लखनवी सौंफ की खेती से जुड़ी अहम बातें, स्वाद और सेहत का खज़ाना है ये सौंफ
स्वाद और सुंगध में होती है लाजवाब
लखनवी कबाब और चिकनकारी के बारे में तो सुना ही होगा, जो बहुत लोकप्रिय है, लेकिन क्या आपको पता है कि इन सबकी तरह ही लखनवी सौंफ भी बहुत मशहूर है अपने स्वाद और सुगंध के लिए।
लखनवी सौंफ की खेती (Lucknowi Fennel Farming): सौंफ का इस्तेमाल हर घर में मसाले या औषधि के रूप में होता है। किसी भी व्यंजन की खुशबू बढ़ाने वाला सौंफ वज़न घटाने से लेकर सांसों की दुर्गंध दूर करने और पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है। बाज़ार में आपने कई तरह की सौंफ देखी होगी, कुछ हरे तो कुछ हल्के भूरे रंग की होती है, जबकि कुछ सौंफ बहुत बारीक होती है।
दरअसल, ये बारीक सौंफ चबाकर खाने के लिए ही उगाई जाती है और इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है। इसे लखनवी सौंफ कहते हैं। लखनवी सौंफ का लखनऊ शहर से लेना-देना नहीं है, इसकी स्वाद व खुशबू बेहतरीन होती है और ये सामान्य सौंफ से महंगा बिकता है। लखनवी सौंफ की और क्या ख़ासियत हैं, आइए जानते हैं।
महंगी होती है लखनवी सौंफ
सौंफ के पौधों में फूल निकलने के करीब एक महीने बाद इनमें सौंफ के हरे-हरे पतले दाने या बीज दिखाई देने लगते हैं। ये हरे-हरे दाने करीब दो से तीन हफ़्ते में परिपक्व होते हैं। इस समय ये दाने नाज़ुक होते हैं और इसी समय अगर इन्हें काट लिया जाता है तो इसकी कीमत अधिक मिलती हैं। क्योंकि ये सौंफ की बारीक अवस्था होती है और चबाकर खाने के लिए इसे बहुत अच्छा माना जाता है। इस अवस्था में कटने वाली सौंफ को ही लखनवी सौंफ कहा जाता है।
अगर आप सोच रहे हैं कि लखनवी सौंफ और मसाले वाली सौंफ में फर्क कैसे पहचाना जाए, तो हम आपको बता दें कि लखनवी सौंफ हल्के हरे रंग की होती है, जबकि मसाले वाली सौंफ के दाने थोड़े पीले होते हैं। ये सौंफ दूसरी सौंफ से महंगी भी मिलती है, क्योंकि इसके दाने बहुत छोटे होते हैं और इसका वज़न भी पूर्ण विकसित सौंफ से आधा होता है।
सौंफ की उपज
दरअसल, सौंफ की उन्नत खेती करने पर मसाले वाली सौंफ प्रति हेक्टेयर 10-15 क्विंटल तक प्राप्त होती है, जबकि छोटे दानों वाली लखनवी सौंफ की उपज 5 से 7.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो सकती है। लखनवी सौंफ के उत्पादन के लिए सौंफ के दानों के गुच्छों की कटाई करके उसे साफ़ और छायादार जगह में फैलाकर सुखाया जाता है। इसे धूप में नहीं सुखाया जाता है, क्योंकि इसके दानों का रंग पीला पड़ सकता है।
ये तीन सामान्य मसाले आपके पीसीओएस को स्वाभाविक रूप से प्रबंधित करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
ये तीन सामान्य मसाले आपके पीसीओएस को स्वाभाविक रूप से प्रबंधित करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) है हार्मोन विकार जो अनियमित पीरियड्स, शरीर पर अत्यधिक बाल, त्वचा की समस्याएं, वजन बढ़ना और चिंता पैदा कर सकते हैं। 2021 लेख मधुमेह जर्नल विश्व स्तर पर, पीसीओएस की व्यापकता 17 से 45 वर्ष की आयु की महिलाओं में 5.5 से 12.6% होने का अनुमान है। उपयोग किए गए नैदानिक मानदंडों के आधार पर भारत में प्रसार का अनुमान 8.2% से 22.5% तक है।
आयुर्वेद के अनुसार, एक स्वस्थ…
Birthday - EF - Sandeep Singh Sandhu ,
Monday, 28 August .. greetings and love from the Ef family .. ❤️🙏
The Hindi retort to the BBC comment on twitter was put up yesterday .. and AG Anthony did a translate as asked .. which was and is good .. but I felt one or two points needed a slight change .. so here they are ..
वो देश, जिसके संग्रहालयों का खज़ाना, केवल दुनिया से लूटे गए मूल्यवान वस्तुओं से भरा है,
that country, whose Museums are decorated and filled with the 'loot' ( a Hindi word, copied and now accepted in the English British BBC dictionary) of valued stolen artifacts and materials of the World ..
वो देश, जो मसाले की खोज में भारत आया, उसे लूटा, लोगों को मानव निर्मित अकाल में झोंका और आज भी जिसके खानों से मसाले गायब हैं,
that country, that ostensibly came to India in search of spices, and then 'looted' colonised and began ruling over us .. that created a man made famine - the dreaded Bengal famine , where they starved the locals, so England could get the food, shipped out to them .. and building a thick bush wall around the territory and borders of Bengal, so none of the famished could seek food and survival by crossing over to the rest of the Country .. that country where spices are NOT an ingredient of their food .. ( or as AG Anthony put it , do not have mines that procure spices .. though the food thought is better, because we are talking of famine and food ) ..
वो देश, जिसे अपने ही इजाद किए खेल का विश्व कप जीतने में बरसों लग गए
वो देश, जिसका सूरज कभी अस्त नहीं होता था, पर आज भी अपने अंतरिक्ष संस्थान का नाम दुनिया तक नहीं पहुंचा पाया है,
that country that were the inventors of the game ( ref to Cricket ), took years themselves, to win the World Cup (in Cricket) ..
that country that prided itself by stating 'the sun never sets on its territory' .. or whose 'sun never sets' , even till today, has not been able to put their name in the World of SPACE ..
आज हमें ज्ञान दे रहा है?
that country , today imparts 'gyaan' to us .. trying to teach us knowledge and learning ..
हम भारतीयों ने दुनिया को अद्भुत संरचनाएं दीं, कला दी और भारतीय दर्शन से संस्कृतियों को प्रभावित किया और आज भी कर रहे हैं
we Indians , have given the World incredible and most unique architectural structures , art forms , and impressed the entire World with the most treasured cultures .. and still continue to do so each day ..
हम भारतीयों ने अपने मसालों और अपनी पाक शास्त्र का परचम दुनिया के कोने कोने में लहराया है
we Indians have 'flown the flag' .. an emblem of our exalted presence .. of our 'spices' and the purity of our scriptures and its divinity, to all the corners of the World ..
हमने दूसरों के इजाद किए खेल न केवल सीखे, पर उनमें महारत भी प्राप्त की और धुरंधरों को धूल चटाई है
we have not only learnt those games invented by others and created victory and success in them .. making the opposition and champions of the game 'bite the dust' in competition ..
हमने न केवल चांद और तारों पर कविताएं लिखी, न केवल उनको देखकर सपने बुने, परंतु चांद पर भारतीय तिरंगा लहराया और अंतरिक्ष पर निरंतर और सतत जीत की ओर अग्रसर हैं।
we have not just written poems on the stars and the moon, not just built dreams about them, BUT have placed our TRICOLOuR, our Country's Flag on them , flowing with glory .. and continue aggressively, to gain victory and WIN over SPACE ..
जो कभी हम पर राज किया करते थे, उन अंग्रेज़ों की ईर्ष्या को यह चेतावनी है - यह आग तुम्हें बस जलाएगी पर इसी आग से हम अंतरिक्ष के उस छोर पर पहुंचेंगे जहां से भारत का सूरज कभी अस्त नहीं होगा।
so they that once ruled over us , those jealous British or 'angrez' as locally called, they the envious .. a warning .. this fire will just burn you , but WE shall with this fire, reach that destination and goal , from where the SUN SHALL NEVER SET ON ITS TERRITORY .. INDIA ..
JAI HIND
🇮🇳
in love in gratitude and in the presence in a few hours at the GOJ to be with the wellwishers ..
Today we are going to cook masale bhat (मसाले भात) or masala rice. This dish is quick and easy to prepare. All you need is some veggies, rice, some masalas ( red chilli, goda masala), salt and sugar for taste.
Masale bhat recipe
Masal bhat recipe in marathi
Masala bhat recipe
Steps:
1. Wash rice and keep aside for 30 mins
2. Cut all veggies
3. In a cooker, add oil.
4. Add jeera, hing and mustard seeds
5. After sizzle, add veggies and washed rice.
6. Add all masalas, salt and sugar.
7. Fry for a while.
8. Add boiling water ( for 1 cup of rice add 2 cups water and for 2-3 cups of veggies add 0.5 - 1 cup of water.)
9. Close the cooker lid and wait for 2 whistles
10. Garnish with coriander and coconut and serve hot!
Special Punjabi Amritsari Chicken Masala Recipe in Hindi
Amritsari Chicken Masala चिकन से बना एक लोकप्रिय पंजाबी व्यंजन है जिसे मसाले और दही के मिश्रण में मैरीनेट किया जाता है, फिर एक समृद्ध और मलाईदार टमाटर-आधारित ग्रेवी में पकाया जाता है। Amritsari Chicken Masala एक स्वादिष्ट और सुगंधित व्यंजन है जो किसी भी अवसर के लिए एकदम सही है।
टिंडे की सब्जी बनाने की विधि - Tinda Recipe in Hindi - Pranav Recipes
हैलो फ्रेंड्स, आज की इस पोस्ट में हम आपके साथ ( टिंडे की सब्जी बनाने की विधि ) Tinda Recipe in Hindi शेयर कर रहें है। इस रेसिपी को बनाना बहुत ही आसान है। आप इसे पके या कच्चे किसी भी प्रकार के टिंडे से बना सकते है। अगर आपके टिंडे पके हुए है तो आप उसमें छेद करके सारे बीज निकाल लीजिए और जब आप इसे मसाले में डालेंगे तो सारा मसाला टिंडे के अंदर तक भर जाएगा और जब इसे खाएगें तो मसाले का गुब्बार आपके मुँह में फूट जाएगा।
महिलाओं में अधकपारी (Migraine) है ज्यादा कॉमन! जानें इसके रिस्क फैक्टर्स
माइग्रेन (Migraine) को हिंदी में अधकपारी के नाम से जाना जाता है। यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें सिर दर्द एक किनारे से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे सिर में फैल जाता है। आंकड़ों के अनुसार 10 में से एक व्यक्ति में माइग्रेन के लक्षण नजर आते हैं। कभी-कभी 2 घंटे में ही इसके लक्षणों से राहत मिल जाती है, तो कभी काफी दिनों तक व्यक्ति को इस सिरदर्द का सामना करना पड़ता है। हैरानी की बात तो यह है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधकपारी 3 गुणा ज्यादा कॉमन है।
एक नजर डालें अधकपारी के लक्षणों पर (Migraine Symptoms)
सिर के एक हिस्से में तेज दर्द होना और धीरे-धीरे उस दर्द का बढ़ते हुए पूरे मस्तिष्क में फैल जाना।
रौशनी, आवाज या सुगंध के प्रति अतिसंवेदनशीलता
जी घबराना या उल्टी आना
आंखें लाला होना या आंखों से पानी आना
भूख न लगना
सिर चकराना एवं धुंधला नजर आना
बहुत ज्यादा कमजोरी व थकावट का एहसास होना
बहुत पसीना आना या अत्यधिक ठंड लगना
अधकपारी के रिस्क फैक्टर्स (Migraine Risk Factors)
हार्मोनलव बदलाव- पीरियड्स, ओव्यूलेशन, प्रेगनेंसी व अन्य अवस्थाओं में महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन नजर आते हैं, जो उनमें अधकपारी का खतरा बढ़ा देते हैं।
तनाव- इस फैक्टर को अधकपारी के लिए 80% तक जिम्मेदार माना गया है। आजकल लोगों में मानसिक तनाव बढ़ गया है। काम, घर-परिवार, नौकरी, पढ़ाई व अन्य कई बातों को लेकर लोग दबाव में रहने लगे हैं और यही दबाव उनमें इस बीमारी का खतरा बढ़ाता है।
मौसम में बदलाव- बारिश के बीच में अचानक से तेज गर्मी पड़ना, इस तरह मौसम में आया बदलाव भी अधकपारी के जोखिम को बढ़ा सकता है। 53% मामलों में ऐसा देखने को मिलता है।
खानपान में लापरवाही- समय पर खाना न खाना, भोजन स्किप करना आदि बातें 57% तक माइग्रेन के लिए जिम्मेदार होती हैं।
शराब और धूम्रपान का सेवन- इस बीमारी के लिए शराब को 38% तक और धूम्रपान को 36% तक जिम्मेदार माना गया है।
जरूरत से ज्यादा दवाइयां खाना- हर छोटी-छोटी बीमारी के लिए ओवर द काउंटर दवाइयां लेने की आदत भी अधकपारी का कारण बन सकती है।
इस बारे में कंसल्टेंट फिजिशियन डॉक्टर निखिलेश चतुर्वेदी बताते हैं कि तेज धूप में निकलने से या लंबी दूरी की यात्रा करने से अधकपारी ट्रिगर हो सकता है। इस बीमारी से बचाव करने के लिए जीवनशैली और खान-पान में बदलाव करना जरूरी है।
क्या है अधकपारी का घरेलू इलाज? (Home Remedies for Migraines)
कई बार दवाईयों के बिना नीचे बताये गये 8 घरेलू उपायों की मदद से भी अधकपारी के लक्षणों से राहत पायी जा सकती है-
अपने मस्तिष्क को आराम देने के लिए मेडिटेशन करें या संगीत सुनें
किसी शांत और अंधेरे कमरे में लेट जाएं
अपने माथे पर ठंडा कपड़ा या आइस पैक रखें
अधिक मात्रा में लिक्विड चीजें पियें
कॉफ़ी, चाय या संतरे का जूस न पिएं
टीवी बिल्कुल भी न देखें
कई बार सोने से भी आराम मिल सकता है
डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक दवाईयां लें
अधकपारी (Migraine) में बरतें ये सावधानियां
सबसे पहले अपने खानपान पर ध्यान दें। बाहर के जंक व प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें। तेल-मसाले वाली चीजें ज्यादा न खाएं। ज्यादा मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। ओमेगा 3 फैटी एसिड एवं विटामिन बी युक्त खाने का सेवन ज्यादा करें।
अपने सोने का सही समय निर्धारित करें और उसी पैटर्न को फॉलो करें। रात में ज्यादा देर तक न जागे। कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। साथ ही सही समय पर सोएं और सही समय पर उठें।
खुद को तनावमुक्त रखने की कोशिश करें। इसके लिए योगा करें, गाने सुनें या फिर मेडिटेशन करें। तनाव से अधकपारी बहुत ज्यादा ट्रिगर हो सकता है, इसीलिए सावधानी बरतें।
एक्सरसाइज को अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लें। रोज सुबह उठकर वॉक करें। इसके अलावा आप साइकलिंग व अपनी पसंद के अनुसार शारीरिक गतिविधियां भी कर सकते हैं।
पानी का सेवन ज्यादा मात्रा में करें।
अधकपारी (Migraine) में क्या न करें?
तेज धूप, रौशनी या तेज आवाज से आपका सिरदर्द बहुत ज्यादा गंभीर हो सकता है। इसीलिए ऐसी जगहों पर न जाएं जहाँ बहुत ज्यादा शोर हो। इसके अलावा तेज रौशनी और धूप में जाने से भी परहेज करें, इससे अधकपारी के लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
वैसे संतरा, कीवी आदि खट्टे फल शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं लेकिन माइग्रेन के मरीजों को इन चीजों से परहेज करना चाहिये। इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है।
इसके अलावा चाय, कॉफी, सुअर का मांस, चॉकलेट, दूध आदि चीजों से भी अधकपारी के मरीजों को परहेज करना चाहिये। तेज आवाज में अधकपारी से पीड़ित लोगों को नहीं जाना चाहिये, इससे उनकी तकलीफें बढ़ सकती हैं।
अगर जरूरत न हो, तो ज्यादा देर तक मोबाइल, टीवी या लैपटॉप का इस्तेमाल न करें, इससे सिरदर्द की समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो सकती है।
ज्यादा देर खाली पेट न रहें। खाने मे�� तेल-मसाले को नजरअंदाज करें और जंक फूड भी न खाएं वरना माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है।
ज्यादा भारी एक्सरसाइज बिल्कुल भी न करें। इससे भी सिरदर्द की समस्या बढ़ सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
अधकपारी से बचाव करना आपके हाथों में है। अगर उपर बताये गये बातों का ध्यान व्यक्ति रखे तो वो काफी हद तक इस बीमारी को नियंत्रित कर सकता है। इसके अलावा समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप कराना और उनके कहे अनुसार दवाइयां लेना भी जरूरी है। इससे माइग्रेन के लक्षणों से काफी हद तक राहत पायी जा सकती है।
हार्ट ब्लॉकेज को खोल देते हैं ये मसाले, Heart Attack के खतरे को करते हैं दूर, जानिए कैसे करें सेवन
Image Source : FREEPIK
हार्ट की ब्लॉकेज कैसे खोलें
खराब लाइफस्टाइल के कारण हार्ट से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही है। खासतौर से 30 साल के बाद हार्ट से जुड़ी बीमारियां युवाओं में भी उभरने लगी हैं। हार्ट में ब्लॉकेज का कारण हाई कोलेस्ट्रॉल को माना जाता है। जिससे आर्टरी में ब्लॉकेज आने लगती है। खराब कोलेस्ट्रॉल धमनियों की दीवारों पर जाकर चिपक जाता है। जिससे हार्ट तक खून और ऑक्सीजन पहुंचने में…
चाय को न बनाएं सिरदर्द का इलाज, इस मसाले की मदद से पाएं सिरदर्द से छुटकारा
कुछ साल पहले हमने कोरोना महामारी का प्रकोप देखा है और अब एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस नामक बीमारी का डर दुनिया को सताने लगा है। ऐसे में भारत के लोगों का डरना स्वाभाविक है।
रोगाणुरोधी प्रतिरोध: वैसे तो दुनिया में कई बीमारियों का खतरा लगातार बना हुआ है, लेकिन अब ‘रोगाणुरोधी प्रतिरोध’ डर पैदा कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा इस बीमारी पर अपनी दूसरी उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करने की तैयारी कर रही है,…
विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस: पाचन को स्वस्थ रखें, खुशहाल जीवन जीएं!
प्रकृति ने हमें एक अनमोल उपहार दिया है - हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त करने के लिए भोजन। आहार लेना हमारे शरीर के नियमित कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, और पाचन तंत्र का स्वास्थ्य उनकी सच्ची संगतता पर निर्भर करता है। इस विश्व में, जहां लोग जीवन की गतिविधियों में अत्यधिक व्यस्त हैं और अनुयायी भोजनालयों और तेज फूड चेनों की विस्तारशीलता बढ़ती जा रही है,परन्तु पाचन स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए हर साल 29 मई को "विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस" मनाया जाता है, जो विश्व पाचन संगठन (WGO) और विश्व पाचन संगठन फाउंडेशन (WGOF) के सहयोग से शुरू किया गया है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है जनता में पाचन संबंधी रोगों और विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना। यह दिवस 29 मई, 1958 को वॉशिंगटन, अमेरिका में आयोजित विश्व गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कांग्रेस की पहली बैठक में 'विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस' की घोषणा की गई थी, जिसका उद्देश्य हमें पाचन स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
पाचन स्वास्थ्य क्या है?
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए, पाचन स्वास्थ्य का सही होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। खराब पाचन से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और इसलिए हमें अपने पाचन सिस्टम की देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पाचन तंत्र हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन करता है और इसका 70% योगदान हमारी इम्यूनिटी के निर्माण में होता है। इसलिए, विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस का मकसद हमें लोगों को डाइजेस्टिव सिस्टम के महत्व को समझाना और उसे सुधारने के लिए क्या करना चाहिए, इसके बारे में जागरूक करना है।
समझिए, कैसे काम करता है पाचन तंत्र
पाचन स्वास्थ्य संबंधित है शरीर के खाद्य पदार्थों को पाचन और आवश्यक ऊर्जा में परिवर्तित करने के साथ। यह शरीर के खाद्य पदार्थों को अवशोषित करने, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, मिनरल और अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित करने के माध्यम से उपयोगी ऊर्जा का निर्माण करता है। एक स्वस्थ पाचन स्वास्थ्य में, खाद्य पदार्थों को उचित ढंग से पचाने के लिए पाचन तंत्र सही रूप से कार्य करता है। यह प्रक्रिया आहार के अलग-अलग तत्वों को विचलित करके खाद्य पदार्थों को उपयोगी पौष्टिकता में बदलती है। पाचन प्रक्रिया में भोजन को अवशोषित करने, पाचन ज्यूस बनाने, पचन प्रक्रिया के दौरान पोषक तत्वों को अवशोषित करने और उचित मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करने जैसे कई चरण होते हैं। इस प्रक्रिया में, अवशोषित खाद्य पदार्थों से लिए गए पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न हिस्सों और ऊर्जा स्रोतों में वितरित किया जाता है।
आहार नाल से पेट तक जाने वाला पाचन तंत्र हमारे शरीर की पाचन प्रक्रिया को संचालित करता है। जब हम खाना खाते हैं, तो यह प्रक्रिया मुख से शुरू होती है और गुदा द्वार तक पहुंचती है। खाद्य पदार्थ यकृत और अग्नाशय के साथ मिश्रित होकर पेट में पहुंचते हैं, जहां शरीर के विभिन्न रासायनिक पदार्थ इन्हें रस के रूप में उत्पन्न करते हैं। यह रस फिर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। पाचन के दौरान, खाद्य पदार्थों से पोषक तत्वों को अवशोषित किया जाता है और अपशिष्ट तत्व मल के रूप में बाहर निकल जाते हैं।
विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर, हमें अपने पाचन स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कुछ उपाय अपनाने चाहिए। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं जो आपको इस मामले में मदद कर सकते हैं:
स्वस्थ आहार: स्वस्थ पाचन के लिए स्वस्थ आहार बहुत महत्वपूर्ण है। आपको अपने भोजन में पौष्टिक तत्वों को शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए। स्वस्थ आहार में फल, सब्जियां, अखरोट, दाल, हरे पत्ते वाले पौधे, अदरक, लहसुन, अजवाइन, जीरा, गुड़, योगर्ट, धनिया, अनार आदि शामिल करें। तत्वों में पोषण होता है और पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखता है। जो भी खाएं खूब चबाकर खाएं। लगातार कब्ज की शिकायत हो तो त्रिफला सबसे कारगर होता है। त्रिफला लेते रहने से पाचन तंत्र में सुधार के साथ ही चेहरे की कांति भी बढ़ती है।
पैकेज्ड और प्रोसेस्ड भोजन की परहेज: आपको अधिक संयंत्रित और प्रोसेस्ड भोजन से बचना चाहिए, जैसे कि चिप्स, नमकीन, स्नैक्स, सोडा, बिस्किट, और तली हुई चीजें। ये भोजन अपशिष्ट तेल, शक्कर, मसाले और केमिकल युक्त पदार्थों से भरे होते हैं, जो पाचन स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
पर्याप्त पानी पीना: पानी पीना पाचन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपको दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। यह आपके शरीर को साफ और हाइड्रेटेड रखेगा और पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से कार्यान्वित करेगा।
व्यायाम करें: नियमित शारीरिक गतिविधियां और व्यायाम पाचन को सुधारने में सहायक होते हैं। आपको रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए, जैसे कि योग, ध्यान, चलना, जॉगिंग या व्यायाम करना। यह आपके पाचन सिस्टम को सक्रिय रखेगा और उसे मजबूत बनाएगा।
स्ट्रेस को नियंत्रित करें: स्ट्रेस पाचन को प्रभावित कर सकता है और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आपको ध्यान देने और अपने मन को शांत और स्थिर रखने के लिए मेडिटेशन, प्राणायाम, योग, यात्रा, या किसी भी रिक्रिएशनल गतिविधि को शामिल करना चाहिए।
नियमित चेकअप: अपने पाचन स्वास्थ्य की निगरानी रखने के लिए नियमित चेकअप करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर से मार्गदर्शन लेना और समय-समय पर आवश्यक टेस्ट करवाना आपके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखेगा और संभावित समस्याओं को पहले ही पहचानने में मदद करेगा।
अवसर पर जागरूकता फैलाएं: विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर, आप अपने परिवार, दोस्तों, और समाज के अन्य लोगों को पाचन स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक कर सकते हैं। आप उन्हें स्वस्थ भोजन और पाचन के बारे में संबंधित सला��� और टिप्स दे सकते हैं। इससे लोगों की जागरूकता बढ़ेगी और वे अपने पाचन स्वास्थ्य को सुधारने के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे।
आसान और सरल रूप से हम ऐसे ��मझ सकते है , तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:
अपना खाना चार या पांच बार में छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें और थोड़े-थोड़े खाएं।
अपने भोजन में रेसेदार फल और सब्जी को शामिल करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। गर्मियों में, छाछ का सेवन बढ़ाएं।
जंक फूड से बचें और चीनी की बजाय गुड़ का उपयोग करें, क्योंकि यह आपके लिए अधिक फायदेमंद होगा।
दिन में अधिक मात्रा में भोजन करें और रात में कम मात्रा में। रात को भारी भोजन न करें।
जल्दी सोएं और जल्दी उठें। रात को खाना खाने से कम से कम दो घंटे पहले सो जाएं।
सुबह व्यायाम करना अनिवार्य है। टहलना, साइकिल चलाना और अन्य शारीरिक गतिविधियों को अपनाएं, क्योंकि ये सबसे उपयुक्त होते हैं।
निष्कर्ष :- विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस एक अच्छा अवसर है जब हम अपने पाचन स्वास्थ्य पर विचार कर सकते हैं और उसे सुधारने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा सकते हैं। हमें अपने आहार, व्यायाम और जीवनशैली में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है ताकि हम स्वस्थ रह सकें। इस विशेष दिन पर हमें पाचन स्वास्थ्य के महत्व को समझना चाहिए और उसे सुधारने के लिए उपायों को अपनाना चाहिए। इन उपायों को अपनाकर आप अपने पाचन स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली का आनंद उठा सकते हैं। याद रखें, स्वस्थ पाचन स्वास्थ्य की नींव होती है और इसे सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर इन उपायों को अपनाकर हम स्वस्थ और प्रगतिशील जीवन जी सकते हैं।
एक स्वस्थ पाचन सिस्टम से हम अपनी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। इसलिए, आइए हम इस विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस पर अपने पाचन को स्वस्थ बनाने के लिए संकल्प लें और स्वस्थ जीवन जीने के लिए कदम उठाएं।
(डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग में दी गई जानकारी केवल शिक्षात्मक उद्देश्यों के लिए है और यह चिकित्सा परामर्श या निदान की जगह नहीं लेती है। हमारी प्रयास केवल संदर्भ के रूप में उपयोगी जानकारी प्रदान करना है, लेकिन हम किसी भी प्रकार की जटिल चिकित्सा परिस्थितियों के निदान, उपचार या सलाह की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं।)
Birthday - EF - Rohit Kumar Bhutoria
Sunday, 27 August .. wishes and more from the entire Ef family .. 🚩
In time at last .. or well sort of .. an effort made to be in no disappointment for the Ef .. and to be able to bring back the discipline that has ever existed and remains a part the primary Ef ..
the run is customary now .. unless there is a need to alternate it with either someone that has 'rolled over' and has been incapable of any physical activity ..
but before all that physical bit .. a bit of the self aggrandisement in the HELLO mag about the 100 influentials of INDIA :
.. and then we have a brilliant retort from Anand Mahindra to the BBC, questioning our Chandrayaan 3 .. !!
🤣🤣🤣
Really?? The truth is that, in large part, our poverty was a result of decades of colonial rule which systematically plundered the wealth of an entire subcontinent. Yet the most valuable possession we were robbed of was not the Kohinoor Diamond but our pride & belief in our own capabilities. Because the goal of colonisation—its most insidious impact—is to convince its victims of their inferiority. Which is why investing in BOTH toilets AND space exploration is not a contradiction. Sir, what going to the moon does for us is that it helps restore our pride & self-confidence. It creates belief in progress through science. It gives us the aspiration to lift ourselves out of poverty. The greatest poverty is the poverty of aspiration…
Quote
Megh Updates 🚨™
@MeghUpdates
·
Aug 23
Listen to what BBC had to say about #Chandrayaan3
Should India which lacks in Infrastructure and has extreme poverty, Should they be spending this much amount of money on a space program
But what is quite brilliant is also a Hindi retort from a colleague :
वो देश, जिसके संग्रहालयों का खज़ाना, केवल दुनिया से लूटे गए मूल्यवान वस्तुओं से भरा है,
वो देश, जो मसाले की खोज में भारत आया, उसे लूटा, लोगों को मानव निर्मित अकाल में झोंका और आज भी जिसके खानों से मसाले गायब हैं,
वो देश, जिसे अपने ही इजाद किए खेल का विश्व कप जीतने में बरसों लग गए
वो देश, जिसका सूरज कभी अस्त नहीं होता था, पर आज भी अपने अंतरिक्ष संस्थान का नाम दुनिया तक नहीं पहुंचा पाया है,
आज हमें ज्ञान दे रहा है?
हम भारतीयों ने दुनिया को अद्भुत संरचनाएं दीं, कला दी और भारतीय दर्शन से संस्कृतियों को प्रभावित किया और आज भी कर रहे हैं
हम भारतीयों ने अपने मसालों और अपनी पाक शास्त्र का परचम दुनिया के कोने कोने में लहराया है
हमने दूसरों के इजाद किए खेल न केवल सीखे, पर उनमें महारत भी प्राप्त की और धुरंधरों को धूल चटाई है
हमने न केवल चांद और तारों पर कविताएं लिखी, न केवल उनको देखकर सपने बुने, परंतु चांद पर भारतीय तिरंग��� लहराया और अंतरिक्ष पर निरंतर और सतत जीत की ओर अग्रसर हैं।
जो कभी हम पर राज किया करते थे, उन अंग्रेज़ों की ईर्ष्या को यह चेतावनी है - यह आग तुम्हें बस जलाएगी पर इसी आग से हम अंतरिक्ष के उस छोर पर पहुंचेंगे जहां से भारत का सूरज कभी अस्त नहीं होगा।
🇮🇳
WILL THE HINDI /ENGLISH LITERATE PLEASE TRANSLATE
🇮🇳
but before all that .. a bit of the self aggrandisement in the HELLO mag about the 100 influentials of INDIA :
and the music delivers its most colourful night .. it is the divinity of the hour that brings the creativity to the fore .. and in its brilliance dwells the ultimate ..
when the 'SA 🎶' - the first note is hit .. its vibration exudes all that is in the positive eons within .. the superiority of its scale is beyond measure .. actually measure is truly the wrong word .. vibrations of the gravity of a 'note' cannot be measured .. Richter scale and all ..
( and mr Googlé does not have Richter in its information .. process )
Healthy Foods: Best Sexologist in Patna, Bihar | Dr. Sunil Dubey
गुप्त व यौन रोगियों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव कि वे अपने दैनिक जीवन में निम्नलिखित फल और सब्जियों को शामिल करें और अपने स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाए :-
विश्व-प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य व भारत के सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर में से एक डॉ. सुनील दुबे ने सभी लोगो को अपने डाइट में कुछ फल व सब्जियों को शामिल करने का सुझाव दिया है। वे एक लम्बे समय से दुबे क्लिनिक में पटना के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट के पद पर आसीन है और सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार प्रदान करते आ रहे है। दुबे क्लिनिक भारत का सबसे भरोसेमंद आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक में शीर्ष रैंक पर है। यह प्रामाणिक क्लिनिक पटना के लंगर टोली, चौराहा, के पास स्थित है।
आज का यह टॉपिक में, कुछ महत्वपूर्ण फलों और सब्जियों के महत्व से सम्बंधित हैं। ये फल और सब्जियाँ स्वस्थ शरीर और स्वस्थ यौन जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि व्यक्ति इनका सेवन करें, तो वे हमेशा के लिए स्वस्थ और समृद्ध जीवन प्राप्त कर सकते है। विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि यदि आप प्रकृति में विश्वास करते हैं और इसके संसाधनों व साधनो का उपयोग करते हैं तो आपको हमेशा प्राकृतिक उपचार और पोषण का चयन करना चाहिए। आयुर्वेद सभी चिकित्सा-उपचारों का आधार है जो प्राकृतिक तरीको से समस्त शरीर को सुदृढ़ बनाता है। इस चिकित्सा-उपचार की खास बात यह है कि इसके सेवन से शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
चलिए जानते है उन फलों और सब्जियों के नाम व उनकी विशेषता जो निम्नलिखित है:-
1. केला
केले का वैज्ञानिक नाम मूसा पैराडाइसियाका लिन है जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, प्राकृतिक शर्करा, फाइबर, पोटेशियम और कैलोरी होता है। यह मानसिक और हृदय संबंधी स्वास्थ्य के बेहतरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें पोटेशियम होता है जो रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और तनाव और चिंता के स्तर को कम करने में मदद करता है। आम तौर पर, ज़्यादातर लोग केले का शेक पीना पसंद करते हैं।
2. अनानास
अनानास का वैज्ञानिक नाम अनानास कोमोसस है जिसमें विटामिन और खनिज जैसे- विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन ई, विटामिन के, कैल्शियम, फोलेट (विटामिन बी 9), आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, जिंक और एंजाइम होते हैं। यह एंजाइम और एंटीऑक्सीडेंट का उत्पादन भी करता है। यह यौन इच्छा को बढ़ाने में मदद करता है और शीघ्रपतन की समस्या को प्रबंधित करने में भी सहायक होता है।
3. गाजर
गाजर का वैज्ञानिक नाम डौकस कैरोटा है जिसमें विटामिन सी, विटामिन के1, विटामिन बी6, कैल्शियम, आयरन, बायोटिन, पोटैशियम और ल्यूटिन जैसे महत्वपूर्ण तत्व होते है। इसमें बीटा कैरोलीन और एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। यह लिंग क्षेत्र के रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। यह हमेशा शीघ्रपतन को रोकने और स्खलन से निपटने में पुरुष को मदद करता है।
4. एवोकाडो
एवोकाडो का वैज्ञानिक नाम पर्सिया अमेरिकाना है जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा (पॉलीअनसेचुरेटेड और संतृप्त), फाइबर, सोडियम और कैलोरी होती है। इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है और साथ ही सोडियम का स्तर भी कम होता है। यह लिंग क्षेत्र में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है। यह स्खलन के लिए भी उपयोगी है। संभावित रूप से देखा जाय तो, यह शीघ्रपतन के प्रबंधन में मदद करता है। यह इष्टतम यौन प्रदर्शन को बढ़ाता है और शीघ्रपतन और यौन हार्मोन के लिए चयापचय प्रोटीन में मदद करता है। आम तौर पर, इसे व्यक्ति में एक प्राकृतिक यौन बूस्टर के रूप में माना जाता है।
5. लहसुन
लहसुन एक प्रजाति है और जिसका वैज्ञानिक नाम एलियम सैटिवम है। इसमें उच्च स्तर के पोटेशियम, फास्फोरस, जस्ता, सल्फर, सेलेनियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, लोहा और कम स्तर का सोडियम होता है। यह कामोद्दीपक गुणों से परिपूर्ण होता है जो स्खलन के बिना संभोग की अवधि को बढ़ाने में मदद करता है। इस मसाले का यौगिक एलिसिन रक्त परिसंचरण में भी सुधार करता है। यह शीघ्रपतन और स्तंभन दोष के प्रबंधन में सहायक होता है।
6. शतावरी
शतावरी वसंत ऋतु में पायी जाने वाली सब्जी है जिसे आम तौर पर बगीचे में लगाया जाता है। शतावरी का वैज्ञानिक नाम शतावरी ऑफिसिनेलिस है जिसमें प्रोटीन, वसा, फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी, विटामिन के, फोलेट और कैलोरी होती है। यह सब्जी खनिजों और विटामिन-सी से भरपूर होती है। यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और रक्त की उपस्थिति को बढ़ाने में मदद करती है। यह मूत्र पथ के स्वास्थ्य और यौन स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। अधिकांश समय, यह देखा गया है कि यह शीघ्रपतन के इलाज में उपयोगी सिद्ध होता है।
7. अखरोट
अखरोट एक प्रजाति है जिसका वैज्ञानिक नाम जुग्लान्स है। इसमें मैग्नीशियम, तांबा, फास्फोरस, लोहा, कैल्शियम, जस्ता, पोटेशियम, सेलेनियम, विटामिन बी 6, फोलेट और थायमिन होता है। यह हृदय-स्वस्थ वसा से भरपूर होता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट अधिक होते हैं। अखरोट के नियमित सेवन से मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार होता है और हृदय रोग और कैंसर के खतरा कम होता है। इसका सेवन करने से शीघ्रपतन के रोगियों को अपने समय को प्रबंधन करने में भी मदद मिलता है।
8. तरबूज
तरबूज एक रसीला फल और बेल सामान आकर है जिसका वैज्ञानिक नाम सिट्रुलस लैनाटस है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी 6, पोटेशियम, बिना वसा, कोलेस्ट्रॉल या सोडियम होता है। मुख्य रूप से, यह विटामिन सी से भरपूर होता है जो कोलेजन बनाने और शरीर को आयरन को अवशोषित करने में मदद करने में एक अभिन्न भूमिका निभाता है। यह एक हाइड्रेटिंग फ़ूड भी है जो शरीर को प्राकृतिक वियाग्रा से भर देता है। यह बेहतर इरेक्शन का हमेशा समर्थन करता है और व्यक्तियों में कामेच्छा को भी बढ़ाने में मदद करता है।
9. पालक
पालक एक हरी पत्ती वाली सब्जी है जिसका वैज्ञानिक नाम स्पिनेशिया ओलेरासिया है। यह विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, आयरन, पोटेशियम, प्रोटीन और फोलेट सहित कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह फाइबर से परिपूर्ण होता है जो वजन प्रबंधन, रक्त शर्करा विनियमन, कम कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, आंत्र कैंसर, स्वस्थ मल त्याग, हृदय स्वास्थ्य, कम हृदय रोग और बेहतर आंत स्वास्थ्य में मदद करता है। यह पुरुषों की यौन क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह रक्त में फोलिक एसिड के स्तर को भी बनाए रखता है। यह लिंग क्षेत्र में रक्त प्रवाह में सुधार करता है और स्वस्थ यौन कार्य को बनाए रखता है। यह इरेक्शन के लिए एक आवश्यक यौन पोषक तत्व और प्राकृतिक भोजन है।
10. अदरक
अदरक को आमतौर पर मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है जिसका वैज्ञानिक नाम ज़िंगिबर ऑफ़िसिनेल है। अदरक की जड़ का उपयोग कई सामान्य बीमारियों जैसे- सिरदर्द, जुकाम, मतली और उल्टी को कम करने और इलाज के लिए किया जाता है। यह फेनोलिक यौगिकों, टेरपेन्स, पॉलीसेकेराइड्स, लिपिड, कार्बनिक अम्ल और कच्चे फाइबर जैसे विभिन्न रासायनिक घटकों में समृद्ध है। यह शरीर को ठीक करता है जिससे रक्त प्रवाह तेज़ होता है। यह कामेच्छा को भी बढ़ाता है और यौन प्रदर्शन को बढ़ाता है। यह इरेक्शन को बनाए रखने में मददगार है, खासकर लिंग की मांसपेशियों में, जिससे इरेक्शन व शारीरिक मजबूती को बनाये रखती है।
11. शहद
शहद एक प्राकृतिक तरल पदार्थ है जिसमें ज़्यादातर चीनी के साथ-साथ अमीनो एसिड, विटामिन, खनिज, लोहा, जस्ता और एंटीऑक्सीडेंट का मिश्रण होता है। शहद से कामेच्छा, स्तंभन कार्य, शुक्राणुजनन, अधिवृषण शुक्राणुओं की संख्या और सामान्य शुक्राणु प्रतिशत में सुधार होता है, और मनुष्यों सहित स्तनधारी प्रजातियों में शुक्राणु सिर और पूंछ की असामान्यताओं और क्रोमेटिन क्षति के प्रतिशत को कम करता है।
12. हरा प्याज
हरा प्याज, एक सब्जी जिसे स्प्रिंग प्याज भी कहा जाता है, एक गुच्छेदार पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम एलियम फिस्टुलोसम है। यह विटामिन के, विटामिन ए, विटामिन सी और फोलेट (फोलिक एसिड) और पोटेशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है। स्वाभाविक रूप से, इसमें कैलोरी, वसा और सोडियम कम होता है। यह शीघ्रपतन को नियंत्रित करने के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय है।
13. ऑयस्टर
ऑयस्टर एक अत्यधिक पौष्टिक शेलफिश है जिसका वैज्ञानिक नाम ऑस्ट्रेडी है जो मोलस्क की प्रजाति है। इसमें प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, जिंक, कॉपर, विटामिन बी12, आयरन और कैलोरी होती है। यह विटामिन डी, कॉपर, जिंक और मैंगनीज के स्रोत से भरपूर है। यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। साथ-ही-साथ, इसके नियमित सेवन से व्यक्ति का यौन स्वास्थ्य सुदृढ़ होता है।
14. मिर्च मिर्च
मिर्च को चिली या मिर्च भी कहा जाता है जो पौधों के बेरी-फल की किस्म का होता है। मिर्च का वैज्ञानिक नाम कैप्सिकम फ्रूटसेंस है। यह कैरोटीनॉयड के प्रमुख स्रोतों में से एक है, जो विटामिन ए और विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) के अग्रदूत हैं। इसमें उच्च स्तर के कैरोटीनॉयड और एल-एस्कॉर्बिक एसिड होते हैं, जिनमें प्रो विटामिन ए और विटामिन सी गतिविधि के लिए आरडीए होता है। यह रक्त वाहिकाओं के फैलाव और रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।
15. कॉफी
कॉफी का नाम सुनते ही, कैफीन नामक पहली चीज है जो सभी के दिमाग में आती है। कॉफी का वैज्ञानिक नाम कॉफ़ी अरेबिका है जिसमें कई रासायनिक घटक होते हैं जैसे कि एल्कलॉइड, फेनोलिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स, टेरपेनोइड्स, इत्यादि। इसमें बड़ी संख्या में उपयोगी पोषक तत्व भी होते हैं, जिनमें राइबोफ्लेविन (विटामिन बी 2), नियासिन (विटामिन बी 3), मैग्नीशियम, पोटेशियम, कई फेनोलिक यौगिक और एंटीऑक्सिडेंट शामिल हैं; जो आंतरिक सूजन को कम करने और बीमारी से बचाने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सिडेंट रक्त वाहिकाओं की रक्षा करते हैं, परिसंचरण में सहायता करते हैं, और धीरे-धीरे लिंग क्षेत्र में रक्त के प्रवाह में सुधार करते हैं जिससे पुरुषों को इरेक्शन प्राप्त होता है और उसे बनाए रखता है।
16. डार्क चॉकलेट
डार्क चॉकलेट में कोको सॉलिड, कोको शुगर और बटर होता है जबकि मिल्क चॉकलेट में कोको सॉलिड, कोको बटर, किसी न किसी रूप में दूध और शुगर भी होता है। इसमें कैफीन और ब्रोमीन जैसे उत्तेजक तत्व भी शामिल होते हैं। अच्छी क्वालिटी की डार्क चॉकलेट में फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज और कुछ अन्य मिनरल भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। मुख्य रूप से, डार्क चॉकलेट के दो तत्व जैसे एंटीऑक्सीडेंट और कैफीन रक्त प्रवाह को बढ़ा सकते हैं और यौन इच्छा को बढ़ा सकते हैं।
17. अंडे
अंडे उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, वसा, संतृप्त वसा, आयरन, विटामिन, खनिज और कैरोटीनॉयड सहित कैलोरी का अच्छा स्रोत हैं। अंडे का वैज्ञानिक नाम ओवम है। यह ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे रोग से लड़ने वाले पोषक तत्वों का भंडार है। अगर हम इसकी समृद्धि के बारे में बात करें तो इसमें उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन, सेलेनियम, फॉस्फोरस, कोलीन, विटामिन बी12 और कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। अंडे में विटामिन ई होने से यौन हार्मोन में सुधार करके यौन प्रदर्शन और ऊर्जा को बढ़ाने में मदद मिलती है।
18. मशरूम
मशरूम को खेती की जाने वाली सफ़ेद बटन मशरूम के रूप में भी जाना जाता है। यह विटामिन बी2, विटामिन बी3, विटामिन बी5, फोलेट, विटामिन डी, फॉस्फोरस, सेलेनियम, कॉपर और पोटैशियम का अच्छा स्रोत होता है। सेलेनियम शरीर में कोशिका क्षति को रोकने में मदद करता है, विटामिन डी कोशिका वृद्धि में मदद करता है, और विटामिन बी6 शरीर को लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। सभी पोषक तत्व मानव शरीर में एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह यौन इच्छा और उसके कार्यों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खासकर, यह महिलाओं में कामेच्छा को बढ़ाने में मदद करता है।
19. दाल
मसूर दाल की एक प्रजाति है जिसका वैज्ञानिक नाम लेंस कलिनारिस है। दाल में पोटेशियम, फाइबर, फोलेट और पौधे के रसायन अधिक होते हैं और सोडियम और संतृप्त वसा कम होती है। मुख्य रूप से, यह फाइबर, फोलेट और पोटेशियम से भरपूर होता है जो हृदय और उसके रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह ऊर्जा देने वाले आयरन और विटामिन बी1 का भी अच्छा स्रोत है जो स्थिर हृदय गति को बनाए रखने में मदद करता है। प्रोटीन और आयरन से भरपूर फलियां यौन इच्छा को बढ़ावा दे सकती हैं। यह उन महिलाओं के लिए अच्छा है जो एनीमिया से पीड़ित हैं, खासकर रजोनिवृत्ति या गर्भावस्था के दौरान।
20. बादाम:
बादाम प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ई, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम और राइबोफ्लेविन से भरपूर होते हैं। यह आयरन, पोटेशियम, जिंक और विटामिन बी (नियासिन, थायमिन और फोलेट) का भी अच्छा स्रोत है। यह यौन कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है जैसे- यौन इच्छा और संभोग की गुणवत्ता में सुधार।
अगर आप किसी भी तरह की गुप्त या यौन समस्या से पीड़ित हैं, तो आप बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे से परामर्श कर सकते हैं। वह दुबे क्लिनिक में प्रैक्टिस करते हैं, जहाँ हर दिन चालीस से अधिक गुप्त व यौन रोगी अपनी यौन समस्याओं को ठीक करने के लिए इस क्लिनिक में आते हैं। अपने संपूर्ण यौन विकार को दूर करने के लिए पूर्णकालिक विश्वसनीय आयुर्वेदिक उपचार और दवा प्राप्त करें।
शुभकामनाओं के साथ
दुबे क्लिनिक
भारत का एक प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
‘‘स्वाद इंडियन बिस्ट्रो:फिनलैंड मे भारतीय का अनूठा अनुभव’’
स्वाद इंडियन बिस्ट्रो SWAD INDIAN BISTRO फ़िनलैंड का इकलौता भारतीय रेस्तरां है जो एक्सपेरिमेंटल डाइनिंग का अनूठा अनुभव प्रदान करता है। यहाँ इस्तेमाल किए जाने वाले मसाले खुद खड़े पिसे जाते हैं, जिससे खाने में एक विशेष ताजगी और स्वाद आता है। स्वाद इंडियन बिस्ट्रो पारंपरिक भारतीय रेसिपीज़ को नए और हेल्दी ट्विस्ट के साथ पेश करता है, जिससे भोजन न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि लौ कैलोरी और सेहतमंद भी बनता है। वर्ल्ड-क्लास डाइनिंग का अनुभव लेना हो, तो स्वाद इंडियन बिस्ट्रो SWAD INDIAN BISTRO एक बेहतरीन जगह है।
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजनेचा राज्यस्तरीय कार्यक्रम १७ ऑगस्टला पुण्यात होणार.
मागील वर्षीच्या सोयाबीन आणि कापूस उत्पादक शेतकऱ्यांना दोन हेक्टर पर्यंत मदत देण्याचा राज्य सरकारचा निर्णय.
आणि
पॅरिस ऑलिम्पिक स्पर्धेचा आज समारोप, भारतातर्फे हॉकीपटू पी. आर. श्रीजेश आणि नेमबाज मनु भाकर यांना ध्वजवाहक होण्याचा मान.
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पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी आज नवी दिल्लीत अत्यंत सुपीक, हवामानाला अनुकूल आणि जैव संवर्धन करणाऱ्या ६५ पिकांच्या १०९ वाणांचं वाटप केलं. यात भरडधान्य, तेलबिया, कडधान्य, ऊस, कपाशी, तृणधान्य यांसह भाज्या, फळं, कंदमुळं, मसाले, औषधी वनस्पती, फुलं अशा विविध पिकांचा समावेश आहे. यावेळी पंतप्रधानांनी शेतकरी आणि शास्त्रज्ञांशी संवाद साधला. या वाणांमुळे शेती उत्पादनाचा खर्च कमी होऊन पर्यावरणावर सकारात्मक परिणाम होणार असल्याचं पंतप्रधानांनी सांगितलं. नैसर्गिक शेतीबाबत जनजागृती वाढवण्यासाठी तसंच शेतकऱ्यांना नवीन वाणांची माहिती देण्यासाठी कृषी विज्ञान केंद्रांनी सक्रिय भूमिका बजावली पाहिजे, असं पंतप्रधान यावेळी म्हणाले. लोक आता पोषक आहारावर भर देत असल्याचं सांगून भरड धान्याचं महत्त्व त्यांनी अधोरेखित केलं.
ही नवी वाणं खर्च कमी करणारी, तसंच पर्यावरणस्नेही असल्यानं अतिशय फायद्याची असल्याचं मत, केंद्रीय कृषीमंत्री शिवराज सिंह चौहान यांनी यावेळी व्यक्त केलं. शेतकऱ्यांनीही सेंद्रीय शेतीला प्रोत्साहन देण्यासाठी सरकारने उचललेल्या पावलांबद्दल, तसंच याबाबत जागरुकता निर्माण करण्यात कृषी विज्ञान केंद्रांनी बजावलेल्या भूमिकेबद्दल समाधान व्यक्त केलं.
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मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजनेचा राज्यस्तरीय कार्यक्रम १७ ऑगस्टला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्या उपस्थितीत पुण्यात होणार आहे. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आणि उपमुख्यमंत्री अजित पवार यावेळी उपस्थित असतील. १४ ऑगस्ट अखेरपर्यंत मंजूर होवून शासनास सादर झालेल्या महिलांच्या खात्यात योजनेचे पैसे जमा होणार आहेत. या कार्यक्रमाचं थेट प्रक्षेपण प्रत्येक जिल्ह्याच्या ठिकाणी होणार असून, प्रत्येक जिल्ह्यात पालकमंत्र्यांच्या उपस्थितीत महिला मेळावाही होणार आहे. यानंतर प्राप्त अर्जांची कार्यवाही पुढे चालू राहणार असून, योजना कायमस्वरूपी सुरु राहणार असल्याचं याबाबतच्या वृत्तात म्हटलं आहे.
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राज्य शासनानं मागील वर्षीच्या सोयाबीन आणि कापूस उत्पादक शेतकऱ्यांना प्रतिहेक्टरी पाच हजार रुपये प्रमाणे, दोन हेक्टर पर्यंत मदत देण्याचा निर्णय घेतला आहे. कृषीमंत्री धनंजय मुंडे यांनी ही माहिती दिली. गेल्या वर्षी खरीप हंगामात कापूस आणि सोयाबीनचे कमी दर मिळाल्यामुळे शेतकऱ्यांना झालेल्या आर्थिक नुकसानीवर उपाययोजना म्हणून हा निर्णय घेण्यात आला असून, ई-पीक पेऱ्यांची नोंदणी केलेल्या सर्व सोयाबीन आणि कापूस उत्पादक शेतकऱ्यांच्या खात्यांवर ही रक्कम जमा करण्यात येणार आहे. यासाठी शेतकऱ्यांनी वैयक्तिक संमतीपत्र किंवा सामूहिक नाहरकत प्रमाणपत्र तातडीने सादर करावे, असंही आवाहन मुंडे यांनी केलं आहे.
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अहमदनगर जिल्ह्यात राहाता कृषी उत्पन्न बाजार समितीत अत्याधुनिक कोल्ड स्टोरेजसाठी ११ कोटी रूपये मंजूर करण्यात येत असल्याची घोषणा राज्याचे पणन, अल्पसंख्याक विकासमंत्री अब्दुल सत्तार यांनी केली. साकुरी- राहाता कृषी उत्पन्न बाजार समितीच्या मुख्य आवारातल्या विविध विकासकामांचं भूमिपूजन आज सत्तार यांच्या हस्ते करण्यात आलं, त्यावेळी ते बोलत होते. याठिकाणी शेतकरी भवनासाठी दीड कोटी रुपये मंजूर करण्यात येतील, असंही त्यांनी सांगितलं.
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विरोधकांनी खोट्या, नकारात्मक बातम्या पसरवल्यामुळे लोकसभेच्या जागा कमी आल्या असल्याचं मत, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी व्यक्त केलं. ते आज अकोला इथं भाजपच्या जिल्हा विस्तारित कार्यकारणी बैठकीत बोलत होते. आपल्या जागा कमी आल्या असल्या तरी, आपला जनाधार कमी झालेला नाही असही ते म्हणाले. लाडकी बहीण योजनेसंदर्भातही विरोधी पक्षनेते खोटे बोलत असल्याचं सांगत, कार्यकर्त्यांनी लाडक्या बहिणीच्या संपर्कात राहून त्याचे लाडके भाऊ कोण आहेत हे दाखवून द्यायला पाहिजे असंही ते म्हणाले. शेतकऱ्यांना पुढच्या पाच वर्षांत मोफत वीज देण्याची तयारी करत असल्याचं फडणवीस यांनी सांगितलं.
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राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा - नीट पीजी २०२४ आज घेण्यात आली. नॅशनल मेडिकल सायन्सेस एक्झामिनेशन बोर्डने दोन वेगवेगळ्या वेळांमध्ये संगणकावर आधारित ही परीक्षा घेतली. या प्रवेश परीक्षेला दोन लाखांहून अधिक विद्यार्थी बसले होते. याआधी ही परीक्षा जून महिन्यात घेण���यात येणार होती मात्र स्पर्धा परीक्षांवर झालेल्या आरोपांमुळे एक दिवस आधी ही परीक्षा पुढे ढकलण्याचा निर्णय घेण्यात आला होता.
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हिंडेनबर्ग रिसर्चनं केलेल्या सर्व आरोपांचं सेबीच्या अध्यक्ष माधवी पुरी बुच आणि त्यांचे पती धवल बुच यांनी खंडन केलं आहे. यासंदर्भात एक निवेदन त्यांनी प्रसिद्ध केलं. कथित आर्थिक गैरव्यवहारात अदानी समूहानं वापरलेल्या ऑफशोअर निधीमध्ये सेबी अध्यक्ष आणि त्यांच्या पतीची भागिदारी असल्याचा आरोप हिंडेनबर्ग रिसर्चनं काल आपल्या संकेतस्थळावर प्रसिद्ध केलेल्या अहवालात केला आहे. मात्र हे आरोप निराधार आणि असत्य असल्याचं माधवी पुरी बुच यांनी म्हटलं आहे. आपले सर्व वित्तीय व्यवहार पारदर्शक असून सेबीकडेही याविषयी सर्व माहिती असल्याचं त्यांनी स्पष्ट केलं आहे.
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माजी परराष्ट्र मंत्री के. नटवर सिंह यांचं काल रात्री दिल्लीजवळच्या गुरुग्राममध्ये दीर्घ आजारानं निधन झालं. ते ९३ वर्षांचे होते. नटवर सिंह यांना १९८४ मध्ये पद्मभूषण पुरस्कारानं सन्मानित केलं होतं. त्यांनी अनेक पुस्तकंही लिहिली आहेत.
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पॅरिस ऑलिम्पिक स्पर्धेचा आज समारोप होत आहे. भारतीय वेळेनुसार रात्री साडेबारा वाजता हा सोहळा होईल. भारतातर्फे हॉकीपटू पी. आर. श्रीजेश आणि नेमबाज मनु भाकर या सोहळ्यात प्रमुख ध्वजवाहक असतील. या स्पर्धेत भारत एका रौप्य आणि पाच कांस्य पदकांसह ७१ व्या स्थानावर आहे. यामध्ये भालाफेकपटू निरज चोप्रा याने रौप्य पदक, पिस्तुल नेमबाजीत मनु भाकरने कास्यपदकं, सांघिक नेमबाजी प्रकारात सरबज्योत सिंग आणि मनु भाकर, कुस्तीमध्ये अमन सेहरावत, तर रायफल नेमबाजीत महाराष्ट्राच्या स्वप्निल कुसाळेनं आणि हॉकी संघानं मिळवलेल्या कास्य पदकांचा समावेश आहे.
चीन पहिल्या, अमेरिका दुसऱ्या तर ऑस्ट्रेलिया तिसऱ्या स्थानावर आहे. समारोपाच्या वेळी ऑलिम्पिक ज्योत समारंभपूर्वक शांत केली जाईल आणि पुढच्या, २०२८ ऑलिम्पिकच्या लॉस अँजेलिस व्यवस्थापन समितीकडे ऑलिम्पिकचा ध्वज सुपूर्द केला जाईल.
दरम्यान, भारतासाठी पहिलं वैयक्तिक सुवर्णपदक जिंकणाऱ्या नेमबाज अभिनव बिंद्रा यांना ऑलम्पिक ऑर्डर पुरस्कारानं सन्मानित करण्यात आलं.
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पनवेल महानगरपालिकेच्या वतीनं आज 'घरोघरी तिरंगा' या उपक्रमांतर्गत 'तिरंगा मॅरेथॉन' काढण्यात आली. महापालिका मुख्यालय ते वडाळे तलाव पर्यंत ही तिरंगा मॅरेथॉन घेण्यात आली. यात चारशेहून अधिक विद्यार्थी, नागरिक, महानगरपालिका अधिकारी, कर्मचारी, सुरक्षा विभाग आणि स्वच्छतादूत यांनी सहभाग घेतला.
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मुंबई जिल्हा एड्स नियंत्रण संस्थेमार्फत आज रेड रन मॅरेथॉन स्पर्धा घेण्यात आली. महाविद्यालयीन युवकांमध्ये जनजागृती करण्यासाठी ‘रन टु एन्ड एड्स’ या संकल्पनेअंतर्गत ही स्पर्धा घेण्यात आली. एड्स जनजागृतीच्या राष्ट्रीय कार्यक्रमांतर्गत गर्दीच्या ठिकाणी पथनाट्य, समाजमाध्यमे, बस थांबे, लोकल, रहिवासी संकुले याठिकाणी जाहिराती, एलईडी स्क्रीन, जिंगल यासारख्या संवाद माध्यमांचा वापर करण्यात येत आहे.
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सांग��ीत जिल्ह्यात विविध आपत्ती संदर्भात जनजागृती करण्यासाठी आज जिल्हा प्रशासन आणि मुंबईच्या चौरंग संस्थेच्या सहाय्यानं मॅरेथॉन स्पर्धा घेण्यात आली. विश्रामबाग इथल्या क्रांतिसिंह नाना पाटील चौक इथून या स्पर्धेला सुरूवात झाली. या स्पर्धेत विविध शाळा महाविद्यालयातील राष्ट्रीय छात्र सेनेचे विद्यार्थी, स्वयंसेवी संस्था, आयुषी हेल्पलाईन, रॉयल बोट क्लब सदस्य, एनडीआरएफचे जवान सहभागी झाले होते.
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केंद्र सरकारच्या सफाई अपनाओ, बिमारी भगाओ या अभियानांतर्गत नवी मुंबई महानगरपालिका क्षेत्रात पाणी तपासणीची विशेष मोहीम घेण्यात आली. आज तुर्भे इथल्या मलप्रक्रिया केंद्रातल्या प्रयोगशाळेत ही तपासणी करण्यात आली. यात वेगवेगळ्या ठिकाणाहून दोन हजारपेक्षा अधिक पाणी नमुने तपासण्यात आले. पाण्याची गुणवत्ता लक्षात घेऊन त्यानुसार आवश्यक सुधारणा करणं शक्य होत असल्याची माहिती अतिरिक्त शहर अभियंता अरविंद शिंदे यांनी दिली.
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बीड जिल्ह्यात परळी वैजनाथ जवळ मलकापूर शिवारात झालेल्या भीषण दुर्घटनेत २२ मेंढ्या, दोन गुरे आणि एका मेंढपाळाचा मृत्यू झाला. आज सकाळच्या सुमारास मधुकर सरवदे आणि मुंजा डोणे हे दोघे मेंढ्या चारण्यासाठी परळी-हैद्राबाद रेल्वे पटरीच्या कडेनं जात असताना समोरुन आलेल्या मालगाडीने जनावरांना चिरडले. दोन्ही बाजुने डोंगर असल्यामुळे जनावरांसह मेंढपाळ मुंजा डोणे यांचा या दुर्घटनेत मृत्यू झाला.
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आषाढी एकादशीचा सोहळा आटोपून संत श्री गजानन महाराजांची पालखी आज शेगावला पोहोचली. या पालखीनं तब्बल ६१ दिवसाचा पायी प्रवास केला. खामगावपासून शेगाव पर्यंत पायी चालणाऱ्या लाखो भक्त गणांच्या आरोग्य सुविधेसाठी लासुरा फाटा इथं वैद्यकीय सेवा आणि मदत कक्ष उभारण्यात आला होता. केंद्रीय आरोग्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव यांनी या कक्षेला भेट देऊन वारकऱ्यांशी संवाद साधला.
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यंदा झालेल्या मुसळधार पावसामुळे बीड जिल्हाच्या परळी तालुक्यातल्या नागापूर इथलं वाण धरण पूर्ण भरलं आहे. यामुळे परळी सह १५ गावांचा पाण्याचा प्रश्न मिटला आहे.
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, हम सभी चाहते हैं कि हमारी रसोई के काम आसान और तेज़ी से हों। इसके लिए हमें एक ऐसे उपकरण की आवश्यकता होती है जो न केवल काम को तेज़ बनाए, बल्कि समय और मेहनत की भी बचत करे। ऐसे में, ऑल-इन-वन जूसर मिक्सर ग्राइंडर आपके किचन के लिए एक आदर्श उपकरण है। केवल रु 1199 में उपलब्ध इस उत्पाद की असली कीमत रु 3299 है, जिससे यह एक शानदार डील बन जाता है। आइए, इस ब्लॉग में हम जानें कि यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर क्यों आपके किचन के लिए परफेक्ट साथी है।
1. ऑल-इन-वन फंक्शनलिटी: सब कुछ एक ही जगह
यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर एक ही उपकरण में तीन महत्वपूर्ण कार्य करता है - जूसिंग, मिक्सिंग और ग्राइंडिंग। इसका मतलब है कि आपको अपनी रसोई में अलग-अलग उपकरण रखने की ज़रूरत नहीं है। केवल इस एक उत्पाद से आप आसानी से फल और सब्जियों का जूस निकाल सकते हैं, मसालों और दालों को पीस सकते हैं, और विभिन्न सामग्री को मिक्स कर सकते हैं। इसकी यह मल्टी-फंक्शनलिटी इसे हर रसोई के लिए एक अनिवार्य उपकरण बनाती है।
2. शक्तिशाली मोटर: तेज और प्रभावी प्रदर्शन
इस जूसर मिक्सर ग्राइंडर में एक शक्तिशाली मोटर लगी होती है, जो इसे तेज़ी से काम करने में सक्षम बनाती है। इसकी मोटर इतनी मजबूत होती है कि यह बिना किसी कठिनाई के हार्ड सामग्री को भी आसानी से पीस सकता है। चाहे आप सूखे मसाले पीस रहे हों या जूस निकाल रहे हों, यह उपकरण हर बार बेहतरीन परिणाम देता है।
3. उच्च गुणवत्ता वाला मटेरियल: लंबे समय तक चलने वाला
यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर उच्च गुणवत्ता वाले मटेरियल से बना होता है, जो इसे टिकाऊ और लंबे समय तक चलने वाला बनाता है। इसके ब्लेड्स स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं, जो उन्हें जंग-रोधी और लंबे समय तक तेज बनाए रखते हैं। इसके अलावा, इसका जार भी मजबूत और टिकाऊ होता है, जो किसी भी प्रकार के टूटने या क्रैकिंग से बचाता है।
4. आसान उपयोग और सफाई: बिना किसी झंझट के
यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर उपयोग करने में बहुत ही आसान है। इसका डिज़ाइन यूजर-फ्रेंडली है, जिससे कोई भी इसे आसानी से ऑपरेट कर सकता है। इसके अलावा, इसकी सफाई भी बहुत आसान है। आप इसके पार्ट्स को अलग करके धो सकते हैं और इसे हर बार इस्तेमाल के बाद साफ-सुथरा रख सकते हैं। इसका जार और ब्लेड्स डिशवॉशर सेफ होते हैं, जिससे आप इन्हें बिना किसी चिंता के साफ कर सकते हैं।
5. स्टाइलिश और कॉम्पैक्ट डिज़ाइन: आपकी रसोई के लिए परफेक्ट
यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर न केवल कार्यक्षम है, बल्कि इसका डिज़ाइन भी बहुत ही स्टाइलिश और कॉम्पैक्ट है। इसका आकर्षक लुक आपकी रसोई की शोभा बढ़ा देता है। साथ ही, इसका कॉम्पैक्ट साइज इसे आसानी से कहीं भी स्टोर करने योग्य बनाता है। इससे आपकी रसोई में अतिरिक्त जगह नहीं घिरती और आप इसे आसानी से कहीं भी रख सकते हैं।
6. किफायती कीमत: उच्च गुणवत्ता, कम कीमत
इस ऑल-इन-वन जूसर मिक्सर ग्राइंडर की असली कीमत रु 3299 है, लेकिन वर्तमान में यह केवल रु 1199 में उपलब्ध है। इतनी कम कीमत में आपको एक उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद मिल रहा है, जो आपके सभी किचन के कार्यों को आसान बना देगा। यह डील वास्तव में आपके पैसे की पूरी कीमत वसूल करती है, और यह एक ऐसा अवसर है जिसे आप छोड़ना नहीं चाहेंगे।
7. विविधता और बहुमुखी उपयोग: हर रेसिपी के लिए उपयुक्त
इस जूसर मिक्सर ग्राइंडर के साथ, आप विभिन्न प्रकार की रेसिपी बना सकते हैं। चाहे आपको ताज़ा फलों का जूस बनाना हो, या मसालों को पीसकर अपने खाने में फ्लेवर बढ़ाना हो, यह उपकरण हर काम में आपकी मदद करेगा। इसके अलावा, आप इसमें शेक्स, स्मूदीज, सॉस, और कई अन्य व्यंजन भी तैयार कर सकते हैं। यह एक बहुमुखी उपकरण है, जो आपकी रसोई की सभी जरूरतों को पूरा करता है।
8. उत्कृष्ट ग्राहक समीक्षाएं: विश्वसनीयता की गारंटी
यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर ग्राहकों के बीच बहुत लोकप्रिय है और इसे उपयोगकर्ताओं से उत्कृष्ट समीक्षाएं मिली हैं। इसकी कार्यक्षमता, टिकाऊपन और स्टाइल के लिए इसे बहुत सराहा गया है। ग्राहकों ने इसे एक विश्वसनीय और उपयोगी उपकरण बताया है, जो उनकी दैनिक किचन गतिविधियों को आसान बनाता है।
9. खरीदारी कैसे करें: केवल कुछ ही क्लिक में
अब बात करते हैं कि आप इस बेहतरीन जूसर मिक्सर ग्राइंडर को कैसे खरीद सकते हैं। यह उपकरण ऑनलाइन उपलब्ध है और आप इसे कुछ ही क्लिक में अपने घर मंगवा सकते हैं। इस शानदार ऑफर का लाभ उठाने के लिए जल्दी करें, क्योंकि यह ऑफर सीमित समय के लिए है। आपको इसे ऑर्डर करने के लिए किसी भी प्रकार की लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
निष्कर्ष: क्यों यह जूसर मिक्सर ग्राइंडर है आपके किचन के लिए बेस्ट चॉइस
अगर आप एक ऐसे उपकरण की तलाश में हैं जो आपकी रसोई के कामों को तेज़, आसान और कुशल बनाए, तो ऑल-इन-वन जूसर मिक्सर ग्राइंडर आपके लिए एक परफेक्ट चॉइस है। केवल रु 1199 में, आपको एक उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद मिल रहा है, जो आपकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इसे आज ही खरीदें और अपनी रसोई को आधुनिक और स्मार्ट बनाएं।