#बुखार के लिए घरेलू नुस्खे
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Ayurvedic Herbs For Fever: इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से पाएं आराम
Ayurvedic Herbs For Fever: बुखार एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जो अक्सर शरीर में किसी संक्रमण या सूजन का संकेत देती है। जबकि आधुनिक चिकित्सा कई समाधान प्रदान करती है, बहुत से लोग बुखार को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक उपचार की ओर रुख करते हैं। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ लंबे समय से अपनी उपचारात्मक गुणों के लिए जानी जाती हैं, और कुछ खास जड़ी-बूटियों का मिश्रण साधारण बुखार से लेकर डेंगू बुखार…
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Bukhar utarne ka gharelu upay
बुखार ठीक करने के घरेलू इलाज क्या है ?
यहां बुखार के घरेलू नुस्खे के बारे में बताया गया है जिसका इस्तेमाल कर आप बुखार से राहत पा सकते हैं -
तरल पदार्थ का ज्यादा सेवन करें
बुखार की वजह से आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है और शरीर से ज्यादा पसीना आता है इसके कारण बॉडी पूरी तरह से डिहाइड्रेट हो जाती है डिहाइड्रेशन की वजह से शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती है ,इसलिए ऐसे समय में जरुरी है ,पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना। आप अपने पंसदीद जूस ,सूप या नारियल पानी ,इत्यादि का सेवन कर सकते हैं।
ठंडे पानी की पट्टियां
यह बुखार उतारने का घरेलू नुस्खा बहुत पुराना है जिसे आमतौर पर बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है। यदि आपको तेज बुखार है तो साफ कपड़े को गीला करें और उसे निचोड़कर अपने शरीर के माथे पर ,बगल में हाथ -पैर इत्यादि जगहों पर पट्टी का इस्तेमाल करें। आप गिली पट्टियों का इस्तेमाल अपने गर्दन पर भी कर सकते हैं। बुखार में शरीर पर गिला कपड़ा या फिर स्पॉन्ज रखने से बुखार को तेजी से खत्म किया जा सकता है। पट्टियों को तेजी से खत्म किया जा सकता है। पट्टियों को थोड़े -थोड़े देर में बदलते रहें इससे आपका बुखार जल्दी ठीक होगा लेकिन एक बात का और ध्यान रखें कि इसके लिए बहुत ज्यादा ठंडे पानी का इस्तेमाल न करें।
गिलोय
तेज बुखार उतारने के घरेलू उपाय में गिलोय बहुत ही पुरानी औषधी है ,जिसका उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है इसे बुखार उतारने के लिए एक आयुर्वेदक उपचार माना जाता है गिलोय का सेवन करने के लिए सबसे पहले किसी बर्तन में एक गिलास पानी लें फिर गिलोय कुट कर उस पानी में डालें और अच्छे से उबालें मतलब एक गिलास पानी को इतना उबालें की वो आधा हो जाए उसके बाद उस छान कर गर्म -गर्म चाय की तरह पियें आप उसके स्वाद को बढ़ाने के लिए थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं इससे आपके बुखार को ठीक करने में मदद मिलेगी ध्यान रखे कि यादि बुखार फिर भी ठीक नहीं हो रहा है या बार -बार आ रहा है तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसे भी पढ़े :
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सर्दी-खांसी और बुखार के लिए प्रभावी घरेलू नुस्खे
गर्मियों की शुरुआत में बदलते मौसम के साथ सर्दी, खांसी, और बुखार की समस्या सबसे आम होती है। यह समस्या अक्सर बच्चों और वयस्क दोनों को प्रभावित करती है। इस समस्या का समाधान अक्सर दवाइयों या चिकित्सकीय सलाहों पर निर्भर होता है, लेकिन कई बार यह घरेलू उपाय भी बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। इस ब्लॉग में हम आपको कुछ ऐसे ही प्रमुख घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे जिन्हें आप अपनाकर सर्दी-खांसी और बुखार से राहत पा सकते हैं।
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👉टाइफाइड की समस्या को जड़ से खत्म कर देंगे ये घरेलू नुस्खे, ज़रूर करें ट्राई... 👉लहसुन एंटी बायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ-साथ तासीर में गर्म होता है। इसके लिए घी में 6-7 लहसुन कली फ्राई कर लें। इसमें सेंधा नमक डालकर इसका सेवन करे। लौंग भी टाइफाइड की समस्या से निजात दिलाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। टाइफाइड के लक्षण बुखार आना भूख कम लगना सिर दर्द की समस्या अधिक ठंड महसूस होना अधिक कमजोरी होना दस्त की समस्या छाती में जलन कब्ज की समस्या 👉टाइफाइड से निजात पाने के घरेलू उपाय *तुलसी* तुलसी और सूरजमुखी के रस को निकाल कर पीने से आपको लाभ मिलेगा। इसके अलावा एक पैन में पान�� और थोड़ी तुलसी की पत्तियां डालकर उबाल लें। दिन में 3-4 बार ऐसे ही पिएं। *सेब का रस* सेब का रस टाइफाइड की समस्या से आसानी से निजात दिला सकता है। इसके लिए सेब के जूस में अदरक का रस मिलाकर पिएं। इससे आपको टाइफाइड के बुखार से निजात मिलेगा। *लहसुन* लहसुन एंटी बायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ-साथ तासीर में गर्म होता है। इसके लिए घी में 6-7 लहसुन कली फ्राई कर लें। इसमें सेंधा नमक डालकर इसका सेवन करे। *लौंग* लौंग भी टाइफाइड की समस्या से निजात दिलाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आठ कप पानी में 6-7 लौंग डालकर उबाल लें। जब पानी आधा हो जाए तो इसका सेवन दिनभर करे। इससे टाइफाइड के कारण आई कमजोरी से भी छुटकारा मिलेगा। *शहद* शहद में एंटीवायरल, एंटीबैक्टिया, एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण पाए जाते हैं। गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डालकर इसका सेवन करे। इससे आपको राहत मिलेगी। 👉अधिक जानकारी या डॉक्टर से फ्री सलाह के लिए कॉल या WhatsApp करें, Dr. Arvind K- 9911987787 (at Military Hospital, Dehradun) https://www.instagram.com/p/Cp0axJpyAtQ/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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बारिश के मौसम में सीजनल फ्लू, वायरल या खांसी-जुकाम से कैसे बचें
बारिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियों की सौगात लाता है. इस बदलते मौसम बुखार, खांसी, जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियां ज्यादा होती हैं. बारिश के मौसम में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. जिसकी वजह से शरीर किसी भी बीमारी के चपेट में जल्दी आ जाता है. इस मौसम में बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं. लेकिन थोड़ा एहतियात और डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल कर लें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है.
भारत सरकार की ओर से आयुष मंत्रालय ने भी कुछ गाइडलान्स जारी की हैं जिनको अमल में लाने से आप साधारण फ्लू या सर्दी खांसी से बच सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि इस मौसम में ऐसी बीमारियां फैलती हैं, जिनके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं. इसलिए हमें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. आपको बुखार, खांसी, जुकाम या फ्लू न हो, इसके लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कुछ आसान घरेलू नुस्खे बताए हैं, जिन्हें अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को फ्लू और कॉमन कोल्ड से बचा सकते हैं. आइये आपको बताते हैं क्या हैं वो घरेलू नुस्खे.
क्या है सीजनल फ्लू और उसके लक्षण ?
सामान्य फ्लू और कोविड-19 के लक्षण काफी हद तक एक जैसे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बात का जिक्र किया है कि कोरोना वायरस के ज्यादातर मरीजों में बेहद सामान्य लक्षण नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि कई लोग नॉर्मल सीजनल फ्लू होने की वजह से भी काफी परेशान हो रहे हैं. अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है, लेकिन कोविड-19 के मरीजों की वजह से इन लोगों को सही ट्रीटमेंट नहीं मिल पा रहा. वैसे सामान्य फ्लू 5-6 दिन में ठीक हो जाता है इसलिए बेहतर है कि आप घर पर ही अपना ट्रीटमेंट लें. यहां हम आपको सामान्य फ्लू के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं- बुखार आना पूरे शरीर में दर्द होना मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना बार-बार ��ांसी आना नाक बंद हो जाना नाक में चुभन या दर्द महसूस होना सिर में दर्द होना अगर ये लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो आपको सीजनल फ्लू भी हो सकता है बेहतर होगा 2-4 दिन इंतजार करें उसके बाद ही कोविड-19 का टेस्ट कराएं.
सीजनल फ्लू के लिए आयुष मंत्रालय के घरेलू नुस्खे
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने वायरल बुखार, फ्लू और वायरस से बचने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताए हैं. ये आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जरूरी है. इसके लिए आपको अपने खानपान में थोड़े बदलाव करना होगा.
हल्दी वाला दूध पिएं
सबसे पहले आपको रोज हल्दी वाला दूध पीना है. हल्दी का दूध चूंकि गर्म होता है और हल्दी एंटीबायोटिक का काम करती है इसलिए इसे सर्दियों में ज्यादा पीया जाता है. लेकिन इन दिनों चारों तरफ फैली बीमारियों की वजह से आप रोजाना रात में सोने से पहले एक ग्लास हल्दी वाला दूध जरूर पिएं. इसे बनाना बहुत आसान है आप एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाएं और इसे पी लें. अगर आपको इसका स्वाद अच्छा नहीं लग रहा हो तो आप हल्दी डालकर दूध को एक बार उबाल लें. इससे हल्दी की महक खत्म हो जाएगी. इस दूध को पीने से आप सर्दी खांसी और वायरल से बचे रहेंगे.
च्वनप्राश जरूर खाएं
वैसे तो च्वनप्राश भी लोग सर्दियों के मौसम में ही खाते हैं लेकिन बदलते मौसम में आपको च्वनप्राश जरूर खाना चाहिए. आयुर्वेद में च्वनप्राश को एक औषधि माना जाता है जो आपको कई तरह के इनफेक्शन से बचाता है रोज रात को दूध से एक चम्मच च्वनप्राश खाने की कोशिश करें.
जुकाम- खासी के लिए भाप लें
अगर आपको जुकाम खांसी की समस्या हो गई है. तो आपके लिए भाप लेने से बेहतर कोई दूसरा घरेलू उपाय नहीं है. भाप लेने से बंद नाक खुलती है और सांस नली की सूजन भी कम होती है. आप चाहें तो नॉर्मल पानी की भाप लें या फिर पानी में कुछ बूंदें टी ट्री ऑयल, यूकेलिप्टस ऑयल, लेमनग्रास ऑयल, लौंग का तेल भी डाल सकते हैं.
भाप लेने से आपकी बंद नाक खुल जाएगी और सीने में जकड़न में भी आराम पड़ेगा. अगर आपको खांसी और गले में खराश या दर्द है तो आयुष मंत्रालय के अनुसार आपको दिन में एक बार गर्म पानी में पुदीने की पत्तियां या फिर अजवाइन की पत्तियां डालकर भाप लेनी चाहिए. इसके अलावा लौंग का सेवन करें आप चाहें तो लौंग को पीसकर इसे शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार खा लें. इससे खांसी में काफी आराम मिलेगा. इसके अलावा खांसी जुकाम में तुलसी अदरक की चाय पीने से भी बहुत फायदा मिलता है. आप चाहें तो इस चाय में चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल भी कर सकते हैं
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डेंगू बुखार में रामबाण साबित होंगी ये 8 फायदेमंद चीजें
डेंगू बुखार में रामबाण साबित होंगी ये 8 फायदेमंद चीजें #Health #Healthcare
डेंगू बुखार के कारण शरीर के प्लेटलेट्स बहुत जल्दी गिर जाते हैं। मच्छरों द्वारा फैले इस संक्रमण से रोगी को जोड़ों में दर्द होता है। बार-बार चक्कर आना। यह भयानक बुखार व्यक्ति की मृत्यु का कारण भी बन सकता है। मरीज को इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए डॉक्टर ग्लूकोज के अलावा एंटीबायोटिक्स और एसिडिटी के इंजेक्शन भी देते हैं। जबकि कई घरेलू नुस्खे भी मरीज के प्लेटलेट्स को बढ़ा सकते हैं। एक व्यक्ति…
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VIDEO: कोरोना पॉजिटिव रुबीना दिलैक का अब ऐसा है हाल, रोते हुए बयां किया 17 दिन का स्ट्रगल Divya Sandesh
#Divyasandesh
VIDEO: कोरोना पॉजिटिव रुबीना दिलैक का अब ऐसा है हाल, रोते हुए बयां किया 17 दिन का स्ट्रगल
ऐक्ट्रेस रुबीना दिलैक (Rubina Dilaik) कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गई थीं, जिसके बाद वह अपने घर शिमला चली गईं और वहां घर पर (Rubina Dilaik in quarantine) क्वारंटीन में हैं। रुबीना दिलैक ने हाल ही एक वीडियो शेयर कर बताया था कि वह अब उनकी सेहत में सुधार हो रहा है। वह 70 फीसदी रिकवर हो चुकी हैं।
घर पर रुबीना दिलैक की मां और बहन ज्योतिका (Jyotika Dilaik) ने उनका बहुत ख्याल रखा और उन्हीं की बदौलत वह कोरोना जैसे जानलेवा वायरस से उबर पाईं। अब रुबीना दिलैक ने एक और वीडियो (Rubina Dilaik shares her struggle with corona) शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कोरोनावायरस के साथ अपनी लड़ाई के बारे में बात की।
मां और बहन रख रहीं ख्याल अपनी हालत और स्ट्रगल के बारे में बताते हुए रुबीना रो पड़ीं। रुबीना ने यह वीडियो अपने यूट्यूब (Rubina Dilaik YouTube channel) चैनल पर शेयर किया है। वीडियो में रुबीना दिलैक ने अपने पूरे क्वारंटीन पीरियड को कवर किया है। इसमें उनका रैपिड ऐंटीजन टेस्ट हो रहा है। जैसे ही टेस्ट पॉजिटिव आता है तो रुबीना चहक उठती हैं और कहती हैं कि वह पॉजिटिव हैं, जिसका मतलब है कि वह एक महीने बाद प्लाज्मा डोनेट कर पाएंगी।
रुबीना दिलैक ने बताया उनमें क्या थे कोविड के लक्षण वीडियो में रुबीना दिलैक ने अपने शुरुआती लक्षणों के बारे में भी बताया। रुबीना ने कहा कि उन्हें सबसे पहले बदन दर्द और सिर में हल्का दर्द महसूस हुआ, जिसके तुरंत बाद वह शिमला के लिए निकल गईं। रुबीना ने कहा कि उन्हें कहीं न कहीं लग रहा था कि वह कोरोना पॉजिटिव हो सकती हैं। शिमला पहुंचकर उन्होंने टेस्ट करवाया जो पॉजिटिव आया। उसके बाद उन्हें दो दिन बुखार रहा। कफ की समस्या हुई। पर रुबीना ने पूरी ऐहतियात बरतने के साथ घरेलू नुस्खे आजमाने शुरू किए।
काढ़ा पीने के अलावा प्राणायाम कर रहीं रुबीना रुबीना ने ��ताया, ‘मैं काढ़ा तो रोज ही पीती हूं। उसके साथ ही मैंने रोजाना प्राणायाम और भी ज्यादा करना शुरू कर दिया। अभी थोड़ी बहुत कमजोरी है।’
लोगों से की यह अपील इसके बाद रुबीना ने सभी लोगों से अपील की वो अपना खास ख्याल रखें। हाथों को बार-बार सैनेटाइज करते रहें। मुंह, आंख और नाक पर बार-बार हाथ न लगाएं। अपना खुद का कप या मग साथ रखें। गर्म पानी पीते रहें। चाय पीनी है तो अपने कप या मग में ही पिएं। अपने साथ खुद की पानी की बोतल रखें।
वीडियो में रुबीना दिलैक के घर को सैनेटाइज करते हुए भी दिखाया जा रहा है। मां और बहन ज्योतिका मिलकर उन्हें खाना-पीना और दवाइयां दे रहे हैं। खाने में रुबीना क्या-क्या ले रही हैं, यह भी वीडियो में दिखाया गया है।
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हालत बताते वक्त रो पड़ीं रुबीना, बोलीं- सच में मदद करना चाहती हूं वीडियो में अपना स्ट्रगल बताते हुए रुबीना रो भी पड़ीं और बोलीं कि वह खुद को बहुत खुशनसीब मानती हैं कि उनकी इतनी अच्छी फैमिली है और पति है जो खूब ख्याल रखते हैं, प्यार करते हैं और परवाह भी करते हैं। रुबीना दिलैक रोते हुए बोलीं, ‘मैं जानती हूं कि आप सभी मेरे लिए प्रार्थना कर रहे हैं और वो मुझ तक पहुंच रही हैं। मैं चाहती हूं कि आप लोग हर उस इंसान के लिए प्रार्थना करें जो इस वक्त कोरोना से संक्रमित हैं। मुझे बताना अगर मैं किसी के काम आ सकूं तो। मदद कर सकूं किसी की। मैं सच में मदद करना चाहती हूं। मैं अपने बलबूते जो भी कर पाऊंगी जरूर करूंगी।’
1 मई को रुबीना ने बताई थी खुद को कोविड पॉजिटिव होने की बात रुबीना दिलैक ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर 1 मई को पोस्ट शेयर कर बताया था कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं और खुद को घर पर आइसोलेट कर लिया है। रुबीना ने लिखा था, ‘मैं अब एक महीने बाद प्लाज्मा डोनेट कर पाऊंगी। मैं कोरोना पॉजिटिव हूं और 17 दिन के लिए घर पर क्वारंटीन हूं। बीते 5-7 दिनों में जो भी लोग मेरे संपर्क में आए हों, वो अपना कोविड टेस्ट करवा लें।’
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सीजनल फ्लू, बुखार या खांसी-जुकाम से कैसे बचें? अपनाएं ये घरेलू नुस्खे
कोरोना महामारी के बीच लोगों को सीजनल बुखार, खांसी, जुकाम और ��्लू जैसी बीमारियां भी काफी हो रही हैं! बदलते मौसम में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है! जिसकी वजह से शरीर किसी भी बीमारी के चपेट में जल्दी आ जाता है! खासतौर से बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं! लेकिन थोड़ा एहतियात और डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल किया जाए तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है!
आपको बता दें कि नॉर्मल फ्लू के लक्षण भी कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं! इसलिए हमें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है! अगर आपको बुखार, खांसी, जुकाम या फ्लू न हो, इसके लिए हम कुछ आसान घरेलू नुस्खे बता रहे हैं! जिन्हें अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को सीजनल बीमारियों और कोल्ड-कफ से बचा सकते हैं!
सीजनल फ्लू और उसके लक्षण?
सामान्य फ्लू और कोविड-19 के लक्षण काफी हद तक एक जैसे हैं! यही वजह है कि कई लोग नॉर्मल सीजनल फ्लू होने की वजह से भी काफी परेशान हो रहे हैं! अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है! आपको बता दें कि सामान्य फ्लू 5-6 दिन में ठीक हो जाता है इसलिए बेहतर है कि आप घर पर ही अपना ट्रीटमेंट लें! यहां हम आपको सामान्य फ्लू के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं!
बुखार आना!
पूरे शरीर में दर्द होना!
मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना!
बार-बार खांसी आना!
नाक बंद हो जाना!
नाक में चुभन या दर्द महसूस होना!
सिर में दर्द होना!
अगर ये लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो आपको सीजनल फ्लू भी हो सकता है! बेहतर होगा 2-4 दिन इंतजार करें! उसके बाद ही कोविड-19 का टेस्ट कराएं!
https://kisansatta.com/how-to-avoid-seasonal-flu-fever-or-coughs-follow-these-home-remedies/ #FeverOrCoughsFollowTheseHomeRemedies, #HowToAvoidSeasonalFlu fever or coughs? Follow these home remedies, How to avoid seasonal flu In Focus, Life, Trending #InFocus, #Life, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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फैक्ट चेक: गरम पानी और नमक के गरारे से नहीं ठीक होता कोरोना वायरस
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फैक्ट चेक: गरम पानी और नमक के गरारे से नहीं ठीक होता कोरोना वायरस
एक तरफ दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर जारी है और दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे दावे किए जा रहे हैं जिसमें अप्रमाणित घरेलू नुस्खे और दवाइयों को कोरोना वायरस का इलाज बताया जा रहा है. इसी तरह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें कहा जा रहा है कि खूब पानी पीने और गरम पानी में नमक या सिरका मिलाकर गरारा करके कोरोना वायरस के असर को खत्म किया जा सकता है.
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर
वायरल तस्वीर में अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में कैप्शन लिखा है, जिसका हिंदी अनुवाद होगा, “कोरोना वायरस फेफड़ों में पहुंचने से पहले गले में चार दिन तक ठहरता है और इसी दौरान व्यक्ति को कफ और गला दर्द की समस्या होती है. अगर वह खूब ज्यादा पानी पीता है और गरम पानी में नमक या सिरका मिलाकर गरारा करता है तो इस वायरस को खत्म किया जा सकता है. इस सूचना को फैलाएं क्योंकि इस सूचना से आप किसी की जान बचा सकते हैं.”
अब तक ऐसा कोई अध्ययन सामने नहीं आया है कि बहुत सारा पानी पीने या गर्म पानी और नमक से गरारा करने से कोरोना वायरस का संक्रमण ठीक किया जा सकता है. हालांकि, यह सही है कि नमक मिलाकर गरम पानी का उपयोग किया जाता है. यह गले में खराश और कफ को ठीक करने के लिए एक तरह का घरेलू उपचार है, लेकिन अब तक, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह खतरनाक कोरोनो वायरस को भी नष्ट कर सकता है.
फैक्ट चेक वेबसाइट “Snopes” की एक रिपोर्ट भी कहती है कि अभी तक ऐसा कोई प्रमाण सामने नहीं आया है कि कोरोनावायरस चार दिन तक गले में रहता है, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है. तमाम यूजर्स ने फेसबुक और ट्विटर यह पोस्ट शेयर की है. यह पोस्ट व्हाट्सएप पर भी शेयर की जा रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विशेषज्ञों के मुताबिक, फिलहाल COVID-19 या कोरोना वायरस को नियंत्रित करने की कोई दवा या वैक्सीन नहीं खोजी जा सकी है. हालांकि, “CNN” की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस वैक्सीन के परीक्षण के सिलसिले में पहली बार एक प्रतिभागी को एक खुराक दी गई है. इजरायल का इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च भी इसकी वैक्सीन विकसित करने के लिए काम कर रहा है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि WHO ने भी इसी तरह के एक दावे को खारिज किया है कि नमक वाले पानी से नाक साफ करके कोरोना वायरस का संक्रमण रोका जा सकता है. WHO के अनुसार, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नियमित रूप से खारे पानी से नाक साफ करने से लोगों को संक्रमण से बचाया जा सकता है.
अब तक WHO और अन्य विशेषज्ञों की ओर से कोरोना वायरस से बचाव के कुछ उपाय जारी किए किए गए हैं. ये निम्नलिखित हैं:
1) बार-बार हाथ धोएं.
2) लोगों से दूरी बनाकर रहें.
3) अपनी आंख, नाक और मुंह को बार-बार न छुएं.
4) सांस संबंधी स्वच्छता का अभ्यास करें.
5) अगर आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें.
6) जागरूक रहें और अपने डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह का पालन करें
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने भी इस अफवाह का खंडन किया है कि गरम पानी में नमक या सिरका मिलाकर गरारा करके कोरोनावायरस का इलाज हो सकता है.
#Coronavirus CANNOT be treated by gargling with warm water mixed with salt and vinegar.
This is #fakenews circulating on social media and WhatsApp.
For authentic information on #Coronavirusoutbreak, follow @PIB_India and @MoHFW_INDIA #PIBFactCheck #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/gKUGDBqR9Q
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 16, 2020
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सर्दी, खांसी, बुखार है? इन घरेलू नुस्खों से आप हो जाएंगे एकदम ठीक
सर्दी, खांसी, बुखार है? इन घरेलू नुस्खों से आप हो जाएंगे एकदम ठीक : इस मौसम में लोगों में देखा गया है कि सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारियों का शिकार आसानी से हो जाते हैं. तो, ऐसे में आपको डरने या फिर घबराने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आपके लिए कुछ घरेलू नुस्खे ले��र आएं हैं. जिन्हें अपनाने के बाद आप चुस्त और दुरुस्त हो जाएंगे. इसके लिए बस आपको लौंग, तुलसी, काली मिर्च और अदरक से बनी चाय पीनी पड़ेगी. जो कुछ देर में ही आपकी खांसी, सर्दी, जुकाम को छु कर देगी. हाल ही में बॉल्सब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित सुनील कुमार दूबे ने मीडिया से कहा है कि इन बीमारियों का मुख्य कारण वायरस का बढ़ता प्रसार होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जुकाम एक फैलने वाली बीमारी है जो बहुत जल्दी बढ़ती है. यह बीमारी बहती नाक, बुखार, सुखी या गीली खांसी अपने साथ लाती है, जो स्वास्थ पर अचानक हमला करती है. इन्हे भी पढ़े :- इन एक्सरसाइज के जरिए प्रेग्नेंसी के बाद मोटापे से पा सकते हैं छुटकारा शहद का सेवन कई तरह के रोगों में करता है मदद वो आगे कहते हैं कि कॉमन कोल्ड में बच्चों और बुजुर्गों को खास ध्यान रखना चाहिए. वहीं, सर्दियों में शहद का सेवन करने से कई तरह के रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है. आपको बता दें कि आयुर्वेद में शहद को अमृत माना गया है. रात में सर्दी, जुकाम के कारण सोने से पहले एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से यह खत्म हो जाती है. मानद उपाधि प्राप्त दूबे ने मीडिया से कहा, "सर्दियों में मछली और सूप भी बेहद कारगर है. खाने में अदरक के प्रयोग से शरीर तो गरम होता ही है, साथ में पाचन क्रिया भी अच्छा होता है." डायबिटीज से परेशान लोगों के लिए अमृत है आंवला साथ ही आंवला डायबिटीज से परेशान लोगों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है. आंवला का उपयोग 5000 साल से होता आ रहा है और इससे कई रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता था. आंवला में विटामिन सी, विटामिन एबी, पोटैशिम, कैलशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और डाययूरेटिक एसिड होते हैं. आंवला और मूंगफली सर्दियों में फायदेमंद होता है. आखिर में ये भी बताया कि खजूर को दूध के साथ खाने पर सर्दी से बहुत हद तक राहत मिलती है. इन्हे भी पढ़े :- जानें कैसे चलाएं एक स्मार्टफोन में 2 WhatsApp, फॉलो करें 5 स्टेप्स सर्दी, खांसी, बुखार है? इन घरेलू नुस्खों से आप हो जाएंगे एकदम ठीक स्त्रोत :- abpnews छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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इन घरेलू उपायों से दूर करें गले की खराश
मौसम में बदलाव के साथ हमारी सेहत में भी बदलाव होते हैं. ऐसे में गले में खराश, गले में दर्द, खांसी-जुकाम और बुखार जैसी बीमारियां हम सभी को हो जाती है. वहीं इस समय अगर आप भी गले की खराश या गले के दर्द से परेशान हैं, तो हम आपके लिए लेकर आए हैं घरेलू नुस्खे. आइए आपको बताते हैं.
नमक का पानी – अगर गले में खराश है तो इसके लिए आप एक चौथाई चम्मच नमक का ��र्म पानी में मिलाकर पानी से 3-4 बार गरारे करें. जी…
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कनिका कपूर और करीम मोरानी की बेटियों के बाद एक और बॉलिवुड ऐक्टर कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। ऐक्टर और उनके पूरे परिवार कोरोना हुआ था लेकिन वे अब ठीक हैं। पूरब और उनका परिवार इस वक्त लंदन में है। उन्होंने इस बात का खुलासा अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में किया और इससे जीतने के तरीके भी बताए। इम्यूनिटी बनाएं स्ट्रॉन्ग 'एयरलिफ्ट' और 'रॉकऑन' जैसी फिल्मों में काम कर चुके पूरब ने बताया कि उन्हें लगाग था कि कॉमन फ्लू है लेकिन यह COVID-19 निकला। उन्होंने लोगों से रिक्वेस्ट की है वे पैनिक न करें बल्कि स्ट्रॉन्ग इम्यूनिटी के साथ इससे लड़ें। जुकाम जैसे थे लक्षण देखें उन्होंने क्या लिखा, दोस्तों, हमें जुकाम हुआ था और हमने लक्षण जब फिजिशन को बताए तो पता चला कि हमें COVID-19 है। बिल्कुल सामान्य जुकाम की तरह ही होता है जिसमें ज्यादा कफ और सांस लेने में दिक्कत होती है। सबको अलग-अलग लक्षण सबसे पहले इनाया को हुआ और बहुत हल्का था। 2 दिन तक कफ और कोल्ड रहा। इसके बाद लूसी को चेस्ट में ज्यादा हुआ, बिल्कुल कफ जैसे ही लक्षण हैं, जैसा कि सब लोग बता रहे हैं। इसके बाद मुझे हुआ। मुझे एक दिन के लिए भयंकर जुकाम हुआ इसके बाद गायब हो गया, इसके बाद 3 दिन से कफ है। हम तीनों को 100-101 बुखार था और थकान भी। ओसियन को सबसे आखिर में हुआ और उसका बुखार 104 डिग्री रहा, 3 रातों तक। साथ में नाक बह रही थी औऱ हल्का कफ भी था। उसका बुखार 5वें दिन ठीक हो गया। अब हैं संक्रमण मुक्त पूरब ने आगे लिखा, हम लगातार फोन पर अपने फिजिशन के टच में थे। लंदन में यह सबको हो रहा है और इसे रोकना मुश्किल है। हमारे जानने वाले कुछ लोगों को भी हुआ है। आपसे बस इसलिए शेयर करना चाहता था ताकि यह जानकर डर कम हो कि किसी को यह हुआ था और वह अब ठीक है। बुधवार को हम सब सेल्फ क्वॉरंटीन से बाहर आ चुके हैं और अब संक्रमण ��ैलाने वाले नहीं रहे।' बताए कुछ घरेलू नुस्खे पूरब ने इसके लिए कुछ उपचार भी लिखे हैं जिससे दिक्कत ज्यादा न हो। उन्होंने लिखा, 'हम 4 से 5 बार भाप ले रहे थे और नमक के पानी से गरारा, अदरक- शहद का मिक्स ताकि गले को आराम मिले और इससे वाकई मदद मिली। साथ ही गरम पानी की बोतल से चेस्ट की सिंकाई, गरम पानी से नहाना। साथ ही काफी सारा रेस्ट। दो हफ्ते के बाद भी लग रहा है कि हमारा शरीर रिकवर हो रहा है।' घर पर सुरक्षित रहें उन्होंने लास्ट में लिखा, कृपया सुरक्षित रहें। उम्मीद करता हूं कि आप में से किसी को यह न हो लेकिन अगर होता है तो ध्यान रखें कि आपका शरीर इससे लड़ने के लिए मजबूत हो। डॉक्टर से सलाह जरूर लें क्योंकि हर केस की इंटेंसिटी अलग होती है, जैसे कि मेरे ही घर में था। कृपया घर रहें और शरीर को जितना हो सके आराम दें।
from Entertainment News in Hindi, Latest Bollywood Movies News, मनोरंजन न्यूज़, बॉलीवुड मूवी न्यूज़ | Navbharat Times https://navbharattimes.indiatimes.com/movie-masti/news-from-bollywood/actor-purab-kohli-and-his-family-test-corona-positive-shares-recovery-story/articleshow/75038737.cms
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पोलियो के कारण, लक्षण और इलाज – Polio (Poliomyelitis) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi
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पोलियो के कारण, लक्षण और इलाज – Polio (Poliomyelitis) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi
पोलियो के कारण, लक्षण और इलाज – Polio (Poliomyelitis) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi Soumya Vyas Hyderabd040-395603080 January 24, 2020
पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जिससे आज भी कई देश पीड़ित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 99 प्रतिशत पोलियो को कम किया जा चुका है, लेकिन इससे अभी भी कई गरीब देश प्रभावित हैं (1)। भारत की बात करें तो यूनीसेफ (UNICEF) ने भारत को 2011 में ही पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था (2)। फिर भी देश को पोलियो मुक्त बनाए रखने के लिए हर वर्ष एक निर्धारित समय पर पोलियो वैक्सीन लगाए जाते हैं। यह एक गंभीर बीमारी है, इसलिए इस बारे में पूर्ण रूप से जानकारी रखना जरूरी है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पोलियो से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। यहां आपको पोलियो, पोलियों के प्रकार और पोलियो से बचने के उपाय संबंधित जानकारी मिलेगी। साथ ही पोलियो का टीका और पोलियो का इलाज कैसे किया जा सकता है, इस पर भी प्रकाश डाला जाएगा।
यह सभी जानकारी जानने से पहले, विस्तार से जानिए कि पोलियो क्या होता है।
विषय सूची
पोलियो क्या है – What is Polio (Poliomyelitis) in Hindi
पोलियो या पोलियोमाइलाइटिस एक ऐसा रोग है, जो तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुंचाकर ��कवा (पैरालिसिस) का कारण बन सकता है (3)। पोलियो वायरस एक संक्रमित व्यक्ति के शरीर से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है और रीढ़ की हड्डी को संक्रमित कर सकता है, जिससे पैरालिसिस (पूरा शरीर या शरीर के कुछ अंगों से जुड़ी गतिहीनता) हो सकता है (4)। पोलियो वैक्सीन पूरी दुनिया में अच्छी तरह लागू होने के बाद इसका खतरा कम हो गया है, लेकिन यह अब भी एक घातक बीमारी है। इस वजह से पोलियो का इलाज और उससे बचने के उपाय के बारे में ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।
पोलियो क्या है जानने के बाद, आगे जानिए पोलियो के प्रकार।
पोलियो के प्रकार – Types of Polio in Hindi
पोलियो के प्रकार की बात करें तो यह दो प्रकार का हो सकता है (5):
पैरालिटिक पोलियो : इसमें पोलियो वायरस कुछ नर्व फाइबर (Nerve Fiber) के जरिए फैलता है और रीढ़ की हड्डी के साथ मस्तिष्क के भाग (ब्रेन स्टेम और मोटर कॉर्टेक्स) में मौजूद मोटर न्यूरॉन्स (कोशिकाएं, जो जरूरी मांसपेशियों की गतिविधियों को नियंत्रित करती हैं, जैसे बोलना, चलना, सांस लेना और निगलना (6)) को नुकसान पहुंचाता है। यह क्षति पैरालिटिक पोलियोमाइलाइटिस का निर्माण करती है। न्यूरोंस को पहुंची क्षति के आधार पर पैरालिटिक पोलियो के प्रकार को तीन भागों में बांटा जा सकता है:
स्पाइनल पोलियो : इस प्रकार में पोलियो वायरस रीढ़ की हड्डी में मौजूद मोटर न्यूरॉन्स को प्रभावित करता है। यह वायरस प्रभावित क्षेत्र की मासपेशियों को कमजोर बना सकता है और उन्हें लकवाग्रस्त कर सकता है।
बल्बर पोलियो : इस प्रकार में पोलियो वायरस मस्तिष्क के बल्बर भाग (ब्रेनस्टेम और सेरिबैलम को जोड़ने वाला) को प्रभावित करता है। वायरस बल्बर भाग की नसों को नुकसान पहुंचाता है, जिसके कारण सांस लेने, बोलने और निगलने में मुश्किल हो सकती है।
बल्बोस्पाइनल पोलियो : पैरालिटिक पोलियो के लगभग 19 प्रतिशत मामलों में मरीज बल्बोस्पाइनल पोलियो से पीड़ित होता है। इस प्रकार में रीढ़ की हड्डी और बल्बर, दोनों पोलियो वायरस से प्रभावित होते हैं। इस दौरान व्यक्ति को वेंटीलेटर के बिना सांस लेने में समस्या होती है। इसके साथ, उसके हाथ और पैरों पर लकवा मार सकता है और हृदय की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।
पाथोफिजियोलोजी (Pathophysiology) : पोलियो के इस प्रकार में पोलियो वायरस मुं�� के द्वारा शरीर में प्रवेश करता है। शरीर में प्रवेश करते ही सबसे पहले यह ग्रसनी (Pharynx – गले का एक भाग) और आंतों का म्यूकोसा (Intestinal Mucosa) की कोशिकाओं को संक्रमित करता है। यह वायरस आगे बढ़कर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है और शरीर में इन्फ्लेमेशन का कारण बन सकता है।
पोलियो के प्रकार बताने के बाद, आइए आपको बता दें कि पोलियो के कारण क्या हो सकते हैं।
पोलियो के कारण – Causes of Polio (Poliomyelitis) in Hindi
पोलियो वायरस, पोलियो की मुख्य वजह है। इसके फैलने की कई वजह हो सकती हैं, जिन्हें पोलियो के कारण में शामिल किया जा सकता है, जैसे (7) :
संक्रमित व्यक्ति से सीधा संपर्क
नाक और मुंह से निकले संक्रमित बलगम से संपर्क
संक्रमित मल से संपर्क
लेख के अगले भाग में हम आपको बताएंगे कि पोलियो के लक्षण क्या-क्या होते हैं।
पोलियो के लक्षण – Symptoms of Polio (Poliomyelitis) in Hindi
आमतौर पर पोलियो से संक्रमित लोगों में किसी प्रकार के लक्षण नही दिखाई देते, लेकिन कुछ मामलों में पोलियो के लक्षण फ्लू की तरह दिखते हैं। ये लक्षण कुछ दो से पांच दिन के लिए रहते हैं और फिर गायब हो जाते हैं, जैसे (4) :
गले में खराश
बुखार
थकान
जी मिचलाना
सिरदर्द
पेट दर्द
इनके अलावा, कुछ मामलों में पोलियो के लक्षण गंभीर हो जाते हैं और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी) को प्रभावित करने लगते हैं। इन मामलों में व्यक्ति कुछ गंभीर लक्षणों से गुजरता है, जैसे :
पैरेस्थीसिया – पैरों में सुई चुभने जैसा एहसास होना
मैनिंजाइटिस के लक्षण – मस्तिष्क और रीढ़ से जुड़ा संक्रमण
पैरालिसिस (लकवा)
हर शारीरिक समस्या की तरह पोलियो के भी कुछ जोखिम कारक हैं, जो इसके होने का खतरा बढ़ा सकते हैं। उनके बारे में लेख के अगले भाग में बताया गया है।
पोलियो के जोखिम कारक – Risk Factors of Polio in Hindi
पोलियो के कारण के अलावा कुछ जोखिम कारक भी हैं, जो इस रोग के होने की वजह बन सकते हैं, जैसे (7) (3):
पोलियो का टीका न लगवाना
पोलियो से संक्रमित जगह पर जाना
अस्वच्छ वातावरण में रहने वाले बच्चे और शिशु
पोलियो के उपचार से जुड़ी जानकारी के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिए यह लेख।
पोलियो का इलाज – Treatment of Polio (Poliomyelitis) in Hindi
इस भाग के शुरुआत में हम आपको बता दें कि कोई भी मेडिकल ट्रीटमेंट पोलियो का इलाज नहीं कर सकता है। नीचे बताए गए उपचार सिर्फ पोलियो के लक्षण को कम करने में मदद कर सकते हैं (7) :
एंटीबायोटिक्स : यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के लक्षण (मूत्र मार्ग का संक्रमण) को कम करने के ल��ए।
हीटिंग पैड : मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को कम करने के लिए।
दर्द निवारक दवाएं : सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को कम करने के लिए।
फिजिकल थेरेपी : मांसपेशियों की ताकत और कार्यप्रणाली को बेहतर करने के लिए। इस दौरान, कुछ गंभीर म���मलों में आर्थोपेडिक सर्जरी भी की जा सकती है।
पोलियो का उपचार बताने के बाद, लेख के अगले भाग में हम आपको पोलियो से बचने के उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं।
पोलियो से बचने के उपाय – Prevention Tips for Polio in Hindi
किसी भी अन्य बीमारी की तरह ही पोलियो से बचने में उपाय अपनाना पोलियो का इलाज करवाने से बेहतर हैं।
ये बचाव उपाय पोलियो का टीका होते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है (8) (9) :
ओरल पोलियो वैक्सीन : पोलियों से बचाव के लिए इस वैक्सीन को मुंह के जरिए दिया जाता है। इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी है। दरअसल, वैक्सीन में लाइव वायरस की मौजूदगी के कारण इसे लेने वाला व्यक्ति दूसरे को संक्रमित कर सकता है। दुर्लभ मामलों में यह ओरल वैक्सीन, ‘वैक्सीन डराइव्ड पोलियो वायरस’ बनकर पोलियो का कारण भी बन सकती है। यही वजह है कि अमेरिका ने इस वैक्सीन को बैन कर दिया है, फिर भी कई कई देशों में इसे अपनाया जा रहा है।
इनएक्टिवेटेड पोलियोवायरस वैक्सीन : इस वैक्सीन को व्यक्ति के बांह या पैर में इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है। यह पोलियो का टीका व्यक्ति को पोलियो के तीनों प्रकार से बचाता है। इसमें लाइव वायरस नहीं होते, इसलिए यह पोलियो वैक्सीन अन्य लोगों में संक्रमण का कारण नहीं बनती।
पोलियो के मामले में यह बात बिलकुल सटीक बैठती है कि इलाज से बेहतर बचाव है। पोलियो का उपचार उपलब्ध न होने के कारण इससे बचाव करने के लिए सही समय पर पोलियो वैक्सीन लगवाना जरूरी है। भारत में भले ही पोलियो पूरी तरह खत्म हो गया हो, लेकिन इसे पोलियो मुक्त बनाए रखने के लिए पोलियो का टीका अवश्य लगवाएं। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी रहा होगा। अगर पोलियो के कारण, लक्षण या उससे जुड़ा कोई भी सवाल अब भी आपके मन में हो, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर हम तक जरूर पहुंचाएं।
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Soumya Vyas
सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/polio-ke-karan-lakshan-aur-ilaj-in-hindi/
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पेट साफ करने के घरेलू उपाय
हम अपने दिनचर्या में बहुत सी बातों का ध्यान रखते हैं। अपने घर, ऑफिस, परिवार, स्वास्थ्य का ध्यान रखना ज��ूरी होता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि ना चाहते हुए भी कुछ शारीरिक परेशानी हो सकती है जिसमें सिर दर्द, बदन दर्द, पेट की समस्या, बुखार, खांसी सामान्य से होने वाली परेशानी है पर कभी-कभी यह समस्याएं बढ़ती ही प्रतीत होती ���ैं।
जहां तक पेट की बात की जाए तो यह माना जाता है कि पेट का साफ होना बहुत जरूरी है क्योंकि बहुत सी बीमारियों की शुरुआत पेट से ही होती है। पेट हमारे शरीर का मुख्य अंग है ऐसे में खास सावधानी रखते हुए कार्य करें।
पेट साफ ना होने के कारण | Pet Saaf NA Hone KE Karan
ऐसा माना जाता है कि पेट का साफ होना तभी समझा जाता है जब पाचन की क्रिया सही तरह से कार्य करें पर कई बार कुछ दूसरे कारणों से भी पेट साफ नहीं हो पाता है।
1) अगर ज्यादा पानी का सेवन ना किया जाए तो इससे पेट साफ नहीं हो पाता है। पानी, पेट में उपस्थित सभी अपशिष्ट पदार्थों का शरीर से बाहर निकालने का काम करता है ऐसे में ज्यादा पानी पीना फायदेमंद है।
2). ज्यादा मात्रा में अल्कोहल लेने से भी पेट संबंधी विकार उत्पन्न हो जाते हैं।
3) कुछ लोगों को दूध या उस से बनी चीजों से पाचन सही से नहीं हो पाता और पेट साफ ना होने की समस्या बनी ही रहती है।
4) कई बार अत्यधिक मात्रा में दवाइयों के सेवन से भी पेट साफ नहीं हो पाता है।
5). ऐसा भी देखा गया है कि रात में कैल्शियम और आयरन की दवाइयां को रात मे लेने से भी अपच होती है। ऐसे में इन दवाइयों को दिन मे हीं लेना बेहतर होगा।
पेट साफ करने का घरेलू उपाय | Pet Saaf Karne Ke Gharelu Upay
अगर आपका पेट साफ ना हो रहा हो, तो आप कुछ घरेलू उपाय ( Pet Saaf Karne Ka Gharelu Nuskha In Hindi) करके भी पेट को आराम दे सकते हैं और स्वस्थ हो सकते हैं।
1). सौंफ और जीरा — यह दोनों ही चीजें पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद है। अगर आप जीरा और सौंफ को हल्का सा भून लें और उसे बारीक पीस लें। उस मिश्रण को आप खाली पेट एक चम्मच, गरम पानी के साथ पिए तो यह आपके पेट को साफ करने में मददगार होगा।
2). शहद और नींबू –– अगर आपको पेट दर्द का वास्तविक कारण ना भी पता हो, तो ऐसे में आप खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में नींबू और शहद डालकर पिए, तो इससे भी आपको फायदा ही होगा और पेट साफ हो जाएगा।
3). गरम पानी –– अगर लगातार पेट साफ ना होने की समस्या से परेशान हैं, तो गर्म पानी का सेवन जरूर करें। इससे पाचन सही से होता है और अपशिष्ट पदार्थ आसानी से शरीर के बाहर आ जाते हैं तो जब भी पिए गर्म पानी ही पिए।
4). हींग — अगर आप एक चुटकी हींग को गर्म पानी के साथ लें तो इससे भी आपको बहुत ही फायदा होने वाला है।
5).सेब –– अगर आपको रोजाना पेट साफ ना होने की समस्या से परेशान हैं, तो सेब का सेवन जरूर करें। सेब में उपस्थित फाइबर आपको पेट की किसी भी समस्या से दूर ही रखेगा।
6). अजवाईन — अगर आप अजवाइन को बारीक पीस लें और उसे ��ोजाना गर्म पानी में डालकर सेवन करें तो यह फायदेमंद होगा। इसके अलावा अजवाइन को बिना पीसे भी उपयोग कर सकते हैं।
7). एलोवेरा — अब तक हम एलोवेरा के कई उपायों के बारे में जानते हैं ऐसे में यह पेट के लिए भी फायदेमंद होगा। अगर आप एलोवेरा को निकालकर उसका जूस बना ले या फिर उसके गूदे को पानी में डालकर पिया जाए तो यह भी पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा।
8). अरंडी का तेल — पेट के मामले में अरंडी का तेल भी बहुत ही फायदेमंद है। ऐसे में आप सोते समय गर्म दूध में अरंडी के तेल को डालकर पिए तो इससे भी बहुत ही फायदा होगा और पेट की समस्या दूर हो जाएगी।
9). नारियल पानी — नारियल पानी को भी पेट के लिए फायदेमंद कहा जाता है। ऐसे में अगर आप नारियल पानी का रोजाना सेवन करें तो इस से भी आपको फायदा मिलेगा।
10). त्रिफला चूर्ण — त्रिफला चूर्ण के गुणों से हम सभी वाकिफ हैं। ऐसे में अगर आप 5 से 6 ग्राम त्रिफला चूर्ण को 200 ग्राम हल्के गर्म दूध के साथ पीते हैं, इससे आपको बहुत ही फायदा होगा इसे जरूर अपनाएं।
11). पुदीना –– पेट को साफ करने में पुदीने की पत्तियों का भी योगदान है। आप चाहे तो इस का शरबत पी सकते हैं या फिर इसे पीसकर भी खाया जा सकता है।
12). अलसी के बीज –– पेट साफ करने में अलसी के बीजों का भी महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। अगर अलसी के बीजों को पीसकर उसे दूध में डालकर सेवन करें तो फायदेमंद होगा। इनका उपयोग बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहिए। इसे आप चाहे तो शहद के साथ भी ले सकते हैं।
13). दही — दही में उपस्थित प्रोबायोटिक पेट को साफ करने में भी मददगार है इसे आप शरबत के रूप में भी ले सकते हैं।
कच्ची सब्जियों का सूप भी है फायदेमंद–
अगर आप लगातार पेट की समस्या से परेशान हैं, तो ऐसे में अगर आप कच्ची सब्जियों का सूप बनाकर भी पीते हैं तो यह फायदेमंद होगा। इसके साथ ही दूसरे समस्या भी ठीक हो सकती है। इन सब्जियों में आप गाजर, चुकंदर, पालक, गोभी, करेला, लौकी का उपयोग कर सकते हैं। सारी सब्जियों को बारीक पीसकर थोड़े पानी के साथ मिक्सर में पीस लें और उसका सूप तैयार कर लें। सब्जियों में सभी प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो पेट साफ करने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाकर रखते हैं। इनमें नमक कम मात्रा में इस्तेमाल करें।
पेट साफ ना होने पर ना खाए इन आहारों को
पेट साफ ना होने पर हमें समझ नहीं आता कि आखिर यह हो क्या रहा है? ऐसे में अगर कुछ आहार को अपने भोजन में शामिल ना करें तो फायदा ही होगा।
1). डेयरी प्रोडक्ट — पेट साफ ना होने पर डेयरी प्रोडक्ट से दूर ही रहे। दूध या दूध से बनी चीजें पाचन करने में ज्यादा समय लगाती हैं और यह गरिष्ठ भोजन की श्रेणी में आता है। ऐसे में अगर आपका पेट साफ ना होने की समस्या है, तो कुछ दिनों के लिए डेयरी प्रोडक्ट से दूरी बना ले।
2). बिस्किट और कुकिज –– ऐसे समय में मैदे से बनी चीजें का सेवन करने से मना किया जाता है क्योंकि इनके पचने में बहुत समय लगता है। ऐसे में बिस्किट और कुकीज़ से दूरी बना ले�� इससे भी पेट को समस्या हो सकती है।
3).कच्चे केले — पेट को साफ रखना चाहते हैं, तो कच्चे केले का सेवन नहीं करें। अगर आप चाहें तो पका केला खा सकते हैं।
4). चिप्स — पेट को साफ रखना हो तो चिप्स खाना सही नहीं है, जो भी आलू से बने होते हैं उनमें कार्बोहाइड्रेट, वसा, मसाले अधिक मात्रा में होते हैं, जो कहीं ना कहीं पेट को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में इन रेडिमेड चिप्स से दूर ही रहे।
5). मसालेदार भोजन — पेट साफ करने के लिए मसालेदार और गरिष्ठ भोजन से दूर ही रहे। ऐसे में पाचन में दिक्कत आती है।
6). जंक फूड और मैदा युक्त भोजन से दूरी बनाना सही है।
पेट साफ करने के कुछ अचूक नुस्खे | Pet Saaf Karne Ke kuch achuk nuskhe
पेट साफ करने के लिए कुछ अचूक नुस्खे अपनाकर स्वस्थ रहा जा सकता है।
1). रात को खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ जरूर खाएं इससे आपका पेट साफ रहेगा।
2). जब भी दाल का सेवन करें तो उसके छिलके को ना ही निकाले तो बेहतर होगा।
3). अगर खाने के सोडे को पानी में डालकर पिए तो इससे भी फायदा होता है।
4) खाने के बाद थोड़ी सी सौंफ और मिश्री को चबा लिया जाए तो बेहतर होगा।
5). सब्जियों में अगर आप परवल, टमाटर, बैंगन ,लौकी, तोरई का सेवन करें तो अच्छा रहेगा।
6). पेट साफ करने में फलों का भी महत्वपूर्ण योगदान है इसमें आप केला, अंगूर, अंजीर, बेर, अमरूद का सेवन करें तो बेहतर होगा।
7). अपने खानपान का भी विशेष ध्यान रखें।
8). पानी में भिगोकर किशमिश मुनक्का खाने से फायदा होगा।
बुजुर्गों का रखना होगा खास खयाल–
अग�� घर में बुजुर्ग हो, तो ऐसे में उनके खान-पान का विशेष ध्यान रखें। बुजुर्गों की इम्युनिटी कमजोर होती है और पाचन संबंधी दिक्कतें भी देखी जा सकती है। अगर बुजुर्गों को हल्का खाना दिया जाए तो बेहतर होगा। इसके अलावा मसालेदार और तला हुआ खाना बिल्कुल ना दे। गर्म पानी और नींबू पानी का सेवन फायदेमंद है। इसे आप दिन में तीन या चार बार अवश्य दें।
त्रिफला का चूर्ण भी है फायदेमंद–
पेट साफ करने के लिए त्रिफला चूर्ण को भी फायदेमंद माना गया है। यह आपके पेट की समस्याओं को भी दूर कर देता है। त्रिफला देखा जाए तो आंवला, हरण और बहरा का मिश्रण है, जो बराबर मात्रा में कूटकर बनाया जाता है। ऐसे में इसमें वह सारे गुण मौजूद होते हैं, जो आंतरिक रूप से परेशानी को दूर कर देते हैं। ऐसे में पेट को साफ करने के लिए यह चूर्ण महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसे गर्म पानी के साथ ले सकते हैं और स्वस्थ रहा जा सकता है।
निष्कर्ष
हमने देखा कि पेट का साफ होना बहुत ही जरूरी है नहीं तो कई प्रकार की बीमारियां और समस्याएं आ सकती हैं। अपने उचित खान-पान और जीवनशैली से खुद को स्वस्थ बनाते हुए पेट साफ रखा जा सकता है। इसके लिए शुरुआत खुद को ही करना होगा। इन उपायों को अपनाकर आप अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं। हमेशा स्वस्थ रहिए, मस्त रहिए और खुश रहिए।
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दाद ठीक करने का घरेलू उपाय
हाई ब्लड प्रेशर के घरेलू उपाय
Source : http://www.ghareluayurvedicupay.com/pet-saaf-karne-ke-gharelu-upay/
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गले और छाती में जमे कफ से मात्र 1 दिन में राहत दिलाते हैं ये 3 आसान घरेलू नुस्खे
गले और छाती में जमे कफ से मात्र 1 दिन में राहत दिलाते हैं ये 3 आसान घरेलू नुस्खे
सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार होने से गले में कफ जम जाता है। कफ जमने से लगातार नाक बहना, गले में खरास होना, सीने में दर्द होना आदि लक्षण दिखाई देते है। इसके लिए लोग दवा और सिरप का इस्तेमाल करते है। वैसे तो कफ की समस्या ज्यादा गंभीर नही है। लेकिन लंबे समय तक कफ जमने से बहुत सारी परेशानियां हो सकती है। दोस्तों आज हम आपको 3 आसान घरेलू नुस्खों के बारे में बताएंगे, जो गले और छाती में जमे कफ से मात्र 1…
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कितने दिन के अंदर लगवा लें वैक्सीन की दूसरी डोज? जानें वैक्सीनेशन से जुड़े 10 जरूरी सवालों के जवाब Divya Sandesh
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कितने दिन के अंदर लगवा ले��� वैक्सीन की दूसरी डोज? जानें वैक्सीनेशन से जुड़े 10 जरूरी सवालों के जवाब
लखनऊ ‘मैंने 8 अप्रैल को कोविड वैक्सिनेशन करवाया था, एक महीना बीत चुका है, लेकिन दूसरी डोज के लिए स्लॉट नहीं मिल पा रहा है। कहीं देरी की वजह से पहले टीके का असर खत्म तो नहीं हो जाएगा…?’ एनबीटी, सपोर्ट ग्रुप लखनऊ और आईएमए की पहल पर शुरू किए ‘हम साथ हैं’ अभियान के तहत हेल्पलाइन पर पूछे गए सवाल पर विशेषज्ञों ने पहले टीके के महज 30 दिन बाद ही दूसरी डोज लगवाने की सलाह दी।
एक्सपर्ट्स ने कहा कि परेशान होने की जरूरत नहीं है। कोवैक्सीन की दूसरी डोज 42 दिन और कोविशील्ड की दूसरी डोज 56 दिन तक भी लगवाई जा सकती है। अभियान के 13वें दिन शनिवार को लोगों ने टीकाकरण को लेकर कई सवाल पूछे गए। जिनका विशेषज्ञों ने जवाब दिया। साथ ही होम आइसोलेशन के कोविड मरीजों और सामान्य मरीजों को भी परामर्श दिया। हेल्पलाइन पर लखनऊ के अलावा अयोध्या, नोएडा, गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, हरियाणा के फरीदाबाद, गुड़गांव से भी फोन आए।
1. मामूली लक्षणों के बाद 14 दिन होम आइसोलेशन में बिता चुका हूं, लेकिन मेरी रिपोर्ट फिर पॉजिटिव आई है। कोई चिंताजनक बात तो नहीं? आपको कोई लक्षण नहीं है तो किसी भी तरह डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। कई बार डेड वायरस के चलते दोबारा रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है, लेकिन आपको सावधानी बरतनी चाहिए। हेल्दी डाइट लेते रहें और सुबह प्राणायाम के साथ हल्का फुल्का व्यायाम करें तो बेहतर होगा। भांप लेते रहें।
2. मुझे कोविड हुआ था ठीक होने के बाद से साइनस की दिक्कत होने लगी है। क्या करें? दिन में तीन बार भांप लें। हर बार कम से कम पांच मिनट तक भांप लें। मुंह से भांप खींचें और नाक से निकालें। इसके साथ सोने से पहले गरारा करें। अपने डॉक्टर से परामर्श कर दवाएं भी खा सकते हैं।
3. मुझे एक मई को वैक्सीन लगी थी, वैक्सीन वाली जगह पर दर्द और खुजली हो रही है, कोई डर वाली बात तो नहीं है? किसी तरह की परेशानी वाली बात नहीं है, यह सामान्य है।
4. चार मई को टीका लगा था। तबसे बुखार आ रहा है। क्या मुझे संक्रमण की जांच करवानी चाहिए? टीका लगने के पांच दिनों तक हल्का बुखार आ सकता है। अगर इसके साथ सूखी खांसी और कमजोरी समेत कोविड के दूसरे लक्षण नहीं हैं, तो अनावश्यक जांच करवाने की जरूरत नहीं है। कुछ लोगों को वैक्सीन लगने के बाद हल्का बुखार हो जाता है। पैरासिटामॉल खाते रहें ठीक हो जाएगा।
5. मेरे बुजुर्ग रिश्तेदार को कोविड हुआ था, अब उनके पेट में दर्द होने लगा है, दस्त भी हो रहे हैं। क्या करें? कोविड की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों में पेट दर्द और दस्त जैसे लक्षण भी दिख रहे हैं। परेशान होने की जरूरत नहीं है। हल्का खाना खाएं। शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए इलेक्ट्रॉल पीते रहें। इसके साथ ऑक्सिजन के लेवल पर नजर बनाए रहें। दस्त के लिए डॉक्टर के परामर्श पर दवाएं भी खाएं।
6. कोविड संक्रमण था अब ठीक हो चुका हूं, जांच में एंटीबॉडी भी बन गई है, लेकिन कभी-कभी कंपकपाहट होती है? एंटीबाडी बन चुकी है यह अच्छा संकेत है। कोविड के बाद कमजोरी और कभी-कभी कंपकपाहट होती है। उसे लेकर परेशान न हों। डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं। विटामिन सी और जिंकोनिआ अगले एक महीने तक लेते रहिए। आप ठीक हो जाएंगे।
7. मेरे भाई को बुखार है, क्या कोविड की जांच करवानी चाहिए या कुछ और भी लक्षणों पर नजर रखें? बुखार के बाद कोविड की जांच करवाने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन बुखार के साथ अगर सूखी खांसी, थकान, बदन दर्द, गले में खराश और उल्टी-दस्त की समस्याओं में से अन्य लक्षण भी हैं तो जांच करवाने में बिल्कुल भी देरी न करें। जितनी जल्दी जांच होगी उतना बेहतर तरीके और आसानी से घर पर ही इलाज मुमकिन हो सकेगा।
8. घर पर मां और पत्नी संक्रमित हैं, क्या बाहर से भोजन मंगवा सकते हैं, उससे संक्रमण का खतरा तो नहीं? कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति की सांस या छींकने पर उसकी बूंदो�� से दूसरे व्यक्ति के श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है। अब तक खाने-पीने के सामान से कोरोना वायरस फैलने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। हालांकि बहुत मजबूरी न हो तो बाहर के बजाय घर पर ही खाना बनाएं तो बेहतर होगा।
9. क्या क्वारंटीन के तौर पर 14 दिन बता चुका शख्स संक्रमण फैला सकता है? आम तौर पर 14 दिन में वायरस से संक्रमित होने के लक्षण उभर आते हैं। ऐसे में अगर कोई संक्रमित है तो इस दौरान उसमें बुखार समेत कोई न कोई दिक्कत जरूर होगी। इसके बाद संक्रमित होने की आशंका काफी कम होती है।
10. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे अपना रहे हैं। यह नुकसानदेह तो नहीं हैं? घरेलू नुस्खा आयुर्वेदिक डॉक्टर की देखरेख में लें। बिना डॉक्टरी सलाह के कोई नुस्खा न अपनाएं।
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