#बुधवार के उपाय
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astrorakesh1726 · 9 months ago
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कुंडली में मंगल को मजबूत करने का क्या उपाय है?
कुंडली में मंगल को मजबूत करने के कई उपाय हो सकते हैं। मंगल को बढ़ावा देने वाले कुछ सामान्य उपाय निम्नलिखित हैं:
मंगल के मंत्र का जाप: "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" यह मंत्र मंगल को समर्पित है और उसके द्वारा मंगल की शांति करता है। इस मंत्र को नियमित रूप से जप करने से मंगल की दशा में लाभ हो सकता है।
मंगल के रत्न का धारण: मंगल के रत्न, माणिक्य (Ruby) या मूंगा (Coral) को अंगूठे या पहनने के लिए अनुशंसा की जाती है। इससे मंगल की शक्ति बढ़ सकती है।
मंगल के पूजा और दान: मंगल की पूजा और दान करने से भी इसकी शांति हो सकती है। इसके लिए लाल कपड़े में मिश्री को राख लें और इसे मंगल के मंदिर में दान करें।
मंगल के व्रत: बुधवार को मंगल के व्रत रखने से भी इसकी कृपा मिल सकती है। इस व्रत में बुधवार को अन्न, मसूर दाल, लाल फूल, मसूर दाल की माला, और मंगल का पूजन किया जाता है।
मंगल के विवाह: कुंडली में मंगल की दशा में होने पर, मंगल के साथ शादी करने से भी इसकी शांति हो सकती है। यहां ध्यान देने योग्य है कि मंगल ग्रह के साथ शादी करने से पहले कुंडली मिलान करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
यदि आप किसी क्षेत्र की जानकारी की तलाश में हैं, तो मैं आपको सलाह देता हूं कि एक विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य से परामर्श करें, जो आपकी व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर सही उपाय सुझा सकते हैं। वे आपको समर्थन और उपाय के लिए सर्वोत्तम सलाह प्रदान कर सकते हैं। जिसके लिए आप कुंडली चक्र प्रोफेशन २०२२ सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते है।
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indlivebulletin · 8 days ago
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दिल्ली में करने होंगे ये 7 उपाय, 500 से 50 पर आ जाएगा AQI…. बन जाएगा सबसे साफ शहर
राजधानी दिल्ली इन दिनों प्रदूषण (Delhi-NCR Pollution) की मार झेल रही है. आलम ये है कि दो दिन तक को AQI लेवल 500 पार रहा. बुधवार को AQI 421 है. दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है. ऑनलाइन क्लास से लेकर वर्क फ्रॉम की सुविधा तक दे दी गई है. कृत्रिम बारिश तक करवाने की बात की जा रही है. इस बीच डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन फिर से चर्चा में आई है. क्योंकि यह दुनिया का…
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sharpbharat · 29 days ago
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Jamshedpur rural co - दीपावली को लेकर प्रशासन अलर्ट, चाकुलिया के सीओ ने की पटाखे की दुकानों पर छापेमारी
चाकुलिया‌ : चाकुलिया के अंचल अधिकारी नवीन पुरती ने बुधवार की शाम को नगर पंचायत क्षेत्र में खुले में संचालित की जा रही पटाखे की दुकानों में छापेमारी अभियान चलाया. इस दौरान अंचल अधिकारी ने दुकानदारों को विभिन्न प्रकार के सुरक्षा के उपाय बताते हुए कई निर्देश दिए. उन्होंने बाजार में खुले पटाखा दुकान का घूम घूम कर काफी बारीकी से जांच की. उन्होंने बताया कि छापेमारी अभियान आगे भी जारी रहेगा.
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astroclasses · 30 days ago
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astrovastukosh · 1 month ago
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*🌞~ आज दिनांक - 16 अक्टूबर 2024 का सटीक - शुद्ध गणना के साथ वैदिक हिन्दू, पंचांग, दीपक की दिशा का ज्ञान और बुद्धि बढ़ाने के ढेर सारे उपाय ~🌞*
🙏 *Akshay Jamdagni*
*9837376839* ✍️🌹
*⛅दिनांक - 16 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - चतुर्दशी रात्रि 08:40 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
*⛅नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद शाम 07:18 ���क तत्पश्चात रेवती*
*⛅योग - ध्रुव प्रातः 10:10 तक, तत्पश्चात व्याघात प्रातः 05:57 अक्टूबर 17 तक*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:25 से दोपहर 01:52 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:37*
*⛅सूर्यास्त - 06:13*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:58 से 05:47 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नही*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:00 अक्टूबर 17 से रात्रि 12:50 अक्टूबर 17 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - शरद पूर्णिमा, कोजागर पूजा*
*⛅विशेष - चतुर्दशी को स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹दीपक की दिशा🔹*
*🔸दीपक अपने से दक्षिण दिशा की तरफ रखने से प्राण हानि होती है ।*
*🔸 दीपक अपने से नैऋत्य दिशा की तरफ रखने से विस्मृति कारक उर्जा बनती है ।*
*🔸 दीपक अपने से पश्चिम दिशा की तरफ रखने से शांतिदायक होता है ।*
*🔸 दीपक अपने से वायव्य दिशा की तरफ रखने से सम्पत्तिनाशक होता है ।*
*🔸दीपक अपने से उत्तर दिशा की तरफ रखने से स्वास्थ्य व धन प्रदायक होता है ।*
*🔸 दीपक अपने से ईशान कोण दिशा की तरफ रखने से कल्याणकारक होता है ।*
*🔹बुद्धि बढ़ाने के ढेर सारे उपाय🔹*
*🔸१] दिव्य प्रेरणा-प्रकाश पुस्तक में (पृष्ठ २ पर ) एक मंत्र लिखा है, उसको पढ़कर दूध में देखोगे और वह दूध पियोगे तो बुद्धि बढ़ेगी, बल बढ़ेगा ।*
*🔸मंत्र :*
*ॐ नमो भगवते महाबले पराक्रमाय मनोभिलाषितं मनः स्तंभ कुरु कुरु स्वाहा ।*
*🔸२] मंत्रजप और अनुष्ठान से बुद्धि विकसित होती है ।*
*🔸३] भगवच्चिंतन करके ॐकार का गुंजन करके शांत होओगे तो बुद्धि बढ़ेगी ।*
*🔸४] श्वासोच्छवास में भगवान् सूर्यनारायण का ध्यान करने से भी फायदा होगा ।*
*🔸५] श्रद्धा, भक्ति और गुरुजनों के सत्संग से भी बुद्धि उन्नत होती है ।*
*🔸७] भगवद-ध्यान से तो बुद्धि को बढ़ना ही है ।*
*🔸८] स्मृतिशक्ति बढ़ानी है तो कानों में अँगूठे के पासवाली पहली उँगलियाँ डालकर लम्बा श्वास लो फिर होंठ बंद रख के कंठ से ‘ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ... ’ ऐसा उच्चारण करो । इस प्रकार १० बार करो । इस भ्रामरी प्राणायाम से स्मृति बढ़ेगी, बुद्धू विद्यार्थी भी अच्छे अंक लायेंगे ।*
🙏 *Akshay Jamdagni* *9837376839* ✍️🌹
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bikanerlive · 2 months ago
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महावीर इंटरनेशनल द्वारा ‘कपड़े की थैली मेरी सहेली’ अभियान अंतर्गत रा.उ.मा. विद्यालय सुजानदेसर में वितरित किए कपड़े के थैलेपर्यावरण जन जागृति अभियान- सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त, बीकानेर विषय पर संगोष्ठी आयोजित कीप्लास्टिक थैलियों के इस्तेमाल से बचाव ही पर्यावरण सुरक्षा का उपाय है- रविन्द्र जैन
बीकानेर। महावीर इंटरनेशनल जनसेवार्थ- जनहितार्थ सेवा कार्यों के अंतर्गत अपने ५० वें वर्ष को गोल्डन जुबली वर्ष के रूप में मना रहा है। इसके तहत पर्यावरण जन जागृति अभियान महावीर इंटरनेशनल के चारों केन्द्र महावीर इंटरनेशनल बीकानेर, गंगाशहर, बीकाणा वीरा केन्द्र और गंगाणा वीरा केन्द्र द्वारा चलाया जा रहा है।२ अक्टूबर बुधवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जयंती…
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parasparivaarorg · 2 months ago
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विजया एकादशी क्या है पारस जी से जाने?
हर महीने में दो बार एकादशी व्रत किया जाता है और इस तरह एक साल में 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपको किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त हो तो इसके लिए विजया एकादशी का व्रत रखें। इस व्रत को रखने से और भगवान विष्णु की पूजा करने से आपको जीवन में अवश्य सफलता मिलती है। इसी कड़ी में आइये जानते हैं कब है विजया एकादशी का व्रत और क्या है इस व्रत का महत्व ?
कब है विजया एकादशी 2024 ?
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी के नाम से जानी जाती है। उदयातिथि के आधार पर विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च बुधवार को है। क्योंकि एकादशी तिथि का सूर्योदय 6 मार्च को होगा इसलिए यह व्रत इसी दिन किया जायेगा। यह व्रत शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध करने से पहले विजया एकादशी का व्रत रखा था, जिसके प्रभाव से उन्होंने रावण का वध किया था इसलिए इस दिन व्रत रखना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
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विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि
विजया एकादशी के दिन सबसे पहले सवेरे उठकर स्नान आदि करें और फिर सच्चे मन से भगवान विष्णु का नाम लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान को अक्षत, फल, पुष्प, चंदन, मिठाई, रोली, मोली आदि अर्पित करें। भगवान विष्णु को तुलसी दल जरूर अर्पित करें क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी अत्यधिक प्रिय है। श्रद्धा-भाव से पूजा कर अंत में भगवान विष्णु की आरती करने के बाद सबको प्रसाद बांटें।
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी शुभ होता है क्योंकि इस पाठ को करने से लक्ष्मी जी आपके घर में वास करती हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि विजया एकादशी के शुभ दिन किसी गोशाला में गायों के लिए अपनी सामर्थ्य के अनुसार धन का दान करें। विजया एकादशी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न , वस्त्र, दक्षिणा आदि दान करें।
विजया एकादशी पारण
विजया एकादशी व्रत के दूसरे दिन पारण किया जाता है। एकादशी व्रत में दूसरे दिन विधि-विधान से व्रत को पूर्ण किया जाता है। विजया एकादशी व्रत का पारण 7 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस व्रत का पारण करने से पहले आप ब्राह्मणों को भोजन अवश्य करायें और साथ ही अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद को दान करें और इसके बाद ही स्वयं भोजन करें।
विजया एकादशी व्रत का महत्व
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है। साल में जो 24 एकादशी आती हैं, हर एकादशी का अपना अलग महत्व है। विजया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की मुश्किलें दूर होती हैं और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। महंत श्री पारस भाई जी का कहना है कि भगवान विष्णु के आशीर्वाद से पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विजया एकादशी जिसके नाम से ही पता चलता है कि इस एकादशी के प्रभाव से आपको विजय की प्राप्ति होती है। यानि विजय प्राप्ति के लिए इस दिन श्रीहरि की पूजा करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि जो मनुष्य विजया एकादशी का व्रत रखता है उस मनुष्य के पितृ स्वर्ग लोक में जाते हैं।
पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें- कृं कृष्णाय नम:, ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:। महंत श्री पारस भाई जी ने इस व्रत के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में भी इस व्रत का वर्णन मिलता है। विजया एकादशी का व्रत भी बाकी एकादशियों की तरह बहुत ही कल्याणकारी है।
महंत श्री पारस भाई जी आगे कहते हैं कि यदि आप शत्रुओं से घिरे हो और कैसी भी विकट परिस्थिति क्यों न हो, तब विजया एकादशी के व्रत से आपकी जीत निश्चित है।
इस दिन ये उपाय होते हैं बहुत ख़ास
तुलसी की पूजा विजया एकादशी के दिन तुलसी पूजा को बहुत ही अधिक महत्व दिया जाता है। इस तुलसी के पौधे को जल अर्पित कर दीपक जलाएं। इसके अलावा तुलसी का प्रसाद भी ग्रहण करें। ऐसा करने से घर से दुःख दूर होते हैं और घर में खुशालीआती है ।
शंख की पूजा
विजया एकादशी के दिन तुलसी पूजा की तरह शंख पूजा का भी अत्यधिक महत्व है। इस दिन शंख को तिलक लगाने के बाद शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक कर शंख बजाएं। शंख से अभिषेक कर बजाना भी फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पीला चंदन प्रयोग करें
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि विजया एकादशी के दिन पीले चंदन का अत्यंत महत्व होता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु को और स्वयं भी पीले चंदन का टीका अवश्य लगाएं। पीले चंदन का टीका लगाने से आपको कभी असफलता नहीं मिलेगी और आपकी सदैव जीत होगी।
ॐ श्री विष्णवे नम: “पारस परिवार” की ओर स��� विजया एकादशी 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
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astrobysadhak · 3 months ago
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बुध के गोचर से मालामाल हो जाएंगे ये जातक, बस इन जातकों को रहना होगा बहुत सतर्क!
ज्योतिष में बुध का गोचर एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संचार, व्यापार, शिक्षा और लेखन के कारक हैं। जब बुध किसी राशि में विराजमान रहते हैं, तो इसका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। गोचर के समय बुध की स्थिति और उसकी दिशा हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। बुध का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में लगभग 14 से 30 दिनों के बीच होता है। इस अवधि के दौरान, यह विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। उदाहरण के लिए, बुध का मेष राशि में गोचर लोगों को नई सोच और नए विचारों की प्रेरणा दे सकता है, जबकि वृषभ राशि में गोचर होने पर यह व्यापार में स्थिरता और ��मृद्धि लाने में सक्षम होता है।
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बुध का सिंह राशि में गोचर: समय व तिथि
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध महाराज 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का सिंह राशि में गोचर होने से राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर असर देखने को मिलेगा।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का बहुत अधिक महत्व है। इसे बुद्धि, तर्कशक्ति, संचार, व्यापार, और शिक्षा का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह का नाम संस्कृत में ‘बुध’ है, जिसका अर्थ है “बुद्धिमान”। यह ग्रह व्यक्ति के मानसिक स्तर, ज्ञान, विवेक, और तर्कशक्ति को प्रभावित करता है। बुध व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और शिक्षा के स्तर को दर्शाता है। जिनकी कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं, वे लोग तेज दिमाग, तर्कशक्ति, और ज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले होते हैं। इन्हें गणित, विज्ञान, और साहित्य में विशेष रुचि होती है।
बुध ग्रह का धार्मिक महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का धार्मिक महत्व भी गहरा है। बुध को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। भगवान विष्णु को संतुलन और धैर्य का देवता माना जाता है, और बुध भी व्यक्ति के जीवन में संतुलन, विवेक और समझदारी लाता है। बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति धार्मिकता की ओर आकर्षित होता है और उसे सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। धार्मिक रूप से, यह वेदों, शास्त्रों और अन्य धार्मिक ग्रंथ��ं के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुध का अनुकूल प्रभाव व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने और उनमें रुचि रखने की प्रेरणा देता है।
बुध ग्रह के अनुकूल प्रभाव के लिए आसान उपाय
बुध ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने और इसके शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर आप बुध के दुष्प्रभाव से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:
बुध मंत्र का जाप
बुध के मंत्र का नियमित जाप करना बुध ग्रह के दोषों को कम करने में सहायक होता है। बुधवार के दिन सुबह स्नान करके हरे वस्त्र पहनकर इस मंत्र -ॐ बुं बुधाय नमः का कम से कम 108 बार जाप करें।
भगवान गणेश की पूजा
बुध ग्रह का संबंध भगवान गणेश से भी है। बुध के दोषों को शांत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। इसके अलावा, बुधवार के दिन गणेश जी की आराधना करने से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है।
हरा वस्त्र और हरे रंग का प्रयोग
बुध ग्रह का रंग हरा माना जाता है इसलिए बुध के शुभ प्रभाव के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें और हरे रंग की वस्तुओं का दान करें। इसके अलावा, मूंग की दाल का दान करना भी लाभकारी होता है।
गाय को हरा चारा खिलाना
गाय को हरा चारा खिलाना बुध ग्रह के दोषों को कम करने का एक प्रभावी उपाय है। विशेष रूप से बुधवार के दिन इस उपाय को करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन करना बुध ग्रह को मजबूत बनाता है। बुध को बलवान बनाने के लिए अपने आहार में हरी सब्जियों, विशेषकर आंवला को शामिल करें।
रुद्राक्ष धारण करना
पांच मुखी रुद्राक्ष को बुध के लिए शुभ माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तुलसी की पूजा
तुलसी का पौधा बुध से संबंधित होता है। घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी नियमित पूजा करें। तुलसी को जल अर्पित करें और उसके पास दीपक जलाएं। इससे बुध ग्रह के दोष कम होते हैं।
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jeevanjali · 3 months ago
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Radha Ashtami 2024: राधा अष्टमी पर जरूर करें ये खास उपाय, वैवाहिक जीवन में आएगी खुशियां ही खुशियांRadha Ashtami 2024: इस साल राधा अष्टमी 11 सितंबर 2024 बुधवार को मनाई जाएगी. मान्यता है कि कान्हा के जन्मोत्सव के 15 दिन बाद वृषभानु के घर राधा का जन्म हुआ था।
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indrabalakhanna · 3 months ago
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Sadhna TV Satsang || 27-08-2024 || Episode: 3010 || Sant Rampal Ji Mahar...
*🙏🌼बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🌼🙏*
28/08/24, Wednesday/बुधवार
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🎉 संत रामपाल जी 1महाराज ने दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज़ उठाई व उसका पूर्णतः अंत किया जिससे लाखों बेटियों को बिना किसी आर्थिक दबाव के सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिला है। उनके इस प्रयास से समाज में बेटियों का सम्मान बढ़ा है और विवाह को 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी द्वारा सरल व सादगीपूर्ण बनाया गया है।
2🎉संत रामपाल जी महाराज ने महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए समाज को जागरूक किया है। उनके प्रयासों से महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचारों में कमी आई है और समाज में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण का निर्माण हुआ है।
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं,
पर नारी को देखिए, बहन बेटी के भाव।
कहे कबीर काम नाश का, यही सहज उपाय।।
3🎉 संत रामपाल जी महाराज ने समाज में महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों में बताते हैं कि बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं है। अंतर हमारी सोच के कारण है।
4🎉संत रामपाल जी महाराज के सत्संगों से लाखों पुरुषों ने नशे का त्याग किया है, जिससे उनके परिवार, विशेषकर उनकी पत्नियों का जीवन सुखमय हुआ है। नशा मुक्त समाज की दिशा में उनके प्रया���ों ने महिलाओं के जीवन में नई उम्मीद और खुशियां भरी हैं।
5🎉 स्त्री को उसके असली सम्मान का हक संत रामपाल जी महाराज ने दिया है। कानून संविधान, संस्थाएं तो दशकों से लगे हैं लेकिन स्त्री की स्थिति समाज में आज भी नहीं सुधर सकी है। आज महज संत रामपालजी महाराज के दिए तत्वज्ञान के प्रभाव से ही उनके अनुयायी दहेज का लेन देन नहीं करते, हजारों बेटियां आज प्रसन्नता से सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रही हैं।
6🎉संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में सादगीपूर्ण तरीके से विवाह, असुर निकंदन रमैणी का चलन बढ़ा है, जिससे दहेज और अनावश्यक दिखावे से मुक्ति मिली है। इससे न केवल बेटियों का सम्मान बढ़ा है बल्कि समाज में विवाह को एक पवित्र और सरल प्रक्रिया के रूप में स्वीकार किया गया है।
7🎉 संत रामपाल जी महाराज ने ��्रूण हत्या जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए समाज को जागरूक किया है। उनके सत्संगों ने लड़के और लड़की में भेदभाव को समाप्त कर महिलाओं को सम्मान दिलाया है, जिससे समाज में बेटियां अब बोझ नहीं हैं।
8🎉संत रामपाल जी महाराज के दिए ज्ञान को समझ कर उनके शिष्य लड़का या लड़की में अंतर नहीं मानते, क्योंकि संत रामपालजी महाराज ने समझाया है कि दोनों परमात्मा के जीव हैं, स्त्री हो या पुरुष दोनों को परमात्मा पाने का बराबर अधिकार है, इससे परिवार में स्त्रियों व बेटियों का सम्मान सदैव बना रहता है।
9🎉 तथाकथित धर्म के ठेकेदारों ने धर्म अनुसार महिला को देवी का दर्जा तो दिया पर साथ ही वह कब शुद्ध है कब अशुद्ध यह निर्धारित भी कर लिया। स्त्री को उसके असली सम्मान का हक सिर्फ संत संत रामपाल जी महाराज ने दिलाया है, उन्होंने ऐसा तत्वज्ञान दिया है जिसमें पाखंडवाद व छुआछूत की कोई जगह नहीं है।
10🎉नारी के साथ दिन पर दिन बढ़ती बदसलूकी का कारण बॉलीवुड फ़िल्में, गाने आदि है जिनमे बढ़ती फूहड़ता आज समाज में नारी के प्रति बुरा असर डाल रही हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज के शिष्य इन सब का बहिष्कार करते हैं क्योंकि इन सब का हमारे दिमाग पर गलत असर पढ़ता है। यह बॉलीवुड फिल्में रेप, नशा, चोरी, दहेज प्रथा जैसी बुराइयों को बढ़ावा देती हैं।
11🎉संत रामपाल जी महाराज वह संत हैं, जिन्होंने नारी को खोया हुआ सम्मान दिलाने के लिए दहेज जैसी कुप्रथा को 17 मिनट के रमैनी विवाह(दहेज मुक्त विवाह) पद्धति से ख़त्म किया है।
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iammanhar · 3 months ago
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Day☛1395✍️+91/CG10☛Bsp☛21/08/24 (Wed)☛ 22:39
किसी काम को आप लगातार करते रहते है तो आप एक दिन उस काम का बहुत अच्छा जानकर बन जाते है ,कोई भी काम इस जगत में छोटा नहीं रही और न ही उसे कोई किया नहीं हो ,अगर आप के अन्दर उसे करने की लालसा हो तो वो काम आप को अपनी ओर आकर्षित करती है । आप उसे पाने के लिए हर उपाय करते हैं, वो आपकी परीक्षा लेती है, आपको उस परीक्षा में सफल होना है, जिस दिन आप सफल होते हैं उसी दिन आपको अहसास होता है कि इस जगह में कोई काम असंभव नहीं है। मुझे अभी शेयर बाजार कठिन लग रहा है , कालांतर में मुझे वो सरल लगने लगेगी, ऐसा विश्वास है। आज pro का subscription लिया हूं जो 25 नवंबर 2027 तक valid है,3 साल का sub है, इससे पहले 1 year का ₹99 में sub था, एक्सपायरी से पहले रिन्यूअल किया,3 years के लिए......👍
बुधवार होने के कारण आज ऑफ़िस बंद था, जिस दिन ऑफीस नही जाता उस दिन घर में रहकर कार्य करता हूं, आज share market में कल का index Nifty 50 में trade किया था उसे आज घाटे में sell कर दिया, वैसे भी कल Nifty 50 का weekly expiry हैं,loss में था तो exit हो गया। मुझे इंट्रा डे समझ में नही आता, कभी इंटर करते हैं और कब exit.....
मंजिल मिल ही जाएगा भटकते ही सही......
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Okay good night 🌃
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astrogurujimayanksblog · 4 months ago
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श्रावण मास में शिव जलाभिषेक का कारण
श्रावण मास में शिव जलाभिषेक का कारण
इतिहास महत्व और करने योग्य उपाय
पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब समुद्र मंथन से हलाहल धरती पर प्रकट हुआ था और समस्त मानव और अन्य जीव जंतुओं के प्राणों पर संकट घिर आया था तब देवों के देव, महादेव ने सम्पूर्ण सृष्टि को जीवनदान दिया था। उन्होंने हलाहल विष को अपने कंठ में धारण किया था। कहा जाता है की यह घटना सावन के महीने में घटित हुई थी। महादेव के विष पान से उनका शरीर गर्म हो गया था और उन्हें परेशानी हो रही थी। अपने प्रभु को परेशानी में देख समस्त देवताओं ने महादेव पर जल अर्पित किया था और इंद्र देव ने ज़ोरों की वर्षा की थी। तब से यह चलन बन गया और हर वर्ष सावन के महीने में भगवान शिव के शरीर में विष की गर्मी से उत्पन्न हुई ज्वाला को शांत करने के लिए भक्तगण अपने भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं।
सावन का पावन महीना अर्थात् शिव की भक्ति व मनचाहा वरदान पाने का सर्वोत्तम समय है। कैलाशपति शिव जी को कंठ में विष होने के कारण शीतलता अत्यन्त प्रिय है, जिससे उन्हें राहत मिलती है। हरियाली और शीतलता होने के कारण भोलेनाथ को सावन का माह अत्यधिक प्रिय है। अब सावन है तो बारिश होना स्वाभाविक है। वर्षा का जल शुद्ध और ताज़ा होता है, इसलिए वर्षा जल से अभिषेक करने का फल भी अधिक है। हम बताने जा रहे हैं दिनों के अनुसार किसका अभिषेक करने से आपकी इच्छा शीघ्र और सरलता से पूरी हो जाएगी।
रविवार- शत्रुओं पर विजय
सूर्य देव को समर्पित रविवार के दिन सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर वर्षा जल से अर्घ्य दें और श्रीआदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ करें। इस उपाय से आपको आपके शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और आपके घर में सकारात्मकता का संचार होगा।
सोमवार- हर मनोकामना पूर्ण
चंद्र देव को समर्पित दिन सोमवार को शिवलिंग पर द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति पढ़ते हुए अभिषेक करने से सच्चे मन से की गई हर प्रार्थना भोलेनाथ पूर्ण करते हैं और मन व परिवार में सुख-शांति का संचार होता है।
मंगलवार- रोग व कष्टों का नाश
मंगलवार को शिवलिंग या हनुमान जी पर शुद्ध तन व पवित्र मन से “ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय न���:” बोलते हुए अभिषेक करने से व्यक्ति के समस्त कष्टों का नाश होता है तथा उसके असाध्य रोग भी समाप्त हो जाते हैं।
बुधवार- सद् बुद्धि एवं शादी-विवाह हेतु
बुद्धि में वृद्धि हेतु या शादी-विवाह में आ रही अड़चन को दूर करने के लिए बुधवार को प्रथम पूज्य गणेश जी का “ॐ गं गणपतये नम:” मंत्र केसाथ अभिषेक करने से शीघ्र लाभ मिलता है। परीक्षा की तैयारी करनी हो या विवाह हेतु अच्छे रिश्ते की कामना हो, गणपति की कृपा से सब निर्विघ्न हो जाता है।
गुरुवार- सुख-समृद्धि की प्राप्ति
बृहस्पति देव को समर्पित दिन गुरुवार या एकादशी को वर्षा जल से श्री विष्णु जी का अभिषेक करना चाहिए और श्रीविष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिये। जिससे श्री हरि प्रसन्न होकर व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
शुक्रवार- धन-धान्य की वर्षा
सावन में शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का भाव पूर्वक लक्ष्मी मंत्र के साथ अभिषेक करने उनकी कृपा से आपके पास शीघ्र ही धन लक्ष्मी का शुभागमन होता है। अभिषेक करने वाले भक्त के ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा से धन की वर्षा होती है।
शनिवार- वाद-विवाद में सफलता
कर्मफल दाता शनिदेव को समर्पित शनिवार के दिन प्रात: पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाने व महादेव का अभिषेक और शाम को शनिदेव का तेल और वर्षा जल से अभिषेक करने से क़ानूनी मामलों, वाद-विवाद व नौकरी में सफलता मिलती है। रुके हुए काम बनने शुरू हो जाते हैं। पीपल पर जल चढ़ाते समय “ॐ नमो भगवते शनैश्चराय” मंत्र का ग्यारह बार जप करना चाहिए।
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ragbuveer · 6 months ago
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये नमः 🏵️🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (षष्ठी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-29-मई-2024
वार:--------बुधवार
तिथी :---06षष्ठी:-13:40
पक्ष:------कृष्णपक्ष
माह:-------ज्येष्ठ
नक्षत्र:-----श्रवण:-08:38
योग:-------ऐन्द्र:-23:33
करण:---वणिज:-13:40
चन्द्रमा:---मकर 20:06/कुम्भ
सूर्योदय:-----05:50
सूर्यास्त:------19:21
दिशा शूल------उत्तर
निवारण उपाय:---गुड का सेवन
ऋतु :-----ग्रीष्म ऋतु
गुलीक काल:---10:56से 12:36
राहू काल:---12:36से14:16
अभीजित---------नहीं है
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
लाभ:-05:50से07:30तक
अमृत:-07:30से09:10तक
शुभ:-10:50से12:30तक
चंचल:-16:00से 17:40तक
लाभ:-17:40��े 19:21तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-20:36से21:56तक
अमृत :-21:56से23:16तक
चंचल :-23:16से00:36तक
लाभ :-03:16से04:36तक
🙏आज के विशेष योग 🙏
वर्ष का 51वा दिन, भद्रा 13:40 से 24:43, पचंक प्रारंभ 20:06, कुमारयोग समाप्त 08:38, वज्रमुसलयोग 08:38 से सूर्योदय, रवियोग प्रारंभ 08:38, राजयोग 13:40 से सूर्योदय, धनिष्ठा नवकारम्भ 08:38से
🙏👉वास्तु टिप्स👈🙏
पुराने कैलेण्डर को कचरे में ना फेके।
सुविचार
जिसे जीना आता है वो किसी सुख सुविधा के बिना भी खुश मिलेगा जिसे जीना नही आता वह सुख सुविधा के होते हुए भी दुखी मिलेगा👍
सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज आप कोई भी बात बहुत सोच-समझ कर ही कहें। अपनों से कोई उम्मीद न रखें। अपनी तरफ से पूरी विनम्रता से पेश आएं। आज होने वाली कोई खास बातचीत आपके भविष्य को भी प्रभावित न करे अतः अपने मन की बात पर पूरा भरोसा करें। आज इसका फायदा आपको आने वाले दिनों में मिलेगा।
☀️ वृष राशि :- आज शांति से दिन बिताएं और आने वाले समय की प्लानिंग करें। आपके द्वारा रखी गई योजना पूरी हो सकती है। आपको कोई अच्छी खबर मिल सकती है। संतान की प्रगति होगी। बहुत से काम पूरे हो जाएंगे।
☀️ मिथुन राशि :- आज अपनी जिम्मेदारियों से ज्यादा काम खुद पर न डालें। हर भावनात्मक स्थिति में खुद को संयम में रखें। बड़े और अनुभवी लोगों से अच्छी सलाह भी आपको मिल सकती है। बिजनेस में कर्मचारियों पर ज्यादा ध्यान दें।
☀️ कर्क राशि :- आज अचानक फायदा होने के योग बन रहे हैं। किसी बड़ी बात को लेकर टेंशन खत्म हो सकती है। दोस्तों और संबंधियों के बारे में विचार करेंगे। किसी तनावपूर्ण स्थिति को संभालने और शांत करने की कोशिश करें।
☀️ सिंह राशि :- आज नौकरीपेशा और बिजनेस वाले लोग टारगेट बनायें आप जल्दी सफल हो सकते हैं। आप छोटे-मोटे विषयों पर भी काफी गहराई से विचार करेंगे। धैर्य रखें और पूरी बात समझकर ही कोई फैसला करें।
☀️ कन्या राशि :- आज लगभग बहुत सी रुकावटें खत्म हो सकती हैं। काम समय पर कर लें. नौकरी और पैसों के लिहाज से दिन अच्छा हो सकता है। आज आपको कुछ अच्छे मौके मिल सकते हैं। धैर्य से काम करेंगे तो सफलता मिलने के योग हैं।
☀️ तुला राशि :- आज मीठा ��ोलकर आप अपने काम करवा लेंगे। कैरियर के लिये नई नौकरी की कोशिश करनी होगी। आप कुछ खास फैसले भी ले सकते हैं। इस सिलसिले में काफी मंथन और बातचीत से बुजुर्गों का आशीर्वाद मिल सकता है।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज आप किसी खास नतीजे पर पहुंच सकते हैं। आपके लिए धन लाभ योग के साथ दिन ठीक है। मूल्यवान धातुओं से फायदा हो सकता है। प्रतिष्ठित लोगों से मेल-जोल बढ़ सकता है।
☀️ धनु राशि :- आज आगे बढ़ने के कुछ अच्छे मौके मिल सकते हैं। शांत रहें, समझौते का मन बनाकर चलें। परिवारिक सुख सन्तोष के साथ अच्छा तालमेल के साथ नई वस्तु या कार खरीदने का विचार हो सकता है।
☀️ मकर राशि :- आज जाने-अनजाने में आपसे ऐसा कोई काम हो सकता है जिससे आपकी इज्जत के दो सितारे बढ़ जाएंगे। कामकाज में सफलता के योग बन रहे हैं। आप जो नया काम करना चाहते हैं, वह शुरू हो सकता है। असुविधाओं का समाधान के साथ जमीन-मकान के योग हैं।
☀️ कुंभ राशि :- आज धन लाभ के मौके मिल सकते हैं। एकाग्रता के साथ काम करने वाले कुछ लोग आपसे अपनी खास बातें भी शेयर कर सकते हैं। सितारे आपके काम पूरे करवा सकते हैं। बिजनेस में परेशानियां खत्म होने के योग हैं। आपकी पहचान का दायरा बढ़ सकता है और आप हिम्मत से काम कर सकेंगे।
☀️ मीन राशि :- आज आपमें जरूरत से ज्यादा काम करने की ऊर्जा रहेगी। महत्वपूर्ण लोगों से अचानक और सही समय पर मुलाकात हो सकती है। दिन सकारात्मक तरीके से बिताएं। मौके पर ही फौरन कोई फैसला करने के पहले ठीक से विचार कर लें।
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vedicastrologyy · 8 months ago
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आमलकी एकादशी पर जरूर करें आंवले के ये चमत्कारी उपाय। Amalaki Ekadashi 2024, Rangbhari Ekadashi
आमलकी एकादशी का व्रत 20 मार्च दिन बुधवार को है। आमलकी एकादशी/Amalaki Ekadashi के दिन भगवान विष्णु के साथ साथ आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं।
https://www.vinaybajrangi.com/festivals/holi.php
https://www.youtube.com/watch?v=OTJ8xw-hoGc
#amalakiekadashi #rangbhariekadashi  #ekadashikabhai #ekadashikabkihai #lordshiva
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astroclasses · 3 months ago
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astrovastukosh · 2 months ago
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🚩नवरात्रि का छठा दिन देवी कात्यायनी के नाम, विवाह में रुकावट या धन का है अभाव? आजमाएँ ये उपाय, बन जायेंगे बिगड़े काम !
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चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥
🚩मां दुर्गा की छठवीं शक्ति हैं मां कात्यायनी। नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इस देवी को नवरात्रि में छठे दिन पूजा जाता है।
🚩कात्य गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन ने भगवती पराम्बा की उपासना की। कठिन तपस्या की। उनकी इच्छा थी कि उन्हें पुत्री प्राप्त हो। मां भगवती ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया।
इसलिए यह देवी कात्यायनी कहलाईं। इनका गुण शोधकार्य है। इसीलिए इस वैज्ञानिक युग में कात्यायनी का महत्व सर्वा��िक हो जाता है। इनकी कृपा से ही सारे कार्य पूरे जो जाते हैं। ये वैद्यनाथ नामक स्थान पर प्रकट होकर पूजी गईं। मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं।
भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा की थी। यह पूजा कालिंदी यमुना के तट पर की गई थी। इसीलिए ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इनका स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है। ये स्वर्ण के समान चमकीली हैं और भास्वर हैं।
इनकी चार भुजाएं हैं। दाईं तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में। मां के बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है व नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। इनका वाहन भी सिंह है।
इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। भक्तों के रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि इस देवी की उपासना करने से परम पद की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि में मां दुर्गा के भक्त श्रद्धा भाव से जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूप की पूजा करते हैं। इसी कड़ी में बात करें षष्ठी तिथि की तो इस दिन आदिशक्ति मां कात्यायनी की पूजा अर्चना का विधान बताया गया है। इस दिन मां दुर्गा के भक्त श्रद्धा भाव से मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करते हैं।
🚩शारदीय नवरात्रि 2024- षष्ठी तिथि 🚩
👉वर्ष 2024 में नवरात्रि की षष्ठी तिथि नवरात्रि के सातवें दिन यानी 9 अक्टूबर 2024 बुधवार के दिन पड़ रही है। इस दिन माता के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाएगी। बात करें इस दिन के हिंदू पंचांग की तो इस दिन तिथि षष्ठी रहेगी, पक्ष शुक्ल रहेगा, नक्षत्र मूल रहने वाला है, और योग सौभाग्य और शोभन रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो इस दिन का कोई भी अभिजीत मुहूर्त नहीं है।
🚩माँ कात्यायनी का स्वरूप कैसा है ? 🚩
👉मां के स्वरूप की तो मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं जिसमें उन्होंने अस्त्र-शस्त्र और कमल धारण किया हुआ है। माँ कात्यायनी सिंह की सवारी करती हैं। इन्हें ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी का दर्जा प्राप्त है। कहते हैं गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए मां कात्यायनी की ही पूजा की थी। इसके अलावा जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है या विवाह में रुकावट आ रही है उन्हें माँ कात्यायनी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। साथ ही योग्य और मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए भी मां कात्यायनी की पूजा करना सर्वश्रेष्ठ रहता है।
👉ज्योतिष में मां कात्यायनी का संबंध बृहस्पति ग्रह से जोड़कर देखा जाता है। मां का वर्ण सुनहरा और चमकीला है। माता की चार भुजाएं हैं और उन्होंने रत्न आभूषण धारण किए हुए हैं। यह देवी खूंखार और झपट पड़ने वाली मुद्रा में रहने वाले सिंह पर सवारी करती हैं। इनका आभामंडल विभिन्न देवों के तेज अंशों से मिश्रित इंद्रधनुषी छटा देता है। मां कात्यायनी के दाहिने और ऊपर वाली भुजा अभय मुद्रा में है, नीचे वाली भुजा वर देने वाली मुद्रा में है, बाईं ओर की ऊपर वाली भुजा में उन्होंने तलवार धारण की है और नीचे वाली भुजा में कमल का फूल लिया हुआ है।
प्राणियों में मां का वास आज्ञा चक्र में होता है और योग साधक इस दिन अपनी ध्यान आज्ञा चक्र में ही लगाते हैं। मां कात्यायनी पूजा से प्रसन्न होने पर साधक को दैवीय शक्तियाँ प्रदान करती हैं। जिन लोगों की भक्ति से मां कात्यायनी प्रसन्न होती हैं उन्हें देवी कृतार्थ कर देती हैं। ऐसे व्यक्ति इस लोक में रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव को प्राप्त करते हैं।
ऐसे व्यक्तियों के रोग, शोक, संताप, डर के साथ-साथ जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। कहते हैं जो कोई भी भक्त निरंतर देवी कात्यानी की उपासना करता है उन्हें परम पद प्राप्त होता है। यही वजह है कि कहा जाता है की देवी कात्यानी जिस भी व्यक्ति से प्रसन्न हो जाए उसे अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
👉देवी के इस स्वरूप की पूजा करने से शरीर शांतिमय हो जाता है और गृहस्थ जीवन सुखमय बना रहता है। शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए भी मां कात्यायनी की पूजा बेहद ही सिद्ध साबित होती है। इसके अलावा देवी नकारात्मक शक्तियों का अंत करने वाली देवी मानी गई हैं।
🚩माँ का नाम कात्यायनी ऐसे पड़ा 🚩
कहा जाता है कि मां कात्यायनी ऋषि कात्यायन की तपस्या के फल स्वरुप उनके घर में उनकी पुत्री के रूप में प्रकट हुई थी। अपने इसी स्वरूप में मां ने महिषासुर नामक असुर का वध किया था और इसी वजह से देवी का नाम मां कात्यायनी पड़ा। कात्यानी देवी को गुप्त रहस्यों का प्रतीक भी माना जाता है।
🚩माँ कात्यायनी पूजा मंत्र- भोग- और शुभ रंग 🚩
बात करें मां कात्यायनी की पूजा में शामिल किए जाने वाले मंत्रों की तो इस दिन की पूजा में मां कात्यानी की प्रसन्नता हासिल करने के लिए नीचे दिए गए मित्रों को स्पष्ट उच्चारण पूर्वक पूजा में अवश्य शामिल करें:
1.या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता��
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
2.चंद्र हासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना|
कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानवघातिनि||
नवरात्रि के सभी 9 दिनों में अलग-अलग भोग चढ़ाने की परंपरा है। ऐसे में बात करें मां कात्यायनी के प्रिय भोग की तो मां कात्यायनी को शहद बहुत ही प्रिय होता है इसीलिए षष्ठी तिथि की पूजा के समय मां कात्यायनी को शहद का भोग अवश्य लगाएँ। कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आने लगता है।
मां कात्यायनी के प्रिय रंग की तो देवी को पीला और लाल रंग बहुत ही प्रिय होता है। ऐसे में इस दिन की पूजा में मां कात्यायनी को लाल और पीले रंग के गुलाब पीले और लाल रंग के वस्त्र अवश्य अर्पित करें। इसके साथ ही आप खुद भी इन्हीं रंगों का पूजा में इस्तेमाल करें। इससे मां कात्यानी के प्रसन्नता निश्चित रूप से आप हासिल कर सकेंगे।
🚩नवरात्रि षष्ठी तिथि पर करें सरल और यह अचूक उपाय 🚩
👉नवरात्रि के छठे दिन आपको क्या कुछ उपाय करने हैं जिससे आपके विवाह में आ रही रुकावट दूर हो, साथ ही जीवन से धन का अभाव भी दूर जाने लगे।
👉नवरात्रि की षष्ठी तिथि पर नारियल लेकर उसके साथ एक लाल, पीले और सफेद रंग का फूल माता को अर्पित कर दें। इसके बाद नवरात्रि की नवमी तिथि की शाम को यह फूल नदी में प्रवाहित कर दें और नारियल पर लाल कपड़ा ��पेटकर इसे अपने तिजोरी या पैसे रखने वाली जगह पर रख दें। इस उपाय को करने से जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है और अगर आपका धन कहीं अटका हुआ है तो वह भी आपको मिलने लगता है।
👉नवरात्रि की षष्ठी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करें और पीले वस्त्र धारण करके माँ की पूजा करें। माँ को पीले रंग के फूल अर्पित करें, भोग लगाएँ और सुख समृद्धि की कामना करें। ऐसा करके आप अपने जीवन में सुख शांति लेकर आ सकते हैं। इस दिन की पूजा में यदि आप मां कात्यायनी को शहद अर्पित करते हैं तो इसके वैवाहिक जीवन में मिठास बनी रहती है। साथ ही अविवाहित लोगों को योग्य वर वधु की भी प्राप्ति होती है।
👉नवरात्रि के छठे दिन अगर आप मां कात्यायनी को तीन गांठ हल्दी चढ़ाते हैं और पूजा के बाद इन गांठों को शुद्ध स्थान पर रख देते हैं तो ऐसा करने से आपको अपने शत्रुओं पर विजय हासिल होती है।
👉नवरात्रि के छठे दिन की पूजा में मां कात्यायनी से संबंधित मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति का आभामंडल मजबूत होता है। साथ ही सामाजिक स्तर पर आपको अच्छे परिणाम मिलते हैं और बिगड़े काम बनने लगते हैं।
👉इस दिन की पूजा में दूध में केसर मिलाकर मां कात्यायनी का अभिषेक करें। ऐसा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर होने लगेगी, आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और करियर में सफलता प्राप्त होगी।
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