#भारत में महिला-पुरुष अनुपात
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Best Ayurvedic Sexologist in Patna, Bihar India | Dr. Sunil Dubey
सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के बारे में:
जिस प्रकार जब हम बीमार पड़ते है तो हम फिजिशियन के पास इलाज के लिए जाते है, ठीक उसी प्रकार जब हमारे यौन स्वास्थ्य में गड़बड़ी होती है तब हम सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के पास चिकित्सा व उपचार के लिए जाते है। सेक्सोलॉजिस्ट सेक्सोलॉजी विज्ञान, कामुकता, यौन व्यवहार, विचार, अभिविन्यास, कार्य और शिथिलता के अध्ययन में विशेषज्ञ होता है। उसे कामुकता और इसके प्रभावित करने वाले यौन विकारों का गहन ज्ञान होता है। वह लोगों को उनके यौन समस्याओं को पहचानने में मदद करते है और सुझाव देते है कि वे कैसे अपने समस्या से निपटे। सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान और अपने विशेष चिकित्सा संकाय में विशेषज्ञ होता है। गुप्त व यौन रोगों के चिकित्सा व उपचार के लिए, आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर अपनी उपचार प्रक्रिया के कारण सबसे सफल होते है।
जैसा कि हम जानते है कि भारत में मूल रूप से चिकित्सा व उपचार के तीन संकाय है जैसे- एलॉपथी, होमियोपैथी, व आयुर्वेद। इस तीनो चिकित्सा संकाय में, आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार सबसे टॉप पर है क्योकि यह सभी दवाओं का आधार है और गुप्त व यौन समस्या को प्राकृतिक रूप से ठीक करते है।
गुप्त व यौन समस्याओं के बारे में:
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यौन विकार के चार प्रकार होते हैं जो व्यक्ति के इच्छा, उत्तेजना, संभोग और दर्द विकार से सम्बंधित होता है। पुरुष और महिला दोनों ही अपने जीवन में कभी न कभी गुप्त या यौन रोगों से प्रभावित होते हैं। विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य व भारत के सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉ सुनील दुबे जो पटना के बेस्ट आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट भी है, का कहना है कि मुख्य रूप से तीन सामान्य कारक जैसे कि शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और जीवनशैली किसी भी व्यक्ति के यौन जीवन को प्रभावित करते हैं। इन तीन कारकों के अलावा, कुछ अन्य कारक जैसे चिकित्सा स्थितियां, हार्मोन का असंतुलन, शराब की लत और रिश्ते की समस्याएं करीब-करीब व्यक्ति को उसके यौन जीवन को प्रभावित करते हैं।
डॉ. सुनील दुबे भारत के अनुभवी आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ व डॉक्टर हैं जिन्होंने पुरुषों और महिलाओं में होने वाले बहुत सारे गुप्त व यौन समस्याओं पर अपना शोध किया है। पिछले 35 वर्षों से वे इस आयुर्वेदिक चिकित्सा अनुसंधान, सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान और गुप्त व यौन स्वास्थ्य पेशे से जुड़े हुए हैं। अपने शोध के आधार पर, उनका मानना है कि पुरुष और महिला दोनों ही अपने विवाहित या सिंगल जीवन में कोई न कोई गुप्त व यौन समस्याओं से जूझते हैं। आइए जानते हैं पुरुषों और महिलाओं में होने वाली गुप्त व यौन समस्याओं के बारे में विस्तार से जानते है।
पुरुषों में होने वाले गुप्त व यौन समस्याएं:
भारत के इस सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर का मानना हैं कि आज के समय में 18 वर्ष से अधिक आयु की लगभग एक-चौथाई आबादी किसी न किसी गुप्त या यौन समस्याओं से जूझ रहे है। इस स्थिति में, पुरुषों और महिलाओं के बीच का अनुपात 45:55 का है। वास्तव में, महिलाएं पुरुषों की तुलना में यौन समस्याओं से अधिक पीड़ित होती हैं। पुरुषों में होने वाली कुछ आम गुप्त व यौन समस्याएँ निम्नलिखित हैं-
इरेक्टाइल डिसफंक्शन: 10 में से 1 पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन से प्रभावित है।
शीघ्रपतन: 10 में से 4 पुरुष किसी न किसी तरह के शीघ्रपतन से प्रभावित है।
कामेच्छा में कमी: 10 में से 2 पुरुष कामेच्छा में कमी से प्रभावित होते है।
धात सिंड्रोम: भारत के युवा लोगों में सबसे आम संस्कृति-बद्ध सिंड्रोम।
स्वप्नदोष: सोते समय नींद में बार-बार स्खलन का होना।
एसटीआई: संभोग के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण होना।
पुरुष बांझपन: प्रजनन क्षमता वाली महिला का गर्भधारण करने में असमर्थ होना।
महिलाओं में होने वाली यौन समस्याएँ:
डॉ. सुनील दुबे जो एक लम्बे समय से बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर है, बताते हैं कि महिलाएं अपने जीवन में अधिकाधिक समय यौन समस्याओं से पीड़ित होते हैं। सेक्सोलॉजी मेडिकल साइंस के अनुसार, यह देखा गया है कि महिलाएं अपने यौन जीवन में पुरुषों की तुलना में अधिक संघर्ष करते हैं। दरअसल, उनके यौन जीवन में कई ऐसे चरण होते हैं जो उनके यौन विकार के मुख्य कारण बनते है��।
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यौन इच्छा विकार (एसडीडी): यौन गतिविधि, विचार और व्यवहार की इच्छा में कमी।
यौन उत्तेजना विकार (एसएडी): यौन गतिविधि के दौरान उत्तेजना में कमी।
यौन संभोग विकार (एसओडी): संभोग के बाद चरमसुख प्राप्त करने में असमर्थता।
यौन दर्द विकार (एसपीडी): संभोग से पहले, दौरान या तुरंत बाद दर्द का होना।
वैजिनल सूखापन (वीडी): यौन गतिविधि के दौरान वेजाइनल में नमी की कमी होना।
वैजिनिस्मस: संभोग के दौरान वेजाइनल में सहज संकुचन व पेनेट्रेशन में दर्द होना।
एसटीडी: गोनोरिया जैसे यौन संचारित रोग का होना।
असामान्य वेजाइनल स्राव: ल्यूकोरिया जैसे
गुप्त व यौन रोगों के लिए उपचार और दवा संबंधी दिशा-निर्देश:
डॉ. सुनील दुबे का मानना हैं कि आयुर्वेद और इसके प्राकृतिक सप्लीमेंट किसी भी गुप्त व यौन रोग के लिए सबसे प्रभावी व सुरक्षित चिकित्सा व उपचार विकल्प हैं। चूँकि हम सभी जानते है कि आयुर्वेद सभी दवाओं का आधार है और यह चिकित्सा की एक पारंपरिक उपचार प्रणाली है। आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार का व्यक्ति के शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है और कोई भी रोगी (मधुमेह, हृदय या किडनी) अपने-अपने गुप्त व यौन समस्याओं को ठीक करने के लिए इस चिकित्सा-उपचार का उपयोग कर सकता है। यह गुप्त व यौन रोग को जड़ से मिटाने के लिए उपचार और दवा के प्राकृतिक विकल्प प्रदान करता है।
डॉ. सुनील दुबे भारत के गोल्ड मेडलिस्ट और सीनियर क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो दुबे क्लिनिक प्रतिदिन अभ्यास करते हैं। दुबे क्लिनिक भारत का एक प्रमाणित और अग्रणी आयुर्वेदा और सेक्सोलॉजी क्लिनिक है। यह आयुर्वेदिक क्लिनिक पटना के ��ंगर टोली, चौराहा में अपने 60 वर्षो के विरासत से लोगो के विश्वास पर खड़ा है। पूरे भारत से लोग क्लिनिक में आने या ऑन-कॉल परामर्श के लिए फोन पर इस क्लिनिक से जुड़ते हैं। वास्तव में, यह क्लिनिक भारत का भरोसेमंद व सभी तरह के गुप्त व यौन रोगियों को चिकित्सा व उपचार विशेषाधिकार की सुविधा प्रदान करता है।
अगर आप प्राकृतिक चिकित्सा व उपचार पद्धति से अपनी समस्त गुप्त व यौन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको एक बार दुबे क्लिनिक से अवश्य जुड़ना चाहिए। भारत के विभिन्न शहरों से लोग हर दिन फोन पर इस क्लिनिक से संपर्क करते हैं।
अधिक जानकारी:
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, आयुर्वेद में पीएचडी
भारत के गोल्ड मेडलिस्ट क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज
भारत के दोस्त रूस ने दुनिया के सबसे बड़े खतरे का इलाज निकाल लिया है। रूस ने ऐलान किया है कि उसने कैंसर जैसी लाइलाज बिमारी के लिए वैक्सीन बनाने पर वो काम कर रहा है और वो उसके बेहद करीब पहुँच चुका है। Cancer Vaccine का ऐलान किसी और ने नहीं बल्कि खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने किया है कि वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं और वो इसके अंतिम चरण में है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने साफ कर दिया कि हम कैंसर की वैक्सीन और नई पीढ़ी की इम्युनो मॉड्यूलट्री दवाओं के निर्माण के बहुत करीब है। मॉस्को फोरम में अपने संबोधन में कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन लोगों के इलाज के लिए प्रभावी ढंग से इस्तेमाल हो सकेगी ,पुतिन ने ये नहीं बताया कि प्रस्तावित वैक्सीन किस तरह के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाएंगी। कैंसर का इलाज अपने आप में एक बहुत बड़ी कामयाबी है, कई देश और कंपनियां कैंसर के टीके पर काम कर रही है। ब्रिटेन की सरकार भी कैंसर के वैक्सीन के ट्रायल पर सालों से काम कर रही है। पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने पर्सनलाइज्ड कैंसर के इलाज के लिए क्लिनिकल ट्रायल शुरू की थी और 2030 तक 10,000 मरीजों तक पहुंचने का टारगेट रखा है। Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज ब्रिटेन जर्मनी की आयोएनटेक के साथ मिलकर ट्रायल कर रहा है। इसके अलावा फार्मास्यूटिकल्स कंपनी मॉडर्न और मार्क एंड कंपनी भी कैंसर की वैक्सीन बना रही है, जो कैंसर की मिडिल स्टेज में इस्तेमाल हो सकती है। मसलन रिसर्च के दौरान पता चला की 3 साल के इलाज के बाद सबसे घातक स्किन कैंसर की दोबारा होने या इससे मौत होने की संभावनाआधी हो गई। फिलहाल दुनिया के सामने कैंसर एक बहुत बड़ा खतरा हैं। WHO के मुताबिक वर्तमान में ह्यूमन प���पिलोमायरस के खिलाफ़ छः लाइसलैंड वैक्सीन मौजूद हैं जो सर्वाइकल कैंसर सहित कई कैंसर का कारण बनते हैं। साथ ही हेपेटाइटिस बी के ख��लाफ़ भी टीके हैं जो लिवर कैंसर का कारण बनते हैं। आपको बता दें कि रूस जो ऐलान किया है उसके बाद पूरी दुनिया में सनसनी मची हुई है और सबसे पहले तब रूस ने कोविड 19 के दौरान स्पुतनिक भी वैक्सीन बनाई थी ,अब ये कहा जा रहा है की अगर ये वाकई में कैंसर के इलाज के रूस बेहद करीब है तो रूस ने वो बनाया है जिसकी जरूरत दुनिया को सबसे ज्यादा है । कैंसर दुनिया के सामने एक बड़ा खतरा है और दुनिया भर में होने वाली मौतों में कैंसर एक बड़ी वजह है। WHO की कैंसर एजेंसी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के आंकड़े बताते हैं की साल 2022 में लगभग 2,00,00,000 कैंसर के नए मामले सामने आए और कैंसर की वजह से 97,00,000 लोगों की मौत हुई है। अकेले भारत में 14,13,316 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें महिला रोगियों का अनुपात अधिक है। देश में 1,92,000 नए मामलों के साथ स्तन कैंसर का अनुपात सबसे अधिक है । आकड़े बताते हैं कि प्रत्येक 5 में एक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कैंसर हो जाता है , लगभग 9 में से एक पुरुष और 12 में से एक महिला की मौत हो जाती है । इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि कैंसर कितनी खतरनांक बीमारी है , फिलहाल रूस ने Cancer Vaccine को खोजने का ऐलान किया है अब देखना है कि कितना कारगर हो पाता है । Read the full article
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देश में पहली बार महिलाओं की आबादी बढ़ी, प्रजनन दर में भी दर्ज की गई गिरावट
देश में पहली बार महिलाओं की आबादी बढ़ी, प्रजनन दर में भी दर्ज की गई गिरावट
आजादी के बाद ये भी पहली बार है जब महिलाओं की आबादी पुरुषों की अपेक्षा 1 हजार से ऊपर पहुंची है। यही नहीं, देश में प्रजनन दर में भी कमी आई है। है। नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे (National Family and Health Survey) के अनुसार, अब हर 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हैं। इससे पहले 2015-16 में हुए NFHS-4 में ये आंकड़ा हर 1,000 पुरुषों पर 991 महिलाओं का था। गांव में बढ़ा सेक्स रेशियो: नेशनल फैमिली एंड…
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#fertility rate in india 2021#India News in Hindi#men and women ratio in india#national family health survey 2019-20#nfhs report#nfhs-4#Nfhs-5#Sex Ratio#sex ratio in india#sex ration in india 2021#what is fertility#what is nfhs 5#नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे#भारत में महिला-पुरुष अनुपात
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महिलाओं की जीने की क्षमता -
कई वैज्ञानिकों का मानना है की जन्म के साथ ही महिलाये जीने के ज्यादा क्षमता लेकर आती है कई सर्वे में ये पाया गया है की अलग -अलग देशों में ये अनुपात अलग -अलग है जैसे भारत में महिलाये पुरषों से 6 माह ज्यादा जीती है वही अमेरिका में महिलाये पुरषों से 6 .5 साल ज्यादा जीती है वही ब्रिटेन में महिलाये पुरषों से 5 .3 साल ज्यादा जीती है और तो और रूस में ये अनुपात बहुत बड़ा हुआ है यहाँ की महिलाये पुरषों से 12 साल ज्यादा जीती है |सामाजिक विविधता और कई तरह के कारकों का मानव जीवन पे प्रभाव पड़ता है और महिलाओं को कई तरह के बायोलॉजिकल लाभ होते है |लेकिन कई तरह के पुराने रीती -रिवाजों ने इसको बहुत नुकसान पहुंचाया | जैसे महिलाओं को मासिक धर्म के कारन रक्त की कम हो जाती है और जिससे आइरन की कमी शरीर में हो जाती है और इनको एनिमिआ हो जाता है जो की महिलाओं को मौत के दर को बढ़ाता था |पुरषों और महिलाओं में सामाजिक अंतर ने भी इसका बढ़ावा दिया |
महिलायों का दीर्घायु होने के कारण-
हमारे शरीर में X और Y दो गुणसूत्र पाये जाते है जो की लिंग निर्धारण करने में सहायक होते है |ये गुणसूत्र पुरषों और महिलाओं दोनों में पाये जाते है |महिलाओं के दीर्घायु होने का जैविक आधार स्पष्ट है हर प्रजाति की महिलाये पुरषों कुछ अपवाद चीजें में आगे होती है अनुवांशिक परिवर्तन X गुणसूत्र के कारण होते है और ये महिलाओं में दो पाये जाते है |और इसलिए जब भी को अनुवांशिक परिवर्तन होता है तो एक गुणसूत्र ख़राब होने पे दूसरा बैकअप के लिए होता है |जबकि पुरषों में केवल एक गुणसूत्र होने के कारण वो ख़राब भी तब भी उसको ही जीन्स व्यक्त करना होता है |
महिलाओं का गर्भ धारण करना और स्तनपान कराना उनके शरीर के लचीलेपन भी दीर्घायु होने में सहायता करता है महिला हार्मोन -एस्ट्रोजन उनकी कम उम्र में दिल की बीमारी से बचाता है |
महिला और पुरषों में कई और भी अंतर है -
मानव मेडिकल विज्ञानं कहता है की लड़कों में न पढ़ने और हकलाने के विकार ज्यादा पाये जाते है क्योकि महिलाओं अपने मस्तिष्क के दोनों तरफ से भाषा की सक्रियता दिखाता है जबकि पुरुष का दिमाग केवल बायीं ओर का दिमाग प्रयोग करता हैऔर मस्तिष्क के दोनों ओर की भाषा की सक्रियता की वजह से महिलाओं में क्रोध और आवेग को नियंत्रित करने की बहुत क्षमता रहती है |और साथ ही साथ महिलाये अपने स्वास्थ को लेकर अधिक जागरूक रहती है और स्वस्थ जीवन शैली अपनाती है |
#महिलाहार्मोन#एस्ट्रोजन#महिलाओं#महिलायेमेडिकलविज्ञानं#लड़कोंमेंनपढ़नेऔरहकलानेकेविकारज्यादापाये#लिंगनिर्धारण#स्वस्थ#स्वास्थ#हरप्रजाति#अधिकजागरूक#अनुवांशिकपरिवर्तन
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Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin List 2022-23 | जानिए किसे मिलेगा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ!
दोस्तों ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना का महत्व कितना है यह बताने की कोई जरूरत नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बहुत से ऐसे घर हैं जो पक्के नहीं बल्कि कच्ची मिट्टी के बनाए गए हैं। हम सभी जानते हैं हमारा देश भारत एक विकासशील देशों की श्रेणी में आता है जिसका मतलब है कि अभी हमारा देश धीरे-धीरे विकास के रास्ते पर प्रगति कर रहा है। ऐसे में हमारे देश में गरीबी बहुत है जिसके कारण बहुत से परिवार मिल जाएंगे जिनके पास पक्के घर नहीं है। Pradhan Mantri Awas Yojana के अंतर्गत इन परिवारों को सहायता राशि प्रदान की जाती है ताकि यह परिवार भी अपना पक्का मकान बनवा सकें। आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं Pradhan Mantri Awas Yojana 2022-23 के बारे में जहां पर हम जानेंगे कि किसे इस योजना का लाभ मिलेगा और किसे इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा साथ ही हम यही ��ानेंगे कि इस योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया क्या है। कौन-कौन से जरूरी दस्तावेज लगने वाले हैं इसके बारे में भी इस आर्टिकल में बात करेंगे। यदि आप हमारे वेबसाइट पर नए हैं तो हमारे टेलीग्राम ग्रुप और व्हाट्सएप ग्रुप को फॉलो करना ना भूलें यहां पर आपको गवर्नमेंट जॉब और सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी मिलती रहती है।
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin 2022-23: Overview
संस्था का नामभारत सरकारयोजना का नामPradhan Mantri Awas Yojana 2022-23 आर्टिकल का नामPradhan Mantri Awas Yojana Gramin List 2022लाभार्थीगरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारउद्देश्यसबको पक्के मकान देना���ुल राशि₹120000राशि प्राप्त करने का माध्यमबैंक अकाउंटआवेदन का माध्यमऑनलाइनऑफिसियल वेबसाइटऑफिशियल एप्लीकेशनGram Samvaad App
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin Benefits
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin के लाभ स्थानीय क्षेत्रों एवं पहाड़ी क्षेत्र दोनों को इसका लाभ मिलेगा। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को ₹120000 की धनराशि दी जाती है। और पहाड़ी क्षेत्र एवं, केंद्र शासित राज्य को ₹130000 की धनराशि दी जाती है जिसका इस्तेमाल उस प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के अनुसार घर बनाने के लिए किया जा सकता है। इस योजना में मिलने वाले पैसे केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार दोनों मिलकर देते हैं। ज्यादातर साझेदारी केंद्र सरकार की होती है और कुछ साझेदारी राज्य सरकार की होती है। केंद्र शासित राज्यों में मिलने वाले पैसे केंद्र सरकार द्वारा ही दिए जाते हैं। Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin Benefits- - स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ₹120000 की धनराशि प्राप्त होती है। - समतल क्षेत्रों के लिए दिए जाने वाले लाभ में केंद्र सरकार और राज्य सरकार का अनुपात 60:40 का होता है। - मनरेगा के अंतर्गत 90 से 95 दिनों का रोजगार गारंटी दिया जाता है जिसमें ₹100 प्रतिदिन की मजदूरी होती है। - उत्तर पूर्व के पर्वतीय राज्य, एवं जम्मू कश्मीर के लोगों को ₹130000 की धनराशि प्राप्त होती है इस धनराशि में केंद्र सरकार और राज्य सरकार का अनुपात 90:10 का होता है। - शौचालय बनवाने के लिए ₹12000 की धनराशि प्राप्त होती है। - धनराशि को सीधा आधार कार्ड से जुड़े खाते अथवा पोस्ट ऑफिस के खाते में भेजा जाता है।
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin Beneficiary
किसे प्राप्त होगा इस योजना का लाभ- - यदि व्यक्ति के घर में 16 साल से लेकर 59 साल के बीच का कोई युवा व्यक्ति नहीं है। - यदि परिवार में 25 साल से अधिक उम्र का कोई शिक्षित व्यक्ति ना हो - परिवार का पालन पोषण किसी महिला द्वारा किया जा रहा है और उस परिवार में 16 से लेकर 59 साल तक का कोई भी युवा व्यक्ति ना हो - ऐसे परिवार के मुखिया विकलांग हूं और ऐसे परिवार जिनके मुखिया विकलांग और परिवार का पालन पोषण करने के लिए कोई युवा पुरुष ना हो। - ऐसे परिवार जिनके पास खेती-बाड़ी के लिए जमीन ना हो एवं मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करते हैं।
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin 2022-23: Required Documents
नीचे सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट दिए गए हैं - - आधार कार्ड - मनरेगा जॉब कार्ड - प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत रजिस्ट्रेशन नंबर - बैंक अकाउंट नंबर - परिवार के पास पक्का मकान ना होने का नोटरी/स्टांप।
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin: Eligibility Criteria
- परिवार के पास कम से कम एक रूम अथवा दो रूम का कच्चा मकान होना चाहिए। - परिवार में कोई भी व्यक्ति 10,000 से अधिक 1 महीने में ना कमाता हो। - अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं आदिवासी व्यक्ति ही इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। - परिवार में कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी ना करता हो। - परिवार में दो पहिया तीन पहिया एवं चार पहिया वाहन नहीं होना चाहिए। - किसान क्रेडिट कार्ड होना आवश्यक है जिसकी लिमिट 50,000 से अधिक ना हो। - परिवार में कोई भी व्यक्ति की इनकम टैक्स ना भरता हो।
How To Apply For Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin 2022-23
इस योजना का लाभ उठाने के लिए नीचे दिए गए सूची को फॉलो करके आप ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं - - सबसे पहले ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं। - सभी जरूरी जानकारी जैसे कि नाम, जेंडर, आधार कार्ड नंबर मोबाइल नंबर आदि भरे। - इसके बाद सर्च बटन पर क्लिक करें। लाभार्थी का नाम और PMAY आईडी प्राप्त हो जाए। - अगले स्टेप में Select To Register पर पर क्लिक करें। - इनके बाद लाभार्थी की जानकारी स्क्रीन पर दिखने लगेगी। - जानकारी को वेरीफाई करें। - अगले स्टेप में लाभार्थी का नाम बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरे। - अगले स्टेट में मनरेगा जॉब कार्ड नंबर एवं स्वच्छ भारत रजिस्ट्रेशन नंबर भरे। - इसके बाद स्क्रीन पर रजिस्ट्रेशन नंबर दिख जाएगा। प्रधानमंत्री शौचालय योजना 2022 | शहरी क्षेत्र में मोदी सरकार शौचालय के लिए दे रही है ₹12000 की धनराशि
How To Check Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin List 2022-23
नीचे दी गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना 2022 की लिस्ट में आपका नाम है इसकी जानकारी ले सकते हैं। इस योजना के सरकार की तरफ से एक एप्लीकेशन लॉन्च किया गया है जिसका नाम है Gram Samvad App जो आपको देखने को मिल जाएगा इस ऐप को डाउनलोड करें और फिर नीचे दी गई प्रक्रिया को फॉलो करें।
- एप्लीकेशन प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद इसे ओपन करें। - एप्लीकेशन के होम पेज पर Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin पर क्लिक करें। - अगले पेज पर स्टैटिक्स के ऑप्शन पर क्लिक करें। - इसके बाद हाउस कंप्लीट के ऑप्शन पर क्लिक करें। - आपक�� सामने Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin List 2022 खुलकर आ जाएगी। यदि लिस्ट में आपका नाम होगा तो आप अपने आवेदन से जुड़ी जानकारी देख सकते हैं। यदि लिस्ट में आपका नाम नहीं है तो इसका मतलब है कि आपका आवेदन स्वीकृत नहीं किया गया है। Download PMAY ApplicationClick HereJoin Our Telegram GroupJoin NowPm Kisan Yojana Beneficiary Status Direct Linkलिंक 1 || लिंक 2 Official WebsiteClick Here Read the full article
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देश में पहली बार पुरुषों के मुकाबले अधिक हुईं महिला टीचर, जानें कौन सा राज्य है टॉप पर Divya Sandesh
#Divyasandesh
देश में पहली बार पुरुषों के मुकाबले अधिक हुईं महिला टीचर, जानें कौन सा राज्य है टॉप पर
बेंगलुरु देश में पहली बार महिला स्कूल टीचर्स ने अपने पुरुष समकक्षों को पछाड़ दिया है। देश के 96.8 लाख टीचर्स में से 49.2 लाख महिलाएं हैं। 2012-13 में, 42.4 लाख पुरुष टीचर्स के मुकाबले देश भर में 35.8 लाख महिला टीचर्स थीं। सात साल में महिला टीचर्स की संख्या में 37% या 13 लाख से अधिक की वृद्धि हुई है। इसी अवधि में पुरुष शिक्षकों की संख्या 42.4 लाख से बढ़कर 47.7 लाख हो गई। पिछले सप्ताह जारी 2019-20 के लिए यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन ऑन स्कूल एजुकेशन (यू-डीआईएसई) रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
प्राइमरी में 1 लाख से अधिक महिला टीचर्सहालांकि, रिपोर्ट का एक दूसरा हिस्सा भी है। इसके अनुसार प्राथमिक स्तर पर ही महिला टीचर्स टॉप पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार अपर प्राइमरी के बाद से, पुरुष टीचर्स की संख्या अधिक बनी हुई है। प्री-प्राइमरी लेवल पर, महिला शिक्षकों की संख्या लगभग 27,000 पुरुषों की तुलना में 1 लाख से अधिक है। 19.6 लाख महिलाएं और 15.7 लाख पुरुष टीचर्स के साथ प्राइमरी ग्रेड में अनुपात अधिक संतुलित है।
अपर प्राइमरी में पुरुष टीचर्स आगेअपर प्राइमरी क्लासेज में 11.5 लाख पुरुष और 10.6 लाख महिला शिक्षक हैं। इसके बाद से यह गैप अधिक बढ़ता जाता है। सेकेंडरी स्कूल में 6.3 लाख पुरुष और 5.2 लाख महिला टीचर्स हैं। हायर सेकेंडरी में, यह 3.7 लाख पुरुषों से 2.8 लाख महिलाओं तक है। गवर्नमेंट व एडिड स्कूलों में पुरुष टीचर्स की संख्या अधिक है। जबकि अनऐडिड प्राइवेट स्कूलों में महिला टीचर्स की संख्या अधिक है।
ये राज्य हैं अपवादबड़े राज्यों में केरल, दिल्ली, मेघालय, पंजाब और तमिलनाडु को छोड़ कर हाईग्रेड में महिलाओं से अधिक पुरुष शिक्षकों का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। अपवाद वाले राज्यों में सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी में भी पढ़ाने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक है। केरल में कुल टीचर्स में 79%, पंजाब में 76%, तमिलनाडु में 75% और दिल्ली में 74% महिला टीचर्स हैं।
महिला और पुरुषों की संख्या समान होनी चाहिएमहिला टीचर्स की संख्या अधिक होने को लेकर टीचर फाउंडेशन की संस्थापक निदेशक माया मेनन ने कहा कि कोई भी गतिशील और महत्वपूर्ण पेशा जिसमें मैं टीचिंग को भी मानती हूं, उसमें पुरुषों और महिलाओं का ��मान वितरण होना चाहिए। मेनन ने कहा कि बच्चों को उन शिक्षकों से सीखने की जरूरत है जो एक पुरुष के साथ-साथ एक महिला दृष्टिकोण भी पेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि शुरुआती कक्षाओं में, भारत में कई स्कूल महिला शिक्षकों को पसंद किया जाता है, क्योंकि उन्हें अधिक नर्चरिंग करने वाला माना जाता है।
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पुरुष या महिला, शहरी या ग्रामीण, 50% से अधिक भारतीय 25 वर्ष या उससे अधिक | इंडिया न्यूज़ - टाइम्स ऑफ़ इंडिया
पुरुष या महिला, शहरी या ग्रामीण, 50% से अधिक भारतीय 25 वर्ष या उससे अधिक | इंडिया न्यूज़ – टाइम्स ऑफ़ इंडिया
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NEW DELHI: पहली बार, भारत की आधी से अधिक आबादी, लिंग के बावजूद या चाहे वह शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में हो, अब 25 वर्ष या उससे अधिक है। भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा हाल ही में जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली 2018 रिपोर्ट में यह बात सामने आई। चूंकि भारत की प्रजनन दर जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के साथ-साथ लगातार नीचे जा रही है, इसकी युवा आबादी का अनुपात कम हो रहा है और औसत आयु…
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उत्तराखंड जीके इन हिंदी
Uttarakhand Gk In Hindi
* राज्य - उत्तराखंड
* राजधानी - देहरादून
* क्षेत्रफल - 53,483 वर्ग किमी.
* जनसंख्या - 84,79,562
* पुरुष - 43,16,401
* महिला - 41,63,161
* जनसंख्या घनत्व - 159 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.
* स्त्री पुरुष अनुपात - 964 प्रति हजार पुरुष
* साक्षरता - 72.28%
* पुरुष - 84.01%
* महिला - 60.26%
* उच्च न्यायालय - नैनीताल
* जिल्हे - 13
* सिमा - उत्तर में तिब्बत (चीन ) ऐंव हिमाचल पश्चिम
में हरियाणा डकहीन में उत्तर प्रदेश पूर्व में नेपाल .
* विधान मंडल - एक सदनात्मक
* विधानसभा सदस्यों की संख्या - 70
* लोकसभा सदस्यों की संख्या - 5
* राज्य सभा सदस्यों की संख्या - 3
* राष्ट्रीय पशु - कस्तूरी मृग
* राष्ट्रीय पक्षी - मोनाल
* राजकीय वृक्ष - बुरांश
* राजकीय पुष्प - ब्रम्ह कमल
* प्रथम मुख्यमंत्री - श्री नित्यानंद
* प्रथम राजयपाल - श्री सुरजीत सिंह बरनाला
* स्थापना दिवस - 1 नवंबर 2000
* आय का मुख्य स्त्रोत - वन्य सम्पदा ऐंव पर्यटन
* प्रमुख नगर - देहरादून हरिद्वार , नैनीताल , अल्मोड़ा
* प्रथम मुख्यमंत्री न्यायाधीश - न्यायमूर्ति अशोक ऐ . देशाई .
* प्रमुख खनिज - ताम्बा , जिप्सम , फास्पेट , लौह अयस्क , सिमा
* धार्मिक ऐंव पर्यटक स्थल - बद्रीनाथ केदारनाथ , गंगोत्री , यमुनोत्री , हरिद्वार , ऋषिकेश .
* राष्ट्रीय शोध संस्थान - इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम , देहरादून , सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट , रुड़की , इंडियन मिल्ट्री अकादमी देहरादून. भारत हैवी इलेक्ट्रिकल रानीपुर हरिद्वार , राष्ट्रीय अंध केंद्र देहरादून ,
वन अनुसंधान संस्थान , देहरादून.
* राष्ट्रीय उद्यान - कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान , रामनगर नैनीताल , फुलोकि घाटी राष्ट्रीय उद्यान , चमोली , नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान चमोली.
* वन्य जिव विहार - गोविन्द वन्य - जिव विहार उत्तरकाशी , केदारनाथ वन्यजीव विहार , चमोली .
* प्रमुख बांध - टेहरी बांध भागीरथी नदी , मनेरी माली .
* प्रमुख दर्रे - लिपुलेख पिथौरागढ़ तिब्बत.
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53 फीसदी भारतीय कंपनियों में 10 पुरुषों पर 1 महिला कर्मी है
हाल ही में हुए एक नए ��ोध से पता चला है कि 53 फीसदी भारतीय फर्म में काम करने वाले कर्मचारियों का अनुपात प्रति 10 पुरुष कर्मचारियों पर 1 महिला कर्मचारी है। यानि देश में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को आज भी काम पाने के लिए ज्याद��� संघर्ष करना पड़ रहा है। corporate responsibility watch or कॉरपोरेट रिस्पॉन्सिबिलिटी वॉच (सीआरडब्ल्यू) की ओर से संचालित इस सर्वे में यह खुलासा हुआ कि देश की अधिकतर कंपनियों में लिंगानुपात की खाई बहुत गहरी है। इतना ही नहीं सर्वेक्षण में यह भी उल्लेख किया गया है कि देश की शीर्ष कंपनियों के 70 प्रतिशत कर्मचारियों में दिव्यांग कर्मचारियों का प्रतिशत भी 0से 1 फीसदी से भी कम है। यानि दिव्यांगों को भी नौकरी में बहुत ज्यादा अवसर नहीं मिलते।
300 कंपनियों का सर्वे सीआरडब्ल्यू 14 सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ भारत का एक थिंक टैंक है। यह सिविल सोसायटी पर्सपेक्टिव के दृष्टिकोण से भारत के कॉर्पोरेट वातावरण का विश्लेषण करता है। इसने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में लिस्टेड भारत की 500 शीर्ष कंपनियों में से 300 का डेटा एकत्र कर उनके कर्मचारियों का विश्लेषण किया। अध्ययन में कहा गया है कि विश्लेषण के तहत 300 कंपनियों में से केवल 39 ने 'लगातार' कंपनी में अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को रोजगार देने की बात की। जबकि अन्य शीर्ष कंपनियों ने दिव्यांगों और महिला कर्मचारियों के खिलाफ अपने पूर्वाग्रह से चौंका दिया।
88 फीसदी भारतीय महिलाएं नहीं लौटती काम पर
काम के लिए फ्लेक्सीबल टाइम की मांग पर भी गौर करना होगा। क्योंकि इसके अभाव में 88 फीसदी भारतीय महिलाओं ने मातृत्व अवकाश के बाद पूर्णकालिक काम पर वापसी ही नहीं की। जबकि इस दौरान केवल 12फीसदी कंपनियों ने उन्हें फ्लेक्सिबल समय और मातृत्व अवकाश जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाईं। इस प्रकार यह सर्वेक्षण हमें यह विचारने पर विवश करता है कि देश की आधी आबादी जो अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे सकती है उसे घर बिठाने पर हम क्यों आमादा हैं?
बीएसई में लिस्टेड इन शीर्ष भारतीय कंपनियों में से 53 प्रतिशत में प्रत्येक 10 पुरुष कर्मचारियों पर सिर्फ 1 महिला कर्मचारी काम कर रही थी। वहीं 70 फीसदी कंपनियों में 1 फीसदी से भी कम दिव्यांग कर्मचारी कार्यरत थे। 300 कंपनियों में से केवल 39 फीसदी कंपनियों ने ही अपने यहां पिछड़ा वर्ग या आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को रोजगार देने की बात स्वीकारी। इसके अलावाए अध्ययन में यह भी दावा किया गया कि 23,247.90 करोड़ की निर्धारित कॉर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) राशि में से भी कंपनियों ने केवल केवल 57 प्रतिशत राशि ही खर्च की थी। भारत में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिलाओं की रोजगार दर को बढ़ाने की जरुरत है। लेकिन औपचारिक और अनौपचारिक रूप से यह दर 2005 में 35 फीसदी की तुलना में गिरकर अब केवल 26 फीसदी रह गई है।
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फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए बेस्ट है टागेर्टेड और इम्यूनो थेरेपी, जानिए इसके फायदे
फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए बेस्ट है टागेर्टेड और इम्यूनो थेरेपी, जानिए इसके फायदे : फेफड़े के कैंसर के इलाज में टागेर्टेड थेरेपी बेहद कारगर साबित हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि टागेर्टेड और इम्यूनोथेरेपी से स्टेज 4 फेफड़े के कैंसर वाले रोगी भी अच्छी गुणवत्ता वाला जीवन जी सकते हैं. नई दिल्ली स्थित राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) के सीनियर विशेषज्ञ डॉ. उल्लास बत्रा ने बताया कि फेफड़े के कैंसर का पता प्राय: बाद के स्टेज में ही हो पाता है. इसीलिए मात्र 15 प्रतिशत मामलों में ही इसका इलाज संभव हो पाता है. हालांकि टागेर्टेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसी रणनीतियों और नए शोध से उम्मीद की किरण दिखी है. डॉ. बत्रा ने कहा, " फेफड़ों के कैंसर के लिए सबसे अहम जोखिम कारक किसी भी रूप में धूम्रपान करना है, चाहे वह सिगरेट, बीड़ी या सिगार हो. धूम्रपान करने से फेफड़ों का कैंसर होने की आशंका 15 से 30 गुना बढ़ जाती है और धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में इन व्यक्तियों के फेफड़ों के कैंसर से मरने की आशंका भी अधिक होती है. निष्क्रिय धूम्रपान यानी धूम्रपान करने वाले आसपास रहना भी बहुत हानिकारक है. इन्हे भी पढ़े :- तेजी से बढ़ रहा है स्मार्ट फीचर फोन का मार्केट, 28 अरब डॉलर राजस्व की उम्मीद अध्ययनों से पता चला है कि निष्क्रिय तंबाकू के संपर्क में आने वाले लोगों में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम 20 प्रतिशत बढ़ जाता है. फेफड़े के कैंसर के अन्य जोखिम कारक रेडॉन, एस्बेस्टस, कोयले का धुआं और अन्य रसायनों के संपर्क में रहना है. " आंकड़ों के आधार पर डॉ. बत्रा ने बताया कि फेफड़े का कैंसर होने की औसत आयु 54.6 वर्ष है और फेफड़ों के कैंसर के अधिकांश रोगियों की आयु 65 वर्ष से अधिक है. इसमें यह भी ध्यान देने की बात है कि फेफड़े के कैंसर के मामले में पुरुष-महिला अनुपात 4.5 :1 है. उम्र और धूम्रपान के असर से पुरुषों में खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है. ग्लोबोकैन की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में फेफड़ों के कैंसर के भारत में 67,795 नये केस दर्ज हुए. इसी दौरान फेफड़े के कैंसर से मरने वालों की संख्या 63,475 रही. फेफड़े के कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आईसीएमआर के अनुसार, अगले चार वर्षों में फेफड़े के कैंसर के नए मामलों की संख्या 1.4 लाख तक पहुंच सकती है. डॉ. बत्रा ने बताया कि फेफड़ों के कैंसर को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक तम्बाकू (सक्रिय या निष्क्रिय) के के संपर्क से बचना होगा. धूम्रपान को छोड़ना बहुत मुश्किल नहीं है और यदि प्रयास किया जाये तो इसमें कभी देर नहीं लगती. यदि ��प 50 वर्ष की आयु से पहले धूम्रपान करना बंद कर दें, तो आप अगले 10-15 वर्षों में फेफड़ों के कैंसर के खतरे को आधा कर सकते हैं. इन्हे भी पढ़े :- संजय कपूर की बेटी ने की बॉलीवुड में एंट्री, लखनऊ में चल रही है शूटिंग बत्रा ने कहा, "वास्तव में फेफड़ों का कैंसर वैयक्तिकृत कैंसर के इलाज के लिए पोस्टर चाइल्ड है. टागेर्टेड और इम्यूनोथेरेपी के आगमन से, स्टेज 4 फेफड़े के कैंसर वाले रोगी अच्छी गुणवत्ता के साथ जीवनयापन कर रहे हैं. " फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए बेस्ट है टागेर्टेड और इम्यूनो थेरेपी, जानिए इसके फायदे स्त्रोत :- zeenews छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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आसान शब्दों में समझें क्या हैं ई-ग्राम स्वराज ऐप और स्वामित्व योजना, कैसे मिलेगा फायदा
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आसान शब्दों में समझें क्या हैं ई-ग्राम स्वराज ऐप और स्वामित्व योजना, कैसे मिलेगा फायदा
नई दिल्ली: आज पंचायती राज दिवस (National Panchayati Raj Day) के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देशभर के सरपंचों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया. इस दौरान पीएम ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया. पीएम ने स्वामित्व योजना की भी शुरुआत की. आइए जानते हैं ग्राम वासियों को इनसे क्या फायदे मिलेंगे.
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और ऐप – भारत सरकार की पंचायत राज मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ई-ग्राम स्वराज वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी सभी जानकारियां एक साथ मिलेंगी. – यहां ग्राम पंचायतों की प्रोफाइल, ग्राम पंचायतों के विकास के लिए प्लानिंग, बजट और उसकी एकाउंटिंग सहित अत्याधुनिक डैशबोर्ड मिलेगा. – ग्राम पंचायत की विकास योजना के लिए ये सिंगल प्लेटफॉर्म होगा. – इसके जरिए गांवों के लिए विकास योजना तैयार करना और लागू करना आसान
ये भी पढ़ें- PM मोदी बोले, ‘कोरोना संकट ने हमें आत्मनिर्भर बनने का संकेत दिया’
स्वामित्व योजना – ‘स्वामित्व योजना’ गांवों में संपत्ति विवाद को खत्म करने का एक प्रयास है. – इसके तहत देश के सभी गांवों में ड्रोन के माध्यम से गांव की हर संपत्ति की मैपिंग की जाएगी. – इसके बाद गांव के लोगों को उस ��ंपत्ति का मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा. – इससे शहरों की ही तरह गांवों में भी लोन ले सकते हैं. – फिलहाल उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में इस योजना को प्रारंभिक तौर पर शुरू कर रहे हैं.
ग्रामीण भारत को जानिए – देश में कुल गांव- 6 लाख 40 हजार 867 – देश में कुल ग्राम पंचायत- करीब ढाई लाख – गांवों की आबादी- 83 करोड़ 30 लाख 87 हजार 662 – कुल आबादी में गांवों का हिस्सा- 68.84 % – महिला-पुरुष अनुपात- 947:1000 – साक्षरता- 69% – महिला साक्षरता- 58.75% – जनसंख्या वृद्धि दर- 12.2% – सबसे बड़ी ग्रामीण आबादी वाले 3 राज्य- उत्तर प्रदेश, बिहार, प. बंगाल
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महिलाओं की जीने की क्षमता -
कई वैज्ञानिकों का मानना है की जन्म के साथ ही महिलाये जीने के ज्यादा क्षमता लेकर आती है कई सर्वे में ये पाया गया है की अलग -अलग देशों में ये अनुपात अलग -अलग है जैसे भारत में महिलाये पुरषों से 6 माह ज्यादा जीती है वही अमेरिका में महिलाये पुरषों से 6 .5 साल ज्यादा जीती है वही ब्रिटेन में महिलाये पुरषों से 5 .3 साल ज्यादा जीती है और तो और रूस में ये अनुपात बहुत बड़ा हुआ है यहाँ की महिलाये पुरषों से 12 साल ज्यादा जीती है |सामाजिक विविधता और कई तरह के कारकों का मानव जीवन पे प्रभाव पड़ता है और महिलाओं को कई तरह के बायोलॉजिकल लाभ होते है |लेकिन कई तरह के पुराने रीती -रिवाजों ने इसको बहुत नुकसान पहुंचाया | जैसे महिलाओं को मासिक धर्म के कारन रक्त की कम हो जाती है और जिससे आइरन की कमी शरीर में हो जाती है और इनको एनिमिआ हो जाता है जो की महिलाओं को मौत के दर को बढ़ाता था |पुरषों और महिलाओं में सामाजिक अंतर ने भी इसका बढ़ावा दिया |
महिलायों का दीर्घायु होने के कारण-
हमारे शरीर में X और Y दो गुणसूत्र पाये जाते है जो की लिंग निर्धारण करने में सहायक होते है |ये गुणसूत्र पुरषों और महिलाओं दोनों में पाये जाते है |महिलाओं के दीर्घायु होने का जैविक आधार स्पष्ट है हर प्रजाति की महिलाये पुरषों कुछ अपवाद चीजें में आगे होती है अनुवांशिक परिवर्तन X गुणसूत्र के कारण होते है और ये महिलाओं में दो पाये जाते है |और इसलिए जब भी को अनुवांशिक परिवर्तन होता है तो एक गुणसूत्र ख़राब होने पे दूसरा बैकअप के लिए होता है |जबकि पुरषों में केवल एक गुणसूत्र होने के कारण वो ख़राब भी तब भी उसको ही जीन्स व्यक्त करना होता है |
महिलाओं का गर्भ धारण करना और स्तनपान कराना उनके शरीर के लचीलेपन भी दीर्घायु होने में सहायता करता है महिला हार्मोन -एस्ट्रोजन उनकी कम उम्र में दिल की बीमारी से बचाता है |
महिला और पुरषों में कई और भी अंतर है -
मानव मेडिकल विज्ञानं कहता है की लड़कों में न पढ़ने और हकलाने के विकार ज्यादा पाये जाते है क्योकि महिलाओं अपने मस्तिष्क के दोनों तरफ से भाषा की सक्रियता दिखाता है जबकि पुरुष का दिमाग केवल बायीं ओर का दिमाग प्रयोग करता हैऔर मस्तिष्क के दोनों ओर की भाषा की सक्रियता की वजह से महिलाओं में क्रोध और आवेग को नियंत्रित करने की बहुत क्षमता रहती है |और साथ ही साथ महिलाये अपने स्वास्थ को लेकर अधिक जागरूक रहती है और स्वस्थ जीवन शैली अपनाती है |
#हर प्रजाति#अनुवांशिकपरिवर्तन#गुणसूत्र#जीन्स#जीवनशैली#जैविकआधार#दोगुणसूत्र#पुरुषकादिमाग#महिलाहार्मोन#एस्ट्रोजन#महिलायेमेडिकलविज्ञानं#लड़कोंमेंनपढ़नेऔरहकलानेकेविकारज्यादापाये#लिंगनिर्धारण#स्वस्थ#स्वास्थ#हरप्रजाति
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Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin List 2022-23 | जानिए किसे मिलेगा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ!
दोस्तों ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना का महत्व कितना है यह बताने की कोई जरूरत नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बहुत से ऐसे घर हैं जो पक्के नहीं बल्कि कच्ची मिट्टी के बनाए गए हैं। हम सभी जानते हैं हमारा दे�� भारत एक विकासशील देशों की श्रेणी में आता है जिसका मतलब है कि अभी हमारा देश धीरे-धीरे विकास के रास्ते पर प्रगति कर रहा है। ऐसे में हमारे देश में गरीबी बहुत है जिसके कारण बहुत से परिवार मिल जाएंगे जिनके पास पक्के घर नहीं है। Pradhan Mantri Awas Yojana के अंतर्गत इन परिवारों को सहायता राशि प्रदान की जाती है ताकि यह परिवार भी अपना पक्का मकान बनवा सकें। आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं Pradhan Mantri Awas Yojana 2022-23 के बारे में जहां पर हम जानेंगे कि किसे इस योजना का लाभ मिलेगा और किसे इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा साथ ही हम यही जानेंगे कि इस योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया क्या है। कौन-कौन से जरूरी दस्तावेज लगने वाले हैं इसके बारे में भी इस आर्टिकल में बात करेंगे। यदि आप हमारे वेबसाइट पर नए हैं तो हमारे टेलीग्राम ग्रुप और व्हाट्सएप ग्रुप को फॉलो करना ना भूलें यहां पर आपको गवर्नमेंट जॉब और सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी मिलती रहती है।
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin 2022-23: Overview
संस्था का नामभारत सरकारयोजना का नामPradhan Mantri Awas Yojana 2022-23 आर्टिकल का नामPradhan Mantri Awas Yojana Gramin List 2022लाभार्थीगरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारउद्देश्यसबको पक्के मकान देनाकुल राशि₹120000राशि प्राप्त करने का माध्यमबैंक अकाउंटआवेदन का माध्यमऑनलाइनऑफिसियल वेबसाइटऑफिशियल एप्लीकेशनGram Samvaad App
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin Benefits
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin के लाभ स्थानीय क्षेत्रों एवं पहाड़ी क्षेत्र दोनों को इसका लाभ मिलेगा। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को ₹120000 की धनराशि दी जाती है। और पहाड़ी क्षेत्र एवं, केंद्र शासित राज्य को ₹130000 की धनराशि दी जाती है जिसका इस्तेमाल उस प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के अनुसार घर बनाने के लिए किया जा सकता है। इस योजना में मिलने वाले पैसे केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार दोनों मिलकर देते हैं। ज्यादातर साझेदारी केंद्र सरकार की होती है और कुछ साझेदारी राज्य सरकार की होती है। केंद्र शासित राज्यों में मिलने वाले पैसे केंद्र सरकार द्वारा ही दिए जाते हैं। Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin Benefits- - स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ₹120000 की धनराशि प्राप्त होती है। - समतल क्षेत्रों के लिए दिए जाने वाले लाभ में केंद्र सरकार और राज्य सरकार का अनुपात 60:40 का होता है। - मनरेगा के अंतर्गत 90 से 95 दिनों का रोजगार गारंटी दिया जाता है जिसमें ₹100 प्रतिदिन की मजदूरी होती है। - उत्तर पूर्व के पर्वतीय राज्य, एवं जम्मू कश्मीर के लोगों को ₹130000 की धनराशि प्राप्त होती है इस धनराशि में केंद्र सरकार और राज्य सरकार का अनुपात 90:10 का होता है। - शौचालय बनवाने के लिए ₹12000 की धनराशि प्राप्त होती है। - धनराशि को सीधा आधार कार्ड से जुड़े खाते अथवा पोस्ट ऑफिस के खाते में भेजा जाता है।
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin Beneficiary
किसे प्राप्त होगा इस योजना का लाभ- - यदि व्यक्ति के घर में 16 साल से लेकर 59 साल के बीच का कोई युवा व्यक्ति नहीं है। - यदि परिवार में 25 साल से अधिक उम्र का कोई शिक्षित व्यक्ति ना हो - परिवार का पालन पोषण किसी महिला द्वारा किया जा रहा है और उस परिवार में 16 से लेकर 59 साल तक का कोई भी युवा व्यक्ति ना हो - ऐसे परिवार के मुखिया विकलांग हूं और ऐसे परिवार जिनके मुखिया विकलांग और परिवार का पालन पोषण करने के लिए कोई युवा पुरुष ना हो। - ऐसे परिवार जिनके पास खेती-बाड़ी के लिए जमीन ना हो एवं मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करते हैं।
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin 2022-23: Required Documents
नीचे सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट दिए गए हैं - - आधार कार्ड - मनरेगा जॉब कार्ड - प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत रजिस्ट्रेशन नंबर - बैंक अकाउंट नंबर - परिवार के पास पक्का मकान ना होने का नोटरी/स्टांप।
Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin: Eligibility Criteria
- परिवार के पास कम से कम एक रूम अथवा दो रूम का कच्चा मकान होना चाहिए। - परिवार में कोई भी व्यक्ति 10,000 से अधिक 1 महीने में ना कमाता हो। - अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं आदिवासी व्यक्ति ही इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। - परिवार में कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी ना करता हो। - परिवार में दो पहिया तीन पहिया एवं चार पहिया वाहन नहीं होना चाहिए। - किसान क्रेडिट कार्ड होना आवश्यक है जिसकी लिमिट 50,000 से अधिक ना हो। - परिवार में कोई भी व्यक्ति की इनकम टैक्स ना भरता हो।
How To Apply For Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin 2022-23
इस योजना का लाभ उठाने के लिए नीचे दिए गए सूची को फॉलो करके आप ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं - - सबसे पहले ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं। - सभी जरूरी जानकारी जैसे कि नाम, जेंडर, आधार कार्ड नंबर मोबाइल नंबर आदि भरे। - इसके बाद सर्च बटन पर क्लिक करें। लाभार्थी का नाम और PMAY आईडी प्राप्त हो जाए। - अगले स्टेप में Select To Register पर पर क्लिक करें। - इनके बाद लाभार्थी की जानकारी स्क्रीन पर दिखने लगेगी। - जानकारी को वेरीफाई करें। - अगले स्टेप में लाभार्थी का नाम बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरे। - अगले स्टेट में मनरेगा जॉब कार्ड नंबर एवं स्वच्छ भारत रजिस्ट्रेशन नंबर भरे। - इसके बाद स्क्रीन पर रजिस्ट्रेशन नंबर दिख जाएगा। प्रधानमंत्री शौचालय योजना 2022 | शहरी क्षेत्र में मोदी सरकार शौचालय के लिए दे रही है ₹12000 की धनराशि
How To Check Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin List 2022-23
नीचे दी गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना 2022 की लिस्ट में आपका नाम है इसकी जानकारी ले सकते हैं। इस योजना के सरकार की तरफ से एक एप्लीकेशन लॉन्च किया गया है जिसका नाम है Gram Samvad App जो आपको देखने को मिल जाएगा इस ऐप को डाउनलोड करें और फिर नीचे दी गई प्रक्रिया को फॉलो करें।
- एप्लीकेशन प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद इसे ओपन करें। - एप्लीकेशन के होम पेज पर Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin पर क्लिक करें। - अगले पेज पर स्टैटिक्स के ऑप्शन पर क्लिक करें। - इसके बाद हाउस कंप्लीट के ऑप्शन पर क्लिक करें। - आपके सामने Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin List 2022 खुलकर आ जाएगी। यदि लिस्ट में आपका नाम होगा तो आप अपने आवेदन से जुड़ी जानकारी देख सकते हैं। यदि लिस्ट में आपका नाम नहीं है तो इसका मतलब है कि आपका आवेदन स्वीकृत नहीं किया गया है। Download PMAY ApplicationClick HereJoin Our Telegram GroupJoin NowPm Kisan Yojana Beneficiary Status Direct Linkलिंक 1 || लिंक 2 Official WebsiteClick Here Read the full article
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Bhagyalakshami Scheme
देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में मुख्यमंत्री ने पुरुष-महिला लिंगानुपात सुधारने के लिए Bhagyalakshmi Scheme शुरू की है | राज्य सरकार की इस पहल से कन्या भ्रूणहत्या रोकने, बेटियों के जन्म को बढ़ावा देने और महिला सशक्तिकरण में मदद मिलने की उम्मीद है | Bhagyalakshmi Yojana को ‘मनी फॉर गर्ल चाइल्ड‘ योजना के नाम से भी जाना जाता है |
केंद्र सरकार की बेटी बचाओ योजना की तरह पर शुरू Bhagyalakshmi Yojana के तहत उत्तर प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवार में बेटी के जन्म पर ५०,००० रुपये का बांड बेटी के नाम पर दिया जाता है |
Benefits Of Bhagyalakshmi Scheme
हम इस लेख में बतलाने जा रहे है Bhagyalakshmi scheme के फायदे जो निम्नलिखित है| हमारे भारत देश में लिंग अनुपात हमारे देश में एक बहुत बड़ी समस्या है|
भारत देश में प्रति १००० लड़को की संख्या में लड़कियों की संख्या सिर्फ ९१८ है, इतने गिरते हुए आंकड़ों के लिए यह योजना एक सही नीति साबित हो सकती है|
जिन परिवार में लड़कियों को अभी भी बोज माना जाता है उस परिवार के लिए यह योजना फायदेमंद साबित हो सकती है| इस में लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण योजना है|
इस योजना के अंतर्गत बच्चीओ को सही समय पर शिक्षा की छात्रवृति दी जाती है, जिससे वो आगे की कक्षा की पढाई कर सके, इस छात्रवृति का लाभ उठाने के लिए निरंतर पढाई करना आवश्यक है|
Key Points Of Bhagyalakshmi Scheme
इस योजना के तहत नई पैदा हुई बालिका की माँ को फायदा होगा|
लाभार्थी सूचि के माध्यम से होना चाहिए एवं परिवार की वार्षिक आय २ लाख रूपये से कम होनी चाहिए|
यूपी सरकार लड़की की माँ के लिए ५०,००० रुपया देगी और सरकार ५१०० रुपया भी उम्मीदवार के बैंक खाते के द्वारा देंगे|
यह Bhagyalakshmi scheme उत्तरप्रदेश सरकार के महिला कल्याण विभाग द्वारा आयोजित और कार्यान्वित की जाएगी|
जब लड़की की आयु २१ साल की हो जायेगी तब उस लड़की के माता पिता को २ लाख दिए जायेंगे|
प्यारे पाठक आपको इस लेख मे हमने Bhagyalakshmi scheme के बारे मे जरूरी जानकारी देने का प्रयत्न किया है। अगर आपको इस योजना से संबंधी ओर जानकारी चाहिए या इस योजना से जुड़ा कोई प्रश्न हो तो आप हमे COMMENT के माध्यम से संपर्क कर सकते है। इसके अलावा आपको जानकारी चाहिए तो आप यहा से CLICK करके प्राप्त कर सकते है।
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बंगाल चुनावों में महिला मतदाताओं की बढ़ती संख्या निभा सकती है अहम भूमिका, देखें मतदाता सूची विवरण Divya Sandesh
#Divyasandesh
बंगाल चुनावों में महिला मतदाताओं की बढ़ती संख्या निभा सकती है अहम भूमिका, देखें मतदाता सूची विवरण
शैबाल गुप्त�� कोलकाता। पश्चिम बंगाल में महिला मतदाताओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी मौजूदा विधानसभा चुनावों के नतीजों में अहम भूमिका निभा सकती है। यहां न केवल महिला मतदाताओं का प्रतिशत 49 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर गया है, बल्कि भारत के चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित की गई अंतिम मतदाता सूची में लिंग अनुपात भी पिछले वर्ष की तुलना में 956 से बढ़कर 961 हो गया है।
अन्य बड़े राज्यों में पश्चिम बंगाल ही ऐसा राज्य है जहां चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी काफी ज्यादा रही है। तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल चौथा प्रमुख राज्य है जहां चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी अधिक है। केरल में जहां महिला मतदाताओं का प��रतिशत 51.4 प्रतिशत है, वहीं तमिलनाडु में 50.5 और आंध्र प्रदेश में 50.4 प्रतिशत है। पश्चिम बंगाल में यह प्रतिशत 49.01 प्रतिशत है।
वहीं पांच छोटे राज्य – गोवा, अरुणाचल प्रदेश, पुडुचेरी, मणिपुर, मिजोरम और मेघालय में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। केवल छोटे राज्य जैसे त्रिपुरा, नागालैंड और केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में पश्चिम बंगाल की तुलना में महिलाओं की भागीदारी बेहतर है।
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में लिंगानुपात भी बेहतर हुआ है। 2020 में 1,000 पुरुष मतदाताओं के मुकाबले 956 महिला मतदाता थीं, जो अब बढ़कर 961 हो गईं हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ना एक निर्णायक कारक बन सकती है।
पश्चिम बंगाल में कुल 7,32,94,980 मतदाता हैं, जिनमें से 3,73,66,306 पुरुष और 3,59,27,084 महिलाएं हैं। वहीं तीसरे लिंग के मतदाता 1,430 और 1,12,642 सर्विस इलेक्टर्स हैं। अंतिम मतदाता सूची से पता चलता है कि 20,45,593 नाम नए जोड़े गए हैं, वहीं 5,99,921 नाम हटाए गए हैं और 14,45,672 नाम सुधारे गए हैं। नवंबर 2020 में प्रकाशित हुई ड्राफ्ट सूची की तुलना में इसमें 2.01 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
यही वो वजह है कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस राज्य की महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। हाल ही में, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, बी.एल. संतोष ने ट्वीट कर कहा था, “बिहार की तरह यहां भी महिला मतदाता भाजपा को जीत का परचम लहराने में मदद करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा महिलाओं को दिए गए सम्मान के कारण महिलाओं के मन में अच्छी छवि बनी है, जो कि साफ नजर भी आ रही है। यहां तक कि उस नंदीग्राम सीट में भी, जहां ममता बनर्जी खुद उम्मीदवार हैं।”
भाजपा के घोषणापत्र में महिलाओं को ध्यान में रखकर कई घोषणाएं की गईं हैं। इनमें सरकारी ��ौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण, विधवाओं की पेंशन में वृद्धि, मुफ्त परिवहन और केजी से पीजी तक की मुफ्त शिक्षा शामिल है।
यह खबर भी पढ़ें: आखिर क्या हैं मिस्र देश की रानियों की खूबसूरती का राज, जिसकी वजह से रहती थी हमेशा जवान
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी सरकार की विकासात्मक योजनाओं और भाजपा के शासन में “महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हुई वृद्धि को उजागर करने के लिए 2019 के चुनावों के दौरान महिलाओं तक पहुंचने के लिए पार्टी के राजनीतिक मोर्चे पर बोंगो जननी नाम से अलग विंग बनाई थी।
बोंगो जननी की महासचिव और महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पंजा कहती हैं, “पश्चिम बंगाल में पिछले 10 सालों के अपने शासन में तृणमूल सरकार ने कन्याश्री जैसी कई योजनाएं लाईं, जिन्हें वैश्विक स्तर पर सराहा गया। हमने जो भी किया है उस पर हमें भाजपा से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है।”
हालांकि राज्य में 18-19 साल की किशोर मतदाताओं की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है। पिछले 3 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि किशोर मतदाताओं की संख्या में कमी आई है। 2018 में यह 2.94 प्रतिशत था, जो 2019 में बढ़कर 2.96 प्रतिशत हो गया और 2020 में बढ़कर 3.13 प्रतिशत हो गया था।
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वैश्विक स्पर्धा सूची में 10 स्थान फिसलकर 68वें स्थान पर पंहुचा भारत
नवीनतम अद्यतन के अनुसार, भारत वार्षिक वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में १०वें स्थान फिसलकर 58 से 68वें स्थान पर पहुच गया है। अन्य देशों के बेहतर प्रदर्शन के कारण भारत इस साल के एक सालाना वैश्विक प्रतिर्स्पिधता सूचकांक में 10 स्थान फिसलकर 68वें स्थान पर आ गया। आर्थिक मंदी को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा की वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में है। इसका असर भारत पर ज्यादा है। सूची में आगे बात करे तो सिंगापुर ने अमेरिका को अपदस्थ कर शीर्ष स्थान पर कब्जा जमा लिया। जिनेवा स्थित विश्व आर्थिक मंच के सालाना वैश्विक प्रतिर्स्पिधता सूचकांक में भारत पिछले साल 58वें स्थान पर रहा था। भारत इस साल ब्रिक्स देशों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में एक है। मंच ने बुधवार को कहा कि वृहद आर्थिक स्थिरता तथा बाजार के आकार के मामले में भारत की रैंकिंग अच्छी है। वित्तीय क्षेत्र भी स्थिर है, लेकिन चूक की दर अधिक होने से बैंकिग प्रणाली प्रभावित हुई है। सूचकांक के अनुसार, भारत का स्थान कंपनी संचालन के मामले में 15वां, शेयरधारक संचालन में दूसरा तथा बाजार आकार और अक्षय ऊर्जा नियमन में तीसरा रहा। नवोन्मेष के मामले में भी भारत का प्रदर्शन अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर रहा और विकसित देशों के समतुल्य रहा। सूचना, संचार एवं प्रौद्योगिकी (आईसीटी) को अपनाने में खराब प्रदर्शन, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र की खराब स्थिति तथा स्वस्थ जीवन की संभावना की खराब दर ने कई क्षेत्रों में अच्छे प्रदर्शन के असर को सीमित कर दिया। स्वस्थ जीवन की संभावना के मामले में भारत का स्थान 109वां रहा। यह अफ्रीका के बाहर के देशों में सबसे खराब में स�� एक है। मंच ने कहा कि भारत में पुरुष कामगारों की तुलना में महिला कामगारों का अनुपात 0.26 है। इस मामले में भारत का स्थान 128वां रहा। प्रतिर्स्पिधता की रैंकिंग में भारत के बाद श्रीलंका 84वें, बांग्लादेश 105वें, नेपाल 108वें और पाकिस्तान 110वें स्थान पर रहा। अध्ययन में कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था आर्थिक नरमी के लिये तैयार नहीं है। प्रतिर्स्पिधता रैंकिंग में सिंगापुर ने अमेरिका को हटाकर शीर्ष स्थान हासिल कर लिया। इसके बाद दूसरे स्थान पर अमेरिका, तीसरे पर हांग कांग, चौथे पर नीदरलैंड और पांचवें पर स्विट्जरलैंड रहा। ब्रिक्स देशों में चीन की स्थिति सबसे अच्छी रही और वह 28वें स्थान पर रहा। Read the full article
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