#मत्स्य व्यवसाय
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deshbandhu · 10 days ago
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Kheti se Kaise Badha Sakate Hain Rojagaar ke Avasar?
खेती भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। देश की अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जहाँ कृषि ही मुख्य आजीविका का साधन है। पिछले कुछ दशकों में खेती और इससे जुड़े क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उभरकर सामने आए हैं। खासकर कोविड-19 महामारी के बाद, कई लोग अपने गांव लौटे और खेती में रोजगार के विकल्प तलाशने लगे। इस लेख में, हम खेती में रोजगार के विभिन्न अवसरों पर विचार करेंगे और समझेंगे कि कैसे ये अवसर न केवल ग्रामीण विकास में योगदान दे सकते हैं, बल्कि युवाओं को भी आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
1. खेती से जुड़ी विविधता और रोजगार के अवसर
खेती का दायरा केवल फसल उगाने तक सीमित नहीं है। आज खेती में विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं, जो किसानों और युवाओं को एक स्थिर आय के साथ नए कौशल भी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती, फूलों की खेती, मत्स्य पालन, और बागवानी जैसे क्षेत्रों में रोजगार के कई विकल्प उभर रहे हैं। इन क्षेत्रों में शुरुआत करने के लिए तकनीकी जानकारी के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का भी सहयोग मिलता है, जो शुरुआती लागत को कम करने में मदद करते हैं।
2. कृषि प्रसंस्करण और खाद्य प्रसंस्करण
कृषि प्रसंस्करण और खाद्य प्रसंस्करण से रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। फसल के बाद की प्रक्रियाएं जैसे धान को चावल में बदलना, गेहूं से आटा बनाना, फल और सब्जियों का संरक्षण, और दूध से दुग्ध उत्पाद बनाना आदि कार्यों के लिए कारखानों की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही है। यह स्थानीय स्तर पर ही रोजगार सृजित करता है। किसान अब अपनी फसल बेचने की बजाय, प्रसंस्करण कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं और साथ ही क्षेत्र में रोजगार भी पैदा कर सकते हैं।
3. एग्रो-टेक्नोलॉजी और डिजिटल खेती
एग्रो-टेक्नोलॉजी का उभरना खेती में एक बड़ी क्रांति ला रहा है। स्मार्टफोन, ड्रोन्स, सैटेलाइट मैपिंग, और सेंसर जैसे उपकरणों का उपयोग करके अब खेती को अधिक सटीक और लाभकारी बनाया जा सकता है। इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें इस तकनीक में दक्षता दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। डिजिटल खेती में जैसे ही लोग शामिल होते हैं, कई रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
4. सरकार की योजनाएँ और रोजगार सृजन
भारत सरकार ने कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं, जैसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को नई तकनीकों से जोड़ना और उनके उत्पादन में वृद्धि करना है। साथ ही, इन योजनाओं के माध्यम से युवाओं को कृषि में रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। विशेष रूप से महिला किसान और छोटे किसानों को वित्तीय सहायता और अनुदान दिया जा रहा है, जिससे वे अपनी कृषि को नए स्तर पर ले जा सकते हैं और स्थायी रोजगार के अवसर बना सकते हैं।
5. डेयरी ��द्योग और पशुपालन में रोजगार के अवसर
खेती के साथ-साथ डेयरी और पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की अच्छी संभावनाएँ हैं। गाय, भैंस, बकरी, और मुर्गीपालन जैसे पशुपालन के व्यवसायों में निवेश कर, लोग एक स्थिर और अच्छा आय स्रोत बना सकते हैं। इसके अलावा, दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण, जैसे मक्खन, घी, पनीर आदि बनाने के कारखानों में भी रोजगार के अवसर मौजूद हैं। डेयरी उद्योग में रोजगार के साथ-साथ पोषण और आर्थिक सुरक्षा भी प्राप्त की जा सकती है।
6. कृषि-पर्यटन: एक नया पहलू
कृषि-पर्यटन, जिसे एग्रो-टूरिज्म भी कहा जाता है, खेती में रोजगार का एक अनूठा तरीका है। इसके तहत शहरी क्षेत्रों के लोग गांवों में आकर खेती के अनुभव का आनंद लेते हैं और ग्रामीण जीवनशैली को नज़दीक से देखते हैं। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होती है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होते हैं। स्थानीय हस्तशिल्प, भोजन, और खेती के उत्पादों की बिक्री से किसानों की आय में इजाफा होता है और रोजगार के नये अवसर भी उत्पन्न होते हैं।
7. मशरूम उत्पादन और बागवानी में अवसर
मशरूम उत्पादन एक तेजी से बढ़ता हुआ व्यवसाय है, जिसमें ज्यादा पूंजी की आवश्यकता नहीं होती और यह एक अच्छा रोजगार विकल्प भी है। इसके अलावा, बागवानी, जिसमें फल, सब्जियों और फूलों की खेती शामिल है, रोजगार के नए रास्ते खोल रही है। यह क्षेत्र उन लोगों के लिए अधिक उपयुक्त है, जो छोटी जगह में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं। सरकार भी मशरूम उत्पादन और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण और सब्सिडी उपलब्ध कराती है।
8. खेती में उद्यमिता का उदय
खेती में उद्यमिता का बढ़ता चलन आज के युवाओं के लिए एक आकर्षक अवसर बनता जा रहा है। वे खेती के पारंपरिक तरीकों से हटकर नई तकनीकों और व्यापार मॉडल का प्रयोग कर रहे हैं। कृषि उद्यमिता में युवाओं को अपने कृषि उत्पादों को बेचने के लिए नए रास्ते खोजने होते हैं। इसमें ऑनलाइन मार्केटिंग, वितरण चैनल, और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग कर मुनाफा कमाना भी शामिल है।
9. खेती में कौशल विकास और प्रशिक्षण
खेती में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। सरकार और गैर-सरकारी संगठन युवाओं को खेती से जुड़े विभिन्न कौशल जैसे जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, और बागवानी आदि में प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रम चला रहे हैं। इससे युवाओं में आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ती है और वे कृषि क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं।
10. रोजगार सृजन के लिए कृषि से संबद्ध क्षेत्रों का विकास
कृषि से जुड़े विभिन्न क्षेत्र जैसे कृषि यंत्र, उर्वरक उत्पादन, बीज उत्पादन और वितरण, कृषि परामर्श, और कृषि शिक्षण भी रोजगार के बड़े स्रोत हैं। इन क्षेत्रों में युवा इंजीनियर, वैज्ञानिक, और शिक्षाविद् एक नया करियर बना सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि तकनीकी और परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे किसानों को नए तरीकों के बारे में जानकारी मिलती है और युवा इन सेवाओं के माध्यम से रोजगार पा सकते हैं।
निष्कर्ष
खेती में रोजगार के अवसर एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत देते हैं। जहां एक ओर, यह क्षेत्र किसानों को नए तरीके अपनाने का मौका देता है, वहीं दूसरी ओर, युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करता है। खेती में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देकर न केवल ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो सकता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी एक मजबूत आधार मिल सकता है।
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kvksagroli · 3 months ago
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केंद्रीय कापूस संशोधन केंद्राच्या शास्त्रज्ञांची कृषी विज्ञान केंद्र सगरोळी येथे आढावा भेट संपन्न भारतीय कृषी अनुसंधान संस्था, नवी दिल्ली अंतर्गत केंद्रीय कापूस संशोधन संस्था, नागपूर येथील वरिष्ठ शास्त्रज्ञ डॉ. राहुल फुके यांनी 28 व 29 ऑगस्ट रोजी कृषी विज्ञान केंद्र सगरोळीला भेट दिली. या भेटीदरम्यान, डॉ. फुके यांनी कृषी विज्ञान केंद्राच्या विविध उपक्रमांची माहिती घेतली. कृषि विज्ञान केंद्राच्या माध्यमातून नांदेड जिल्ह्यातील आठ तालुक्यांमध्ये मागील बारा वर्षांपासून राबविण्यात येणाऱ्या विविध विस्तार कार्यक्रमांचा आढावा घेतला. केंद्रीय कृष���मंत्र्यांच्या आदेशानुसार, भारतातील सर्व कृषी विज्ञान केंद्रांचा आढावा घेण्याची सार्वत्रिक मोहीम सुरू आहे, त्याच अंतर्गत ही भेट झाली. डॉ. फुके यांनी कृषी विज्ञान केंद्राच्या विविध उपक्रमांना भेटी दिल्या, जसे की उद्यमीता लर्निंग सेंटर, उत्कर्ष, उद्यानविद्या रोपवाटिका, रेशीम उद्योग, सेंद्रिय भाजीपाला युनिट, बीज तंत्रज्ञान युनिट, कस्टम हायरिंग सेंटर, निंबोळी अर्क युनिट, पोल्ट्री युनिट, शेळी पालन युनिट, दुग्ध व्यवसाय युनिट, शेततळे, मत्स्य पालन इत्यादी. त्यांनी सर्व प्रक्षेत्रांची पाहणी करून शास्त्रज्ञांशी संवाद साधला. कृषी विज्ञान केंद्र सगरोळीच्या वरिष्ठ शास्त्रज्ञ व प्रमुख डॉ. माधुरी रेवनवार यांनी मागील तीन वर्षातील विविध विस्तार कार्यांचे सादरीकरण केले. दुसऱ्या दिवशी सकाळी शेतकऱ्यांच्या शेतावर जाऊन सघन कापूस लागवड व दादा लाड तंत्रज्ञान याबद्दल आयोजित कार्यशाळेत डॉ. फुके यांनी शेतकऱ्यांशी संवाद साधला आणि कापसाच्या उत्पादन वाढीसाठी आवश्यक तंत्रज्ञानाविषयी मार्गदर्शन केले. बेळकोणी येथील शेतकरी उत्पादक कंपनीद्वारे आयोजित कार्यक्रमासाठी कृषी विज्ञान केंद्राची टीम व डॉ. फुके उपस्थित होते.डॉ फुके यांनी शेतकरी उत्पादक कंपन्यांच्या विविध कार्यप्रणालींचा आढावा घेतला आणि त्यांना प्रोत्साहित केले. कार्यक्रमासाठी कृषी विभागाचे जिल्हा अधीक्षक कृषी अधिकारी व सर्व तालुका कृषी अधिकारी देखील उपस्थित होते. डॉ. फुके यांनी कृषी विज्ञान केंद्राच्या कार्यप्रणालीवर समाधान व्यक्त केले आणि शेतकऱ्यांच्या विकासासाठी सतत कार्यरत राहण्याची अपेक्षा व्यक्त केली. #केंद्रीयकापूससंशोधनसंस्था #कृषीविज्ञानकेंद्रसगरोळी #कापूससंशोधन #भारतीयकृषीअनुसंधानसंस्था #विस्तारकार्यक्रम #शेतकरीउत्पादककंपनी #CottonResearch #दादालाडतंत्रज्ञान #शेतकरी
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airnews-arngbad · 5 months ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 11 June 2024
Time 7.10 AM to 7.20 AM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिकबातम्या
दिनांक११जून२०२४सकाळी७.१०मि.
****
केंद्रीयमंत्रिमंडळाचंखातेवाटपजाहीर-ज्येष्ठमंत्र्यांकडेपूर्वीचीखातीकायम
रक्षाखडसेयांच्याकडेयुवकव्यवहारआणिक्रीडामंत्रालयतरमुरलीधरमोहोळयांच्याकडेसहकारआणिहवाईवाहतूकखात्याचीजबा��दारी
राष्ट्रवादीकाँग्रेसपक्षराष्ट्रीयलोकशाहीआघाडीचाअभिन्नभाग-अजितपवारयांचानिर्वाळा
आणि
परभणीतसंचलातूरजिल्ह्यातढगफुटीसदृश्यपाऊस
****
पंतप्रधाननरेंद्रमोदीयांच्यानेतृत्वाखालीलकेंद्रीयमंत्रिमंडळाचंखातेवाटपकालजाहीरकरण्यातआलं. नरेंद्रमोदीयांच्याअखत्यारितकार्मिक, लोकतक्रारआणिनिवृत्तीवेतन, अणुऊर्जाविभाग, अंतराळविभाग, धोरणनिर्मितीसंबंधीचेमुद्देआणिकोणत्याहीमंत्र्याकडेसोपवलानसलेलाविभागअसणारआहे. खातेवाटपाबाबत अधिक माहिती आमच्या प्रतिनिधीकडून...
‘‘राजनाथसिंह यांच्याकडे संरक्षण, अमित शाह यांच्याकडे गृह आणि सहकार, नितीन गडकरी यांच्याकडे रस्ते वाहतूक आणि महामार्ग, निर्मला सीतारामन यांच्याकडे अर्थमंत्रालय आणि कंपनी व्यवहार तर एस. जयशंकर यांच्याकडे परराष्ट्रव्यवहार मंत्रालयाची जबाबदारी पुन्हा सोपवण्यात आली आहे.
अश्विनी वैष्णव यांच्याकडे रेल्वेमंत्रालय कायम ठेवण्यात आलं असून, माहिती आणि प्रसारण तसंच माहिती तंत्रज्ञान मंत्रालयाचा कार्यभारही त्यांच्याकडे सोपवण्यात आला आहे. गेल्या मंत्रिमंडळात माहिती आणि प्रसारण राज्यमंत्री असलेले एल. मुरुगन यांच्याकडे हेच खातं ठेवण्यात आलं आहे.
पीयूष गोयल यांच्याकडे वाणिज्य आणि उद्योग तर धर्मेंद्र प्रधान यांच्याकडे शिक्षण मंत्रालय कायम ठेवण्यात आलं आहे. जगत प्रकाश नड्डा यांच्याकडे आरोग्य आणि कुटुंबकल्याण तसंच रसायनं आणि खत मंत्रालय ही दोन खाती देण्यात आली आहेत.
केंद्रीय मंत्रिमंडळात समावेश करण्यात आलेले मध्यप्रदेशचे माजी मुख्यमंत्री  शिवराजसिंह चौहान यांच्याकडे कृषी आणि ग्रामीण विकास, कर्नाटकचे माजी मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी यांच्याकडे अवजड उद्योग आणि पोलाद मंत्रालय, तर हरयाणाचे माजी मुख्यमंत्री मनोहरलाल यांच्याकडे गृहनिर्माण,नागरी व्यवहार आणि ऊर्जा मंत्रालयाचा कार्यभार देण्यात आला आहे. बिहारचे माजी मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी यांच्याकडे सूक्ष्म लघू आणि मध्यम उद्योग, तर आसामचे माजी मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल यांच्याकडे बंदरे-नौवहन आणि जलमार्ग  मंत्रालयाची जबाबदारी सोपवण्यात आली आहे.
पाच राज्यमंत्र��यांना स्वतंत्र पदभार देण्यात आला आहे. यात खासदार प्रतापराव जाधव यांचा समावेश आहे, त्यांच्याकडे आयुष मंत्रालयाचा स्वतंत्र पदभार तसंच आरोग्य आणि कुटुंबकल्याण राज्यमंत्रीपदाची जबाबदारी देण्यात आली आहे.
रामदास आठवले यांच्याकडे सामाजिक न्याय आणि सबलीकरण राज्यमंत्री म्हणून जबाबदारी कायम ठेवण्यात आली आहे. रावेर लोकसभा मतदारसंघातून सलग तिसऱ्यांदा खासदार झालेल्या रक्षा खडसे यांच्याकडे युवक व्यवहार आणि क्रीडा मंत्रालयाच्या राज्यमंत्रीपदाची जबाबदारी सोपवण्यात आली आहे. पुण्यातून प्रथमच खासदार झालेले मुरलीधर मोहोळ यांच्याकडे सहकार आणि हवाई वाहतूक मंत्रालयाच्या राज्यमंत्रीपदाची जबाबदारी देण्यात आली आहे. 
याशिवाय ज्योतिरादित्य शिंदे यांच्याकडे दूरसंचार आणि ईशान्य विकास
किरेन रिजीजू - संसदीय कामकाज, आणि अल्पसंख्याक विकास
राजीव रंजन सिंह - पंचायती राज तसंच मत्स्य-पशू संवर्धन आणि दुग्ध व्यवसाय
जुएल ओराम - आदिवासी कल्याण
चिराग पासवान- अन्न प्रक्रिया उद्योग
जी किशन रेड्डी- कोळसा आणि खनिकर्म
मनसुख मांडवीय - श्रम आणि रोजगार
भूपेंद्र यादव- पर्यावरण तर राम मोहन नायडू यांच्याकडे नागरी उड्डयन मंत्रालयाची जबाबदारी सोपवण्यात आली आहे.’’
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शेतकऱ्यांच्याकल्याणासाठीआपलंसरकारवचनबद्धआहे, अशीग्वाहीपंतप्रधाननरेंद्रमोदीयांनीदिलीआहे. कालपंतप्रधानपदाचाकार्यभारस्वीकारल्यानंतरतेबोलतहोते. प्रधानमंत्रीकिसानसन्मानयोजनेचा१७वाहप्तापंतप्रधानांनीकालजारीकेला. याअंतर्गत९कोटी३०लाखशेतकऱ्यांच्याबँकखात्यात२०हजारकोटीरुपयेनिधीथेटजमाहोणारआहे.
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पीएमआवासयोजनेअंतर्गतदेशभराततीनकोटीघरंउभारलीजाणारआहेत. केंद्रीयमंत्रिमंडळाच्याकालझालेल्यापहिल्याबैठकीतहानिर्णयघेण्यातआला. याघरांमध्येशौचालय, घरगुतीवापराचागॅस, वीजजोडणीतसंचनळजोडणीउपलब्धअसणारआहे. यायोजनेअंतर्गतदेशभरातगेल्यादहावर्षांतचारकोटी२१लाखघरांचीउभारणीकरण्यातआलीआहे.
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राष्ट्रवादीकाँग्रेसपक्षएनडीए-राष्ट्रीयलोकशाहीआघाडीचाअभिन्नभागअसल्याचानिर्वाळा, पक्षाचेराष्ट्रीयअध्यक्षअजितपवारयांनीदिलाआहे. राष्ट्रवादीकाँग्रेसपक्षाचा२५वावर्धापनदिनकार्यक्रमाततेबोलतहोते. केंद्रीयमंत्रीपदावरूनकाहीहीनाराजीनसल्याचंत्यांनीस्पष्टकेलं. स्वतंत्रप्रभाराच्याराज्यमंत्रिपदाचाप्रस्तावएनडीएकडूनमिळालाहोता, मात्रआपणतोसध्यानाका��त, एनडीएसोबतचकामकरतराहणारअसल्याचंपवारयांनीसांगितलं. राष्ट्रवादीकाँग्रेसपक्षस्थापनेसहपक्षविस्तारासाठीयोगदानदिलेल्यासर्वांप्रतीअजितपवारयांनीकृतज्ञताव्यक्तकेली.
दरम्यान, राष्ट्रवादीकाँग्रेसशरदचंद्रपवारपक्षाचेअध्यक्षशरदपवारयांच्याउपस्थितीतकालपुणेतसंचअहमदनगरइथंहीपक्षाच्यावर्धापनदिनानिमित्तकार्यक्रमपारपडले.
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मुंबईक्रिकेटअसोशिएनचेअध्यक्षअमोलकाळेयांचंअमेरिकेतन्यूयॉर्कइथेनिधनझालं. भारतपाकिस्तानसामनापाहातअसतानाकाळेयांनाहृदयविकाराचाझटकाआला. त्यांनातत्काळरुग्णालयातहलवण्यातआलं, मात्रत्यादरम्यानत्यांचंनिधनझालं.
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केंद्रीयमाध्यमिकशिक्षणमंडळ-सीबीएसईनेआपलाअभ्यासक्रमतसंचशैक्षणिकसाहित्याबद्दलप्रसारितहोणाऱ्याअफवांबाबतसावधराहण्याचंआवाहनविद्यार्थीतसंचपालकांनाकेलंआहे. यासंदर्भातमंडळाच्यासंकेतस्थळावरदिलीजाणाऱ्यासूचनांवरलक्षद्यावं, असंहीयाबाबतच्यावृत्तातम्हटलंआहे.
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वैद्यकीयअभ्यासक्रमाच्याप्रवेशासाठीघेण्यातआलेल्यानीटयापात्रतापरीक्षेत गैरप्रकार झाल्याचाआरोपकरत, या प्रकरणाची सर्वंकष चौकशी करण्याचीतसंच निकालाचं फेरमूल्यांकन करण्याची मागणी काँग्रेसचे प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले यांनी केली आहे.असे गैरप्रकार करणाऱ्यांविरोधात कठोर कारवाई करावी, असंही पटोले यांनीम्हटलंआहे.
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खरीपहंगामातशेतकऱ्यांनाआवश्यकप्रमाणातबियाणेआणिखतांचापुरवठातसंचप्रत्येकपात्रशेतकऱ्यालापीककर्जमिळण्याचीदक्षताघेण्याचेनिर्देशउपमुख्यमंत्रीअजितपवारयांनीसर्वविभागीयआयुक्तांनादिलेआहेत. तेकालयासंदर्भातल्याआढावाबैठकीतदूरदृश्यप्रणालीच्यामाध्यमातूनबोलतहोते. खते-बियाण्यांच्याअभावीकुठंहीपेरण्यांनाविलंबहोऊनये, याचीदक्षताघेण्याचीसूचनापवारयांनीकेली.
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यंदाच्याखरीपहंगामासाठीबॅंकांनीशेतकऱ्यांनापीककर्जनूतनीकरणाचंमहत्त्वपटवूनदेत, पीककर्जवितरणालाप्राधान्यद्यावं, असेनिर्देशछत्रपतीसंभाजीनगरचेजिल्हाधिकारीदिलीपस्वामीयांनीदिलेआहेत. जिल्ह्याच्यावार्षिकपतआराखड्याचंप्रकाशनकालस्वामीयांच्याहस्तेझालं, त्यावेळीतेबोलतहोते. जिल्ह्यातयंदाच्याआर्थिकवर्षासाठी२३हजार१६२कोटीरुपयांचापतआराखडामंजूरकरण्यातआलाआहे.
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मराठवाड्यातपरभणीतसंचलातूरजिल्ह्यातकालढगफुटीसदृश्यपाऊसझाला. मानवततालुक्यातमानोलीशिवारातझालेल्यायापावसानेओढ्यालापूरआला, त्यातदोनमहिलावाहूनगेल्या. यापैकीएकामहिलेलावाचवण्यातयशआलं, तरसुनितालव्��ाळेनावाच्यामहिलेचारात्रीउशीरापर्यंतशोधलागूशकलानाही.
लातूरशहरासहजिल्ह्यातजळकोट, उदगीर, चाकूर, अहमदपूरतालुक्यातकालमुसळधारपाऊसझाला.जळकोटतालुक्यातल्याअनेकभागातढगफुटीसदृश्यपाऊसझाला,परिणामीनदीशेतशिवारातपाणीसाचलंआहे. प्रशासनानेजिल्ह्यातीलनागरिकांनासतर्कराहण्याचंआवाहनकेलंआहे.
जालना जिल्ह्यातल्या घनसावंगी तालुक्यात काल सायंकाळी जोरदारपाऊसझाला. पहिल्याच पावसात पावसानं दमदार हजेरी लावल्यानं या भागात पाझर तलाव शंभर टक्के भरले आहेत. शेतांमध्ये सर्वत्र पाणी साचलंआहे.
छत्रपतीसंभाजीनगरजिल्ह्यातहीकालजोरदारपाऊसझाला.
दरम्यान, शहरालापाणीपुरवठाकरणारीमुख्यजलवाहिनीफुटल्यानं, जालाननगरभागातकाहीदुकानंतसंचघरांमध्येपाणीशिरुननुकसानझालं.
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मराठासमाजाच्यामागण्यामान्यकेल्यानाहीत,तरआगामीविधानसभानिवडणुकीचेनिकालअनपेक्षितलागतीलअसाइशारामराठाआरक्षणआंदोलनाचेनेतेमनोजजरांगेयांनीदिलाआहे. जालनाजिल्ह्यातआंतरवालीसराटीइथंउपोषणालाबसलेलेजरांगेकालवार्ताहरांशीबोलतहोते. मराठाआरक्षणालाविरोधकरणाऱ्यांनाविरोधकरु, तसंचविधानसभानिवडणुकीतसर्वजातीधर्माचे२८८उमेदवारउभेकरु, असंतेम्हणाले.
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छत्रपतीसंभाजीनगरइथंअखिलभारतीयब्राह्मणमहासंघाच्यावतीनंदहावीतसंचबारावीपरीक्षेतउत्तीर्णझालेल्यागुणवंतांचाकालगौरवकरण्यातआला. समर्थनगरइथल्याश्रीराममंदिरातकालदुपारीझालेल्यायाकार्यक्रमातसुमारेदीडशेविद्यार्थ्यांनामान्यवरांच्याहस्तेस्मृतिचिन्हदेऊनगौरवण्यातआलं.
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धाराशिवइथंशासकीयवैद्यकीयमहाविद्यालयाच्यानेत्रविभागाच्यावतीने१०जूनते१६जूनयाकालावधीतराष्ट्रीयअंधत्वनियंत्रणकार्यक्रमाअंतर्गतदृष्टीदिनसप्ताहराबवलाजातआहे. डॉ.रामचंद्रलक्ष्मणभालचंद्रयांच्यास्मृतीप्रित्यर्थअसलेल्यायासप्ताहालाकालपासूनप्रारंभझाला.
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news-34 · 8 months ago
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darshanpolicetime1 · 10 months ago
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स्वरयोगिनी डॉ. प्रभा अत्रे यांच्या निधनाने संगीत, कला क्षेत्राची मोठी हानी - सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार
मुंबई, दि. १३ : स्वरयोगिनी पद्मविभूषण डॉ. प्रभा अत्रे यांच्या निधनामुळे संगीत आणि कला क्षेत्राची मोठी हानी झाली आहे. प्रभाता�� यांच्या जाण्याने भारतीय संगीत क्षेत्रात निर्माण झालेली पोकळी कधीही भरून निघणारी नाही, अशा शब्दात वने, सांस्कृतिक कार्य व मत्स्य व्यवसाय मंत्री सुधीर मुनगंटीवार यांनी शोकसंवेदना व्यक्त केली आहे. ख्याल गायकीसोबत ठुमरी, दादरा, गझल, उपशास्त्रीय संगीत, नाट्यसंगीत, भजन, भावगीत…
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mhlivenews · 10 months ago
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स्वरयोगिनी डॉ. प्रभा अत्रे यांच्या निधनाने संगीत, कला क्षेत्राची मोठी हानी - सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार
मुंबई, दि. १३ : स्वरयोगिनी पद्मविभूषण डॉ. प्रभा अत्रे यांच्या निधनामुळे संगीत आणि कला क्षेत्राची मोठी हानी झाली आहे. प्रभाताई यांच्या जाण्याने भारतीय संगीत क्षेत्रात निर्माण झालेली पोकळी कधीही भरून निघणारी नाही, अशा शब्दात वने, सांस्कृतिक कार्य व मत्स्य व्यवसाय मंत्री सुधीर मुनगंटीवार यांनी शोकसंवेदना व्यक्त केली आहे. ख्याल गायकीसोबत ठुमरी, दादरा, गझल, उपशास्त्रीय संगीत, नाट्यसंगीत, भजन, भावगीत…
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ragbuveer · 1 year ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌺 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌺
🔔 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (त्रयोदशी तिथि)*🔔
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-25-न��म्बर-2023
वार:-------शनिवार
तिथि :-----13त्रयोदशी:-17:22
पक्ष:-------शुक्लपक्ष
माह:-------कार्तिक
नक्षत्र:------अश्विनी:-14:56
योग:--------वरियान:-27:53
करण:-------तैतिल:-17:22
चन्द्रमा:--------मेष
सुर्योदय:------07:08
सुर्यास्त:-------17:41
दिशा शूल--------पूर्व
निवारण उपाय:---उङद, वाह्वारंग का सेवन
ऋतु :-------------हेमन्त ऋतु
गुलिक काल:---07:08से 08:28
राहू काल:------09:48से11:08
अभीजित------11:50से12:34
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-08:28से09:48तक
चंचल:-12:28से13:48तक
लाभ:-13:48से15:08तक
अमृत:-15:08से16:28तक
🌓चोघङिया रात🌗
लाभ:-17:41से19:21तक
शुभ:-21:00से22:40तक
अमृत:-22:40से00:20तक
चंचल:-00:20से02:00तक
लाभ:-05:30से07:10तक
🌸आज के विशेष योग🌸
वर्ष का 248वाँ दिन, बैकुण्ठ चतुर्दशी उपवास, भरणी दीपम (दक्षिण भारत), दिवाकर चौथमल जयंती (जैन), रवियोग 14:56से, राधावल्लभ पाटोत्सव मत्स्य उत्सव (2,दिन) शनि प्रदोष,
🌺👉वास्तु टिपस 👈🌺
बैकुंठ चतुर्दशी के दिन दक्षिण- दिशा को साफ सुथरा रखे।
*सुविचार*
परिवर्तन संसार का नियम है जिसे तुम मृत्यु समझते हो वही तो जीवन है।🌷👍🏻 राधे राधे...
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*घुटनो का दर्द दूर करने के लिए उपचार-*
*मेथी के बीज -*
मेथी के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण पाया जाता है, जो घुटने के दर्द से छुटकारा दिलाने और सूजन के इलाज में मदद करता है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में दो चम्मच मेथी का बीज लीजिए तथा इसे पूरी रात तक भिगो दीजिए। सुबह इसे छानने के बाद पानी को पी लीजिए।
इसके अलावा आप भिगोए हुए मेथी के बीज को ब्लेंड कर लीजिए तथा पेस्ट बनाने के बाद इसे अपने घुटने पर लगाइए। आप इसे रोजाना कर सकते हैं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ��े, लो, आ)
नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। घर में व्यय होगा। किसी दुविधा से निर्णय लेने की क्षमता कम होगी। बुद्धि का प्रयोग करें। प्रमाद न करें। कोर्ट-कचहरी तथा सरकारी कार्यालयों में अटके काम पूरे हो सकते हैं तथा स्थिति सुधरेगी। आय में वृद्धि होगी। कारोबार लाभदायक रहेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
नौकरी में चैन रहेगा। किसी लंबे कारोबारी प्रवास की योजना बन सकती है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। कोई कारोबारी बड़ा सौदा हो सकता है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। प्रसन्नता रहेगी।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
नौकरी में कोई नया कार्य कर पाएंगे। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी मनोरंजक यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य में सफलता हासिल करेगा। अध्ययन आदि में एकाग्रता रहेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
दौड़धूप अधिक होगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कारोबार में लाभ होगा। आय होगी। धैर्य रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते काम बिगड़ सकते हैं।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
निवेश शुभ फल देंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जल्दबाजी न करें। प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा।
👩🏻‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
विवाद को बढ़ावा न दें। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी। उत्साह से काम कर पाएंगे। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। दूर से उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आय में वृद्धि होगी। कोई बड़ा रुका हुआ कार्य पूर्ण होने के योग हैं। कारोबार अच्‍छा चलेगा। उत्साह बना रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं।
🦂 *राशि फलादेश वृ��्चिक :-*
(तो, ना, नी, ��ू, ने, नो, या, यी, यू)
किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। कारोबार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। काम में मन लगेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। कारोबार अच्‍छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जीवन सु्‍खमय रहेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रभावशाली लोगों का सहयोग प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कार्यकारी नए काम मिल सकते हैं। योजना फलीभूत होगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेकार बातों पर ध्यान न दें। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। प्रमाद न करें। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। नौकरी में चैन रहेगा। विवाद से बचें। अध्यात्म में रुचि रहेगी। किसी संत-महात्मा का आशीर्वाद मिल सकता है।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। प्रमाद न करें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। नकारात्मकता रहेगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद से क्लेश हो सकता है।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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bharatlivenewsmedia · 1 year ago
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मालवणसह सिंधुदुर्गच्या समुद्रात बेकायदेशीर मासेमारी; मत्स्य व्यवसाय विभागाकडून गस्ती नौका तैनात
https://bharatlive.news/?p=151058 मालवणसह सिंधुदुर्गच्या समुद्रात बेकायदेशीर मासेमारी; मत्स्य व्यवसाय ...
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nandedlive · 1 year ago
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Maharashtra Cabinet Portfolio | ब्रेकिंग! अखेर खातेवाटप जाहीर; पाहा उपमुख्यमंत्री अजित पवारांसह कोणत्या मंत्र्याला मिळालं कोणतं खातं…
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Maharashtra Cabinet Portfolio | राज्य मंत्रिमंडळातील नवनियुक्त मंत्र्यांच्या खातेवाटपाबरोबरच सध्याच्या मंत्र्यांच्या खात्यांमध्ये देखील काही फेरबदल करून मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) यांनी आज खातेवाटप जाहीर केले आहे. राज्यपाल रमेश बैस यांनी मंजुरी दिल्यानंतर हे खातेवाटप (Maharashtra Cabinet Portfolio) जाहीर करण्यात आले आहे.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे यांच्याकडे सामान्य प्रशासन, नगर विकास, माहिती व तंत्रज्ञान, माहिती व जनसंपर्क, परिवहन, सामाजिक न्याय, पर्यावरण व वातावरणीय बदल, खनिकर्म आणि इतर कोणत्याही मंत्र्यांना वाटप न केलेले विभाग
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्याकडे गृह, विधी व न्याय, जलसंपदा व लाभक्षेत्र विकास, ऊर्जा, राजशिष्टाचार ही खाती असतील.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार
उपमुख्यमंत्री अजित पवार यांच्याकडे वित्त व नियोजन हे खाते राहील.
इतर 26 मंत्र्यांची खाती पुढीलप्रमाणे:
- छगन भुजबळ – अन्न व नागरी पुरवठा व ग्राहक संरक्षण - दिलीपराव दत्तात्रय वळसे-पाटील – सहकार •राधाकृष्ण विखे-पाटील – महसूल, पशुसंवर्धन आणि दुग्ध व्यवसाय विकास - सुधीर सच्चिदानंद मुनगंटीवार- वने, सांस्कृतिक कार्य, व मत्स्य व्यवसाय - हसन मियाँलाल मुश्रीफ – वैद्यकीय शिक्षण व विशेष सहाय्य - चंद्रकांतदादा बच्चू पाटील – उच्च व तंत्रशिक्षण, वस्त्रोद्योग आणि संसदीय कार्य - विजयकुमार कृष्णराव गावित- आदिवासी विकास - गिरीष दत्तात्रय महाजन- ग्राम विकास आणि पंचायत राज, पर्यटन - गुलाबराव पाटील- पाणीपुरवठा व स्वच्छता - दादाजी दगडू भुसे- सार्वजनिक बांधकाम (सार्वजनिक उपक्रम) - संजय दुलिचंद राठोड- मृद व जलसंधारण - धनंजय पंडितराव मुंडे – कृषि - सुरेशभाऊ दगडू खाडे- कामगार संदीपान आसाराम भुमरे- रोजगार हमी योजना व फलोत्पादन - उदय रविंद्र सामंत- उद्योग - प्रा.तानाजी जयवंत सावंत- सार्वजनिक आरोग्य व कुटुंब कल्याण - रवींद्र दत्तात्रय चव्हाण – सार्वजनिक बांधकाम (सार्वजनिक उपक्रम वगळून) - अब्दुल सत्तार- अल्पसंख्याक विकास व औकाफ, पणन - दीपक वसंतराव केसरकर- शालेय शिक्षण व मराठी भाषा - धर्मरावबाबा भगवंतराव आत्राम – अन्न व औषध प्रशास��� - अतुल मोरेश्वर सावे – गृहनिर्माण, इतर मागास व बहुजन कल्याण - शंभूराज शिवाजीराव देसाई- राज्य उत्पादन शुल्क - कु. अदिती सुनिल तटकरे – महिला व बालविकास - संजय बाबुराव बनसोडे – क्रीडा व युवक कल्याण, बंदरे - मंगलप्रभात लोढा- कौशल्य विकास, उद्योजकता व नाविन्यता - अनिल पाटील – मदत पुनर्वसन, आपत्ती व्यवस्थापन. Read the full article
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sharpbharat · 1 year ago
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jamshedpur success story - मत्स्य बीज उत्पादक किसान रविलाल भूइंया के सफलता की कहानी, मछली पालन कर बनाया करियर
जमशेदपुर : झारखंड सरकार के जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी आदमनी बढ़ाने के नए द्वार खोले हैं. साथ ही प्रशासन द्वारा भी मछली पालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है जिससे मछली पालन व्यवसाय से जुड़े किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है. इसी कड़ी में जिले के बोड़ाम प्रखंड के ग्राम पुनसा के रहने वाले लाभुक रविलाल भूईंया के लिए मछली बीज उत्पादन…
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deshbandhu · 2 months ago
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Khetee se Kamaen: Jaanen Kaise Milate Hain Rojagaar ke Nae Avasar
भारत एक कृषि प्रधान देश है, और सदियों से खेती यहां के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। हालांकि बदलते समय के साथ, लोग अन्य उद्योगों की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन खेती में रोजगार के अवसर आज भी अपार हैं। नई तकनीकों, नवाचारों और सरकारी योजनाओं के साथ, खेती में रोजगार के कई नए दरवाज़े खुल चुके हैं। आइए जानते हैं, खेती के क्षेत्र में कैसे रोजगार के नए अवसर प्राप्त किए जा सकते हैं और यह क्षेत्र क्यों आज भी एक स्थायी और लाभकारी करियर विकल्प है।
खेती में रोजगार के अवसर: एक व्यापक दृष्टिकोण
खेती केवल खाद्यान्न उत्पादन तक सीमित नहीं है। यह एक व्यापक उद्योग है जिसमें कृषि प्रबंधन, बागवानी, पशुपालन, डेयरी उद्योग, मछली पालन, और औषधीय पौधों की खेती जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी में रोजगार के ढेरों अवसर छिपे हुए हैं। आधुनिक तकनीक और बाजार की मांग ने खेती को सिर्फ परंपरागत खेती से आगे बढ़ाते हुए नए व्यवसायिक संभावनाओं के साथ जोड़ा है।
संगठित कृषि उद्योग
खेती अब सिर्फ छोटे किसानों तक सीमित नहीं है। बड़ी कंपनियां और कॉर्पोरेट संस्थाएं भी इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं। संगठित कृषि उद्योग के बढ़ने से रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि हुई है। खेती से जुड़े बड़े प्रोजेक���ट्स, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, एग्रीबिजनेस और एक्सपोर्ट कंपनियां युवाओं के लिए नए अवसर प्रदान कर रही हैं। इस उद्योग में कई तरह के विशेषज्ञों की मांग है, जैसे कृषि वैज्ञानिक, मैनेजमेंट विशेषज्ञ, मार्केटिंग प्रोफेशनल्स, और तकनीकी विशेषज्ञ।
ऑर्गेनिक खेती
आजकल ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। उपभोक्ता अब जैविक और स्वस्थ्य भोजन की ओर झुकाव दिखा रहे हैं। ऑर्गेनिक खेती का बाजार बढ़ने के साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार के कई नए अवसर उत्पन्न हुए हैं। ऑर्गेनिक फार्मिंग में बेहतर लाभ मिलने की संभावना अधिक होती है, और इससे जुड़ी मार्केटिंग, पैकेजिंग और वितरण सेवाओं में भी रोजगार के अवसर मिलते हैं। इसके लिए किसानों को उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, और कई संस्थान इसे मुफ्त में भी प्रदान कर रहे हैं।
खेती में तकनीकी नवाचार
खेती में तकनीकी नवाचारों का उपयोग बढ़ रहा है। स्मार्ट फार्मिंग, ड्रिप इरिगेशन, और ड्रोन जैसी नई तकनीकों ने खेती को एक अलग स्तर पर पहुंचा दिया है। इन तकनीकों के सही उपयोग के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होती है। ऐसे में कृषि तकनीकी विशेषज्ञ, आईटी प्रोफेशनल्स, और मशीनरी ऑपरेटर्स के लिए खेती में रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं। कृषि मशीनीकरण के ���ाथ, किसानों को खेती में अधिक उत्पादन और कम श्रम के साथ बेहतर परिणाम मिल रहे हैं।
डेयरी और पशुपालन
खेती के साथ-साथ पशुपालन और डेयरी उद्योग भी रोजगार के बेहतर विकल्प प्रदान करते हैं। डेयरी उद्योग में रोजगार के कई विकल्प हैं जैसे दूध उत्पादन, पैकेजिंग, और वितरण सेवाएं। इसके अलावा, पशुपालन में मवेशियों की देखभाल, आहार प्रबंधन, और पशु चिकित्सा सेवाओं से भी रोजगार मिलता है। आजकल आधुनिक डेयरी फार्म्स उन्नत तकनीकों के साथ चल रहे हैं, और इसके लिए विशेषज्ञता की जरूरत होती है।
कृषि आधारित उद्योग
खेती से जुड़े अन्य उद्योग भी रोजगार का एक बड़ा स्रोत हैं। कृषि आधारित उद्योग जैसे फूड प्रोसेसिंग, कृषि उपकरण निर्माण, उर्वरक उत्पादन, और कीटनाशक उद्योग में भी रोजगार के अनगिनत अवसर उपलब्ध हैं। ये उद्योग किसानों को सीधे रोजगार प्रदान करते हैं, साथ ही कृषि उत्पादों के बाजार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन उद्योगों में कृषि अभियंता, मैनेजर, और तकनीशियनों की मांग रहती है।
बागवानी और फूलों की खेती
बागवानी और फूलों की खेती भी एक लाभदायक व्यवसाय है, जिसमें रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। फल और सब्जियों की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश करने वालों के लिए सुनहरे मौके हैं। फूलों की खेती भी एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें निर्यात के लिए बड़े अवसर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही पौध नर्सरी, ग्रीनहा��स खेती, और लैंडस्केपिंग सेवाओं में भी रोजगार के कई अवसर होते हैं।
मछली पालन और मत्स्य पालन
मछली पालन और मत्स्य पालन भी खेती के क्षेत्र में उभरते हुए रोजगार के अवसर हैं। आजकल मत्स्य पालन के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनसे उत्पादन में वृद्धि हो रही है। मछली पालन में निवेश कम है और लाभ अधिक, जिससे यह एक आकर्षक व्यवसाय बनता जा रहा है। मत्स्य पालन के साथ जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ, प्रोसेसिंग यूनिट्स, और मार्केटिंग में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
सरकारी योजनाएं और समर्थन
भारत सरकार कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, और कृषि मशीनीकरण योजनाएं किसानों को आर्थिक मदद और संसाधन प्रदान करती हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर युवा किसान खेती में नए रोजगार के अवसर तलाश सकते हैं। इसके अलावा, सरकार की ओर से कृषि संबंधित प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जिससे युवाओं को खेती में रोजगार के लिए तैयार किया जा सके।
कृषि में स्टार्टअप्स
खेती में रोजगार के अवसर अब पारंपरिक तरीकों से हटकर स्टार्टअप्स की ओर भी बढ़ रहे हैं। आजकल कई युवा कृषि स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं, जो किसानों को तकनीकी सहायता, बाजार पहुंच, और वित्तीय मदद प्रदान कर रहे हैं। इन स्टार्टअप्स में नौकरी के कई अवसर होते हैं, जैसे डिजिटल मार्केटिंग, डेटा एनालिसिस, एग्रीटेक सॉल्यूशंस, और फाइनेंशियल प्लानिंग।
खेती में स्वरोजगार के अवसर
खेती में स्वरोजगार के भी असीमित अवसर हैं। अगर आपके पास जमीन है, तो आप खुद की खेती कर सकते हैं और अपने उत्पादों को सीधे बाजार में बेच सकते हैं। खेती में स्वरोजगार करने के लिए बहुत ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं होती, लेकिन इसके लिए सही तकनीक और बाजार की जानकारी आवश्यक होती है। छोटे किसान भी उन्नत तकनीकों और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
निष्कर्ष
खेती में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं, और यह क्षेत्र न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। नई तकनीक, सरकारी योजनाएं, और बदलते बाजार की मांगों ने खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना दिया है। चाहे आप किसान हों, कृषि वैज्ञानिक हों, या कृषि क्षेत्र में नौकरी की तलाश कर रहे हों, खेती में रोजगार के कई नए और उभरते हुए अवसर आपके लिए हैं। खेती में करियर बनाने का मतलब न केवल खुद को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि समाज और देश की समृद्धि में योगदान देना भी है।
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mdhulap · 2 years ago
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📣 *मत्स्यतळे योजना : मनरेगा आणि मत्स्य व्यवसाय विकास विभागाच्या योजनेचे अभिसरण करुन सुविधा संपन्न कुटुंब मिशन*
⚡ राज्यात मत्स्यशेतीला मनरेगाअंतर्गत अनुदान, मत्स्यतळे योजना राबविण्यास मंजुरी, पहा काय आहे योजना, काय लाभ मिळणार.👇
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airnews-arngbad · 10 months ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 25 January 2024
Time 18.10 to 18.20
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक – २५ जानेवारी २०२४ सायंकाळी ६.१०
****
प्रजासत्ताक दिनानिमित्त राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू आज राष्ट्राला संबोधित करणार
एक हजार १३२ जवानांना शौर्य आणि सेवा पदकं जाहीर
राज्यात मतदार दिवस विविध उपक्रमांनी साजरा
आणि
भारत आणि इंग्लंडदरम्यान पहिल्या कसोटी क्रिकेट सामन्याला सुरुवात, भारताच्या ��िवसअखेर एक बाद ११९ धावा
****
प्रजासत्ताक दिनानिमित्त राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू आज राष्ट्राला संबोधित करणार आहेत. सायंकाळी सात वाजता आकाशवाणीच्या ��र्व केंद्रांवरून प्रथम हिंदीत आणि त्यानंतर इंग्रजीत राष्ट्रपतींचं भाषण प्रसारित होईल. रात्री साडे नऊ वाजता राष्ट्रपतींच्या भाषणाचा मराठी अनुवाद प्रसारित केला जाणार आहे.
****
प्रजासत्ताक दिनानिमित्त पोलीस, अग्निशमन सेवा, गृहरक्षक आणि नागरी संरक्षण आणि सुधार सेवेतल्या एक हजार १३२ जवानांना शौर्य आणि सेवा पदकं जाहीर झाली आहेत.
विशिष्ट सेवेसाठी राष्ट्रपती पदक एकूण १०२ जणांना जाहीर झाले असून, त्यात महाराष्ट्रातल्या चार जणांचा समावेश आहे. अतिरिक्त पोलीस महासंचालक निकेत कौशिक, मीरा भाईंदर वसई विरारचे पोलीस आयुक्त मधुकर पांडे, विशेष पोलीस महानिरीक्षक दिलीप सावंत आणि पोलीस निरीक्षक मधुकर कड यांना हे पदक जाहीर झालं आहे.
महाराष्ट्रातल्या १८ पोलिस जवानांना शौर्य पदक जाहीर झालं आहे. यात नक्षलप्रभावीत जिल्ह्यात उल्लेखनीय कामगिरी केलेले अतिरिक्त पोलीस अधीक्षक सोमय मुंडे यांच्यासह, उपविभागीय पोलीस अधिकारी संकेत गोसावी यांचा समावेश आहे.
राज्यातल्या ४० पोलीस जवानांना उल्लेखनीय सेवेसाठी पदक जाहीर झालं आहे. यात कायदा आणि सुव्यवस्था विभागाचे सह पोलीस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी, तसंच नांदेड इथले दहशतवाद विरोधी पथकाचे प्रमुख वरिष्ठ पोलीस निरीक्षक माणिक बेदरे यांचा समावेश आहे.
जीवन रक्षा पदक राज्यातल्या तीन जणांना जाहीर झालं असून, यामध्ये आदीका पाटील, प्रियंका काळे, आणि सोनाली बालोडे यांचा समावेश आहे.
****
प्रजासत्ताक दिनाचा मुख्य सोहळा उद्या नवी दिल्लीत कर्तव्यपथावर होणार असून, देशाच्या विविधतेचं दर्शन याठिकाणी होणार आहे.
दरम्यान, या पथसंचलनात छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यातले, मध्यम प्रकल्प सहकारी संस्थेद्वारे मासेमारी करणारे तुकाराम आणि सीताबाई वानखेडे तसंच राधिका आणि रामकिसन वानखेडे या दोन दांपत्यास आमंत्रित करण्यात आलं आहे.
या सोहळ्यासाठी जालना जिल्ह्याच्या बदनापूर तालुक्यातल्या सोमठाना इथले मच्छिमार व्यवसाय करणाऱ्या मेंढरे दाम्पत्य, तसंच मानेगावच्या सरपंच अश्विनी ढेंगळे यांना देखील विशेष निमंत्रण मिळालं आहे. याबद्दल त्यांनी आपली प्रतिक्रिया व्यक्त केली.
अश्विनी ढेंगळे, सरपंच, मानेगाव, जि.जालना
शासनाने आम्हाला आमंत्रित केलेलं आहे दिल्लीला. परेड या कार्यक्रमासाठी बोलावलेलं आहे. हागणदारीमुक्त केलं. आणि पाण्याची सुविधा, पिण्याचे पाणी फिल्टर, धनवन प्रकल्प, अंडरग्राऊंड नाले झालेले आहेत आमच्या गावामध्ये. मी आणि माझे मिस्ट�� दोघं चाललेलं आहे.
रत्नाकर मेंढरे, सरपंच, मानेगाव, जि.जालना
प्रत्येक संस्थेमध्ये कमीत कमी ५०-६० सदस्य असे सभासद आहेत. त्यांच्या कुटुंबाचा जर विचार केला तर एक हजार परिवार याच्यात उपजिविका जगतात. आणि सर्व पारंपारिक मच्छिमार करणारे भोई समाज आणि विशेष म्हणजे जालना जिल्ह्यामध्ये एकूण ६७ मध्यम प्रकल्प आहेत. या ६७ मध्यम प्रकल्पात कमीत कमी दहा हजार कुटुंबांना रोजगार उपलब्ध होतो मत्स्य व्यवसायातून. आणि शासनाला मोठ्या प्रमाणात याचा महसूल जातो.
या पथसंचलनात जळगाव इथल्या मयूरी महाले या नववीच्या विद्यार्थीनीची सांस्कृतिक कार्यक्रमात नृत्य प्रकारात निवड झाली आहे.
छत्रपती संभाजीनगर इथं प्रजासत्ताक दिनाचं मुख्य शासकीय ध्वजारोहण पालकमंत्री संदिपान भुमरे यांच्या हस्ते होणार आहे.
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इंडीया आघाडी ही मुळात आघाडी होऊ शकत नाही, अशी टीका भाजप नेते उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी केली आहे. ते आज मुंबईत वार्ताहरांशी बोलत होते. या आघाडीमधले नेते कधीच एकत्र राहू शकत नाहीत, कारण जितके प्रादेशिक पक्ष आहेत त्या सर्वांचा त्यांच्या त्यांच्या राज्यात विरोध हा कॉंग्रेस पक्षाला असून, त्यांची स्पर्धा कॉंग्रेस पक्षासोबत असल्याचं फडणवीस म्हणाले.
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मराठा आरक्षण आंदोलनकर्ते मनोज जरांगे पाटील यांच्या मुंबईतल्या आझाद मैदानावरील आंदोलनासाठीची परवानगी मुंबई पोलिसांनी नाकारली आहे. आंदोलन करावं इतकी आझाद मैदानाची क्षमता नाही. त्याऐवजी जरांगे यांनी नवी मुंबईत खारघर इथल्या इंटरनॅशल कॉर्पोरेशन पार्क इथं आंदोलन करावं, असा पर्याय मुंबई पोलिसांनी नोटीसीद्वारे दिला आहे.
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राज्यात आज मतदार दिवस विविध उपक्रमांनी साजरा करण्यात आला. हिंगोली जिल्हा निवडणूक अधिकारी कार्यालय आणि मतदार नोंदणी अधिकारी यांच्या संयुक्त विद्यमाने शहरातल्या शिवाजी महाविद्यालयात राष्ट्रीय मतदार दिवस साजरा करण्यात आला.
परभणी नोंदणी अधिकारी कार्यालयाच्यावतीनं राष्ट्रीय मतदार दिन परभणीतल्या प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी क्रीडा संकुलात साजरा करण्यात आला. लोकसभा निवडणुकीत परभणीत ७० टक्के पेक्षा अधिक मतदान होईल असा संकल्प केला असून, नागरिकांनी मतदानाचा हक्क बजाव���्याचं आवाहन जिल्हाधिकारी रघुनाथ गावडे यांनी यावेळी केलं.
धाराशिव इथं राष्ट्रीय मतदार दिनानिमित्त जिल्ह्यातल्या दिव्यांग, तृतीयपंथीय मतदार, तसचं भटके विमुक्त समाजातल्या नव मतदारांचा जिल्हाधिकारी डॉ. सचिन ओंबासे यांच्या हस्ते सन्मान करण्यात आला. यावेळी शहरातून मतदार जनजागृती रॅली काढण्यात आली. नव मतदारां��ी मतदानाच्या हक्काप्रती जागरूक राहून भारताची लोकशाही मजबूत करण्यासाठी कोणत्याही आमिषाला बळी न पडता मतदान करण्याचं आवाहन जिल्हाधिकाऱ्यांनी यावेळी केलं.
लातूर इथं दयानंद महाविद्यालयात जिल्हाधिकारी वर्षा ठाकुर-घुगे यांच्या उपस्थितीत कार्यक्रम घेण्यात आला. लोकशाही प्रक्रियेत मतदान ही सर्वात महत्वाची प्रक्रिया असून, त्यात युवकांचा सहभाग असणं गरजेचं आहे, असं त्या म्हणाल्या. यावेळी उत्कृष्ट कार्य करणाऱ्या मतदान केंद्र स्तरीय अधिकारी, तांत्रिक अधिकार्यांचा गौरव करण्यात आला. तत्पूर्वी, मतदार दिनानिमित्त लातूर शहरात युवकांची मतदार जागृती रॅली काढण्यात आली.
धुळे इथं जिल्हाधिकारी तथा जिल्हा निवडणूक अधिकारी अभिनव गोयल यांच्या उपस्थितीत मतदार दिनाचा विशेष कार्यक्रम घेण्यात आला. लोकशाहीच्या बळकटीकरणासाठी आणि देशाच्या उज्ज्वल भविष्यासाठी प्रत्येक मतदाराने आपला मतदानाचा हक्क बजावणं आवश्यक असल्याचं गोयल यांनी म्हटलं आहे.
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भारत-इंग्लंड दरम्यानच्या पाच कसोटी क्रिकेट सामन्यांच्या मालिकेतल्या पहिल्या सामन्याला आज हैदराबाद इथं सुरुवात झाली. आजच्या पहिल्या दिवशी इंग्लंडनं नाणेफेक जिंकून प्रथम फलंदाजी करत सर्वबाद २४६ धावा केल्या. रविचंद्रन अश्विन आणि रविंद्र जडेजा यांनी प्रत्येकी तीन बळी टिपले. प्रत्युत्तरादाखल खेळताना भारताच्या पहिल्या दिवसअखेर एक बाद ११९ धावा झाल्या आहेत. भारत पहिल्या डावात अजूनही १२७ धावांनी पिछाडीवर आहे. यशस्वी जयस्वाल ७६ तर शुभमन गिल १४ धावांवर खेळत आहेत.
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ऑस्ट्रेलियन खुल्या टेनिस स्पर्धेमध्ये पुरुष दुहेरीत भारताचा रोहन बोपण्णा आणि त्याचा ऑस्ट्रेलियन जोडीदार मॅथ्यू एब्डेन यांनी अंतिम फेरीत धडक मारली आहे. उपांत्य फेरीत या जोडीनं चीन आणि चेक प्रजासत्ताकच्या जोडीचा, ६-३, ३-६, ७-६ असा पराभव केला.
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येत्या दोन ते चार फेब्रुवारी दरम्यान छत्रपती संभाजीनगर इथं होणाऱ्या वेरुळ - अजिंठा आंतरराष्ट्रीय महोत्सवात सोनेरी महल परिसरात सकाळी सहा ते रात्री १२ वाजेपर्यंत ध्वनिक्षेपक, ध्वनिवर्धक वापरास आवाजाची विहित मर्यादा राखून परवानगी देण्यात आली आहे. यासंबंधीचे आदेश प्रभारी जिल्हाधिकारी डॉ. अरविंद लोखंडे यांनी दिले आहेत.
दरम्यान, या महोत्सवानिमित्त छत्रपती संभाजीनगर या ऐतिहासिक शहराचं वैभव जाणून घेण्यासाठी इंटॅक संस्थेच्या सहकार्याने तीन हेरिटेज वॉक होणार आहेत. यातला दुसरा वॉक आज सकाळी पार पडला. इतिहास अभ्यासक संकेत कुलकर्णी यांनी उपस्थितांना शहराच्या विविध भागांची माहिती दिली.
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मराठा समाजाचं सामाजिक आणि शैक्षणिक मागासलेपण तपासणी सर्वेक्षण मराठवाड्यात सर्वत्र सुरु आहे. छत्रपती संभाजीनगर शहरात आतापर्यंत चोवीस हजार २०८ कुटुंबांचं सर्वेक्षण करण्यात आल्याचं, महानगरपालिकेनं कळवलं आहे.
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नांदेड जिल्ह्यातल्या सर्व ग्रामपंचायतींनी पाणी पुरवठा योजनेची वीज देयकं बंधित निधीतून देण्याचे निर्देश, जिल्हा परिषदेच्या मुख्य कार्यकारी अधिकारी मीनल करनवाल यांनी दिले आहेत.
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news-34 · 10 months ago
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astrologervinayakbhatt · 2 years ago
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हम जिस काल में जी रहे है, उस काल के अनुसार घर हो ।
हम जिस प्रदेश में रहना चाहते हैं, वहाँ की जलवायु एवं परम्परा को ध्यान में रखते हुए घर बनायें।
हम अपनी रुचि एवं आवश्यकता के अनुरूप गृहनिर्माण में प्रवृत्त हों।
घर बनाते समय हमे शासकीय नियमों का उल्लंघन नहीं करना है। हम अपनी आर्थिक, सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों की मर्यादा में रहते हुए घर की संकल्पना करें।
अप्रशस्त एवं निन्द्य���ूमि में घर की स्थापना न करें।
कुलपरम्परा की रक्षा के लिये आस्तिक बुद्धि रखते हुए हमें गृह निर्माण में प्रवृत्त होना चाहिये।
हमें उस आकार प्रकार का घर बनाना चाहिये जो निषिद्ध न हो। गृहस्थ के लिये आयताकार घर ही प्रशस्त है, चौकोर समभुज घर सम है तथा त्रिभुज बहुभुजाकार अप्रशस्त है। कहते हैं-
"दीर्घे प्रस्थे समानञ्च न कुर्यान्मन्दिरं बुधः ।
चतुरस्त्रे गृहे कारो गृहिणां धननाशनम् ॥"
( श्री ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्री कृष्ण जन्म खण्ड, १०३/५७)
विश्वकर्मा के प्रति श्रीकृष्ण का वचन है- बुद्धिमान को चाहिये कि जिस की लम्बाई चौड़ाई समान हो अर्थात् वर्गाकार हो, ऐसा घर न बनाये चौकोर घर में वास करना गृहस्थ के लिये धन का नाश करने वाला है।
इसी प्रकार, विषम भुज घर में शोक, वर्तुल घर में दरिद्रता, त्रिभुजाकार घर में राजभय, पुत्रहानि, वैधव्य, शोक होता है। पञ्चभुज घर में सन्तान की हानि होती है। षड्भुजाकार घर में मृत्यु एवं क्लेश का आगम होता है। सप्तभुज घर में स्त्री शोक, व्यवसाय हानि तथा अनर्थ होता है। अष्टभुज घर हर प्रकार से विनाश कारक होता है। चौड़े मुख (सिंह मुख) घर में अकाल मृत्यु होती है। असमकोण घर (जिस को दो आसन्न भुजाएँ परस्पर लम्ब न हो) में रोग, अपमान, च्युति, हानि तथा अशांति रहती है। घर का प्रत्येक कोना सम होना शुभ है।
दण्डाकार घर (जिसकी चौडाई बहुत कम और लम्बाई अत्यधिक) हो में, पशुओं की हानि तथा वंश क्षय होता है। अभव्य आकार के (शकट, पक्षी, मृदंग, पंखा, धनुष कुम्भ, मुद्रर, ओखली, मुसल, कुल्हाणी सदृश) घर में धन एवं सुख की क्षति बन्धुनाश, रोग, पलाय��ता, हिंसा, कंजूसी, लड़ाई-झगड़ा, पाप आदि होता रहता है।
यदि घर के मुख्य द्वार को भुजा, पाखं भुजा से ��धिक है अर्थात् लम्बाई से चौडाई अधिक है दो वह घर उन्नति सील नहीं होता। पर की चौड़ाई उसको लम्बाई से अधिक नहीं होनी चाहिए। चौड़ाई से दुगुनी वा अधिक लम्बाई का घर गृह स्वामी को हानि पहुंचाता है।
वाक्य है-
"विस्ताराद् द्विगुणं गेहं गृहस्वामिविनाशनम् ।"
( विश्वकर्मा प्रकाश २/१०९)
घर को लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात ३:२, ४:३, ५:४, ६:५ होना उत्तम है। यह अनुपात १:१ सम है। तथा यदि २ : १, ३: १,१:४,५:१ हो तो अधन अधमतर, निकृष्ट है।
अच्छा घर आनुपातिक अतिवर्जित लम्बाई चौडाई का ही मान्य है। लम्बाई एवं चौडाई को भुजाओं का मिलन तिरछा नहीं होना चाहिये। ऐसा होने पर यह कोण घर होता है, जो कि अशुभ है।
घर की लम्बाई चौड़ाई के विषय में मत्स्य पुराण का मत है- "चतुर्थांशधिकं दैर्ध्य।" (मत्स्य पु. २५४/१५,२५ )
अर्थात् चौड़ाई के चौथाई भाग को उसमें जोड़ देने से लम्बाई की प्राप्ति होती है। जैसे घर की चौड़ाई चालीस हाथ है तो इस की लम्बाई = (४० ÷ ४) + ४० अर्थात् १० + ४० = ५० हाथ हुई। यदि चौड़ाई १२ हाथ है तो लम्बाई (१२÷ ४) + १२ = ३ + १२ = १५ हाथ हुई। वर्णव्यवस्था के आधार पर भी घर की लम्बाई चौड़ाई का आनयन किया जाता है।
अथ श्लोकः ...
"दशांशेनाष्ट भागेन त्रिभागेनाथ पादिकम् ।
अधिकं दैर्घ्यमित्याहुब्राह्मणादेः प्रशस्यते ॥"
(मत्स्य पु. २५४/२९,३०)
ब्राह्मण के घर की लम्बाई चौडाई से दशांश क्षत्रिय के घर की लम्बाई उसकी चौड़ाई से अमांश वैश्य के घर को लम्बाई उसकी चौड़ाई से तिहाई तथा शूद्र को चौथाई होती है।
जैसे चारों वर्णों के लोगों के घर की चौड़ाई यदि क्रम ४०,३२,२४,१६ हाथ है उनको लम्बाई क्रमशः ४० + (४०÷१०) = ४० + ४ = ४४
३२ + (३२÷८) = ३२ + ४ = ३६,
२४ + (२४ ÷ ३) = २४ + ८ = ३२,
१६ + (१६ ÷ ४) = १६+४= २० हाथ हुई।
प्राचीन वास्तु का यह एक सूत्र है जो कि व्यक्ति को सामाजिक आर्थिक स्थिति के अनुरूप भवन को लम्बाई एवं चौड़ाई के अनुपात को बताता है।
अतिवर्तुलाकार (दीर्घवृत्तीय) भवन संसद, सभागार के रूप में प्रशस्य है। अष्टकोणीय एवं षट्कोणीय भवन सैन्य संस्थानों के रूप में माह्य हैं। पञ्चभुजीय भवन विद्यापीठों के रूप में प्रयोज्य हैं। टेढ़े मेढ़े एवं विचित्र आकृतियों वाले भवन विभिन्न उद्योगों एवं कार्यशालाओं के रूप में उपयुक्त हैं। त्रिकोणीय भवन तांत्रिक उद्देश्यों के लिये साधु हैं।
गृहारम्भ वा गृहप्रवेश के समय वास्तुपूजा करने वाला धन, धान्य, आरोग��य, पुत्रादि प्राप्त कर सुख भोगता है जो वास्तु पूजा नहीं करता वह नाना प्रकार के क्लेश एवं विषाद को प्राप्त कर दुर्भाग्य को दोष देता है।
द्विस्वभाव राशियों में सूर्य के रहने पर गृह निर्माण का निषेध है। चर एवं अचर राशियों के सूर्य में ही गृहारंभ करना चाहिये।
१- मेष राशि के सूर्य में गृहारम्भ करने पर आरोग्यप्राप्ति ।
२. वृष राशि के सूर्य में गृहारम्भ होने पर धन की वृद्धि ।
३- मिथुन राशि के सूर्य में नींव रखने पर अकालमृत्यु ।
४- कर्क राशि के सूर्य में नींव डालने पर प्रमोद एवं सुख ।
५- सिंह राशि के सूर्य में घर बनाने पर सेवकों की प्राप्ति।
६. कन्या राशि के सूर्य में गृह बनाने पर रोगों की वृद्धि ।
७. तुला राशि के सूर्य में घर बनाने से कलत्रसुख।
८. वृश्चिक राशि के सूर्य में गृहारंभ करने पर सम्पत्तिवृद्धि ।
९- धनुराशि के सूर्य में भवन निर्माण करने पर धर्महानि।
१०- मकर राशि के सूर्य में भवन बनाने पर प्रतिष्ठाप्राप्ति ।
११- कुम्भ राशि के सूर्य में घर बनाने से अनेक लाभ।
१२- मीन राशि के सूर्य में गृह बनाने पर मृत्युकष्ट होता है।
चान्द्रमास के सन्दर्भ में गृह निर्माण का फल इस प्रकार कहा है-
१- चैत्रमास में गृहारम्भ करने से रोग शोक की प्राप्ति।
२- वैशाख मास में गृहारम्भ करने से आरोग्य एव पुत्रप्राप्ति ।
३. ज्येष्ठ मास में गृहारम्भ करने पर मृत्यु एवं विपत्ति।
४- आषाढ मास में गृहारम्भ करने पर पशुओं की हानि ।
५. श्रावण मास में गृहारम्भ करने पर पशुधनवृद्धि।
६ .भाद्रपद मास मे गृहारम्भ करने पर दारिद्रय एवं नाश।
७. आश्विन मास में गृहारम्भ करने पर कलह एवं स्वीहानि।
८ .कार्तिक मास में गृहारम्भ करने पर आरोग्य एवं सन्तानप्राप्ति ।
९. मार्गशीर्ष मास में गृहारम्भ करने पर उत्तम भोग की प्राप्ति ।
१० .पौष मास में गृहारम्भ करने पर चौरभय एवं हानि ।
११ .माघ मास में गृहारम्भ करने पर अग्निभय एवं रोग ।
१२ फाल्गुन मास में गृहारम्भ करने पर वंशवृद्धि एवं सुख होता है।
कृष्णपक्ष में दिन के पूर्वभाग में गृहारम्भ करना शुभ है। शुक्ल पक्ष में दिन के उत्तरार्ध में गृहारम्भ करना साथ है। कृष्ण पक्ष में क्रूरवार होने पर तथा शुक्ल पक्ष में सौम्यवार होने पर गृहारम्भ करना प्रशस्त है। गृहारम्भ के समय अपशकुन होने पर ग���हारम्भ रोक देना चाहिए। पुनः महाशान्ति करा कर वृद्ध (ज्ञानी) ब्राह्मण की अनुमति लेकर गृहारम्भ करना चाहिये। जलपूर्णकलश रख कर ज्योति प्रज्जवलित कर गृहारम्भ करना अवश्य शुभ होता है।
जहाँ पर घर बनाया जा रहा है, उसके आस-पास जल स्थान के विषय में विचार करना आवश्यक ।। इसका भी पर पर प्रभाव पड़ता है। पूर्वादि दिशाओं में कूप एवं जलाशय का फल इस प्रकार है(चित्र नीचे संलग्न है)
कूप के अन्तर्गत भूमिगत टंकी, बोरिंग, हैण्डपाइप, नल आता है। भूतल पर बनी टंकी जलाशय है।
जल प्रवाह वा प्रपात का भी घर पर शुभाशुभ प्रभाव होता है। इससे पूर्व में धनलाभ, आग्नेय में धननाश, दक्षिण में रोग, संकट, नैर्ऋत्य में प्राणघात, क्षय, कलह, पश्चिम में सन्तान नाश, वायव���य में सुख, उत्तर में सर्वलाभ संवृद्धि, ईशान में धन-धान्य पुष्टि, वृद्धि होती है। नल से पानी का गिरना प्रपात है। नाली से पानी का बहना प्रवाह है। स्नानघर में ये दोनों होते हैं।
जल और अग्नि में स्वाभाविक बैर है। इसलिये रसोई घर में जल प्रवाह वा प्रपात रोग, शोक, कलह उत्पन्न करना है। आधुनिक घरों में जल स्थान (बेसिन) होता है इसलिये अग्नि स्थान एवं जल स्थान में अलगाव के लिये प्रतीकात्मक पतली दीवार का होना आवश्यक है।
आधुनिक घरों में शौचालय एवं स्नानालाय साथ-साथ होते हैं। इसमें भी दोष है। शौच स्थान राहु का है। । जल चन्द्रमा है। राहु एवं चन्द्रमा में स्वाभाविक वैर है। चन्द्रमा मन है। राहु छाया (मल) है। इन दोनों के योग से 'ग्रहण' स्थिति उत्पन्न होती है। मनदूषित एवं खिन्न रहता है। यह स्वास्थ्य के लिये अच्छा नहीं है। मन का सतत राहुमस्त होना चन्द्रग्रहण है। इसमें लैकिक कर्म वर्जित हैं। इसलिये इससे बचने के लिये शौचस्थान एवं स्नानस्थान के बीच में भी एक प्रतीकात्मक पतली दीवार खड़ी कर देना चाहिये।
रसोई घर में अग्नि कोण में अग्नि (चूल्हा) होना तथा इसके विपरीत दिशा वायव्य से जल प्रवाह प्रपात का होना शुभ है। रसोई घर का जलस्थान पूर्व एवं उत्तर में भी प्रशस्त है, अन्य दिशाओं में नहीं। इसी प्रकार शौचालय स्नानालय के सम्मिलित कक्ष में नैर्ऋत्य कोण में शौचस्थान तथा इसके विरुद्ध ईशान कोण में स्नानस्थान रखना उत्तम एवं शुभ है। इसका ध्यान रखना बुद्धिमत्ता है।
घर में नैर्ऋत्य दिशा राहु का स्थान है। यहाँ अंधेरा रहना शुभ है। इससे राहु पुष्ट होता है। नैर्ऋत्य कोण के कक्ष की खिड़कियाँ बन्द रखनी चाहिये। उन्हें कभी-कभी खोलना चाहिये। यहाँ अल्प प्रकाश होना चाहिये। यह स्थान खुला होने पर ऊर्जा के प्रवाह को रोक नहीं पाता। घर के शुभ के लिये यह आवश्यक है कि ईशान से आने वाली ऊर्जा नैर्भृत्य से हो कर बाहर न निकल जाय। इससे घर की पुष्टि नहीं होती। जिन घरों में नैर्ऋत्य खुला होता है, वहाँ बीमारी, पराभव, अनुत्साह दीर्घसूत्रता होती है। इसलिये नैर्ऋत्य भाग को बन्द रखना श्रेष्ठ है। घर की छत पर नैर्ऋत्य स्थान को ऊपर से ढका हुआ रखना चाहिये। इससे विदेश से धन तथा राजसत्ता से लाभ होता है। नैर्ऋत्य कोण में नागफनी का पौधा (कैक्टस) रखना शुभ एवं पुष्टिकर है। गृहस्वामी को नैर्ऋत्य दिशा में सोना / रहना साधु है। यहाँ पर अतिथि को कभी नहीं ठहराना चाहिये। अतिथि के लिये वायव्य दिशा ही उचित है। नैर्ऋत्य कोण स्थायित्व देता है। यह प्रभावशाली दिशा है जो पूरे घर पर अपना नियंत्रण रखती है। इस सथान पर भारी मशीनरी एवं आग्नेयास्त्र रखना भी उचित है। क्योंकि राहु दैत्यों का सेनापति है। इसलिये सैन्य सामग्री रखना यहाँ उचित है। किन्तु गृहस्थ के घर में गोला बारूद बम आदि रखना उचित नहीं है। दीवार के भीतर सामान रखने के लिये ��्थान बनाना, उसे खोखला करना है, इससे दोवार विकृत एवं निर्बल होती है। यह अशुभ है। दीवार को पोली किये बिना सामान कोष्ठ बनाना शुभ है दीवार में कील वा खूंटी गाड़ने से उस दिशा का स्वामी पीडित 1 होता है। इसलिये दिशा स्वामी की प्रकृति के अनुकूल कोल वा खूंटी का प्रयोग करना उचित है। क्योंकि चित्रादि टाँगने के लिये खूंटी को आवश्यकता पड़ती ही है। दीवार सम होनी चाहिये। दीवार के ऊँची नीची होने पर अशुभ फल होता है। दीवार चुनने पर यदि दीवार बाहर की ओर निकल जाय वा अन्दर की ओर धंस जाय अथवा ऊबड़ खाबड़ हो जाय तो उसका इस प्रकार फल है-
१- पूर्व दिशा में तीव्र राजदण्ड का भय ।
२- दक्षिण दिशा में व्याधि एवं राजकीय संकट ।
३- आग्नेय दिशा में अग्निभय एवं प्राणहानि।
४. नैर्ऋत्य दिशा में नाना उपद्रव एवं स्त्रीशोक ।
५. पश्चिम दिशा में धनहानि एवं चोरी का भय।
६ .उत्तर दिशा में गृहस्वामी पर सतत संकट, मिस्त्री पर कष्ट ।
७- वायव्य दिशा में वाहनक्षति, पुत्रशोक, सेवकपलायन।
८. ईशान दिशा में गोक्षति गुरुजनों पर विपत्ति, शोक होता है।
दीवार से भवन की आयु का निधार्रण होता है। जो दोवार ऊपर मोटी नौचे पतली कहीं मोटी, कहीं पतली तथा कहीं झुकी हुई हो तो भवन के लिये अशुभ है। इससे धन जन को हानि होती है तथा मकान की आयु क्षीण होती है।
असम एवं अपक्व ईटों द्वारा चुनी दीवार अल्पायुष्य होती है। मकान की दीवार का नंगी रहना अशुभ है। इसलिये दीवार की लिपाई (पलस्तरी) तथा पोताई करना आवश्यक एवं शुभ है। दीवार में किसी भी प्रकार का छिद्र जो दृश्य हो, शुभ नहीं है। दीवार के भीतर आलमारी (वस्तुवाह) बनाना भी शुभ नहीं है। दीवार में कोना बना कर तदनुरूप सामान रखना उचित है।
घर में कक्ष के सौन्दर्य को बढ़ाने के लिये उसमें चित्र स्थापित किये जाते हैं। अप्रशस्त जीवों, मांसभक्षी पशु-पक्षियों के चित्र दीवार पर नहीं लगाने चाहिये। सिंह, सियार, कुत्ता, सुअर, साँप, बिल्ली, ऊंट, बन्दर, गधा, आदि पशुओं तथा गिद्ध, कौवा, कबूतर, उल्लू, बाज, बगुला, आदि के चित्र वर्जित हैं। युद्ध के दृश्य दीवारों पर नहीं अंकित होने चाहिये। भयंकर दृश्य भी नहीं होना चाहिये। दुःखी जनों के भी चित्र नहीं होने चाहिये। दीवार पर महापुरुषों देवी-देवताओं फलवाले वृक्षों, पुष्पित लताओं, हँसते-खेलते बालकों के चित्र स्थापित करना शुभ है। धर्म एवं नीति को पुष्ट करने वाले चित्र ही गृह में होने चाहिये ।
दीवारों पर रेखा खींचने से ऋण की वृद्धि होती है। इसलिये दीवार पर कुछ लिखना, अंकित करना वा रेखा खींचना उचित नहीं है। लिखित चित्रित आप्त वचनों एवं कथानकों को दीवार पर टाँगना ठीक है। दीवार पर प्ररेणादायक स्फूर्तिकर नैतिक मापदण्डों के अनुरूप चित्र रखना टाँगना उचित है।
दीवार की ऊंचाई एवं मोटाई में १० : १ का अनुपात होना शुभ है। जैसे यदि फर्श से लेकर छत तक दीवार १० हाथ ऊँची है तो उसकी मोटाई १०÷१० = १ हाथ होना चाहिये। ऐसा केवल पक्की दीवार के लिये है। कच्ची वा मिटटी को दीवार होने पर यह अनुपात ५ : १ का होना है। अर्थात् यदि १० हाथ ऊंची मिटटी को दीवार बनाना है तो उसकी चौडाई २ हाथ होनी ही चाहिये।
गृहस्थ के भवन में दरवाजे के सामने दरवाजा, दरवाजे के ऊपर दरवाजा, दरवाजे के पार्श्व में सन्निकट दरवाजा रखना अशुभ है। किन्तु यही राजकीय अथवा सार्वजनिक भवनों में शुभ होता है। दरवाजों का शीर्ष एक सीध में होना उत्तम है। दरवाजे की लम्बाई एवं चौडाई के अनुकूल उसकी मोटाई होनी चाहिये। यदि दरवाजा अधिक लम्बा चौड़ा है तो उसे अधिक मोटा होना चाहिये। पर्याप्त मोटाई से दरवाजों में दृढ़ता आती है। दरवाजे व्यक्तित्व के मापक हैं। यदि भारी दरवाजे हैं तो गृहस्वामी का व्यक्तित्व भी भारी है ऐसा जानना चाहिये। घर के मध्य में द्वार के होने से कुल का नाश होता है, धन-धान्य की क्षति होती है, स्वी में दोष उत्पन्न होता है तथा गृहकलह की सृष्टि होती है। आमने-सामने के दरवाजे व्ययकारक एवं दारिद्र्य प्रदायक होते हैं। खिड़कियों के सम्बन्ध में भी यही बातें लागू होती हैं। सम सुष्ठु दरवाजे, सीढ़ियाँ, खिड़कियाँ एवं स्तंभ शुभ की अभिव्यक्ति करते हैं। इसके विपरीत तो अशुभ हैं ही।
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emkanews7 · 2 years ago
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Matasya Sampada Scheme 2023
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मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना 2023
योजना का नाम प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना लॉन्च 10 सितंवर 2020आवेदन माध्यम ऑफलाइन योजना लाभ कौन ले सकता है भारत के नागरिक Matasya Sampada Scheme
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना क्या है
मत्स्य उद्योग एक व्यवसाय है जिससे निर्धन से निर्धन व्यक्ति भी कर सकता है एवं अच्छी आय प्राप्त कर सकता है तथा समाज के विकास में परिवर्तन लाया जा सकता है। विभिन्न माध्यमों से मत्स्य पालन व्यवसाय से  कई लोगों का अपना आर्थिक स्तर सुधरा है तथा सामाजिक विकास स्तर में भी काफी सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत 10 सितंबर 2020 को  प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गयी थी। इस योजना की शुरुआत आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत की गयी थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 20000 करोड़ रुपये की योजना की सूचना दी थी। 20050 करोड़ रुपए की लागत वा��ी यह केंद्रीय योजना लागू की जाएगी। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 9407 और राज्य की हिस्सेदारी 4880 तथा लाभार्थियो की हिस्सेदारी 5763 करोड़ रुपए होगी। इस योजना को  वित्त वर्ष  2020-2021 से  2024-2025 तक 5 वर्ष की अवधी में लागू किया जाएगा। भारत विश्व में मछली का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। मत्स्य क्षेत्र से देश में 11 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होता है। यदि आप प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना का उद्देश्य 
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य नीली क्रांति के माध्यम से देश में मत्स्यपालन के क्षेत्र में सतत विकास को सुनशिचित करना है इस योजना के दो घटक होंगे पहला केंद्रीय योजना और दूसरा केंद्र प्रयोजित योजना। केंद्रीय योजना के दो वर्ग होंगे एक लाभार्थी वर्ग और दूसरा गैर लाभार्थी वर्ग। रोज़गार सृजन गतिविधियों जैसे समुद्री शैवाल और मछली की खेती पर ध्यान दिया जाएगा। यह मछलियों की गुणवत्ता वाली प्रजातियों की नस्ल तैयार करने तथा उनकी विभिन्न प्रजातियाँ विकसित करने,बुनियादी ढाँचे के विकास और विपणन नेटवर्क आदि पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अतिरिक्त केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हमारा मंत्रालय विभिन्न प्रकार से मछली पालन, जहाजों,ट्रैसेबिलिटी,प्रयोगशाला नेटवर्क आदि को मजबूत करने में सहयोग प्रदान करेगा। इस योजना से पशुपालकों को उनके वेतन को दुगना करने में सहायता मिलेगी। भूमि और पानी के विकास,विस्तार और मछुआरे मछली पालकों की आमदनी को अधिक करने में सहायता मिलेगी। प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना मछुआरों और मछली पालकों को सामाजिक, भौतिक रुप से वित्तीय सुरक्षा मिलेगी और ये सुविधाएँ मत्स्य पालकों के लिये गुणवत्ता  सस्ती दर पर मत्स्य बीज की समय पर उपलब्धता,सुनिश्चित करके मत्स्य उत्पादन और उसकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेंगी और मछलियों के रोग निदान के साथ-साथ पानी और मिट्टी की परीक्षण सुविधाओं की आवश्यकता को भी पूरा करेंगी।
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मतस्य सम्पदा योजना
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभ
यह मत्स्य उद्योग बेरोजगारी दूर करने में सहायक है। रोजगार मूलक होने के कारण इस उद्योग के माध्यम से देश की पिछड़ी अवस्था में सुधार किया जा सकता है।मत्स्य पालन शुरू करने के पहले मत्स्य पालकों को उन्नत तकनीकी की जानकारी तथा प्रशिक्षण देना होगा। अगर मत्स्य पालन उन्नत तकनीकी से किया जाएगा तो निश्चित रूप से मत्स्य उत्पादकता बढ़ेगी और जब मत्स्य उत्पादकता बढ़ेगी तो आय में वृद्धि होगी और आय में वृद्धि होगी तो निश्चित रूप से सामाजिक विकास स्तर सुधरेगा क्योंकि आर्थिक अभाव में जहां निर्धन व्यक्तियों का जीवन-स्तर गिरा हुआ था उसमें सुधार होगा। परिवार के बच्चों को शिक्षित कर सकेंगे और जब बच्चे शिक्षित हो जाएंगे तो समाज मे उनका विकास स्तर ऊंचा होगा। योजना का लक्ष्य बागवानी को बढ़ाना, कृषि कचरे के प्रबंधन और उन्मूलन का आधुनिकीकरण करना और मत्स्य क्षेत्र में क्षमता का उपयोग करना। प्रत्यक्ष लाभकारी रोजगार के अवसरों का सृजन और उनकी आय में वृद्धि सहित अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों के रूप में इस संख्या में वृद्धि करना इसका मुख्य उद्देश्य है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लक्ष्य 
- इस योजना को मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया है ताकि जिससे मछली उत्पादन में वृद्धि हो सकें। - मत्स्य पालन क्षेत्र में 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा करना है। - वर्ष 2024-2025 तक मत्स्य उत्पादन में 70 लाख टन की वृद्धि करना। - वर्ष 2024-2025 तक मत्स्य निर्यात से होने वाली आय को 100000 करोड़ रुपए तक करना। - पैदावार के बाद होने वाले नुकसान को 20 से 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करना। - योजना के तहत सरकार बीमा उपलब्ध कराएगी ताकि उन्हें भी किसी भी प्रकार की दुर्घटना से होने बाली हानि से बचाया जा सके। - योजना का लक्ष्य बागवानी को बढ़ाना है,कृषि अपशिष्ट को कम करना है और मत्स्य क्षेत्र में क्षमता का उपयोग करना है। - 2024 तक मछुआरों और मछली श्रमिकों की आय का दोगुना करना। इस योजना में कुल 20000 करोड़ की सहायताराशि दी जा रही है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए दस्तावेज
- मछली पालन जल श्रोत प्रमाण पत्र - मत्स्य पालन निर्माण क्षेत्र का प्रमाण पत्र। - बैंक पास बुक - आधार कार्ड - पैन कार्ड - निर्धारित प्रारूप पर 100 रुपए का स्टांप पर नोटिस - स्थाई निवास प्रमाण पत्र
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पद��� योजना पंजीकरण कैसे करें
- इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने के लिए केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। - यहां पर आपको प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना का लिंक प्राप्त होगा। -  होमपेज पर अभी आवेदन करें पर क्लिक करें। - आवेदन पत्र खुलकर सामने आएगा। - यहां से आप आवेदन फॉर्म को डाउनलोड करें - अब आप हार्ड कॉपी निकालकर फॉर्म में दी हुई आवश्यक विवरण को भरे जैसे नाम,पिता / पति का नाम, जन्म तिथि,लिंग,जाति और अन्य जानकारी का उल्लेख करें। - प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से संबंधित अधिकारी के पास फॉर्म को जमा करें। Bmlt course details in hindi 2023 मध्यप्रदेश फ्री लैपटॉप योजना 2023 | Free Laptop Yojana Read the full article
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