्टी के महीने भर के कार्यक्रम के अंत में एक ‘प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए, मायावती ने कहा…
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#इंडियन एक्सप्रेस#उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव#दलित-ब्राह्मण एकता#बसपा#मायावती#मायावती खबर#यूपी की राजनीति#समाजवादी पार्टी
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आखिर ब्राह्मण ससुरा जायेगा कहाँ, लौट कर आयेगा तो हमारे तलवे चाटने ही : भाजपा
भाजपा विधायकों का आया विवादित बयान कहा- "ब्राह्मण हमारी पैरवी करता आया है, आखिर हमारी पार्टी की पैरवी छोड़ ससुरा जायेगा कहाँ, आयेगा तो भाजपा के पास ही....।
आगामी उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र राजनैतिक पार्टियों में वोट बैंक जुटाने की कवायात् तेज़ हो गई है, इसी का असर है की प्रदेश में हर तरफ जातीपूर्ण सियासी माहौल बहुत ज्यादा गर्म है।
चुनाव उत्तरप्रदेश में हो और जातिवाद की बात न हो..? ऐसा तो संभव ही नहीं है, क्योंकि - उत्तरप्रदेश के हर एक छोटे-बड़े चुनावों में जाती बहुत ज्यादा महत्व रखती है, इसीलिए जैसे ही चुनाव नजदीक आते है, सभी राजनैतिक पार्टियों एवं सत्ता धारी राजनेताओं में जातीय वोट बैंक जुटाने की कवायत् जोरों शोरों से शुरू हो जाती है।
जातीवाद की स्वार्थ पूर्ण राजनीति में सबसे बड़ा मुद्दा जातीय जनगड़ना का होता है, क्योंकि उत्तरप्रदेश में सवर्ण, दलित एवं पिछड़ा मिलाकर कई अन्य समुदाय के लोगों की जनसंख्या अपने-अपने तौर पर सार्वधिक है और इनकी जनसंख्या सत्ता परिवर्तन की ताकत रखती है एवं यहाँ के निवासियों में अपनी अपनी जाती को लेकर कट्टरता बहुत चरमता पर होती है।
जातियों की यदि बात करें तो-
सवर्ण समाज में कुल 4 जातियाँ शामिल है जिनमें सार्वधिक आबादी 14% ब्राह्मणों की है दूसरी क्षत्रिय एवं राजपूत समाज की कुल 10% की आबादी है, तीसरी कायस्थ जाती की 8% वहीं अन्य शेष 10% प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की भी इसी समाज की श्रेणि में आती है।
दलितों में - चमार, पासी, कोरी अन्य मिलाकर कुल 22% आबादी दलितों के अधिकार शेत्र में आती है।
पिछड़ा में- यादव, तेली, बनिया सहित अन्य कई जातियाँ 11% की आबादी में आती है।
ऐसा, माना जाता रहा है की इन में से कुछ विशेष जातियों का वोट बैंक किसी एक निर्धारित पार्टी के लिए आरक्षित रहता है जैसे दलितों की पार्टी बहुजन समाज पार्टी BSP इस पार्टी को सार्वधिक वोट दलित समाज से ही प्राप्त होते है वहीं, पिछड़े में बात की जाय तो यादवों और कुर्मियों के वोट समाजवादी पार्टी SP के लिए आरक्षित होते है सार्वधिक वोट सपा को इन्हीं जाती के लोगों से प्राप्त होते है।
इनमें से यदि दलित समाज को छोड़ दिया जाय तो दूसरी सार्वधिक आबादी रखने वाली जाती ब्राह्मणों की ही है जो की 14%+ जनसंख्या के साथ बहुल है एवं सत्तापरिवर्तन की ताक़त रखने वाली विशेष दमदार जाती है।
राजनीति का इतिहास इस बात का गवाह रहा है की 2005 के बाद जिस ढंग से उत्तरप्रदेश के राजनैतिक परिवेश में बदलाव आया है वह कहीं �� कहीं इसी ब्राह्मण जाती के लोगों की ही देन है।
2006 में ब्राह्मण जाती के 65% बहुल वोटों से ही मायावती की बसपा की सरकार बनी तो इसी बसपा की सरकार की विदाई कर 2012 में 70% बहुल वोटों के साथ ब्राह्मण समुदाय ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सपा की सरकार बनवाई उसके पश्च्यात फिर 2017 में इन्हीं ब्राह्मणों के अमूल्य बहुल 80% वोटों से योगी की भाजपा सरकार की ऐतिहासिक जीत हुई।
आखिर ब्राह्मण समाज क्यों चाहता है एक बार फिर यूपी की ���त्ता में परिवर्तन...?
जिस ब्राह्मण जाती के लोगों ने अपने बहुल वोटों से उत्तर प्रदेश की सत्ता में ऐतिहासिक परिवर्तन कर 2017 में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार की सत्ता में वापसी करवाई थी कहीं न कहीं वही पार्टी आज उनके समाज के प्रति ही भेदभावि एवं अत्याचारी सिद्ध हुई ऐसे कई गंभीर कानून एवं मामले सरकार की ओर से आये जिनमें ब्राह्मण समाज के लोगों के साथ अन्याय हुआ एवं लोकतांत्रिक पक्षपात किया गया।
आइये जानते है कुछ ऐसी ही घटनाओं एवं किस्सों को जिन के घटित होने के बाद ब्राह्मण समाज का रुझाव एवं प्रेम भाजपा सरकार से भंग होता चला गया और अब वही ब्राह्मण समाज भाजपा की गुलामी से मुक्ति की राह तलाश रहा है।
SC/ST (हरिजन एक्ट) कानून में संशोधन -
2018 में भाजपा की सरकार ने दलितों के उपर हो रहे अत्याचारों एवं शोषण के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए SC/ST हरिजन एक्ट कानून में संशोधन करते हुए इसे पहले के मुताबिक ज्यादा सख्त एवं मजबूत किया था तथा इसमें पहले के मुताबिक 35+ धाराओं को इस कानून के अंदर जोड़ा था जिसको लेकर सवर्ण समाज सहित संपूर्ण ब्राह्मण समाज ने इसकी कड़ी निंदा की थी एवं इसके विरोध में कई ब्राह्मण तथा सवर्ण संगठनों ने इस SC/ST कानून का पुरजोर विरोध धरातल पर किया था जिनमें - परशुराम सेना, सवर्ण सेना, सवर्ण आर्मी, करणी सेना एवं आज़ाद सेना जैसे संगठनों ने धरना प्रदर्शन सहित भारत बंद एवं अन्य कई विरोध जताय थे उनमें ये सारे संगठन सबसे ज्यादा आगे थे।
SC/ST कानून को उत्तरप्रदेश एवं कई अन्य राज्यों की क्षेत्री भाषा में हरिजन एक्ट के नाम से भी जाना जाता है, 2018 में भाजपा सरकार ने इस एक्ट में कई महत्वपूर्ण संशोधन किये थे जिसको लेकर भाजपा सरकार का दावा था की उनकी पार्टी दलितों की सबसे बड़ी हित चिंतक पार्टी है और उसने दलितों एवं पिछड़ों के संरक्षण के लिए SC/ST एक्ट में 35 से भी ज्यादा महत्वपूर्ण कड़े संशोधन कर अपने दलित हित चिंतक एवं बाबा साहेब के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी का होने का दावा सिद्ध किया था परंतु संशोधन के बाद ही इसके विरोध में सवर्ण समाज ने अपनी आवाज़ उठाई थी परंतु भाजपा की सरकार ने सवर्णो की एक ना सुनी और अपने फैसले पर अड़ी रही एवं SC/ST संशोधन अट्रोसिटी एक्ट बिल संसद में बड़ी आसा��ी से पारित हो गया। उसके कुछ ही सालों में ये कानून ब्राह्मणों के लिए मानो अभिशाप बन कर कहर ढाने लगा कई ऐसे मामले आये जिनमें सवर्णो एवं खास कर ब्राह्मण जाती के लोगों पर सार्वधिक फ़र्ज़ी मुकदमे हरिजन एक्ट के डलने शुरू हो गए जिसमें यह नियम था की यह एक्ट लगने के तत्पश्चयात् आरोपी को बिना किसी जाँच एवं बिना किसी अधिकारिक गिरफ्तारी के काग्ज़ातो के बिना ही आरोपी को तुरंत जेल में डाल दिया जाता है, फिर SC/ST एक्ट लगाने वाले दलित व्यक्ति को मुवावजे के तौर पर तुरंत उसके खाते में 40,000₹ से लेकर 8,00000₹ तक की धनराशि तुरंत उसके खाते में डलवा दी जाती है फिर चाहे आरोपी का अपराध सिद्ध हुआ हो या नहीं, चाहे मामला छोटा हो या बड़ा इससे भी कोई मतलब नहीं रहता है।
एक अधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार केवल इस SC/ST एक्ट के 0.31% मामले ही सही पाय गए है बाकी सभी मामले झूठे और बेवजह पाय गए जिनमें आरोपियों को बरी किया गया लेकिन आज भी हर रोज प्रति दिन करीब 1500 झूठे फ़र्ज़ी SC/ST एक्ट के केस निर्दोष ब्राह्मणों एवं सवर्णो पर दलित समुदाय के व्यक्तियों द्वारा लगाया जाता है। यह एक्ट जितना दलितों के लिए फायदेमंद है उससे कई ज्यादा सवर्णो और ब्राह्मणों के लिए विषैला।
फ़र्ज़ी SC/ST हरिजन एक्ट का सबसे बड़ा केस विष्णु तिवारी नाम के व्यक्ति पर था जिसके उपर उसके गाँव के ही कुछ दबंग दलितों ने दलित लड़की का रेप करने पर झूठा हरिजन एक्ट दाखिल कर दिया था जिसमें ब्राह्मण समाज से आने वाले विष्णु तिवारी नाम के युवक को बिना किसी संविधानिक जाँच एवं सबूत के जेल में डाल दिया गया वो भी 2-3 दिन के लिए नहीं बल्कि पूरे 18 सालों के लिए, उस व्यक्ति ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 18 साल एक ऐसे गुनाह की सजा काटी जिसने वह कभी अपनी जिंदगी में किया ही नहीं था बल्कि उसका इस पूरे घटना क्रम से दूर- दूर का कोई लेना देना नहीं था बस गाँव के ही दलित लोगों ने असल अपराधियों के बचाव में विष्णु तिवारी के सर उस अपराध को मढ़ दिया। विष्णु तिवारी उत्तर प्रदेश के गाँव में रहने वाले गरीब किसानी कर अपना जीवन यापन करते थे जब उनपर यह एक्ट लगा तब उन्हे इस बात की भनक भी नहीं थी आखिर उन्हें किस अपराध के लिए जेल में लाकर बंद कर दिया गया है, हालांकि अपने जीवन के कीमती 18 साल और धूमिल हुई इज्जत के साथ 18 सालों के बाद जिला सत्र न्यायालय ने विष्णु तिवारी को बेगुनाह बताते हुए बाइज्जत बरी किया, परंतु क्या सिर्फ बाइज्जत बरी कर देने से उस व्यक्ति के बेशकीमती 18 साल लौटा सकती है कोर्ट या फिर ऐसा अत्याचारी कानून बनाने वाली सरकार..?
यहाँ, तक की 18 साल जेल काटने के बाद जब विष्णु तिवारी अपने गाँव वापस गए तो ना ही घर बचा था ना ही कोई रोजगार एवं बाहर क�� नई दुनिया देख कर वह आश्चर्यचकित रह गए और उन्होंने कहा मानों मुझे नया जीवन दान मिला हो, उनके लिए आज के ये स्मार्ट फोन और अन्य तरह तरह की टेक्नोलॉजी एक चमत्कार सी प्रतीत हो रही थी, अपनी जिंदगी के बेशकीमती 18 साल एक ऐसे गुनाह की सजा काटने के बाद भी ना किसी सरकार ने इनकी मदत की ना ही किसी कोर्ट ने अगर कोई इनकी सहा��ता के लिए आगे आया तो वो था इनका ब्राह्मण समाज जब ब्राह्मण संगठन के संस्थापको को इनके बारे में पता चला तो वो इनकी मदत करने चले आये और इंहे आश्वासन दिलाया की इनके उपर हुए घनघोर् अत्याचार के विरुद्ध इन्हें अपने शेष जीवन सुगमता से जीने हेतु मुआवजा दिलवाया जाय और नौकरी भी परंतु अभी तक इन दोनों में से एक के भी लाभ से ये वंचित है, और किसी को इनकी परवाह नहीं जिन लोगों ने इनपर फ़र्ज़ी कानून लगाए थे उनमें से कुछ अब इस दुनिया में नहीं है और कुछ आज भी खुलेआम अपना जीवन एक निर्दोष का जीवन तबाह कर के आराम से जी रहे है, इस एक घटना से आप समझ सकते है की ये SC/ST कानून सिर्फ और सिर्फ अत्याचार की परिभाषा मात्र है, ना जाने हर दिन कितने विष्णु तिवारी इस एक्ट से पीड़ित होते होंगे।
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मायावती का वारिस कौन, क्या 'साइकिल' पर फिर चढ़ेगा 'हाथी'... सतीश मिश्रा के जवाब सुनिए Divya Sandesh
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मायावती का वारिस कौन, क्या 'साइकिल' पर फिर चढ़ेगा 'हाथी'... सतीश मिश्रा के जवाब सुनिए
लखनऊ के महासचिव और राज्यसभा सांसद ने कहा है कि BSP उत्तर प्रदेश में किसी की ‘B’ टीम नहीं, बल्कि ‘A’ टीम है। उन्होंने कहा कि बीजेपी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस सभी दलों का मुकाबला से ही है। साथ ही उन्होंने सपा और ओवैसी के साथ गठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया।
सतीश चंद्र मिश्र ने शुक्रवार को एक निजी टीवी चैनल के साथ खास चुनावी चर्चा में कहा, ‘उत्तर प्रदेश में बीएसपी ही ऐसी पार्टी है, जो अकेले चुनाव लड़ रही है और अकेली ही सरकार बनाएगी। बीएसपी किसी की B टीम नहीं है, बल्कि A टीम है। सपा, कांग्रेस हमारी पार्टी को लेकर गलत प्रचार करते हैं। सभी दलों की लड़ाई हमसे ही है।’
मिश्र ने सपा के साथ गठबंधन पर ‘हमें समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन से कोई फायदा नहीं हुआ। हम आगे सपा के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे। यूपी में किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं है। आप 0 से 14 सीटें मिलनी देख रहे हैं। लेकिन हमारा वोट प्रतिशत देखिए, बीएसपी देश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी। साथ ही ओवैसी के साथ गठबंधन पर भी कोई बात नहीं हुई और ना ही होगी। यूपी में हमारा गठबंधन केवल जनता के साथ है।’
के भतीजे आकाश आनंद की चुनाव में भूमिका को लेकर मिश्रा ने कहा, ‘आकाश आनंद नैशनल कोऑर्डिनेटर हैं। देश भर में मीटिंग कर रहे हैं। नौजवान साथी जुड़ रहे हैं। मायावती के दिशा-निर्द��श पर सभी लोग काम कर रहे हैं। उत्तराधिकारी जैसी कोई चीज ही नहीं हैं अभी। मायावती जी भी दिन में 16-17 घंटे काम कर रही हैं। हर जिले में छोटी यूनिट के साथ भी काम कर रही हैं।’
पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं के बारे में बीएसपी महासचिव ने कहा, ‘कई नेता ऐसे रहे, जिन्हें बहन मायावती ने जमीन से उठाकर ओहदा दिलाया। लेकिन महात्वाकांक्षा होने पर कहीं और चले जाते हैं। बीएसपी से गद्दारी करने वालों का हश्र भी शून्य हो जाता है। पार्टी से 2 जाते हैं तो 10 नए पैदा हो जाते हैं।’
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण, दलित और किसानों के साथ शोषण की बात करते हुए सतीश चंद्र मिश्र ने कहा, ‘यूपी में कानून व्यवस्था सबसे खराब है। विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ। ब्राह्मण वर्ग का शोषण और एनकाउंटर हुआ। आज बीएसपी को 2007 से भी अधिक ब्राह्मणों का सपॉर्ट मिल रहा है। बीजेपी सरकार में ब्राह्मण समाज ठगा हुआ महसूस कर रहा है।’
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योगी सरकार कर रही है ब्राह्मणों का उत्पीड़न: मायावती
योगी सरकार कर रही है ब्राह्मणों का उत्पीड़न: मायावती
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी बहुजन समाज पार्टी ने रविवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने मीडिया से कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ब्राह्मणों का उत्पीड़न कर रही है। Lucknow: कल्याण सिंह को फिर देखने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर…
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यूपी चुनाव से पहले मायावती की ब्राह्मणों तक पहुंच: "भ्रमित नहीं होना चाहिए..."
यूपी चुनाव से पहले मायावती की ब्राह्मणों तक पहुंच: “भ्रमित नहीं होना चाहिए…”
मायावती ने कहा, ‘बसपा 23 जुलाई को अयोध्या में ‘ब्राह्मण सम्मेलन’ करेगी। लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने आज उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार पर लोगों को “गुमराह” करने का आरोप लगाया – और इस प्रक्रिया में ब्राह्मण समुदाय से जुड़ने का प्रयास किया, क्योंकि उन्होंने राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी का अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि पार्टी 23 जुलाई को अयोध्या में समुदाय से…
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*🙏🙏🌹🌹🕉️🕉️September 9🌹भक्तिसत्संग श्री गणपति और श्री राधाकृष्ण अमृतरसमयी शुभ बुधवार 🌹श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा 🌹हरिबोल 🌹प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्त वत्सल भगवान की जय 🌹जय जय श्री राधे 🌹श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! सत्राजित और स्यमन्तक मणि की कथा : मायावती आकाश मार्ग से प्रद्युम्न को द्वारका ले गई वहाँ उसने प्रद्युम्न को भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी जी को सौंप दिया। उसी समय नारदजी वहाँ पहुँचे और प्रद्युम्न का सारा वृतांत रुक्मिणी को सुनाया। वर्षों बाद अपने पुत्र को पाकर रुक्मिणी जी के हर्ष की सीमा न रही। द्वारका में जिसने भी प्रद्युम्न के आने का समाचार सुना वह उसे देखने सब काम छोड़ भागा चला आया और श्रीकृष्ण से मिलती-जुलती उसकी छवि को देखकर उसके रूप पर आसक्त हुए बिना नहीं रह सका। द्वारका में सत्राजित नाम का एक यदुवंशी सूर्यदेव का परम भक्त था। सूर्यदेव ने प्रसन्न होकर उसे एक स्यमन्तक मणि दी। वह उसे अपने गले में पहने रहता था। इससे वह सदा सूर्य की भांति चमकता रहता था। द्वारका वासियों ने उसे सूर्यदेव समझ लिया और इसकी सूचना भगवान श्रीकृष्ण को दी। इस पर प्रभु श्रीकृष्ण ने सबको उस स्यमन्तक मणि के बारे में बताया। सत्राजित ने उस मणि को ब्राह्मणों द्वारा पूजित करवा कर अपने देवमंदिर में स्थापित करा दिया। यह मणि प्रतिदिन आठ भार (बीस तुला = एक भार) सोना(GOLD), दिया करती थी। जिस घर में यह मणि पूजित होकर रहती थी वहाँ दुर्भिक्ष महामारी, ग्रह पीड़ा, सर्प भय मानसिक और शारीरिक किसी प्रकार का भी कष्ट नहीं होता था तथा मायावी शक्तियाँ भी प्रभावहीन हो जाती थीं। एक बार प्रभु श्रीकृष्ण ने.... To be continued.. आरती श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की।आरती अति पावन पुराण की।धर्म भक्ति विज्ञान खान की।महापुराण भागवत निर्मल।शुक मुख विगलित निगम कल्प फल।परमानंद सुधा रसमय कल।लीला रति रस रस निधान की। आरती.. प्रणाम 🌹🌹🕉️🕉️🙏🙏* https://www.instagram.com/p/CE5a-FwAxHH/?igshid=3vt1n4yp8e7a
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की पाबंदी के बावजूद मायावती की पार्टी करेगी ब्राह्मण सम्मेलन
इलाहाबाद हाईकोर्ट की पाबंदी के बावजूद मायावती की पार्टी करेगी ब्राह्मण सम्मेलन
अयोध्या में मायावती ब्राह्मण सम्मेलन: मायावती ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ करने के लिए लागू होते हैं। एसपी ऐसी स्थिति में एक बार फिर से ऐसी स्थिति हो सकती है। यू पी में पार्टी की पार्टी की पार्टी के वर्ग में बहुल समाज कल 23 को अयोध्या में ब्राह्मणों के जनसंख्य होगा। यक़ीनन हक़ीक़त की हक़ीक़त के सवाल एक ही तरह के होंगे, इस पर भी। ️️ हाईकोर्ट️ हाईकोर्ट️ हाईकोर्ट️ हाईकोर्ट️ हाईकोर्ट️…
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हाई कोर्ट से पूर्वमंत्री गायत्री प्रजापति को मिली 2 महीने की जमानत
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को मंजूर कर लिया है | हाईकोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को दो महीने की राहत दी गई है | रेप के मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति लखनऊ जेल में बंद है | अंतरिम जमानत के दौरान देश छोड़कर बाहर नहीं जाएंगे गायत्री, साथ ही उन्हें हमेशा अपना फोन ऑन रखना होगा | गौरतलब है कि दुष्कर्म के मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति लखनऊ जेल में बंद हैं | उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल की थी | अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति को कोर्ट ने 5 लाख रुपया के पर्सनल बांड तथा दो जमानतदारों की शर्त के साथ जमानत दी है |
मायावती-‘ब्राह्मणों और दलितों के साथ मुसलमानों पर भी अत्याचार’
पहले खारिज हो चुकी है एक जमानत अर्जी
आपको बताते चलें कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की एक जमानत अर्जी पहले ही खारिज हो चुकी है | अब उनकी ओर से कोरोना के ख़तरे को लेकर दूसरी ज़मानत अर्ज़ी दाखिल की थी | पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति मार्च 2017 से रेप के मामले में जेल में बंद हैं |
यूपी : राज्यसभा सांसद सैय्यद जफर इस्लाम निर्विरोध चयनित
क्या है मामला
बता दें चित्रकूट की एक महिला ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके साथियों के खिलाफ ��ैंगरेप और धमकाने की एफआईआर दर्ज कराई थी | मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद मार्च 2017 में गायत्री प्रजापति को पुलिस ने गिरफ्तार किया था | तब से आजतक इसी मामले में गायत्री प्रजापति जेल में है
https://kisansatta.com/ex-minister-gayatri-prajapati-gets-2-month-bail-from-high-court/ #ExMinisterGayatriPrajapatiGets2MonthBailFromHighCourt Ex-minister Gayatri Prajapati gets 2-month bail from High Court State, Top, Trending #State, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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भाजपा सरकार में दलित, मुस्लिम, ब्राम्हणों का हो रहा उत्पीड़न : मायावती लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सपा सरकार में जिस तरह ब्राह्मणों व दलितों का चुन-चुन कर उत्पीड़न किया गया था, अब वैसे ही भाजपा सरकार में इनके स���थ-साथ मुसलमानों का भी काफी उत्पीड़न किया जा रहा है। मायावती ने शुक्रवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा, “सपा सरकार में जैसे ब्राह्मणों व दलितों का चुन-चुन कर उत्पीड़न किया गया था तो अब वैसे ही वर्तमान भाजपा सरकार में भी इनके साथ-साथ मुसलमानों का भी काफी उत्पीड़न किया जा रहा है। इनको जबरन् गलत मामलों में फं साया जा रहा है, जो अति दु:खद है।
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BJP से निकाले गए बीएसपी से आए जितेंद्र सिंह बबलू, रीता बहुगुणा जोशी का 12 साल पहले 'जलाया' था घर Divya Sandesh
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BJP से निकाले गए बीएसपी से आए जितेंद्र सिंह बबलू, रीता बहुगुणा जोशी का 12 साल पहले 'जलाया' था घर
लखनऊ बीएसपी के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू की बीजेपी में एंट्री पर चल रहा सियासी विवाद मंगलवार को थम गया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बबलू को पार्टी से निष्कासित कर दिया। दरअसल इलाहाबाद सांसद ने बबलू को बीजेपी में लिए जाने पर खुलकर नाराजगी का इजहार किया था। पूर्व बीएसपी विधायक बबलू के लिए 12 साल पुराना मामला ही उनके लिए मुसीबत बन गया। उन पर रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने का आरोप है।
भारतीय जनता पार्टी की यूपी इकाई की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू की पार्टी की सदस्यता निरस्त की कर दी है। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी हिमांशु दूबे की ओर से दी गई है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को रीता बहुगुणा जोशी ने दी बधाई पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू की बीजेपी से सदस्यता रद्द होने पर सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, ‘मैंने उनके (यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह) के पास अपना विरोध दर्ज कराया था। उनकी ओर से की गई कार्रवाई के लिए मैं उन्हें बधाई देती हूं। पार्टी अध्यक्ष की ओर से उठाए कदम से वे संतुष्ट हैं।
रीता बहुगुणा ने पीएम मोदी से मांगा था वक्त इलाहाबाद सांसद और यूपी सरकार में पूर्व मंत्री रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने के आरोपी बीकापुर के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू की सदस्यता पर नाराजगी जताई थी। रीता बहुगुणा ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से समय मांगा था। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भी फोन करके नाराजगी का इजहार किया था। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी शुक्रवार को बबलू के बीजेपी में शामिल होने को गलत बताया था। उनका ��हना था कि यह पार्टी की नीति के खिलाफ है। बबलू बुधवार को ही बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके बाद से ही पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ था।
‘मुझे जानकारी नहीं थी, जैसा रीता जी कहेंगी वह करूंगा’ उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को एक निजी चैनल से बातचीत में कहा था कि पार्टी में किसी के शामिल होने की एक लंबी प्रक्रिया है। पार्टी किसी के शामिल होने से पहले जिले से रिपोर्ट लेती है और रिपोर्ट आने के बाद ही उसे शामिल किया जाता है। यह पूछे जाने पर कि क्या आपको नीचे की रिपोर्ट की जानकारी नहीं हुई? इस पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘वाकई मुझे जानकारी नहीं थी। मेरे पास रीताजी का फोन आया तो पूरी घटना की जानकारी हुई। जल्दी ही उनसे मुलाकात और बातचीत होगी। जो सही होगा और वह जैसा कहेंगी, वैसा किया जाएगा।’
बबलू के लिए क्यों मुश्किल बीजेपी में बने रहना दरअसल बबलू के लिए बीजेपी में बने रहना इसलिए मुश्किल था, क्योंकि उनकी छवि बाहुबली नेता की रही है। हाल के दिनों में माफिया तत्वों के खिलाफ एक्शन को लेकर योगी सरकार चर्चा में रही है। ऐसे में उनको पार्टी में बनाए रखकर 2022 के विधानसभा चुनाव में जाना विपक्षी पार्टियों को एक मुद्दा दे सकता है। इसके अलावा वह राजपूत बिरादरी से आते हैं, जबकि रीता बहुगुणा जोशी खुद ब्राह्मण समुदाय से हैं। यूपी में चुनाव से पहले जोर-शोर से ब्राह्मणों के कथित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया जा रहा है। जाहिर है बीजेपी बैठे-बिठाए समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी समेत विपक्षी दलों को फ्रंटफुट पर आने का मौका नहीं देना चाहेगी।
यह था मामला जितेंद्र सिंह बबलू अयोध्या के रहने वाले हैं। 2007 में बहुजन समाज पार्टी पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई। उस वक्त बबलू बीकापुर से बीएसपी विधायक थे। घटना जुलाई 2009 की है। उस समय रीता बहुगुणा जोशी यूपी कांग्रेस कमिटी की अध्यक्ष थीं। बलात्कार के एक मामले में यूपी सरकार के मुआवजा देने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने मुरादाबाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
जोशी ने कहा था, ‘मेरठ में जिस लड़की से बलात्कार हुआ उसे 25 हजार रुपया दिया गया। जहां दूसरी जगह बलात्कार हुआ एक नवविवाहित औरत के पति को 25 हजार रुपया दिया। फिर तीसरी जगह गए तो जो लड़की मारी गई थी उसके पिता को 75 हजार रुपया दिया। मैं कहती हूं फेंक दें ऐसा पैसा मायावती के मुंह पर और कह दें हो जाए $%#@…1 करोड़ रुपया तुमको देने को तैयार हैं।’
इसके बाद प्रदेश में बीएसपी के कार्यकर्ता रीता बहुगुणा के खिलाफ आक्रोशित हो गए थे। लखनऊ में रीता बहुगुणा जोशी के आवास को निशाना ब��ाते हुए आगजनी की गई। आरोप है कि जितेंद्र सिंह बबलू की मौजूदगी में यह सब हुआ। 15 जुलाई 2009 को रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने के मामले में लखनऊ के हुसैनगंज थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच के बाद 2011 में बबलू को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
2017 में भी लटकी थी गिरफ्तारी की तलवार2017 में पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा- 307, 147 और 149 भी लगा दीं। जिसके बाद जितेंद्र सिंह को पुलिस फिर गिरफ्तार करने पहुंची। हालांकि उन्हें हाई कोर्ट ने राहत दे दी थी।
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पूर्वांचल में प्रियंका गांधी का सीधा मुकाबला मोदी और योगी से - Priyanka gandhi congress generl secretary purvanchal incharge naredra modi yogi tpt
लोकसभा चुनाव 2019 से ऐन पहले कांग्रेस ने अपना ट्रंप कार्ड चल दिया है. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने सियासत में कदम रख दिया है. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है. अब प्रियंका गांधी वाड्रा का सीधा मुकाबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से माना जा रहा है, क्योंकि बीजेपी के ये दोनों दिग्गज नेता पूर्वांचल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को मात देने के लिए सपा-बसपा ने कांग्रेस को अलग रखकर गठबंधन किया था. ऐसे में कांग्रेस ने अपने सबसे बड़े कार्ड को सूबे में ही चल दिया है. उन्हें पूर्वांचल की जिम्मेदारी सौंपने के पीछे कांग्रेस की सोची समझी रणनीति है.
केंद्र की सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल की वाराणसी लोकसभा सीट से सांसद हैं. इसके अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पूर्वांचल से आते हैं. वे गोरखपुर की संसदीय सीट से लंबे समय तक सांसद रहे हैं और फिलहाल सूबे की सत्ता पर काबिज हैं.
बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को वाराणसी संसदीय सीट से उतारकर पूर्वांचल में सभी दलों का सफाया कर दिया था. महज आजमगढ़ सीट थी जहां सपा जीत सकी थी. इसी तरह से 2017 के विधानसभा चुनाव में भी नरेंद्र मोदी ने तीन दिनों तक पूर्वांचल में डेरा जमाकर सपा-कांग्रेस गठबंधन को भी धूल चटा दी थी.
हालांकि, पूर्वांचल ब्राह्मणों का मजबूत गढ़ माना जाता है. पूर्वांचल की अधिकतर सीटों पर ब्राह्मण मतदाताओं की खासी भूमिका रहती है. एक दौर में ब्राह्मण ��ारंपरिक तौर पर कांग्रेस के समर्थक थे, लेकिन मंडल आंदोलन के बाद उनका झुकाव बीजेपी की ओर हो गया. बाद में ब्राह्मण मतदाताओं के एक बडे़ हिस्से का झुकाव मायावती की बसपा की तरफ भी हुआ और 2014 के लोकसभा चुनाव में इस तबके का झुकाव फिर बीजेपी की ओर हो गया.
माना जा रहा है क�� 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्हीं ब्राह्मणों को एकजुट करने और अपनी तरफ लाने की रणनीति के तहत प्रियंका गांधी को पूर्वांचल की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि, पूर्वांचल एक दौर में कांग्रेस का मजबूत दुर्ग हुआ करता था. पूर्वांचल के प्रयागराज, वाराणसी, बलरामपुर, बहराइच, भदोही, फूलपुर, कुशीनगर, देवरिया, मिर्जापुर, जौनपुर, सुल्तानपुर, फैजाबाद, गोंडा, बस्ती, सिद्धार्थनगर जैसे तमाम इलाके एक दौर में कांग्रेस का गढ़ माने जाते थे. माना जा रहा है कि इसी किले को फिर से दुरुस्त करने के लिए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को कमान दी है.
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मायावती अपील करती हैं, पार्टी लाइन के ऊपर दलितों-ब्राह्मणों-मुस्लिमों की हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाती हैं - मायावती की अपील, विधायक के ऊपर दलितों-ब्राह्मणों-मुस्लिमों की हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाएं
मायावती अपील करती हैं, पार्टी लाइन के ऊपर दलितों-ब्राह्मणों-मुस्लिमों की हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाती हैं – मायावती की अपील, विधायक के ऊपर दलितों-ब्राह्मणों-मुस्लिमों की हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाएं
मायावती ने कानून व्यवस्था को लेकर यूपी सरकार को घेरा।
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती (बसपा प्रमुख मायावती)ने राज्य के सभी विधायकों और विधानसभा सत्र के विपक्ष से विशेष मुद्दों को प्रभावी ढंग से सदन में उठाने की अपील की है। मायावती ने शुक्रवार को अप���े दो ट्वीट के जरिए कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सदन को घेरने के लिए यूपी की योगी सरकार से अपील की।…
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ब्राह्मणों को लेकर चिंतित हुईं मायावती, कह डाली इतनी बड़ी बात !
ब्राह्मणों को लेकर चिंतित हुईं मायावती, कह डाली इतनी बड़ी बात !
उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव क�� लेकर ब्राह्मण वोटों को लेकर बयानबाजी जारी है।
सोमवार को बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भाजपा नेता उमेश द्विवेदी के बयान पर ट्वीट करते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज को बीमा से पहले मान-सम्मान व सुरक्षा की पूरी गारंटी चाहिए। सरकार इस ओर ध्यान दे तो बेहतर रहेगा।
बसपा सुप्रीमो ने कही बड़ी बात-
मायावती ने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा कि “यूपी भाजपा…
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