#उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
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lok-shakti · 2 years ago
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Mainpuri Bypoll: मैनपुरी में डिंपल यादव 3 लाख वोट से जीतेंगी, मतदान के बाद मुलायम सिंह यादव के भाई का दावा
Mainpuri Bypoll: मैनपुरी में डिंपल यादव 3 लाख वोट से जीतेंगी, मतदान के बाद मुलायम सिंह यादव के भाई का दावा
Uttarpradesh By Election 2022 Live Hindi News: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा सीट उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। यहां सपा उम्मीदवार डिंपल यादव और बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य के बीच मुकाबला माना जा रहा है। वहीं मुलायम सिंह यादव के भाई अभय राम यादव ने दावा किया कि डिंपल यादव 3 लाख वोट से जीतेंगी।   हाइलाइट्समैनपुरी लोकसभा सीट पर वोटिंग शुरूमुलायम सिंह यादव के भाई ने डाला वोटअभय राम…
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indlivebulletin · 3 days ago
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करहल में सपा की साइकिल चली फुल रफ्तार, मुस्लिम बहुल सीटों पर कैसे लग गया ‘ब्रेक’?
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. पिछले चुनाव से 13 फीसदी कम हुए मतदान ने सियासी गणित को उलझा दिया है. सियासी दल ��पनी-अपनी जीत के दावे भले ही करें लेकिन पूरी तरह आश्वस्त कोई भी नहीं है. 2022 चुनाव में बीजेपी की लहर के बाद भी सपा चार सीटें जीतने में कामयाब रही थी और 2024 में उसे छह सीटों पर बढ़त मिली थी. पांच महीने के बाद हुए…
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deshbandhu · 1 month ago
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Uttar Pradesh ki Nau Seaton Par hi Honge Upachunaav, Sabase Hot Seat Milkeepur ke Lie Karana Hoga Intajaar
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटें फिलहाल खाली हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने नौ सीटों पर ही उपचुनाव की तारीखों की घोषणा की है। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर चुनाव नहीं होंगे जिस पर पूरे प्रदेश की निगाहें थीं।
जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट में दायर याचिका की वजह से मिल्कीपुर में उपचुनाव की तिथि की घोषणा नहीं हो सकी है। मिल्कीपुर के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने 2022 आम चुनाव को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। साल 2022 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद गोरखनाथ बाबा ने अवधेश प्रसाद के चुनाव जीतने को लेकर याचिका दायर की थी। जो अभी अदालत में लंबित है।
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/states/by-elections-will-be-held-in-nine-seats-in-uttar-pradesh-the-hottest-seat-will-have-to-be-waiting-for-milkipur-502324-1
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dainiksamachar · 4 months ago
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10 हजार से अधिक लोगों की जिंदगी लील गई लू, देखें किस राज्य में सबसे अधिक असर
नई दिल्ली : पिछले कुछ समय में जलवायु परिवर्तन का असर साफ रूप से दिखने लगा है। इसका असर अधिक गर्मी के साथ ही अधिक सर्दी के रूप में दिख रहा है। 2013 से 2022 के बीच देश में लू यानी हीटवेव के कारण 10 हजार से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं। यह जानकारी बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गई। पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा को साझा किया, जो गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसमें मौतों की संख्या की पुष्टि की गई। किस राज्य में कितनी मौत आंकड़ों के अनुसार 9 साल के दौरान कुल 10,617 मौतें हुईं। इनमें आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब और बिहार सबसे अधिक प्रभावित राज्य रहे। इन राज्यों में क्रमशः 2,203, 1,485, 1,172, 1,030 और 938 मौतें हीटवेव से हुईं। केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों से पता चला कि उपर दी गई अवधि में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में हीटवेव से संबंधित 18 मौतें हुईं। 2014 से 2024 के बीच, 219 दिनों की भीषण गर्मी के साथ, उत्तर प्रदेश में आंध्र प्रदेश की तुलना में दोगुने दिन हीटवेव देखे गए। हालांकि,न दक्षिणी राज्य में हीटवेव से सबसे अधिक मौत दर्ज की गईं। गर्मी ने तोड़ा 80 साल का रिकॉर्ड रिपोर्ट के अनुसार 50 डिग्री सेल्सियस के पार टेंपरेचर जाने के साथ, इस साल अभूतपूर्व गर्मी ने 80 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। उत्तर ��र मध्य भारत के कई क्षेत्रों में इस साल लंबे समय तक तीव्र लू देखी गई। इस वर्ष लोकसभा चुनाव भी भीषण गर्मी के बीच हुए। जिसमें बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में कई लोगों की जान चली गई, जिनमें कुछ चुनाव अधिकारी भी शामिल थे। डीएमके नेता कनिमोझी करुणानिधि ने भी चुनाव के दौरान भीषण गर्मी के कारण ड्यूटी पर मारे गए सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को दिए जाने वाले मुआवजे के बारे में मंत्रालय से सवाल किया। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) में राज्य के आपदा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों के लिए संसाधन उपलब्ध हैं। आगे की वित्तीय सहायता के लिए, राज्य संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुसार आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार के फंड का लाभ उठा सकते हैं। http://dlvr.it/TBMPV1
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newsuniversal-in · 2 years ago
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अखिल भारतीय ग्राम प्रधान संगठन ने कष्टदायी समस्या समाधान हेतु सौंपा ज्ञापन
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सिद्धार्थनगर। अखिल भारतीय ग्राम प्रधान संगठन ब्लॉक इकाई खुनियाँव ने ग्राम प्रधानों की कष्टदायी समस्या के समाधान हेतु प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन खण्ड विकास अधिकारी खुनियाँव को सौंप कर कार्रवाई करने की मांग किया है। गुरूवार दोपहर ग्राम प्रधानों ने ब्लाक में ताला बन्दी करके अपनी नाराजगी व्यक्त करने के बाद खण्ड विकास अधिकारी खुनियांव विजय कुमार मिश्रा को सौंपे ज्ञापन में कहा कि सहायक सचिव कम डाटा एंट्री ऑपरेटर, शौचालय केयर टेकर एवं प्रधान के मानदेय की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा अलग से करने का वादा मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। रजिस्टर्ड डिप्लोमा होल्डर अथवा जनपद में नियुक्त किसी भी तकनीकी सहायक से स्टीमेट बनवाने की छूट का प्राविधान करने, जिले के प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों की सहभागिता में पंचायतों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए जनपद स्तर पर माह में एक बार उक्त जनपद के जिला अधिकारी व वरि��्ठ पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में पंचायत दिवस मनाये जाने, जिला योजना समिति में प्रधानों को प्रतिनिधित्व देने का वादा मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। इसके अतिरिक्त मांगों पर भी सहानुभूति पूर्वक विचार करके प्रदेश में इसे लागू किया जाए। जनता द्वारा निर्वाचित प्रधानों को अकारण भ्रष्ट समझकर संदेह करने व परेशान एवं हतोत्साहित करने के लिए मनरेगा योजना में कार्यस्थल पर ही एनएमएमएस ऐप के माध्यम से दिन में दो बार उपस्थिति प्रमाणित करने के भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग (मनरेगा डिवीजन) द्वारा जारी 23 दिसम्बर 2022 के आदेश को वापस लिया जाए। व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर हारे हुए प्रत्याशी को उससे जोड़कर मनरेगा की सारी कार्यवाही को शेयर एवं वायरल करने के 23 मई 2022 के अपर आयुक्त मनरेगा “ग्राम्य विकास विभाग“ उत्तर प्रदेश के आदेश को भी वापस लिया जाय। रू. 213 प्रतिदिन की मजदूरी पर मजदूर काम करने को तैयार नहीं है। अतः इसे बढ़ाकर कम से कम रू. 400 प्रतिदिन किया जाय। तीन वर्ष से अधिक समय से ब्लॉकों में जमें कर्मचारियों का अन्यत्र स्थानांतरण किया जाए। वर्ष 1993 में पारित 73वें संविधान संशोधन विधेयक के तहत 29 विषय व उनसे जुड़े अधिकार, कोष, कार्य और पंचायत कर्मियों को पंचायतों को सौंपकर सत्ता विकेंद्रीकरण की आदर्श व्यवस्था लागू की जाए। नई नगर पंचायतों के सृजन तथा विस्तारीकरण के नाम पर 5 वर्ष के लिए निर्वाचित प्रधानों को अपदस्थ किया जाना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है। इस लिए नगर पंचायतों के नवसृजन और विस्तारीकरण से प्रभावित ग्राम पंचायत के प्रधानों का 5 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने दिया जाय। तत्पश्चात उन नगर पंचायतों में चुनाव कराया जाए। ग्राम पंचायतों को प्रदत केंद्रीय वित्त आयोग की धनराशि से 30 प्रतिशत की कटौती करके उसे क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों को आवंटित किया जाना अन्याय पूर्ण निर्णय है। ग्राम पंचायतों के समुचित विकास हेतु तत्काल उक्त निर्णय को वापस लिया जाए। राज्य वित्त आयोग और प्रशासनिक सुधार आयोग की समस्त प्रमुख सिफारिशों को उत्तर प्रदेश में लागू किया जाए। प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों की सुरक्षा हेतु शस्त्र लाइसेंस जारी करने में प्राथमिकता दी जाय। प्रधानों व सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकरण से पूर्व उपनिदेशक पंचायतीराज से अनुमति का प्राविधान किया जाय तथा बिना शपथ-पत्र के प्रधानों की जांच न करायी जाए व झूठी शिकाय���, प्रधानों व सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकरण से पूर्व उपनिदेशक पंचायतीराज से अनुमति का प्राविधान किया जाय। बिना शपथ-पत्र के प्रधानों की जांच न करायी जाए। झूठी शिकायत मिलने पर शिकायतकर्ता के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई अनिवार्य की जाए। भारत की जनता द्वारा प्रदत टैक्स से सरकारों का कार्य एवं विकास कार्य होता है तथा जन्नसंख्या का 70 प्रतिशत भाग गांव में निवास करता है। इसलिए गांव के विकास के लिए सरकार को प्राप्त राजस्व का 70 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराया जाए। पंचायत से जुड़े राजस्व कर्मी, पंचायत कर्मी, आंगनवाड़ी, राशन कोटेदार व प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों की उपस्थिति कार्य प्रमाणन, निलंबन की संस्तुति सहित सभी मामलों में पंचायतों को पूर्ण अधिकार दिया जाए। पंचायतों में प्रयुक्त होने वाली निर्माण सामग्री (ईट, मोरंग, सफेद बालू, गिट्टी, सरिया, सीमेंट आदि) का मूल्य बाजार दर से बहुत ही कम है। उसे बाजार दर के अनुरूप पुनरीक्षित किया जाय। उपरोक्त निर्माण सामग्री के मूल्य का निर्धारण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है। जबकि उपरोक्त सामग्री का प्रयोग स्वयं लोक निर्माण विभाग द्वारा नहीं किया जाता। जिसके कारण लोक निर्माण विभाग द्वारा जानबूझकर बाजार दर से कम मूल्य निर्धारित किया जाता है। मूल्य निर्धारण का कार्य किसी अन्य एजेंसी से कराया जाए। ज्ञापन देते समय ब्लॉक अध्यक्ष राजू सिंह, महामंत्री विमल पत्नी चंद्रजीत यादव, महासचिव राम धीरज साहनी, ग्राम प्रधान पवन कुमार, शिव सहाय, अब्दुल सलाम, परमात्मा प्रसाद, संदीप चौधरी, राम तीरथ, मीरा देवी, जुबैदा खातून, अंजनी देवी आदि लोग उपस्थित रहे। Read the full article
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vnt-news · 2 years ago
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नगर निकाय चुनाव आरक्षण पर हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में यूपी सरकार ने रखी ये 10 दलीलें
नगर निकाय चुनाव आरक्षण पर हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में यूपी सरकार ने रखी ये 10 दलीलें
UP ELECTION -: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई।ओबीसी आरक्षण को लेकर यूपी सरकार ने 10 बड़ी दलीलें जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान रखी। हालांकि हाईकोर्ट इन दलीलों पर कितना सहमत होता है, ये बस कुछ समय की बात है। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ  रायबरेली निवासी सामाजिक…
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slnkhabar · 2 years ago
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UP की तीन सीटों पर सपा-भाजपा में टक्कर, पांच राज्यों में उपचुनाव की काउंटिंग जारी
UP की तीन सीटों पर सपा-भाजपा में टक्कर, पांच राज्यों में उपचुनाव की काउंटिंग जारी
By-Election Results 2022 Live updates: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा सीट समेत पांच राज्यों में छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो गई है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई, जिसमें सभी की निगाहें अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव पर होंगी। डिंपल यादव समाजवादी पार्टी की ओर से मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। बता…
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newslobster · 2 years ago
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चुनाव में हो रही धांधली, DM फोन नहीं उठा रहे : मैनपुरी से चुनाव लड़ रहीं डिंपल यादव का आरोप
चुनाव में हो रही धांधली, DM फोन नहीं उठा रहे : मैनपुरी से चुनाव लड़ रहीं डिंपल यादव का आरोप
Mainpuri By-Poll 2022: मैनपुरी सीट पर मुलायम की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं. मैनपुरी: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव (Mainpuri By-Poll 2022) में वोटिंग में धांधली के आरोप लग रहे हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) ने समाजवादी पार्टी के वोट रोकने का आरोप लगाया है. वहीं, इस सीट से सपा प्रत्याशी डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने ट्वीट…
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lok-shakti · 2 years ago
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UP Municipal Election 2022 : बज गया नगर निकाय चुनाव का बिगुल, यूपी के 75 जिलों के वार्डों की आरक्षण सूची जारी
UP Municipal Election 2022 : बज गया नगर निकाय चुनाव का बिगुल, यूपी के 75 जिलों के वार्डों की आरक्षण सूची जारी
UP Local Body Election 2022 : आयोग ने 27 जिलों के आरक्षण की सूची जारी की है। जिन जिलों के निकायों के लिए वार्ड आरक्षण की सूची जारी की गयी है उनमें शामली, आगरा, आम्बेडकरनगर, आजमगढ़, इटावा, कन्नौज, कानपुर जिला शामिल है। गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, फतेहपुर, फर्रूखाबाद, बलिया, बिजनौर, बुलंदशहर, मऊ और मथुरा के वार्डो की भी आरक्षण सूची जारी हो गई है।   यूपी नगर निकाय चुनाव 2022लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नगर…
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indlivebulletin · 14 days ago
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Samajwadi Party के पीडीए का मतलब दंगाइयों और अपराधियों का प्रोडक्शन हाउस, Yogi Adityanath ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) की नई परिदेते हुए इसे दंगाइयों और अपराधियों का प्रोडक्शन हाउस करार दिया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पीडीए का नारा दिया था। पार्टी ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को सम्बोधित इस नारे का इस्तेमाल इस साल सम्पन्न संसदीय चुनाव में भी किया था,…
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trendingwatch · 2 years ago
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आज 6 राज्यों में मतदान परिणाम, तेलंगाना, बिहार में बड़ी लड़ाई: 10 तथ्य
आज 6 राज्यों में मतदान परिणाम, तेलंगाना, बिहार में बड़ी लड़ाई: 10 तथ्य
मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होती है और आमतौर पर दोपहर तक परिणाम आने की उम्मीद है। (प्रतिनिधित्व के लिए छवि) नई दिल्ली: छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों के चुनाव ��े नतीजे आज घोषित किए जाएंगे. प्रतिष्ठा की लड़ाई बिहार और तेलंगाना में लड़ी जा रही है और हरियाणा में पारिवारिक विरासत दांव पर है। यहां 10 बिंदु दिए गए हैं जो बताते हैं कि इन चुनावों का क्या मतलब है: पहले कुछ राउंड की मतगणना के बाद, भाजपा…
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dainiksamachar · 6 months ago
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यूपी में मायावती शून्य, क्या दलित राजनीति का हो रहा है अंत? एग्जिट पोल के आंकड़ों ने दे दिया बड़ा संकेत
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल का परिणाम सामने आया है। इसमें तमाम राजनीतिक दलों के चुनाव परिणाम से संबंधित सर्वेक्षण रिपोर्ट आए हैं। चुनावी सर्वेक्षणों में एक आम बात दिख रही है, वह है बहुजन समाज पार्टी को खाता न खुलना। दरअसल, 10 साल बाद एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी के सामने उत्तर प्रदेश में शून्य पर सिमटने जैसी नौबत बनती दिख रही है। लोकसभा चुनाव 2014 में बहुजन समाज पार्टी खाता नहीं खोल पाई थी। मोदी लहर में यूपी की 80 में से 73 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी। वहीं, सपा 5 और कांग्रेस 2 सीटों पर जीती थी। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा ने प्रदेश की 403 सीटों में से केवल 1 सीट पर जीत दर्ज की। हालांकि, उसका वोट शेयर 12.9 फीसदी था, जो यूपी में जाटव वोट बैंक के आसपास था। यूपी में दलितों की आबादी 21 फीसदी के करीब है। इसमें जाटव वोटरों का शेयर करीब 13 फीसदी है।यूपी चुनाव 2022 में बसपा का सबसे कम वोट शेयरों में से एक था। लोकसभा चुनाव में जब बसपा को यूपी में एक भी सीट नहीं मिली थी, तब उसका वोट शेयर 19.77 फीसदी था। 2017 के विधानसभा चुनावों में जब उसने 19 सीटें जीतीं, तो उसे 22.23 फीसदी वोट मिले। लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने आगे बढ़कर के साथ चुनावी गठबंधन किया था। हालांकि, अब मायावती दलित पॉलिटिक्स पर अपनी पकड़ को उस स्तर पर बनाए रखने में कामयाब होती नहीं दिख रही हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा का वोट शेयर 2022 के भी नीचे जाने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। राजनीतिक जमीन गंवा रहीं मायावती चुनाव सर्वेक्षण रिपोर्ट इस बात की तर�� इशारा कर रहे हैं कि ��ायावती अपनी दलित राजनीति की जमीन को गंवा रही हैं। यूपी की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर खाता नहीं खोल पाने की स्थिति में खड़ी दिख रही। वहीं, बसपा के कैडर वोटों का बंटवारा एनडीए और इंडिया के बीच होता दिख रहा है। बहुजन समाज पार्टी के वोट बैंक पर समाजवादी पार्टी और भाजपा कब्जा जमाती दिख रही है। खाद्यान्न योजना के तहत 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज वितरण ने दलित वर्ग में बड़ा असर दिखाया है। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की इस योजना को गरीब तबके में बड़ा प्रभाव डाला है। बदले समीकरणों ने डाला है असर कैडर वोट बैंक को बचाने के लिए बसपा की ओर से कोई ठोस प्रयास नहीं हो पाया। भाजपा की योजना ने असर डाला। यही वजह रही थी कि बसपा के युवा नेता आकाश आनंद ने भाजपा सरकार की खाद्यान्न योजना पर तगड़ा हमला बोला। यूपी चुनाव 2022 के दौरान खाद्यान्न योजना का यह असर दिखा था कि बसपा के कैडर भाजपा की तरफ शिफ्ट होते दिखे। लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी ने दलित वोटों के शिफ्ट होने को देखते हुए अपने माय(मुस्लिम+यादव) समीकरण को बदलकर पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए समीकरण के रूप में परिभाषित करना शुरू किया। पार्टी की नजर दलित राजनीति को अपने पाले में लाने की रही। इसमें सबसे बड़ा झटका मायावती को लगता दिख रहा है। http://dlvr.it/T7j3jc
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aajkitaazakhabar2022 · 3 years ago
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विधानसभा चुनाव परिणाम लाइव अपडेट: गुलाम नबी आजाद आज सोनिया गांधी के साथ जी-23 प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे; अखिलेश का बीजेपी पर 'नैतिक जीत' का दावा
विधानसभा चुनाव परिणाम लाइव अपडेट: गुलाम नबी आजाद आज सोनिया गांधी के साथ जी-23 प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे; अखिलेश का बीजेपी पर ‘नैतिक जीत’ का दावा
अधिक पढ़ें आज की बैठक। आजाद की गांधी परिवार से मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जी-23 नेता कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली से असंतुष्ट हैं। G23 नेता अपनी असहमति दर्ज कराने और एक संगठनात्मक बदलाव की मांग करने में सबसे आगे रहे हैं। समूह ने नए सदस्यों को भी आमंत्रित किया जिनके बारे में उन्हें लगा कि वे अपनी चिंताओं को व्यक्त करना चाहते हैं। इनमें केरल के सांसद शशि थरूर, वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर और…
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lazypenguinearthquake · 3 years ago
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यूपी चुनाव 2022 लाइव अपडेट: यूपी में 54 सीटों पर आज अंतिम चरण का मतदान
यूपी चुनाव 2022 लाइव अपडेट: यूपी में 54 सीटों पर आज अंतिम चरण का मतदान
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया | मार्च 07, 2022, 07:49:13 IST उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी सहित 54 सीटों पर मतदान आज 613 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए शुरू हो गया। उत्तर प्रदेश में सातवें चरण के विधानसभा चुनाव, निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार मतदान प्रतिशत और अधिक पर सभी लाइव अपडेट प्राप्त करने के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया…
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lok-shakti · 3 years ago
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चुनाव 2022 लाइव अपडेट: समाजवादी पार्टी कहीं भी लड़ाई में नहीं है, भाजपा उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएगी, राजराजेश्वर सिंह का कहना है
चुनाव 2022 लाइव अपडेट: समाजवादी पार्टी कहीं भी लड़ाई में नहीं है, भाजपा उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएगी, राजराजेश्वर सिंह का कहना है
गाजियाबाद में रैली के दौरान जयंत चौधरी के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव. (फोटोः पीटीआई) समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ करहल से केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतार���र बीजेपी ने भले ही चौंका दिया हो. लेकिन यादव के इस गढ़ के मतदाताओं के अनुसार, आश्चर्य यहीं समाप्त होता है। “लोकल बॉय” अखिलेश, वे कहते हैं, एक बड़ी जीत के लिए तैयार है। करहल सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव…
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indlivebulletin · 14 days ago
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Samajwadi Party के पीडीए का मतलब दंगाइयों और अपराधियों का प्रोडक्शन हाउस, Yogi Adityanath ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) की नई परिदेते हुए इसे दंगाइयों और अपराधियों का प्रोडक्शन हाउस करार दिया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पीडीए का नारा दिया था। पार्टी ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को सम्बोधित इस नारे का इस्तेमाल इस साल सम्पन्न संसदीय चुनाव में भी किया था,…
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