#माँ की मुस्कान
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maakavita · 12 hours ago
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माँ के चरण (maa ke charan ) : सबसे ऊँचा स्थान
उस रब को शुक्रिया करने का, जब भी मेरा मन करता है, मैं अपनी माँ के माथे को चूम लेता हूँ, उस रब के सामने झूकने का, जब भी मेरा मन करता है, मैं अपनी माँ के चरण (maa ke charan ) छू लेता हूँ, * * * * * मैं साफ करता हूँ मंदिर की सीढ़ियों को, मैं तीर्थ धाम भी जाता रहता हूँ, मन की शांति के लिए हर दिन, घर की छत पर चिड़ियों को, दाना-पानी भी डा��ता रहता हूँ, वो रंग-बिरंगे फूलों को देखकर, जब मन-ही-मन मुस्कराती…
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helputrust · 1 month ago
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सभी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करनी चाहिए - डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल
लखनऊ, 14.01.2025 | मकर संक्रांति के पावन अवसर एवं श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शीतला देवी मंदिर, समुद्दीपुर, इंदिरा नगर, लखनऊ में खिचड़ी भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने भगवान को भोग अर्पित कर करीब 550 लाभार्थियों को खिचड़ी वितरित कर मकर संक्रांति और श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं ।
इस अवसर पर ��ेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "मकर संक्रांति का पर्व न केवल हमारे दे�� की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह हमें नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है । मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना भी शुभ माना जाता है | मान्यता है कि भगवान राम ने मकर संक्रांति के दिन पहली बार पतंग उड़ाई थी तथा उनके द्वारा शुरू की गई परंपरा को आज भी निभाया जाता है l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट सदैव सामाजिक उत्थान और जरूरतमंदों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहा है । मकर संक्रांति के इस पवित्र पर्व पर हमारा उद्देश्य केवल त्योहार की खुशियाँ साझा करना ही नहीं, बल्कि उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना है, जो इसके सबसे अधिक हकदार हैं । हमारा मानना है कि इस पवित्र दिन पर दूसरों की सहायता करना ही सच्चे धर्म और परंपरा का पालन करना है । अंत में, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे इस पावन पर्व पर दूसरों की मदद करने का संकल्प लें और समाज में प्रेम, एकता और सद्भावना को बढ़ावा दें । माँ प्रकृति और सूर्यदेव आपकी जीवन यात्रा को प्रकाशमय और सुखद बनाएं । डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी से प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करने का आह्वा�� किया। जय श्री राम !”
खिचड़ी भोज कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
#MakarSankranti2025 #HappyMakarSankranti #मकर_संक्रांति #पोंगल #उत्तरायण #माघ_बिहू #ShriRamMandirPranPratishtha #जय_श्री_राम
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kaminimohan · 2 years ago
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1382.
लफ़्ज़ ने लफ़्ज़ों पर खुलेआम लिखा था -कामिनी मोहन।
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1.
युग बदले दुनिया बदले नई सुबह का भान होता है,
नए विचार नए व्यवहार सब नया तान होता है।
आवाज़ है कविता की कुछ और नहीं समझ लेना
अँधेरे को कविता सुनाऊँ नया निर्माण होता है।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
2.
जवाब मिले न मिले सवाल पूछ लेते हैं,
हाल-ए-दिल अर्ज़ कर हाल पूछ लेते हैं।
शहर-ए-दिल के महबस में हूँ क्या कहूँ,
सब चुप हो तो मौसम का हाल पूछ लेते हैं।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
शहर-ए-दिल : दिल की दुनिया
महबस : क़ैद
3.
ज़िस्म के रिश्ते ख़ुश-रंग होते हैं,
आख़िरी साँस तक ही संग होते हैं
बेवफ़ा ज़िंदगी का ऐतबार न कीजे
रूह के रिश्ते ही शफ़क़-रंग होते हैं।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
4.
हर आती-जाती साँस संग चलने वाला,
हर दिल को अलविदा कह चलने वाला।
रिश्तों की निगाह क़र्ज़ बन पीछा न करें
मैं अपना कफ़न ओढ़ कर चलने वाला।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
5.
कभी कोई किसी को पार उतार न सका
औरों के रस्ते के कांटों को बुहार न सका
फिर क्यों उठती हैं उँगलियाँ हमारी तरफ़
माँझी क्या करें डूबी नय्या उभार न सका।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
6.
जिसने मेरे सिर पर पहला हाथ फेरा था,
मेरी हर मुस्कान ��र आँचल का घेरा था।
दुआ मिलीं, गगन पर सूरज के आने से पहले
वो माँ थीं मैं जिसकी आँख का सवेरा था।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय
7.
चार किताबें पढ सब बदलते जाते हैं,
न जाने कैसी तरक़्क़ी के पीछे जाते हैं।
नीति बदली, नियम बदला लेकिन,
हम सिर्फ़ ज़िंदगी की ओर देखे जाते हैं।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
8.
रंगों ने हम पर भरपूर भरम ढाया,
बेरंग करने को कुदरत ने करम ढाया।
बिन कहे ही बदल जाते हैं जीवन के सब रंग
ज़ेहन पर गुज़रते लम्हों ने सितम ढाया।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय
9.
सत्य-प्रेम की शक्ति क्षणिक न थी हम दोनों की
बेबसी लाचारगी एक-सी थी हम दोनों की
इधर से उधर गए एक ठौर हम पकड़ न सके
देखते ही देखते राह बदल गई हम दोनों की
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
10.
गरम हवाए बताएँ, कब तक यूँ चलेगी,
धुएँ की धूल आँखों पर कब तक यूँ चढ़ेगी।
मेरे सामने, क्या कुछ न, आजकल हो रहा है,
मुँह फेर कर उजाला अंधेरे में सो रहा है।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
11.
कॉपी के कवर पर तेरा नाम लिखा था,
आख़िरी पन्ने पर पैगाम लिखा था।
ज़िंदगी के पन्नों को पलटकर पढ़ा तो जाना
लफ़्ज़ ने लफ़्ज़ों पर खुलेआम लिखा था।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
12.
ज़िंदगी रचनात्मकता के प्रवाह की कहानी है
हमने जो लिखा-मिटाया स्मृति की कहानी है।
फिर भी भावना का संपादन यहाँ है अधूरा यारो
ज़िंदगी कविता के संस्मृति की कहानी है।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
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drrupal-helputrust · 6 days ago
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मकर संक्रांति | Makar Sankranti | खिचड़ी भोज | Khichdi Bhoj | महाकुंभ 2025 | Mahakumbh 2025
सभी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करनी चाहिए - डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल
लखनऊ, 14.01.2025 | मकर संक्रांति के पावन अवसर एवं श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शीतला देवी मंदिर, समुद्दीपुर, इंदिरा नगर, लखनऊ में खिचड़ी भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने भगवान को भोग अर्पित कर करीब 550 लाभार्थियों को खिचड़ी वितरित कर मकर संक्रांति और श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "मकर संक्रांति का पर्व न केवल हमारे देश की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह हमें नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है । मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना भी शुभ माना जाता है | मान्यता है कि भगवान राम ने मकर संक्रांति के दिन पहली बार पतंग उड़ाई थी तथा उनके द्वारा शुरू की गई परंपरा को आज भी निभाया जाता है l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट सदैव सामाजिक उत्थान और जरूरतमंदों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहा है । मकर संक्रांति के इस पवित्र पर्व पर हमारा उद्देश्य केवल त्योहार की खुशियाँ साझा करना ही नहीं, बल्कि उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना है, जो इसके सबसे अधिक हकदार हैं । हमारा मानना है कि इस पवित्र दिन पर दूसरों की सहायता करना ही सच्चे धर्म और परंपरा का पालन करना है । अंत में, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे इस पावन पर्व पर दूसरों की मदद करने का संकल्प लें और समाज में प्रेम, एकता और सद्भावना को बढ़ावा दें । माँ प्रकृति और सूर्यदेव आपकी जीवन यात्रा को प्रकाशमय और सुखद बनाएं ।  डॉ॰ हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी से प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करने का आह्वान किया। जय श्री राम !”
खिचड़ी भोज कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
#MakarSankranti2025 #HappyMakarSankranti #मकर_संक्रां��ि #पोंगल #उत्तरायण #माघ_बिहू #ShriRamMandirPranPratishtha #जय_श्री_राम #एकता_का_महाकुंभ #महाकुम्भ_अमृत_स्नान #महाकुंभ #mahakumbh2025 #CultureUnitesAll #OurCultureOurPride #KiteFlyingFestival #IndianTradition #TilGurKiMithas #SankrantiCelebration #FestivalOfIndia
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helputrust-drrupal · 6 days ago
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मकर संक्रांति | Makar Sankranti | खिचड़ी भोज | Khichdi Bhoj | महाकुंभ 2025 | Mahakumbh 2025
सभी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करनी चाहिए - डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल
लखनऊ, 14.01.2025 | मकर संक्रांति के पावन अवसर एवं श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शीतला देवी मंदिर, समुद्दीपुर, इंदिरा नगर, लखनऊ में खिचड़ी भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने भगवान को भोग अर्पित कर करीब 550 लाभार्थियों को खिचड़ी वितरित कर मकर संक्रांति और श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "मकर संक्रांति का पर्व न केवल हमारे देश की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह हमें नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है । मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना भी शुभ माना जाता है | मान्यता है कि भगवान राम ने मकर संक्रांति के दिन पहली बार पतंग उड़ाई थी तथा उनके द्वारा शुरू की गई परंपरा को आज भी निभाया जाता है l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट सदैव सामाजिक उत्थान और जरूरतमंदों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहा है । मकर संक्रांति के इस पवित्र पर्व पर हमारा उद्देश्य केवल त्योहार की खुशियाँ साझा करना ही नहीं, बल्कि उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना है, जो इसके सबसे अधिक हकदार हैं । हमारा मानना है कि इस पवित्र दिन पर दूसरों की सहायता करना ही सच्चे धर्म और परंपरा का पालन करना है । अंत में, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे इस पावन पर्व पर दूसरों की मदद करने का संकल्प लें और समाज में प्रेम, एकता और सद्भावना को बढ़ावा दें । माँ प्रकृति और सूर्यदेव आपकी जीवन यात्रा को प्रकाशमय और सुखद बनाएं ।  डॉ॰ हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी से प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करने का आह्वान किया। जय श्री राम !”
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helpukiranagarwal · 6 days ago
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मकर संक्रांति | Makar Sankranti | खिचड़ी भोज | Khichdi Bhoj | महाकुंभ 2025 | Mahakumbh 2025
सभी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करनी चाहिए - डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल
लखनऊ, 14.01.2025 | मकर संक्रांति के पावन अवसर एवं श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शीतला देवी मंदिर, समुद्दीपुर, इंदिरा नगर, लखनऊ में खिचड़ी भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने भगवान को भोग अर्पित कर करीब 550 लाभार्थियों को खिचड़ी वितरित कर मकर संक्रांति और श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "मकर संक्रांति का पर्व न केवल हमारे देश की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह हमें नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है । मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना भी शुभ माना जाता है | मान्यता है कि भगवान राम ने मकर संक्रांति के दिन पहली बार पतंग उड़ाई थी तथा उनके द्वारा शुरू की गई परंपरा को आज भी निभाया जाता है l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट सदैव सामाजिक उत्थान और जरूरतमंदों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहा है । मकर संक्रांति के इस पवित्र पर्व पर हमारा उद्देश्य केवल त्योहार की खुशियाँ साझा करना ही नहीं, बल्कि उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना है, जो इसके सबसे अधिक हकदार हैं । हमारा मानना है कि इस पवित्र दिन पर दूसरों की सहायता करना ही सच्चे धर्म और परंपरा का पालन करना है । अंत में, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे इस पावन पर्व पर दूसरों की मदद करने का संकल्प लें और समाज में प्रेम, एकता और सद्भावना को बढ़ावा दें । माँ प्रकृति और सूर्यदेव आपकी जीवन यात्रा को प्रकाशमय और सुखद बनाएं ।  डॉ॰ हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी से प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करने का आह्वान किया। जय श्री राम !”
खिचड़ी भोज कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
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helputrust-harsh · 6 days ago
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मकर संक्रांति | Makar Sankranti | खिचड़ी भोज | Khichdi Bhoj | महाकुंभ 2025 | Mahakumbh 2025
सभी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करनी चाहिए - डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल
लखनऊ, 14.01.2025 | मकर संक्रांति के पावन अवसर एवं श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शीतला देवी मंदिर, समुद्दीपुर, इंदिरा नगर, लखनऊ में खिचड़ी भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने भगवान को भोग अर्पित कर करीब 550 लाभार्थियों को खिचड़ी वितरित कर मकर संक्रांति और श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं ।
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harshublogtravel · 15 days ago
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मदर टेरेसा: मानवता की मिसाल
परिचय
मदर टेरेसा एक कैथोलिक नन और महान समाजसेविका थीं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, बीमारों, अनाथों और असहाय लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" नामक संस्था की स्थापना की, जो आज भी दुनिया भर में जरूरतमंदों की सेवा कर रही है। उनकी निस्वार्थ सेवा और करुणा के कारण उन्हें 2016 में "संत" की उपाधि दी गई। चलिए चर्चा करते है मदर टेरेसा के बारे में
मदर टेरेसा का प्रारंभिक जीवन
पूरा नाम: एग्नेस गोंझा बोयाज्यू
जन्म: 26 अगस्त 1910
जन्मस्थान: स्कोप्जे (अब उत्तरी मैसेडोनिया)
परिवार: उनका परिवार धार्मिक था, और वे बचपन से ही सेवा कार्यों में रुचि रखती थीं।
18 वर्ष की उम्र में, वे "सिस्टर्स ऑफ़ लोरेटो" मिशनरी संस्था से जुड़ गई�� और भारत आने का निर्णय लिया।
भारत में सेवा कार्य
1929 में, मदर टेरेसा भारत आईं और कोलकाता के सेंट मैरी स्कूल में शिक्षिका बनीं।
लेकिन 1946 में, एक ट्रेन यात्रा के दौरान उन्हें ईश्वर का संदेश (Divine Calling) मिला कि उन्हें गरीबों और असहायों की सेवा करनी चाहिए।
1948 में, उन्होंने लोरेटो कॉन्वेंट छोड़ दिया और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीबों की सेवा शुरू की।
1950 में, उन्होंने "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" की स्थापना की, जो गरीबों, बीमारों, अनाथों और बेसहारा लोगों की मदद के लिए कार्य करने लगी।
मानवता की सेवा में जीवन
उन्होंने कोलकाता में "निर्मल हृदय" नामक आश्रम खोला, जहाँ गरीब और बीमार लोग सम्मानपूर्वक अंतिम सांस ले सकते थे।
उन्होंने अनाथालय, अस्पताल, वृद्धाश्रम, कुष्ठ रोगियों के लिए आश्रम और स्कूलों की स्थापना की।
उनके सेवा कार्य धीरे-धीरे भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के 130 से अधिक देशों में फैल गए।
पुरस्कार और सम्मान
1962: भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार।
1979: नोबेल शांति पुरस्कार।
1980: भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न।
1997: अमेरिकी कांग्रेस का गोल्ड मेडल।
उन्हें दुनियाभर में "मानवता की माँ" के रूप में सम्मानित किया गया।
मृत्यु और संत की उपाधि
मृत्यु: 5 सितंबर 1997, कोलकाता, भारत।
2016 में, पोप फ्रांसिस ने उन्हें "संत" (Saint Teresa of Calcutta) की उपाधि देकर सम्मानित किया।
मदर टेरेसा की प्रेरणादायक बातें
"यदि आप सौ लोगों की मदद नहीं कर सकते, तो कम से कम एक की मदद करें।"
"शांति की शुरुआत एक मुस्कान से होती है।"
"प्रेम हर इंसान की सबसे बड़ी आवश्यकता है।"
निष्कर्ष
मदर टेरेसा का जीवन सेवा, प्रेम और मानवता की मिसाल है। उन्होंने अपने कार्यों से यह सिद्ध किया कि दया और करुणा के बिना समाज अधूरा है। उनकी संस्था "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" आज भी उनके दिखाए रास्ते पर चल रही है और गरीबों व जरूरतमंदों की सेवा कर रही है।
उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है और यह सिखाता है कि निस्वार्थ सेवा से ही सच्ची खुशी मिलती है।
hope this blog about baba harbhajan singh indian army will be helpful for you.
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hindiromanticstories · 1 month ago
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कुंवारी सलहज
एनीव्हयर लंड
दोस्तो ! मैं 25 साल का शादीशुदा मिडल परिवार का राजस्थान के एक छोटे से कसबे का सेक्सी लडका हूँ। मैं पहले से औरतोँ को चोदने लगा था। मेरी शादी को दो साल हो गये है। मेरी सलहज की अभी तक चूत कुँवारी है। वो 5 सालोँ मे अभी तक माँ नहीं बन पाई।
उस ��मय वो 26 साल की थी. बहुत सुंदर है, उसका फिगर 36-26-36, ऊंचाई 5’5″, वो बहुत सेक्सी है. जब भी मैं उसके बारे मे सोचता तो उसको जमकर चोदने का मन करता लेकिन मैं कुछ नही कर पाता. वो मेरी पत्नी से सारी बातें शेयर करती थी। वो मेरी पत्नी को सेक्सी फ़िल्में और सेक्सी किताबें दिया करती थी। उसके बाद मैं इन्टरनैट पर सेक्सी कहानियाँ ढूंढने लगा, मुझे बहुत सी कहानियाँ मिली मैं उन्हें प्रिन्ट करके उन्हें देने लगा। मैं बस उसको चोदना चाहता था। जब मेरी पत्नी के बच्चा हुआ, बीस दिन के बाद वो मायके गई। अब उसके मन में भी माँ बनने की चाह होने लगी।
जब मैं 15 दिनों के बाद रविवार के दिन सुबह ससुराल में गया तो वो मुझे देख कर खुश हुई। दिन में हम दोनो बातें करने लगे मैंने बातों बातों में पूछा आप कि के चहरे पर वो मुस्कान नहीं दिखाई देती। उसने कहा कुछ नहीं बस ऐसे ही। मैंने उससे कहा- देखो मैं आपके दोस्त की तरह हूँ, आप मुझे बताओ कि क्या मैं आपकी कुछ हेल्प कर सकता हूँ। उसने कहा ऐसी कोई बात नहीँ। फ़िर दुबारा उससे पूछा तब उसने कहा कि वो मुझे डांटते रहते हैं और ठीक से प्यार भी नहीं करते। मैंने कहा मैं जानता था कि यही बात होगी। अब आप साफ साफ बताओ कि क्या वो आपको वो ख़ुशी पूरी तरह नहीं दे पाते। फ़िर वो रोने लगी और कहा कि क्या बताऊं वो ठीक तरह से नहीं कर पाते।
मैंने कहा कि आज कल ऐसी बहुत सी औरतें है जिनके साथ यह प्रॉब्लम है पर वो तो ऐसे नही रोंती। तो तुम ही बताओ ��ि मैं क्या करूं। मैंने कहा मैं आपको वो प्यार दे सकता हूँ। वो चौंक गई, मैंने कहा इसमें कोई बुराई नहीं है सभी ऐसे ही करती हैं। आप का कोई दोष नहीं। फ़िर मैंने कहा आप बे फ़िक्र हो जाइये किसी को कानो कान खबर नहीं होगी। उसने कहा ऐसा पोसिबल है? मैंने कहा अगर आप चाहें तो मैं कोई धक्का तो नही कर रहा, मैं आपकी इज़ाज़त हो तो मैं वो प्यार दे सकता हूं जो मेरे साले ने देना था। देखो बाकी आपकी मरजी है मैं तो बस आपको खुश देखना चाहता हूं। आप चाहो तो मुझे रात को मिल सकती है। तो वो कहने लगी- अगर किसी को को पता चल गया तो?
मैंने कहा हम कोई पागल थोडी ना हैं। मर्यादा में तो हमे ही रहना पडेगा। उसने मुसकरा दिया ओर रूम से बाहर आ गई। रात को मैं रूम में वेट कर रहा था। वो 11:30 बजे आई। आते ही मुझसे लिपट गई। मैं उसे बेसबरी से चूम रहा था। वो भी मुझे चूमती हुए कह रही थी इतने दिन पहले क्यों नही मिले। मैंने मेरा हाथ उसके बूब्स ��र सरकाया और हलके से दबाया, उसके बूब्स एकदम कड़क थे. फ़िर गाउन के ऊपर से निपल के साथ खेलने लगा तो वो और उत्तेजित हो गई और मुझे पागलो की तरह चूमने लगी, अब मैंने उसका गाउन उपर सरका के उसके बूब्स को नंगा कर दिया। मैं उसके बूब्स को बारी बारी से चूमने और चाटने लगा उसको बहुत मजा आ रहा था, एक हाथ से मैं बूब्स को दबा रहा था तभी दूसरा हाथ मैंने उसकी चूत की ओर बढाया।
उसकी चड्डी भीग चुकी थी इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वो कितनी उत्तेजित थी और मजे लूट रही थी. अब मैं उसकी कलेटरिस से खेलने लगा. मैंने उसकी पैंटी को भी हटा दिया अब वो एकदम नंगी थी, उसने मेरे सारे कपडे उतार दिये और मेरे लंड को हाथ से मसलने लगी. मैंने अपना मुहं उसकी चूत पर रख दिया, उसकी चूत से एक अजीब सी सुगंध आ रही थी. चूत टेनिस बोल की तरह फूली हुई थी जो क्लीन शेव्ड थी. मैं उसी चूत को चाटने लगा और साथ में उसके बूब्स को भी मसलने लगा। अब वो खुशी के मारे हल्के से बोल रही थी… साम. मुझे बहुत मजा आ रहा है, चूसो मेरी चूत को…आ.आ.. आआया.आआअ.. आआ..उ.ऊउऊ. ऊ.ईई.ऊई..ऊई आह आआह्ह्छ… साम… मुझसे और इंतजार नही हो सकता प्लीज़ मुझे चोदो…प्लीज़ फक मी.
मैं भी तैयार था, उसने दोनों पैर मेरे कंधो पर रख दिए। अब मैंने अपना 8″ लंबा और 3.5″ लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा तो वो गिड़गिड़ाने लगी प्लीज़ मुझे चोदो ना, मत तड़पाओ..अब मैंने अपने लंड का सुपाडा उसकी रसीली चूत के द्वार पे रख कर एक जोरदार धक्का लगाया… मर गई.. निकालो… निकालो.. मैं रुक गया और उसके बूब्स के साथ खेलने लगा, कुछ पल में वो अपनी गांड हिलाने लगी तो मैंने एक और जोरदार धक्का लगाया लगभग 6″ तक मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया. उसकी चूत से खून बहने लगा. सारी दीवारें टूट गई
…वो जोर जोर से चिल्लाने लगी, मैंने अपने होठं उसके होठं पर रख दिए और एक धक्का मारा इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया…वो दर्द के मारे तड़पने लगी…मैं थोडी देर उसके बूब्स को धीरे धीरे दबाता रहा और उसे चूमता रहा। 2 मिनट बाद उसने थोडी राहत महसूस की तो अपने कुल्हे उठाने लगी। अब मैंने धीरे धीरे अपना लंड अन्दर -बाहर करने लगा. अब वो अपनी स्पीड बढाती जा रही थी. करीब 10 मिनट बाद उसका शरीर तंग हो गया…वो झड़ गई…अब पूरा कमरा फचक फचाक ..फचक की आवाज से गूंज रहता… साथ में अमिता की सिस्कारियां आ..आया.. या.य्य्य. ओह..या..या … ऊऊउईई आआह्ह्ह्ह अब मैंने भी स्पीड बढाई… मेरा लंड चूत में इंजन के पिस्टन की तरह अन्दर बाहर हो रहा ��ा… अब मेरी बारी थी सांसे एकदम तेज हो गई। दोनों पसीने से तर हो रहे थे.
हम अपनी मस्ती में सारी दुनिया भूल चुके थे। वो बहुत खुश थी। मैंने जमकर 45 मिनट तक चुदाई की। वो बोली- आज मैंने असली सुहागरात मनाई है। शादी के बाद आज पहली बार सेक्स की प्यास बुझी है। चुदाई करते समय उसने बताया कि जीजाजी आपका लन्ड मेरे पति से बड़ा और मोटा भी है। अब पूरी रात में हमने 6-7 बार सेक्स किया। वो पूरी तरह तृप्त हो गई थी। उसने कहा कि मुझे सही मायनो में सेक्स का मतलब पता लगा है। फ़िर हमने इसके बाद सोमवार रात को 8-10 बार सेक्स किया। उसने कहा- आज मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इस बार प्रेगनैन्ट हो जाउंगी और ऐसा ही हुआ।
अगली सुबह मैं ससुराल से वापिस आ गया
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parasparivaarorg · 4 months ago
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हर्षिल- उत्तराखण्ड का स्विट्जरलैंड
“पारस परिवार” में आपका स्वागत है, जहाँ आकर बदल जाता है आपका संपूर्ण जीवन और जीवन में आती है बस खुशहाली ही खुशहाली। जहाँ दुःख और दर्द का होता है नाश और चेहरे पर आती है एक मुस्कान।
“पारस परिवार” का मानना है कि खुशियाँ तभी मिलती हैं जब हम दूसरों की मदद करने में सदैव आगे रहते हैं। यानि असली ख़ुशी वो है जब हम दूसरे के चेहरे पर प्यारी सी एक मुस्कराहट बिखेर सकें और पारस परिवार इस नेक कार्य में हमेशा से आगे रहता है। पारस परिवार कभी भी छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब में अंतर नहीं करता है, उसके लिए सब एक समान हैं। वह कोशिश करता है कि सबके जीवन में खिली हुई धूप हो और दूर-दूर तक बस उजाला ही उजाला हो।
पारस परिवार एक सामाजिक-आध्यात्मिक संस्था है, जिसके संस्थापक और निदेशक “महंत श्री पारस भाई जी” हैं। इस संस्था की नींव 17 सितंबर 2012 को रखी गई थी।
महंत श्री पारस भाई जी माँ चण्डी के दुलारे हैं। कहते हैं कि माँ अपने बच्चों को नेक कार्य करते हुए देखकर हमेशा खुश होती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं। शायद यही वजह है कि माँ के आशीर्वाद और उनकी कृपा से महंत श्री पारस भाई जी के अंदर अद्भुत शक्तियां समाहित हैं, जिन शक्तियों का प्रयोग वह जन कल्याण में करते हैं और समाज की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
आज हर कोई इस भागदौड़ भरी जिंदगी से ऊब चुका है। ऐसे में इंसान इस भागमभाग जिंदगी से कहीं दूर पहाड़ों में कुछ पल सुकून के बिताना चाहता है और कुछ समय अपने लिए निकालना चाहता है। जहाँ बस शांति हो और जहाँ जाकर आपको लगे कि यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यहाँ कुछ समय के लिए आप सब कुछ भूल जाए���गे।
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यहाँ आपके आसपास खूबसूरत वादियां होंगी, जिन्हें आप एकटक निहारते रहें। आपके पास कुछ समय ऐसा हो जहां प्रकृति हो, शांति हो और सुकून के पल हों। यदि आप ऐसी जगह जाना चाहते हैं तो आप उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में कुछ समय बिता सकते हैं। दरअसल पहाड़ अपनी ख़ूबसूरती के लिए जाने जाते हैं।
इसी में से उत्तराखंड की एक खूबसूरत जगह है हर्षिल। यदि आप यहाँ जाते हैं तो इसे देखकर आपको स्विट्जरलैंड की याद जरूर आ जाएगी। तो चलिए जानते हैं उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थल हर्षिल के बारे में।
कहाँ स्थित है हर्षिल?
हर्षिल भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। इसे हर्षिल वैली के नाम से भी जाना जाता है। यह हिमालय में भागीरथी नदी के किनारे बसा एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है, जिसे देखकर आप बस देखते ही रह जाओगे। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 34 पर गंगोत्री के हिन्दू तीर्थ स्थल के मार्ग में आता है।
‘हर्षिल’ उत्तरकाशी से 78 किमी और गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान से 30 किमी दूर है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित ‘हर्षिल वैली’ की खूबसूरती आपको दीवाना बना देगी। देहरादून से लगभग 200 किलोमीटर स्थित इस हिल स्टेशन में कई सारी खूबसूरत जगहें हैं, जहाँ जाकर आप वापस आना भूल जायेंगे।
उत्तराखंड का स्वर्ग
हर्षिल वैली वो जगह है, जिसे उत्तराखंड का स्वर्ग माना गया है। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 2660 मीटर है। हर्षिल भागीरथी नदी के किनारे स्थित घने देवदार के जंगलों के बीच स्थित एक छोटा सा हिल स्टेशन है। यह जगह सिर्फ यहाँ के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि बाहर से आये उन लोगों के लिए भी गर्व की बात है जो अपना समय प्रकृति के साथ बिताना पसंद करते हैं।
हर्षिल गांव प्रसिद्ध और पवित्र धाम गंगोत्री के पास बसा हुआ है। हर्षिल वैली की सुंदरता आपका म�� मोह लेगी। यहाँ आपको चारों ओर घास के मैदान, दूध की तरह बहने वाले सुंदर झरने, ऊंचे हरे-भरे पहाड़ और बर्फ से भरी चोटियां दिखाई देंगी। इसके अलावा घने देवदार के वृक्ष आपको अपना दीवाना बना देंगे।
विल्सन ने हर्षिल को दी थी स्विट्जरलैंड की उपाधि
हर्षिल, हिमालय की तराई में बसा है यह गांव, जो आपको अपनी ओर बरबस ही खींचता है। यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यहाँ जाकर आपको ऐसा एहसास होगा मानो आप सपनों की दुनिया में पहुंच गए हों। यहाँ की फिजाओं में अलग तरह का नशा है।
आपको बता दें कि हर्षिल की खोज ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करने वाले अंग्रेज फेड्रिक विल्सन ने की थी। सन 1857 में जब फ्रेडरिक विल्सन ने ईस्ट इंडिया कंपनी को छोड़ दिया था जब वह गढ़वाल आए थे। यहाँ उन्होंने भागीरथी नदी के तट पर एक खूबसूरत गांव देखा, जो उन्हें बहुत पसंद आया और उन्होंने यहीं बसने का निर्णय लिया और यहीं रहने लगे।
यहां पर सेब की एक प्रजाति विल्सन के नाम से ही जानी जाती है। दरअसल विल्सन ने यहां इंग्लैंड से सेब के पौधे मंगवाकर लगाए थे। तभी से यहां पर सेब की खेती और व्यापार होने लगा। यहाँ की सुंदरता से मंत्र मुग्ध होकर विल्सन ने ही हर्षिल को स्विट्जरलैंड की उपाधि दी थी।
पर्यटकों के लिए हर्षिल घाटी में हैं कई बेहतरीन स्थल
भागीरथी नदी के तट पर स्थित हर्षिल घाटी में बर्ड वॉचिंग और ट्रैकिंग के साथ-साथ अन्य कई बेहतरीन जगहें हैं। हर साल यहां हजारों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यहाँ जाकर आप अपने टूर को हमेशा के लिए एक यादगार लम्हा बना सकते हैं। यहां आप प्रकृति की खूबसूरती को देखते हुए बहती हुई ठंडी हवा की आवाज महसूस कर सकते हैं। यहां बर्फबारी का भी आप मजा ले सकते हैं।
लोग इस जगह को देवी गंगोत्री का घर भी मानते हैं। हर्षिल अपनी मनोरम प्राकृतिक छटा और गंगोत्री नदी के लिए प्रसिद्ध है। बर्डवॉचर्स के लिए के लिए भी यह जगह बहुत फेमस है। हर्षिल में हर साल उत्तरकाशी मेला लगता है, जो बेहद ही फेमस मेला है।
यहां के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल
हर साल यहां हजारों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। आइये हर्षिल वैली के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं-
धराली
हर्षिल से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा गांव, जो बहुत ही खूबसूरत है और खूबसूरती के मामले में यह अद्भुत है। इस गांव के बगल में बहती भागीरथी नदी इसे और भी अधिक आकर्षण का केंद्र बनाती है। सैलानियों के लिए यह एक पसंदीदा जगह है। ऐसा माना जाता है कि धराली वह स्थान है जहां, भागीरथ ने गंगा नदी को धरती पर लाने के लिए तपस्या की थी। हिन्दुओं के लिए यह बेहद पवित्र स्थान भी है।
लामा टॉप
यदि आपको सनराइज देखना अच्छा लगता है तो आप इस जगह जा सकते हैं। हर्षिल वैली में घूमने वालों के लिए ये जगह किसी ��्वर्ग से कम नहीं है। इस सनराइज प्वाइंट से पूरी हर्षिल वैली नजर आती है। इस जगह पर पहुंचने के लिए आपको पहाड़ी पर चढ़ना होगा। लामा टॉप का ट्रैक हर्षिल से शुरू होता है। ये ट्रेक दो किलोमीटर का है। ऊपर पहुंच कर आप सुबह की पहली किरण के साथ पूरे हर्षिल वैली को देख सकते हैं।
गंगोत्री धाम
उत्तराखंड के चार धामों में से एक है गंगोत्री धाम का यह मंदिर। यह मां गंगा को समर्पित है। यह हर्षिल से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर नदी के किनारा बना हुआ है। हिंदू धर्म में इस मंदिर की बहुत मान्यता है। यह मंदिर जितना पवित्र है उतना ही खूबसूरत भी है।
मुखबा गांव
हर्षिल से मुखबा गांव की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है। यह गांव अद्भुत नजारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप प्रकृति की खूबसूरती को देखने के साथ-साथ बहती हुई ठंडी हवा की आवाज़ को भी महसूस कर सकते हैं। इसके साथ ही यहां आप बर्फ़बारी का भी लुत्फ़ ले सकते हैं। देवदार के वृक्ष और कई तरह के पेड़-पौधे और प्राकृतिक माहौल में यहाँ सुकून भरे पल आपको मिलेंगे। इसके अलावा यहां आप ट्रैकिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
बर्डवॉचर्स के लिए बेस्ट है जगह
जहाँ हर्षिल प्राकृतिक खूबसूरती और गंगोत्री नदी के लिए प्रसिद्ध है, तो वहीं बर्डवॉचर्स के लिए के लिए भी यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। हर्षिल के घने जंगलों में पक्षियों की संख्या बहुत अधिक है। यहां 5 सौ से भी अधिक पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं। इन पक्षियों की मधुर आवाज आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।
हर्षिल में बर्फ का ले सकते हैं आनंद
यदि आपको बर्फ देखनी हो तो हर्षिल में ठंडियों में जाने का प्लान बनायें। अक्टूबर के अंत में यहां बर्फ पड़नी शुरू हो जाती है। आप हर्षिल वैली नवंबर से लेकर फरवरी तक के महीने में जा सकते हैं। यहाँ प्रकृति की खूबसूरती के साथ-साथ आप बर्फबारी का भी आनंद ले सकते हैं। हर्षिल को उत्तराखंड का स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। क्योंकि बर्फबारी के बाद यहाँ की जो खूबसूरती है वह आपको स्विट्जरलैंड की याद दिला देगी।
बगोरी गांव
इस गांव में आपको हर ओर सेब के खेत दिखाई देंगे। हर्षिल में इस गावं को सेब का भंडार कहा जाता है। यदि आपको सेब के बगीचे में घूमने के साथ-साथ टेस्टी सेब का लुत्फ़ लेना है तो बगोरी गांव ज़रूर जायें। यदि आपको नौका विहार का आनंद लेना है तो हर्षिल में मौजूद झील में भी आप जा सकते हैं।
गरतांग गली
यह एक लकड़ी का पुल है, जिसका हमारे इतिहास से कनेक्शन है। पहाड़ों की चट्टानों के बीच बना ये वुडन का पुल लगभग 150 साल पुराना है। 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी गरतांग गली की सीढ़ियां इंजीनियरिंग का एक नायाब नमूना है। इस ऐतिहास���क पुल को बनाने का तरीका पर्यटकों को हैरान करता है। आपको बता दें कि इस पुल का इस्तेमाल भारत और तिब्बत के बीच व्यापार के लिए किया जाता था।
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maakavita · 4 months ago
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जगमगाता आंगन (jagmgata aangan) : माँ की मुस्कान से
बादलों का सीना चीरकर किरणें, हमारे आंगन में आ रही थी, प्यारा लग रहा था जगमगाता आंगन (jagmgata aangan), क्योंकी मेरी माँ मुस्करा रही थी, *          *          *           * फूल रंग-बिरंगे खिलने लगते हैं, कोयल के मुख से मीठे स्वर निकलने लगते हैं, जब माँ के चेहरे पर मुस्कान छाने लगती है, चिड़ियों का मिलकर चहकना, तितलियों के पंखों का मनभावन शोर, दिल में एक जोश भर देता है, माँ जब भी मुस्कराती है ऐसे…
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helputrust · 6 days ago
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मकर संक्रांति | Makar Sankranti | खिचड़ी भोज | Khichdi Bhoj | महाकुंभ 2025 | Mahakumbh 2025
सभी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करनी चाहिए - डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल
लखनऊ, 14.01.2025 | मकर संक्रांति के पावन अवसर एवं श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शीतला देवी मंदिर, समुद्दीपुर, इंदिरा नगर, लखनऊ में खिचड़ी भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने भगवान को भोग अर्पित कर करीब 550 लाभार्थियों को खिचड़ी वितरित कर मकर संक्रांति और श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "मकर संक्रांति का पर्व न केवल हमारे देश की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह हमें नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है । मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना भी शुभ माना जाता है | मान्यता है कि भगवान राम ने मकर संक्रांति के दिन पहली बार पतंग उड़ाई थी तथा उनके द्वारा शुरू की गई परंपरा को आज भी निभाया जाता है l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट सदैव सामाजिक उत्थान और जरूरतमंदों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहा है । मकर संक्रांति के इस ��वित्र पर्व पर हमारा उद्देश्य केवल त्योहार की खुशियाँ साझा करना ही नहीं, बल्कि उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना है, जो इसके सबसे अधिक हकदार हैं । हमारा मानना है कि इस पवित्र दिन पर दूसरों की सहायता करना ही सच्चे धर्म और परंपरा का पालन करना है । अंत में, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे इस पावन पर्व पर दूसरों की मदद करने का संकल्प लें और समाज में प्रेम, एकता और सद्भावना को बढ़ावा दें । माँ प्रकृति और सूर्यदेव आपकी जीवन यात्रा को प्रकाशमय और सुखद बनाएं ।  डॉ॰ हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी से प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करने का आह्वान किया। जय श्री राम !”
खिचड़ी भोज कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
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shayarikitab · 6 months ago
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100+ Best Funny Shayari for Friends in Hindi | फनी शायरी इन हिंदी
100+ Best Funny Shayari for Friends in Hindi: खुशी और हंसी फैलाने का एक शानदार तरीका है। चतुर शब्दों और मजाकिया अंदाज के साथ, ये Shayari रोजमर्रा की जिंदगी में हास्य और उसकी बेतुकी बातों को बयां करती हैं, जो आपके चेहरे पर मुस्कान लाने और दिन भर की थकान को दूर भगाने की गारंटी देती हैं।. इस पोस्ट में, हमने दोस्तों के लिए Funny Shayari का एक संग्रह इकट्ठा किया है, जिसमें संदेश, चित्र और Status Update शामिल हैं जो निश्चित रूप से आपका दिन खुशनुमा बना देंगे। इन्हें WhatsApp, Instagram, Facebook पर शेयर करें या सीधे अपने प्यारे दोस्तों और प्रियजनों को भेजें। अगर यह पोस्ट आपके चेहरे पर मुस्कान लाती है, तो इसे दूसरों के साथ शेयर करना न भूलें!.
Funny Shayari for Friends Status in Hindi | फनी शायरी स्टेटस इन हिंदी
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जब हम उनके घर गए… कहने दिल से दिल लगा लो, उनकी माँ ने खोला दरवाजा, हम घबरा कर बोले.. आंटी बच्चों को पोलियो ड्राप पिलवा लो।
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दोस्त रूठे तो रब रूठे, फिर रूठे तो जग छूटे, अगर फिर रूठे तो दिल टूटे, और अगर फिर रूठे तो निकाल लट्ठ मार साले को जब तक लट्ठ न टूटे
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दोस्तों हम उन्हें मुड़ मुड़कर देखते रहे, और वो हमें मुड़-मुड़कर देखते रहे वो हमें, हम उन्हें… वो हमें, हम उन्हें… क्योंकि परीक्षा में न उन्हें कुछ आता था न हमे।
Love Funny Shayari
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हो गए, हुस्न के तेवर नुकीले हो गए, हम इज़हार करने में रह गए, उधर उनके हाथ पीले हो गए।
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अर्ज किया है, जिनके घर शीशे के होते हैं, वो तो कहीं पर भी बैठ कर दाढ़ी बना लेते होंगे
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तुम्हारी शायरी बड़ी है फाइरी, Wah Wah… Wah Wah… तुम्हारी शायरी बड़ी है फाइरी, Wah Wah… Wah Wah… दिल करता है जल जाये तुम्हारी शायरी वाली डायरी।
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अर्ज़ किया है – आँखों में नमी थी, और विटामिन की कमी थी। वाह !! वाह !! जिस से रात भर Chatting की वो , girlfriend की मम्मी थी .
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तुम्हारी याद दिल से जाने नहीं देंगे , तुम्हारे जैसा दोस्त खोने भी नहीं देंगे। रोज़ शराफत से SMS किया करो , एक कान के नीचे देंगे और रोने भी नहीं देंगे।
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ज़ोर से चली हवा और उड़ गए आप, रुक गयी हवा और गिर गए आप।
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बहार आने से पहले फ़िज़ा आ गयी , और फूल खिलने से पहले बकरी खा गयी।
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इतना मुझे SMS करते हो , पैसे नहीं लगते तुम्हारे या मुझपे मरते हो।
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सबको खुश रखना जिंदा मेंढको को तराजू में तोलने जैसा मुश्किल काम है एक को बैठाओ तो दूसरा कूद कर भाग जाता है
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खुश रहा करो उनके लिए जो तुम्हें खुश नहीं देखना चाहते Love Funny Shayari For Friends
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जब तिरछी नजरों से उन्होंने हमको देखा तो हम मदहोश हो गए जब पता लगा उनकी नजर ही तिरछी है तो हम बेहोश हो गए
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आज का ज्ञान अगर आप चाहते हैं कि सब लोग आपको हमेशा अच्छा कहें तो अपना नाम ही “अच्छा” रख लें, दूसरा कोई रास्ता नहीं है
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पहले लोग नाराज होते थे तो घर आना बंद कर देते थे अब नाराज होते हैं तो ऑनलाइन आना बंद कर देते हैं हरकत वही सोच नहीं
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तुझे प्रेम के वो अक्षर ढाई मिले खुशियां सदा तेरे घर में छायी मिले ये मेरी दिल से दुआ है तेरे लिए मेरे दोस्त तुझे पूतना जैसी लुगाई मिले !!
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सुन बहाने ज़रा कम बनाया कर ऐ दोस्त किये वादे निभाया कर और मैं नहीं मेरी माँ कहती है ये अबे तू तीज-त्योहारों पे तो नहाया कर
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मेरे पास भी 1 Lembo होनी चाहिए, Team में मुझे धोनी चाहिए, बंदर सी शकल और गधे सी अकल और कहता है मुझे Sunny Leone चाहिए
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तुझे दोस्त कहूँ या कुरकुरा, तू टेढ़ा है पर साले मेरा है !!
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तू टिक टोक की रानी मैं फेसबुक का राजा मिलना है तो फेसबुक पे आजा
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तुझे ऊपर वाले ने बनाया क्यों होगा बनाकर ज़मीन पर लाया क्यों होगा अब तक सोच रहा हूँ मैं ये तुझे मेरा दोस्त बनाया क्यों होगा !!
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जिसको शुगर है कृपया वो लोग सब्र का करें क्युकी सब्र का फल मीठा होता है
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माफ़ करो परमेश्वर ये भारी भूल हमारी है शादी कर ली जिससे हमने वो तो निर्धन नारी है
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अगर जल्दबाजी में शादी करके जीवन बिगाड़ लोगे सोच समझ कर करोगे तो कौन सा तीर मार लोगे
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दिल में बहुत दर्द है डॉक्टर के पास गया डॉक्टर ने गर्लफ्रेंड की कमी बताई
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शादी के पहले मां ने बेटी को सलाह दी- बेटी ध्यान रखना कि यदि पति पहली बार रूठे तो रब रूठे, दूसरी बार रूठे तो दिल टूटे, तीसरी बार रूठे तो जग छूटे, और अगर बार-बार ही रूठता ही रहे तो.. निकाल डंडा मार साले को, जब तक डंडा न टूटे..! Funny Shayari For Friends In Hindi
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फूलों को फूल पसंद है , दिलों को दिल पसंद है , शायर को शायरी पसंद है , किसी की पसंद से हमें क्या , हमको तो बस आपकी गर्ल फ्रेंड पसंद हैं .
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पती: तुम्हीं मेरी साधना हो, तुम ही मेरी आराधना हो, तुम ही मेरी कल्पना हो, तुम ही मेरी कविता हो…!. तो पत्नी भी भावुक होकर: तुम ही मेरे रमेश हो तुम ही मेरे दिनेश हो, तुम ही मेरे महेश हो और तुम ही मेरे गाँव वाले सुरेश हो…!
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दूर से देखा तो संतरा था, पास गया तो भी संतरा था, छिल के देखा तो भी संतरा था, खा के देखा तो भी संतरा था। वाह! क्या संतरा था।
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हसीनों से मिलें नज़रें अट्रैक्शन हो भी सकता है, चढ़े फीवर मोहब्बत का तो एक्शन हो भी सकता है, हसीनों को मुसीबत तुम समझ कर दूर ही रहना, ये अंग्रेजी दवाएं हैं रिएक्शन हो भी सकता है..!!
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भगवान से तो माँग लोगे उसको, मगर उसके बाप से कैसे माँगोगे
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स्कूल के रांझे घुमा रहे है अपनी अपनी हीर और हमारा दिल मांगे सूर्यवंशम वाली खीर
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प्यार तो हम द��नों ने किया था मैंने बहुत किया था और उसने बहुतों से किया था
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इश्क अखरोट सा और दिल के दांत कमजोर फिर भी कोशिश जारी है
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पता नही कैसे उसने मुझे छोड दिया ??? वो कमीनी तो किसी के पांच रूपए भी नही छोडती थी
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दिल के दर्द को जुबां पे लाते नही, हम अपनी आंखों से आसूं बहाते नही, ज़ख्म चाहे कितने ही गहरे क्यों ना हो, हम डेटॉल के सिवाय कुछ और लगाते नही
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माफ करो मेरे ईश्वर, ये गलती हमारी हैं, हमनें शादी किया जिससे वो एक निर्धन नारी हैं.
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इश्क करते हैं लोग बड़े शोर के साथ, हमने भी किया था बड़े जोर के साथ; मगर अब करेंगे जरा गौर के साथ, क्यूँकि कल देखा था उसे किसी और के साथ 2 Line Funny Shayari For Friends
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इस गर्मी की वजह से हालात ऐसे हो गये हैं कि आजकल तजुरबा लिखा हुआ भी पढ़ने में तरबूजा ही आता है
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तेरे प्यार की रौशनी ऐसी है कि हर तरफ़ उजाला नज़र आता है। सोचती हूँ घर कि बिजली कटवा दूँ क्यूंकि बिल बहुत आता है।
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ज़िंदगी ने दिए हैं बहुत से धोखे but कोई बात नहीं its ok
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हे ऊपरवाले थोडी महिमा दिखा दे जो reply ना दे उसके फोन का Display उड़ा दे
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उसने कहा मेरे दिल में तेरे लिए कोई जगह नहीं मैंने कहा दीमाग में रख लो वह तो खाली है
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बीवी पर मेरे ऐतबार की हद देख ग़ालिब, उसके दिन को रात कहा और मैंने पेग बना लिया।
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ना इश्क़ करो झूठा, ना प्यार करो फर्जी, आगे नहीं बताऊंगा, मेरा शेर मेरी मर्ज़ी!!
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समन्दर से कह दो अपनी मौजें संभाल के रखे, जिंदगी में तूफान लाने के लिए बीवी ही काफी है।
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कितना अजीब शख्श है बीवी पे फिदा है, उस पे ये कमाल है कि अपनी पे फिदा है। Comedy Funny Shayari For Friends
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न मुझे किसी का दिल चाहिए, न मुझे जमाने से कोई आस है, जो अपनी गर्लफ्रेंड की पप्पी दिलवा दे, मुझे बस ऐसे दोस्त की तलाश है। Read Also Read the full article
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high-rise-jeans · 6 months ago
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पहला पीरियड का अनुभव और My Tiara period box वेबसाइट की मदद
यह एक साधारण स्कूल का दिन था, जैसे बाकी दिन होते हैं। मैंने सुबह उठकर स्कूल की तैयारी की और जल्दी से बस पकड़ी। लेकिन उस दिन कुछ अलग महसूस हो रहा था, हालाँकि मैं समझ नहीं पा रही थी कि क्या है। स्कूल के पहले कुछ पीरियड्स में मैंने पेट के निचले हिस्से में हल्का सा दर्द महसूस किया, जैसे कोई ऐंठन हो रही हो। मैंने सोचा कि शायद यह परीक्षा की घबराहट की वजह से है, जो कि उस दिन होने वाली थी।
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लंच के दौरान, मैं बाथरूम गई, और तब मैंने देखा—मेरे अंडरवियर पर खून का एक छोटा सा धब्बा था। मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगा। मैंने इस पल का इंतजार किया था, क्योंकि मैंने स्वास्थ्य क्लास और मम्मी से इसके बारे में सुना था, लेकिन फिर भी, मैं थोड़ी सी घबराई हुई थी। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करना है।
मुझे मम्मी की बातें याद आईं, उन्होंने मुझे पीरियड्स के बारे में बताया था और कहा था कि यह बड़े होने का एक स्वाभाविक हिस्सा है, लेकिन उस पल में, मैं बहुत उलझन में थी। मेरे पास पैड नहीं था, और मुझे अपनी किसी दोस्त से पूछने में शर्म आ रही थी। मैंने जल्दी से खुद को साफ किया और खुद को शांत करने की कोशिश की।
सौभाग्य से, मेरे पास मेरा फोन था। मैंने मम्मी को मैसेज किया और उन्हें बताया कि क्या हुआ है। उन्होंने तुरंत जवाब दिया और मुझे सांत्वना दी। उन्होंने मुझे स्कूल की नर्स के पास जाने के लिए कहा और कहा कि अगर मुझे कुछ भी चाहिए तो वे वहीं होंगी। उनकी हिम्मत देने वाली बातों से मुझे थोड़ी हिम्मत मिली और मैं नर्स के ऑफिस चली गई।
नर्स बहुत ही समझदार और दयालु थीं। उन्होंने मुझे एक पैड दिया, उसका उपयोग कैसे करना है समझाया, और यहां तक कि कुछ अतिरिक्त पैड्स भी दिए ताकि मैं बाद में उपयोग कर सकूं। उन्होंने मुझे याद दिलाया कि यह हर लड़की के साथ होता है और इसमें शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है। उनसे बात करके मुझे थोड़ी और आत्मविश्वास महसूस हुई।
बाकी दिन थोड़ा अजीब सा गुजरा। मुझे अपने अंडरवियर में पैड का एहसास हर वक्त हो रहा था, और मैं चिंतित थी कि कोई इसे देख न ले, लेकिन जाहिर है, किसी ने नहीं देखा। ऐंठन जारी रही, लेकिन यह सहनीय थी। मैंने अपनी क्लासेस पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की, लेकिन मेरा मन बार-बार उसी घटना पर लौट आता।
जब मैं घर पहुंची, तो मम्मी मुझे एक गर्म मुस्कान के साथ इंतजार कर रही थीं। उन्होंने मुझे गले लगाया और कहा कि उन्हें मुझ पर गर्व है कि मैंने इसे कैसे संभाला। हमने इस बारे में और बात की कि आने वाले महीनों में क्या उम्मीद की जा सकती है—कैसे अपने चक्र को ट्रैक करना है, अलग-अलग प्रकार के पीरियड प्रोडक्ट्स, और इस दौरान खुद की देखभाल कैसे करनी है।
उस रात, मैं बिस्तर पर एक मिश्रित भावना के साथ सोई—इस बात की राहत कि दिन खत्म हो गया, इस बात पर गर्व कि मैंने इस नई चुनौती का सामना किया, और आने वाले दिनों के बारे में थोड़ी घबराहट भी थी। लेकिन साथ ही, मुझे एक नए प्रकार की परिपक्वता महसूस हुई, यह जानते हुए कि मैंने जीवन के एक नए चरण में कदम रखा है।
और हाँ, मैंने My Tiara वेबसाइट से "The First Period Care Box" ऑर्डर किया था, जो मेरे लिए बहुत ही मददगार साबित हुआ। उसमें मौजूद सभी चीज़ें बहुत काम की थीं और इस महत्वपूर्ण समय में मेरी काफी सहायता की।
My Tiara वेबसाइट की सहायता और इसकी खासियत
My Tiara वेबसाइट पर उपलब्ध "The First Period Care Box" में सभी जरूरी चीज़ें शामिल थीं। इसमें पैड्स, इमरजेंसी पाउच, एक छोटी सी गाइड बुक, और यहाँ तक कि कुछ आरामदायक चीज़ें भी थीं जो पहली बार पीरियड का अनुभव करने में मदद करती हैं। इस बॉक्स ने मुझे बहुत आत्मविश्वास दिया, क्योंकि मैं पहले से तैयार थी।
वेबसाइट का डिज़ाइन बहुत ही यूज़र-फ्रेंडली है, और वहाँ पर कई तरह के प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं जो किशोरियों और महिलाओं की जरूरतों के अनुसार तैयार किए गए हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि वेबसाइट पर हर प्रोडक्ट के बारे में पूरी जानकारी दी गई है—कब और कैसे इस्तेमाल करना है, और क्या-क्या लाभ हैं।
My Tiara का ब्लॉग सेक्शन भी बहुत मददगार है। वहाँ मैंने पीरियड्स से जुड़े कई आर्टिकल्स पढ़े, जिनसे मुझे अपने शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में समझने में काफी मदद मिली। ब्लॉग में न केवल शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़े टिप्स दिए गए हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया गया है।
जब मैंने अपनी माँ को बताया कि मैंने My Tiara से यह बॉक्स ऑर्डर किया है, तो वह भी बहुत खुश हुईं, क्योंकि उन्होंने देखा कि यह बॉक्स सचमुच कितनी अच्छी तरह से मेरी मदद कर रहा है। अब, मेरे पास वे सारी चीज़ें थीं जिनकी मुझे जरूरत थी, और मुझे किसी भी चीज़ की चिंता नहीं करनी पड़ी। यह बॉक्स हर लड़की के लिए एक अनिवार्य साथी बन गया है जो पहली बार पीरियड्स का सामना कर रही है।
My Tiara वेबसाइट ने मेरे पहले पीरियड के अनुभव को बहुत सहज और सकारात्मक बना दिया। मुझे खुशी है कि मैंने इस वेबसाइट से "The First Period Care Box" ऑर्डर किया, और अब मैं इसे अपनी दोस्तों को भी सुझाती हूँ। My Tiara ने मुझे न केवल एक प्रोडक्ट दिया, बल्कि आत्मविश्वास और जानकारी भी दी, जो इस नए जीवन के चरण को संभालने में बहुत मददगार साबित हुआ।
आप क्या सवाल पूछना चाहते हैं? कृपया बताएं, मैं आपकी मदद करने के लिए यहाँ हूँ।
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drrupal-helputrust · 6 days ago
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मकर संक्रांति | Makar Sankranti | खिचड़ी भोज | Khichdi Bhoj | महाकुंभ 2025 | Mahakumbh 2025
सभी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करनी चाहिए - डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल
लखनऊ, 14.01.2025 | मकर संक्रांति के पावन अवसर एवं श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शीतला देवी मंदिर, समुद्दीपुर, इंदिरा नगर, लखनऊ में खिचड़ी भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने भगवान को भोग अर्पित कर करीब 550 लाभार्थियों को खिचड़ी वितरित कर मकर संक्रांति और श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "मकर संक्रांति का पर्व न केवल हमारे देश की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह हमें नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है । मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना भी शुभ माना जाता है | मान्यता है कि भगवान राम ने मकर संक्रांति के दिन पहली बार पतंग उड़ाई थी तथा उनके द्वारा शुरू की गई परंपरा को आज भी निभाया जाता है l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट सदैव सामाजिक उत्थान और जरूरतमंदों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहा है । मकर संक्रांति के इस पवित्र पर्व पर हमारा उद्देश्य केवल त्योहार की खुशियाँ साझा करना ही नहीं, बल्कि उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना है, जो इसके सबसे अधिक हकदार हैं । हमारा मानना है कि इस पवित्र दिन पर दूसरों की सहायता करना ही सच्चे धर्म और परंपरा का पालन करना है । अंत में, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे इस पावन पर्व पर दूसरों की मदद करने का संकल्प लें और समाज में प्रेम, एकता और सद्भावना को बढ़ावा दें । माँ प्रकृति और सूर्यदेव आपकी जीवन यात्रा को प्रकाशमय और सुखद बनाएं ।  डॉ॰ हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी से प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करने का आह्वान किया। जय श्री राम !”
खिचड़ी भोज कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
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helputrust-drrupal · 6 days ago
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मकर संक्रांति | Makar Sankranti | खिचड़ी भोज | Khichdi Bhoj | महाकुंभ 2025 | Mahakumbh 2025
सभी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जाकर गंगा जी में स्नान कर आत्मशुद्धि करनी चाहिए - डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल
लखनऊ, 14.01.2025 | मकर संक्रांति के पावन अवसर एवं श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शीतला देवी मंदिर, समुद्दीपुर, इंदिरा नगर, लखनऊ में खिचड़ी भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने भगवान को भोग अर्पित कर करीब 550 लाभार्थियों को खिचड़ी वितरित कर मकर संक्रांति और श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "मकर संक्रांति का पर्व न केवल हमारे देश की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह हमें नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है । मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना भी शुभ माना जाता है | मान्यता है कि भगवान राम ने मकर संक्रांति के दिन पहली बार पतंग उड़ाई थी तथा उनके द्वारा शुरू की गई परंपरा को आज भी निभाया जाता है l
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