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#मर्द को दर्द नहीं होता
sonikasmeer · 4 months
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सम्भोग जीवन का सत्य हैं ?
एक औरत कितनी प्यासी कितनी कामवासनाओं से भरी है एक औरत अपने मन के अश्लील और कामुक विचार को
सिर्फ बिस्तर पर किसी मर्द की बाहों में लिपट कर अपनी अदाओं से व्यक्त करती है
जो मर्द उसकी इन अदाओ को समझ जाता है सिर्फ वही मर्द चरमसुख पाने का हकदार होता हैं
तुम कामुक लगती सुंदर सी यौवन आकर्षण करते हैं कामुक सी कोई हूर लगे देखें तो जलते रहते हैं
मेरी इतनी सी कसक मेरे पावन मन में अभी बाकी है मुझे सपने आते रातों में संभोग को तडपते हैं
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता हैं रोता है दिल जब वो पास नहीं होताहै
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता हैं
वासना उम्र नही देखती,चेहरा बता देता है प्यास कितनी है
वैसे बड़ी उम्र की स्त्रियां उनका शरीर बहुत चंचल और कामुक होती है
बड़ी उम्र की औरते छोटी उम्र के मर्दों को आनंद देना और लेना दोनो जानती है
भरा हुआ बदन बता देता है कि इमारत अभी मजबूत है
यह जिस्म लगे सुलगे शोला चिंगारी किसने भडकाई बस सहलाने की आदत है ठंडी चलती जब पुरवाई
हर तरफ़ फिजाओं में महके खुशबू गोरे गोरे तन की गली सडक बाजारें और जन मानस भी महकते हैंबहुत खूबसूरत है तेरे इन्तजार का आलम बेकरार सी आँखों में इश्क बेहिसाब लिए बैठे है
महिलाएं संभोग के दौरान उन पुरुषों को पंसद नही करती है जो पुरुष उन्की तुलना
किसी दूसरी महिलाओं से करते है महिलाएं सिर्फ अपनी तारीफ करने वाले को पंसद करती है
जंग में कागज़ी अफ़रात से क्या होता है हिम्मतें लड़ती हैं तादाद से क्या होता है
आपके होठों को चूमने का आदमी करता है आपके साथ जिंदगी जीने का मन करता है
आपके जैसा हजारो होंगे इस दुनिया में लेकिन रात आपके साथ गुज़रने का मन करता है
प्यार की परीक्षा कहाँ होती है खुशी एक छोटा सा स्पर्श है!
कुछ पल तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ बाकी बल कहा किया गया है ...
क्या आपको किसी से बेइंतहा प्यार है इनमें से थोड़ा सा बाजार में बिक जाता है!
भले ही आप दे सकते हैं और अगर आप दे नहीं सकते तो भी मुझे जो एहसास है,
क्या मैं अपने सामने पैदा हो सकता हूँ मेरे पास खुशी नहीं है अब मेरे पास कोई है,
पहले जैसा प्यार अब कहा किया जाता है सुख हो या दुख हाथ से छू रहा है
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shayarikitab · 3 months
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Best 80+ Alone Sad Shayari in Hindi | अकेलापन शायरी
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आपके अकेलेपन को कम करने के लिए, हम हिंदी में Alone Sad shayari in Hindi पेश करते हैं। अक्सर, जब हम खुद को अकेला पाते हैं, तो हमें वास्तव में एहसास होता है कि कौन हमसे प्यार करता है और किसने हमें धोखा दिया है। लेकिन अकेलापन केवल दिल के दर्द तक सीमित नहीं है; ऐसे कई कारण हैं जिनसे कोई अकेला महसूस कर सकता है।. चाहे आप परिवार से दूर रहने वाले युवा वयस्क हों, प्रियजनों से दूर पढ़ाई करने वाले छात्र हों, या दोस्तों या किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति से अलग हुए हों, हमारी Alone Sad shayari in Hindi आराम और जुड़ाव की भावना प्रदान कर सकती है। एक मजबूत, सहानुभूतिपूर्ण दर्शक बनाने के लिए इन गहरी भावनाओं को छूने वाली शायरियों को अपने Social Media पर साझा करें। हमारी Shayari गहरे शब्दों से गढ़ी गई हैं, इसलिए अपना समय लें और उन्हें अपनी आत्मा से जुड़ने दें।.
Alone Sad Shayari Collection in Hindi अकेलापन शायरी हिंदी में
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बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो, उजड़े हुए लोगों के ठिकाने नहीं होते.!!!
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अगर वो सख्श एक बार मेरा हो जाता, मैं दुनियां की किताबो से हर्फ-ए-बेवफाई मिटा देता..!!!
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फुर्सत मिले तो उनका हाल भी पूछ लिया करो मोहतरमा, जिनके सीने में दिल की जगह तुम धड़कते हो.!!!
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बात बस नजरिए की है, काफी अकेला हु या, अकेला काफी हु..!!!
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बहुत कुछ छोड़ा है तेरे भरोसे ए वक्त, बस तू दगाबाज ना निकलना..!!!
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किसी को मुफ्त में मिल गया वो सख्श, जो हर कीमत पर मुझे चाहिए था..!!!
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मन मेरा बेचैन सा है, ना जाने क्यों ये खुदसे ही खफा सा है..!!!
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अब नाराज नहीं होना है किसी से, बस नजर अंदाज करके जीना है..!!!
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भावनाएं मर चुकी हैं, मैने खुद उन्हे अपने हाथो से दफन किया है..!!!
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ज़िंदगी है जनाब, दुःख तो देगी ही..!!!
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कुछ दर्द बस दिल में ही रह जाते है, दुनियां को क्या पता हम क्या क्या सह जाते है..!!!
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भर जायेंगे ज़ख्म मेरे भी, तुम ज़माने से जिक्र मत करना, मैं ठीक हु दोबारा मेरी फिक्र मत करना..!!!
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तुम चुन सकते हो सफर नया, मेरा तो इश्क है मुझे इजाजत नहीं..!!!
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चुप रहना मेरी ताकत है कमजोरी नही, अकेले रहना मेरी आदत है मजबूरी नहीं..!!!
Feeling Alone Sad Shayari
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आज उसने एक दर्द दिया तो याद आया, हा हमने भी तो दुआओं में उसके सारे दर्द मांगे थे..!!!
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सुनो, अब सिर्फ दर्द है, डर नहीं तुम्हे खोने का..!!!
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हम तनहा ही सही पर तुम महफिल की शान बनो, अब किसी के दिल से मत खेलना, किसी एक की जान बनो..!!!
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जख्म वहीं से मिले, जहां से मरहम की उम्मीद थी..!!!
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मेरी आंखो से पूछ क्या है बेबसी, तेरे सिवा इन्हे कोई अच्छा नहीं लगता..!!!
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इस खामोशी में कितनी ताकत है, ये तुम्हे हमारा आने वाला वक्त बताएगा..!!!
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खुद का भी हाल देखने की फुर्सत नही मुझ, और वो औरों से बात करने का इल्जाम लगा रहे हैं..!!!
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वफादार और तुम, ख्याल अच्छा है, बेवफा और हम खैर इल्जाम अच्छा है..!!!
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यूं ही नहीं होती जनाजे में भीड़ साहब, हर इंसान चला जाने के बाद अच्छा लगता है..!!!
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मत किया कर इतनी उम्मीद ए दिल, दिल हर किसी की दुनिया अलग है..!!!
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घुटन बस भीड़ में ही नहीं होती, अपने घर में भी होने लगती है..!!!
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हमेशा याद रहेगा यह दौर हमको, क्या खूब तरसे जिंदगी में एक शक्श के लिए..!!!
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मंजिल मिलने पर सुनाएंगे सफर की दास्तान, क्या-क्या छिन गया हमसे यहां तक पहुंचते पहुंचते..!!!
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तुम्हारे बाद फिर कहां किसी की हसरत होगी, खामखा उम्र भर मोहब्बत से नफरत होगी..!!
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किसी के पास यकीन का इक्का हो तो बताना, हमारे तो सारे भरोसे के पत्ते जोकर निकले..!!!
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पल पल बदलते रिश्तों के साए देखे है, क्या तुमने अपनो से बहतर पराए देखे है..!!!
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दिल चाहे कितना भी तकलीफ में हो, तकलीफ देने वाला दिल में ही रहता है..!!!
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किरदार में मेरे भले ही अदाकारी नहीं है, खुद्दारी है, गुरूर है, पर मक्कारी नहीं है..!!!
Alone Sad Shayari For Boys
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बड़ी साजिश हुई होगी तुम्हें हमसे दूर करने के लिए, मलाल इस बात का है कि तुम भी उनकी बातों में आ गए..!!!
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जब भी तु मुझसे कुछ छीन लेता है मैं खुशी से नाच उठता हूं, की पूरी दुनिया में तुझे एक मैं ही अमीर मिला..!!!
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रहने दे मुझे इन अंधेरों में ए दोस्त, कम्बक्त उजाले में अपनो के असली चेहरे नहीं दिखाई देते..!!!
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मेरा लहजा ही मेरी पहचान है, वरना मेरे नाम के तो हजारों इंसान हैं..!!!
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ना कोई हमदर्द था, ना कोई दर्द था, फिर एक हमदर्द मिला उसी से सर दर्द मिला..!!!
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नजर ना आऊं इतना भी दूर ना करो मुझे, बदल ना जाऊं इतना भी मजबूर ना करो मुझे..!!!
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मुझे संभालने में इतनी एहतियात ना कर, बिखर ना जाऊं कहीं मैं तेरी हिफाजत में..!!!
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मर्द की कमियाबी के पीछे मां के सिवा कोई दूसरी औरत नहीं होती, क्योंकि दूसरी औरत हमेशा एक कामियाब मर्द ढूंढती है..!!!
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जिस जिसने मोहब्बत में अपने महबूब को खुद कर लिया, खुदा ने अपना वजूद बचाने के लिए उनको जुदा कर दिया.!!!
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जिसने तुझे मेरे हिस्��े से चुरा लिया, उसे कहना यूँ किसी का हक़ मारा करते.!!!
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पिछले जन्म में कौन सी खुशी दे दी थी मेरे मालिक, जिसकी कीमत इस जन्म में रो रोकर चुकानी पड़ रही है..!!!
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लोट आया हु फिर से अपनी ���सी कैद-ए-तन्हाई में, ले गया था कोई अपनी महफिलों का लालच दे के..!!!
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मिल सके आसानी से उसकी खुवाइश किसे है, जिद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं है..!!!
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मुद्दतो तो बाद हुआ था भरोसा किसी पर, फिर उसने साबित कर दिया कोई भरोसे के काबिल नहीं है..!!!
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कभी मिल सको तो बेवजह मिलना, वजह से मिलने वाले तो ना जाने हर रोज कितने मिलते है..!!!
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शौक से निकालिए ऐब मेरे किरदार में, आप नहीं होंगे तो मुझे तर्शायेगा कौन..!!!
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मौत देखते ही रह गई, जिंदगी ने ही मुझे मार डाला..!!!
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तेरी बातों में जिक्र उसका मेरी बातों में जिक्र तेरा, अजब इश्क है अपना ना तू मेरी ना वो तेरा..!!!
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काश कभी उन्हें फुर्सत में ख्याल आए, की कोई उन्हें याद करता है जिंदगी समझ कर..!!!
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मसाला यह नहीं कि तुम मिल नहीं पाओगे, दर्द ये है के हम भूल नहीं पाएंगे.!!!
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अगर आप अच्छे हैं और आपके साथ अच्छा ही हो, तो दोस्त ये सिर्फ एक कहावत है..!!!
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खुद ही उठाना पड़ता है थका हुआ बदन अपना, जब तक ये सांसे चलती है कोई कंधा नहीं देता..!!!
Alone Sad Shayari For Boys
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जब तुम कहोगे तब हम मिलेंगे बस एक शर्त है, मैं घड़ी तुम पहनोगे ना वक्त हम देखेंगे..!!!
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इश्क में मेरा इस कदर तो टूटना लाजमी था यारो, कांच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी..!!!
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खुद में झांकने के लिए जिगर चाहिए स���हब, दूसरों को जलील करने में तो हर शख्स माहिर है..!!!
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वो तस्वीर लाखो रुपे मे बिक गई यारो, जिसमे रोटी को तरसा बच्चा उदास बैठा था..!!!
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इत्र से कपड़ो का महकना कोई बड़ी बात नही, मजा तो तब है जब खुशबू किरदार से आए..!!! Watch Alone Sad Shayari Video Read Also: Read the full article
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ashfaqqahmad · 1 year
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कहानी जंक्शन
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वस्तुतः "कहानी जंक्शन" एक कहानी संग्रह है, जहां अलग-अलग सात कहानियों को आकार दिया गया है। इस कहानी संग्रह में सभी सात कहानियां किसी न किसी सामाजिक मुद्दे से जुड़ी हैं और सभी अंधेरे और अवसाद की स्थिति से निकाल कर रोशनी की ओर ले जाती हैं और एक उम्मीद की किरण जगाती हैं। यह मुद्दे हमारे आसपास के है, हमारे जानने वालों के हैं, हमारे घरों के हैं। जब पढ़ेंगे तो हर कहानी से आपको कोई जानी-पहचानी सी गंध आयेगी।
संग्रह की पहली कहानी 'बाग़ी लड़कियां’ है, जो दो ऐसी लड़कियों के अपने संघर्ष की दास्तान है, जिन्हें अपने आसपास सदियों से पनपता आ रहा पुरुष वर्चस्ववाद स्वीकार नहीं था। जो किसी मर्द के साये से इतर अपना एक स्वतंत्र अस्तित्व, अपनी एक अलग पहचान गढ़ना चाहती थीं। अपने हर फैसले के पीछे उन्हें अपने ही लोगों का विरोध झेलना पड़ता है, लेकिन हर बाधा को पार करते वे आगे बढ़ती जाती हैं— मगर एक मकाम वह भी आता है, जहां सबकुछ अचीव कर लेने के बाद उन्हें अपने भविष्य को लेकर कोई ठोस निर्णय लेना था और वे फिर एक ऐसा निर्णय लेती हैं, जो उन्हें फिर सबके निशाने पर लाने वाला था।
दूसरी कहानी ‘अधूरी’ समाज में अपनी पहचान को लेकर जूझती एक लड़की की है, जिसमें एक अधूरापन मौजूद था और जिसकी वजह से वह एक सामान्य जीवन कभी नहीं जी पाती और उसे क़दम-क़दम पर उपेक्षा और तिरस्कार का सामना करना पड़ता है। उसे एक उम्मीद दिखती भी है तो एक ऐसे आवारा लड़के में, जो अपने शौक और अपनी हरकतों को लेकर न सिर्फ ज़माने भर में बदनाम था, बल्कि जिसका कोई भविष्य भी नहीं था— लेकिन उसे यक़ीन था कि दुनिया में वही एक ऐसा इंसान है जो उसकी कमी को लेकर कभी उससे नफरत नहीं करेगा, कभी उसका तिरस्कार नहीं करेगा।
संग्रह की तीसरी कहानी है ‘उजले जीवन की स्याह सांझ’… यह एलीट वर्ग के उस एकाकीपन को रेखांकित करती है, जिससे अक्सर स्टेटस के पीछे पगलाए छोटे शहरों के अमीर लोगों को जूझना पड़ता है, जब उनके बच्चे तो एक कामयाब ज़िंदगी जीते किसी मेट्रो सिटी या विदेश में सेटल हो जाते हैं और उनके हिस्से जीवन के संध्याकाल में एकाकीपन आता है। यह कहानी ऐसे ही एकाकीपन के अभिशाप को भोगते एक ऐसे इंसान की है, जो अपनी नियति को बदलने की ठान लेता है और बचे हुए निरर्थक जीवन को गौरवपूर्ण ढंग से खत्म करने के लिये एक अलग ही रास्ता अख्तियार करता है।
‘अंधेरे से उजाले की ओर’ इस संग्रह की चौथी कहानी है, जो अपनी अपंगता के चलते निराशा और अवसाद में घिरे और पल-पल ख़ुद को खत्म करते, एक शख़्स के अंदर आने वाले उस बदलाव को दरशाती है— जिसकी ज़िंदगी में, अपनी ज़रूरत के मद्देनज़र, एक झूठ के सहारे घुसपैठ करने वाली लड़की ने ऐसी हलचल मचाई थी कि उसे अपने नकारात्मक विचारों से निकल कर दुनिया को सकारात्मक ढंग से जीने के लिये एक सही रास्ता मिल गया था और सही मायने में वह अपनी अपंगता को स्वीकार करके उसके साथ खुशी-खुशी जीना सीख पाया था।
‘कनेक्शन’ इस संग्रह की पांचवी कहानी है… यह कनेक्शन है इंटरनेट के सहारे जुड़े दो अजनबियों के बीच का, जो अपनी-अपनी जगह एक खालीपन से भरी ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। वे उस ज़िंदगी को ठीक से स्वीकार नहीं कर पाते, उन्हें दस शिकायतें भी रहती हैं, लेकिन उनमें उसे बदलने का हौसला भी नहीं है, और वे बस ऐसे ही उसे जीते चले जाना चाहते हैं— लेकिन उनके बीच बने कनेक्शन से उन्हें अपने दर्द के साझा होने का अहसास होता है, एक दूसरे से थोड़ी प्रेरणा मिलती है उन्हें और ज़िंदगी में थोड़ा रस महसूस होता है। वे आखिर तक यह फिर भी तय नहीं कर पाते कि उनके इस जुड़ाव का भविष्य क्या है।
इस संग्रह की छठी कहानी है ‘मधुरिमा’, जो पचास साल की एक ऐसी औरत की कहानी है जिसने अपनी ज़िंदगी में बड़े दुख झेले थे, बड़ा संघर्ष किया था और हर मुश्किल से जूझते हुए अपनी सभी जिम्मेदारियां निभाने में कामयाब रही थी, लेकिन उन जिम्मेदारियों से मुक्त होने के बाद अब वह अपनी ज़िंदगी को फिर से जीना चाहती है, अपनी दबी हुई अधूरी इच्छाओं को पूरा करना चाहती है, उन सपनों को अमली जामा पहनाना चाहती है जो उसने कभी देखे थे, और इसके लिये वह अकेली ही घर से निकल खड़ी होती है।
संग्रह की सातवीं और आखिरी कहानी है ‘मज़हबी कुफ्र’… वस्तुतः यह रूपकों के सहारे कही गई कथा है, जिसके ज़रिये एक संदेश देने की कोशिश की गई है कि असल में धर्म क्या है, इसका सार क्या है, इसे किस तरह लेना चाहिये और एक इंसान के तौर पर कैसा आचरण होना चाहिये— जो धर्म के सकारात्मक पहलू को दुनिया के सामने रखे, न कि उसे दूसरों की नज़र में एक नकारात्मक विचारधारा के रूप में प्रस्तुत करे।
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shabdforwriting · 2 years
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स्त्री विमर्श by Bhavna Thaker
किताब के बारे में... इक्कीसवीं सदी में भी कुछ नारियों के लिए कुछ भी नहीं बदला। बेशक कुछ महिलाओं के जीवन में परिवर्तन आया है, पर आज भी कुछ मर्दों के दिमाग में पितृसत्तात्मक वाली सोच पल रही है, जिसका खामियाजा कुछ स्त्रियाँ भुगत रही है। मेरी यह किताब उन्हीं महिलाओं को समर्पित है। हर प्रताड़ित नारियों के एहसासों का आईना है मेरी हर एक रचना, जिसका प्रतिबिम्ब पाठकों के विचारों में झलकेगा। स्त्री कोई बुत नहीं जीती जागती एहसासों से लबालब भरी शख़्सियत है उसे भी दर्द महसूस होता है। हर स्त्री परिवार की बुनियाद होती है उसे ही मर्द क्यूँ गिराना चाहता है? ऐसी सोच वाले मर्दों को मेरी रचनाएँ कहती है की, "कोई तो इतिहास रचो" अपनी प्रिया का सुंदर स्वरुप देखना है अपनी आँखों में तो जैसे हो वैसे रहो, वफ़ादार साथी का साथ बनाता है स्त्री को सुंदर। उसके कदम से कदम मिलाओ चाँद की तरह चमकते उसकी राहों में रोशनी भरो, वो महसूस करेगी मानों आसमान में उड़ रही हो। उसकी सोच से अपनी सोच का मिलन रचो वो अपनी रूह निकालकर रख देगी तुम्हारी हथेलियों पर, उसकी बात को सही साबित होने दो उसके भीतर आत्मविश्वास खिल उठेगा। वह रिश्ते में शिद्दत से बंधी होती है उसके एहसास को सम्मानित करो, भीतर से खाली होते समर्पित हो जाएगी उसके स्पंदन पराग से नवपल्लवित हो जाएंगे। जब वो टूट चुकी हो ज़िंदगी की बाज़ी हारते उसे आगोश में लेकर अपना सबकुछ हारते प्यार दो सोहनी सोने सी निखर उठेगी। उसका हाथ थामें ले चलो झिलमिलाती नई दहलीज़ तक, प्रवाल सा मृदु उर है औरत का प्रीत की नमी का इंधन दो पनप उठेगी आपके आँगन में तुलसी सी ज़रा सा हक तो दो। बहुत हुआ स्त्री विमर्श का नाटक अब तो पटाक्षेप हो इस विषय का, कोई तो नारी के वजूद ��ा नया शृंगार करो सही स्थान देकर नया इतिहास रचो।
यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ!
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publicvocal · 2 years
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ARE WE REALLY "GENTLE" TOWARDS "OUR GENTLEMEN"?
“मर्द को दर्द नही होता” is a very common saying. These words are used even as a joke statement in a conversation between friends, family, and even in social groups. Meanwhile, ‘JUSTICE FOR MEN’ is a shocking and strange statement to them. So the question is why are these words like an alien (unknown)?
The answer to the question is, it is strange because of the society's deeply rooted forced beliefs like.
“मर्द को दर्द नही होता”
“अरे वो मर्द है”
“लड़के रोते नहीं”
And many more statements which are part of men’s life as they are reminded frequently that they are male.
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telnews-in · 2 years
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मोनिका, ओ माई डार्लिंग ट्रेलर: राजकुमार राव ने नेटफ्लिक्स मूवी में परफेक्ट मर्डर की योजना बनाई
मोनिका, ओ माई डार्लिंग ट्रेलर: राजकुमार राव ने नेटफ्लिक्स मूवी में परफेक्ट मर्डर की योजना बनाई
मोनिका, ओ माई डार्लिंग का ट्रेलर आखिरकार आ गया है। पिछले महीने आयोजित एक ऑनलाइन-केवल टुडम कार्यक्रम के दौरान एक संगीत वीडियो छोड़ने के बाद, नेटफ्लिक्स ने अब राजकुमार राव, हुमा कुरैशी और राधिका आप्टे अभिनीत अपनी आगामी कॉमेडी व्होडनिट का ट्रेलर जारी किया है। वासन बाला – मर्द को दर्द नहीं होता पर लेखक-निर्देशक और बॉम्बे वेलवेट पर सह-लेखक – योगेश चांडेकर द्वारा लिखी गई एक स्क्रिप्ट से ब्लैक कॉमेडी का…
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newsaryavart · 4 years
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जब राधिका मदान 14 दिन के सेल्फ क्��ारेंटाइन ’वनवास 'से हुईं आजाद, माँ ने ऐसे किया स्वागत - जब राधिका मदान 14-दिन के स्व-संगरोध से स्वतंत्र थी तो उनकी माँ ने स्वागत किया। बॉलीवुड - समाचार हिंदी में
जब राधिका मदान 14 दिन के सेल्फ क्वारेंटाइन ’वनवास ‘से हुईं आजाद, माँ ने ऐसे किया स्वागत – जब राधिका मदान 14-दिन के स्व-संगरोध से स्वतंत्र थी तो उनकी माँ ने स्वागत किया। बॉलीवुड – समाचार हिंदी में
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14 दिन के वनवास के बाद बेटी से मिलने पर मां ने ऐसा किया। घर पर सेल्फ आइसोलेशन में 14 दिन का ‘वनवास’ ठहराने के बाद राधिका मदन (राधिका मदन) अपनी मां से मिलीं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर मां के साथ अपनी…
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trendingnewsstuff · 2 years
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जानिए किस देश में पत्नी का जन्मदिन भूलने पर पति को हो जाती है जेल
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दुनिया में हर मर्द की एक ही दवा है वो है औरत। लेकिन जब औरत दर्द देती है तो उसकी भरपाई को दवा, कोई दुआ नहीं कर पाती है। शादीशुदा मर्द इस बात से ताल्लुक रखते होंगे कि पत्नियों को छोटी-छोटी चीज़ों को याद रखने का कितना शौक होता है। अधिकतर महिलाएं अपने पतियों ��े भी यही उम्मीद करती हैं कि वे भी उनसे जुड़ी हर वो छोटी चीज़ को याद रखें। हालांकि, रोजाना की चिकल्लस में उलझकर पुरुष इन सब बातों को भूल जाते हैं और पत्नी की इन छोटी-छोटी बातों को दरकिनार कर देते हैं। कई बार तो मर्द अपने काम में इतना मशरुफ हो जाते हैं कि उन्हें अपनी पत्नी का जन्मदिन तक याद नहीं रहता।
भारत में पत्नी का बर्थडे भूलने पर संविधान के हिसाब से तो कोई सज़ा नहीं है लेकिन घर की मालकिन द्वारा लागू किए गए कानून के हिसाब से यह सबसे बड़ा गुनाह माना जाता है। इस गुनाह-ए-अज़ीम के लिए पति को कड़ी सज़ा दी जाती है जैसे कि कई दिनों तक पत्नियां बात नहीं करती हैं। कई बार घर में सबके लिए खाना बनता है लेकिन उसके लिए नहीं।
लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां सज़ा घर पर नहीं पुलिस स्टेशन में मिलती है। जी हां, पत्नी का जन्मदिन भूलना कितना बड़ा गुनाह हो सकता है इस बात का अंदाज़ा आपको आगे लगेगा।
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दरअसल, प्रशांत महासागर के पॉलिनेशियन क्षेत्र के समोआ देश अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस आइलैंड पर पतियों की छोटी सी गलती पर उन्हें जेल भेज दिया जाता है। इस देश के कानून के मुताबिक, अगर कोई पति गलती से अपनी पत्नी का जन्मदिन भूल गया, तो यह एक बड़ा अपराध माना जाता है। इसके बाद पत्नी अगर शिकायत करती है तो पति को जेल जाना पड़ सकता है।
जानकारी के मुताबिक, अगर पति अपनी पत्नी का जन्मदिन पहली बार भूलता है तो उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है। हालांकि, दूसरी बार करने पर उसे जेल भेज दिया जाता है।
गौरतलब है, मनोविज्ञान के मुताबिक महिलाओं को छोटी-छोटी बातों में खुशियां ढूंढ़ने की आदत होती है। उन्हें अपने जीवनसाथी से बहुत सारी उम्मीदे होती हैं। वे हमेशा चाहती हैं कि उनका जीवनसाथी उन्हें स्पेशल फील कराए। यही कारण है कि वे अपना सबसे खास दिन भूलने पर नाराज़ हो जाती हैं।
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divyabhashkar · 3 years
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Vasan Bala Corona Positive - फिल्ममेकर वसन बाला कोरोना पॉजिटिव, मिथिला पालकर ने आइसोलेशन में रहते हुए काटा बर्थडे केक – News18 हिंदी
Vasan Bala Corona Positive – फिल्ममेकर वसन बाला कोरोना पॉजिटिव, मिथिला पालकर ने आइसोलेशन में रहते हुए काटा बर्थडे केक – News18 हिंदी
मिथिला पालकर, कीर्ति सुरेश और दिग्गज सिंगर लता मंगेशकर जैसी कई सेलेब्स कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. अब फिल्ममेकर वसन बाला (Vasan Bala Coron Positve) की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. पिछले साल रिलीज हुई ‘रे’ को उन्होंने ही डायरेक्ट किया था. उन्होंने अपनी इंस्टास्टोरी पर इसकी जानकारी दी है. वसन ने ‘आमिर’, ‘मर्द को दर्द नहीं होता’, ‘रमन राघव 2.0’ जैसी फिल्मों की कहानियां लिखी हैं. उन्होंने…
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tezlivenews · 3 years
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Yeh Mard Bechara Review: मर्दों की दुन‍िया की कड़वी घुट्टी, हंसाते-हंसाते प‍िला जाएगी ये फिल्‍म
Yeh Mard Bechara Review: मर्दों की दुन‍िया की कड़वी घुट्टी, हंसाते-हंसाते प‍िला जाएगी ये फिल्‍म
Yeh Mard Bechara review: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्‍चन (Amitabh Bachchan) ने अपनी फिल्‍म में एक लाइन कही थी, ‘मर्द को दर्द नहीं होता…’. यूं तो ये लाइन कुछ दशकों पहले ही कही गई है, लेकिन मर्दों के लिए समाज का ये नजरिया कई सदियों पुराना है. महिला और पुरुषों की इस दुन‍िया में हम जाने-अनजाने पुरुषों को इंसान से ज्‍यादा मर्द बनने की ट्रेन‍िंग देते रहे हैं और इस ‘मर्द’ बनने के लिए पुरुषों को बहुत…
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bollywoodpapa · 3 years
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अपने Clothes Wardrobe में बैठी नजर आई राधिका मदान, फोटो शेयर कर लिखा ये खास कैप्शन!
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अपने Clothes Wardrobe में बैठी नजर आई राधिका मदान, फोटो शेयर कर लिखा ये खास कैप्शन!
दोस्तों बॉलीवुड एक्ट्रेस राधिका मदान ने अब कुल 4 बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है, जिसमें पटाखा, मर्द को दर्द नहीं होता, अंग्रेजी मीडियम और हालिया फिल्म शिद्दत का नाम शामिल है। फिल्मों के साथ-साथ राधिका अपने आपको सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम पर भी खुद को बिजी रखती हैं। वह आए अपने इंस्टा पेज पर अपनी तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। वह इंस्टाग्राम के जरिए अपने फैंस के साथ हमेशा जुड़ी रहती हैं। यही वजह है कि राधिका के इंस्टा पर 30 लाख से ज्यादा लोग उन्हें फॉलो भी करते हैं।
वहीं, राधिका ने हाल ही में अपने इंस्टा पर कुछ नई तस्वीरें शेयर कीं, जिसमें वह अपने कपड़े की अलमारी में बैठी नजर आ रही हैं,लोगों को राधिका की ये तस्वीरें बेहद पसंद आ रही हैं, उससे भी ज्यादा फोटो के कैप्शन ने लोगों का ध्यान खिंचा है। राधिका ने अपनी इन तस्वीरों को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि वह अलमारी में फंस गई हैं।
राधिका द्वारा शेयर की गईं तस्वीरों को अब तक इंस्टा पर 3 लाख से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है। एक्ट्रेस की तस्वीरों पर कमेंट करते हुए उनके फैंस लिख रहे हैं कि उन्हें राधिका का slender look (पतला दिखना) काफी अच्छा लग रहा है। बता दें हाल ही में राधिका, विक्की कौशल के भाई सनी कौशल के साथ फिल्म ‘शिद्दत’ में नजर आई थीं। फिल्म ‘शिद्दत’ ओटीटी पर रिलीज की गई थी, जिसका कुछ खास असर दर्शकों पर देखने को नहीं मिला।
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abhay121996-blog · 3 years
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अभिषेक बच्चन को मिली अस्पताल से छुट्टी, जानिए अब कैसी है अभिनेता की तबीयत Divya Sandesh
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अभिषेक बच्चन को मिली अस्पताल से छुट्टी, जानिए अब कैसी है अभिनेता की तबीयत
नई दिल्ली। हाल ही में अभिनेता अभिषेक बच्चन को लेकर एक खबर सामने आई थी कि उन्हें अपनी अपकमिंग फिल्म की शूटिंग के दौरान चोट लग गई थी, जिसके बाद उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। यह खबर सामने आने के बाद से अभिषेक बच्चन के फैंस उनके जल्द से जल्द स्वस्थ्य होने की प्रार्थना कर रहे थे। वहीं अब अभिषेक बच्चन को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। अभिषेक बच्चन को अब अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया के जरिये फैंस को दी है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी हेल्थ अपडेट भी फैंस के साथ साझा की है। 
यह खबर भी पढ़ें: इस मंदिर में लकवाग्रस्त मरीज 7 दिन में हो जाता हैं ठीक, जानिए कैसे?
अभिषेक बच्चन ने इंस्टाग्राम पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वह उनके दाएं हाथ पर फ्रैक्चर चढ़ा हुआ है। वहीं उन्होंने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए अभिषेक ने लिखा-‘बीते बुधवार को चेन्नई में मेरे साथ अपकमिंग फिल्म की शूटिंग के सेट पर एक अजीब दुर्घटना हुई थी, जिससे मेरे दाएं हाथ में फ्रैक्चर हो गया है। ऐसे में इसको ठीक करने के लिए सर्जरी की जरूरत हुई थी इसलिए तुंरत चेन्नई से मुंबई आ गया। सर्जरी हो गई, सभी पैच-अप और कास्ट खत्म हो गया और अब काम करने के लिए वापस चेन्नई लौटने के लिए तैयार हूं। जैसा कि वह कहते हैं न… शो चलते रहना चाहिए! और जैसा कि मेरे पिता ने कहा… मर्द को दर्द नहीं होता! ठीक है, थोड़ा दर्द हुआ। धन्यवाद आप सब की शुभकामनाओं के लिए!’
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अभिषेक बच्चन के इस पोस्ट पर उनके तमाम चाहने वाले अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और इसके साथ फैंस अभिनेता को अपना ध्यान रखने की सलाह दे रहे हैं। वर्कफ़्रंट की बात करे तो अभिषेक बच्चन जल्द ही फिल्म बॉब बिस्वास और दसवीं में नजर आएंगे।
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telnews-in · 2 years
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भाग्यश्री के बेटे 'निकम्मा' ऐक्टर अभिमन्यु दासानी का छलका दर्द, कहा- मेरी मेहनत पर नेपोटिजम थोप दिया गया- Nikamma actor Abhimanyu Dassani opened up about nepotism
भाग्यश्री के बेटे ‘निकम्मा’ ऐक्टर अभिमन्यु दासानी का छलका दर्द, कहा- मेरी मेहनत पर नेपोटिजम थोप दिया गया- Nikamma actor Abhimanyu Dassani opened up about nepotism
‘मर्द को दर्द नहीं होता’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले अभिमन्यु दसानी को ‘मैंने प्यार किया’ फेम एक्ट्रेस भाग्यश्री के बेटे के रूप में जाना जाता है। उनके लिए स्टार किड के प्रोडक्शन और भाई-भतीजावाद जैसी बातें भी हुईं। हालांकि अभिमन्यु के अनुसार उन्हें कभी किसी का पुत्र होने का लाभ नहीं हुआ, बल्कि उन्हें कष्ट भोगना पड़ा। पढ़ें फिल्म ‘निकम्मा’ में नजर आए अभिमन्यु से ये खास इंटरव्यू कोई भी ‘बेकार’…
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parichaytimes · 3 years
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अभिषेक बच्चन सर्जरी कराने के बाद शूटिंग पर लौटे, कहा: मर्द को दर्द नहीं होता
अभिषेक बच्चन सर्जरी कराने के बाद शूटिंग पर लौटे, कहा: मर्द को दर्द नहीं होता
Image Source : INSTAGRAM: BACHCHAN अभिषेक बच्चन सर्जरी होते ही शूटिंग के लिए चेन्नई लौटे, कहा: मर्द को दर्द नहीं होता बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन हाल ही में एक शूटिंग के दौरान चोटिल हो गए थे। उनके हाथ में फ्रैक्चर हो गया था, जिसकी वजह से उन्हें मुंबई वापस आकर सर्जरी करानी पड़ी। अब सर्जरी कराने के बाद वो वापस चेन्नई लौट गए हैं और अपनी शूटिंग शुरू कर दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी फोटो शेयर…
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divyabhashkar · 3 years
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Yeh Mard Bechara Review film review Seema Pahwa Manukriti Pahwa noddv
Yeh Mard Bechara Review film review Seema Pahwa Manukriti Pahwa noddv
Yeh Mard Bechara review: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्‍चन (Amitabh Bachchan) ने अपनी फिल्‍म में एक लाइन कही थी, ‘मर्द को दर्द नहीं होता…’. यूं तो ये लाइन कुछ दशकों पहले ही कही गई है, लेकिन मर्दों के लिए समाज का ये नजरिया कई सदियों पुराना है. महिला और पुरुषों की इस दुन‍िया में हम जाने-अनजाने पुरुषों को इंसान से ज्‍यादा मर्द बनने की ट्रेन‍िंग देते रहे हैं और इस ‘मर्द’ बनने के लिए पुरुषों को बहुत…
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tezlivenews · 3 years
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अभिषेक बच्‍चन ने हाथ की सर्जरी के बाद फिर शुरू की शूटिंग, बोले- मर्द को दर्द नहीं होता.. थोड़ा तो होता है
अभिषेक बच्‍चन ने हाथ की सर्जरी के बाद फिर शुरू की शूटिंग, बोले- मर्द को दर्द नहीं होता.. थोड़ा तो होता है
अभिषेक बच्‍चन (Abhishek Bachchan) की सेहत की च‍िंता करने वाले फैंस के लिए खुशखबरी है. मुंबई में अपने हाथ की सर्जरी कराने के बाद एक्‍टर अब एक बार फिर से अपनी शूटिंग के लिए चेन्नई पहुंच गए हैं. अपनी इस तस्‍वीर में अभिषेक की बाजू पर प्‍लास्‍टर चढ़ा साफ नजर आ रहा है. हालांकि वह थम्‍स-अप भी करते हुए द‍िख रहे हैं. अपनी इस तस्‍वीर के साथ ही अभ‍िषेक ने एक लंबा-चौड़ा पोस्‍ट ल‍िखकर अपने एक्‍सीडेंट की कहानी…
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