#बच निकलना
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Today's Horoscope-
शुक्रवार को सिंह राशि के करियर से जुड़े लोगों को कार्य में फोकस बनाएं रखना होगा, काम में लापरवाही के चलते आर्थिक नुकसान होने की आशंका है, वहीं कुंभ राशि के व्यापारियों की मधुर वाणी ग्राहकों को आकर्षित करने वाली होगी, जोकि व्यापार में लाभ दिलाएगी.
मेष - मेष राशि के लोगों को आज के दिन भविष्य की प्लानिंग करने पर जोर देना चाहिए, प्लानिंग के साथ काम करने पर सफलता जल्दी हासिल होगी. व्यापारी वर्ग को को काम के साथ-साथ शत्रुओं की गतिविधियों पर भी नजर रखनी होगी, क्योंकि वह आप को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं. युवाओं को समझदारी का परिचय देते हुए भ्रम की स्थिति से बाहर निकलना होगा. यदि आजीविका के क्षेत्र में कोई परेशानी चल रही है तो जीवनसाथी से अपनी समस्याओं को साझा करें, उनके साथ बातें शेयर करके आपको कुछ सुझाव भी मिलेंगे. सेहत की बात करें तो जिन लोगों का हाल ही में ऑपरेशन हुआ है उनको सचेत रहना होगा.
वृष - इस राशि के जो लोग नयी नौकरी की तलाश में है, उनको प्रयास जारी रखने होंगे जल्दी ही नई नौकरी मिलने की प्रबल संभावना है. व्यापारी वर्ग कारोबार में यदि आप कुछ नया करने जा रहे हैं आपकी सूझ-बूझ अच्छे लाभ दिलाएगी. विद्यार्थी वर्गों को कुशलता का परिचय देना होगा, इसलिए वह खुद को आने वाली प्रतियोगिता के लिए तैयार रखें. परिवार को समय न देने के कारण पारिवारिक सदस्य आपसे नाराज हो सकते हैं, ऐसे में उनकी नाराजगी को बढ़ने न दें और झट से उन्हें मनाने का प्रयास करें. अस्थमा पेशेंट को अपना खास ध्यान रखना होता यदि घर से बाहर जाते हैं, तो इनहेलर साथ ले जाना न भूलें.
मिथुन - मिथुन राशि के लोगों की ऑफिशियल स्थिति की बात करें तो अगर आप घर से ही कार्य कर रहें है तो पूरा टाईम कार्यों पर देना पड़ सकता है. जो लोग इलेक्ट्रॉनिक संबंधित सामानों का व्यापार करते हैं, उन्हें ग्राहक की मांग को ध्यान में रखना चाहिए. ग्रहों का प्रभाव आज के दिन युवा वर्ग को कुछ आलसी बना सकता है, जिस से बाहर निकलते हुए उन्हें अपने कामों पर फोकस करना होगा. परिवार की सुख शांति के लिए संभव हो तो पूरे परिवार के साथ मिलकर शिव की आराधना करें, पूजा अर्चना के बाद घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार महसूस करेंगे. सेहत में कान में दर्द होने की आशंका है जैसे- कान में पानी चला जाना, कीड़े का काटना भी हो सकता है.
कर्क - इस राशि के लोगों के कार्य क्षेत्र में आज का दिन विपरीत परिस्थितियों वाला हो सकता है, ऐसे मैं आपको अपने धैर्य का परिचय देना होगा. डेयरी से संबंधित काम करने वाले लोगों को आज के दिन खास अलग रहना होगा, क्योंकि सामान के खराब होने की आशंका है जिसके चलते आपको नुकसान भी हो सकता है. युवा वर्ग मानसिक परेशानियों से व्यथित न हो, वहीं किसी तरह का निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति बनी रहेगी. प्रेम व मीठी वाणी को हथियार बनाकर परिवार के सदस्यों को प्रसन्न रखें, उन को खुश रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए. सेहत की बात करें तो आज आपको हाइजीन रहते हुए बाहर के खाने से परहेज करना है साथ ही अपने चारों ओर भी साफ सफाई का ध्यान देना होगा क्योंकि ग्रहों की स्थिति आपको इन्फेक्शन करा सकती है.
सिंह - सिंह राशि के करियर से जुड़े लोगों को कार्य में फोकस बनाएं रखना होगा, काम में लापरवाही के चलते आर्थिक नुकसान होने की आशंका है. ऐसा व्यापारी जो विदेशी कंपनी से जुड़े हैं उनको थोड़ा सतर्क रहना होगा, क्योंकि आज आपको आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. जहां प्रेम होता है वह किसी भी प्रकार अहंकार दो प्रेमियों के बीच में खटास पैदा कर सकता है. आज के दिन पारिवारिक सदस्यों का सहयोग मिलेगा तो वहीं दूसरी ओर परिवार में धार्मिक गतिविधि होती दिख रही है. डिप्रेशन के शिकार व्यक्तियों को सचेत रहने की जरूरत है, तबीयत नरम दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
कन्या - इस राशि के लोगों की ऑफिस में कार्य के कारण अति व्यस्तता रहेगी, साथ ही आपके कार्य को देखते हुए बॉस आपकी सैलरी बढ़ा सकते हैं. व्यापारी वर्ग कारोबार को लेकर सतर्क रहें, क्योंकि व्यापार में कोई बड़ा परिवर्तन होने की आशंका लग रही है. युवा वर्ग बुरी आदत वाले मित्रों से थोड़ा बच कर रहे हैं, क्योंकि कुसंगति का आप पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. भवन से संबंधित कोई निर्णय लेने जा रहे हो तो एक बार परिवार के सदस्यों की राय भी जान लें, उसके बाद ही कोई फैसला लें. हेल्थ में यदि आपको हड्डियों से संबंधित कोई दिक्कत है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
तुला - तुला राशि के लोगों की कार्यक्षेत्र की बात करें तो आज कार्य को पूरा करने में थोड़ा विलंब जरूर हो सकता है. व्यापारी वर्ग की बात करें तो आज का दिन लगभग उनके लिए सामान्य ही रहने वाला है. युवा वर्ग अफवाहों को महत्व न दें, बिना तथ्य बातों को बढ़ावा देने से बचना होगा. सोशल मीडिया से जुड़े लोग भी इस बात का ध्यान रखें. अपने प्रयास से पारिवारिक वातावरण को सफल बनाए रखना आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है. आंखों से पानी गिरना व जलन जैसी समस्या होने की आशंका है, इसलिए मोबाईल, टी.वी. एवं लैपटॉप का प्रयोग कम करें.
वृश्चिक - इस राशि के लोग घर हो या ऑफिस यदि किसी का स्वास्थ्य खराब हो, तो उसकी मदद अवश्य करें. कारोबारियों को व्यापारिक मामलों को लेकर क्रोध में नियंत्रण रखना होगा अन्यथा बनती बात भी बिगड़ सकती हैं. आज के दिन युवाओं को ईश्वर पर भरोसा को और मजबूत करते हुए, करियर की ओर कदम बढ़ाने होंगे. घर की साफ-सफाई यदि काफी लंबे समय से नहीं हुई है तो करना उत्तम रहेगा, क्योंकि अचानक से किसी मेहमान का आगमन होने की संभावना है. सेहत की बात करे तो स्वास्थ्य को लेकर कुछ परेशानियां रहेगी, ��ेकिन किसी अच्छे डॉक्टर से सं��र्क करने के बाद समस्या का समाधान भी मिल जाएगा.
धनु - धनु राशि के लोग ऑफिस में व्यर्थ की बहस बाजी में समय बर्बाद न करें, कार्य पर ध्यान दे कहीं ऐसा न हो बॉस नाराज होकर स्थान परिवर्तन कर दें. दूध का व्यापार करने वालों को धन के लेन-देन में सावधानी रखनी चाहिए अन्यथा नुकसान हो सकता है. वर्तमान समय में विद्यार्थियों को ग्रुप स्टडी पर अधिक फोकस करना चाहिए, ऐसा करने पर उनके कई डाउट्स क्लियर होंगे. काम के साथ-साथ जीवनसाथी का परिवार को भी समय दे, और यदि संभव हो तो परिवार संग किसी धार्मिक स्थल के दर्शन के लिए जाए. सेहत की बात करें तो आज आपको ठंडा गरम से बचना होगा अन्यथा बुखार और सर्दी, खांसी समस्या से घिर सकते हैं.
मकर - इस राशि के लोगों का ऑफिशियल कार्यों में मैनेजमेंट काफी अच्छा दिखेगा, जिसकी सभी लोग तारीफ करते हुए नजर भी आएंगे. व्यापारी वर्ग यदि निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो कुछ समय के लिए रुकना ही उनके लिए उचित होगा, इस समय खर्च अधिक होने की आशंका है. युवाओं को अज्ञात भय से बाहर निकलते हुए मन को शांत रखना होगा, अन्यथा भय कार्य में रुकावट ला सकता है. यदि आज आपने काम से ऑफ ले रखा है, तो घर पर रहते हुए सभी पेंडिंग कार्यों को पूरा करने पर फोकस करें. जिन्हें हृदय से संबंधित दिक्कत है उन्हें अपना बहुत ध्यान रखना चाहिए अगर कोई दिक्कत महसूस हो रही है तो डॉक्टर से अवश्य सलाह लें इसमें लापरवाही करना नुकसान पहुंचा सकता है.
कुंभ - कुंभ राशि के लोगों की ग्रहों की स्थिति को देखते हुए एक सलाह दी जाती है कि बेवजह की बातों का आकलन करना भविष्य के लिए उचित नहीं है. व्यापारियों की मधुर वाणी ग्राहकों को आकर्षित करने वाली होगी, जो कि व्यापार में लाभ दिलाएगी. युवाओं को क्रोध पर नियंत्रण और वाणी को मृदुल बनाने का प्रयास करना होगा, तीखे स्वभाव के चलते प्रियजनों के साथ मनमुटाव हो सकता है. सुनी सुनाई बातों के आधार पर जीवनसाथी के साथ बहस करने से बचें अन्यथा यह बहस विवाद में कब तब्दील हो जाएगी, इसका आपको पता भी नहीं चलेगा. सेहत की दृष्टि से जोड़ों के दर्द से परेशान कर सकते हैं, दर्द की समस्या से निजात पाने के लिए कुनकुने तेल से मालिश करना लाभदायक होगा.
मीन - इस राशि के नौकरीपेशा से जुड़े लोगों को किसी के कहने पर अपनी जॉब को बदलना भारी पड़ सकता है, जो भी निर्णय लें सोच समझ कर लें. व्यापारिक वर्ग अनावश्यक झगड़ों से बचने का प्रयास करें, अन्यथा कोई अंजान व्यक्ति आपके कारोबार में डेंट मार सकता है. युवाओं को मानसिक रूप से खुद को काफी मजबूत रखना होगा छोटी-छोटी चीजों में खुशियों को तलाश कर उनका लुफ्त उठाएं. रिश्तेदारों और दोस्तों से तालमेल बनाकर चले क्योंकि जरूरत के समय इन लोगों का सहयोग ��्राप्त होगा. सेहत की बात करें तो कैल्शियम की कमी से हड्डियों के दर्द से परेशान रह सकते हैं ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करके कैल्शियम सप्लीमेंट भी ले सकते हैं.
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मास्को ने सीमा पर रूसी पुरुषों से भागने का मसौदा तैयार करने की कोशिश की
मास्को ने सीमा पर रूसी पुरुषों से भागने का मसौदा तैयार करने की कोशिश की
द्वारा पीटीआई LARSI: यूक्रेन में लड़ने के लिए बुलाए जाने से बचने की कोशिश कर रहे रूसियों की लंबी लाइनें बुधवार को देश के बाहर राजमार्गों को बंद कर देती हैं, और मॉस्को ने कथित तौर पर उनमें से कुछ को रोकने के लिए सीमाओं पर मसौदा कार्यालय स्थापित किए हैं। जॉर्जिया की सीमा से लगे एक रूसी क्षेत्र नॉर्थ ओसेशिया ने “हाई अलर्ट” की स्थिति घोषित की और कहा कि उन लोगों के लिए भोजन, पानी, वार्मिंग स्टेशन और…
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काव्यस्यात्मा 980
" तपस्यारत हैं तब तक "
एक जीवन में;
मौत से पहले
नहीं चाहिए कोई स्वप्न स्वर्ग की तरह।
साधना, आराधना है
��पस्या भूमि की तरह,
जिसने पीछे छोड़ दी है एक लंबी यात्रा
आगे बढ़ते हुए पुच्छलतारे के पूँछ की तरह।
यह हमें रखती है गर्म मौसम में उड़ती धूल की तरह,
जहाँ पेड़ों की पत्तियाँ सब ढँक लेती हैं
दिखती हैं पुरानी किताब के फटे पन्ने की तरह।
वे जिनकी साँसों ने ठंडा-गरम सब अपनी नसों में उड़ेल लिया है,
मिट्टी के बीवर ने धड़कन के साथ धड़कना शुरु कर दिया है।
ख़ुद को कितना सुंदर, कितना पावन कर लिया है,
परछाईं ने शरीर में बसना शुरु कर दिया है।
यह जिद्दी-सा लगता है,
कोमल देह ने अपने कवच के भीतर समाहित होना शुरु कर दिया है।
जंगल आगे झुकता है,
धूप-दीप को देह पर भेजता है।
एक तितली आकर बैठ गई है,
अंतर्ध्यान यात्रा को देख रही है
परित्यक्त देह को मिट्टी में ढूँढ़ रही है।
कछुआ वर्षों से नदी के नीचे उड़ान भर कर जमीन पर आता है,
अपनी पंच इंद्रियों को समेटकर तपस्वी को देख जाता है।
सब बच निकलना चाहते हैं,
पर कोई है जिसने पूरी सत्ता को घेर लिया है।
युगीन पाठशालाओं के वन में,
अंतहीन तरंगों को चारों ओर समेट लिया है।
जीवन की धूप--छांव में हम बैठे हैं
यों तो दोनों ही सरकते जाते हैं,
पर एक नया दरवाज़ा नए जगह पर खोलते जाते हैं।
हर जीव के भीतर अंतहीन अथक,
तपस्या की कामना भरते जाते हैं।
ये धरती, ये आकाश
ये नदियाँ, ये समंदर
सूरज, चाँद, तारे
सब हैं अपने पास,
सब खोलते हैं दरवाज़ा,
बुलाकर कहते हैं पास आ जा।
भीतर है इनके अनेको खिड़कियाँ,
प्रवेश के बाद दिखाती हैं,
भीतर की झिड़कियाँ।
बीत चुकीं तपस्या के दिनों को,
देर से शुरु हुई यात्रा को
वीराने और हरियाली के बीच स्तब्ध खड़े पाँव को
निगाहों में घुले-मिले मंजर को
बंद आँखों से इंतजार को
अधबनी सड़क और उसमें गुज़री
स्मृतियाँ सब देखती रहती हैं।
साँसों का अनुनाद नहीं,
परम दूर है पास नहीं
किसी तत्व की कोई आस नहीं
अपने पास कुछ ख़ास नहीं
प्राणों का कोई लाभ नहीं
तपस्वी का कोई गान नहीं
सुनता है पर मुस्कान नहीं।
ब्रह्म की ध्वनि का
नौ छिद्र में जब तक वास नहीं,
देह की बाँसुरी,
बस हाड़-मांस है
कुछ ख़ास नहीं।
तपस्यारत हैं तब तक;
जब तक-
उनके होंठों तक पहुँचा भोग नहीं,
बाँसुरी पर उँगलियों का पोर नहीं
जब तक-
योगेश्वर से होता योग नहीं।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
-काव्यस्यात्मा
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पहले समझते है पसीना है क्या?
पसीना जैसा आपको दीखता है वही है पानी की छोटी -छोटी बुँदे है बस फर्क ये इसमें की कई तरह के केमिकल -यूरिया , चीनी ,नमक , अमोनिया मौजूद होते है |और इसलिए जब कभी आप पसीने से डूबे होते है और पसीना आपके माथे से टपकता हुआ मुँह तक पहुंचता है तो उसका स्वाद नमकीन लगता है |पसीना हमे ज्यादा कसरत करने से निकलता है कभी कभी ये डर की वजह से भी निकलता है और बुखार में भी पसीना निकलता है | जब हमारा शरीर गरम होता है तो हमारे शरीर से पसीना निकलता है ये शरीर का तरीका है अपने तापमान को नियंत्रित करने का और खुद को ठंडा रखने का |जब हम कसरत करते है तो शरीर के अंदर का तापमान बढ़ने लगता है |पसीने की ग्रंथियां पानी रिलीज़ करती है और वो त्वचा के सतह पे आ जाता है |और जैसे पसीना वाष्पित होकर उड़ता है आपकी त्वचा और आपका खून दोनों ठन्डे हो जाते है |
बहुत ज्यादा पसीना आने को हलके में न ले -
कभी -कभी हमारे बीच में ही बहुत से ऐसे लोग होते है उनको बहुत पसीना आता है | और उनका पूरा -पूरा शर्ट भीग जाता है |कभी बहुत ज्यादा पसीना आये उसको हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योकि ये कई रोगों की निशानी होती है जैसे -लो ब्लड शुगर ,थायरॉइड की समस्या और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली बीमारिया |इसलिए इस तरह की दिक्कत हो तो तुरंत ही आप डॉक्टर से परामर्श लीजिये |जिससे ये समस्या आपकी ठीक हो सके |
कम पसीना आना भी एक समस्या है -
किसी को भी औसत से भी कम पसीना निकलता है आप समझ सकते हो उसके कोई समस्या होगी -ये समस्या अनहाइड्रोसिस की है और इसमें उस व्यक्ति का शरीर अन��वशयक रूप से हमेशा गर्म रह���ा है |कभी -कभी शरीर में पानी की कमी होने की वजह से भी ये समस्या हो सकती है | कभी स्किन की बीमारी की वजह से भी ये समस्या शरीर में पैदा होती है |
पसीने में बदबू आना -
जब लोग कहते है की उसके पसीने से बदबू आती है ये कहना ही गलत है पसीने में बदबू होती ही नहीं है बदबू तब आती है जब ये त्वचा के किसी बैक्टीरिया से मिल जाता है तो बदबू आती है और लोग कहते है पसीने से बदबू आ रही है |लोग इसको दूर करने के लिए कई तरह की फ्रिगेमेन्ट्स प्रयोग करते है कई तरह डीओ बाजार में है जिससे बदबू कुछ देर के लिए छुटकारा मिलता है |
पसीने निकलने के क्या -क्या फायदे है -
पसीने निकलने फायदा बहुत है |सब एक साथ गिनवाना मुश्किल है लेकिन कुछ जो जरुरी है मैं आपको यहाँ बताता देता हूँ |पसीने के ग्रंथि स्वेट ग्रैंड्स का सक्रीय रहना शरीर की सेहत के लिए बहुत ही फयदेजनक है | हो सकता ये सबलोग नहीं जानते होंगे लेकिन हम आपको पसीने निकलने कई फायदे बताने जा रहे है |
1 -शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है पसीना-
हमारे शरीर से पसीना निकलने की मुख्य वजह ये है की पसीना जो है शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है |ऐसा नहीं हुआ था शरीर को हिट स्ट्रोक होने की समस्या बनी रहती है |शरीर एक मशीन है समझ लीजिये जब शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है तो इसके सब कल -पुर्जे सही तरह से काम कर रहे होते है | और जैसे ही इसका तापमान बढ़ता है ये पसीने निकल कर उसको नियंत्रित करता है |
2 - एक्सरसाइज़ के बाद पसीना निकलने का फायदा -
जब हम कसरत करते है तो हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है और दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है | इन दोनों वजहों से शरीर में पसीना आने लगता है एक्सरसाइज़ और वर्कआउट से पसीना आना इसलिए भी अच्छा है क्योकि इससे शरीर ज्यादा या ओवर हीट से बच जाता है |आप बेहोश नहीं होते है |और भी कई तरह के फायदे है | जैसे -एनर्जी बढ़ती है, स्वस्थ वजन बना रहता है , नींद अच्छी आती है , मूड हेमशा बेहतर बना रहता है |
3 - फीवर में पसीना होने के फायदे -
जब आप फीवर से ग्रसित होते है तो आपको कहा जाता है कम्बल ओढ़ के सो जाइये |जिससे आपके शरीर में खूब पसीना होता है ये भी एक तरह का तापमान नियंत्रित करने का तरीका है |इसका साफ़ मतलब जिस भी बैक्टेरिया की वजह से आपकी तबियत ख़राब है वो पसीने के रस्ते ही बाहर निकल जाते है | अगर आपके बुखार में पसीना बहुत आना लगता है इसका मतलब है की अब बुखार आपका ज्यादा नहीं बड़े वाला |
4 - पसीने के जरिये डिटॉक्सीफिकेशन होता है बॉडी का -
डिटॉक्सीफिकेशन से आशय ये की इसका सरल सा अर्थ है -विष हरण | अब आप समझ ही गये होंगे |एक शोध में ये पता चला जो लोग नियमित कसरत करते है और जिनका पसीना निकलता है उनके शरीर में भारी धातु की कम होती है |इसका सीधा सा मतलब है की पसीने के जरिये भारी धातुएं निकल जाती है | एक केमिकल है बिस्फेनॉल जिससे प्लास्टिक बनता है इससे बहुत ही नुकसान होता है और ये केमिकल शरीर के द्वारा ��सीने के जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है और जिससे हमारा शरीर नुकसान से बच जाता है |
पसीना स्किन और बालों के लिए वरदान है -
जब भी शरीर से पसीना निकलता है तो त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते है और अंदर गंदगी और मेल जमा होती है वो पसीने के साथ ही बाहर निकल जाती है जिससे शरीर पे जो मुहासे निकलते है वो भी बहुत कम निकलते है ये प्राकर्तिक तरीका है रोमछिद्र साफ़ करने का जिससे दाग -धब्बे नहीं होते है |चेहरे पे पसीना आने के बाद उसे अच्छे से क्लीनर से साफ़ कर ले फिर देखे चेहरा कैसे चमकता है |
बालों के लिए भी पसीना एक वरदान ही जब आपके सर पे पसीना आता है तो स्कल्प के पुट खुल जाता है और इससे नए बाल के विकास में मदद मिलती है |पसीना के बाद सर को अच्छे से शैम्पू से धो ले|इसलिए मेहनत और मस्कत से भागना नहीं चाहिए |अगर आप सोचते है की अभी कसरत नहीं करेंगे और जिम नहीं जायेंगे और रनिंग नहीं करेंगे तो बाद में आपको इसका बहुत बड़ा खामियाजा चुकाना पड़ेगा |
शरीर ही सबसे बड़ा धन है -
अगर आप धन का सोच रहे है तो इसके लिए आपको बता दू -शरीर से बड़ा कोई धन नहीं है | आजकल जब हर तरफ बस बाज़ारवाद है इस दौर में आपको कोई चीज सुध नहीं मिल रही है और इसका सीधा प्रभाव आपके शरीर पे पड़ता है इसलिए जमके मेहनत करे अपने शरीर पे और कोशिश करे की शुद्ध खाये और स्वस्थ रहे | कोरोना काल में भी लोग इम्युनिटी की बात करते है आखिर ये इम्युनिटी कैसे बनेगी आप को समझना चाहिए| अभी तो मैंने आपको बस अगाह किया है |आजकल कई तरह की कसरत और योग है जो आपको फिट रखते है इसलिए फिट रहे स्वस्थ रहे |
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अंधकार के प्रभाव से बच निकलें और आप परमेश्वर द्वारा जीत लिए जाएँगे
स्रोत: सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसियाअंधकार का प्रभाव क्या है? "अंधकार का प्रभाव", शैतान का प्रभाव है, जो लोगों को धोखा देता, भ्रष्ट करता, बांधता और नियंत्रित करता है; शैतान का प्रभाव एक ऐसा प्रभाव है जिसमें मृत्यु का प्रभामण्डल है। जो भी शैतान के प्रभुत्व के भीतर रहते हैं वे नष्ट हो जाने के लिए अभिशप्त हैं।
परमेश्वर में आस्था पाने के बाद, आप अंधकार के प्रभाव से कैसे बच सकते हैं? आपके ईमानदारी से परमेश्वर से प्रार्थना करने के बाद, आप अपना हृदय पूरी तरह से परमेश्वर की ओर मोड़ दें, इस बिंदु पर, आपका हृदय परमेश्वर की आत्मा से प्रेरित है, आप अपने आप को पूरी तरह से देने के लिए तैयार हैं, और इस क्षण में, आप अंधकार के प्रभाव से बच निकले हैं। यदि वह सब कुछ जो मनुष्य करता है परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला है और परमेश्वर की अपेक्षाओं के साथ सही बैठता है, तो वह कोई ऐसा व्यक्ति है जो परमेश्वर के वचनों के अंदर रहता है, वह कोई ऐसा व्यक्ति है जो परमेश्वर की निगरानी और सुरक्षा के अधीन रहता है। यदि लोग परमेश्वर के वचनों का अभ्यास करने में असमर्थ हैं, हमेशा परमेश्वर को मूर्ख बना रहे हैं और परमेश्वर के साथ लापरवाह तरीके से कार्य कर रहे हैं, परमेश्वर के अस्तित्व पर विश्वास नहीं कर रहे हैं, तो ऐसे सभी मनुष्य अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं। जिन लोगों ने परमेश्वर द्वारा उद्धार को नहीं प्राप्त किया है, वे सब शैतान की प्रभुता के अधीन रह रहे हैं, अर्थात्, वे सभी अंधकार के प्रभाव में रहते हैं। जो लोग ईश्वर पर विश्वास नहीं करते हैं, वे शैतान की प्रभुता के अधीन रह रहे हैं। यहाँ तक कि जो लोग परमेश्वर के अस्तित्व में विश्वास करते हैं, वे जरूरी नहीं कि परमेश्वर के प्रकाश में रह रहे हों, क्योंकि जो लोग ईश्वर पर विश्वास करते हैं, जरूरी नहीं कि परमेश्वर के वचनों के अंदर जा रहे हों, और जरूरी नहीं कि वे ऐसे मनुष्य हों जो परमेश्वर का पालन कर सकते हों। मनुष्य केवल परमेश्वर पर विश्वास करता है, और मनुष्य को परमेश्वर को जानने की विफलता के कारण, वह अभी भी पुराने नियमों के भीतर रह रहा है, मृत वचनों के भीतर जी रहा है, एक ऐसा जीवन जी रहा है जो अंधकारमय और अनिश्चित है, परमेश्वर द्वारा प���री तरह से शुद्ध नहीं किया गया है, पूरी तरह से परमेश्वर द्वारा जीता नहीं गया है। इसलिए, जबकि कहने की आवश्यकता नहीं कि जो लोग परमेश्व��� पर विश्वास नहीं करते हैं, अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं, यहाँ तक कि जो लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, वे अभी भी अंधकार के प्रभाव में रह रहे हों, क्योंकि पवित्र आत्मा ने उन पर काम नहीं किया है। जिन लोगों ने परमेश्वर का अनुग्रह या परमेश्वर की दया नहीं प्राप्त की है, जो पवित्र आत्मा द्वारा किए गये कार्य को नहीं देख सकते हैं, वे सभी अंधकार के प्रभाव में जी रहे हैं; जो लोग केवल परमेश्वर के अनुग्रह का आनंद लेते हैंमगर परमेश्वर को नहीं जानते हैं, वे भी अधिकांश समय अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति परमेश्वर पर विश्वास करता हैमगर अपना अधिकांश जीवन अंधकार के प्रभाव में जीते हुए बिताता है, तो इस व्यक्ति का अस्तित्व अपना अर्थ को खो चुका है, उन लोगों की तो बात ही छोड़ें जो ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास नहीं करते हैं।
वे सभी लोग परमेश्वर के काम को स्वीकार नहीं कर सकते हैं या जो परमेश्वर को स्वीकार तो करते हैं लेकिन परमेश्वर की माँगों को पूरा करने में असमर्थ हैं, वे अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं; जो लोग सच्चाई का अनुसरण करते हैं और परमेश्वर की मांगों को पूरा करने में सक्षम हैं, वे परमेश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे, और वे अंधकार के प्रभाव से बच निकलेंगे। वे मनुष्य जिन्हें मुक्त नहीं किया गया है, जो हमेशा कुछ चीजों के द्वारा नियंत्रित होते हैं, अपने ह्रदय को परमेश्वर को नहीं दे पाते है, ये वे मनुष्य हैं जो शैतान के बंधन के अधीन हैं, और वे मौत के वातावरण में रह रहे हैं। जो अपने स्वयं के कर्तव्यों के प्रति बेईमान हैं, जो परमेश्वर के आदेश के प्रति बेईमान हैं, जो कलीसिया में अपना कार्य नहीं कर रहे हैं, वे अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं। वे जानबूझकर कलीसिया के जीवन में बाधा डाल रहे हैं, जो जानबूझकर भाइयों और बहनों के बीच संबंधों को नष्ट कर रहे हैं, जो अपने स्वयं के गिरोहों को इकट्ठा कर रहे हैं, वे और भी गहराई से अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं, वे शैतान के बंधन में रह रहे हैं। जिनका परमेश्वर के साथ एक असामान्य रिश्ता है, जो हमेशा अनावश्यक अभिलाषाओं वाले हैं, जो हमेशा हर परिस्थिति से लाभ लेना चाहते हैं, जो कभी अपने स्वभाव में परिवर्तन नहीं लाना चाहते हैं, ये ऐसे मनुष्य हैं जो अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं। जो लोग हमेशा मैले-कुचैले हैं, सत्य के अपने अभ्यास में गंभीर नहीं हैं, परमेश्वर की इच्छाओं को पूरा करने के इच्छुक नहीं हैं, जो केवल अपने ही शरीर को संतुष्ट कर रहे हैं, ये भी ऐसे मनुष्य हैं जो अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं, और वे मृत्यु में ढके हुए हैं। जो लोग परमेश्वर के लिए काम करते समय चालबाजी और धोखे को काम में लाते हैं, परमेश्वर के साथ लापरवाहतरीके से व्यवहार कर रहे हैं, परमेश्वर को धोखा दे रहे हैं, हमेशा स्वयं के लिए सोचते रह रहे हैं, ऐसे मनुष्य अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं। जो लोग ईमानदारी से परमेश्वर से प्यार नहीं कर सकते हैं, जो सच्चाई अनुसरण नहीं कर रहे हैं, जो अपने स्वभाव को बदलने पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं, वे अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं।
यदि आप परमेश्वर द्वारा प्रशंसा किया जाना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले शैतान के अंधकार के प्रभाव से अवश्य बच निकलना चाहिए, अपना ह्रदय परमेश्वर के लिए खोल देना चाहिए, और इसे पूरी तरह से परमेश्वर की और मोड़ देना चाहिए। क्या जिन कामों को आप अभी कर रहे हैं वे परमेश्वर द्वारा प्रशंसा क��� जाती हैं? क्या आपने अपना ह्रदय परमेश्वर की ओर मोड़ दिया है? आपने जो काम किये हैं, क्या ये वही हैं जो परमेश्वर ने आपसे अपेक्षा किए हैं? क्या वे सत्य के साथ सही बैठते हैं? आपको हमेशा अवश्य अपने आप की जाँच करनी चाहिए, परमेश्वर के वचनों को खाने और पीने पर एकाग्र करना चाहिए, अपने ह्रदय को परमेश्वर के सामने रख देना चाहिए, ईमानदारी से परमेश्वर से प्रेम करना चाहिए, और निष्ठा के साथ परमेश्वर के लिए खर्च करना चाहिए। ऐसे मनुष्यों को निश्चित रूप से परमेश्वर की प्रशंसा मिलेगी।
जो लोग परमेश्वर में विश्वास करते हैं लेकिन फिर भी सत्य का अनुसरण नहीं करते हैं, वे शैतान के प्रभाव से किसी भी तरह नहीं बच सकते हैं। जो लोग ईमानदारी से अपना जीवन नहीं जीते हैं, जो दूसरों के सामने किसी ऐसे व्यक्ति के जैसा होने का नाटक करते हैं जो वे नहीं हैं, जो नम्रता, धैर्य और प्रेम का दिखावा करते हैं, जबकि मूल रूप में वे कपटी, धूर्त हैं और परमेश्वर के प्रति उनकी कोई निष्ठा नहीं हैं, ऐसे मनुष्य अंधकार के प्रभाव में रहने वाले लोगों के विशिष्ट नमूने हैं, वे सर्पों के सँपोले हैं। जो लोग हमेशा अपने ही लाभ के लिए परमेश्वर पर विश्वास रखते हैं, जो अभिमानी और घमंडी हैं, जो खुद का दिखावा करते हैं, हमेशा अपनी हैसियत की रक्षा करते हैं, ये ऐसे मनुष्य हैं जो शैतान से प्यार करते हैं और सत्य का विरोध करते हैं, वे परमेश्वर का प्रतिरोध करते हैं और पूरी तरह से शैतान के संबंधी हैं। जो लोग परमेश्वर के बोझ के प्रति सतर्क नहीं हैं, स्वच्छ ह्रदय से परमेश्वर की सेवा नहीं कर रहे हैं, हमेशा स्वयं के और अपने परिवार के हितों के लिए चिंतित हैं, परमेश्वर के लिए खर्च करने के लिए हर चीज का परित्याग करने में सक्षम नहीं हैं, परमेश्वर के वचनों के अनुसार अपनी ज़िंदगी कभी नहीं जीते हैं, वे परमेश्वर के वचनों के बाहर जी रहे हैं। ऐसे लोगों को परमेश्वर की प्रशंसा प्राप्त नहीं होगी।
जब परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया, तो यह इसलिए था कि मनुष्य परमेश्वर की समृद्धता का आनंद ले, मनुष्य वास्तव में उनसे प्यार करे और इस तरह से, मनुष्य उनके प्रकाश में रहे। आज, जो लोग परमेश्वर से प्रेम नहीं कर पाते हैं, परमेश्वर के बोझ के प्रति सतर्क नहीं हैं, परमेश्वर को पूरी तरह से अपना ह्रदय समर्पित नहीं कर पाते हैं, परमेश्वर के ह्रदय को स्वयं का हृदय नहीं मान पाते हैं, परमेश्वर के बोझ का दायित्व अपने ऊपर नहीं ले पाते हैं, परमेश्वर का प्रकाश ऐसे किसी भी मनुष्य पर नहीं चमक रहा है, इसलिए वे सभी अंधकार के प्रभाव में जी रहे हैं। ऐसे मनुष्य ऐसे रास्ते पर हैं जो परमेश्वर की इच्छा के ठीक विपरीत जाता है और जो कुछ भी वे करते हैं उसमें लेशमात्र भी सत्य नहीं है। उनकी शैतान के साथ दलदल में लोट रहे हैं और वे ऐसे लोग हैं जो अंधकार के प्रभाव में जी रहे हैं। यदि आप हमेशा परमेश्वर के वचनों को खा और पी सकते हैं और साथ ही परमेश्वर की इच्छाओं के प्रति सतर्क रह सकते हैं और परमेश्वर के वचनों का अभ्यास कर सकते हैं, तो आप परमेश्वर के हैं, तो आप ऐसे व्यक्ति हैं जो परमेश्वर के वचनों के अंदर जी रहे हैं। क्या आप शैतान के शासन से बच निकलने और परमेश्वर के प्रकाश में रहने के लिए तैयार हैं? यदि आप परमेश्वर के वचनों के अंदर रहते हैं, तो पवित्र आत्मा को अपना काम करने का अवसर मिलेगा; यदि आप शैतान के प्रभाव में रहते हैं, तो पवित्र आत्मा के पास कोई भी काम करने का अवसर नहीं होगा। पवित्र आत्मा मनुष्यों पर जो काम करती है, वह प्रकाश जिसे परमात्मा मनुष्यों पर चमकता है, वह विश्वास जो परमात्मा मनुष्य को प्रदान करता है केवल एक पल तक रहता है; यदि मनुष्य सावधान न हो और ��्यान नहीं दे, तो पवित्र आत्मा द्वारा किया गया कार्य उनके पास से गुजर जाएगा। यदि मनुष्य परमेश्वर के वचनों के अंदर रहते हैं, तो पवित्र आत्मा उनके साथ रहेगी और उन पर काम करेगी; अगर मनुष्य परमेश्वर के वचनों के अंदर नहीं जी रहे हैं, तो वे शैतान के बंधन में जी रहे हैं। भ्रष्ट स्वभाव में रहने वाले मनुष्यों में पवित्र आत्मा की उपस्थिति नहीं होती है और पवित्र आत्मा उन पर काम नहीं करती है। यदि आप परमेश्वर के वचनों के क्षेत्र में जी रहे हैं, यदि आप परमेश्वर द्वारा अपेक्षित परिस्थिति में जी रहे हैं, तो आप परमेश्वर के हैं, और परमेश्वर का काम आप पर किया जाएगा; अगर आप परमेश्वर की अपेक्षाओं के क्षेत्र में नहीं जी रहे हैं, बल्कि इसके बजाय शैतान के क्षेत्र में जी रहे हैं, तो निश्चित रूप से आप शैतान के भ्रष्टाचार के अधीन जी रहे हैं। केवल परमेश्वर के वचनों के अंतर्गत रहने के द्वारा, अपना ह्रदय परमेश्वर को समर्पित करके, आप परमेश्वर की अपेक्षाओं को पूरा कर सकते हैं; आपको अवश्य वैसा करना चाहिए जैसा परमेश्वर कहते हैं, आपको परमेश्वर के वचनों को अपने अस्तित्व की बुनियाद और अपने जीवन की वास्तविकता अवश्य बनाना चाहिए, तभी आप परमेश्वर के होंगे। यदि आप परमेश्वर की इच्छा के अनुसार ईमानदारी से अभ्यास करते हैं, तो परमेश्वर आप में काम करेंगे, और फिर आप परमेश्वर की आशीष के अधीन रहेंगे, आप परमेश्वर भावाभिव्यक्ति की रोशनी में रहेंगे, आप पवित्र आत्मा द्वारा किए जाने वाले कार्य को भी समझ में सक्षम होंगे, और आप परमेश्वर की उपस्थिति का आनंद महसूस करेंगे।
अंधकार के प्रभाव से बच निकलने के लिए, पहले आपको परमेश्वर के प्रति वफादार अवश्य होना चाहिए और सत्य का अनुसरण करने की उत्सुकता अवश्य होनी चाहिए, तभी आपके पास सही परिस्थिति होगी। अंधकार के प्रभाव से बच निकलने के लिए सही परिस्थिति में रहना जरूरी है। सही परिस्थिति न होने का मतलब है कि आप ईश्वर के प्रति वफादार नहीं हैं और आपमें सच्चाई की खोज करने को उत्सुकता नहीं है, फिर अंधकार के प्रभाव से बच निकलने का तो प्रश्न ही नहीं उठता है। अंधकार के प्रभाव से मनुष्य का बच निकलना मेरे वचनों पर आधारित है, और अगर मनुष्य मेरे वचनों के अनुसार अभ्यास नहीं कर सकता है, तो मनुष्य अंधकार के प्रभाव के बंधन से बच निकल नहीं सकता है। सही परिस्थिति में जीने का अर्थ है परमेश्वर के वचनों के मार्गदर्शन में जीना, परमेश्वर के प्रति वफादार होने की परिस्थिति में जीना, सत्य को खोजने की परिस्थिति में जीना, ईमानदारी से परमेश्वर के लिए खर्च करने की वास्तविकता में जीना, वास्तव में परमेश्वर के प्यार की स्थिति में जीना। जो लोग इन परिस्थितियों में और इस वास्तविकता के भीतर रहते हैं, वे धीरे-धीरे रूपांतरित हो जाते हैं, जैसे-जैसे वे सत्य में अधिक गहराई से प्रवेश करते हैं, और वे परमेश्वर के काम की गहराई के साथ रूपांतरित हो जाते हैं, जब तक कि अंततः वे परमेश्वर द्वारा निश्चित रूप से जीत नहीं लिए जाएँगे, और वे परमेश्वर से वास्तव में प्यार नहीं करने लगेंगे। जो लोग अंधकार के प्रभाव से बच निकले हैं वे धीरे-धीरे परमेश्वर की इच्छा को समझ पाएँगे, परमेश्वर की इच्छा को समझेंगे, और अंततः परमेश्वर के विश्वासपात्र हो जाएँगे; न केवल उन्हें परमेश्वर की कोई धारणा नहीं होगी, परमेश्वर के खिलाफ कोई विद्रोह नहीं होगा, वे उन धारणाओं और विद्रोह से और भी अधिक घृणा करेंगे जो उनमें पहले थे, अपने ह्रदय में परमेश्वर के लिए सच्चा प्यार पैदा करेंगे। जो अंधकार के प्रभाव से बच निकलने में असमर्थ हैं, वे अपनी देह के साथ व्यस्त हैं, और वे विद्रोह से भरे हुए हैं; उनका ह्रदय मानव धारणाओं और जीवन के दर्शन से, और साथ ��ी अपने स्वयं के इरादों और विचार-विमर्शों से भरा है। परमेश्वर को मनुष्य के केवल प्यार की अपेक्षा है, परमेश्वर को अपेक्षा है कि मनुष्य उनके वचनों और उनके लिए मनुष्य के प्यार द्वारा पूरी तरह से व्यस्त रहे। परमेश्वर के वचनों के भीतर रहना, यह पता लगाना कि कौन सा मनुष्य परमेश्वर के वचनों के अंदर से तलाश करता है, परमेश्वर के वचनों के परिणामस्वरूप परमेश्वर से प्यार करना, परमेश्वर के वचनों के परिणामस्वरूप इधर-उधर भागना, परमेश्वर के वचनों के परिणामस्वरूप जीना, ये ऐसी चीजें हैं जो मनुष्य को प्राप्त करनी चाहिए। सब कुछ अवश्य परमेश्वर के वचनों पर निर्मित किया जाना चाहिए, और केवल तभी मनुष्य परमेश्वर की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाऐंगे। यदि मनुष्य परमेश्वर के वचनों से सज्जित नहीं है, तो आदमी केवल शैतान द्वारा ग्रस्त एक भुनगा है। इसे अपने स्वयं के दिल में तोलें, परमेश्वर के कितने वचनों ने आपके अंदर जड़ जमा ली है? किन चीजो में आप परमेश्वर के वचनों के अनुसार जीवन जी रहे हैं? किन चीजों में आप परमेश्वर के वचनों के अनुसार जीवन नहीं जी रहे हैं? यदि आप पूरी तरह से परमेश्वर के वचनों के कब्जे में नहीं हैं, तो आप किस सीमा तक कब्जे में किए गए हैं? अपने रोजमर्रा के जीवन में, क्या आप शैतान द्वारा नियंत्रित किए जा हैं, या क्या आपका परमेश्वर के वचनों द्वारा मार्गदर्शन किया जा रहा है हैं? क्या आपकी प्रार्थनाएँ परमेश्वर के वचनों से शुरू हुई हैं? क्या आप परमेश्वर के वचनों के ज्ञान के कारण अपनी नकारात्मक परिस्थितियों से बाहर आए गए? परमेश्वर के वचनों को अपने अस्तित्व की नींव के रूप में मानना, यही है वह जिसमें हर एक को प्रवेश करना चाहिए। यदि आपके जीवन में परमेश्वर के वचन विद्यमान नहीं हैं, तो आप अंधकार के प्रभाव में जी रहे हैं, आप परमेश्वर के विद्रोही हैं, आप परमेश्वर का विरोध कर रहे हैं, आप परमेश्वर के नाम का अपमान कर रहे हैं, और इस तरह के मनुष्यों का परमेश्वर में विश्वास पूरी तरह से एक शरारत है, एक रुकावट है। आपका कितना जीवन परमेश्वर के वचनों के अनुसार रहा है? आपका जीवन कितना परमेश्वर के वचनों के अनुसार नहीं रहा है? कि परमेश्वर के जिन वचनों की आपसे अपेक्षा थी, उनमें से कितने आप परपूरे हुए हैं? कितने आप में खो गए हैं? क्या आपने ऐसी चीजों की बारीकी से जाँच की है?
अंधकार के प्रभाव से बच निकलने के लिए, एक तरफ, इसे पवित्र आत्मा द्वारा किए गए कार्य की आवश्यकता होती है, जबकि दूसरी तरफ इसे मनुष्य से समर्पित सहयोग की आवश्यकता होती है। मैं क्यों कहता हूँ कि आदमी सही रास्ते पर नहीं है? यदि कोई व्यक्ति सही रास्ते पर है, तो सबसे पहले, वह अपना हृदय ईश्वर को समर्पित कर पाएगा, और यह ऐसा कार्य है जिसमें प्रवेश करने के लिए लंबे समय की आवश्यकता होती है, क्योंकि मानव जाति हमेशा से अंधकार के प्रभाव में रहती आ रही है, हजारों सालों से शैतान की दासता के अधीन रह रही है, इसलिए यह प्रवेश एक या दो दिन में प्राप्त नहीं किया जा सकता है। आज मैंने इस मुद्दे को इस तरह से उठाया है कि लोग अपनी स्वयं की स्थिति को समझ सकें; अंधकार का प्रभाव क्या है और प्रकाश के भीतर रहना क्या है इस बारे में समझ सके,जब मनुष्य इन बातों को पहचान पाता है, तो प्रवेश संभव हो जाता है। क्योंकि इससे पहले कि आप शैतान के प्रभाव से बच निकलें आपको पता अवश्य होना चाहिए कि शैतान क�� प्रभाव क्या है, और केवल तभी आप धीरे-धीरे स्वयं को इससे छुटकारा दिलाने के मार्ग तक पहुँचेंगे। इसके जहाँ तक उसके बाद क्या करना है, यह मनुष्य का खुद का मामला है। आपको अवश्य हमेशा सकारात्मक होकर प्रवेश करना चाहिए, आपको अवश्य कभी भी निष्क्रियता से इंतजार नहीं करना चाहिए, और इसी तरह आपको परमेश्वर द्वारा जीत लिया जाएगा।
स्रोत: सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया
सम्बन्धित पठन:
पापी स्वभाव से किस प्रकार मुक्त हो सकते ह���, इसका जवाब "वचन देह में प्रकट होता है" की पुस्तक में है
ईसाई प्रार्थना - प्रार्थना जो ईश्वर सुनते हैं - राज़ यहाँ है
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Aa ab lout chale | आ अब लौट चलें | Jis Desh me Ganga Bahti He | Mukesh | cover by Umakant Mishra
Aa ab lout chale | आ अब लौट चलें | Jis Desh me Ganga Bahti He | Mukesh | cover by Umakant Mishra
आ अब लौट चलें नैन बिछाए, बाँहें पसारे, तुझको पुकारे देश तेरा सहज है सीधी राह पे चलना, देख के उलझन बच के निकलना कोई ये चाहे माने न माने, बहुत है मुश्किल गिर के सम्भलना आ अब लौट चलें… आँख हमारी मंज़िल पर है, दिल में ख़ुशी की मस्त लहर है लाख लुभाएँ महल पराए, अपना घर फिर अपना घर है आ अब लौट चलें… Singer- Mukesh Film- Jis desh me Ganga bahti he Thank you for reading my blog. Hope you enjoyed the video.…
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पुलिस कप्तान के नेतृत्व में पुलिस ने चंद घण्टों में अपहृत युवक को किया बरामद, चोरी की बाइक एवं अबैध हथियारों की खरीद-बिक्री करने वाले गिरोह का हुआ पर्दाफाश
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Sheikhpura: पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा के रहते जिले में अपराध कर बच निकलना नामुमकिन है। इनके नेतृत्व में शेखपुरा पुलिस ने फिर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने चोरी की बाइक एवं अबैध हथियारों की खरीद-बिक्री करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बिना नंबर प्लेट की बाइक, देशी कट्टा व जिंदा कारतूस के साथ चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस कप्तान…
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शाही इमाम पंजाब मौलाना उस्मान लुधियानवी साहब को क़ौम और मिल्लत के हर मौज़ू बोलते हुए देखा जा सकता है इनके वलिद पंजाब के साबिक़ शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी के इंतेक़ाल के बाद उनके बेटे मोहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी पंजाब का नया शाही इमाम बनाया गया। शायद यह बात कम लोग ही जानते होंगे की उस्मान साहब इतिहास में PHD हैं और अब तक छह किताबें लिख चुके हैं। उस्मान रहमानी साहब की नई किताब, 'दास्तान-ए-लुधियाना' में पंजाबियों का विवरण है, विशेष रूप से लुधियाना के निवासी, जो देश के स्वतंत्रता संग्राम में सबसे आगे रहे। उस्मान रहमानी साहब की क़यादत में पंजाब में एक इंकलाबी काम होने जा रहा है वो यह की वहां हबीब गर्ल्स कॉलेज की स्थापान का ऐलान किया गया है यह फैसला कर्नाटक में उठे कॉलेज में हिजाब को लेकर किया गया है इस कॉलेज लड़कियां हिजाब में तालीम हासिल कर सकेंगी। इससे पहले उस्मान लुधियानवी साहब ने सूबे की तमाम पार्टियों के नुमांइदों को तलब कर उनका मैनिफेस्टो पूछा था और उनसे सवाल किया था कि मुसलमान आपको वोट क्यों दे या मुसलमान के वोट के बदले आप उन्हें क्या देंगे, उस्मान लुधियानवी साहब उन कथित रहुनमाओं की क्लास भी लगा चुके हैं जो हर मसले पर हिकमत का हवाला देकर बच निकलना चाहते हैं। क़ौम को इस वक़्त उस्मान लुधियानवी जैसे रहनुमाओं की सख़्त ज़रूरत है। #Copied ! #MSAalam ! #Muslim #India #Politics #leadership #leader #assembly ~ Shoaib Ghazi (at I'm A Lover of Allahﷻ and Prophet Muhammad ﷺ) https://www.instagram.com/p/Cdyjk6sv3UM/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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खुद की जान की परवाह किये बिना कुँए में कूद कर इस व्यक्ति ने बचाई डूबते कोबरा की जान, वायरल हुआ वीडियो!
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खुद की जान की परवाह किये बिना कुँए में कूद कर इस व्यक्ति ने बचाई डूबते कोबरा की जान, वायरल हुआ वीडियो!
दोस्तों अक्सर सोशल मीडिया पर कई तरह वीडियो वायरल होते रहते है, हाल ही में ट्विटर पर एक विडियो काफी ज्यादा तेजी के साथ में वायरल हुआ है। इस विडियो में नजर आ रहा है कि एक कोबरा सांप है जो गलती के चलते हुए पानी के कुँए में गिर गया है और अब ��ो पानी में जैसे तैसे तैर तो रहा है लेकिन दिक्कत ये हो गयी है कि अब वो पानी से बाहर नही निकल पा रहा है क्योंकि कुँए से यूँ निकलना आसान नही होता है वो भी एक सांप के लिए।
अब ऐसी स्थिति में कोई और होता तो उसे यूँ ही छोड़ देता लेकिन कुछ लोग उसे बचाने के लिए आये और एक युवक तो उसमें कूद ही गया और वो जाकर के उस सांप को धकेलते हुए दीवार के पास में लेकर के आया ये जानते हुए कि वो उसे काट भी सकता है लेकिन फिर भी उसकी मदद करने की ठानी और फिर उसे पीछे से पकड़ कर के उसने ऊपर वाले को पकडाया और वो उसे और ऊपर दे देता है। इस तरह से उन्होंने उस सांप को ऊपर तक पहुंचा दिया।
Man jumps into well to save a cobra from drowning. It’s rare to see someone risk their own life like this. Very admirable. pic.twitter.com/fZF2UsQRlE
— Naveed Trumboo IRS (@NaveedIRS) February 16, 2021
इस तरीके से इन लोगो ने इस सांप को बचा लिया और अब उसकी जान बच गयी। कही न कही ये अपने आप में मानवता की एक मिसाल है जहाँ पर लोगो को समझ में आ सकता है कि किस तरह से हम दुसरे लोगो की एक तरह से जान बचा सकते है।
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आये जानते है पसीना निकलना क्यों है फायदेमंद ?
पहले समझते है पसीना है क्या?
पसीना जैसा आपको दीखता है वही है पानी की छोटी -छोटी बुँदे है बस फर्क ये इसमें की कई तरह के केमिकल -यूरिया , चीनी ,नमक , अमोनिया मौजूद होते है |और इसलिए जब कभी आप पसीने से डूबे होते है और पसीना आपके माथे से टपकता हुआ मुँह तक पहुंचता है तो उसका स्वाद नमकीन लगता है |पसीना हमे ज्यादा कसरत करने से निकलता है कभी कभी ये डर की वजह से भी निकलता है और बुखार में भी पसीना निकलता है | जब हमारा शरीर गरम होता है तो हमारे शरीर से पसीना निकलता है ये शरीर का तरीका है अपने तापमान को नियंत्रित करने का और खुद को ठंडा रखने का |जब हम कसरत करते है तो शरीर के अंदर का तापमान बढ़ने लगता है |पसीने की ग्रंथियां पानी रिलीज़ करती है और वो त्वचा के सतह पे आ जाता है |और जैसे पसीना वाष्पित होकर उड़ता है आपकी त्वचा और आपका खून दोनों ठन्डे हो जाते है |
बहुत ज्यादा पसीना आने को हलके में न ले -
कभी -कभी हमारे बीच में ही बहुत से ऐसे लोग होते है उनको बहुत पसीना आता है | और उनका पूरा -पूरा शर्ट भीग जाता है |कभी बहुत ज्यादा पसीना आये उसको हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योकि ये कई रोगों की निशानी होती है जैसे -लो ब्लड शुगर ,थायरॉइड की समस्या और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली बीमारिया |इसलिए इस तरह की दिक्कत हो तो तुरंत ही आप डॉक्टर से परामर्श लीजिये |जिससे ये समस्या आपकी ठीक हो सके |
कम पसीना आना भी एक समस्या है -
किसी को भी औसत से भी कम पसीना निकलता है आप समझ सकते हो उसके कोई समस्या होगी -ये समस्या अनहाइड्रोसिस की है और इसमें उस व्यक्ति का शरीर अनावशयक रूप से हमेशा गर्म रहता है |कभी -कभी शरीर में पानी की कमी होने की वजह से भी ये समस्या हो सकती है | कभी स्किन की बीमारी की वजह से भी ये समस्या शरीर में पैदा होती है |
पसीने में बदबू आना -
जब लोग कहते है की उसके पसीने से बदबू आती है ये कहना ही गलत है पसीने में बदबू होती ही नहीं है बदबू तब आती है जब ये त्वचा के किसी बैक्टीरिया से मिल जाता है तो बदबू आती है और लोग कहते है पसीने से बदबू आ रही है |लोग इसको दूर करने के लिए कई तरह की फ्रिगेमेन्ट्स प्रयोग करते है कई तरह डीओ बाजार में है जिससे बदबू कुछ देर के लिए छुटकारा मिलता है |
पसीने निकलने के क्या -क्या फायदे है -
पसीने निकलने फायदा बहुत है |सब एक साथ गिनवाना मुश्किल है लेकिन कुछ जो जरुरी है मैं आपको यहाँ बताता देता हूँ |पसीने के ग्रंथि स्वेट ग्रैंड्स का सक्रीय रहना शरीर की सेहत के लिए बहुत ही फयदेजनक है | हो सकता ये सबलोग नहीं जानते होंगे लेकिन हम आपको पसीने निकलने कई फायदे बताने जा रहे है |
1 -शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है पसीना-
हमारे शरीर से पसीना निकलने की मुख्य वजह ये है की पसीना जो है शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है |ऐसा नहीं हुआ था शरीर को हिट स्ट्रोक होने की समस्या बनी रहती है |शरीर एक मशीन है समझ लीजिये जब शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है तो इसके सब कल -पुर्जे सही तरह से काम कर रहे होते है | और जैसे ही इसका तापमान बढ़ता है ये पसीने निकल कर उसको नियंत्रित करता है |
2 - एक्सरसाइज़ के बाद पसीना निकलने का फायदा -
जब हम कसरत करते है तो हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है और दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है | इन दोनों वजहों से शरीर में पसीना आने लगता है एक्सरसाइज़ और वर्कआउट से पसीना आना इसलिए भी अच्छा है क्योकि इससे शरीर ज्यादा या ओवर हीट से बच जाता है |आप बेहोश नहीं होते है |और भी कई तरह के फायदे है | जैसे -एनर्जी बढ़ती है, स्वस्थ वजन बना रहता है , नींद अच्छी आती है , मूड हेमशा बेहतर बना रहता है |
3 - फीवर में पसीना होने के फायदे -
जब आप फीवर से ग्रसित होते है तो आपको कहा जाता है कम्बल ओढ़ के सो जाइये |जिससे आपके शरीर में खूब पसीना होता है ये भी एक तरह का तापमान नियंत्रित करने का तरीका है |इसका साफ़ मतलब जिस भी बैक्टेरिया की वजह से आपकी तबियत ख़राब है वो पसीने के रस्ते ही बाहर निकल जाते है | अगर आपके बुखार में पसीना बहुत आना लगता है इसका मतलब है की अब बुखार आपका ज्यादा नहीं बड़े वाला |
4 - पसीने के जरिये डिटॉक्सीफिकेशन होता है बॉडी का -
डिटॉक्सीफिकेशन से आशय ये की इसका सरल सा अर्थ है -विष हरण | अब आप समझ ही गये होंगे |एक शोध में ये पता चला जो लोग नियमित कसरत करते है और जिनका पसीना निकलता है उनके शरीर में भारी धातु की कम होती है |इसका सीधा सा मतलब है की पसीने के जरिये भारी धातुएं निकल जाती है | एक केमिकल है बिस्फेनॉल जिससे प्लास्टिक बनता है इससे बहुत ही नुकसान होता है और ये केमिकल शरीर के द्वारा पसीने के जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है और जिससे हमारा शरीर नुकसान से बच जाता है |
पसीना स्किन और बालों के लिए वरदान है -
जब भी शरीर से पसीना निकलता है तो त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते है और अंदर गंदगी और मेल जमा होती है वो पसीने के साथ ही बाहर निकल जाती है जिससे शरीर पे जो मुहासे निकलते है वो भी बहुत कम निकलते है ये प्राकर्तिक तरीका है रोमछिद्र साफ़ करने का जिससे दाग -धब्बे नहीं होते है |चेहरे पे पसीना आने के बाद उसे अच्छे से क्लीनर से साफ़ कर ले फिर देखे चेहरा कैसे चमकता है |
बालों के लिए भी पसीना एक वरदान ही जब आपके सर पे पसीना आता है तो स्कल्प के पुट खुल जाता है और इससे नए बाल के विकास में मदद मिलती है |पसीना के बाद सर को अच्छे से शैम्पू से धो ले|इसलिए मेहनत और मस्कत से भागना नहीं चाहिए |अगर आप सोचते है की अभी कसरत नहीं करेंगे और जिम नहीं जायेंगे और रनिंग नहीं करेंगे तो बाद में आपको इसका बहुत बड़ा खामियाजा चुकाना पड़ेगा |
शरीर ही सबसे बड़ा धन है -
अगर आप धन का सोच रहे है तो इसके लिए आपको बता दू -शरीर से बड़ा कोई धन नहीं है | आजकल जब हर तरफ बस बाज़ारवाद है इस दौर में आपको कोई चीज सुध नहीं मिल रही है और इसका सीधा प्रभाव आपके शरीर पे पड़ता है इसलिए जमके मेहनत करे अपने शरीर पे और कोशिश करे की शुद्ध खाये और स्वस्थ रहे | कोरोना काल में भी लोग इम्युनिटी की बात करते है आखिर ये इम्युनिटी कैसे बनेगी आप को समझना चाहिए| अभी तो मैंने आपको बस अगाह किया है |आजकल कई तरह की कसरत और योग है जो आपको फिट रखते है इसलिए फिट रहे स्वस्थ रहे |
पूरा जानने के लिए -https://bit.ly/33Lb4I4
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Happy Independence Day- 2022- Aa ab lout chale | आ अब लौट चलें | Mukesh | cover by Umakant Mishra
Happy Independence Day- 2022- Aa ab lout chale | आ अब लौट चलें | Mukesh | cover by Umakant Mishra
आ अब लौट चलें नैन बिछाए, बाँहें पसारे, तुझको पुकारे देश तेरा सहज है सीधी राह पे चलना, देख के उलझन बच के निकलना कोई ये चाहे माने न माने, बहुत है मुश्किल गिर के सम्भलना आ अब लौट चलें… आँख हमारी मंज़िल पर है, दिल में ख़ुशी की मस्त लहर है लाख लुभाएँ महल पराए, अपना घर फिर अपना घर है आ अब लौट चलें… Singer- Mukesh Film- Jis desh me Ganga bahti he Thank you for reading my blog. Hope you enjoyed the video.…
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स्पेयर पार्ट्स के गोदाम में आग लगने से लाखों का नुकसान
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स्पेयर पार्ट्स के गोदाम में आग लगने से लाखों का नुकसान
हरिद्वार।
ज्वालापुर क्षेत्र में स्पेयर पार्ट्स के गोदाम में अचानक आग लगने से क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। मामले की जानकारी दमकल विभाग को दी। सूचना पर फायर ब्रिगेड की दो गाडि$यों ने पहुंच कर गोदाम में लगी आग पर काबू पाया। समय रहते आग पर काबू पाने से आसपास की बाजार की अन्य दुकानें आग की चपेट में आने से बच गई। आग लगने से लाखों का नुकसान आंका जा रहा है। आग लगने की वजह स्पप्ट नहीं हुई प्रथम दृष्टया शार्ट सर्किट मानी जा रही है।ज्वालापुर कोतवाली अंतर्गत कटहरा बाजार स्थित स्पेयर पार्ट्स के गोदाम में मंगलवार की शाम अचानक धुआं निकलना शुरू हुआ। कोविड कफ्र्यू के चलते बाजार में अधिक तर दुकाने बंद थी। राहगीरों ने गोदाम से धुआं निकलने की जानकारी पुलिस को दी। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक चंद्र चंद्राकर नैथानी सहयोगी कर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और दमकल विभाग को तत्काल सूचित किया गया। घटनास्थल पर लोगों की भीड$ ही जुटने लगी। गोदाम स्वामी गौरव गोयल पुत्र प्रमोद गोयल को आग लगने की सूचना मिली तो तत्काल पहुंचे और गोदाम के शटर ताला खोल कर दमकल कर्मियों ने आग बुझाने की मशक्कत शुरू की। काफी प्रयास के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया। प्रथम दृष्टया आग की वजह शार्ट सर्किट से मानी जा रही है। आग लगने से गोदाम में रखे लाखों रुपए के स्पेयर पार्ट्स जलकर गए।
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पीएनबी की टांडा शाखा में लगी आग, रिकार्ड रूम समेत अन्य सामान जला Divya Sandesh
#Divyasandesh
पीएनबी की टांडा शाखा में लगी आग, रिकार्ड रूम समेत अन्य सामान जला
अम्बेडकर नगर। टांडा कस्बा स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में आग लग जाने से महत्वपूर्ण अभिलेख जलकर राख हो गये। काफी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड व स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया। बैंककर्मी नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
आग से बैंक का रिकार्ड रूम, शाखा प्रबंधक केबिन सहित कई कम्प्यूटर जल कर राख हो गए हैं। लॉकर के बैंक के पिछले हिस्से में होने के कारण आग वहां तक नही पहुंच सकी, जिससे नगदी बच गयी है।
जानकारी के अनुसार रविवार को सुबह 10 बजे बिजली आने पर बैंक के ��ंदर से कुछ चटकने की आवाज सुनाई दी। इसके थोड़ी ही देर बाद बैंक की खिड़की से धुंआ निकलना शुरू हो गया। छज्जापुर पुलिस चौकी के निकट स्थित बैंक शाखा में धुंआ निकलने की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों के साथ पुलिस भी मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों के पास रखे आग बुझाने की गैस से आग पर काबू करने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। फिर फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने आग बुझाने का प्रयास किया। स्थानीय लोगों व फायर ब्रिगेड की मदद से लगभग दो घंटे बाद आग पर काबू पा लिया गया।
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आग लगने से बैंक से भारी धुंआ निकल रहा था, जिसके कारण कोई भी अंदर घुसने का साहस नहीं कर पा रहा था। बैंक के बगल स्थित मकानों को बचाना भी एक बड़ी चुनौती थी, हालांकि फायर दस्ते की मुस्तैदी के कारण आग को फैलने से रोकने में सफलता मिल गई। आग पर नियंत्रण पा लिये जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है। बैंककर्मी अभी नुकसान के बारे में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं, हालांकि इतना तो तय है कि आग से बैंक में भारी नुकसान हुआ है। अग्निशमन विभाग के अधिकारी आग लगने के पीछे शॉर्ट सर्किट को प्रमुख कारण मान रहे हैं।
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नेताजी की 125 वीं जयंती मनाने के लिए कोलकाता में पराक्रम दिवस समारोह में पीएम के संबोधन .
जय हिन्द! जय हिन्द! जय हिन्द! मंच पर विराजमान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनखड़ जी, पश्चिम बंगाल की म���ख्यमंत्री बहन ममता बनर्जी जी, मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी श्री प्रह्लाद पटेल जी, श्री बाबुल सुप्रियो जी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के निकट संबंधी जन, भारत का गौरव बढ़ाने वाली आजाद हिंद फौज के जांबाज सदस्य, उनके परिजन, यहां उपस्थित कला और साहित्य जगत के दिग्गज और बंगाल की इस महान धरती के मेरे भाइयों और बहनों, आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है। बचपन से जब भी ये नाम सुना- नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मैं किसी भी स्थिति में रहा, परिस्थिति में रहा, ये नाम कान में पड़ते ही एक नई ऊर्जा से भर गया। इतना विराट व्यक्तित्व कि उनकी व्याख्या के लिए शब्द कम पड़ जाएं। इतनी दूर की दृष्टि कि वहां तक देखने के लिए अनेकों जन्म लेने पड़ जाएं। विकट से विकट परिस्थिति में भी इतना हौसला, इतना साहस कि दुनिया की बड़ी से बड़ी चुनौती ठहर न पाए। मैं आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चरणों में अपना शीश झुकाता हूं, उन्हें नमन करता हूं। और नमन करता हूं उस मां को, प्रभादेवी जी को जिन्होंने नेताजी को जन्म दिया। आज उस पवित्र दिन को 125 वर्ष हो रहे हैं। 125 वर्ष पहले, आज के ही दिन माँ भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आज़ाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी। आज के ही दिन ग़ुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, मैं तुमसे आज़ादी मांगूंगा नहीं, आज़ादी छीन लूँगा। आज के दिन सिर्फ नेताजी सुभाष का जन्म ही नहीं हुआ था, बल्कि आज भारत के नए आत्मगौरव का जन्म हुआ था, भारत के नए सैन्य कौशल का जन्म हुआ था। मैं आज नेताजी की 125वीं जन्म-जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की तरफ से इस महापुरुष को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं, उन्हें सैल्यूट करता हूं। साथियों, मैं आज बालक सुभाष को नेताजी बनाने वाली, उनके जीवन को तप, त्याग और तितिक्षा से गढ़ने वाली बंगाल की इस पुण्य-भूमि को भी आदरपूर्वक नमन करता हूँ। गुरुदेव श्री रबीन्द्रनाथ टैगोर, बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, शरद चंद्र जैसे महापुरुषों ने इस पुण्य भूमि को राष्ट्रभक्ति की भावना से भरा है। स्वामी रामकृष्ण परमहंस, चैतन्य महाप्रभु, श्री ऑरोबिन्दो, मां शारदा, मां आनंदमयी, स्वामी विवेकानंद, श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जैसे संतों ने इस पुण्यभूमि को वैराग्य, सेवा और आध्यात्म से अलौक��क बनाया है। ईश्वरचंद्र विद्यासागर, राजा राममोहन राय, गुरुचंद ठाकुर, हरिचंद ठाकुर जैसे अनेक समाज सुधारक सामाजिक सुधार के अग्रदूतों ने इस पुण्यभूमि से देश में नए सुधारों की नींव भरी है। जगदीश चंद्र बोस, पी सी रॉय, एस. एन. बोस और मेघनाद साहा अनगिनत वैज्ञानिकों ने इस पुण्य-भूमि को ज्ञान विज्ञान से सींचा है। ये वही पुण्यभूमि है जिसने देश को उसका राष्ट्रगान भी दिया है, और राष्ट्रगीत भी दिया है। इसी भूमि ने हमें देशबंधु चितरंजन दास, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी और हम सभी के प्रिय भारत रत्न प्रणब मुखर्जी से साक्षात्कार कराया। मैं इस भूमि के ऐसे लाखों लाख महान व्यक्तित्वों के चरणों में भी आज इस पवित्र दिन पर प्रणाम करता हूँ। साथियों, यहाँ से पहले मैं अभी नेशनल लाइब्रेरी गया था, जहां नेताजी की विरासत पर एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस और आर्टिस्ट-कैम्प का आयोजन हो रहा है। मैंने अनुभव किया, नेताजी का नाम सुनते ही हर कोई कितनी ऊर्जा से भर जाते हैं। नेताजी के जीवन की ये ऊर्जा जैसे उनके अन्तर्मन से जुड़ गई है! उनकी यही ऊर्जा, यही आदर्श, उनकी तपस्या, उनका त्याग देश के हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। आज जब भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है, तो हम सबका कर्तव्य है कि उनके योगदान को बार-बार याद किया जाए। पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए। इसलिए, देश ने तय किया है कि नेताजी की 125वीं जयंती के वर्ष को ऐतिहासिक, अभूतपूर्व भव्यता भरे आयोजनों के साथ मनाए। आज सुबह से देशभर में इससे जुड़े कार्यक्रम हर कोने में हो रहे हैं। आज इसी क्रम में नेताजी की स्मृति में एक स्मारक सिक्का और डाक-टिकट जारी किया गया है। नेताजी के पत्रों पर एक पुस्तक का विमोचन भी हुआ है। कोलकाता और बंगाल, जो उनकी कर्मभूमि रहा है, यहाँ नेताजी के जीवन पर एक प्रदर्शनी और प्रॉजेक्शन मैपिंग शो भी आज से शुरू हो रहा है। हावड़ा से चलने वाली ट्रेन ‘हावड़ा-कालका मेल’ का भी नाम बदलकर ‘नेताजी एक्सप्रेस’ कर दिया गया है। देश ने ये भी तय किया है कि अब हर साल हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया करेंगे। हमारे नेताजी भारत के पराक्रम की प्रतिमूर्ति भी हैं और प्रेरणा भी हैं। आज जब इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। उनके जैसे फौलादी इरादों वाले व्यक्तित्व के लिए असंभव कुछ भी नहीं था। उन्होंने विदेश में जाकर देश स��� बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा, उन्होंने आज़ादी के लिए आज़ाद हिन्द फौज को मजबूत किया। उन्होंने पूरे देश से हर जाती, पंथ, हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया। उस दौर में जब दुनिया महिलाओं के सामान्य अधिकारों पर ही चर्चा कर रही थी, नेता जी ने ‘रानी झाँसी रेजीमेंट’ बनाकर महिलाओं को अपने साथ जोड़ा। उन्होंने फौज के सैनिकों को आधुनिक युद्ध के लिए ट्रेनिंग दी, उन्हें देश के लिए जीने का जज्बा दिया, देश के लिए मरने का मकसद दिया। नेता जी ने कहा था- “भारोत डाकछे। रोकतो डाक दिए छे रोक्तो के। ओठो, दाड़ांओ आमादेर नोष्टो करार मतो सोमोय नोय। अर्थात, भारत बुला रहा है। रक्त, रक्त को आवाज़ दे रहा है। उठो, हमारे पास अब गँवाने के लिए समय नहीं है। साथियों, ऐसी हौसले भरी हुंकार सिर्फ और सिर्फ नेताजी ही दे सकते थे। और आखिर, उन्होंने ये दिखा भी दिया कि जिस सत्ता का सूरज कभी अस्त नहीं होता, भारत के वीर सपूत रणभूमि में उसे भी परास्त कर सकते हैं। उन्होंने संकल्प लिया था, भारत की जमीन पर आज़ाद भारत की आज़ाद सरकार की नींव रखेंगे। नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया। उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया। जिस जगह अंग्रेज देश के स्वतन्त्रता सेनानियों को यातनाएं देते थे, काला पानी की सजा देते थे, उस जगह जाकर उन्होंने उन सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि दी। वो सरकार, अखंड भारत की पहली आज़ाद सरकार थी। नेताजी अखंड भारत की आज़ाद हिन्द सरकार के पहले मुखिया थे। और ये मेरा सौभाग्य है कि आज़ादी की उस पहली झलक को सुरक्षित रखने के लिए, 2018 में हमने अंडमान के उस द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा। देश की भावना को समझते हुए, नेताजी से जुड़ी फाइलें भी हमारी ही सरकार ने सार्वजनिक कीं। ये हमारी ही सरकार का सौभाग्य रहा जो 26 जनवरी की परेड के दौरान INA Veterans परेड में शामिल हुए। आज यहां इस कार्यक्रम में आजाद हिंद फौज में रहे देश के वीर बेटे और बेटी भी उपस्थित हैं। मैं आपको फिर से प्रणाम करता हूं और प्रणाम करते हुए यही कहूंगा कि देश सदा-सर्वदा आपका कृतज्ञ रहेगा, कृतज्ञ है और हमेशा रहेगा। साथियों, 2018 में ही देश ने आज़ाद हिन्द सरकार के 75 साल को भी उतने ही धूमधाम से मनाया था। देश ने उसी साल सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार भी शुरू किए। नेताजी ने दिल्ली दूर नहीं का नारा देकर लाल किले पर झंडा फहराने का जो सपना देखा था, उनका वो सपना देश ने लाल किले पर झंडा फहराकर पूरा किया। भाइयों और बहनों, जब आजाद हिंद फौज की कैप में मैंने लाल किले पर झंडा फहराया था, उसे मैंने अपने सर पर लगाया था। उस वक्त मे��े मन मस्तिष्क में बहुत कुछ चल रहा था। बहुत से सवाल थे, बहुत सी बातें थीं, एक अलग अनुभूति थी। मैं नेताजी के बारे में सोच रहा था, देशवासियों के बारे में सोच रहा था। वो किसके लिए जीवन भर इतना रिस्क उठाते रहे, जवाब यही है- हमारे और आपके लिए। वो कई-कई दिनों तक आमरण अनशन किसके लिए करते रहे- आपके और हमारे लिए। वो महीनों तक किसके लिए जेल की कोठरी में सजा भुगतते रहे- आपके और हमारे लिए। कौन ऐसा होगा जिसके जीवन के पीछे इतनी बड़ी अंग्रेजी हुकूमत लगी हो वो जान हथेली पर रखकर फरार हो जाए। हफ्तों-हफ्तों तक वो काबुल की सड़कों पर अपना जीवन दांव पर लगाकर एक एंबैसी से दूसरी के चक्कर लगाते रहे- किसके लिए? हमारे और आपके लिए। विश्व युद्ध के उस माहौल में देशों के बीच पल-पल बदलते देशों के बीच के रश्ते, इसके बीच क्यों वो हर देश में जाकर भारत के लिए समर्थन मांग रहे थे? ताकि भारत आजाद हो सके, हम और आप आजाद भारत में सांस ले सकें। हिंदुस्तान का एक-एक व्यक्ति नेताजी सुभाष बाबू का ऋणी है। 130 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के शरीर में बहती रक्त की एक-एक बूंद नेताजी सुभाष की ऋणी है। ये ऋण हम कैसे चुकाएंगे? ये ऋण क्या हम कभी चुका भी पाएंगे? साथियों, जब नेताजी सुभाष यहां ���ोलकाता में अपने अड़तीस बटा दो, एल्गिन रोड के घर में कैद थे, जब उन्होंने भारत से निकलने का इरादा कर लिया था, तो उन्होंने अपने भतीजे शिशिर को बुलाकर कहा था- अमार एकटा काज कोरते पारबे? अमार एकटा काज कोरते पारबे? क्या मेरा एक काम कर सकते हो? इसके बाद शिशिर जी ने वो किया, जो भारत की आजादी की सबसे बड़ी वजहों में से एक बना। नेताजी ये देख रहे थे कि विश्व-युद्ध के माहौल में अंग्रेजी हुकूमत को अगर बाहर से चोट पहुंचाई जाए, तो उसे दर्द सबसे ज्यादा होगा। वो भविष्य देख रहे थे कि जैसे-जैसे विश्व युद्ध बढ़ेगा, वैसे-वैसे अग्रेजों की ताकत कम पड़ती जाएगी, भारत पर उनकी पकड़ कम पड़ती जाएगी। ये था उनका विजन, इतनी दूर देख रहे थे वो। मैं कहीं पढ़ रहा था कि इसी समय उन्होंने अपनी भतीजी इला को दक्षिणेश्वर मंदिर भी भेजा था कि मां का आशीर्वाद ले आओ। वो देश से तुरंत बाहर निकलना चाहते थे, देश के बाहर जो भारत समर्थक शक्तियां हैं उन्हें एकजुट करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने युवा शिशिर से कहा था- अमार एकटा काज कोरते पारबे? क्या मेरा एक काम कर सकते हो? साथियों, आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे फिर से ये सवाल सुनाई देगा- अमार एकटा काज कोरते पारबे? क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। देश का जन-जन, ��ेश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है। नेताजी ने कहा था- पुरुष, ओर्थो एवं उपोकरण निजे��ाई बिजोय बा साधिनता आंते पारे ना. आमादेर अबोशोई सेई उद्देश्यो शोकति थाकते होबे जा आमादेर साहोसिक काज एवंम बीरतपुरनो शोसने उदबुधो कोरबे. यानि, हमारे पास वो उद्देश्य और शक्ति होनी चाहिए, जो हमें साहस और वीरतापूर्ण तरीके से शासन करने के लिए प्रेरित करे। आज हमारे पास उद्देश्य भी है, शक्ति भी है। आत्मनिर्भर भारत का हमारा लक्ष्य हमारी आत्मशक्ति, हमारे आत्मसंकल्प से पूरा होगा। नेता जी ने कहा था- “आज आमादेर केबोल एकटी इच्छा थाका उचित – भारोते ईच्छुक जाते, भारोते बांचते पारे। यानि, आज हमारी एक ही इच्छा होनी चाहिए कि हमारा भारत बच पाए, भारत आगे बढ़े। हमारा भी एक ही लक्ष्य है। अपना खून-पसीना बहाकर देश के लिए जीएं, अपने परिश्रम से, अपने innovations से देश को आत्मनिर्भर बनाएं। नेताजी कहते थे- “निजेर प्रोती शात होले सारे बिस्सेर प्रोती केउ असोत होते पारबे ना’ अर्थात, अगर आप खुद के लिए सच्चे हैं, तो आप दुनिया के लिए गलत नहीं हो सकते। हमें दुनिया के लिए बेहतरीन क्वालिटी के प्रॉडक्ट बनाने होंगे, कुछ भी कमतर नहीं, Zero Defect- Zero Effect वाले प्रॉडक्ट। नेताजी ने हमें कहा था- “स्वाधीन भारोतेर स्वोप्ने कोनो दिन आस्था हारियो ना। बिस्से एमुन कोनो शोक्ति नेई जे भारोत के पराधीनांतार शृंखलाय बेधे राखते समोर्थों होबे” यानी, आज़ाद भारत के सपने में कभी भरोसा मत खोओ। दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारत को बांधकर के रख सके। वाकई, दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो 130 करोड़ देशवासियों को, अपने भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने से रोक सके। साथियों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गरीबी को, अशिक्षा को, बीमारी को, देश की सबसे बड़ी समस्याओं में गिनते थे। वो कहते थे- ‘आमादेर शाब्छे बोरो जातियो समस्या होलो, दारिद्रो अशिकखा, रोग, बैज्ञानिक उत्पादोन। जे समस्यार समाधान होबे, केबल मात्रो सामाजिक भाबना-चिन्ता दारा” अर्थात, हमारी सबसे बड़ी समस्या गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और वैज्ञानिक उत्पादन की कमी है। इन समस्याओं के समाधान के लिए समाज को मिलकर जुटना होगा, मिलकर प्रयास करना होगा। मुझे संतोष है कि आज देश पीड़ित, शोषित वंचित को, अपने किसान को, देश की महिलाओं को सशक्त करने के लिए दिन-रात एक कर रहा है। आज हर एक गरीब को मुफ्त इलाज की सुविधा के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। देश के किसानों को बीज से बाजार तक आधुनिक सुविधाएं दी जा रही हैं। खेती पर होने वाला उनका खर्च कम करने के प्रयास किए जा रहा है। हर एक युवा को आधुनिक और गुणवत्ता-पूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए देश के education infrastructure को आधुनिक बनाया ��ा रहा है। बड़ी संख्या में देश भर में एम्स, IITs और IIMs जैसे बड़े संस्थान खोले गए हैं। आज देश, 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी लागू कर रहा है। साथियों, मैं कई बार सोचता हूँ कि आज देश में जो बदलाव हो रहे हैं, जो नया भारत आकार ले रहा है, उसे देख नेताजी को कितनी संतुष्टि मिलती। उन्हें कैसा लगता, जब वो दुनिया की सबसे आधुनिक technologies में अपने देश को आत्मनिर्भर बनते देखते? उन्हें कैसा लगता, जब वो पूरी दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों में, शिक्षा में, मेडिकल सैक्टर में भारतीयों का डंका बजते देखते? आज राफेल जैसे आधुनिक विमान भी भारत की सेना के पास हैं, और तेजस जैसे अत्याधुनिक विमान भारत खुद भी बना रहा है। जब वो देखते कि आज उनके देश की सेना इतनी ताकतवर है, उसे वैसे ही आधुनिक हथियार मिल रहे हैं, जो वो चाहते थे, तो उन्हें कैसा लगता? आज अगर नेताजी ये देखते कि उनका भारत इतनी बड़ी महामारी से इतनी ताकत से लड़ा है, आज उनका भारत vaccine जैसे आधुनिक वैज्ञानिक समाधान खुद तैयार कर रहा है तो वो क्या सोचते? जब वो देखते कि भारत वैक्सीन देकर दुनिया के दूसरे देशों की मदद भी कर रहा है, तो उन्हें कितना गर्व होता। नेताजी जिस भी स्वरूप में हमें देख रहे हैं, हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, अपना स्नेह दे रहे हैं। जिस सशक्त भारत की उन्होंने कल्पना की थी, आज LAC से लेकर के LOC तक, भारत का यही अवतार दुनिया देख रही है। जहां कहीं से भी भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश की गई, भारत आज मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। साथियों, नेताजी के बारे में बोलने के लिए इतना कुछ है कि बात करते-करते रातों की रातों बीत जाए। नेताजी जैसे महान व्यक्तित्वों के जीवन से हम सबको, और खासकर युवाओं को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। लेकिन एक और बात जो मुझे बहुत प्रभावित करती है, वो है अपने लक्ष्य के लिए अनवरत प्रयास। विश्व युद्ध के समय पर जब साथी देश पराजय का सामना कर चुके थे, सरेंडर कर रहे थे, तब नेताजी ने अपने सहयोगियों को जो बात कही थी, उसका भाव यही था कि- दूसरे देशों ने सरेंडर किया होगा, हमने नहीं। अपने संकल्पों को सिद्धि तक ले जाने की उनकी क्षमता अद्वितीय थी। वो अपने साथ भगवत गीता रखते थे, उनसे प्रेरणा पाते थे। अगर वो किसी काम के लिए एक बार आश्वस्त हो जाते थे, तो उसे पूरा करने के लिए किसी भी सीमा तक प्रयास करते थे। उन्होंने हमें ये बात सिखाई है कि, अगर कोई विचार बहुत सरल नहीं है, साधारण नहीं है, अगर इसमें कठिनाइयाँ भी हैं, तो भी कुछ नया करने से डरना नहीं चाहिए। अगर आप किसी चीज में भरोसा करते हैं, तो आपको उसे प्रारंभ करने का साहस दिखाना ही चाहिए। एक बार को ये लग सकता है कि आप धारा के विपरीत बह रहे हैं, लेकिन अगर आपका लक्ष्य पवित्र है तो इसमें भी हिचकना नहीं चाहिए। उन्होंने ये करके दिखाया कि आप अगर अपने दूरगामी लक्ष्यों के लिए समर्पित हैं, तो सफलता आपको मिलनी ही मिलनी है। साथियों, नेताजी सुभाष, आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ ही सोनार बांग्ला की भी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। जो भूमिका नेताजी ने देश की आज़ादी में निभाई थी, आज वही भूमिका पश्चिम बंगाल को आत्मनिर्भर भारत अभियान में निभानी है। आत्मनिर्भर भारत अभियान का नेतृत्व आत्मनिर्भर बंगाल और सोनार बांग्ला को भी करना है। बंगाल आगे आए, अपने गौरव को और बढ़ाए, देश के गौरव को और बढ़ाए। नेताजी की तरह ही, हमें भी अपने संकल्पों की प्राप्ति तक अब रुकना नहीं है। आप सभी अपने प्रयासों में, संकल्पों में सफल हों, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आज के इस पवित्र दिवस पर, इस पवित्र धरती पर आकर के, आप सबके आशीर्वाद लेकर के नेताजी के सपनों को पूरा करने का हम संकल्प करके आगे बढ़े, इसी एक भावना के साथ मैं आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ! जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द! बहुत-बहुत धन्यवाद!
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2020 Hindi Christian Testimony Video | अफवाहों के जाल से बच निकलना
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