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नकरात्मक विचारों को कैसे परास्त करें: एक व्यक्तिगत अनुभव*
परिचय:**
नमस्कार दोस्तों,
आज हम बात करेंगे एक ऐसे विषय पर जो हर किसी के मन में कभी न कभी आता है - नकरात्मक विचार। ये विचार हमारे मन में आकर्षण पैदा करते हैं, लेकिन उनसे छुटकारा पाने का रास्ता कहां है, इस पर हम विचार करेंगे। मैं अपने व्यक्तिगत अनुभव से आपको बताने वाला हूं कि कैसे मैंने नकरात्मक विचारों को समझा और उनसे निपटने के लिए कुछ उपायों का इस्तेमाल किया।
#सकारात्मक सोच#मानसिक स्थिति#आत्म-सुधारणा#नकरात्मक विचारों का सामना#आत्म-आत्मविश्वास निर्माण#ध्यान तकनीकें#मानसिक स्वास्थ्य#व्यक्तिगत विकास#तनाव से निपटना
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लखनऊ, 29.09.2024 | विश्व हृदय दिवस 2024 के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं राणा होम्यो क्लीनिक के संयुक्त तत्वावधान में राणा होम्यो क्लीनिक, शॉप नंबर 3, झंडेवाला चौराहा, जल निगम रोड, बालागंज, लखनऊ में नि:शुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर का आयोजन किया गया | शिविर में परामर्शदाता चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा एवं उनकी टीम ने 48 रोगि��ों की नि:शुल्क जांच कर, रोगियों को सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, हृदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह (Diabetes / Sugar), रक्तचाप (Blood Pressure), उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया (Jaundice), थाइरोइड (Thyroid), बालों का झड़ना (Hair Fall) के लिए एक सप्ताह की निःशुल्क होम्योपैथिक दवाइयां वितरित की गई |
शिविर का शुभारंभ डॉ संजय कुमार राणा, परामर्शदाता चिकित्सक, उनकी टीम से डॉ संतोष कुमार राणा, डॉ राहुल राणा, नर्सिंग स्टाफ साबिया जी, सुश्री बेबी यादव ने दीप प्रज्वलन कर किया |
डॉ० संजय कुमार राणा ने कहा कि, "होम्योपैथी दवाएं हृदय रोग में शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता को जागृत करती हैं । ये दवाएं हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैं, रक्त प्रवाह को नियंत्रित करती हैं और हृदय की धड़कन को सामान्य करती हैं । होम्योपैथी व्यक्तिगत लक्षणों के आधार पर काम करती है और बिना किसी दुष्प्रभाव के रोग की जड़ तक पहुंचकर उसे ठीक करने में मदद करती है । होम्योपैथिक दवाएं रोगी के व्यक्तिगत लक्षणों, मानसिक स्थिति और शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए दी जाती हैं, जिससे न केवल हृदय की सेहत में सुधार होता है, बल्कि रोगी के पूरे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है । हृदय रोग से पीड़ित मरीजों के लिए यह एक सुरक्षित और प्रभावी चिकित्सा पद्धति है ।"
शिविर में परामर्शद��ता चिकित्सक डॉ० संजय कुमार राणा, उनकी टीम से डॉ संतोष कुमार राणा, डॉ राहुल राणा, डॉ दिनकर दुबे, डॉ रामासन साहू, नर्सिंग स्टाफ साबिया जी, सुश्री बेबी यादव तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग से छात्र-छात्राओं सुश्री आकृति कुमारी, सुश्री विनीता सिंह, सुश्री रनवीत कालरा, खुसरू निजामी एवं ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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मोक्ष की धारणा - जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त होना - सर्वोपरि है। जबकि अनिरुद्ध आचार्य मानसिक मोक्ष पर जोर देते हैं, संत रामपाल जी महाराज कहते हैं—गीता अध्याय 15 श्लोक 4 का हवाला देते हुए—कि पूर्ण मोक्ष एक तत्वदर्शी संत की खोज करके परम स्थिति में पहुंच जाता है, जहाँ भक्तों का पुनर्जन्म नहीं होता। इस लेख का उद्देश्य प्रमुख आध्यात्मिक प्रश्नों पर अनिरुद्ध आचार्य और संत रामपाल जी महाराज के दृष्टिकोण की तुलना करना है।
आध्यात्मिक बहस का विश्लेषण: https://bit.ly/41PKxqY
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शिरोधारा: आयुर्वेदिक चिकित्सा की अद्वितीय विधि
शिरोधारा एक प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है, जिसमें लगातार धारा की तरह एक विशेष औषधीय तेल या तरल पदार्थ को माथे पर डाला जाता है। यह उपचार न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी पुनः स्थापित करने में सहायक है। शिरोधारा का शाब्दिक अर्थ होता है "सिर पर धार"।
शिरोधारा के लाभ
तनाव और चिंता में राहत: शिरोधारा तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है। यह मस्तिष्क को शांत करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
नींद की गुणवत्ता में सुधार: यह अनिद्रा और नींद से संबंधित समस्याओं के उपचार में अत्यधिक प्रभावी है। शिरोधारा के बाद अच्छी और गहरी नींद आती है।
माइग्रेन और सिरदर्द में राहत: नियमित शिरोधारा सत्र माइग्रेन और लगातार सिरदर्द को कम करने में सहायक होते हैं।
मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि: शिरोधारा मानसिक स्पष्टता, स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ावा देता है।
चमकती त्वचा: यह त्वचा को पोषण प्रदान करता है और चेहरे की चमक को बढ़ाता है।
रक्तचाप को नियंत्रित करना: यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
नर्वस सिस्टम की उत्तेजना को शांत करना: शिरोधारा नर्वस सिस्टम की उत्तेजना को शांत करता है और पूरे शरीर में एक आरामदायक अनुभव पैदा करता है।
शिरोधारा का अनुभव
शिरोधारा का सत्र अत्यंत आरामदायक होता है, जहाँ आप एक आरामदायक स्थिति में लेटे रहते हैं। एक विशेष औषधीय तेल या तरल पदार्थ का धीमी गति से और लगातार आपके माथे के बीचोबीच डाला जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 30-60 मिनट तक चलती है और इसके बाद आप तरोताजा और पुनःजीवित महसूस करते हैं।
आइए, शिरोधारा के अद्वितीय लाभों का अनुभव करें और अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को पुनः संतुलित करें। शिरोधारा के लिए आज ही अपॉइंटमेंट बुक करें और आयुर्वेद की इस प्राचीन चिकित्सा विधि से अपने जीवन को नई दिशा दें।
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कचोटती तनहाइयाँ by प्रभा मिश्रा 'नूतन'
किताब के बारे में... कचोटती तनहाइयाँ प्रभा मिश्रा 'नूतन' द्वारा लिखी गई एक कहानी है, जो वृद्धावस्था में अपने अकेलेपन और कचोटती यादों से जूझ रहे सूर्य प्रताप भानु और दिव्या प्रताप भानु की जटिल मानसिक और भावनात्मक स्थिति को उजागर करती है।
यह कहानी ��नके जीवन के उस पड़ाव को दर्शाती है जहाँ वे समाज में अपनी जगह और परिवार में अपने महत्व को लेकर चिंतित होते हैं। वृद्धावस्था में आने वाली चुनौतियों, खासकर मानसिक तनाव, सामाजिक अलगाव और परिवार से दूर होते संबंधों का यथार्थ चित्रण इस पुस्तक में किया गया है।
यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ!
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कुंडली में आंशिक काल सर्प दोष होने से जीवन में क्या दुष्प्रभाव होते है ?
काल सर्प दोष एक ज्योतिषीय दोष है जो कुंडली में राहु और केतु की विशेष स्थिति को संकेत करता है। इसे कुंडली में 'राहु-केतु सर्प दोष' भी कहा जाता है। काल सर्प दोष के होने से जीवन में कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे:
धन संबंधी परेशानी: काल सर्प दोष के कारण धन संबंधी परेशानी हो सकती है। धन की निर्धारितता, धन का बिगड़ना, वित्तीय संकट आदि के लिए यह दोष जिम्मेदार हो सकता है।
परिवारिक समस्याएं: काल सर्प दोष के कारण परिवारिक संबंधों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। परिवार के बीच विवाद, असंतुलन, और विवाह संबंधों में कठिनाई का सामना किया जा सकता है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: काल सर्प दोष के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह विभिन्न प्रकार की रोगों और तकलीफों का कारण बन सकता है।
करियर में असफलता: काल सर्प दोष के कारण करियर में असफलता और परेशानियां हो सकती हैं। कठिनाईयों, रोक-टोकों, या निराशा का अनुभव किया जा सकता है।
मानसिक तनाव: काल सर्प दोष से युक्त व्यक्ति में मानसिक तनाव और चिंता की समस्याएं हो सकती हैं। यह उन्हें चिंतित, अस्थिर, और असंतुष्ट बना सकता है।
आध्यात्मिक प्रगति में बाधाएं: काल सर्प दोष के कारण आध्यात्मिक प्रगति में भी बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। व्यक्ति की मानसिक शक्ति और आत्म-विश्वास पर असर पड़ सकता है।
काल सर्प दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिषियों द्वारा कुछ उपायों की सिफारिश की जाती हैं, जैसे कि मंत्र जाप, दान-धर्म, पूजा-अर्चना, यंत्र-तंत्र, आदि। इन उपायों का उचित अनुसरण करने से व्यक्ति की स्थिति में सुधार हो सकता है।
कृपया ध्यान दें कि काल सर्प दोष का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली के अनुसार भिन्न हो सकता है, और और अधिक जानकरी के लिए आप टोना टोटक सॉफ्टवेयर क��� मदद ले सकते है।
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क्या कोई ऐसा उपाय है जिसके करने से कुंडली के सभी ग्रहों के शुभ परिणाम प्राप्त हो?
ज्योतिष या कुंडली के अनुसार, व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनकी दशाएं उसके जीवन में विभिन्न प्रभाव डाल सकती हैं। हालांकि, कोई भी ऐसा उपाय जो सभी ग्रहों के शुभ परिणाम सुनिश्चित करे, वैदिक ज्योतिष में सामान्यत: संभावना के बारे में हैं।
ध्यान और मेधा भड़ाना: योग और ध्यान के माध्यम से मानसिक शांति बनाए रखना ग्रहों के प्रभाव ��ो कम कर सकता है।
दान और सेवा: धर्मिक और नैतिक कार्यों के माध्यम से ग्रहों के प्रभाव को शांत करने के लिए दान और सेवा करना उपयुक्त हो सकता है।
मंत्र जाप: कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना भी ग्रहों के प्रभाव को शांत करने में सहायक हो सकता है।
योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम के अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है, जिससे ग्रहों का प्रभाव कम हो सकता है।
यह उपाय शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए हो सकते हैं, लेकिन कृपया ध्यान दें कि ये विचार विशिष्ट धार्मिक अनुष्ठानों और विशेष शिक्षा के साथ आएंगे। जिसके लिए आप Kundli Chakra 2022 Professional सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते है।
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आर्थिक व मानसिक स्थिति हुई ठीक। Ganga Das, KabirDham (CG)
पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने से भगत को बहुत ही लाभ होते हैं
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योग क्या है ?
योग क्या है ?
हम में से ज��यादा तर लोग आज योग को मात्र शारीरिक स्वाथ्य के रूप में लेते है , कुछ आसान और शरीर की अलग अलग मुद्राओ को करना ही योग मानते है ,आधुनिक युग में योग के अलग -अलग तरीके आपको दिखाए जाते है जो की लुभावने होते है पर क्या वो आपके लिए लाभकारी है ,ये समझने के लिए पहले हमे योग क्या है ये जानना होगा -
शरीर, मन और आत्मा का एकीकरण है योग
शरीर, मन और आत्मा का एकीकरण ही योग कहा गया है ,योग का अर्थ ही है जोड़ना / मिलाना ,और भी सरल शब्दों में कहा जाये तो अपने शरीर को स्वस्थ्य से ,मन को अच्छे विचारो से और अपनी आत्मा को परमात्मा से मिलाना /जोड़ना या मिलाने का प्रयास करना ही योग है ,
योग एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा के एकीकरण को समर्पित है। यह एक अद्वैत सिद्धांत है जो मनुष्य के सम्पूर्ण विकास और पूर्णता को प्राप्त करने की मार्गदर्शन करता है। योग आत्मा की अनुभूति और उसके अभिविकास को संभव बनाता है, जिससे हम आनंद, शांति, स्वस्थता और सच्ची संतुष्टि की अनुभूति कर सकते हैं।
योग का शास्त्रीय आधार पतंजलि के 'योग सूत्र' माना जाता है। पतंजलि ने योग को आठ अंगों में विभाजित किया है, जिन्हें 'अष्टांग योग' कहा जाता है। ये अष्टांग योग यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि हैं। इन अंगों के माध्यम से, योगी अ��ने मन को नियंत्रित करते हैं, शरीर को स्वस्थ रखते हैं और आत्मा के साथ अद्वैत अनुभ��� करते हैं।
योग के माध्यम से हम अपने शरीर की स्थायित्वता, लचीलापन, शक्ति और स्थैर्य को विकसित करते हैं। आसनों के द्वारा हम अपने शरीर को सुव्यस्थ और लचीला बनाते हैं। प्राणायाम के माध्यम से हम अपने प्राण (श्वास-प्रश्वास) को नियंत्रित करते हैं और अपने मन को शांत करते हैं। प्रत्याहार के द्वारा हम अपने इंद्रियों को इन्द्रिय विषयों से वश में लाते हैं और मन को बाहरी विषयों से आंतरिक मंदिर में नियंत्रित करते हैं। इस प्रकार योगी अपने मन को नियंत्रित कर अपनी चिंताओं और विचारों को स्वयं संयमित करते हैं।
योग का ध्यान और समाधि अंग मन को एकाग्र करने, उसे अपनी सच्ची पहचान में ले जाने और आत्मा के साथ एकीकृत होने के लिए हैं। योगी ध्यान के माध्यम से अपने आंतरिक स्वरूप की पहचान करते हैं और समाधि में वह अपनी अस्तित्वता को भुल जाता है और परमात्मा के साथ अभिन्न हो जाता है। इस स्थिति में, योगी को सच्ची आनंद, शांति और आत्मिक समृद्धि की अनुभूति होती है।
योग आजकल एक प्रमुख ध्यान विधा के रूप में भी चर्चा में है। यहालांकि, योग केवल एक ध्यान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक पूर्ण जीवनशैली को भी दर्शाता ��ै। योग का अभ्यास व्यक्ति को तनाव, रोग, मानसिक चिंताओं और अनियंत्रित मन के साथ निपटने में मदद करता है। योग के माध्यम से हम अपनी आंतरिक शक्तियों को जागृत करते हैं, स्वस्थ और खुश जीवन जीते हैं और स्वयं को संतुष्ट रखते हैं।
योग का महत्वपूर्ण अंश योगासन है, जिसमें विभिन्न शारीरिक पोज़ और आसनों को प्रदर्शित किया जाता है। योगासनों के अभ्यास से हमारे शरीर की लचीलापन, संतुलन, स्थायित्व और शक्ति में सुधार होती है। इसके अलावा, योग आसनों के द्वारा हम विभिन्न रोगों को नियंत्रित कर सकते हैं, जैसे कि मधुमेह, हृदय रोग, अस्थमा, अवसाद आदि।
योग का अभ्यास मनोरोगों में भी मदद करता है। ध्यान और मन को नियंत्रित करके हम स्वयं को शांत और स्वस्थ बना सकते हैं। योग का अभ्यास करने से मन में स्थिरता और एकाग्रता की स्थिति बढ़ती है, जिससे समस्याओं और टेंशन को नियंत्रित किया जा सकताहै।
योग का अभ्यास सिर्फ शारीरिक और मानसिक लाभों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह ��त्मा के साथ एकीकृत होने की भी साधना है। जब हम योग के माध्यम से अपने मन को नियंत्रित करते हैं और अपनी आंतरिक स्वरूप को पहचानते हैं, तब हम एक ऊँचे स्तर पर उठते हैं और अपने स्वभाव के मूल्यों को समझते हैं। इस प्रकार, योग हमें सच्ची स्वतंत्रता, आनंद और मुक्ति की अनुभूति दिलाताहै।
योग हमारे शरीर, मन और आत्मा के एकीकरण को साधना करने और समर्पित होने का एक विज्ञान है। इसके माध्यम से हम अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं और एक सुखी, स्वस्थ और पूर्ण जीवन जी सकते हैं। योग का अभ्यास करने से हम अपनी सामर्थ्यों को पहचानते हैं और आपातकाल में भी स्थिर रहते हैं। इसलिए, योग हमारे जीवन का अटूट हिस्सा है और हमें स्वस्थ, स्थिर और संतुष्ट बनाने में सहायता प्रदान करता है। योग का अभ्यास आपकी जीवनशैली को सुधारता है और आपको एक सकारात्मक दिशा में ले जाता है।
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jamshedpur rural-जिला परिषद सदस्य कर्ण सिंह की पहल, दो मानसिक विक्षिप्त महिलाओं को इलाज के लिए भेजा रांची
घाटशिला: घाटशिला प्रखंड के डाक बंगला निवासी मंजू नाथ मुर्मू और घाटशिला के गोपालपुर फाटक निवासी झुनकी सोनकर दोनों मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं. इनकी स्थिति को देखते हुए घाटशिला जिला परिषद सदस्य कर्ण सिंह ने इन महिलाओं की मदद के लिए पहल करते हुए कागजी कार्यवाही पूरा कराकर रांची भेजा. (नीचे भी पढे) ताकि उन्हें आवश्यक चिकित्सा और अन्य सहायता उपलब्ध कराई जा सके. उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से…
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Today's Horoscope-
मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन से आप काफी आशाएं लगा कर रहेंगे परन्तु एक समय में अधिक कार्य करने पर मतिभ्रम का शिकार बनेंगे। कार्य व्यवसाय सामान्य रहेगा लेकिन आकस्मिक कार्य आने पर उचित समय नहीं दे पाएंगे। अधीनस्थ सहकर्मियों का ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा। यात्रा की योजना दिन के आरंभ से ही बनेगी। इस पर व्यर्थ खर्च भी करना पड़ेगा। घर में संतान के कारण कोई नई ��रेशानी खड़ी होगी लेकिन उच्च पदस्थ लोगों का सहयोग मिलने से राहत मिल जाएगी। सरकार संबंधित कार्य संध्या से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें अन्यथा कुछ समय के लिये लंबित रह जायेगा। परिवार की महिलाएं विशेष कर स्त्री वर्ग मानसिक तनाव से ग्रसित रहेंगी। कंधे, कमर अथवा अन्य शारीरिक जोड़ो में दर्द रह सकता है।
वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप पिछली गलतियों से सीख लेकर ही सभी क्षेत्र पर व्यवहार करेंगे इससे मान सम्मान में वृद्धि के साथ ही नुकसान में भी कमी आएगी। कार्य व्यवसाय अथवा सामाजिक क्षेत्र पर विरोधियो के प्रति नरम व्यवहार रखना आज कुछ ना कुछ लाभ ही देकर जाएगा। आज की मेहनत निकट भविष्य में धन लाभ के नए मार्ग खोलेगी इसमे कमी ना रखे। आज भी धन लाभ आशानुकूल रहेगा फिर भी धन संबंधित प्रसंग आने पर दिमाग गर्म होगा इससे बचे। महिला वर्ग कार्य समय पर करेंगी लेकिन अहसान भी जताएंगी। भाई बंधुओ को आपके अथवा आपको उनसे उनके सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी व्यवहारिक रहे ईर्ष्या बनते कामो की बिगाड़ेगी। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी।
मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन भी शांति से बिताने की आवश्यकता है आज आप स्थित को भांप कर ही व्यवहार करेंगे परन्तु सामने वाला आपकी परिस्थिति का खयाल नही करेगा धन सम्बन्धित मामले किसी ना किसी रूप में कलह का कारण बनेंगे इन्हें प्रेम से निपटाने का प्रयास करें। कार्य व्यवसाय से धन की आमद तो होगी लेकिन कोई न कोई खर्च लगा रहने से संध्या बाद हाथ खाली ही रह जायेगा। पति पत्नी की घरेलू कलह बाहर के लोगो तक न पहुचे इसका विशेष ध्यान रहे लोग सुलझाने की जगह आनंद लेंगे। संतानो का व्यवहार भी अनापेक्षित रहने से अंदर ही अंदर परेशान रहेंगे कहल बढ़ने के डर से विरोध भी नही कर पाएंगे। सेहत ठीक ही रहेगी। मध्य रात्रि बाद स्थिति में सुधार आने लगेगा।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन पहले की तुलना में सुधार वाला रहेगा लेकिन आज धन की प्राप्ति केवल जोखिम लेकर ही हो सकेगी। कार्य क्षेत्र पर हानि के भय से जल्दी से कोई बड़ा निर्णय नही लेंगे भयभीत ना हो निसंकोच होकर किसी भी प्रकार का जोखिम विशेष कर निवेश करें वरना निकट भविष्य में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ��्यवसाय में आज किया निवेश तुरंत लाभ तो नही देगा लेकिन आने वाले दिनों में इसका सकारत्मक परिणाम अवश्य मिल सकेगा। धर्म कर्म टोन टोटको में भी रुचि रहेगी इनपर समय और अल्प धन भी व्यय होगा। भाई बंधु और स्त्री वर्ग का मिजाज चढ़ा रहेगा सतर्क रहकर व्यवहार करें। सेहत में कुछ ना कुछ नुक्स लगा रहेगा।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपका मन काल्पनिक दुनिया की सैर करेगा मन मे खयाली पुलाव पकाएंगे लेकिन कर्म करने में लचीले रहेंगे। आज आप जिस भी कार्य को करेंगे उसकी सफ़लता असफ़लता किसी अन्य के हाथ मे रहेगी विशेष कर पति अथवा पति से बनाकर चले अन्यथा अंत समय मे सारी योजना रखी रह जायेगी। मध्यान के आस पास अकस्मात ही कही से धन की प्राप्ती होगी इसी से दैनिक खर्च के साथ भविष्य के खर्च चलाने पड़ेंगे इसलिए फिजूल खर्ची पर नियंत्रण लाये। आज व्यसन अथवा दुराचरण से बच कर रहे पारिवारिक मान हानि के साथ शारीरिक रूप से भी नुकसान देह रहेगा। कमर से नीचे के भाग में कोई नया रोग उभरने की संभावना है।
कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप सुनेंगे सबकी लेकिन करेंगे अपने ही मन की फिर भी आज व्यवसाय से आकस्मिक लाभ होने पर स्थिति बिगड़ने नही पाएगी दिन के आरंभ में जो लोग आपके निर्णयों के विरोध कर रहे थे सफर बाद वे ही समर्थन करते दिखेंगे। घर मे भाई बंधुओ से किसी पुश्तैनी अथवा व्यावसायिक बात को लेकर कहा सुनी हो सकती है। भागीदारी के कार्यो में निवेश से बचे अन्यथा हानि ही होगी इसके विपरीत एकल कार्यो में लाभ आवश्यकता से अधिक ही होगा। परिवार का वातावरण पल पल में बदलने पर असमंजस में रहेंगे संताने जिद पर अडेंगी मांगे मनवाकर ही शांत होंगी। मुह पर मीठा बोलने वालों से सतर्क रहें खास कर धनु एवं कुम्भ राशि जातको पर जल्दी से विश्वास ना करें। मानसिक संतुष्टि नही रहेगी।
तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज भी आपका हठीला स्वभाव बनते कार्यो में विलंब करेगा लोग आपसे व्यवहार तो करेंगे लेकिन केवल स्वार्थ पूर्ति के लिए ही अंदर से आदर का भाव नही रहेगा। कार्य क्षेत्र पर सहयोग की कमी रहेगी जिससे अधिकांश कार्य अपने ही बल करने ओढ सकते है। नौकरी पेशा लोग भी अधिकारियों से नाराजगी के चलते कार्यो को मनमाने ढंग से जल्दबाजी में करेंगे। धन की आमद आज जिस समय उम्मीद नही होगी तब अकस्मात ही होगी। आज विवेकी सोच रखें अन्यथा आने वाले दिनों में इसका अशुभ परिणाम अवश्य भोग���ा पड़ेगा। घर के सदस्य विशेष कर स्त्री अथवा संताने अपनी मांगे मनवाने के लिये अशांति फैलाएंगी इन्हें समय पर पूरा करे वरना आने वाले कल शांति से बैठना मुश्किल होगा। संध्या बाद किसी अरिष्ट की आशंका से मन भयभीत रहेगा।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन बीते कल की तुलना में बेहतर रहेगा। समाज से सम्मान तो मिलेगा इसके लिए व्यस्तता से समय भी निकालना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय में भी प्रगति होगी लेकिन धन लाभ के समय आश्वाशन ही मिलने से निराश रहेंगे। पूजा पाठ के लिए समय कम ही मिलेगा फिर भी परोपकार के अवसर खाली नही जाने देंगे जरूरतमंदो को आप जितना हो सके उतना सहयोग करेंगे। व्यवसायी वर्ग कार्य स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करें निकट भविष्य में आगजनी अथवा अन्य किसी प्रकार से सामान अथवा आर्थिक क्षति होने की संभावना है। विरोधी पक्ष प्रबल रहेगा लेकिन परोपकार का पुण्य हानि नही होने देगा। संतानों अथवा घर के किसी सदस्य की गलत आदत से मन आहत होगा। घुटनो अथवा अन्य शारीरिक अंगों में निर्बलता रहेगी।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन परिस्थितियां पहले से बेहतर बनेगी। आज आप किसी भी हालत में समझौता करने के पक्ष ने नही रहेंगे चाहे नुकसान ही क्यो ना हो। दिनचर्या कुछ मामलों को छोड़ सुव्यवस्थित रहेगी। काम धंधा भी मध्यान बाद अकस्मात गति पकड़ेगा लेकिन स्वभाव में नरमी रखे किसी व्यावसायिक अथवा अन्य प्रतिस्पर्धी से गरमा गरमी होने का असर व्यापारिक प्रतिष्ठा पर होगा। धन की आमद आज सहज रूप से ही हो जाएगी फिर भी असंतुष्टि में भाग दौड़ करेंगे खर्च अनियंत्रित होंगे बचत ना के बराबर ही रहेगी। कन्या राशि के लोगो से बहस से बचे। घर मे किसी न किसी से रूठना मनाना लगा रहेगा संतान का सहयोग मिलेगा। गठिया अथवा जननेन्द्रिय संबंधित समस्या उभरेगी।
मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपमे धार्मिक भावनाए जागृत होंगी पूजा पाठ के लिए समय तो निकालेंगे लेकिन मन टोन टोटको पर ज्यादा विश्वाश करेगा लेकिन इनको करना ना करना एक बराबर ही है समय और धन की बर्बादी ही होगी। कार्य व्यवसाय से बीते दिनों की तुलना में लाभ में वृद्धि होगी। व्यवसाय में विस्तार के अवसर भी मिलेंगे परन्तु गलत मार्गदर्शन के कारण कर नही पाएंगे वर्तमान परिस्थित अनुसार आज काम मे विस्तार ना कर पाना अखरेगा लेकिन बाद में संतोष भी देगा। परिवार में बड़े बुजुर्गों से भाई बंधुओ को लेकर वैचारिक मतभेद रहेंगे। आवश्यक कार्य कल के लिए ना टाले स���ध्या बाद से सेहत में नरमी आने के कारण अधूरे रह सकते है।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन परिस्थितियां उलझन में डालने वाली बन रही है। आज कोई भी कार्य करने से पहले उसकी रूप रेखा अवश्य बना कर चले साथ ही हानि लाभ की समीक्षा भी पहले ही कर ले अन्यथा समय और धन की बर्बादी हो सकती है। दिनचर्या दिशाहीन रहने के कारण जिस भी कार्य को करेंगे उसे बीच मे ही अन्य काम पड़ने पर छोड़ना पड़ेगा। व्यवसाय में भी लाभ के पास पहुचते पहुचते भ्रमित हो जाएंगे। संध्या के आस पास ही थोड़ा बहुत धन लाभ हो सकेगा। नौकरी वाले जातक आज जल्दी से काम करने के मूड में नही रहेंगे। घरलू खर्चो में संकीर्णता दिखाना कलह का कारण बनेगा। महिलाए ईर्ष्या भाव से ग्रसित रहेंगी किस्मत को दोष देंगी। अकस्मात यात्रा के योग बन रहे है।
मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन पिछले दिनो की अपेक्षा बेहतर रहेगा सेहत में सुधार अनुभव करेंगे। प्रातः काल से ही व्यवसाय अथवा किसी आवश्यक घरेलू कार्य में विलंब होने की चिंता रहेगी लेकिन दोपहर बाद सही कार्य स्वतः ही व्यवस्थित होने लगेंगे। कार्य क्षेत्र पर अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा लेकिन आज आप दिन के आरम्भ में जो भी योजना बनाएंगे उसमे आज नही तो कल सफलता अवश्य मिलेगी इसलिये मेहनत में कमी ना रखे। धन के व्यर्थ कार्यो पर खर्च को रोकने में असमर्थ रहने के कर आर्थिक कारणों से असंतुष्ट ही रहेंगे कल से परिस्थिति हर प्रकार से पक्ष में रहेगी। सरकार संबंधित उलझनों में फंसने की भी संभावना है अनैतिक कार्यो से दूर रहे। धर्म कर्म में कम रुचि रहेगी। घर की बड़ी महिलाओ से कहा सुनी हो सकती है।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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Chandni Bhoot Bangla Ki Sachai Part2
विक्रम उस रात के बाद घर लौट आया, लेकिन उसे अभी भी नींद आ रही थी। हर रात उसे वह चेहरा अपनी आँखों के सामने दिखाई देता। जब भी वह अपनी आँखें बंद करता, तो उस औरत की घूमती आँखों की छवि उसकी रातों को चीरती। उसे लगता कि यह सब एक सपना है या उसकी मानसिक स्थिति का प्रतिबिंब है, लेकिन हर दिन उसके सामने कुछ नया आता रहता।
एक दिन विक्रम को एक पुराना पत्र मिला, जो किसी अनजान व्यक्ति ने लिखा था। पत्र में लिखा था:
"वापस आ जाओ। तुमने जो देखा, वह तो बस शुरुआत थी। अब तुम इसके शिकार हो।"
विक्रम का दिल धड़कने लगा। उसने अपनी घटना के बारे में कभी किसी को नहीं बताया था, लेकिन उसे यह कैसे पता चला? क्या वाकई उसकी हवेली का भूत उसका पीछा कर रहा था? डर और जिज्ञासा के बीच उसने तय किया कि वह इस रहस्य को समझेगा। इसलिए उसने अपने दोस्त और पैरानॉर्मल एक्सपर्ट अर्जुन को अपने साथ ले जाना ही बेहतर समझा।
जब वे दोनों रात को हवेली पहुँचे, तो वहाँ की हवा पहले से भी ज़्यादा ठंडी थी। अर्जुन ने अपने औज़ार निकाले और हवेली को स्कैन करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में तापमान में गिरावट दिखाई दी, मानो कोई अदृश्य व्यक्ति वहां मौजूद हो। अर्जुन ने ईवीपी (इलेक्ट्रॉनिक वॉयस फेनोमेनन) रिकॉर्��र चालू किया तो एक आवाज रिकॉर्ड हुई जो कह रही थी:
"तुम वापस क्यों आए हो? तुम यहां से नहीं जा पाओगे।"
विक्रम का चेहरा साफ हो गया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। अर्जुन ने कहा, "यह कोई फंसा हुआ रहस्य नहीं है। यह कुछ और है-शायद कोई पुराना श्राप या जादू।" तभी एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी, जैसे कोई दरवाजा बंद कर दिया गया हो। और फिर, पुराना पियानो अपने आप बजने लगा, लेकिन इस बार एक अलग आवाज के साथ, जैसे कोई रो रहा हो।
जैसे ही वे दोनों पियानो के करीब पहुंचे, दीवार से एक पुरानी तस्वीर गिरी। तस्वीर में एक महिला थी-बिल्कुल वही चेहरा जो विक्रम ने अपने कैमरे में देखा था। अर्जुन ने कहा, "यह तस्वीर उस महिला की आत्मा है, जो अपने पति का बदला लेना चाहती है। शायद उसके साथ कोई अलौकिक घटना घटी हो।" और उसी क्षण एक आवाज़ आई- एक गुहार और एक चीख जो पूरी हवेली में गूंज गई। एक पल के लिए दोनों को लगा जैसे उनके पैरों तले ज़मीन हिल रही हो। अर्जुन ने विक्रम को पकड़ लिया और कहा, "तुम्हें यहाँ से निकल जाना चाहिए! यह आत्मा न केवल बदला लेना चाहती है, बल्कि अपने प्यार का राज भी छोड़ना चाहती है।"
लेकिन जैसे ही वे दोनों भागने लगे, एक आवाज़ ने उन्हें रोक लिया। उस आवाज़ ने कहा, "मुझे छोड़कर मत जाओ… तुम अभी तक नहीं समझे हो। सच्चाई अभी भी हवेली के अंदर है।"
दोनों एक-दूसरे को देखने लगे, समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें। विक्रम के मन में एक सवाल गूंज रहा था- क्या वह इस राज का अंजाम जाने बिना वापस लौट पाएगा, या उसे अपनी जान देकर इस कहानी का अंत लिखना होगा Get Video
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लखनऊ, 21.09.2024 । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में गोपीनाथ लक्ष्मणदास रस्तोगी इंटर कॉलेज, ऐशबाग, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमे 22 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी ज़िम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना ।
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा गोपीनाथ लक्ष्मणदास रस्तोगी इंटर कॉलेज की शिक्षिकाओं श्रीमती सरिता पाण्डे, श्रीमती बिन्दू शर्मा, श्रीमती विजय लक्ष्मी एवं रेड ब्रिगेड से प्रशिक्षिका ने दीप प्रज्वलित किया ।
गोपीनाथ लक्ष्मणदास रस्तोगी इंटर कॉलेज की शिक्षिका श्रीमती सरिता पाण्डे ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “आज के आत्मरक्षा कार्यक्रम ने हमारी बेटियों में आत्मविश्वास की नई लहर पैदा की है । यह केवल एक प्रशिक्षण सत्र नहीं था, बल्कि जीवन जीने की एक नई दिशा थी । आत्मरक्षा के इस महत्वपूर्ण पाठ ने उन्हें न केवल शारीरिक रूप से सशक्त बनाया, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत किया । आत्मरक्षा सिर्फ बाहरी खतरों से सुरक्षा नहीं है, बल्कि यह अपने आत्म-सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा का भी एक साधन है । हमारी बेटियां अब आत्मरक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भरता का भी पाठ सीख चुकी हैं । यह कार्यक्रम उन्हें हर उस स्थिति का सामना करने के लिए तैयार कर रहा है, जहां उन्हें खुद को साबित करने का मौका मिलेगा । समाज में ऐसे कार्यक्रमों की अहमियत इसलिए है क्योंकि यह न केवल नारी सशक्तिकरण को बल देते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि हमारी बेटियां अपनी सुरक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूक रहें । हम आशा करते हैं कि वे इन सीखों को जीवनभर संजोएंगी और समाज में एक प्रेरणास्त्रोत बनेंगी ।"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से कुशल प्रशिक्षिकाओं ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किये गये ।
कार्यशाला में गोपीनाथ लक्ष्मणदास रस्तोगी इंटर कॉलेज की शिक्षिकाओं श्रीमती सरिता पाण्डे, श्रीमती बिन्दू शर्मा, श्रीमती विजय लक्ष्मी, श्रीमती मनीषा दीक्षित, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से प्रशिक्षिकाओं तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला : एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस, मल्हौर, लखनऊ
लखनऊ, 14.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस, मल्हौर, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 81 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ. रूपल अग्रवाल ने कहा कि आज इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में हमारे कुशल प्रशिक्षक आपको आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगे । ये गुर आपको किसी भी आपात स्थिति से निकलने में मदद करेंगे ताकि भविष्य में आप उन्हें उपयोग करके अपनी सुरक्षा कर सकें । आज मैं आप सभी से यह कहना चाहूंगी कि आपके जीवन में कोई भी परेशानी आए, आपको किसी भी विषम परिस्थिति से गुजरना पड़े, कभी निराश मत होना, कभी हार मत मानना | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | हम सब मिलकर आपकी समस्या का समाधान निकालेंगे |
प्रो (डॉ) मंजू अग्रवाल ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि "हम सभी यहाँ आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग ले रहे हैं । कई बार हमें लगता है कि लड़कियाँ कमजोर होती हैं लेकिन हमें इस बात को गलत साबित करना है हमें यह दिखाना है कि हम सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत हैं एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करके हम और अधिक ऊर्जावान हो जाएंगे एवं महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे ।"
डॉ. प्राची श्रीवास्तव ने कहा कि, हमें आत्मरक्षा प्रशिक्षण की आवश्यकता क्यों है ? ऐसा इसलिए है क्योंकि आजकल की महिलाएं अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वीकार करने के लिए अधिक जागरूक हैं । वे आत्मरक्षा प्रशिक्षण की तकनीकों को सीखकर अपनी सुरक्षा स्वयं करने में सक्षम हो रही हैं । सेल्फ डिफेन्स को सीखने का महत्व इसलिए है कि इससे लोग सुरक्षित और आत्मनिर्भर महसूस करते हैं । हमें कभी भी शर्मिंदा नहीं होना चाहिए अगर हमारे साथ कोई अपराध कर रहा है । हमें स्थिति का सामना करने और अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए । मैं अपने इंस्टीट्यूट के छात्राओं से अनुरोध करती हूँ कि वे आत्मरक्षा प्रशिक्षण को प्राप्त करें क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा में वृद्धि होगी, और वे अपने आत्मविश्वास को भी बढ़ा सकेंगी ।
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका यास्मीन बानो, रूबी खान, सुष्मिता भारती ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस से प्रो (डॉ) मंजू अग्रवाल, डॉ. प्राची श्रीवास्तव, डॉ नेहा माथुर, डॉ प्रेक्षी गर्ग, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, यास्मीन बानो, रूबी खान, सुष्मिता भारती तथा एमिटी यूनिवर्सिटी एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला : एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस, मल्हौर, लखनऊ
लखनऊ, 14.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस, मल्हौर, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 81 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ. रूपल अग्रवाल ने कहा कि आज इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में हमारे कुशल प्रशिक्षक आपको आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगे । ये गुर आपको किसी भी आपात स्थिति से निकलने में मदद करेंगे ताकि भविष्य में आप उन्हें उपयोग करके अपनी सुरक्षा कर सकें । आज मैं आप सभी से यह कहना चाहूंगी कि आपके जीवन में कोई भी परेशानी आए, आपको किसी भी विषम परिस्थिति से गुजरना पड़े, कभी निराश मत होना, कभी हार मत मानना | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | हम सब मिलकर आपकी समस्या का समाधान निकालेंगे |
प्रो (डॉ) मंजू अग्रवाल ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि "हम सभी यहाँ आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग ले रहे हैं । कई बार हमें लगता है कि लड़कियाँ कमजोर होती हैं लेकिन हमें इस बात को गलत साबित करना है हमें यह दिखाना है कि हम सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत हैं एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करके हम और अधिक ऊर्जावान हो जाएंगे एवं महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे ।"
डॉ. प्राची श्रीवास्तव ने कहा कि, हमें आत्मरक्षा प्रशिक्षण की आवश्यकता क्यों है ? ऐसा इसलिए है क्योंकि आजकल की महिलाएं अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वीकार करने के लिए अधिक जागरूक हैं । वे आत्मरक्षा प्रशिक्षण की तकनीकों को सीखकर अपनी सुरक्षा स्वयं करने में सक्षम हो रही हैं । सेल्फ डिफेन्स को सीखने का महत्व इसलिए है कि इससे लोग सुरक्षित और आत्मनिर्भर महसूस करते हैं । हमें कभी भी शर्मिंदा नहीं होना चाहिए अगर हमारे साथ कोई अपराध कर रहा है । हमें स्थिति का सामना करने और अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए । मैं अपने इंस्टीट्यूट के छात्राओं से अनुरोध करती हूँ कि वे आत्मरक्षा प्रशिक्षण को प्राप्त करें क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा में वृद्धि होगी, और वे अपने आत्मविश्वास को भी बढ़ा सकेंगी ।
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज ���े एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका यास्मीन बानो, रूबी खान, सुष्मिता भारती ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस से प्रो (डॉ) मंजू अग्रवाल, डॉ. प्राची श्रीवास्तव, डॉ नेहा माथुर, डॉ प्रेक्षी गर्ग, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, यास्मीन बानो, रूबी खान, सुष्मिता भारती तथा एमिटी यूनिवर्सिटी एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला : एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस, मल्हौर, लखनऊ
लखनऊ, 14.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस, मल्हौर, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 81 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ. रूपल अग्रवाल ने कहा कि आज इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में हमारे कुशल प्रशिक्षक आपको आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगे । ये गुर आपको किसी भी आपात स्थिति से निकलने में मदद करेंगे ताकि भविष्य में आप उन्हें उपयोग करके अपनी सुरक्षा कर सकें । आज मैं आप सभी से यह कहना चाहूंगी कि आपके जीवन में कोई भी परेशानी आए, आपको किसी भी विषम परिस्थिति से गुजरना पड़े, कभी निराश मत होना, कभी हार मत मानना | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | हम सब मिलकर आपकी समस्या का समाधान निकालेंगे |
प्रो (डॉ) मंजू अग्रवाल ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि "हम सभी यहाँ आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग ले रहे हैं । कई बार हमें लगता है कि लड़कियाँ कमजोर होती हैं लेकिन हमें इस बात को गलत साबित करना है हमें यह दिखाना है कि हम सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत हैं एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करके हम और अधिक ऊर्जावान हो जाएंगे एवं महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे ।"
डॉ. प्राची श्रीवास्तव ने कहा कि, हमें आत्मरक्षा प्रशिक्षण की आवश्यकता क्यों है ? ऐसा इसलिए है क्योंकि आजकल की महिलाएं अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वीकार करने के लिए अधिक जागरूक हैं । वे आत्मरक्षा प्रशिक्षण की तकनीकों को सीखकर अपनी सुरक्षा स्वयं करने में सक्षम हो रही हैं । सेल्फ डिफेन्स को सीखने का महत्व इसलिए है कि इससे लोग सुरक्षित और आत्मनिर्भर महसूस करते हैं । हमें कभी भी शर्मिंदा नहीं होना चाहिए अगर हमारे साथ कोई अपराध कर रहा है । हमें स्थिति का सामना करने और अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए । मैं अपने इंस्टीट्यूट के छात्राओं से अनुरोध करती हूँ कि वे आत्मरक्षा प्रशिक्षण को प्राप्त करें क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा में वृद्धि होगी, और वे अपने आत्मविश्वास को भी बढ़ा सकेंगी ।
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वार��� अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका यास्मीन बानो, रूबी खान, सुष्मिता भारती ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस से प्रो (डॉ) मंजू अग्रवाल, डॉ. प्राची श्रीवास्तव, डॉ नेहा माथुर, डॉ प्रेक्षी गर्ग, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, यास्मीन बानो, रूबी खान, सुष्मिता भारती तथा एमिटी यूनिवर्सिटी एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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