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PE Therapy: Best Sexologist Patna, Bihar India | Dr. Sunil Dubey
दुबे क्लिनिक में आप सभी का स्वागत है। आज का यह टॉपिक उन सभी लोगो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो अपने यौन क्रिया में समय से पहले होने वाले स्खलन से परेशान है। वैसे तो यह कोई गुप्त या यौन समस्या नहीं है लेकिन यह किसी व्यक्ति के लिए परेशानी का कारण बन सकता है जब दोनों पार्टनर्स अपने-अपने यौन क्रिया से संतुष्ट नहीं है। शीघ्रपतन का शाब्दिक अर्थ है - किसी भी क्रिया को करते समय कम समय में स्खलित हो जाना। यह शब्द मुख्य रूप से यौन क्रिया से जुड़ा है जो पुरुषों के स्खलन से संबंधित है जिसमें समय का अभाव होता है।
शीघ्रपतन पुरुषों में होने वाला यौन सह म���ोवैज्ञानिक समस्या है ...
यदि आप पुरुष है और आप शीघ्रपतन से पीड़ित हैं, तो आपको इस गुप्त व यौन समस्या के बारे में निश्चित रूप से जानना चाहिए। वास्तव में, भारत के 35-40% लोग (18 वर्ष से ऊपर) इस मनोवैज्ञानिक यौन विकार से प्रभावित हैं। पुरे दुनिया में, 30-35% लोग अपने यौन जीवन में इस शीघ्रपतन समस्या की रिपोर्ट करते हैं। पुरुषों में होने वाले इस गुप्त व यौन समस्या (शीघ्रपतन) के दो अर्थ निकलते हैं। सबसे पहले, यह एक गुप्त समस्या नहीं है, बल्कि यौन शिक्षा का अभाव और आत्म-जागरूकता में कमी के कारण, यह व्यक्ति के यौन जीवन में घटित होती है। दूसरे, यह एक मनोवैज्ञानिक यौन समस्या है और यह व्यक्ति के यौन जीवन को प्रभावित करती है, जिससे पति-पत्नी (जोड़े) के बीच संघर्ष होता है।
शीघ्रपतन की परिभाषा: पुरुषों में होने वाले शीघ्रपतन एक ऐसी स्थिति है जिसमें उसका स्खलन अपेक्षित समय से पहले होता है, अक्सर प्रवेश के 1-2 मिनट के भीतर, जिससे व्यक्ति के यौन जीवन या युगल की अंतरंगता में निराशा और परेशानी होती है। भविष्य में, यह समस्या जोड़े के बीच रिश्तों के टकराव का कारण बनता है। पुरुषों में यह स्खलन अपने साथी में प्रवेश के पहले, के दौरान, या तुरंत बाद होता है जो कि उनके संभोग के लिए पर्याप्त समय के अभाव को दर्शाता है। विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे जो कि पटना के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, बताते हैं कि भारत में अधिकांश सेक्सोलॉजिस्ट शीघ्रपतन के इलाज के नाम पर लोगों को ठगते हैं। दरअसल, भारत में 10 में से 4 पुरुष इस गुप्त व यौन समस्या से संघर्ष करते हैं और वे अपने लिए सही यौन स्वास्थ्य चिकित्सक चुनने में भ्रमित हो जाते हैं और परिणाम यह होता है कि लोग आयुर्वेद और इसके चिकित्सा व उपचार पर उंगली उठाते हैं।
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सही सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर का चुनाव ...
जैसा कि हम सभी लोग जानते है कि किसी भी गुप्त या यौन समस्या का समाधान केवल और केवल आयुर्वेद चिकित्सा व उपचार में ही मौजूद है। आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ व सेक्सोलॉजिस्ट शीघ्रपतन व किसी भी तरह के गुप्त व यौन रोगी के लिए सटीक इलाज प्रदान करते हैं। इसके पीछे का वास्तविक कारण यह है कि शीघ्रपतन के प्रकार और प्रकृति के अनुसार आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसकी दवा तैयार की जाती है, जिसे आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी में विशेषज्ञता रखने वाले सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर ही सही से पहचान कर सकते हैं। शीघ्रपतन का इलाज एक लंबी प्रक्रिया है जहां बहुत सारे लोग विज्ञापनों या झोला-झाप नीम-हकीम के झांसे में आ जाते हैं और घंटों और मिनटों में इलाज की प्रक्रिया देखकर वहां चले जाते हैं। इस स्थिति में, वे प्रामाणिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर को चुनने से चूक जाते हैं जो उनका सही तरीके से इलाज कर सकते थे और उनकी समस्या को स्थायी रूप से ठीक कर सकते थे।
पुरुषों में शीघ्रपतन के प्रकार ...
समस्या के प्रकृति के अनुसार, पुरुषों में होने वाले शीघ्रपतन को तीन भागों में बांटा गया है -
प्राथमिक शीघ्रपतन: आजीवन स्थिति।
द्वितीयक शीघ्रपतन: अधिग्रहित स्थिति।
प्राकृतिक परिवर्तनशील शीघ्रपतन: परिवर्तनशील स्थिति।
निम्नलिखित कारणों से व्यक्ति शीघ्रपतन से संघर्ष कर सकता है –
डॉ. सुनील दुबे जो कि बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर भी हैं, उन्होंने अपने आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी के करियर में, अपने पांच साल का नेतृत्व पुरुषों और महिलाओं के विभिन्न गुप्त व यौन विकारों ��े आयुर्वदिक उपचार हेतु शोध में बिताए। वे दुबे क्लिनिक में प्रतिदिन अभ्यास करते हैं जो पटना के लंगर टोली, चौराहा में स्थित है। यह आयुर्वेदिक क्लिनिक अपने प्रमाणित और गुणवत्ता-सिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार के लिए पुरे भारत में प्रसिद्ध है। अपने दैनिक अभ्यास व अनुभव के आधार पर, वे कहते हैं कि अधिकांश पुरुष गुप्त व यौन रोगी अपने शीघ्रपतन और स्तंभन दोष के इलाज के लिए इस क्लिनिक में आते हैं। उनका कहना है कि आमतौर पर शीघ्रपतन एक मनोवैज्ञानिक यौन विकार है, लेकिन कुछ अन्य कारक भी इस यौन विकार से पीड़ित व्यक्ति को प्रभावित करते हैं।
मनोवैज्ञानिक कारक: चिंता, तनाव और अवसाद ये सारे मनोवैज्ञानिक कारक हैं, जिसके कारण व्यक्ति अत्यधिक या दीर्घकालिक तनाव के कारण शीघ्रपतन की समस्या से पीड़ित हो सकता है।
न्यूरोलॉजिकल कारक: न्यूरोलॉजिकल कारकों के मामले में, व्यक्ति शीघ्रपतन से संघर्ष कर सकता है। ये न्यूरोलॉजिकल कारक के वजह से तंत्रिका क्षति और न्यूरोट्रांसमीटर में असंतुलन हो सकते हैं।
हार्मोनल कारक: कम सेरोटोनिन और उच्च डोपामाइन दोनों हार्मोनल कारक हैं जो पुरुष की उसकी यौन गतिविधि में शीघ्रपतन का कारण बन सकते हैं।
शारीरिक कारक: प्रोस्टेट की समस्याएं, मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) और स्तंभन दोष ये सारे शारीरिक कारक हैं जो किसी पुरुष के यौन गतिविधि में शीघ्रपतन का कारण बन सकते हैं।
जीवनशैली कारक: व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जीवनशैली हमेशा मायने रखती है। धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन और नींद की गुणवत्ता में कमी वे सभी जीवनशैली कारक हैं जो किसी व्यक्ति को शीघ्रपतन की ओर ले जा सकते हैं।
शीघ्रपतन की समस्या से स्थाई समाधान ...
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से शीघ्रपतन वीर्य, जीवन शक्ति और मन का विकार का प्राकृतिक समाधान मौजूद है। दरअसल, शीघ्रपतन की स्थिति में व्यक्ति यौन ऊर्जा की कमी, कमजोरी और भावनात्मक और मानसिक स्थिति में गड़��ड़ी से ग्रस्त होता है। उनका कहना है कि हर्बल उपचार, आयुर्वेदिक नुस्खे, आहार संबंधी सलाह, पंचकर्म चिकित्सा, घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव किसी भी गुप्त व यौन समस्याओं को सुधारने के लिए प्रभावी और प्राकृतिक प्रक्रियाएं हैं।
अपने चिकित्सा व उपचार में, वे सभी तरह के गुप्त व यौन समस्याओं के समाधान करने के लिए आवश्यक प्राकृतिक प्रक्रियाएं प्रदान करते हैं। सर्वोत्तम परिणाम के लिए, यौन रोगी को दुबे क्लिनिक में जाना चाहिए जो भारत का प्रमुख आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक है। पुरे भारत से गुप्त व यौन रोगी इस क्लिनिक से अपने-अपने इलाज व उपचार के लिए इस अपॉइंटमेंट लेते है।
अधिक जानकारी के लिए:
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर और गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट
आयुर्वेद में पीएचडी (यूएसए), बी.ए.एम.एस. (रांची), एम.आर.एस.एच. (लंदन)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
क्लिनिक खुलने-बंद होने का समय: सुबह 08:00 बजे से शाम 08:00 बजे तक (प्रतिदिन)
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मुस्लिम वोटों से सत्ता में आकर वक्फ संशोधन विधेयक का नहीं कर रहे विरोध, तो परिणाम भुगतने होंगे; मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
Bihar News: झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धमकी दी है। इसके साथ ही उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को भी चेतावनी दी है। मौलाना उमरान महफूज ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता मुस्लिम वोटों ��ी ताकत से मुख्यमंत्री की कुर्सी तक…
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Congress-National Conference ka Gathabandhan Turutikaran ki Raajaneeti ka Parinaam: Nityanand Rai
पटना। बिहार की राजधानी पटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और ��ेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच हुए गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। नित्यानंद राय ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन तुष्टिकरण की राजनीति का परिणाम है और यह देश के लिए खतरनाक है। उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि कांग्रेस और फारूक अब्दुल्ला का गठबंधन नहीं चलेगा। इस देश में दो निशान और दो प्रधान नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला देश की अखंडता के लिए किया गया है और यह फैसला वापस नहीं लिया जाएगा।
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/states/congress-national-conference-alliance-is-the-result-of-appeasement-politics-nityanand-rai-490570-1
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CIN /बिहार कुम्हार (प्रजापति) समन्वय समिति का चुनाव हुआ सम्पन्न
जीतेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 03 जुलाई ::बिहार कुम्हार (प्रजापति) समन्वय समिति का चुनाव हुआ संपन्न। चुनाव परिणाम के अनुसार जिला अध्यक्ष जितेन्द्र प्रसाद प्रजापति और सचिव अशोक कुमार प्रजापति बने। उक्त जानकारी डी.आर. एम. टाइम्स न्यूज के संपादक मुन्ना पंडित ने दी।उन्होंने बताया कि कुम्हार समाज द्वारा गठित बिहार कुमार प्रजापति सामान्य समिति का नवम अधिवेशन सह चुनाव कार्यक्रम का आयोजन रविवार को पटना के…
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एग्जिट पोल में फिर मोदी सरकार, यूपी-बंगाल में बीजेपी को 2019 से ज्यादा सीटें, साउथ में भी दिखा कमाल
नई दिल्ली: तमाम एग्जिट पोल के अनुसार, BJP की अगुआई में NDA पूर्ण बहुमत के साथ वापसी कर सकता है। हालांकि, असल परिणाम 4 जून को आएंगे। शनिवार को सातवें चरण के चुनाव की समाप्ति के बाद आए एग्जिट पोल के अनुसार BJP अपने दम पर लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल करेगी।UP में पिछली बार से ज्यादा सीटें BJP कोयूपी की 80 सीटों पर ज्यादातर एग्जिट पोल BJP को पिछले बार के मुकाबले ज्यादा सीटें दे रहे हैं। उसे पिछले चुनाव में 62 सीटें मिली थी। इंडिया न्यूज का एग्जिट पोल NDA को 69, INDIA को 11 सीटें दे रहा है। जन की बात के मुताबिक, NDA को 68-74 और INDIA को 6-12 सीटें मिल सकती हैं। रिपब्लिक भारत के एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए को 69-74 और इंडी गठबंधन को 6-11 सीटें मिल सकती हैं।बिहार में NDA को नुकसानउत्तराखंड में ज्यादातर एग्जिट पोल पिछले बार की तरह BJP को सभी पांच सीटें जीतने का अनुमान लगा रहे हैं। जन की बात, न्यूज नेशन, टाइम्स नाउ के मुताबिक BJP सभी सीटें जीत सकती है। बिहार में NDA को कुछ सीटों के नुकसान का अनुमान है। इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक BJP 13-15, जेडीयू 9-11, एलजेपीआर 5, आरएलडी 6-7, कांग्रेस- 1-2 सीटें जीत सकती है। जन की बात ने एनडीए को 32-35 सीटों का और रिपब्लिक टीवी ने 32-37 सीटों का अनुमान लगाया है। गुजरात में फिर क्लीन स्वीपगुजरात में ज्यादातर एग्जिट पोल ने BJP को सभी 26 सीटें जीतने का अनुमान लगाया है। कुछ एग्जिट पोल में कांग्रेस के 1-2 सीटें जीतने का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश में पिछले लोकसभा चुनाव में BJP सभी चार सीटें जीती थी। जन की बात ने वही रिपीट होने का अनुमान लगाया है। टाउम्स नाउ ने एक सीट कांग्रेस के जीतने का अनुमान लगाया है। महाराष्ट्र में जन की बात ने एनडीए को 34-41 सीट, I.N.D.I.A. को 16 सीट, रिपब्लिक टीवी ने NDA को 29, I.N.D.I.A. को 19 सीटों का अनुमान लगाया है। अलग-अलग एग्जिट पोल के मुताबिक NDA को 22 से लेकर 41 तक की सीटों का अनुमान है।राजस्थान में भी BJP को एक-दो सीटों का नुकसानराजस्थान में जन की बात ने बीजेपी को 21-23 सीट और I.N.D.I.A. को 2-4 सीट, टाइम्स नाउ ने BJP को 18, I.N.D.I.A. को 7 सीटों का अनुमान लगाया है। मध्य प्रदेश में BJP को पिछले बार की तरह ही लगभग सभी सीटें जीतने का अनुमान एग्जिट पोल लगा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी ज्यादातर एग्जिट पोल BJP को 10-11 सीटें दे रहे हैं। झारखंड में NDA को 11-13 सीटें मिलने का अनुमान है।पश्चिम ब��गाल में बीजेपी को ज्यादा सीटें पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटों को लेकर BJP और TMC के बीच दोतरफा क���़ा मुकाबला अब BJP के पक्ष में दिख रहा है। ज्यादातर सर्वे BJP को टीएमसी के मुकाबले ज्यादा सीटें मिलते दिखा रहे हैं। एबीपी सी-वोटर के एग्जिट पोल में BJP को 23-27 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है, जबकि तृणमूल 13 से 17 सीटों पर सिमट सकती है, जबकि लेफ्ट कांग्रेस गठबंधन को महज 1-3 सीटें ही मिल सकती हैं। ऐसा ही कुछ दूसरे सर्वे भी दिखा रहे हैं, इंडिया न्यूज डायनैमिक्स BJP को 21 और टीएमसी को 17 सीटें तो इसी तरह का आकलन रिपब्लिक भारत Matrize का सर्वे दिखा रहा है। वहीं जन की बात के मुताबिक BJP को 21-26 और TMC को 16-18 सीटें मिल सकती हैं। 2019 में TMC के खाते में 22 तो BJP के हाथ 18 सीटें आई थीं। नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्यों (मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, नगालैंड, मणिपुर और सिक्किम ) की 25 सीटों को लेकर किए गए सर्वे में भी NDA का ही रुझान दिख रहा है। सी-वोटर के सर्वे के मुताबिक एनडीए को 16 से 21 सीटें मिलने का अनुमान है, विपक्षी गठबंधन को महज 3-7 सीटें, वहीं अन्य के खाते में 1-2 सीटें आ सकती हैं। इसमें असम की 14 सीटों में 10-12 सीटें BJP को जाने का अनुमान है। न्यूज 24, चाणक्य सर्वे का सर्वे भी असम में BJP को 12 सीटें मिलती दिख रही हैं।हरियाणा में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतरदिल्ली में बीजेपी एक बार फिर से अपना पुराना प्रदर्शन दोहरा सकती है। हरियाणा में इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। पंजाब में चौतरफा मुकाबला होगा लेकिन पंजाब में बीजेपी की कुछ सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है। एग्जिट पोल के ट्रेंड बताते हैं कि दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ आने का फायदा I.N.D.I.A. को होता नहीं दिख रहा है। हरियाणा में BJP का वोट शेयर घटने और पंजाब में बढ़ने की उम्मीद दिखाई गई है।न्यूज 24 टुडेज चाणक्या का एग्जिट पोल दिल्ली में BJP को 6 और कांग्रेस को 1 सीट दे रहा है। 2014 और 2019 में दिल्ली में BJP ने सातों की सातों सीटें जीती थी। वहीं हरियाणा में पिछली बार BJP ने सभी 10 सीटें जीती थी लेकिन इस बार BJP को 6 और कांग्रेस को 4 सीटें मिलने का अनुमान इस एग्जिट पोल में लगाया गया है। पंजाब में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रहीं और कांग्रेस को 4,… http://dlvr.it/T7jcnl
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Worldwide Famous Sexologist Doctor in Patna, Bihar | Dubey Clinic
भारत के गुप्त व यौन रोगियों के बारे में:-
बहुत सारे लोग या तो जिज्ञासावस या आवश्यकतानुसार अपने लोकेशन के अनुसार या भारत के प्रसिद्ध सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के बारे में जानना चाहते है। सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगों का इलाज करता है और रोगी के जीवन में यौन स्वास्थ्य के प्रति आश्वस्त करता है। आज का यह विषय पटना, बिहार के सबसे प्रसिद्ध सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से सम्बंधित है। पटना जो की बिहार की राजधानी है और इस शहर में बहुत सारे हॉस्पिटल, क्लीनिक, और स्वास्थ्य केंद्र स्थित है। बिहार के सभी जिलों से रोगी अपने उच्च चिकित्सा व उपचार हेतु पटना ही आते है। बात चाहे सामान्य स्वास्थ्य की हो या यौन स्वास्थ्य की, पटना ही उन सभी लोगो के गंतव्य स्थान होता है।
भारत की अनुमानित जनसंख्या तकरीबन 141 करोड़ है और 40% लोग किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है। अगर बात की जाये की गुप्त व यौन रोगियों की संख्या कितनी है तो यह एक अनुमानित आकड़ा है कि लगभग 80 मिलियन लोग इससे पीड़ित है। वाकई में यह चिंता की बात है जो लोग इस गुप्त व यौन रोग को नजरअंदाज करते है या इलाज करवाने से कतराते है।
विश्व-प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुन���ल दुबे जो की दुबे क्लिनिक के डायरेक्टर है उनका कहना है कि गुप्त व यौन रोगियों का दो समूह पहला (18 से 26 आयुवर्ग के लोग) और दूसरा (27 से 40 आयुवर्ग के लोग) होता है। दोनों समूह इस यौन व गुप्त रोग से पीड़ित होते है। जहाँ तक दोनों गुप्त रोगियों के अपने यौन स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता की बात है तो दूसरे ग्रुप वाले थोड़े सीरियस है और वे सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से मिलने में हिचक नहीं करते है। भारत में यौन शिक्षा का अभाव व यौन रोगों के प्रति लोगों की सोच, गुप्त रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण है।
भारत के प्रसिद्ध सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के बारे में:-
सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर ��र यौन रोगी के बीच विश्वास का बंधन होता है। जिसमें रोगी को अपने यौन स्वास्थ्य चिकित्सक से उपचार और परामर्श मिलता है। मूलरूप से, यौन क्रिया एक गोपनीय तथ्य है जिसमे रोगी को दिक्कत आती है व इसके उपचार व समाधान हेतु सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के पास जाते है। सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर यौन रोगियों के सारी समस्याओं का निदान करता है जो उसके कामुकता, यौन क्रिया, यौन व्यवहार, यौन सोच, व यौन प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
भारत में गुप्त व यौन रोगियों के लिए सबसे सफल उपचार व चिकित्सा आयुर्वेद में रहा है, यही कारण है आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की मांग ज्यादा है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की संख्या भारत में अनगिनत है परन्तु अगर बात की जाय कि आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी मेडिकल साइंस एक्सपर्ट डॉक्टर्स की संख्या सिमित है। अतः सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर्स का चुनाव करना अति महत्वपूर्ण कार्य है। जिन लोगो को सही सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर नहीं मिलते, उन्हें आयुर्वेदक उपचार व दवा का सकारात्मक परिणाम नहीं मिल पाता।
मेडिकल पेशे के आधार पर, भारत में तीन प्रकार के सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर होते हैं जो गुप्त व यौन रोगियों को उनके यौन स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद करते हैं। ये निम्नलिखित हैं:-
1. आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर (चिकित्सा की प्राकृतिक प्रणाली)
2. एलोपैथिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर (पश्चिमी और आधुनिक चिकित्सा)
3. होम्योपैथी सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर (पूरक या वैकल्पिक चिकित्सा)
बिना किसी संदेह के, भारत के अधिकांश लोग विश्व-प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे को भारत का सबसे प्रसिद्ध सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में जानते हैं। उन्होंने सवा लाख से अधिक गुप्त व यौन रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। विगत साल 2023 में, उन्होंने भारत में पच्चीस हजार से अधिक गुप्त व यौन रोगियों का इलाज किया है। यह वाकई में किसी भी सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के लिए एक रिकॉर्ड है।
वह गोल्ड मेडलिस्ट, भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित, एशिया के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर अवार्ड से गौरवान्वित, भारत के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट अवार्ड, और विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य का एंटाइटलमेंट इन्ही सभी कारणों से उन्हें हमेशा प्रसिद्ध सेक्सोलॉजिस्ट की उपाधि मिलती है। एक चिकित्सक और शोधकर्ता के रूप में आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान में उनका योगदान अविश्वसनीय और सबसे बढ़कर रहा है। वह पटना के सर्वश्रेठ व प्रसिद्ध सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर में से एक है जो सभी तरह के गुप्त व यौन रोगियों का इलाज अपने शोधित आयुर्वेदि�� दवा व उपचार के माध्यम से करते है।
सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर व उनकी विशेषता के बारे में:
उपयुक्त प्रश्नानुसार, यह एक सरल जवाब होगा कि भारत में सबसे प्रसिद्ध सेक्सोलॉजिस्ट कौन है? लेकिन स्वयं की प्रशंसा करना कोई सराहनीय बात नहीं है। यही बात सेवाओं पर भी लागू होती है। अभी, हम सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर और उनकी विशेषता साथ-ही-साथ गुप्त व यौन रोगियों के जीवन पर उनके प्रभावों पर चर्चा करने जा रहे हैं।
सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर, सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान में एक विशेषज्ञ होता है जिसमें वह कामुकता, यौन व्यवहार, यौन रोग, शारीरिक रचना विज्ञान, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक यौन स्वीकृति के बारे में अध्ययन करता है। वह उन सभी लोगों (पुरुष व महिला) की मदद करते हैं जो यौन विकारों से पीड़ित हैं कारण चाहे शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और चिकित्सा मामलों से संबंधित क्यों न हो।
आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर उन सभी गुप्त व यौन रोगियों के लिए सबसे प्रभावशाली है जो अपनी यौन समस्याओं को जड़ से ठीक करना चाहते हैं। आयुर्वेदिक उपचार और दवा का शरीर पर न तो कोई दुष्प्रभाव होता है न ही इसमें किसी तरह की कृत्रिम मिलावट होती है। सभी प्रकार के मरीज़ किसी भी उम्र में इस प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग कर सकते हैं और अपने-अपने यौन स्वास्थ्य को सही रख सकते है।
भारत के सीनियर सेक्सो��ॉजिस्ट डॉक्टर और विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे आधुनिक आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान में एक पंजीकृत आयुर्वेद यौन चिकित्सक व परामर्शदाता हैं। उन्होंने अपने 5 साल के शोध के बाद, पुरुष और महिला यौन रोगियों के लिए कई प्राकृतिक औषधियों की खोज की है। आज के समय में, भारत के ज्यादातर गुप्त व यौन रोगी इस बिहार के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं। दुबे क्लिनिक की दवा की खासियत इसकी शुद्धता, प्रभावशीलता और गुणवत्ता है जो गुप्त व यौन रोगियों की समस्याओं के लिए रामबाण का काम करती है। कोई ��ी रोगी, दवा के एक निश्चित कोर्स के बाद खुद को फिट रख सकता है।
भारत में प्रसिद्ध सेक्सोलॉजिस्ट उपाधि डॉ. सुनील दुबे का तथ्य:
डॉ. सुनील दुबे विश्व-प्रसिद्ध आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट चिकित्सक हैं जिनके पास पीएच.डी. (संयुक्त राज्य अमेरिका से आयुर्वेद में) योग्यता की प्राप्त है। उन्होंने पुरुष और महिला के विभिन्न यौन रोगों पर शोध किया है और उन यौन रोगियों के लिए सटीक प्राकृतिक चिकित्सा व उपचार की खोज की है जो विभिन्न यौन रोगों से पीड़ित हैं।
उन्होंने देश-विदेश के अनगिनत स्त्री-पुरुष यौन रोगियों का इलाज किया, उनके इस योगदान के कारण उन्हें विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य की उपाधि मिली। कई बार उन्हें विदेश में प्रैक्टिस करने की पेशकश की गई लेकिन उन्होंने धैर्यपूर्वक उनकी पेशकश को यह कहकर टाल दिया कि वह भारत में रहकर दुनिया भर के यौन रोगियों की सेवा व इलाज करते रहेंगे।
उन्हें निम्नलिखित स्मृति चिन्हों से पुरस्कृत और सम्मानित भी किया गया है:-
गोल्ड मेडलिस्ट अवार्ड
भारत गौरव अवार्ड
एशिया बेस्ट आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर अवार्ड
भारत के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर अवार्ड
भारत गौरव अवार्ड
बिहार श्री रत्न अवार्ड
बिहार ज्योति अवार्ड
बिहार बेस्ट आयुर्वेदाचार्य अवार्ड
आयुर्वेदाचार्य की उपाधि से सम्मानित
इंटरनेशनल आयर्वेद रत्न अवार्ड
संक्षेप में, हम यह कह सकते हैं कि डॉ. सुनील दुबे भारत के सबसे सफल वरिष्ठ आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टरों में से एक हैं जिन्होंने उन सभी गुप्त व यौन रोगियों को एक नया जीवन दिया है जो अपने यौन और वैवाहिक जीवन से पूरी तरह से निराश थे।
शुभकामनाओं सहित:
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणिक क्लिनिक
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली चौराहा, पटना - 04
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586; +91 91555 55112
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नई दिल्ली। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की सुगबुहाट अभी शुरू भी नहीं हुई है कि भाजपा को लेकर बड़े बयान आने लगे हैं, या यूं कह ले कि कांग्रेसी ही भाजपा की पूर्व पीठिका तैयार करने में लग गए हैं। दरअसल, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी भी संगठन से लेकर सरकार तक में बड़े पैमाने पर फेरबदल करने की तैयारी में है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने बड़ी बात कह दी है कि 2024 में भी बीजेपी की ही सरकार बनने जा रही है। दरअसल, उन्होंने शुक्रवार को यह दावा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए 2019 वाला प्रदर्शन दोहराना असंभव होगा। ��न्होंने कहा कि बीजेपी को 50 सीटों का नुकसान हो सकता है। अब यदि शशि थरूर के दावे परिणाम में तब्दील होते हैं तो अकेली बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में 250 से अधिक सीटें आएंगी। उसके लिए एनडीए के सहयोगियों के साथ सरकार बनाना कोई कठिन काम नहीं होगा। बता दें कि 2019 में सिर्फ बीजेपी को 303 सीटें हासिल हुई थी। केंद्र में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को सिर्फ 272 सीटों की आवश्यकता होती है। तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर केरल साहित्य महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह भाजपा के प्रभुत्व को स्वीकार करते हैं, लेकिन यह भी एक तथ्य है कि कई राज्यों से उनकी सरकार चली गई है। केंद्र में सत्ता खोना भी कोई असंभव बात नहीं है। उन्होंने कहा, ”भाजपा ने 2019 में अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में शानदार प्रदर्शन किया था। पश्चिम बंगाल में भी 18 सीटें मिली थीं। अब उन सभी परिणामों को दोहराना असंभव है। 2024 में बहुमत से नीचे रहने की पूरी संभावना है।” इसके साथ ही पुलवामा और बालाकोट हमले का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा कि अंतिम समय में एक जबरदस्त लहर सरकार के पक्ष में बनी। 2024 में इसे दोहराना संभव नहीं है। विरोधी दलों को एक मौका मिल सकता है। उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी 250 सीटों पर रुक जाती है तो अन्य के पास 290 सीटें होंगी। हमें यह नहीं पता है कि बीजेपी को छोड़कर 290 सीटें लाने वाली पार्टियां आपस में सहमति बना लेगी।” 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 543 में से 303 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस केवल 52 ही जीत पाई।
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नगर निगम चुनाव को बूस्टर डोज के रूप में देख रही है बीजेपी
नगर निगम चुनाव को बूस्टर डोज के रूप में देख रही है बीजेपी
पटना: बिहार में हुए नगर निकाय चुनाव का परिणाम बीजेपी को बूस्टर डोज के रूप में साबित होता दिख रहा है. निकाय चुनाव में जिस तरह से बीजेपी समर्थकों का दबदबा देखने को मिला, उससे पार्टी काफी उत्साहित है. निकाय चुनाव के पहले गोपालगंज तथा कुढ़नी में हुए विधानसभा उपचुनाव जितने के बाद निकाय चुनाव में भी बीजेपी का दबदबा रहा. बता दें कि बिहार में हो रहे नगर निकाय चुनाव के दुसरे चरण में 17 नगर निगम का चुनाव…
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जद (यू) के ब्रेकअवे शेक अप डायनेमिक्स के रूप में, यहां 2024 में बीजेपी और कांग्रेस के लिए स्टोर में क्या है
जद (यू) के ब्रेकअवे शेक अप डायनेमिक्स के रूप में, यहां 2024 में बीजेपी और कांग्रेस के लिए स्टोर में क्या है
बिहार में नई गठबंधन सरकार कांग्रेस के लिए खुशी का स्रोत रही है और उसने बड़ी पुरानी पार्टी को बिना अधिक राजनीतिक निवेश के सत्ता का फल काटने का मौका दिया है। कांग्रेस बिहार में जद (यू) और राजद (एक बार फिर) के एक साथ आने के लिए समर्थन की घोषणा करने वाली पहली पार्टियों में से एक थी। इस कदम से कांग्रेस को अपनी प्रतिद्वंदी भाजपा को चकमा देने का मौका मिल गया है। भाजपा के बिना नई सरकार के गठन के साथ, 243…
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बिहार के चुनाव परिणामों पर सोनू सूद ने कहा, कभी-कभी लोग आपको दूसरा मौका देते हैं
बिहार के चुनाव परिणामों पर सोनू सूद ने कहा, कभी-कभी लोग आपको दूसरा मौका देते हैं
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एक्टर सोनू सूद ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों की बहुत मदद की थी.
नई दिल्ली:
Bihar Assembly Election Results: इस साल राष्ट्रव्यापी तालाबंदी से फंसे प्रवासी मजदूरों की मदद करने पर नायक के रूप में सम्मानित किए गए अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनावों के परिणामों को लेकर कहा कि बिहार के लोगों ने जरूर कुछ देखा होगा कि सरकार ने उनके लिए क्या किया है. उन्होंने…
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बिहार चुनाव: मुसलमान किसी के गुलाम नहीं, ओवैसी का कांग्रेस और आरजेडी पर बड़ा हमला
बिहार चुनाव: मुसलमान किसी के गुलाम नहीं, ओवैसी का कांग्रेस और आरजेडी पर बड़ा हमला
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नई दिल्ली बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम ( Bihar Chunav Result 2020) में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ( Asaduddin Owaisi) ने अपनी जीत का श्रेय बिहार की जनता को देते हुए कांग्रेस और आरेजडी पर जमकर हमला बोला। ओवैसी ने कहा कि मुसलमान वोटर किसी के गुलाम नहीं हैं। बीजेपी का बी टीम बताए जाने पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि आरोप लगाने वाले फ्रस्ट्रेट हैं। उन्होंने कहा…
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Bihar Election Result 2020 Update News In Hindi Results Of All 243 Assembly Constituencies Declared Nda Wins 125 Seats - Bihar Election Result 2020: राजग ने 125 सीटों के साथ बहुमत का जादुई आंकड़ा प्राप्त किया, महागठबंधन ने 110 सीट जीतीं
Bihar Election Result 2020 Update News In Hindi Results Of All 243 Assembly Constituencies Declared Nda Wins 125 Seats – Bihar Election Result 2020: राजग ने 125 सीटों के साथ बहुमत का जादुई आंकड़ा प्राप्त किया, महागठबंधन ने 110 सीट जीतीं
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बिहार चुनाव में एनडीए को बहुमत – फोटो : ANI
बिहार चुनाव नतीजे 2020 Live Result Updates
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बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों के परिणाम आ चुके हैं। परिणामों में प्रदेश में सत्ताधारी राजग ने 125 सीटें जीत ली हैं और बहुमत का जादुई आंकड़ा प्राप्त कर लिया है। वहीं, विपक्षी…
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जितनी आबादी, उतना हक... बिहार के जातिगत जनगणना परिणाम के बाद राहुल के ट्वीट का मतलब समझ लीजिए
नई दिल्ली : बिहार में जातिगत जनगणन की रिपोर्ट आने के साथ ही विपक्षी दलों की तरफ से प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी नेता ने बिहार की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट के आने के बाद देश में जातिगत जनगणना की बात कही है। राहुल गांधी ने बिहार में ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कुल 84% होने की बात का जिक्र किया है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने साफ कर दिया कि जिसकी जितनी आबादी हो उसको उतना हक मिलना चाहिए। राहुल के ट्वीट के मायने क्या है? राहुल गांधी ने ट्वीट से साफ कर दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में जातिगत जनगणना का मुद्दा काफी अहम होने वाली है। कांग्रेस पहले भी जातिगत जनगणना की पैरवी करती रही है। राहुल गांधी ने ट्वीट में साफ किया कि बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं! इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक - ये हमारा प्रण है। पहले भी राहुल क��� चुके हैं जिक्र राहुल ने अपने ट्वीट में एक बार फिर से केंद्र सरकार के सचिवों में ओबीसी की संख्या का जिक्र किया। राहुल गांधी ने फिर केंद्र सरकार के 90 सचिवों में ओबीसी की नाममात्र की भागीदारी का उल्लेख किया। हालांकि, जमीनी स्थिति कांग्रेस सरकार में भी कुछ अलग नहीं है। कांग्रेस शासित राज्यों में भी ब्यूरोक्रेसी में ओबीसी अधिकारियों की संख्या नगण्य है। सिर्फ तमिलनाडु ही इस मामले में अपवाद है। मौजूदा समय ही नहीं जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी से लेकर मनमोहन सिंह सरकार में भी एक भी ओबीसी मुख्य सचि��� या पीएम का सलाहकार नहीं रहा है। क्या है बिहार की जनगणना रिपोर्ट में बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आ गई है। बिहार के विकास आयुक्त विवेक सिंह की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी 27.13 फीसदी है, जबकि अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) 36.01 फीसदी है। राज्य में मुस्लिमों की संख्या 17 फीसदी है। इसके साथ ही राजपूत और ब्राह्मण 3-3 प्रतिशत जबकि भूमिहारों की संख्या 2.86 प्रतिशत है। किस वर्ग की कितनी जनसंख्या * पिछड़ा वर्ग जनसंख्या: 3 करोड़ 54 लाख 63 हजार 936 * अत्यंत पिछड़ा वर्ग जनसंख्या: 4 करोड़ 70 लाख, 80 हजार 514 * अनुसूचित जाति जनसंख्या: 2 करोड़ 56 लाख 89 हजार 820 * अनुसूचित जनजाति जनसंख्या: 21 लाख 99 हजार 361 * अनारक्षित जनसंख्या: 2 करोड़ 02 लाख 91 हजार 679 http://dlvr.it/SwtRT5
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दूर देहरादून में, बिहार प्रवासी श्रमिक परिणाम पर नजर रखते हैं
दूर देहरादून में, बिहार प्रवासी श्रमिक परिणाम पर नजर रखते हैं
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द्वारा लिखित लालमणि वर्मा | देहरादून | अपडेट किया गया: 10 नवंबर, 2020 1:07:31 बजे
बिहार से हजारों प्रवासी कामगार आते हैं जो उत्तराखंड के देहरादून और हरिद्वार जिलों में निर्माण श्रमिक के रूप में काम की तलाश में आते हैं। (फाइल फोटो)
जैसा कि शुरुआत�� रुझानों ने बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए और आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के…
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आज 6 राज्यों में मतदान परिणाम, तेलंगाना, बिहार में बड़ी लड़ाई: 10 तथ्य
आज 6 राज्यों में मतदान परिणाम, तेलंगाना, बिहार में बड़ी लड़ाई: 10 तथ्य
मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होती है और आमतौर पर दोपहर तक परिणाम आने की उम्मीद है। (प्रतिनिधित्व के लिए छवि) नई दिल्ली: छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों के चुनाव के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे. प्रतिष्ठा की लड़ाई बिहार और तेलंगाना में लड़ी जा रही है और हरियाणा में पारिवारिक विरासत दांव पर है। यहां 10 बिंदु दिए गए हैं जो बताते हैं कि इन चुनावों का क्या मतलब है: पहले कुछ राउंड की मतगणना के बाद, भाजपा…
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आरजेडी ने सीएम नीतीश कुमार पर चुनाव के नतीजों में हेरफेर कराने का आरोप लगाया आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. नई दिल्ली: Bihar Assembly Results 2020: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बिहार …
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